अंतरराष्ट्रीय
यशवंत राज
वाशिंगटन, 24 जून | अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के जोरदार समर्थन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चार दिवसीय अमेरिकी यात्रा समाप्त की।
मोदी ने शुक्रवार को पूरे अमेरिका से आए भारतीय-अमेरिकियों से खचाखच भरे सभागार में अपने संबोधन में कहा, तीन दिनों से हम लगातार एक साथ रहे हैं।
मोदी बुधवार को एक निजी रात्रिभोज के लिए व्हाइट हाउस में थे, जिस दिन वह न्यूयॉर्क से यहां पहुंचे थे। अगली सुबह एक औपचारिक स्वागत के साथ उनकी यात्रा की शुरुआत हुई। इसके बाद द्विपक्षीय वार्ता हुई और पत्रकार सम्मेलन हुआ, जहां दोनों ने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए।
मोदी ने हिंदी में कहा, हमने कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा की है और मैं अपने अनुभव से कहता हूं कि बाइडेन 'सुलझे हुए अनुभवी नेता' हैं। इस टिप्पणी का जोरदार तालियों से स्वागत किया गया।
उन्होंने कहा, भारत, अमेरिकी साझेदारी को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए राष्ट्रपति बाइडेन व्यक्तिगत रूप से बहुत प्रयास कर रहे हैं और मैं उनके इन प्रयासों की सराहना करता हूं।
प्रधान मंत्री ने दोनों देशों के बीच संबंधों और विकसित करने की कोशिश की।
अनुमान है कि अमेरिका में भारतीय मूल के 4.5 मिलियन लोग हैं। उनमें यह रिपोर्टर भी शामिल है, जो 13 साल से अमेरिका में रह रहा है, लेकिन अभी भी भारतीय नागरिक है।
इनमें से एक चौथाई से भी कम भारतीय-अमेरिकी वोट करते हैं, लेकिन उनमें से कई अपनी पसंद की राजनीतिक पार्टी को भारी दान देते हैं, जो परंपरागत रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी रही है।
लेकिन सर्वेक्षणों से पता चलता है कि कुछ भारतीय अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी की ओर आकर्षित हो रहे हैं, हालांकि उनकी संख्या नगण्य है।
सर्वेक्षणों के अनुसार, लगभग 70 प्रतिशत भारतीय-अमेरिकी खुद को डेमोक्रेटिक या झुकाव वाले डेमोक्रेटिक के रूप में पहचानते हैं।
बाइडेन को अधिकांश भारतीय-अमेरिकियों, दानदाताओं और मतदाताओं दोनों का समर्थन प्राप्त है। प्रधानमंत्री का समर्थन रिपब्लिकन पार्टी की ओर भारतीय-अमेरिकियों के प्रवाह को रोक सकता है, चाहे राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कोई भी हो।
मोदी भारत-अमेरिकी समुदाय में लोकप्रिय हैं, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है कि वह उनके मतदान को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने 2020 के चुनाव में खुलेआम ट्रम्प का पक्ष लिया और वे हार गए। ज्यादातर भारतीय अमेरिकियों ने बाइडेन को वोट दिया।
भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं ने हाल ही में राष्ट्रपति चुनावों में अत्यधिक महत्व प्राप्त कर लिया है, विशेष रूप से स्विंग राज्यों में, जहां अक्सर हजार या उससे कम के अंतर से निर्णय लिया जाता है, जैसे मिशिगन और विस्कॉन्सिन।
लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वे मार्गदर्शन के लिए भारत की ओर देखते हैं। (आईएएनएस)
न्यूयॉर्क, 24 जून | भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवारों सुहास सुब्रमण्यम और कन्नन श्रीनिवासन ने वर्जीनिया में प्रतिनिधि सभा के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी में जीत हासिल की है। सुब्रमण्यम, जिन्होंने मार्च में वर्जीनिया के 32वें सीनेट जिले के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी, ने पूर्व राज्य प्रतिनिधि और दंत चिकित्सक इब्राहिम समीरा को मामूली अंतर से हराया।
वर्जीनिया चुनाव विभाग के शुरुआती नतीजों के मुताबिक, 20 जून को हुई प्राइमरी में सुब्रमण्यम को 73.6 फीसदी वोट मिले।
सुब्रमण्यम ने ट्विटर पर साझा किए गए एक बयान में कहा, कल की जीत के लिए हर एक कार्यकता, टीम के सदस्य और मतदाता को धन्यवाद। हम वास्तव में आप सभी के बिना यह काम नहीं कर सकते थे, या यह जीत नहीं सकते थे।
वह सीनेटर जॉन बेल का स्थान लेंगे, जिन्होंने घोषणा की थी कि वह दोबारा सीनेट की दौड़ में नहीं शामिल होंगे।
लाउडाउन काउंटी के निवासी, सुब्रमण्यम 2019 में वर्जीनिया महासभा के लिए चुने जाने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी और दक्षिण एशियाई बने।
एक प्रौद्योगिकी और नियामक वकील, सुब्रमण्यम ने 2015 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के व्हाइट हाउस सलाहकार के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने प्रौद्योगिकी नीति पर एक टास्क फोर्स का नेतृत्व किया, जिसने रोजगार सृजन, आईटी आधुनिकीकरण और उभरती प्रौद्योगिकी को विनियमित करने पर ध्यान दिया।
श्रीनिवासन ने साथी भारतीय-अमेरिकी सिरिशा कोमपल्ली को हराकर वर्जीनिया हाउस ऑफ डेलीगेट्स के 26वें जिले पर कब्जा कर लिया, इसमें ब्रैम्बलटन, स्टोन रिज और साउथ राइडिंग सहित कई लाउडाउन समुदाय शामिल हैं।
जीत के बाद श्रीनिवासन ने ट्वीट किया, हमारी अद्भुत टीम, स्वयंसेवकों और अपना समय व दिमाग देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद। आपके काम ने इसे संभव बनाया। मुझ पर विश्वास रखने के लिए जिला 26 के मतदाताओं को धन्यवाद। आपका डेमोक्रेटिक उम्मीदवार होना सम्मान की बात है।
लगभग 25 वर्षों तक लाउडाउन निवासी श्रीनिवासन 1993 में भारत से आकर बस गए।
वह वर्जीनिया राज्य मेडिकेड बोर्ड के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं, और उन्होंने दो मिलियन से अधिक वर्जिनियाई लोगों को कवर करने के लिए मेडिकेड का विस्तार करने में मदद की है। (आईएएनएस)|
-सहर बलोच
पाकिस्तान के हायर एजुकेशन कमिशन (एचईसी) ने देश के सभी विश्वविद्यालयों को होली मनाने से रोकने की सलाह को वापस ले लिया है.
आयोग ने कहा है कि उनके संदेश की ग़लत व्याख्या की गई.
इससे पहले आयोग ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद की क़ायद-ए-आज़म यूनिवर्सिटी में छात्रों की ओर से होली मनाने को 'देश की साख़' और इस्लामी पहचान के लिए हानिकारक बताया था.
इस सलाह पर पाकिस्तान की पर्यावरण मंत्री शेरी रहमान ने कहा था कि एचईसी की ओर से ऐसी कोई एडवाज़री जारी नहीं होनी चाहिए थी.
अब नई एडवाइज़री में एचईसी की कार्यकारी निदेशिका डॉक्टर शाइस्ता सोहैल ने कहा है, "एचईसी सभी धर्मों का सम्मान करती है और इस संदर्भ में पहले जारी होने वाली एडवाइज़री से यह समझना कि होली के त्योहार पर पाबंदी लग चुकी है, ग़लत है."
इस जश्न में अलग-अलग धर्मों से संबंध रखने वाले छात्र भी मौजूद थे. इसके वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए.
लेकिन फिर इस मामले में पाकिस्तान के हायर एजुकेशन कमिशन की ओर से एक एडवाइज़री जारी हुई.
इसमें संस्था की कार्यकारी निदेशिका शाइस्ता सोहैल की ओर से पाकिस्तान के सभी विश्वविद्यालयों को इस तरह के त्योहारों में शामिल नहीं होने की ताकीद की गई थी.
साथ ही इस एडवाइज़री में लिखा गया कि यह त्योहार पाकिस्तान की पहचान और संस्कृति के अनुरूप नहीं है. शिक्षण संस्थान ऐसी गतिविधियों से दूर रहे हैं जो देश की पहचान और सामाजिक मूल्यों के अनुरूप नहीं हैं और विद्यार्थी ऐसे तत्वों से होशियार रहें जो उन्हें अपने व्यक्तिगत हित के लिए इस्तेमाल करते हैं.
