ताजा खबर

नीट-यूजी रद्द करना तर्कसंगत नहीं, ईमानदार छात्रों के हित प्रभावित होंगे : केंद्र ने न्यायालय में कहा
05-Jul-2024 8:54 PM
नीट-यूजी रद्द करना तर्कसंगत नहीं, ईमानदार छात्रों के हित प्रभावित होंगे : केंद्र ने न्यायालय में कहा

नयी दिल्ली, 5 जुलाई। केंद्र ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि विवादों से घिरी नीट-यूजी, 2024 परीक्षा को रद्द करना तर्कसंगत कदम नहीं होगा और इससे उन लाखों ईमानदार छात्रों के भविष्य के लिए “गंभीर खतरा” पैदा होगा जो परीक्षा में शामिल हुए थे।

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट-यूजी का आयोजन करती है। इस साल पांच मई को यह परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 23 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। प्रश्न पत्र लीक समेत अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए तथा विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाया। इस संबंध में अदालतों में भी कई मामले दायर किए गए।

विवादग्रस्त नीट परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और न्यायालय की निगरानी में जांच कराने के अनुरोध वाली विभिन्न याचिकाओं पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि परीक्षा में गोपनीयता के किसी बड़े पैमाने पर उल्लंघन का कोई सबूत नहीं है।

शिक्षा मंत्रालय के एक निदेशक द्वारा दायर अपने प्रारंभिक हलफनामे में केंद्र ने कहा, “इसके साथ ही यह भी दलील दी जाती है कि अखिल भारतीय परीक्षा में गोपनीयता के बड़े पैमाने पर उल्लंघन के किसी भी सबूत के अभाव में, पूरी परीक्षा और पहले से घोषित परिणामों को रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा।”

हलफनामे में कहा गया है कि किसी भी परीक्षा में, प्रतिस्पर्धी अधिकार होते हैं ताकि ऐसे छात्रों के हितों को नुकसान नहीं हो जो परीक्षा में कोई अनुचित तरीका नहीं अपनाते हैं।

इसमें कहा गया है, "परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने से 2024 में परीक्षा देने वाले लाखों ईमानदार उम्मीदवारों को गंभीर नुकसान होगा।"

हलफनामे में कहा गया है कि केंद्र उन लाखों छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, जो कोई अवैध लाभ प्राप्त करने की कोशिश किए बिना, वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद परीक्षा में शामिल हुए हैं।

इसमें कहा गया है, ‘‘इसलिए, साबित तथ्यों पर आधारित वास्तविक चिंताओं को दूर किया जाना चाहिए, वहीं बिना किसी तथ्य के केवल अनुमान पर आधारित अन्य याचिकाओं को अस्वीकार कर दिया जाना चाहिए, ताकि ईमानदार परीक्षार्थियों और उनके परिवारों को अनावश्यक पीड़ा का सामना नहीं करना पड़े।’’

राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 उम्मीदवारों, कोचिंग संस्थानों और अभिभावकों द्वारा दायर विभिन्न याचिकाओं के जवाब में शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि अनियमितताओं, धोखाधड़ी और कदाचार के कुछ कथित मामले सामने आए हैं तथा सरकार ने सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) को कथित अनियमितताओं की व्यापक जांच करने को कहा है।

हलफनामे के अनुसार सीबीआई ने विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों को अपने हाथ में ले लिया है और उनकी जांच कर रही है। इसमें कहा गया है कि शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए द्वारा पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष परीक्षा आयोजित किए जाने के लिए प्रभावी उपाय सुझाने की खातिर विशेषज्ञों की एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है।

इसमें कहा गया है, ‘‘सरकार परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। सार्वजनिक परीक्षा में पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए, संसद ने 12 फरवरी, 2024 को सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) कानून 2024 बनाया है।’’

हलफनामे में कहा गया है कि यह कानून 21 जून, 2024 को लागू किया गया।

उच्चतम न्यायालय आठ जुलाई को संबधित विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जिनमें पांच मई को आयोजित परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिकाएं और नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग वाली याचिकाएं शामिल हैं।

पेपर लीक सहित विभिन्न अनियमितताओं के आरोपों के बीच कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इस मुद्दे को लेकर प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बीच वाकयुद्ध भी हुआ है। (भाषा)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news