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रायपुर, 7 मई। श्री रावतपुर सरकार विश्वविद्यालय में खेती एवं खाद से सम्बंधित बहुपरत खेती के महत्पूर्ण बिन्दुओं पर 1 से 5 मई तक पॉँच दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशॉप में वक्ता के तौर पर मध्य प्रदेश के सागर जिले के एक बहु पुरस्कार विजेता और विश्व विख्यात कृषि अन्वेषक आकाश चौरसिया ने छात्रों को पाँच दिनों तक मार्गदर्शित किया, उन्हें जैविक कृषि में नवीन कृषि तकनीकों के लिए जाना जाता है।
उन्होंने इन पाँच दिनो में खेती से सम्बंधित जानकारी के लिए सर्वप्रथम मिटटी से सम्बंधित विषय पर जानकारी दी, तत्पश्चात खेती कि अर्थव्यवस्था में बताया कि कैसे एक बीज चार दिनो के अन्दर स्वयं ही सौ बीजों में बदलता है7 खेती में बहुत सी समस्या है जिसमें खाद, बीज, पानी, जलवायु, सुरक्षा, जानवरों , बाजार जिनके उपाय एवं नवीनीकरण के बारे में भी बताया गया।
उन्होंने बताया की हमारे अंदर प्रतिरोध क्षमता ( रेजिस्टेंस पावर) बहुत होती है, किसी भी बीमारी से लडऩे के लिए, हमारा शारीर तीन दिन के अंदर ही प्रतिरोध क्षमता उत्पन करता है लेकिन हमारी इम्यूनिटी इतनी कम हो गई है कि प्रतिरोध क्षमता बन ही नहीं रही है,और हम जो एंटीबायोटिक ले रहे है वो फयदा ही नहीं कर रही है,इसलिए हमने सोलर ड्रायर तकनीक को तैयार किया हैजिसके माध्यम से हम नार्मल टेम्परेचर में ही पानी को वाष्पित कर सकते है।