राष्ट्रीय
भुवनेश्वर, 1 अगस्त (आईएएनएस)| ओडिशा में बीते 24 घंटों में कोरोनावायरस से संक्रमण के 1,602 नए मामले सामने आए। एक दिन में नए मामलों का यह अब तक का सबसे ज्यादा आंकड़ा है। इसके साथ ही राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 33,479 हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी शनिवार को दी। गंजम, खुर्दा, गजापति और सुंदरगढ़ जिलों से 10 और मौतें होने की खबर है। इसके साथ राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 187 हो गई।
कोरोना हॉटस्पॉट गंजम जिले में सबसे ज्यादा 99 मौतें हुई हैं। इसके बाद खुर्दा का स्थान है, जहां 25 मौतें हुई हैं।
नए 1,602 मामलों में 993 क्वारंटीन सेंटरों के और 609 स्थानीय संपर्को से हुए संक्रमण के मामले हैं। नए मामलों की पहचान 29 जिलों में हुई है।
एक अधिकारी ने कहा कि संक्रमित लोग किन लोगों के संपर्क में आए, यह पता लगाने का काम शुरू कर दिया गया है।
बीते 24 घंटों में गंजम जिले में 308, खोर्धा में 285, रायगदा में 164 और गजापति में 108 नए मामले सामने आए हैं।
राज्य में इस समय 12,737 सक्रिय मामले हैं और अब तक 20,517 मरीज ठीक हो चुके हैं।
रांची, 1 अगस्त। गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे की एमबीए की डिग्री फर्जी बताई जा रही है। इस संबंध में दिल्ली विश्वविद्यालय का एक पत्र चर्चा में है। इस पत्र में निशिकांत की एमबीए डिग्री को फर्जी बताया गया है। हालांकि प्रदेश भाजपा के नेता इस पत्र को ही फर्जी बता रहे हैं। फिलहाल इस मुद्दे पर झारखंड में राजनीति तेज है। इस संबंध में अभी तक गोड्डा सांसद निशिकांत का बयान नहीं मिल पाया है।
एमबीए डिग्री को लेकर लंबे समय से झामुमो समेत अन्य दल सवाल उठाते हुए डिग्री को फर्जी बताते रहे हैं। झामुमो के महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य 3 दिन पहले भी रांच में प्रेस कांफे्रंस कर यह दोहराया था कि आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, निशिकांत दुबे की एमबीए की डिग्री फर्जी साबित हुई है। इस संबंध में देवघर में भी एक व्यक्ति ने पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है। अभी तक निशिकांत दुबे की ओर से एमबीए की डिग्री को सही और प्रामाणिक बताया जाता रहा है।
ताजा पत्र सोशल मीडिया में भी वायरल है। इसमें दिल्ली यूनिवर्सिटी फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्ट्डीज के लेटर पैड पर झारखंड पुलिस को संबोधित करते हुए मजमून लिखा है।पत्र में लिखा गया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय से 1993 में निशिकांत दुबे नाम के किसी भी व्यक्ति ने पार्ट टाइम एमबीए की डिग्री हासिल नहीं की है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस संबंध में झारखंड पुलिस को भी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। हालांकि इस पत्र की सत्यता की खोज भी दोनों पक्षों के लोग कर रहे हैं। (dailyhunth)
नई दिल्ली, 1 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया ने कहा है कि सभी स्ट्राइकर के लिए लगातार गोल करने के लिए छठी इंद्री को जगाना जरूरी है। एआईएफएफ टीवी से बात करते हुए भूटिया ने कहा, "यह छठी इंद्री की बात है। आपको सूंघना पड़ता है कि गोल कहां से आ रहा है। विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइकरों के पास यह क्षमता होती है। आपको स्थिति को पढ़ना होता है। जब तक आप छठी इंद्री को नहीं जगाते हैं तो आप सफल स्ट्राइकर नहीं बन सकते।"
टीम के मौजूदा कप्तान सुनील छेत्री ने एक बार कहा था कि, 'भूटिया भाई के लिए गोल करना जीने-मरने की बात थी।' इस बात का हवाला देते हुए भूटिया ने कहा कि जब भी आपको लगे कि मौका है तो आपको कोशिश करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "10 में से एक या दो स्थिति में आपको गोल करने का मौका मिलता है। लेकिन आपको यह लगातार करना होता है।"
उन्होंने कहा, "एक स्ट्राइकर के तौर पर आपको भांपना होता है क्योंकि आपके पास गेंद को नेट में डालने के लिए सिर्फ एक सेकेंड चाहिए होता है। यहीं स्ट्राइकर को तकनीकी और मानसिक रूप से मजबूत होना चाहिए।
उन्होंने कहा, "कई बार स्ट्राइकर मेरे पास आते हैं और पूछते हैं कि जब हम गोल नहीं कर पा रहे होते हैं तो क्या करें। मैं सिर्फ उनसे यही कहता हूं कि चाहे कुछ भी हो आपको मौके के पीछे भागना होगा। अगर आप नौ बार असफल होकर हिम्मत हार जाते हो तो आप 10वीं बार गेंद के पास भी नहीं पहुंचोगे।"
भूटिया ने कहा, "अगर आप रोनाल्डो और मेसी को देखेंगे तो पता चलेगा कि वह हर बार 3-4 डिफेंडरों को पार करते हैं। सभी स्ट्राइकर गेंद का इंतजार करते हैं और टच करते हैं। अंत में यह मौका भांपने की बात है, मैं दोबारा कहता हूं कि अगर आप लगातार कोशिश नहीं करेंगे, मौके नहीं बनाएंगे आप वो भांपने की आदत को नहीं जगा पाएंगे।"
ग्वालियर, 1 अगस्त (आईएएनएस) मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित सरकार दफ्तरों की इमारत मोती महल पहुंचे प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर गंदगी देखकर भड़क उठे और खुद ही टॉयलेट की सफाई में मंत्रीतोमर शुक्रवार को मोती महल संभागायुक्त से चर्चा करने पहुंचे थे। वापस लौटते समय कार्यालय की कुछ महिला कर्मचारियों द्वारा मंत्री तोमर से शिकायत की गई कि कार्यालय में उनके लिए बनाए गए टॉयलेट की साफ-सफाई नियमित रूप से नहीं होती तथा शौचालय गंदे होने के कारण उन्हें काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
महिला कर्मचारियों की शिकायत सुनते ही मंत्री तोमर ने मोतीमहल परिसर स्थित शौचालयों की साफ सफाई व्यवस्था देखी तो शौचालय गंदे पाए गए, जिसको देखते ही उन्होंने आवश्यक सामग्री मंगावकर कर स्वयं ही शौचालयों की साफ सफाई करना प्रारंभ कर दिया।
