अंतरराष्ट्रीय
इस्लामाबाद, 27 मई | पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने पार्टी समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, इमरान खान, आपका खेल खत्म हो गया है। यह दावा मरियम और उनकी पार्टी के नेताओं द्वारा पहली बार नहीं किया गया, लेकिन इस बार, 9 मई के दंगों के बाद पीटीआई के वरिष्ठ नेतृत्व द्वारा बड़े पैमाने पर पलायन को ध्यान में रखते हुए किया गया। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि इमरान के खिलाफ ऐसा लगता है कि वह एक हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं।
9 मई के दंगों के बाद पहली बार एक युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए मरियम ने कहा, यह परिवर्तन (पीटीआई मंत्र तबदेली की ओर इशारा करते हुए), उसी खुले सीवर में डूब जाएगा, जिससे यह निकला था।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक खान पर 9 मई के दंगों का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाते हुए, मरियम ने कहा कि लोग इमरान और न्यायाधीशों को नहीं बख्शेंगे, उन्होंने मुख्य न्यायाधीश उमेर अता बांदियाल का जिक्र किया।
मरियम ने पीटीआई के कार्यकर्ताओं और नेताओं को डरपोक होने के लिए फटकार लगाते हुए कहा कि इमरान और उनकी पार्टी थोड़ी देर के लिए भी मुश्किलों का सामना नहीं कर सकती, जबकि उनके पिता नवाज शरीफ और उनकी पूरी पार्टी दुस्साहस के सामने खड़ी थी। पीएमएल-एन एसवीपी ने कहा, जिन्होंने नवाज शरीफ को कोड़े मारने की कोशिश की, उन्हें खुद कोड़ा मार दिया गया है।
मरियम ने कहा कि इमरान और उनके लोगों ने जिस तरह का काम किया है, कोई भी दुश्मन ऐसा करने की हिम्मत नहीं कर सकता। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही इमरान को गिरफ्तार किया गया, उनके लोगों ने पहले से ही नियोजित विरोध के साथ देश भर में सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करना शुरू कर दिया।
लाहौर में प्रदर्शनकारी लाहौर के मॉल की ओर क्यों नहीं मुड़े, जो कॉर्प्स कमांडर के आवास के ठीक सामने है? वे सीधे क्वेटा में छावनी के लिए, रावलपिंडी में लाल हवेली के बजाय जीएचक्यू की ओर और पेशावर में एफसी की ओर क्यों गए?
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया, उन्होंने मियांवाली में हमारे शौर्य और बहादुरी के प्रतीक विमान को क्यों जलाया? ये हमले पाकिस्तानी सेना पर थे। (आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 27 मई | अमेरिका की एक अदालत ने कंपनी के स्मार्ट स्पीकर पेटेंट का उल्लंघन करने के लिए गूगल को हाई-टेक ऑडियो टेक्नोलॉजी कंपनी सोनोस को 32.5 मिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया है। सैन फ्रांसिस्को जूरी ने मामले में पाया कि गूगल के स्मार्ट स्पीकर और मीडिया प्लेयर्स ने सोनोस के दो पेटेंटों में से एक का उल्लंघन किया है।
जूरी सदस्यों ने कहा कि बेचे गए 14 मिलियन से अधिक डिवाइस में से प्रत्येक के लिए गूगल 2.30 डॉलर का भुगतान करेगा।
पिछले साल जनवरी में एक फैसले में, यूएस इंटरनेशनल ट्रेड कमिशन (आईटीसी) ने कहा कि गूगल ने स्मार्ट स्पीकर से संबंधित हाई-टेक स्पीकर और ऑडियो टेक्नोलॉजी कंपनी सोनोस के पांच पेटेंट का उल्लंघन किया है।
एक अमेरिकी न्यायाधीश ने पिछले साल अगस्त में फैसला सुनाया था कि गूगल ने सोनोस पेटेंट का उल्लंघन किया है।
जनवरी 2020 में, सोनोस ने पहले तकनीकी दिग्गज गूगल पर उसके वायरलेस स्पीकर डिजाइन की कथित रूप से नकल करने के लिए मुकदमा दायर किया, आईटीसी से लैपटॉप, फोन और स्पीकर जैसे गूगल प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया।
सोनोस के सीईओ पैट्रिक स्पेंस ने यूएस हाउस एंटीट्रस्ट कमेटी के सामने गवाही दी कि गूगल ने कंपनी को अमेजन के एलेक्सा असिस्टेंट और गूगल असिस्टेंट दोनों को एक ही समय में सक्रिय होने से रोक दिया।
गूगल ने कहा था, हम अपने प्रोडक्ट्स को आयात करने या बेचने की हमारी क्षमता पर कोई प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं करते हैं।
सोनोस ने गूगस पर कुल 100 पेटेंट का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
गूगल ने हमेशा कहा है कि इसकी तकनीक स्वतंत्र रूप से विकसित की गई थी और इसे सोनोस से कॉपी नहीं किया गया था।
टेक दिग्गज ने सोनोस पर मुकदमा भी दायर किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि कंपनी ने स्मार्ट स्पीकर और वॉयस कंट्रोल टेक्नोलॉजी के पेटेंट का उल्लंघन किया है। (आईएएनएस)
एमनेस्टी समेत दो संस्थाओं ने मांग की है कि महिलाओं के खिलाफ तालिबान द्वारा लाए गए प्रतिबंधों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन माना जाना चाहिए और इसी आधार पर जांच होनी चाहिए.
यह मांग एमनेस्टी इंटरनेशनल और इंटरनेशनल कमीशन ऑफ जूरिस्ट्स की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट में की गई है. रिपोर्ट में अफगानिस्तान की महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों पर तालिबान द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बारे में विस्तार से बताया गया है.
अगस्त 2021 में सत्ता हथियाने के बाद तालिबान ने बड़े पैमाने पर महिलाओं के अधिकार सीमित किए हैं और उनका शासन निरंतर सत्तावादी बनता गया है. महिलाओं को शिक्षा और रोजगार से दूर कर दिया गया है और साथ ही उन्हें यात्रा करने और चिकित्सा हासिल करने पर भी प्रतिबंध लगा दिए गए हैं.
एमनेस्टी की महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने कहा, "ये सब अंतरराष्ट्रीय अपराध हैं. ये संगठित, विस्तृत, सुनियोजित हैं." दोनों संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत (आईसीसी) से अपील की है कि वह अफगानिस्तान के हालात पर चल रही अपनी जांच में "लैंगिक उत्पीड़न जैसे मानवता के खिलाफ अपराध" को भी जोड़ दे.
संयुक्त राष्ट्र से अपील
संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के आने वाले सत्र में "तालिबान द्वारा लैंगिक उत्पीड़न और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत दूसरे संभावित अपराधों" पर चर्चा करे.
कैलामार्ड ने कहा कि तालिबान के कदमों के प्रति अभी तक जितनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया हुई है उससे ज्यादा मजबूत प्रतिक्रिया होनी चाहिए. उन्होंने कहा, "सिर्फ एक ही नतीजा स्वीकार्य है: लैंगिक दमन और उत्पीड़न का यह तंत्र ध्वस्त होना चाहिए."
तालिबान ने अभी तक इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया नहीं दी है. इससे पहले तालिबान इस तरह की रिपोर्टों को पक्षपातपूर्ण और उसके खिलाफ प्रोपेगैंडा बताता रहा है.
अप्रैल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर तालिबान से मांग की थी वह अफगानिस्तान में "महिलाओं और लड़कियों की पूरी, बराबर, सार्थक और सुरक्षित भागीदारी" सुनिश्चित करे.
सीके/एनआर (डीपीए, एपी)
खुफिया सूचनाओं को साझा करने संबंधी नए समझौते के जरिए जर्मनी और दक्षिण कोरिया यूक्रेन में संघर्ष और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में तनाव के बीच अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना चाहते हैं.
