खेल
टोक्यो, 25 जुलाई | भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल का कहना है कि उनकी टीम को जर्मनी के खिलाफ सोमवार को टोक्यो ओलंपिक में होने वाले पूल ए के मुकाबले में अपना कौशल वापस प्राप्त करने की जरूरत है। रानी ने कहा कि उनकी टीम को भले ही शनिवार को नीदरलैंड के खिलाफ 1-5 से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इससे टीम को कई सकारात्मक बातें जानने मिली और टीम को टोक्यो ओलंपिक में अपने दूसरे मैच में इन गलतियों को सुधारने का मौका मिलेगा।
भारत को जहां नीदरलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था, वहीं जर्मनी को रविवार को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ अपने पहले मैच में 2-1 से जीत मिली।
रानी ने जर्मनी के खिलाफ मैच की पूर्व संध्या पर कहा, "हमें पहले मैच से कुछ सकारात्मक चीजें सीखने को मिली। हमने पहले हॉफ में आक्रामक हॉकी खेला। हमने कई मौके भुनाए और पहले क्वार्टर में इसे एक गोल में भी बदला। हमने विश्व की बेहतरीन टीम के खिलाफ कई मौकों पर संतुलन रखा जिससे हमारा मनोबल बढ़ेगा।"
उन्होंने कहा, "जर्मनी की टीम भी काफी बेहतरीन है। हमने अपने खेल में शीर्ष पर रहना है। हमने उन गलतियों को देखा है जो हमने पहले मुकाबले में की और हम इसे अपने अगले मुकाबले में सुधारेंगे। हमें बस सकारात्मक रहना है और अपने कौशल को वापस प्राप्त करना है।" (आईएएनएस)
टोक्यो, 25 जुलाई | सानिया मिर्जा और अंकिता रैना की भारतीय जोड़ी टोक्यो ओलंपिक में महिला युगल के पहले दौर में बाहर हो गई। सानिया और अंकिता रविवार को एरियाके टेनिस पार्क में यूक्रेन की किचेनोक बहनों- ल्यूडमिला और नादिया से 0-6, 7-6(0) 10-8 से हार गईं, जिससे उनके अभियान का आगाज होते ही अंत हो गया।
सानिया और अंकिता ने बीच में ही मैच पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया था, लेकिन यूक्रेनियन जोड़ी को वापसी करने की अनुमति दी और अंत में मैच गंवा बैठीं।
भारतीय जोड़ी ने पहला सेट 21 मिनट में 6-0 से जीत लिया था, जिससे बहनों को ब्रेक-इन की कोई गुंजाइश नहीं थी। दूसरे सेट में सानिया और अंकिता 5-3 से आगे चल रही थीं, इससे पहले कि स्क्रिप्ट में ट्विस्ट आए यूक्रेनियन जोड़ी ने सानिया की सर्विस को तोड़कर वापसी की और सेट को टाई-ब्रेक पर ले गइ। इसे उन्होंने प्रभावशाली ढंग से 7-0 से जीत लिया, जिससे तीसरा सेट निर्णायक हो गया।
सुपर टाई-ब्रेकर में, सानिया और अंकिता सनसनीखेज रूप से लड़खड़ाती दिख रही थीं। यगही कारण है कि भारतीय जोड़ी 0-8 से नीचे चली गईं। लेकिन भारतीय जोड़ी ने वापसी की और स्कोर को 8-8 से बराबर कर कर लिया।
किचेनोक बहनों ने हालांकि अंतिम दो निर्णायक अंक हासिल कर सुपर टाई-ब्रेकर को 10-8 से अपने नाम किया और इसी के साथ मैच भी जीत लिया।
सानिया और अंकिता के समय से पहले बाहर होने के बाद अब सुमित नागल के रूप में टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए एकमात्र टेनिस उम्मीद बची हुई है। पहले दौर में उज्बेकिस्तान के डेनिस इस्तोमिन को हराकर नागल दूसरे दौर में आरओसी के दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी डेनियल मेदवेदेव से भिड़ेंगे। (आईएएनएस)
टोक्यो, 23 जुलाई। मनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम बहुप्रतीक्षित ओलंपिक खेलों में ग्रुप चरण में अपने अभियान की सतर्क शुरूआत करेगी। भारत को शनिवार को अपने पहले पूल ए मैच में शनिवार को डार्क हॉर्स माने जा रहे न्यूजीलैंड से भिडऩा है।
गत ओलिंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना, दुर्जेय ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, स्पेन और जापान के साथ समूहबद्ध, विश्व नंबर-4 भारत का लक्ष्य क्वार्टर फाइनल में स्थान सुनिश्चित करना होगा।
रेडी स्टेडी टोक्यो हॉकी स्टेडियम में खेलते हुए भारत ने 2019 में टेस्ट इवेंट फाइनल में न्यूजीलैंड को 5-0 से हराया था। हालांकि, राउंड रोबिन चरण में न्यूजीलैंड ने 2-1 की संकीर्ण जीत के साथ भारत को शिकस्त दी थी। शुक्रवार को उद्घाटन समारोह में भारत के ध्वजवाहक मनप्रीत सिंह ने कहा, वे एक ऐसी टीम हैं जिससे हमें सावधान रहने की जरूरत है। टीम को बुनियादी बातों पर टिके रहना चाहिए।
यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपनी योजनाओं को ठीक से क्रियान्वित करें और खेल के किसी भी बिंदु पर आत्मसंतुष्ट न हों।
अपनी टीम के लिए मनप्रीत की चेतावनी इस टीम के खिलाफ खेलने के पिछले अनुभवों से भी आती है, जिसका नेतृत्व अनुभवी ब्लेयर टैरेंट करेंगे, जिनके पास 217 अंतरराष्ट्रीय कैप हैं। 2018 में, जब न्यूजीलैंड ने भुवनेश्वर में एफअर्क्षएच पुरुष विश्व कप से पहले भारत का दौरा किया, तो भारत ने इस टीम के खिलाफ काफी जीत (4-0, 3-1, 4-2) का स्वाद चखा था, लेकिन महत्वपूर्ण 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में 2-3 से हार गया था।
भारत के मुख्य कोच ग्राहम रीड ने कहा, न्यूजीलैंड एक बहुत अच्छी टीम है, और जिस तरह से वे खेलते हैं, उसके लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है। वे मानसिक रूप से बहुत सख्त हैं, और वे कभी हार नहीं मानते हैं। उनका यह रवैया उन्हें एक खतरनाक प्रतिद्वंद्वी बनाता है। उनके पास बहुत कुशल फॉरवर्ड लाइन है और ओलंपिक में ईमानदारी से, विश्व रैंकिंग वास्तव में मायने नहीं रखती है। इसलिए, हमारे लिए शनिवार को अच्छी शुरूआत करना महत्वपूर्ण होगा। (आईएएनएस)
टोक्यो ओलंपिक गेम्स शुक्रवार से शुरू हो रहे हैं और अभी तक इन खेल आयोजनों से जुड़े 80 से अधिक लोगों का कोविड टेस्ट पॉज़ीटिव आ चुका है. कोविड की चिंता के बीच जापान ने खेलों के आयोजन की कैसे की है तैयारी और क्या-क्या किए हैं बचाव के उपाय, आइए जानते हैं.
ओलंपिक में कितने मामले?
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने जो आंकड़े जमा किये हैं उनसे पता चलता है कि 21 जुलाई तक कोविड संक्रमण के 91 मामले दर्ज किये गए हैं.
इसमें न केवल एथलीट, बल्कि ओलंपिक आयोजन समिति के कर्मचारी, राष्ट्रीय समितियों के सदस्य, कॉन्ट्रैक्टर और अन्य कर्मचारी, वॉलंटियर शामिल हैं. इनमें कुछ मीडिया सदस्य भी शामिल हैं.
अधिकांश मामले ओलंपिक स्थलों पर काम करने वाले जापानी कॉन्ट्रैक्टरों में मिले हैं, हालांकि, कुछ एथलीट्स की रिपोर्ट भी पॉज़िटिव मिली है.
प्रतियोगियों और अधिकारियों दोनों के लिए वेन्यू के भीतर सख़्त कोविड नियम हैं. इसके अलावा एथलीट्स और दूसरे लोगों की तो हर रोज़ जांच की जा रही है.
क्या जापान में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं?
मई के मध्य में जापान में कोरोना मामले चरम पर थे और जून के आख़िरी दिनों से यहां संक्रमण के नए मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं.
21 जुलाई को जापान में स्वास्थ्य मंत्रालय ने 4,933 नए मामले दर्ज किए हैं. पिछले दिन की तुलना में 1,190 मामले ज़्यादा हैं. नए मामलों का साप्ताहिक औसत भी पिछले सप्ताह के औसत से अधिक है.
हालांकि, हर रोज़ आने वाले संक्रमण के मामले अभी उस स्तर पर नहीं हैं जो मई में थे.
कोविड19 ओलंपिक को कैसे बदलेगा?
मेज़बान शहर टोक्यो है और विशेषज्ञों का कहना है कि खेलों को सुरक्षित रूप से आयोजित करने के लिए ज़रूरी है कि हर रोज़ आने वाले संक्रमण के मामलों की दर 100 से कम ही रहे.
मई के दूसरे हफ़्ते के बाद कोविड के मामलों में गिरावट आई और हर रोज़ 400 से कम मामले आने लगे. लेकिन संक्रमण के मामले एक बार फिर से बढ़ रहे हैं.
टोक्यो में आपातकाल लागू है. वहां और फ़ुकुशिमा में ओलंपिक कार्यक्रम दर्शकों के बिना हो रहे हैं.
मियागी और शिज़ुओका प्रांत में सीमित संख्या में दर्शकों को जाने की अनुमति होगी.
टोक्यो में बार और रेस्तरां के खुलने के लिए समय की सीमा तय होगी. इसके अलावा सर्विंग को लेकर भी नियम सख़्त होंगे.
