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बालको मेडिकल सेंटर ने तम्बाकू लत, कैंसर से मिलकर मुकाबला करने किया जागरूक
31-May-2022 3:35 PM
बालको मेडिकल सेंटर ने तम्बाकू लत, कैंसर से मिलकर मुकाबला करने किया जागरूक

रायपुर, 31 मई। वल्र्ड नो टोबैको डे 31 मई को वार्षिक रूप से मनाया जाता है।  इसका उद्देश्य लोगों में तम्बाकू से होने वाले दुष्प्रभावों से अवगत कराना  और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के रोकथाम में मदद करना है।  टोबैको एपिडेमिक पूरी दुनिया में स्वास्थ्य खतरों में सबसे ख़तरनाक रूप ले रहा है।  करीब 80त्न तम्बाकू उपभोगता निम्न से मध्यम सामाजिक एवं आर्थिक देशों में पाएं जाते हैं।  परिणाम स्वरुप हमारे देश में तम्बाकू के 267 मिलियन उपभोगता है।  

15 साल से ऊपर की आयु (29 प्रतिशत व्यस्क) तम्बाकू के आदि है।  चीन के बाद भारत तम्बाकू की लत में विश्व में सबसे अग्रणी है।  परिणाम स्वरुप, भारत, तम्बाकू से होने वाली बीमारियों, जिसमें कैंसर सबसे ख़तरनाक जानलेवा बीमारी है, उसके ज्वालामुखी पर है जो फूटने की कगार पर है।

तम्बाकू से विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ होती हैं जैसे कैंसर (मुँह,अन्ननली, श्वासनली, छाती), मसूड़ों की बीमारी, रक्तचाप, खांसी, सी.औ.पी.डी.,एवं ब्रोंकाइटिस।  तम्बाकू बीड़ी, सिगरेट, खैनी, गुटका, मिश्री, गुडाकु, गुल के तौर पर छत्तीसगढ़ और आस पास के इलाकों में प्रयोग किया जाता है।  तम्बाकू में पाए जाने वाला निकोटीन इंसान को तम्बाकू पर निर्भर बनाता हैं, जिस वजस से आप उसे छोड़ नहीं पाते।

युवा शौकिया तौर पर, दिखावे के लिए इसे शुरू करते है पर इसके चक्रव्यूह में फस जाते है।  छोटे बच्चों में गुटखा, सुपारी की आदत माता पिता द्वारा तम्बाकू के प्रयोग से होती है-एक तरफ आसानी से घर में मिल जाना, दूसरी तरफ माँ बाप द्वारा इसका सेवन करना बच्चो में इसके प्रति कोई भय या संकोच नहीं पैदा करता। छोटी उम्र में तम्बाकू के शिकार बच्चों को दुष्प्रभावों की ओर ढकेल देता है।

बालको मेडिकल सेंटर ने इन चुनौतियों को समझते हुए एक अत्याधुनिक सुविधा तैयार की है जो कैंसर से लडऩे में सरकार और समाज के साथ खड़ी है। बालको मेडिकल सेंटर पूरे छत्तीसगढ़ और मध्य भारत में कई कैंसर जांच एवं जागरूकता शिविर आयोजित करता है। अत्याधुनिक मशीनों से सुसज्जित इस अस्पताल में कैंसर के इलाज हेतु 50 से भी अधिक डॉक्टरों की टीम है।

यहाँ जांच के लिए हर प्रकार की बायोपसी, इमेजिंग (सी.टी., एम्.आर.आई., पैट सी. टी., स्पेक्ट सी. टी., अल्ट्रासाउंड) मौजूद है।  विश्वस्तरीय शल्य चिकित्सा, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, इम्मुनोथेरपी एवं नुक्लेअर मेडिसिन द्वारा इलाज की व्यवस्था यहां एक ही छत के नीचे उपलब्ध है।  कैंसर के अंतिम पड़ाव में तथा दर्द निवारण के लिए पैन एंड पॉलिएटिव केयर की व्यवस्था भी है।

बालको मेडिकल सेंटर में हमारा सबसे पहला उद्देश्य है कैंसर की रोकथाम, उसके बाद इलाज। तम्बाकू तथा किसी भी प्रकार की लत से छुटकारा पाने के इच्छुकों के लिए हमारे विशेषज्ञ सहायता हेतु उपलब्ध है।  आई. सी. एम्. आर. द्वारा किये गए सर्वेक्षण के अनुसार तम्बाकू से होने वाले कैंसर भारत में होने वाले सभी कैंसर का 27त्न भाग है।  2017-18 में जी.डी.पी. का 1त्न भाग सिफऱ् तम्बाकू से होने वाली बीमारी और उसके प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव पर खर्च हुआ है। अपने देश था युवा पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए उन में तम्बाकू के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता लाना आवश्यक है। आइए इसकी शुरुआत हम अपने प्रियजनों एवं आस-पास के लोगों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों के बारे में बता कर एवं इसकी लत छोडऩे के लिए प्रेरित करके करें।

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