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स दक्षिण कोरिया में महज कुछ घंटों के लिए रुके लेकिन उनकी यह यात्रा और वहां के राष्ट्रपति यून सुक-योल के साथ हुई बातचीत में कई समझौते हुए. इन समझौतों में सबसे अहम सैन्य खुफिया जानकारियों को साझा करने और दोनों देशों के रक्षा उद्योगों के लिए सप्लाई चेन को व्यवस्थित करने संबंधी समझौते हैं.
यह द्विपक्षीय सम्मेलन तब हुआ जब शॉल्त्स जापान के हिरोशिमा शहर में हुई जी7 देशों की बैठक से वापस लौट रहे थे. दोनों कूटनीतिक घटनाएं यूक्रेन में चल रहे सुरक्षा संकट और उत्तर पूर्व एशिया में बढ़ते तनाव पर केंद्रित थीं. और जब बात एशिया की होती है तो चीन एक बार फिर सबसे महत्वपूर्ण विषय था.
विश्लेषकों का कहना है कि शॉल्त्स और यून के बीच रक्षा सौदे हाल के दिनों में कई देशों के बीच हुए इस तरह के सौदों का एक उदाहरण है जिन्हें एक साथ लेने पर चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने की एक रणनीति मालूम पड़ती है.
इन समझौतों और गठबंधन के पीछे चीन की उन इकतरफा कार्रवाइयों को देखा जा सकता है जिनके तहत वो दक्षिणी चीन सागर के विवादित द्वीपों पर कब्जा करके उनका सैन्यीकरण कर रहा है, पूर्वी चीन सागर के द्वीपों के लेकर जापान के साथ उसका सीधा टकराव और हिमालय क्षेत्र में भारत के साथ उसका संघर्ष हो रहा है.
और हाल के कुछ वर्षों में जर्मनी भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपनी भूमिका को बढाने की कोशिश कर रहा है. 2021 में एक जर्मन युद्धपोत को इस इलाके में तैनात किया गया था और जर्मन नौसेना ने अन्य देशों की नौसेनाओं के साथ यहां कई बार अभ्यास किया है. साथ ही, हाल में लड़ाकू विमानों के युद्धाभ्यास में भी हिस्सा लिया है.
दक्षिण कोरिया-नाटो संबंध और भी मजबूत होंगे
शॉल्त्स और यून की मुलाकात सियोल में राष्ट्रपति कार्यालय में तब हुई जब जर्मन चांसलर कोरियाई प्रायद्वीप के असैन्य क्षेत्र में स्थित पनमुनजोम गांव की यात्रा करके लौटे थे. शॉल्त्स का कहना था कि कड़ी सुरक्षा वाली इस सीमा पर उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु हथियारों और लंबी दूरी की मिसाइलों का लगातार परीक्षण यह बताता है कि यह इलाका अभी भी ‘खतरनाक स्थिति में' हैं और उत्तर कोरिया ‘इस इलाके की शांति और सुरक्षा के लिए एक खतरा बना हुआ है.'
बाद की बातचीत में दोनों नेताओं ने मिलिट्री सीक्रेट्स को साझा करने, उनकी सुरक्षा करने और सैन्य आपूर्ति शृंखला को आसान बनाने की व्यवस्था संबंधी समझौते पर सहमति जताई.
ट्रॉय यूनिवर्सिटी के सियोल कैंपस में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर डैन पिंक्स्टन ‘बीजिंग में विस्तार नीतियों' को उन राष्ट्रों के बीच मजबूत सहयोग की वजह के रूप देखते हैं जिनका चीन से संबंध नहीं हैं.
सैन्य संबंधों में नजदीकी के मुद्दे पर डीडब्ल्यू से बातचीत में पिंक्स्टन कहते हैं, "मुझे पूरी उम्मीद है कि आगे अभी और ऐसा ही देखने को मिलेगा. यह स्वाभाविक है कि दक्षिण कोरिया की सेना नैटो या अन्य उन देशों की सेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास में हिस्सा लें जिनकी चिंताएं एक जैसी हैं. ये अभ्यास युद्ध सामग्री, हथियार प्रणाली और अन्य सैन्य घटकों की क्षमता को सुनिश्चित करने के लिए तो महत्वपूर्ण हैं ही, यह सुनिश्चित करने के लिए भी अहम हैं कि आपूर्ति श्रृंखला की गारंटी है.”
यूक्रेन युद्ध दक्षिण कोरिया के लिए ‘गहरा सदमा'
और जब जर्मन नौसेना और वायु सेना दक्षिण कोरिया सेना के साथ सैन्य अभ्यास कर रही हैं, दक्षिण कोरिया अपनी अत्याधुनिक हथियार प्रणाली यूरोप को निर्यात कर रहा है. पिछले साल, दक्षिण कोरिया ने पोलैंड के साथ करीब 16.2 अरब डॉलर का एक बड़ा रक्षा सौदा किया था. इस सौदे में करीब एक हजार के2 मुख्य युद्धक टैंक, 648 स्वचालित हॉवित्जर र 48 एफए050 लड़ाकू विमानों की बिक्री शामिल थी.
चूंकि पोलैंड नैटो का एक सदस्य है. इसका मतलब जर्मन सैनिक युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेंगे और ठीक उसी समय वो कोरियाई उपकरणों का मुकाबला भी करेंगे. पिंक्स्टन कहते हैं कि महत्वपूर्ण बात यह है कि जर्मनी को अपनी क्षमताओं के बारे में पता है.
भारत-प्रशांत क्षेत्र में हालांकि दक्षिण कोरिया उम्मीद कर रहा होगा कि एक अन्य यूरोपीय शक्ति का साथ उसके नजदीकी संबंध प्रतिद्वंद्वियों के प्रति उसकी क्षमता को बढ़ाएगा.
दक्षिण कोरिया के वरिष्ठ इंटेलीजेंस ऑफिसर और पूर्व डिप्लोमैट रा जोंग यिल कहते हैं, "यह स्पष्ट है कि कोरिया पश्चिमी देशों के साथ मजबूत और नजदीकी संबंध बनाना चाहता है और निश्चित तौर पर इसके पीछे यूक्रेन युद्ध के परिणाम हैं जो दक्षिण कोरिया के लिए गहरे सदमे की तरह हैं.”
वो कहते हैं, "दुनिया के इस हिस्से में निश्चित तौर पर चीन एक बड़ी चिंता है, लेकिन हमें उत्तर कोरिया और रूस पर भी कड़ी नजर रखनी होगी.”
चीन सहयोगियों का साथ देता है
जबकि दक्षिण कोरिया पश्चिमी देशों के साथ नजदीकी संबंध बना रहा है, चीन कूटनीतिक रणनीति बनाता दिख रहा है. रा कहते हैं, "हाल के महीनों में चीन मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया के कई देशों तक पहुंच बना रहा है और इन देशों के साथ वो अपने संबंधों को बेहतर करने की कोशिश में है. इस तरह से दोनों ही देश अपने नए सहयोगियों की तलाश में हैं और अपने हितों को मजबूत कर रहे हैं.”
हिरोशिमा में हुए जी7 सम्मेलन की तरह चीन ने पांच मध्य एशियाई देशों- कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के साथ शियान में खुद का एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया.
यही नहीं, हाल ही में मध्य पूर्व के देशों के बीच चीन ने शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभाई और सऊदी अरब और ईरान के बीच कई साल से चल रही दुश्मनी को खत्म कराने का श्रेय चीन को दिया जा रहा है. एशिया में पहले से ही अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिशों में लगे चीन से दक्षिण कोरिया का सावधान रहना स्वाभाविक है.
पिंक्स्टन कहते हैं, "उत्तर कोरिया चूंकि दक्षिण कोरिया की सीमा से लगा हुआ है इसलिए वो उसके लिए सबसे बड़ा और तात्कालिक खतरा है. लेकिन बड़ी तस्वीर यह है कि ताइवान स्ट्रेट, दक्षिणी चीन सागर, मानवाधिकार और ग्लोबल गवर्नेंस जैसे मुद्दे चीन से जुड़े हैं और निश्चित तौर पर आगे चलकर उसके लिए यही सबसे बड़ी चुनौती होगी.” (जूलियन रायल)
कंबोडिया में मगरमच्छों की देखभाल करने वाला एक शख़्स उनके बाड़े में फंस गया. लगभग 40 मगरमच्छों ने पलक झपकते ही उसके टुकड़े कर दिए.
