राष्ट्रीय
ग्रेटर नोएडा, 6 फरवरी । ग्रेटर नोएडा का सिटी पार्क (सम्राट मिहिर भोज पार्क) एक बार फिर फूलों की खुशबू से महकेगा। आगामी 8, 9 और 10 मार्च को पुष्पोत्सव का आयोजन होने जा रहा है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और फ्लोरीकल्चर सोसाइटी के संयुक्त प्रयास से इस बार बसंत के मौसम में ग्रेटर नोएडा और आसपास के निवासियों को पुष्प प्रदर्षनी देखने को मिलेगी। इस वर्ष का थीम पुष्प डहेलिया है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देष पर इस वर्ष पुष्पोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि इस बार की पुष्प प्रदर्षनी में फूलों की तमाम प्रजातियों के साथ ही फूलों की खेेती के विशेषज्ञों से तैयार पुष्प डिजाइन, लैंड स्केप, सजावट आदि देखने को मिलेगी।
इसके अलावा लाइव संगीत और नृत्य-कला का कार्यक्रम होगा।
आगंतुकों को वनस्पतियों के बारे में जानकारी देने के लिए अनुभवी विशेषज्ञों से शैक्षिक कार्यशालाओं और इंटरैक्टिव सेशन का भी आयोजन किया जाएगा।
फूलों की डिजाइन, बागवानी और लैंड स्कैपिंग पर प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएगी बच्चों के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता और नुक्कड़ नाटक भी आयोजित किए जाएंगे।
इन प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
सीईओ रवि कुमार और एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने ग्रेटर नोएडा वासियों से आगामी फ्लावर शो में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील की है।
(आईएएनएस)
देहरादून, 6 फरवरी । उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधानसभा में 2 बजे के बाद समान नागरिकता कानून 2024 को रखेंगे। पारित होने पर विधयेक को राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद इसे कानून के रूप में उत्तराखंड राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
सरकार जहाँ एक तरफ यूसीसी को राज्य में लागू कर देश के सामने एक नजीर पेश करना चाहती है, वहीं विपक्ष सरकार की इस ड्राफ्ट को जल्दबाजी में लागू करने की वजह पूछ रहा है।
दूसरी तरफ, यूसीसी के प्रदेश में लागू होने की बात पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, यूसीसी का समर्थन करने वाले विधायकों का पार्टी सम्मान करेगी।
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बताया कि जो विधायक यूसीसी का समर्थन करेंगे उनका मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सम्मान करेंगे।
इतना ही नहीं ये सम्मान कार्यक्रम एक दो दिन यानी आज या कल में ही आयोजित होगा।
(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 6 फरवरी (आईएएनएस)। हजारों किसान मंगलवार को बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में एकत्रित होकर अपनी मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
'बेंगलुरु चलो' विरोध प्रदर्शन में राज्य भर से लगभग 5,000 किसानों के भाग लेने की संभावना है।
राज्य गन्ना उत्पादक संघ के अध्यक्ष कुरुबुरु शांताकुमार ने आईएएनएस को बताया कि राज्य सरकार ने कृषि के लिए आवंटन में 13 हजार करोड़ रुपये की कमी की है। बजट में इस क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाना चाहिए और अतिरिक्त धनराशि भी उपलब्ध करानी चाहिए।
उन्होंने कहा, "तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए ऋण माफी की घोषणा की है और इसे लागू कर रही है। लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है। हम राज्य में किसानों के लिए ऋण माफी की मांग करते हैं।"
शांताकुमार ने कहा, "मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को राज्य के बजट में किसानों के मुद्दों को प्राथमिकता पर रखना चाहिए, जो वह जल्द ही पेश करेंगे। किसान सूखे का सामना कर रहे हैं और आजीविका की तलाश में पलायन कर रहे हैं। कई लोगों ने आत्महत्या का रास्ता अपनाया है।"
यह विरोध प्रदर्शन कर्नाटक प्रांतीय किसान संगठनों के महासंघ और राज्य गन्ना उत्पादक संघ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है। किसान बसों, ट्रेनों और निजी परिवहन से कार्यक्रम स्थल पर पहुंच रहे हैं। संगठन फ्रीडम पार्क से विधान सौधा तक रैली निकालने की योजना बना रहे हैं।
संगठन किसानों से शादी करने वाली महिलाओं के लिए आरक्षण, विकासशील उद्योगों के लिए कृषि भूमि के अधिग्रहण को रोकने, अधिग्रहण के लिए अपनी जमीन छोड़ने वाले किसानों को हितधारकों में से एक बनाने, कावेरी बेसिन के किसानों को 25 हजार रुपये प्रति किसान मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
--आईएएनएस
ग्रेटर नोएडा, 6 फरवरी । ग्रेटर नोएडा के थाना जेवर पुलिस ने बीच बाजार में युवकों के साथ मारपीट और फायरिंग करने वाले एक युवक को गिरफ्तार किया है। युवक की बहन की शादी है जिसमें शामिल होने उसकी बहन की दोस्त और साथी पहुंचे थे। एक लड़की ने युवक के फोन से अपने इंस्टाग्राम फ्रेंड के साथ चैट की जिससे नाराज होकर युवक ने लड़कों के साथ गाली गलौच कर उन्हें देख लेने की धमकी दी।
5 फरवरी को दिन के समय बाजार में युवक अपनी बहन के दोस्त के साथ पहुंचा था, जहां वो लड़के भी मिल गए। इसके बाद मारपीट हुई और युवक ने फायरिंग कर दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर युवकों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, थाना जेवर पुलिस ने मारपीट व हवाई फायरिंग करने वाला अभियुक्त गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से घटना में इस्तेमाल एक अवैध तमंचा 315 बोर, 1 जिंदा कारतूस 315 बोर व 1 खोखा कारतूस बरामद हुआ है।
थाना जेवर पुलिस ने अभियुक्त कपिल को मंगलवार सुबह गिऱफ्तार किया। मंगलवार यानि आज ही कपिल की बहन का विवाह है जिसमें शामिल होने के लिए 5 फरवरी को कपिल की बहन की सहेली व अन्य साथी आये थे।
उसमें उसकी सहेली अपना मोबाइल लेकर नही आयी थी जिससे कपिल की बहन की सहेली कपिल से उसका फोन लेकर अपने इंस्टाग्राम दोस्त जितेन्द्र के साथ चैट करने लगी।
कपिल ने जब देखा कि उसके मोबाइल से उसकी बहन की सहेली जितेन्द्र नामक लड़के से चैट कर रही है तो उसकी जितेन्द्र के साथ फोन पर ही गाली गलौच होने लगी।
इसके बाद शाम करीब 4 बजे कपिल अपनी बहन की सहेलियो को लेकर जहागीरपुर बाजार में आय़ा जहां कपिल से जितेंद्र अपने साथी विशाल, गौरव के साथ मिल गये। दोनो पक्षों में गाली गलौच, मारपीट होने लगी, जिसपर कपिल ने तमंचे से हवाई फायरिंग कर दी।
थाना जेवर पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए कपिल की गिरफ्तारी कर ली है।
(आईएएनएस)
श्रीनगर, 6 फरवरी । बर्फ से ढके पहाड़ों से कश्मीर में चल रही शीतलहर के कारण मंगलवार को ठंड और बर्फबारी हुई, जिससे सामान्य गतिविधियां प्रभावित हुईं।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में रात के तापमान में गिरावट के साथ 14 फरवरी तक मुख्य रूप से शुष्क मौसम का अनुमान लगाया है।
