अंतरराष्ट्रीय
निशि-तोक्यो (जापान), 22 मई इस साल के जी7 शिखर सम्मेलन का आयोजन स्थल हिरोशिमा दुनिया के उन चुनिंदा स्थानों में से एक है जो युद्ध की विभीषिका की याद दिलाते हैं।
हिरोशिमा शांति स्मारक पार्क में ‘ए-बॉम्ब डोम’ आसपास के इलाकों में बचे उन ढांचों में से एक है जो अगस्त 1945 में परमाणु बम हमले में ध्वस्त नहीं हो पाए थे लेकिन खंडहर बन गए थे। शहर के आसपास विस्फोट में बच गए पेड़ भी हैं और मंदिरों के पत्थरों तथा मूर्तियों पर जलने के निशान हैं जो यह दिखाते हैं कि हिरोशिमा शहर पर हुए परमाणु हमले के बाद विकिरण कितने बड़े पैमाने पर हुआ था।
इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने जी7 के 2023 के शिखर सम्मेलन के लिए हिरोशिमा को क्यों चुना। यह न केवल उनका चुनावी निर्वाचन क्षेत्र हैं और यहां उनकी पारिवारिक जड़ें हैं बल्कि वह परमाणु हथियार मुक्त विश्व के भी पैरोकार हैं।
ऐसी उम्मीद थी कि यह बैठक वैश्विक स्तर पर परमाणु निरस्त्रीकरण के इस अंतिम लक्ष्य की दिशा में आगे की कार्रवाई को प्रेरित कर सकती है।
यूक्रेन ने प्राथमिकता बताई :
हालांकि, शिखर सम्मेलन से जारी अंतिम संवाद में परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए ‘‘हिरोशिमा विज़न’’ की ओर कोई स्पष्ट प्रतिबद्धता नहीं जतायी गयी लेकिन रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन के लिए लगातार वैश्विक समर्थन ने इस मुद्दे को पीछे भी धकेल दिया।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की अंतिम क्षण में तय हुई यात्रा ने युद्ध में महत्वपूर्ण वक्त में इस शिखर सम्मेलन पर कदम उठाने का दबाव बढ़ा दिया।
बंद दरवाजों के भीतर हुई जी7 समूह की बैठकों के बाद उसके नेताओं ने शुक्रवार शाम यूक्रेन पर छह पृष्ठों के एक बयान में सख्त लहजे में कहा, ‘‘यूक्रेन के लिए हमारा समर्थन कम नहीं होगा। हम यूक्रेन के खिलाफ रूस के अवैध, अनुचित और अकारण युद्ध के विरोध में एक साथ खड़े होने का संकल्प लेते हैं। रूस ने इस युद्ध की शुरुआत की थी और वह इस युद्ध को समाप्त भी कर सकता है।’’
जेलेंस्की की यात्रा ने भारत, ब्राजील, इंडोनेशिया तथा ग्लोबल साउथ के अन्य देशों को यूक्रेन के राष्ट्रपति से उनका पक्ष सुनने के लिए उनसे मुलाकात का एक मौका दिया। इन देशों ने अभी तक रूस के आक्रमण की कड़े शब्दों में निंदा नहीं की है।
उदाहरण के लिए, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युद्ध शुरू होने के बाद जेलेंस्की के साथ आमने-सामने की पहली बैठक में उचित तरीके से सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि वह युद्ध को ‘‘महज अर्थव्यवस्था या राजनीति का मुद्दा नहीं मानते बल्कि उनके लिए यह मानवता का मुद्दा है।’’
ग्लोबल साउथ की बड़ी भूमिका :
बहरहाल, किशिदा के पास हिरोशिमा के लिए अन्य लक्ष्य थे। यहां तक कि उन्होंने इस शिखर सम्मेलन के लिए अपने दृष्टिकोण पर बात करने के लिए इस साल विदेश की कई यात्राएं की थी और विकासशील देशों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से सहयोग मांगा था। यह वैश्विक आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के उनके वृहद लक्ष्यों का हिस्सा है।
जापान का हित आंशिक रूप से अफ्रीका तथा ग्लोबल साउथ के अन्य हिस्सों में चीन तथा रूस के निवेश और प्रभाव से निपटने में हैं। जी7 नेताओं का अंतिम संवाद यह दर्शाता है जिसमें अफ्रीका की सुरक्षा पर काफी ध्यान दिया गया है और रूस की निजी सैन्य कंपनी वैगनर का खास जिक्र किया गया है।
हम बदलाव की कितनी उम्मीद कर सकते हैं?
जब जापान ने 2016 में जी7 की मेजबानी की थी तो उस वक्त विदेश मंत्री रहे किशिदा ने अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को हिरोशिमा की संक्षिप्त यात्रा करने के लिए मना लिया था जो किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की पहली यात्रा थी। हालांकि, उस यात्रा का प्रतीकवाद और उम्मीद जल्द ही समाप्त हो गयी और केवल शांति संग्रहालय में कई अन्य प्रदर्शनी की तरह ओबामा के शब्द बचे रह गए।
किशिदा की निश्चित तौर पर इस सम्मेलन से परमाणु निरस्त्रीकरण के मुद्दे को बल मिलने की उम्मीद रही होगी। रविवार को अपने संवाददाता सम्मेलन में किशिदा ने हिरोशिमा में विश्व नेताओं को एकत्रित करने की अपनी वजहें भी दोहरायी और शांति पर विचार करने की महत्ता पर जोर दिया।
इस शिखर सम्मेलन को सबसे ज्यादा जेलेंस्की की यात्रा तथा रूस को दिए संदेश के लिए याद रखे जाने की संभावना है। लेकिन नेताओं के अपने-अपने देश लौटने के साथ ही युद्ध जारी रहेगा और उनके पास केवल बची हुई साधारण बातें हैं जो 2024 में अगले जी7 शिखर सम्मेलन तक चलेंगी।
हिरोशिमा में 1945 के परमाणु बम हमले में जीवित बचे हिबाकुशा लोगों के लिए यह परमाणु हथियारों को खत्म करने के लिए जोर देने का आखिरी प्रमुख अवसर हो सकता था। हालांकि सकारात्मक उम्मीद अभी भी बाकी है। (द कन्वरसेशन)
बीजिंग, 22 मई | अमेरिका के खिलाफ जैसे को तैसा कदम उठाते हुए चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों का हवाला देते हुए देश में अमेरिका स्थित माइक्रोन टेक्नोलॉजी के चिप्स की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी। साउथ चाइना मॉनिर्ंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चीन सरकार ने कहा कि देश की प्रमुख सूचना अवसंरचना को बिक्री के लिए माइक्रो उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा, क्योंकि अमेरिका चीन स्थित तकनीकी कंपनियों पर नियंत्रण कड़ा करना जारी रखे हुए है।
अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने प्रतिबंध का जवाब देते हुए कहा, यह उन प्रतिबंधों का दृढ़ता से विरोध करता है, जिनका वास्तव में कोई आधार नहीं है।
विभाग ने एक बयान में कहा, हम अपनी स्थिति का विस्तार करने और उनकी कार्रवाई को स्पष्ट करने के लिए पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) के अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे।
अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने कहा, हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख सहयोगियों और साझेदारों के साथ भी जुड़ेंगे कि हम चीन की कार्रवाइयों के कारण मेमोरी चिप बाजार की विकृतियों को दूर करने के लिए निकटता से समन्वयित हैं।
चीनी अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर माइक्रोन के उत्पादों की जांच शुरू करने के बाद यह फैसला आया।
माइक्रोन ने एक बयान में कहा कि वह चीनी अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श जारी रखने के लिए उत्सुक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि माइक्रोन के खिलाफ चीन के कदम को अमेरिकी चिप कंपनी के खिलाफ प्रतिशोध के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि उसने उन्नत चिप प्रौद्योगिकियों तक चीन की पहुंच को प्रतिबंधित करने के उपाय करने के लिए वाशिंगटन की पैरवी की थी।
पिछले साल अक्टूबर में, जो बाइडेन प्रशासन ने चीन को उन्नत अमेरिकी अर्धचालक प्रौद्योगिकियों के निर्यात को कड़ा कर दिया, इसमें चिप बनाने के उपकरण और डिजाइन सॉफ्टवेयर शामिल थे।
हाल की रिपोटरें में दावा किया गया है कि जो बाइडेन प्रशासन चीन में अमेरिकी कंपनियों के निवेश पर नए प्रतिबंधों की घोषणा करने वाला है।
जेफरीज के विख्यात विश्लेषक क्रिस्टोफर वुड के अनुसार, बात यह है कि बइडेन का लक्ष्य आने वाले हफ्तों में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करना है, जो अमेरिकी व्यवसायों द्वारा चीन में निवेश को सीमित करेगा। कार्यकारी आदेश कथित तौर पर सेमीकंडक्टर्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिंग को कवर करेगा।
माइक्रोन ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह अगले कुछ वर्षों में जापान में 500 बिलियन येन (3.6 बिलियन डॉलर) तक का निवेश करेगी। (आईएएनएस)
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदोमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि बख़मूत पर रूस के कब्जे का दावा बिल्कुल गलत है.
