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हाथरस, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| देश को झकझोर देने वाले 2012 के निर्भया दुष्कर्म मामले की पैरवी कर चुकीं वकील सीमा कुशवाहा अब हाथरस पीड़िता का केस लड़ेंगी। सीमा ने गुरुवार को पीड़िता के परिवार से मुलाकात करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें मिलने से रोक दिया।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मैं परिवार से मिले बिना हाथरस से नहीं जाऊंगी। उन्होंने मुझसे उनका वकील बनने का अनुरोध किया था लेकिन प्रशासन मुझे उनसे मिलने की अनुमति नहीं दे रहा है।"
सीमा ने कहा कि वह पीड़िता के भाई के संपर्क में हैं।
सीमा कुशवाहा 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा की पारिवारिक वकील थी, जिसके साथ 16 दिसंबर, 2012 की रात दिल्ली में एक किशोर सहित छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था।
बाद में सिंगापुर के एक अस्पताल में निर्भया की मौत हो गई।
2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के सभी चार दोषियों - अक्षय सिंह ठाकुर, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को इस साल मार्च में फांसी दी गई थी।
हाथरस की 19 वर्षीय लड़की ने मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया।
सरकार ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है और कहा है कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। मामले के सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अतिरिक्त महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा है कि दिल्ली में डॉक्टरों की एक टीम द्वारा पोस्टमार्टम किया गया था, जिससे पता चला है कि लड़की की मौत गर्दन की चोट के कारण हुई थी और दुष्कर्म की कोई पुष्टि नहीं हुई ।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को कहा कि इसने छत्तीसगढ़ में पिछले साल भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या मामले में 33 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है। यहां एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने गुरुवार को जगदलपुर में एनआईए अदालत में 33 लोगों के खिलाफ चार्जशीट (आरोप पत्र) दायर किया, जिनमें से छह को गिरफ्तार किया जा चुका है।
मामले के पांच आरोपी पहले ही मर चुके हैं, जबकि 22 अभी भी फरार हैं।
एनआईए ने मदका राम ताती, भीमा राम ताती, लिंगे ताती, लक्ष्मण जायसवाल, रमेश कुमार कश्यप और हरिपाल सिंह चौहान को गिरफ्तार किया, ये सभी दंतेवाड़ा के रहने वाले हैं।
पिछले साल 9 अप्रैल को दंतेवाड़ा के कुआकोंडा पुलिस स्टेशन के पास श्यामगिरी गांव में नक्सली हमले में दंतेवाड़ा के तत्कालीन विधायक भीमा मंडावी और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) के पुलिसकर्मियों सहित मारे गए थे।
नक्सलियों ने हमले में मारे गए सुरक्षाकर्मियों के हथियार और गोला-बारूद भी लूट लिए थे।
एनआईए ने इस साल मार्च में जांच की कमान अपने हाथ में ली थी।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रारंभिक रूप से कोई सुराग उपलब्ध नहीं होने के बाद, कई गवाहों की जांच के बाद, नक्सली कैडरों के आत्मसमर्पण और कठोर तकनीकी विश्लेषण के बाद मामले में सफलता हासिल की गई।
उन्होंने कहा, "जांच के दौरान, एनआईए ने छह आरोपियों -- मडका, भीमा, लिंगे, लक्ष्मण, रमेश और हरिपाल को गिरफ्तार किया, जिन्होंने नक्सलियों को आश्रय, भोजन, लॉजिस्टिक सहायता, बिजली के तार और स्टील के कंटेनर उपलब्ध कराए थे।"
अधिकारी ने कहा, "जांच में पाया गया कि दंतेवाड़ा के तत्कालीन विधायक को मारने का फैसला पश्चिम बस्तर में दिसंबर 2018 में आयोजित दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) की स्तर की बैठक में लिया गया था।"
बलरामपुर (उत्तर प्रदेश), 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| बलरामपुर जिले में 22 वर्षीय दलित युवती से कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक प्रमुख गवाह सामने आया है। गौरतलब है कि पीड़िता की मौत हो चुकी है। वह एक स्थानीय डॉक्टर है, जिसे दो आरोपियों ने पीड़िता के इलाज के लिए सबसे पहले बुलाया था। डॉक्टर को पास के एक बाजार में अन्य आरोपी द्वारा संचालित किराने की दुकान के पीछे एक कमरे में ले जाया गया था।
डॉक्टर ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि आरोपियों में से एक पीड़िता के इलाज के लिए मंगलवार को उनके क्लिनिक आया था और उन्हें अपने साथ घर ले गया। शाम को करीब 5 बजे पी़ड़िता को परिवार के सदस्य के रूप में पेश किया गया।
डॉक्टर ने कहा कि जब उन्होंने पीड़िता को अकेले सोफे पर लेटे हुए देखा तो उन्हें संदेह हुआ।
उन्होंने कहा, "मैं वहां से यह कहते हुए लौट आया कि मैं युवती के परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में ही उसका इलाज करूंगा और मैंने आरोपियों से युवती के पिता का नाम और फोन नंबर मांगना शुरू कर दिया। युवकों ने तब मुझे बताया कि वे पीड़िता को इलाज के लिए उसके पिता के साथ क्लिनिक ही लेकर आएंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। बाद में, मुझे पता चला कि वह मर गई थी।"
पीड़िता की मां ने पहले आरोप लगाया था कि युवती कॉलेज से वापस घर आ रही थी, तभी कुछ युवकों ने उसका अपहरण कर लिया था और उसे एक कमरे में ले गए जहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया।
बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) देव रंजन वर्मा ने कहा, "यह घटना मंगलवार को हुई जब महिला अपने गांव के पास एक कॉलेज में दाखिला लेने के लिए गई थी, लेकिन देर शाम तक घर नहीं लौटी।"