राजधानी के निवासियों को भी ग़ैर-ज़रूरी यात्रा से बचने, मास्क पहनने और घर से ही काम करने की सलाह दी गई है.
19 जुलाई तक, देश की 35% से अधिक आबादी को कम से कम एक ख़ुराक़ लग चुकी है. वहीं 23% को वैक्सीन की पूरी डोज़ मिल चुकी है.
अमेरिका, फ़्रांस और जर्मनी में उनकी आबादी के 40% से 50% लोगों को वैक्सीन की पूरी डोज़ मिल चुकी है. ब्रिटेन में तो 53% लोगों का फ़ुल वैक्सीनेशन हो चुका है.
जापान ने अन्य विकसित देशों की तुलना में फ़रवरी में टीकाकरण अभियान शुरू किया था.
कुछ महीनों तक तो यहां सिर्फ़ फ़ाइज़र वैक्सीन को ही मान्यता थी.
इस प्रक्रिया में अधिक समय लगा क्योंकि जापान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए परीक्षणों के साथ-साथ अपने परीक्षण करने पर जोर दिया.
असाही शिंबन अख़बार के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि यह वैक्सीन में विश्वास पैदा करने के लिए किया गया था.
इसके अलावा साइड इफ़ेक्ट की चिंता के कारण भी लोगों में झिझक बढ़ी.
इंपीरियल कॉलेज लंदन ने 15 देशों पर अध्ययन किया जिसमें पाया गया कि जापान में कोरोना वायरस टीकों को लेकर लोगों में विश्वास की सबसे अधिक कमी थी.
इसके अलावा आपूर्ति की कमी और लॉजिस्टिक्स की समस्याओं के कारण भी टीकाकरण के कार्यक्रम में रुकावट आई.
जापानी क़ानून ने केवल डॉक्टरों और नर्सों को टीकाकरण करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन बाद में नियमों में ढील दी गई.
हर रोज़ लगने वाली खुराक़ की संख्या मई और लगभग जून में बढ़ी, लेकिन हाल के समय में इसमें दोबारा गिरावट आ गई है.
बीते साल जब महामारी ने दस्तक दी तो बहुत से देशों के विपरीत जापान ने ना तो अपने यहां सख़्त लॉकडाउन लागू किया और ना ही अपनी सीमाओं को पूरी तरह से बंद किया.
अप्रैल 2020 में सरकार ने आपातकाल की स्थिति की घोषणा की, हालांकि घर में रहने के दिशा-निर्देश स्वैच्छिक थे. गैर-आवश्यक व्यवसायों को बंद करने के लिए कहा गया था, लेकिन उसे नहीं मानने वालों के लिए दंड जैसा कुछ नहीं था.
कुछ देशों से आने वालों के लिए प्रतिबंध लागू किए गए थे और कुछ देशों को बाद में भी प्रतिबंधित किया गया था. फ़िलहाल 159 देशों (विशेष परिस्थितियों को छोड़कर) से प्रवेश वर्जित है.
जापान में एक बड़ी बुजुर्ग आबादी है और शहरी क्षेत्र बेहद घनी आबादी वाले हैं. बावजूद इसके शुरुआती दौर में जापान वायरस को नियंत्रित करने और मृत्यु दर को नियंत्रित रखने में अपेक्षाकृत सफल साबित हुआ.
ऐसा होने के पीछ कई तरह के सिद्धांत होने का दावा किया जा सकता है:-
मास्क पहनने जैसे सुरक्षा उपायों का सख़्ती से पालन
गले लगने, किस करने या फिर निकट शारीरिक संपर्क से परहेज़ के नियम का पालन
हृदय रोग, मोटापा और मधुमेह जैसी पुरानी बीमारी की कम दर
हालाँकि, पूरे 2020 में वायरस का प्रकोप था. देश भर में संक्रमण के मामले भी बाद में बढ़े और चरम पर भी पहुंच गए.
उस समय, सरकार को अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए घरेलू यात्रा को प्रोत्साहित करने वाले अभियान के लिए आलोचना का सामना भी करना पड़ा था. (bbc.com)
आज से टोक्यो ओलंपिक का आगाज़ हो गया है. भारत के 100 खिलाड़ियों ने ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया है.
ओलंपिक के पहले दिन तीरंदाजी में भारत के खिलाड़ी मैदान में उतर चुके हैं.
तीरंदाजी की शुरुआत भी हो चुकी है और भारतीय तीरंदाज दीपिका कुमारी ने महिला व्यक्तिगत योग्यता राउंड के बाद नौवां स्थान हासिल किया है. उन्होंने 663 प्वाइंट्स हासिल किए हैं.
अगले राउंड में दीपिका कुमारी का सामना भूटान की कर्मा से होगा जिन्होंने आज अपना सबसे बेहतरीन शॉट दिया है और 616 प्वाइंट हासिल किए.
वहीं, आज पुरुष व्यक्तिगत योग्तया राउंड में भारतीय तीरंदाज अतानु दास, तरुणदीप राय और प्रवीण जाधव भी मुक़ाबले में उतरेंगे. ये मुक़ाबला सुबह 9:30 बजे होगा.
भारत जिन खेलों में हिस्सा लेने वाला है उसमें शूटिंग, निशानेबाजी, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग, रेसलिंग, बैडमिंटन, घुड़सवारी, तलवारबाजी, गोल्फ, हॉकी, जूडो, नौकायान, रोइंग और जेवलीन थ्रो शामिल हैं.
ओलंपिक में 33 खेलों के 339 मुक़ाबले होंगे जो 42 जगहों पर आयोजित किए जाएंगे. (bbc.com)
जापान में ओलंपिक खेलों का उद्घाटन समारोह शुरू होने से एक दिन पहले इस कार्यक्रम के निदेशक केंटरो कोबायशी को बर्ख़ास्त कर दिया गया है.
हाल ही में कोबायशी का नब्बे के दशक में रिकॉर्ड किया गया वीडियो सामने आया है, जिसमें वे होलोकॉस्ट (नाज़ी जर्मनी में हुए नरसंहार) पर मज़ाक करते दिख रहे हैं.
जापान की ओलंपिक प्रमुख सीको हाशिमोतो ने कहा है कि इस वीडियो में "इतिहास के दर्दनाक तथ्यों" पर मज़ाक किया गया है.
ये बर्ख़ास्तगी टोक्यो ओलंपिक खेलों से जुड़े कई स्कैंडलों में सबसे ताजा स्कैंडल है.
पिछले साल कोविड-19 की वजह से आगे बढ़ाए गए टोक्यो-2020 ओलंपिक खेलों का आयोजन लगातार महामारी की वजह से पटरी से उतरने का जोख़िम झेल रहा था.
इस बीच साल 2021 की शुरुआत से अब तक तीन बड़े अधिकारियों को मजबूरन अपना पद छोड़ना पड़ा है.
पिछले हफ़्ते, समारोह की तैयारियों में लगे एक कंपोज़र को अपने पद से हटना पड़ा जब ये सामने आया कि वह स्कूल के दिनों में विकलांग बच्चों पर धौंस जमाया करते थे.
बीते मार्च महीने में, ओलंपिक खेलों के क्रिएटिव चीफ़ हिरोशी सासाकी ने सुझाव दिया कि प्लस-साइज़ कॉमेडियन नाओमी वटानाबे इस आयोजन के दौरान "ओलिंपिग" के रूप में दिख सकती हैं. उन्होंने इसके बाद अपने बयान के लिए माफ़ी माँग ली. लेकिन उन्हें अपने पद से हटना पड़ा.
इससे पहले फ़रवरी में आयोजक समिति के प्रमुख योशिरो मोरी को महिलाओं के प्रति "अनुचित" बयानबाज़ी करने के लिए अपने पद से हाथ धोना पड़ा था.
मोरी ने कथित तौर पर कहा था कि महिलाएं बहुत बातें करती हैं और अगर बोर्ड निदेशकों के पद पर ज़्यादा महिलाएं होंगी तो बोर्ड की बैठकों में "बहुत समय लगेगा."
क्यों हटाए गए कोबायशी
ताज़ा मामले में पूर्व कॉमेडियन कोबायशी 23 साल पहले किए गए एक स्कैच के लिए घनघोर निंदा का सामना कर रहे हैं. इस स्कैच (कॉमिक ड्रामा) में वह एक अन्य कॉमेडियन के साथ बच्चों का मनोरंजन करने वाले शख़्स के रूप में पेश हुए हैं.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक़, इस स्कैच में कोबायशी काग़ज़ की बनी कुछ गुड़ियों की ओर इशारा करते हुए अपने साथी कलाकार से कहते हैं, "ये वो हैं, जो उस समय से जुड़ी हैं, जब तुमने कहा था 'चलो होलोकॉस्ट खेलते हैं"
जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने इस बयान को "अपमानजनक और अस्वीकार्य" बताया है.
वहीं, अमरिकी होलोकॉस्ट रिसर्च संस्थान सिमन विसेंथल सेंटर से जुड़े रैबी अब्राहम कूपर ने बताया है, "कोई भी व्यक्ति चाहें कितना भी रचनात्मक क्यों न हो, उसे नाज़ी नरसंहार के पीड़ितों का मज़ाक उड़ाने का अधिकार नहीं है."
क्या बोले कोबायशी
कोबायशी ने भी खुद को बर्ख़ास्त किए जाने पर अपना पक्ष रखा है.
उन्होंने कहा, "मनोरंजन से लोग असहज नहीं होने चाहिए. मैं समझता हूं कि उस समय मैंने जिस बेवकूफ़ी के साथ शब्दों का चुनाव किया था वह ग़लत था. और मुझे इसके लिए ख़ेद है."
प्रधानमंत्री सुगा ने कहा है कि शुक्रवार का समारोह पहले की तरह योजनाबद्ध ढंग से आयोजित होगा जिससे दो हफ़्तों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता की आधिकारिक शुरुआत होगी.
