स्थायी स्तंभ
मंत्री से बात करके भाजपा कमेटी !
भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष की मंजूरी के बिना बलरामपुर जिला कार्यकारिणी घोषित होने के बाद राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम और पूर्व संसदीय सचिव सिद्धनाथ पैकरा के बीच तनातनी चल रही है। यहां का विवाद सुलझ नहीं पाया था कि रायपुर संभाग के बड़े मंडल में अलग ही तरह का विवाद शुरू हो गया है।
सुनते हैं कि मंडल अध्यक्ष ने स्थानीय कांग्रेस विधायक और सरकार के मंत्री से बातचीत कर कार्यकारिणी घोषित कर दी। मजे की बात यह है कि भाजपा मंडल की कार्यकारिणी में उन लोगों को जगह दी गई जिन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम किया था और मंत्रीजी को सहयोग किया था।
और तो और मंडल की सूची घोषित करने से पहले पार्टी के सांसद और स्थानीय पूर्व विधायकों से पूछा तक नहीं। इससे खफा स्थानीय भाजपा नेताओं ने प्रदेश संगठन से इसकी शिकायत की है। मगर मंडल अध्यक्ष बेपरवाह है। वैसे भी पार्टी सत्ता में नहीं है, लेकिन मंत्रीजी का वरदहस्त तो है ही।
बस्तर में छूट के साथ पुलिस भर्ती
पिछली सरकार के दौरान बस्तर में तब बड़ा विवाद हुआ था जब सैकड़ों की संख्या में एसपीओ बना दिये गये थे। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने इन नियुक्तियों को खारिज कर दिया था। अब कांग्रेस सरकार में एक बार फिर बस्तर में विशेष पुलिस बल का गठन होने जा रहा है। भर्ती पूरी तरह स्थानीय यानी पंचायत स्तर के युवकों की होगी और आवेदकों को शारीरिक दक्षता में छूट भी मिलेगी। क्या इसे भी चुनौती दी जायेगी? इसके आसार कम दिखाई देते हैं, क्योंकि इन भर्तियों में सेवा शर्तें राज्य सरकार की बाकी भर्तियों की तरह होंगी। एसपीओ के चयन का कोई निश्चित मापदंड नहीं होता था। जिले के कप्तान चयन की निर्धारित प्रक्रियाओं को अपनाये बगैर नियुक्ति कर सकते थे। उनकी नियुक्तियां स्थायी भी नहीं थीं। वे शासकीय सेवक की श्रेणी में भी नहीं आते थे। उनसे मनमर्जी का काम लिया जा सकता था। लेकिन रमन सिंह सरकार में बस्तर में पुलिस का कामकाज पूरी दुनिया में बदनाम था. रमन सरकार की आधी से अधिक बदनामी बस्तर-पुलिस की वजह से ही थी।
पूरे बस्तर में केन्द्रीय बलों की बड़ी संख्या में तैनाती है। अक्सर स्थानीय लोगों के साथ उन्हें तालमेल बनाने में दिक्कत होती है। ये युवा उनके बीच सेतु का काम कर सकेंगे जिससे मुठभेड़ की घटनायें घटेंगी। सबसे बड़ी चुनौती तो हर सरकार के लिये यहां से हिंसा खत्म करने की रही है। हो सकता है उसके लिये यह एक सही कदम साबित हो।
कोरोना के बाद कैसी होगी स्वास्थ्य सेवा?
