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कांग्रेस अब परजीवी हो गई है, सहयोगी दलों की कीमत पर फल-फूल रही है: प्रधानमंत्री मोदी
02-Jul-2024 7:35 PM
कांग्रेस अब परजीवी हो गई है, सहयोगी दलों की कीमत पर फल-फूल रही है: प्रधानमंत्री मोदी

नयी दिल्ली, 2 जुलाई। कांग्रेस पर अराजकता फैलाने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि मुख्य विपक्षी दल को अब से परजीवी पार्टी के रूप में जाना जाएगा जो अपने सहयोगी दलों की कीमत पर फलती फूलती है।

कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी 2024 से परजीवी कांग्रेस पार्टी के रूप में जानी जाएगी। परजीवी वो होता है जो जिस शरीर के साथ रहता है, उसी को खाता है। कांग्रेस भी जिस पार्टी के साथ गठबंधन करती है, उसी के वोट खा जाती है। अपनी सहयोगी पार्टी की कीमत पर फलती फूलती है। इसलिए कांग्रेस परजीवी कांग्रेस बन चुकी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जब परजीवी कह रहा हूं तो तथ्यों के आधार पर कह रहा हूं। जहां-जहां भाजपा और कांग्रेस का सीधा मुकाबला था या कांग्रेस बड़ी पार्टी थी, वहां कांग्रेस का ‘स्ट्राइक रेट’ सिर्फ 26 प्रतिशत है। लेकिन जहां ये किसी का पल्लू पकड़कर चलते थे, जहां जूनियर सहयोगी थे, जहां किसी अन्य दल ने उन्हें कुछ मौका दे दिया, ऐसे राज्यों में कांग्रेस का ‘स्ट्राइक रेट’ 50 प्रतिशत है।’’

उन्होंने ‘इंडिया’ गठबंधन में कांग्रेस के सहयोगी दलों का जिक्र करते हुए कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस को मिलीं 99 सीट में से ज्यादातार सीट उनके सहयोगियों ने उन्हें जिताई हैं इसलिए यह परजीवी कांग्रेस है।

मोदी ने कहा कि 16 राज्यों में जहां कांग्रेस अकेले लड़ी, वहां उसका वोट प्रतिशत इस चुनाव में गिर गया।

उन्होंने द्रमुक, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस आदि दलों का नाम लिए बिना कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि कांग्रेस के साथी दलों ने इस चुनाव के परिणाम का विश्लेषण किया या नहीं। इन साथियों के लिए भी चुनाव में संदेश है। गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में जहां कांग्रेस अपने दम पर लड़ी, वहां 64 में से 2 ही सीट जीत पाई। इसका साफ मतलब है कि इस चुनाव में कांग्रेस पूरी तरह परजीवी बन चुकी है और अपने सहयोगी दलों के कंधे पर चढ़कर उन्होंने सीटों का आंकड़ा बढ़ाया है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘अगर कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के जो वोट खाए हैं, वो ना खाए होते तो लोकसभा में उनके लिए इतनी सीट भी जीत पाना बहुत मुश्किल था।’’

सदन में राष्ट्रपति अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस के लोगों को कहूंगा कि जनादेश को फर्जी जीत के जश्न में मत गंवाओ, ईमानदारी से देशवासियों के जनादेश को जरा समझने की कोशिश करो, उसे स्वीकार करो। देश ने विकास के रास्ते को चुना है, विकसित भारत के सपने को साकार करने का मन बना लिया है।’’

उन्होंने मुख्य विपक्षी दल को घेरते हुए कहा कि पार्टी के नेता दक्षिण भारत में उत्तर के खिलाफ बोलते हैं तो उत्तर में जाकर पश्चिम के खिलाफ जहर उगलते हैं, ये महापुरुषों के खिलाफ बोलते हैं और इन्होंने भाषा के आधार पर बांटने की हर कोशिश की है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जिन नेताओं ने देश के हिस्सों को भारत से अलग करने की वकालत की थी, उन्हें चुनाव में टिकट देने का पाप कांग्रेस ने किया है। कांग्रेस पार्टी खुलेआम एक जाति को दूसरी जाति के खिलाफ लड़ने के लिए अफवाह फैला रही है।’’

मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस देश में आर्थिक अराजकता फैलाने की दिशा में सोची समझी चाल चल रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव के दौरान जो बातें की गईं। वे (कांग्रेस) अपने शासन वाले राज्यों में जिस तरह के कदम उठा रहे हैं, वो आर्थिक अराजकता की तरफ घसीटने वाला रास्ता है। उनके राज्य देश पर आर्थिक बोझ बन जाएं, ये खेल जानबूझकर खेला जा रहा है। मंचों से साफ-साफ घोषणा की गई कि मन का परिणाम नहीं आया तो चार जून को देश में आग लगा दी जाएगी, लोग एकत्रित होंगे, अराजकता फैलाएंगे। इनका यही मकसद है।’’