आयोजनकर्ताओं पर संकट के बादल
हालांकि, कोबायशी को हटाए जाने के बाद आयोजनकर्ता ये समझने की कोशिश कर रहे हैं कि शुक्रवार के समारोह को किस तरह आयोजित किया जाए. जोख़िम कम रखने के लिए इस कार्यक्रम को स्टेडियम में सिर्फ 950 दर्शक देखेंगे.
वहीं, हाशीमोतो ने कहा, "अब जब ओलंपिक खेलों का उद्घाटन समारोह इतना निकट आ गया है, तब हम ओलंपिक आयोजन में शामिल लोगों, टोक्यो के नागरिकों और जापानी जनता को चिंता में डालने के लिए माफ़ी मांगते हैं."
इन स्कैंडलों की वजह से ओलंपिक खेलों से जुड़ी असहजता कम नहीं हुई है. टोक्यो 2020 ओलंपिक समिति के प्रमुख ने इस हफ़्ते ये स्वीकार किया है कि उन्होंने इस स्टेज़ पर भी खेलों को निरस्त करने का विकल्प ख़ारिज नहीं किया है.
सुपर-स्प्रेडर इवेंट बनने का जोख़िम
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, एक हालिया पोल में सामने आया है कि जापान में लगभग 55 फीसदी लोग ओलंपिक खेलों के आयोजन के पक्ष में नहीं है. क्योंकि लोगों को ये डर सता रहा है कि ये कार्यक्रम एक सुपर-स्प्रेडर इवेंट बन सकता है.
इन खेलों के आयोजक पहले ही तेजी से बढ़ते कोविड संक्रमण मामलों से जूझ रहे हैं. इस इवेंट से जुड़े कई अधिकारी और खिलाड़ी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं.
जापान की जनता में अब तक सिर्फ एक तिहाई लोगों को वैक्सीन लग सकी है. इसी बीच आम लोगों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने की वजह से खेलों के दौरान टोक्यो में स्टेट ऑफ़ इमरजेंसी यानी आपातकाल घोषित किया गया है.
हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया टेड्रोस अदनोम गेब्रियेसिस ने बुधवार को ओलंपिक खेलों के आयोजकों से कहा है कि अब तक उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ काम किया है लेकिन "ज़ीरो रिस्क" यानी जोख़िम रहित खेलों का आयोजन संभव नहीं था.
उन्होंने कहा, "सफ़लता का मतलब ये नहीं है कि अगले 15 दिनों में एक भी केस (संक्रमित व्यक्ति) सामने न आए. बल्कि सफलता का मतलब ये होगा कि किसी भी केस की पहचान की जाए, उन्हें अलग-थलग कर लिया जाए, ट्रेस किया जाए और जितना जल्दी हो सके, उतनी जल्दी मदद उपलब्ध कराई जाए."
बीते बुधवार को सॉफ़्टबॉल मैच में आयोजक देश जापान की जीत के साथ टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों का ख़ाता खुल चुका है. (bbc.com)
टोक्यो, 22 जुलाई| भारतीय टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल टोक्यो ओलंपिक खेलों में पुरुष एकल स्पर्धा के पहले दौर में उज्बेकिस्तान के डेनिस इस्तोमिन से भिड़ेंगे। बड़ी संख्या में खिलाड़ियों के हटने के बाद पिछले हफ्ते ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले नागल को गुरुवार को जारी ड्रा में दुनिया में 197वें स्थान पर काबिज उज्बेक से भिड़ना है।
दुनिया में 160वें नंबर के 23 वर्षीय नागल अगर यह मैच जीत जाते हैं तो उनका दूसरे दौर का मैच रूस के दूसरी वरीयता प्राप्त डेनियल मेदवेदेव से हो सकता है। आरओसी के झंडे तले खेल रहे मेदवेदेव अपने पहले दौर के मैच में कजाकिस्तान के एलेक्जेंडर बुब्लिक से भिड़ेंगे।
महिला युगल में सानिया मिर्जा और अंकिता रैना की भारतीय जोड़ी पहले दौर में यूक्रेन की किचेनोक ट्विन्स- नादिया और ल्यूडमिला से भिड़ेगी।
संयोग से, छह बार की ग्रैंड स्लैम चैंपियन सानिया ने 2020 में होबार्ट ओपन जीतने के लिए नादिया के साथ जोड़ी बनाई थी, जो मां बनने के बाद उनकी पहली टूर्नामेंट जीत थी।
पुरुष एकल में दुनिया के नंबर-1 सर्बिया के नोवाक जोकोविच, बोलीविया के ह्यूगो डेलियन के खिलाफ स्वर्ण पदक के लिए अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। स्थानीय स्टार नाओमी ओसाका अपने ओलंपिक अभियान की शुरूआत चीन की झेंग सैसाई के खिलाफ करेंगी।
ग्रेट ब्रिटेन के एंडी मरे, जो मौजूदा पुरुष एकल ओलंपिक विजेता हैं, पहले दौर में कनाडा के फेलिक्स ऑगर अलियासिम का सामना करेंगे। महिला एकल में दुनिया की नंबर-1 खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया की एशले बार्टी पहले दौर में स्पेन की सारा सोरिब्स टोरमो से भिड़ेंगी।
टोक्यो ओलंपिक में टेनिस प्रतियोगिताएं 24 जुलाई से शुरू होंगी और 1 अगस्त को एरिएक टेनिस पार्क में समाप्त होंगी। (आईएएनएस)
टोक्य, 22 जुलाई | टोक्यो ओलंपिक उद्घाटन समारोह में अधिक से अधिक 28 खिलाड़ी और अधिकारी हिस्सा लेंगे। भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र ध्रुव बत्रा ने गुरुवार को यह जानकारी दी। बत्रा के मुताबिक 23 जुलाई को होने वाले उद्घाटन समारोह में हॉकी से 1, मुक्केबाजी से 8, टेबल टेनिस से 4, रोविंग से 2, जिमनास्टिक से 1, तैराकी से 1, नौकायन से 4, तलवारबाजी से 1 खिलाड़ी होगा जबकि 6 अधिकारियों को भी इस सूची में शामिल किया गया है।
वैसे तो हाकी खिलाड़ी उद्घाटन समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे लेकिन चूंकी पुरुष टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ध्वजवाहक हैं, लिहाजा वह इसमें हिस्सा लेंगे। महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकोम भी ध्वजवाहक हैं और वह भी इस समारोह में हिस्सा लेंगी।
उद्घाटन समारोह में तीरंदाजी, जूडो, बैडमिंटन, भारोत्तोलन, टेनिस, हाकी (महिला एवं पुरुष) तथा शूटिंग से जुड़े खिलाड़ी शामिल नहीं होंगे। आईओए के मुताबिक चूंकी इन खेलों से जुड़े खिलाड़ियों के मैच 23 को या 24 को हैं और इसके लिए उन्हें तैयारी करनी होगी, लिहाजा इन्हें उद्घाटन समारोह से अलग रखा गया।
उद्घाटन समारोह का मार्च पास्ट जापानी वर्णमाला के अनुसार होगा और इस लिहाज से भारत का नम्बर 21वां होगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 जुलाई । भारतीय टीम के डिफेंडर संदेश झिंगन को एआईएफएफ पुरुष फुटबॉलर ऑफ द ईयर 2020-21 और मिडफील्डर सुरेश सिंह वांगजाम को पुरुष इमर्जिग फुटबॉलर ऑफ द ईयर 2020-21 का पुरस्कार मिला। दोनों खिलाडिय़ों को क्लब कोचों के वोटों के आधार पर यह अवॉर्ड दिया गया है। यह पहली बार है जब सेंट्रल डिफेंडर को प्लेयर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिला है। झिंगन को इससे पहले 2014 में इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर का पुरस्कार मिल चुका है।
झिंगन ने कहा, आईएसएल और आई लीग क्लब के कोचों के वोटों के आधार पर एआईएफएफ पुरुष फुटबॉलर ईयर चुना जाना मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है। इससे मुझे और बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी। मैं एआईएफएफ, अपने परिवार, टीम के साथी खिलाड़ी, सहायक स्टाफ और सभी कोचों का धन्यवाद देता हूं।
झिंगन ने 2015 में सीनियर राष्ट्रीय टीम में डेब्यू किया था। वह कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों में टीम का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने पांच बार सीनियर टीम की कमान भी संभाली है। झिंगन को 2020 में भारत सरकार से अर्जुन अवॉर्ड भी मिला था।
इस बीच, 20 वर्षीय सुरेश जिन्होंने इस साल ओमान के खिलाफ मुकाबले से सीनियर टीम में डेब्यू किया था, वह पुरुष इमर्जिग फुटबॉलर ऑफ द ईयर चुने गए हैं।
सरेश ने कहा, पुरुष इमर्जिग फुटबॉलर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिलना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं इसके लिए बहुत आभारी हूं। इससे मुझे भविष्य में सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा मिलेगी। (आईएएनएस)
मैनचेस्टर, 21 जुलाई। जैसन रॉय (64) की शानदार पारी और आदिल राशिद (4/35) की बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर इंग्लैंड ने यहां अमीरात ओल्ड ट्रेफोर्ड में खेले गए तीसरे टी20 मुकाबले में पाकिस्तान को तीन विकेट से हराकर तीन मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम की। पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए मोहम्मद रिजवान के 57 गेंदों पर पांच चौकों और तीन छक्कों के सहारे नाबाद 76 रन की बदौलत 20 ओवर में छह विकेट पर 154 रन बनाए।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की टीम ने जैसन के 36 गेंदों पर 12 चौकों और एक छक्के की मदद से 64 रनों की पारी के दम पर 19.4 ओवर में सात विकेट पर 155 रन बनाकर मैच जीता।
पाकिस्तान की तरफ से मोहम्मद हफीज ने तीन विकेट लिए जबकि इमाद वसीम, हसन अली, उस्मान कादिर और शादाब खान को एक-एक विकेट मिला।
लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की टीम में जैसन के अलावा डेविड मलान ने 31, जोस बटलर ने 21 और कप्तान इयोन मोर्गन ने 21 रनों का योगदान दिया।
पाकिस्तान की पारी में रिजवान के अलावा फखर जमान ने 24, सोहेब मकसूद ने 13 और कप्तान बाबर आजम ने 11 रन बनाए जबकि हसन अली ने नाबाद 15 रन बनाए।
इंग्लैंड की ओर से आदिल के अलावा मोइन अली ने एक विकेट लिया। (आईएएनएस)
केन्या की राजधानी नैरोबी की मलिन बस्तियों में लड़कियां और महिलाएं बॉक्सिंग सीख अपनी किस्मत चमका रही हैं. 14 सालों में तीन हजार से अधिक लड़कियों ने इस खेल को खेलना सिखा है.