श्रीनगर में न्यूनतम तापमान माइनस 2.5, गुलमर्ग में माइनस 10.5 और पहलगाम में माइनस 11 डिग्री सेलिस्यस रहा।
लद्दाख क्षेत्र के लेह और कारगिल दोनों कस्बों में न्यूनतम तापमान शून्य से 13 डिग्री सेलिस्यस नीचे था।
जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान 6, कटरा में 4.6, बटोट में माइनस 0.3, भद्रवाह और बनिहाल दोनों में माइनस 1.8 डिग्री सेलिस्यस रहा।
(आईएएनएस)
देहरादून, 6 फरवरी । उत्तराखंड विधानसभा सत्र का आज दूसरा दिन है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सदन के पटल पर यूसीसी का ड्राफ्ट रखने जा रहे हैं।
यूसीसी ड्राफ्ट को सदन में पास कराया जायेगा जिसके बाद इसे जल्द लागू किया जायेगा।
विपक्ष ने सदन में यूसीसी का विरोध करने की रणनीति बनाई है।
यूसीसी के पास होने के बाद उत्तराखंड इसे लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा ।
मुस्लिम सेवा संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये ड्राफ्ट एक धर्म विशेष के विरूद्ध बनाया गया है। इसमें मुस्लिम समाज द्वारा दी गई आपत्तियों और सुझाव को शामिल नहीं किया गया है।
सदन से पास कराने के बाद राज्य के भीतर सभी समुदायों पर यह समान रूप से लागू होगा।
सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अगुवाई में पांच सदस्यीय समिति ने यूसीसी का एक मसौदा मुख्यमंत्री को सौंपा था। यूसीसी का लक्ष्य धार्मिक संबद्धता के बिना विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों के लिए एक समान कानूनी ढांचा स्थापित करना है।
यूसीसी विधेयक का पारित होना 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा का किया गया एक महत्वपूर्ण वादा है।
(आईएएनएस)
गोंडा (उप्र) 6 फरवरी गोंडा जिले में एक सड़क हादसे में मां-बेटे की मौत हो गयी, जबकि बेटी गंभीर रूप से घायल हो गयी। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि हादसा सोमवार शाम हुआ जब जिले के धानेपुर थाना क्षेत्र के छजवा निवासी साजन अपनी बहन वर्षा (25), भांजे ऋषभ (दो) और भांजी प्रियांशी (चार) के साथ मोटरसाइकिल पर सेखुई गांव स्थित उसकी ससुराल छोड़ने जा रहा था।
पुलिस क्षेत्राधिकारी (सदर) शिल्पा वर्मा ने बताया कि रास्ते में बनगाई चौराहे के पास गोदी में अपने बेटे को लिये मोटरसाइकिल पर बैठी वर्षा अचानक मूर्छित होकर सड़क पर गिर गई, इस बीच गन्ना लदी ट्रैक्टर ट्रॉली की चपेट में आने से मां-बेटे की मौके पर ही मौत हो गयी और बेटी गंभीर रूप से जख्मी हो गयी।
वर्मा ने बताया कि बच्ची को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
इस घटना से गुस्साए लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद जाम खुलवाया।
सीओ ने बताया कि ट्रैक्टर-ट्रॉली के चालक को हिरासत में ले लिया गया है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 6 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश के एक मंदिर में सात वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म करने के आरोपी की दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए उसे 30 वर्ष कैद की सजा सुनाई और उसके कृत्य को ‘‘बर्बर’’ करार दिया।
मंदिर में दुष्कर्म की यह घटना 2018 में हुई थी।
पीड़ित बच्ची की रिश्तेदार ने नाबालिग को अगवा कर उससे दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। यह अपराध किए जाने के समय आरोपी की उम्र 40 वर्ष थी। दोषी, बच्ची को एक मंदिर में ले गया था, जहां उसने इस अपराध को अंजाम दिया।
आरोपी के दोषी पाये जाने के बाद निचली अदालत ने उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 376बी (12 साल से कम उम्र की बच्ची से दुष्कर्म) के तहत मौत की सजा सुनाई थी लेकिन मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने दोषी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश सी टी रविकुमार और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने याचिकाकर्ता की मौजूदा उम्र और पहले से ही कारावास में रहने की बात को संज्ञान में लिया।
न्यायालय ने उसकी सजा में बदलाव करते हुए दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
पीठ ने कहा कि किसी भी मंदिर में जाने से पीड़िता को इस दुर्भाग्यपूर्ण, बर्बर घटना की बुरी याद परेशान कर सकती है और उसके भावी विवाहित जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। (भाषा)
शिमला, 6 फरवरी हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के बाहरी इलाके में मंगलवार तड़के भूस्खलन की घटना में दो मजदूरों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि भूस्खलन की घटना तड़के साढ़े तीन बजे जुंगा रोड पर एक ‘स्टोन क्रशर’ (पत्थर काटने की मशीन) के पास हुई, जिसमें मूल रूप से बिहार निवासी राकेश (31) और राजेश (40) की मौत हो गई।
पुलिस के मुताबिक, हादसे के वक्त कुछ मजदूर उस दो मंजिला इमारत में सो रहे थे जो भूस्खलन के कारण ढह गई। घटना में पांच मजदूर तो बाल-बाल बच गए लेकिन दो लोग मलबे में फंस गए।
शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव कुमार गांधी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि शवों को मलबे से निकाल लिया गया है और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि बचाव अभियान करीब एक घंटे चला।
उपायुक्त एवं उपमंडल अधिकारी (एसडीएमशिमला ने घटनास्थल का दौरा किया है। (भाषा)
हैदराबाद, 6 फरवरी तेलंगाना में पेद्दापल्ली (एससी) सीट से भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के सासंद बी वेंकटेश नेता मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। यह लोकसभा चुनाव से पहले बीआरए के लिए एक बड़ा झटका है।
पार्टी के सूत्रों ने यहां बताया कि वेंकटेश अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल, मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी और अन्य नेताओं की मौजूदगी में दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हो गये।
उन्होंने बताया कि पार्टी में शामिल होने के बाद वेंकटेश ने रेवंत रेड्डी और अन्य नेताओं के साथ कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से शिष्टाचार मुलाकात की।
वेंकटेश नेता ने 2018 में राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। इससे पहले वह राज्य आबकारी विभाग में काम करते थे। उन्होंने 2018 में कांग्रेस के टिकट पर तेलंगाना विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह जीत नहीं पाए थे।
बाद में वह बीआरएस (तब टीआरएस थी) में शामिल हो गए और 2019 में पेद्दापल्ली लोकसभा सीट से सांसद चुने गये।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी इस समय दिल्ली के दौरे पर हैं।