तोमर ने कर्मचारियों से कहा कि शासकीय कार्यालय परिसर में शौचालयों की साफ-सफाई की जिम्मेदारी को समझें तथा सभी शासकीय कार्यालयों के शौचालय साफ व स्वच्छ रहना चाहिए। इसके लिए अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग करें और शासकीय कार्यालयों के शौचालयों को नियमित रूप से साफ कराएं।
इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि इस परिसर में टॉयलेटों की साफ सफाई के लिए जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जाए।
मंत्री तोमर ने संयुक्त आयुक्त राजस्व आरपी भारती से कहा कि शासकीय कार्यालयों में महिलाओं के लिए उपलब्ध जन सुविधा के संसाधनों का विशेष ध्यान रखें तथा इस परिसर में शौचालयों की साफ सफाई के लिए जो भी जिम्मेदार है, उसके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही करें।
यह कोई पहला मौका नहीं है जब मंत्री तोमर सफाई का औजार खुद अपने हाथ में थामा हो। इससे पहले भी नाले की सफाई के लिए खुद फावड़ा लेकर नाले में उतर गए थे और इससे पहले झाडू लेकर पार्क की सफाई की थी।
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बेंगलुरु, 1 अगस्त (आईएएनएस)| कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के दूसरे पुत्र बी.वाई. विजयेंद्र को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पार्टी के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष नलिन कुमार कटील ने संगठन के 10 उपाध्यक्षों, 4 महासचिवों, 2 कोषाध्यक्षों और 7 प्रमुखों (संगठनों) की नियुक्ति की है। इनमें से एक उपाध्यक्ष के तौर पर विजयेन्द्र को भी नियुक्त किया गया है।"
अन्य नौ उपाध्यक्षों में अरविंद लिम्बावाली और निर्मल कुमार सुमारना (बेंगलुरु सेंट्रल से), तेजस्विनी अनंतकुमार और एम. शंकरप्पा (बेंगलुरु साउथ), प्रताप सिम्हा और एम. राजेंद्र (मैसूर), शोबा करंदलाजे (उडुपी), मलिकय्या गुटेदार (कलबुर्गी) और एमबी नंदीश (तुमकुर) से हैं।
हालांकि विजयेंद्र राज्य के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के मालनाद के शिवमोग्गा से हैं, लेकिन वे टेक सिटी में येदियुरप्पा के साथ रहते हैं।
विजयेंद्र के बड़े भाई बी.वाई राघवेंद्र शिवमोग्गा से 2009 से लगातार तीसरी बार लोकसभा सदस्य हैं। वे शिकारीपुरा विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं, जिसका वर्तमान में येदियुरप्पा प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
चार महासचिवों में एन. रविकुमार (दावणगेरे), सिद्दाराजू (मैसूर ग्रामीण), सी.एन. अश्वथ नारायण (बेंगलुरु सेंट्रल) और महेश तेन्गिनाकाई (हुबली-धारवाड़) हैं।
नारायण भी राज्य सरकार के तीन उपमुख्यमंत्रियों में से एक हैं।
10 सचिवों में सतीश रेड्डी (बेंगलुरु दक्षिण), तुलसी मुनिराजु गौड़ा (बेंगलुरु सेंट्रल), केशव प्रसाद (बेंगलुरु उत्तर), जगदीश हेरमानी (बगलकोट), सुधा जयारुद्रेश (दावणगेरे), भारती मुग्दुम (बेलागवि ग्रामीण), हेमलता नायक (कोप्पल), उज्जवला (बेलागवि शहर), के.एस. नवीन (चित्रदुर्ग) और विनय बिदारे (तुमकुर) हैं।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)| देश के 23 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में भूमि अभिलेखों का 90 फीसदी से ज्यादा कम्प्यूटरीकरण हो चुका है और बाकी 11 राज्यों व संघ शासित प्रदेशों में यह काम प्रगति में है। यह जानकारी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को दी। एक कार्यक्रम के दौरान डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) की जानकारी देते हुए मंत्रालय ने बताया कि 19 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 90 फीसदी से ज्यादा जमीन के नक्शे का डिजिटलीकरण हो चुका है और नौ राज्यों/संघ शासित प्रदेशा में इस दिशा में काम प्रगति में है।
रजिस्ट्रीकरण का कम्प्यूटरीकरण (एसआरओ) 22 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में 90 फीसदी से अधिक पूरा हो चुका है और आठ राज्यों/संघ शासित राज्यों में इस कार्य में पर्याप्त प्रगति प्राप्त की गई है।
मंत्रालय ने बताया कि राजस्व कार्यालय के साथ एसआरओ का एकीकरण 16 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में 90 फीसदी से अधिक पूरा हो चुका है और आठ राज्यों/संघ शासित राज्यों में यह कार्य काफी प्रगति में है।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग की 'डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम में सर्वोत्तम प्रथाओं' पर एक पुस्तिका जारी की। यह पुस्तिका क्षेत्रीय और राष्ट्रीय कार्यशालाओं के दौरान राज्यों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों पर आधारित है।
इसमें राष्ट्रीय नीति फ्रेमवर्क और अध्ययन में शामिल नौ राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और राजस्थान में भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण के लिए अपनायी गयी 'सर्वोत्तम प्रथाओं' की सूची दी गई है। इसमें विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे (पंजीकरण, नामांतरण, सर्वेक्षण, निपटान, भूमि अधिग्रहण), प्रौद्योगिकी पहलें और विधिक तथा संस्थागत अवधारणा के कार्यान्वयन में त्रुटियों को भी कवर किया गया है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एक अच्छी भूमि अभिलेख प्रणाली प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक है।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 800 करोड़ रुपये के बैंक फर्जीवाड़ा मामल में शुक्रवार को राज सिंह गहलोत के अवासीय परिसर सहित दिल्ली में सात जगह छापेमारी की। जिन ठिकानों पर छापे मारे गए, उनमें अमन हॉस्पिटैलिटी व एंबिएंस ग्रुप की अन्य कंपनियों के कार्यालय परिसर व अन्य कंपनी अधिकारियों के ठिकाने शामिल हैं।
