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![रोहित शर्मा: 275 रुपये स्कूल फ़ीस माफ़ होने से वर्ल्ड कप चैंपियन तक रोहित शर्मा: 275 रुपये स्कूल फ़ीस माफ़ होने से वर्ल्ड कप चैंपियन तक](https://dailychhattisgarh.com/uploads/article/1719725890mages.jpg)
-नितिन श्रीवास्तव
"यह मेरा भी आखिरी मुकाबला था. मैने हर लम्हें से प्यार किया. मैं यही चाहता था, मैं भारत के लिए वर्ल्ड कप जीतना चाहता था."
भारत को 17 साल बाद टी20 वर्ल्ड कप का चैंपियन बनाने के बाद इन अल्फाज़ों के साथ कप्तान रोहित शर्मा ने टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया.
पिछले साल नवंबर में जब ऑस्ट्रेलिया ने वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत को मात दी थी, तब करोड़ों भारतीयों के साथ कप्तान रोहित शर्मा की आंखें नम थीं, लेकिन 8 महीने के भीतर ही उन्होंने वो कर दिखाया जिसके लिए इतिहास उन्हें हमेशा याद रखेगा.
बारबाडोस में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप के फ़ाइनल मुक़ाबले में शनिवार को भारतीय टीम ने दक्षिण अफ़्रीका को 7 रनों से हरा दिया.
लेकिन भारतीय टीम के सफलतम कप्तानों में एक गिने जा रहे रोहित शर्मा का यहां तक का सफर बहुत आसान नहीं रहा है और उनके व्यक्तित्व के जुझारूपन में निजी संघर्षों की झलक दिखती है.
एक समय तो उनके क्रिकेट खेलने के भविष्य पर सवालिया निशान इसलिए लग गया था क्योंकि पैसों की तंगी की वजह से उनके करियर में रुकावट आ सकती थी.
बात 1999 की है जिस साल भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड में मोहम्मद अज़हरुद्दीन की कप्तानी में वर्ल्ड कप खेल रही थी.
इधर मुंबई के एक उपनगर, बोरिवली, में 12 साल के रोहित शर्मा के लिए उनके पिता और परिवारजनों ने पैसे इकट्ठे कर के एक क्रिकेट कैंप में भेजा था.
एक ट्रांसपोर्ट फ़र्म वेयरहाउस में काम करने वाले उनके पिता की आमदनी कम थी तो रोहित उन दिनों अपने दादा और चाचा रवि शर्मा के घर पर ही रहते थे, वो भी ख़ासी तंगी में.
लेकिन एक मैच और एक स्कूल ने उनके क्रिकेट करियर की दिशा बदल दी.
उसी साल रोहित शर्मा बोरिवली के स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल के ख़िलाफ़ एक मैच खेल रहे थे जब उस स्कूल के कोच दिनेश लाड ने उनके खेल को देख कर स्कूल के मालिक योगेश पटेल से उन्हें स्कॉलरशिप देने की सिफ़ारिश की.
अब 54 साल के हो चुके योगेश पटेल के मुताबिक़, "हमारे कोच ने कहा इस लड़के में क्रिकेट का बड़ा हुनर है लेकिन इसका परिवार हमारे स्कूल की 275 रुपए महीना फ़ीस नहीं भर सकता इसलिए इसे स्कॉलरशिप दे दीजिए."
वो कहते हैं, "मुझे ख़ुशी है कि हमने वो फ़ैसला लिया और आज रोहित भारतीय कप्तान हैं. हमारे कोच की राय सही थी."
इस फ़ैसले के सालों बाद खुद रोहित शर्मा ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो.कॉम को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, "कोच चाहते थे कि मैं विवेकानंद स्कूल में भर्ती होकर क्रिकेट खेलना शुरू कर दूं लेकिन मेरे पास पैसे नहीं थे. फिर उन्होंने मुझे स्कॉलरशिप दिलवा दी और चार साल तक मुझे फ़्री में पढ़ाई और खेलने का मौक़ा मिल गया."
इस नए स्कूल में भर्ती होने के कुछ ही महीने के भीतर रोहित शर्मा ने 140 रनों की एक नाबाद पारी खेली थी जिसकी मुंबई के स्कूलों, मैदानों और क्रिकेट समीक्षकों में ख़ासी चर्चा हुई थी.
मुंबई के शिवाजी पार्क पर क्रिकेट सीखते हुए सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली से लेकर प्रवीण आमरे तक बड़े हुए हैं.
इसी मैदान पर आज भी दर्जनों नेट्स चलते हैं जिसमें से एक अशोक शिवलकर का है जो उसी दौर में यहां बतौर खिलाड़ी खेला करते थे.
अशोक शिवलकर कहते हैं, "मुझे याद है रोहित शर्मा पहले अपने स्कूल की तरफ़ से ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ी करते थे. फिर उनके कोच ने उनकी बल्लेबाज़ी की प्रतिभा को पहचाना."
"इसके बाद रोहित ने मुंबई की मशहूर कांगा लीग क्रिकेट से लेकर मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के टूर्नामेंट में अपने झंडे गाड़ने शुरू कर दिए थे."
विवेकानंद स्कूल के मालिक योगेश पटेल आज अपने उस फ़ैसले पर खुश होते हुए बताते हैं, "रोहित ने कोविड-19 के दौरान मुझे कॉल किया, हालचाल जानने के लिए. मैंने कहा बस लोगों की मदद करते रहो. उसे देख कर बेहद ख़ुशी होती है."
टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने वर्ल्ड कप खिताब जीतने के बाद टी20 इंटरनेशनल से संन्यास का एलान कर दिया है.
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित शर्मा ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला गया टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल मैच उनके टी20 इंटरनेशनल करियर का आखिरी मैच था.
रोहित शर्मा ने कहा, "यह मेरा भी आखिरी मुकाबला था. मैने हर लम्हें से प्यार किया. मैं यही चाहता था, मैं भारत के लिए वर्ल्ड कप जीतना चाहता था."
अपने संन्यास और भारतीय टीम की जीत पर समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''किसी ने अभी-अभी मुझ से कहा कि जब मैंने 2007 में भारत की ओर से खेलना शुरू किया था तो देश ने वर्ल्ड कप जीता था. अब मैं वर्ल्ड कप जीतने के बाद टी20 इंटरनेशनल फॉर्मेट छोड़ रहा हूं.''
उन्होंने कहा, ''जब मैं पहली बार 2007 में भारत के लिए खेला था तो आयरलैंड गया था. वहां हमने 50 ओवरों का मैच खेला था. इसके तुरंत बाद हम दक्षिण अफ्रीका टी20 वर्ल्ड कप खेलने गए. हम उस समय भी जीते थे और इस बार भी जीते हैं. इस तरह समय का एक चक्र पूरा हो गया है.''
रोहित शर्मा हालांकि भारत के टेस्ट और वनडे क्रिकेट मैच खेलना जारी रखेंगे. (bbc.com/hindi)