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पेट्रोल और डीज़ल की क़ीमतों का बोझ कम करने के लिए राज्य सरकारों से टैक्स कम करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर विपक्षी पार्टियों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने तो कई सवाल पूछ डाले हैं, तो उनकी पार्टी शिवसेना ने भी इस पर ऐतराज़ किया है. कांग्रेस ने भी नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर उन्हें आड़े हाथों लिया है. जबकि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे हैं.
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के बाद शिवसेना की प्रवक्ता और सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि कोरोना के नाम पर बुलाई गई बैठक में राजनीति की गई. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि केंद्र सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी से 26 लाख करोड़ रुपए कमाए हैं. प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट में लिखा है- ईंधन की क़ीमत जब कम थी, तब भी 18 बार इसकी क़ीमतें बढ़ाई गईं. जबकि राज्यों का जीएसटी का हिस्सा अब भी बकाया है. उन्होंने कहा कि ईंधन पर कुल टैक्स में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 68 फ़ीसदी है और ज़िम्मेदारी राज्यों की है. इसे समझने की ज़रूरत है.
कांग्रेस ने भी ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी से केंद्र की कमाई का ज़िक्र किया है. कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार ने ईंधन पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 26 लाख करोड़ की कमाई की है. कांग्रेस ने कहा- मोदी जी, आप एक मिसाल क़ायम करके शुरुआत क्यों नहीं करते. आप उत्पाद शुल्क वापस ले लीजिए.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी एक के बाद एक कई ट्वीट्स करके मोदी सरकार को घेरा है. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है- मोदी जी, कोई आलोचना नहीं, कोई ध्यान भटकाना नहीं, कोई जुमला नहीं. कांग्रेस के शासनकाल में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपए और डीज़ल पर 3.56 रुपए था. जबकि मोदी सरकार में ये 27.90 रुपए और 21.80 रुपए है. आप इस बढ़ोत्तरी को वापस ले लीजिए.
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने भी पीएम मोदी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है. पार्टी ने अपने ट्वीट में लिखा है- श्री नरेंद्र मोदी, हम आपका ध्यान उन अहम आंकड़ों की ओर खींचना चाहते हैं, जो शायद आप अपने 'ज्ञान बाँटो' सत्र में भूल गए होंगे. भारत सरकार पर पश्चिम बंगाल सरकार का 97807.91 करोड़ बकाया है. क्या आपको इस पर रोशनी डालने की परवाह है? क्या हमारा बकाया चुकाने की कोई योजना है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना पर बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की बैठक में पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती क़ीमतों को लेकर राज्यों से अपने यहाँ टैक्स कम करने की अपील की थी. पीएम मोदी ने कहा- पेट्रोल डीज़ल की बढ़ती क़ीमत का बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में पिछले नवंबर में कमी की थी. राज्यों से भी आग्रह किया गया था कि वो अपने यहाँ टैक्स कम करें. कुछ राज्यों ने तो अपने यहाँ टैक्स कम कर दिया, लेकिन कुछ राज्यों ने अपने लोगों को इसका लाभ नहीं दिया.
उन्होंने महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड और तमिलनाडु का नाम लेते हुए कहा कि इन राज्यों ने किसी न किसी कारण से केंद्र सरकार की बातों को नहीं माना और उन राज्य के नागरिकों पर बोझ पड़ता रहा. (bbc.com)