खेल
टोक्यो, 30 जुलाई | चीन के मा लोंग शुक्रवार को ऐतिहासिक सफलता हासिल करते हुए हुए यहां फाइनल में नंबर-1 और अपनी ही टीम के साथी फैन झेंडोंग को 4-2 से हराकर लगातार ओलंपिक एकल खिताब जीतने वाले दुनिया के पहले पुरुष टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मा ने टोक्यो मेट्रोपॉलिटन जिमनैजियम में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाख के सामने 11-4, 10-12, 11-8, 11-9, 3-11, 11-7 से मैच जीता।
नवंबर में आईटीटीएफ विश्व कप और आईटीटीएफ फाइनल्स के बाद, यह प्रमुख आयोजनों में इस चीनी जोड़ी के बीच तीसरा फाइनल था। इससे पहले दोनों ने एक-एक खिताब जीता था।
इससे पहले के एक मैच में, जर्मनी के दिमित्रिज ओवत्चारोव ने सात सेट के रोमांचक मुकाबले में चीनी ताइपे के लिन युन-जू को हराकर कांस्य पदक जीता। (आईएएनएस)
टोक्यो, 31 जुलाई टोक्यो ओलंपिक-2020 की महिला डिस्कस थ्रो क्वालिफिकेशन ग्रुप-ए में भारत के लिए शुरूआत अच्छी नहीं हुई है। भारतीय एथलीट सीमा पुनिया ने इस क्वालिफिकेशन में राउंड में छठा स्थान हासिल किया है। यह अलग बात है कि क्वालीफिकेशन ग्रुप-ए से कोई भी एथलीट 64 मीटर के ऑटोमेटिव क्वालीफाईंग मार्क को छू नहीं सका। अब ग्रुप-बी का परिणाम आने पर ही ग्रुप-ए के एथलीटों के भाग्य का फैसला हो सकेगा।
अगर ग्रुप-बी से भी कोई एथलीट ऑटोमेटिक क्वालीफाईंग मार्क नहीं हासिल कर सकेगा तो दूरी के आधार पर टॉप-12 एथलीटों को आगे जाने का मौका मिलेगा।
ग्रुप-बी में कमलप्रीत कौर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। उनका मुकाबला सुबह 7.25 से होगा।
अब सीमा की बात करते हैें। सीमा ने सबसे पहले थ्रो किया, लेकिन वह अपने पहले प्रयास में फाउल करार दी गईं। हालांकि दूसरे प्रयास में उन्होंने 60.57 मीटर का थ्रो किया।
अपने तीसरे प्रयास में भी 64 मीटर के क्वालिफिकेशन मार्क को नहीं छू सकीं। उन्होंने 58.93 मीटर का खराब थ्रो किया।
सीमा के ग्रुप में सबसे बेहतर थ्रो क्रोएशिया की सेंड्रा पेरकोविच का रहा। पेरकोविच ने 63.75 मीटर का थ्रो लिया।
टोक्यो, 31 जुलाई| भारत के अतानु दास को टोक्यो ओलंपिक की तीरंदाजी इवेंट के व्यक्तिगत 1/8 क्वालीफाइंग राउंड में हार मिली है। अतानु को जापान को ताकाहारू फुरुकावा ने 6-4 से हराया।
पहले सेट में अतानु 25-27 के स्कोर के साथ पिछड़ गए। स्कोर 0-2 हो गया था। इसके बाद दूसरे सेट में दोनों खिलाड़ी 28-28 से बराबर रहे। दोनों क एक-एक अंक मिला। स्कोर 1-3 हो गया था।
अतानु ने तीसरा सेट 28-27 से जीतते हुए 3-3 की बराबरी कर ली। चौथा सेट भी 28-28 से बराबर रहा। स्कोर अब 4-4 चुका था।
पांचवें सेट में अतानु 26-27 से पीछे रह गए और जापानी खिलाड़ी ने इस सेट से दो अंक लेकर 6-4 से मुकाबला जीत लिया। (आईएएनएस)
टोक्यो, 29 जुलाई | भारतीय रोवर्स अर्जुन लाल जाट और अरविंद सिंह यहां चल रहे टोक्यो ओलंपिक में पुरुष लाइटवेट डबल स्कल्स इवेंट में गुरूवार को ओवरऑल 11वें स्थान पर रहे। फाइनल बी रेस में भारतीय जोड़ी छह मिनट 29.66 सेकेंड का समय लेकर छठे स्थान पर रही। स्पेनिश जोड़ी 6:15.45 समय लेकर पहले और पोलैंड 6:16.01 समय के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
ओलंपिक में किसी भी भारतीय रोविंग दल द्वारा 11वां स्थान अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
भारतीय स्कलर्स ने सेमीफाइनल में 6:24.41 का समय लिया था जो उनका सर्वश्रेष्ठ समय था। लेकिन वे शीर्ष तीन में स्थान बनाने में नाकाम रहे थे और फाइनल में नहीं पहुंच सके थे। आयलैंड ने 6:05.33 समय लेकर पहला स्थान हासिल किया था। (आईएएनएस)
अमेरिकी जिमनास्ट सिमोन बाइल्स की 'अपनी मानसिक सेहत को हर चीज़ पर प्राथमिकता' देने की तारीफ़ हो रही है. बाइल्स टोक्यो ओलंपिक में महिला टीम के फ़ाइनल से अलग हो गई हैं.
अमेरिकी ओलंपिक टीम के प्रमुख, कई जिमनास्ट और दूसरे खेलों से जुड़े लोगों ने खुलकर बाइल्स के फ़ैसले का समर्थन किया है.
अपने वॉल्ट के बाद 24 वर्षीय बाइल्स ये कहते हुए ओलंपिक से अलग हो गईं कि उन्हें अब अपनी मानसिक सेहत पर ध्यान देना है.
फ़ैसले की सराहना
अमेरिकी ओलंपिक और पैरालंपिक समिति की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सारा हर्शलैंड ने कहा-हमें आप पर गर्व है.
उन्होंने कहा, "हम हर दूसरी चीज़ पर अपनी मानसिक सेहत को सबसे अधिक महत्व देने के आपके फ़ैसले की सराहना करते हैं और आपके आगे के सफ़र में पूरे सहयोग और अमेरिकी टीम के सभी संसाधनों के समर्थन का भरोसा देते हैं."
अमेरिकी टीम ने साल 2011, 2014, 2015, 2018 और 2019 में वर्ल्ड टाइटल जीता है और लंदन और रियो ओलंपिक में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है.
13.766 के अपने ओलंपिक करियर के सबसे कम स्कोर के बाद बाइल्स एरीना से बाहर चली गईं, लेकिन जब उनकी टीम की सहयोगी रजत पदक प्राप्त कर रहीं थीं तो वो उनका समर्थन करने के लिए वापस लौट आईं. इस स्पर्धा में रशियन ओलंपिक समिति की टीम ने स्वर्ण और ब्रिटेन ने कांस्य पदक जीता.
बाइल्स ओलंपिक और विश्व कप में 30 बार चैम्पियन रही हैं और उन्हें ओलंपिक इतिहास की सबसे अधिक पदक जीतने वाली एथलीट (पुरुष या महिला) बनने के लिए टोक्यो में चार पदक जीतने थे.
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उन्हें ग्रेटेस्ट ऑफ़ आल टाइम-जीओएटी (अब तक सबसे महान) कहा जाता रहा है.
जमैका की जिमनास्ट दानूसिया फ्रांसिस ने कहा, "मैं आपके बारे में नहीं जानती लेकिन बाइल्स ने सभी को अपनी मानसिक सेहत को हर दूसरी चीज़ पर तरज़ीह देने के लिए प्रेरित किया है. वो एक सच्ची महारानी हैं. वो जीओएटी हैं, कई मायनों में."