केन्या की राजधानी नैरोबी की मलिन बस्तियों के सामुदायिक केंद्र के बाहर से गुजरने वाले लोगों का ध्यान चमड़े के दस्तानों की तेज आवाजें आकर्षित करती हैं. उत्तरी करियोबंगी में स्थित सामुदायिक केंद्र में महिलाएं और लड़कियां मुक्केबाजी के दांव-पेंच सीख रही हैं. इनके कोच का नाम अल्फ्रेड एनालो अंजेरे है, जिन्होंने बॉक्सगर्ल्स केन्या की स्थापनी की है.
14 सालों में तीन हजार से अधिक लड़कियों और महिलाओं ने इस केंद्र में खेल को खेलना सिखा है, केंद्र की जर्जर दीवारों को कार्टून कैरेक्टर एस्टेरिक्स की एक फीकी तस्वीर और बॉक्सिंग दस्ताने सजाती है. बॉक्सिंग सीखने वाली सभी महिलाओं की कहानी करीब-करीब एक जैसी ही है. वे अपने इलाकों की कठोर परिस्थितियों से निपटना चाहती हैं और उस गरीबी से लड़ना चाहती हैं जो उनके जीवना का आम हिस्सा है.
प्रोफेशनल बॉक्सर बन चुकी 34 साल की सारा एचियांग कहती हैं, "एक दिन, जब मैं जॉगिंग करने जा रही थी, एक आदमी कहीं से आया और मुझे थप्पड़ मारकर भाग गया. इसलिए मैं वापस जिम जाने लगी और कौशल हासिल कर उस शख्स से बदला लेना चाहती थी." बॉक्सगर्ल्स केन्या में अधिकांश के लिए बॉक्सिंग खाली समय में खेलने वाला खेल है, लेकिन कई लड़कियां इस खेल को अपनाकर बतौर पेशेवर खिलाड़ी बन गई हैं.
स्लम की लड़कियों को सलाम
कुछ लड़कियां ने ओलंपिक में भी जगह बनाई है जैसे एलिजाबेथ एंडिएगो, जिन्होंने 2012 में लंदन खेलों में भाग लिया था. क्रिस्टीन ओंगारे इस साल टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा ले रही हैं. अंजेरे जिन्हें "पादरी" कहकर भी बुलाया जाता है, कहते हैं कि वे मुक्केबाजी को एक बदले के रूप में नहीं देखना चाहते. अंजेरे कहते हैं, "मुक्केबाजी का उद्देश्य एक टूल बनाना है...यह लड़कियों को सशक्त बनाने का साधन और यह उनकी आवाज उठाने के लिए है."
आर्थिक आजादी भी चाहिए
अंजेरे खुद करियोबंगी के मूल निवासी हैं. वे क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं के साथ शारीरिक, मानसिक शोषण समेत बलात्कार जैसी समस्याओं से अच्छी तरह से वाकिफ हैं. अक्सर, लड़कियों को गरीबी, गर्भावस्था या कम उम्र में शादी के कारण स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है. वे कहते हैं कि महिलाएं भी कमजोर होती हैं क्योंकि वे अक्सर आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं होती हैं.
2007 में केन्या में चुनाव के बाद की खूनी हिंसा में जब महिलाओं और लड़कियों को अक्सर निशाना बनाया गया तो उन्होंने इस पर कार्रवाई करने का फैसला किया और बॉक्सगर्ल्स केन्या की स्थापना की. 22 साल की एमिली जुमा कहती हैं, "बिना आत्मरक्षा के इन मोहल्लों में बड़ा होना थोड़ा चुनौतीपूर्ण है." पुरुष प्रधान खेल में वो एक उभरती हुई प्रतिभा हैं.
वे कहती हैं, "कई लोग लड़कियों को सेक्स ऑबेज्केट की तरह देखते हैं." जुमा कहती हैं लड़कियां हमेशा हमला के लिए आसान शिकार होती हैं. अंजेरे की नजरें अब क्रिस्टीन ओंगारे पर टिकी हैं, जिनको उन्होंने 2008 में बॉक्सिंग से मुलाकात करवाई थी, इस साल वे टोक्यो में अपनी किस्मत आजमा रही हैं. अंजेरे कहते हैं, "अगर लड़कियां मुक्केबाजी में सफल होती हैं तो हम खुश होंगे और गर्व महसूस करेंगे."(dw.com)
एए/सीके (एएफपी)
कोलंबो, 20 जुलाई | चरीथ असालंका (65) और अविष्का फर्नाडो (50) की शानदार पारियों की मदद से श्रीलंका ने यहां आर प्रेमादासा स्टेडियम में खेले जा रहे दूसरे वनडे मुकाबले में भारत को 276 रनों का लक्ष्य दिया। श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए असालंका के 68 गेंदों पर छह चौकों के सहारे 65 रन और अविष्का के 71 गेंदों पर चार चौकों और एक छक्के की मदद से 50 ओवर में नौ विकेट पर 275 रन बनाए।
भारत की तरफ से भुवनेश्वर कुमार और युजवेंद्र चहल ने तीन-तीन विकेट और दीपक चाहर ने दो विकेट लिए।
फर्नाडो ने मिनोद के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 77 रन जोड़े। इस साझेदारी को चहल ने मिनोद को आउट कर तोड़ा जिन्होंने 42 गेंदों पर छह चौकों की मदद से 36 रन बनाए। इसकी दूसरी ही गेंद पर चहल ने भानुका राजपक्षा को खाता खोले बिना आउट किया।
फर्नाडो ने इसके बाद अर्धशतक पूरा किया लेकिन इसके बाद वह ज्यादा देर अपनी पारी आगे नहीं बढ़ा सके और भुवनेश्वर की गेंद पर आउट हुए। चाहर ने फिर धनंजय डी सिल्वा (32) को आउट कर श्रीलंका को चौथा झटका दिया। इसके बाद चहल ने कप्तान दासुन शनाका (16) को बोल्ड कर आउट किया।
नए बल्लेबाज के रूप में उतरे वनिंदु हसारंगा (8) को चाहर ने बोल्ड किया। असालंका ने फिर एक छोर से पारी को संभाला लेकिन भुवनेश्वर ने उनकी पारी का अंत कर दिया। फिर भुवनेश्वर ने दुश्मंथा चमीरा (2) को आउट किया। अंतिम ओवर की तीसरी गेंद पर लक्ष्न संदाकन खाता खोले बिना रन आउट हुए।
श्रीलंका की पारी में चमीका करूणारत्ने 33 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से नाबाद 44 और कासुन रजीथा एक गेंद पर एक रन बनाकर नाबाद रहे।(आईएएनएस)
जयपुर, 20 जुलाई | अर्जुन अवार्डी और 4 गुणा 400 मीटर स्प्रिंटर अरोकिया राजीव ने स्पोर्ट्स टाइगर की विशेष इंटरव्यू सीरीज मिशन गोल्ड पर अपने अनुभव साझा किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत निश्चित रूप से टोक्यो ओलंपिक में लंदन ओलंपिक से अधिक पदक जीतेगा। राजीव ने कहा, "महामारी ने हमें मानसिक रूप से परेशान कर दिया था, किसी तरह हम इससे लड़ने में कामयाब रहे लेकिन इसने हमारे दिमाग पर प्रभाव छोड़ा है। हम नियमित अभ्यास कर रहे थे लेकिन अचानक लॉकडाउन लागू होने से हम जीरो पर पहुंच गए क्योंकि हम ग्राउंड पर नहीं जा सकते थे। जब हमने फिर से अभ्यास शुरू किया तो एक और लॉकडाउन लगाया गया और अभ्यास पर फिर से असर पड़ा। लेकिन ओलंपिक के इतने करीब होने के कारण, हम वहां जाने के लिए थोड़ा संघर्ष करने के लिए ²ढ़ थे। हम घर पर जो भी व्यायाम कर सकते थे, उससे हमने खुद को फिट रखने की कोशिश की। कुछ महीनों के बाद एएफआई(एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने हमें पटियाला भेजा जहां हमने प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए एक साल तक अभ्यास किया। इस बीच भारत में कोविड-19 मामलों की संख्या बढ़ती रही और कई देशों ने भारत से आने-जाने की उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया और इसलिए हमें कई प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर नहीं मिला।"
उन्होंने कहा, "टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करके मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। हालांकि 2018 में कोई प्रतियोगिता नहीं थी, लेकिन 2019 में हमने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जिसने हमारे लिए शीर्ष 16 में स्थान सुनिश्चित किया। लेकिन 2020 में फिर विराम लग गया, फिर 2021 में, हमने कुछ प्रतियोगिताओं में भाग लिया और अच्छा प्रदर्शन किया, जिसके परिणामस्वरूप हमें टोक्यो ओलंपिक के लिए योग्यता प्राप्त हुई।"
राजीव ने कहा, "मुझे बहुत खुशी है कि हमने टोक्यो-2020 के लिए क्वालीफाई किया है, अब हमारा लक्ष्य अपनी क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना और ट्रैक पर अपना 100 प्रतिशत देना है। यह एक बड़ा इवेंट है और पिछली बार हमारे पास अनुभव की कमी थी। हम अपने कमजोर बिंदुओं पर काम कर रहे हैं और अतीत में की गई गलतियों से सीख रहे हैं और उन्हें सुधार रहे हैं। हम वहां एक टीम के तौर पर जा रहे हैं और हमें साथ मिलकर काम करना होगा। मैं टीम में सबसे वरिष्ठ हूँ, इसलिए मुझ पर अधिक जिम्मेदारियां हैं। मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ देना है और देश के लिए पदक भी लाना है।"
राजीव ने उस समय को भी याद किया जब उन्हें हमारे देश के महान एथलीट स्वर्गीय मिल्खा सिंह जी से मिलने का अवसर मिला था। अपने नायक से मिलने की खुशी ने उन पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ा। उन्होंने कहा, "मुझे एक बार मिल्खा सर से मिलने का मौका मिला। उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान हमें प्रेरित किया। मैंने उनकी फिल्म भी देखी है जो बेहद प्रेरक थी और हमने उनकी गलतियों से बहुत कुछ सीखा। वह एथलेटिक्स की दुनिया में एक बहुत बड़ी शख्सियत थे और वास्तव में जमीन से जुड़े इंसान थे।"