यह बात ठीक है कि कोरोना महामारी पर काबू पाने का कोई कारगर तरीका सामने नहीं आ सका है और यह लगातार फैलता ही जा रहा है। इसके बावजूद सब मानकर चल रहे हैं कि यह 6 माह, साल दो साल जितने दिन खिंचे, अंत में नियंत्रित तो हो ही जायेगा। पर इसे लेकर स्वास्थ्य सम्बन्धी जो स्थायी ढांचा खड़ा हो रहा है वह भविष्य में भी मददगार रहेगा। दूसरी सरकारों की तरह छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अपने ज्यादा से ज्यादा संसाधन कोरोना से रोकथाम के लिये जरूरी सामान जुटाने में लगा दिये हैं। नये अस्थायी अस्पताल खोले जा रहे हैं। बिस्तरों की संख्या इतनी बढ़ाई जा रही है, वेंटिलेटर्स, लैब की मशीनें जितनी सामान्य परिस्थितियों में कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। नई भर्तियां भी हो रही है। केन्द्र सरकार से भी मदद मिल रही है। बजट का एक अच्छा-खासा हिस्सा स्वास्थ्य पर खर्च हो रहा है। इसी बहाने पता चल रहा है कि अस्पतालों में कोरोना से पहले स्वास्थ्य सेवाएं किस तरह बदहाल थीं। राज्य सरकार ने अब जब प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला लिया है तो पता चल रहा है कि ये प्लांट जरूरी होते हुए भी अब तक नहीं लगाये गये थे। अभी तो कोरोना के नाम की बड़ी दहशत है। सरकारी क्या निजी अस्पतालों में भी जाने के नाम से लोग कांप रहे हैं। पर यकीन होता है कि कोरोना के बाद की दुनिया बड़ी खूबसूरत होगी जब महामारी खत्म हो जायेगी तब तक अस्पतालों में आधारभूत सुविधाओं का अभाव नहीं रहेगा। तब आम आदमी को निजी अस्पतालों की तरह सरकारी अस्पतालों में भी संतोषजनक उपचार मिल सकेगा।
- 1821 - निकारागुआ हुंडुरास एलसेल्वाडोर ग्वाटेमाला और कॉस्टारिका जैसे देशों ने स्पेन से अपनी स्वाधीनता की घोषणा की।
- 1830- इंग्लैण्ड में लिवरपूल से मैनचेस्टर तक रेलवे लाइन खुली।
- 1917- फ्रेंच एकेडमी आफ साइंस में डॉ. फेलिक्स डी. हैरेल ने अपने लेख में बैक्टीरियोफेज़ (जीवाणुभोजी) नाम दिया।
- 1959 - भारत की राष्ट्रीय प्रसारण सेवा दूरदर्शन की शुरुआत।
- 1982 - लेबनान के निर्वाचित राष्ट्रपति बशीर गेमायेल की पदासीन होने के पूर्व ही बम बिस्फोट में हत्या।
- 1991- दक्षिण-पूर्वी योरोप में स्थित मेसीडोनिया को योगोस्लाविया से स्वतंत्रता मिली।
- 2000 - सिडनी में 27वें ओलम्पिक खेलों का शुभारम्भ।
- 2001 - अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति को अफग़़ानिस्तान पर सैनिक कार्यवाही की मंजूरी दी।
- 2002 - न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के अवसर पर भारत, चीन एवं रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित, थाईलैंड के सट्टाहिम में श्रीलंका सरकार व लिट्टे के बीच सीधी वार्ता शुरू।
- 2003 - सिंगापुर के मुद्दे पर विकासशील देशों के भडक़ उठने से डब्ल्यूटीओ वार्ता विफल।
- 2004 - ब्रिटिश नागरिक गुरिंदर चड्ढा को वूमैन आफ़ द ईयर सम्मान।
- 2008 - क्राम्पटन गीब्स ने अमेरिका की एमएसआई ग्रुप कंपनी का अधिग्रहण किया।
- 2009 - बंगलूर के मुंदिर शिवराजी ने सब जूनियर बिलियर्ड्स का खिताब जीता। पेनसुला फाउंडेशन के चेयरमैन सुब्रतो चटोपाध्याय 2009-10 के लिए आडिट ब्यूरो आफ सर्कुलेशन के अध्यक्ष चुने गये।
- 1861 -इंजीनियर, वैज्ञानिक और निर्माता मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म हुआ।
- 1876 - भारतीय उपन्यासकार शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का जन्म हुआ।
