अंतरराष्ट्रीय
मंगलवार की दोपहर को हुई इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी के बाद से पाकिस्तान में जगह-जगह हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. लोग आगज़नी कर रहे हैं.
रातोंरात इमरान ख़ान को इस्लामाबाद स्थित पुलिस लाइन के मुख्यालय में ट्रांसफ़र कर दिया गया. मुख्यालय को सब-जेल में बदल दिया गया है. नैब की कोर्ट सुनवाई भी गेस्ट हाउस में करेगी.
इस मामले में अब अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन जेन-पियरे ने कहा है किअमेरिका को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ़्तारी की जानकारी है.
9 मई को हुई प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल पर उन्होंने कहा, “हमने पहले भी कहा है कि अमेरिका किसी भी राजनीतिक उम्मीदवार या पार्टी का समर्थन नहीं करता है. हम दुनिया भर में लोकतांत्रिक सिद्धांतों और क़ानून के शासन के सम्मान की मांग करते हैं.”
बुधवार को नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो यानी नैब की अदालत गेस्ट हाउस में ही भारी सुरक्षा के बीच लगाई जाएगी. यहीं पर इमरान ख़ान को पेश किया जाएगा. माना जा रहा है कि नैब इमरान ख़ान की 14 दिन की हिरासत मांग सकता है.
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने देर रात इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी को वैध क़रार दिया. तहरीक-ए-इंसाफ के नेता फ़वाद चौधरी ने हाईकोर्ट के फ़ैसले को हैरान करने वाला बताया है और कहा कि इस फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ़ के प्रमुख इमरान ख़ान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से हिरासत में लिया गया है.
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ़ के अधिवक्ता फ़ैसल चौधरी ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है.
वहीं पाकिस्तान तहरीके इंसाफ़ के उपाध्यक्ष फ़वाद चौधरी ने ट्वीट करके कहा है कि "इस्लामाबाद हाई कोर्ट पर रेंजरों ने क़ब्जा कर लिया है, वकीलों पर हमले का निशाना बनाया जा रहा है, इमरान ख़ान की गाड़ी के इर्द-गिर्द घेरा डाल लिया गया है.
वहीं पीटीआई से जुड़े अज़हर माशवानी ने आरोप लगाया है कि इमरान ख़ान को अदालत के भीतर से 'अग़वा' कर लिया गया है.
पीटीआई ने अपने कार्यकर्ताओं से प्रदर्शन करने का आह्वान भी किया है.
एक वीडियो मैसेज में पीटीआई नेता मसर्रत चीमा ने कहा है, "वो ख़ान साहब के ऊपर हिंसा कर रहे हैं, ख़ान साहब को मार रहे हैं. हमें नहीं पता कि उन्होंने ख़ान साहब के साथ क्या किया है."
बीबीसी संवाददाता शुमाइला जाफ़री के मुताबिक इस्लामाबाद पुलिस ने बताया है कि इमरान ख़ान को अल क़ादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ़्तार किया गया है.
वहीं इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी पर नैब ने बयान जारी करते हुए बताया है कि उन्हें नैब आर्डिनेंस और क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया है.
नैब ने अपने बयान में कहा है, "नैब हेडक्वार्टर रावलपिंडी ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को अल क़ादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट में कदाचार करने के जुर्म में हिरासत में लिया है."
बयान के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को नैब ने नोटिस दिया था जिसका संतोषजनक जवाब इमरान ख़ान ने नहीं दिया.
पाकिस्तान में नैब भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करती है. पाकिस्तान की मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक़ हिरासत में लिए जाने के बाद इमरान ख़ान को नैब के दफ़्तर भेजा गया है.
अदालत के बाहर भारी पुलिस बल भी तैनात किए गए हैं. भारी तादाद में इमरान ख़ान के समर्थक अदालत के बाहर इकट्ठा हो रहे हैं. इस्लामाबाद पुलिस के मुताबिक धारा 144 लागू है और हालात सामान्य हैं.
इमरान ख़ान किसी और मामले में ज़मानत हासिल करने के लिए अदालत के समक्ष पेश हुए थे लेकिन उन्हों किसी और मामले में गिरफ़्तार कर लिया गया.
रिपोर्टों के मुताबिक इमरान ख़ान के अदालत पहुंचने से पहले ही नैब की टीम वहां मौजूद थी.
हाई कोर्ट ने पुलिस को किया तलब
इमरान खान को हिरासत में लिए जाने के बाद इस्लामाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक़ ने पाकिस्तान के आंतरिक सचिव, आईजी इस्लामाबाद और अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है.
बीबीसी संवाददाता शहजाद मलिक के मुताबिक़, इस्लामाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि घटना में तोड़फोड़ की गई है, जो भी जिम्मेदार होगा उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.
वकीलों ने दलील दी कि इमरान ख़ान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जिस पर न्यायमूर्ति आमिर फारूक़ ने टिप्पणी की कि पहले यह निर्धारित किया जाना चाहिए कि उन्हें किस मामले में हिरासत में लिया गया है. इस बीच रेंजर्स ने कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था अपने नियंत्रण में ले ली है.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अल क़ादिर यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट के लिए 26 दिसंबर 2019 को अल क़ादिर ट्रस्ट पंजीकृत कराया था. इस ट्रस्ट के दो ही ट्रस्टी हैं. एक इमरान ख़ान और दूसरी उनकी पत्नी बुशरा बीबी.
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट यानी पीडीएम के सत्ता में आने के बाद बीते साल जून में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी के ख़िलाफ़ आरोप लगाया गया था कि उन्होंने एक रियल एस्टेट कंपनी से 50 अरब रुपये की काले से सफ़ेद बनाकर लाई गई रकम को क़ानूनी हैसियत दी और इसके बदले में अपने ट्रस्ट के लिए अरबों रुपये की ज़मीन दान में हासिल की.
पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने आरोप लगाया था कि इमरान के कार्यकाल में ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी ने मनी लांडरिंग की एक जांच के बाद प्रॉपर्टी टाइकून मलिक रियाज़ की रक़म को वापस किया था. इमरान ख़ान ने इस रक़म को 3 दिसंबर 2019 को कैबिनेट की बैठक के बाद प्रॉपर्टी टाइकून को ब्रिटेन से आया पैसा वापस करने की मंज़ूरी दे दी.
इस बारे में सरकार की तरफ़ से ये आरोप भी लगाया गया था कि प्रापर्टी टाइकून ने अपने अपने कई ग़ैर क़ानूनी मामलों को 'कवर' देने के लिए अल क़ादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट की ज़मीन इमरान ख़ान और उनकी पत्नी को दी थी.
पाकिस्तान के नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरौ (नैब) ने इमरान ख़ान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी के ख़िलाफ़ अल क़ादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के नाम पर प्रापर्टी टाइकून से सैकड़ों कनाल ज़मीन लेने से संबंधित पूछताछ को जांच में बदल दिया है.
नैब के अधिकारी इससे पहले अधिकारों के कथित दुरुपयोग और ब्रिटेन से प्राप्त हुई 'अपराध से अर्जित रक़म' की वसूली के आरोपों की जांच कर रहे थे.
नैब के अधिकारी के मुताबिक जब मामला जांच के स्तर पर आ जाता है तो अभियुक्त से पूछताछ की जाती है और ज़रूरत पड़ने पर उन्हें गिरफ़्तार भी किया जा सकता है.
वहीं इमरान ख़ान के वकील बैरिस्टर ग़ौहर ने बीबीसी से कहा है कि जब उन्हें पता चला कि अल क़ादिर ट्रस्ट मामले में पूछताछ को जांच में बदल दिया गया है तो उन्होंने मंगलवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में अर्ज़ी दी थी.
इस अर्जी में नैब को इमरान ख़ान को गिरफ़्तार करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी. नैब अधिकारियों का कहना है कि इमरान ख़ान को नोटिस दिया गया था जिसका संतोषजनक जवाब उन्होंने नहीं दिया.
इमरान ख़ान पर कई और मामले में भी चल रहे हैं.
अक्तूबर 2022 में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने तोशाखाना मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को अगले पांच साल के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य क़रार दिया था.
चुनाव आयोग ने कहा था कि इमरान ख़ान ने सत्ता में रहते हुए तोशाखाना से जो तोहफ़े लिए थे, उसके बारे में अधिकारियों को उन्होंने सही जानकारी नहीं दी. इमरान ख़ान आरोपों को ग़लत बताते हैं.इमरान ख़ान पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए क़ीमती तोहफ़े अपने फ़ायदे के लिए बेचे. इमरान ख़ान ने चुनाव आयोग को दी गई अपनी संपत्ति की घोषणा में उसका ब्योरा नहीं दिया था.चुनाव आयोग ने बाद में ज़िला अदालत में शिकायत दर्ज की थी कि प्रधानमंत्री रहते हुए इमरान ख़ान को जो गिफ़्ट मिले उसे उन्होंने बेच दिया और इस मामले में उन्हें आपराधिक क़ानूनों के ज़रिए सज़ा दी जाए.आरोप है कि इमरान ख़ान ने प्रधानमंत्री रहते हुए तोशाखाना के मंहगे गिफ़्ट, घड़िया अपने फ़ायदे के लिए बेची थीं.1974 में पाकिस्तान में तोशाखाना स्थापित किया गया. ये कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है जहां देश के प्रमुखों, मंत्रियों, नौकरशाहों, सासंदों को विदेशी सरकार या अधिकारियो की ओर से मिले मंहगे गिफ़्ट रखे जाते हैं.