रूस की ओर से यूक्रेन में लड़ रही प्राइवेट आर्मी वागनर ने दावा किया था कि उसने यूक्रेनी शहर बख़मूत पर कब्जा कर लिया है.
जापान में जी-7 देशों के सम्मेलन के आखिरी दिन ज़ेलेंस्की ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बख़मूत में चल रही लड़ाई का ब्योरा देने से तो इनकार कर दिया लेकिन कहा कि आज की तारीख में रूस का बख़मूत पर कब्जा नहीं है.
रूस की प्राइवेट आर्मी वागनर का कहना है कि उसने यूक्रेनी शहर बख़मूत पर कब्जा कर लिया है. राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने उनकी इस कथित जीत पर उन्हें बधाई भी दी है, लेकिन यूक्रेन ने इन दावों का जोरदार खंडन किया है.
शनिवार को यूक्रेन के उप रक्षा मंत्री ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा था कि वागनर के दावों में कोई दम नहीं है लेकिन उन्होंने माना कि शहर में हालात काफी चिंताजनक है.
बख़मूत में पिछले साल अगस्त से ही भीषण लड़ाई चल रही है. इसे यूक्रेन-रूस जंग की सबसे खूनी लड़ाई कहा जा रहा है.
बख़मूत में यूक्रेनी सेना, रूसी सेना और प्राइवेट आर्मी वागनर का कड़ा मुकाबला कर रही है.
इस वजह से लड़ाई इतने लंबे समय तक खिंचती आ रही है.
रूसी प्राइवेट आर्मी वागनर के संस्थापक येवेगेनी प्रिगोज़िन ने सोशल मीडिया पर अपने कुछ लड़ाकों के साथ खींची गई तस्वीरों को शेयर करते हुए दावा किया था बख़मूत पर उनका कब्जा हो गया है.
वागनर ग्रुप बख़मूत शहर पर हमले का नेतृत्व कर रहा है. उन्हें रूसी फाइटर प्लेन की मदद मिल रही है.
इस लड़ाई में रूस के सैनिक बड़ी तादाद में मारे गए और इसे उसके लिए अच्छा रणनीतिक कदम नहीं माना जा रहा है. (bbc.com/hindi)
इसराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन गवीर के यरुशलम स्थित अल अक़्सा मस्जिद दौरे के बाद विवाद फिर भड़क गया है.
इसराइली मंत्री रविवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अल अक्सा मस्जिद परिसर पहुंचे थे. इससे तीन दिन पहले ही इसराइली मंत्री ने यरुशलम में हजारों यहूदी समर्थकों के साथ जुलूस निकाला था.
ये जुलूस ऐसे वक़्त निकाला गया जब गज़ा पट्टी में संघर्ष विराम को एक सप्ताह से ज्यादा नहीं हुआ है.
इस साल जनवरी में भी इसराइली मंत्री ने यरुशलम का दौरा किया था.
मंत्री ने अल अक्सा मस्ज़िद का दौरा करने के बाद टेलीग्राम पर तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ''यरुशलम हमारी आत्मा है. हमास की धमकी हमें रोक नहीं पाएगी. मैं आज टेंपल माउंट तक चला आया.'' हमास ने गवीर के इस दौरे का विरोध किया है.
इसके जवाब में हमास ने लिखा, ''इसराइल अपने मंत्री और यहां जबरदस्ती बसे झुंडों की इस बर्बर घुसपैठ का ज़िम्मेदार होगा.''
सऊदी अरब और जॉर्डन का विरोध
सऊदी अरब और जॉर्डन ने इसराइली मंत्री के इस क़दम का विरोध किया है.
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, ''इसराइल का ये क़दम अंतरराष्ट्रीय नियम-कानूनों को तोड़ने वाला है''.
सऊदी अरब को कहना है कि ये दुनिया भर के मुस्लिमों की भावनाओं को भड़काने वाला कदम है. उसने यरुशलम में लगातार हिंसा के लिए इसराइल को दोषी ठहराया है.
जॉर्डन ने भी इसे भड़काने वाला कदम बताया है. उसने कहा है कि इसराइल के ये कदम खतरनाक है. इसे किसी भी हालत मंजूर नहीं किया जा सकता.
क्या है विवाद?
अल-अक्सा मस्जिद इस्लामी दुनिया की तीसरी सबसे पवित्र जगह है. इसका प्रशासन जॉर्डन के हाथ में हैं. गैर मुस्लिमों को यहां प्रवेश की इजाजत है लेकिन वे यहां प्रार्थना नहीं कर सकते.
यह परिसर यहूदियों के लिए भी सबसे पवित्र जगह है. वो पश्चिमी दीवार के नीचे प्रार्थना करते हैं. ये विवाद 100 साल पुराना है.
यहूदियों के लिए 'टेंपल माउंट' और मुसलमानों के लिए 'अल-हराम अल शरीफ़' के नाम से मशहूर पावन स्थल में 'अल-अक़्सा मस्जिद' और 'डोम ऑफ़ द रॉक' शामिल है.
'डोम ऑफ़ द रॉक' को यहूदी धर्म में सबसे पवित्र स्थल का दर्जा दिया गया है. पैग़ंबर मोहम्मद से जुड़े होने के कारण 'डोम ऑफ़ द रॉक' को मुसलमान भी पावन स्थल मानते हैं.
