कारोबार
रायपुर, 3 नवंबर। श्री शिवम जोकि सेंट्रल इंडिया में 3 राज्य 6 शहर और 2.5 लाख स्क्वेयर फिट रिटेल स्पेस के साथ दुर्ग रायपुर बिलासपुर नागपुर जबलपुर और भोपाल में मौजूद है। फेस्टिव सीजन यानि अगस्त महीने के शुरू होते ही बाजारों में रौनक बढ़ रही है। त्योहारों के साथ साथ आने वाले वेडिंग की भी तैयारियां एवं शॉपिंग की शुरवात हो जाती है, ऐसे में शॉपिंग के दौरान ग्राहकों को पूरी सुविधा मिले इसलिए श्री शिवम् ने फेस्टिव कलेक्शन के साथ साथ स्टोर में वेडिंग एवं पार्टीवेयर कलेक्शन को भी पूरी तरह से अपडेट किया है, जहा ग्राकह अपने मनचाह कलेक्शन को देख पाएंगे एवं खरीद पाएंगे। वेडिंग शॉपिंग करना किसी टास्क कम नहीं, शॉपिंग के दौरान कई सारे प्रश्न मन में चल रहे होते है,इसलिए श्री शिवम् मानते है की यह एक बड़ी जिम्मेदारी है की ग्राहकों को लेटेस्ट कलेक्शन उपलब्ध हो, इसकारण श्री शिवम् ने इंडोवेस्टर्ण, इवनिंग गाउन, टक्सिडो एवं कोट सूट की विशाल रेंज को स्टोर में लॉन्च किआ है।
भारत का सबसे बड़ा त्यौहार यानि दिवाली आने वाली है, जाहिर है लोगो में शॉपिंग को लेकर उस्तुकता होंगी इसलिए फेस्टिव कलेक्शन पर भी जोर दिए गया है ताकि लेटेस्ट ट्रडिशनल एवं पार्टी वियर कलेक्शन स्टोर में ग्राहकों के लिए उपलब्ध रहे, विशेष कर महिलाओ और बच्चो एवं मेंस कुर्ता पजामा में फेस्टिव ट्रेडिशनल वियर की विशेष रेंज को स्टोर में अपडेट किया है।
रायपुर, 3 नवंबर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के अवसर पर नॉर्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन (नाचा) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल शामिल हुई। उन्होंने नाचा संस्था के सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि मुझे खुशी है सैकड़ों मील दूर रहकर भी हमारे छत्तीसगढ़वासी यहां की यादों को संजोए हुए हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्योत्सव का आयोजन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ को बने 20 वर्ष होने जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य और यहां के लोगों ने यहां की छिपी असीम संभावनाओं को पहचाना है। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्योत्सव की बधाई दी।
सुश्री उइके ने कहा कि किसी भी प्रदेश की उन्नति में एन.आर.आई. कम्यूनिटी का बहुत बड़ा योगदान होता है, जिसमें कि नाचा अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दें और शासन के साथ मिलकर अपने प्रदेश को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाएं। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने नाचा संस्था को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस-2020 के आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि आप लोग अमेरिका में जाकर छत्तीसगढ़ की मिट्टी की सुगंध बिखेर रहे हैं और वहां के लोगों को यहां की संस्कृति से रूबरू करा रहे हैं। यह सराहनीय है।
नाचा कार्यकारी अध्यक्ष गणेश कर और संस्थापक दीपाली सरावगी ने बताया कि इस अवसर पर अरपा पैरी के धार सहित छत्तीसगढ़ी गीत एवं लोकनृत्य सहित अन्य नृत्यों का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय गायक वंदना विश्वास, अमेरिका के गायक चन्द्रकांत साहू, गायक सुनील मानिकपुरी, गायिका आरू साहू, गायिक लक्ष्मी करियारे, गायक सूरज श्रीवास, राजेश सिंह, आस्ट्रेलिया के गायक नीरज शर्मा, घनश्याम मिर्झा, निर्मल कुमार आदि ने अपना प्रदर्शन दिया। कार्यक्रम को भारतीय काउंसुल जनरल, अमेरिका डॉ. टी.व्ही. नागेन्द्र प्रसाद और नेपेरूइले सिटी मेयर श्री स्टीव शिरिको ने भी अपना संबोधन दिया। इस अवसर पर कवि पद्मश्री सुरेन्द्र दुबे, अभिनेता अनुज शर्मा, नाचा कीजनरल सेक्रेटरी सोनल अग्रवाल तथा अजय पांडेय भी मुख्य रूप से उपस्थित थे।
श्री कर ने बताया कि इस कार्यक्रम को एक साथ कई सोशल मीडिया चैनलों, पृष्ठों पर लाइव होस्ट किया गया था। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मंत्रियों से बात की और उन्होंने भविष्य में इस प्रकार के आयोजन का समर्थन करने का वादा किया ताकि सरकार इसमें शामिल हो सके और निवेश और पर्यटन को बढ़ावा दे सके। श्री कर ने सभी सीजी अनिवासी भारतीयों से सामुदायिक कार्यों में शामिल होने का आग्रह किया ताकि वे सभी छत्तीसगढ़ को अधिक से अधिक ऊंचाइयों पर ले जा सकें। श्रीमती सरावगी ने उल्लेख किया कि इस आयोजन की सफलता के पीछे पूरी टीम की टीम वर्क और असाधारण प्रतिबद्धता थी। उन्होंने छत्तीसगढ़, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर के सभी लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने इस आयोजन का समर्थन किया।
जानिए इससे जुड़ी 6 बड़ी बातें
कोटक महिंद्रा बैंक जल्द इंडसइंड बैंक का अधिग्रहण कर सकता है. इस विलय से कोटक महिंद्रा देश का आठवां सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा. यह बैंकों के लिए अच्छा समय नहीं है. ज्यादातर बड़े बैंक डूबे कर्ज (एनपीए) की समस्या से जूझ रहे हैं.
नई दिल्ली. बीते दिनों से कोटक महिंद्रा बैंक और इंडसइंड बैंक को लेकर खबरों का बाजार गरम है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि कोटक महिंद्रा बैंक अगर इंडसइंड बैंक का अधिग्रहण करता है तो यह देश की बड़ी बैंकिंग डील हो सकती है. कोटक मंहिद्रा बैंक के प्रमुख उदय कोटक हैं, जो एशिया के सबसे अमीर बैंकर हैं. कोटक महिंद्रा का आकार बढ़ाने के लिए उदय कोटक छोटे बैंक का विलय करने के बारे में सोच रहे हैं.इस विलय के बाद कोटक बैंक का एसेट 7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. इसके और एक्सिस बैंक के बीच फर्क कम हो जाएगा.
(1) दुनिया की बड़ी रेटिंग एजेंसी मैक्वेरी कैपिटल की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि इंडसइंड बैंक के अधिग्रहण के बाद कोटक की एसेट बुक, लोन बुक और ब्रांच नेटवर्क में क्रमश: 85 फीसदी, 94 फीसदी और 100 फीसदी का इजाफा हो सकता है. इससे इसका आकार विशाल हो जाएगा. अभी कोटक महिंद्रा बैंक देश का चौथा सबसे बड़ा निजी बैंक है.
(2) कोटक महिंद्रा बैंक और इंडसइंड बैंक के मर्जर की खबरों और दूसरी तिमाही में कोटक के अप्रत्याशित मुनाफे के बाद कोटक महिंद्रा बैंक वैल्यू के लिहाज से आईसीआईसीआई बैंक को पीछे छोड़ते हुए देश के दूसरा सबसे बड़ा निजी बैंक बन गया है. इस सप्ताह इस बैंक के शेयर 15 फीसदी तक चढ़े हैं. इससे इसका मार्केटकैप 3.1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर निकल चुका है.
(3) अगर यह डील हो जाती है और इसके लिए इंडसइंड बैंक के शेयर मौजूदा भाव पर ही शेयरों को रखा जाता है, तो कोटक महिंद्रा बैंक की कुल मार्केट वैल्यू 4.65 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी, जो आईसीआईसीआई बैंक से काफी अधिक है. कोटक महिंद्रा बैंक ने इस विषय पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
(4) भारत का वित्तीय सेक्टर $2 लाख करोड़ का है, जिसमें 20 निजी बैंक और 10 सरकारी बैंक हैं. यह सेक्टर कोरोना की वजह से काफी गहरे संकटे से जूझ रहा है. चार दशकों में पहली दफा भारतीय अर्थव्यवस्था सिकुड़ रही है. इससे दबाव बढ़ गया है. बैंक अभी दो साल पहले आए एनबीएफसी संकट से उबर रहे हैं.
(5) भारत में डूबे कर्ज का स्तर दुनिया के अन्य बड़े मुल्क में सबसे अधिक है, जो मार्च तक और बुरी हालत में लुढ़क कर 12.5 फीसदी तक पहुंच सकता है. कोटक और इंडसइंड बैंक दोनों की ही बुक पर दबाव बढ़ने के आसार हैं, ऐसे में डील से कर्ज की स्थिति पर बुरा असर पड़ने के आसार कम ही हैं.