प्रधानमंत्री के संबोधन शुरू होने से पहले कांग्रेस सदस्यों ने मणिपुर के मुद्दे पर कुछ देर बोलने की अनुमति लोकसभा अध्यक्ष से मांगी जिस पर अध्यक्ष ने कहा कि मणिपुर के सांसद को बोलने का मौका कल दिया जा चुका है।

इसके बाद कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर ‘मणिपुर को न्याय दो’ के नारे लगाने लगे।

प्रधानमंत्री के पूरे भाषण के दौरान विपक्षी नेता नारेबाजी करते रहे।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नेता प्रतिपक्ष (राहुल गांधी) को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सदन के नेता बोल रहे हैं और आप अपने सदस्यों को आसन के पास आने का निर्देश देते हैं। यह तरीका सही नहीं है और संसदीय परंपराओं के विरुद्ध है।’’

बिरला ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों को बोलने का पर्याप्त समय दिया गया, उसके बाद सबसे पुरानी पार्टी का यह व्यवहार संसदीय परंपराओं के अनुरूप नहीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2024 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के लिए जनता ने आदेश दिया है कि वह विपक्ष में ही बैठे। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस के पास तर्क खत्म हो जाते हैं तो वे इसी तरह चीखते चिल्लाते रहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के इतिहास का यह पहला मौका है जब लगातार तीन बार कांग्रेस सौ का आंकडा पार नहीं कर पाई। कांग्रेस के इतिहास में उसकी यह तीसरी सबसे बड़ी हार है, तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन है। अच्छा होता कांग्रेस अपनी हार स्वीकार करती, जनता के आदेश को सर आंखों पर रखती, आत्ममंथन करती। लेकिन ये तो शीर्षासन करने में लगे हैं।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसका ‘इकोसिस्टम’ दिनरात हिंदुस्तान के नागरिकों के मन में यह बात बैठाने की कोशिश कर रहे हैं कि ‘‘उन्होंने हमें हरा दिया है।’’

मोदी ने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि हारने वाले का झूठ बोलकर उत्साहवर्धन किया जा रहा है।

उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘ आजकल बच्चे का मन बहलाने का काम चल रहा है। कांग्रेस के लोग और उनका तंत्र आजकल ये मन बहलाने का काम कर रहे हैं।’’

उन्होंने कांग्रेस को मिलीं 99 सीटों का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा संदेश दिया जा रहा है मानो उन्हें ‘100 में से 99 अंक मिले हों, जबकि ये अंक उन्हें 543 में से मिले हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब उस बालकबुद्धि को कौन समझाए कि तुमने फेल होने का विश्व रिकार्ड बना दिया है।’’

उन्होंने सदन में सोमवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भाषण का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हमने कल सदन में यही बचकाना हरकत देखी है। कल यहां बालकबुद्धि का विलाप चल रहा था.... मुझे मारा गया, मुझे इसने मारा, मुझे उसने मारा। सहानुभूति हासिल करने के लिए नया नाटक चलाया गया।’’

मोदी ने कहा, ‘‘देश सचाई जानता है कि ये हजारों करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में जमानत पर बाहर हैं। ये ओबीसी वर्ग के लोगों को चोर बताने के मामले में सजा पा चुके हैं। इनको देश की सर्वोच्च अदालत में गैर जिम्मेदाराना बयान के लिए माफी मांगनी पड़ी है। इन पर महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर जैसे महान व्यक्तित्व का अपमान करने का मुकदमा चल रहा है। देश की सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष को हत्यारा कहने का मुकदमा इन पर चल रहा है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘बालकबुद्धि में न बोलने का ठिकाना होता, न व्यवहार का कोई ठिकाना होता है। इनकी सच्चाई पूरा देश समझ गया है। आज देश इनसे कह रहा है कि तुमसे ना हो पाएगा।’’

इससे पहले प्रधानमंत्री ने पहली बार चुनकर आए सांसदों की चर्चा में भाग लेने के लिए प्रशंसा की।

उन्होंने कहा कि देश की जनता ने भाजपा को तीसरी बार चुना है और कुछ लोगों की पीड़ा समझी जा सकती है कि लगातार असत्य चलाने के बावजूद उनकी घोर पराजय हुई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के बाद के कालखंड में दस साल के इतने कम समय में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का सफल प्रयास इस चुनाव में ‘‘हमारे लिए जनता के आशीर्वाद का कारण बना।’’

उन्होंने कहा कि आज दुनिया में भारत की साख बढ़ी है और देश की जनता ने देखा है कि हमारा एक मात्र लक्ष्य राष्ट्र सर्वप्रथम है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सर्वपंथ समभाव के विचार को सर्वोपरि रखते हुए देश की सेवा करने का प्रयास किया है। इस देश ने लंबे अरसे तक तुष्टीकरण की राजनीति देखी, लंबे समय तक तुष्टीकरण का शासन का मॉडल देखा। हम तुष्टीकरण नहीं, संतुष्टीकरण के विचार को लेकर चले हैं।’’