ईडी के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि एंबिएंस ग्रुप के निदेशकों में से एक, राज सिंह गहलोत इस मामले के सिलसिले में वित्तीय जांच एजेंसी के समक्ष मुख्यालय में पेश हुए।
ईडी के अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने धनशोधन निरोधक अधिनियम, 2002 के तहत दिल्ली में सात अलग-अलग ठिकानों पर तलाशी ली। गहलोत, दयानंद सिंह, मोहन सिंह गहलोत और उनके सहयोगियों के कार्यालय परिसरों के अलावा अमन हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड व एंबिएंस ग्रुप की अन्य कंपनियों के कार्यालय परिसरों की तलाशी ली गई।
उन्होंने बताया कि राज सिंह गहलोत के आवास की तलाशी के दौरान 16 लाख रुपये नकद और लगभग 24 लाख रुपये के बराबर विदेशी मुद्राएं बरामद की गईं।
ईडी की टीम ने तलाशी के दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज व डिजिटल सबूत भी बरामद किए।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने शेड्यूल्ड अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों के संचालन पर निलंबन शुक्रवार को 31 जुलाई तक बढ़ा दिया।
जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "सरकार ने भारत से या भारत के लिए शेड्यूल्ड अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री सेवा पर निलंबन 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है।"
बयान में कहा गया है, "एयरमेन (एनओटीएएम) को इस बारे में खास सूचना जारी कर दी गई है।"
यह प्रतिबंध हालांकि सभी कार्गो उड़ानों और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा विशेष रूप से स्वीकृत अन्य उड़ानों पर लागू नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि यात्री उड़ान सेवा 25 मार्च को निलंबित कर दी गई थी, जब कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगा दिया गया था। घरेलू उड़ान सेवा हालांकि 25 मई से बहाल हो गई है।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)| नोबल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने शुक्रवार को कहा कि कोरोनावायरस ने समाज की कमजोरी को उजागर कर दिया है और अर्थव्यवस्था में असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे मजदूरों की पहचान नहीं की जाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे मजदूरों की पहचान करना जरूरी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ वार्ता के दौरान बांग्लादेश ग्रामीण बैंक के संस्थापक ने कहा, "वित्तीय प्रणाली का निर्माण काफी गलत तरीके से किया गया है। और कोविड-19 संकट ने समाज की कमजोरी का बहुत ही गंदे तरीके से खुलासा कर दिया।"
उन्होंने कहा, "यह समाज में जमा हुआ था और हम इसके अभ्यस्त हो चुके थे। वहां गरीब लोग थे, प्रवासी मजदूर शहरों में थे। लेकिन अचानक हमने देखा कि लाखों की संख्या में ये लोग अपने घर जाने की कोशिश कर रहे हैं। वह भी इनलोगों ने अपने कदमों से हजारों मिल की दूरी तय की। यह कोविड-19 का सबसे दुखद भाग है, जिसका खुलासा हो गया।"
वह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के सवालों के जवाब देते हुए इन बातों को रख रहे थे। राहुल गांधी ने उनसे कोरोना की वजह से गरीबों की वित्तीय हालत, महिलाओं पर गरीबी का असर और कैसे यह कोविड-19 संकट और मौजूदा आर्थिक संकट गरीबों पर प्रभाव डालने वाला है, इत्यादि सवाल पूछे थे।
नोबल पुरस्कार विजेता ने कहा, "अर्थव्यवस्था इन लोगों की पहचान नहीं करती है। वे इसे असंगठित क्षेत्र कहते हैं। असंगठित क्षेत्र मतलब हमें उनसे कोई लेना-देना नहीं है। वे अर्थव्यवस्था का भाग नहीं है। अर्थव्यवस्था की शुरुआत संगठित क्षेत्र से होती है, हम संगठित क्षेत्र के साथ व्यस्त हैं। अगर हम केवल उन्हें वित्तपोषित करेंगे, उनका ख्याल रखेंगे तो वे आगे बढ़ेंगे।"
मोहम्मद यूनुस और ग्रामीण बैंक को 2006 में नोबल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था।
यूनुस ने कहा, "इनसब में महिलाओं की हालत सबसे खराब है। आप संरचना देखें, ये लोग इसमें सबसे नीचे हैं। उनकी कोई आवाज नहीं है। परंपरा उन्हें पूरी तरह से अलग कर देती है। वे समाज की मूल ताकत हैं।"
उन्होंने कहा, "जब बात औद्योगिक क्षमता की आती है और माइक्रोक्रेडिट महिलाओं को दिया जाता है, तो उन्होंने दिखाया है कि उनमें कितनी उद्यम क्षमता है। इसलिए माइक्रोक्रेडिट को पूरी दुनिया में सभी जानते हैं क्योंकि उन्होंने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। वे लड़ सकती हैं, उनमें क्षमता है और सभी तरह का कौशल है। उन्हें भुला दिया गया क्योंकि वे सभी असंगठित क्षेत्र के तहत आते हैं।"
नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर के अंत तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने के यूजीसी के छह जुलाई के दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने सुनवाई 10 अगस्त तक स्थगित कर दी है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में छह जुलाई को जारी यूजीसी की उस गाइडलाइन को चुनौती दी गई थी, जिसमें देश के सभी विश्वविद्यालयों से 30 सितंबर से पहले अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित कर लेने के लिए कहा गया है।
अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने शीर्ष अदालत से एक अंतरिम आदेश पारित करने का अनुरोध किया और हवाला दिया कि कई छात्र बिहार और असम में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंस गए हैं। उन्होंने दलील देते हुए कहा, "मी लॉर्ड वे यात्रा कैसे करेंगे?"
