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- आबकारी सचिव ने थमाया नोटिस
- सात दिनों के भीतर मांगा स्पष्टीकरण
- धारा-31 के अंतर्गत कार्यवाही की चेतावनी
रायपुर, 25 अप्रैल। प्रदेश में देशी-विदेशी शराब की आपूर्ति करने वाले डिस्टलरियों से शराब की आपूर्ति रोकने की शिकायत प्राप्त हुई हैं। कार्यालय आबकारी आयुक्त व सचिव आर.शंगीता ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तीन डिस्टलरियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया हैं। श्रीमती शंगीता ने सात दिनों के भीतर नोटिस का जवाब मांगा हैं, साथ ही धारा -31 के अंतर्गत कार्यवाही की चेतावनी भी दी हैं। जिन डिस्टलरियों को नोटिस मिला हैं,उसमेंसंचालक मेसर्स भाटिया, वाईन मर्चेंट, प्रा. लिमिटेड ग्राम धूमा, मुंगेली, मेसर्स वेलकम डिस्टिलरीज प्राइवेट लिमिटेड, छेरकाबांधा,बिलासपुर और मेसर्स छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज लिमिटेड ग्राम खपरी, कुम्हारी दुर्ग है। इन्हें 24 अप्रैल 2024 को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया।
उक्त नोटिस में स्पष्ट उल्लेख हैं कि अप्रैल से 23 अप्रैल 2024 के बीच छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड से प्राप्त अप्रैल माह हेतु जारी स्टॉकिंग आदेश के विरूद्ध आसवनियों द्वारा देशी-विदेशी शराब की पूर्ति नहीं की गई है। इतना ही नहीं जिन भंडारण भंडागार के लिए स्टॉकिंग आर्डर प्राप्त किए गए हैं, उनके विरूद्ध भी देशी मदिरा , मसाला व प्लेन प्रदाय नहीं किया गया है। आबकारी सचिव श्रीमती शंगीता ने कहा कि विभाग ने पहले ही तय कर लिया हैं कि ग्राहकों के मन पसंद के मुताबिक शराब उपलब्ध कराई जाएगी,ऐसी स्थिति में डिस्टलरी द्वारा अपनी पसंद और सुविधानुसार भंडारण भंडारगारों में देशी मदिरास, मसाला व प्लेन का प्रदायकरना आबकारी शर्तों के अनुबंध के विपरीत हैं,इसके लिए आबकारी अधिनियम के तहत एक लाख और पांच लाख रुपए की शास्ति देय होगा। साथ ही छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के किन्ही उपबंधों या उनके अधीन बनाए गए किसी नियम के उल्लंघन पर यह अनुज्ञप्ति आबकारी आयुक्त द्वारा रद्द की जाएगी।
आबकारी सचिव श्रीमती शंगीता ने तीनों डिस्टलरी को छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 31 के अंतर्गत कार्यवाही करने का निर्देश जारी करते हुए कारण बताओ नोटिस दिया है, और सात दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही सभी जिला आबकारी अधिकारियों को भी निर्देशित किया हैं, किसी भी सूरत में दुकानों में शराब की कमी न हो और अनवरत शराब की सप्लाई दुकानों तक पहुंचे। इसमें इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि ग्राहकों की मांग पर शराब की आपूर्ति हो सके।