महान एथलीट से बात करने के अनुभव के साथ-साथ, उन्होंने एथलीटों के प्रति कभी न खत्म होने वाले समर्थन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया। उन्होंने इस बारे में बात की कि कैसे पीएम ने एथलीटों पर अतिरिक्त दबाव न डालने के लिए राष्ट्र को ट्वीट किया था और वह चाहते हैं कि हम खेलें और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें।
ट्वीट के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "मोदी सर एथलीटों के लिए बहुत सहायक रहे हैं। हम उनसे कई बार मिले हैं और उन्होंने हर बार गर्मजोशी से हमारा स्वागत किया है। जब भी हम उनसे मिले हैं, उन्होंने हमेशा हम में से प्रत्येक को हमारे नाम से संबोधित किया है। उनकी बातें हमें प्रेरित करती हैं और अच्छा लगता है कि वह हमारे बारे में बोल रहे हैं। उन्होंने इसके बाद कहा, हम सिर्फ खेलने के लिए ओलंपिक नहीं जा रहे हैं। हम वहां पदक जीतने जा रहे हैं।"
राजीव ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए अत्यधिक आशावादी हैं और टीम इंडिया के 2012 की तुलना में अधिक पदक लाने की संभावना के बारे में सकारात्मक सोच रखते है। उन्होंने कहा, "हम निश्चित रूप से टोक्यो 2020 में लंदन ओलंपिक 2012 से अधिक पदक जीतेंगे।"(आईएएनएस)
कोलंबो, 20 जुलाई | श्रीलंका क्रिकेट टीम ने मंगलवार को यहां के एम. प्रेमदासा स्टेडियम में भारत के साथ जारी दूसरे वनडे मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया है। पहले वनडे में भारत ने सात विकेट से एकतरफा जीत हासिल की थी। श्रीलंका को 262 रनों पर रोकने के बाद भारत ने 35 से भी कम ओवरों मे लक्ष्य हासिल कर लिया था। तीन मैचों की सीरीज में भारत 1-0 से आगे है।
भारतीय बल्लेबाजों ने उस मैच में शानदार प्रदर्शन किया था। कप्तान शिखर धवन और डेब्यूटेंट ईशान किशन ने अर्धशतक लगाए जबकि पृथ्वी शॉ के बल्ले ने आग उगला था। इसके अलावा मनीष पांडेय और एक अन्य डेब्यूटेंट सूर्यकुमार यादव का भी बल्ला खूब चला था।
इस मैच के लिए श्रीलंका ने इसुरु उदाना की जगह कासुन रजीथा को एकादश में शामिल किया है जबकि भारतीय टीम अपरिवर्तित है।
दोनों टीमें इस प्रकार हैं:
श्रीलंका (प्लेइंग इलेवन): अविष्का फर्नांडो, मिनोड भानुका (विकेटकीपर), भानुका राजपक्षे, धनंजया डी सिल्वा, चरित असलंका, दासुन शनाका (कप्तान), वनिन्दु हसरंगा, चमिका करुणारत्ने, कसुन रजिथा, दुशमंथ चमीरा
भारत (प्लेइंग इलेवन): पृथ्वी शॉ, शिखर धवन (कप्तान), ईशान किशन (विकेटकीपर), मनीष पांडे, सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पांड्या, कुणाल पांड्या, दीपक चाहर, भुवनेश्वर कुमार, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 जुलाई | भारतीय महिला राष्ट्रीय टीम की फॉरवर्ड बाला देवी को एआईएफएफ महिला फुटबॉलर ऑफ द ईयर 2020-21 चुना गया है। साथ ही युवा खिलाड़ी मनीषा कल्याण ने एआईएफएफ महिला इमजिर्ंग फुटबॉलर ऑफ द ईयर 2020-21 का पुरस्कार जीता है। सम्मान प्राप्त करने पर, 31 वर्षीय बाला ने कहा, "मैं यह पुरस्कार जीतकर बहुत खुश हूं। एआईएफएफ और सभी प्रशंसकों को उनके समर्थन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं अपने कोचों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं - रेंजर्स में मेरे क्लब में, और राष्ट्रीय टीम में, और उन सभी कोचों को भी जिनके तहत मैंने अतीत में खेला है। मेरे परिवार और मेरे सभी साथियों को भी समर्थन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।"
यह तीसरी बार है जब इस करिश्माई फॉरवर्ड ने यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता है। इससे पहले 2014 और 2015 में लगातार दो साल बाला ने यह पुरस्कार जीता था।
वर्तमान में स्कॉटलैंड में रेंजर्स विमेंस एफसी के लिए खेलते हुए, बाला ने पिछले साल फरवरी में टीम के लिए पदार्पण किया था और उसने इतिहास रच दिया। उन्होंने ंबर में टीम के लिए अपना पहला प्रतिस्पर्धी गोल किया था। वह यूरोप में एक पेशेवर अनुबंध पर हस्ताक्षर करने वाली पहली भारतीय महिला फुटबॉलर बनी हुई हैं।
19 वर्षीय मनीषा, जो एक फॉरवर्ड भी हैं, को पहली बार महिला इमजिर्ंग फुटबॉलर ऑफ द ईयर चुना गया और उन्होंने सम्मान के लिए नामित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
मनीषा ने कहा, मुझे वर्ष के उभरते खिलाड़ी के लिए चुनने के लिए एआईएफएफ धन्यवाद। यह पुरस्कार मुझे अपनी टीम के लिए और अधिक मेहनत करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।"
इस बीच, सर्वश्रेष्ठ रेफरी 2020-21 के लिए एआईएफएफ पुरस्कार तेजस नागवेनकर को मिला, जबकि सुमंत दत्ता को सर्वश्रेष्ठ सहायक रेफरी 2020-21 के लिए एआईएफएफ पुरस्कार के लिए चुना गया।
प्रफुल्ल पटेल, अध्यक्ष, एआईएफएफ ने अपने संदेश में कहा, मैं सीजन के लिए पुरस्कार विजेताओं को बधाई देना चाहता हूं। वे सभी के लिए प्रेरणा हैं, और हम सभी को इस पर गर्व है।" (आईएएनएस)
टोक्यो, 19 जुलाई | भारत की मौजूदा विश्व बैडमिंटन चैंपियन और रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता पीवी सिंधु और हमवतन बी साई प्रणीत 23 जुलाई से शुरू होने वाले ओलंपिक खेलों से पहले अपने पहले अभ्यास सत्र के लिए सोमवार तड़के टोक्यो ट्रेनिंग सेंटर पुंचे। भारत के 88 सदस्यीय पहले जत्थे के साथ रविवार को टोक्यो पहुंचने के बाद, सिंधु, जो हैदराबाद के गच्चीबोवली स्टेडियम में कोच पार्क ताए-संग के साथ प्रशिक्षण ले रही थी, ने अभ्यास शुरू कर दिया। मौजूदा ओलंपिक चैम्पियन स्पेन की कैरोलिना मारिन की अनुपस्थिति में सिंधु को इस साल स्वर्ण पदक का दावेदार माना जा रहा है।
छठी वरीयता प्राप्त सिंधु 25 जुलाई को ग्रुप जे में अपने अभियान की शुरूआत इस्राइल की केसिया पोलिकारपोवा के खिलाफ मैच से करेंगी। अगर वह पहले दौर से आगे निकल जाती है ंतो उनका सामना दुनिया की 12वें नंबर की मिया ब्लिचफेल्ट से हो सकता है।
13वीं वरीयता प्राप्त प्रणीत ने ट्रेनिंग कोर्ट में सिंधु के साथ शामिल होने से पहले एक सत्र के लिए खेल गांव में व्यायामशाला में पहली बार प्रवेश किया। प्रणीत पुरुष एकल ड्रा में ग्रुप डी में हैं, जिसमें नीदरलैंड्स के मार्क कैलजॉव और इजराइल के मिशा जि़ल्बरमैन उनके विरोधी हैं।
इस बीच, टेबल टेनिस टीम भी अचंता शरथ कमल और जी साथियान के साथ सोमवार सुबह अपने पहले अभअयास सत्र के लिए पहुंची।
2018 राष्ट्रमंडल खेलों में पदक विजेता साथियान और कमल पुरुष एकल प्रतियोगिता में भाग लेंगे। कमल मिश्रित युगल स्पर्धा में मनिका बत्रा के साथ जोड़ी बनाएंगे। (आईएएनएस)
प्राग, 19 जुलाई | इस साल की फ्रेंच ओपन चैंपियन बारबोरा क्रेजसिकोवा ने 14 गेम्स में 26 विनर्स लगाते हुए प्राग ओपन के फाइनल में हमवतन टेरीजा मार्टिनकोवा को 6-2, 6-0 से हरा दिया। यह मैच सिर्फ 65 मिनट चला। यह 25 वर्षीय बारबोरा का वर्ष का तीसरा और हार्ड कोर्ट पर पहला खिताब है।
बारबोरा ने अब अपने पिछले 21 मैचों में से 20 में जीत हासिल की है। मई के बाद से उसकी एकमात्र हार विंबलडन के चौथे दौर में दुनिया की नंबर-1 और चैंपियन एशले बार्टी के हाथों हुई थी।
फ्रेंच ओपन चैंपियन बारबोरा ने कहा कि घरेलू दर्शकों ने खिताब जीतना आसान बना दिया।
बारबोरा ने कहा, जब अपने लोग होते हैं तो खेलना और लड़ना आसान होता है। यह मेरी ताकत थी - लोग मुझे देखने आए, और मैं उन्हें निराश नहीं करना चाहती थी। लोगों ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया है। पेरिस में फाइनल के दौरान मैंने यह देखा है। यहां जीत के साथ मैं उन्हें खुशी प्रदान करना चाहती थी। (आईएएनएस)
टोक्यो, 18 जुलाई| मुख्य राष्ट्रीय कोच इस्माइल बेग के नेतृत्व में भारतीय नाविकों ने रविवार को टोक्यो खाड़ी में स्थित सी फॉरेस्ट वाटरवे (सेंट्रल ब्रेकवाटर) पर पहले लंबे अभ्यास सत्र में हिस्सा लिया। पुरुषों की लाइटवेट डबल स्कल्स में हिस्सा लेने वाले अर्जुन लाल जाट और अरविंद सिंह शनिवार सुबह टोक्यो पहुंचे थे और अपनी नाव तैयार की थी। रविवार को, उनके दो अभ्यास सत्र थे, जिसमें सुबह का सत्र अधिक खोजपूर्ण था क्योंकि उन्होंने कुछ महीने पहले ओलंपिक क्वालीफायर में भाग लेने के बाद से सुधारों को महसूस करने की कोशिश की थी।
पुरुषों की लाइटवेट डबल स्कल टीम टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए अकेली प्रवेश है। भारत के पास सिंगल स्कल में भी आवश्यकताओं को पूरा करने वाला एक प्रतियोगी था, लेकिन नए नियमों के अनुसार कोटा नहीं मिला, जो प्रति देश केवल एक कोटा की अनुमति देता है।