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत अभी कोई अंतरिम आदेश नहीं दे रही है और मामले को 10 अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया गया है।
शीर्ष अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को भी केंद्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए कहा, ताकि मामले पर एमएचए स्पष्ट हो सके। मेहता ने जवाब दिया कि यह सोमवार तक हो जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि छात्रों को यह धारणा नहीं बनानी चाहिए कि उन्हें परीक्षा की तैयारी नहीं करनी है, बल्कि इसके बजाय उन्हें तैयारी करनी चाहिए।
अंतिम वर्ष के छात्र यश दुबे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ के समक्ष कोविड-19 के लगातार बढ़ रहे मामलों की दलील पेश की। सिंघवी ने कहा कि उन्होंने शीर्ष अदालत से पहले के दिशानिर्देशों की जांच करने और फिर छह जुलाई को जारी किए गए दिशानिर्देशों को देखने के लिए कहा है।
सिंघवी ने कहा कि परीक्षा रद्द होने पर आसमान नहीं टूट पड़ेगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि सितंबर अंत तक अपनी अंतिम-वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने के लिए भारत भर के विश्वविद्यालयों को अनिवार्य किए गए छह जुलाई के दिशानिर्देशों को बदलना संभव नहीं है।
यूजीसी ने अदालत को सूचित किया कि प्रो. आर. सी. कुहाड़ की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति ने रिपोर्ट सौंपी है कि टर्मिनल सेमेस्टर परीक्षाएं सितंबर के अंत तक विश्वविद्यालयों/संस्थानों द्वारा आयोजित की जानी चाहिए।
नई दिल्ली,31 जुलाई| दरअसल, सोज़ ने ग़ैरक़ानूनी 'नज़रबंदी' के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन अदालत ने यह कहते हुए इसे ख़ारिज़ कर दिया कि उन पर कोई पाबंदी नहीं है.
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि सोज़ पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है और अदालत ने इस दावे को स्वीकर किया था.
लेकिन इसके ठीक एक दिन बाद सरकार के दावे के ठीक उलट स्थिति देखने को मिली. कांग्रेस नेता ने गुरुवार को जैसे ही श्रीनगर स्थित अपने घर से बाहर निकलने की कोशिश की, पुलिस ने उन्हें रोक लिया.
कुछ पत्रकार भी इस मौके पर वहां मौजूद थे और उनकी मौजूदगी में ही पुलिस 83 वर्षीय सोज़ को घर के अंदर भेज दिया.
इसके बाद सैफ़ुद्दीन सोज़ ने अपने घर के अंदर ही, दीवार और कटींले तारों के पीछे से पत्रकारों से बात की. उनका दावा है कि बुधवार को भी, सुप्रीम कोर्ट के याचिका ख़ारिज किए जाने के थोड़ी ही देर बाद उन्होंने घर से निकलने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें रोक दिया गया.
सोज़ ने अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि वो इस 'ग़ैरक़ानूनी नज़रबंदी' के ख़िलाफ़ फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
उन्होंने कहा, "कश्मीर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मैं आज़ाद हूं. लेकिन मैं आज़ाद नहीं हूं. पांच अगस्त, 2019 से लेकर अब तक मैं अपने घर में ही क़ैद हूं. अगर ऐसा नहीं है तो मुझे बाहर जाने से क्यों रोका जा रहा है?"(bbc)
लखनऊ, 31जुलाई | राम मंदिर निर्माण के बहाने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से लेकर अगले लोकसभा चुनाव तक राम मंदिर का मुद्दा गरमाए रखने की बीजेपी की पूरी तैयारी है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपतराय का कहना है कि मंदिर निर्माण का काम किसी भी तरह साढ़े तीन साल में पूरा कर लेने का लक्ष्य है। राय ने इस संवाददाता से इतना कहकर फोन रख दिया किः ‘हम तीन साल में मंदिर निर्माण का काम पूरा कर लेने का पूरा प्रयास करेंगे लेकिन हम ऐसा नहीं कर पाए, तो हमारे पास छह माह अतिरिक्त हैं। मंदिर निर्माण का काम 2023 अंत तक या 2024 के शुरूआती महीनों में पूर्णहो जाएगा।’ ध्यान रहे अगला लोकसभा चुनावलगभग उसी समय संभावित हैं।
कोरोना की वजह से इस वक्त लाखों की भीड़ वाले कार्यक्रम का आयोजन संभव नहीं था, फिर भी सबकुछ बड़ा ही हो रहा है। पूरे देश में 5 अगस्त को शाम में हर घर के दरवाजे पर 5 दीप जलाने के वाट्सएप मैसेज वायरल हैं। इसकी भाषा भी साफ है कि ‘हर घर को अयोध्या बना देना है।’ उधर, इस कार्यक्रम का लाइव टीवी प्रसारण होना ही है इसलिए अयोध्या को कायदे से सजाया जा रहा है। ठीक है कि कार्यक्रम के लिए आमंत्रित लोगों की सूची 200 लोगों की है लेकिन यह सूची भर ही तो है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां हेलिपैड पर उतरेंगे, वहां से कार्यक्रम स्थल तक के रास्ते के मकानों के बाहर चित्र उकेरे जा रहे हैं। इस काम में साकेत डिग्री कॉलेज के कला विभाग के छात्र लगे हुए हैं। दीवारों पर राम, लक्ष्मण, हनुमान और रामायण के अन्य चरित्रों के चित्र लग भी गए हैं। ऐसे चित्र सुलभ शौचालय तक की दीवारों पर हैं ताकि कोई हिस्सा छूट न जाए।
बीजेपी विधायक वेद गुप्ता बताते हैं: ‘अयोध्या में तीन दिनों तक दीवाली-जैसा उत्सव रहेगा। 3 अगस्त से ही सभी धार्मिक स्थानों, घाटों, मठों पर रोशनी की झालरें लगाई जाएंगी तथा भजन और धार्मिक संगीत लगातार गाए जाते रहेंगे।’ बीजेपी की शहर इकाई के अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव ने उत्साहित स्वर में बताया कि ‘इस वक्त कार्यक्रम में स्थानीय आम लोग भी ज्यादा संख्या में आ तो सकते नहीं इसलिए हम अयोध्या शहर में जगह- जगह एलईडी स्क्रीन लगा रहे हैं ताकि सभी लोग इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के गवाह बन सकें।’ उन्होंने बताया कि पूरे शहर में करीब 3,000 लाउडस्पीकर भी लगाए जाएंगे ताकि पूरा माहौल धार्मिक रहे। वैसे तो इन पर भजन वगैरह बजते रहेंगे लेकिन भूमिपूजन के पूरे कार्यक्रम का लोग आनंद ले सकेंगे।(navjivan)