जब युवती के परिवार वाले उसकी तलाश कर रहे थे, तभी वह रिक्शा पर वापस लौटी। उसके हाथों में ग्लूकोज ड्रिप लगा हुआ था।
वर्मा ने कहा कि परिवार के सदस्यों ने कहा कि महिला की हालत ठीक नहीं थी, इसलिए वे उसे पास के अस्पताल और बाद में बलरामपुर जिला अस्पताल ले गए, जहां उसने दम तोड़ दिया।
महिला के परिवार ने आरोप लगाया कि महिला के हाथ और पैर की हड्डियां टूटी हुई थी, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पोस्टमार्टम में इस तरह की कोई चोट की पुष्टि नहीं हुई है।
पीड़िता के भाई की शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज होने के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376-डी और 302 के तहत क्रमश: सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के लिए मामला दर्ज किया गया है।
जिला मजिस्ट्रेट कृष्ण करुणेश और पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने परिवार के सदस्यों को आश्वासन दिया कि मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजा जाएगा और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नए कृषि कानूनों पर प्रधान मंत्री पर निशाना साधा है। एक वीडियो बयान में, सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री काले कानूनों को लागू करके किसानों के साथ घोर अन्याय कर रहे हैं। महात्मा गांधी की जयंती पर, सोनिया गांधी ने गांधी और लाल बहादुर शास्त्री दोनों को याद किया और कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है, जबकि शास्त्री ने 'जय जवान, किसान किसान' का नारा दिया था।
उन्होंने कहा, आज देश के प्रधान मंत्री हमारे अन्नदाता किसानों पर घोर अन्याय कर रहे हैं। उनके साथ नाइंसाफी कर रहे हैं, जो किसानों के लिए कानून बनाए गए, उनके बारे में उनसे सलाह मशविरा तक नहीं किया गया। बात तक नहीं की गई, यही नहीं उनके हितों को नजरअंदाज करके सिर्फ चंद दोस्तों से बात करके किसान विरोधी तीन काले कानून बना दिए गए।
सोनिया गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी इन कानूनों का तब तक विरोध करती रहेगी, जब तक इन्हें हटा नहीं लिया जाता। उन्होंने कृषि उपज मंडी समिति एक्ट (एपीएमसी) हटाने के लिए सरकार पर हमला बोला।
सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जरूरतमंदों को मु़फ्त में अनाज किसानों की मेहनत के चलते मिला। उन्होंने कहा, आज जब अनाज मंडियां खत्म कर दी जाएंगी, जमाखोरों को अनाज जमा करने की खुली छूट दी जाएगी और किसान भाइयों की जमीनें खेती के लिए पूंजीपतियों को सौंप दी जाएंगी, तो करोड़ों छोटे किसानों की रक्षा कौन करेगा?
देशभर में कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन कर रही है। पार्टी के सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि राहुल गांधी पंजाब में 3 से 5 अक्टूबर तक ट्रैक्टर रैली करेंगे।
पंजाब मामलों के प्रभारी और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ पंजाब के सभी मंत्री और कांग्रेस विधायक विरोध प्रदर्शन रैलियों में भाग लेंगे।
पार्टी ने कहा कि विरोध प्रदर्शन और किसानों के दर्द को आवाज देना है, जिसकी आजीविका और भविष्य को केंद्रीय कानून द्वारा दांव पर लगा दिया गया है।
बेंगलुरु, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| कर्नाटक के नेता प्रतिपक्ष सिद्धारमैया की हालिया टिप्पणी पर कटाक्ष करते हुए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन के योग्य पार्टी नहीं है क्योंकि वह गठबंधन धर्म का सम्मान नहीं करती है। कुमारस्वामी ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए कहा कि जो लोग पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के घर 2018 में गठबंधन बनाने के लिए आए थे, उन्हें चुनाव के दौरान हाथ मिलाने की बात नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने सिद्धारमैया का नाम लिए बिना कहा, "जहां तक मुझे याद है, जेडी (एस) चुनावों से पहले या कभी भी गठबंधन के लिए हाथ फैलाकर किसी अन्य के घर नहीं गई है। हर बार दूसरे हमारी मदद के लिए हमारे घर आए हैं और मैं गर्व के साथ कहता हूं कि हमने अपनी सीमा के अनुसार उनकी मदद की।"
गौरतलब है कि सिद्धारमैया शुरू से ही जेडी (एस) के साथ कांग्रेस के गठबंधन के मुखर विरोधी थे।
सिद्धारमैया ने बुधवार को 3 नवंबर को दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले जेडी (एस) के साथ हाथ मिलाने के विचार का खुलकर विरोध किया था।
कुमारस्वामी और सिद्धारमैया के बीच तभी से मनमुटाव है, जब उनके नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने पिछले साल सदन के फ्लोर टेस्ट में बहुमत खो दिया था, दोनों दलों के 17 विधायकों ने इस्तीफा देकर भाजपा का हाथ थाम लिया था।
जद (एस) और कांग्रेस दोनों के इन 17 विधायकों में से दर्जन से अधिक कथित तौर पर सिद्धारमैया के करीबी सहयोगी थे।
कानपुर, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| कानपुर पुलिस ने 3 जुलाई को हुए बिकरू हत्याकांड में 36 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। गौरतलब है कि इस कांड में आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे। पुलिस अधीक्षक (एसपी) बृजेश श्रीवास्तव ने शुक्रवार को कहा कि जांच अधिकारी ने गुरुवार को 36 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया था, उसमें कहा गया कि आठ पुलिसकर्मियों की हत्या पूर्व नियोजित थी।
एसपी ने कहा कि सभी आरोपियों पर आईपीसी के तहत धारा 302 और 120 बी आरोप लगाए गए हैं और आरोप पत्र 1,600 से अधिक पृष्ठों का है।