उन्होंने कहा कि सरकार ‘सेचुरेशन’ के सिद्धांत को लेकर काम करती है जो सच्चे अर्थों में सामाजिक न्याय होता है, धर्मनिरपेक्षता होती है।

उन्होंने कहा कि हम ‘‘सभी के लिए न्याय, किसी का तुष्टीकरण नहीं’’ के सिद्धांत को लेकर चले हैं।

उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भाजपा ने विकसित भारत के संकल्प के लिए जनता से आशीर्वाद मांगा और जनता ने इस संकल्प को चार चांद लगाकर फिर से एक बार विजयी बनाकर उन्हें सेवा का अवसर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि विकसित भारत के जिस संकल्प को लेकर हमें चले हैं, उसकी पूर्ति के लिए भरसक प्रयास करेंगे, पूरीनिष्ठा, ईमानदारी से करेंगे और हमारा समय का पल-पल , हमारे शरीर का कण कण विकसित भारत के सपने को पूरा करने में लगाएंगे।’’

मोदी ने कहा कि 2014 के पहले देश निराशा के गर्त में चला गया था, देशवासियों का आत्मविश्वास डगमगा गया था और उस समय सामान्य मनुष्य के मुंह से यही बात निकलती थी कि ‘‘इस देश का कुछ नहीं हो सकता।’’

उन्होंने कहा कि ये सात शब्द भारतीयों की हताशा के पहचान बन गए थे, लेकिन 2014 में देश की जनता ने ‘‘हमें सेवा करने के लिए चुना और सरकार की सबसे बड़ी सफलता यह रही कि देश निराशा के गर्त में से निकलकर आशा और विश्वास के साथ खड़ा हो गया।’’

उन्होंने कहा कि 2014 के बाद देशवासी कहने लगे कि ‘‘इस देश में सबकुछ हो सकता है। सबकुछ संभव है। हमने यह विश्वास पैदा करने का काम किया।’’

मोदी ने कहा कि 2014 से पहले आतंकवादी जहां चाहे आकर हमला करते थे और निर्दोष लोग मारे जाते थे और सरकारें चुप बैठी रहती थीं। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन 2014 के बाद का हिंदुस्तान घर में घुसकर मारता है। सजिर्कल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक करता है और आतंकवाद के आकाओं को सबक सिखाने का सामर्थ्य हमने दिखा दिया।’’

उन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि वोट बैंक को राजनीति का हथियार बनाने वालों ने जम्मू कश्मीर के लोगों के अधिकार छीन लिए थे और वहां की सीमा के अंदर संविधान नहीं पहुंचने दिया था।

मोदी ने कहा, ‘‘संविधान सिर पर रखकर नाचने वाले लोग जम्मू कश्मीर में संविधान लागू करने का हौसला नहीं रखते थे। वे बाबासाहेब आंबडकर का अपमान करते थे। कश्मीर में सेना पर पत्थर चलते थे। आज 370 की दीवार गिरी, पत्थरबाजी बंद है लोकतंत्र मजबूत है। लोग बढ़ चढ़कर भारत के संविधान में भरोसा रखते हुए, तिरंगे पर भरोसा रखते हुए, लोकतंत्र पर भरोसा रखते हुए मतदान के लिए आगे आ रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि आजादी की जंग के समय देश में जो उत्साह और विश्वास का भाव था, आज देश के करोड़ों लोगों में वो विश्वास पैदा हुआ है जिसके कारण एक प्रकार से इस चुनाव में ‘विकसित भारत’ की मजबूत नींव रख दी गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘जो ललक आजादी के आंदोलन में थी, वो विकसित भारत के सपने को साकार करने में है।’’

उन्होंने कहा कि आज भारत के लक्ष्य बहुत विराट हैं, आज भारत ऐसी स्थिति में पहुंचा है कि हमें खुद से स्पर्धा करनी है, अपने ही रिकार्ड तोड़ने हैं, विकास यात्रा को अगले स्तर पर ले जाना है।’’

उन्होंने कहा कि दस साल में हमने भारत को मोबाइल फोन का बड़ा विनिर्माता बना दिया, भारत को मोबाइल फोन का बड़ा निर्यातक बना दिया। मोदी ने कहा कि अब यही काम सेमीकंडक्टर और अन्य क्षेत्रों में करने जा रहे हैं जिससे दुनिया के महत्वपूर्ण कामों में इस्तेमाल होने वाली चिप भारत में बनेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम आधुनिक भारत की ओर जाएंगे, लेकिन जड़ों से जुड़े रहेंगे।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक चार करोड़ लोगों के लिए मकान बन चुके हैं और इस कार्यकाल में तेज गति से तीन करोड़ और मकान बनाए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे तीसरे कार्यकाल में हम तीन गुना गति से काम करेंगे। तीसरे कार्यकाल का मतलब है कि तीन गुना शक्ति लगाएंगे और देशवासियों को तीन गुना परिणाम देंगे।’’ (भाषा)

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