एडवाइज़री में कहा गया था कि इससे देश की ग़लत छवि सामने आई है.
एडवाइज़री में कहा गया कि शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक और भाषाई प्रतिनिधित्व एक अच्छा संदेश देता है लेकिन इसे एक सीमा के अंदर रहते हुए ही किया जाना चाहिए.
जब बीबीसी ने शाइस्ता सोहैल से इसके बारे में बात करने की कोशिश की तो उनके सहायक ने बताया कि वह शिक्षा मंत्री के साथ एक मीटिंग में हैं और कब वापस आएंगी, पता नहीं.
उनके मोबाइल नंबर पर कई संदेश भी भेजे गए लेकिन रिपोर्ट लिखे जाने तक उन संदेशों का कोई जवाब नहीं मिल सका.
एचईसी के मीडिया विंग की प्रवक्ता आयशा इकराम ने बताया कि विवादास्पद एडवाइज़री अब वापस ली जा रही है.
शाइस्ता सोहैल की इस एडवाइज़री की लगभग हर वर्ग से संबंध रखने वाले व्यक्ति ने आलोचना की.
सिंध के शिक्षा मंत्री सरदार शाह ने कहा कि पाकिस्तान का क़ानून किसी भी व्यक्ति या संस्था को यह अधिकार नहीं देता कि वह दूसरी आस्था के नागरिकों को उनके धार्मिक व सांस्कृतिक त्योहार मनाने से रोके. सिंध में पाकिस्तान के सबसे अधिक हिंदू समुदाय के लोग रहते हैं.
पर्यावरण मंत्री शेरी रहमान ने एक ट्विटर यूज़र की बात का जवाब देते हुए कहा कि यह एडवाइज़री अब वापस ली जा रही है.
छात्रों का क्या कहना है?
विद्यार्थियों ने भी एचईसी की इस विवादास्पद एडवाइज़री को नकार दिया है. क़ायद-ए-आज़म यूनिवर्सिटी की एक छात्रा आमना क़ुरैशी ने बीबीसी को बताया, "इस तरह की एडवाइज़री की पाकिस्तान के शैक्षणिक संस्थानों में कोई जगह नहीं होनी चाहिए. शैक्षणिक संस्थान धार्मिक अंतर और पंथ को बिल्कुल महत्व नहीं देते."
एक और छात्र शाह मीर ख़ान ने कहा, "इस एडवाइज़री को जारी ही नहीं करना चाहिए था क्योंकि पाकिस्तान के संविधान और क़ानून में इस बात की कोई मनाही नहीं कि आप किसके साथ होली मना सकते हैं या नहीं."
वहीं सिदरा आलम ने कहा, "अगर आपको एक एडवाइज़री जारी करके फिर इसका मतलब समझाना पड़ जाए तो इसका मतलब यह है कि आप जिस पद पर हैं, उसके योग्य नहीं."
"ऐसी बात बहुत सोच समझकर करनी चाहिए. पहले ही पाकिस्तान दूसरे देशों से धार्मिक उदारता के इंडेक्स में बहुत पीछे है और फिर इतने बड़े संस्थान की ओर से ऐसी एडवाइज़री हमारी संकीर्ण मानसिकता को और स्पष्ट करता है."
पाकिस्तान में हिंदू महिला की बेरहमी से हत्या के मामले में चार गिरफ़्तार
अहसन कमाल नाम के छात्र ने सवाल किया, "एचईसी के अधिकार क्षेत्र में क्या ऐसी एडवाइज़री जारी करना और संस्थाओं को इसके लिए मजबूर करना शामिल भी है?"
दूसरी ओर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक सलमान सूफ़ी ने कहा कि देश में धार्मिक उदारता को बढ़ावा देना चाहिए, न कि इसे रोकने की ज़रूरत है.
उन्होंने कहा, "हमें इस वक़्त एकता लाने की ज़रूरत है, न कि लोगों के बीच और विभाजन पैदा करने की." (bbc.com/hindi)
ऐसा माना जाता है कि यूक्रेन में वागनर ग्रुप के साथ हज़ारों भाड़े के सैनिक यूक्रेन में रूस के लिए लड़ रहे हैं.
हाल ही में वागनर ग्रुप के सैनिकों ने बख़मुत शहर को यूक्रेन सेना से लेने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी और रूस की बढ़त में अहम भूमिका निभाई.
वागनर ग्रुप खुद को एक ‘प्राइवेट मिलिट्री कंपनी’ बताता है, लेकिन अब रूस की सरकार इस ग्रुप पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाती दिख रही है, क्योंकि इसके चीफ येवगेनी प्रिगोज़िन ने राष्ट्रपति पुतिन के ख़िलाफ़ बग़ावत करने का दावा किया है.
वागनर ग्रुप की पहचान पहली बार 2014 में हुई थी जब वह यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादी ताकतों का समर्थन कर रहा था.
उस समय यह एक सीक्रेट ग्रुप था, जो ज़्यादातर अफ्रीका और मध्य पूर्व में सक्रिय था और ऐसा माना जाता है कि उस वक्त इस ग्रुप में सिर्फ पांच हज़ार लड़ाके शामिल थे, लेकिन इनमें ज़्यादातर रूस के स्पेशल फोर्स के सैनिक थे.
वागनर ग्रुप के लड़ाके को कितने रुपये मिलते हैं?
धीरे धीरे ग्रुप में लड़ाकों की संख्या बढ़ती गई. ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने जनवरी में बताया था कि वागनर ग्रुप के पास यूक्रेन में करीब 50 हज़ार लड़ाके हैं जो रूस की तरफ़ से लड़ रहे हैं.
मंत्रालय ने बताया कि संगठन ने 2022 में बड़े पैमाने पर भर्ती की क्योंकि रूस को अपनी सेना में लोगों को भर्ती करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था.
वहीं अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि यूक्रेन में लड़ रहे वागनर ग्रुप के करीब 80 प्रतिशत लड़ाकों को जेल से निकालकर भर्ती किया गया था.
वागनर ग्रुप के एक पूर्व सैनिक ने बीबीसी को बताया था कि यूक्रेन में युद्ध से पहले इस ग्रुप में शामिल होने वाले लोग छोटे-छोटे गांवों से आते थे. इन गाँवों में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरियाँ मिलना मुश्किल होता था. इसलिए वे इस ग्रुप में शामिल हो जाते थे.
वागनर ग्रुप में काम करने वालों को 1500 डॉलर (करीब 1.22 लाख रुपये) सैलरी मिलती थी. अगर कोई सैनिक युद्ध के मैदान में लड़ने जाता था तो उसे 2000 डॉलर (1.6 लाख रुपये) मिलते थे.
हालांकि रूस में भाड़े की सेनाओं पर प्रतिबंध है. वागनर ग्रुप ने 2022 में एक कंपनी के रूप में खुद को पंजीकृत किया था और सेंट पीटर्सबर्ग में एक नया ऑफिस खोला था.
रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट थिंक टैंक के डॉ सैमुअल रमानी कहते हैं कि वागनर ग्रुप रूसी शहरों में होर्डिंग लगाकर खुलेआम लड़ाकों की भर्ती कर रहा है और रूसी मीडिया में इसे एक देशभक्त संगठन के लिए प्रचारित किया जा रहा है.
यूक्रेन में वागनर ग्रुप
जब रूस ने पूर्वी यूक्रेन के बखमुत शहर पर कब्ज़ा किया तो इसमें वागनर ग्रुप ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
यूक्रेन के सैनिकों का कहना है कि वागनर ग्रुप के लड़ाकों को बड़ी संख्या में खुले मैदान में लड़के के लिए भेजा गया था, जिसके चलते उनके कई लोग मारे गए.
शुरू में रूस के रक्षा मंत्रालय ने लड़ाई में वागनर ग्रुप के शामिल होने से इनकार किया था, हालांकि बाद में साहसी और निस्वार्थ भूमिका निभाने के लिए अपने भाड़े के सैनिकों की तारीफ की थी. (bbc.com/hindi)
रूस की प्राइवेट आर्मी ‘वागनर ग्रुप’ के चीफ़ येवगेनी प्रिगोज़िन ने दावा किया है कि उनके सैनिकों ने कई जगहों पर यूक्रेन से लगी रूस की सीमा पार कर ली है.
येवगेनी पर रूस के ख़िलाफ़ विद्रोह के आरोप के बाद रूस के महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
टेलीग्राम पर प्रकाशित नई ऑडियो रिकॉर्डिंग में येवगेनी प्रिगोज़िन ने बताया कि जब उनके सैनिकों ने सीमा पार की तो वहां मौजूद सैनिकों ने उन्हें गले लगाने का काम किया.