श्रीवास्तव ने कहा, जांच अधिकारी ने अपनी जांच में सभी उपलब्ध इलेक्ट्रॉनिक, फोरेंसिक और वैज्ञानिक सबूत एकत्र किए थे और आरोप पत्र प्रस्तुत किया था।
आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 394, 396, 504, 506 और 120 बी और सीएलए एक्ट के 34 और 7 और 3/25 आर्म्स एक्ट और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिसकर्मियों की 3 जुलाई को घात लगाकर हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास दुबे 10 जुलाई को एक मुठभेड़ में मारा गया था। उज्जैन से गिरफ्तार किए जाने के बाद कानपुर लाने के दौरान पुलिस वाहन पलटने से कथित तौर पर भागने के प्रयास में उसका एनकाउंटर किया गया।
दुबे के पांच सहयोगी भी अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए।
घटना में 44 से अधिक आरोपियों की पहचान की गई, जिनमें से 36 को गिरफ्तार कर लिया गया है।
हैदराबाद, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| तेलंगाना में पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस से उबरने वाले लोगों की संख्या इससे संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या से ज्यादा होती जा रही है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में यहां 2,009 नए मामले दर्ज हुए जबकि इसी दौरान 2,437 लोग इस बीमारी से ठीक हो गए। जहां कुल मामलों की संख्या 1,95,609 पहुंच गई, वहीं रिकवर करने वालों की संख्या 1,65,844 है।
रिकवरी रेट बढ़ते हुए 84.78 फीसदी तक पहुंच गई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये आंकड़ा 83.5 प्रतिशत है। तेलंगाना में मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत 1.6 प्रतिशत के मुकाबले 0.58 प्रतिशत है।
राज्य में फिलहाल 28,620 सक्रिय रूप से संक्रमित हैं जिसमें से 23,732 घर पर ही आइसोलेशन में हैं।
नए मामलों में सबसे ज्यादा ग्रेटर हैदराबाद में दर्ज हुए। यहां एक दिन में 293 मामले सामने आए। इसके बाद मेडचाल मल्काजगिरी (173), रंगारेड्डी (171), करीमनगर (14), नालगोंडा (109), खम्मम (104) जिलों का नंबर आता है।
यहां पिछले 24 घंटों में 54,098 नमूनों की जांच की गई। इसके साथ ही कुल नमूनों की जांच की संख्या 31,04,542 हो गई है।
सागर, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं, कोरोना मरीजों को बेहतर उपचार न मिलने की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। शिवराज सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव ने सागर जिले के गढ़ाकोटा में गुरुवार देर रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भ्रमण किया तो उन्हें वहां चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टाफ से लेकर चौकीदार तक नदारद मिला। इस बात का खुलासा खुद मंत्री ने किया है। कांग्रेस के नेता के.के. मिश्रा ने भार्गव के साहस की सराहना की है। म्ांत्री भार्गव ने शुक्रवार को अपनी फेसबुक वाल पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया। उन्होंने लिखा है, विगत कुछ दिनों से मुझे शिकायत प्राप्त हो रही थी कि गढ़ाकोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ती है लेकिन कोई भी डॉक्टर या कर्मचारी उन्हें नहीं मिलते, कल देर रात भोपाल से लौटने के उपरांत मुझे पुन: शिकायत प्राप्त हुई कि अस्पताल में मरीजों के लिए डॉक्टर या कर्मचारी नहीं मिलते तथा शासन द्वारा अस्पताल में उपलब्ध कराई गई दवाइयां, एक्स-रे फिल्म आदि की व्यवस्था भी नहीं है, जिसके उपरांत आज रात्रि में ढ़ाई बजे मैंने गढ़ाकोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। मेरे साथ गढ़ाकोटा नगर के कुछ आमजन भी मौजूद थे।
भार्गव ने आगे लिखा, मैंने पूरे अस्पताल का भ्रमण किया, जोर-जोर से आवाज भी लगाई लेकिन कोई भी डॉक्टर, कंपाउंडर, नर्स या पैरामेडिकल स्टाफ यहां तक कि चौकीदार भी अस्पताल में उपस्थित नहीं मिला। पूरे अस्पताल की परिक्रमा करने के बाद मैं अपनी स्कूटी से अपने घर आ गया। सोच रहा हूं, कि कैसे गैर जिम्मेदार लोग हैं, कि प्रदेश सरकार में मंत्री के गृह नगर के स्वास्थ्य केंद्र के यह हालात है कि मंत्री ढ़ाई बजे रात को जाग रहा है और कर्मचारी दिन में भी नहीं मिल रहे हैं। यही हाल मेरे विधानसभा क्षेत्र के रहली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा शाहपुर स्वास्थ्य केंद्र का भी है।
भार्गव ने आगे लिखा, महामारी के संक्रमण काल मे स्वास्थ्य सेवा जैसी आपातकाल सेवाओं में इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त करने लायक बिल्कुल भी नही है। एक तरफ जहां मनरेगा का मजदूर दो सौ रुपए प्रति दिन की मजदूरी के लिए अपनी हड्डियां तोड़ रहा है, वहीं तीन-चार हजार रुपए प्रति दिन का मोटा वेतन लेने वाले डॉक्टर और अधिकारी अपने वातानुकूलित घरों में ऐश कर रहे हैं, अब यह नहीं चलेगा। अपने क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों के औचक निरीक्षण के साथ-साथ अब मैं जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं का निरिक्षण भी सप्ताह में दो दिन करूंगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.के. मिश्रा ने मंत्री भार्गव के साहस की सराहना करते हुए कहा, कद्दावर मंत्री गोपाल भार्गव जी, आपने कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल कर मानवता पर अहसान कर दिया। नेतृत्व अकर्मण्य होगा तो अफसरशाही हावी होगी ही, 'शिवराज' में अस्पतालों में 'यमराज' को फ्रेंचाइजी मिली हुई है! बच्चे बदलना, शव कंकाल होना, चूहों द्वारा उसे कुतरना आम बात हो गई है!