- 1905 - भारत प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार डॉ. रामकुमार वर्मा का जन्म हुआ।
- 1909 - तमिलनाडु के प्रसिद्ध नेता और भूतपूर्व मुख्यमंत्री सी. एन. अन्नादुराई का जन्म हुआ।
- 2012 - राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पांचवें सरसंघचालक के एस सुदर्शन का निधन हुआ।
- 1736-फ्रांसीसी खगोलशास्त्री जीन सिलवैन बैली का जन्म हुआ। जो हैली धूमकेतु की कक्षा की गणना के लिए जाने जाते हैं। (निधन-12 नवम्बर 1793)
- 1912- अंग्रेज़ प्रकृतिविद् फ्रैन्सिस सिम्पसन का जन्म हुआ, जो थे संरक्षणविद् तथा फूलों के प्रेमी के रूप में जाने जाते हैं। (निधन-10 नवम्बर 2003)
- 1924-जर्मन के जन्तुविज्ञानी विल्हेल्म रॉक्स का निधन हुआ, जो प्रायोगिक भ्रूणविज्ञान के संस्थापकों में जाने जाते हैं। उन्होंने बताया कि कैसे निषेचन के वक्त किस तरह अंग और ऊतकों के कार्यों का विभाजन होता है। (जन्म-9 जून 1850)
- महत्वपूर्ण दिवस-अभियंता दिवस, संचयिका दिवस।
कठिन सवाल और होशियार छात्र
बहुत साल पहले की बात है। रायपुर साइंस कॉलेज में कैमेस्ट्री के शिक्षक शुक्ला सर ने बीएससी अंतिम वर्ष विद्यार्थियों को क्लास में एक सवाल हल करने दिए। सवाल कठिन था, लेकिन एक छात्र सही उत्तर देने में सफल रहा। शुक्ला सर ने छात्र की पीठ थपथपाई और उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए खूब आशीर्वाद दिया। आगे चलकर यह छात्र रायपुर शहर का पहला आईएएस अफसर बना। नाम था विवेक ढांड, जो छत्तीसगढ़ के लंबे समय तक मुख्य सचिव रहे। और वर्तमान में रेरा के चेयरमैन हैं। बात यहीं खत्म नहीं हुई।
कई साल बात शुक्ला सर ने क्लास में उसी सवाल को विद्यार्थियों को फिर हल करने दिए। काफी कोशिश के बाद एक छात्र सही जवाब देने में सफल रहा। शुक्ला सर ने विद्यार्थी की पीठ थपथपाई और इससे पहले इस सवाल को जिस छात्र ने हल किया था वह आईएएस अफसर बन चुका है। इसी तरह मेहनत कर उच्च पद पर जाने की सीख दी। गुरु का आशीर्वाद रंग लाया और छात्र आईआरएस अफसर बना। नाम है अजय पांडेय, जो कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ के सेंट्रल एक्साईज जीएसटी कमिश्नर के पद पर हैं, और छत्तीसगढ़ सरकार में भी सेवाएं दे चुके हैं। उनकी साख अच्छी है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं।
अस्पतालों के दिन फिरे..
कोरोना संक्रमण के चलते रायपुर के सारे अस्पताल भरे पड़े हैं। अस्पताल संचालकों की निकल पड़ी है। ऐसे ही एक अस्पताल में पिछली सरकार में तत्कालीन सीएम के करीबी रहे नेता ने निवेश किया। शुरुआत में कुछ ज्यादा कमाई नहीं होती थी। नेताजी का बेटा खुद कैश काउंटर पर बैठ जाता था। इससे अस्पताल के बाकी संचालक डॉक्टर परेशान थे।
काफी दिनों तक संचालकों में किचकिच चलती रही। आखिरकार नेताजी अपना हिस्सा लेकर प्रबंधन से अलग हो गए। थोड़े समय बाद अस्पताल चल निकला और मौजूदा हाल यह है कि अस्पताल में पिछले कई महीनों से मरीजों के लिए बेड नहीं है। यहां दाखिल होने के लिए भी काफी एप्रोच लगाना पड़ता है।
अस्पताल की कमाई देखकर नेता पिता-पुत्र पछता रहे हैं। ऐसे ही एक बिल्डर ने अपने कॉम्प्लेक्स को नर्सिंग होम के लिए किराए पर दे दिया। महादेव घाट रोड स्थित इस नर्सिंग होम के संचालक किराया नहीं दे पा रहे थे, तब बिल्डर ने पार्टनर बनने सहमति दे दी। कोरोना के मौसम में अब एकाएक खूब कमाई हो रही है। बिल्डिंग का धंधा अभी मंदा है, लेकिन नर्सिंग होम फल फूल रहा है।
सत्र के दौरान हम ज्यादा बेक्रिफ थे...
