स्थायी स्तंभ
- 1848-बॉण्ड (अमेरिका) और लैसेल (इंग्लैण्ड ) ने हाइपेरियन नामक शनि के चन्द्रमा की खोज की।
- 1988 -इजऱायल ने अपना पहला उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा।
- 1962 - भारत की उत्तरी सीमा पर चीन द्वारा आक्रमण।
- 1983 - ब्रिटिश उपनिवेश कैरीबियन द्वीप, सेंट किट्स एवं नेविस स्वतंत्र।
- 1996 - एलिजा इजेत्बोगोविक युद्धोत्तरकालीन बोस्निया के प्रथम राष्ट्रपति बने।
- 2002 - इस्रायल के सैनिकों ने पश्चिमी किनारे पर फिलीस्तीन नेता यासिर अराफ़ात की घेराबंदी की।
- 2006 - सरकार का तख्ता पलटने के बीच थाइलैंड में इमरजेंसी लागू। पोप बेनेडिक्ट ने अपनी इस्लाम संबंधी टिप्पणी के लिए माफी मांगी। उत्तर कोरिया के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध को जापान ने मंजूरी प्रदान की। भारत ने आईएमएफ़ से सहयोग का वायदा किया।
- 2007 - साइबर वार की संभावना को देखते हुए अमेरिकी एयरफ़ोर्स ने अस्थायी कमांड का गठन किया।
- 2008 - सर्वोच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए शुरू किए गए सलवा जुडूम के कार्यकर्ताओं की गतिविधियों को बंद करने का निर्देश दिया।
- 2009 - गुजरात के गोधरा काण्ड के बाद भडक़े दंगे की मामले की जांच कर रहे नानावती आयोग ने राज्य में मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा छह अन्य लोगों को तलब करने की मांग वाली याचिका का पिटारा किया।
- 1936 -भारतीय संगीतकार विष्णु नारायण भातखंडे का निधन हुआ।
- 1871 -जर्मन जन्तु विज्ञानी फ्रिट्ज़ रिचर्ड शाउडिन का जन्म हुआ, जिन्होंने त्वचा विज्ञानी एरिक हॉफमैन के साथ सन् 1905 में सिफलिस बीमारी के कारक स्पायरोकीट, स्पायरोकीटा पैलिडा की खोज की। (निधन-22 जून 1906)
- 1864- जर्मन वनस्पति विज्ञानी और आनुवांशिकविद् कार्ल एरिक कोरेन्स का जन्म हुआ, जिन्होंने 1900 में एरिक शेरमैक वॉन सेसेनेग और ह्यूगो डी व्राइस से अलग स्वतंत्र रूप से मेंडल के नियम को फिर से प्रायोगिक रूप से विकसित किया। (निधन- 14 फरवरी 1933)
- 1968 -भौतिकशास्त्री चेस्टर एफ. कार्लसन का निधन हुआ, जिन्होंने 22 अक्टूबर 1938 में ज़ैरोग्राफी (फोटोकॉपी) की खोज की जिससे किसी भी पुस्तक या कार्यालयों के दस्तावेज़ों की हूबहू प्रतिलिपि निकलती थी। (जन्म 8 फरवरी 1906)
- 1818 -स्वीडन के वनस्पति विज्ञानी ओलोफ स्वार्ट्ज़ का निधन हुआ, जिन्होंने वेस्टइंडीज़, जमैका, उत्तरी अमेरिका आदि जगहों पर कई तरह के पौधे एकत्र किए, तथा लौटने पर इन्होंने करीब 900 प्रजातियों को ढूंढ़ा तथा सन् 1797 से 1806 तक तीन अंकों में प्रकाशित पुस्तक फ्लोरा इण्डी ओक्सिडेन्टेलिस में लिखा। (जन्म 21 सितम्बर 1760)
प्राइवेट अस्पतालों से सेवा-भाव की उम्मीद
निजी अस्पतालों में कोरोना जांच के नाम पर गंभीर बीमार मरीजों के इलाज में देर हो रही है। नतीजा यह है कि उनकी मौत भी हो रही है। निजी अस्पताल इलाज के नाम पर मनमाफिक वसूली कर रहे हैं। इतनी बड़ी रकम जो मरीज के परिवार की क्षमता से बाहर है। व्यापारिक गतिविधियों में अवरोध के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। इसके चलते कर्ज लेने व सम्पत्ति सम्बन्धी कठिनाई हो रही है। इससे न सिर्फ असमानता बढ़ रही है बल्कि कानून व्यवस्था की स्थिति भी पैदा हो रही है। इसे देखते हुए सुझाव है कि जिला व ब्लॉक स्तर पर देखें कि निजी अस्पताल सेवाभाव से न्यूनतम इलाज खर्च ले। जिन निजी अस्पतालों ने अब तक कोविड-19 मरीजों का उपचार किया उन्होंने क्या भुगतान प्राप्त किया उसकी सूची लें और प्रबंधन के दावे और परिवार से बात करके मिलान करें। अधिक राशि वसूल की गई हो तो वापस करें। 12-15 अधिकारियों की टीम बनायें, जो नियमित रूप से इसकी निगरानी रखें।
