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उद्योग संचालन और श्रमिकों-कर्मचारियों को हो रही समस्याओं पर मुख्य सचिव से संगठनों की मुलाकात
14-Nov-2022 2:49 PM
उद्योग संचालन और श्रमिकों-कर्मचारियों को हो रही समस्याओं पर मुख्य सचिव से संगठनों की मुलाकात

रायपुर, 14 नवंबर। उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, छ.ग. चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज एवं छ.ग. उद्योग चेम्बर के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य सचिव छ.ग. शासन अमिताभ जैन से सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधी मंडल ने प्रदेश में स्थापित उद्योगो के संचालन एवं उद्योगो में कार्यरत श्रमिकों एवं कर्मचारियों को वर्तमान में आ रही समस्याओं से अवगत कराया।

प्रतिनिधी मंडल ने मुख्य सचिव महोदय को बताया कि राज्य शासन द्वारा घोषित प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थानिय निकायों द्वारा लगातार उद्योगो को संपत्तिकर एवं निर्यातकर की नोटिस जारी किया जा रहा है। एवं टैक्स वसुली का दबाव बनाया जा रहा है जो कि न्यायसंगत नही है, क्योकि औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित उद्योग राज्य शासन के ही उपक्रम सी.एस.आई.डी.सी. के जमीन पर है। जिसका मालिकाना हक राज्य शासन का ही है एवं सी.एस. आई.डी.सी के द्वारा उद्योगो से लीज रेन्ट, मेन्टेनेंस चार्ज एवं अन्य चार्ज इत्यादि प्रतिवर्ष लिया जाता है एवं औद्योगिक क्षेत्र का रखरखाव एवं सभी मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, सडक इत्यादि सी.एस.आई.डी.सी के द्वारा ही प्रदान की जाती हैै।
नगर निगम अर्थात स्थानिय निकायों के द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की सुविधाए नही प्रदान की जाती है। अत: स्थानिय निकायों के द्वारा टैक्स लगाया जाना यह उचित नही है।

इसी संदर्भ में भारत की संसद ने सभी स्थानिय निकायों से पृथक इंडस्ट्रीयल टॉउन शिप की अवधारणा 01 जुन 1993 से पूरें भारत देश में लागू कर दी गयी। हमारे देश के अन्य राज्यों जैसे तेलंगाना, गुजरात, राजस्थान, केरल, मध्यप्रदेश इत्यादि ने औद्योगिक क्षेत्रों को स्थानिय निकायों से पृथक रखते हुए इंडस्ट्रीयल टॉउन शिप का गठन किया गया है एवं संपत्तिकर से छुट प्रदान की गयी है।

छ.ग. की नवीन उद्योग पालिसी 2019-24 एवं छ.ग. मुनीस्पिल कार्पोरेशन में भी शासन द्वारा घोषित औद्योगिक पार्को को स्थानिय निकायों से पृथक रखने का प्रोविजन किया गया है। अत: छ.ग. में भी राज्य शासन द्वारा घोषित औद्योगिक क्षेत्रों/पार्को कों स्थानिय निकायों की सीमा से पृथक रखा जाना चाहिए एवं इंडस्ट्रीयल टॉउन शिप गठन किया जाना चाहिए। इससें निश्चित ही हमारे प्रदेश के उद्योगो में एक नई उर्जा का संचार होगा एवं हमारा प्रदेश औद्योगिकीकरण में देश में एक मॉडल के रूप में जाना जायेगा।

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