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तस्वीर / ‘छत्तीसगढ़’
जांच रिपोर्ट में खुलासा, 50 करोड़ के ट्रांसफार्मर हुए थे खाक
8 अफसर-कर्मियों को नोटिस
शशांक तिवारी की विशेष रिपोर्ट
रायपुर, 27 जुलाई (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। गुढिय़ारी में पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के क्षेत्रीय भंडार गृह चार महीने पहले आगजनी की जांच रिपोर्ट में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया कि भंडार गृह के अफसर, और कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से आग लगी। यह भी कहा गया कि आग बुझाने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किए गए। इसलिए बड़ी घटना घटित हुई। जांच रिपोर्ट के आधार पर आठ अफसर, और कर्मियों को नोटिस जारी किया गया है।
गुढिय़ारी में पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के क्षेत्रीय भंडार गृह में विगत पांच अप्रैल 2024 को आग लगी थी। आग से 7251 ट्रांसफार्मर, और स्क्रैप के सामान जल गए। इससे 50 करोड़ 22 लाख का नुकसान हुआ। आग इतनी भयंकर थी कि गुढिय़ारी इलाका आग की चपेट में आ सकता था, और पूरे शहर की बिजली व्यवस्था चौपट हो सकती थी। मगर दो दिन तक आग बुझाने के लिए चलाए गए प्रयासों से जनहानि आदि को टाला जा सका।
सीएम विष्णुदेव साय ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। जांच में सीनियर अफसरों को रखा गया था। इनमें मौजूदा एमडी (तत्कालीन ईडी) भीम सिंह कंवर, ईडी संदीप वर्मा, एडिशनल सीई यशवंत शिलेदार, एजीएम गोपाल मूर्ति, मुख्य सुरक्षा अधिकारी एश्रीनिवास राव और एसई डीडी चौधरी जांच कमेटी के सदस्य थे।
जांच कमेटी को पांच बिन्दुओं पर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। इनमें आग लगने के कारण, दुर्घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी-एजेंसी, कंपनी को वित्तीय हानि और भंडार गृह के संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था, और अन्य दुर्घटनाओं के लिए सुझाव मांगे गए थे।
जांच कमेटी ने गुढिय़ारी पुलिस से सीसीटीवी के फुटेज लिए, और इसकी बारीक पड़ताल की। यह बताया गया कि आग संभवत: 33 केवी के एलआईसी फीडर में हुए फाल्ट से एलटी पोल में उत्पन्न स्पार्किंग में गिरी चिंगारी से लगी, जो कि एलटी खंभें के नजदीक की सूखी, और हरी घास, झाडिय़ों से प्रारंभ हुई, और ऑयली जमीन व स्टोर परिसर में रखे केबल ड्रमों, पुराने और नए ट्रांसफॉर्मर में तेजी से फैली।
सीसीटीवी में स्पष्ट तौर पर स्पार्किंग होने के एक से दो मिनट के बाद एलटी पोल के पास जमीन से धुंआ उठते दिखा, जो कि कुछ समय बाद आग की ज्वाला में तब्दील हो गया। फिर आग धीरे-धीरे बाउंड्रीवाल, और रोड साइड की बाउंड्रीवाल की तरफ बढ़ी, और तेजी से फैलने लगी।
दुर्घटना के लिए जिम्मेदार अफसर-कर्मी...