इस धार्मिक स्थल पर ग़ैर-मुसलमानों की प्रार्थना पर पाबंदी लगी हुई है. इस परिसर का प्रबंधन जॉर्डन के वक्फ़ द्वारा किया गया जाता है, जबकि सुरक्षा इंतज़ामों पर इसराइल का नियंत्रण है. (bbc.com/hindi)
वॉशिंगटन, 22 मई। राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा फिर से चुनाव प्रचार शुरू किए जाने के बीच अर्थव्यवस्था को संभालने की उनकी क्षमता पर देश के लोगों को अधिक भरोसा नहीं है। एक सर्वे में यह तथ्य सामने आया है।
एसोसिएटेड प्रेस-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च के एक ताजा सर्वे में सिर्फ 33 प्रतिशत व्यस्क अमेरिकियों ने बाइडन के अर्थव्यवस्था को संभालने के तरीके पर सहमति जताई। वहीं सिर्फ 24 प्रतिशत का मानना था कि देश की आर्थिक परिस्थितियों बेहतर स्थिति में हैं।
बाइडन पर अमेरिकियों की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जबकि अमेरिकी सरकार के ऋण चूक को लेकर चिंता बनी हुई है, मुद्रास्फीति ऊंचे स्तर पर है और आवास बाजार संकट में है।
आव्रजन और हालिया गोलीबारी की घटनाओं जैसे मुद्दों पर भी बाइडन के प्रदर्शन से सिर्फ 31 प्रतिशत अमेरिकी संतुष्ट हैं। वहीं 40 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे बाइडन के अपना काम करने के तरीके से संतुष्ट हैं।
जोई मॉस्क्वेडा (24) जो किसी राजनीतिक दल से संबंध नहीं रखतीं, ने कहा कि उनका परिवार अपना पहला घर खरीदने की तैयारी कर रहा है, लेकिन अब औसत आवास ऋण दर करीब 6.9 प्रतिशत है। ऐसे में घर का सपना फिलहाल पूरा करना संभव नहीं है।
वेस्ट टेक्सास की एक महिला ने कहा कि बाइडन ने अपने चुनाव प्रचार में एक भेदभावरहित आव्रजन नीति का वादा किया था, लेकिन वह इसपर खरे नहीं उतरे हैं।
एलन, टेक्सास मॉल में इस महीने हुई गोलीबारी सहित देशभर में हाल में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। इस महिला ने कहा कि बाइडन और सांसदों को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अधिक बेहतर तरीके से काम करना चाहिए।
डेमोक्रेट में भी सिर्फ आधे लोग बाइडन की आव्रजन और हिंसक घटनाओं से निपटने के तरीके पर सहमत नजर आए।
एपी अजय अजय अजय 2205 1023 वाशिंगटन (एपी)
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा जी7 शिखर सम्मेलन की अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल से बचते नज़र आए.
शिखर सम्मेल की मेजबानी जापान ने ही की थी.
जापान के पीएम किशिदा से एक पत्रकार ने पूछा कि इस शिखर सम्मेलन में परमाणु अप्रसार के विषय पर क्या उपलब्धि हासिल हुई. इस पर किशिदा ने कोई जवाब नहीं दिया जिसके बाद पत्रकार ने कहा, '' क्या आप इस सवाल से भाग रहे हैं?''
इसके बाद वो मंच पर वापस आ गए.
जापान में जी7 से परमाणु अप्रसार को लेकर काफ़ी उम्मीदें हैं और वहां के आलोचकों का कहना है कि जी 7 सम्मेलन में इसको लेकर सफलता नहीं मिली.
किशिदा हिरोशिमा से सांसद हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि उन्हें दुनिया के दूसरे देशों के नेताओं से परमाणु हथियारों को कम करने का आश्वासन मिला है.
जापान के हिरोशिमा शहर पर 1945 में अमेरिका ने परमाणु बम गिराया था, जिसमें ये पूरा शहर तबाह हो गया था. जापान ने विश्व को शांति का संदेश देने के लिए जी7 की बैठक के लिए इस शहर का चुनाव किया था. (bbc.com/hindi)
सेन सल्वाडोर (अल सल्वाडोर), 21 मई। सल्वाडोर फुटबॉल लीग के क्वार्टर फाइनल मुकाबले के दौरान स्टेडियम के एक प्रवेश द्वार पर धक्का-मुक्की के बाद मची भगदड़ में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए।
राष्ट्रीय सिविल पुलिस ने ट्विटर के माध्यम से एक शुरुआती रिपोर्ट में कहा कि कस्कैटलान के मॉन्युमेंटल स्टेडियम में क्लब एलियांजा और एफएएस के बीच मैच में नौ लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। यह स्टेडियम राजधानी से लगभग 25 मील (41 किलोमीटर) पूर्वोत्तर में है।
पुलिस ने बताया कि अस्पतालों में ले जाए गए घायलों में से कम से कम दो की हालत गंभीर है।
स्थानीय टेलीविजन ने एलियांजा के प्रशंसकों द्वारा भगदड़ की ‘लाइव’ (सीधा प्रसारण) तस्वीरें प्रसारित कीं। दर्जनों प्रशंसकों का मैदान पर भी उपचार किया गया।
एक अज्ञात वालंटियर ने बताया, ‘‘यह प्रशंसकों का एक हिमस्खलन था जो द्वार पर चढ़ गया था। कुछ लोग अब भी सुरंग में फंसे हुए हैं। कुछ लोग स्टैंड और फिर मैदान पहुंचने में सफल रहे।’’
एपी सुधीर सुधीर 2105 1036 सेनसल्वाडोर (एपी)
हिरोशिमा (जापान), 21 मई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को जापान के हिरोशिमा शहर में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन के एक सत्र में कहा कि वह यूक्रेन में मौजूदा हालात को राजनीति या अर्थव्यवस्था का नहीं, बल्कि मानवता एवं मानवीय मूल्यों का मुद्दा मानते हैं।
उन्होंने यूक्रेन में युद्ध पर कहा, ‘‘वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि हमारा साझा उद्देश्य है। हमने शुरुआत से ही कहा है कि संवाद और कूटनीति ही समाधान का एकमात्र रास्ता है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के परस्पर संबद्ध विश्व में किसी भी क्षेत्र में तनाव का असर सभी देशों पर पड़ता है और विकासशील देश सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक हालात में भोजन, ईंधन और उर्वरक के संकट का सबसे ज्यादा असर विकासशील देशों में महसूस किया जा रहा है।
मोदी ने कहा, ‘‘यह आवश्यक है कि सभी देश संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और एक-दूसरे की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें। भारत का हमेशा से यही मानना है कि किसी भी तनाव, किसी भी विवाद को बातचीत के जरिये शांतिपूर्वक ढंग से हल किया जाना चाहिए।’’
मोदी अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के निमंत्रण के बाद जी7 शिखर सम्मेलन के तीन सत्रों में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को हिरोशिमा पहुंचे थे।
जी7 देशों में जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, इटली और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं। (भाषा)
रूस की प्राइवेट आर्मी वागनर का कहना है कि उसने यूक्रेनी शहर बख़मूत पर कब्जा कर लिया है.
राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने उनकी इस कथित जीत पर उन्हें बधाई भी दी है, लेकिन यूक्रेन ने इन दावों का जोरदार खंडन किया है.
यूक्रेन के उप रक्षा मंत्री ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा है कि वागनर के दावों में कोई दम नहीं है लेकिन उन्होंने माना कि शहर में हालात काफी चिंताजनक है.
बख़मूत में पिछले साल अगस्त से ही भीषण लड़ाई चल रही है. इसे यूक्रेन-रूस जंग की सबसे खूनी लड़ाई कहा जा रहा है. बख़मूत में यूक्रेनी सेना, रूसी सेना और प्राइवेट आर्मी वागनर का कड़ा मुकाबला कर रही है.
इस वजह से लड़ाई इतने लंबे समय तक खिंचती आ रही है. (bbc.com/hindi)
(शिरीष बी. प्रधान)
काठमांडू, 20 मई। अफगानिस्तान में 2010 में जंग लड़ते हुए दोनों पैरों से अशक्त हो गये एक पूर्व ब्रिटिश गोरखा सैनिक ने माउंट एवरेस्ट फतह कर इतिहास रच दिया और वह कृत्रिम पैरों से दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
हरि बुधमागर (43) ने शुक्रवार दोपहर 8848.86 मीटर ऊंची पर्वत चोटी फतह की।
पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "दोनों पैरों से अशक्त पूर्व सैनिक हरि बुधमागर ने शुक्रवार को माउंट एवरेस्ट फतह कर इतिहास रच दिया।” वह इस श्रेणी में विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी फतह करने वाले पहले व्यक्ति हैं।
बुधमागर ने 2010 में अफगानिस्तान युद्ध में ब्रिटिश गोरखा के एक सैनिक के रूप में ब्रिटेन सरकार के लिए लड़ते हुए अपने दोनों पैर गंवा दिए थे। (भाषा)
जापान के हिरोशिमा शहर में चल रहे जी-7 देशों के सम्मेलन के आखिरी दिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदोमीर ज़ेलेंस्की से मिलेंगे.