दिल्ली में आज से संसद का सत्र शुरू हो गया। कहा जा रहा है यह कोरोना महामारी के बीच पहली बार शुरू हुआ। हालांकि जब देश में केस आने शुरू हो गये थे तब भी सत्र कुछ दिन तक चलता रहा और उस वक्त सामाजिक दूरी, मास्क पहनने जैसा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया था। सत्र का अचानक अवसान करना पड़ा था। अब जब कोरोना महामारी भयावह स्थिति की ओर आगे बढ़ रही है, देश चलाते रहने के लिये संसद को भी चलाना जरूरी समझा गया। इस बार सत्र में शनिवार- रविवार को अवकाश नहीं होगा और कामकाज सुबह 9 बजे से ही रोज शुरू हो जायेगा। बाकी कामकाज तो होंगे पर प्रश्नकाल को स्थगित रखने का निर्णय इस सत्र के लिये लिया गया है। विपक्ष इसकी आलोचना भी कर रहा है। जब संसद में सवाल नहीं होगा तो फिर सरकार की जवाबदेही कैसे तय होगी? बहरहाल, कोरोना से बचाव के लिये यह लोकसभा सचिवालय की ओर से एसओपी जारी किया गया है कि कोई भी व्यक्ति, अधिकारी यहां तक कि सांसद भी सदन में तब प्रवेश करेंगे जब वे कोविड-19 टेस्ट करा चुके हों और रिपोर्ट निगेटिव आई हो। चार सांसदों की रिपोर्ट पॉजिटिव भी आ गई। वे सत्र में अब भाग नहीं ले पायेंगे। याद होगा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र शुरू करने के लिये पिछले माह इसी तरह का निर्णय लिया गया था, पर माननीयों ने इसका विरोध कर दिया। तब फिर तय हुआ कि सबकी सिर्फ थर्मल स्क्रीनिंग की जायेगी और जिनमें लक्षण दिखेगा उन्हें टेस्ट के लिये कहा जायेगा। संयोग से, विधानसभा सत्र के तुरंत बाद कई विधायक और उनके समर्थक कोरोना पॉजिटिव आ गये थे। सभा-सम्मेलन, जन्मदिन, उद्घाटन, शिलान्यास का मोह हमारे प्रतिनिधि छोड़ नहीं पा रहे हैं। जो नये केस आ रहे हैं उनमें कई जनप्रतिनिधि, विधायकों के नाम भी जुड़ते चले जा रहे हैं। कोरोना से बचना जरूरी है पर उसका सामना करने से बचना लोगों को खतरे में डाल रहा है। कोरोना किस रफ्तार से छत्तीसगढ़ में पैर पसार रहा है यह हम सब तो देख ही रहे हैं।
कोरोना तनाव और चिडिय़ाघर...
कोरोना के कारण उन्हें भी बड़ी मायूसी हो रही है जो वन-पर्यटन के लिये नहीं जा पा रहे हैं। हालांकि खुले घूमने वाले वन्य जीवों में तो कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं है पर जिन वाहनों से यात्रा की जायेगी, जिस रिसोर्ट में रुका जायेगा वहां बहुत सी कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा। छत्तीसगढ़ में लगभग सभी रिसोर्ट अनलॉक के बाद खोल दिये गये हैं लेकिन उनमें भीड़ नहीं पहुंच रही है। रायपुर में नंदन वन और बिलासपुर में कानन पेंडारी लोगों का पसंदीदा चिडिय़ाघर है। रविवार को जब नंदन वन खोला गया तो बमुश्किल 100 पर्यटक पहुंचे। कानन पेंडारी की स्थिति कुछ अच्छी स्थिति रही जहां 500 लोगों ने पहले दिन लुत्फ उठाया। दूसरी तरफ, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका से जानवरों में कोरोना फैलने की जानकारी सामने आने के बाद हमारे यहां भी केन्द्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण ने देशभर के जू, मिनी जू के लिये एडवायजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि जानवरों के व्यवहार को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतें और सीसीटीवी पर उनकी सतत् निगरानी रखें। जब सिनेमाघर, शॉपिंग मॉल के एयरकंडीशन हाल में जाकर मूड बदलने से लोग बच रहे हों तो खुले चिडिय़ाघरों की सैर करना कोरोना घुटन के इस दौर में अच्छा विकल्प है, बशर्तें जानवरों को संक्रमण से बचाने के लिये जू प्रबंधक सतर्क रहे और पर्यटक भी सावधानी बरतें।
कितना? बता देना..