तोशाखाना एक सरकारी विभाग होता है. यहां प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे बड़े अधिकारियों को किसी यात्रा के दौरान मिलने वाले क़ीमती तोहफों को रखा जाता है.
किसी भी विदेश यात्रा के समय, विदेश मंत्रालय के अधिकारी इन तोहफ़ों का रिकॉर्ड रखते हैं और वतन वापसी पर उन्हें तोशाखाना में जमा कर दिया जाता है.
तोशाखाना में रखी गई चीज़ों को स्मृति चिन्ह की तरह देखा जाता है. यहां रखी हुई चीज़ों को कैबिनेट की मंज़ूरी के बाद ही बेचा जा सकता है.
पाकिस्तान में अगर मिलने वाले उपहार की क़ीमत 30 हज़ार रुपये से कम है तो उसे व्यक्ति मुफ़्त में अपने पास रख सकता है.
वहीं अगर गिफ़्ट की क़ीमत 30 हजार रुपये से ज़्यादा है तो उस क़ीमत का 50 प्रतिशत जमा करके उसे ख़रीदा जा सकता है. साल 2020 से पहले सामान की असल क़ीमत का सिर्फ़ 20 प्रतिशत ही जमा करना पड़ता था.
इन तोहफों में आमतौर पर महंगी घड़ियां, सोना और हीरे के गहने, क़ीमती सजावट का सामान, स्मृति चिन्ह, हीरा जड़ी कलम, क्रॉकरी और कालीन शामिल होते हैं.
महिला जज के अपमान का केस
इमरान ख़ान पर एक महिला जज के अपमान का भी मामला है. अगस्त 2022 में इमरान ख़ान के क़रीबी सहयोगी शहबाज़ को देशद्रोह के मामले में गिरफ़्तार किया गया था. इमरान ख़ान ने शहबाज़ को प्रताड़ित किए जाने के आरोप लगाए थे.
इसके बाद एक सियासी रैली में इमरान ख़ान ने अपनी पार्टी के सहयोगी को हिरासत में लिए जाने और कथित तौर पर बदसलूकी किए जाने को लेकर इस्लामाबाद के पुलिस प्रमुख और एक महिला जज की निंदा की थी.
इमरान ने अपने भाषण में धमकी दी थी कि वो शीर्ष पुलिस अधिकारियों, एक महिला मजिस्ट्रेट, चुनाव आयोग और उनके राजनीतिक विरोधियों के ख़िलाफ़ अपने सहयोगी शहबाज़ गिल के साथ कथित बदसलूकी करने के लिए मामले दायर करेंगे.
इमरान ख़ान ने ख़ास तौर पर अतिरिक्त जिला और सत्र जज ज़ेबा चौधरी को निशाना बनाया जिन्होंने इस्लामाबाद पुलिस के आग्रह पर शहबाज़ गिल की दो दिन की पुलिस रिमांड को मंज़ूरी दी थी.
इमरान ख़ान ने रैली में पुलिस प्रमुख और जज को निशाना बनाते हुए कहा, "शर्म करो, इस्लामाबाद आईजी, तुम्हें तो नहीं छोड़ना है, तुम्हारे ऊपर केस करना है हमने, और मजिस्ट्रेट साहिबा ज़ेबा, आप भी तैयार हो जाएँ, आपके ऊपर भी हम ऐक्शन लेंगे."
महिला जज के कथित अपमान के आरोप में इमरान ख़ान पर मुक़दमा दर्ज कर लिया गया था. जाँचकर्ताओं का कहना था कि इमरान ख़ान ने कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों को धमकाने से उनके ख़िलाफ़ आतंकवाद-विरोधी क़ानून तोड़ा है. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ शरीफ़ ने इमरान ख़ान पर आरोप लगाया है कि सत्ता गंवाने के बाद पाकिस्तानी सेना को बदनाम करने की उनकी नीति रही है.
उन्होंने कहा, ''सत्ता गंवाने के बाद पाकिस्तानी सेना को एक संस्थान के तौर पर बार-बार बदनाम करना आपकी नीति रही है. क्या आप वज़ीराबाद की घटना से पहले भी सेना, ख़ुफ़िया एजेंसियां और उनके नेतृत्व को बदनाम नहीं कर रहे थे?''
वज़ीराबाद में इमरान ख़ान पर एक बंदूकधारी ने गोली चलाई थी, जिसमें वो घायल हो गए थे.
शहबाज़ शरीफ़ ने ट्विटर पर ख़ान के सवालों का जवाब देते हुए कहा, '' मुझे इस बात पर कोई शक नहीं है कि सफेद झूठ, गलत बयानबाज़ी, उलाहना और संस्थानों पर दुर्भावनापूर्ण हमले आपकी राजनीति के परिचायक हैं. आपका रवैया ऐसा है, 'मुझ पर कोई क़ानून लागू नहीं होता.''
उन्होंने इमरान ख़ान से पूछा है-
'' रोज़-रोज़ डराने-धमकाने और बेबुनियाद आरोप लगाने के अलावा आपने कौन सी क़ानून प्रक्रिया अपनाई?''
'' राजनीतिक उद्देश्यों के लिए धर्म का इस्तेमाल किसने किया?''
''अपनी राजनीतिक गतिविधियों में धार्मिक शब्दों का परिचय किसने कराया?''
इमरान ख़ान ने कल ट्विटर पर शहबाज़ शरीफ़ से कई सवाल किए थे. उन्होंने पूछा था कि उन्हें क्या सेना के अधिकारी क़ानून से ऊपर होते हैं? उन्हें (इमरान) संवैधानिक अधिकार इस्तेमाल करने से क्यों वंचित क्या जा रहा है? (bbc.com/hindi)
इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी क़ानूनी है या ग़ैर क़ानूनी इस पर इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है.
इसी बीच पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ़ (पीटीआई) के चेयरमैन इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे पीटीआई के कार्यकर्ता रावलपिंडी में पाकिस्तान सेना के हेडक्वार्टर जीएचक्यू के गेट नंबर एक पर पहुंच गए हैं.
इस हवाले से बीबीसी को उपलब्ध होने वाली एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कई प्रदर्शनकारी गेट नंबर एक के बाहर तोड़फोड़ करते हैं और फिर गेट को ज़बरदस्ती खोलकर जीएचक्यू के भीतर दाख़िल हो जाते हैं.
मौक़े पर मौजूद पत्रकार ख़ालिद चौधरी के मुताबिक़ इस स्थान पर फिलहाल प्रदर्शन अभी जारी हैं जबकि मरी रोड पर मौजूद हमज़ा कैंप के बाहर मौजूद सिक्यूरिटी चौकी को भी आग लगा दी गई है.
दूसरी तरफ़ इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ लाहौर में भी प्रदर्शन जारी हैं. जहां बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी लाहौर कैंट में कोर कमांडर हाउस के बाहर मौजूद हैं.
बीबीसी के फ़ुरक़ान इलाही के मुताबिक़ प्रदर्शनकारियों ने यहां मौजूद गाड़ियों को आग भी लगा दी है जबकि प्रदर्शनकारियों ने लाहौर कैंट में मौजूद चंद पुलिस गाड़ियों को भी आग लगी दी है.
वहीं पीटीआई के नेता शाह महमूद क़ुरैशी ने एक बयान में कहा है कि आज कोई घर ना लौटे, इमरान ख़ान लोगों के भविष्य की लड़ाई लड़ रहे हैं. पार्टी के वाइस चेयरमैन शाह महमूद क़ुरैशी ने वीडियो ज़ारी कर पाकिस्तान के लोगों से आज घर ना बैठने का आह्वान किया है.
उन्होंने कहा, “आज आप लोगों को अपने घरों से निकलना होगा.”
अपने संदेश में उन्होंने कहा, “आज घर कोई ना बैठे. इमरान ख़ान आप लोगों के भविष्य की लड़ाई लड़ रहे हैं. अगर आप वास्तविक आज़ादी चाहते हैं तो अपने बच्चों के साथ, परिवार के साथ बाहर निकलें.”
इसी बीच पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कार्यवाहक मुख्यमंत्री मोहसिन नक़वी ने कहा है कि ये सियासत नहीं है, सरासर दहशतगर्दी है.