'ग्रेटेस्ट ऑफ़ आल टाइम'
2012 की कांस्य पदक विजेता और ब्रिटेन की पूर्व महान जिमनास्ट बेथ ट्वेडल ने बीबीसी वन से कहा, "2013 के बाद से वो हर स्पर्धा में अजेय रही हैं और वो जब भी किसी स्पर्धा में जाती थीं तो सबको लगता था कि वही जीतने वाली हैं, ऐसा संभव है."
उन्होंने कहा, "वो इतनी मज़बूत थीं कि वो ये कह सकीं कि मैं आज ठीक नहीं हूँ और मुझे अपनी टीम के बाक़ी साथियों में भरोसा है. वो आगे आएँगी और अपना रूटीन पूरा करेंगी. हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि हर एथलीट की सेहत और सलामती सर्वोपरि है."
फ्रांस की जिमनास्ट मेलेनी डे जीसस डोज़ सैंटोस कहती हैं, "हमने कभी बाइल्स को इस तरह नहीं देखा था. मैं ये कहना चाहूँगी कि ये आसान नहीं है क्योंकि वो बाइल्स हैं और हर किसी की नज़र उन पर है. उन पर भारी मानसिक दबाव होता है."
जापान की जिमनास्ट माई मुराकामी ने कहा, "उनके लिए ये बहुत असामान्य है. लेकिन अगर आप भारी दबाव में होते हैं तो इसका असर आपके शरीर पर पड़ता ही है."
बाइल्स दूसरे पायदान पर रहीं और ये उनका छठा ओलंपिक मेडल था. इसके अलावा वो 2013 से 2019 के बीच 19 वर्ल्ड टाइटल जीत चुकी हैं.
वो टोक्यो ओलंपिक के सभी पाँच फ़ाइनल में अपनी जगह पक्की कर चुकी हैं लेकिन ये स्पष्ट नहीं है कि वो अब आगे हिस्सा लेंगी या नहीं.
वीडियो कैप्शन,
मीराबाई चानू के चैंपियन बनने की कहानी
बाइल्स ने कहा, "हम देखेंगे कि क्या करना है, हम धीरे-धीरे हालात से निबटेंगे और देखें कि क्या होता है."
20 साल की जोर्डन चाइल्स महिला फ़ाइनल टीम में उनकी जगह उतरेंगी. चाइल्स कहती हैं, "ये बहुत बड़ा निर्णय है. मैं एक बड़ी और महान एथलीट की जगह लेने जा रही हूँ. मैं बहुत ख़ुश है कि मैं ऐसा करने जा रही हूँ."
"हाँ वो अब तक की सबसे महान हैं (जीओएटी), मैं दुनिया को ये दिखाना चाहती हूँ कि आप ना सिर्फ़ बेमिसाल लोगों की जगह ले सकते हैं बल्कि हम ये काम एक साथ रहकर भी कर सकते हैं."
टीम की सदस्य 18 वर्षीय सुनीसा ली ने कहा, "हम सब बहुत तनाव में थे. ईमानदारी से कहूँ तो उस पल हमें पता नहीं था कि क्या हो रहा है. वो सिमोन बाइल्स हैं. असल में वो ही तो टीम को लेकर चलती हैं."
ओलंपिक एथलीट भी इंसान ही होते हैं
पूर्व ओलंपिक चैंपियन और अमेरिका की रिटायर्ड जिमनास्ट एली रइसमैन कहती हैं, "मेरा जी घबरा रहा है. ये बहुत परेशान करने वाला है. मैं जानती हूँ कि सभी एथलीट अपने पूरे जीवन इसी पल का सपना देखती हैं. मैं बस ये दुआ करती हूँ कि बाइल्स ठीक हों."
वो कहती हैं, "ये दबाव बहुत ज़्यादा होता है, मैं ये देख रही थी कि जैसे-जैसे ओलंपिक नज़दीक आ रहा था, उन पर दबाव बढ़ता जा रहा था, ये बहुत परेशान करने वाला है."
"हमें ये याद रखना चाहिए कि ओलंपिक एथलीट भी इंसान होते हैं और वो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे रहे होते हैं. जब आपका जीवन इतने भारी दबाव में होता है तब आपको उस पल अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होता है."
बाइल्स के लिए दूसरे खेलों और खेल के बाहर की दुनिया से भी समर्थन के संदेश आए.
समर्थन में संदेश
दुनिया के महानतम मुक्केबाज़ों में शामिल मैनी पैचमैन ने कहा, "जो एक बार चैंपियन होता है, हमेशा चैंपियन रहता है."
वहीं दो बार गोल्ड मेडल जीतने वाली अमेरिका की एल्पाइन स्कायर मिकेएला शिफ़रीन ने कहा, "मुस्कुराती रहो क्योंकि तुम्हारी मुस्कान सुनहरी है."
एबीए खिलाड़ी कार्ल एंथोनी टाउंस ने कहा, "आपके लिए सिर्फ़ प्यार और सकारात्मकता."
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वहीं अमेरिका के रिटायर्ड फीगर स्केटर एडम रिपोन ने कहा, "जिस दबाव में सिमोन थीं, मैं उसकी सिर्फ़ कल्पना ही कर सकता हूँ. उसके लिए प्यार भेज रहा हूँ. ये भूल जाना आसान है कि वो भी एक इंसान हैं."
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, "हम सब भाग्यशाली हैं कि हमने उनके प्रदर्शन को देखा है, वो अब भी अब तक की महान खिलाड़ी हैं. वो हमारे प्यार और समर्थन की हक़दार हैं.'
यूनिसेफ़ यूएसए ने एक ट्वीट में कहा, "एक सच्ची रोल मॉडल बनने के लिए और दुनिया को ये दिखाने के लिए आपका शुक्रिया कि अपनी मानसिक सेहत को प्राथमिकता देना कोई ग़लत बात नहीं है." (bbc.com)
टोक्यो, 29 जुलाई| भारत के सुपर हेवीवेट मुक्केबाज सतीश कुमार यहां जारी टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए हैं। सतीश ने प्लस 91 किलोग्राम भार वर्ग के अंतिम-16 दौर के मुकाबले में गुरुवार को जमैका के रिकाडरे ब्राउन को 4-1 से हराया।(आईएएनएस)
टोक्यो, 29 जुलाई | भारत के अग्रणी पुरुष तीरंदाज अतानु दास यहां जारी टोक्यो ओलंपिक में पुरुषों की व्यक्तिगत स्पर्धा के प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए हैं। अतानु ने युमेनोशीमा फाइनल फील्ड पर हुए अपने राउंड ऑफ 16 मुकाबले में दक्षिण कोरिया के जिनयेक ओह को टाईब्रेकर के बाद 6-5 से हराया।
इससे पहले अतानु ने राउंड ऑफ 32 के मुकाबले में ताइवान के यू चेंग डेंग को 6-4 से हराया था।
यह मुकाबला भी काफी रोमांचक रहा। एक समय दोनों खिलाड़ी 4-4 की बराबरी पर थे लेकिन अंतिम सेट में अतानु ने 26 के मुकाबले 28 अंक लेकर जीत हासिल की।(आईएएनएस)
टोक्यो, 29 जुलाई | अंतिम क्वार्टर में किए गए दो शानदार गोलों की मदद से भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने गुरुवार को खेले गए अपने चौथे ग्रुप मैच में मौजूदा ओलंपिक चैम्पियन अर्जेटीना को 3-1 से हरा दिया। भारत की यह चार मैचों में तीसरी जीत है। अब उसके खाते में 9 अंक हो गए हैं और वह अपने ग्रुप-ए में आस्ट्रेलिया (12) के बाद मजबूती से दूसरे क्रम पर विराजमान है। भारतीय टीम का अगले दौर में जाना तय हो गया है।