प्रदेश के तकरीबन सभी जिलों कोरोना तेजी से फैल रहा है। कुछ जिलों में संक्रमण रोकथाम के लिए गंभीरता से काम हो रहे हैं, तो एक-दो जिलों में बड़े अफसर मलाई छानने में लग गए हैं। ऐसे ही एक जिले में रेत के अवैध परिवहन के नाम पर उगाही की चर्चा स्थानीय लोगों की जुबान पर है।
जिले के आला अफसर ने तो लेन-देन के लिए सारे पर्दे गिरा दिए। हुआ यूं कि जिला प्रशासन के निर्देश पर अवैध परिवहनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई और दस गाडिय़ों को जब्त कर लिया गया। परिवहन ठेकेदार भागे-भागे एक सीनियर विधायक के पास पहुंचे। विधायक महोदय ने आला अफसर को तत्काल फोन लगाकर प्रकरण को निपटाने के लिए कहा।
विधायक ने ठेकेदारों को अफसर से मिलने की सलाह देकर रवाना किया। दो ठेकेदार अफसर से मिलने पहुंच भी गए। मगर अफसर ने एक को ही अंदर बुलवाया। और बिना लाग-लपेट के गाड़ी छोडऩे के एवज में डिमांड कर दी। ठेकेदार ने थोड़ा संकोच करते हुए 50 हजार देने की पेशकश कर दी। इस पर अफसर ने परिवहन ठेकेदार को बुरी तरह फटकारा और यह तक कह दिया कि किसी पटवारी से बात नहीं कर रहे हो, सोच समझकर जवाब दो। बाद में अफसर ने अपना पर्सनल नंबर देकर कहा कि कितना दे सकते हो, बता देना। कोरोना महामारी के दौर में जिला प्रशासन के बड़े अफसर द्वारा जिस अंदाज में उगाही की जा रही है, इसकी काफी चर्चा है।
डेढ़ साल में किसान-गरीबों को 70 हजार करोड़ !
यह राशि सुनने में बहुत बड़ी लगती है और है भी। इतनी रकम राहत, अनुदान, बोनस, प्रोत्साहन के रूप में प्रदेश के किसानों, युवाओं, आदिवासियों, महिलाओं के खातों में पिछले डेढ़ साल के भीतर पहुंचाई जा चुकी है। इस बात का खुलासा खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज रेडियो कार्यक्रम लोकवाणी में किया। 70 हजार करोड़ का मतलब है राज्य के एक साल के बजट के बराबर की रकम। ऐसा तब हुआ है जब छत्तीसगढ़ कोरोना के प्रकोप से लगातार जूझ रहा है। आर्थिक गतिविधियों को बनाये रखना और साथ-साथ बीमारी पर काबू पाना बड़ी चुनौती है। बीते लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान में राहुल गांधी ने सरकार बनने पर प्रत्येक परिवार के खाते में न्याय योजना के अंतर्गत 72 हजार रुपये देने का वादा किया था। कर्ज माफ कर, किसानों को केन्द्र की मनाही के बावजूद धान की सर्वाधिक कीमत देकर और अब तो गोबर खरीदी के जरिये भी ग्रामीणों के खाते में पैसा पहुंचाया रहा है। कांग्रेस मानती है कि गरीबों के हाथ में पैसा रहेगा तब लोग खर्च कर सकेंगे और उससे बाजार में पैसा आयेगा, उत्पादन और व्यापार को मजबूती मिलेगी। लोकवाणी में राजनीतिक बातें नहीं की जाती पर कुछ ऐसे विषयों पर, जिनका इस कोरोना काल में आम लोगों पर बेहद असर पड़ा है, केन्द्र सरकार की मुख्यमंत्री ने आलोचना की। उन्होंने जीडीपी के 24 फीसदी तक गिरने, 10 फीसदी विकास दर के लक्ष्य की जगह 3 प्रतिशत से भी नीचे चले जाने का जिक्र किया। अमेरिका का उदाहरण भी दिया कि कोरोना का संकट वहां भी है पर विकास दर 10 फीसदी ही नीचे गया। उन्होंने समावेशी विकास का मतलब बताया-सबको साथ लेकर किया जाने वाला विकास। यह बात सही है कि जो 70 हजार करोड़ रुपये गरीबों के हाथ में पहुंचे हैं उसे किस तरह से खर्च करेंगे उनकी अपनी समझ है पर यह तो देखा जाना ही चाहिये कि ये राशि अनुत्पादक कार्यों में तो खर्च नहीं की जा रही, क्योंकि लक्ष्य उनकी आर्थिक मदद ही नहीं, सामाजिक स्थिति को भी ऊपर उठाने का है। यह राशि सिर्फ जरूरतमंदों को ही मिल रही है या सक्षम लोगों को भी मिलती जा रही है, यह भी सवाल भी करदाता आम करदाताओं के मन में है।