भदोही (उप्र), 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध का एक और मामला सामने आया है। भदोही जिले में 14 वर्षीय दलित किशोरी की गुरुवार को हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार, लड़की शौच के लिए खेत में गई थी और घर नहीं लौटी।
घर न लौटने पर जब लड़की का भाई उसकी तलाश में निकला तो उसे अपनी बहन का शव खेत में मिला। पुलिस ने कहा कि उसके सिर को ईंट से बुरी तरह कुचल दिया गया था।
पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने कहा, "लड़की के सिर पर पत्थरों से प्रहार किया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।"
लड़की गोपीगंज थाना क्षेत्र के चकराजाराम तिवारीपुर गांव की निवासी थी। परिवार ने किशोरी का यौन शोषण के बाद उसकी हत्या का संदेह व्यक्त किया है। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही दुष्कर्म की पुष्टि हो सकती है।
सबूत एकत्र करने और मामले की जांच करने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों और क्राइम ब्रांच के अधिकारियों की एक टीम भी गांव पहुंची है।
इस 14 वर्षीय लड़की की हत्या हाथरस की घटना के बाद सामने आई है। गौरतलब है कि हाथरस के एक गांव में 19 वर्षीय युवती का कथित रूप से दुष्कर्म किया गया था और उसका गला घोंट दिया गया था। पुलिस ने अब इस बात से इंकार किया है कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया था, हालांकि पीड़िता ने एक वीडियो मैसेज में कहा था कि उसके साथ यौन शोषण किया गया था।
हाथरस पीड़िता की मौत के घंटों बाद मंगलवार को बलरामपुर जिले में एक 22 वर्षीय दलित छात्रा के साथ भी दुष्कर्म होने की घटना सामने आई। अस्पताल ले जाते समय युवति ने दम तोड़ दिया।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर और आजमगढ़ जिलों में गुरुवार को दो नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म होने की जानकारी सामने आई।
रिपोर्ट के अनुसार, आजमगढ़ के जीयनपुर इलाके में एक 8 वर्षीय बच्ची का उसके 20 वर्षीय पड़ोसी द्वारा कथित रूप से दुष्कर्म किया गया था।
पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने कहा, "हमें बुधवार को एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की शिकायत मिली। तुरंत मामला दर्ज किया गया। आरोपी दानिश को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह लड़की के घर के सामने रहता है और उसके घर नियमित रूप से आता जाता था।"
वहीं बुलंदशहर में काकोरे क्षेत्र में एक किशोरी का उसके पड़ोसी द्वारा बुधवार रात को कथित रूप से दुष्कर्म किए जाने की घटना सामने आई। बुलंदशहर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने कहा, "किशोरी के पिता की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपी रिजवान को गिरफ्तार कर लिया गया है।"
नयी दिल्ली, 02 अक्टूबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के हाथरस सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर 47 महिला अधिवक्ताओं के एक समूह ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) शरद अरविंद बोबडे को पत्र लिखकर मामले में उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच एवं ट्रायल के आदेश देने की मांग की है।
पत्र में महिला वकीलों ने इस मामले में तथ्यों और सबूतों में हेरफेर करने की कोशिश करने वाले सभी दोषी पुलिसकर्मियों, प्रशासनिक अधिकारियों और चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ तत्काल जांच और निलंबन या कोई दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।
वकीलों ने आरोप लगाया है कि भले ही अपराध के आरोपी सभी चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन जिस तरह से पुलिस अधिकारियों ने पीड़िता के परिवार के साथ, खासकर उसकी असामयिक मौत के बाद, व्यवहार किया है वह बहुत चिंताजनक है।
महिला वकीलों ने सीजेआई और उच्चतम न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों से आग्रह किया है कि वे इस मामले की उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच और ट्रायल के आदेश दें ताकि कानून के शासन में देश के नागरिकों खासकर महिलाओं का विश्वास कायम रह सके।
अमरावती, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार को वित्तवर्ष 2020-21 के लिए 24 कृषि उपजों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा की। सभी तरह की उपजों के लिए रायथू भरोसा केंद्र (खरीद केंद्र) भी तय कर दिए गए हैं।
कोलकाता, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को सड़क मरम्मत योजना की घोषणा की, जिसे 'पथश्री अभियान' नाम दिया। इस योजना के तहत राज्य की 12,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों की मरम्मत होगी। ममता ने कहा कि सड़क मरम्मत के लिए सड़कों की सूची बंगाल के लोगों की फरियाद के आधार पर तैयार की गई है। लोगों ने 'दीदी के बोलो' कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन पर सीधी बात कर अपनी फरियाद दर्ज कराई है।
तिरुवनंतपुरम, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| केरल में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके मद्देनजर सरकार ने गुरुवार रात एक आदेश जारी कर एक जगह पांच से ज्यादा लोगों के जुटने पर प्रतिबंध लगा दिया। नया आदेश 3 से 31 अक्टूबर तक लागू रहेगा। यह आदेश सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन कराने के मकसद से जारी किया गया है और इसलिए प्रशासन को आईपीसी की धारा 144 लागू करने का निर्देश दिया गया है।
आदेश के तहत जिलाधिकारियों को कोराना का फैलाव रोकने के लिए धारा 144 लागू करने की आजादी रहेगी।
