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रायपुर, 29 अप्रैल। अग्रसेन महाविद्यालय ने बताया कि ं महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में न्यू मेथोडोलॉजी इन रिसर्च प्रजेंटेशन विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला के तीसरे दिन आज दुर्ग स्थित के.के. मोदी विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ़ मेनेजमेंट के प्राध्यापक प्रो. विक्रम सिंह ने एनालिटिकल टूल्स एप्लाइड फॉर एडवांस्ड रिसर्च विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में शोध कि दुनिया में अनेक प्रकार के सॉफ्टवेयर और टूल्स प्रचलित हैं. लेकिन जानकारी के अभाव में हम उन सुविधाओं का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाते. उन्होंने कहा कि आज के समय में शोध कार्य को व्यवस्थित और प्रभावी बनाने के लिए अनेक प्रकार की तकनीक भी उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि किन्तु उनसे परिचित नहीं हो पाने के कारण हम अपने शोध कार्य को पारंपरिक ढंग से ही करते रहते हैं. जबकि इसमें समय, संसाधन और ऊर्जा का अधिक खर्च होता है. इसीलिए आज के शोधार्थियों को अपने विषय में शोध करने से पहले उपलब्ध तकनीकों और टूल्स की जानकारी होना आवश्यक है। हर एक शोधार्थी को गूगल स्कॉलर, ऑर्किड और रिसर्च-गेट जैसे प्लेटफार्म का उपयोग करना चाहिए. साथ ही एनालिसिस के लिए उपलब्ध फ्री सॉफ्टवेयर का उपयोग भी अवश्य करना चाहिए।
प्रो विक्रम ने कहा कि हमें शोध के विषय ऐसे चुनने चाहिए जिनकी प्रासंगिकता आज के समय में बनी हुई है. युवाओं को शोध अध्ययन से जोडऩे के लिए उनकी रूचि के विषय का चयन और डाटा कलेक्शन किये जाने चाहिए, ताकि उस अध्ययन में वे सही तरीके से विषय की जानकारी प्राप्त कर सकें. प्रो. विक्रम ने पावर प्वाइंट प्रस्तुति के जरिये एनालिटिकल टूल्स के विभिन्न पहलुओं की व्याख्या की. इसमें सांख्यिकी के विभिन्न सूत्र और हाइपोथिसिस टेस्टिंग की प्रक्रिया को भी उन्होंने विस्तार से समझाया।