इस बीच, नाविक विष्णु सरवनन का भी रविवार को प्रशिक्षण सत्र था। सरवनन पुरुषों के लेजर वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे और दो दिन पहले अपने तीन साथियों - नेथरा कुमानन, केसी गणपति और वरुण ठक्कर (45ईएर) के साथ यहां पहुंचे थे।
रविवार को सरवनन ने दुनिया के कुछ बेहतरीन नाविकों के साथ ट्रेनिंग सेशन में हिस्सा लिया। (आईएएनएस)
टोक्यो, 18 जुलाई | भारत से एथलीटों का पहला जत्था रविवार को टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए जापान की राजधानी पहुंच गया। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 88 सदस्यीय दल को गर्मजोशी के साथ विदा किया था। दीपिका कुमारी, अतनु दास, प्रवीण जाधव और तरुणदीप राय की तीरंदाजी टीम का जापान के मेजबान शहर कुरोबे में गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
टेबल टेनिस टीम, जिसमें शरत कमल, जी. साथियान, मनिका बत्रा और सुतीर्थ मुखर्जी शामिल हैं, को हनेडा हवाई अड्डे पर साजन प्रकाश, श्रीहरि नटराज और माना पटेल की तैराकी टीम के साथ देखा गया।
पीवी सिंधु, बी साई प्रणीत, चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी की बैडमिंटन टीम ने हवाई अड्डे पर अपनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद थम्प्सअप के निशान के साथ तस्वीरें खिंचवाईं।
अमित पंघल, मनीष कौशिक, विकास कृष्ण, आशीष कुमार, सतीश कुमार, एमसी मैरी कॉम, सिमरनजीत कौर, लवलीना बोरगोहेन और पूजा रानी से सजी बॉक्सिंग टीम इटली के असीसी में अपने प्रशिक्षण कैम्प से सीधे टोक्यो पहुंची।
भारोत्तोलन, निशानेबाजी, नौकायन और नौकायन जैसे खेलों से जुड़े कुछ भारतीय एथलीट कुछ दिन पहले दुनिया भर के अपने प्रशिक्षण कैम्प्स से टोक्यो पहुंचे थे।
2016 में रियो ओलंपिक के लिए 117 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था लेकिन इस साल कुल 127 भारतीय एथलीटों ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। (आईएएनएस)
लंदन, 18 जुलाई | इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने द हंड्रेड के उद्घाटन सीजन की शुरूआत से पहले खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ से कहा है कि वे इसके लिए बनाए गए बायो-बबल को कोरोना के जोखिम से दूर रखने के लिए दुकानों, पब और रेस्तरां से दूर रहें। 21 जुलाई से शुरू हो रह इस टूर्नामेंट से पहले और इसके दौरान इस नियम का पालन हो इसके लिए प्रत्येक प्रतिस्पर्धी टीम के लिए एक अनुपालन अधिकारी भी नियुक्त किया गया है।
महीने भर चलने वाले इस टूर्नामेंट का समापन 21 अगस्त को होगा,। इसमें न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन, पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी, ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल, डेविड वार्नर और मार्कस स्टोइनिस सहित अन्य लोगों की वापसी हुई है।
क्रिकेटर्स अपने होटल के कमरों तक ही सीमित नहीं रहेंगे लेकिन कोविड-19 संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए, उन्हें भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने के लिए कहा गया है।
ईसीबी के मुख्य कार्यकारी टॉम हैरिसन ने भी बीते दिनों कहा था कि अब आगे से क्रिकेट को कोविड -19 वायरस के साथ रहना सीखना होगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 18 जुलाई| टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिए भारतीय दल का पहला जत्था शनिवार देर रात जापान के लिए रवाना हुआ, जिसमें पुरुष और महिला हॉकी टीमों के सदस्य, विश्व चैंपियन शटलर पीवी सिंधु और तीरंदाजी टीम शामिल थे। 88 के बैच में 54 एथलीट, सपोर्ट स्टाफ और भारतीय ओलंपिक संघ के प्रतिनिधि शामिल थे। आठ खेलों के एथलीट और सहयोगी स्टाफ - तीरंदाजी, हॉकी, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, जूडो, जिम्नास्टिक और भारोत्तोलन - इस बैच का हिस्सा थे, जिसमें दो हॉकी टीमें का सबसे बड़ा हिस्सा था।
खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, केवल उन गणमान्य व्यक्तियों और अन्य अधिकारियों को ही आयोजन में प्रवेश की अनुमति दी गई, जिनकी कोविड परीक्षण रिपोर्ट नकारात्मक थी।
कोविड-19 महामारी के नियमों को ध्यान में रखते हुए, सभी एथलीटों को हर समय अपने मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाए रखना था।
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक, आईओए अध्यक्ष नरिंदर ध्रुव बत्रा और इसके महासचिव राजीव मेहता ने उन्हें औपचारिक विदाई दी।
ठाकुर ने कहा, जब आप ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने जाते हैं, तो यह आपके लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण होता है। यह आपके अनुशासन, ²ढ़ संकल्प और समर्पण के कारण संभव हुआ है और इसीलिए आप यहां टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
ठाकुर ने आगे कहा, मुझे यकीन है कि जब आप मैदान पर होंगे, आप अपनी पूरी ऊर्जा, ²ढ़ संकल्प और प्रेरणा के साथ वहां होंगे। जैसा कि पीएम मोदी ने कहा, कृपया एक खुले दिमाग के साथ जाएं। 135 करोड़ भारतीय आपके साथ हैं, उनकी शुभकामनाएं और आशीर्वाद आपके साथ हैं।
कुल मिलाकर, 127 भारतीय एथलीटों ने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है, जो एक रिकॉर्ड है। इससे पहले रियो ओलंपिक में 117 एथलीट हिस्सा ले चुके हैं।
शूटिंग, सेलिंग और रोइंग रीम पहले ही टोक्यो पहुंच चुके हैं और उनमें से कुछ ने अपना अभ्यास भी शुरू कर दिया है।
टोक्यो मेट्रोपॉलिटन सरकार के स्वास्थ्य विभाग के एक निर्णय के अनुसार, भारत से टोक्यो पहुंचने वाले एथलीटों को तीन दिनों के स्पेशल क्वारंटीन से गुजरना होगा। भारत के अलावा, 11 अन्य देशों के एथलीटों को स्पेशल क्वारंटीन संगरोध के लिए चुना गया है क्योंकि उनके देश में नोवेल कोरोनावायरस का एक अलग रूप है। (आईएएनएस)
टोक्यो, 17 जुलाई| अगले कुछ दिनों में 11,500 एथलीटों और लगभग 79,000 प्रशासकों, सहायक कर्मचारियों और मीडिया कर्मियों के जापान पहुंचने के साथ टोक्यो ओलंपिक का आगाज होगा। कोरोना महामारी के बीच हो रहे इस आयोजन के दौरान इसमें शामिल सभी लोगों के स्वस्थ होने को सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर कोरोना टेस्ट अभियान चलाया जाएगा।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि खेलों के दौरान खतरनाक नोवेल कोरोनावायरस का प्रसार न हो, सभी प्रतिभागियों का प्रतिदिन टेस्ट किया जाएगा।
इसका मतलब है कि रोजाना लगभग 80,000 कोविड-19 टेस्ट किए जाएंगे। ओलंपिक खेलों 2020 की आयोजन समिति ने इन टेस्ट की निगरानी और संचालन के लिए 230 डॉक्टरों और 310 नर्सों की व्यवस्था की है।
किसी भी प्रतिभागी और अधिकारी को बिना कोविड-19 नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट कार्यक्रम स्थल में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
खेलों की आयोजन समिति ने शनिवार को जानकारी दी कि 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच 15,000 लोगों ने जापान में प्रवेश किया है, जिनमें से केवल 15 का कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आया है।
खेलों में चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रदान करने के लिए 44,000 कर्मियों को लगाया जाएगा।
इससे पहले, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाख ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक से जुड़े सिर्फ 15 लोग ही कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने दोहराया कि एथलीट विलेज से एक सकारात्मक मामला सामने आने के बावजूद आगामी ओलंपिक जापान के लोगों के लिए कोई खतरा नहीं है।
बाख ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 1 जुलाई से 16 जुलाई तक, लगभग 15,000 एथलीट, अधिकारी, सहायक कर्मचारी और मान्यता प्राप्त मीडिया के लोग टोक्यो पहुंचे हैं। सभी का आगमन पर टेस्ट किया गया था। 15,000 में से केवल 15 पॉजिटिव पाए गए। यह एक है बहुत कम दर है। पॉजिटिव आने सभी लोग आईसोलेश्नोमें हैं। वे ओलंपिक प्रतिभागियों और जापान के लोगों के लिए खतरा नहीं हैं।
टोक्यो ओलंपिक का आयोजन 23 जुलाई से 8 अगस्त तक होना है। इसके बाद जापान में ही पैरालंपिक खेलों का आयोजन होगा। (आईएएनएस)
-माइक हेनसन
ओसाका इस ओलंपिक में, दो महीने बाद टेनिस में वापसी करेंगी
नाओमी ओसाका की एक कहानी उन्हीं की जुबानी.