स्थानीय पुलिस ने कहा 72 साल के लुआन नाम अंडे पर बैठे एक मगरमच्छ को उसकी जगह से हटाने के लिए उनके बाडे़ में उतरे थे.
लेकिन मगरमच्छों ने उस छड़ी को मुंह से पकड़ कर उन्हें अपने बाडे़ में खींच लिया जिससे वो उन्हें हटाने की कोशिश कर रहे थे. ठीक उसी समय लगभग 40 मगरमच्छों ने उस पर हमला कर दिया.
यह घटना शुक्रवार को सिम रीप शहर में हुई. मारे गए शख्स के पूरे शरीर में काटने के निशान थे. उसका एक हाथ भी गायब है. वो मगरमच्छ पालने वाले किसानों के संगठन के अध्यक्ष भी थे.
2019 में इसी फार्म में मगरमच्छों ने एक दो साल की बच्ची को मार डाला था. यह फार्म विश्व प्रसिद्ध अंकोरवाट मंदिर के सामने है.
दक्षिण एशियाई देशों में मगरमच्छों के अंडे, चमड़े और मांस का इस्तेमाल होता है. (bbc.com/hindi)
पूर्वी यूक्रेन के निप्रो शहर में एक अस्पताल पर मिसाइल हमले में दो लोगों की मौत हो गई और 23 घायल हो गए. स्थानीय गर्वनर ने बताया कि घायलों में से तीन की हालत गंभीर है.
गवर्नर शेरिल लाइस्का ने बताया कि घायलों में दो और छह साल के दो बच्चे भी हैं. हाल के हफ़्तों में यूक्रेन पर रूस के हमले में तेज़ी आई है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने क्षतिग्रस्त अस्पताल का एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें इमारत से धुआं उठता दिख रहा है.
उन्होंने कहा, ''रूस के आतंकवादियों ने एक बार फिर इस बात को साबित कर दिया कि वह मानवता के ख़िलाफ़ हैं.''
अब भी बचाव दल लापता दो लोगों की तलाश में जुटा है.
यूक्रेन का कहना है कि बीती रात से उन्होंने 17 रूसी मिसाइलें और 31 ड्रोन को मार गिराया है. वहीं, रूस के दक्षिणी शहर क्रास्नोदर में एक विस्फोट से एक रिहाइशी और एक दफ़्तर की इमारत को क्षति पहुंची है. यहां के गवर्नर वेनियामीन कोंद्रातेव ने बताया कि दो यूक्रेनी ड्रोन से ये विस्फ़ोट हुए. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री अब्दुल क़ादिर पटेल ने शुक्रवार को कहा कि इमरान ख़ान की मानसिक स्थिति सवालों के घेरे में है.
उन्होंने पूर्व पीएम पर आरोप लगाया कि उनके पेशाब के नमूने में शराब और कोकीन के सबूत मिले हैं. इसी बीच इमरान ख़ान की पार्टी ने कहा है कि वो मंत्री के ख़िलाफ़ मुकदमा करने की तैयारी कर रहे हैं.
उन्होंने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) प्रमुख ख़ान की मेडिकल रिपोर्ट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया.
नौ मई को अल-क़ादिर ट्रस्ट घोटाला मामले में ख़ान की गिरफ़्तारी हुई थी जिसके बाद उनके स्वास्थ्य जांच के लिए पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में नमूने लिए गए थे.
उन्होंने कहा कि पांच वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम कह रही है कि ख़ान की मानसिक स्थिति सवाल के घेरे में है.
उन्होंने कहा कि ख़ान की मेडिकल रिपोर्ट देश को दिखाया जाएगा क्योंकि ये एक सरकारी दस्तावेज है.
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार मेडिकल रिपोर्ट में लिखा है कि डॉक्टरों ने जब इमरान ख़ान से देर तक बात की तो उनका व्यवहार एक फ़िट व्यक्ति की तरह नहीं था.
पटेल ने यह भी आरोप लगाया कि ख़ान के पेशाब के नमूने की प्राथमिक जांच में यह पता चला है कि उसमें अल्कोहल और कोकीन के सबूत थे.
मंत्री ने यह भी दावा किया कि ख़ान की रिपोर्ट में उनके पैर में फ़्रैक्चर के कोई निशान नहीं हैं तो पांच-छह महीने तक वो प्लास्टर क्यों चढ़ाए रहे?
ख़ान पर पिछले साल तीन नवंबर को हमला हुआ था, उनके पैर में गोली लगी थी.
मंत्री ने कहा कि वह पाकिस्तान मेडिकल एंड डेंटल काउंसिल (पीएमडीसी) को पत्र लिखेंगे और पूछेंगे कि डॉक्टरों ने उनके पैर को फ्ऱैक्चर क्यों बताया.
पीटीआई ने इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस को शर्मनाक बताया है और क़ानूनी कार्रवाई करने की बात कही है. पार्टी ने कहा कि इमरान ख़ान ने यह कदम उठाने की मंजूरी भी दे दी है. (bbc.com/hindi)
जर्मनी आर्थिक मंदी की चपेट में हैं. इस साल के शुरुआती महीनों के दौरान यूरोप की इस सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंदी शुरू हो गई थी.
दरअसल देश में ऊंची महंगाई दरों की वजह से उपभोक्ता खर्च घट गया है.
जर्मनी में पहली तिमाही के दौरान जीडीपी में 0.3 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. पिछले साल की आख़िरी तिमाही में जीडीपी में 0.5 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.
लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी में नकारात्मक ग्रोथ के बाद अर्थव्यवस्था में औपचारिक तौर पर मंदी आ जाती है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ जर्मनी के वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनेर ने कहा, ''जर्मनी का जीडीपी डेटा आश्चर्यजनक रूप से नकारात्मक संकेत दे रहा है''.
उन्होंने कहा कि दूसरे विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं से तुलना करें तो लग रहा है कि जर्मनी ग्रोथ की अपनी संभावनाएं खो रहा है.
जर्मनी के आर्थिक मामलों के मंत्री रॉबर्ट हेबक ने कहा, "एनर्जी सप्लाई के लिए उनके देश का रूस पर निर्भर रहना उनके लिए नुक़सानदेह साबित हुआ है. इसने देश को मंदी की ओर धकेला है, लेकिन ग्रोथ की संभावनाएं पहले से धूमिल दिख रही थीं."
जर्मनी में घरेलू उपभोग तिमाही दर तिमाही 1.2 फ़ीसदी घटा है. सरकार ने भी पिछली तिमाही की तुलना में सार्वजनिक खर्च 4.9 फ़ीसदी कम कर दिया है.
आईएनजी ग्लोबल के विश्लेषक कार्सटन ब्रेज़स्की ने कहा, ''तुलनात्मक तौर पर कम सर्दी और चीन की इकोनॉमी के दोबारा खुलने और सप्लाई चेन के बेहतर होने से जर्मनी की अर्थव्यवस्था में जो रफ़्तार दिखी थी वो भी इसे मंदी से नहीं बचा पाई.'' (bbc.com/hindi)
कर्ज संकट पर पत्रकारों के सवाल जवाब देते अमेरिकी संसद के स्पीकर केविन मैकार्थीImage caption: कर्ज संकट पर पत्रकारों के सवाल जवाब देते अमेरिकी संसद के स्पीकर केविन मैकार्थी
अमेरिका में कर्ज संकट को सुलझाने की बातचीत किसी नतीजे की ओर बढ़ती नहीं दिख रही है.
दरअसल डेट सीलिंग को बढ़ाने के लिए रिपब्लिकन सांसदों और सरकार के बीच बातचीत गुरुवार को उस समय और मुश्किल में पड़ती दिखाई दी, जब ये सांसद सप्ताहांत की छुट्टियां बिताने वॉशिंगटन से बाहर चले गए.