भारत के लिए वरुण कुमार ने 43वें, विवेक सागर प्रसाद ने 58वें और हरमनप्रीत सिंह ने 59वें मिनट में गोल किए। अर्जेटीना के लिए एकमात्र गोल 48वेंमिनट में स्कुथ कासेला ने किया।
शुरुआत के दो क्वार्टर गोलरहित जाने के बाद भारत ने तीसरे क्वार्टर के अंत में गोल कर 1-0 की लीड ली थी। भारत के लिए यह गोल वरुण कुमार ने पेनाल्टी कार्नर पर किया था।
अब भारत के सामने इस गोल को बचाए रखने की जिम्मेदारी। दूसरी ओर, मौजूदा चैम्पियन ने अपने हमले तेज कर दिए। इसी क्रम में 47वें मिनट में उसे पेनाल्टी कार्नर मिला, जिसे 48 मिनट में गोल में बदलकर स्कुथ कासेला ने स्कोर 1-1 कर दिया।
अब मामला फिर वही हो गया था जो तीसरे क्वार्टर के मध्य तक था। अब दोनों टीमें आगे निकलने के लिए होड़ लगा रहीं। इस होड़ में भारत को सफलता मिली। उसने 58वें मिनट में गोल कर 2-1 की लीड ले ली
भारत के लिए यह गोल विवेक सागर ने किया। यह एक मैदानी गोल था।
इस गोल से उत्साहित भारत ने फिर हमला किया और 59वें मिनट में पेनाल्टी कार्नर हासिल किया। इस पर गोल कर हरमनप्रीत सिंह ने भारत की यादगार जीत पक्की कर दी।
अब भारत को अपने अंतिम ग्रुप मैच में मेजबान जापान से भिड़ना है।(आईएएनएस)
टोक्यो, 29 जुलाई| भारत की अग्रणी महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु यहां जारी ओलंपिक खेलों की बैडमिंटन स्पर्धा के महिला एकल मुकाबलों के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई हैं। अब सिंधु पदक से महज एक कदम दूर हैं। रियो ओलंपिक में रजत पदक जीत चुकीं सिधु ने गुरुवार को मुशाशीनो फॉरेस्ट प्लाजा कोर्ट नम्बर-3 पर डेनमार्क की मिया ब्लीचफेट को सीधे गेम में हराया। सिंधु ने 41 मिनट तक चले मुकाबले में मिया के खिलाफ 21-15, 21-13 से जीत दर्ज की।
सिंधु ने ग्रुप जे में टॉप पर रहे हुए नॉकआउट दौर के लिए क्वालीफाई किया था। उन्होंने अपने दोनों ग्रुप चरण के मैच जीते थए।
बैडमिंटन में अब सिंधु से ही पदक की उम्मीद है। पुरुष एकल में बी. साई प्रणीत और पुरुष युगल में सात्विक साईराज वेंकीरेड्डी तथा चिराग शेट्टी की जोड़ी पहले ही बाहर हो चुकी है। (आईएएनएस)
टोक्यो, 28 जुलाई| मार्टिन हनाह के दो गोलों की बदौलत ग्रेट ब्रिटेन ने यहां जारी टोक्यो ओलंपिक के महिला हॉकी इवेंट में ग्रुप चरण के पूल ए मैच में भारतीय टीम को 4-1 से हराया। भारत की इस ओलंपिक में यह लगातार तीसरी हार है। भारत को पहले मैच में नीदरलैंड ने 5-1 से और दूसरे मुकाबले में जर्मनी ने 2-0 से हराया था। कप्तान रानी रामपाल के नेतृत्व वाली भारतीय महिला हॉकी का निराशाजनक प्रदर्शन तीसरे मैच में भी जारी रहा और वह अपना प्रभाव नहीं छोड़ सकी।
ग्रेट ब्रिटेन की ओर से हनाह ने दो गोल किए जबकि लिली ओवस्ली और ग्रेस बाल्सडॉन ने एक-एक गोल किया। भारत की तरफ से एकमात्र गोल शर्मिला देवी ने किया।
इससे पहले, हनाह ने दूसरे मिनट में ही गोल कर टीम को 1-0 की बढ़त दिलाई। इसके बाद हनाह ने दूसरे क्वार्टर में 19वें मिनट में एक और गोल कर इस बढ़त को 2-0 कर दिया। हालांकि, भारत ने वापसी की और शर्मिला ने 23वें मिनट में गोल कर बढ़त को 1-2 किया।
तीसरे क्वार्टर में एक बार फिर ग्रेट ब्रिटेन हावी रहा और लिली ने 41वें मिनट में गोल कर स्कोर 3-1 कर दिया। चौथे और अंतिम क्वार्टर में बाल्सडॉन ने 57वें मिनट में गोल कर टीम को एकतरफा जीत दिलाई। (आईएएनएस)
टोक्यो, 27 जुलाई | स्पेन पुरुष साईकलिंग रोड रेस टीम के कोच पासकुअल मोमपार्लर कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद क्वारंटीन में चले गए हैं। मोमपार्लर कोरोना पॉजिटिव आने के बाद होटल में आईसोलेशन में है। वह जोसेबा इक्वेजाबल के बाद टीम के तकनीकी स्टाफ के दूसरे सदस्य हैं जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य प्रोटोकॉल ने बताया कि जो भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति के करीब संपर्क में आएगा उसे आईसोलेशल में रहना होगा लेकिन स्पेन की पुरुष टीम को भाग लेने की इजाजत दी गई क्योंकि अन्य पीसीआर टेस्ट में नेगेटिव रिजल्ट आए थे। (आईएएनएस)
टोक्यो ओलंपिक में सूडान के एक जूडो खिलाड़ी ने इसराइल के खिलाड़ी से लड़ने से इनकार कर दिया है और ओलंपिक से ख़ुद ही बाहर हो गया है.
मोहम्मद अब्दुलरसूल को इसराइल के तोहार बत्बल का सामना करना था मगर उन्होंने इससे इनकार कर दिया.
वैसे अब्दुलरसूल को पहले राउंड में अल्जीरिया के खिलाड़ी फ़ेतही नूरीन का सामना करना था मगर फ़ेतही ने भी इसराइली खिलाड़ी से लड़ने की संभावना के बाद अपना नाम वापस ले लिया.
अल्जीरियाई मीडिया में उन्हें ये कहते बताया गया- "हमने इस प्रतियोगिता के लिए बहुत तैयारी की है मगर फ़लस्तीनियों का मुद्दा इससे बड़ा है."
अफ़्रीकी विजेता को इसके बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने बैन कर दिया और वापस भेज दिया.
अभी ये पता नहीं है कि अब्दुलरसूल ने ओलंपिक क्यों छोड़ा. सूडान के इसराइल के साथ कूटनीतिक रिश्ते हैं.
नूरीन 2019 में ओलंपिक चैंपियन बने थे और इसके बाद उसी वर्ष जापान में वर्ल्ड चैंपियनशिप में खेलने पहुँचे.
मगर वहाँ भी पहले राउंड में जीत के बाद उन्होंने इसराइली खिलाड़ी से लड़ने से इनकार कर दिया और प्रतियोगिता छोड़ दी. (bbc.com)
जापान की स्टार टेनिस खिलाड़ी नाओमी ओसाका एक बड़े उलटफेर में ओलंपिक से बाहर हो गई हैं. दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी को 42वें नंबर की चेक खिलाड़ी ने सीधे सेटों में मात देकर सबको हैरान कर डाला.
23 वर्षीय ओसाका टोक्यो ओलंपिक के मेज़बान देश का एक चेहरा थीं और पिछले सप्ताह खेलों के उद्घाटन के मौक़े पर उन्होंने ही ओलंपिक मशाल जलाई थी.