जेलेंस्की शनिवार को यहां पहुंचे थे. इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि जी-7 यूक्रेन के लोगों के साथ मजबूती से साथ खड़ा है.
अमेरिका यूक्रेन को एफ-16 फाइटर प्लेन हासिल करने में मदद करेगा.
ज़ेंलेस्की ने कहा है कि इससे यूक्रेन की सेना की क्षमता काफी बढ़ जाएगी. (bbc.com/hindi)
हिरोशिमा (जापान), 20 मई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जापान के अपने समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ समकालीन क्षेत्रीय विकास एवं हिंद प्रशांत क्षेत्र में मजबूत होते सहयोग पर चर्चा की।
इस दौरान, दोनों नेताओं ने हरित हाइड्रोजन, उच्च प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया।
हिरोशिमा में जी7 समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन से इतर हुई इस बातचीत में मोदी और किशिदा ने द्विपक्षीय विशेष सामरिक एवं वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर सहमति जताई।
इस दौरान, दोनों नेताओं ने जापान और भारत की जी7 और जी20 की अध्यक्षता के तहत विभिन्न वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए किए गए प्रयासों को समन्वित करने के तरीकों पर भी ध्यान केंद्रित किया।
ज्ञात हो कि भारत अभी जी20 समूह की अध्यक्षता कर रहा है, जबकि जापान जी7 का अध्यक्ष है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने जी20 और जी7 की अपनी-अपनी अध्यक्षता के तहत किए गए प्रयासों को समन्वित करने के तरीकों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने ‘ग्लोबल साउथ’ की चिंताओं और प्राथमिकताओं पर जोर देने की आवश्यकता का उल्लेख किया।’’
मंत्रालय ने बताया कि मोदी और किशिदा ने समकालीन क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर विचार साझा किए और हिंद-प्रशांत में सहयोग गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने विशेष द्विपक्षीय सामरिक और वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर सहमति जताई।’’
बयान के मुताबिक, उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के मुद्दे पर भी चर्चा की।
इसमें कहा गया है, ‘‘विचार-विमर्श में शिक्षा, कौशल विकास, पर्यटन, पर्यावरण के लिए जीवन शैली (लाइफ), हरित हाइड्रोजन, उच्च प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया।’’
इस साल मार्च में प्रधानमंत्री किशिदा की भारत यात्रा के बाद, 2023 में यह दोनों नेताओं की दूसरी मुलाकात थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च 2023 में उनके द्वारा उपहार स्वरूप दिए गए बोधि पौधे को हिरोशिमा में लगाने के लिए प्रधानमंत्री किशिदा का आभार जताया।
किशिदा के निमंत्रण पर मोदी जी7 शिखर सम्मेलन के तीन सत्रों में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को हिरोशिमा पहुंचे थे।
प्रधानमंत्री ने याद किया कि भारतीय संसद हर साल हिरोशिमा दिवस मनाती है और कहा कि इस अवसर पर जापानी राजनयिक हमेशा मौजूद रहे हैं।
मोदी ने शनिवार को हिरोशिमा में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण भी किया।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री की जापान यात्रा के दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा भारत और जापान के बीच दोस्ती एवं सद्भावना के प्रतीक के रूप में हिरोशिमा शहर को भेंट की गई है।
पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित राम वनजी सुतार ने 42 इंच लंबी इस कांस्य प्रतिमा को तैयार किया है। मोतोयासु नदी से सटे जिस स्थल पर यह प्रतिमा स्थापित की गई है, वह प्रतिष्ठित ए-बम डोम के करीब है, जिसे देखने के लिए रोजाना हजारों की संख्या में स्थानीय एवं विदेशी पर्यटक हिरोशिमा पहुंचते हैं।
मोदी ने आवक्ष प्रतिमा का अनावरण करने के बाद पत्रकारों से बात की और कहा कि आज भी जब दुनिया हिरोशिमा शब्द सुनती है, तो डर जाती है।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘हिरोशिमा में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया। हिरोशिमा में यह प्रतिमा बहुत महत्वपूर्ण संदेश देती है। शांति और सौहार्द के गांधीवादी आदर्श दुनियाभर में प्रतिध्वनित होते हैं और लाखों लोगों को ताकत देते हैं।’’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह आवक्ष प्रतिमा ऐसे शहर को उचित श्रद्धांजलि है, जो शांति के लिए मानवता की चाह का प्रतीक है।
आवक्ष प्रतिमा का अनावरण करने के बाद मोदी ने महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की।
उन्होंने गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण करने का अवसर देने के लिए शहर के मेयर और जापान सरकार का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह अहिंसा के विचार को आगे लेकर जाएगा। (भाषा)
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह जानना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है कि जापानी प्रधानमंत्री को मेरे द्वारा भेंट किया गया बोधि का पौधा हिरोशिमा में लगाया गया है, ताकि लोग यहां आने पर शांति की अहमियत समझ सकें। मैं महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’’
ऑस्ट्रेलिया, 20 मई । क्वाड बैठक के लिए जो बाइ़डन का ऑस्ट्रेलिया दौरा रद्द होने के बाद क्वाड नेताओं के बीच हिरोशिमा में अपनी शीर्ष बैठक करने पर सहमति बनी है.
हिरोशिमा में क्वाड के चारों सदस्य देश अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान जी-7 की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हैं.
यहां चारों देश के नेता बैठक कर पिछले एक साल में क्वाड की प्रगति पर समीक्षा कर सकते हैं.
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता केरिन जीन पियरे ने बयान जारी कर कहा है कि बाइडन ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अलबनीज, जापान के पीएम किशिदा फूमियो और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आमने-सामने की मुलाकात करेंगे.