डेट सीलिंग न बढ़ाने से अमेरिका के सामने अगले कुछ दिनों में डिफॉल्ट का ख़तरा है. इसके असर से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मच सकती है.
हालांकि सांसदों के वॉशिंगटन के बाहर जाने के बीच स्पीकर केविन मैकार्थी ने कहा कि उन्होंने बातचीत करने वाली टीम से कहा है वो इस संकट को टालने के लिए रात-दिन काम करें.
मैकार्थी ने कहा, "जो बाइडन की टीम से बातचीत में हर घंटा मायने रखता है क्योंकि दोनों टीम के बीच बजट पर सहमति की कोशिश हो रही है."
रिपब्लिकन खर्चों में ज्यादा कटौती की मांग कर रहे हैं लेकिन डेमोक्रेट्स इसका विरोध कर रहे हैं.
मैकार्थी ने पत्रकारों से कहा, "हम रात-दिन बातचीत कर रहे हैं. हम डेट सीलिंग संकट को टालने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं."
क्या है डेट सीलिंग?
डेट सीलिंग दरअसल वह अधिकतम रक़म है, जिसे अमेरिकी सरकार अपने ख़र्चे पूरे करने के लिए उधार ले सकती है, यह रक़म अमेरिकी कांग्रेस यानी संसद तय करती है.
ज़्यादातर जानकारों का मानना है कि अमेरिका का 'डेट सीलिंग' का संकट आर्थिक कम और राजनीतिक ज़्यादा है.
बीबीसी ने जितने विशेषज्ञों से बात की है उनमें से ज़्यादातर का यही मानना है कि अमेरिका डिफ़ॉल्टर नहीं होगा और मौजूदा गतिरोध का हल निकल आएगा.
क्योंकि मामले को नहीं सुलझाया गया, तो इसके नतीजे भयावह हो सकते हैं. (bbc.com/hindi)
इस्लामाबाद, 26 मई | पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी, जिन्होंने इस महीने की शुरूआत में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत की यात्रा की थी, ने कहा कि यात्रा काफी सकारात्मक और प्रोडक्टिव रही। गुरुवार को एक ब्रीफिंग में मंत्री ने कहा: जहां तक कश्मीर का सवाल है, यह पाकिस्तान और भारत के बीच द्विपक्षीय मुद्दा और बहुपक्षवाद की जिम्मेदारियों का मामला है। यात्रा के बाद मेरा निष्कर्ष यह है कि इस आयोजन में भाग लेना उत्पादक और सकारात्मक रहा है।
बिलावल ने 5 मई को गोवा में विदेश मंत्रियों की एससीओ परिषद की बैठक में भाग लिया था। दो दिवसीय कार्यक्रम की मेजबानी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की थी। भारत वर्तमान में एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है।
मंत्री ने ब्रीफिंग में कहा, हमने सोचा कि हमें पाकिस्तान के मामले और ²ष्टिकोण को न केवल भारतीय बल्कि अन्य प्रतिभागी देशों के सामने पेश करना चाहिए। सदस्य देशों के सभी विदेश मंत्रियों के साथ सकारात्मक बैठकें हुई।
बिलावल ने यह भी कहा कि पाकिस्तान 2026-2027 में एससीओ सम्मेलन की मेजबानी करेगा और उम्मीद है कि भारत भी बैठक में हिस्सा लेगा।
गोवा बैठक के दौरान, बिलावल और जयशंकर ने कार्यक्रम के इतर कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं की थी।
इससे पहले, 2011 में पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार शांति वार्ता के लिए भारत आई थीं।
शंघाई में 15 जून, 2001 को स्थापित, एससीओ में मूल रूप से रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल थे।
बाद में भारत और पाकिस्तान इसके सदस्य बने। (आईएएनएस)
दरअसल देश में ऊंची महंगाई दरों की वजह से उपभोक्ता खर्च घट गया है.
जर्मनी में पहली तिमाही के दौरान जीडीपी में 0.3 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. पिछले साल की आख़िरी तिमाही में जीडीपी में 0.5 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.
लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी में नकारात्मक ग्रोथ के बाद अर्थव्यवस्था में औपचारिक तौर पर मंदी आ जाती है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ जर्मनी के वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनेर ने कहा, ''जर्मनी का जीडीपी डेटा आश्चर्यजनक रूप से नकारात्मक संकेत दे रहा है''.
उन्होंने कहा कि दूसरे विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं से तुलना करें तो लग रहा है कि जर्मनी ग्रोथ की अपनी संभावनाएं खो रहा है.
जर्मनी के आर्थिक मामलों के मंत्री रॉबर्ट हेबक ने कहा, "एनर्जी सप्लाई के लिए उनके देश का रूस पर निर्भर रहना उनके लिए नुक़सानदेह साबित हुआ है. इसने देश को मंदी की ओर धकेला है, लेकिन ग्रोथ की संभावनाएं पहले से धूमिल दिख रही थीं." (bbc.com/hindi)
फोर्ट पियरे (अमेरिका), 26 मई। अमेरिका के दक्षिण डकोटा राज्य में एक घर में विस्फोट होने से एक शिशु और उसके दादा-दादी की मौत हो गयी तथा दो अन्य बच्चे झुलस गए हैं।
दक्षिण डकोटा स्टेट फायर मार्शल का कार्यालय घटना की जांच कर रहा है और विस्फोट के कारणों का पता लगा रहा है।
स्टेनली काउंटी के शेरिफ ब्रैड रथबन ने बताया कि बुधवार सुबह करीब 10 बजकर 20 मिनट पर फोर्ट पियरे से करीब 18 किलोमीटर दक्षिणपश्चिम में स्थित एक मकान में विस्फोट हुआ।
शेरिफ ने बताया कि छह माह के हार्पर हप और उसकी दादी लाडोना हप (61) की मौके पर ही मौत हो गयी,वहीं विलियम हप (66) की एक अस्पताल में मौत हो गयी।
इस हादसे में दो बच्चे पांच साल का माइल्स और तीन साल का रॉयसे गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें मिनेसोटा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हादसे के वक्त बच्चों के माता-पिता केलसी और ट्रेवर हप काम पर गए हुए थे।
रथबन ने बताया कि ग्रामीण इलाके में पड़ोसियों ने विस्फोट की आवाज सुनी और प्राधिकारियों को सूचना दी। उन्होंने विस्फोट के पीछे किसी साजिश की आशंका से इनकार किया है।
एपी गोला शोभना शोभना 2605 0820 फोर्टपियरे(अमेरिका) (एपी)
फ़्रांस ने कार्बन उत्सर्जन घटाने के मक़सद से कम दूरी की घरेलू उड़ानों को बैन कर दिया है.
दो साल पहले फ़्रांस के सांसदों ने इससे संबंधित प्रस्ताव पर वोट किया था. इस प्रस्ताव में प्रावधान था कि जो सफ़र ट्रेन से भी दो-ढाई घंटे में पूरा हो सकता है, वहाँ विमान सेवा बंद कर देनी चाहिए.
हालांकि, इस प्रतिबंध का कनेक्टिंग फ़्लाइट्स पर कोई असर नहीं होगा.
लेकिन आलोचक इसे सिर्फ़ 'प्रतीकात्मक रोक' बता रहे हैं.
एयरलाइंस फ़ॉर यूरोप के इंडस्ट्री ग्रुप हेड लॉरेंट डोंसील ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से कहा, "इन उड़ानों पर प्रतिबंध से कार्बन उत्सर्जन पर बहुत कम असर पड़ेगा."
उन्होंने कहा कि सरकारों को इसकी बजाय 'वास्तविक और ज़रूरी समाधानों' पर ज़ोर देना चाहिए.
कोरोना वायरस महामारी से दुनियाभर में एयरलाइन कंपनियां प्रभावित हुईं. फ़्लाइटरडार24 नाम की वेबसाइट के अनुसार, 2019 की तुलना में बीते साल उड़ानों की संख्या 42 फ़ीसदी घट गई.
