ताजा खबर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 27 जुलाई। जिले में डायरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक 600 से ज्यादा मरीजों की पहचान हो चुकी है। शुक्रवार को डायरिया से मौत का पहला मामला सामने आया है। लगातार उल्टी-दस्त से ग्रस्त युवक को जिला अस्पताल लाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मृतक नान झरोखा (35 वर्ष), ग्राम बांसाझाल गांव का निवासी था और सिकलसेल और ब्रेन टीबी जैसी गंभीर बीमारियों से भी पीडि़त था।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार युवक दो दिनों से लगातार उल्टी-दस्त से ग्रस्त था। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग को इस मामले की जानकारी मिली। मौके पर तत्काल डॉक्टरों की टीम को रवाना किया गया। टीम ने देखा कि उसकी हालत गंभीर है। बेहोशी की हालत में पड़े युवक को तत्काल एम्बुलेंस बुलाकर रतनपुर स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया, लेकिन गंभीर हालत को देखते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही नान झरोखा की मौत हो गई।
रतनपुर क्षेत्र में पिछले दो सप्ताह से डायरिया का प्रकोप फैला हुआ है। अब तक 508 मरीजों की पहचान हो चुकी है, जिनमें से 290 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शुक्रवार को ही उल्टी-दस्त के 21 नए मामलों की पहचान की गई और अलग-अलग अस्पतालों में 40 मरीज अभी भी भर्ती हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि उनकी टीम रोजाना करीब 500 घरों का सर्वे कर रही है और गांव में जाकर अन्य लोगों की जांच कर रही है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मृतक और उसके परिवार के सदस्य सिकलसेल बीमारी से पीडि़त थे और युवक को ब्रेन टीबी भी था। इसलिए विभाग मौत का मुख्य कारण डायरिया नहीं मान रहा है।