यह चि_ी है रायपुर के संभागीय कमिश्नर जीआर चुरेन्द्र की, जो उन्होंने अपने क्षेत्र के सभी पांच जिलों के कलेक्टर्स को लिखा है। आम तौर पर कलेक्टर या तो मंत्रालय की सुनते हैं या फिर अपनी खुद की। रायपुर कमिश्नर का यह पत्र उनकी अंतरात्मा से निकली हुई आवाज लगती है। तथ्यात्मक किन्तु भावुकता से भरी अपील है। कलेक्टर्स को अमल करनी चाहिये। निजी अस्पतालों में मरीजों और उनके परिजनों के साथ क्या हो रहा है रोज ख़बरें आ रही हैं। इस विपत्ति को कमाई के मौके में वे न बदल पायें इसके लिये कोई निगरानी कमेटी तो होनी ही चाहिए।
अब लॉकडाउन के लिये भी आंदोलन
कोरोना के बढ़ते मामलों को कैसा रोका जाये इसका कारगर तरीका पूरी दुनिया नहीं ढूंढ पा रही। छत्तीसगढ़ में भी ऐसा ही हो रहा है। अब जब गांव कस्बों में भी संक्रमण और मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है लॉकडाउन की मांग उठ रही है। बहुत से लोग मानते हैं कि लॉकडाउन बेअसर है। चार बार लॉकडाउन के बाद कोरोना तो थमा नहीं लेकिन रोजगार-धंधे चौपट हो गये जो अब तक दुबारा खड़े नहीं हो पाये हैं। रायपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर जैसे शहरों में लॉकडाउन के दौरान भी लगातार कोरोना संक्रमण के मामले आते रहे। धमतरी में तो व्यापारी सडक़ पर प्रदर्शन ही करने लगे। यहां वे कलेक्टर से नाराज चल रहे हैं कि वादे के मुताबिक उन्होंने लॉकडाउन नहीं किया। मुंगेली में लोगों की लगातार मांग के बाद आज 17 सितम्बर से लॉकडाउन शुरू कर दिया है, जो लगातार 23 सितम्बर तक रहेगा। बिलासपुर में भी तीन दिन से बयान दे देकर जिला प्रशासन पर दबाव बनाया गया है कि वे लॉकडाउन का फैसला लें। व्यापारियों के साथ वहां आज बैठक हो रही है। लॉकडाउन सही है या गलत इस पर अलग-अलग राय हो सकती है पर, इसमें तो दो राय नहीं हो सकती कि अनलॉक हुए बाजार, दफ्तरों में सैनेटाइजर, मास्क, शारीरिक दूरी के नियम का हर जगह घोर उल्लंघन हो रहा है और इससे कोरोना के केस बढ़ रहे हैं।
- * 1818- चिली को स्पेन से स्वतंत्रता प्राप्त हुई। 1536 में स्पेन ने चिली पर क़ब्ज़ा कर लिया था। 1814 में चिली में स्वतंत्रता संग्राम आरंभ हुआ। उस वर्ष राष्ट्रवादियों को सरकारी सैनिकों से पराजय हो गयी। सन 1817 में अर्जेन्टाइना के सेना कमांडर खोज़े सान मार्टिन ने कई हज़ार सैनिकों के साथ चिली सहित स्पेन के उपनिवेशों पर आक्रमण किया उसने चिली के स्वतंत्रता प्रेमियों के साथ मिलकर स्पेन के सैनिकों को पीछे हटने पर विवश कर दिया और इस प्रकार 1818 में आज ही के दिन चिली स्वतंत्र हुआ।
- चिली 1980-क्यूबा के पहले लैटिन अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री अर्नाल्डो टैमयो मेन्डेज़ पहले लैटिन अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बने।
- 1986 - मुम्बई से पहली बार महिला चालकों ने जेट विमान उड़ाया।
- 1997 - सं.रा. अमेरिका ने होलोग नाम से भूमिगत परमाणु परीक्षण किया, ओज़ोन परत की रक्षा के लिए 100 देशों ने सन् 2015 तक मिथाइल ब्रोमाइड का उत्पादन बन्द करने का निश्चय किया।
- 1998 - सं.रा. अमेरिका के ऊपर संयुक्त राष्ट्र का 1 अरब डालर बकाए की घोषणा।
- 2003 - ढाका-अगरतला बस सेवा शुरू।
- 2006 - रूसी राकेट सोयूज अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना। संयुक्त राष्ट्र महासचिव पद की दौड़ में अफग़़ानिस्तान के पूर्व वित्तमंत्री अशरफ़ गनी शामिल।
- 2007 - कनाडा में 1960 के दशक में जीवाश्म की खोज से तहलका मचाने वाले भारतीय जियोलॉजिस्ट जी.बी. मिश्रा को विशेष सम्मान से नवाजा गया।
- 2008- शोभना भरतिया एचटी मीडिया की अध्यक्ष नियुक्त हुई।
- 2009 - सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कम्पनी एच. सी. एल. के संस्थापक अध्यक्ष शिव नायर को ब्रिटेन के ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट बिजनेस पर्सन आफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया। भारत ने लद्दाख क्षेत्र में अपनी एक और हवाई पट्टी खोली।