ट्विटर पर जारी एक संदेश में उन्होंने कहा कि वो पाकिस्तान पर होने वाले हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति को छोड़ेंगे नहीं. उन्होंने कानून और व्यवस्था पर स्थायी समिति को मौजूदा हालात की निगरानी करने के लिए कहा है.
उन्होंने राज्य में क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी ज़रूरी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन हर किसी का अधिकार है लेकिन किसी को क़ानून अपने हाथ में लेने नहीं दिया जाएगा. (bbc.com/hindi)
अली काज़मी
इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी की ख़बर आते ही उनकी पार्टी तहरीक-ए- इंसाफ़ के प्रदर्शनकारी लाहौर में इमरान ख़ान के घर के बाहर इकट्ठा हुए.
इसके अलावा शहर के लिबर्टी चौक पर भी प्रदर्शनकारियों से जुटने का आह्वान किया गया था.
पीटीआई के कार्यकर्ता अक्सर यहां प्रदर्शन करते रहे हैं. जब पाकिस्तान में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था तब भी पीटीआई कार्यकर्ताओं ने लिबर्टी चौक पर प्रदर्शन किया था.
ये माना जा रहा था कि पिछली बार की तरह इस बार भी लिबर्टी चौक पर ही प्रदर्शनकारी जमा होंगे.
शाम चार बजे के बाद ज़मान पार्क में इमरान ख़ान के घर के बाहर पीटीआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच ज़बरदस्त हिंसा हुई है.
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया है. धीरे-धीरे प्रदर्शनकारियों की तादाद बढ़ती गई. इमरान ख़ान के घर से एक सड़क सीधे लाहौर कैंट की तरफ़ जाती है.
इमरान ख़ान के घर पर जुटे प्रदर्शनकारियों ने लाहौर कैंट की तरफ़ चलना शुरू कर दिया. रास्ते में चलते हुए प्रदर्शनकारी कह रहे थे कि वो कैंट में घुस जाएंगे.
सेना की छावनी में घुसे इमरान समर्थक
इस दौरान जिन प्रदर्शनकारियों से बीबीसी की बात हुई उनका कहना था कि जो घटनाक्रम हुआ है उसके लिए पाकिस्तान की सेना ज़िम्मेदार है.
शाम पांच बजे के क़रीब प्रदर्शनकारी एक गेट से लाहौर कैंट के अंदर दाख़िल हो गए.
यहां सेना की एक बड़ी चौकी है. यहां लाहौर कैंट में दाख़िल होने वाले वाहनों और लोगों की गहन सुरक्षा जांच की जाती है. यहां सेना का सख़्त नियंत्रण रहता है.
लेकिन जब बीबीसी की टीम यहां पहुंची तो पुलिस या सेना का कोई जवान मौजूद नहीं था. अर्धसैनिक बलों का भी कोई जवान यहां नहीं था.
पीटीआई के कार्यकर्ता आराम से लाहौर कैंट के भीतर दाख़िल हो रहे थे. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा बैरियर हटा दिए और यहां आगजनी शुरू कर दी.
पुलिस की जो गाड़ियां लाहौर कैंट के पास मौजूद थी उन्हें प्रदर्शनकारियों ने जला दिया.
लाहौर कैंट में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुई हैं. गाड़ियों को आग लगाने के दौरान कई धमाके भी हुए.
हिंसक भीड़, पुलिस पीछे हटी
भीड़ के हिंसक होने के बाद यहां पुलिस को पीछे हटना पड़ा.
कैंट में दाख़िल होने के बाद प्रदर्शनकारियों का इरादा यहां के कोर कमांडर के घर में दाख़िल होने का था. इस भीड़ में अधिकतर प्रदर्शनकारी युवा था और वो बहुत आक्रोश में नज़र आ रहे थे.
हालांकि धीरे-धीरे परिवार भी इस प्रदर्शन में शामिल हो रहे थे.
जब बीबीसी टीम कोर कमांडर के घर पहुंची तो देखा कि उसके मुख्य दरवाज़े को तोड़ दिया गया था, बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी वहां मौजूद थे. यहां गाड़ियों को जलाया गया था और घर में आगजनी भी की गई थी.
इस दौरान बीबीसी की टीम को कैंट के किसी चौराहे या सुरक्षा चौकी पर सेना के जवान नहीं नज़र आए.
किसी भी जगह ऐसा नहीं लगा कि सेना ने इन प्रदर्शनकारियों को किसी तरह से रोकने की कोशिश की हो.
शाम ढलने के बाद भी प्रदर्शनकारी कैंट के भीतर मौजूद थे. ये अप्रत्याशित और अभूतपूर्व स्थिति है.
ये माना जा रहा था कि प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन होगा लेकिन सेना की तरफ़ से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. हो सकता है रात में या कल सुबह सेना कोई एक्शन ले.(bbc.com/hindi)
इस्लामाबाद, 9 मई। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अर्द्धसैनिक बलों द्वारा इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में गिरफ्तार किये जाने से कुछ घंटे पहले मंगलवार को एक आतंकवाद रोधी अदालत ने कई मामलों में उनकी अंतरिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली थी।
खान अभी देश भर में 121 मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें राजद्रोह, आतंकवाद, ईशनिंदा और हिंसा भड़काने के आरोप शामिल हैं।
डॉन अखबार की खबर के अनुसार, आतंकवाद रोधी अदालत के न्यायाधीश राजा जवाद अब्बास ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख की अर्जी पर सुनवाई की। खान ने यहां 18 मार्च को संघीय न्यायिक परिसर के बाहर हुई हिंसा से जुड़े मामलों में जमानत देने का अनुरोध किया था।
अदालत ने सभी सात मामलों में 50,000 पाकिस्तानी रुपये के मुचलके पर खान (70) को जमानत दे दी।
पूर्व प्रधानमंत्री खान को मंगलवार को अर्धसैनिक बलों ने उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब वह भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिये इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में मौजूद थे।
खान ने एक दिन पहले, उनकी हत्या की कथित तौर पर साजिश रचने को लेकर देश की सेना पर निशाना साधा था।
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के एक अधिकारी ने यह पुष्टि की है,“खान को रियल एस्टेट कारोबारी मलिक रियाज को जमीन स्थानांतरित करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है और उन्हें एनएबी को सौंपा जा रहा है।”
इस बीच, इस्लामाबाद पुलिस ने महानिरीक्षक (आईजी) अकबर नासिर खान के हवाले से एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि खान को उस मामले में गिरफ्तार किया गया है जिसमें आरोप है कि उन्होंने और उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने 50 अरब पाकिस्तानी रुपये को वैध बनाने के लिए एक रियल एस्टेट कंपनी से रिश्वत ली थी।
पूर्व प्रधानमंत्री खान, अपनी पत्नी बुशरा और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ एनएबी की जांच का सामना कर रहे हैं। यह मामला इमरान खान नीत (अपदस्थ) सरकार और एक रियल एस्टेट कारोबारी के बीच हुए एक समझौते से संबद्ध है, जिससे देश के राजकोष को 19 करोड़ पाउंड का नुकसान हुआ था।
खान ने पूर्व में कहा था कि पिछले साल प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ होने के बाद से उनके खिलाफ देश भर में 140 से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं।
खान ने हाल में मामलों की एक सूची इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को सौंपी थी। सूची में कहा गया है कि उनके खिलाफ 31 मामले संघीय राजधानी में और 30 मामले लाहौर में दर्ज किये गये हैं तथा नोटिस जारी किये गये हैं।
सूची के मुताबिक, खान के खिलाफ आतंकवाद के 12 मामले लाहौर में दर्ज किये गये हैं और फैसलाबाद में 14 मामले दर्ज किये गये हैं। उनके खिलाफ आतंकवाद के करीब 22 मामले देश के विभिन्न हिस्सों में दर्ज किये गये हैं।
इस्लामाबाद की एक अदालत उन्हें 10 मई को अभ्यारोपित करने वाली है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर राजकीय तोहफों की बिक्री को छिपाने का कृत्य किया था।
हालांकि, भ्रष्टाचार के जिस मामले की सुनवाई के लिए खान मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में उपस्थित थे, वह इस सूची में शामिल नहीं है।
क्रिकेटर से राजनेता बने खान ने मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से उन्हें एक अन्य मामले में अंतरिम जमानत देने का अनुरोध किया, जो आवश्यक अनुमति के बिना इस्लामाबाद में एक रैली कर धारा 144 का उल्लंघन को लेकर उनके खिलाफ दर्ज है।
अनुमति के बिना शनिवार को इस्लामाबाद में एक रैली करने को लेकर पुलिस ने खान और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था।