नई दिल्ली, 31 जुलाई (वार्ता)। कोरोना महामारी ने दुनिया को जितना बड़ा संकट दिया है उसके गंभीर परिणाम तो आने वाले दिनों में सबको देखने को मिलेंगे लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इस कोरोना काल ने हमें सोचने का नया मौका भी दिया है।
यह विचार ग्रामीण बैंक के संस्थापक और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बातचीत में व्यक्त किये। इस बातचीत का वीडियो श्री गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है जिसमें प्रो. यूनुस ने कहा कोरोना ने हमें सोचने का अवसर दिया है कि हम उस भयानक दुनिया में जाएं जो अपने आप को तबाह कर रही है या हम एक नई दुनिया के निर्माण की तरफ जाएं जहां पर ग्लोबल वार्मिंग, केवल पूंजी आधारित समाज, बेरोजगारी नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि अगर आप लोगों के हित के लिए कुछ कर रहे हैं तो कोई भी उसे नष्ट नहीं कर सकता। अच्छे काम में अवरोध आते हैं और ये सब अवरोध अस्थायी अव्यवस्था का हिस्सा होते है। आपके किये अच्छे काम वापस आ जाएंगे क्योंकि यह काम लोगों के लिए हुआ है क्योंकि अच्छे विचार अटूट होते हैं।
प्रोफेसर यूनुस ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के साथ उस दुनिया में क्यों वापस जाना है, जहां कृत्रिम बुद्धिमत्ता हर किसी से रोजगार छीन रही है। अगले कुछ दशकों में व्यापक बेरोजगारी पैदा होने वाली है। कोरोना ने हमें सोचने का नया मौका दिया है।
उन्होंने कहा हमें प्रवासी मजदूरों को पहचानना होगा। अर्थव्यवस्था इन लोगों को नहीं पहचानती है। वह इसे अनौपचारिक क्षेत्र कहते हैं, जिसका मतलब है कि हमारा उनसे कोई लेना-देना नहीं है, वह अर्थव्यवस्था का हिस्सा नहीं हैं। हम औपचारिक क्षेत्र के साथ व्यस्त हैं। हम इसके बजाय एक अलग समानांतर अर्थव्यवस्था, स्वायत्त अर्थव्यवस्था के रूप में ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था का निर्माण क्यों नहीं कर सकते। प्रौद्योगिकी ने हमें वह सुविधा दी है जो पहले कभी नहीं थी।
बस्ती, 31 जुलाई (वार्ता)। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 31 सेमी ऊपर पहुंच गया है वहीं कुआनो तथा मनवर नदी भी खतरे के निशान से टकरा रही है। बाढ़ से जिले के 12 गांव प्रभावित हो गये है।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि सरयू नदी खतरे के निशान 92.730 मीटर से 31 सेमी ऊपर यानी 93.040 मी पर बह रही है। नदी का जलस्तर दो सेमी प्रति घण्टे की रफ्तार से बढ़ रहा है। मैदानी तथा पहाड़ी क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे में हुए तेज वर्षा और बैराज द्वारा सरयू नदी में पानी छोड़े जाने से जलस्तर मे बढ़ाओ के आसार हैं। गिरजा बैराज से 206553, शारदा बैराज से 153584 तथा सरयू बैराज से 18829 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। वर्षा और बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण टेढ़वा, सुबिका बाबू पानी मे चारो ओर से घिर गए है। अशोकपुर, विष्णुदासपुर, खजांचीपुर, बिलासपुर, खलवा, चांदपुर, भारथापुर गांव बाढ़ से प्रभावित है।
नदी का दबाव कटोरिया चांदपुर तथा लोल पुर विक्रमजोत बांध पर बढ़ गया है। बाढ़ खंड विभाग के अधिकारी सरयू नदी के तटवर्ती बांधों पर सीसीटीवी कैमरा लगाकर बांध की निगरानी कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारियों को बाढ़ के पर सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।
कुआनो नदी की बाढ़ से प्रभावित गांवो का भ्रमण करके महादेवा क्षेत्र के विधायक रविसोनकर ने राहत और सहायता प्रदान करने की मांग प्रशासन से किया है। जिले की एक अन्य नदी मनोरमा की बाढ़ से भी सैकड़ो बीघा बोई हुई फसल पानी मे डूब गयी है।
लखनऊ, 31 जुलाई (आईएएनएस)| पांच अगस्त को होने वाले राममंदिर भूमिपूजन समारोह के लिए अयोध्या को पीले रंग से रंग दिया गया है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लेंगे। अयोध्या के मेयर ऋषिकेष उपाध्याय ने कहा, "अयोध्या की सभी इमारतों, घरों और मुख्य सड़कों को पीले रंग से रंगा जा रहा है। हम अयोध्यान को त्रेता युग की तरह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं, जब भगवान राम ने अयोध्या पर शासन किया था"
उपाध्याय ने बताया कि अयोध्या में तीन से 5 अगस्त के बीच एक लाख से अधिक मिट्टी के दिए जलाए जाएंगे। साथ ही पूरे शहर में लाउडस्पीकरों के माध्यम से रामधुन बजाई जाएगी।
अमरावती, 31 जुलाई (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में लॉकडाउन के चलते शराब न मिलने की वजह से सैनिटाइजर का सेवन करने के बाद नौ लोगों की मौत हो गई है। पुलिस ने शुक्रवार को इसकी सूचना दी।
इनमें से तीन गुरुवार को ही मारे गए हैं जबकि छह की मौत शुक्रवार को हुई है। यह घटना प्रकाशम जिले में कुरिचेदु मंडल मुख्यालय की है।
लॉकडाउन के चलते शहर व इसके आसपास के सभी गांवों में शराब की दुकानें पिछले दस दिनों से बंद हैं ऐसे में शराब के आदी इन लोगों ने सैनिटाइजर का ही सेवन करना शुरू कर दिया जिसका इस्तेमाल हाथों की सफाई के लिए किया जाता है।
मृतकों में तीन भिखारी शामिल हैं। इनमें से दो यहीं स्थित एक स्थानीय मंदिर में भीख मांगा करते थे। गुरुवार रात को इनके पेट में अचानक तेज जलन की समस्या पैदा हो गई जिसके बाद एक की तुरंत ही मौत हो गई और दूसरे को दारसी में अस्पताल ले जाया गया ?जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
एक अन्य 28 वर्षीय शख्स ने देसी शराब में सैनिटाइजर को मिलाकर उसे पीया जिसके बाद वह अपने घर पर बेहोश होकर गिर पड़ा। अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई।