- 1906 -भारतीय हास्य कवि काका हाथरसी का जन्म हुआ।
- 1950 - हिन्दी फि़ल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री शबाना आज़मी का जन्म हुआ।
- 1907 - अमेरिकी नाभिकीय भौतिक शास्त्री ऐड्विन मैकमिलन का जन्म हुआ, जिन्हें तत्व-93 की खोज करने के लिए सन् 1951 में ग्लेन टी. सीबोर्ग के साथ भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया। (निधन-7 सितम्बर 1991)
- 1951- अंग्रेज़ अणु जीव वैज्ञानिक जॉन क्लार्क का जन्म हुआ, जो पालतू जानवरों में अणुविज्ञानी तकनीक का इस्तेमाल करने वाले पहले वैज्ञानिक थे। (निधन-12 अगस्त 2004)
- 1977 - स्विस गणितज्ञ पॉल बर्नेज़ का निधन हुआ, जो गणित के एकीकृत सिद्धान्त के प्रतिपादन के लिए जाने जाते हैं। (जन्म 17 अक्टूबर 1888)
- 1967 - ब्रिटिश भौतिकशास्त्री सर जॉन कॉकक्रॉफ्ट का निधन हुआ, जिन्होंने आयरलैंड के अर्नेस्ट टी. एस. वॉल्टन के साथ आण्विक नाभिक का अध्ययन हेतु कण त्वरक के इस्तेमाल के लिए 1951 में नोबेल पुरस्कार मिला। (जन्म 27 मई 1897)
मंत्रालय खतरे में
कोरोना से बचने के लिए अफसर अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं। कृषि सचिव एम गीता के पास फाइल भी अब सैनिटाइज होकर पहुंचती है। सबसे ज्यादा कृषि विभाग के अफसर-कर्मी ही कोरोना की चपेट में आए हैं।
पिछले दिनों मंत्रालय के ही एक विभाग में दो कर्मचारियों के पाजिटिव आने पर बाकी कर्मचारी अवकाश पर जाना चाहते थे, लेकिन विभागीय सचिव इसके लिए तैयार नहीं हुई, तब कर्मचारियों ने एक राय होकर सचिव तक खबर भिजवाई, कि सभी कोरोना पाजिटिव कर्मचारी के संपर्क में रहे हैं। ऐसे में उन्हें क्वॉरंटीन रहना होगा। इस तर्क का कोई काट नहीं था। लिहाजा, सचिव को अनुमति देनी पड़ी।
बाकी राज्यों को रास्ता दिखाया
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की दूरदर्शिता ही थी कि कोरोना संक्रमण काल में चार दिन का सत्र ठीक-ठाक निपट गया। विधानसभा की टीम ने सत्र शुरू होने से पहले कोरोना फैलाव रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे। इससे परे मध्यप्रदेश विधानसभा के एक दिन के सत्र में ही सरकार को पसीने छूट गए। 26 विधायक पॉजिटिव निकले, प्रश्नकाल नहीं हो सका। किसी तरह बजट प्रस्ताव को मंजूरी देकर सत्र का अवसान हो गया। छत्तीसगढ़ में भी एक विधायक पॉजिटिव पाया गया, लेकिन तब तक सत्र खत्म हो चुका था। संक्रमण भी नहीं फैला। छत्तीसगढ़ विधानसभा की तर्ज पर ही लोकसभा और राज्यसभा में सिटिंग अरेजमेंट बदला गया है और कांच की दीवार बनाई गई। कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ विधानसभा ने कोरोना काल में सदन की कार्रवाई को लेकर बाकी राज्यों को रास्ता दिखाया।
कोरोना हराकर अफसर-नेता ऐसे मिले...
काढ़ा पीते हुए यह तस्वीर इसलिये खिंचवाई जा रही है ताकि लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहें और कोरोना वायरस का हमला हो तो मुकाबला कर सकें। काढ़ा पीने वाले जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को देखिये और पीछे खड़ी स्व-सहायता समूह की सदस्यों को भी। सब महामारी से बचने को लेकर निश्चिंत दिखाई दे रहे हैं। इनमें बिलासपुर कलेक्टर हैं, विधायक हैं, नगर निगम के सभापति हैं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। सब के सब कोरोना से संक्रमित होकर और स्वस्थ होने के बाद दुबारा जन सेवा के लिये मैदान में उतरे हैं। वे यह जता रहे हैं कि लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील तो वे करते रहेंगे पर उनके सिर पर जिम्मेदारियों का इतना ज्यादा बोझ है कि वे इस नियम को नहीं मान सकते। अब वे दलील दे सकते हैं कि कैमरे का फ्रेम इतना बड़ा होता नहीं कि दो गज की दूरी रखते हुए सबकी फोटो एक साथ ली जा सके। वैसे नियमानुसार 100-100 रुपये जुर्माना सब पर बनता है।
छपाई ठेके के चक्कर में जान जोखिम में...