उन्होंने यह भी दावा किया कि बॉर्डर पर मौजूद रूसी सैनिकों को उन्हें रोकने का आदेश दिया गया था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
येवगेनी ने कहा कि वे यूक्रेनी सीमा के पास दक्षिण पश्चिमी शहर रोस्तोव में प्रवेश कर रहे हैं.
प्रिगोज़िन ने कहा, "अगर कोई हमारे रास्ते में आया तो हम अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को तबाह कर देंगे…हम आगे बढ़ रहे हैं.”
बीबीसी इन दावों की पुष्टि नहीं करता है. अभी रूस में वागनर सैनिकों की तस्वीरें या वीडियो सामने नहीं आए हैं.
रूसी मीडिया के रोस्तोव शहर में ऑपरेशन फोर्ट्रेस को सक्रिय कर दिया गया है. इस प्लान को कथित तौर पर रूस की राजधानी मॉस्को में भी चलाया गया है ताकि क्रेमलिन की हिफ़ाज़त की जा सके.
क्रेमलिन रूसी राष्ट्रपति के आवासीय परिसर को कहा जाता है, जो राजधानी मॉस्को में स्थित है.
ऐसी जानकारियां भी सामने आ रही हैं कि आंतरिक मंत्रालय की बिल्डिंग के एंट्री और एग्जिट गेट को बंद कर दिया गया है और सैन्य वाहनों को राजधानी के कुछ इलाकों में तैनात किया गया है.
पश्चिमी विशेषज्ञों के मुताबिक़, वागनर रूसी सरकार के समर्थन वाला लड़ाकों का समूह है जो रूसी हितों के लिए काम करते हैं.
इस निजी सेना को एक कंपनी की शक्ल में येवगेनी प्रिगोज़िन फंड करते हैं. जो पुतिन के क़रीबी हैं.
एक समय में रेस्तरां चलाने वाले प्रिगोज़िन पर युद्ध अपराध और मानवाधिकारों के उल्लंघन से जुड़े आरोप लगते रहे हैं. इससे पहले वागनर क्राइमिया, सीरिया, लीबिया, माली और सेंट्रल अफ़्रीकन रिपब्लिक में तैनात रही हैं.
वागनर ग्रुप को किसने बनाया?
इस वक्त इस समूह की कमान येवगेनी प्रिगोज़िन के पास है.
द जेम्सटाइन फ़ाउंडेशन थिंक टैंक के सीनियर फ़ेलो डॉ सर्गेई सुखान्किन के मुताबिक वागनर ग्रुप को दिमित्री उत्किन नाम के एक व्यक्ति ने बनाया था.
वे 2013 तक रूसी विशेष सैन्य दस्ते में शामिल थे.
सुखान्किन कहते हैं, "वागनर ग्रुप में उन्होंने 35 से 50 साल की उम्र वाले ऐसे लोगों की भर्ती की जिन पर परिवार का या फिर कर्ज़ का बोझ था. ये अधिकतर छोटे शहरों से थे जहां काम के मौक़े कम थे. इनमें से कुछ चेचन्या में हुए संघर्ष और कुछ रूस-जॉर्जिया युद्ध में शामिल थे. इनके पास युद्ध का अनुभव था, लेकिन ये आम जीवन में अपनी जगह नहीं तलाश पाए थे."
सर्गेई बताते हैं कि रूसी सैन्य ख़ुफ़िया विभाग के पास एक जगह पर क़रीब तीन महीनों तक इनकी ट्रेनिंग हुई. इससे ये अंदाज़ा लगाया गया कि इस ग्रुप के तार रूसी सेना से जुड़े थे.
बताया जाता है कि दुनिया के कई संघर्षग्रस्त इलाक़ों में इसी ग्रुप के लड़ाके भेजे गए.
वो कहते हैं, "मुझे लगता है रूस इसे लेकर इसलिए उत्सुक था क्योंकि वो चेचन्या और अफ़ग़ानिस्तान में हुई ग़लती नहीं दोहराना चाहता था. पुतिन को डर था कि विदेशी ज़मीन पर सैन्य अभियानों में अधिक रूसी सैनिकों की मौत हुई तो इससे देश में लोगों की नाराज़गी बढ़ेगी."
चेचन्या और अफ़ग़ानिस्तान के सैन्य अभियानों में हज़ारों रूसी सैनिकों की जान गई थी. वागनर ग्रुप आधिकारिक तौर पर सेना का हिस्सा नहीं था, इसलिए इसे अभियान में शामिल करने से सैनिकों की मौतों का आंकड़ा कम रखने में मदद होती.
सर्गेई कहते हैं, "एक बड़ी वजह ये थी कि रूस इनकी ज़िम्मेदारी लेने से इनकार कर सकता था. यानी वो ये कह सकता था कि उसे इन लड़ाकों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. एक और वजह ये भी है कि किसी और देश में संवेदनशील मिशन पर सेना या पैरामिलिटरी भेजना मुश्किल होता है." (bbc.com/hindi)
रूस की प्राइवेट आर्मी ‘वागनर ग्रुप’ के कथित तौर पर बाग़ी रुख़ अपना लेने के बाद राजधानी मॉस्को में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
मॉस्को के मेयर ने घोषणा की है कि राजधानी में सुरक्षा मज़बूत बनाने के लिए आतंकवाद रोधी उपाय किए गए हैं.
टेलीग्राम पर सर्गेई सोब्यानिन ने लिखा, “आ रही सूचनाओं के मद्देनज़र आतंकवाद रोधी उपाय अपनाए जा रहे हैं ताकि मॉस्को में सुरक्षा मज़बूत की जा सके.”
“सड़कों पर अतिरिक्त नियंत्रण को बढ़ा दिया गया है. सार्वजनिक कार्यक्रमों को भी सीमित किए जाने की संभावना है. कृपया समझदारी से उठाए गए क़दमों पर विचार करें.”
वहीं, दूसरी ओर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरोधी मिखाइल खोदोरकोवस्की ने रूसी लोगों से वागनर के चीफ़ येवगेनी प्रिगोज़िन का समर्थन करने की अपील की है.
प्रिगोज़िन ने कथित तौर पर मॉस्को के सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकने का फ़ैसला किया है.
खोदोरकोवस्की एक समय रूस के सबसे अमीर ओलीगार्क थे. उनका कहना है, “हमें अब मदद करने की ज़रूरत है और अगर जरूरत पड़ी तो हम लड़ेंगे भी.”
पुतिन के साथ अनबन के बाद खोदोरकोवस्की ने 10 साल रूसी जेल में बिताए थे और रूसी राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ कड़े प्रतिबंधों की मांग की थी. (bbc.com/hindi)
-जॉर्जिना रैनर्ड
पनडुब्बी टाइटन के डूबने की ख़बर मिलने के बाद अमेरिकी कोस्ट गार्ड से ये सवाल किया गया कि जो पांच लोग पनडुब्बी में सवार थे क्या उनके शवों को वापस लाया जा सकता है.
इस सवाल के जवाब में कोस्ट गार्ड ने कहा, "समुद्रतल पर हालात बेहद मुश्किल है."
जानकार कहते हैं कि जिस जगह पनडुब्बी का मलबा मिला उस जगह के आसपास पानी का दबाव इतना अधिक है कि ऐसा कर पाना लगभग असंभव है.
मरीन ऑटोनोमी के प्रोफ़ेसर ब्लेयर थ्रॉनटन समझाते हैं कि हादसे की जगह पर जो दबाव है वो ऐसा है मानो पनडुब्बी पर किसी ने पूरा का पूरा आइफ़ेल टावर रख दिया हो.
जानकारों की मानें तो पनडुब्बी का ढांचा ही वो चीज़ थी जो पनडुब्बी के भीतर मौजूद पांच लोगों को पानी के इस दवाब से बचा कर रखे हुए थी.
वो कहते हैं, "कल्पना कीजिए कि इतने अधिक ताकत से आप पर पड़ने वाले दबाव से आपको बचाने वाली चीज़ ही अगर एक क्षण में नष्ट हो जाए तो क्या होगा. पानी बहुत अधिक ताकत के साथ आपसे टकराएगा जैसे किसी पर हज़ार टन का बोझ आ गिरा हो."
फोरेन्सिक जेनेटिक्स के प्रोफ़ेसर डेनिस कोर्ट कहती हैं कि शवों को निकालने के लिए हादसे की जगह तक तुरंत पहुंच पाना बेहद मुश्किल है.
वो कहती हैं कि जिस तरह बेहद अधिक दबाव के कारण संकुचन से वो छोटी पनडुब्बी फटी होगी, उसके बाद मृतकों के शवों को वहां से लाने की कोई उम्मीद नहीं बची है.