खान के वकील सलमान सफदर द्वारा दायर एक याचिका के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री ने इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक, महाधिवक्ता और एक अतिरिक्त अटार्नी जनरल को पत्र लिख कर उन्हें जांच में शामिल करने का आग्रह किया लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अप्रैल में संसद में अविश्वास प्रस्ताव के जरिये खान को प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ किये जाने के बाद से उनके खिलाफ 120 से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं।
हालांकि, उन्होंने इन सभी मामलों को फर्जी और गढ़ा हुआ करार देते हुए दावा किया है कि ये उन्हें राजनीतिक परिदृश्य से बाहर रखने के लिए दर्ज किये गये हैं।
अखबार की खबर के अनुसार, याचिका में कहा गया है कि खान जांच में शामिल होना चाहते हैं लेकिन सुरक्षा एजेंसियां सरकार के हाथ की कठपुतली बन गई हैं। इसमें कहा गया है कि बार-बार पत्र लिखे जाने के बावजूद खान को जांच में शामिल नहीं किया गया। (भाषा)
(अदिति खन्ना)
लंदन, 9 मई। अंतरराष्ट्रीय धन शोधन और लोगों की तस्करी में शामिल पश्चिम लंदन के एक संगठित अपराध समूह की जांच के बाद भारतीय मूल के पुरुषों और महिलाओं सहित 16 लोगों को दोषी ठहराया गया है। राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
आपराधिक समूह के सदस्यों ने 2017 और 2019 के बीच दुबई में कई यात्राएं कीं और धन शोधन के तहत काफी नकदी ब्रिटेन से बाहर पहुंचाई। एनसीए जांचकर्ताओं का मानना है कि यह धनराशि प्रतिबंधित ‘‘श्रेणी ए’’ दवाओं की बिक्री और संगठित आव्रजन अपराध से अर्जित की गई थी।
एनसीए के वरिष्ठ जांच अधिकारी क्रिस हिल ने कहा, ‘ वाणिज्यिक पैमाने पर धनशोधन और संगठित अप्रवासी अपराध में शामिल एक संगठित अपराध समूह की विस्तृत जांच की गई।’’
उन्होंने कहा कि यह मामला जनता की सुरक्षा के लिए एनसीए की प्रतिबद्धता को दिखाता है और लोगों की तस्करी और धनशोधन दोनों में शामिल आपराधिक नेटवर्क को निशाना बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि पहले मुकदमे में चरण सिंह, वलजीत सिंह, जसबीर सिंह कपूर, जसबीर सिंह ढल को आपराधिक धन को ठिकाने लगाने और धनशोधन मामले में दोषी पाया गया जबकि स्वंदर सिंह ढल को आपराधिक संपत्ति को हटाने और आव्रजन कानून के उल्लंघन की साजिश रचने का दोषी पाया गया। दिलजन सिंह मल्होत्रा को आव्रजन कानून के उल्लंघन की साजिश रचने का दोषी पाया गया।
उन्होंने कहा कि दूसरे मुकदमे में अमरजीत अलबादिस, जगिंदर कपूर, जैकदर कपूर, मनमोन सिंह कपूर, पिंकी कपूर और जसबीर सिंह मल्होत्रा को दोषी ठहराया गया। (भाषा)
लंदन, 9 मई | जीसीसी और भारत में एक प्रमुख स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा मानवता के लिए उनके योगदान को बढ़ावा देने के लिए आयोजित 250,000 डॉलर के ग्लोबल नर्सिग अवार्ड के लिए दुनिया भर से चुनी गई 10 नर्सो में दो भारतीय शामिल हैं।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की शांति टेरेसा लाकरा और आयरलैंड में केरल में जन्मी जिंसी जेरी का मूल्यांकन एस्टर गार्जियंस ग्लोबल नसिर्ंग अवार्ड के लिए एक निर्णायक पैनल द्वारा किया जाएगा, जो 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर लंदन में होगा।
लाकरा, पोर्ट ब्लेयर में जी.बी. पंत अस्पताल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के बीच काम कर रही हैं जो छह अनुसूचित जनजातियों का घर है और इन छह जनजातियों में से पांच को पीवीटीजी के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
अपने शुरुआती नसिर्ंग दिनों में, उन्हें उप-केंद्र, डुगोंग क्रीक में तैनात किया गया था, जहां आदिम जनजातियों में से एक ओंगेस लिटिल अंडमान के दूरस्थ क्षेत्र में बसे हुए हैं।
लाकरा इस क्षेत्र में आदिवासियों के लिए काम कर रही हैं, जो चिकित्सा प्रक्रियाओं के बारे में अच्छी तरह से नहीं जानते हैं और भाषा की बाधा है। उनका अस्पष्ट चिकित्सा इतिहास भी रहा है।
भारत ने 2011 में लाकरा को उनकी अविश्वसनीय सेवा के लिए पद्म श्री के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया था।
डबलिन में मेटर मिसेरिकोर्डिया विश्वविद्यालय अस्पताल के केरल में जन्मी जिंसी जेरी संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए नसिर्ंग की सहायक निदेशक के रूप में कार्य कर रही हैं।
जेरी का मानना है कि नवाचार गुणवत्ता और रोगी सुरक्षा बढ़ाने का एक तरीका है और उसने डिजिटल, उपकरण और सेवा नवाचार विकसित किए हैं।
उद्धरण के अनुसार, "कोविड-19 महामारी के दौरान आयरलैंड के हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्च र के सामने आने वाली चुनौतियों ने उन्हें दोहराए जाने वाले, उच्च मात्रा वाले कार्यों को पूरा करने के लिए इन समाधानों को सीखने और लागू करने के लिए प्रेरित किया। इन समाधानों ने बेहतर समन्वय, बेहतर कार्यबल प्रबंधन, व्यवस्थित प्रथाओं और कर्मचारियों के बीच कम बर्नआउट रेट में योगदान दिया।"
प्रयोगशालाओं से परिणामों की तुलना करते समय ह्यूमन एरर की संभावना को कम करने के लिए, जेरी ने एक उपयुक्त सॉफ्टवेयर समाधान भी तैयार किया। उन्होंने 2021 में प्रिक्स ह्यूबर्ट ट्यूर इनोवेशन एकेडमी अवार्ड जीता। (आईएएनएस)
इस्लामाबाद, 9 मई (आईएएनएस)| पाकिस्तान रेंजर्स की एक टीम ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार कर लिया।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष को अदालत कक्ष से हिरासत में ले लिया गया, जहां वह अपने खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों में जमानत लेने गए थे।
पूर्व प्रधानमंत्री को कानून प्रवर्तन एजेंसी द्वारा एक काले रंग की गाड़ी में ले जाया गया था।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई के वकील फैसल चौधरी ने इसकी पुष्टि की, जबकि पार्टी के उपाध्यक्ष फवाद चौधरी ने ट्वीट किया कि अदालत पर 'रेंजर्स का कब्जा' है और वकीलों को 'टॉर्चर किया जा रहा है।'
उन्होंने कहा, "इमरान खान की कार को घेर लिया गया है।"
पीटीआई नेता अजहर मशवानी ने आरोप लगाया कि रेंजर्स द्वारा खान को अदालत के अंदर से 'अपहरण' किया गया था, यह कहते हुए कि पार्टी ने देश में विरोध प्रदर्शन के लिए तत्काल आह्वान किया था।
पीटीआई के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने भी इमरान के वकील का वीडियो साझा करते हुए कहा कि वह अदालत के बाहर 'बुरी तरह से घायल' थे।
इस बीच, यह कहते हुए कि पुलिस ने खान की कार को घेर लिया था इस्लामाबाद पुलिस ने कहा कि राजधानी शहर में धारा 144 लागू कर दी गई थी और यह भी पुष्टि की कि किसी को भी प्रताड़ित नहीं किया गया था।
पूर्व प्रधानमंत्री की नजरबंदी कई असफल प्रयासों के बाद हुई, जिसमें लाहौर में उनके जमां पार्क निवास पर पुलिस का छापा भी शामिल है, जिससे वे सफलतापूर्वक बचने में सफल रहे।
इस्लामाबाद, 9 मई । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की पार्टी मुस्लिम लीग (नवाज़) ने पूर्व पीएम इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ' वो (इमरान ख़ान) वहां पहुंच गए, जहां उन्हें होना चाहिए.''
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान ख़ान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से सुरक्षा बलों ने गिरफ़्तार किया है. इस्लामाबाद के आईजी ने एक बयान में कहा है कि इमरान ख़ान को अल-क़ादिर ट्रस्ट केस में गिरफ़्तार किया गया है.
उन्होंने कहा कि हालात 'नॉर्मल' हैं.
इस्लामाबाद पुलिस ने कहा कि धारा 144 लगा दी गई है. इसका उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी. (bbc.com)
इस्लामाबाद , 9 मई । पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान ख़ान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से सुरक्षा बलों ने गिरफ़्तार कर लिया है.
इस्लामाबाद के आईजी ने एक बयान में कहा है कि इमरान ख़ान को अल-क़ादिर ट्रस्ट केस में गिरफ़्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि हालात 'नॉर्मल' हैं.