उन्होंने सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और उनसे आगामी लोकसभा चुनाव तेलंगाना से लड़ने का आग्रह किया।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने पहले एक प्रस्ताव पारित कर सोनिया गांधी से राज्य से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 6 फरवरी लोकसभा में मंगलवार को उस समय सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली जब द्रमुक नेता टी आर बालू ने केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन पर निशाना साधते हुए कुछ टिप्पणी की।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आरोप लगाया कि बालू ने मुरुगन के खिलाफ टिप्पणी करके पूरे दलित समाज का अपमान किया है।
उन्होंने द्रमुक के वरिष्ठ नेता से माफी की मांग की।
सदन में प्रश्नकाल के दौरान जब बालू तमिलनाडु में प्राकृतिक आपदा से नुकसान के संदर्भ में पूरक प्रश्न पूछ रहे थे तो मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री मुरगन ने उन्हें टोका। इसके बाद बालू ने पलटवार करते हुए उनके खिलाफ एक शब्द का इस्तेमाल किया।
इसके बाद सत्तापक्ष के सदस्यों ने विरोध शुरू कर दिया।
प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘बालू एक वरिष्ठ सांसद हैं। उन्होंने एक एससी मंत्री के खिलाफ टिप्पणी की है। उनको माफी मांगनी चाहिए।’’
मेघवाल ने कहा, ‘‘बालू जी, आप इस तरह के शब्द का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। यह दलित समाज का अपमान है। आपको माफी मांगनी चाहिए।’’
इसके बाद द्रमुक और कांग्रेस के सदस्यों ने प्रतिवाद किया और आरोप लगाया कि तमिलनाडु के अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि बालू ने जिस शब्द का इस्तेमाल किया उसे कार्यवाही से हटा दिया जाएगा।
सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कुछ देर तीखी नोकझोंक चलती रही। हंगामा थमने पर बिरला ने प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया।
प्रश्नकाल के दौरान गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने द्रमुक और कांग्रेस सदस्यों के इन आरोपों को खारिज किया कि आपदा प्रबंधन और सहयोग के मामले में तमिलनाडु के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु के साथ कोई भेदभाव नहीं हो रहा है... प्रधानमंत्री मोदी की इच्छा सबके सहयोग की है।’’
राय का कहना था कि इस सरकार में अपनी मातृभाषा में तकनीकी क्षेत्र में पढ़ाई करने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘भारत की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें नहीं करना चाहिए।’’
गृह राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘आपदा का बेहतर ढंग से प्रबंधन करने और नुकसान को कम से कम करने के लिए प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं।’’ (भाषा)
पटना, 6 फरवरी । बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद सहयोगी दलों द्वारा 'प्रेशर पॉलिटिक्स' की शुरुआत हो गई है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी जहां दो मंत्री पद की मांग कर रहे हैं, वहीं लोजपा (रामविलास) ने भी 11 क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव प्रभारी की घोषणा कर, एक तरह से सीटों की दावेदारी पेश कर दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' के चार विधायक हैं। मांझी जिस भी गठबंधन में रहे हैं, उनकी पहचान दबाव की राजनीति करने की रही है।
एक ओर मांझी मंत्रिमंडल में दो मंत्रियों की मांग कर रहे हैं, वहीं मंत्रिमंडल में जगह पा चुके हम के नेता संतोष कुमार सुमन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सोमवार को मिलने भी पहुंचे।
इधर, लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए में अभी सीट बंटवारा भी नहीं हुआ है लेकिन लोजपा (रामविलास) ने राज्य की 11 लोकसभा सीटों में लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए प्रभारियों का ऐलान कर दिया है।
पार्टी ने हाजीपुर, जमुई, खगड़िया, समस्तीपुर, वैशाली, नवादा, गोपालगंज, सीतामढ़ी, वाल्मीकिनगर, जहानाबाद और बेगूसराय में प्रभारियों की नियुक्ति की है।
माना जा रहा है कि लोजपा (रामविलास) ने इन सीटों पर दावेदारी ठोक दी है। इन सीटों पर हाजीपुर से चिराग के चाचा पशुपति पारस खुद सांसद हैं।
पार्टी के नेता हालांकि इस मामले पर खुलकर बहुत कुछ नहीं बोल रहे हैं।
पार्टी के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि पार्टी इन सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रही है। अभी सीट बंटवारा नहीं हुआ है, जो भी सीटें मिलेंगी पार्टी वहां से चुनाव लडेगी। पिछले लोकसभा चुनाव में लोजपा के हिस्से छह सीटें आई थी। लेकिन इस साल होने वाले चुनाव में परिस्थितियां बदली नजर आयेंगी। लोजपा में भी दो गुट बन गए हैं, जबकि एनडीए में सहयोगी पार्टियों की संख्या भी पिछले चुनाव से बढ़ी है।
(आईएएनएस)
छिंदवाड़ा, 6 फरवरी । मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस का उम्मीदवार कौन होगा, इसको लेकर चल रही चर्चाओं पर सांसद नकुलनाथ के बाद उनके पिता व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विराम यह कह कर लगा दिया है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की घोषणा के बाद नकुलनाथ लोकसभा के उम्मीदवार होंगे।
राज्य से लेकर राष्टीय स्तर तक छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र चर्चाओं में है। उम्मीदवारी का मामला लंबे अरसे से गर्माया हुआ है।
वर्तमान सांसद नकुलनाथ ने बीते रोज ही चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। उसके बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी साफ कर दिया है कि एआईसीसी की घोषणा के बाद नकुल नाथ लोकसभा के उम्मीदवार होंगे।
कमलनाथ ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी है। कांग्रेस जैसे हर चुनाव में तैयारी करती है वैसी ही इस बार करेगी।
ज्ञात हो कि बीते रोज नकुलनाथ ने कहा था, छिंदवाड़ा से कमलनाथ चुनाव लड़ेंगे या नकुल नाथ, लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि छिंदवाड़ा से कमलनाथ चुनाव नहीं लड़ेेंगे बल्कि मैं ही लडूंगा।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए नकुलनाथ ने कहा था कि चुनाव में कमलनाथ का पूरा समर्थन और सहयोग रहेगा, साथ ही मार्गदर्शन भी रहेगा। वर्तमान में राज्य की 29 विधानसभा सीटों में से 28 पर भाजपा का कब्जा है, सिर्फ एक संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा ही कांग्रेस के पास है और वर्तमान में यहां से सांसद नकुलनाथ हैं ।
(आईएएनएस)
भारत इस साल मालदीव से अपने सैनिकों को वापस बुला लेगा. मालदीव के विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा कि भारत अपने सैनिकों को वापस लेने पर राजी हो गया है.