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े, और सबसे पुराने पं. रविशंकर विश्वविद्यालय ने कॉलेजों की परीक्षाओं के लिए टाइम टेबल और गाइड लाइन की घोषणा कर दी है, लेकिन ऑनलाइन परीक्षा के नाम पर ऐसा रायता फैला है कि अच्छे-अच्छे सर खुजलाने लग गए हैं। ऑनलाइन का मतलब तो सभी यही जानते हैं कि कम्प्यूटर या मोबाइल के जरिए परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। घर बैठे परीक्षार्थियों को परचा मिल जाएगा और निर्धारित समय में जवाब लिखकर बैठे-बैठे एक क्लिक के जरिए सेंटर या विवि में उत्तरपुस्तिका जमा हो जाएगी, लेकिन रविवि के कर्ता-धर्ताओं के लिए ऑनलाइन परीक्षा का मतलब ही अलग है। तभी तो उन्होंने अधिसूचना में कहा है कि उत्तरपुस्तिका लेने परीक्षार्थियों को पहले सेंटर जाना होगा फिर उसके बाद परीक्षा के प्रत्येक दिन उसे जमा करने सेंटर जाना होगा। पालक और बच्चे इसीलिए ही सर खुजा रहे हैं कि आखिर ये किस तरह का ऑनलाइन एग्जाम है, जिसमें रोजाना सेंटर जाना पड़ेगा। कोरोना संक्रमण के कारण घर बैठे-बैठे परीक्षा देने का नियम बनाया गया है, तो सशरीर जाने का कोई तुक समझ नहीं आता। परीक्षार्थी एक साथ सेंटर जाएंगे तो स्वाभाविक ही वहां भीड़ जुटेगी। इतना ही कई परीक्षार्थी तो गांव या दूर-दराज के इलाके में रहते हैं, तो उनको एक घंटे के भीतर सेंटर पहुंचना पड़ेगा। संभव है कि परीक्षार्थी का परिजन कोरोना संकमित हुआ हो, उसका निवास कंटेंटमेंट जोन में आता हो, तो कैसे उनको सेंटर बुलाकर खतरा मोल लिया जा सकता है।
कई कॉलेजों में परीक्षार्थियों की संख्या हजारों में है और कई कॉलेज के स्टाफ के लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं। ऐसे में इस तरह के नियम समझ से परे हैं। जबकि राज्य के दूसरे विवि मसलन दुर्ग और बिलासपुर विवि में ऑनलाइन उत्तरपुस्तिका जमा करने व स्पीड पोस्ट से भेजने का नियम बनाया गया है। इस नियम से पालक और कॉलेज प्रबंधन सहमत हैं और किसी तरह संक्रमण की आशंका भी नहीं है।
बताया जा रहा है कि विवि प्रबंधन ने ओएमआर वाली ऑसरशीट पहले ही छपवा ली थी लिहाजा उनका उपयोग करने के लिए उत्तरपुस्तिका प्राप्त करने और जमा करने के नियम बनाए गए है ताकि वो बेकार न हो जाए। ये भी दलील दी जा रही है कि ओएमआर शीट से मूल्यांकन करने के लिए पूरा सिस्टम कम्प्यूटराइज्ड है। सर खुजाने वाले परीक्षार्थी और पालक अब सर खुजाना बंद करें क्योंकि मामला छपाई ठेके का है, जिसकी वजह से ऐसे नियम बनाए गए हैं। भले ही ऐसा करने से संक्रमण का खतरा हो। हालांकि इस पर राजभवन में आपत्ति दर्ज कराई गई। संभव है कि नियमों में कुछ बदलाव हो। अगर राहत मिलती है तो ठीक, लेकिन नहीं मिलती है तो परीक्षार्थी और पालक इस बात के लिए दिमाग दौड़ाएं कि उत्तरपुस्तिका जमा करने का सुरक्षित तरीका क्या हो सकता है।
साहब की सावधानी
कोरोना से बचाव के लिए मास्क और सेनेटाइजर के उपयोग के बारे में अधिकांश लोग वाकिफ हैं और बाहर आते-जाते समय इसका उपयोग भी करते हैं, लेकिन सूबे के एक आईएएस कोरोना को लेकर कुछ ज्यादा ही सतर्क नजर आ रहे हैं। वे मास्क, सेनेटाइजर के साथ फेस शील्ड और मेडिकल ग्लोब्स का भी उपयोग करते हैं। वो कहते हैं ना कि सावधानी घटी कि दुर्घटना घटी। शायद उन पर इस स्लोगन का कुछ ज्यादा ही प्रभाव पड़ा है, तभी तो सावधानी बरतने में साहब कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हालांकि