इस्लामाबाद पुलिस ने कहा कि धारा 144 लगा दी गई है. इसका उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी.
पार्टी के नेता फ़वाद चौधरी ने एक ट्वीट में कहा, '' पूर्व पीएम इमरान ख़ान को अदालत परिसर से उठा लिया गया. वकीलों और आम लोगों को टॉर्चर किया गया. इमरान ख़ान को अज्ञात लोग अज्ञात लोकेशन पर ले गए हैं. इस्लमाबाद हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस ने गृह सचिव और आईजी को आदेश दिया है कि वो 15 मिनट के भीतर अदालत में पेश हों.''
पीटीआई के नेता शिरीन मज़ारी ने कहा, ''इस्लामाबाद हाई कोर्ट में जबरन घुसकर इमरान ख़ान का अपहरण करना राज्य प्रायोजित आतंकवाद है. इस देश में जंगल राज है. रेंजर्स ने वकीलों को पीटा, इमरान ख़ान को टॉर्चर किया और अपहरण कर लिया.'' (bbc.com)
न्यूयॉर्क, 9 मई | 6 मई को अमेरिकी राज्य टेक्सस के एक मॉल में गोलीबारी में मारी गई भारतीय इंजीनियर के शव को वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। हूस्टन में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने यह जानकारी दी है। वाणिज्य दूतावास ने कहा कि डलास के पास एलन में एलन प्रीमियम आउटलेट्स मॉल में सामूहिक गोलीबारी के दौरान दो और भारतीय नागरिक घायल हो गए थे।
तेलंगाना की 27 वर्षीय इंजीनियर ऐश्वर्या थाटिकोंडा नौ मृतकों में शामिल थी।
हूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूतावास (सीजीआई) ने मंगलवार को ट्वीट किया, "वाणिज्य दूतावास मृतक के शव के संबंध में आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने की सुविधा प्रदान कर रहा है। इस दुखद गोलीबारी की घटना में दो अन्य भारतीय नागरिक घायल हो गए हैं।"
सीजीआई ने अपने पहले के ट्वीट के अपडेट में लिखा, "हम स्थानीय और अस्पताल के अधिकारियों, घायलों के रिश्तेदारों और समुदाय के लीडरों के साथ लगातार संपर्क में हैं। वाणिज्य दूतावास के अधिकारी हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए डलास में हैं।"
सीजीआई ने शोक व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा था कि वह मृतक के परिवार के साथ-साथ स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं और स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं।
सीजीआई ने कहा, "हमारे अधिकारी हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।"
हैदराबाद के सरूरनगर इलाके की रहने वाली ऐश्वर्या टेक्सास में परफेक्ट जनरल कॉन्ट्रैक्टर्स एलएलसी नाम की कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर काम कर रही थी।
उसकी मौत की खबर मिलने के बाद उसका परिवार गहरे सदमे में है।
आईएएनएस ने सोमवार को बताया था कि उनके पिता नरसी रेड्डी रंगारेड्डी जिला अदालत में न्यायाधीश हैं।
ऐश्वर्या एक दोस्त के साथ खरीदारी कर रही थी, जब उसे 33 वर्षीय बंदूकधारी मौरिसियो गार्सिया ने गोली मार दी। बंदूकधारी ने अमेरिकी सेना में कुछ समय के लिए सेवा की थी, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उसे हटा दिया गया था।
उसे इलाके में गश्त कर रहे एक कानून प्रवर्तन अधिकारी ने गोली मार दी थी। (आईएएनएस)
मॉस्को, 9 मई । रूस की राजधानी मॉस्को में कड़ी सुरक्षा के बीच विक्ट्री डे परेड का आयोजन किया गया.
इस दौरान भाषण देते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि दुनिया एक 'निर्णायक टर्निंग प्वाइंट' पर है और 'असली जंग' रूस के ख़िलाफ़ लड़ी जा रही है.
उन्होंने दावा किया कि इस बात से इतर कि जंग की शुरुआत किसने की, रूस अपनी 'संप्रभुता' की रक्षा कर रहा है.
उन्होंने यूक्रेन की चुनी हुई सरकार की तुलना नाज़ी सरकार से की और पश्चिमी देशों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो भूल रहे हैं कि नाज़ियों को किसने मात दी थी.
इस दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने सेना को संबोधित करते हुए कहा, "हमारे लिए सेना के प्रति प्यार से बड़ा दुनिया में कुछ नहीं है."
पुतिन ने रूस की कार्रवाई को 'स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन' बताते हुए कहा उन्हें अपने सैनिकों पर गर्व है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्र के रूप में रूस का भविष्य इन्हीं लोगों पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि सभी अपने 'हीरोज़' के समर्थन में एकजुट है.
पुतिन ने कहा, "जंग जो हमारे देश का भविष्य तय करती हैं, वो हमारे लिए राष्ट्रीय महत्व की हैं."
रेड स्कॉयर पर सैनिकों से उन्होंने कहा, "सभी आपके लिए दुआ कर रहे हैं."
पश्चिमी देशों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "उनकी मंशा सिर्फ हमारे देश को गिरते हुए देखने की है."
पुतिन ने कहा, "असली जंग हमारी मातृभूमि के ख़िलाफ लड़ी जा रही है."
उन्होंने कहा कि रूस एक "शांतिपूर्ण भविष्य देखना चाहता है, लेकिन उन्होंने पश्चिमी ताकतों पर 'नफ़रत और रूसोफ़ोबिया' फैलाने का आरोप लगाया. (bbc.com)
सिंगापुर, 9 मई | सिंगापुर में एक 25 वर्षीय भारतीय लॉरी चालक को सड़क पार करने वाले एक बुजुर्ग साइकिल सवार को रास्ता नहीं देने के कारण एक साल की जेल की सजा सुनाई गई है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है। द स्ट्रेट्स टाइम्स ने बताया कि उदययप्पन वसंत ने सड़क का इस्तेमाल करने वाले दूसरे लोगों के बारे में सोचे बिना ड्राइविंग करके मौत का कारण बनने और न्याय के रास्ते को भटकाने के एक मामले में सोमवार को अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
दुर्घटना का कारण बनने के अलावा, उसने अपने सहयोगी तथा एक अन्य भारतीय नागरिक राजेंद्रन चेल्लादुरई को इस अपराध का दोष अपने ऊपर लेने के लिए राजी कर लिया।
वसंत 16 अप्रैल 2022 को करीब 40 किमी प्रति घंटे की गति से एक जेबरा क्रॉसिंग की ओर गाड़ी चला रहा था, जब उसने 64 वर्षीय अब्दुल अजीज सैयद मोहम्मद को साइकिल से क्रॉस करते हुए देखा।
उसने साइकिल सवार को रास्ता नहीं दिया और लॉरी ने मोहम्मद को टक्कर मार दी, जिससे वह सड़क पर लगभग सात मीटर दूर जा गिरे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चेल्लादुरई उस समय आगे की पैसेंजर सीट पर बैठा था।
उप लोक अभियोजक एनजी जून काई के अनुसार, दुर्घटना के समय ट्रैफिक मध्यम थी, सड़क की सतह सूखी थी और ²श्यता अच्छी थी।
काई ने अदालत को बताया कि लॉरी में लगे इन-व्हीकल कैमरा ने दुर्घटना को कैद नहीं किया क्योंकि उसका मेमोरी कार्ड खराब हो गया था।
मोहम्मद को चांगी जनरल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी खोपड़ी में फ्रैक्च र सहित कुछ और चोटें पाई गईं। जल्द ही उसे मृत घोषित कर दिया गया।
वसंत ड्राइवर के रूप में प्रोबेशन पर था। उसने चेल्लादुराई से दुर्घटना के लिए दोष लेने को कहा क्योंकि उसे डर था कि उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
काई ने अदालत को बताया, सह-आरोपी ने अनुरोध पर सहमति व्यक्त की.. क्योंकि उसे 16 अप्रैल 2022 को लॉरी के चालक के रूप में नियुक्त किया गया था, और उसे डर था कि (उसके नियोक्ता) को पता चल जाएगा कि वह लॉरी नहीं चला रहा था।
चेल्लादुराई को गिरफ्तार कर लिया गया और जब उसने अपना बयान दर्ज कराया तो अपना झूठ जारी रखा।
द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, उस शाम बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।
दो दिन बाद जब चेल्लादुराई को अपने नियोक्ता से पता चला कि मोहम्मद की दुर्घटना में मौत हो गई तो उसने दुर्घटना के लिए दोष लेने से इनकार कर दिया और पुलिस के सामने सफाई पेश की।
चेल्लादुरई को इससे पहले अप्रैल 2022 में तीन महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी।
द टाइम्स ने बताया कि सजा के अलावा, अदालत ने वसंत को उसकी रिहाई की तारीख से आठ साल के लिए किसी भी तरह के ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है।
दूसरों के बारे में सोचे बिना ड्राइविंग करके किसी की मौत का कारण बनने के लिए तीन साल तक की जेल और 10,000 सिंगापुर डॉलर तक का जुमार्ना लगाया जा सकता है। (आईएएनएस)
संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक नई रिपोर्ट में कहा है कि बीते छह महीनों में अफगानिस्तान में तालिबान ने 300 से भी ज्यादा लोगों को सजा के रूप में पीटा है. संयुक्त राष्ट्र ने इसे यातना के खिलाफ संधिपत्र का उल्लंघन बताया है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक इस अवधि में कम से कम 274 पुरुष, 58 महिलाओं और दो लड़कों को सार्वजनिक रूप से फ्लॉगिंग या पीटने की सजा दी गई. सामान्य रूप से हर एक व्यक्ति को 30 से 39 बार पीटा गया.