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
कई महीनों से जारी विवाद के बाद मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत उसके यहां तैनात अपने सैनिकों को मई तक वापस बुला लेगा. दोनों देशों ने कहा है कि अब भारत सैनिकों की जगह असैन्य नागरिकों को तैनात करेगा.
दोनों देशों के बीच हुए समझौते का हवाला देते हुए मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों की वापसी 10 मार्च से शुरू हो जाएगी. पहली टुकड़ी 10 मार्च को वहां से चली जाएगी और बाकी सैनिक भी 10 मई तक चले जाएंगे.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बारे में कहा, "दोनों देश आपसी सहमति से ऐसे समाधान पर पहुंचे हैं कि भारतीय विमान मानवीय सेवा के अभियान को जारी रख सकें.”
दबाव बना रहा था मालदीव
पिछले महीने ही भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफ्रीकी देश युगांडा की राजधानी कंपाला में मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर के साथ मुलाकात की थी. इसके बाद सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में जमीर ने कहा कि एनएएम शिखर सम्मेलन के दौरान जयशंकर से मिलना खुशी की बात थी.
उन्होंने लिखा, "हमने भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी के साथ-साथ मालदीव में चल रही विकास परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी लाने और सार्क और एनएएम के भीतर सहयोग पर चल रही उच्च स्तरीय चर्चा पर विचारों का आदान-प्रदान किया."
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुईज को चीन का समर्थक माना जाता है और उन्होंने पिछले साल हुए चुनाव में भारत विरोध के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था. राष्ट्रपति बनने के बाद भी उन्होंने अपना भारत विरोधी रुख बरकरार रखा और हाल ही में भारत को अपने सैनिक हटाने के लिए 15 मार्च तक की समय सीमा दी थी.
करीब 80 सैनिक
मालदीव में भारतीय सेना की एक छोटी सी टुकड़ी है. कुछ टोही विमानों के साथ यह टुकड़ी हिंद महासागर पर नजर रखती है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक नवीनतम सरकारी आंकड़े बताते हैं कि मालदीव में 88 भारतीय सैन्यकर्मी हैं.
भारतीय नौसेना का एक डोर्नियर विमान और दो हेलीकॉप्टर मालदीव में तैनात हैं जो यहां-वहां फैले 200 छोटे द्वीपों से मुख्यतया मरीजों को इलाज के लिए अस्पतालों तक पहुंचाने का काम करते हैं. इसके अलावा ये विमान मालदीव के विशाल इकोनॉमिक जोन को अवैध मछली पकड़ने से भी बचाने के लिए इस्तेमाल होते हैं.
मालदीव में पिछले करीब दो साल से ‘इंडिया आउट' अभियान चल रहा है. इस अभियान के समर्थकों का कहना है कि भारत उनके देश के अंदरूनी मामलों में दखल दे रहा है और उनकी संप्रभुता प्रभावित हो रही है.
ऑस्ट्रेलिया स्थित नेशनल सिक्यॉरिटी कॉलेज में सीनियर रिसर्च फेलो डॉ. डेविड ब्रूस्टर कहते हैं विपक्षियों की ये चिंताएं जायज नहीं हैं.
डीडब्ल्यू से बातचीत में डॉ. ब्रूस्टर ने कहा, "विदेशी सैनिकों की तैनाती किसी भी देश के लिए हमेशा एक संवेदनशील मुद्दा होता है. यहां तो बात इसलिए भी अलग थी कि भारतीय सैनिकों को स्थानीय लोगों से छिपाकर रखा गया और मालदीव के लोगों को उनके काम के बारे में कभी ठीक से बताया नहीं गया."
डॉ ब्रूस्टर कहते हैं, “मेरा अनुमान है कि जिन नागरिकों को भेजा जाएगा उनमें भारत के पूर्व सैनिक होंगे. वे लोग सेना के काम को जारी रखेंगे और इस बीच मालदीव के लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे खुद ये जिम्मेदारियां संभाल सकें. यह ऐसा समाधान है जो सबको रास आना चाहिए.”
चीन से बढ़ती नजदीकी
राष्ट्रपति बनने के बाद मुईज ने अपना सबसे पहला दौरा चीन का ही किया था. उसके बाद चीन का एक जहाज मालदीव के दौरे पर भी गया. इस बीच भारत और मालदीव के संबंधों में तब तनाव और बढ़ गया जब वहां के तीन उप-मंत्रियों ने भारत के प्रधानमंत्री पर आलोचनात्मक टिप्पणियां कीं. भारत ने जब आपत्ति जताई तो उन मंत्रियों को निलंबित कर दिया गया था.
पिछले कुछ दशकों से भारत और चीन दोनों ही दक्षिण एशिया में मालदीव पर अपने प्रभाव को लेकर रस्साकशी कर रहे हैं. मुईजू के चुनाव जीतने के बाद ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि मालदीव का रुझान चीन की ओर बढ़ेगा. मालदीव चीन की ‘बेल्ट एंड रोड' योजना में भी शामिल हो गया है, जिसके तहत बंदरगाह, रेल लाइनें और सड़कें बिछाई जानी हैं.
डॉ ब्रूस्टर कहते हैं कि हाल के समय में भारत और मालदीव के बीच जो हुआ है वह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन यह लंबे समय से भारत पर मालदीव की निर्भरता को लेकर लोगों के बीच बेचैनी को दिखाता है.
उन्होंने कहा, “दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश के साथ किसी छोटे देश के लिए रिश्ते बनाए रखना कभी आसान नहीं होता. मालदीव की नई सरकार चीन के साथ निवेश के रास्ते दोबारा खोलने को उत्सुक है और जहां तक मेरी जानकारी है, कई परियोजनाओं पर काम हो रहा है. लेकिन नई सरकार रक्षा संबंधों को विविध करने को लेकर भी उत्सुक है और ऐसे में अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया अहम भूमिका निभा सकते हैं. मुझे उम्मीद है कि भारत के साथ संबंधों की राह में जो हाल के दिनों में जो झटके लगे हैं, वे सभी पक्षों द्वारा संभाले जा सकते हैं और मालदीव की नई नीतियां क्षेत्र में अस्थिरता का कारण नहीं बनेंगी.” (dw.com)
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मसौदे को उत्तराखंड कैबिनेट की मंजूरी मिलने से राज्य विधानसभा में इसे पेश करने का रास्ता साफ हो गया है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) मसौदा रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है. पांच सदस्यीय यूसीसी पैनल ने शुक्रवार को मसौदा मुख्यमंत्री को सौंपा था. इसे 6 फरवरी को विशेष रूप से बुलाए गए विधानसभा सत्र में पेश करने की तैयारी है. एक बार यह कानून बन जाता है तो उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी को लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा.
शनिवार को भी कैबिनेट की बैठक हुई थी लेकिन इसमें यूसीसी का मुद्दा नहीं शामिल था. इसके बाद रविवार को कैबिनेट की एक और बैठक हुई.