(6) बैकों पर ग्राहकों के जमा को लेकर कड़ी टक्कर नजर आ रही है. भारत के 30 बैंकों में अभी 57.4 करोड़ ग्राहकों ने सेविंग्स खातों की सुविधा ले रखी है. इस वियल के बाद कोटक महिंद्रा बैंक में जमा धन 4.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. यह एचडीएफसी बैंक की तुलना में काफी होगा
नई दिल्ली, 2 नवंबर| वीवो ने सोमवार को भारत में अपना एक नया स्मार्टफोन वीवो वी20 एसई लॉन्च किया। यह वीवो वी20 सीरीज में लेटेस्ट एडिशन है और इसकी कीमत 20,990 रुपये रखी गई है। इस स्मार्टफोन की बिक्री तीन नवम्बर से शुरू होगी और इसे वीवो इंडिया ई-स्टोर के अलावा प्रमुख ई-कॉमर्स पोर्टल्स पर से खरीदा जा सकता है।
वीवो का यह नया स्मार्टफोन क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 665 चिपसेट से लैस है और इसे 8जीबी रैम तथा 128 जीबी इंटरनल मेमोरी के साथ लॉन्च किया गया है।
इस डिवाइस में 6.44 इंच एमोलेड डिस्प्ले है। इसमें वॉटरड्रॉप नॉच भी है और इसका बॉकी स्क्रीन रेशियो 90:12 प्रतिशत है।
इसका फ्रंट फेसिंग कैमरा 32एमपी का है और इसमें सुपर नाइट सेल्फी, ऑरा स्क्रीन लाइट और अन्य फीचर्स हैं। (आईएएनएस)
रियर में इसमें तीन कैमरे हैं। मेन कैमरा 48एमपी का है। यह फोन 4100एमएएच बैटरी से चलता है और 33वॉट फ्लैश चार्ज तकनीक को सपोर्ट करता है।
बेंगलुरु, 2 नवंबर। डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म फोनपे ने सोमवार को दावा किया कि उसने देश में 25 करोड़ पंजीकृत यूजर्स की संख्या को पार कर लिया है। कंपनी ने अक्टूबर में 10 करोड़ मासिक सक्रिय यूजर्स (एमएयू) और 230 करोड़ ऐप सेशन की सूचना दी।
फोनपे के सीईओ और संस्थापक समीर निगम ने कहा, "हमारा अगला लक्ष्य दिसंबर 2022 तक पंजीकृत यूजर्स के 50 करोड़ के आंकड़ें को पार करना है।"
फोनपे ने कहा कि उसने अक्टूबर के महीने में रिकॉर्ड 92.5 करोड़ लेनदेन किए, जिसमें वार्षिक टीपीवी (कुल भुगतान मूल्य) 27700 करोड़ डॉलर का था।
कंपनी ने अक्टूबर में 83.5 करोड़ यूपीआई लेन-देन के ट्रांजेक्शन किए, जिसमें बाजार में 40 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी है।
निगम ने आगे कहा, "हम हर भारतीय नागरिक के लिए डिजिटल भुगतान को जीवन का एक तरीका बनाने के मिशन पर हैं।"
डिजिटल भुगतान मंच ने अगस्त में कहा था कि वह अगले एक साल में पूरे भारत में 2.5 करोड़ से अधिक छोटे व्यापारियों के लिए डिजिटल भुगतान को सक्षम करेगा।
करीब 500 शहरों में 1.3 करोड़ मर्चेंट आउटलेट्स पर फोनपे स्वीकार किए जाते हैं।
मामले में अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी। (आईएएनएस)
मुंबई, 2 नवंबर| कोरोना के गहराते प्रकोप से निपटने के लिए यूरोप में लॉकडाउन से वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंकाओं से फिर कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट आई है। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल का भाव पांच महीने के निचले स्तर पर आ गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बीते एक सप्ताह में बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के दाम में करीब पांच डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आई है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आई गिरावट से भारतीय वायदा बाजाद में भी बीते एक सप्ताह में करीब 400 रुपये प्रति बैरल की गिरावट आई है। घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर कच्चे तेल के नवंबर वायदा अनुबंध में बीते सत्र से 83 रुपये यानी 3.14 फीसदी की गिरावट के साथ 2,559 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले भाव 2,544 रुपये प्रति बैरल तक टूटा, जोकि 29 मई के बाद का सबसे निचला स्तर है जब तेल का भाव 2,450 रुपये प्रति बैरल तक टूटा था।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के जनवरी डिलीवरी अनुबंध में बीते सत्र के मुकाबले 3.06 फीसदी की गिरावट के साथ 36.78 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले भाव 35.76 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा था जो करीब पांच महीने का सबसे निचला स्तर है। इसी प्रकार, अमेरिकी क्रूड वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के दिसंबर डिलीवरी अनुबंध में भी बीते सत्र से 3.66 फीसदी की कमजोरी के साथ 34.48 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 33.65 डॉलर तक टूटा था जोकि 29 मई के बाद का सबसे निचला स्तर है जब डब्ल्यूटीआई का भाव 32.36 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा था।
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी एवं करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने बताया कि कोरोना के कहर के चलते तेल की मांग कमजोर रहने की आशंका से कीमतों में गिरावट आई है और आगे डब्ल्यूटीआई का भाव 30 डॉलर जबकि ब्रेंट क्रूड का 32 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकता है।
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने भी बताया कि कोरोन के कहर के चलते यूरोप में लॉकडाउन होने से तेल की मांग में कमी की आशंका बनी हुई है जिससे अक्टूबर महीने में कच्चे तेल के भाव में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट रही। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक उथल-पुथल को लेकर भी कारोबारी असमंजस में हैं।
केडिया ने कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट की पांच मुख्य वजहें गिनाईं जो इस प्रकार हैं:
1. कोरोना का कहर दोबारा गहराने से तेल की मांग में कमी की आशंका बनी हुई है।
2. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।
3. लीबिया और इराक से तेल की आपूर्ति बढ़ने से ओपेक के अन्य सदस्यों देशों द्वारा किए जा रहे उत्पादन में कटौती के बावजूद समूह की आपूर्ति में वृद्धि हो रही है।
4. आईईए का अनुमान है कि कोरोना महामारी का असर लंबे समय तक रह सकता है जिससे तेल की वैश्विक मांग के मामले में यह सदी का सबसे कमजोर दशक रह सकता है। उधर, ओपेक प्रमुख का कहना है कि कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने से तेल में रिकवरी में विलंब हो सकता है।
5. अमेरिका में तेल के भंडार में 23 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान 43.2 लाख बैरल का इजाफा हुआ। कोरोना महामारी के चलते अमेरिका में तेल की मांग में पिछले साल के मुकाबले करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 2 नवंबर| देश भर में जरूरत की कई चीजों की कीमतों में इस साल वृद्धि देखी गई, खासकर आलू, प्याज और टमाटर की कीमतें काफी अधिक रहीं। बाढ़ और मूसलाधार बारिश होने के चलते इन सामानों की आपूर्ति में गिरावट आई और यही कीमतों के बढ़ने की प्रमुख वजह रही। सामानों की कीमतें बढ़ने से लोगों को घर चलाने में काफी दिक्कतें आईं क्योंकि देशभर में महामारी के प्रकोप का प्रभाव आमदनी पर भी पड़ा।
लोकल सर्किल्स ने यह देखने के लिए एक सर्वे किया कि प्रति किलो के हिसाब से प्याज, टमाटर और आलू को खरीदने में लोगों को कितना अधिक भुगतान करना पड़ा क्योंकि पिछले दो महीनों में सब्जियों की बढ़ती कीमतों को लेकर उपभोक्ताओं में नाराजगी देखने को मिली है।
सर्वेक्षण में यह भी समझने का प्रयास किया गया कि साल 2019 की तुलना में इस बार इन्हीं सब्जियों की खरीददारी में लोगों ने औसत कितना अधिक भुगतान किया। इसमें देश के 242 जिलों से 16,000 से अधिक उत्तरदाताओं के जवाब मिले, जिनमें से 58 प्रतिशत टियर-1, 23 फीसदी टियर-2 और 17 फीसदी उत्तरदाता टियर-3, जबकि 4 शहरों और ग्रामीण इलाकों से रहे।
इनसे पूछा गया पहला सवाल यह रहा कि हाल के समय में आपको एक किलो आलू, प्याज और टमाटर खरीदने में कितने अधिक पैसे चुकाने पड़े? इस पर 8,273 नागरिकों के जवाब मिले।
उल्लेखनीय रूप से, 71 प्रतिशत नागरिकों ने कहा कि वे टमाटर के लिए 50 रुपये प्रति किलोग्राम, आलू के लिए 40 रुपये प्रति किलोग्राम और प्याज के लिए 50 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत चुका रहे हैं।