हिन्दी दिवस और सरकारी अंग्रेजी स्कूल
कल हिन्दी दिवस है। बहुत से निजी स्कूलों में अंग्रेजी-हिन्दी दोनों ही माध्यमों में शिक्षा दी जाती है। अंग्रेजी में प्रवेश के लिये ज्यादा मारामारी रहती है। प्रदेश के सरकारी स्कूल से अभिभावकों का मोहभंग होता जा रहा था इसकी एक वजह यह भी मानी जा रही थी कि इनमें अंग्रेजी माध्यम ने पढ़ाई नहीं होती। सरकार ने इस शिक्षण सत्र से प्रदेश में 40 उत्कृष्ट अंग्रेजी स्कूल खोलने का निर्णय लिया। ज्यादातर स्कूलों का सेटअप तैयार है और जैसे ही कोरोना प्रकोप घटेगा उनमें नियमित कक्षायें शुरू हो जायेंगीं। सेटअप इस अवधारणा के साथ किया गया है कि वह निजी स्कूलों को टक्कर दे सके। रायपुर में शुरूआती दिनों में ही जिन अंग्रेजी स्कूलों में प्रवेश के लिये आवेदन मंगाये गये 17-18 सौ आवेदन पहुंच गये। उपलब्ध सीटों से कई गुना ज्यादा। प्रदेश में कमोबेश हर स्कूल में यही स्थिति है। इसके चलते प्रवेश देने के लिये 2-3 किलोमीटर का दायरा तो कहीं पहले आओ-पहले पाओ तो कहीं-कहीं लॉटरी सिस्टम का भी फार्मूला रखा गया है। वैसे एक मापदंड और रखा जाना चाहिये कि प्रथम श्रेणी व प्रशासनिक सेवा के बच्चों को जरूर दाखिला मिले। इससे जिस उत्कृष्ट स्कूल की कल्पना की गई है उसे बचाये रखने के लिये ये अधिकारी ध्यान देंगे। इधर, निजी स्कूलों में, खासकर बड़े ब्रांड वाले अंग्रेजी स्कूलों में हिन्दी बोलने पर जो सलूक बच्चों के साथ किया जाता है वह बहुत विवादों में रहता है। परिसर में बोलचाल भी उन्हें अंग्रेजी में ही करनी होती है, कई जगह तो फाइन करने की शिकायत भी मिलती रहती है। छत्तीसगढ़ का माहौल देखें तो स्कूल से निकलने के बाद बच्चों को व्यवहार में जगह-जगह हिन्दी से ही वास्ता पड़ता है। वे हिन्दी अंकों, शब्दों को तो समझ पाते नहीं, अंग्रेजी भी ठीक तरह से नहीं बोल पाते। उम्मीद की जानी चाहिये कि सरकारी स्कूलों में हिन्दी बोलने वालों को ऐसी हीनता से बचाकर रखा जायेगा।
- 1898- रिवरेन्ड हैनिबेल विलिस्टन गुडविन को नाइट्रोसेल्यूलोज़ ट्रान्सपैरेन्ट फ्लेक्सिबल फोटोग्राफिक फिल्म पेलिकन्स के आविष्कार के लिए पेटेंट प्राप्त हुआ।
- 2000 - भारत के विश्वनाथन आनन्द ने शेनयांन में पहला फिड़े शतरंज विश्व कप जीता।
- 2001 - ओसामा बिन लादेन को पकडऩे हेतु अमेरिका द्वारा पाकिस्तान पर दबाव डाला गया।
- 2002 - इस्रायल ने फिलीस्तीन अधिकृत गाजा पट्टी पर हमला किया।
- 2005 - सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता हेतु समर्थन देने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ने मानकों की घोषणा की।
- 2006 - इब्सा (भारत-ब्राजील-साउथ अफ्रीका त्रिगुटीय संगठन) का पहला शिखर सम्मेलन ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में शुरू।