इन प्रधानमंत्रियों की मुलाकात के दौरान सामरिक मसलों के साथ डिजिटल टेक्नोलॉजी, सबमरीन केबल्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षमता निर्माण समेत कई मुद्दों पर सहयोग की चर्चा होगी (bbc.com/hindi)
कराची, 20 मई पाकिस्तान के हॉकी कोच सिगफ्रीड एकमैन ने पिछले 12 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है।
एकमैन ने पिछले साल पाकिस्तान की हॉकी टीम का कोच पद संभाला था। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए मुख्य कोच पद छोड़ने की घोषणा की।
नीदरलैंड के रहने वाले एकमैन पिछले साल के आखिर में वेतन विवाद के कारण स्वदेश लौट गए थे लेकिन उन्होंने बकाया वेतन नहीं मिलने के कारण पद नहीं छोड़ा था। कोई समाधान नहीं होने के कारण उन्होंने आखिर में इस्तीफा दे दिया।
एकमैन ने जिस समय पाकिस्तान हॉकी महासंघ (पीएचएफ) को अपना इस्तीफा भेजा, उसी समय नीदरलैंड के रहने वाले अन्य कोच रोलेंट ओल्टमैंस पाकिस्तान पहुंचे। वह रविवार को राष्ट्रीय जूनियर टीम के साथ मस्कट के लिए रवाना होंगे जहां पाकिस्तान की टीम एशिया जूनियर कप में भाग लेगी।
पीएचएफ ने यह नहीं बताया कि ओल्टमैंस के वेतन का भुगतान कौन करेगा या एकमैन का बकाया चुकाया जाएगा या नहीं। (भाषा)
सैन फ्रांसिस्को, 20 मई | शहर के अधिकारी पूर्व कर्मचारियों के एक मुकदमे के बाद ट्विटर की जांच शुरू कर रहे हैं, इसमें दावा किया गया था कि एलन मस्क की ट्रांजिशन टीम ने जानबूझकर कॉन्ट्रैक्ट्स को भंग करने और वादा किए गए विच्छेद का भुगतान नहीं करने की योजना बनाई थी। सैन फ्रांसिस्को क्रॉनिकल की रिपोर्ट, छह कर्मचारियों के मुकदमे में आरोप लगाया गया कि मस्क की टीम ने जानबूझकर स्थानीय और संघीय कानूनों को तोड़ा।
वे विश्वासघात के लिए विच्छेद और दंडात्मक हजार्ना मांग रहे हैं।
अमेरिका में डेलावेयर संघीय अदालत में दायर एक मुकदमे में छह पूर्व कर्मचारियों ने आरोप लगाया, ट्विटर के नए नेतृत्व ने जानबूझकर बार-बार कॉन्ट्रैक्ट्स को भंग करने, कानूनों का उल्लंघन करने और अन्यथा अपने कानूनी दायित्वों की अनदेखी करने के अपने इरादे की घोषणा की।
पूर्व कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि मस्क की टीम ने कर्मचारियों को बिल्डिंग कोड का उल्लंघन करते हुए 1355 मार्केट स्ट्रीट पर कर्मचारियों के बेडरूम में डिसेबल लाइट करने और इंस्टॉल लॉकका निर्देश दिया, जो इमजेंसी के दौरान नहीं खुलेंगे।
शहर के भवन निरीक्षण विभाग के एक प्रवक्ता पैट्रिक हन्नान को यह कहते हुए उद्धृत किया गया कि वे इन नए आरोपों की जांच करेंगे।
वैश्विक डिजाइन और निर्माण के पूर्व ट्विटर लीड प्रोजेक्ट मैनेजर वादी जोसेफ किलियन ने कहा कि उन्हें मोशन-सेंसिटिव लाइट्स को डिस्कनेक्ट करने के लिए कहा गया, क्योंकि वे ट्विटर के मकान मालिक द्वारा उस अनुरोध को अस्वीकार करने के बावजूद सोने की कोशिश कर रहे लोगों को परेशान कर रहे थे।
किलियन को स्पेस हीटर इंस्टॉल करने, लीज का उल्लंघन करने और डॉर लॉक्स इंस्टॉल करने के लिए भी कहा गया था जो जीवन सुरक्षा और निकास कोड के अनुरूप नहीं थे।
सैन फ्रांसिस्को में ट्विटर के मकान मालिक ने किराए का भुगतान नहीं करने पर माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर मुकदमा दायर किया था।
इस साल की शुरूआत में रिपोर्ट सामने आई थी कि मस्क ने सैन फ्रांसिस्को में ट्विटर मुख्यालय के कमरों को छोटे बेडरूम में बदल दिया, जिसमें पुराने गद्दे, दबे हुए पर्दे और बड़े वर्क मॉनिटर थे।
बाकी कर्मचारियों के लिए कार्यालय में रात भर ठहरने के लिए बिस्तर तैयार किए गए थे।
मस्क के कंपनी संभालने के बाद ट्विटर के कर्मचारियों के कार्यालय में फर्श पर सोने की खबरें आईं।
इस्लामाबाद, 20 मई | पाकिस्तान संघीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) में लिए गए फैसलों को मंजूरी दे दी है। इसमें फैसला किया गया है कि नौ मई को सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ करने वाले प्रदर्शनकारियों पर सेना राज अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधान मंत्री हाउस में प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में एनएससी और कोर कमांडरों के सम्मेलन के कुछ ही दिनों बाद सैन्य अदालतों में नागरिकों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई।
9 मई को अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के परिसर से गिरफ्तार किए जाने के बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ।
प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक और सरकारी संपत्तियों में तोड़फोड़ की और यहां तक कि रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय और लाहौर कोर कमांडर के आवास पर भी हमला किया।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, दंगे के बाद पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई, जो अब भी जारी है।
एक प्रमुख कैबिनेट मंत्री ने गुमनामी का अनुरोध करते हुए द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि कोई नई सैन्य अदालत स्थापित नहीं की जाएगी, यह कहते हुए कि अभियुक्तों को विशेष स्थायी अदालतों में पेश किया जाएगा, जो पहले से ही सैन्य अधिनियम के तहत काम कर रहे हैं।
हालांकि, प्रसिद्ध वकील और सेना से संबंधित मामलों के विशेषज्ञ, कर्नल (सेवानिवृत्त) इनामुर रहीम ने कहा कि रक्षा मंत्रालय या सेनाध्यक्ष (सीओएएस) को विशेष स्थायी अदालतों की स्थापना या पुनरुद्धार के लिए औपचारिक रूप से एक अधिसूचना जारी करनी होगी।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक रहीम ने कहा, संघीय सरकार ने पहले ही सेना प्रमुख को विशेष स्थायी अदालतें गठित करने के लिए किसी भी फॉर्मेशन कमांडर को वारंट जारी करने या यहां तक कि वारंट जारी करने का अधिकार दे दिया है।
एक बार विशेष स्थायी अदालतें स्थापित हो जाने के बाद, उन्होंने कहा, वे पूरे साल एक शहर या विभिन्न शहरों में काम कर सकते हैं। (आईएएनएस)
अमेरिका यूक्रेन को एफ़-16 लड़ाकू विमान हासिल करने में मदद करेगा. इनमें अमेरिका में बने एफ़-16 लड़ाकू विमान भी शामिल हैं. साथ ही यूक्रेनी पायलटों को इसे उड़ाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने जापान में हो रहे जी-7 सम्मेलन में ये जानकारी दी है.
पिछले कुछ महीनों से यूक्रेन के लिए लड़ाकू विमान की मांग कर रहे राष्ट्रपति व्लोदोमीर ज़ेलेंस्की ने कहा कि इस फ़ैसले से उनकी देश की सैन्य ताकत और बढ़ जाएगी.
अमेरिका की ओर से इस योजना की मंजूरी मिलने के बाद दूसरे देश भी अपने एफ़-16 लड़ाकू विमान यूक्रेन को दे सकेंगे.