ऐसा करने में कोई बुराई भी नहीं है। कोरोना काल में सावधानी को ही बचाव का सबसे बड़ा उपाय माना गया है, लेकिन ये साहब तो सीएम हाउस की बैठकों में भी मेडिकल ग्लब्स पहनकर ही आते-जाते हैं, जबकि वहां सोशल डिस्टेसिंग के साथ तमाम गाइड लाइन का पालन किया जाता है। ऐसे में मंत्रालय के मातहत कर्मचारियों-अधिकारियों का कहना है कि राजधानी रायपुर में जिस तरह से संक्रमण खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है, उसको देखकर लगता है कि साहब आने वाले दिनों में सीएम की बैठकों में भी पीपीई किट में नजर आएंगे।
- 844- रंगीन प्रिन्टिंग प्रेस के लिए उसके आविष्कारक थॉमस एफ. ऐडम्स को पेटेन्ट प्राप्त हुआ।
- 1901-मर्करी वाष्प लैम्प के लिए उसके निर्माता न्यूयॉर्क शहर के पीटर कूपर हेविट को अमेरिकी पेटेन्ट प्राप्त हुआ।
- 1995 - चीन की राजधानी बीजिंग में ब्रिटिश शासन के अन्तर्गत अंतिम चुनाव सम्पन्न।
- 1999 - ओसामा बिन लादेन का भारत के विरुद्ध जेहाद का ऐलान।
- 2000 - जाफना प्राय:द्वीप का चवाक छेड़ी शहर लिट्टे से मुक्त।
- 2001 - अमेरिका ने स्पष्ट किया कि कश्मीर पर पाक के साथ कोई सौदेबाजी नहीं।
- 2002 - इराक ने संयुक्त राष्ट्र हथियार निरीक्षकों को बिना शर्त देश में आने की अनुमति दी।
- 2004 - यूरोपीय संसद ने मालदीव पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया।
- 2006 - हवाना में गुटनिरपेक्ष आंदोलन का शिखर सम्मेलन शुरू। भारतीय वायु सेना की स्पेशल फ़ोर्स यूनिट गरुड़ कमांडो कांगो के शांति मिशन पर रवाना। गुटनिरपेक्ष देशों की दो दिवसीय शिखर बैठक हवाना में सम्पन्न। कांधार विमान अपहरण में अलकायदा के हाथ होने की पुष्टि। विश्व कप हॉकी में भारत को 11वां स्थान।
- 2009 - केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने 123 भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों के नाम अपने वेबसाइट पर जारी किए।
- 1915 -प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार मक़बूल फि़दा हुसैन का जन्म हुआ।
- 1879 - भारतीय समाज सुधारक पेरियार ई. वी. रामासामी का जन्म हुआ।
- 1950 -भारतीय राजनीतिज्ञ नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ।
- 1764 -अंग्रेज़ खगोलशास्त्री जॉन गुडरिक का जन्म हुआ, जिन्होंने बताया कि कुछ अनवस्थिक तारे सामयिक होते हैं। पैदाइशी मूक बधिर होने के बावजूद भी उन्होंने होंठ चलाने का अभ्यास करके बोलना सीखा, तथा खगोलशास्त्र में योगदान दिया। (निधन-20 अप्रैल 1786)
- 1854 -स्कॉटलैण्ड में जन्मे अमेरिकी अन्वेषक डेविड डनबर ब्युक का जन्म हुआ, जो आटोमोबाइल निर्माण में अग्रणी माने जाते हैं। इन्होंने इंजन में अधिक शक्तिशाली वाल्व और विन्डशील्ड का आविष्कार किया। (निधन- 6 मार्च 1929)
- 1836 - फ्रांसीसी वनस्पति वैज्ञानिक ऐन्टॉन लॉरेन्ट डि जस्यू का निधन हुआ, जिनके सिद्धांतों से प्राकृतिक वर्गीकरण प्रणाली की स्थापना हुई। उन्होंने वर्गीकरण की अपनी एक प्राकृतिक प्रणाली बताई जिसमें इन्होंने 15 वर्ग तथा 100 कुलों को वर्गीकृत किया। (जन्म 12 अप्रैल 1748)
- 1851 - अंग्रेज़ रसायनज्ञ और चिकित्सक जॉन किड का निधन हुआ, जिन्होंने 1819 नेफ्थलीन का आविष्कार किया। यह नाम उन्हीं का दिया हुआ है। यह कोलतार से मिलने वाले महत्वपूर्ण पदार्थों में पहला था। (जन्म 10 सितम्बर 1775)।
प्रदेश की सेहत पर सवाल...