फ़्रांस की सरकार से लगातार सख़्त नियम लागू करने की मांग हो रही थी.
इस मामले में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने साल 2019 में 'फ़्रांस सिटिज़न कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट' का गठन किया था. इसमें शामिल 150 सदस्यों ने ऐसी जगहों पर विमानों को बंद करने का सुझाव दिया था, जहाँ चार घंटे के अंदर ट्रेन से पहुंचा जा सकता है.
लेकिन कुछ क्षेत्रों और एयरलाइन कंपनियों की आपत्ति के बाद इसे घटाकर ढाई घंटे किया गया था. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के चेयरमेन और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपनी पार्टी के नेताओं के इस्तीफ़े पर कहा है कि उन्हें 'जबरन अलग' कराया है.
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, "आपने जबरन विवाह के बारे में सुना होगा, लेकिन तहरीक-ए-इंसाफ़ में एक नया करिश्मा लाया गया है, 'जबरन अलग कराने का'.
उन्होंने कहा, 'मैं हैरान हूं कि इस देश के मानवाधिकार संगठन कहां गायब हो गए हैं.''
ख़ान की पार्टी के दो प्रमुख नेताओं फ़ैयाज़ चौहान और शिरीन मज़ारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी छोड़ने का एलान किया.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ के पूर्व प्रांतीय मंत्री फ़ैयाज़ चौहान ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मैं इमरान खान का मीडिया सलाहकार था."
उन्होंने कहा कि नौ मई को सेना के ठिकानों पर जो हिंसा हुई, उसमें तहरीक-ए-इंसाफ का हाथ था. उनके मुताबिक इमरान ख़ान से पार्टी के किसी नेता ने किसी मीटिंग में नहीं कहा कि राजनीति शांति के साथ होनी चाहिए और इसमें हिंसा नहीं होनी चाहिए.
चौहान ने दावा किया कि फ़वाद चौधरी, शाहबाज गुल, आलिया हमजा, मुराद सईद, शिरीन मजारी जैसे लोगों ने इसके उलट सलाह दी.
पाकिस्तानी फ़ौज के ठिकानों पर हुए हमले का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा, "पाकिस्तान की 24 करोड़ आवाम की तरह उस दिन मैं भी दुखी था. फ़ौज़ के साथ मोहब्बत मेरे खानदान के ख़ून के अंदर रची बसी है."
उन्होंने कहा, " मेरे घर से चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया लेकिन इमरान खान को शिरीन मजारी की याद आई, सीनेटर नाज फलक की याद आई लेकिन फ़ैयाज़ चौहान की याद नहीं आई."
उनसे पहले पाकिस्तान की शिरीन मज़ारी ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वो नौ और 10 मई को हुई हिंसा की निंदा करती हैं.
उन्होंने कहा कि सेना के हेड क्वॉर्टर और सुप्रीम कोर्ट पर हमले निंदनीय हैं. इसके साथ ही उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूर होने का एलान किया.
उन्होंने कहा, "मेरे बच्चे, मेरी मां और मेरा स्वास्थ्य मेरी प्राथमिकता हैं."
वहीं पंजाब पुलिस ने पार्टी के वाइस चेयरमेन शाह महमूद कुरैशी को अडियाला जेल से रिहा होने के बाद फिर से गिरफ़्तार कर लिया.
स्थानीय पुलिस ने कहा है कि उनकी रिहाई से शांति को ख़तरा था. उन्हें रावलपिंडी की अडियाला जेल के बाहर से गिरफ़्तार किया गया.
मंगलवार सुबह इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने कुरैशी को रिहा करने का आदेश दिया था और उन्हें एक एफ़िडेविट में ये लिखकर जमा करने के लिए कहा था कि वो किसी भी ऐसी गतिविधि का हिस्सा नहीं बनेंगे. (bbc.com/hindi)
इस्लामाबाद, 23 मई | पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने समर्थकों को मंगलवार को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर भी शांति बनाए रखने की सलाह दी है। डॉन न्यूज ने खान के हवाले से कहा, मैं लोगों से शांतिपूर्ण रहने का आग्रह करता हूं, क्योंकि अगर आप हिंसक हो गए, तो उन्हें फिर से कार्रवाई का मौका मिलेगा। हमें हमेशा शांति से विरोध करना होगा। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष ने दावा किया कि उनकी गिरफ्तारी की संभावना अधिक है, हालांकि उन्होंने सभी मामलों में जमानत हासिल कर ली है।
उन्होंने दावा किया, मेरे पास आवश्यक सभी जमानतें हैं, लेकिन स्थिति ऐसी है कि वे मुझे फिर से गिरफ्तार कर सकते हैं।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री ने हालांकि कहा कि शांतिपूर्ण विरोध एक मौलिक अधिकार है और कोई भी लोगों को जनरल हेडक्वार्टर के बाहर भी अहिंसक प्रदर्शन आयोजित करने से नहीं रोक सकता।
उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी ने सरकार के साथ बातचीत शुरू करने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन उन्हें चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं है।
हमने बातचीत के लिए अपनी टीम बनाई, लेकिन उन्होंने हमारे नेताओं को सलाखों के पीछे डाल दिया। इसका मतलब यह है कि यह पूर्व नियोजित है ताकि बातचीत का फल न मिले।
पीटीआई अध्यक्ष ने दोहराया कि उनका सेना से कोई झगड़ा नहीं है। लेकिन मैंने सुना है कि दूसरी तरफ से मतभेद हैं, जाहिर है, उनके पास मेरे खिलाफ कुछ है। लेकिन मुझे नहीं पता कि वह क्या है, वे बेहतर जानते होंगे।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, खान के अनुसार, पंजाब की कार्यवाहक सरकार पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट और प्रतिष्ठान की प्रॉक्सी है।
जब मुझे मौका मिलेगा, मैं उनके और आईजी के खिलाफ मामले दर्ज करूंगा। वे जो चाहें कर सकते हैं, लेकिन उन्हें जेलों का हवाला देना होगा।
खान ने फासीवादी सरकार की भी आलोचना की और कहा कि पीडीएम सरकार की पीटीआई के खिलाफ चल रही कार्रवाई और पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों की गैरकानूनी हिरासत हिटलर की नीति की स्पष्ट प्रतिकृति थी, जिसने अपने राजनीतिक विरोधियों को कुचलने के बहाने आगजनी का इस्तेमाल किया। (आईएएनएस)
ब्राज़ील, 23 मई । ब्राज़ील में बर्ड फ्लू के कुछ मामलों के सामने आने के बाद छह महीने की एनिमल हेल्थ इमर्जेंसी लगा दी गई है.
देश के एस्पिरितो सैंटो राज्य में बर्ड फ्लू के सात मामले दर्ज किए गए हैं. रियो डी जिनारियो में एक मामला दर्ज किया गया है.
सरकार ने एच5एन1 वायरस को फैलने से रोकने के लिए हेल्थ इमर्जेंसी लगाई है. ये बेहद संक्रामक बीमारी है, इसलिए इसको फैलने से रोकने के लिए सरकार ने यह फ़ैसला किया है.
ब्राजील चिकन मीट का निर्यात करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है. हर साल वो 10 अरब डॉलर के चिकन मीट का निर्यात करता है.
बर्ड फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए पूरे देश में छह महीने की एनिमल हेल्थ इमर्जेंसी लगाई गई है.
अक्टूबर 2021 से पूरी दुनिया में बर्ड फ्लू के गंभीर मामले सामने आए हैं.
इससे बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत हुई है. कुछ स्तनधारी जीवों में भी संक्रमण के मामले देखे गए हैं.
क्या है एनिमल हेल्थ इमर्जेंसी
एनिमल हेल्थ इमर्जेंसी तब घोषित होती है, जब किसी देश के जानवरों या इसके सीमा के बाहर से आने वाले जानवरों में तेजी से संक्रामक बीमारी फैलती है.