राज्य में गुरुवार को कोरोना के 8,135 नए मामले सामने आए। इसके साथ सक्रिय मरीजों की कुल संख्या 72,339 तक जा पहुंची।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जमात-उद-दावा (जेयूडी) और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के संस्थापक हाफिज सईद के खिलाफ आरोपपत्र (चार्जशीट) दाखिल किया है। सईद के साथ ही ईडी ने उसके सहयोगी शाहिद महमूद, मोहम्मद सलमान, दुबई आधारित पाकिस्तानी मोहम्मद कामरान और मोहम्मद सलीम उर्फ मामा, जो कि दिल्ली का एक हवाला ऑपरेटर हैं, उसके खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया है।
ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने उनके खिलाफ आतंकवाद निरोधक मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत आरोप पत्र दायर किया।
ईडी ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा सलमान, सलीम और कामरान के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत दायर आरोपपत्र के आधार पर मामला दर्ज किया।
अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान यह पता चला कि हवाला चैनलों के माध्यम से पाकिस्तान से दुबई और फिर भारत में धनराशि भेजी जाती थी।
अधिकारी ने कहा, "सलमान दुबई में कामरान और उसके सहयोगियों अब्दुल अजीज बेहलीम और आरिफ गुलाम बाशिर धरमपुरिया द्वारा भेजे गए धन का प्राप्तकर्ता था।"
ईडी ने एनआईए द्वारा की गई खोजों के दौरान सलमान, सलीम और धरमपुरिया के घर से गुप्त दस्तावेजों को जब्त किया। एक ईमेल ने सलमान के निर्देश पर मोहम्मद उजैर द्वारा कामरान को ऐसे हवाला लेनदेन को दर्शाया है।
अधिकारी ने बताया कि दुबई से आने वाली धनराशि ईमेल और आरोपियों द्वारा पंजीकृत रजिस्टर के आधार पर निर्धारित की जाती थी।
अधिकारी ने आगे कहा कि सलमान ने विदेश से प्राप्त धन का इस्तेमाल हरियाणा के पलवल के उत्तावर में मस्जिद के निर्माण के लिए और गांव उत्तावर के आसपास की गरीब लड़कियों की शादियों में किया।
अधिकारी ने कहा, "ईडी ने 4.69 करोड़ रुपये की संपत्ति की पहचान की है। ईडी ने नई दिल्ली स्थित आरोपी सलमान की 73.12 लाख की कीमत की तीन अचल संपत्ति भी कुर्क कर ली है।"
सलमान और सलीम फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। एनआईए के अनुसार, सलमान को अवैध रूप से संचालित हवाला चैनल के माध्यम से एफआईएफ ऑपरेटरों और उनके सहयोगियों से धन प्राप्त करने में शामिल पाया गया था। एफआईएफ पाकिस्तान स्थित एक आतंकवादी संगठन है, जो जमात-उद-दावा द्वारा स्थापित है। इसकी स्थापना लश्कर और जेयूडी के प्रमुख हाफिज सईद ने की थी। फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को 14 मार्च 2012 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया था। हाफिज सईद को भी संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी के रूप में भी नामित किया जा चुका है।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली हिंसा के उन आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज करते हुए आगे की जांच करने के लिए तकनीकी चीजों की मदद लेने वाली जांच एजेंसी की कार्रवाई पर कोई रोक नहीं लगाई है, जिनकी गिरफ्तारी पुलिस द्वारा डिजिटली पहचान किए जाने के बाद हुई है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा जांच की जा रही एक मामले में मोहम्मद आरिफ पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और शस्त्र अधिनियम के तहत हत्या, दंगा करने, षड्यंत्र रचने के आरोप हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने यह देखते हुए आरिफ को जमानत देने से इनकार कर दिया कि एक तो उसके खिलाफ लगे आरोपों की प्रकृति गंभीर है और रिहा होने पर उसके द्वारा गवाहों को धमकाने या डराने की भी संभावना है।
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि घटनास्थल पर आरोपी की डिजिटल पहचान की गई है। हालांकि आरोपी के प्रतिनिधि ने इस आधार पर डिजिटली पहचान पर विरोध जताया कि चार्जशीट के दाखिल होने के बाद यह कानूनन वैद्य नहीं है।
सरकारी वकील ने इस बात पर जोर दिया कि मामले में कुछ भी नया नहीं जोड़ा गया है, लेकिन हां, तकनीक के इस्तेमाल के चलते आरोपी की पहचान करने की प्रक्रिया बदल गई है।
इस पर कोर्ट ने कहा, "प्रथम दृष्टया में आगे की जांच में भी तकनीकी चीजों की मदद लेने में जांच एजेंसियों पर कोई रोक नहीं है।"
कोर्ट ने आगे कहा कि चांद बाग में 24 फरवरी की रात के 12.06.35 बजे की सीसीटीवी फुटेज में आरोपी बिल्कुल स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है। उसने सफेद रंग की टी-शर्ट और ब्लैक लोअर पहन रखा है। उसके हाथ में एक छड़ी दिखाई पड़ रही है और इससे वह सीसीटीवी को नुकसान पहुंचाते हुए भी दिख रहा है।
लखनऊ, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश की हाथरस दुष्कर्म कांड को लेकर पूरे देश में उबाल है। इसी बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने हाथरस दुष्कर्म कांड को गंभीरता से लेते हुए स्वत:संज्ञान लिया है। कोर्ट ने गुरुवार को घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए यूपी सरकार, शासन के शीर्ष अधिकारियों और हाथरस के डीएम व एसपी को नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति राजन राय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने इस दर्दनाक घटना पर स्वत:संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है।
कोर्ट ने पीड़िता के साथ हाथरस पुलिस के बर्बर, क्रूर और अमानवीय व्यवहार पर राज्य सरकार से भी प्रतिक्रिया मांगी है। पीठ इस मामले की सुनवाई 12 अक्टूबर को करेगी।
लखनऊ बेंच ने हाथरस की घटना पर संज्ञान लेते हुए 12 अक्टूबर को अपर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, डीएम हाथरस व एसपी हाथरस को कोर्ट के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने हाथरस की घटना पर बहुत सख्त निर्देश देते हुए हाथरस पुलिस और प्रशासन के कृत्य पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। हाईकोर्ट ने इस घटना पर राज्य सरकार से भी प्रतिक्रिया मांगी है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हाथरस दुष्कर्म मामले में गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय एसआईटी जांच कर रही है। एसआईटी पुलिस की भूमिका की भी जांच करेगी। एसआईटी में महिला अधिकारी एसपी पूनम भी शामिल हैं।