मीडिया में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि कैबिनेट रविवार को एक ही एजेंडे के साथ बुलाई गई थी, जिसका मकसद यूसीसी मसौदा रिपोर्ट को मंजूरी देना था. आधिकारिक मंजूरी से पहले, पूरे कैबिनेट को रिपोर्ट की एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई थी.
विशेष सत्र में पेश होगा यूसीसी
उत्तराखंड विधानसभा सत्र 5 से 8 फरवरी तक चलने वाला है. इस सत्र में मुख्यमंत्री 6 फरवरी को समान नागरिकता कानून को सदन के पटल पर रहने वाले हैं. उत्तराखंड सरकार की योजना उसे सदन में पास कराकर जल्द ही प्रदेश में लागू करने की है.
सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली समिति ने 2 फरवरी को चार खंडों में विभाजित 740 पेज की रिपोर्ट सौंपी मुख्यमंत्री धामी को सौंपी थी.
धामी सरकार ने यूसीसी को राज्य में लागू करने के लिए 27 मई 2022 को पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था. मार्च 2022 में सरकार के गठन के फौरन बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन करने को मंजूरी दी थी.
समिति ने मसौदे में कई अहम प्रस्ताव दिए
समिति द्वारा रखे गए कुछ प्रमुख प्रस्तावों में बहुविवाह, हलाला, इद्दत और बाल विवाह पर प्रतिबंध हैं. साथ ही सभी धर्मों में लड़कियों की शादी के लिए समान उम्र, सभी धर्मों के लिए समान विरासत कानून और लिव-इन रिलेशन का अनिवार्य पंजीकरण शामिल हैं.
दूसरी ओर, यूसीसी का मुस्लिम सेवा संगठन ने विरोध भी जताया है. इतना ही नहीं, विधानसभा सत्र से पहले प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है, ताकि 6 फरवरी को जब विधानसभा के पटल पर यूसीसी के ड्राफ्ट को रखा जाएगा, तब कोई भी असामाजिक तत्व किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम न दे सके.
राज्य में किसी तरह की कोई उत्पात या अप्रिय स्थिति या घटना न हो, इसको देखते हुए रविवार से ही धारा 144 लागू कर दी गई है.
असम और गुजरात सरकारों ने "उत्तराखंड यूसीसी मॉडल" अपनाने में रुचि व्यक्त की है. (dw.com)
उत्तर प्रदेश और हरियाणा में हजारों कंस्ट्रक्शन मजदूरों की इस्राएल जाने के लिए भर्ती हो रही है. अपने देश में बेरोजगारी और कम वेतन के कारण मजदूर इस्राएल में हर खतरा उठाने को तैयार हैं.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
पिछले महीने उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अलग-अलग शहरों में लगाए गए प्लेसमेंट कैंपों में सफल घोषित किए गए मजदूर अगले सप्ताह से इस्राएल जाना शुरू करेंगे. फिलहाल हर हफ्ते 700 से 1,000 श्रमिकों को इस्राएल भेजा जाएगा.
आतंकवादी संगठन हमास से युद्ध के कारण इस्राएल को पर्याप्त संख्या में मजदूर नहीं मिल रहे हैं, जिसकी वजह से वह भारत से श्रमिकों का आयात कर रहा है. युद्ध के कारण इस्राएल ने फलिस्तीनी श्रमिकों को रोजगार देना बंद कर दिया है.
इस स्थिति को देखते हुए इस्राएल ने भारत से श्रमिकों को आयात करने का निर्णय लिया. नई दिल्ली और जेरूशलम ने पिछले साल एक समझौता किया था जिससे 40,000 भारतीयों को इस्राएल में निर्माण और नर्सिंग के क्षेत्र में काम करने की अनुमति मिलेगी.
इस्राएल में भारतीय मजदूरों की मांग
इससे पहले पिछले महीने इस्राएल से 15 सदस्यीय टीम श्रमिकों की भर्ती के लिए भारत आई थी. इसके तहत पहले हरियाणा और फिर उत्तर प्रदेश में क्रमश: 530 और 5,087 निर्माण श्रमिकों की नियुक्ति को अंतिम रूप दिया गया.
बिहार, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और मिजोरम सरकार ने भी औपचारिक रूप से केंद्र सरकार से अपने-अपने राज्यों में इसी तरह के प्लेसमेंट कैंप आयोजित करने की अपील की है. मीडिया में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि जल्द ही इन राज्यों में भी यह अभियान शुरू किया जाएगा.
इस्राएली अधिकारी नियुक्ति के विवरण का खुलासा करने के लिए तैयार नहीं हैं. इस्राएली सरकार की एक एजेंसी 'जनसंख्या, आव्रजन और सीमा प्राधिकरण' ने केवल इतना कहा है कि श्रमिकों को प्रति माह 1,37,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा. यह रकम इसी काम के लिए भारत में मिलने वाली रकम से कहीं ज्यादा है.
लखनऊ में आयोजित एक जॉब कैंप में आवेदन करने आए अनूप सिंह ने कहा वे इस्राएल में मोटी रकम की वजह से नौकरी के लिए आए हैं. अनूप सिंह ग्रैजुएट हैं और बतौर निर्माण मजदूर काम करते हैं.
अनूप ने कहा, "मुझे पता है कि खतरा है, लेकिन समस्याएं यहां भी मौजूद हैं." उन्होंने कहा कि वह जोखिम उठाने को तैयार हैं ताकि वह अपने परिवार के लिए और अधिक कमा सकें. उन्होंने कहा, "मैं अपने बच्चों के लिए वहां जा रहा हूं."
ये नियुक्तियां भारत की सरकारी एजेंसी राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के माध्यम से की जा रही हैं. इसके एक अधिकारी ने मीडिया से कहा, "सरकारी स्तर पर भारत और इस्राएल के बीच भारत से 40,000 निर्माण श्रमिकों को भेजने का समझौता हुआ है. हमने सभी राज्यों से इसमें मदद करने की अपील की है. हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने भी इसका अनुसरण किया है."
भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक फिलवक्त इस्राएल में 18,000 भारतीय काम कर रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर नर्सिंग स्टाफ के रूप में हैं. अब जो श्रमिक इस्राएल जा रहे हैं उनमें ज्यादातर राजमिस्त्री, बढ़ई और अन्य निर्माण मजदूर शामिल हैं.
ट्रेड यूनियनों को क्यों आपत्ति है?
भारत में कई ट्रेड यूनियनों ने श्रमिकों को इस्राएल भेजे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई थी और प्रधानमंत्री मोदी की सरकार से इस्राएल के साथ इस समझौते को खत्म करने की अपील की थी. श्रमिक संगठनों का कहना है कि मजदूरों को संघर्ष क्षेत्र में भेजना जानबूझकर उनकी जान जोखिम में डालने जैसा है.
भारत सरकार का कहना है कि दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत भारत के श्रमिकों के साथ बेहतर व्यवहार किया जाएगा, उनके अधिकारों की रक्षा की जाएगी और उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने पिछले महीने कहा, "मैं आपको बताना चाहता हूं कि इस्राएल में श्रम कानून बहुत अच्छे और सख्त हैं और श्रमिकों के अधिकारों और आप्रवासियों के अधिकारों की रक्षा करते हैं."