ओशनगेट की पनडुब्बी टाइटन पांच लोगों को लेकर 1912 में अटलांटिक सागर में डूबे जहाज़ टाइटैनिक को देखने के लिए निकली थी.लेकिन रविवार को समुद्र में डाइव लगाने के एक घंटे 45 मिनट बाद ही इसका संपर्क अपने मदर शिप पोलर प्रिंस के साथ टूट गया था.
बीती रात अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने कहा था कि ये पनडुब्बी हादसे का शिकार हो गई है.
रियर एडमिरल जॉन मॉगर ने बताया कि पनडुब्बी के पांच हिस्से टाइटैनिक जहाज़ के मलबे के अगले हिस्से के 1600 फ़ीट नीचे मिले हैं.
लौट रही है मदर शिप
पनडुब्बी टाइटन को लेकर समुद्र में गई मदर शिप पोलर प्रिंस अब हादसे की जगह से वापिस कनाडा के न्यूफाउंडलैंड लौट रही है.
टाइटन की तलाश में गए कई जहाज़ अभी भी हादसे की जगह के आसपास मौजूद हैं, लेकिन पोलर प्रिंस अब वापिस सेंट जॉन्स लौट रही है.
उम्मीद की जा रही है कि शनिवार सवेरे तक ये वापस तय तक आ जाएगी. (bbc.com/hindi)
न्यूयॉर्क, 23 जून | इस बात पर जोर देते हुए कि आव्रजन को योग्यता आधारित होना चाहिए और मनमानी सीमाओं से तय नहीं होना चाहिए, भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी थानेदार ने घोषणा की कि वह वीजा बैकलॉग को खत्म करने के लिए विधेयक को सह-प्रायोजित करेंगे। इस साल की शुरुआत में प्रतिनिधि सभा में पेश द्विदलीय विधेयक, बैकलॉग अधिनियम 2023 को खत्म करना, मौजूदा संघीय आव्रजन कानून के तहत हर साल आवंटित किए जाने वाले रोजगार-आधारित वीजा का प्रभावी ढंग से उपयोग करना चाहता है।
थानेदार ने गुरुवार को ट्वीट किया, एच.आर. 1535 बैकलॉग खत्म करने वाले अधिनियम 2023 को सह-प्रायोजित करने पर गर्व है, यह द्विदलीय कानून है, जो रोजगार-आधारित आव्रजन वीजा को बढ़ाता है। आप्रवासन को योग्यता-आधारित होना चाहिए, न कि मनमानी सीमाओं से तय होना चाहिए।
कांग्रेसी ने पहले कहा था कि ग्रीन कार्ड का लंबा बैकलॉग भारतीयों सहित कुशल श्रमिकों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है, ऐसे समय में जब अमेरिकी व्यवसायों को अधिक अप्रवासियों की आवश्यकता है।
अनुमान के मुताबिक, अमेरिका में प्रत्येक 10 नौकरियों के लिए केवल छह कर्मचारी उपलब्ध हैं।
10 मार्च को कांग्रेसियों लैरी बुकशॉन और राजा कृष्णमूर्ति द्वारा पेश विधेयक, तीन दशकों में जमा हुए अप्रयुक्त रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड को पुन: प्राप्त करेगा, जो 1992 में वापस आ गए थे, जब वर्तमान ग्रीन कार्ड आवंटन प्रणाली प्रभावी हुई थी।
अप्रयुक्त ग्रीन कार्ड वे हैं, जो नौकरशाही की देरी और धीमी यूएससीआईएस प्रसंस्करण के कारण जारी नहीं किए गए हैं।
इसके अलावा, बिल इन पुन: प्राप्त ग्रीन काडरें को 7 प्रतिशत प्रति-देश सीमा से छूट देगा।
राष्ट्रीय आप्रवासन फोरम के अनुसार, संख्यात्मक सीमाओं, प्रति-देश सीमा और प्रशासनिक देरी के परिणामस्वरूप, रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड बैकलॉग वित्तीय वर्ष 2022 के अंत तक 1.6 मिलियन तक पहुंच गया।
अमेरिका हर साल दुनिया भर के कुशल, अकुशल और पेशेवर श्रमिकों के लिए 140,000 रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड अलग रखता है।
संख्यात्मक सीमा के अलावा, कांग्रेस ने किसी विशेष देश के नागरिकों को आवंटित किए जा सकने वाले ग्रीन कार्ड की अधिकतम संख्या पर भी सीमा लगा दी है।
मौजूदा संघीय कानून के अनुसार, किसी भी एक देश के व्यक्तियों को हर साल कुल ग्रीन कार्ड की संख्या के 7 प्रतिशत से अधिक जारी नहीं किए जा सकते हैं।
इन प्रति-देश सीमाओं के अस्तित्व का मतलब है कि भारत, चीन, मैक्सिको और फिलीपींस जैसे अधिक संख्या में ग्रीन कार्ड आवेदकों वाले देशों के व्यक्तियों को वर्षों या दशकों तक चलने वाले बैकलॉग का सामना करना पड़ता है। (आईएएनएस)
सैन फ्रैंसिस्को, 23 जून | पश्चिमी अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया के ओकलैंड के अपटाउन जिले में दो दिन पहले गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई। मौके पर पहुंचने वाले अधिकारियों ने डॉक्टरों के आने तक पीड़ित को चिकित्सा उपचार प्रदान किया। गुरुवार को पुलिस ने कहा, पीड़ित को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गोली लगने से उसकी मौत हो गई।
पीड़ित की पहचान तुरंत जारी नहीं की गई। सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हत्या के जांचकर्ता गोलीबारी के आसपास की परिस्थितियों की जांच कर रहे हैं और उन्होंने कोई गिरफ्तारी नहीं की है।
द मर्करी न्यूज ने गुरुवार को बताया कि यह हत्या इस साल ओकलैंड पुलिस द्वारा जांच की गई 51वीं हत्या है। (आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 23 जून | गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब ने घोषणा की है कि वह एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) संचालित डबिंग टूल ला रहा है, इससे क्रिएटर्स के लिए अपने वीडियो को अन्य भाषाओं में डब करना आसान हो जाएगा। द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने गुरुवार को विडकॉन प्रशंसकों, रचनाकारों, अधिकारियों और ऑनलाइन ब्रांडों के लिए वार्षिक सम्मेलन में घोषणा की कि वह गूगल के एरिया 120 इनक्यूबेटर की एआई-संचालित डबिंग सेवा 'अलाउड' से टीम ला रही है।
अलाउड की वेबसाइट के अनुसार, टूल वीडियो को ट्रांसक्रिप्ट करता है, इससे रचनाकारों को एक ट्रांसक्रिप्शन मिलता है, जिसे वे समीक्षा और संपादित कर सकते हैं।
उसके बाद, यह अनुवाद करता है और डब तैयार करता है।
यूट्यूब के क्रिएटर प्रोडक्ट्स के उपाध्यक्ष अमजद हनीफ ने एक बयान में कहा, वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म पहले से ही सैकड़ों क्रिएटर्स के साथ टूल का परीक्षण कर रहा है।
हनीफ ने यह भी उल्लेख किया कि अलाउड वर्तमान में कुछ भाषाओं के साथ काम कर रहा है, और भी आने वाली हैं।
प्रवक्ता जेसिका गिब्बी के अनुसार, एआई-संचालित डबिंग सेवा वर्तमान में अंग्रेजी, स्पेनिश और पुर्तगाली में उपलब्ध है।
हनीफ ने कहा, यूट्यूब अधिक अभिव्यक्ति और लिप सिंक के साथ अनुवादित ऑडियो ट्रैक को निर्माता की आवाज की तरह बनाने के लिए काम कर रहा है।
हालांकि, गिब्बी के अनुसार, उन सुविधाओं की योजना अगले वर्ष के लिए बनाई गई है। (आईएएनएस)
डूबे हुए जहाज टाइटेनिक पर बनी मशहूर फ़िल्म 'टाइटेनिक' के डायरेक्टर जेम्स कैमरन ने कहा है कि उन्होंने इस हादसे का संदेह हो गया था.
टाइटन तक 33 डाइव पूरे कर चुके कैमरन ने बीबीसी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि टाइटन पनडुब्बी जब रविवार को पहली बार लापता हुई थी उस समय वो एक जहाज पर थे.
लेकिन सोमवार तक उन्होंने इसके लापता होने की कोई ख़बर नहीं सुनी थी. जब उन्हें पता चला कि पनडुब्बी अपना रास्ता और संपर्क खो चुकी है तो उसी समय उन्हें इस बात का संदेह हो गया था पनडुब्बी हादसे का शिकार हो गई है.