छह और लोगों को शुक्रवार तड़के अस्पताल ले जाया गया और इन सभी की मौत हो गई। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि क्या इसी तरह की शिकायतों के साथ और भी लोगों को अस्पताल में ले जाया गया है या नहीं।
पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ कौशल ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सैनिटाइजर्स को इलाके के दुकानों से जब्त कर लिया गया है जिन्हें अब रासायनिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है।
पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि क्या ये सभी सिर्फ सैनिटाइजर का ही उपयोग कर रहे थे या किसी इसे किसी और भी रसायन के साथ मिलाया गया था।
मृतकों की पहचान श्रीनू 25, तिरुपति 37, रेमिरेड्डी 60, कदियम रमैय्या 29, रमैय्या 65, राजिरेड्डी 65, बाबू 40, चार्ल्स 45 और ऑगस्टीन 47 के रूप में की गई है।
पटना, 31 जुलाई (आईएएनएस)| बॉलीवुड अभिनेता सुशांत राजपूत के आत्महत्या मामले को लेकर अब सियासत तेज हो गई है। इस बीच, राज्य के एक मंत्री महेश्वर हजारी ने इस मामले में आरोपी रिया को सुपारी किलर और विषकन्या तक बता दिया। मंत्री ने आशंका जताते हुए कहा कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला लगता है।
उन्होंने कहा कि रिया चक्रवर्ती न सिर्फ सुपारी किलर है बल्कि वह बॉलीवुड की विषकन्या की तरह है, जिसने सुशांत सिंह राजपूत को अपने प्रेमजाल में फंसा कर जान ले ली।
हजारी ने आगे कहा कि रिया चक्रवर्ती विषकन्या की तरह है जिसे साजिश के तहत सुशांत के पास भेजा गया था। उन्होंने कहा कि वह न जाने आगे कितने लोगों की अपनी महत्वकांक्षा को पूरा करने के चक्कर में जान ले लेगी। ऐसी सुपारी किलर पर जल्द से जल्द कार्रवाई हो।
उन्होंने कहा कि अब तक कोई जांच मुंबई पुलिस द्वारा नहीं की गई है, केवल लीपापोती की कोशिश है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार अब विधिसम्म्त उच्चसतरीय जांच करवाने पर विचार कर रही है।
उल्लेखनीय है कि पटना के रहने वाले बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह मुबई के बांद्रा स्थित अपने फ्लैट में 14 जून को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद सुशांत के पिता के. के. सिंह ने राजीव नगर थाने में 25 जुलाई को एक मामला दर्ज करवाया है, जिसमें उन्होंने सुशंत की दोस्त रिया सहित कई लेागों पर धोखाधड़ी करने और पैसा ठगने का आरोप लगाया है।
मथुरा, 31 जुलाई (आईएएनएस)| सरकार द्वारा संचालित एक बाल सुधार गृह से खिड़की के ग्रिल को तोड़कर 14 नाबालिग भाग निकले। यह घटना गुरुवार देर रात की है। पुलिस ने कहा है कि 14 में से 9 बच्चों को फिर से पकड़ लिया गया है लेकिन पांच अभी भी फरार हैं। यह इस साल अपने तरह की दूसरी घटना है।
भागे 14 नाबालिगों पर हत्या, यौन उत्पीड़न और सामूहिक दुष्कर्म का आरोप था। ये मथुरा के अलावा अलीगढ़ और हाथरस के हैं।
मथुरा के एसपी गौरव ग्रोवर ने बच्चों के भागने और फिर इनमें से नौ के पकड़े जाने की पुष्टि की है।
इस मामले में सुधार गृह में काम करने वाले छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इनमें तीन सुधार गृह के स्टाफ हैं और तीन होम गार्ड्स हैं।
ग्वालियर, 31 जुलाई (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के ग्वालियर संभाग में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को शालीन और गरिमामय परिधान पहनकर कार्यालय आने की हिदायत दी गई है। साथ ही 'फैंटेड जींस' और 'टीशर्ट' पहनकर आने पर रोक लगा दी गई है। संभाग के आयुक्त एम बी ओझा ने एक आदेश जारी कर संभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा है कि सभी शासकीय सेवकों गरिमापूर्ण, शालीन एवं औपचारिक परिधान पहनकर शासकीय कार्यालय में दायित्व निर्वहन करें, जो इस आदेश की अवहेलना करते है उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए।
उन्होंने एक अधिकारी द्वारा फैंटेड जींस और टीशर्ट पहनने का जिक्र करते हुए कहा है कि उनके द्वारा अशोकनगर जिले के भ्रमण के दौरान अपर कलेक्टर जैसे वरिष्ठ अधिकारी द्वारा बैठक में फैंटेड जीन्स पहनकर उपस्थित होना उक्त कृत्य शासकीय सेवक के पद की गरिमा के विपरीत होकर अमर्यादित आचरण की ओर इंगित करता है, जो उचित नहीं है।
संभाग आयुक्त ओझा ने संभाग के सभी संभागीय अधिकारियों एवं जिला कलेक्टरों को भेजे गए पत्र में निर्देश दिए हैं कि शासन के निर्देशानुसार सभी शासकीय कार्यालयों में शासकीय सेवक गरिमापूर्ण शालीन एवं औपचारिक परिधान पहनकर ही अपने दायित्वों का निर्वहन करें, यह सुनिश्चित किया जाए।
इन निर्देशों की जो अधिकारी व कर्मचारी अवहेलना करते है, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने हेतु सक्षम अधिकारी को प्रस्ताव भेजे जाएं।
उल्लेखनीय है कि 20 जुलाई 2020 को प्रदेश के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक में मंदसौर जिले के वन मण्डलाधिकारी द्वारा अशालीन परिधान (टीशर्ट) पहनकर शामिल होने पर मुख्यमंत्री सहित मुख्य सचिव द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों को शालीन, औपचारिक एवं गरिमापूर्ण परिधान पहनकर कार्यालय में आने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
विवेक त्रिपाठी
गोण्डा, 31 जुलाई (आईएएनएस)| रक्षाबंधन के त्योहार को भाई-बहनों के प्रेम और सुरक्षा की कसमें खाने के पर्व के रूप में जाना जाता है लेकिन गोंडा जिले के वजीरगंज विकासखंड के ग्राम पंचायत डुमरियाडीह के भीखमपुर जगतपुरवा में पर्व मनाना तो दूर कोई इसका जिक्र करना भी पसंद नहीं करता है। ऐसा करने पर सभी लोगों की आंखों के सामने पूर्व घटित हुई घटनाएं जैसे नाचने लगतीं हैं और उन्हें इस पर्व से दूरी बनाए रखने को आगाह करती हैं।