वो फ़्लोरिडा से हैं, जहाँ दुनिया के सबसे सर्वश्रेष्ठ युवा टेनिस खिलाड़ी जुटते हैं और प्रतिस्पर्धा करते हैं.
ओसाका तब लगभग दस वर्ष की रही होंगी, जब उन्होंने काफ़ी प्रतिष्ठित समझे जाने वाले 'ऑरेंज बाउल टूर्नामेंट' के एक मैच की तैयारी के दौरान अपनी एक जापानी प्रतिद्वंद्वी को उनके बारे में बात करते सुना.
वो लड़की अपनी किसी दोस्त से बात कर रही थी और शायद उन्हें ये नहीं पता था कि ओसाका को जापानी भाषा आती है.
उसकी दोस्त ने पूछा कि 'आज तुम्हारे सामने (प्रतिद्वंद्वी) कौन है?' तो उसने जवाब दिया, 'ओसाका', जिस पर पलटकर उसकी दोस्त ने कहा, "अरे, वो काली लड़की. उसे जापानी कहना चाहिए?" इस पर ओसाका की प्रतिद्वंद्वी, उस लड़की ने जवाब दिया, "मुझे नहीं लगता."
ये पूरी कहानी नाओमी ओसाका ने 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' को सुनाई, जिस पर पिछले साल अगस्त में वॉल स्ट्रीट ने एक बड़ा लेख प्रकाशित किया था.
आज सभी जानते हैं कि एक जापानी माँ और हेटी मूल के पिता के घर, अमेरिका में पली-बढ़ी नाओमी ओसाका टोक्यो-2020 का मुख्य चेहरा हैं.
टोक्यो के हर बस स्टॉप पर 23 वर्षीय ओसाका के पोस्टर लगे हैं, जिनमें वो स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रशंसकों का स्वागत करती दिखाई देती हैं.
ये पोस्टर आधे अंग्रेज़ी और आधे जापानी भाषा के हैं जो एक 'नई दुनिया' और 'नई पीढ़ी' को ध्यान में रखकर बनाये गए हैं.
ओसाका ने साल 2019 में अपनी जापानी विरासत के लिए अमेरिकी नागरिकता त्याग दी थी, वो अपनी मातृभूमि के लिए ज़्यादा से ज़्यादा खिताब ही नहीं ला रहीं, बल्कि एक बदलाव भी ला रही हैं.
मिश्रित नस्ल की खिलाड़ी
ओसाका आख़िर जापानी समाज में कैसे फिट बैठती हैं, इस पर संदेह करने के लिए आपको उनके बचपन में वापस जाने की ज़रूरत नहीं है.
मौजूदा समय में जापान की नंबर तीन टेनिस ख़िलाड़ी, नाओ हिबीनो ने वर्ष 2018 में 'द न्यूयॉर्क टाइम्स मैग्ज़ीन' से ओसाका के बारे में कहा था, "मैं ईमानदारी से कहूँ, तो हम उससे थोड़ी दूरी महसूस करते हैं, क्योंकि वो शारीरिक रूप से बहुत अलग है."
"और तो और वो एक अलग जगह पली-बढ़ी है और जापानी भाषा में कम बोलती है. वो केई (निशिकोरी) की तरह नहीं है, जो एक शुद्ध (प्योर) जापानी खिलाड़ी हैं."
हालांकि, इस तरह के सवाल किये जाने के लिए ओसाका पहली मिश्रित नस्ल की खिलाड़ी नहीं हैं.
साचिओ किनुगासा और हाइदेकी इराबू, दोनों जापानी बेसबॉल स्टार थे. दोनों मिश्रित नस्ल के खिलाड़ी थे.
मगर ना तो जापानी जनता को और ना ही उन दोनों को अपने पेरेंट्स (ख़ासकर अमेरिकी पिता) के बारे में बात करने की कोई दिलचस्पी थी और ना ही वो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद देश पर कब्ज़ा करने वाले सैनिकों या उनके द्वारा किये गए भेदभाव के बारे में बात करने में दिलचस्पी लेते थे.
लेकिन ओसाका अलग हैं.
एक जापानी अख़बार के पत्रकार हिरोकी वाडा बताते हैं, "कुछ पुराने लोगों ने इस बारे में विचार बना रखे हैं कि एक जापानी महिला एथलीट को सार्वजनिक रूप से कैसे बोलना और व्यवहार करना चाहिए और ओसाका उस पारंपरिक सांचे में फिट नहीं बैठतीं. उन्होंने अपने बयानों और अपने कार्यों से जापान में कई अहम मुद्दों को उजागर किया है."
ओसाका ने उठाये कई मुद्दे
वे कहते हैं कि "अब मीडिया और सोशल मीडिया पर नस्ल और पहचान को लेकर चर्चा ज़्यादा गंभीरता से हो रही है और इसकी एक वजह ओसाका के कुछ राजनीतिक बयान हैं. वो एक विचारशील और प्रतिक्रिया देने वाली इंसान हैं जो लोगों को सोचने पर मजबूर करती हैं."
पिछले साल यूएस ओपन में वो एक योजना के साथ उतरी थीं. वो अपने किट में सात अलग-अलग मेस-मास्क लेकर गई थीं. हर मास्क पर एक काले अमेरिकी नागरिक का नाम लिखा था जो कथित तौर पर पुलिस की बर्बरता या नस्लवादी हिंसा के कारण मारा गया.
उन्होंने टूर्नामेंट के दौरान हर मास्क को इस्तेमाल किया, जिनमें से कुछ पर जॉर्ज फ़्लॉयड, ब्रेओना टेलर और ट्रेवन मार्टिन का नाम था, ताकि दुनिया इन नामों को जान सके और उन्हें याद रखे.
हालांकि जापान जो दुनिया के नस्ली रूप से सबसे कम विविध देशों में से एक है, वो अब भी इस मुद्दे पर चर्चा के मामले में संघर्ष कर रहा है.
जापान के पब्लिक ब्रॉडकास्टर एनएचके को पिछले साल एक एनिमेटेड फ़िल्म में नस्लीय न्याय के विरोध में काले लोगों को चित्रित करने के लिए माफ़ी माँगनी पड़ी थी. एनएचके ने अपनी इस एनिमेटेड फ़िल्म में आंदोलन के कुछ प्रमुख कारणों को भी शामिल नहीं किया था.
साल 2019 में, जापानी इंस्टेंट नूडल कंपनी निसिन ने अपने एक विज्ञापन में ओसाका को गोरा दिखाया था. लेकिन बाद में कंपनी को यह विज्ञापन वापस लेना पड़ा.
लेकिन ये विचार पीढ़ियों से चले आ रहे हैं. ओसाका जब तीन साल की थीं, तब उनके माता-पिता को अमेरिका शिफ़्ट होना पड़ा था, क्योंकि ओसाका की माँ से उनके पेरेंट्स ने नाता तोड़ लिया था.
जापान के समाज पर 'टोक्यो जंकी' नामक क़िताब लिख चुके लेखक रॉबर्ट व्हाइटिंग कहते हैं, "पिछले साल या उसके बाद से अब तक जो-जो हुआ है, वो जापानी समाज के लिए सीखने की एक प्रक्रिया के जैसा है."
रॉबर्ट लगभग 60 साल से टोक्यो में रह रहे हैं. वे कहते हैं कि "इस बीच टेलीविज़न के विभिन्न शोज़ में इस प्रकार की चर्चा होती रही है कि नाओमी में आख़िर क्या महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने ये सब बोला."
वे कहते हैं कि "जापान में परंपरागत तौर पर ही लोग बहस और टकराव से बचते हैं. अमेरिका की तरह जापान में झगड़ों का रिवाज़ नहीं है. जापान में आप जितने मशहूर होते हैं, उतने ही संयमित भी होते हैं. आप नहीं चाहते कि आपका नाम किसी फसाद से जोड़कर देखा जाए और उसका असर आपके साथियों, आपकी संस्था और उसके प्रायोजकों पर पड़े."
रॉबर्ट के मुताबिक़, पश्चिमी सभ्यता में जहाँ लोग अपने बारे में सोचने में विश्वास रखते हैं, वहीं जापान में शांति और समन्वय बनाना लोगों की प्राथमिकता होती है.
कोर्ट पर वापस लौटने की उम्मीद
पिछले साल, जहाँ इस बात की चर्चा थी कि ओसाका कहाँ से हैं, वहीं इस वक़्त हर इंसान की ज़ुबान पर यह सवाल है कि 'ओसाका कहाँ हैं?'
मई में, फ़्रेंच ओपन के दौरान यह बोलने के बाद कि वो मीडिया से बात नहीं करेंगी, ओसाका ने पहले फ़्रेंच ओपन और फिर विंबलडन से भी यह कहते हुए ख़ुद को अलग कर लिया कि फ़िलहाल उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और वो पिछले कुछ वर्षों से डिप्रेशन से जूझ रही हैं.