कोराना विशेषकर रायपुर में बेकाबू हो गया है। इससे निपटने के तौर-तरीकों से चिकित्सा जगत के लोग नाखुश हैं। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को शालीन और संवेदनशील राजनेता माना जाता है, मगर अब हाल के दिनों में उनका ग्राफ तेजी से गिरा है, और उनकी कार्यक्षमता पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पहली बार मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल रहे सिंहदेव के खिलाफ लोगों का गुस्सा सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिए सामने आ रहा है। शहर के एक प्रतिष्ठित चिकित्सक ने सिंहदेव की समीक्षा बैठक को एक वाट्सएप ग्रुप में साझा करते हुए लिखा-तंत्र का आतंक इतना होता है कि कोई मंत्रीजी को ठीक से मास्क का उपयोग भी नहीं बताता, नो सोशल डिस्टेंन्सिग!
स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर बारीक नजर रखने वाले एक चिकित्सक ने नाम न छापने की शर्त पर यहां तक कहा कि इस महामारी के रोकथाम के विभाग की तैयारी नहीं थी। कोरोना जैसी महामारी सौ साल में एक बार आती है। और विभाग का हाल यह था कि मार्च के महीने में सरकार के एक भी अस्पताल में उपचार की सुविधा नहीं थी। स्वास्थ्य विभाग सरकारी खर्च पर एक निजी अस्पताल में कोराना के इलाज के लिए सुविधाएं मुहैया कराने में जुटा था। बाद में सीएम की फटकार के बाद मेकाहारा को तैयार किया गया।
चिकित्सक मानते हैं कि यदि एम्स न होता तो प्रदेश की दुर्गति हो गई थी। बात यहीं खत्म नहीं होती। कोराना के भयावह दौर में डायरेक्टर महामारी का पद दो महीने खाली रहा। कुछ दिन पहले ही एक नेत्र चिकित्सक की इस पद नियुक्ति की गई। कभी भी न तो आईएमए और न ही नर्सिंग होम संचालकों से सुझाव लिए गए। और तो और पिछले डेढ़ साल से स्वास्थ्य मंत्री की विश्वासपात्र जिस महिला अफसर निहारिका बारिक सिंह की अगुवाई में कोरोना के खिलाफ अभियान चल रहा था वे इस नाजुक दौर में दो साल की छुट्टी पर चली गईं।
एक रिटायर्ड अफसर इस पर हैरानी जताते हुए कहते हैं कि आखिर ऐसे गंभीर हालत में स्वास्थ्य सचिव को क्यों जाने दिया गया? जबकि कुछ साल पहले पोस्टिंग के बाद भी प्रमुख सचिव स्तर की अफसर निधि छिब्बर को प्रदेश में अफसरों की कमी बताकर केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से रोक दिया गया था। मगर यह स्वास्थ्य मंत्री की दरियादिली से संभव हो पाया। शुरुआती दौर में जब कोरोना के मामले नहीं थे तब सिंहदेव राष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियां बटोर रहे थे और वे यह कहने से नहीं थकते थे कि राहुल गांधी के मार्गदर्शन के चलते छत्तीसगढ़ में कोरोना नियंत्रित है।
मौजूदा जमीनी हालात यह है कि स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले अंबिकापुर के सरकारी अस्पताल में आईसीसीयू की दुर्दशा है। रायपुर की बात करें तो एक प्रशासनिक अफसर यह कहते सुने गए कि वे पिछले चार दिनों में 167 शव गिन चुके हैं। जबकि स्वास्थ्य विभाग अब तक कोरोना से सिर्फ 154 मौतों की पुष्टि कर रहा है। मगर सरकार खामोश है।
अस्पताल बदनाम करने से पहले...
रायपुर के एक सबसे सुविधा-संपन्न निजी अस्पताल, रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के खिलाफ गुमनाम वीडियो अभियान चल रहा है। अनजाने चेहरे, या किसी और प्रदेश के किसी अस्पताल की बदहाली का वीडियो इस अस्पताल का नाम लगाकर फैलाया जा रहा है। अब निजी या सरकारी, मुफ्त या महंगी फीस वाले, हर किस्म के अस्पताल में काम करने वाले लोगों का हाल बहुत खराब है। रामकृष्ण में डॉक्टर और कर्मचारी मरीजों के साथ रहते हुए खुद भी कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं, उन्हें ड्यूटी से अलग किया जा रहा है, उनका इलाज हो रहा है, और वे ठीक होकर फिर ड्यूटी पर आ रहे हैं। लेकिन ऐसे में उनके खिलाफ कोई सच्चा वीडियो होता, तो भी कोई बात होती, झूठा वीडियो लोगों के दिल को तोडऩे वाला रहता है। फीस तो हर अस्पताल अपनी सहूलियतों के हिसाब से लेता ही है, कोई कम सहूलियतों वाला रहता है, और फीस भी कम रहती है, कहीं पर सुविधाएं अधिक रहती हैं, और फीस भी। आज कोरोना के खतरे के बीच काम करने वाले सरकारी या निजी, किसी भी अस्पताल के नाम से फैलते हुए वीडियो की सच्चाई को पहले परख लेना चाहिए, तभी आगे बढ़ाना चाहिए। वरना खुद को उस अस्पताल में जाने की जरूरत पड़ी तो पता लगेगा कि वहां नाराज लोग तोडफ़ोड़ में अस्पताल बर्बाद कर गए हैं, या ऐसे मौके पर डॉक्टर-नर्स काम छोड़ गए हैं। जो लोग जिंदगी बचाने में लगे हैं उनको इतना तबाह भी नहीं करना चाहिए कि वे काम करने लायक न रह जाएं।
नंबर तो रॉंग है, पर मत मिटाएं!