इस तरह सजा पाने वाले अधिकांश लोगों को जिन 'अपराधों' के लिए सजा दी गई उनमें 'जीना' (विवाहेतर संबंध), घर से भाग जाना, चोरी, समलैंगिकता, शराब पीना, धोखाधड़ी और नशीले पदार्थों की तस्करी शामिल हैं.
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के सहायता मिशन में मानवाधिकार प्रमुख फियोना फ्रेजर ने बताया कि "शारीरिक दंड यातना के खिलाफ संधिपत्र का उल्लंघन है और यह बंद हो जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र मौत की सजा का मजबूती से विरोध करता है और इस पर तुरंत प्रतिबंध लगना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र को इस अवधि में मौत की सजा के एक मामले की भी खबर मिली है, जिसमें अदालत की अनुमति से एक व्यक्ति को सार्वजनिक तौर पर वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में मृत्युदंड दिया गया. इस व्यक्ति को 2017 में एक व्यक्ति को चाकू मार कर जान से मार देने का दोषी पाया गया था.
इस्लामी कानून की दुहाई
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के जवाब में तालिबान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोषियों को इस्लामी कानून के तहत सजा दी गई है और लोगों के लिए एक सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए सजाओं की जरूरत है.
मंत्रालय के मुताबिक, "हर राजनीतिक तंत्र के अपने मानक और तरीके होते हैं जो उसे दूसरे तंत्रों से अलग बनाते हैं. इस्लामी अमीरात अपनी सभी गतिविधियां पावन धर्म इस्लाम की रोशनी में निभा रहा है और उसके प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है."
तालिबान ने इस तरह की सजाएं देना करीब दो साल पहले देश में सत्ता में आते ही शुरू कर दिया था, बावजूद इसके कि शुरू में उसने 1990 के दशकों के अपने शासन के मुकाबले ज्यादा नरम शासन का वायदा किया था.
रिपोर्ट के मुताबिक सार्वजनिक 'फ्लॉगिंग' का पहला मामला अक्टूबर 2021 में कपीसा राज्य में सामने आया था. उस मामले में एक पुरुष और एक महिला को विवाहेतर संबंध बनाने का दोषी पाया गया था और उन्हें धार्मिक गुरुओं और स्थानीय तालिबान अधिकारियों की मौजूदगी में लोगों के सामने 100-100 बार कोड़े लगाए गए थे.
प्रतिशोध का अधिकार
दिसंबर 2022 में तालिबान के अधिकारियों ने हत्या के दोषी पाए गए एक व्यक्ति को मौत की सजा दे दी थी. फाराह राज्य में तालिबान के आदेश पर सैकड़ों लोगों के सामने मृतक के पिता ने उस व्यक्ति को गोली मार दी थी.
तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद के नवंबर में न्यायाधीशों और उनके द्वारा इस्लामी कानून के इस्तेमाल को लेकर तालिबान के सर्वोच्च नेता मुल्ला हिबतुल्लाह अखुंदजादा की बातों को ट्वीट किया था. उसके बाद से देश में शारीरिक दंड के मामलों में बढ़ोतरी आई है.
पिछले हफ्ते जारी किए गए एक वीडियो मैसेज में तालिबान के उप मुख्य न्यायाधीश अब्दुल मालिक हक्कानी ने यह भी कहा कि तालिबान के सुप्रीम कोर्ट ने सत्ता हासिल करने के बाद प्रतिशोध के 175 फैसलेदिए हैं, जिनमें पीड़ित या उसके रिश्तेदार को अपराध करने वाले को सजा देने का अधिकार दिया जाता है.
हक्कानी के मुताबिक इन 175 फैसलों में 'फ्लॉगिंग' के 79 मामले और पत्थर से मारने के 37 मामले शामिल हैं. 2001 में अमेरिका के हमले के बाद सत्ता से बाहर हो जाने के बाद भी तालिबान ने उन इलाकों में इस तरह की सजा जारी राखी जहां उसका नियंत्रण था.
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 2010 से अगस्त 2021 के बीच तालिबान ने इस तरह के 182 फैसले दिए, जिनकी वजह से 213 लोगों की मौत हुई और 64 लोग घायल हुए.
सीके/एए (एपी, डीपीए)
गाजा सिटी, 9 मई। इजराइल की सेना ने मंगलवार तड़के गाजा पट्टी में ‘इस्लामिक जिहाद’ संगठन के ठिकानों पर हमले किए। इजराइल की सेना ने यह जानकारी दी। वहीं, संगठन ने कहा कि इस हमले में उसके तीन वरिष्ठ कमांडर और उनके परिवार के सदस्य मारे गए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि गाजा शहर में एक अपार्टमेंट की सबसे ऊपरी मंजिल और दक्षिणी शहर राफा में एक घर में विस्फोट हुआ। आतंकवादी प्रशिक्षण स्थलों को निशाना बनाते हुए तड़के हवाई हमले जारी रहे।
फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हवाई हमलों में कई लोग मारे गए और घायल हुए लेकिन उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया। इस्लामिक जिहाद ने कहा कि तीन कमांडरों की पत्नियां और उनके कई बच्चे भी मारे गए।
इजराइली सेना ने कहा कि हवाई बमबारी ईरान समर्थित संगठन के तीन वरिष्ठ कमांडरों के आवासों को निशाना बनाकर की गई थी। इजराइली सेना ने कहा कि तीनों इजराइल की ओर हाल में रॉकेट दागने के लिए जिम्मेदार थे।
इस्लामिक जिहाद ने इसकी पुष्टि की और बताया कि हमले में तीन कमांडर मारे गए हैं।
एपी सुरभि प्रशांत प्रशांत 0905 0911 गाजासिटी (एपी)
नयी दिल्ली, 9 मई। फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को भारत की सॉवरेन रेटिंग के परिदृश्य को स्थिर बताते हुए कहा कि देश में सुदृढ़ वृद्धि परिदृश्य बना हुआ है।
उसने एक बयान में कहा, ‘‘फिच रेटिंग्स ने भारत की दीर्घकालिक विदेशी-मुद्रा जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग (आईडीआर) को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी-’ पर रखा है।’’
फिच रेटिंग्स ने कहा कि सॉवरेन रेटिंग के लिए मजबूत वृद्धि क्षमता एक महत्वपूर्ण कारक है।
उसने कहा, ‘‘भारत की रेटिंग अन्य समकक्षों की तुलना में मजबूत वृद्धि परिदृश्य और बाहरी वित्तीय लचीलापन दर्शाती है जिसने भारत को पिछले वर्ष में बड़े बाहरी झटकों से पार पाने में मदद की है।’’
एजेंसी ने अगस्त 2006 से भारत की रेटिंग को ‘‘बीबीबी-’’ पर रखा है जो सबसे कम निवेश ग्रेड रेटिंग है।
अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां विभिन्न देशों की सरकारों की उधार चुकाने की क्षमता के आधार पर ‘सॉवरेन रेटिंग’ तय करती हैं। इसके लिए वह अर्थव्यवस्था, बाजार और राजनीतिक जोखिम को आधार मानती हैं। रेटिंग यह बताती है कि एक देश भविष्य में अपनी देनदारियों को चुका सकेगा या नहीं?
आमतौर पर पूरी दुनिया में स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी), फिच और मूडीज इन्वेस्टर्स ही सॉवरेन रेटिंग तय करती हैं। (भाषा)
इस्लामाबाद, 9 मई । पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के अध्यक्ष इमरान ख़ान ने पाकिस्तान सेना के मीडिया विंग आईएसपीआर पर पलटवार किया है.
इमरान ख़ान ने कहा कि भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने से संस्थाएं मजबूत होती हैं.
उन्होंने फिर से सेना के वरिष्ठ अधिकारी जनरल फैसल नसीर पर आरोपों को दोहराते हुए कहा कि जब भी जांच होगी मैं साबित कर दूंगा कि यह वही आदमी था जिसने मेरा कत्ल करवाने की कोशिश की.