इमर्जेंसी इसलिए लगाई जाती है ताकि ये बीमारी और ज़्यादा न फैले. इस दौरान इस रोकने के लिए पूरे एहतियात बरते जाते हैं.
कई बार मुर्गियों में बर्ड फ्लू के लक्षण पाए जाने के बाद उन्हें बड़ी तादाद में जला दिया जाता है.
मछलियों और चिड़ियाघरों के जानवरों में भी संक्रामक बीमारी फैलने से रोकने के लिए एनिमल हेल्थ इमर्जेंसी घोषित की जाती है. (bbc.com/hindi)
सैन फ्रांसिस्को, 23 मई चीनी शॉर्ट-वीडियो मेकिंग ऐप टिकटॉक ने मंगलवार को अमेरिकी राज्य मोंटाना पर मुकदमा दायर किया, जब मोंटाना के गवर्नर ग्रेग जियानफोर्ट ने पिछले सप्ताह राज्य में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया था। टिकटॉक ने अपनी शिकायत में कहा कि मोंटाना का प्रतिबंध उपयोगकर्ता द्वारा बनाई गई सामग्री को होस्ट करने और वितरित करने के लिए कंपनी के अधिकार को सीमित करके संविधान का उल्लंघन करता है।
कंपनी ने एक ट्वीट में कहा, हम मोंटाना के प्रतिबंध को चुनौती दे रहे हैं ताकि हमारे व्यापार और मोंटाना में हजारों टिकटॉक उपयोगकर्ताओं के अधिकारों की रक्षा की जा सके।
राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध की मांग के बीच टिकटॉक हाल के महीनों में अमेरिका में अत्यधिक दबाव का सामना कर रहा है।
पिछले हफ्ते जियानफोर्ट ने अमेरिकी राज्य में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक पर हस्ताक्षर किए।
इस लोकप्रिय लघु वीडियो ऐप पर प्रतिबंध लगाने वाला यह पहला अमेरिकी राज्य है।
जियानफोर्ट ने ट्वीट किया, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से मोंटानांस के व्यक्तिगत और निजी डेटा की रक्षा के लिए, मैंने मोंटाना में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया है।
बिल टिकटॉक को मोंटाना के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के भीतर संचालन से रोकता है और इसके लिए आवश्यक है कि इसके ऐप को मोंटाना मोबाइल ऐप स्टोर से हटा दिया जाए।
सिर्फ टिकटॉक ही नहीं, गवर्नर ने टेलीग्राम मैसेंजर, चीनी ऐप वीचैट, टेमू, कैपकट और लेमन8 पर भी प्रतिबंध लगा दिया।
मोंटाना की नई नीति 1 जून से लागू होगी। (आईएएनएस)
बैंकॉक, 23 मई। उत्तरी थाइलैंड में आंधी के कारण एक स्कूल की छत गिरने से सोमवार को चार बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
बैंकॉक से 300 किलोमीटर उत्तर में स्थित फिचित प्रांत के जन संपर्क कार्यालय के अनुसार, यह हादसा वाट नेर्न पोर प्राथमिक स्कूल में हुआ। सोमवार देर रात को अस्पताल में भर्ती छह साल के लड़के की मौत होने के बाद मृतकों की संख्या बढ़ गई।
आधिकारिक आपदा रोकथाम विभाग के एक फेसबुक पोस्ट के मुताबिक, बारिश से बचने के लिए कई छात्रों ने स्कूल परिसर के गतिविधि केंद्र में शरण ले रखी थी, तभी छत गिर गई, जिससे 18 लोग घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्रांतीय जनसंपर्क विभाग के स्टाफ सदस्य पतचरीन सिरी ने बताया कि हादसे में जान गंवाने वाले लोगों में चार छात्र, दो अभिभावक और स्कूल का एक सफाई कर्मी शामिल हैं।
मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तरी थाइलैंड में इस सप्ताह भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है।
एपी गोला पारुल पारुल 2305 1110 बैंकॉक (एपी)
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के अध्यक्ष इमरान ख़ान आज इस्लामाबाद में अल-कादिर ट्रस्ट की जांच के लिए एनएबी के सामने पेश होने वाले हैं. वो अपनी पत्नी बुशरा बीबी के साथ लाहौर से रवाना हो चुके हैं.
इमरान ख़ान को इस मामले में एक बार फिर से गिरफ़्तारी की आशंका है. इमरान ख़ान ने अपने समर्थकों से कहा है कि गिरफ़्तारी की हालत में वो शांति बनाए रखें.
बीबीसी संवाददाता तरब असगर के मुताबिक़, इमरान ख़ान के साथ पार्टी का कोई नेता या कार्यकर्ता नहीं है.
कल इमरान ख़ान ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि उन्हें डर है कि उन्हें और उनकी पत्नी को इस्लामाबाद में गिरफ़्तार कर लिया जाएगा.
इस बीच, इमरान ने पार्टी नेता शिरीन मजारी को अदियाला जेल के बाहर दोबारा गिरफ्तार किए जाने की निंदा की है.
उन्होंने एक ट्वीट कर कहा,''यह शासन नए निचले स्तरों की ओर बढ़ रहा है. उनका स्वास्थ्य खराब है और अदालत की ओर से ज़मानत दिए जाने के बावजूद उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया. ये उनके साहस को तोड़ने की कोशिश है.
उन्होंने लिखा,'' 'शिरीन मजारी नहीं टूटेंगी क्योंकि मैं अपने जीवन में जिनसे भी मिला हूं उनमें से वो सबसे ज्यादा बहादुर हैं.'' (bbc.com/hindi)
संयुक्त राष्ट्र,23 मई। सूडान के लिए संयुक्त राष्ट्र के राजदूत ने देश में हिंसा में लिप्त जनरलों को सात दिन के संघर्ष विराम का पालन करने की अपील की। यह संघर्ष विराम सोमवार रात से शुरू हो गया है।
सूडान के लिए संयुक्त राष्ट्र के राजदूत वोल्कर पर्थेस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि दोनों पक्ष छह बार संघर्ष विराम की घोषणा कर चुके हैं लेकिन इसके बावजूद 15 अप्रैल से शुरू हुए संघर्ष के कम होने के संकेत नहीं दिख रहे हैं।
पहले के किसी भी संघर्ष विराम का पालन नहीं हुआ है।
देश में पिछले माह से जनरल अब्देल फताह बुरहान नीत सूडानी सेना तथा मोहम्मद हमदान दगालो की रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच संघर्ष चल रहा है और इसे रोकने के लिए यह सातवीं बार संघर्ष विराम की घोषणा की गई है।
सोमवार रात को संघर्ष विराम के प्रभावी होने के कुछ घंटे पहले पर्थेस ने दोनों पक्षों से लड़ाई बंद करने की अपील की थी ताकि जरूरतमंदों को मानवीय मदद पहुंचाई जा सके और आम नागरिकों को संघर्ष क्षेत्र से निकाला जा सके।
गौरतलब है कि खार्तूम और पश्चिमी दारफुर क्षेत्र में हिंसा सर्वाधिक हुई है। इन स्थानों पर आरएसएफ की पकड़ मजबूत है।
पर्थेस ने कहा कि इन संघर्षों में 190 बच्चों सहित 700 से अधिक लोग मारे गए हैं, और 6000 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि हिंसक संघर्ष के कारण 10 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं और कई लापता हैं। (एपी)
इस्लामाबाद, 22 मई । पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने पाकिस्तान की मौजूदा सरकार की तुलना हिटलर से की है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से हिटलर ने अपने विरोधी कम्युनिस्टों को कुचलने के लिए आगजनी की घटना का इस्तेमाल किया था, वैसा ही कुछ पाकिस्तान में भी हो रहा है.
उन्होंने ट्विटर पर एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें लिखा है कि 27 फ़रवरी 1933 को जर्मन संसद की इमारत में आग लगी थी.
