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राजपथ-जनपथ : एक जुलाई को इतनी पैदाइश !
02-Jul-2024 3:59 PM
राजपथ-जनपथ : एक जुलाई को इतनी पैदाइश !

एक जुलाई को इतनी पैदाइश !

वैसे तो एक जुलाई को डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है पर व्हाट्सएप समूहों, फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निगाह डालने से आपको मालूम हुआ होगा कि इस दिन आपके अनेक दोस्तों, परिचितों और वर्चुअल मित्रों का जन्मदिन था। और विश्लेषण करें तो पता चलेगा कि इन सब की उम्र 50-55 साल और उससे अधिक है। क्या वाकई 1 जुलाई ऐसा खास दिन है, जब ज्यादा लोग जन्म ले लेते हैं। एक 80 बरस के बुजुर्ग को जब जन्मदिन की बधाई दी गई तो उन्होंने बधाई को स्वीकार तो किया, फिर बताया कि स्कूल में दाखिले के लिए पिताजी लेकर गए थे। मास्टरजी ने जो जन्मदिन लिख दिया, वही रिकॉर्ड में आ गया। असल जन्मदिन तो मालूम नहीं, पर साल में एक दिन तो मनाना है, मना लेते हैं। आप किसी अपने को पूछकर देखें कि क्या वाकई उन्हें ठीक से पता है कि उनका जन्म एक जुलाई को हुआ? पता चलेगा कि कुछ तो सचमुच इस दिन पैदा हुए, बहुत लोग का जन्मदिन स्कूल में दाखिले के दिन से जुड़ा है। कोई बुरी बात नहीं, जिस दिन से लोग शिक्षा ग्रहण करना शुरू करते हैं, उसी दिन वास्तव में उनका जन्म होता है।  

जिला पंचायतों में ऑडिट कब?

ग्राम पंचायतों में होने वाले खर्च की सोशल ऑडिट ग्राम सभा बुलाकर कराई जाती है लेकिन जनपद और जिला पंचायत की ऑडिट राज्य सरकार का लेखा एवं अंकेक्षण विभाग करता है। हाल ही में नगरीय निकायों के लिए डिप्टी सीएम ने ऑडिट अनिवार्य किया है। पर जिला व जनपद पंचायतों के खर्च को लेकर उस विभाग के मंत्री का कोई बयान नहीं है। एक बानगी देखिये- दंतेवाड़ा जिला पंचायत में दो साल बाद एक गड़बड़ी सामने अब आई है, जिसमें 78 लाख रुपये का भुगतान फर्जी तरीके से स्वच्छ भारत मिशन के फंड से कर दिया गया। दो साल तक ऑडिट नहीं हुई, इसलिये अब गड़बड़ी सामने आई। इसके चेक में जिला पंचायत से तत्कालीन सीईओ आईएएस आकाश छिकारा के हस्ताक्षर हैं। छिकारा ने हस्ताक्षर फर्जी बताया है। उस समय के एकाउंटेंट का भी कहना है कि उन्होंने किसी चेक पर दस्तखत नहीं किए। रुपये निकल गए, किसी का ध्यान नहीं गया। दो साल बाद अब जाकर एफआईआर हुई है। पुलिस कितना रूचि लेगी, असली आरोपी पकड़े जाएंगे भी या नहीं, कुछ नहीं कह सकते। पर यह तय है कि जिला पंचायतों में भी ऑडिट कराना उतना ही जरूरी है, जितना नगरीय निकायों में।

कानून बदलने से क्या बदलेगा?

कानून नया हो या पुराना। इसका फायदा तभी है जब इसे अमल में लाने की ईमानदारी से कोशिश की जाए। सोशल मीडिया पर यह नसीहत देते हुए एक पोस्ट इस तस्वीर के साथ डाली गई है। ([email protected])

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