लोकल सर्किल्स की तरफ से इसी साल 11 सितंबर को एक और सर्वे किया गया था, जिसमें देखा गया कि लोगों ने प्रति किलोग्राम के हिसाब से टमाटर के लिए 60 रुपये, आलू के लिए 30 रुपये और प्याज के लिए 25 रुपये चुकाए हैं।
इससे पता चलता है कि ग्राहकों द्वारा प्रति किलो के दर से चुकाए गए आलू की कीमतों में औसतन 30 फीसदी वृद्धि हुई है, प्याज में 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि केवल एक ही महीने में टमाटर की कीमतों में 15 फीसदी तक की गिरावट आई है। इन सब्जियों पर किए गए सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चलता है कि 42 फीसदी नागरिकों ने टमाटर को 60 रुपये या उससे अधिक, आलू को 60 रुपये या उससे अधिक और प्याज को 70 रुपये या उससे अधिक कीमतों पर खरीदा।
अब अगर टमाटर की बात करें, तो पिछले 30 दिनों में टमाटर की कीमतों में औसतन 15 फीसदी गिरावट देखने को मिली है। वहीं आलू के लिए प्रति किलोग्राम के हिसाब से 30 फीसदी और प्याज के लिए 100 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
लोगों से दूसरा सवाल यह पूछा गया कि साल 2019 के मुकाबले इस साल अब तक टमाटर, प्याज और आलू के लिए आपको औसतन कितना अधिक चुकाना पड़ा? 7,904 नागरिकों से इस सवाल पर प्रतिक्रिया मिली। उल्लेखनीय रूप से, 70 प्रतिशत परिवारों ने कहा कि उन्होंने प्रति किलोग्राम के हिसाब से टमाटर, आलू और प्याज को खरीदने के लिए इस साल 25-100 प्रतिशत अधिक कीमत चुकाई है। (आईएएनएस)
मुंबई, 1 नवंबर| रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन और संस्थापक नीता अंबानी ने भारत में महिला क्रिकेट को अपने समर्थन की रविवार को घोषणा की। इस दिशा में जियो और रिलायंस फाउंडेशन एजूकेशन एंड स्पोर्ट्स फॉर ऑल (आर एफ ईएसए) आगामी महिला टी-20 चैलेंज की प्रायोजक बनी हैं। इस करार के बाद नीता ने नवी मुंबई के जियो क्रिकेट स्टेडियम में मिलने वाली क्रिकेट सुविधाओं को राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम को सौंपने का फैसला किया है। भारतीय महिला क्रिकेट टीम इस स्टेडियम में फ्री में ट्रायल्स कर सकती हैं और प्रतिस्पर्धात्मक मैच भी खेल सकती है।
इसके अलावा, महिला क्रिकेटर्स अब मुंबई के प्रतिष्ठित सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में उपलब्ध रिहेबिलिटेशन और खेल विज्ञान की सुविधाओं का लाभ उठा सकती हैं।
नीता ने कहा, " महिला टी 20 चैलेंज के आयोजन के लिए मैं बीसीसीआई को हार्दिक बधाई देती हूं। भारत में महिला क्रिकेट के विकास की दिशा में यह एक प्रगतिशील कदम है। मैं इस अद्भुत पहल के लिए अपना पूरा समर्थन देने से खुश हूं। मुझे अपने खिलाड़ियों और उनकी क्षमताओं पर पूरा भरोसा है।"
उन्होंने कहा, " भारतीय महिला क्रिकेटरों ने पिछले कुछ वर्षो में आईसीसी प्रतियोगिताओं में अपनी शानदार उपलब्धियों से देश को गौरवान्वित किया है। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हम अपनी लड़कियों को बुनियादी सुविधाओं, प्रशिक्षण और पुनर्वसन की सर्वोत्तम सुविधाएं प्रदान करें। अंजुम, मिताली, स्मृति, हरमनप्रीत और पूनम जैसे खिलाड़ी बेहतरीन रोल मॉडल हैं। मैं उन्हें और भारतीय महिला टीम के प्रत्येक सदस्य के लिए भविष्य की कामना करती हूं।"
महिला टी-20 चैलेंज संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में चार से नौ नवंबर के बीच खेला जाएगा। इसमें तीन महिला टीमें-सुपरनोवाज, ट्रेलब्लेजर्स और वेलोसिटी भाग लेंगी। (आईएएनएस)
रायपुर, 1 नवम्बर। सिंघानिया बिल्डकॉन के प्रमुख सुबोध सिंघानिया ने बताया कि हर्षित नियो सिटी में चल रहे आवास मेला और उसमें प्रत्येक बुकिंग पर दिये जा रहे फ्री उपहारों की चर्चा दिनभर बायर्स के बीच होती रही । सैकड़ों ग्राहकों ने फोन के माध्यम से प्रोजेक्ट और ऑफर के संबंध में जानकारी ली, और जानकारी से संतुष्ट होने पर अपने साइट विजिट का प्लान फाइनल किया । इसके अलावा दर्जनों ग्राहकों ने साइट पर विजिट करके प्रोजेक्ट में उपलब्ध सुविधाओं जैसे कि विकसित गार्डन, लेण्ड स्केप, अण्डग्राऊंड ड्रेनेज, कव्हर्ड केम्पस, वाटर सप्लाई और सुविधाजनक एवं प्रदुषण मुक्त लोकेशन, सुरक्षित परिवेश एवं किफायती दाम और उस पर भी बम्पर उपहार योजना का अवलोकन किया और अपने बजट के अनुसार प्लाट एवं मकान का चयन किया। यह आवास मेला रविवार और सोमवार को भी जारी रहेगा ।
श्री सिंघानिया ने बताया कि हर्षित नियो सिटी एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसमें तुरंत मकान बनाकर या बने हुए मकानो में से मकान बुक करके तुरंत रहा जा सकता है। साथ ही इस प्रोजेक्ट में काफी संख्या में खुशहाल परिवार निवासरत है और कई मकान निर्माणाधीन है। प्रोजेक्ट में सभी निर्माण, विकास का कार्य युद्ध स्तर से चालू है जिनको शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जावेगा।
श्री सिंघानिया ने यह भी बताया कि यहां 1000, 1200 एवं 1500 के साथ अलग-अलग आकार के अंतिम लगभग 100 प्लाट उपलब्ध हैं। चूंकि काफी समय से यह प्रोजेक्ट विकसित हो चुका है इसलिए सब कुछ आपको यहां रेडी पजेशन पर मिलेगा। इस लिए कह सकते हैं फ्यूचर के लिए कहें या वर्तमान में रहने के दृष्टिकोण से फायदेमंद निवेश सर्वोत्तम होगा। खास बात यह भी है कि यह प्रोजेक्ट लगभग सभी बैंको से प्रीअपूंव्हड है जिसके कारण फायनेंस में किसी भी प्रकार की कोई भी दिक्कत नही आती है और आसानी से लगभग सभी बैंक तत्काल फायनेंस कर देती है।
मुंबई, 1 नवंबर । देश का विदेशी मुद्रा भंडार 23 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में पहली बार 560 अरब डॉलर के पार पहुँच गया। यह लगातार चौथा सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी दर्ज की गयी है।
रिजर्व बैंक द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, 23 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 5.41 अरब डॉलर बढ़कर 560.53 अरब डॉलर हो गया। इससे पहले 16 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा का भंडार 3.61 अरब डॉलर बढ़कर 555.12 अरब डॉलर, नौ अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 5.87 अरब डॉलर बढ़कर 551.51 अरब डॉलर पर तथा 2 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 3.62 अरब डॉलर बढ़कर 545.64 अरब डॉलर पर रहा था।
केंद्रीय बैंक ने बताया कि 23 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 5.20 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 517.52 अरब डॉलर पर पहुँच गया। स्वर्ण भंडार भी 17.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 36.86 अरब डॉलर हो गया।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 2.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.66 अरब डॉलर पर और विशेष आहरण अधिकार 80 लाख डॉलर बढ़कर 1.49 अरब डॉलर पर पहुंच गया। (univarta.com)
नई दिल्ली, 1 नवंबर । लॉकडाउन के बाद अब धीरे धीरे अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के साथ ही राजस्व संग्रह भी बढऩे लगा है। इस वर्ष अक्टूबर में जीएसटी संग्रह 105155 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया जो पिछले वर्ष के इसी महीने में संग्रहित राजस्व की तुलना में 10 फीसदी अधिक है।
वित्त मंत्रालय द्वारा आज यहां जारी जीएसटी संग्रह के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2020 में जीएसटी राजस्व संग्रह 105155 करोड़ रुपये रहा जिसमें सीजीएसटी 19193 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 25411 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 52540 करोड़ रुपये और 8011 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति उपकर शामिल है। आईजीएसटी में 23375 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर में 932 करोड़ रुपये आयातित वस्तुओं पर संग्रहित कर शामिल है। वित्त मंत्रालय के अनुसार 31 अक्टूबर तक 80 लाख करदाताओं ने जीएसटीआर 3 बी रिटर्न दाखिल किया है।
