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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी पहुंचकर कहा है कि 'काशी के लोग मुझे सिखा देते हैं, मैं उन्हें कुछ सिखा नहीं सकता.'
पीएम मोदी कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए वाराणसी पहुंचे थे.
उन्होंने वाराणसी में हुई जी20 बैठक का ज़िक्र करते हुए कहा कि उन्हें यकीन है कि काशी के लोग सब संभाल लेंगे.
मोदी ने इस मौक़े पर विपक्ष को भी निशाने पर लिया और कहा, "पहले लोकतंत्र के नाम पर केवल गिने चुने लोगों के हित साधे जाते थे, ग़रीबों की कोई पूछ नहीं थी. भाजपा के शासन काल में लाभार्थी वर्ग सेकुलरिज़्म का उदाहरण बन चुका है."
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने देश पर दशकों तक राज किया उनके शासन के मूल में बेईमानी रही.
उन्होंने कहा, "2014 से पहले भ्रष्टाचारी और परिवारवादियों की सरकारों के दौरान ऐसा ही कारोबार चलता था. बजट की बात आती थी तो घाटे का, नुक़सान का ही बहाना होता था लेकिन आज ग़रीब कल्याण हो या इंफ्रास्ट्रक्चर बजट की कमी नहीं है."
"बीते नौ सालों में आए परिवर्तन का सबसे बड़ा उदाहरण भारतीय रेल का है. 2006 में ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (मालगाड़ियों के लिए विशेष परियोजना) में शुरू हुई थी, लेकिन 2014 तक एक किलोमीटर ट्रैक भी नहीं बन पाया था. बीते नौ सालों में इसका बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है."
50 साल पहले देश में राजधानी एक्सप्रेस चलाई गई, लेकिन इतने सालों में भी ये केवल 16 रूटों में ही चल पाई है. इसी तरह शताब्दी 30-35 साल पहले चली, लेकिन ये भी 19 रूटों पर ही चल रही है. इनसे अलग वंदे भारत एक्सप्रेस है जो चार साल में 25 रूट पर चलनी शुरू हो चुकी है." (bbc.com/hindi)