- 2007 - नेशनल एरोनॉटिक्स स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के वैज्ञानिकों ने बृहस्पति से तीन गुना बड़े गृह का पता लगाया। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने प्रधानमंत्री मिखाइल फ़ेदकोव के आग्रह को स्वीकार करते हुए केन्द्रीय कैबिनेट को भंग किया।
- 2008 - दिल्ली में तीन स्थानों पर 30 मिनट के अंतराल पर एक के बाद एक चार बम विस्फोट हुए। इनमें 19 लोगों के मृत्यु और 90 से अधिक घायल।
- 2009 - लोक सभा में एंग्लो इंडियन समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में कोच्चि के चाल्र्स डायस को मनोनीत किया गया। चन्द्रमा पर बफऱ् खोजने का इसरो-नासा का अभियान असफल हुआ।
- 1929 - जतीन्द्रनाथ दास का निधन हुआ। - भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारियों में से एक।
- 1851-अमेरिकी सेना के चिकित्सक वाल्टर रीड का जन्म हुआ, जिन्होंने अपने सफल प्रयोगों द्वारा बताया कि पीत-ज्वर मच्छर के काटने से फैलता है। (निधन-22 नवम्बर 1902)
- 1853-डेनमार्क के वैज्ञानिक हैन्ज़ क्रिश्चियन जोएकिम ग्रैम का जन्म हुआ, जिन्होंने ग्राम स्टेन की खोज की जो कि सबसे अधिक मशहूर तथा इस्तेमाल किया जाने वाला स्टेनिंग का तरीका है। (निधन-14 नवम्बर 1938)
- 1949- डैनिश शरीर क्रिया विज्ञानी शैक आगस्ट स्टीनबर्ग क्रॉफ का निधन हुआ, जिन्हें केशिकानली (कैपिलरी) के मोटर रेगुलेटिंग मैकेनिज़्म की खोज के लिए 1920 में शरीर क्रिया विज्ञान/ चिकित्सा के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। (जन्म-15 नवम्बर 1874)
- 1914 -ब्रिटिश अमेरिकी रॉबर्ट होप जोन्स का निधन हुआ, जिनके विचारों ने थिएटर आर्गन निर्माण में आर्केस्ट्रल ध्वनि के विकास में योगदान दिया। (जन्म-9 फरवरी 1859)
मीटिंग में सिगरेट फूंकता शिक्षक
सरकारी स्कूल जब खुलेंगे तब किस तरह कोर्स पूरा होगा पता नहीं, पर ऑनलाइन पढ़ाई किस तरह से हो रही होगी इसका अंदाजा रायगढ़ में हुई घटना से लगा सकते हैं। ऑनलाइन पढ़ाई कैसे हो, यह तय करने के लिये शिक्षा अधिकारी ने यहां बैठक बुलाई, सभी संकुल प्रमुखों की। बैठक के दौरान ही एक शिक्षक सिगरेट सुलगाकर पीने लगे। शिक्षा अधिकारी ने भी इस बदतमीजी को बर्दाश्त नहीं किया और मीटिंग का स्क्रीन शॉट लेकर कलेक्टर को भेज दिया। कलेक्टर ने उस शिक्षक पर तत्काल कार्रवाई की और निलम्बित कर दिया। यह सब तो शिक्षक तब कर रहे हैं जब मीटिंग उनके अधिकारी ले रहे हैं। ऐसे बेखौफ शिक्षक जब अपने विद्यार्थियों को पढ़ाते होंगे तब कितने अनुशासनहीन होते होंगे और बच्चे कितना मन लगाकर पढ़ पाते होंगे अंदाजा लगाया जा सकता है। ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा-स्मार्ट फोन नहीं होने के कारण, नेटवर्क नहीं मिलने के कारण, ज्यादातर गरीब बच्चों तक वैसे भी पहुंच नहीं पा रही है। कोरोना काल में पढ़ाई को जो नुकसान हो रहा है उसकी भरपाई कई वर्षों तक हो पाना बहुत मुश्किल है। दूसरी ओर जो थोड़े प्रयास हो रहे हैं उन पर भी ऐसे शिक्षक पानी फेरने पर तुले हुए हैं।
ऐसे लॉकडाउन का क्या मतलब?
