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सिद्धारमैया बनाम शिवकुमार की राजनीति में कूदे वोक्कालिगा संत और 'अहिंदा'
01-Jul-2024 8:42 AM
सिद्धारमैया बनाम शिवकुमार की राजनीति में कूदे वोक्कालिगा संत और 'अहिंदा'

कर्नाटक कांग्रेस में क्या सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है? एक बार फिर से सिद्धारमैया बनाम डीके शिवकुमार की अंदरूनी कलह ख़बरों में है.

विश्व वोक्कालिगा महासंस्थान मठ के संत चंद्रशेखर स्वामी ने सार्वजनिक तौर पर ये मांग की है कि सीएम सिद्धारमैया अपने डिप्टी डीके शिवकुमार के लिए रास्ता बनाएं.

इसके बाद सिद्धारमैया के सबसे बड़े समर्थक गुट 'अहिंदा' ने राज्य भर में सिद्धारमैया के हटाए जाने के बदले विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी देते हुए, इस मांग के ख़िलाफ़ कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

'अहिंदा' कर्नाटक में अल्पसंख्यक, ओबीसी और दलितों का एक संगठन है जो कि सिद्धारमैया का सबसे बड़ा समर्थक गुट माना जाता है. अहिंदा गुट ने ही सिद्धारमैया को जनता दल (सेक्युलर) छोड़ने के बाद चुनावी ताक़त दिखाने और अपना क्षेत्र बनाने में मदद की थी.

सिद्धारमैया को हटाए जाने की मांग के खिलाफ़ एक बार फिर से ये गुट खड़ा हुआ है.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, 'अहिंदा' के कर्नाटक अध्यक्ष प्रभुलिंग डोड्डामणि ने हुबली में रविवार को कहा, "सिद्धरमैया को पूरे पांच साल बतौर मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा करना चाहिए. अगर उनको बदला जाता है तो कर्नाटक में कांग्रेस अपना वजूद खो देगी. अगर उन्हें बदले जाने की कोशिश होगी तो हम हर ज़िला और तालुका में प्रदर्शन करेंगे. अहिंदा और सिद्धारमैया एक दूसरे के पर्यायवाची हैं."

वोक्कालिगा संत के बयान पर डोडामनी ने कहा, "स्वामीजी को ऐसे राजनीतिक बयान नहीं देने चाहिए. उन्हें खुद को धार्मिक प्रवचन और कर्मकांड तक ही सीमित रखना चाहिए. ऐसे बयान समाज में तनाव पैदा कर सकते हैं. संतों को ये समझना चाहिए कि वो किसी एक जाति से जुड़े हुए नहीं होते हैं वो पूरे धार्मिक समुदाय के होते हैं. संतों को ये भी समझना चाहिए कि ये पार्टी के अंदर का मामला है."

वोक्कालिगा समुदाय से प्रमुख संत कुमार चंद्रशेखरनाथ स्वामी ने कहा, "सब लोग मुख्यमंत्री बने हैं और सत्ता सा स्वाद चखा है. केवल शिवकुमार ही मुख्यमंत्री नहीं बने हैं. ये तभी संभव होगा अगर सिद्धारमैया अपना मन बना लेते हैं. तो कृपया शिवकुमार को मुख्यमंत्री बना दें."

"शिवकुमार ने सारी मेहनत की, पार्टी को संगठित किया और कांग्रेस के लिए 135 सीटें सुनिश्चित कीं. सिद्धारमैया ने शिवकुमार जितनी मेहनत नहीं की. सिद्धरमैया ने जब सत्ता का आनंद ले लिया है तो ये अच्छा होगा कि अगर शिवकुमार मुख्यमंत्री बन जाएं."

कर्नाटक के अखबार डेक्कन हेरल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, ये बयान कर्नाटक के संस्थापक केम्पोगौड़ा के जयंती पर आयोजित एक इवेंट में दिया गया. इसी इवेंट में शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों मौजूद थे.

सीएम सिद्धारमैया ने मीडिया से बात की थी और कहा, "कांग्रेस एक आलाकमान वाली पार्टी है, ठीक है? हम एक लोकतंत्र में रह रहे हैं. हम वो करेंगे जो भी आलाकमान का आदेश होगा."

हुबली में अहिंदा गुट के नेताओं का जुटान हुआ है जो अगस्त महीने में बड़ा आयोजन करने का प्लान बना रहे हैं. ये आयोजन सिद्धारमैया के जन्मदिन के मौके पर होगा. (bbc.com/hindi)

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