सरकार ने आईजीएसटी राजस्व में से 25091 करोड़ रुपये सीजीएसटी में और 19427 करोड़ रुपये एसजीएसटी में हस्तातंरित किये हैं। नियमित हस्तातंरण के बाद अक्टूबर में केन्द्र सरकार को 44285 करोड़ रुपये और राज्यों को 44839 करोड़ रुपये मिले हैं। (univarta.com )
रायपुर, 31 अक्टूबर। स्कूलों, सिनेमा हॉल को कुछ राज्यों में सामाजिक समारोहों को खोलने और अनुमति देने के लिए अनुमति देते हैं, एनएमडीसी ने अपने कर्मचारियों और आम जनता को मास्क और सैनिटाइजऱ वितरित करके कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने की सलाह दी। एनएमडीसी ने उच्चतम सुरक्षा मानकों को भी अपनाया है और समय-समय पर सुरक्षा ऑडिट का उपक्रम करते हुए एक सुरक्षित कार्यस्थल प्राप्त करने के उद्देश्य से सभी खानों, पौधों और कार्यालयों में सिस्टम लगाए हैं।
एनएमडीसी ने अपोलो हॉस्पिटल्स के साथ बैलाडीला आयरन ओर माइन प्रोजेक्ट के बचेली कॉम्प्लेक्स में कोरोना को रोकने के लिए एक सार्थक पहल के लिए करार किया। आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोगों को सार्वजनिक जागरूकता अभियानों के साथ-साथ प्रोलेक्सिस उपचार दिया जा रहा है।
कोरोना के खिलाफ पीएमआए इंडिया द्वारा संचालित जन आंदोलन की जन-पहल में योगदान देकर राष्ट्र की सेवा करना, एनएमडीसी ने खानों और कार्यालयों में विभिन्न स्थानों पर पोस्टर लगाए हैं ताकि वायरस से बचाव के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। एनएमडीसी यह भी सुझाव दे रहा है कि यह लेन-देन या अभिवादन हो, यह बिना सोचे समझे चले जाना सुरक्षित बताया गया।
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर | दुनियाभर में अपने यूजर्स के लिए मैसेजिंग के अनुभव को और बेहतर बनाने की दिशा में काम शुरू करते हुए फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि कंपनी मैसेंजर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सअप को मिलाने का भरसक प्रयास कर रही है ताकि लोग एक में ही संगठित रूप से इनका उपयोग कर सके। फेसबुक की तरफ से कथित तौर पर इंस्टाग्राम और मैसेंजर को एक में मिलाने का काम शुरू हो चुका है। कंपनी की तरफ से पहले ही व्हाटसअप में मैंसेजर रूम को शामिल किया जा चुका है।
जुकरबर्ग ने गुरुवार को कंपनी की अर्निग कॉल के दौरान विश्लेषकों को बताया, "यहां अभी और काम किया जाना है। हम व्हाट्सअप को भी इस साझाकरण का हिस्सा बनाना चाहते हैं। हम मैंसजर और इंस्टाग्राम के इस साझाकरण में भी कई और फीचर्स शामिल करना चाहते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "यह एक बड़े पैमाने पर किया जाने वाला काम है, जिसकी शुरुआत होते देख अच्छा लग रहा है। हम इस अपडेट पर काम करने के लिए काफी लंबे समय से कड़ी मेहनत करते आ रहे हैं और अब इंस्टाग्राम पर मैंसेजर का एक फीचर भी दिखने लगा है। ऐसे में आप एक ही जगह से दोनों ऐप्स के मैसेजिंग का भरपूर लाभ उठा पाएंगे।"
--आईएएनएस
रायपुर, 30 अक्टूबर। सिंघानिया बिल्डकॉन के प्रबंध संचालक सुबोध सिंघानिया ने बताया कि एक घर हो खुद का यह हर परिवार का सपना होता है लेकिन घर खरीदने के बाद सपने उसके आगे भी होते हैं, घर में फर्निचर एवं इंटीरियर करवाने का सपना, सपना ही रह जाता है। आपके सपने को हकीकत का रूप देने वाला ऑफर लेकर आया है सिंघानिया बिल्डकॉन।
श्री सिंघानिया ने बताया कि हर्षित नियो सिटी में प्रत्येक मकान की बुकिंग पर पाये होम फर्नीशिंग और इंटीरियर के 100 से अधिक समान, रजिस्ट्री, बिजली कनेक्शन एवं पानी कनेक्शन, सिंकिंग फण्ड और इन सब पर लगने वाले जीएसटी भी फ्री तो ‘यह हुआ न सोने पर सुहागा’? इसके अतिरिक्त यदि आप सिर्फ प्लाट लेना चाहे तो उसकी बुकिंग पर पाये बिजली कनेक्शन एवं पानी कनेक्शन , सिंकिंग फण्ड और इन सब में लगने वाले जीएसटी, साथ ही पाएं आधा किलो तक चांदी फ्री।
श्री सिंघानिया ने बताया कि इस दीवाली लक्ष्मी पूजन करें अपने खुद के घर पर सिंघानिया बिल्डकॉन लाया है ऐसी सौगात कि किराये के घर को अलविदा कर हर्षित नियो सिटी में बुक करे अपना घर और पाये 100 से अधिक उपहार मुफ्त।
फरसगांव, 30 अक्टूबर। देश की प्रतिष्ठित हिन्दी न्यूज वेबसाईट प्रभासाक्षी के 19वें स्थापना दिवस के अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार व राज्यसभा के पूर्व सांसद तरूण विजय ने डॉ.परवीन अख्तर को हिन्दी भाषा के प्रोत्साहन के लिए हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया। उनके नाम की घोषणा भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली के महानिर्देशक संजय द्विवेदी ने की। बस्तर के फरसगांव के आदर्श विद्यालय में पदस्थ डॉ.परवीन अख्तर सामाजिक मुद्दों पर नियमित लेखन में सक्रिय हैं। उन्होंने समकालीन हिंदी रंग परिदृश्य और डॉ. सुरेश शुक्ल चन्द्र पर शोध किया है। साथ ही समकालीन हिंदी नाट्य परिदृश्य पर किताब लिख चुकी हैं।
रायपुर, 30 अक्टूबर। मैट्स विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वास्तु के एक ऑनलाइन सेशन में विशेषज्ञ वसुधा ने वास्तु शास्त्र और दैनिक जीवन में उसके उपयोग से संबंधित जानकारी दी तथा जीवन में दिशाओं का प्रभाव स्पस्ट किया। उन्होंने कार्यालय के वास्तु को ठीक करने सहित मुख्य दिशाओं की भी जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि हम आठ दिशाओं के बारे में जानते हैं किन्तु वास्तुशास्त्र किसी भी स्थान को सोलह भागों में बॉंट कर डिग्री के अनुसार उस कोण या दिशा को ठीक करता है।
विशेषज्ञ वसुधा ने बताया कि वास्तु का हमारे जीवन में विशेष महत्व है जिसका उपयोग करके हम अपने जीवन को अच्छी दिशा प्रदान कर सकते हैं। वास्तु शास्त्र हमें नकारात्मक ऊर्जा से दूर रखकर सकारात्मक वातावरण में सुरक्षित रखता है। वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों एवं नियमों को अपनाकर जीवन को सफल बनाने की अनेक संभावनाएँ हैं। यह बातें प्रसिद्ध वास्तु शास्त्री वसुधा शुक्ला ने मैट्स विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित आनलाइन इंटरएक्टिव सेशन में कहीं।
विशेषज्ञ वसुधा ने यह भी बताया कि जल की दिशा के संबंध में पानी का स्त्रोत ईशान कोण होना चाहिए। उन्होंने जल तत्व एवं अग्नि तत्व का रंगों के साथ संबंध को भी स्पष्ट किया एवं सटीक प्रयोगों की जानकारी प्रदन की। उन्होंने दैनिक जीवन में वास्तु के अनेक महत्वपूर्ण टिप्स दिये।
इस अवसर पर मैट्स विशवविद्यालय के कुलाधिपति गजराज पगारिया, उपकुलपति डॉ. दीपिका ढांढ, महानिदेशक प्रियेश पगारिया, कुलसचिव गोकुलानंदा पंडा ने आभार व्यक्त करते हुए इस ज्ञानवर्धक सत्र के आयोजन की सराहना की।
रायपुर, 30 अक्टूबर। केंद्रीय सतर्कता आयोग के दिशा निर्देशानुसार प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन 27 अक्टूबर से 2 नवंबर तक किया जा रहा है।
प्रथम दिवस समस्त स्टाफ ने प्रधान कार्यालय परिसर में सत्य निष्ठ प्रतिज्ञा ग्रहण किया। इस अवसर पर बैंक द्वारा सतर्क भारत समृद्ध भारत विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया है। इसी प्रकार समस्त स्टाफ के लिए 20-20 ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित कराई जा रही है। यह आयोजन बैंक के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों और शाखाओं में भी किया गया है। कार्यक्रम में बैंक के अध्यक्ष आई के गोहिल महाप्रबंधक गण ष्टङ्कह्र गुरदीप सिंह, बेहरा साहब, के पद्मिनी, सहायक महाप्रबंधक मेश्राम, मुख्य प्रबंधक सतर्कता, एनके अग्रवाल सहित बैंक के वरिष्ठ एवं अन्य स्टाफ भाग लिया।
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर| देश की संसदीय पैनल ने गूगल और डिजिटल पेमेंट दिग्गज पेटीएम से डेटा निजता और चीनी लिंक से जुड़े मुद्दों के बारे में पूछताछ की। निजी डाटा संरक्षण कानून पर संयुक्त संसदीय समिति ने गुरुवार को दोनों कंपनियों को संरचना, डाटा प्रक्रिया और संरक्षण, निजता और कराधान इत्यादि मामलों पर लिखित प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए समय दिया।