चार बार की ग्रैंड स्लैम विजेता नाओमी से जापान को पदक की उम्मीद थी मगर मार्केटा वोन्द्रूसोवा ने उन्हें बड़ी आसानी से 6-1 6-4 से हराकर उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
नाओमी ओसाका इस वर्ष जून में भी ख़बरों में आई थीं जब उन्होंने फ्रेंच ओपन से अपना नाम बाहर कर लिया था. उन्होंने तब बताया कि 2018 में पहला ग्रैंड स्लैम जीतने के बाद से उन्हें लंबे डिप्रेशन से गुज़रना पड़ा.
इस वर्ष फ़्रेंच ओपन में मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में नहीं आने के लिए नाओमी पर 15,000 डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया था जिसके बाद ही उन्होंने प्रतियोगिता से नाम वापस ले लिया. (bbc.com)
जापान की 13 वर्षीय मोमिजी निशिया ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचा है. तो क़ुवैत के 57 वर्षीय अब्दुल्लाह अल रशीदी ने भी अपनी उपलब्धि से सबका ध्यान खींचा है.
सबसे पहले बात मोमिजी निशिया की. उन्होंने महिलाओं की स्ट्रीट स्केटबोर्डिंग में गोल्ड मेडल जीतकर सनसनी मचा दी.
चीन की इस खिलाड़ी ने गोल्ड मेडल जीता लेकिन इस तस्वीर पर भारी नाराज़गी
18 साल का वो अनजान तैराक जिसने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रच दिया
मज़ेदार बात ये रही कि इस प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने वाली ब्राज़ील की रेयसा लीएल भी 13 साल की हैं, जबकि कांस्य पदक जीतने वाली जापान की फुना नाकायामा 16 साल की हैं.
माना जा रहा है कि ओलंपिक में किसी एक मुक़ाबले का तीनों पदक जीतने वाली ये सबसे युवा खिलाड़ियों की तिकड़ी है.
ओलंपिक में सबसे कम उम्र में पदक जीतने का रिकॉर्ड अमेरिका की मारजोरी गेस्ट्रिंग के नाम है, जिन्होंने 13 साल की उम्र में बर्लिन ओलंपिक के दौरान स्प्रिंगबोर्ड का ख़िताब जीता था.
ये कारनामा उन्होंने 1936 के बर्लिन ओलंपिक में कर दिखाया था. जब उन्होंने पदक जीता था, तब वे मोमिजी निशिया से सिर्फ़ 63 दिन छोटी थी.
मेज़बान देश जापान ने स्केटबोर्डिंग के स्ट्रीट इवेंट का सभी गोल्ड अपने नाम किया. पुरुषों के मुक़ाबले में जापान के युतो होरिगोम ने गोल्ड जीता.
निशिया की शुरुआत उतनी अच्छी नहीं रही, लेकिन बाद में शानदार वापसी करते हुए उन्होंने सबसे ज़्यादा 15.28 अंक हासिल किए.
टोक्यो ओलंपिक के दौरान अब भी गेस्ट्रिंग का रिकॉर्ड टूट सकता है.
मीराबाई चानू: रियो की उस नाकामी के बाद टोक्यो ओलंपिक में धमाल की कहानी
ओलंपिक: हॉकी में ऑस्ट्रेलिया से बड़ी हार के बाद मनप्रीत बोले- टीम निराश है
चार अगस्त को महिलाओं की पार्क स्केटबोर्डिंग में ब्रिटेन की स्काई ब्राउन हिस्सा ले रही हैं, इस समय उनकी उम्र 13 साल और 28 दिन है.
इसी प्रतियोगिता में जापान की कोकोना हिराकी भी भाग लेंगी और उनकी उम्र तो 12 साल 343 दिन है.
एक ओर जहाँ कम उम्र में गोल्ड जीतने के लिए मोमिजी निशिया की चर्चा हो रही है, वहीं कुवैत के निशानेबाज़ अब्दुल्लाह अल रशीदी भी चर्चा में हैं.
निशानेबाज़ी के स्कीट मुक़ाबले में अल रशीदी ने कांस्य पदक जीता है. उनकी उम्र इस समय 57 साल है.
टोक्यो ओलंपिक पदक तालिका: किस देश को अब तक कितने मेडल
मीराबाई चानू टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने पर बोलीं
अब्दुल्लाह अल रशीदी ने फ़ाइनल में 46 अंक हासिल किए. इस प्रतियोगिता का गोल्ड अमेरिका के विन्सेंट हैनकॉक को मिला, जिन्होंने 59 अंक हासिल किए.
डेनमार्क के जेस्पर हैनसेन ने 55 का स्कोर करते हुए सिल्वर मेडल जीता.
ये अब्दुल्लाह अल रशीदी का दूसरा मेडल है. वर्ष 2016 में रशीदी ने व्यक्तिगत रूप से ओलंपिक में हिस्सा लिया था, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने कुवैत पर पाबंदी लगा दी थी.
रियो ओलंपिक में भी रशीदी ने कांस्य पदक जीता था. उस समय फ़ाइनल में इंग्लैंड के फ़ुटबॉल क्लब आर्सेनल की जर्सी पहनकर आने के कारण काफ़ी विवाद भी हुआ था.
अल रशीदी की कहानी भी खेल के प्रति उनके जज़्बे की कहानी है. पाँच बार वे ओलंपिक में पदक लेने में नाकाम रहे.
जब छठी बार उन्हें पदक मिला, तो उनके देश पर पाबंदी लगी हुई थी. लेकिन इस बार टोक्यो ओलंपिक में अपने देश के लिए उन्हें पदक जीतने में सफलता मिल ही गई और वो भी 57 साल की उम्र में. (bbc.com)
नई दिल्ली, 27 जुलाई | रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को भारतीय रेलवे की भारोत्तोलक मीराबाई चानू से मुलाकात की, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीता है। मंत्री ने उन्हें 2 करोड़ रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की। एक ट्वीट में, रेल मंत्रालय ने कहा, माननीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने ओलंपिक रजत पदक विजेता और भारतीय रेलवे के भारोत्तोलक, सुश्री मीराबाई चानू को सम्मानित किया।
माननीय मंत्री ने टोक्यो ओलंपिक्स 2020 में शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें 2 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार और पदोन्नति की घोषणा की।
चानू ने यहां रेल मंत्रालय में वैष्णव से मुलाकात की।
शनिवार को 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीतने वाली चानू ने ओलंपिक खेलों में भारत के पदक तालिका में खाता खोला। स्वदेश वापसी पर सोमवार को भारत माता की जय के नारों के साथ उनका शानदार स्वागत किया गया।(आईएएनएस)
टोक्यो, 27 जुलाई| फिलीपींस की भारोत्तोलक हिडिलिन डियाज ने भारोत्तोलन प्रतियोगिता के स्थल टोक्यो इंटरनेशनल फोरम में यहां 55 किग्रा वर्ग में खेलों का रिकॉर्ड बनाते हुए अपने देश का पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। टोक्यो 2020 ओलंपिक गेम्स के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में यह जानकारी दी गई। हिडिलिन ने क्लीन एंड जर्क में 127 किलोग्राम भार उठाकर और 224 किलोग्राम के साथ कुल वजन में ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया। 30 वर्षीय हिडिलिन ने चीन की कियुयुन लियाओ को क्लीन एंड जर्क में अपनी आखिरी लिफ्ट में कुल 224 किलोग्राम के साथ पीछे छोड़ दिया जो किउयुन से एक अधिक था।
हिडिलिन ने 2016 के रियो ओलंपिक खेलों में रजत पदक जीता था। उन्होंने टोक्यो खेलों के लिए मलेशिया में प्रशिक्षण लिया था। (आईएएनएस)
महज़ 18 साल की उम्र में अहमद हफ़नोई ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रच दिया है.
400 मीटर फ़्रीस्टाइल तैराकी में गोल्ड मेडल जीतने के साथ ही वे टोक्यो ओलंपिक में ऐसा करने वाले पहले अफ़्रीकी एथलीट बन गए हैं.