इस बीच हाथरस मामले की एफएसएल और मेडिकल रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है। दोनों में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, "पीड़ित युवती का पोस्टमार्टम दिल्ली में हुआ था। परिवारजनों की सहमति के बाद पीड़िता का अंतिम संस्कार कराया गया।"
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशियों की अवैध घुसपैठ पर फिर से राजनीति गरमा गई है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक की ओर से अवैध घुसपैठ पर सवाल उठाए जाने पर भाजपा ने मुद्दा बना लिया है। पश्चिम बंगाल प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि अब ममता बनर्जी के घर के अंदर से ही घुसपैठ को लेकर सवाल उठने लगे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "घर से ही सवाल। पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रति ममता बनर्जी के नरम रुख पर स्थानीय जनता के दवाब के कारण अब टीएमसी में ही उंगलियां उठने लगी हैं। विधायक श्यामल मंडल ने ही अवैध घुसपैठियों को बंगाल के लिए बड़ा खतरा बताया। जब घुसपैठियों का मामला जगजाहिर है तो जांच का नाटक क्यों।"
दरअसल कैनिंग विस्ट विधानसभा सीट से विधायक श्यामल मंडल ने तृणमूल कांग्रेस पर अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के मामले में नरमी बरतने की आशंका जाहिर की है। विधायक ने कहा है कि हो सकता है कि अवैध घुसपैठियों को बसाने में तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेता कार्यकर्ता भी शामिल हों, जिसकी जांच की जा रही है। अगर ऐसा पाया गया तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इसकी जानकारी भी दी जाएगी। विधायक श्यामल मंडल ने यह भी कहा है कि कुछ घुसपैठिए मैंग्रोव जंगलों को काट रहे हैं और मिट्टी खोद रहे हैं। जिस पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि जब घुसपैठियों का मामला जगजाहिर तो फिर जांच की बात क्यों की जा रही है।
गुवाहाटी, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| असम में बाढ़ की तीसरी लहर आने से पैदा हुए हालात में अब थोड़ा सुधार आया है, फिर भी राज्य के सात जिलों के 2.71 लाख लोग अब भी बाढ़ की चपेट में हैं। गुरुवार को आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि मध्य असम के नागांव जिले में 1,90,537 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। सात जिलों के 426 गांवों में 25,307 हेक्टेयर खेतों में लगी फसलें डूब गई हैं। ये जिले हैं नागांव, बारपेटा, बिस्वनाथ, होजाई, मोरीगांव, गोलपाड़ा और पश्चिमी कार्बी।
अभ्यारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों में लगभग 46,000 पशुओं के लिए यह बाढ़ मुसीबत बनी हुई है।
श्रीनगर, 01 अक्टूबर (वार्ता)। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा कारणों से बंद 4जी इंटरनेट सेवाओं को समूचे प्रदेश में बहाल करने की मांग करते हुए कहा कि उधमपुर और गांदेरबल जिले में सुरक्षा स्थिति खराब नहीं हुई है जहां 16 अगस्त को 4जी इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं थी।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने दरअसल केंद्र शासित प्रदेश में हाई स्पीड 4जी इंटरनेट सेवाओं पर 21 अक्टूबर तक रोक लगा रखी है लेकिन उधमपुर और गांदेरबल जिले में 4जी सेवा चालू है।
श्री अब्दुल्ला ने सेवाओं पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ाये जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा,“ क्या उधमपुर और गांदेरबल जिले में 4जी इनटरनेट सेवाएं शुरू करने के बाद स्थिति ख़राब हुई है? अगर सुरक्षा स्थिति वैसी ही है और खराब नहीं हुई है तो 4जी इंटरनेट को समूचे जम्मू-कश्मीर में क्यों बहाल नहीं किया गया।”
प्रमुख सचिव गृह विभाग शालीन काबरा ने बुधवार शाम जारी आदेश में 4जी इंटरनेट पर प्रतिबंध को बढ़ाते हुए कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों की रिपोर्ट से पता चलता है कि अलगाववादियों और राष्ट्र विरोधी तत्वों की मदद से पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ को आसान बनाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं।
श्री काबरा कहा कि आतंकवादी 4जी इंटरनेट का दुरुपयोग कर सोशल मीडिया पर उकसाने वाली और गलत जानकारी डालते हैं जिससे सुरक्षा स्थिति को खतरा है। उन्होंने कहा कि स्थिति को ध्यान में रखते हुए गांदेरबल और उधमपुर जिलों में बारीकी से सुरक्षा निगरानी की आवश्यकता है, जहां अगस्त में 4जी इंटरनेट सेवा बहाल की गई थी।
उल्लेखनीय है की गत वर्ष वर्ष पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर को दिए जाना वाला विशेष राज्य का दर्ज हटा दिया गया था और बाद में राज्य को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया था। तब से लेकर अब तक प्रदेश में सुरक्षा कारणों की वजह से 4जी सेवा बहाल नहीं की है। उधमपुर और गांदेरबल जिले में हालांकि सुरक्षा स्थिति पर बारीकी से नजर रखते हुए 16 अगस्त को 4जी सेवा बहाल कर दी गई।
नयी दिल्ली, 01 अक्टूबर (वार्ता)। उच्चतम न्यायालय ने समय रहते सरकार द्वारा
लॉकडाउन ना लगाये जाने और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत के लिए किये गये ‘नमस्ते ट्रम्प’ आयोजन में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों के उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए आयोग गठित करने की मांग सम्बन्धी याचिका गुरुवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जाने माने वकील प्रशांत भूषण के जरिये कुछ पूर्व नौकरशाहों द्वारा दायर याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि यह मामला संसद में बहस का हो सकता है, लेकिन अदालत में बहस का नहीं। न्यायालय ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।
