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उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले के सिकन्द्राराऊ क़स्बे के नज़दीक सत्संग कार्यक्रम में हुई भगदड़ में अब तक 116 लोगों की मौत हो गई है. कई लोग अब भी लापता हैं.
सत्संग में आए लोगों के परिजन अपनों को अस्पताल और घटनास्थल पर खोज रहे हैं. वो ज़िंदा हैं या नहीं इसकी पुष्टि करने की कोशिश कर रहे हैं.
ऐसी ही एक महिला हैं, उर्मिला देवी जो अपनी बहू को एटा के अस्पताल में खोज रही हैं. उन्होंने बताया कि वह पांडाल के कई चक्कर लगा चुकी हैं लेकिन उनकी बहू कहां है, कोई पता नहीं चल पा रहा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई से हादसे के बारे में बात करते हुए वह कहती हैं, “बाबा तो चले गए लेकिन उनके पीछे भगदड़ मच गई, जो बिछड़ गए वो मिले नहीं. हमने जा कर अपनी बहू को खोजा, दो-तीन बार पांडाल गए कोई पता नहीं मिला. पता नहीं कितने लोग मरे है. मेरी बहू 16 साल की है, लेकिन कोई पता नहीं. पांडाल में बार-बार जा कर देखा है, रात भर वहीं रहे लेकिन कोई पता नहीं चला.”
“अस्पताल में आए क्योंकि कहा गया एक लड़की है लेकिन वो भी हमारी बहू नहीं है. एक ही रास्ता है, आने जाने के लिये, इतनी भीड़ बढ़ गई. लोगों ने ही जल्दबाज़ी में धक्का दिया, जो गिर गया वो उठ नहीं पाया. मेरे ऊपर इल्जाम है, हम ही लेकर आए थे अपनी बहू को, घर पर सब नाराज बैठे हैं इसीलिए कोई आया नहीं यहां. हम डर और शर्म के कारण घर नहीं जा पा रहे हैं. पता नहीं कहां खोजें.” (bbc.com/hindi)