कैमरन ने कहा, '' मुझे तो हड्डियों तक में सिहरन हो गई. मुझे लगता है कि पनडुब्बी के इलेक्ट्रॉनिक्स फेल हो गए होंगे और इसका कम्यूनिकेशन सिस्टम भी नाकाम हो गया होगा. हो सकता है इसके साथ-साथ इसके ट्रैकिंग ट्रांसपोंडरों ने भी काम करना बंद कर दिया होगा.''
कैमरन ने बीबीसी न्यूज़ से पिछले सप्ताह बताया "मैंने एक लंबे और बुरे सपने जैसा महसूस किया जहां लोग इधर-उधर भागते हुए तेज़ आवाज़ों और ऑक्सीजन और दूसरी सभी चीज़ों के बारे में बात कर रहे हैं.'' (bbc.com/hindi)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में व्हाइट हाउस में रखे गए स्टेट डिनर कई दिग्गज बिजनेसमैन भी शामिल हुए.
इनमें भारत के मुकेश अंबानी, महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, अडोबी के सीईओ शांतनु नारायण और गूगल के सीईओ सुंदर पिचई शामिल थे.
एपल के सीईओ टीम कुक, माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला और कॉरपोरेट लीडर इंदिरा नूई में शामिल भी स्टेट डिनर में हिस्सा लेते दिखे. भारत अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल, श्री थानेदार, रो खन्ना, अमि बेरा और राजा कृष्णमूर्ति भी स्टेट डिनर में शामिल हुए.
अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन के अलावा बाइडन परिवार के अन्य सदस्य हंटर बाइडन, एश्ले बाइडन, जेम्स बाइडन और नाओमी बाइडन नील भी इसमें शामिल हुए. उप राष्ट्रपति कमला हैरिस भी इसमें शामिल थीं.
पीएम मोदी ने स्टेट डिनर के लिए जो बाइडन को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि आपने अपने घर के दरवाजे मेरे लिए खोले.
जो बाइडेन और जिल बाइडेन की तारीफ करते हुए पीएम ने खास रात्रिभोज के लिए धन्यवाद दिया. (bbc.com/hindi)
अमेरिकी नौसेना ने कहा है कि पनडुब्बी टाइटन टाइटन के सतह से संपर्क टूटने के तुरंत बाद उसने "विस्फोट से जुड़ी आवाज़ में गड़बड़ी' का पता लगाया था.
बीबीसी के अमेरिकी पार्टनर सीबीएस ने ये जानकारी दी है.
अमेरिकी नौसेना ने ये जानकारी पनडुब्बी तलाशी अभियान में लगे यूएस कोस्ट गार्ड को दी थी. इसके आधार पर कोस्ट गार्ड ने तलाशी अभियान का दायरा सीमित कर लिया था ताकि पनडुब्बी की सही जगह का पता चल सके.
इससे पहले ख़बर आई थी कि पनडुब्बी को अंदर से जोर-जोर से ठोकने की आवाजें आ रही थीं. लेकिन बाद में पता चला कि ये आवाज़ वहां मौजूद दूसरे जहाजों से आ रही थी. टाइटन का मलबा मिलने के बाद तलाशी अभियान में लगे इस बात का पता करने की कोशिश करेंगे आख़िर टाइटन के साथ ये हादसा कैसे हुआ .
तलाशी अभियान के लोगों ने बताया कि इसमें भयानक विस्फोट हुआ था. विस्फोट की बात शायद इसलिए की जा रही है क्योंकि मलबा दो हिस्से में मिला था. एक इसके पिछले हिस्से का मलबा था और दूसरा लैंडिंग फ्रेम का. इससे ऐसी आशंका जताई जा रही है कि टाइटन दो हिस्सों में टूट गया था.
ब्रिटेन रॉयल नेवी के पूर्व सबमरीन कैप्टन रेयान रामसे का कहना है कि अब इस बात का पता लगाया जाएगा कि टाइटन के साथ क्या हुआ. क्या इस हादसे को रोका जा सकता था.
जांच दल अब टाइटन के सभी मलबे इकट्ठा करने को कोशिश करेगा ताकि असलियत का पता चल सके. (bbc.com/hindi)
अटलांटिक सागर में टाइटैनिक के मलबे को दिखाने गई पनडुब्बी टाइटन में सवार सभी पांच लोगों की मौत हो गई है.
अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने इसकी पुष्टि कर दी है. अमेरिकी कोस्ट गार्ड के रियर एडमिरल जॉन मॉगर ने बताया है कि पनडुब्बी के पांच हिस्से टाइटैनिक जहाज के मलबे के अगले हिस्से के 1600 फीट नीचे मिले हैं.
अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने पनडुब्बी में भारी विस्फोट की आवाज़ सुनी थी. टाइटन से संपर्क टूटने के बाद बचाव ऑपरेशन में लगे अमेरिकी कोस्ट गार्ड के लोगों को जबरदस्त विस्फोट सुनाई दिया.
टाइटन में सवार पांच लोगों में से पिता-पुत्र शहज़ादा और सुलेमान दाऊद के परिवार वालों ने उनके निधन पर शोक जाहिर किया है. हमिश हार्डिंग के परिवार वालों ने उन्हें याद किया है. पनडुब्बी में सवार टाइटेनिक का मलबा देखने निकले थे.
इसके बाद पिछले शनिवार से ये ही गायब हो गया था.
टाइटन की खोज के काम में जहाज़ों के अलावा आरओवी और विमानों के लगाया गया था. समुद्र के 10 हज़ार वर्गमील के इलाक़े में तलाशी का काम जारी था.
समुद्र में डूबे टाइटैनिक जहाज़ को देखने के लिए जा रही टाइटन पनडुब्बी के क्रू का समुद्र के ऊपर मौजूद उसके जहाज़ पोलर प्रिंस से संपर्क टूट गया था. रविवार को यह संपर्क एक घंटे 45 मिनट में ही टूट गया था.
टाइटैनिक का मलबा कनाडा के न्यूफ़ाउंडलैंड में सेंट जॉन्स के दक्षिण में 700 किलोमीटर दूर था. टाइटन की खोज के लिए अभियान को अमेरिका के बोस्टन से चलाया जा रहा है. (bbc.com/hindi)
अटलांटिक सागर में 1912 में डूबे टाइटैनिक जहाज़ के मलबे को दिखाने गई पनडुब्बी टाइटन में सवार सभी पांच लोगों की मौत हो गई है.
इस पनडुब्बी पर सवार पाँच यात्रियों में पाकिस्तानी मूल के अरबपति कारोबारी शहज़ादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद की मौत के बाद उनके परिवार ने कहा है कि वह पिता-पुत्र के प्रति दुनिया भर के लोगों की भावनाओं और समर्थन से अभिभूत हैं.
टाइटन में सवार पांच लोगों में से पिता-पुत्र शहज़ादा और सुलेमान दाऊद के परिवार वालों ने उनके निधन पर शोक जाहिर किया है.
शहजादा दाऊद की उम्र 48 साल थी, जबकि बेटे सुलेमान की उम्र 19 साल.
ब्रितानी अरबपति व्यवसायी हामिश हार्डिंग, फ़्रेंच एक्सप्लोरर पॉल आनरी नार्जेलेट और इस एडवेंचर ट्रिप का प्रबंधन करने वाली कंपनी के चीफ़ एग्ज़ीक्यूटिव स्टॉकटन रश भी इस टाइटन में सवार थे.
शहज़ादा दाऊद एक बड़े पाकिस्तानी कारोबारी परिवार के सदस्य थे. वो ब्रिटेन में प्रिंस ट्रस्ट चैरिटी के बोर्ड के सदस्य भी थे. उनके बेटे सुलेमान भी लापता पनडुब्बी पर सवार थे.
पाकिस्तानी आतंकवादी साजिद मीर पर प्रतिबंध का प्रस्ताव चीन ने यूएन सुरक्षा परिषद में रोक दिया. भारत ने इसकी तीखी आलोचना की है.
पढ़ें डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
मुंबई आतंकी हमलों के साजिशकर्ताओं में से एक लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर पर प्रतिबंध लगाने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में चीन ने रोक दिया. भारत ने चीन के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह दिखाता है कि छोटे-मोटे भू-राजनीतिक हितों के कारण आतंकवाद से लड़ने की ईमानदार राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है.
मंगलवार को भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति में एक प्रस्ताव पेश किया था. इसमें साजिद मीर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने और उस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी. इस प्रस्ताव को पिछले साल सितंबर में चीन ने यह कहते हुए लंबित करवा दिया था कि वह मामले पर और विचार करना चाहता है. मंगलवार को चीन ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने से इनकार कर दिया.