उन्होंने लिखा, '' नाज़ी नेतृत्व और उसके सहयोगियों ने इस घटना का इस्तेमाल अपने हित में करते हुए आरोप लगाया कि कम्युनिस्ट बड़ी हिंसक घटना को अंजाम देने की तैयारी में हैं. और फिर उन्होंने कहा कि इसे रोकने के लिए आपात कानून की जरूरत है. इस कानून का इस्तेमाल लोगों की संवैधानिक सुरक्षा को हटाने में किया जिससे नाज़ी तानाशाही के लिए रास्ता तैयार हो गया.''
पाकिस्तान में नौ मई को इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी के बाद उनके समर्थकों का गुस्सा फूट पड़ा था.
कई शहरों में उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए.
इन समर्थकों का गुस्सा ख़ास तौर से पाकिस्तानी सेना पर उतरा था. गुस्साई भीड़ ने लाहौर में कोर कमांडर के घर पर धावा बोल दिया था.
लाहौर के अलावा रावलपिंडी में सेना के जनरल हेडक्वॉर्टर में लोग घुस गए थे. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने रविवार को कहा था कि नौ मई देश के इतिहास में काला दिन है.
इस मामले को लेकर इमरान ख़ान के कई समर्थकों को गिरफ़्तार किया गया. (bbc.com/hindi)
निशि-तोक्यो (जापान), 22 मई इस साल के जी7 शिखर सम्मेलन का आयोजन स्थल हिरोशिमा दुनिया के उन चुनिंदा स्थानों में से एक है जो युद्ध की विभीषिका की याद दिलाते हैं।
हिरोशिमा शांति स्मारक पार्क में ‘ए-बॉम्ब डोम’ आसपास के इलाकों में बचे उन ढांचों में से एक है जो अगस्त 1945 में परमाणु बम हमले में ध्वस्त नहीं हो पाए थे लेकिन खंडहर बन गए थे। शहर के आसपास विस्फोट में बच गए पेड़ भी हैं और मंदिरों के पत्थरों तथा मूर्तियों पर जलने के निशान हैं जो यह दिखाते हैं कि हिरोशिमा शहर पर हुए परमाणु हमले के बाद विकिरण कितने बड़े पैमाने पर हुआ था।
इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने जी7 के 2023 के शिखर सम्मेलन के लिए हिरोशिमा को क्यों चुना। यह न केवल उनका चुनावी निर्वाचन क्षेत्र हैं और यहां उनकी पारिवारिक जड़ें हैं बल्कि वह परमाणु हथियार मुक्त विश्व के भी पैरोकार हैं।
ऐसी उम्मीद थी कि यह बैठक वैश्विक स्तर पर परमाणु निरस्त्रीकरण के इस अंतिम लक्ष्य की दिशा में आगे की कार्रवाई को प्रेरित कर सकती है।
यूक्रेन ने प्राथमिकता बताई :
हालांकि, शिखर सम्मेलन से जारी अंतिम संवाद में परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए ‘‘हिरोशिमा विज़न’’ की ओर कोई स्पष्ट प्रतिबद्धता नहीं जतायी गयी लेकिन रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन के लिए लगातार वैश्विक समर्थन ने इस मुद्दे को पीछे भी धकेल दिया।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की अंतिम क्षण में तय हुई यात्रा ने युद्ध में महत्वपूर्ण वक्त में इस शिखर सम्मेलन पर कदम उठाने का दबाव बढ़ा दिया।
बंद दरवाजों के भीतर हुई जी7 समूह की बैठकों के बाद उसके नेताओं ने शुक्रवार शाम यूक्रेन पर छह पृष्ठों के एक बयान में सख्त लहजे में कहा, ‘‘यूक्रेन के लिए हमारा समर्थन कम नहीं होगा। हम यूक्रेन के खिलाफ रूस के अवैध, अनुचित और अकारण युद्ध के विरोध में एक साथ खड़े होने का संकल्प लेते हैं। रूस ने इस युद्ध की शुरुआत की थी और वह इस युद्ध को समाप्त भी कर सकता है।’’
जेलेंस्की की यात्रा ने भारत, ब्राजील, इंडोनेशिया तथा ग्लोबल साउथ के अन्य देशों को यूक्रेन के राष्ट्रपति से उनका पक्ष सुनने के लिए उनसे मुलाकात का एक मौका दिया। इन देशों ने अभी तक रूस के आक्रमण की कड़े शब्दों में निंदा नहीं की है।
उदाहरण के लिए, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युद्ध शुरू होने के बाद जेलेंस्की के साथ आमने-सामने की पहली बैठक में उचित तरीके से सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि वह युद्ध को ‘‘महज अर्थव्यवस्था या राजनीति का मुद्दा नहीं मानते बल्कि उनके लिए यह मानवता का मुद्दा है।’’
ग्लोबल साउथ की बड़ी भूमिका :
बहरहाल, किशिदा के पास हिरोशिमा के लिए अन्य लक्ष्य थे। यहां तक कि उन्होंने इस शिखर सम्मेलन के लिए अपने दृष्टिकोण पर बात करने के लिए इस साल विदेश की कई यात्राएं की थी और विकासशील देशों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से सहयोग मांगा था। यह वैश्विक आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के उनके वृहद लक्ष्यों का हिस्सा है।
जापान का हित आंशिक रूप से अफ्रीका तथा ग्लोबल साउथ के अन्य हिस्सों में चीन तथा रूस के निवेश और प्रभाव से निपटने में हैं। जी7 नेताओं का अंतिम संवाद यह दर्शाता है जिसमें अफ्रीका की सुरक्षा पर काफी ध्यान दिया गया है और रूस की निजी सैन्य कंपनी वैगनर का खास जिक्र किया गया है।
हम बदलाव की कितनी उम्मीद कर सकते हैं?