देश में बेरोजगारी से परेशान युवा
हरियाणा के एक प्लेसमेंट सेंटर द्वारा इस्राएल जाने के लिए चुने गए 26 वर्षीय युवक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "इस्राएल में हमें जो वेतन मिल रहा है, वह भारत की तुलना में पांच गुना अधिक है." उन्होंने कहा, "खतरे तो बहुत हैं, लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं है. मुझे अपनी पत्नी, बच्चों और माता-पिता का भी ख्याल रखना है."
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के मुताबिक अक्तूबर-दिसंबर 2023 तिमाही में 20 से 24 आयु वर्ग के लोगों में बेरोजगारी दर जुलाई से सितंबर 2023 की पिछली तिमाही के 43.65 प्रतिशत से बढ़कर 44.49 प्रतिशत हो गई.
बेरोजगारी, महंगाई और कम वेतन जैसे कारण ही युवा भारतीयों को अपना जीवन जीने के लिए गंभीर जोखिम लेने से नहीं रोक रहे हैं. (dw.com)
नई दिल्ली, 5 फरवरी । नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को दावा किया कि वर्ष 2023 में जारी किए गए वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल) की कुल संख्या 1622 है, इनमें से 294 महिलाओं को जारी किए गए, जो कुल जारी सीपीएल का 18 प्रतिशत है।
राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वी.के. सिंह ने कहा कि वर्ष 2022 की 240 तुलना में वर्ष 2023 में महिलाओं को जारी सीपीएल की संख्या (294 सीपीएल) में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
मंत्री ने कहा कि वर्तमान में, विभिन्न भारतीय अनुसूचित और गैर-अनुसूचित ऑपरेटरों के साथ कार्यरत महिला पायलटों की कुल संख्या कुल उड़ान चालक दल की संख्या का लगभग 14 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा, "नागरिक उड्डयन मंत्रालय और उससे जुड़े संगठनों ने देश में महिला और पुरुष दोनों पायलटों की संख्या बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं।"
इनमें पहले चरण में पांच हवाई अड्डों बेलगावी, जलगांव, कालाबुरागी, खजुराहो और लीलाबाड़ी में नौ नए उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा पुरस्कार पत्र जारी करना और दूसरे चरण में भावनगर, हुबली, कडपा, किशनगढ़ और सेलम में पांच हवाई अड्डों पर छह और एफटीओ जारी करना शामिल है।
सिंह ने कहा, "इसके अलावा, वीमेन इन एविएशन इंटरनेशनल (डब्ल्यूएआई) - इंडिया चैप्टर एमओसीए, उद्योग और अग्रणी महिला विमानन पेशेवरों के सहयोग से देश भर में कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है, इसमें स्कूली लड़कियों, खासकर कम आय वाले परिवारों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।"
(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 5 फरवरी । कर्नाटक पुलिस ने सोमवार को बेंगलुरु के पास नेलमंगला शहर में एक नाबालिग लड़की के निजी वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर उसके साथ बार-बार बलात्कार करने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया।
आरोपी की पहचान बेंगलुरु के चिक्कापेट निवासी 25 वर्षीय शिवकुमार होसल्ली के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी का 2018 में उडुपी में एक हिंदू संगठन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान 16 वर्षीय पीड़िता से परिचय हुआ।
बाद में उसने पीड़िता का मोबाइल नंबर प्राप्त किया और उससे बातचीत करने लगा। मार्च 2018 में आरोपी पीड़िता के घर आया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान उसने वीडियो और तस्वीरें रिकॉर्ड की।
इसके बाद आरोपी ने पीड़िता को फोटो और वीडियो लीक करने की धमकी देकर सालों तक कई बार रेप किया। उसने उससे 85,000 रुपये भी लिए। 30 जनवरी को आरोपी ने पीड़िता को धमकी दी थी कि वह उसके पास आ जाएगा। जब उसने इनकार कर दिया तो उसने निजी तस्वीरें उसके चचेरे भाई के मोबाइल फोन पर भेज दी।
पीड़िता ने आखिरकार इस सदमे को अपने माता-पिता के साथ साझा किया। बाद में, नेलमंगला टाउन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई।
पुलिस ने आईटी एक्ट की धारा 66 (ई), 67 (ए), पॉक्सो एक्ट की धारा 14, 15 और 6 और 354 (ए), 354 (डी), 354 (सी) 376 (2) (एन), 506, 507 आईपीसी अधिनियम की धारा 384 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
(आईएएनएस)
गुरुग्राम, 5 फरवरी । गुरुग्राम और नूंह का खान एवं भूविज्ञान विभाग कर्मचारियों और बुनियादी ढांचे की भारी कमी से जूझ रहा है, जिससे संबंधित अधिकारियों के लिए दोनों जिलों में अवैध खनन पर अंकुश लगाना मुश्किल हो गया है।
विभाग के सूत्रों ने कहा कि उनके पास सरकारी वाहनों सहित पर्याप्त बुनियादी ढांचा नहीं था, जिसके चलते उन्हें गश्त के लिए या तो निजी वाहनों या अन्य पर निर्भर रहना पड़ता था।
विभाग के एक कर्मचारी ने कहा, ''वाहनों की कमी के कारण कभी-कभी हम अवैध खनन के बारे में प्राप्त शिकायतों को सत्यापित करने में विफल रहे हैं।''
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अवैध खनन रोकने के लिए गुरुग्राम में केवल एक इंस्पेक्टर और पांच माइनिंग गार्ड तैनात हैं और नूंह में केवल एक माइनिंग गार्ड है।
गुरुग्राम के खनन अधिकारी अनिल अटवाल ने आईएएनएस को बताया, "हरियाणा में इंस्पेक्टरों की भारी कमी है। हमने दो सप्ताह पहले ही 10 खनन गार्डों की सिफारिश सरकार को भेज दी है। अपर्याप्त कर्मचारियों के कारण, अवैध खनन की जांच करना मौजूदा कर्मचारियों के लिए एक मुश्किल काम बन गया है। हम पर अत्यधिक बोझ है।"
दोनों जिले फिलहाल एक ही खनन पदाधिकारी के भरोसे हैं। नूंह में कोई खनन अधिकारी नहीं है जबकि इसके प्रशासन की जिम्मेदारी गुरुग्राम खनन विभाग के पास है।
दोनों जिले अवैध खनन के प्रति हमेशा संवेदनशील रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में दक्षिण हरियाणा के तीन जिलों गुड़गांव, नूंह और फरीदाबाद में खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 5 फरवरी । दिल्ली के जंतर-मंतर के पास नशे की हालत में एक व्यक्ति ने अपनी कार एक पुलिस बूथ से टकरा दी, और फिर एक बिजली के खंभे से टकरा गई, जो बाद में बूथ पर गिर गया।
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना एक फरवरी को हुई।
आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में तैनात कांस्टेबल रामवीर सिंह रात 8 बजे से गश्त ड्यूटी पर थे। एक फरवरी को सुबह 8:30 बजे के आसपास, टॉल्स्टॉय रोड पर जंतर-मंतर के पास गश्त के दौरान, उन्होंने टॉल्स्टॉय रोड जनपथ की ओर से आ रही एक कार को तेज गति से लापरवाही से चलाते हुए फुटपाथ, एक खंभे और दिल्ली पुलिस के बूथ से टकराते हुए देखा।
टक्कर से फुटपाथ टूट गया, बिजली का खंभा गिर गया और बूथ का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।
एफआईआर के मुताबिक,“ पुलिसकर्मी ने कहा, यह देखकर मैं चिल्लाया। उसके बाद, मैंने कार चालक को गाड़ी से उतार दिया, उसकी पहचान पालम गांव निवासी निखिल सूद के रूप में हुई, जो शराब के नशे में था। मैंने होंडा सिटी कार और उसके पंजीकरण नंबर के बारे में विवरण प्राप्त किया। ”