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के जगतपुरवा में 20 ऐसे घर हैं, जिनमें करीब 200 बच्चे, बूढ़े व नौजवान भाई रक्षासूत्र का नाम सुनकर ही सिहर उठते हैं। ग्राम पंचायत डुमरियाडीह की राजस्व गांव भीखमपुर जगतपुरवा घरों में आजादी के 8 सालों के बाद करीब पांच दशक से अधिक बीत जाने के बाद बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र नहीं बांधा है।
यहां तक कि आसपास के गांव पहुंचे, यहां के बाशिंदे रक्षाबंधन के दिन जब सिर्फ अपने गांव का नाम बताते हैं और वहां की बहनें उन्हें रखी बांधने से खुद माना कर देतीं हैं।
इधर, जगतपुरवा के नौजवानों के मन मे इस त्योहार को लेकर उल्लास तो रहता है लेकिन पूर्वजों की बनाई परंपरा को न तोडना ही ही इनका मकसद बन चुका है।
जगतपुरवा निवासी डुमरियाडीह ग्राम पंचायत की मुखिया ऊषा मिश्रा के पति सूर्यनारायण मिश्र के अलावा ग्रामीण सत्यनारायण मिश्र, सिद्घनारायन मिश्र, अयोध्या प्रसाद, दीप नारायण मिश्र, बाल गोविंद मिश्र, संतोष मिश्र, देवनारायण मिश्र, धुव्र नारायण मिश्रा और स्वामीनाथ मिश्र ने बताया कि बहनों ने जब कभी हमारे घरों में अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधे, तब-तब इस गांव में अनहोनी हुई।
बकौल सूर्यनारायण मिश्रा वर्ष ने बताया कि आजादी के आठ साल बाद करीब 5 दशक पहले (1955) में रक्षाबंधन के दिन सुबह हमारे परिवार के पूर्वज में एक नौजवान की मौत हो गई थी। तब से इस गांव में बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षासूत्र नहीं बांधतीं हैं। एक दशक पूर्व रक्षाबंधन के दिन बहनों के आग्रह पर रक्षासूत्र बंधवाने का निर्णय लिया गया था, लेकर उस दिन भी कुछ अनहोनी हुई थी। इसके बाद ऐसा करने की किसी की हिम्मत नहीं हुई। आज भी यही भय, बहनों को अपने भाइयों को कलाई पर रक्षासूत्र बांधने से रोकती है।
सूर्य नारायण ने बताया कि रक्षा बंधन वाले दिन अगर इस कुल में कोई बच्चा जन्म लेगा, तभी त्यौहार मनाया जाएगा। इसका इंतजार करीब तीन पीढ़ियों से चल रहा है। अभी तक यह अवसर आया नहीं है।
उन्होंने बताया कि जगतपुरवा गांव में भले ही रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाया जाता है, लेकिन आसपास के गांवों की बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं। बावजूद इसके जगतपुरवा गांव के भाई-बहनों में जरा भी निराशा नहीं है। कहते हैं कि जो बड़ो ने बताया, उसी पर अमल करते हैं। अपने पूर्वजों द्वारा शुरू की गई परंपरा को नहीं तोड़ेंगे। परंपरा को निभाते रहेंगे।
सूर्यनरायण मिश्रा ने बताया कि रक्षा सूत्र के बंधन सिर्फ सुनते हैं, लेकिन उसका आनन्द नहीं उठा पाते हैं। रक्षाबंधन के दिन अगर यह 20 घर के लोग आसपास के किसी दूसरे गांव में जाते हैं तो सिर्फ जगतपुरवा निवासी कहने पर बहनें रक्षासूत्र नहीं बांधती।
दूसरे को देखकर रक्षा सूत्र में बंधे रहने का मन हर किसी को करता है। लेकिन, गांव की परंपरा की जब याद आती है तो लोग स्वत: ही रक्षा सूत्र नहीं बंधवाते।
ग्रामीणों ने बताया कि रक्षा सूत्र के दिन इस गांव के अधिकांश लोग गांव से बाहर नहीं जाते। जगतपुरवा गांव रक्षा सूत्र के दिन सन्नाटा रहता है।
नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)| देशभर के अधिकांश अभिभावक वर्ष 2020 के मौजूदा शैक्षणिक सत्र को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। मौजूदा स्कूल शैक्षणिक सत्र को जीरो सत्र घोषित करने कि मांग केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष रखी गई है। देशभर के अभिभावकों की ओर से इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी भेजा गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा स्कूल खोलने को लेकर मांगे गए सुझाव में यह बात उभरकर सामने आई है। अभिभावक चाहते हैं कि स्कूलों में पूरे शैक्षणिक सत्र को ही जीरो सत्र माना जाए। इस मांग को लेकर कई अभिभावकों ने सहमति जताई है। दरअसल केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि वे स्कूल खोले जाने के विषय पर अभिभावकों की राय जानने की कोशिश करें।
ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा, "हमने शिक्षा मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री के समक्ष मुख्य रूप से तीन विषय रखे हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण विषय यह है कि जब तक कोरोना पर पूरी तरह से काबू नहीं पा लिया जाता तब तक स्कूल नहीं खुलने चाहिए।"
अशोक अग्रवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के अलावा देशभर के सभी मुख्यमंत्रियों को हमने ऐसे ही पत्र लिखे हैं। अभिभावकों के इस संघ ने सरकार से मांग की है कि इस शैक्षणिक सत्र को जीरो एकेडमिक ईयर घोषित घोषित किया जाए। सभी छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट किया जाए। इसके साथ ही अगले वर्ष का पाठ्यक्रम इस तरह से मॉडिफाई किया जाए कि छात्र उसे समझ सके और अपनी पढ़ाई कर सके।"
अभिभावक संघ ने कहा, "हम केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को स्पष्ट कर चुके हैं कि कोरोना संक्रमण के इस माहौल में हम किसी भी कीमत पर अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेंजगे। संघ ने दिल्ली सरकार को भी अपने इस निर्णय से अवगत कराया है।"
नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)| कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को दक्षिण दिल्ली के लोधी एस्टेट स्थित अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है।