लेकिन टोक्यो ओलंपिक में, खेल से क़रीब दो महीने दूर रहने के बाद उनके कोर्ट पर वापस लौटने की उम्मीद की जा रही है.
लोग जानते हैं कि ओसाका अब तक की सबसे हाई-प्रोफ़ाइल और जापान के चुनिंदा नामचीन लोगों में से एक हैं जिन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को सार्वजनिक तौर पर लोगों की नज़रों में लाने का काम किया है.
अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल प्लेयर, 27 वर्षीय कुमी योकोयामा ने पिछले महीने ही पब्लिक को यह बताया कि वो एक ट्रांसजेंडर थे और खेल से संन्यास लेने के बाद उनका इरादा पूरी तरह से एक पुरुष में बदलने का था.
उन्होंने बताया कि कैसे अमेरिका और जर्मनी में खेलने से उन्हें जापान में इस विषय की अज्ञानता और पूर्वाग्रहों के बारे में पता चला.
साल 2020 में, एक पेशेवर पहलवान हाना किमुरा ने एक नामी रियलिटी शो 'टेरेस हाउस' में प्रदर्शित होने के बाद अपनी जान ले ली थी.
आँकड़ों पर नज़र डालें, तो जापान में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की शिक़ायत करने वालों की संख्या 1999 से 2014 तक बढ़कर, दोगुनी हो गई थी.
पत्रकार हिरोकी वाडा कहते हैं कि "अगर मैं 40 साल पीछे मुड़कर देखूँ, तो जब मैं बच्चा था, तब भी हमारे देश में परंपरागत रूप से आपका या आपके किसी रिश्तेदार का मानसिक समस्या से जूझना एक शर्मनाक स्थिति के तौर पर देखा जाता था. इसे आमतौर पर कमज़ोरी से जोड़कर देखा गया है, ख़ासतौर से खिलाड़ियों में, इसीलिए लोग इसके बारे में बात नहीं करना चाहते."
"मगर चीज़ें धीरे-धीरे बदल रही हैं. लोग अब यह स्वीकार करने लगे हैं कि उन्हें कोई मानसिक परेशानी चल रही है और वो यह भी मान रहे हैं कि उन्हें इससे लड़ना होगा."
और लेखक रॉबर्ट व्हाइटिंग को इसमें कोई संदेह नहीं है कि ये बदलाव कहाँ से आ रहा है.
रॉबर्ट ने कहा, "मुझे लगता है कि नाओमी ओसाका समेत अन्य मिश्रित नस्ल वाले जापानियों को अब भी कुछ हद तक बाहरी समझा जाता है. हालांकि, मुझे यह भी लगता है कि ये पीढ़ी पिछली पीढ़ियों की तुलना में काफ़ी ज़्यादा परिष्कृत है. वो इंटरनेट और अनगिनत टीवी चैनलों की मौजूदगी के साथ दृष्टिकोण को लेकर बहुत ज़्यादा वैश्विक हैं."
उन्होंने कहा, "ये एक व्यापक समझ है जो 1960 या 80-90 के दशक में मेरे आने पर नहीं थी. दुनिया अब बहुत छोटी जगह है और जापान को इससे फ़ायदा हुआ है. ये एक नई दुनिया है, नई पीढ़ी है और आप कह सकते हैं कि ओसाका इसका एक बड़ा हिस्सा हैं." (bbc.com)
कोलंबो, 17 जुलाई | यहां बिना किसी प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के ढाई सप्ताह से अधिक समय तक रहने के बाद भारतीय सीमित ओवरों की टीम रविवार को आर. प्रेमदासा स्टेडियम में होने वाले पहले एकदिवसीय मैच में उतरेगी। श्रीलंका में एक वरिष्ठ राष्ट्रीय टीम के कोच के रूप में राहुल द्रविड़ के लिए पहले मैच का नतीजा क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी। शिखर धवन की अगुवाई वाली भारतीय टीम में कुछ युवा शामिल हैं, जिनमें से कुछ ने भारत के लिए कुछ मैच खेले हैं जबकि कुछ अन्य को खेलना बाकी है।
कम से कम छह भारतीय खिलाड़ी अनकैप्ड हैं, हालांकि उनके पास हाई-प्रोफाइल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का अनुभव है।
हालांकि ये सीमित ओवरों के अंतरराष्ट्रीय मैचों का अंतिम सेट है जो भारत को अक्टूबर-नवंबर में टी20 विश्व कप से पहले खेलना। भारत अब विश्व कप टीम के लिए कई नए चेहरों को नहीं चुन सकता क्योंकि टीम लगभग तय हो चुकी है। ऐसे में द्रविड़ द्वारा टीम को संभालना दिलचस्पी का विषय होगा।
भारत के पूर्व बल्लेबाज राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के निदेशक हैं और उन्हें युवाओं को संवारने का काम सौंपा गया है। उन्होंने विदेशी दौरों पर ए टीम के हिस्से के रूप में श्रीलंका में कई खिलाड़ियों के साथ यात्रा की है।
द्रविड़ की बड़ी चुनौती टेस्ट सीरीज के लिए इंग्लैंड में भारतीय टीम प्रबंधन के साथ उनका संवाद होगा। कप्तान विराट कोहली और मुख्य कोच रवि शास्त्री, जो टी20 विश्व कप में टीम प्रबंधन में शामिल होंगे, को मौजूदा टीम के विकास के बारे में सूचित करना होगा और उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखना होगा।
भारतीय टीम श्रीलंका की उस टीम के खिलाफ पसंदीदा शुरूआत करेगी जो अपने कुछ शीर्ष खिलाड़ियों के बिना खेलने जा रही है। उनके तीन प्रमुख खिलाड़ियों - विकेटकीपर निरोशन डिकवेला, बल्लेबाज कुसल मेंडिस और दनुष्का गुणथिलाका को इंग्लैंड दौरे के दौरान जैव-सुरक्षित वातावरण का उल्लंघन करने के लिए अनुशासनात्मक आधार पर निलंबित कर दिया गया है।
बल्लेबाज कुसल परेरा, जो एकदिवसीय और टी20 सीरीज नहीं खेलेंगे, और तेज गेंदबाज बिनुरा फर्नांडो, जो एकदिवसीय मैचों में नहीं खेलेंगे लेकिन टी20 में खेलेंगे, भी टीम से गायब हैं।
भारत के लिए, ध्यान इस बात पर होगा कि हार्दिक पांड्या एक गेंदबाज के रूप में कैसा प्रदर्शन करते हैं क्योंकि वह पीठ की चोट से उबर रहे हैं। टी20 वल्र्ड कप के दौरान एक ऑलराउंडर के तौर पर उनकी जरूरत होगी।
देवदत्त पडिक्कल, नितीश राणा, रुतुराज गायकवाड़, चेतन सकारिया, वरुण चक्रवर्ती और कृष्णप्पा गौतम - छह नवोदित कलाकारों पर भी ध्यान रहेगा।(आईएएनएस)
बेंगलुरू, 17 जुलाई | भारतीय पुरुष हॉकी टीम के टोक्यो रवाना होने से पहले उसके मुख्य कोच ग्राहम रीड ने शनिवार को कहा कि लड़कों ने इस क्षण के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की है और यह समय बलिदान को ओलंपिक में वांछनीय परिणामों में बदलने का है। भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमें शनिवार रात नई दिल्ली से छह अन्य खेलों के एथलीटों और सहयोगी स्टाफ के साथ टोक्यो के लिए रवाना होंगी।
रीड ने कहा, टीम पूरी तरह से उत्साहित है। उसने इस क्षण के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की है और यह टोक्यो में पिछले कुछ महीनों और वर्षों में किए गए बलिदान को वांछनीय परिणामों में बदलने का समय है। जैसा कि मैंने हमेशा कहा है, हमारा लक्ष्य होगा मैच-दर-मैच सर्वश्रेष्ठ हॉकी प्रदर्शन करें। टीम टोक्यो में मैदान पर और बाहर चुनौतियों का सामना करने के लिए मानसिक रूप से तैयार है।
पुरुष टीम अपने अभियान की शुरूआत 24 जुलाई को करेगी जब वह अपने पहले पूल-ए मैच में न्यूजीलैंड से भिड़ेगी। उसका दूसरा मैच 25 जुलाई को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होगा। उसके बाद स्पेन (27 जुलाई), ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना (29 जुलाई) और मेजबान जापान (30 जुलाई) के खिलाफ मैच होंगे।
रीड ने कहा, जैसे ही हम बेंगलुरु से निकलते हैं, हम साई बेंगलुरु और हॉकी इंडिया के कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञता से भर जाते हैं, जिन्होंने सुनिश्चित किया कि हमें पिछले 15 महीनों में बायो-बबल में प्रशिक्षण के दौरान जरूरत की हर चीज मिले।
भारतीय महिला हॉकी के मुख्य कोच सुअर्ड मरीन ने कहा, यह हमारे लिए काफी भावनात्मक था जब कल (16 जुलाई) साई, बेंगलुरु में हमारा आखिरी प्रशिक्षण सत्र था। यह समूह वास्तव में विशेष है। वे मानसिक रूप से बहुत मजबूत हैं और मुझे विश्वास है कि यह होगा जब हम टोक्यो में बड़ी टीमों से भिड़ते हैं तो हमारी एक संपत्ति होती है। हम चुनौती के लिए तैयार हैं।
लगातार दूसरा ओलंपिक खेल रही महिला टीम पूल-ए में 24 जुलाई को दुनिया की नंबर एक टीम नीदरलैंड्स के खिलाफ अपने अभियान की शुरूआत करेगी।
रानी रामपाल की अगुवाई वाली टीम 26 जुलाई को जर्मनी से और उसके बाद ग्रेट ब्रिटेन (28 जुलाई) और आयरलैंड (30 जुलाई) के खिलाफ मैच खेलेगी। उनका आखिरी लीग मैच 31 जुलाई को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होगा। (आईएएनएस)