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रायपुर, 4 अप्रैल। चरौदा के मंगल साधना केंद्र में रविवार को ऐतिहासिक दीक्षा हुई। ऐतिहासिक इसलिए क्योंकि यहां होनी तो एक दीक्षा थी, लेकिन हुई दो। एकाएक बनी इस परिस्थिति से लोग आश्चर्यचकित भी हुए और उत्साहित भी। संयम पथ के प्रति दीक्षार्थियों के ऐसे समर्पण ने समाज की खुशियां दोगुनी कर दीं।
मंगलम् दीक्षा महोत्सव समिति के अध्यक्ष ललित पटवा ने बताया कि रायपुर के 77 वर्षीय तेजकरण बैद की दीक्षा के लिए रविवार को चरौदा स्थित मंगलम साधना केंद्र में भव्य तैयारियां की गई थीं। इससे पहले शनिवार शाम ही समाजजनों को आचार्य शिव मुनि का एक पत्र प्राप्त हुआ जिसमें महाराष्ट्र के अमित लाहोटी को भी दीक्षा देने की सहमति दी गई थी।
इसके बाद छत्तीसगढ़ प्रवर्तक रतन मुनि ने रविवार को दोनों मुमुक्षुओं की दीक्षा एक साथ संपन्न कराई। समिति के सचिव सचिव टीकमकचंद छाजेड़ और कोषाध्यक्ष अनिल कुचेरिया ने बताया कि दीक्षा से पहले मुमुक्षुओं का केश लोचन कर वेश बदला गया। इस दौरान परिवारजनों ने उन्हें अश्रुपुरित विदाई दी।
करीब 2 हजार लोग इस ऐतिहासिक महोत्सव के साक्षी बने। यहां गौतम प्रसादी की व्यवस्था भी की गई थी जिसके लाभार्थी श्रीमति शकुंतला हुकमचंद जी, अशोक जी, कमल जी, ललित जी पटवा परिवार रहे।