गूगल के एक प्रतिनिधि ने बयान में कहा, "हम नीति निर्माताओं की ओर से हमारे व्यापार को समझने के लिए अवसर प्रदान करने का स्वागत करते हैं।"
बयान के अनुसार, "हम विश्वास करते हैं कि रेगूलेशन सभी प्रकार और आकार के व्यापार के लिए एक गतिशील बाजार को सपोर्ट करते हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि यह परामर्श प्रक्रिया समिति को नागरिकों के हितों की रक्षा और नवाचार को बढ़ावा देने के अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।"
पेटीएम से भी डेटा निजता और चीनी निवेश के बारे में सवाल पूछे गए।
सूत्रों के अनुसार, सामान्य तौर पर प्रश्न निजी डेटा संरक्षण कानून को मजबूत करने के लिए और पेटीएम की ओर से डेटा को संरक्षित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में सवाल पूछे गए। साथ में यह भी पूछा गया कि धोखाधड़ी रोकथाम के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं और यह कैसे भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को सपोर्ट करता है।
कांग्रेस ने निजी डेटा सरंक्षण कानून, 2019 को लेकर चिंता दिखाई थी, जिसको देखते हुए भाजपा की नेता मीनाक्षा लेखी की अगुवाई में संसदीय समिति ने दिग्गज टेक कंपनियों से सवाल किए। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर| रियलमी पर शुक्रवार को सामने आई एक नई रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि बीते नौ तिमाहियों (साल 2018 की तीसरी तिमाही से लेकर साल 2020 की पहली तिमाही तक) में 5 करोड़ स्मार्टफोन बेचकर यह मार्केट में एक उभरते हुए ब्रांड के रूप में सामने आया है। कांउटर पॉइंट की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, तिमाही स्तर पर 1.48 करोड़ स्मार्टफोन की बिक्री के साथ रियलमी ने इतिहास रचा है और साथ ही तीसरी तिमाही में यह दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला स्मार्टफोन ब्रांड बनकर उभरा है क्योंकि बीते तिमाहियों के दौरान इसमें 132 फीसदी तक की बढ़त देखी गई है।
रियलीमी इंडिया के सीईओ माधव सेठ ने अपने दिए एक बयान में कहा, "इस उपलब्धि से साबित होता है कि ग्राहकों द्वारा बड़े स्तर पर हमारे प्रोडक्ट को सराहा और अपनाया गया है और नए लॉन्च हुए उत्पादों को भी अच्छी प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। इंसान की जीवनशैली से जुड़ी एक बेहतर तकनीकि कंपनी बनने के अपने सफर में यह यकीनन एक मील का पत्थर है। इस वक्त भारत में हमारे तीन करोड़ यूजर्स हैं।" (आईएएनएस)
कोरोना से लड़ाई में भारत के लोग अपने तरीके आजमा रहे हैं. कहीं हल्दी वाला दूध है तो कहीं तुलसी वाला पानी और कहीं गौमूत्र. वैज्ञानिक आधार ना होने के बावजूद भारत में इसका एक बड़ा बाजार बन गया है.
नई दिल्ली में रहने वाली गृहिणी शशि कोविड-19 "इम्युनिटी पाउडर" का एक बड़ा चम्मच जग भर पानी में घोल कर हर सुबह अपने परिवार को पिलाती हैं. वो भारत के उन लोगों की बढ़ती जमात में शामिल हैं जो मानते हैं कि पारंपरिक नुस्खे उन्हें महामारी से बचा लेंगे.
भारत में कोरोना पीड़ितों की संख्या 80 लाख को पार कर गई और इस मामले में उससे आगे सिर्फ अमेरिका है. कोरोना की चपेट में आकर मरने वालों की तादाद 1,20,000 से ज्यादा है. इस बीच बड़ी संख्या में लोग प्राचीन "आयुर्वेदिक" दवाओं का रुख कर रहे हैं. आधुनिक भारत की कंपनियां लोगों की वैकल्पिक तरीकों की मांग पूरी करने में जुटी हुई हैं. हल्दी वाला दूध और तुलसी की बूंदों जैसे घरेलू नुस्खे आकर्षक पैकेटों में बिक्री के लिए स्टोर की शेल्फ तक पहुंच रहे हैं.
50 साल की शशी ने टीवी पर एक हर्बल ड्रिंक का विज्ञापन देखा जो आयुर्वेद और योग के दिग्गज बाबा रामदेव की कंपनी बेच रही है. उनका कहना है, "यह मेरे परिवार को कोरोनावायर से सुरक्षित रख सकता है, मैंने सोचा कि टीवी पर दिखा रहे हैं, तो यह अच्छा ही होगा." महामारी ने भारत की पहले से ही कमजोर स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में लोगों की व्याकुलता बढ़ा दी है. जानकारों का मानना है कि कम टेस्ट और कम रिपोर्ट होने के कारण भारत में असल मरीजों और बीमारी से मरने वालों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों से बहुत ज्यादा हो सकती है.
आयुर्वेदिक दवाएं कोरोना को रोकने में कितनी कारगर हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण फिलहाल नहीं है. हालांकि आयुर्वेद का कारोबार महामारी के पहले ही काफी बड़ा हो चुका है. लोग मान रहे हैं कि प्राकृतिक इलाज कैंसर से लेकर सर्दी जुकाम तक सब ठीक कर सकता है. भारतीय कारोबार संघ सीआईआई के मुताबिक इस समय यह उद्योग 10 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है.
आयुर्वेद उपचार बताने वाली भास्वती भट्टाचार्या का कहना है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन और दूसरे पारंपरिक इलाजों की कमी ने लोगों को प्राकृतिक उपचारों की तरफ जाने पर मजबूर किया है. भट्टाचार्या ने कहा, "आयुर्वेद 5,000 साल पहले लिखा गया और उसके कम से कम दो गुना समय पहले से हमारे आस पास मौजूद है. इसने प्लेग से लेकर चेचक और दूसरी कई महामारियां देखी हैं, इसलिए लोग कह रहे हैं - चलो देखते हैं, शायद यह काम कर जाए."
आयुर्वेद यानी "जीवन का विज्ञान" और दूसरे इलाजों को सरकार भी खूब बढ़ावा दे रही है. 2014 में सत्ता में आने के बाद केंद्र सरकार में इसके लिए बकायदा अलग से आयुष मंत्रालय का गठन किया गया. आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी को शामिल किया गया है. जनवरी में आयुष मंत्रालय ने पारंपरिक इलाजों को कोरोना वायरस से लड़ने का उपाय बताया. हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने बिना लक्षण वाले कोविड के हल्के संक्रमण से पीड़ितों का इलाज आयुर्वेद और योग से करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए.
केमिस्ट की दुकानों में अब आयुर्वेद की दवाएं अंग्रेजी दवाओं के साथ ही प्रमुखता से रखी जा रही हैं. दिल्ली में दूध बेचने वाली मदर डेयरी का कहना है कि उसके नए प्रॉडक्ट बच्चों के लिए "हल्दी वाला दूध" को भरपूर खरीदार मिले हैं. मदर डेयरी के प्रॉडक्ट चीफ संजय शर्मा ने बताया, "मांग बहुत, बहुत ज्यादा है तो हम इसके प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन को बढ़ा रहे हैं."
संजय शर्मा कहते हैं, "सेहत और प्रतिरक्षक क्षमता को बढ़ाने वाले सामान एक नई घटना हैं. यह एक मौका है ग्राहकों को सावधानी वाली स्वास्थ्यवर्धक चीजें किफायती दामों पर मुहैया कराने का."
हर्बल दवाइयां और क्रीम बनाने वाली प्रमुख कंपनी हिमालया ड्रग कंपनी के सीईओ फिलिप हेडन भी मान रहे हैं कि महामारी से पहले की तुलना में अब इन चीजों की मांग 10 गुना बढ़ गई है. हालांकि वैकल्पिक इलाज की भूख ने विवादित और छद्मविज्ञानी दावों का भी अंबार लगा दिया है जो कोविड-19 का "इलाज" करने की बात कह रहे हैं.
कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं होने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी के कई नेता गाय के गोबर और गौमूत्र से कोरोना वायरस का इलाज करने की हिमायत कर रहे हैं. जून में आयुष मंत्रालय ने योग गुरु रामदेव को"कोरोनिल" नाम की हर्बल दवा की मार्केटिंग बंद करने का आदेश दिया. स्वास्थ्य मंत्रील खुद भी एक डॉक्टर रहे हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी उनसे कहा कि वो कोरोना वायरस के इलाज में आयुर्वेद और योग के असरदार होने का सबूत दें. दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कम्युनिटी मेडिसिन प्रोफेसर आनंद कृष्णन कहते हैं, "इनमें से कोई भी कोविड-19 से आपका खास बचाव नहीं कर सकता. लोगों के लिए जरूरी यह है कि वो सामाजिक दूरी को अपनाएं, मास्क पहनें और हाथ धोएं."
एनआर/आईबी (एएफपी)
दुनिया के सबसे बड़े अमीर और भारत के सबसे बड़े अमीर आमने-सामने हैं और बीच में हैं 'भारत के रिटेल किंग' किशोर बियानी और उनका बिग बाज़ार.