जांच रिपोर्ट में बताया गया कि आग एलटी खंभें के नजदीक की सूखी और हरी घास, झाडिय़ों से शुरू हुई, और ऑयली जमीन व स्टोर परिसर में रखे केबल ड्रमों, पुराने व नए ट्रांसफार्मरों में तेजी से फैली। सीसीटीवी के फुटेज में यह स्पष्ट हुआ है कि उस वक्त तेजी से हवा चल रही थी। जिसके कारण आग फैलने लगी। उसने स्टोर परिसर में रखे कंडक्टर ड्रमों, शेड में रखे मीटरों और अन्य सामानों को अपने चपेट में ले लिया।
आग लगने के समय स्टोर का कोई भी नियमित कर्मचारी उपस्थित नहीं था। यह बताया गया कि घटना के दिन सुबह 6 बजे से 2 बजे तक ही शिफ्ट ड्यूटी में नियमित कर्मचारी अभिषेक अवधिया की ड्यूटी थी, लेकिन वह भी किसी को सूचित किए बिना अनुपस्थित हो गया। अफसरों-कर्मियों के बयानों से पता चलता है कि स्टोर परिसर में उगी हुई घास, झाडिय़ों की नियमित कटाई और कटी हुई घास-झाडिय़ों का निस्तारण नहीं होने के कारण दुर्घटना घटी।
रिपोर्ट में बताया गया कि सुरक्षा सैनिकों को प्रारंभिक समय में सजक रहते हुए आग बुझाने के लिए उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करना चाहिए था, लेकिन उनके द्वारा कोई सारथक प्रयास नहीं किया गया। यह कहा गया कि आग लगने के प्रारंभिक समय पर आग बुझाने के उचित प्रयास नहीं होने से आग फैली, और आग बुझाने के लिए उपलब्ध संसाधनों का तुरंत उपयोग नहीं करने पर आग अनियंत्रित हो गई। कार्यपालन यंत्री स्टोर, स्टोर कीपर, नियमित कर्मचारी अवधिया के अलावा सुरक्षा सैनिक व सुरक्षा एजेंसी घटना के जिम्मेदार हैं।
जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कार्यपालन यंत्री नगर संभाग उत्तर द्वारा मांगी गई जानकारी न देकर अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर न होने का बतलाया गया। जो कि पॉवर कंपनी के प्रक्रिया के विपरीत है। इस तरह एलटी लाइन के रखरखाव में कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एसटी मेनटेंस, सहायक यंत्री गुढिय़ारी, और कनिष्ठ यंत्री द्वारा लापरवाही बरती गई। जिसके फलस्वरूप दुर्घटना घटी। जिसके लिए उपरोक्त अफसर जिम्मेदार हैं।
इन अफसर-कर्मियोंं को नोटिस
जिन अफसरों को नोटिस जारी की गई है। उनमें कार्यपालन यंत्री अजय कुमार गुप्ता, स्टोर कीपर, बंसत कुमार देवांगन, परिचायक अभिषेक अवधिया, कार्यपालन यंत्री अमित कुमार, सहायक यंत्री दिनेश कुमार सेन, कनिष्ठ यंत्री अभिषेक गहरवार, सहायक यंत्री नवीन एक्का, कनिष्ठ यंत्री नरेश बघमार हैं।
सुझाव
जांच समिति ने भंडार गृह संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का भी सुझाव दिया है। यह कहा है कि स्टोर के पुर्नसंचालन किसी फायर प्रोटेक्शन विशेषज्ञ, एजेंसी से ड्राइंग डिजाइन और फायर प्रोटेक्शन प्रणाली संबंधी सलाह और अनुशंसा के आधार पर किया जाना चाहिए।
स्टोर परिसर के भीतर से जा रही डबल सर्किट 33 केवी लाइन और अन्य सभी ओवर हेडलाइनों को परिसर के बाहर शिफ्ट किया जाना चाहिए।
0 आकाशीय बिजली से सुरक्षा के लिए समुचित रेंज के मेटल ऑक्साइट लाइटिंग अरेस्टर लगाया जाए।
0 क्षेत्रीय भंडार गृह निश्चित अवधि के अंतराल में फायर आडिट कराया जाना चाहिए।
0 क्षेत्रीय भंडारों में बहुमूल्य सामाग्रियों और उपकरणों के फायर अथवा चोरी का इंश्योरेंस भी होना चाहिए।
0 जांच समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि डिपो स्टोरों को अधीक्षण यंत्री स्टोर, और कार्यपालन यंत्रियों और अन्य स्टाफ पूर्णत: मुख्य अभियंता के प्रशासनिक नियंत्रण में होना चाहिए।