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भाषण सुन झूम उठे कांग्रेसी, हाथ मिलाने तांता लगा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 फरवरी। भारत जोड़ो यात्रा के बाद एआईसीसी अधिवेशन में राहुल गांधी के भाषण का अंदाज एकदम बदला हुआ था। वो यात्रा के दौरान का अपना इमोशनल अनुभव सुनाया, तो अडानी के मसले पर प्रधानमंत्री और भाजपा पर तीखे वार किए। उनके तेवर पर कांग्रेसजन झूम उठे। और जब राहुल गांधी का भाषण खत्म हुआ, तो मंच पर तमाम नेताओं ने उनसे मिलकर बधाई दिए बिना नहीं रह सके।
राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं के साथ 1977 का एक किस्सा शेयर किया। राहुल ने कहा, मैं 1977 में 6 साल का था। मुझे चुनाव के बारे में नहीं पता था। मैंने मां से पूछा कि क्या हुआ? मां ने कहा कि हम घर छोड़ रहे हैं। तब तक मुझे लगता था कि वह हमारा घर है... मैं इस बात पर हैरान था। पहली बार मां ने बताया कि ये हमारा घर नहीं है। सरकार का घर है। अब हमें यहां से जाना है। मैंने मां से पूछा, कहां जाना है। कहती हैं- नहीं मालूम। राहुल ने बोला आज 52 साल हो गए, मेरे पास घर नहीं है। हमारे पास जो घर है, वह इलाहाबाद में है। वह भी अब हमारा नहीं है।
उन्होंने कहा कि घर को लेकर उनका अजीब सा रिश्ता है। यात्रा के दौरान मैंने अपने ऑफिस के लोगों को बुलाया और जहां जाते थे, वहां सडक़ के किनारे एक खाली जगह पर लोगों से मेल-मुलाकात करता था। राजनीति की बात नहीं करते थे। महिलाएं उनसे क्या कहती थी वो नहीं बता सकते। युवाओं के दर्द क्या था, यह नहीं समझा सकता। एक बार एक महिला उनसे मिलने आईं, और बताई कि मेरा पति मारपीट करता है। अभी भी पिटकर आई हूं, और फिर पिटने के लिए जा रही हूं। राहुल ने कहा कि ऐसी लाखों-करोड़ों महिलाओं का दर्द है।