वैसे तो केन्द्र सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर लॉकडाउन लगाने से पहले अनुमति लेना जरूरी कर दिया है पर कोरोना का फैलाव कम करने के लिये कुछ जिला दंडाधिकारी नई तरकीबों से रास्ता निकाल रहे हैं। जैसे राजनांदगांव में एक सप्ताह का लॉकडाउन किया गया। इसके लिये पूरे शहर को ही कंटेनमेन्ट जोन घोषित कर दिया गया। हैरानी की बात है कि इस दौरान कोरोना का प्रसार कम नहीं हुआ बल्कि 850 से ज्यादा नये मरीज सामने आये। कुछ सैम्पल हो सकता है लॉकडाउन शुरू होने के पहले के भी हों फिर भी ये संख्या कम नहीं है। छत्तीसगढ़ के कई जिलों से रिपोर्ट सामने आई है कि लॉकडाउन के बावजूद वहां कोरोना के केस बढ़े। ऐसा क्यों हुआ? सीधी सी बात है, छूट का दुरुपयोग। जरूरी खरीदारी के लिये चार-पांच घंटों की जो छूट दी जाती है उस दौरान सडक़ों, दुकान, बाजारों में इतनी भीड़ पहुंच जाती है कि कोरोना रोकने के उपाय ध्वस्त हो जाते हैं। छूट के समय पर लोग इस तरह घरों से निकल रहे हैं मानो जेल से छूटे हों। प्रशासन और पुलिस के हाथ में नहीं कि सब निकलने वालों पर निगरानी रखी जा सके, यह तो लोगों को ही समझना पड़ेगा। बहरहाल, राजनांदगांव नगर निगम एरिया एक बार फिर पूरे एक सप्ताह के लिये कंटेनमेन्ट जोन घोषित है, देखें इस बार लोग कितने सावधान हैं।
- 1958- जैक किल्बी ने विद्युत परिपथ को छोटे रूप में आविष्कृत किया और उसे प्रदर्शित किया।
- 1970- लूना-16 छोड़ा गया जो सोवियत रूस के मानवरहित चन्द्रयान की श्रृंखला में अगला था।
- 1997 - 43.5 करोड़ मील लम्बी यात्रा के उपरांत मार्स ग्लोबल सर्वेयर यान मंगल की कक्षा में पहुंचा। संयुक्त राष्ट्र के कार्यों की वार्षिक रिपोर्ट में 48 वर्षों बाद कश्मीर का जिक़्र पहली बार नहीं किया गया।
- 1998 - कुआलालंपुर में 16वें राष्ट्रमंडल खेलों का शुभारम्भ।
- 2000 - न्यूयार्क में अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन शुरू, उत्तर-पश्चिम अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मार्ग से लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर भारत, ईरान एवं रूस के बीच समझौता।
- 2001 - अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ जंग का ऐलान किया।
- 2002 - नेपाल में माओवादियों ने संघर्ष विराम का प्रस्ताव रखा, ताईवान की संयुक्त राष्ट्र सदस्यता की कोशिश नाकाम।
- 2004 - उत्तर कोरिया ने अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखने का निर्णय लिया।
- 2006 - पाकिस्तान को एफ़-16 लड़ाकू विमान सौदे में रियायत देने की संयुक्त राज्य अमेरिका ने घोषणा की। सीरिया की राजधानी दमिश्क में अमेरिकी दूतावास पर हमला।
- 2007 - रूस ने नॉन न्यूक्लिियर वैक्यूम बम (इको फ्रैंडली बम) का परीक्षण किया।
- 2008- सहारा इंडिया इनवेस्टमेंट कारपोरेशन ने अपना नॉन बैंकिंग वित्तीय कारोबार बंद किया।
- 2009- भारतीय महिला टीम विश्व शतरंज चैम्पियनशिप में आखऱिी दौर में अमेरिका को 3-1 से हराकर सातवें स्थान पर रहीं।
- 1922 - प्रसिद्ध साहित्यकार चन्द्रधर शर्मा गुलेरी का जन्म हुआ।
- 1971 - प्रसिद्ध संगीतकार जयकिशन का निधन हुआ।
- 1915-जानपदिक रोगविज्ञानी ऐलेक्ज़ेन्डर लैंग्म्यूर का जन्म हुआ, जिन्होंने अमेरिका के एपिडेमिक इंटेलिजेन्स सर्विस का निर्माण किया, अपने अथक प्रयास से कई लोगों की जान बचायी। (निधन-22 नवम्बर 1993)
- 1897-फ्रांसीसी रसायनज्ञ आइरीन जूलियट क्यूरी का जन्म हुआ,जो मैरी क्यूरी तथा पियरे क्यूरी की बेटी थीं। इन्होंने अपने पति फ्रेड्रिक जूलियट क्यूरी के साथ कृत्रिम रेडियोधर्मिता की खोज की, जिसके लिए उन्हें 1935 का नोबेल पुरस्कार मिला। (निधन-17 मार्च 1956)
- 1941- जर्मन भ्रूणविज्ञानी हैन्ज़ स्पैमन का निधन हुआ, जो एम्ब्रियोनिक इंडक्शन की खोज के लिए वर्ष 1935 में चिकित्सा विज्ञान का नोबेल पुरस्कार मिला। (जन्म-27 जून 1869)
- 1939-अमेरिकी वनस्पति विज्ञानी हेनरी कैन्डलर कॉवल्स का निधन हुआ, जो पादप पारिस्थितिकी में अग्रणी माने जाते हैं, खास कर के डायनमिक पारिस्थितिकी। (जन्म-27 फरवरी 1869)।