बिग बाज़ार इसलिए, क्योंकि वही उनका सबसे मशहूर ब्रांड है. हालाँकि सौदा इससे बड़ा है और दाँव पर जो लगा है, वो तो उससे भी कहीं बड़ा है.
दुनिया के सबसे अमीर आदमी हैं अमेज़ॉन के जेफ़ बेज़ोस. इस बार उनकी जिससे ठनी है, वो हैं रिलायंस के मुकेश अंबानी, भारत के सबसे बड़े और दुनिया में चौथे नंबर के अमीर आदमी. दोनों के बीच तकरार की वजह हैं किशोर बियानी और उनका फ़्यूचर ग्रुप.
बीते रविवार को अमेज़ॉन ने सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय पंचाट सिंगापुर इंटरनेशल आर्बिट्रेशन सेंटर से एक अंतरिम आदेश जारी करवा लिया कि फ़्यूचर ग्रुप अपना कारोबार रिलायंस ग्रुप को नहीं बेच सकता. क्यों और कैसे पर आएँ, इससे पहले समझना ज़रूरी है कि यह सौदा है क्या.
बियानी का फ़्यूचर ग्रुप अपने सारे रिटेल और होलसेल कारोबार को रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचने के क़रार पर दस्तख़त कर चुका है.
अगस्त में दोनों कंपनियों ने एलान किया था कि इसके लिए रिलायंस क़रीब 24,700 करोड़ रुपये चुकाएगा.
दुनिया के सारे बड़े रिटेलरों की नज़र फ़्यूचर ग्रुप पर
तब भी इस बात पर सवाल उठ रहे थे कि आख़िर किशोर बियानी ऐसा सौदा क्यों कर रहे हैं, जिसमें उनका सबसे प्रिय ब्रांड बिग बाज़ार ही नहीं, पूरा रिटेल और होलसेल कारोबार बिक जाएगा और फिर भी कंपनी का या प्रोमोटर का पूरा क़र्ज़ उतर नहीं पाएगा.
यह बात समझना बहुत मुश्किल भी नहीं था. कंपनी ने पिछले कुछ सालों में नए कारोबार खड़े करने में काफ़ी रुपये ख़र्च किये थे और इसके लिए प्रोमोटर यानी बियानी परिवार ने अपने ख़ुद के शेयर भी गिरवी रखे हुए थे. उन्हें उम्मीद थी कि जल्दी ही बाज़ार सुधरेगा, कमाई बढ़ेगी और वो यह सारा क़र्ज़ उतारकर शेयर छुड़ा लेंगे.
किशोर बियानी काफ़ी समय से दुनिया के किसी बड़े रिटेलर से हाथ मिलाने की कोशिश में भी थे. वॉलमार्ट से भी उनकी लंबी बातचीत चली और दुनिया के कई और दिग्गजों से भी. फ़्रांस की कारफ़ुअर के साथ उनके समझौते की ख़बरें तो 10 साल पहले सुर्खियों में थीं.
संक्षेप में कहा जा सकता है कि दुनिया के सारे बड़े रिटेलर्स की नज़र फ़्यूचर ग्रुप पर थी, क्योंकि तब तक वो देश की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी थी. फ़्यूचर ग्रुप का मैनेजमेंट भी यह समझ रहा था कि आने-वाले वक़्त में टाटा, बिड़ला और रिलायंस जैसी कंपनियों के साथ मुक़ाबले में रहने के लिए उसे कोई बड़ा साझेदार तो चाहिए ही होगा.
अड़चन सिर्फ़ एक थी. भारत की विदेशी निवेश नीति. ख़ासकर रिटेल व्यापार में विदेशी निवेश को लेकर सभी सरकारें फूँक-फूँककर क़दम रखती रही हैं.
कोई भी विदेशी निवेशक तब तक किसी भारतीय कंपनी में पैसा लगाने से हिचकता रहता है, जब तक कि उसे कंपनी पर नियंत्रण या कम से कम दबाव बनाने लायक हिस्सेदारी न मिले.
रिटेल कारोबार के नियम इसे काफ़ी मुश्किल बना देते थे. हालांकि कुछ शर्तों के साथ अब सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 प्रतिशत तक और मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 प्रतिशत तक हिस्सेदारी विदेशी कंपनी ले सकती है. लेकिन इसका रास्ता भी आसान नहीं है.
तमाम कंपनियाँ इसकी शर्तों से सहमत नहीं होतीं. और दूसरी बड़ी अड़चन है कि ऑनलाइन रिटेलर यानी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नियम बिल्कुल अलग हैं.
यह छूट मिलने के बाद भी कोई ई-कॉमर्स कंपनी भारत में किसी रिटेल कंपनी में 10 प्रतिशत से ऊपर हिस्सा नहीं ले सकती और साथ में शर्त यह भी है कि इन दोनों कंपनियों के ऑनलाइन कारोबार और ऑफ़लाइन यानी दुकान, स्टोर, गोदाम वगैरह का आपस में कोई रिश्ता नहीं रह सकता.
ये नियम अजीब है, क्योंकि एक तरफ तो अमेज़ॉन ख़ुद भारत में जमकर कारोबार कर रहा है, दूसरी तरफ भारत से शुरू हुआ फ़्लिपकार्ट अब वॉलमार्ट के हाथ में पहुँच चुका है. लेकिन अमेज़ॉन के लिए फ़्यूचर ग्रुप या ऐसे किसी दूसरे रिटेलर का हिस्सा ख़रीदना अब भी आसान नहीं है.
दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन रिटेलर अमेज़ॉन
शायद इसीलिए कई रिटेलर अपने-अपने पार्टनर तलाश कर बैठे थे कि जैसे ही क़ानूनों में बदलाव होगा, हम अपना समझौता आगे बढ़ा लेंगे. इस तैयारी की वजह भी थी. वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम का अनुमान था कि 2030 तक भारत, अमरीका और चीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा रिटेल बाज़ार हो जाएगा.
इस साल देश के रिटेल कारोबार का आकार क़रीब 70 हज़ार करोड़ डॉलर है, जिसके 10 साल में बढ़कर क़रीब 1.3 लाख डॉलर हो जाने की आशा है.
ज़ाहिर है दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन रिटेलर अमेज़ॉन इस बाज़ार का बड़ा हिस्सा अपनी झोली में देखना चाहता है. यह उम्मीद भी लगातार बढ़ ही रही थी कि आज नहीं तो कल सरकार इस कारोबार में विदेशी निवेश का रास्ता आसान करेगी.
इसके पीछे बड़ा तर्क भी है. कारोबारियों से लेकर अर्थशास्त्रियों तक की ओर से यह सवाल लगातार उठ रहा है कि सरकार देश के पूरे रिटेल बाज़ार को एक मानकर क्यों नहीं देखती.
ऑफ़लाइन और ऑनलाइन यानी सुपरमार्केट और शॉपिंग पोर्टल के लिए अलग-अलग क़ानून कैसे रह सकते हैं.
शायद इसी पेशबंदी में अमेज़ॉन ने फ़्यूचर ग्रुप के साथ एक सौदा किया. पिछले साल यानी 2019 के अगस्त में अमेज़ॉन ने फ़्यूचर ग्रुप की कंपनी फ़्यूचर कूपन्स लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ख़रीदी.
यह कंपनी गिफ़्ट वाउचर, पेमेंट ऐप वगैरह का कारोबार करती है. यानी अगर आप बिग बाज़ार या सेंट्रल का गिफ़्ट वाउचर ख़रीदकर किसी को देते हैं, तो वो वाउचर इस कंपनी से आता है.
लेकिन बड़ी बात यह थी कि इस कंपनी के पास फ़्यूचर रिटेल लिमिटेड में लगभग 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी.
तो एक तरह से अमेज़ॉन ने समझा, या उसे समझाया गया कि अब उसने फ़्यूचर रिटेल में पैसा लगाने की शुरुआत कर दी है और जैसे ही नियम बदलेंगे, इस व्यवस्था को आगे बढ़ाया जा सकता है.
इस करार में यह लिखा है कि इससे अमेज़ॉन को यह अधिकार मिल जाता है कि वो फ़्यूचर रिटेल लिमिटेड में प्रोमोटर की पूरी या कुछ हिस्सेदारी ख़रीद सकता है.
इसके लिए उसे कॉल ऑप्शन दिए गए. ये कॉल ऑप्शन समझौते की तारीख़ के तीन साल पूरे होने से लेकर 10 साल ख़त्म होने तक शेयरों में बदले जा सकते थे.
जिस वक़्त इस समझौते का एलान हुआ, तब बाज़ार ने भी इसे यूँ ही पढ़ा कि अमेज़ॉन ने पिछले रास्ते से फ़्यूचर ग्रुप के कारोबार में हिस्सा ख़रीदने की शुरुआत कर दी है.
ध्यान रखना चाहिए कि यह करार अगस्त 2019 में हुआ था. फ़्यूचर ग्रुप उस वक्त फ़ूड हॉल, फ़ैशन एट बिग बाज़ार जैसे नए फॉर्मैट जमाने में और अपने पुराने ब्रांड बिग बाज़ार को बढ़ाने की कोशिश में लगा था.
पिछले छह-सात साल में वो कई दूसरी कंपनियाँ या उनके कारोबार ख़रीदकर लगातार अपना कारोबार बड़ा करने में जुटा था.