लोगों के पास अब आसानी से फोन आ गए हैं। एक वक्त था जब पांच-पांच साल की कतार लगी रहती थी, और अधिक पहुंच वाले लोग केन्द्रीय संचार मंत्री के कोटे से टेलीफोन कनेक्शन पाते थे, जब घर पर फोन का बक्सा लगता था, तो दो दिन पहले कोई तार खींचने आते थे, फिर बक्सा लगाने, फिर लाईन शुरू करने, और आखिर में बख्शीश लेने। इसके बाद लोग उससे फोन लगाकर रिश्तेदारों को बताते थे कि फोन शुरू हो गया है। दूसरे शहर फोन लगाना रहता था, तो टेलीफोन एक्सचेंज से कॉलबुक करके दो-चार दिन तक इंतजार करना पड़ता था, तब कहीं बात हो पाती थी। अब सडक़ किनारे रंगीन छतरियां लगाकर छोकरे मोबाइल के सिमकार्ड बेचते हैं, और सडक़ पर खड़े-खड़े फोन कनेक्शन शुरू हो जाता है। लेकिन लोगों के पास फोन तो आ गए, फोन पर बात करने का सलीका नहीं आया।
कुछ लोग फोन लगाते हैं, और उठाने वाले से पूछते हैं कि वे कौन बोल रहे हैं। जिसने फोन लगाया है वे अपना नाम बताएं, यह सलीका होना चाहिए, लेकिन लोगों को जवाब मांगने की आदत पड़ी रहती है। अभी इस अखबारनवीस को कई बरस बाद एक परिचित महिला पत्रकार की एक अच्छी रिपोर्ट पढऩे मिली, तो उसे फोन लगा लिया। फोन किसी अनजानी आवाज ने उठाया, तो पता लगा कि यह नंबर कई बरस से किसी दूसरी महिला के पास आ गया है। माफी मांगते हुए फोन काटने की कोशिश की, तो उस महिला ने बड़ी उत्सुकता से और कई जानकारियां पूछीं, कौन हैं, क्या करते हैं, किस शहर में रहते हैं वगैरह-वगैरह। उन्हें कहा कि यह नंबर बदल जाने की खबर नहीं थी, अब फोनबुक से इस नंबर को हटा देते हैं। इस पर उस महिला ने हड़बड़ाकर कहा- नहीं-नहीं, ये नंबर रखे रहिए, आपके पास ये नंबर रहेगा, तो कभी मेरी कोई जरूरत रही, तो आप काम आ जाएंगे।
अब एक रॉंग नंबर लगने से, एक ही कॉल में बात बढ़ते-बढ़ते आगे मददगार बनने तक आ गई, ऐसे में वह नंबर मिटाया जाए या न मिटाया जाए?
अभी एक कार्टूनिस्ट कीर्तिश भट्ट ने फेसबुक पर लिखा- महिला को विभाजी से बात करनी थी, मैंने कहा- ये विभाजी का नंबर नहीं है, तो मुझसे ही पूछ रही थी- तो ये क्या रॉंग नंबर है क्या सर? दुनिया में कैसे गजब के मासूम लोग होते हैं...
अब हो भी क्या सकता है, फोन को इस्तेमाल करने का तरीका तो दुकानदार सिखा देते हैं, सिम को इस्तेमाल करने का तरीका मोबाइल कंपनी के लोग या उसके सेल्समैन सडक़ किनारे सिखा देते हैं, लेकिन बात कैसी करें इसे तो कोई सिखाता नहीं।
झामसिंह के परिवार को न्याय मिलेगा?