दिलचस्प यह है कि 18 साल के अहमद क्वालीफ़ाइंग राउंड में सबसे धीमे तैराक साबित हुए थे, लेकिन उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में अब तक का सबसे हैरतअंगेज़ प्रदर्शन करते हुए फ़ाइनल राउंड में गोल्ड मेडल जीत लिया.
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के जैक मैकलॉगलिन (रजत पदक विजेता) और अमेरिकी केयर्न स्मिथ (कांस्य पदक विजेता) को पीछे छोड़ा.
अहमद 400 मीटर फ़्रीस्टाइल की 15वीं बेस्ट टाइमिंग के साथ टोक्यो ओलंपिक पहुंचे थे. फ़ाइनल राउंड में प्रवेश करने वाले वे सबसे धीमे तैराक थे यानी क्वालीफ़ाइंग राउंड में वे आठवें स्थान पर थे. इस वजह से उन्हें आउटर लेन में जगह मिली थी, जहां से किसी तैराक के लिए जीतना मुश्किल होता है.
लेकिन फ़ाइनल राउंड की तैराकी में वे क्वालीफ़ाइंग राउंड के प्रदर्शन को कहीं पीछे छोड़ चुके थे. उन्होंने तीन मिनट 43.36 सेकेंड के साथ गोल्ड मेडल पर कब्ज़ा जमाया. इस दौरान उन्होंने अब तक के अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को तीन सेकेंड बेहतर किया.
अहमद ने मेडल हासिल करने के बाद कहा, "पहले तो मैं फ़ाइनल में पहुंचकर ही अचरज में था और अब गोल्ड मेडल जीत कर हैरान हूं. जब मैंने वॉल को टच किया तो सबसे पहले ख़ुद को देखा. मैं अचरज से भरा हुआ था. मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी."
अहमद अपनी जीत को लेकर ऐसे आश्चर्यचकित हुए कि वो मेडल लेने के लिए अपनी टीम की पूरी जर्सी पहनना भी भूल गए और केवल टीशर्ट और शार्ट्स में उन्होंने मेडल लिया.
वैसे अहमद हफ़नोई ओलंपिक में तैराकी में गोल्ड मेडल जीतने वाले ट्यूनीशिया के दूसरे एथलीट है. उनसे पहले यह करिश्मा डबल चैम्पियन ऑस मेलुली ने किया है जो टोक्यो में 10 किलोमीटर मैराथन तैराकी इवेंट में हिस्सा लेंगे.
यह कुल मिलाकर ओलंपिक इतिहास में ट्यूनीशिया का पांचवां गोल्ड मेडल है. वैसे अहमद के लिए टोक्यो ओलंपिक का सफ़र अभी ख़त्म नहीं हुआ है. मंगलवार को वे 800 मीटर फ़्रीस्टाइल में हिस्सा लेंगे.
अहमद ने पहला गोल्ड मेडल जीतने के बाद कहा, "जब मैंने अपने देश के झंडे को देखा तो मेरी आंखों में आंसू आ गए थे, पीछे देश का राष्ट्रीय गान बज रहा था, मुझे काफ़ी गर्व महसूस हो रहा था."
ओलंपिक: टोक्यो 2020 का मेडल टेबल
अपने प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा, "जब मैं पानी में कूदा तो केवल मेडल जीतने के बारे में सोच रहा था. अपने कल के प्रदर्शन से तेज़ तैराना चाहता था. मैंने ऑस्ट्रेलियाई तैराक को आख़िरी के 200 मीटर वाले राउंड में देखा था, लेकिन मैं बहुत अच्छे से तैर रहा था और आख़िर में ये शानदार मुक़ाबला रहा."
2024 ओलंपिक पर थी नज़र
हफ़नोई के पिता मोहम्मद हफ़नोई ट्यूनीशिया की ओर से नेशनल बॉस्केटबॉल टीम का हिस्सा रहे थे. अहमद ने 2018 के यूथ ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया था. 400 मीटर में वे आठवें स्थान पर रहे थे जबकि 800 मीटर में वे सातवें स्थान पर थे.
2019 में ट्यूनीशिया के एक अख़बार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वे 2024 के पेरिस ओलंपिक में अपना पहला गोल्ड मेडल हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
लेकिन चार मिनट से भी कम समय में जादुई प्रदर्शन से उन्होंने वह कामयाबी 2021 में ही हासिल कर ली जिसे 2024 में वो हासिल करना चाहते थे.
उन्होंने छह साल की उम्र से तैराकी शुरू की थी, जब उनके पिता ने उन्हें स्वीमिंग क्लब में रजिस्टर्ड कराया था. 12 साल के बाद उन्होंने अपने देश के लिए ओलंपिक खेलों का पांचवां गोल्ड मेडल जीत लिया.
उन्होंने ये मेडल अपने परिवार और ट्यूनीशिया के पहले गोल्ड मेडलिस्ट ऑस मेलुली की लेगेसी को समर्पित किया है.
टोक्यो में मेलुली आख़िरी बार ओलंपिक में हिस्सा ले रहे हैं, उनकी झोली में तीन ओलंपिक मेडल है और लग रहा है कि उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए ट्यूनीशिया को अहमद मिल गए हैं.
अहमद ने बताया, "मेलुली के साथ मेरा शानदार रिश्ता रहा है, उन्होंने मुझे गुडलक कहा था, मैं उनके 10 किलोमीटर रेस के लिए गुडलक कहूंगा. वे लीजेंड हैं और मैं एक दिन उनके जैसा होना चाहता हूं."
टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीत कर अहमद ने निश्चित तौर पर उस दिशा में अपने क़दम बढ़ा दिए हैं.
टोक्यो में मौजूद बीबीसी अफ़्रीका स्पोर्ट्स की सेलेस्टीन कारोने का विश्लेषण
400 मीटर फ़्रीस्टाइल ओलंपिक चैम्पियन अहमद हफ़नोई उस वक्त भावुक हो गए थे जब टोक्यो के एक्वेटिक सेंटर में ट्यूनीशिया की राष्ट्रीय धुन बजने लगी थी. 18 साल के अहमद पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेने आए थे और उन्होंने कहीं मज़बूत दावेदारों को पीछे छोड़ दिया.
उन्होंने ना केवल अपना पहला ओलंपिक मेडल जीता बल्कि टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल करने वाले पहले पहले अफ़्रीकी एथलीट में बने. कोविड के चलते उन्हें तैरते हुए दर्शकों ने नहीं देखा, लेकिन उनके शानदार प्रदर्शन की चर्चा खेल गांव में देखने को मिल रही थी.