इमरान ख़ान ने कहा, "आईएसपीआर साहब, मेरी बात गौर से सुनो. इज्जत कौम में हर शहरी की होनी चाहिए. इस वक्त कौम की सबसे बड़ी पार्टी का अध्यक्ष हूं. पचास साल से लोग मुझे जानते हैं. मुझे झूठ बोलने की जरूरत नहीं है. इस आदमी ने दो बार मेरा कत्ल करने की कोशिश की. जब भी जांच होगी मैं साबित करूंगा कि ये वो आदमी थी. और इस आदमी के साथ कई लोग हैं."
ख़ान के आरोपों को आईएसपीआर ने खारिज करते हुए कहा था कि वे अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए पिछले एक साल से सेना और खुफिया अधिकारियों को बदनाम कर रहे हैं. विभाग ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है.
'गुलामी से मौत बेहतर'
इमरान ख़ान ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री होते हुए भी वे एफआईआर दर्ज नहीं करवा पाए.
उन्होंने कहा, "आईएसपीआर साहब जब एक इदारा अपनी काली भेड़ों के खिलाफ एक्शन लेता है तो वो अपनी क्रेडिबिलिटी बेहतर करता है. जो संस्था भ्रष्टाचारियों और गलत काम करने वालों को पकड़ता है तो उसका क्रेडिबिलिटी मजबूत होती है."
इमरान ख़ान ने कहा, "मैं मानसिक रूप से तैयार हूं. अगर आपको जेल में डालना है तो मैं तैयार हूं. ये जो डर्टी हैरी ने प्लान बनाया हुआ है. इसके साथ पूरा टोला है. सबको पता है कौन इसके साथ है. अगर इनके हाथ में मेरी जान जानी है तो मैं उसके लिए भी तैयार हूं."
उन्होंने कहा, "ये भी हो सकता है कि जो श्रीलंका में जो हालात थे, आज ब्लूमबर्ग कहता है, दुनिया कहती है कि पाकिस्तानी के उससे ज्यादा बुरे हाल हो चुके हैं. अगर ये कौम फट गई तो आपको खुद को छुपाते फिरेंगे."
इमरान ने कहा, "अगर इन चोरों, डाकुओं और इन डफरों की गुलामी करनी पड़े तो मैं अल्लाह से दुआ करता हूं कि मुझे ऊपर ले जाए. इनकी गुलामी से मौत बेहतर है." (bbc.com)
खार्तूम, 9 मई | सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्टिव फोर्स (आरएसएफ) के बीच बातचीत के बावजूद राजधानी खार्तूम में सशस्त्र संघर्ष अभी भी जारी है। एसएएफ कमांडर अब्देल फत्ताह अल-बुरहान ने सोमवार को एक फोन साक्षात्कार में मिस्र के अल काहेरा न्यूज को बताया कि खार्तूम को छोड़कर पूरे सूडान में स्थिति ठीक है।
खार्तूम में स्थायी युद्धविराम पर पहुंचने के बाद हम किसी समझौते पर चर्चा कर सकते हैं। बुरहान को यह कहते हुए उद्धृत किया गया कि अगर खार्तूम में विभाजन होता है तो युद्ध सूडान के बाकी हिस्सों में फैल सकता है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने सोमवार को एक बयान में एसएएफ के हवाले से कहा, हमारी सेना बाहरी (खार्तूम उत्तर) में विद्रोही मिलिशिया के एक समूह से भिड़ गई और चार सशस्त्र वाहनों को नष्ट कर दिया, जबकि दुश्मन भाग गए।
खार्तूम में मंगलवार को भी सुबह-सुबह गोलियों की आवाज सुनी जा सकती है। खार्तूम में एक समाचार एजेंसी शिन्हुआ के संवाददाता के अनुसार, सशस्त्र बलों के लड़ाकू विमानों ने शहर के ऊपर उड़ान भरी और आरएसएफ ने जवाब में एंटी-एयरक्राफ्ट गन्स दागीं।
एसएएफ ने आरएसएफ सैनिकों पर बैंकों और दुकानों को लूटने का आरोप लगाया, साथ ही नागरिकों के घरों में धावा बोलने और आवासीय इलाकों में उनकी संपत्तियों को लूटने का आरोप लगाया, जहां आरएसएफ के लड़ाके तैनात हैं।
एसएएफ ने नागरिकों को संघर्ष क्षेत्रों से दूर रहने और किसी भी अज्ञात धातु की वस्तु के पास जाने से बचने की चेतावनी दी, जब तक कि तकनीकी दल उनसे निपटने के लिए नहीं आते।
इस बीच, सऊदी अरब के एक अनाम राजनयिक ने सोमवार को मीडिया को बताया कि जेद्दा में दो युद्धरत पक्षों के बीच बातचीत तीसरे दिन में प्रवेश कर चुकी है, लेकिन कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई है।
संघर्ष शुरू होने के बाद से, खार्तूम में युद्धग्रस्त क्षेत्रों को बिजली, पानी की आपूर्ति और संचार से काट दिया गया है। लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं, वे जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं और चिकित्सा सेवाओं की भारी कमी से जूझ रहे हैं।
सूडान 15 अप्रैल से राजधानी शहर खार्तूम और अन्य क्षेत्रों में एसएएफ और आरएसएफ के बीच घातक सशस्त्र संघर्ष देख रहा है, दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर संघर्ष शुरू करने का आरोप लगाया है।
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, हजारों सूडानी नागरिक विस्थापित हो गए हैं या पड़ोसी देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं।
सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मई की शुरूआत में प्रदान की गई हताहतों की संख्या के अनुसार, संघर्ष में कम से कम 550 लोग मारे गए, और अन्य 4,926 लोग घायल हुए। (आईएएनएस)
इसराइल, 9 मई । इसराइल के युद्धक विमानों ने एक बार फिर से गज़ा पट्टी पर बमबारी की है.
इसराइली सेना ने इस्लामिक जिहाद संगठन के नेताओं को निशाना बनाने के लिए ऑपरेशन शील्ड एंड एरो की शुरुआत की.
सेना के मुताबिक उन्होंने तीन इस्लामिक जिहाद कमांडर को मार दिया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक भी इस हमले में तीनों नेता मारे गए हैं.
फ़लस्तीन अधिकारियों ने भी तीन वरिष्ठ कमांडरों के मारे जाने की पुष्टि की है.
इसराइली सेना ने इनकी पहचान खलील बहतीनी, जाहेद अहनम और वेस्ट बैंक में तारेक एज़्ज़दीन के रूप में पहचान की है.
एएफ़पी के पत्रकारों के अनुसार, हवाई हमले, स्थानीय समयानुसार दोपहर 2 बजे के बाद शुरू हुए. (bbc.com)
कनाडा की सरकार ने टोरंटो स्थित एक चीनी राजनयिक को निष्कासित कर दिया है.
चीनी राजनयिक पर संसद के एक सदस्य को डराने-धमकाने की योजना में कथित रूप से शामिल होने का आरोप है.
सांसद माइकल चोंग ने चीन पर मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया था जिसके बाद चीन कथित रूप से उन्हें और हॉन्ग कॉन्ग में उनके रिश्तेदारों को परेशान करने की कोशिशें कर रहा है.
विदेश मंत्री मेलानी जोली ने सोमवार को एक बयान में कहा कि राजनयिक चाओ वेई की ज़रूरत नहीं है.
कनाडा की राजधानी ओटावा में चीन के दूतावास ने राजनयिक के निष्कासन की निंदा की है.
ग्लोब एंड मेल अख़बार में कनाडा की एक खुफिया रिपोर्ट छपने के बाद सरकार ने यह क़दम उठाया है. रिपोर्ट में राजनयिक चाओ वेई पर 51 साल के माइकल चोंग के बारे में जानकारी जमा करने में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.
कनाडा की जासूसी एजेंसी का मानना है, उन्होंने हॉन्ग कॉन्ग में चोंग के रिश्तेदारों के बारे में जानकारियां भी मांगी थीं.
माइकल चोंग ने 2021 में संसद में एक प्रस्ताव रखा था जिसमें वीगर मुसलमानों के साथ चीनी व्यवहार को नरसंहार बताया गया था. चीन ने इन आरोपों का खंडन करते हुए चोंग पर प्रतिबंध लगा दिया था.
कनाडा की विदेश मंत्री का कहना है कि देश के आंतरिक मामलों में किसी भी तरह के विदेशी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि राजनयिक को निष्कासित करने का फैसला काफ़ी सोच समझकर लिया गया है.
जोली ने सोमवार को कहा कि कनाडा "हमारे आंतरिक मामलों में किसी भी प्रकार के विदेशी हस्तक्षेप. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान सेना के मीडिया विंग आईएसपीआर ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के अध्यक्ष इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.