सिंह ने एफआईआर में यह भी कहा कि उन्होंने तुरंत पुलिस स्टेशन में ड्यूटी ऑफिसर को टेलीफोन के माध्यम से सूचित किया, जो घटनास्थल पर पहुंचे और उनका बयान दर्ज किया।
“ड्यूटी ऑफिसर बाद में सब-इंस्पेक्टर के साथ उस स्थान पर गए जहां उन्हें दुर्घटनाग्रस्त अवस्था में एक कार मिली। सूद को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया। लेकिन उन्होंने रक्त का नमूना देने से इनकार कर दिया।”
इसके बाद, कार चालक को पुलिस स्टेशन लाया गया, और सांस परीक्षण किया गया, जिसमें अल्कोहल पाया गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि “भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 279 (रैश ड्राइविंग) और 427 (शरारत से क्षति) के तहत केस दर्ज किया गया है।
(आईएएनएस)
लखनऊ, 5 फरवरी । उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई प्राविधान किए गए हैं। इसमें बेसिक शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए छात्रों के प्रवेश के लिए बजट की व्यवस्था की गई है तो माध्यमिक शिक्षा में आईसीटी लैब की व्यवस्था के साथ उच्च और प्राविधिक शिक्षा के तहत नए विश्वविद्यालय और राजकीय पॉलिटेक्निक के निर्माण की ओर ध्यान दिया गया है।
बेसिक शिक्षा के तहत योगी सरकार ने कक्षा-1 से 8 तक अध्ययनरत लगभग 2 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं के लिए निःशुल्क स्वेटर एवं जूता-मोजा उपलब्ध कराने हेतु 650 करोड़ तथा स्कूल बैग हेतु 350 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है।
बेसिक शिक्षा के तहत छात्र/छात्राओं के लिए यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता मोजा एवं स्टेशनरी उपलब्ध कराने के लिए क्रय प्रक्रिया को बंद करते हुए डीबीटी के माध्यम से 1,200 रुपए प्रति बच्चे की दर से धनराशि सीधे अभिभावकों के खाते में हस्तान्तरित की जा रही है। इसके अलावा, वंचित एवं दुर्बल वर्ग के 2 लाख से अधिक बच्चों को वित्तीय वर्ष 2024-2025 में प्रवेश दिलाए जाने का लक्ष्य है, जिसके लिए 255 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
इसी के साथ ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 1,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त 2023-2024 में 300 करोड़ रुपए से ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना कराई जा रही है, जिसके लिए 2024-2025 में 498 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था की गई है। वनटांगिया गावों में 36 प्राथमिक विद्यालयों के संचालन के लिए 144 पद सृजित किए गए हैं तो गरीबी रेखा से ऊपर के लगभग 30 लाख छात्रों को निःशुल्क यूनिफॉर्म वितरण के लिए 168 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
माध्यमिक शिक्षा के तहत, 2024-2025 तक प्रदेश के समस्त राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को आधारभूत सुविधाओं से लैस किए जाने एवं प्रत्येक राजकीय माध्यमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लास तथा आईसीटी लैब की व्यवस्था किए जाने के लिए समग्र शिक्षा योजना के तहत 516.64 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके साथ ही, सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
यही नहीं नए राजकीय संस्कृत विद्यालयों की स्थापना के लिए 5 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। राजकीय संस्कृत विद्यालयों में छात्रावास एवं मिनी स्टेडियम के निर्माण के लिए 10.46 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। सैनिक स्कूल, गोरखपुर के संचालन के लिए 4 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि उच्च शिक्षा में विंध्याचल धाम मंडल में मां विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय, मुरादाबाद मंडल में एक राज्य विश्वविद्यालय तथा देवी पाटन मंडल में मां पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय हेतु 51.20 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। शिक्षा को प्रोत्साहित किए जाने के लिए मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के लिए 30 करोड़ रुपए, नए राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना तथा राजकीय महाविद्यालयों के निर्माणाधीन भवनों को पूर्ण किए जाने के लिए 55 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। दूसरी तरफ, प्राविधिक शिक्षा के तहत, प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 169 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। 75 राजकीय पालिटेक्निक निर्माणाधीन/अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें जल्द ही पीपीपी मोड पर संचालित किया जाएगा।
वर्तमान में 1,874 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में छात्र एवं छात्राओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। एकेटीयू द्वारा उत्तर प्रदेश स्टार्ट अप पालिसी-2020 के अंतर्गत विश्वविद्यालय परिसर में सेंटर ऑफ एडवांस स्टडीज के तहत एक इनोवेशन हब की स्थापना की गई है, जिसके अंतर्गत 15 इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित हैं। इसके साथ ही 265 स्टार्ट अप्स ऑन बोर्ड हो गए हैं।
(आईएएनएस)
कोच्चि, 5 फरवरी । गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) द्वारा केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी की आईटी फर्म की जांच शुरू करने की घोषणा के एक सप्ताह बाद एसएफआईओ टीम ने सोमवार को खनन कंपनी सीएमआरएल के कार्यालय में अपना निरीक्षण शुरू किया, जिसमें राज्य के स्वामित्व वाली केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम (केएसआईडीसी) की हिस्सेदारी है।
अरुण कुमार के नेतृत्व में एसएफआईओ टीम ने अलुवा में सीएमआरएल के कॉर्पोरेट कार्यालय में अपना निरीक्षण शुरू किया।
एसएफआईओ कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) की प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों पर काम कर रहा था। आरओसी जांच से पहले सर्वप्रथम कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझलनादन ने एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर इस मुद्दे को उठाया था।
मीडिया रिपोर्ट में आयकर विभाग के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया था कि विजयन की बेटी वीणा विजयन की आईटी फर्म एक्सलॉजिक को खनन कंपनी सीएमआरएल से 1.72 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें केएसआईडीसी की हिस्सेदारी है।
उस समय विजयन और माकपा के पूरे शीर्ष नेतृत्व ने इस रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज कर दिया था।
