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पुलिस को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, सीबीआई ने जांच सही ठहराया
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 14 दिसंबर। महासमुंद जिले के किशनपुर में चार लोगों की निर्मम हत्या के पांच आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस फैसले पर पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने तसल्ली व्यक्त की है।
यह घटना 31 मई 2018 को हुई थी, जिसमें एएनएम योगमाया साहू, उसके पति व उनके दो बच्चों की हत्या कर दी गई थी। तब संतोष कुमार सिंह महासमुंद के पुलिस अधीक्षक थे। उन्होंने बताया कि यह एक जघन्य अपराध था जिसके लिए उन्होंने पुलिस टीमों को अपराधियों तक हरसंभव पहुंचने का निर्देश दिया। घटना के तीन दिन बाद ही एक आरोपी धर्मेंद्र बरीहा के आधार पर 3 जून को पकड़ा गया। उसके घटनास्थल से पीड़ित का कुछ गायब सामान उसके घर से बरामद हुआ। लेकिन, सिर्फ अपनी संलिप्तता स्वीकार की और किसी के बारे में कुछ भी खुलासा नहीं किया।
अभियुक्त और न्यायालय की अनुमति के बाद कुछ महीनों बाद उसके नार्को टेस्ट से चार और लोगों के नाम सामने आए। साक्ष्य एकत्र किए गए जो नार्को निष्कर्षों की पुष्टि कर सकते थे। कई आरोप लगाए गए और पुलिस पर कुछ अन्य संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज करने का दबाव बनाया गया था। जांच के बाद कुल पांच आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया गया। बाद में पुलिस की जांच व चालान के खिलाफ परिजनों के आवेदन पर माननीय हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश दिए गए। सीबीआई ने अपना प्रतिवेदन कोर्ट में प्रस्तुत किया जिसमे उन्होंने पुलिस जांच को सही ठहराया और इन पांच के अलावा किसी अन्य की संलिप्तता नहीं पाई। आखिरकार कल बड़ा फैसला आ गया और पांचों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा मिली। घटना जांच में लंबे समय तक लगी पूरी टीम ने पीड़ित को न्याय मिलने के फैसले पर खुशी जाहिर किया है।