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उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग में मची भगदड़, 116 लोगों की मौत
02-Jul-2024 11:16 PM
उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग में मची भगदड़, 116 लोगों की मौत

हाथरस/एटा (उप्र), 2 जुलाई । उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित एक सत्संग में मंगलवार को भगदड़ मच गयी, जिसमें दम घुटने और कुचले जाने से 116 लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गये। पुलिस ने यह जानकारी दी।

भगदड़ उस समय हुई जब लोग जिले के पुलराई गांव में प्रवचनकर्ता बाबा नारायण हरि द्वारा आयोजित ‘सत्संग’ के बाद घर लौट रहे थे। बाबा नारायण हरि को उनके अनुयायी साकार विश्व हरि भोलेबाबा के नाम से भी जानते है।

एटा और हाथरस सटे जिले हैं और सत्संग में एटा के लोग भी शामिल होने पहुंचे थे। एटा के एक अस्पताल में हादसे के पीड़ित 27 लोगों के शव लाए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि इनमें से 23 महिलाएं हैं जबकि हाथरस जिले में 89 मृतकों के शव रखे गए हैं।

अलीगढ़ परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) शलभ माथुर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हाथरस में भगदड़ की घटना में 116 लोगों की मौत हो गई है।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि हादसे में 116 लोग मारे गए हैं जिनमें सात बच्चों और एक पुरुष को छोड़कर सभी मृतक महिलाएं हैं। सिंह ने बताया कि अब तक 72 लोगों की पहचान हो चुकी है।

ट्रकों और ‘टैम्पो’ में मृत या बेहोश पीड़ितों को सिकंदराराऊ ट्रॉमा सेंटर लाया गया। शव स्वास्थ्य केंद्र के बाहर बिखरे पड़े थे और लोग उनके चारों ओर जमा हो गए थे।

एक वीडियो क्लिप में एक महिला ट्रक में बैठकर रोती दिखाई दे रही है और उस वाहन में पांच या छह शव हैं। दूसरे वीडियो में एक पुरुष और एक महिला का शव दिखाई दे रहा है।

भगदड़ से पहले के वीडियो क्लिप में लोग एक बड़े शामियाने में प्रवचनकर्ता भोले बाबा का सत्संग सुनते हुए दिखाई दे रहे थे। ‘बाबा’ उनके सामने सिंहासन जैसी कुर्सी पर बैठे थे।

जानकारी के मुताबिक प्रवचनकर्ता बोले बाबा ने 1990 के दशक में पुलिस की नौकरी छोड़ दी थी और पुलिस सेवा में रहते हुए ही सत्संग करने लगे थे। कहा जाता है कि उनके भक्तों में नेता भी शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने पत्रकारों को बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी जा रही है और सभी दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा कि जहां तक प्रशासनिक लापरवाही की बात है तो एडीजी जोन और अलीगढ़ की मंडलायुक्त द्वारा इसकी पूरी जांच की जाएगी और 24 घंटे के अंदर जो रिपोर्ट आएगी उस आधार पर शासन कार्रवाई करेगा।

प्रवचनकर्ता भोलेबाबा की गिरफ्तारी के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि ‘‘यह जांच का विषय है और अभी हम तत्काल निष्कर्ष पर पहुंचकर किसी भी जांच को प्रभावित करना नहीं चाहते हैं। जांच का दायरा खुला है, जो भी तथ्‍य प्रकाश में आएंगे उस आधार पर कार्रवाई होगी।’’

हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार ने बताया कि सिकंदराराऊ में ‘भोले बाबा’ का समागम हो रहा था और जब समागम का अंत हो रहा था तब उमस काफी थी, ऐसे में लोगों के बाहर निकलते समय भगदड़ मच गयी।

कुमार से जब पूछा गया कि सत्संग की अनुमति किसने दी तो उन्होंने कहा कि इसकी अनुमति एसडीएम द्वारा दी गयी थी और यह निजी आयोजन था जिसमें सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगायी गयी थी लेकिन अंदर की व्यवस्था उनके द्वारा (आयोजकों) की जानी थी।

उन्होंने कहा कि इस संबंध मे उच्च स्तर पर एक जांच समिति गठित की गयी है और जांच में सब चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।

इसके पहले एटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘एटा अस्पताल में 27 शव लाए गए हैं। मरने वालों में 23 महिलाएं, तीन बच्चे और एक पुरुष शामिल हैं।’’

इस बीच, कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने एटा के एक अस्पताल में 60 से अधिक शव लाए जाने का दावा किया है।

प्रत्यक्षदर्शी शकुंतला देवी ने ‘पीटीआई-वीडियो’ को बताया कि सत्संग खत्म होने के बाद लोग जब आयोजन स्थल से निकल रहे थे, तो उसी समय भगदड़ मची। उन्होंने बताया कि लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरते चले गए।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भगदड़ की घटना में लोगों की हुई मौत को ‘हृदय विदारक’ बताया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

मुर्मू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,‘‘उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुए हादसे में महिलाओं और बच्चों सहित कई श्रद्धालुओं की मौत की खबर हृदय विदारक है। मैं उन लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं, जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक सत्संग समारोह के दौरान भगदड़ मचने की घटना में लोगों की मौत पर दुख जताते हुए पीड़ितों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब के दौरान कहा, ‘‘ चर्चा के बीच मुझे अभी एक दुखद खबर दी गई है। उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक कार्यक्रम में भगदड़ मचने से कई लोगों की दुखद मृत्यु की सूचना आ रही है। मैं मृतकों के प्रति अपनी संवेदना (शोक) व्यक्त करता हूं। मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।’’

इस बीच, प्रधानमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिजनों के लिये दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिये 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिये जाने की घोषणा की।

बाद में प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और राज्य सरकार भी सभी पीड़ितों की हरसंभव सहायता में जुटी हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं, जिन्होंने इसमें अपने प्रियजनों को खोया है। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’

सत्संग में शामिल होने के लिये अपने परिवार के साथ जयपुर से आयी एक महिला ने बताया कि सत्संग के समापन के बाद लोग एकदम से बाहर निकलने लगे, जिससे भगदड़ मच गयी।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, योगी आदित्यनाथ ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं।

सिकंदराराऊ के विधायक वीरेंद्र सिंह राणा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एक दिवसीय सत्संग सुबह मंगलवार से शुरू हुआ था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने अपर पुलिस महानिदेशक (आगरा) और आयुक्त (अलीगढ़) के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है।

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।

बाद में मुख्यमंत्री ने “एक्स” पर अपने संदेश में कहा, “जनपद हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं।”

उन्होंने कहा, “संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों को युद्ध स्तर पर चलाने और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए गए हैं।”

योगी ने कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और संदीप सिंह घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं तथा प्रदेश के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को घटनास्थल पर पहुंचने के निर्देश दिये गये हैं।”

उन्होंने कहा “आगरा के अपर पुलिस महानिदेशक और अलीगढ़ के आयुक्त के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं।”

उन्होंने कहा, “प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान तथा घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।” (भाषा)

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