याचिका की सुनवाई के दौरान श्री भूषण ने कहा कि ‘नमस्ते ट्रम्प’ कार्यक्रम में लाखों लोग एक साथ जमा हुए थे, जबकि उससे पहले चार फरवरी को गृह मंत्रालय ने परामर्श जारी किया था कि बड़ी संख्या में लोग एक जगह एकत्र ना हों, उसके बाद भी नमस्ते ट्रम्प कार्यक्रम में लोगों को सरकार द्वारा ही इकट्ठा किया गया। इतना ही नहीं, लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में लोग बेरोज़गार हुए हैं।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर | कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में बेटियों से बलात्कार की घटनाओं के प्रति सरकार के रवैये की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि जो हुआ वह अन्याय है और जो सरकार ने किया, वह उससे भी बड़ा अन्याय है। प्रियंका ने ये बातें दिल्ली से हाथरस जाने के दौरान ग्रेटर नोएडा के पास रोके जाने के बाद कही। उन्होंने मीडिया से कहा कि उनकी भी बेटी है, इसलिए एक मां के नाते उन्हें ऐसी घटनाओं से बहुत गुस्सा आता है।
आखिर इतना गुस्सा क्यों है? इस सवाल पर प्रियंका ने कहा, 'मेरी 18 साल की बेटी है। मैं महिला हूं। गुस्सा चढ़ता है। आपकी बेटी होती... आप धर्म के रखवाले कहते हैं अपने आप को। कहते हैं हम हिंदू धर्म के रखवाले हैं। हमारे धर्म में कहा लिखा है कि एक पिता को अपनी बेटी की चिता को जलाने से रोक सकते हैं।'
सरकार ने ज्यादा बड़ा अन्याय किया: प्रियंका
कांग्रेस नेता हाथरस में हैवानियत की शिकार हुई युवती का शव रातोंरात गुपचुप तरीके से जला देने का हवाला दे रही थीं। उन्होंने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार और वहीं के पुलिस-प्रशासन के इस रवैये की कड़ी निंदा की। प्रिंयका ने कहा, 'जो घटना हुई, वह अन्याय है। जो सरकार ने किया वह बहुत बड़ा अन्याय है।'
हाथरस की ओर प्रियंका-राहुल का पैदल मार्च
प्रियंका गांधी अपने भाई और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ दिल्ली से हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए निकले थे, लेकिन उनके काफिले को ग्रेटर नोएडा में परी चौक के पास रोक लिया गया। वहां प्रशासन के साथ थोड़ी देर मशक्कत करने के बाद प्रिंयका और राहुल कार से उतर गए और पैदल ही हाथरस की ओर बढ़ गए। परी चौक से हाथरस की दूरी करीब 150 किमी है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रियंका गांधी और राहुल गांधी इतनी लंबी दूरी तय कर हाथरस कांड के पीड़ित परिवार से मिलेंगी? (nbt)
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| कोरोना महामारी के चलते सोशल डिस्टेंसिंग के नए नियमों का पालन करते हुए दिल्ली मेट्रो ने अपना परिचालन कार्य 12 सितंबर से पूरी तरह से शुरू कर दिया, जबकि ट्रेन में यात्रियों की संख्या में काफी कमी आई है, जो इसकी पूर्व क्षमता से घटकर लगभग पांचवा हिस्सा रह गई। इस बदले परिदृश्य में बेहतर क्षमता के साथ सेवा उपलब्ध कराने के लिए, डीएमआरसी ने भीड़भाड़ वाले समय में (पीक ऑवर) चलने वाली ट्रेनों के फेरे प्रात: 8 बजे से सायं 8 बजे तक बढ़ा दिए हैं, जबकि प्रात: 11 बजे से सायं 4 बजे के दौरान कम-भीड़भाड़ वाले समय की संकल्पना समाप्त कर दी गई है, जिस दौरान ट्रेनों की संख्या कम थी। इसके अतिरिक्त, जनता को भी जहां तक संभव हो, अनावश्यक यात्राओं से बचने तथा जितना संभव हो अपनी सुविधा के लिए भीड़भाड़ वाले समय से बचकर (पीक ऑवर से बचें) अपने कार्यालय, घर और अन्य कार्यों के लिए आने-जाने के समय को बदलने और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के कारण डीएमआरसी द्वारा जनता के लिए उपलब्ध सेवा के समुचित उपयोग की सलाह दी गई है।
हाल ही के दिनों में यह भी देखा गया है कि दिल्ली मेट्रो के कुछ सेक्शन (जैसे-दिलशाद गार्डन से शास्त्री पार्क, मुंडका से कीर्ति नगर, कीर्ति नगर से मंडी हाउस, नया बस अड्डा से दिलशाद गार्डन, एस्कॉर्ट्स मुजेसर से बहादुरपुर सेक्शन) पर क्षमता का उपयोग शत-प्रतिशत से अधिक हो रहा है और प्रात:काल तथा सायंकाल में भीड़भाड़ वाले समय के दौरान क्षमता का उपयोग बढ़कर 133 फीसदी तक पहुंचा है, जबकि कम-भीड़भाड़ वाले समय के दौरान उन्हीं सेक्शनों में क्षमता का उपयोग केवल 30-50 फीसदी के बीच रहा है, जिससे भीड़भाड़ वाले समय के दौरान यात्री यथासंभव अपने यात्रा समय में फेरबदल कर सकते हैं और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखकर निर्बाध रूप से यात्रा कर सकते हैं।
आने वाले दिनों में व्यस्ततम अवधि के दौरान, यदि अन्य सेक्शनों पर भी यह कार्य पद्धति जारी रखी जाती है, तो न केवल नियमित तरीके से प्रवेश के कारण स्टेशनों के बाहर लगने वाली लाइनें और लंबी होंगी, जबकि स्टेशन परिसरों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना अनिवार्य है, बल्कि इससे सेक्शनों के बीच में ट्रेनों की शॉर्ट लूपिंग होगी और गेटों को बंद रखना पड़ेगा, जिससे यात्रा समय और बढ़ जाएगा तथा यात्रा के दौरान असुविधा होगी।
आम जनता को फिर से सलाह दी जाती है कि वे भीड़भाड़ वाले समय से बचकर (ब्रेक द पीक) यात्रा करें, ताकि इस अवधि में भीड़भाड़ कम हो सके और अपने आराम तथा कोरोना महामारी से बचाव के लिए कम-भीड़भाड़ वाले समय के दौरान मिलने वाली अतिरिक्त सुविधा का लाभ उठा सकें। सेवाओं की बहाली होने के बाद से, लोगों ने डीएमआरसी के साथ बहुत सहयोग किया है और नए यात्रा नियमों का पालन किया है, जिससे हाल के दिनों में लाइन क्षमता का उपयोग 9-10 लाख हुआ है, जो वर्तमान अपेक्षाओं तथा सोशल डिस्टेंसिंग की आवश्यकताओं के अनुरूप है।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अटल सुरंग (टनल) का उद्घाटन करेंगे। यह दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है। प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि समारोह सुबह 10 बजे आयोजित किया जाएगा।