मंगलवार को उनके सामने अपनी झोली में एक और मेडल हासिल करने का मौका होगा जब वे 800 मीटर फ़्रीस्टाइल इवेंट में हिस्सा लेंगे. हालांकि उनकी रैंकिंग आठवीं हैं, लेकिन 400 मीटर फ़्रीस्टाइल की कामयाबी ने उन्हें पदक का दावेदार बना दिया है. (bbc.com)
टोक्यो, 26 जुलाई| टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों के आयोजकों ने एथलीटों को 30 सेकेंड के लिए बिना मास्क के पोडियम पर व्यक्तिगत फोटो और एक समूह फोटो लेने की अनुमति दे दी है। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, टोक्यो 2020 प्लेबुक और वैज्ञानिक सलाह की आवश्यकताओं के अनुरूप, विजयी समारोह प्रोटोकॉल को एथलीटों को मीडिया के लिए एक फोटो लेने की अनुमति देने के लिए अनुकूलित किया गया है।
आईओसी मानता है कि पदक जीतना उनके खेल करियर में एक अद्वितीय क्षण होता है और इस दौरान उनकी भावनाओं का भी प्रदर्शन होना चाहिए, जो मास्क में छुप जा रहा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यह नया प्रोटोकॉल 25 जुलाई से लागू होना शुरू हो गया है और आने वाले दिनों में इसे सभी जगहों पर लागू किया जोगा।
भारत के लिए मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में रजत पदक जीता था लेकिन तब यह नियम लागू नही था। लिहाजा मीराबाई को मास्क में ही फोटो खिंचवाना पड़ा था। (आईएएनएस)
टोक्यो, 26 जुलाई (आईएएनएस)| भारत के दिग्गज टेबल टेनिस स्टार अचंता कमल ने टोक्यो ओलंपिक की पुरुषों की स्पर्धा के एकल वर्ग के तीसरे दौर में जगह बना ली है, जहां उनका सामना मौजूदा ओलंपिक और वर्ल्ड चैम्पियन से होगा। कमल ने टोक्यो मेट्रोपॉलिटन जिम टेबल नम्बर-1 पर हुए दूसरे राउंड के मुकाबले में पुर्तगाल के टियागो अपोलोनिया को हराया।
अपना चौथा ओलंपिक खेल रहे कमल ने 49 मिनट तक चले इस मुकाबले को 4-2 से अपने नाम किया। कमल ने यह मुकाबला 2-11, 11-8, 11-5, 9-11, 11-6, 11-4 से जीता।
महज चार मिनट में पहला गेम गंवाने वाले कमल ने खराब शुरुआत के बाद शानदार वापसी करते हुए दूसरा और तीसरा गेम जीते हुए 2-1 की लीड ले ली लेकिन टियागो ने चौथा गेम जीतकर स्कोर 2-2 कर दिया।
साल 2004 में ओलंपिक डेब्यू करते हुए दूसरे दौर में पहुंचने वाले कमल को मैच बचाने के लिए जोर लगाना था और उन्होंने अपने अनुभव का उपयोग करते हुए अगले दो गेम जीतते हुए मैच 4-2 से अपने नाम कर लिया।
यह कमल के लिए एक अच्छी जीत थी, जिन्होंने पिछले साल ओमान ओपन जीता था, इससे पहले कि सभी खेल गतिविधियों को कोविड -19 महामारी के कारण रोक दिया गया था।
कमल ने देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान चेन्नई में अपने घर तक ही सीमित रहने के बावजूद एशियाई ओलंपिक क्वालीफाइंग स्पर्धा के लिए अच्छी तैयारी की थी।
वह एथेंस और बीजिंग दोनों में दूसरे दौर में हार गए थे। वह लंदन ओलंपिक में नहीं खेले थे और रियो डी जनेरियो में पहले दौर में हार गए थे।
अब तीसरे राउंड में कमल का सामना मौजूदा ओलंपिक और वर्ल्ड चैम्पियन चीन के मा लोंग से होगा। लोंग को इवेंट में टॉप सीड मिला है।
टोक्यो, 26 जुलाई (आईएएनएस)| भारतीय फेंसर सीए भवानी देवी ने सोमवार को अपने पहले ओलंपिक अभियान में शानदार शुरूआत की और महिला व्यक्तिगत साब्रे के अपने शुरूआती दौर के मुकाबले में जीत हासिल कर इतिहास रच दिया लेकिन दूसरे मुकाबले में हार के साथ उनका सफर समाप्त हो गया। 27 साल की भवानी ने ट्यूनीशिया की नादिया बेन अजीजी को 15-3 से हराकर राउंड आफ 32 में प्रवेश किया और ओलंपिक में कोई मैच जीतने वाली भारत की पहली तलवारबाज बन गईं लेकिन अगले राउंड में भवानी को फ्रांस की मेनोन ब्रुनेट के हाथों 7-15 से हार मिली।
यह एक ऐतिहासिक दिन था जब भारत ने ओलंपिक में तलवारबाजी में अपनी शुरूआत की। यह एक ऐसा खेल है, जो 1896 से ही ग्रीष्मकालीन खेलों में का हिस्सा है। इसी को ध्यान में रखते हुए भवानी ने पहला मैच जीता और फिर दूसरे मैच में विश्व की तीसरे नम्बर की खिलाड़ी मेनोन को कड़ी टक्कर दी।
मकुहारी मेस्से हॉल में एक सतर्क शुरूआत करते हुए, भवानी ने मेनोन को जोरदार टक्कर दी। पहले राउंड में 2-9 से पीछे होने के बावजूद भवानी ने हार नहीं मानी और एक समय स्कोर को 6-11 तक ले गईं लेकिन अंतत: फ्रांसीसी खिलाड़ी ने अपने अपार अनुभव का प्रयोग करते हुए भवानी को हार मानने पर विवश कर दिया।
इसी तरह पहले मैच में भवानी ने अजीजी को हमले की शुरूआत करने का मौका दिया लेकिन बाद में भवानी ने ट्यूनीशियाई को असहज करते हुए अंक पॉकेट में डालने के लिए बार-बार पिन किया।
तलवारबाजी में, 'राईट ऑफ वे' नियम का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि दोनों एथलीटों के स्पर्श दर्ज करने की स्थिति में किस फेंसर को अंक दिए जाते हैं। इस नियम के तहत हमले की शुरूआत करने वाले फेंसर को प्राथमिकता दी जाती है।
अपने बचाव के दम पर दुनिया की 42वें नंबर की भवानी देवी ने अपने प्रतिद्वंद्वी की बढ़त को रद्द कर दिया। भारतीय ने फर्स्ट पीरियड के समाप्त होने तक 8-0 की लीड ले ली। दूसरे में, भवानी देवी ने हमला किया और अपनी जीत पर मुहर लगाने के लिए अपनी इच्छा से ओपनिंग की।
चेन्नई, तमिलनाडु में जन्मी, भवानी देवी ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय फेंसर हैं। भवानी देवी एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय भी हैं।
टोक्यो, 26 जुलाई | भारतीय तीरंदाजी टीम ने सोमवार को राउंड ऑफ 16 में कजाकिस्तान को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में भारत का सामना गत चैंपियन दक्षिण कोरिया से होगा। अतानु दास, तरुणदीप राय और प्रवीण जाधव से मिलकर बनी नौवीं वरीयता प्राप्त भारतीय तिकड़ी ने डेनिस गैंकिन, इलफत अब्दुलिन और संजर मुसायेव की कजाख टीम को 6-2 से हराया।
करीबी मुकाबले में चारों सेटों का फैसला एक अंक से हुआ।
युमेनोशिमा पार्क तीरंदाजी क्षेत्र में, भारतीयों ने प्रवीण जाधव और अतनु दास के अंतिम दो प्रयासों में 55-54 से जीत हासिल करने और 2-0 की बढ़त लेने के बाद एक अंक से पहला सेट हासिल किया।
दूसरा सेट भारतीयों के लिए बहुत आसान था क्योंकि कजाख टीम ने अपने छह तीरों में कुल 51 अंक जुटाए, जिसमें तीन बार 8-8 अंक शामिल हैं। अतानु दास एंड कंपनी ने यह सेट 52-51 से जीतकर 4-0 की बढ़त बना ली।
रैंकिंग राउंड के बाद आठवीं वरीयता प्राप्त कजाकिस्तान ने तीसरे सेट में अपनी प्रतिभा की झलक दिखाई और दमदार प्रदर्शन के साथ वापसी की। उन्होंने प्रभावशाली 57 रन बनाकर भारत को एक अंक से हराया और स्कोर को 4-2 तक ले गए।
भारतीय टीम हालांकि, चौथे सेट में बुल्सआई को तीन बार मारकर 55-54 के अंतर से विजयी हुई।
भारत का सामना अब गत चैंपियन और शीर्ष वरीयता प्राप्त कोरियाई टीम से सोमवार को ही बाद में होगा।(आईएएनएस)
टोक्यो ओलंपिक में पाकिस्तान के वेटलिफ्टर तल्हा तालिब रविवार को मेडल पाने से चूक गए लेकिन देश में उनकी ख़ूब सराहना हो रही है.