कोरोना महामारी से हुई समस्या
इस सबमें पैसे की ज़रूरत उसने कर्ज़ लेकर पूरी की. इसी वक़्त रिलायंस रिटेल का दबदबा बाज़ार में बढ़ रहा था और आईपीओ के बाद डी-मार्ट भी नए जोश से कारोबार फैलाता दिख रहा था.
देश के हालात भी सुधरने वाले हैं, ऐसी हवा चल रही थी, तो क़र्ज़ लेकर कारोबार बढ़ाने में कोई जोख़िम नहीं दिखता था. और यह भी ज़रूरी था कि ग्रुप इस कारोबार में अपना रुतबा बनाए रखे.
क़र्ज़ की ज़रूरत पूरी करने के लिए प्रोमोटर ने भी अपने काफ़ी शेयर गिरवी रखे हुए थे. उस वक़्त फ़्यूचर रिटेल का शेयर क़रीब 380 रुपये का चलता था, लेकिन इस साल फ़रवरी में अचानक इसके शेयरों में तेज़ी से गिरावट आई और कुछ ही समय में यह गिरकर 100 रुपये से नीचे पहुँच गया.
भाव गिरता है, तो क़र्ज़ देने वाले बैंक मार्जिन में और शेयर माँगते हैं. हालात यह हुए कि कुछ ही समय में प्रोमोटरों के क़रीब क़रीब सारे शेयर बैंकों के पास गिरवी हो गए.
यह गिरावट अचानक क्यों आई, इसका कोई तर्क सामने नहीं है. अटकलें बहुत सी हैं. कोई बियर कार्टेल या मंदड़ियों का गिरोह इन्हें पीटने में लगा था. या कोई बड़ी पार्टी भाव गिराकर इन्हें मजबूर कर देना चाहती थी. लेकिन फ़िलहाल यह सब सिर्फ़ सवाल हैं.
सूत्रों से पता चलता है कि इसके बावजूद शायद कारोबार संभल जाता, क्योंकि रोज़ की बिक्री इतनी हो रही थी कि नकदी का चक्र चल रहा था. लेकिन क़रीब क़रीब यही वक़्त था, जब कोरोना का हमला हुआ.
मार्च के महीने में लॉकडाउन एक तरह से मुसीबत का पहाड़ बन गया, क्योंकि अब हर रोज़ स्टोर में सामान बिकना और वहाँ से नकद पैसा आना भी बंद हो गया.
किशोर बियानी ने एक इंटरव्यू में कहा कि देशबंदी के बाद सारे स्टोर बंद हो गए और अगले तीन-चार महीनों में ही कंपनी को सात हज़ार करोड़ रुपये का नुक़सान झेलना पड़ा, जो बर्दाश्त से बाहर था.
आख़िरकार इसीलिए कंपनी को बेचने का फ़ैसला करना पड़ा. उनका कहना है कि इसके अलावा अब कोई चारा नहीं रह गया है.
सिंगापुर की पंचाट में कंपनी के वकील ने भी तर्क रखा है कि अगर यह सौदा नहीं हो पाया, तो कंपनी दीवालिया हो सकती है.
अब सवाल यह है कि अमेज़ॉन इस झगड़े को सिंगापुर क्यों ले गया और क्या यह सौदा अटक जाएगा?
इस पर कोई भी पक्ष कुछ कह नहीं रहा है. सिर्फ़ औपचारिक बयान ही सामने हैं. रविवार को सिंगापुर से निर्देश आने के साथ उसी रात रिलायंस की तरफ से बयान आया कि वो इस सौदे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
ऐसा ही बयान फ़्यूचर ग्रुप से भी आया. सूत्रों के हवाले से ख़बर आई कि फ़्यूचर ग्रुप इस अंतरिम आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दे सकता है, लेकिन फिर कोई हलचल हुई नहीं.
क़ानून के जानकारों का कहना है कि सिंगापुर की पंचाट का फ़ैसला भारत में सीधे लागू नहीं होता.
अगर विवाद में फँसे दोनों पक्ष उसकी बात मान लेते हैं तब तो कोई बात ही नहीं. लेकिन अब अगर फ़्यूचर ग्रुप सौदा रोकने को तैयार नहीं होता है, तो अमेज़ॉन को भारत की किसी अदालत में जाकर सिंगापुर का फ़ैसला दिखाना होगा और यहाँ से उसका अनुमोदन करवा कर फ़्यूचर ग्रुप को और रिलायंस को निर्देश जारी करवाना होगा. ऐसा नहीं हुआ तो सौदा चलता रहेगा.
दोनों आमने सामने आए क्यों?
सूत्रों के अनुसार, फ़्यूचर ग्रुप और रिलायंस अब पहल करने के बजाय इंतज़ार कर रहे हैं कि अमेज़ॉन मुक़दमा करे, तो वो जवाबी कार्रवाई करें. यह सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में हो सकती है क्योंकि फ़्यूचर और अमेज़ॉन के समझौते में विवाद दिल्ली में सुलझाने की बात शामिल है.
जानकारों की राय है कि फ़्यूचर ग्रुप के दो तर्क उसका केस मजबूत बनाते हैं. एक तो यह कि अमेज़ॉन के साथ करार में फ़्यूचर रिटेल कोई पार्टी या पक्ष नहीं था, इसलिए उसे अपना कारोबार बेचने का पूरा हक़ है. और दूसरा यह कि अगर यह सौदा नहीं हो पाया तो फ़्यूचर ग्रुप का दीवाला निकल सकता है. इससे न सिर्फ़ कंपनी बल्कि उसके हज़ारों कर्मचारी भी मुसीबत में आ जाएँगे.
अदालत में तो जो होगा, वो सामने आएगा. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आख़िर मुकेश अंबानी और जेफ़ बेज़ोस इस मसले पर आमने-सामने आए क्यों?
इसका जवाब है कि यह मामला फ़्यूचर ग्रुप या किसी एक कंपनी के सौदे का नहीं है. दोनों को ही दुनिया का सबसे चमकदार बाज़ार, बल्कि बिग बाज़ार दिख रहा है और उसे वो अपनी ही झोली में देखना चाहते हैं.
वो है भारत का रिटेल कारोबार. 10,900 स्टोर्स और एक लाख 30 हज़ार करोड़ रुपये की सालाना बिक्री वाली रिलायंस रिटेल अब देश की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी है और फ़्यूचर ग्रुप के साथ यह सौदा उसे 1700 स्टोर और क़रीब 20 हज़ार करोड़ की आमदनी और देगा.
लेकिन अमेज़ॉन की फ़िक्र इससे बहुत बड़ी है. वो भारत में साढ़े छह अरब डॉलर लगाने की योजना बनाकर बैठा है. उसे यहाँ सबसे बड़ी चुनौती रिलायंस से ही दिख रही है, क्योंकि उसके पास ना सिर्फ़ सबसे बड़ा रिटेल नेटवर्क है, बल्कि जियोमार्ट जैसा ऑनलाइन पोर्टल भी है और रिलायंस जियो जैसे ज़बरदस्त नेटवर्क का साथ भी.
जबकि अमेज़ॉन को सिर्फ़ ऑनलाइन कारोबार के भरोसे ही रहना है. उधर ऑनलाइन बाज़ार में उसके मुक़ाबले खड़े फ़्लिपकार्ट ने आदित्य बिड़ला फ़ैशन रिटेल में हिस्सेदारी ख़रीद ली है.
यही वजह है कि वो इस सौदे को रुकवाने के लिए ज़ोर लगा रहा है. चर्चा है कि सिंगापुर में उसने यह प्रस्ताव भी रखा कि फ़्यूचर ग्रुप यह सौदा तोड़ दे, तो वो नया ख़रीदार लाकर सौदा करवाने की ज़िम्मेदारी लेने को भी तैयार है.
लेकिन इस कारोबार को क़रीब से देख रहे लोगों को शक़ है कि बात सिर्फ़ इतनी नहीं है. यह भी हो सकता है कि अमेज़ॉन और फ़्यूचर ग्रुप के बीच अंदरखाने कोई सहमति बन रही हो.
लेकिन यह भी हो सकता है कि अमेज़ॉन सीधे रिलायंस के साथ कोई समझौता करना चाहता हो और फ़्यूचर के इस सौदे को ट्रंप कार्ड के तौर पर दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल कर रहा हो.