चीन की आलोचना में भारत के राजनयिक प्रकाश गुप्ता ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के ढांचे में कुछ बड़ी खामी है कि यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया. गुप्ता ने कहा, "जिन लोगों को पूरी दुनिया ने आतंकवादी मान लिया है और वैश्विक स्तर पर प्रतिबंधित किया है, अगर उन्हें भी छिटपुट भू-राजनीतिक हितों के कारण हम यूएन में बैन नहीं कर सकते, तब सच में यह हमारे अंदर आतंकवाद की चुनौती से लड़ने के लिए ईमानदार राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है.”
मोस्ट वॉन्टेड आतंकी
साजिद मीर पर 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों की साजिश रचने का आरोप है. उन सिलसिलेवार हमलों में 166 लोग मारे गए थे, जिनमें छह अमेरिकी और 20 अन्य विदेशी नागरिक शामिल थे. इनके अलावा 308 लोग घायल भी हुए थे. साजिद मीर पर अमेरिका ने 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया था, जबकि भारत में भी वह मोस्ट-वॉन्टेड की सूची में है.
जून 2022 में खबरें आई थीं कि मीर को पाकिस्तान में हिरासत में ले लिया गया है. हालांकि, उसे पाकिस्तान द्वारा फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की कोशिश के रूप में देखा गया था. FATF अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो आतंकवादी संगठनों को दी जाने वाली वित्तीय मदद पर नजर रखती है.
ऐसी खबरें भी थीं कि पाकिस्तान की एक आतंक-रोधी अदालत ने मीर को 15 साल की सजा सुनाई थी. लेकिन इस सजा के बारे में कोई विस्तृत जानकारी कभी सार्वजनिक नहीं की गई. बल्कि 2022 तक ऐसी भी खबरें आती रहीं कि मीर की मौत हो गयी है, लेकिन इसका सुबूत कभी सामने नहीं आया.
पिछले साल भारतीय अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से खबर छापी थी कि भारत को मीर की गिरफ्तारी की सूचना मीडिया में खबरें आने से दो महीने पहले ही दे दी गई थी. लेकिन तब भी भारत को निष्पक्ष सूत्रों से इस गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं मिल पाई थी.
कौन है साजिद मीर?
26/11 के आतंकवादी हमलों में साजिद मीर का नाम मुख्य साजिशकर्ता और भारत पहुंचे आतंकवादियों के हैंडलर के रूप में जाना जाता है. 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हमला शुरू होने के बाद से तीन दिन तक वह पाकिस्तान के एक कमरे में बैठकर हमलावर आतंकवादियों को दिशा-निर्देश दे रहा था.
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक मीर ने हमलावर आतंकवादियों से फोन पर बात भी की और उन्हें कदम दर कदम बताया कि आगे क्या करना है.
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक साजिद मीर को साजिद माजिद के नाम से भी जाना जाता है. उसका जन्म 1978 में हुआ था, लेकिन इसके बारे में अलग-अलग तरह की बातें सामने आती रही हैं. लाहौर में एक व्यापारी परिवार में जन्मे मीर ने 16 साल की उम्र में हाफिज सईद के संगठन लश्कर-ए-तैयबा की सदस्यता ली थी.
विवेक कुमार (रॉयटर्स)
पेरिस, 22 जून | मध्य पेरिस में एक बड़े विस्फोट में 37 लोग घायल हो गए हैं। इनमें से चार की हालत गंभीर है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह विस्फोट बुधवार को फ्रांस की राजधानी के रुए सेंट-जैक्स में एक स्कूल और कैथोलिक शिक्षा प्रणाली मुख्यालय वाली इमारत में हुआ। आपातकालीन कर्मचारी इमारत के मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं, कम से कम दो के लापता होने की सूचना है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, विस्फोट से पहले गैस की तेज गंध आ रही थी।
पेरिस के अभियोजक लॉर बेकुआउ ने घटनास्थल पर पहुंचने के बाद कहा कि कैमरा फुटेज की शुरुआती जांच से पता चलता है कि विस्फोट इमारत के भीतर हुआ था, जो वैल डे ग्रेस चर्च के बगल में थी।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने कहा है कि विस्फोट का कारण अभी तक पता नहीं चला है।
पेरिस पुलिस प्रमुख लॉरेंट नुनेज ने कहा कि इमारत आग की चपेट में आ गई थी, लेकिन इस पर काबू पा लिया गया।
इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और आंतरिक मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन घटनास्थल पर हैं।
जिस क्षेत्र में विस्फोट हुआ, वह पेरिस के लेफ्ट बैंक क्षेत्र में लैटिन क्वार्टर से दक्षिण की ओर है, जो पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है और अपनी छात्र आबादी के लिए जाना जाता है।
बुलेवार्ड सेंट-मिशेल पर इकोले डेस माइंस के एक छात्र ने ले पेरिसियन को बताया, मैं वैल डे ग्रेस के सामने था, मैंने एक बड़ा धमाका सुना और 20 या 30 मीटर ऊंची आग की लपटें देखी। इमारत एक विशाल विस्फोट के साथ ढह गई शोर। मुझे गैस की गंध आई, लेकिन होश में आने में कई मिनट लग गए।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी एंटोनी ब्रोचोट ने बीबीसी को बताया कि वह घर पर थे जब उन्होंने एक भयंकर विस्फोट सुना।
मैंने अपना सिर खिड़की से बाहर निकाला और े धुएं का एक बड़ा बादल देखा और जैसे ही मैं करीब गया, वहां एक इमारत ढह गई थी और वहां आग लगी थी। (आईएएनएस)|
लंदन, 22 जून | लंदन के एक प्राथमिक विद्यालय के पूर्व उप प्रधान शिक्षक ने भारत में छोटे बच्चों का ऑनलाइन यौन शोषण की बात स्वीकार कर ली है। उसने बच्चों की 120,000 से अधिक अश्लील तस्वीरों के लिए भुगतान करने की बात स्वीकार की है। राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) ने कहा कि ईस्ट डुलविच के 34 वर्षीय मैथ्यू स्मिथ पर मंगलवार को 13 साल से कम उम्र के बच्चे का यौन शोषण करने सहित पांच अपराधों में हिरासत में भेज दिया गया।
स्मिथ को 4 अगस्त को साउथवार्क क्राउन कोर्ट में सजा सुनाई जाएगी। उसे पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था। जांच के बाद पता चला कि वह डार्क वेब पर सामग्री साझा कर रहा था।
एनसीए के अनुसार, गिरफ्तारी के समय वह ऑनलाइन था, भारत में रहने वाले एक किशोर लड़के से बात कर रहा था और पैसे के बदले में उससे एक छोटे बच्चे की यौन तस्वीरें भेजने के लिए कह रहा था। उसके पास डार्क वेब साइट्स और फोरम भी खुले थे।
जांच में एनसीए को पता चला कि स्मिथ ने पांच साल में भारत में रहने वाल दो किशोरों छोटे बच्चों के ऑनलाइन यौनशोषण के लिए 65,398 जीबीपी का भुगतान किया था।
अधिकारियों ने आरोपी से बच्चों की 120,000 से अधिक अश्लील तस्वीरें बरामद कीं, जिन्हें स्मिथ ने लैपटॉप, एसडी कार्ड और अपने फोन पर रखा था।
क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ऑर्गेनाइज्ड चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज यूनिट में विशेषज्ञ अभियोजक क्लेयर ब्रिंटन ने कहा,स्मिथ के उपकरणों से बच्चों के यौन शोषण की हजारों तस्वीरें और वीडियो बरामद किए गए। स्मिथ ने अपनी यौन इच्छाओं को पूरा करने के लिए अश्लील तस्वीरों के लिए भुगतान भी किया।
स्मिथ उस समय नेपाल में रह रहा था और एक स्कूल में काम कर रहा था। इससे पहले, उसने 2007-2014 के बीच भारत में अनाथालयों और गैर सरकारी संगठनों के साथ काम किया था।
वह जुलाई 2022 में यूके वापस चला गया और सितंबर में लंदन के प्राथमिक विद्यालय में काम करना शुरू किया।
राष्ट्रीय अपराध एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी हेलेन डोर ने कहा, स्मिथ ने उस पर विश्वास करने वालों के साथ विश्वासघात किया।
चैट लॉग से पता चला कि स्मिथ नवयुवकों को लड़कों के साथ यौन क्रियाएं करने का निर्देश देता था और उसकी तस्वीरें व वीडियो मंगवाता था।
जांचकर्ताओं को भारत में काम करने के दौरान स्मिथ द्वारा बच्चों के साथ अपराध के सबूत भी मिले।
एनसीए के डोरे ने कहा,मैथ्यू स्मिथ एक उच्च जोखिम वाला व्यक्ति है और हम उसका पता लगाने, गिरफ्तार करने और रिमांड पर लेने के लिए तेजी से आगे बढ़े, ताकि वह अब बच्चों के लिए खतरा पैदा न कर सके।
स्मिथ को नवंबर 2022 में प्रारंभिक अपराधों के लिए दोषी ठहराया। इसके बाद स्कूल से उसकी सेवा समाप्त कर दी गई। (आईएएनएस)|