अटल सुरंग मनाली और लेह के बीच की दूरी को 46 किलोमीटर तक कम करती है और यात्रा के समय को भी चार से पांच घंटे कम कर देती है। यह 9.02 किलोमीटर लंबी सुरंग है, जो कि मनाली को पूरे साल लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
इससे पहले घाटी हर साल लगभग छह महीने तक भारी बर्फबारी के कारण अन्य हिस्सों से कट जाती थी। सुरंग को समुद्र तल से 3,000 मीटर (10,000 फीट) की ऊंचाई पर हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी में आधुनिक तकनीक के साथ बनाया गया है।
इस टनल में हर रोज तीन हजार कार और डेढ़ हजार ट्रक गुजर सकेंगे। टनल के भीतर 80 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार तय की गई है। टनल के भीतर सेमी ट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम होगा। यहां किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तमाम व्यवस्था भी की गई है।
टनल के भीतर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया गया है। दोनों ओर एंट्री बैरियर रहेंगे। हर डेढ़ सौ मीटर पर आपात स्थिति में संपर्क करने की व्यवस्था होगी। हर 60 मीटर पर आग बुझाने का संयंत्र होगा। इसके अलावा हर ढाई सौ मीटर पर दुर्घटना का स्वयं पता लगाने के लिए सीसीटीवी का इंतजाम भी किया गया हैं। यहां हर एक किलोमीटर पर हवा की क्वालिटी जांचने का भी इंतजाम है।
इस टनल को बनाने का एतिहासिक फैसला तीन जून 2000 को लिया गया था, जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। 26 मई 2002 को इसकी आधारशिला रखी गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर 2019 को इस टनल का नाम दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल टनल रखने का फैसला किया था।
दुबई, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| दुबई में बसे एक प्रवासी भारतीय को पिछले साल अपने घर पर आयोजित दिवाली की पार्टी के दौरान अपनी एक महिला सहकर्मी का यौन शोषण करने के आरोप से मुक्त कर दिया गया है। गल्फ न्यूज ने गुरुवार को बताया कि दुबई कोर्ट ऑफ फस्र्ट इंस्टेंस ने 32 वर्षीय एक भारतीय महिला द्वारा दर्ज कराए इस मामले की सुनवाई की थी, जिसमें महिला ने 59 वर्षीय इस अभियुक्त के घर पर पार्टी आयोजित करने के काम में मदद की थी, हालांकि मेहमानों के चले जाने के बाद अभियुक्त ने महिला के साथ आपत्तिजनक व्यवहार किया, लेकिन महिला के विरोध किए जाने पर उसे घर से जाने की अनुमित दे दी गई, जिसके बाद उसने बुर दुबई पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
पीड़ित ने दावा किया था कि घटना के दौरान अभियुक्त शराब के नशे में था।
गुरुग्राम, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| कोरोना महामारी के दौर में आय में कमी होने की वजह से ज्यादातर लोगों की आय प्रभावित हुई जिससे उनकी पुनर्भुगतान क्षमता एवं ईएमआई भुगतान क्षमता पर असर पड़ा। लेकिन जिन लोगों ने मोराटोरियम लिया था, उनमें से एक बड़े वर्ग की आय प्रभावित नहीं हुई और उनके पास पुनर्भुगतान क्षमता है। एक सर्वे से इस बात जानकारी मिली है। सर्वे में 23 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने मोराटोरियम का लाभ उठाया है, और साथ ही इस अवधि के दौरान उनकी आय में कोई कमी नहीं आई।
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, नौकरीपेशा उपभोक्ताओं में से जिन्होंने मोराटोरियम लिया, उनमें से एक तिहाई (34 फीसदी) से अधिक लोगों के वेतन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। मोराटोरियम लेने के पीछे एक प्राथमिक कारण उनकी नौकरी खोने का डर हो सकता है। भविष्य में वेतन में महत्वपूर्ण कटौती या मोराटोरियम के दौरान भी ब्याज देने के नियम का ना पता होना भी हो सकता है।
एक और बड़ा कारक यह था कि जिन उपभोक्ताओं ने मोराटोरियम का लाभ उठाया था, उनमें से 40 फीसदी ने कहा कि वे इस महीने से अपनी ईएमआई का पूरा भुगतान कर सकते हैं।
अब जब लोन के लिए मोराटोरियम पीरियड खत्म हो चुका है, कंज्यूमर सर्वे डील विद डैट : हाउ इंडिया प्लान्स टू पे ईएमआई के आधार पर बनी रिपोर्ट, वर्तमान में ग्राहकों की आय और पुनर्भुगतानक्षमता पर कोरोनोवायरस महामारी का प्रभाव दिखाती है।
यह सर्वे 1 लाख रुपये या अधिक के लोन वाले 35 से ज्यादा शहरों के 24 वर्ष से 57 वर्ष के बीच के लोगों के बीच किया गया और पैसाबाजार डॉट कॉम के 8500 से अधिक उपभोक्ताओं ने इसमें भाग लिया।
सर्वे में भाग लेने वाले आधे से अधिक ग्राहकों ने कहा कि वे लोन रिस्ट्रक्च र प्लान के लिए अपने बैंक/ लोन संस्थान से संपर्क करना चाहेंगे। जिन लोगों ने मोराटोरियम लिया था, उनमें से 70 फीसदी ने कहा कि वे लोन रिस्ट्रक्च र प्लान के लिए आवेदन करेंगे।
पैसाबाजार डॉट कॉम के सीईओ और को-फाउंडर नवीन कुकरेजा ने कहा, "अगर अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है और आय लगातार बढ़ने लगी है, तो हम 7-9 महीनों में लोन सप्लाई को कोविड के पहले के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद कर सकते हैं। अर्थव्यवस्था अपने पैरों पर वापस खड़े होने से, महामारी से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र जैसे, यात्रा, एविएशन, हॉस्पिटैलिटी इत्यादि को लोन संस्थानों द्वारा फिर से तरजीह दी जाने लगेगी।"
सर्वे के अनुसार, मोराटोरियम लेने वालों का सबसे अधिक प्रतिशत मुंबई में था, यहां के 65 फीसदी ग्राहकों ने कहा कि उन्होंने मोराटोरियम लिया था।
सर्वे में यह भी पता चला कि 50 वर्ष या उस से ज्यादा उम्र वाले ग्राहक कम उम्र के ग्राहकों की तुलना में आर्थिक रूप से अधिक स्थिर थे। वृद्ध उपभोक्ताओं में मोराटोरियम लेने वालों का अनुपात कम था और ज्यादा ईएमआई होने के बावजूद सबसे अच्छी भुगतान क्षमता थी।