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बेंगलुरु, 12 सितंबर। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक लड़के का लिंग परिवर्तन करने के लिए कथित तौर पर ऑपरेशन करने वाली एक चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया है।
अदालत ने के.आर. पेट निवासी चिकित्सक की याचिका स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जो मामले में एक आरोपी है। लड़के को ट्रांसजेंडर लोगों ने अगवा किया था, जिनका मकसद उससे वेश्यावृत्ति कराना और उगाही करने में इस्तेमाल करने का था।
मामले की जांच अब अपराध जांच विभाग (सीआईडी) कर रहा है।
डॉ. अनिता पाटिल की याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की पीठ ने अपने हालिया आदेश में कहा, ‘‘आरोप है कि यह तथाकथित ऑपरेशन लड़के की सहमति के बिना किया गया। इस विषय में मुकदमे की कार्यवाही की ही गुंजाइश बचती है।’’
चिकित्सक ने अपनी याचिका में दलील दी है कि उन्होंने ऑपरेशन नहीं किया था।
उच्च न्यायालय ने कहा कि जबरन लिंग परिवर्तन किये जाने का आरोप भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, दोनों के तहत एक अपराध है।
पीड़ित की दादी ने 11 फरवरी 2018 को मूल शिकायत दायर की थी। (भाषा)