सीतापुर, 22 जून | गुम हुई बाइक की जांच के दौरान पुलिस उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक ऐसे दंपति तक पहुंच गई, जिन्होंने एक युवक के साथ रिश्ते को लेकर अपनी 18 वर्षीय बेटी की हत्या कर दी थी। पिछले सप्ताह संदना थाना क्षेत्र के अंतर्गत सहोली गांव में तालाब के पास एक अज्ञात लड़की का नग्न शव मिला था, जिसका गला कटा हुआ था। पुलिस लगभग तीन दिनों तक मृतका की पहचान सुनिश्चित करने में विफल रही, लेकिन पास के पकरनारायणपुर गांव के राम अवतार द्वारा लापता बाइक की शिकायत से उन्हें हत्या के मामले में सफलता मिली।
एएसपी (सीतापुर) एन.पी. सिंह ने कहा कि पुलिस को यह जानकारी मिलने के बाद संदेह हुआ कि राम अवतार से मोटरसाइकिल उधार लेने के बाद पंकज कुमार अपनी पत्नी, बेटी और दो बेटों के साथ चार दिनों से लापता है।
शिकायतकर्ता राम अवतार ने बताया कि उसी गांव के रहने वाले पंकज कुमार ने 16 जून को अपने ससुराल जाने के लिए उसकी बाइक ली थी और तब से वह लापता है।
जांच में मृत लड़की की पहचान पंकज की बेटी के रूप में होने की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस पास के बेगुरावा गांव में उसके ससुराल पहुंची और पंकज और उसकी पत्नी को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में दंपति ने बेटी की हत्या करने की बात कबूल कर ली।
अधिकारी ने बताया, दंपति ने कबूल किया कि वे अपनी बेटी से तंग आ चुके थे, जिसका दूसरी जाति के एक युवक के साथ संबंध था। परिवार दिल्ली में रहता था। दंपति एक सप्ताह पहले अपने पैतृक गांव सीतापुर गया था, लेकिन उनकी बेटी इस रिश्ते को खत्म करने पर सहमत नहीं हुई, तो उन्होंने उसे खत्म करने की योजना बनाई।''
योजना के अनुसार, 16 जून को पंकज अपने गांव से लोगों को यह कहकर निकला कि वह ससुराल जा रहा है। सहोली गांव के पास एक सुनसान जगह पर रुकने के बाद उसने अपनी पत्नी की मदद से बेटी का गला घोंटकर काट दिया। सदाना पुलिस स्टेशन के प्रभारी ओ.पी. तिवारी ने कहा, लड़की का गला काट दिया और शव को ठिकाने लगाने के बाद भाग गए। घटना के समय दंपति के दो नाबालिग बेटे भी मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि आरोपी ने लड़की के कपड़े उतार दिए, ताकि उसकी पहचान न हो सके।
उन्होंने कहा कि आरोपियों के पास से हत्या में इस्तेमाल कुल्हाड़ी और दुपट्टा भी बरामद कर लिया गया है। उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। (आईएएनएस)
यशवंत राज
वाशिंगटन, 22 जून | बाजरा, मोटा अनाज जिसे मिलेट्स के रूप में जाना जाता है, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन के गुरुवार को व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए जाने वाले भोज में मुख्य व्यंजन होगा।
व्हाइट हाउस के मेनू के अनुसार, पहले कोर्स में ग्रिल्ड कॉर्न कर्नेल सलाद और कंप्रेस्ड तरबूज के साथ मैरीनेट किया हुआ बाजरा शामिल होगा। रात्रिभोज को शेफ नीना कर्टिस ने तैयार किया है।
भारत सरकार के सुझाव पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को बाजरा वर्ष घोषित किया है। मोटा अनाज, जो एशिया और अफ्रीका में मुख्य रूप से उगाया जाता है, स्वास्थ्यवर्धक, पौष्टिक और सूखा-प्रतिरोधी है, ऐसे गुण जो इसे टिकाऊ खेती और खाद्य सुरक्षा के लिए एक बेहतरीन खाद्य पदार्थ बनाते हैं।
बाइडेन ने कहा, इस आधिकारिक राजकीय यात्रा के साथ हम दुनिया के सबसे पुराने और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को एक साथ ला रहे हैं। अमेरिका-भारत साझेदारी गहरी और व्यापक है। हम संयुक्त रूप से वैश्विक चुनौतियों से निपटते हैं। लेकिन हमारा रिश्ता केवल सरकारों तक था। अब हम उन परिवारों और दोस्ती का जश्न मना रहे हैं जो दुनिया भर में फैले उन लोगों के लिए है जो हमारे दोनों देशों में बंधन को महसूस करते हैं।
उन्होंने आगे कहा, जैसा कि आप में से कुछ लोग जानते होंगे, प्रधानमंत्री मोदी शाकाहारी हैं। इसलिए हमने शेफ नीना कर्टिस से एक शानदार शाकाहारी मेनू बनाने के लिए कहा है।
पहली बार जब मोदी ने सितंबर 2014 में व्हाइट हाउस में रात्रिभोज किया था, तो उन्होंने सिर्फ एक गिलास गर्म पानी पीया था। उस समय नवरात्र था और वह उपवास पर थे। तब राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रात्रिभोज का आयोजन किया था।
मैरिनेटेड बाजरा और ग्रिल्ड कॉर्न सलाद के साथ, मेहमानों को कंप्रेस्ड तरबूज और तीखी एवोकैडो सॉस परोसी जाएगी।
मेन कोर्स में पोटोर्बेलो मशरूम और केसर युक्त मलाईदार रिसोट्टो होगा।
बाइडेन ने संवाददाताओं से कहा, मेहमान गहरे हरे रंग में लिपटे साउथ लॉन के मंडप में जाएंगे और हर मेज पर केसरिया फूल होंगे।
रात्रिभोज में परोसी जाने वाली वाइन में पटेल रेड ब्लेंड 2019 शामिल है, जो राज पटेल के स्वामित्व वाली नापा वैली वाइनरी की वाइन है, जो गुजरात से अमेरिका आए थे। वाइनरी की वेबसाइट के अनुसार, यह वाइन 75 डॉलर प्रति बोतल पर बिकती है। परोसी जाने वाली अन्य वाइन में क्रिस्टी 2021 और डोमेन कानेर्रोस ब्रूट रोज होंगी।
एंटरटेनमेंट में पेन मसाला शामिल होगा, जो दुनिया का पहला दक्षिण एशियाई कैपेला ग्रुप है। वे पहले भी राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिए व्हाइट हाउस में प्रदर्शन कर चुके हैं।
कैपेला एक संगीत शैली है जिसमें एक गायक या समूह संगीत वाद्ययंत्रों की सहायता के बिना प्रदर्शन करता है। (आईएएनएस)
बीजिंग, 22 जून | चीन के यिनचुआन शहर में एक बारबेक्यू रेस्तरां में गैस टैंक के रिसाव के कारण हुए विस्फोट में कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। यह धमाका रात करीब 8.40 बजे हुआ। सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार रात को शहर के जि़ंगकिंग जिले में यह घटना हुई।
अधिकारियों के मुताबिक सात घायलों में से एक की हालत गंभीर बनी हुई है।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को घायलों के हर संभव बचाव और उपचार का निर्देश दिया।
शी ने दुर्घटना के कारणों का जल्द से जल्द पता लगाने और संबंधित लोगों को कानून के अनुसार जवाबदेह ठहराने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों को सभी प्रकार के जोखिमों और छिपे खतरों की जांच करनी चाहिए और उन्हें ठीक करना चाहिए।
शी के निर्देश के तहत, बचाव प्रयासों के लिए सरकार का एक कार्य समूह घटनास्थल पर भेजा गया है। (आईएएनएस)
यशवंत राज
वाशिंगटन, 22 जून | अमेरिका ने भारत में जीई के एफ 414ए जेट इंजन के संयुक्त उत्पादन को मंजूरी दे दी है। इससे दोनों देशों के बीच संबंधों को एक नई दिशा मिलेगी। यह बात व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आयोजित राजकीय रात्रि भोज की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से कही।
अधिकारी ने कहा, भारत 16 एमक्यू 9बी सशस्त्र सी गार्डियंस की खरीद की घोषणा करेगा, इससे लगभग सात वर्षों तक चली लंबी बातचीत समाप्त हो जाएगी।
राष्ट्रपति बाइडेन के निमंत्रण पर प्रधान मंत्री मोदी की अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा के विस्तृत परिणाम गुरुवार को दोनों नेताओं की बैठक के बाद ही उपलब्ध होंगे।
दोनों पक्षों द्वारा जारी किए जाने वाले एक संयुक्त बयान में सामान्यीकृत प्राथमिकता प्रणाली नामक योजना के तहत अमेरिका में भारतीय निर्यात के लिए तरजीही व्यापारिक लाभों की बहाली भी शामिल होने की संभावना है, जिसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन द्वारा 2018 निलंबित कर दिया गया था।
उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार सुबह बाइडेन की मोदी के साथ बैठक के बाद दोनों पक्ष कई संयुक्त पहलों और समझौतों की घोषणा करेंगे, इससे दोनों पक्षों के बीच सहयोग की एक नई भावना पैदा होगी। (आईएएनएस)
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा है कि दुनिया भर में मानवाधिकार रक्षकों को चुप कराया जा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने कहा है कि दुनिया के कई देशों में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और नागरिक समाज के सदस्यों को चुप कराया जा रहा है.