आईएसपीआर का कहना है कि इमरान ख़ान ने बिना किसी सबूत के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के ख़िलाफ़ बेहद ग़ैर ज़िम्मेदाराना और निराधार आरोप लगाए हैं.
बयान में कहा गया है कि पिछले एक साल से पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों के ख़िलाफ़ अपने राजनीतिक हित साधने के लिए सनसनीखेज तरीक़े से प्रचार किया जा रहा है.
इमरान ख़ान ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि पूरे पाकिस्तान को जनरल फैसल नसीर का नाम याद रखना चाहिए, अगर उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए फैसल नसीर ज़िम्मेदार होंगे.
नवंबर 2022 में इमरान ख़ान पर हुए जानलेवा हमला हुआ था. हमले के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए भी इमरान ख़ान ने कहा था, "तीन लोगों ने उनकी हत्या की साजिश रची हुई है. इनमें गृह मंत्री सनाउल्लाह खां, प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ और मेजर जनरल फ़ैसल नसीर शामिल हैं."
मेजर जनरल फ़ैसल कौन हैं?
सेना के अधिकारी फ़ैसल नसीर को हाल ही में मेजर जनरल के पद पर तरक़्क़ी दी गई थी जिसके बाद वह अगस्त में पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई में शामिल हुए हैं.
वह आईएसआई की इंटरनल विंग जिसे आम तौर पर 'पॉलिटिकल विंग' या सिर्फ 'सी-विंग' भी कहा जाता है, उसकी कमान संभाल रहे हैं.
इस पद को आमतौर पर 'डीजी सी' कहा जाता है. ग़ौरतलब है कि इसका मतलब 'काउंटर इंटेलिजेंस' नहीं है बल्कि यह सिर्फ़ एक अक्षर के तौर पर इस्तेमाल होता है. आईएसआई में इसके अलावा डीजी ए, बी आदि जैसे संक्षिप्त अक्षर भी इस्तेमाल होते हैं.
काउंटर इंटेलिजेंस या सीआई ब्यूरो एक अलग निदेशालय है जिसके मातहत राजनीतिक विंग समेत कई विभाग आते हैं. आईएसआई के पूर्व प्रमुख लेफ़्टिनेंट जनरल फ़ैज़ हमीद भी बतौर मेजर जनरल इस पद पर तैनात रहे थे.
मेजर जनरल फ़ैसल नसीर ने सेना की पंजाब रेजीमेंट में कमीशन हासिल किया था. अपने करियर के शुरुआती दौर में ही वह कोर ऑफ़ मिलिट्री इंटेलिजेंस में चले गए थे जिसके बाद उनका करियर इंटेलिजेंस असाइनमेंट तक रहा है.
और यही कारण है कि उनके बारे में बहुत अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. वह अपने करियर के दौरान अशांत क्षेत्रों में तैनात रहे और महत्वपूर्ण इंटेलिजेंस आधारित अभियानों का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने पिछले दो दशकों के दौरान मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादियों को मारा या गिरफ़्तार किया. (bbc.com/hindi)
कीव, 8 मई। यूक्रेन ने कीव के ऊपर ईरान में निर्मित 35 ड्रोन मार गिराए। दूसरी ओर यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में रूस के हमलों में चार लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
कीव शहर सैन्य प्रशासन के प्रमुख सेर्ही पोपको के मुताबिक, ड्रोन का मलबा गिरने से राजधानी में पांच लोग घायल हो गए। रात के दौरान तीन घंटे से अधिक समय तक हवाई हमले का अलार्म बजता रहा।
कीव के मेयर विताली क्लित्सको ने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में कहा कि ड्रोन का मलबा कीव के पश्चिमी सिवातोशिन्स्की जिले में दो मंजिला इमारत पर गिरा, जबकि शेष मलबा पास में खड़ी एक कार पर गिरा, जिससे उसमें आग लग गई।
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन के उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में 127 ठिकानों पर रूसी गोलाबारी में तीन लोगों की मौत हो गई।
अधिकारियों ने कहा कि रूस के लंबी दूरी के बमवर्षकों ने यूक्रेन के दक्षिणी ओडेसा क्षेत्र में आठ क्रूज मिसाइलें दागीं। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन व्यक्ति घायल हो गए। (एपी)
इस्लामाबाद, 8 मई संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज होने के बाद से सार्वजनिक मृत्युदंड देने, कोड़े मारने और पत्थर मारने की सजा के लिए सोमवार को तालिबान की कड़ी आलोचना की गयी और देश के शासकों से इस तरह की गतिविधियों को रोकने को कहा गया।
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले छह महीने में ही अफगानिस्तान में सार्वजनिक रूप से 274 पुरुषों, 58 महिलाओं और दो लड़कों को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे गये।
एजेंसी की मानवाधिकार प्रमुख फियोना फ्रेजर ने कहा, ‘‘शारीरिक दंड देना, प्रताड़ना के खिलाफ समझौते का उल्लंघन है और इसे रोका जाना चाहिए।’’
उन्होंने मृत्युदंड पर तत्काल पाबंदी की मांग की।
तालिबान के विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि अफगानिस्तान के कानून इस्लामी नियमों और दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं और बड़ी संख्या में अफगान नागरिक इन नियमों को मानते हैं।
उसने एक बयान में कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और इस्लामी कानून के बीच टकराव की स्थिति में सरकार इस्लामी कानून का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
तालिबान ने करीब दो साल पहले अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज होने के कुछ ही समय बाद इस तरह की सजा देना शुरू कर दिया था। जबकि उसने 1990 के दशक के अपने कार्यकाल की तुलना में अधिक उदार नियम अपनाने का वादा किया था।
संयुक्त राष्ट्र की सोमवार को जारी रिपोर्ट में अगस्त 2021 में सत्ता में आने से पहले और बाद, दोनों समय तालिबानी गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के सत्ता में आने के बाद सार्वजनिक रूप से कोड़े मारने की पहली सजा अक्टूबर 2021 में उत्तरी कापिसा प्रांत में दी गयी। इसके अनुसार इस मामले में व्यभिचार के दोषी एक महिला और पुरुष को मौलवियों और स्थानीय अधिकारियों की मौजूदगी में 100-100 कोड़े मारे गये थे।
तालिबान के ओहदेदारों ने दिसंबर 2022 में हत्या के एक दोषी को मौत की सजा दी। रिपोर्ट के अनुसार तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद सार्वजनिक मृत्युदंड का यह पहला मामला था।
पीड़ित के पिता की राइफल से ही इस सजा को अंजाम दिया गया और यह मौलवियों तथा तालिबान अधिकारियों के सामने पश्चिमी फराह प्रांत में हुआ।
सरकार के शीर्ष प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि सजा देने का फैसला बहुत सोच-समझकर किया गया और इसे देश की तीन सर्वोच्च अदालतों तथा तालिबान के सर्वोच्च नेता मुल्ला हिबातुल्ला अखुंदजादा की मंजूरी थी। (एपी)
लंदन, 8 मई। अभिनेत्री सोनम कपूर ने महाराजा चार्ल्स तृतीय और महारानी कैमिला की ताजपोशी के समारोह में आयोजित कंसर्ट में राष्ट्रमंडल पर भाषण दिया।
रविवार शाम को विंडसर कैसल में आयोजित इस समारोह में कैटी पेरी और टेक दैट जैसे पॉप सितारों ने प्रस्तुति दीं।
अनामिका खन्ना और एमिला विकस्टीड द्वारा तैयार परिधान पहन कर समारोह में शामिल हुईं सोनम ने अपने भाषण की शुरुआत ‘नमस्ते’ के संबोधन से की।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा राष्ट्रमंडल एक संघ है। हम मिलकर दुनिया की आबादी का एक तिहाई हैं। दुनिया के समुद्री क्षेत्र का एक तिहाई हैं। दुनिया के भूभाग का एक चौथाई हैं।’’
सोनम (37) ने कहा, ‘‘हमारा प्रत्येक देश खास है, हमारे लोग खास हैं। हम अपने इतिहास से सीखते हुए एक होकर खड़े हैं। हम अपनी विविधता और अपने मूल्यों से परिपूर्ण हैं और सभी के लिए एक अधिक शांतिपूर्ण, टिकाऊ और समृद्ध भविष्य बनाने के लिए दृढ़-संकल्पित हैं जहां सभी की बात सुनी जाए।’’
इसके बाद उन्होंने प्रख्यात संगीतकार स्टीव विनवुड के साथ राष्ट्रमंडल के 56 देशों के कलाकारों द्वारा तैयार राष्ट्रमंडल के वर्चुअल गायक मंडल को प्रस्तुत किया।
सोनम राज्याभिषेक समारोह में अपने उद्यमी पति आनंद आहूजा के साथ शामिल हुईं।
आने वाली फिल्म ‘ब्लाइंड’ में काम कर रहीं सोनम ने इंस्टाग्राम पर समारोह की कुछ तस्वीर साझा कीं। (भाषा)