इसके तहत अमेरिका को सहयोगी देशों की ओर से एफ-16 के कलपुर्जों के री-एक्सपोर्ट को अनुमति देनी होगी. (bbc.com/hindi)
लाहौर, 19 मई पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने नौ मई को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा को लेकर उनके खिलाफ दर्ज तीन मामलों में उन्हें शुक्रवार को गिरफ्तारी पूर्व जमानत दे दी।
इमरान अपने वाहन को लाहौर एटीसी परिसर में दाखिल होने की इजाजत मिलने के बाद शुक्रवार को अदालत के समक्ष पेश हुए।
लाहौर एटीसी ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान (70) को आतंकवाद से जुड़े तीन मामलों में दो जून तक गिरफ्तारी से राहत प्रदान करते हुए जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया।
इस पर, इमरान ने अदालत को आश्वासन दिया कि वह जांच में सहयोग करेंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ दर्ज इन तीन मामलों में से एक लाहौर में जिन्ना हाउस पर हुए हमले से संबंधित है।
एटीसी कक्ष में संवाददाताओं से मुखातिब इमरान ने कहा कि हर कोई सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों की निंदा कर रहा है। उन्होंने इन हमलों की जांच कराने की मांग भी की।
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने लाहौर में शीर्ष सैन्य अधिकारी के आवास पर हुए हमले की निंदा करते हुए अभी तक कोई बयान क्यों नहीं जारी किया है? इमरान ने कहा, “मैं पहले ही ऐसा कर चुका हूं... लाहौर में जिन्ना हाउस पर हमले की निंदा कौन नहीं कर रहा है? मुझे पाकिस्तान के किसी एक शख्स का नाम बताइए, जो ऐसा नहीं कर रहा है।”
पूर्व प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली सरकार उनकी पार्टी पीटीआई को सेना के खिलाफ पेश करके उसे मुख्यधारा की राजनीति से हटाना चाहती है।
इमरान ने कहा कि उन्होंने पिछले 35 वर्षों में इस तरह की ‘कार्रवाई’ कभी नहीं देखी।
उन्होंने आरोप लगाया, “ऐसा लगता है कि जैसे सभी नागरिक स्वतंत्रताएं और सभी मौलिक अधिकार खत्म हो गए हैं। अब केवल अदालतें मानवाधिकारों की रक्षा कर रही हैं।”
‘द डॉन’ अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पीटीआई प्रमुख ने जोर देकर कहा कि वह ‘आखिरी गेंद तक’ लड़ना जारी रखेंगे।
अर्धसैनिक बल पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा नौ मई को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से इमरान की गिरफ्तारी के बाद देश में विरोध-प्रदर्शन भड़क गए थे।
पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार प्रदर्शनकारियों ने रावलपिंडी में सेना मुख्यालाय पर धावा बोल दिया था और लाहौर में एक कोर कमांडर के आवास को आग के हवाले कर दिया था।
पाकिस्तान पुलिस का कहना है कि हिंसक झड़पों में दस लोगों की मौत हुई, जबकि इमरान की पार्टी का दावा है कि सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ता मारे गए।
सोमवार को पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व ने नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पाकिस्तान सेना अधिनियम और सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की बात कही थी। (भाषा)
लॉस एंजेलिस, 19 मई | पॉप आइकन ब्रिटनी स्पीयर्स ने अपने फैंस को अपने दो बेटों के साथ अपने संबंधों के बारे में जानकारी दी है। मिरर डॉट को डॉट यूके की रिपोर्ट के अनुसार, 41 वर्षीय सिंगर ने एक साल से अधिक समय से अपने बेटों को नहीं देखा है। उनके दो बेटे अब लॉस एंजिल्स से दूर जाना चाह रहे हैं।
लेकिन जो खबरें सामने आ रही हैं, उसके बावजूद ब्रिटनी ने एक नए वीडियो में अपने बेटों, 16 साल के जेडेन जेम्स और 17 साल के सीन प्रेस्टन के बारे में बात की है, जिनके साथ उनके पूर्व पति केविन फेडरलाइन हैं।
हाल ही में, ब्रिटनी ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर पति सैम असगरी और कुछ करीबी दोस्तों के साथ एक गेट-टु-गेदर का एक वीडियो क्लिप शेयर किया।
उन्होंने कहा, पहली बार अपने पति के एक दोस्त के साथ घूम रही हूं। उन्होंने क्लिप के साथ यह भी लिखा कि उनके बेटे फिल्म इंडस्ट्री में करियर नहीं बनाना चाहते।
मेरे बेटे उस उम्र में हैं, जहां मैं उन्हें 4 साल से नहीं देख पाई हूं।
उसके साथ फिर जोड़ना: कल कॉन्टेक्ट करना अच्छा था।
मिरर कंपनी यूके के अनुसार, ब्रिटनी अपने बेटों के बारे में बेहद कम पोस्ट करती हैं, उनके साथ शायद ही कभी सोशल मीडिया पर पॉप अप किया जाता है। उन्होंने अपने बेटों को लेकर आखिरी बार मार्च 2021 में पोस्ट शेयर किया था।
इंस्टाग्राम पर ब्रिटनी ने लिखा, मैं बेहद खुशकिस्मत हूं क्योंकि मेरे दोनों बच्चे इतने समझदार और दयालु हैं, मैंने जरूर कुछ अच्छा किया होगा। (आईएएनएस)
उत्तरी बुर्किना फासो में अल कायदा के आतंकवादियों ने एक ऑस्ट्रेलियाई डॉक्टर और उनकी पत्नी का अपहरण कर लिया था. दंपति पिछले चार दशकों से देश में अपना निजी अस्पताल चला रहे थे.
2016 में उत्तरी बुर्किना फासो में अल कायदा के आतंकवादियों ने एक ऑस्ट्रेलियाई डॉक्टर और उनकी पत्नी का अपहरण कर लिया था. ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने शुक्रवार को कहा कि अल कायदा से जुड़े आतंकवादियों ने सात साल से अधिक समय तक कैद में रखने के बाद डॉक्टर को रिहा कर दिया है.
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग ने एक बयान में कहा कि पश्चिमी तट के शहर पर्थ के 88 वर्षीय डॉक्टर केनेथ इलियट सुरक्षित हैं और अपने परिवार से दोबारा मिल चुके हैं.
इलियट की पत्नी जोसिलिन का भी अपहरण कर लिया गया था, लेकिन कुछ सप्ताह बाद उन्हें छोड़ दिया गया था.
सरकार की कोशिशों के बाद हुई रिहाई
वॉन्ग ने रिहाई का विवरण दिए बिना कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार और इलियट परिवार ने उनकी की रिहाई के लिए अथक प्रयास किया. इलियट परिवार द्वारा ऑस्ट्रेलियाई विदेश विभाग के माध्यम से जारी एक बयान में कहा गया है, "हम भगवान और उन सभी को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने हमारे लिए प्रार्थना की."
बयान में आगे कहा गया है, "88 साल की उम्र में और घर से कई साल दूर रहने के बाद डॉ. इलियट को आराम और प्राइवेसी की जरूरत है ताकि वे अपनी शारीरिक शक्ति वापस पा सकें. हम आपकी समझ और सहानुभूति के लिए धन्यवाद करते हैं."
अल कायदा ने डॉ. इलियट का अपहरण कैसे किया?
2016 में इस्लामिक चरमपंथियों द्वारा डॉ. इलियट और उनकी पत्नी जोसिलिन का अपहरण कर लिया गया था. उन्हें माली की सीमा के पास उत्तरी बुर्किना फासो से अगवा किया गया था. डॉक्टर दंपति 40 साल से वहां अपना 120 बिस्तरों वाला अस्पताल चला रहा था.
तीन सप्ताह तक हिरासत में रहने के बाद जोसलिन को रिहा कर दिया गया. तत्कालीन राष्ट्रपति मुहम्मदु इसौफौ के प्रयासों से उन्हें पड़ोसी नाइजर में रिहा कर दिया गया था.
इसौफौ के कार्यालय ने उस समय कहा था कि उसने जोसलिन की रिहाई को सुनिश्चित करने के लिए बुर्किना फासो की खुफिया सेवाओं के साथ काम किया था.
हालांकि, उस समय अल कायदा ने कहा कि वह जनता के दबाव और महिलाओं को युद्ध में न घसीटने के नेताओं के आदेशों के कारण बिना शर्त जोसलिन को रिहा कर रहा है.
जोसलिन का उसी दिन अपहरण कर लिया गया था, जिस दिन अल कायदा के आतंकवादियों ने बुर्किना फासो की राजधानी उऐगैदूगू में एक रेस्तरां और होटल पर हमला किया था जिसमें 30 लोग मारे गए थे.
एए/वीके (एपी, रॉयटर्स)
अरब लीग ने सीरिया को 12 साल पहले अपने संगठन से निकाल दिया था. लेकिन अब सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद इस सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे हैं.
सीरिया में लोकतंत्र समर्थकों पर दमन के बाद अरब लीग ने सीरिया की सदस्यता ख़त्म कर दी थी. सीरिया में लोकतंत्र समर्थकों के प्रदर्शन के बाद भड़के गृह युद्ध में पांच लाख लोगों की मौत हो चुकी है.
गृह युद्ध की वजह से सीरिया की 2.20 करोड़ की आबादी में से आधी को अपना घर छोड़ कर भागना पड़ा था. देश के अंदर ही लगभग 68 लाख लोग विस्थापित हुए हैं.
सीरिया को इस महीने अरब लीग में फिर से शामिल किया गया था क्योंकि विपक्ष का समर्थन करने वाले देशों ने अब ये मान लिया है कि सत्ता पर असद की पकड़ काफ़ी मज़बूत है. इनमें सम्मेलन का मेज़बान देश सऊदी अरब भी शामिल है.