पाकिस्तानी अख़बार 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक़ गुजरांवाला शहर के 21 वर्षीय तल्हा तालिब 67 किलो भार वर्ग में हिस्सा ले रहे थे. इस मुक़ाबले में वे पांचवें स्थान पर रहे.
चीन के लिजुन चेन ने गोल्ड, कोलंबिया के लुइस जेवियर मॉसक्वेरा लोज़ानो ने सिल्वर और इटली के मिर्को ज़ानी ने कांस्य पदक जीता.
मुक़ाबले की शुरुआत में उनसे पदक की लोग उम्मीद लगा रहे थे. लेकिन संसाधनों के अभाव के बावजूद उनके प्रदर्शन की ट्विटर पर खूब तारीफ़ हुई.
कुछ देर के लिए तालिब का नाम ट्विटर पर पाकिस्तान में ट्रेंड करने लगा.
पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर शादाब ख़ान ने कहा, "पाकिस्तान को तल्हा तालिब पर गर्व है."
उन्होंने खेल प्रशासकों और कंपनियों से तल्हा जैसे खिलाड़ियों की मदद करने की अपील भी की.
पाकिस्तान महिला क्रिकेट टीम की सदस्य जावेरिया ख़ान ने लिखा, "हारें या जीतें, पाकिस्तान को आप पर गर्व है."
टेस्ट क्रिकेटर अज़हर अली ने कहा कि तालिब का प्रदर्शन ये दिखलाता है कि अगर हम अपने खिलाड़ियों पर थोड़ा पैसा और वक़्त लगाएं तो वे कमाल कर सकते हैं.
पाकिस्तान ओलंपिक एसोसिएशन की गुजारिश के बाद इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी ने तालिब को 67 किलो भार वर्ग में टोक्यो ओलंपिक में खेलने का मौका दिया था.
पाकिस्तान ओलंपिक एसोसिएशन के अनुसार, तालिब ने कॉमनवेल्थ खेलों में कांस्य, साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड और इंटरनेशनल सोलिडरिटी वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था. (bbc.com)
-अरविंद छाबड़ा
भारतीय हॉकी टीम के प्रमुख सदस्य दिलप्रीत सिंह का कहना है कि "ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 7-1 से हुई भारत की शर्मनाक हार से सीखने के लिए बहुत कुछ है."
बीबीसी से ख़ास बातचीत में सिंह ने कहा कि "हमारी टीम, टीम की ग़लतियों से हारी. यह हार किसी एक या दो बंदों की ग़लती से नहीं है. इससे हमें बड़ा सबक मिला है. हालांकि, हमारे पास वापसी करने के अभी भी कई मौक़े हैं."
भारतीय पुरुष हॉकी टीम को रविवार को हुए टोक्यो ओलंपिक के दूसरे पूल मैच में क़रारी हार का सामना करना पड़ा. ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इस मैच में दमदार खेल दिखाते हुए भारत को 7-1 से हराया.
चीन की इस खिलाड़ी ने गोल्ड मेडल जीता लेकिन इस तस्वीर पर भारी नाराज़गी
लेकिन इस मुक़ाबले में भारतीय डिफ़ेंस ने बहुत निराश किया. ऑस्ट्रेलिया के तीव्र आक्रमण को भारतीय डिफ़ेंस संभाल नहीं पाया.
इस मैच में भारतीय टीम की तरफ से सिर्फ़ दिलप्रीत सिंह एकमात्र गोल कर पाये.
लेकिन ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ मुक़ाबले में ग़लती कहाँ रही? ये सवाल पूछे जाने पर दिलप्रीत सिंह ने कहा, "ऐसा नहीं है कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने हम पर कोई हमला बोल दिया था या ऐसी कोई बात हो. लेकिन हमसे ग़लतियाँ हुईं. उन्हें समझने के लिए हम मैच के वीडियो देखेंगे और समझने की कोशिश करेंगे कि एक टीम के तौर पर हम क्या सुधार कर सकते हैं."
शनिवार को हुए एक क़रीबी मुक़ाबले में न्यूज़ीलैंड से जीतने के बाद, टोक्यो ओलंपिक में यह भारत की पहली हार है.
पंजाब के सीमावर्ती ज़िले अमृतसर के रहने वाले 21 वर्षीय दिलप्रीत सिंह ने बीबीसी से कहा कि "हमें गेंद को अच्छी तरह से फ़िनिश करने और हिट करने पर थोड़ा काम करने की ज़रूरत है. पूल लेवल पर अभी तीन मैच होने हैं और हमें पता है कि क्वार्टर फ़ाइनल में अपनी जगह बनाने के लिए हमें नौ पॉइंट चाहिए."
यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय हॉकी टीम टोक्यो ओलंपिक गेम्स विलेज में पूरी तरह सेटल हो गई है? सिंह ने कहा, "हाँ, कोई परेशानी नहीं है. मौसम ठीक है. बल्कि काफ़ी हद तक बेंगलुरु जैसा ही है, जहाँ हमारी ट्रेनिंग हुई थी."
'हम निराश हैं'
रविवार को मिली क़रारी शिकस्त के बाद भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा कि टीम 'निराश' है.
उन्होंने कहा, "हम यह सोचकर संतोष कर सकते हैं कि अभी टूर्नामेंट बस शुरू हुआ है और हमारे पास अभी मौक़े हैं. मगर हम इस मैच के बारे में ही सोचते रहेंगे, तो अपने गेम पर बिल्कुल फ़ोकस नहीं कर पायेंगे. इस हार के बाद टीम में निराशा है, हम उसे कम करने का प्रयास करेंगे. हम टीम को बेहतर खेलने के लिए प्रेरित करेंगे."
जब मनप्रीत से पूछा गया कि खाली स्टैंड्स के बीच खेलना, कैसा अनुभव है? तो कप्तान ने कहा, "एक खिलाड़ी या टीम के तौर पर आप हमेशा चाहते हैं कि खेल के दौरान दर्शक आपका मनोबल बढ़ायें, वो आपको चीयर करें. लेकिन कोविड एक गंभीर मामला है. फिर भी लोग हमें दूसरे माध्यमों से देख रहे हैं. वो हमें सपोर्ट कर रहे हैं."
क्या टोक्यो गेम्स विलेज में खाने-पीने की व्यवस्था उनके हिसाब से ठीक है? इस सवाल पर उन्होंने कहा, "ओलंपिक विलेज में हमें अच्छा खाना मिल रहा है. हमें वो खाना मिल रहा है जिसकी एक एथलीट को ज़रूरत होती है. इसलिए इस मामले में कोई दिक्कत नहीं है."
भारतीय टीम इस ओलंपिक में अब तक दो मैच खेली है, जिनमें से एक मैच उसने जीता है और दूसरे में उसे हार मिली है.
पहले मैच में भारतीय टीम ने न्यूज़ीलैंड को 3-2 से हराया था जबकि दूसरे मैच में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा.
वहीं ख़िताब की प्रबल दावेदार, ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपने पहले मैच में मेज़बान जापान को 5-3 से हराया था.