मानवाधिकार परिषद के सत्र को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने कहा कि हिंसक टकराव, जलवायु आपदाओं और विकास पथ पर मिली विफलताओं से जूझती दुनिया के लिए मानवाधिकारों के मुद्दे पर सहयोग अहम है, और मानवाधिकारों को राजनीति से ऊपर रखना होगा. उन्होंने कहा कि जो लोग समस्याओं और दबाव का सामना कर रहे हैं उनमें वे लोग भी शामिल हैं जो उनके कार्यालय की मदद करते हैं.
टर्क ने संयुक्त राष्ट्र सहायता समाज के महत्वपूर्ण सदस्यों के खिलाफ अलग-अलग देशों में हिंसक घटनाओं पर अपनी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से वे संगठन और व्यक्ति जो संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का समर्थन करते हैं, जांच के दायरे में हैं.
"लोग मर रहे हैं, सरकार सो रही है"
टर्क ने किसी देश का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि 47 सदस्यीय मानवाधिकार परिषद के कई सदस्य देश भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं. उन्होंने कहा "संयुक्त राष्ट्र के योगदानकर्ताओं के खिलाफ हमलों का सिविल स्पेस पर असाधारण प्रभाव हो सकता है."
हाल ही में माली ने सुरक्षा परिषद में अनुरोध किया कि देश में संयुक्त राष्ट्र शान्ति रक्षा मिशन को तत्काल वापिस बुला लिया जाए. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यूएन मिशन को माली से जाने में कितना वक्त लगेगा लेकिन वे अगर वहां से जाते हैं तो अल कायदा समर्थित इस्लामिक उग्रवादियों से लड़ने के लिए माली की सेना के पास वागनर के एक हजार सैनिकों के अलावा कोई मदद नहीं होगी. ये उग्रवादी देश में हजारों लोगों की जान ले चुके हैं और उत्तर व मध्य में बड़े हिस्से पर काबिज हैं.
मानवाधिकारों के उल्लंघन पर सतर्क रहता है यूएन
टर्क ने माली में अपने कार्यालय का कामकाज का जारी रखने का संकल्प जाहिर किया और कहा कि जब भी मानवाधिकार हनन के गंभीर मामलों को अंजाम दिया जाता है, तो यूएन कार्यालय द्वारा उनकी निगरानी की जाती है, तथ्यों को जुटाया जाता है और जानकारी प्रदान की जाती है.
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने भी ऐसी 13 रिपोर्टें जारी की हैं, जिनमें 77 देशों में मानवाधिकार रक्षकों के खिलाफ धमकाने और हिंसा के 700 से अधिक मामले सामने आए हैं.
पिछले साल ऐसी गतिविधियों में 42 देशों के शामिल होने की सूचना मिली थी. इस लिस्ट में रूस, चीन और बेलारूस भी शामिल थे, जबकि मानवाधिकार परिषद ने खुद बताया है कि ऐसे मामलों में 12 सदस्य देश शामिल हैं.
वोल्कर टर्क ने रूस से आग्रह किया है कि यूक्रेन पर मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त स्वतंत्र जांच आयोग के साथ सहयोग किया जाना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि मानवाधिकार की निगरानी करने वालों की रूस के नियंत्रण वाले यूक्रेनी इलाकों और रूस तक पहुंच की इजाजत दी जानी चाहिए. साथ ही, हिरासत में रखे गए आम लोगों, युद्धबंदियों, यूक्रेनी बच्चों और विकलांग लोगों तक भी जिन्हें इन इलाकों में लाया गया है.
एए/वीके (एएफपी)
चीन के उत्तर-पश्चिमी हिस्से के निंगशिया शहर में बुधवार रात एक बड़ा गैस धमाका हुआ है जिसमें अब तक कम से कम 31 लोगों के मारे जाने की ख़बर आ रही है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने चीनी सरकारी मीडिया एजेंसी शिन्हुआ न्यूज़ के हवाले से बताया है कि इस धमाके पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से प्रतिक्रिया आई है.
ये धमाका निंगशिया शहर में स्थित एक रेस्तरां में हुआ है. और इस धमाके की वजह एलपीजी गैस के टैंक में रिसाव होना बताई जा रही है. इस धमाके में सात लोग घायल हुए हैं जिनका इलाज किया जा रहा है.
चीनी स्टेट टेलीविज़न के मुताबिक़, शी जिनपिंग ने कहा है कि इस हादसे में घायल होने वालों की हर संभव मदद की जाए और अहम उद्योगों और सेक्टर्स में सुरक्षा से जुड़े इंतजामों को पुख़्ता किया जाना चाहिए.
चीन में इससे पहले भी गैस और कैमिकल धमाके की घटनाएं हुई हैं. साल 2015 में हुए सिलसिलेवार धमाकों में 173 लोगों की मौत हुई थी. (bbc.com/hindi)
दुनिया के सबसे चर्चित जहाज़ टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए गहरे समुद्र में ले जाने वाली पनडुब्बी में अब संभवत: दस घंटे से कम की ऑक्सीज़न बची है.
बीते रविवार लापता हुई इस पनडुब्बी की तलाश में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है.
लेकिन अब तक इसकी लोकेशन और इसमें सवार लोगों की स्थिति के बारे में कुछ पता नहीं चल सका है.
माना जा रहा है कि इस पनडुब्बी में अब सिर्फ़ 10 घंटे से कम की ऑक्सीज़न बची है. इस वजह से हर बीतते पल के साथ बचाव अभियान में लगे लोगों के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं.
कनाडा की मेमोरियल यूनिवर्सिटी से जुड़े हायपरबेरिक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ केन लेडेज़ ने बीबीसी को बताया है कि पनडुब्बी में सवार लोगों के लिए तेजी से ख़त्म होती ऑक्सीज़न ही एक मात्र संकट नहीं है.
इस बात की आशंका जताई जा रही हैं कि इस पनडुब्बी में बिजली जा सकती है. ये माना जा रहा है कि पनडुब्बी के अंदर बिजली से ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को नियंत्रित किया जाता है.
यही बात जोख़िम को बढ़ा रही है, क्योंकि जैसे जैसे ऑक्सीजन की मात्रा कम होती जाएगी, वैसे वैसे पनडुब्बी में सवार लोगों की ओर से हर सांस के साथ छोड़ी जाती कार्बन डाइ ऑक्साइड पनडुब्बी में पहले से मौजूद कार्बन डाइ ऑक्साइड की मात्रा बढ़ाती जाएगी.
और इससे उनकी ज़िंदगियों के लिए ख़तरा पैदा हो सकता है.
वह कहते हैं, “जैसे-जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जाएगी, वैसे वैसे यह एक नशीली गैस जैसी होती जाएगी, यह एक एनेस्थेटिक गैस की तरह काम करेगी और आप सो जाएंगे.”
किसी व्यक्ति के खून में इस गैस की अधिक मात्रा होने की स्थिति को हायपरकेप्निया बताया जाता है. ऐसे में अगर उनका इलाज़ न किया जाए तो उनकी मौत हो सकती है.
इसके साथ ही सर्दी ज़्यादा होने की वजह से पनडुब्बी में सवार लोगों पर हाइपोथर्मिया का शिकार होने का ख़तरा मंडरा रहा है.
इस पनडुब्बी में पाकिस्तानी अरबपति शहज़ादा दाऊद, उनके बेटे सुलेमान, ब्रितानी व्यवसायी हामिश हार्डिंग समेत पांच लोग सवार हैं. (bbc.com/hindi)