अरब लीग के देशों में समझौते का दौर तब शुरू हुआ जब इस साल फ़रवरी में आए भूकंप ने तुर्की और उत्तरी-पश्चिमी सीरिया में भारी तबाई मचाई. इस दौरान सीरिया के ख़िलाफ़ रहे कई देशों ने उसे मानवीय सहायता पहुंचाना शुरू किया था.
इस बीच, चीन ने सऊदी अरब और ईरान के बीच समझौता करवा कर खाड़ी के देशों की आपसी दुश्मनी कम करने की दिशा में अहम पहल की.
इटली में 20 नदियों में उफान आने के बाद आई बाढ़ में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि क़रीब 13,000 लोगों को उनके घर से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
उत्तर पूर्वी तट के रिमिनी से लेकर बोलोग्ना शहर के बीच क़रीब 115 किलोमीटर के बीच सभी नदियों में उफान है.
इस दौरान भूस्खलन के 280 हादसे हुए हैं और रात में ही लोगों को निकालने के आदेश दिए गए.
कई लोग चेतावनी देते रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन से पैदा होने वाले ख़राब मौसम में राहत और बचाव के लिए एक राष्ट्रीय योजना बनाए जाने की ज़रूरत है.
सिविल प्रोटेक्शन मंत्री नेलो मुसुमेसी ने कहा कि 36 घंटे में 20 सेंटीमीटर बारिश हुई है और कुछ जगहों पर तो 50 सेंटीमीटर तक बारिश हुई है, जिससे हालात भयावह हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि सीमेंट के निर्माण की वजह से ज़मीन लंबे समय तक सूखी रही, जिससे उनकी पानी सोखने की क्षमता कम हो गई.
उन्होंने कहा कि इन इलाक़ों में 40 साल से कोई बांध नहीं बना और अब नए तरीक़े के बांध बनाए की ज़रूरत है.
उधर, राहत और बचाव कार्य में काफ़ी पेरशानी आ रही है क्योंकि सड़कें पानी में डूब गई हैं और कई कस्बे अंधेरे में डूब गए हैं.
प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने अगले मंगलवार को इस आपदा पर एक उच्च स्तरीय बैठक करने की बात कही है.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 23 नदियों में उफान से किनारे टूट गए हैं. सबसे अधिक ज़ेना नदी ने तबाही मचाई है. (bbc.com/hindi)
लाहौर, 18 मई पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्तारूढ़ गठबंधन पर सेना को उनकी पार्टी के खिलाफ खड़ा करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश तबाही की ओर बढ़ रहा है और उसे विघटन का सामना करना पड़ सकता है।
खान ने बुधवार को यहां अपने जमां पार्क स्थित आवास से वीडियो संदेश में कहा कि राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने का एकमात्र तरीका चुनाव कराना है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान (70) ने कहा, ‘‘पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के नेताओं और यहां से भागकर लंदन चले गये नवाज शरीफ को इस बात की कोई फिक्र नहीं है कि देश के संविधान की बेअदबी हो रही है, सरकारी संस्थाओं को बर्बाद किया जा रहा है या पाकिस्तानी सेना बदनाम हो रही है। वे लूटी गयी संपदा को बचाने के अपने निहित स्वार्थों के लिए काम कर रहे हैं।’’
पुलिस ने इमरान खान के घर को घेर रखा है। इस बीच उन्होंने कहा, ‘‘मुझे डरावना सपना दिखाई दे रहा है कि देश तबाही की ओर बढ़ रहा है। मेरी सत्ता से अपील है कि चुनाव कराएं और देश बचाएं।’’
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से नौ मई को अपनी गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा के बारे में पूछे जाने पर खान ने कहा कि यह पूरी तरह सत्तारूढ़ गठबंधन और पंजाब सरकार के इशारे पर रची गयी साजिश है।
‘डॉन’ अखबार ने पूर्व प्रधानमंत्री के हवाले से लिखा, ‘‘समय आ गया है कि सत्ता में बैठे लोगों को संवेदनशीलता के साथ सोचना चाहिए, अन्यथा देश के सामने पूर्वी पाकिस्तान जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।’’
देश की सेना की अपनी आलोचना को जायज ठहराते हुए खान ने कहा, ‘‘जब मैं सेना की निंदा करता हूं तो यह मेरे अपने बच्चों की आलोचना के समान है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बार-बार कह चुका हूं कि मैं सरकारी संस्थाओं के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता। जब मेरे पास पक्की खबर थी कि पूर्व सेना प्रमुख मेरे खिलाफ साजिश रच रहे हैं, मैंने तब भी हस्तक्षेप नहीं किया।’’
पीटीआई अध्यक्ष ने दावा किया कि कुछ नेता वर्तमान सेना प्रमुख से कह रहे हैं कि इमरान खान सत्ता में आ गये तो उन्हें पद से हटा देंगे।
खान के जमां पार्क स्थित घर में करीब 40 आतंकवादियों के छिपे होने के पंजाब सरकार के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को तलाशी वारंट प्राप्त कर कानूनी तरीके से उनके घर की तलाशी ले लेनी चाहिए क्योंकि आतंकियों की मौजूदगी में उनकी खुद की जिंदगी खतरे में है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी पीटीआई पर दमन की कार्रवाई शुरू करने के लिए इसे बहाना नहीं बनाया जाए।’’
खान ने कहा कि हाल में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार पाकिस्तान की 70 प्रतिशत आबादी पीटीआई के साथ खड़ी है और बाकी 30 प्रतिशत लोग सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल अन्य सभी दलों के साथ हैं।
इमरान खान ने अपने वीडियो संदेश के बाद इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के प्रतिनिधियों को उनके आवास पर आने की अनुमति दी ताकि वे देख सकें कि उनके घर में आतंकवादी छिपे हैं या नहीं।
खान के घर में जाने वाले संवाददाताओं ने बाद में कहा कि वहां केवल घरेलू कर्मचारी और कुछ पुलिसकर्मी दिखे।
खान ने इससे पहले आज ट्वीट किया था, ‘‘मेरी अगली बार गिरफ्तारी से पहले संभवत: मेरा आखिरी ट्वीट। पुलिस ने मेरे घर को घेर लिया है।’’
उन्होंने कुछ वीडियो भी साझा किये जिनमें पुलिस कर्मियों को उनके घर में घुसते देखा जा सकता है। (भाषा)
इस्लामाबाद, 18 मई | पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान ने सत्तारूढ़ गठबंधन पर सबसे बड़े राजनीतिक दल के खिलाफ सेना को खड़ा करने और जनता के बीच नफरत फैलाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि इससे देश बिखर सकता है। डॉन न्यूज ने पूर्व प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, पीडीएम (पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट) नेताओं और नवाज शरीफ को इस बात की कोई चिंता नहीं है कि देश के संविधान का अपमान किया गया है, राज्य संस्थानों को नष्ट कर दिया गया है या यहां तक कि पाकिस्तानी सेना भी बदनाम हो गई है। वे केवल लूटे गए धन को बचाने के अपने निहित स्वार्थों की तलाश कर रहे हैं।
पीटीआई प्रमुख ने कहा, मैं एक भयावह सपना देख रहा हूं कि देश एक आसन्न आपदा की ओर बढ़ रहा है।
9 मई को गिरफ्तारी के बाद हुए दंगों के बारे में खान ने जोर देकर कहा कि यह पूरी तरह से पीडीएम सरकार और पंजाब प्रांत की कार्यवाहक सरकार की ओर से रची और अंजाम दी गई साजिश थी।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, घटना के तुरंत बाद, उन्होंने कहा कि सरकार ने पीटीआई को आतंकवादी पार्टी घोषित करने के लिए हिंसा के बहाने न्यायाधीश, जूरी और जल्लाद की भूमिका निभाई है।
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, यह सही समय है कि जो शक्तियां हैं, उन्हें समझदारी से पुनर्विचार करना चाहिए अन्यथा देश को पूर्वी पाकिस्तान जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
खान ने कहा कि हाल के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि पाकिस्तान की 70 प्रतिशत आबादी पीटीआई के साथ खड़ी है और शेष 30 प्रतिशत लोग उन सभी पार्टियों के साथ हैं जो पीडीएम का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने का एकमात्र उपाय चुनाव कराना है।
खान ने अनुरोध किया, मैं सत्ता से अपील करता हूं कि चुनाव होने दें और देश को बचाएं।
खान ने कहा, मैंने बार-बार कहा है कि मैं राज्य के संस्थानों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता हूं। मैंने तब हस्तक्षेप नहीं किया जब मैंने रिपोर्ट की पुष्टि की थी कि पूर्व सेना प्रमुख मेरे खिलाफ साजिश कर रहे थे।
उन्होंने दावा किया कि कुछ राजनेता वर्तमान सेना प्रमुख से कह रहे थे कि अगर सत्ता में आए तो खान उन्हें डी-नोटिफाई कर देंगे। (आईएएनएस)
इंसान जहां भी जाते हैं उनका डीएनए उन स्थानों पर झड़ता रहता है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि डीएनए के इन झड़े हुए अंशों का इस्तेमाल लोगों या पूरे के पूरे नस्लीय समूह को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है.
सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी जहां जाते हैं वहां अपने डीएनए के अंश छोड़ जाते हैं. इसे पर्यावरणीय डीएनए या ईडीएनए कहा जाता है. हाल ही में विकसित की गई एक तकनीक ईडीएनए में से भारी मात्रा में जानकारी निकाल सकती है.
नेचर इकोलॉजी एंड एवोल्यूशन पत्रिका में छपे एक अध्ययन के लेखकों के मुताबिक यह नई तकनीक कई मेडिकल और वैज्ञानिक तरक्कियों की तरफ ले जा सकती है और यहां तक कि अपराधियों को ढूंढने में भी मदद कर सकती है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यह तकनीक सहमति, निजता और सर्विलांस से जुड़ी कई चिंताएं भी सामने लाती है.
अनजाने में हुई बड़ी खोज
इंसान जहां जहां जाते हैं वहां या तो उनकी चमड़ी या बालों की कोशिकाओं झड़ती हैं. इसके अलावा खांसी में मिली छोटी बूंदों से लेकर शौचालयों में फ्लश किए गए बेकार पानी तक में उनके डीएनए के अंश होते हैं.
हाल के सालों में वैज्ञानिकों द्वारा वन्य जीवों के ईडीएनए को इकठ्ठा करना बढ़ गया है. ऐसा खतरों का सामना कर रही प्रजातियों की मदद करने की उम्मीद से किया गया.
लेकिन इस नए शोध के लिए, फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के व्हिटनी लेबोरेटरी फॉर मरीन बायोसाइंस में वैज्ञानिक लुप्तप्राय समुद्री कछुओं के ईडीएनए को इकठ्ठा करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे थे.
लेकिन शोधकर्ताओं की इस अंतरराष्ट्रीय टीम ने अनजाने में भारी मात्रा में इंसानी ईडीएनए इकठ्ठा कर लिया, जिसे उन्होंने "ह्यूमन जेनेटिक बाइकैच" कहा. इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व करने वाले वन्यजीव रोग जीनोमिक प्रोफेसर डेविड डफी ने कहा कि इकठ्ठा किए गए इंसानी डीएनए की मात्रा और गुणवत्ता से "लगातार आश्चर्यचकित" रहे.
उन्होंने कहा, "अधिकांश मामलों में गुणवत्ता लगभग वैसी है जैसी की तब होती जब हमने सैंपल सीधा किसी व्यक्ति से लिया होता." वैज्ञानिकों ने सैंपल आस पास के समुद्र, नदियों और शहरों से और इंसानी बसावटों से दूर स्थित इलाकों से भी लिए.
हर जगह है डीएनए
जब उन्हें एक भी ऐसा सैंपल नहीं मिला जिसमें इंसानी ईडीएनए ना मिला हुआ हो तो वो फ्लोरिडा के एक ऐसे सुदूर द्वीप पर गए जहां लोगों का जाना प्रतिबंधित है. वहां मानव डीएनए नहीं था, लेकिन फिर टीम का एक सदस्य तट पर नंगे पांव चला. वैज्ञानिकों को फिर रेत में सिर्फ एक पद चिन्ह में से ईडीएनए मिला.
टीम को आयरलैंड में एक नदी के किनारे सिर्फ उसके उद्गम पर स्थित सुदूर एक पहाड़ी नाले के अलावा पूरे रास्ते मानव डीएनए मिला. टीम ने जानवरों के एक अस्पताल से हवा के सैंपल लिए. उसमें भी टीम को वहां के कर्मचारियों, उनके मरीज पशु और पशुओं में आमतौर पर पाए जाने वाले वायरसों का ईडीएनए मिला.
अध्ययन के लेखकों में से एक मार्क मैककौली ने बताया कि डीएनए सैंपलों की सिक्वेंसिंग कर टीम ने यहां तक पता लगा लिया कि किसी व्यक्ति को आटिज्म और मधुमेह जैसी बीमारियों के होने का ज्यादा खतरा है या नहीं.
मैककौली ने एक ऑनलाइन प्रेस वार्ता में बताया, "यह सारा बेहद निजी, पैतृक और स्वास्थ्य संबंधी डाटा वातावरण में मुक्त रूप से उपलब्ध है और वह ठीक इसी समय हमारे इर्द गिर्द हवा में तैर रहा है."
उन्होंने कहा, "हमने अपने सीक्वेंसों का विशेष रूप से इस तरीके से परीक्षण नहीं किया कि हम विशेष लोगों के बारे में जानकारी निकाल सकें, क्योंकि इसमें नैतिक मुद्दे हैं." लेकिन उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में ऐसा "निश्चित रूप से" संभव हो सकेगा.
गंभीर चिंताएं
उन्होंने कहा, "सवाल यह है कि उस चरण तक पहुंचने में कितना समय लगेगा." शोधकर्ताओं ने मानव ईडीएनए इकठ्ठा करने के भावी लाभों पर जोर दिया, जैसे शौचालय से निकले पानी में कैंसर की म्युटेशन को ट्रैक करना, लंबे समय से छिपे पुरातात्विक स्थानों को खोजना या जिस कमरे में कोई जुर्म हुआ हो वहां मौजूद मुजरिम के डीएनए का इस्तेमाल कर उसका पता लगा लेना.
मेरीलैंड विश्वविद्यालय में कानून की प्रोफेसर नेटली राम का कहना है कि इन खोजों की वजह से "जेनेटिक निजता और पुलिसिंग की उचित सीमाओं को लेकर गंभीर चिंताएं उठनी चाहिए."
अध्ययन पर एक टिप्पणी में उन्होंने लिखा, "अनिच्छा से छोड़ी गई जेनेटिक जानकारी का अन्वेषण के उद्देश्यों के लिए काम लेने से हम सभी पर अनवरत जेनेटिक सर्विलांस का खतरा है." अध्ययन के लेखकों ने उनकी चिंताओं से सहमति व्यक्त की.
मैककौली ने चेतावनी दी कि बिना सहमारी के मानव डीएनए का इस्तेमाल करने से लोगों को ट्रैक किया जा सकेगा या "खतरों का सामना कर रहे समूहों या नस्लीय अल्पसंख्यकों" को निशाना बनाया जा सकेगा.
उनकी टीम ने एक बयान में कहा कि इसी वजह से उन्होंने खतरे की सूचना देने का निश्चय किया और नीति निर्माताओं और वैज्ञानिकों से कहा कि वो इस "नैतिक पहेली" को संबोधित करने वाली नियमों पर काम करना शुरू करें.
सीके/एए (एएफपी)