पूल-ए में भारत का अगला मुक़ाबला अब 27 जुलाई को स्पेन के साथ होगा. (bbc.com)
टोक्यो, 25 जुलाई| भारत की पिस्टल कोच रोनल पंडित ने कहा कि भारत की 10 मीटर एयर पिस्टल शूटर मनु भाकर पिस्टल में बड़ी खामी के चलते टोक्यो ओलंपिक में इस इवेंट के फाइनल में जगह नहीं बना सकी। मनु ने शुरुआती सीरीज में 98/100 का बेहतर राउंड खेला था, लेकिन उनके पिस्टल में दिक्कत आई, जिसके कारण वह समय के दबाव में आ गई और 12वें स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बनाने से चूक गईं।
पंडित ने कहा, "पिस्टल का कोकिंग लीवर 16 शॉट के बाद टूट गया था। हमें इसे बदलना पड़ा। 56 मिनट में मनु के 44 शॉट बाकी थे।"
उन्होंने कहा, "लीवर बदलने से हमें ग्रीप और ट्रिगर सर्किट हटाना पड़ा। वह चौथे स्थान पर थीं जब यह सब हुआ। अन्य निशानेबाद चौथी सीरीज में थे लेकिन वह दूसरे पर ही अटकी हुई थीं। नियम के अनुसार अतिरिक्त समय की मंजूरी नहीं दी गई थी और अंत में दबाव बहुत अधिक था। मनु ने जैसा प्रदर्शन किया उस पर हमें गर्व है।" (आईएएनएस)
24 वर्षीय हो जीहोए ने शनिवार को टोक्यो ओलंपिक में वेटलिफ़्टिंग की 49 किलो वर्ग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था.
इसी प्रतियोगिता में भारतीय वेटलिफ़्टर मीराबाई चानू को सिल्वर मेडल मिला था.
हो इस जीत के बाद पूरी दुनिया भर में छा गईं लेकिन चीन के लोग और वहाँ के अधिकारी उनकी एक तस्वीर को लेकर नाराज़ हो गए. ऊपर जो आप तस्वीर देख रहें हैं उसका इस्तेमाल समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपने ट्विवटर अकाउंट पर किया.
इसमें हो की एक स्वाभाविक भंगिमा है. वो वजन उठा रही हैं और इसमें ये भंगिमा आना कोई अप्रत्याशित नहीं है लेकिन चीन के लोगों को इस भंगिमा के साथ यह तस्वीर रास नहीं आई. चीन के लोग इस तस्वीर के लिए पश्चिम के मीडिया पर भड़क गए और जमकर खरी खोटी सुना रहे हैं.
चीनी लोग कह रहे हैं कि पश्चिमी देशों का 'मेनस्ट्रीम मीडिया' चीन के खिलाड़ियों को ग़लत तरीक़े से निशाना बना रहा है.
चीनी सोशल मीडिया यूज़र्स के अलावा चीन के कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने भी यह आरोप लगाया है कि 'पश्चिमी देशों का मीडिया टोक्यो ओलंपिक खेलों को निष्पक्ष ढंग से कवर नहीं कर रहा.'
चीन के लोगों ने सीएनएन और रॉयटर्स जैसे मीडिया संस्थानों की कुछ रिपोर्टों पर आपत्ति जताई है.
श्रीलंका में चीनी दूतावास के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के ज़रिये भी रॉयटर्स की आलोचना की गई है.
दूतावास ने इस ट्वीट में सवाल उठाया है कि 'समाचार एजेंसी रॉयटर्स को चीनी विजेता खिलाड़ी की यह ख़राब तस्वीर ही क्यों दिखाई दी?'
दूतावास ने रॉयटर्स की वो ख़बर भी शेयर की है जिसमें वेटलिफ़्टिंग की 49 किलो वर्ग प्रतियोगिता में चीन की गोल्ड मेडल विजेता खिलाड़ी हो जीहोए की तस्वीर है.
चीनी दूतावास ने ट्वीटर पर लिखा, "खेल की तमाम तस्वीरों में से रॉयटर्स ने जीहोए की इस तस्वीर को चुना, जो दिखाता है कि ये कितने बुरे लोग हैं. राजनीति को खेल में मत लाइये. खेल को विचारधाराओं से ऊपर रखिये."
इस ट्वीट में रॉयटर्स के लिए यह भी लिखा गया कि "आप ये कर रहे हैं, जो ख़ुद को निष्पक्ष मीडिया संस्थान कहते हैं. शर्म आनी चाहिए. ओलंपिक की मूल भावना का सम्मान करिये."
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इन बातों पर कोई टिप्पणी नहीं की है. लेकिन कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने एजेंसी का बचाव करते हुए लिखा है कि "शायद इस तस्वीर के ज़रिये यह दर्शाने की कोशिश की गई कि लाइफ़ में आसानी से कुछ नहीं मिलता."
लेकिन चीनी दूतावास ने उस दिन की अन्य ख़बरों में इस्तेमाल की गईं तस्वीरों से इसकी तुलना की और लिखा, "शायद पश्चिमी देशों के लोगों को लाइफ़ में सब कुछ आसानी से मिल जाता है."
एजेंसी द्वारा तस्वीरों के चयन को लेकर चीनी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म वीबो पर भी काफ़ी चर्चा हो रही है.
बहुत से लोगों ने लिखा है कि 'ये घटना पश्चिमी मीडिया का असल चेहरा दिखाती है.' लोगों ने लिखा है कि पश्चिमी मीडिया ने जीहोए को बिल्कुल सम्मान नहीं दिया.
चीन के सरकारी अख़बार द ग्लोबल टाइम्स ने भी रविवार को इस ख़बर को कवर किया, जिसे शेयर करते हुए बहुत से चीनी लोगों ने लिखा है कि "वो चीनी खिलाड़ियों को सम्मान ना देकर, उन्हें मेडल जीतने से नहीं रोक सकते."
समाचार एजेंसी रॉयटर्स से पहले चीन में अमेरिकी मीडिया संस्थान सीएनएन की एक रिपोर्ट की आलोचना हो रही थी, जिसका शीर्षक था, "चीन के लिए गोल्ड... और कोविड-19 के और मामले भी."
चीनी पाठकों ने इस रिपोर्ट को लेकर सीएनएन पर आरोप लगाया था कि "संस्थान ने जानबूझकर दो अलग विषयों को मिलाने की कोशिश की, जबकि ऐसा करने की कोई ज़रूरत नहीं थी, क्योंकि इससे कहीं ना कहीं यह संदेश गया कि पहला गोल्ड तो चीन को मिला, साथ ही चीनी खेमें में कुछ लोग कोरोना से संक्रमित पाये गए, जबकि ये सच नहीं है. ये दोनों अलग ख़बरें थीं."
चीन की शूटर यांग कियान ने शनिवार सुबह महिलाओं के 10 मीटर एयर रायफ़ल इवेंट में चीन के लिए पहला गोल्ड जीता था. इस इवेंट के बाद ही सीएनएन ने यह रिपोर्ट प्रकाशित की थी.
चीनी सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा है कि सीएनएन ने आलोचना होने पर हैडिंग में थोड़ा बदलाव किया, जिसे बाद में कर दिया गया: "ओलंपिक-2020 के पहले दिन की शुरुआत चीन को गोल्ड मिलने से हुई और कोविड-19 के कुछ और मामले भी आये."
द ग्लोबल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में चीन के कुछ लोगों से बातचीत के आधार पर लिखा है कि चीन के लोग पश्चिमी देशों के अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों द्वारा की जा रही न्यूज़ कवरेज से निराश हैं. उन्हें लग रहा है कि पश्चिमी मीडिया उनके खिलाड़ियों का सम्मान नहीं कर रहा और उन्हें बराबरी का दर्जा नहीं दे रहा.
इससे पहले, टोक्यो ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी के दौरान अमेरिकी टीवी नेटवर्क - एनबीसी न्यूज़ द्वारा कथित तौर पर चीन का अधूरा नक्शा दिखाये जाने पर भी चीनी सोशल मीडिया यूज़र काफ़ी नाराज़ हुए थे.
इस मुद्दे पर न्यूयॉर्क स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास ने भी शनिवार को एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था, "चीन के ग़लत मानचित्र का उपयोग करना सामान्य ज्ञान की कमी को दर्शाता है. खेलों के राजनीतिकरण और ओलंपिक चार्टर के सिद्धांतों की अवहेलना करने से सिर्फ़ ओलंपिक का नहीं, बल्कि चीन और अमेरिका के संबंधों का भी नुकसान होगा." (bbc.com)