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सोमवार को लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 18वीं लोकसभा में पहला भाषण दिया. इस भाषण को लेकर काफ़ी चर्चा है. इसके कुछ हिस्सों को सदन की कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है.
अपने भाषण के हिस्सों को रिकॉर्ड से हटाए जाने पर राहुल गांधी ने कहा है कि मोदी जी की दुनिया से सच हटाया जा सकता है, लेकिन हक़ीक़त से सच नहीं हटाया जा सकता.
उन्होंने मंगलवार को संसद के बाहर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा- “मोदी जी की दुनिया में सच्चाई एक्सपंज (हटायी) हो सकती है लेकिन हक़ीक़त में सच्चाई हटाई नहीं जा सकती. जो मुझे कहना था कह दिया जितना हटाना है, हटा दीजिए. जो सच्चाई है, वो सच्चाई ही रहेगी.”
सोमवार को लोकसभा में राहुल गांधी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे.
यहां राहुल गांधी ने बीजेपी और उसकी राजनीति को निशाने पर लिया.
उन्होंने कहा कि "शिवजी कहते हैं डरो मत,डराओ मत. अभय मुद्रा दिखाते हैं (दाहिना हाथ सीधा रखते हुए हथेली दिखाते हैं),अहिंसा की बात करते हैं लेकिन जो लोग अपने आप को हिंदू कहते हैं,वे चौबीसों घंटे नफ़रत,हिंसा और झूठ फैलाते हैं.”
उनके भाषण को बीच में ही रोक कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आपत्ति जताई.
अमित शाह ने सदन के स्पीकर ओम बिड़ला से कहा कि जो कुछ भी नेता प्रतिपक्ष कह रहे हैं उसे सत्यापित किया जाना चाहिए. इसके बाद स्पीकर ने कहा कि वह भाषण को सत्यापित किए जाने का आदेश दे रहे हैं.
अब बताया जा रहा है कि राहुल गांधी के भाषण के कुछ हिस्सों को सदन के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है.
राहुल गांधी के भाषण को बीच में रोकते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि“ नेता प्रतिपक्ष हिंदू समुदाय को हिंसक कह रहे हैं.”
इसके जवाब में तुरंत राहुल गांधी ने कहा, “सिर्फ़ नरेंद्र मोदी,बीजेपी और आरएसएस हिंदू समाज नहीं हैं,हम सब भी हिंदू हैं.”
राहुल गांधी ने अपने भाषण में धर्म,मंहगाई,अग्निवीर योजना,नीट पेपर लीक केस और किसानों के मुद्दों पर बात की. (bbc.com)