प्रियंका के करीबी सूत्र ने बताया कि उन्होंने लोधी एस्टेट स्थित घर को खाली कर दिया है।
सरकार ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका को एक अगस्त तक बंगला खाली करने के लिए कहा था, क्योंकि उन्हें फिलहाल विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के तहत सुरक्षा नहीं मिली हुई है।
प्रियंका 1997 से लोधी एस्टेट के बंगले में रह रही हैं।
बंगला अब भाजपा के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को आवंटित किया गया है।
प्रियंका गांधी ने रविवार को बलूनी को चाय पर आमंत्रित किया था, लेकिन भाजपा नेता ने स्वास्थ्य आधार का हवाला देते हुए विनम्रता से मना कर दिया। हालांकि उन्होंने बंगले में शिफ्ट होने के बाद कांग्रेस नेता को उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन के लिए आमंत्रित किया है।
बलूनी ने प्रियंका को मंडुवा की रोटी, झंगोरे की खीर (दोनों बाजरा से बनी) और पहाड़ी रायता जैसे व्यंजनों के लिए आमंत्रित किया है। भाजपा के मीडिया प्रभारी बलूनी ने प्रियंका को नए निवास में शिफ्ट होने के बाद इन व्यंजनों का स्वाद चखाने का वादा किया है।
प्रियंका की ओर से मिले निमंत्रण के लिए धन्यवाद करते हुए बलूनी ने मुंबई में उनके कैंसर के उपचार का हवाला दिया, जिससे उन्हें बाहर निकलने से पहले कुछ समय लग सकता है।
प्रियंका गांधी ने सोमवार को हिंदी में किए गए एक ट्वीट में कहा, "आज श्री अनिल बलूनी और उनकी पत्नी से बात हुई। मैं ईश्वर से उनके अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना करती हूं। उन्हें नए घर की शुभकामनाएं देते हुए आशा करती हूं कि उन्हें भी इस घर में उतनी ही खुशियां मिलें, जितनी मुझे और मेरे परिवार को मिलीं।"
गृह मंत्रालय ने 30 जून को कहा था कि प्रियंका गांधी को अखिल भारतीय आधार पर सीआरपीएफ कवर के साथ 'जेड प्लस' सुरक्षा सौंपी गई है, जिसमें सरकारी आवास के आवंटन का कोई प्रावधान नहीं है।
औरंगाबाद (बिहार), 30 जुलाई (आईएएनएस)| बिहार के औरंगाबाद जिले के दाऊदनगर थाना क्षेत्र में गुरुवार को अज्ञात अपराधियों ने एक बैंक में धावा बोलकर 69 लाख रुपये लूटकर फरार हो गए। इस दौरान विरोध करने पर लुटेरों ने एक गार्ड को चाकू मारकर घायल कर दिया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दाऊदनगर थाना क्षेत्र के जिनोरिया गांव के पास स्थित इंडियन बैंक में आठ-नौ की संख्या में अपराधी बैंक में घुसे और बैंक प्रबंधक की पिटाई करने लगे। उसके बाद बैंक प्रबंधक से सेफ की चाबी लेकर सेफ में रखी नगदी बैग और थैला में भरकर भाग निकले।
इस दौरान विरोध करने पर लुटरों ने बैंक के गार्ड को चाकू मार दिया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया।
औरंगाबाद से पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार ने बताया कि बैंक प्रबंधक के मुताबिक, लुटेरे करीब 69 लाख रुपये लूटकर फरार हुए हैं। कुमार ने बताया कि पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है तथा जिले से बाहर निकलने वाले सभी मार्गो पर वाहनों की जांच की जा रही है।
सोनीपत (हरियाणा), 30 जुलाई (आईएएनएस)| ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) ने गुरुवार को कहा कि उसने सुप्रीम कोर्ट के 10 प्रतिष्ठित वरिष्ठ अधिवक्ताओं को अनुबद्ध प्रोफेसरों और कानूनी प्रैक्टिस के प्रतिष्ठित प्रोफेसरों के रूप में नियुक्त किया है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता लीड (एलईएडी) कार्यक्रम का हिस्सा हैं, जो कि वकालत की पढ़ाई को विकसित करने और कानून की उत्कृष्टता के लिए संस्थान द्वारा शुरू की गई एक नई पहल है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिष्ठित कानूनी विशेषज्ञों के नेतृत्व में शिक्षा प्रदान करते हुए उत्कृष्ट कानून के छात्रों को प्रेरित करना है, जो उन्हें बार और बेंच में शामिल होने के ²ष्टिकोण के साथ मुकदमेबाजी पर विशेष ध्यान देने में सहायक है। इस कार्यक्रम के जरिए छात्रों को कानूनी पेशे की बारीकियों को समझने में मदद मिलेगी।
लीड कार्यक्रम का हिस्सा बनने वाले वरिष्ठ अधिवक्ताओं में गौराब बनर्जी, सिद्धार्थ लूथरा, गौरव पचनंदा, मोहन परासरन, साजन पूवय्या, रितिन राय, सूरत सिंह, अभिषेक मनु सिंघवी, पराग त्रिपाठी और आर वेंकटरमणि शामिल हैं।
ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के कुलपति और ओ. पी. जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल के डीन सी. राजकुमार ने कहा, "लीड कार्यक्रम का उद्देश्य कानूनी पेशे के कुछ सबसे उत्कृष्ट सदस्यों की पहचान करना है, जो कानून के वरिष्ठ छात्रों को शिक्षित करने और उन्हें प्रेरित करने के उद्देश्य से एक कोर्स पढ़ा सकें।"
प्रत्येक मानद सहायक प्रोफेसर कानून और कानूनी अभ्यास के एक उन्नत क्षेत्र पर 1-क्रेडिट पाठ्यक्रम सिखाएगा। पाठ्यक्रम पांच सितंबर से शुरू होगा, जो कि आठ सप्ताह तक चलेगा।
नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)| कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को गुरुवार को सर गंगाराम अस्पताल में नियमित जांच के लिए भर्ती कराया गया है। अस्पताल के एक मेडिकल बुलेटिन में बताया गया है कि उन्हें शाम सात बजे के आसपास भर्ती कराया गया है।
अस्पताल के चेयरमैन डॉ. डी. एस. राणा ने कहा, "उन्हें नियमित परीक्षण और जांच के लिए भर्ती कराया गया है। उनकी हालत फिलहाल स्थिर है।"
इससे पहले दिन में सोनिया ने पार्टी के राज्यसभा सांसदों की एक बैठक की अध्यक्षता की थी, जिसमें उन्होंने तीन घंटे से अधिक समय तक बैठक में हिस्सा लिया। बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने वर्तमान राजनीतिक मुद्दों पर प्रत्येक प्रतिभागी को सुना।