मध्यप्रदेश पुलिस ने छत्तीसगढ़ की सीमा में घुसकर दो आदिवासियों पर गोली चला दी। झामसिंह धुर्वे और उसके चचेरे भाई नेमसिंह को नक्सलियों की टोह लेने के लिये गश्त लगा रही एमपी पुलिस ने ललकारा। दोनों घबरा गये और भागने लगे थे। गोली लगने से झामसिंह की मौत हो गई। घटना कवर्धा इलाके के बालसमुंद गांव की है जो वन एवं विधि विभाग के मंत्री मो. अकबर का क्षेत्र है। छत्तीसगढ़ सरकार ने तथ्य जुटाए हैं कि इन दोनों का किसी नक्सली गतिविधियों में हाथ नहीं रहा। वे मछली मारने गये थे और पुलिस को देखकर डर गये थे। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से मध्यप्रदेश सरकार से कई बार इस दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई के लिये कहा जा चुका है। अब इस मामले में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूईया उइके भी मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से बात करने वाली हैं। हो सकता है कि छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश में विरोधी दलों की सरकारें होने के कारण जांच और कार्रवाई प्रतिष्ठा का सवाल बन गया हो। सरकारें एक हों- फिर भी, यूपी की तरह तो मध्यप्रदेश में नहीं होना चाहिये। गलती हुई है तो मान ली जाये और दोषियों पर कार्रवाई हो।
- 1884- कार्ल कोलर द्वारा सर्जरी में बेहोशी के लिए पहली बार कोकीन का प्रयोग किया गया।
- 1939 - पोलैंड की राजधानी वारसॉ को जर्मनी के सैनिकों ने द्वितीय विश्व युद्ध के पहले महीनें में अपने घेरे में ले लिया। नाजी जर्मनी के सैनिकों ने इससे 15 दिन पूर्व पोलैंड पर आक्रमण किया जर्मनी और सोवियत संघ की सेनाओं द्वारा दो ओर से घेरे जाने के बावजूद पोलैंड की सेना ने वर्शों की सुरक्षा के लिए कड़ा प्रतिरोध किया किंतु 11 दिनों के संघर्ष और बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने के बाद वर्शों पर जर्मनी का नियंत्रण हो गया। इस आक्रमण से पूर्व ही जर्मनी और सोवियत संघ के बीच हस्ताक्षरित होने वाले एक गुप्त समझौते के आधार पर पोलैंड को इन दौनो देशों ने आपस में बांट लिया था।
- 1978 - जनरल जिया उल हक पाकिस्तान के राष्ट्रपति निर्वाचित।
- 1987 -ओज़ोन परत में ह्रास के लिए जि़म्मेदार यौगिकों पर नियंत्रण हेतु मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल स्वीकृत किया गया। इसके अंतर्गत सन् 2000 तक क्लोरोफ्लोरो कार्बन (सीएफसी) का उपयोग बंद किए जाने का प्रावधान था।
- 2003 - भूटान ने भारतीय हितों के खिलाफ अपनी ज़मीन के इस्तेमाल नहीं होने देने का आश्वासन दिया।
- 2007 - पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त ने परवेज मुशर्रफ़ के राष्ट्रपति पद पर दोबारा चुनाव लडऩे के लिए चुनाव से जुड़े क़ानूनों में संशोधन किया।
- 2008 - भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के कर्मचारियों को तीब विश्वकर्मा पुरस्कार प्रदान किया गया।
- 2009 - दुनिया भर के समक्ष भारत के एक उत्कृष्ट पर्यटन स्थल के रूप में पेश करने वाले अतुल्य भारत विज्ञान अभियान को ब्रिटिश पुरस्कार मिला।
- 1916 - कर्नाटक संगीत की प्रसिद्ध भारतीय गायिका और अभिनेत्री एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी का जन्म हुआ।
- 1931- इटली के साम्राज्यवाद के विरुद्ध लीबिया राष्ट्र के संघर्ष के नेता अमर मुख्तार को फांसी दे दी गयी। उनका जन्म 1859 ईसवी में हुआ। वे एक धर्मगुरु थे।
- 1853 -जर्मन जैव रसायनज्ञ अल्ब्रैक्ट कोसेल का जन्म हुआ, जिन्हें न्यूक्लिक अम्ल तथा प्रोटीन के रसायनविज्ञान को समझने के लिए 1910 में शरीर क्रिया विज्ञान तथा चिकित्सा के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। (निधन- 5 जुलाई 1927)
- 1877 -अमेरिकी अन्वेषक तथा पहले सफल इलेक्ट्रिक रेजऱ के निर्माता जैकब शिक का जन्म हुआ, जिन्होंने 1925 में रेजऱ व्यापार की नींव रखी। (निधन- 3 जुलाई 1937)
- 1932-ब्रिटेन के जीवाणु विज्ञानी सर रॉनल्ड रोस का निधन हुआ, जिन्हें मादा ऐनोफ्लीज़ मच्छर में मलेरिया के परजीवी की खोज करने के लिए 1902 में चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार मिला। (जन्म-13 मई 1857)
- 1736-जर्मन भौतिकशास्त्री गैब्रियल फैरेन्हाइट का निधन हुआ, जिन्होंने फारेनहाइट पैमाने वाले मरकरी थर्मामीटर का आविष्कार किया। सन् 1714 में इन्होंने पहला थर्मामीटर बनाया जिसमें अल्कोहल की जगह पारे का इस्तेमाल होता था। (जन्म-14 मई 1686)
- महत्वपूर्ण दिवस- ओजोन परत संरक्षण दिवस।