हालाँकि, अब, एसएफआईओ के सीएमआरएल के कार्यालय पहुंचने के साथ, अगला पड़ाव वीणा विजयन होगा क्योंकि वह अस्थायी रूप से बंद कंपनी एक्सलॉजिक की एकमात्र निदेशक हैं।
एसएफआईओ टीम के भी जल्द ही केएसआईडीसी कार्यालय पहुंचने की भी उम्मीद है।
(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 5 फरवरी । कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि 7 फरवरी को नई दिल्ली में कर्नाटक कांग्रेस का प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन केंद्र सरकार द्वारा राज्य के साथ किए जा रहे सौतेले व्यवहार के खिलाफ है।
कर्नाटक कांग्रेस सूखा प्रभावित राज्य के लिए धन जारी नहीं करने के खिलाफ 7 फरवरी को नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन का आयोजन करेगी, इसका नेतृत्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया करेंगे। कांग्रेस ने राज्य भर से अपने सभी मंत्रियों, विधायकों और एमएलसी को प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री ने मीडियाकर्मियों से कहा,“कर्नाटक के सभी मंत्री और विधायक मंगलवार शाम को नई दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं। हम बजट में कर्नाटक के साथ हुए अन्याय की ओर देश और केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि कर्नाटक ने आज तक केंद्र सरकार द्वारा अपना विवेकपूर्ण हिस्सा 1.87 लाख करोड़ रुपये जारी नहीं किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा,“14वें वित्त आयोग से 15वें वित्त आयोग तक, कर्नाटक को धन का आवंटन 1.07 प्रतिशत कम कर दिया गया है। चार वर्षों में, राज्य को 45 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए। कर्नाटक ने इस साल अपने हिस्से का 73,593 करोड़ रुपये खो दिया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में 4.30 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह है।
“देश में टैक्स कलेक्शन के मामले में हम महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर हैं। इस साल हमें टैक्स से 50,257 करोड़ रुपये मिले। मुख्यमंत्री ने कहा, कर्नाटक से एकत्र किए गए 100 रुपये में से हमें केवल 12 से 13 रुपये ही वापस मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का बजट आकार 2017-18 के 21,46 लाख करोड़ रुपये से दोगुना होकर 2023-24 में 45.03 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
“2017-18 में जो हस्तांतरण 2.2 प्रतिशत था, वह अब घटकर 1.23 प्रतिशत हो गया है। जब बजट का आकार बढ़ेगा तो हमारा अनुदान भी बढ़ना चाहिए, लेकिन यह 50,257 करोड़ रुपये ही रह गया है।''
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपर भद्रा परियोजना के लिए 5,300 करोड़ रुपये की घोषणा की, जिसका लक्ष्य 2.50 लाख हेक्टेयर को सिंचित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ''मैं मांग करता हूं कि इसे अभी जारी किया जाना चाहिए।''
उन्होंने कहा कि महादायी परियोजना का गजट नोटिफिकेशन भी फाइनल हो चुका है, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से पर्यावरण मंजूरी नहीं दी गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा,“यह परियोजना राज्य के हिस्से के 7.56 टीएमसी पानी का उपयोग करने में मदद करेगी। केंद्र सरकार ने यह भी घोषणा की है कि वह अपर कृष्णा योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करेगी। मेकेदातु प्रोजेक्ट को भी अभी तक हरी झंडी नहीं दी गई है। केंद्र सरकार को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को उत्तर भारत के गरीब राज्यों को अधिक फंड देना चाहिए, लेकिन दक्षिणी राज्य, खासकर कर्नाटक के साथ अन्याय नहीं करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, ''सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को नहीं मारना चाहिए।''
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा और बसवराज बोम्मई ने कभी भी केंद्र सरकार से कर्नाटक के बकाया 1.87 लाख करोड़ रुपये जारी करने के बारे में बात नहीं की।
मुख्यमंत्री ने कहा,“एलओपी आर. अशोक को इसके बारे में कोई जानकारी भी नहीं है। मंत्री प्रह्लाद जोशी, शोभा करंदलाजे, भगवंत खुबा ने भी आवाज नहीं उठाई है।”
उन्होंने कहा कि कर्नाटक से सांसद चुनी गईं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी कर्नाटक को फंड जारी करने के लिए कुछ नहीं कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि 7 फरवरी को नई दिल्ली में हमारे विरोध प्रदर्शन के बाद राज्य को न्याय मिलेगा।"
(आईएएनएस)
गुवाहाटी, 5 फरवरी । असम में बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन कर कार्यवाही बाधित की, इसके कारण राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया को अपना भाषण छोटा करना पड़ा।
कटारिया ने अपने 88 पन्नों के भाषण की कुछ पंक्तियां ही पढ़ी थीं कि सदन में अपने संबोधन के दौरान कांग्रेस, सीपीआई-एम और निर्दलीय विधायकों के लगातार विरोध के कारण उन्हें अंतिम पैराग्राफ पर जाना पड़ा।
राज्यपाल ने जैसे ही अपना भाषण शुरू किया, कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ और विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने स्पीकर को ऑडियो सिस्टम के खराब होने की जानकारी दी।
राज्यपाल जब अपना व्याख्यान दे रहे थे, तो अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी ने विपक्षी सदस्यों को बिना हस्तक्षेप अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा।
इसी दौरान विपक्षी सदस्य खड़े हो गये और ऑडियो सिस्टम के खिलाफ आवाज उठाते रहे। कुछ सदस्यों ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम का विरोध, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली, बेतरतीब निष्कासन अभियान और भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस के राज्य प्रमुख भूपेन बोरा पर हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ने में असमर्थता के कारण गृह विभाग संभाल रहे मुख्यमंत्री का इस्तीफा जैसे नारे लिखी तख्तियां प्रदर्शित कीं।
राज्यपाल के सदन से चले जाने के बाद अध्यक्ष ने सदस्यों को सूचित किया कि भाषण पढ़ा हुआ समझा जाता है।
फिर उन्होंने सदन के प्रत्येक सदस्य से पारंपरिक चाय पार्टी के लिए कहा, लेकिन विपक्ष ने इसका बहिष्कार किया।
वार्षिक बजट 12 फरवरी को पेश किया जाएगा।
(आईएएनएस)
देहरादून, 5 फरवरी । उत्तराखंड विधानसभा के सत्र की सोमवार से शुरुआत हो गई। यह विधानसभा सत्र 8 फरवरी तक चलेगा। सोमवार को सत्र की कार्यवाही शुरू होने के बाद दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी से शिष्टाचार भेंट की थी।
बता दें कि 6 फरवरी का दिन बेहद महत्वपूर्ण रहेगा। मुख्यमंत्री धामी सदन के पटल पर समान नागरिकता कानून का ड्राफ्ट रखेंगे।
दूसरी तरफ मुस्लिम सेवा संगठन ने ड्राफ्ट का विरोध किया है। सत्र के चलते प्रदेश में धारा-144 लागू कर दी गई है।
(आईएएनएस)