अब एक हफ़्ते का समय है. यानी अगले रविवार तक तस्वीर साफ़ होगी कि किसकी अगली चाल क्या होगी. (bbc)
रायपुर, 28 अक्टूबर। रामकृष्ण केयर अस्पताल, रायपुर के हृदय रोग विषेषज्ञ डॉ. जावेद परवेज ने बताया कि अक्टूबर का महीना सडन कार्डियक डेथ अवेयरनेस का माह है। हर वर्ष 10 लाख से भी अधिक भारतीयों की अचानक दिल की धडक़न रूकने से मृत्यु हो जाती है। यह एक विकार है जिसमें हृदय अचानक पंप करना बंद कर देता है और तुरंत मृत्यु हो जाती है। लगभग 80-90 प्रतिशत लोगों की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले हो जाती है। इसमें 85 प्रतिशत रोगियों की मृत्यु सही समय और तरीके से बायस्टेन्डर सी.पी.आर. जो कि जीवन रक्षक प्रतिक्रिया है न मिलने की वजह से हो जाती है।
डॉ. परवेज ने बताया कि लोग अक्सर हार्ट अटैक को कार्डियक अरस्े ट समझते है। परंतु हार्ट अटैक ह ृदय की रक्त आपूर्ति में बाधा का परिणाम है जबकि कार्डि यक अरेस्ट एक ऐसी समस्या है जहां या तो दिल बहुत तेजी से धडक़ता है या अचानक पूरी तरह से धड क़ना ब ंद कर देता है। छाती में तकलीफ घबराहट, बार-बार बेहोश होना, सांस लेने में कठिनाई इत्यादि जैसे लक्षण यदि महसूस होते हैं तो इन्हें चेतावनी का संकेत समझ डॉक्टर से तुरंत परामर्र्श लेना चाहिए। यदि आप किसी को अचानक गिरते हुए देखते हैं, पल्स कम है, सांस नहीं ले पा रहा है तो उसे तुरंत सी.पी.आर. देना शुरू करें। सही समय पर बायस्टेन्डर सी.पी.आर. मरीज का जान बचाने की संभावना 3-4 गुना बढ़ जाता है।
प्रारंभिक सी.पी.आर. में छाती को दबाकर म ुंह के द्वारा ऑक्सीजन दिया जाता है जिससे हृदय आम तरीके से पंप कर सके। बायस्टेन्डर सी.पी.आर. में केवल छाती में दबाव दिया जाता है।
रायपुर, 29 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी के कार्यकाल का 2 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर मारवाही में केक काटा गया।
कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं खनिज निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन द्वारा बधाई दी एवं राजेंद्र जग्गी के उज्जवल भविष्य कामना करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया। गुंडरदेही के विधायक कुंवर सिंह निषाद ने जग्गी को केक खिलाकर बधाई दी।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी व्यापार प्रकोष्ठ के महामंत्री विजय वर्मा, मारवाह ,पेंड्रा , गौरेला के जिलाध्यक्ष मनीष केसरी, प्रदेश सचिव विकी रतनानी, घनश्याम पांडे आदि उपस्थित थे।
रायपुर, 28 अक्टूबर। श्री शिवम जोकि सेंट्रल इंडिया में 3 राज्य 6 शहर और 2.5 लाख स्क्वेयर फिट रिटेल स्पेस के साथ दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, नागपुर, जबलपुर और भोपाल में मौजूद है। श्री शिवम जिसकी टैगलाइन द टुगेदर्नेस है। इसका मतलब यह है की टीम मेंबर और कस्टमर सबके साथ हम एक फैमिली है।
इस टैगलाइन को ध्यान में रखते हुए श्री शिवम में इस वेडिंग और फेस्टिव सीजन में कपल ड्रेस लॉन्च किया है जिसमें ब्राइड के घाघरे को ग्रुम के शेरवानी या इंडो वेस्टर्न से मैच करके थीम बनाई जाती है।
शादी को लेकर ब्राइड एवं ग्रुम के बहुत बड़े-बड़े सपने होते हैं और यह लाइफ का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण इवेंट होता है ऐसे टाइम पर हर कपल्स चाहता है की उनकी ड्रेस भी आपस में थीम मैं हो।
इस बार की सबसे अच्छी बात यह है कि इस बार जो डिजाइंस घाघरा चुन्नी में इवनिंग गाउन में और मेंस में शेरवानी में और इंडो वेस्टर्न में आई है वह बिल्कुल नए कलर थीम के साथ और नए पैटर्न के साथ लांच की गई है। यह कैसा समय है की इस समय ब्राइड ग्रूम डिस्प्ले किए गए नए फॉरवर्डिंग कलेक्शन मैं अपने हिसाब से पसंद कर ऑर्डर दे सकते हैं और कस्टमाइज भी करा सकते हैं।
श्रीशिवम के डायरेक्टर गोपाल मंत्री से बात करने पर पता चला अभी पूरा मार्केट जिस चैलेंज को फेस कर रहा वह है कारीगर के कम होने के कारण डिजाइनर स्टॉक नहीं बना पा रहे हैं यह बात हमें पहले ही समझ आ गई थी इसलिए हमने इसकी पूरी तैयारी कर रखी है और हमने 3 महीने पहले से ही स्टॉक बनवाना चालू कर दिया था जिससे ब्राइड एंड ग्रूम को अपना मनचाहा स्टॉक मिल सकता है।
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर | निर्यात मांग बढ़ने और त्योहारी सीजन में खरीददारी बढ़ने की उम्मीदों से गार्मेंट सेक्टर के कामकाज में तेजी आई है, लेकिन पूरे कपड़ा उद्योग में मजदूरों व कारीगरों की कमी अभी भी बरकरार है। कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उद्योग-धंधा बंद हो जाने पर औद्योगिक नगरों से मजदूर व कारीगर वापस घर लौट गए थे।
कारोबारी बताते हैं कि कपड़ा उद्योग में काम करने वाले करीब 40 फीसदी मजदूर अब तक वापस काम पर नहीं लौटे हैं।
अनलॉक के विभिन्न चरणों में जैसे-जैसे बाजार व दुकानें खुलने लगी और कपड़ों की खरीददारी बढ़ने लगी गार्मेंट सेक्टर का कामकाज पटरी पर लौटने लगा। अब यूरोपीय देश और अमेरिका समेत अन्य देशों से भारतीय कपड़ों की मांग बढ़ने लगी है। इसके अलावा कारोबारी आगे त्योहारी सीजन और सर्दियों के कपड़ों की घरेलू खरीददारी बढ़ने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
लुधियाना नीटर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट अजित लाकड़ा ने आईएएनएस बताया कि गार्मेंट की निर्यात मांग लॉकडाउन के दौरान जो ठप पड़ गई थी उसमें सुधार हुआ है और विदेशों से ऑर्डर आने लगे हैं, मगर पिछले साल की तुलना में अभी भी करीब 40 फीसदी निर्यात मांग कम है। हालांकि किसान आंदोलन से रेल यातायात प्रभावित होने से कारोबार पर असर पड़ने को लेकर उन्होंने चिंता जाहिर की। लाकड़ा ने कहा कि रेल यातायात प्रभावित होने से कपड़ों का निर्यात समय पर नहीं होने से ऑर्डर रद्द होने की चिंता सता रही है।
मजदूर व कारीगरों की कमी को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जो मजदूर व कारीगर घर वापस हो गए थे उनमें से सारे लोग अभी तक नहीं लौटे हैं इसलिए मजदूरों की कमी तो बरकरार है, लेकिन पहले कामकाज भी उतना नहीं था इसलिए ज्यादा दिक्कत नहीं आई। कपड़ा उद्योग में जैसे-जैसे कामकाज बढ़ रहा है मजदूरों और कारीगरों की कमी महसूस की जा रही है।
कारोबारी बताते हैं कि अन्य उद्योगों में काम करने वाले ज्यादातर मजदूरों की वापसी हो चुकी है, लेकिन कपड़ा उद्योग में रिकवरी देर से शुरू हुई इसलिए घर लौटे मजदूरों की वापसी की दर कम है।
देश का कपड़ा उद्योग प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है और यह कृषि के बाद रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है, जो कोरोना काल में काफी प्रभावित रहा है। हालांकि अब कपड़ों की घरेलू खरीददारी भी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है जिससे इस उद्योग में रिकवरी की दर तेज हो गई।
निटवेअर एंड अपेरल मन्युफैक्च र्स एसोसिएशन ऑफ लुधियाना के प्रेसीडेंट सुदर्शन जैन ने बताया कि दशहरे के दौरान कपड़ों की घरेलू खरीदारी में थोड़ी तेजी आई और आगे दिवाली व अन्य त्योहार है जिसमें कपड़ों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सर्दियों में घरेलू बाजारों में ऊनी कपड़ों की खरीददारी बढ़ने की उम्मीद है, जिसे लेकर गार्मेंट सेक्टर के कामकाज में सुधार हुआ है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले उत्पादन महज 40-50 फीसदी ही है।
उन्होंने बताया कि गार्मेंट सेक्टर में पिछले साल के मुकाबले अभी करीब 60 फीसदी मजदूर हैं और 40 फीसदी मजदूर नहीं लौटे हैं। जैन ने भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान जितने मजदूर घर लौटे थे वे सारे अब तक वापस नहीं लौटे हैं। रेडीमेड गार्मेंट के एशिया के सबसे बड़े बाजार में शुमार दिल्ली के गांधीनगर मार्केट में भी त्योहारी सीजन में रौनक लौटी है, मगर कारोबारियों के सामने मजदूरों व कारीगरों की किल्लत की समस्या बनी हुई है।
गांधीनगर के कपड़ा कारोबारी हरीश कुमार ने बताया कि ऑर्डर तो अब मिलने लगे हैं लेकिन मजदूरों की समस्या अभी भी बनी हुई है। उन्होंने कहा, ''हमें इस समय 50-60 फीसदी मजदूरों से अपना काम चलाना पड़ा है।'' हरीश कुमार ने बताया कि मजदूरों की समस्या के साथ-साथ पूंजी का अभाव भी छोटे उद्योगों के लिए बड़ी समस्या है।
--आईएएनएस