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![मोइली कमेटी के सामने पूर्व सीएम की कार्यशैली, भ्रष्टाचार और उपेक्षा को हार की वजह बताई कांग्रेसजनों ने मोइली कमेटी के सामने पूर्व सीएम की कार्यशैली, भ्रष्टाचार और उपेक्षा को हार की वजह बताई कांग्रेसजनों ने](https://dailychhattisgarh.com/uploads/article/1719725696irappa_moili_Bilaspur.jpeg)
बिलासपुर, 30 जून। कांग्रेस की हार के कारणों की पड़ताल के लिए वीरप्पा मोइली के नेतृत्व में पहुंची फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सामने सरगुजा व बिलासपुर संभाग के कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री की कार्यशैली, कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, उम्मीदवारों की देर से घोषणा, वरिष्ठ नेताओं के बीच समन्वय का अभाव जैसे कई कारणों को सामने रखा। मोइली ने कहा कि कोरबा सीट पर मिली जीत एक उदाहरण है, जिसका फॉलो किया जाएगा।
एआईसीसी की मोइली कमेटी रायपुर संभाग की सीटों पर हार के कारणों पर कार्यकर्ताओं से राय-मशविरा लेने के बाद शनिवार को सुबह बिलासपुर पहुंची। उनके साथ फैक्ट फाइंडिग कमेटी के सदस्य हरीश चौधरी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत, सांसद ज्योत्सना महंत, छत्तीसगढ़ प्रभारी विजय जांगिड़, चंदन यादव, लोकसभा प्रभारी सुबोध हरितवाल भी थे।
उन्होंने छत्तीसगढ़ भवन में सुबह 11 बजे नेताओं और कार्यकर्ताओं से अलग-अलग चर्चा शुरू की जो शाम 7 बजे तक चली। इस दौरान बिलासपुर, जांजगीर, रायगढ़, सरगुजा के प्रत्याशियों और कोरबा की सांसद ने भी अपनी बात रखी। इसके अलावा दोनों संभागों से विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, जिला अध्यक्ष विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्ष, नगर-निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत व जिला पंचायत के पदाधिकारी भी पहुंचे थे। कमेटी ने आम कार्यकर्ताओं से मुलाकात नहीं की। वे करीब 90 लोगों की एक सूची लेकर आए थे, उनसे ही चर्चा की।
मोइली को यहां रात रुकना था और उसके बाद आज कांकेर में बैठक लेने वाले थे, लेकिन वे दिल्ली वापस लौट गए। अब कमेटी के सदस्य बचे हुए संभाग बस्तर और दुर्ग की समीक्षा कर रिपोर्ट दिल्ली ले जाएंगे।
चूंकि मोइली कमेटी ने बंद कमरे में चर्चा की और इसे बाहर बताने से भी मना किया गया था, इसलिये अधिकारिक रूप से कोई भी बयान नहीं दिया गया। बिलासपुर सीट की चर्चा के दौरान नेताओं ने कहा कि प्रत्याशी देवेंद्र यादव का नाम देर से घोषित किया गया। वरना हम बिलासपुर सीट जीतने की स्थिति में थे। यादव को स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल बनाने का मौका नहीं मिला। वे अकेले ही कम समय में प्रचार करते रहे। सरगुजा और कोरबा के पदाधिकारियों ने संगठन स्तर पर बड़े बदलाव की जरूरत बताई। कोरबा में जीत के बावजूद जिन सीटों पर कांग्रेस पिछड़ी है उसे लेकर भी चर्चा की गई। रायगढ़ के पदाधिकारियों ने बताया कि जिन सीटों पर विधानसभा में कांग्रेस आगे रही, लोकसभा में उसमें भी पिछड़ गई। इसका कारण भी प्रत्याशी और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय का अभाव रहा। पार्टी अपने मुद्दे जनता तक नहीं पहुंचा पाई। जांजगीर सीट को लेकर कहा गया कि कांग्रेस को जो वोट विधानसभा चुनाव के समय मिले थे वे लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी को चले गए। शहरी इलाकों में ठीक मेहनत नहीं हुई। कार्यकर्ताओं में यहां भी तालमेल का अभाव रहा।
छत्तीसगढ़ भवन के बाहर पदाधिकारियों के बीच चल रही चर्चा के दौरान यह साफ हुआ कि कांग्रेस शासनकाल के दौरान मुख्यमंत्री की कार्यशैली से कार्यकर्ताओं में नाराजगी थी। उनके करीबी पार्टी के लोगों और अफसरों के भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने का असर लोकसभा चुनाव में भी दिखा है।
बिलासपुर को लेकर की गई समीक्षा के दौरान लोकसभा प्रत्याशी देवेंद्र यादव, शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी, कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया ,पूर्व विधायक शैलेष पांडेय, रश्मि आशीष सिंह, जगजीत मक्कड़, सियाराम कौशिक ,महापौर रामशरण यादव , प्रदेश पदाधिकारी, विभिन्न ब्लॉक के अध्यक्ष, महिला कांग्रेस, सेवादल व कांग्रेस एवं विभिन्न इकाईयों के प्रमुखों ने अपना विचार रखा। इसके बाद जांजगीर लोकसभा से प्रत्याशी डॉ शिव डहरिया, विधायक व्यास कश्यप, संदीप साहू, बालेश्वर साहू, उमेश पटेल, शेषराज हरबंस सहित संगठन के पदाधिकारी कमेटी से मिले। रायगढ़ लोकसभा से प्रत्याशी डॉ मेनका सिंह, विधायक उत्तरी जांगड़े, कविता लहरे एवं संगठन के पादधिकारी मिले। सरगुजा लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी शशि सिंह ,पूर्व मंत्री अमरजीत भगत. प्रेम साय टेकाम, एवं संग़ठन के पदाधिकारियों ने अपनी बात रखी।
कोरबा लोकसभा क्षेत्र से सांसद ज्योत्सना महंत, पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, पूर्व विधायक पुरुषोत्तम कंवर, मोहित केरकेट्टा ,रामपुर विधायक फूल सिंह राठिया, पूर्व विधायक के के ध्रुव, कोरबा महापौर, जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुरेंद्र जायसवाल, हरीश परसाई, मनोज गुप्ता, पूर्व विधायक विनय जायसवाल, पूर्व विधायक अम्बिका सिंहदेव सहित संगठन के पदाधिकारियों ने चर्चा की।
बिलासपुर लोकसभा सीट से बड़ी संख्या में प्रतिनिधि मौजूद थे, जिनमें आशीष सिंह ठाकुर,महेंद्र गंगोत्री, ऋषि पांडेय, पंकज सिंह, राकेश शर्मा, राजू यादव, अरविंद शुक्ला आदि शामिल थे।