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भारत में फ्रेशर्स को नौकरी देने का इरादा 6 फीसदी बढ़ा, ई-कॉम और टेक स्टार्टअप आगे
13-Feb-2024 3:26 PM
भारत में फ्रेशर्स को नौकरी देने का इरादा 6 फीसदी बढ़ा, ई-कॉम और टेक स्टार्टअप आगे

नई दिल्ली, 13 फरवरी  । भारत में फ्रेशर्स को नौकरी देने का इरादा 2024 की पहली छमाही (जनवरी-जून 2024) में बढ़कर 68 प्रतिशत हो गया है। यह 2013 की पहली छमाही से छह प्रतिशत ज्यादा है, जिसमें ई-कॉमर्स और टेक स्टार्टअप आगे हैं। इसका खुलासा मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में हुआ है।

शिक्षण और रोजगार समाधान प्रदाता टीमलीज एडटेक के अनुसार, नौकरी चाहने वालों की सभी श्रेणियों के लिए समग्र भर्ती की मंशा मामूली रूप से बढ़कर 79.3 प्रतिशत हो गई है, जो नए लोगों के लिए आने वाले महीनों में पॉजिटिव जॉब मार्केट का संकेत देती है।

नए लोगों के लिए सबसे ज्यादा नियुक्ति की मंशा वाले टॉप तीन उद्योग ई-कॉमर्स और प्रौद्योगिकी स्टार्टअप (55 प्रतिशत), इंजीनियरिंग और बुनियादी ढांचा (53 प्रतिशत) और दूरसंचार (50 प्रतिशत) हैं।

टीमलीज एडटेक के संस्थापक और सीईओ शांतनु रूज ने कहा, ''हमारा हालिया सर्वे भारत की विकास कहानी में नियोक्ताओं के भरोसे को दर्शाता है। संगठन अपने भविष्य के पथ के बारे में अधिक आश्वस्त हैं, जो नई प्रतिभाओं को भर्ती करने और अपने प्रतिभा पूल को मजबूत करने के उनके उच्च आत्मविश्वास को दर्शाता है।"

रिपोर्ट के अनुसार, नए लोगों के लिए ग्राफिक डिजाइनर, लीगल एसोसिएट, केमिकल इंजीनियर और डिजिटल मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव जैसी भूमिकाओं की इंडस्ट्री में काफी मांग है।

रिपोर्ट में फ्रेशर्स के नौकरी परिदृश्य पर जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के प्रभाव पर भी गहराई से चर्चा की गई है। सॉफ्टवेयर डेवलपर्स, टेक्निकल राइटर्स, कानूनी सहायक, बाजार अनुसंधान विश्लेषक और ग्राफिक डिजाइनर जैसी भूमिकाओं में बदलाव की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, नए लोगों को प्रासंगिक बने रहने और इसकी क्षमता का दोहन करने के लिए सक्रिय रूप से अपने कौशल को उन्नत करने और जेनरेटिव एआई के साथ काम करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

टीमलीज एडटेक के एम्प्लॉयबिलिटी बिजनेस के प्रमुख और सीओओ जयदीप केवलरमानी ने कहा, "वर्कफ़्लो को बदलने के लिए जेनरेटिव एआई ऑटोमेशन के साथ, फ्रेशर्स को एआई सिस्टम के साथ प्रभावी ढंग से सहयोग करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।"

शहरों में, बेंगलुरु 69 प्रतिशत नियुक्ति के इरादे के साथ सबसे आगे है। इसके बाद मुंबई 58 प्रतिशत और चेन्नई 51 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है। दिल्ली में यह 45 प्रतिशत है, जो 2023 के दूसरे हाफ से 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।

(आईएएनएस)

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