जब जापान ने 2016 में जी7 की मेजबानी की थी तो उस वक्त विदेश मंत्री रहे किशिदा ने अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को हिरोशिमा की संक्षिप्त यात्रा करने के लिए मना लिया था जो किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की पहली यात्रा थी। हालांकि, उस यात्रा का प्रतीकवाद और उम्मीद जल्द ही समाप्त हो गयी और केवल शांति संग्रहालय में कई अन्य प्रदर्शनी की तरह ओबामा के शब्द बचे रह गए।
किशिदा की निश्चित तौर पर इस सम्मेलन से परमाणु निरस्त्रीकरण के मुद्दे को बल मिलने की उम्मीद रही होगी। रविवार को अपने संवाददाता सम्मेलन में किशिदा ने हिरोशिमा में विश्व नेताओं को एकत्रित करने की अपनी वजहें भी दोहरायी और शांति पर विचार करने की महत्ता पर जोर दिया।
इस शिखर सम्मेलन को सबसे ज्यादा जेलेंस्की की यात्रा तथा रूस को दिए संदेश के लिए याद रखे जाने की संभावना है। लेकिन नेताओं के अपने-अपने देश लौटने के साथ ही युद्ध जारी रहेगा और उनके पास केवल बची हुई साधारण बातें हैं जो 2024 में अगले जी7 शिखर सम्मेलन तक चलेंगी।
हिरोशिमा में 1945 के परमाणु बम हमले में जीवित बचे हिबाकुशा लोगों के लिए यह परमाणु हथियारों को खत्म करने के लिए जोर देने का आखिरी प्रमुख अवसर हो सकता था। हालांकि सकारात्मक उम्मीद अभी भी बाकी है। (द कन्वरसेशन)
बीजिंग, 22 मई | अमेरिका के खिलाफ जैसे को तैसा कदम उठाते हुए चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों का हवाला देते हुए देश में अमेरिका स्थित माइक्रोन टेक्नोलॉजी के चिप्स की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी। साउथ चाइना मॉनिर्ंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चीन सरकार ने कहा कि देश की प्रमुख सूचना अवसंरचना को बिक्री के लिए माइक्रो उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा, क्योंकि अमेरिका चीन स्थित तकनीकी कंपनियों पर नियंत्रण कड़ा करना जारी रखे हुए है।
अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने प्रतिबंध का जवाब देते हुए कहा, यह उन प्रतिबंधों का दृढ़ता से विरोध करता है, जिनका वास्तव में कोई आधार नहीं है।
विभाग ने एक बयान में कहा, हम अपनी स्थिति का विस्तार करने और उनकी कार्रवाई को स्पष्ट करने के लिए पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) के अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे।
अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने कहा, हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख सहयोगियों और साझेदारों के साथ भी जुड़ेंगे कि हम चीन की कार्रवाइयों के कारण मेमोरी चिप बाजार की विकृतियों को दूर करने के लिए निकटता से समन्वयित हैं।
चीनी अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर माइक्रोन के उत्पादों की जांच शुरू करने के बाद यह फैसला आया।
माइक्रोन ने एक बयान में कहा कि वह चीनी अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श जारी रखने के लिए उत्सुक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि माइक्रोन के खिलाफ चीन के कदम को अमेरिकी चिप कंपनी के खिलाफ प्रतिशोध के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि उसने उन्नत चिप प्रौद्योगिकियों तक चीन की पहुंच को प्रतिबंधित करने के उपाय करने के लिए वाशिंगटन की पैरवी की थी।
पिछले साल अक्टूबर में, जो बाइडेन प्रशासन ने चीन को उन्नत अमेरिकी अर्धचालक प्रौद्योगिकियों के निर्यात को कड़ा कर दिया, इसमें चिप बनाने के उपकरण और डिजाइन सॉफ्टवेयर शामिल थे।
हाल की रिपोटरें में दावा किया गया है कि जो बाइडेन प्रशासन चीन में अमेरिकी कंपनियों के निवेश पर नए प्रतिबंधों की घोषणा करने वाला है।
जेफरीज के विख्यात विश्लेषक क्रिस्टोफर वुड के अनुसार, बात यह है कि बइडेन का लक्ष्य आने वाले हफ्तों में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करना है, जो अमेरिकी व्यवसायों द्वारा चीन में निवेश को सीमित करेगा। कार्यकारी आदेश कथित तौर पर सेमीकंडक्टर्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिंग को कवर करेगा।
माइक्रोन ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह अगले कुछ वर्षों में जापान में 500 बिलियन येन (3.6 बिलियन डॉलर) तक का निवेश करेगी। (आईएएनएस)
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदोमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि बख़मूत पर रूस के कब्जे का दावा बिल्कुल गलत है.
रूस की ओर से यूक्रेन में लड़ रही प्राइवेट आर्मी वागनर ने दावा किया था कि उसने यूक्रेनी शहर बख़मूत पर कब्जा कर लिया है.
जापान में जी-7 देशों के सम्मेलन के आखिरी दिन ज़ेलेंस्की ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बख़मूत में चल रही लड़ाई का ब्योरा देने से तो इनकार कर दिया लेकिन कहा कि आज की तारीख में रूस का बख़मूत पर कब्जा नहीं है.
रूस की प्राइवेट आर्मी वागनर का कहना है कि उसने यूक्रेनी शहर बख़मूत पर कब्जा कर लिया है. राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने उनकी इस कथित जीत पर उन्हें बधाई भी दी है, लेकिन यूक्रेन ने इन दावों का जोरदार खंडन किया है.
शनिवार को यूक्रेन के उप रक्षा मंत्री ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा था कि वागनर के दावों में कोई दम नहीं है लेकिन उन्होंने माना कि शहर में हालात काफी चिंताजनक है.
बख़मूत में पिछले साल अगस्त से ही भीषण लड़ाई चल रही है. इसे यूक्रेन-रूस जंग की सबसे खूनी लड़ाई कहा जा रहा है.
बख़मूत में यूक्रेनी सेना, रूसी सेना और प्राइवेट आर्मी वागनर का कड़ा मुकाबला कर रही है.
इस वजह से लड़ाई इतने लंबे समय तक खिंचती आ रही है.
रूसी प्राइवेट आर्मी वागनर के संस्थापक येवेगेनी प्रिगोज़िन ने सोशल मीडिया पर अपने कुछ लड़ाकों के साथ खींची गई तस्वीरों को शेयर करते हुए दावा किया था बख़मूत पर उनका कब्जा हो गया है.
वागनर ग्रुप बख़मूत शहर पर हमले का नेतृत्व कर रहा है. उन्हें रूसी फाइटर प्लेन की मदद मिल रही है.
इस लड़ाई में रूस के सैनिक बड़ी तादाद में मारे गए और इसे उसके लिए अच्छा रणनीतिक कदम नहीं माना जा रहा है. (bbc.com/hindi)
इसराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन गवीर के यरुशलम स्थित अल अक़्सा मस्जिद दौरे के बाद विवाद फिर भड़क गया है.
इसराइली मंत्री रविवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अल अक्सा मस्जिद परिसर पहुंचे थे. इससे तीन दिन पहले ही इसराइली मंत्री ने यरुशलम में हजारों यहूदी समर्थकों के साथ जुलूस निकाला था.
ये जुलूस ऐसे वक़्त निकाला गया जब गज़ा पट्टी में संघर्ष विराम को एक सप्ताह से ज्यादा नहीं हुआ है.
इस साल जनवरी में भी इसराइली मंत्री ने यरुशलम का दौरा किया था.
मंत्री ने अल अक्सा मस्ज़िद का दौरा करने के बाद टेलीग्राम पर तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ''यरुशलम हमारी आत्मा है. हमास की धमकी हमें रोक नहीं पाएगी. मैं आज टेंपल माउंट तक चला आया.'' हमास ने गवीर के इस दौरे का विरोध किया है.
इसके जवाब में हमास ने लिखा, ''इसराइल अपने मंत्री और यहां जबरदस्ती बसे झुंडों की इस बर्बर घुसपैठ का ज़िम्मेदार होगा.''
सऊदी अरब और जॉर्डन का विरोध
सऊदी अरब और जॉर्डन ने इसराइली मंत्री के इस क़दम का विरोध किया है.
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, ''इसराइल का ये क़दम अंतरराष्ट्रीय नियम-कानूनों को तोड़ने वाला है''.
सऊदी अरब को कहना है कि ये दुनिया भर के मुस्लिमों की भावनाओं को भड़काने वाला कदम है. उसने यरुशलम में लगातार हिंसा के लिए इसराइल को दोषी ठहराया है.
जॉर्डन ने भी इसे भड़काने वाला कदम बताया है. उसने कहा है कि इसराइल के ये कदम खतरनाक है. इसे किसी भी हालत मंजूर नहीं किया जा सकता.
क्या है विवाद?
अल-अक्सा मस्जिद इस्लामी दुनिया की तीसरी सबसे पवित्र जगह है. इसका प्रशासन जॉर्डन के हाथ में हैं. गैर मुस्लिमों को यहां प्रवेश की इजाजत है लेकिन वे यहां प्रार्थना नहीं कर सकते.
यह परिसर यहूदियों के लिए भी सबसे पवित्र जगह है. वो पश्चिमी दीवार के नीचे प्रार्थना करते हैं. ये विवाद 100 साल पुराना है.
यहूदियों के लिए 'टेंपल माउंट' और मुसलमानों के लिए 'अल-हराम अल शरीफ़' के नाम से मशहूर पावन स्थल में 'अल-अक़्सा मस्जिद' और 'डोम ऑफ़ द रॉक' शामिल है.
'डोम ऑफ़ द रॉक' को यहूदी धर्म में सबसे पवित्र स्थल का दर्जा दिया गया है. पैग़ंबर मोहम्मद से जुड़े होने के कारण 'डोम ऑफ़ द रॉक' को मुसलमान भी पावन स्थल मानते हैं.
इस धार्मिक स्थल पर ग़ैर-मुसलमानों की प्रार्थना पर पाबंदी लगी हुई है. इस परिसर का प्रबंधन जॉर्डन के वक्फ़ द्वारा किया गया जाता है, जबकि सुरक्षा इंतज़ामों पर इसराइल का नियंत्रण है. (bbc.com/hindi)