खेल
टोक्यो, 2 अगस्त| भारत की महिला हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है। उसने सोमवार को अपने से कहीं अधिक मजबूत तीन बार की ओलंपिक चैम्पियन आस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। सबसे खास बात यह है कि महिला टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची है। ओई हॉकी स्टेडियम नॉर्थ पिच -2 पर खेले गए इस एतिहासिक मैच में हाकेरूज नाम से मशहूर आस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ मैच का एकमात्र गोल 22वें मिनट में गुरजीत कौर ने किया। यह गोल पेनाल्टी कार्नर पर हुआ।
दुनिया की नौवें नम्बर की भारतीय टीम ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए दुनिया की नम्बर-2 आस्ट्रेलिया को हराया और पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची।
भारत अपने तीसरे ओलंपिक में खेल रहा है। मास्को (1980) के 36 साल के बाद उसने रियो ओलंपिक (2016) के लिए क्वालीफाई किया था।
मास्को ओलंपिक में महिला हॉकी टूर्नामेंट 25 जुलाई से शुरू होकर 31 जुलाई तक चला था। इसमें सिर्फ छह टीमों ने हिस्सा लिया था।
जिम्बाब्वे ने पूल चरण के समापन पर पूल के शीर्ष पर स्वर्ण पदक जीता। चेकोस्लोवाकिया और सोवियत संघ ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता।
भारत ने पूल में पांच मैचों में दो जीत हासिल की थी। उसका एक मैच ड्रॉ रहा था जबकि उसे दो मैचों में हार मिली थी। पांच अंकों के साथ भारत अंतिम रूप से चौथे स्थान पर रहा था।
इसके बाद भारत ने 2016 के रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया लेकिन वह 12 टीमों के टूर्नमेंट में अंतिम स्थान पर रही थी। भारत को पूल स्तर पर पांच मैचों में सिर्फ एक ड्रॉ नसीब हुआ था।
टोक्यो ओलंपिक भारतीय हॉकी के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है। महिला टीम के साथ-साथ पुरुष टीम भी सेमीफाइनल में पहुंच गई है। भारतीय हॉकी के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि दोनों टीमें मेडल राउंड में पहुंची हैं।
पूल स्तर पर लगातार तीन मैच गंवाने के बाद महिलाओं ने जिस तरह से वापसी की और लगातार दो मैच जीतकर अपने लिए नॉकआउट में जाने की जमीन तैयार की। इसके लिए भी हालांकि इनको किस्मत के सहारे की जरूरत थी। ब्रिटेन के हाथों आयरलैंड की हर के साथ यह सहारा मिल गया और इसके बाद उसे आस्ट्रेलिया की मजबूत टीम की बाधा पार करनी थी।
भारतीय टीम के पास खोने के लिए कुछ नहीं था उसे बस दिल खोलकर खेलना था और उसने यही किया। आस्ट्रेलिया के हर हमले को नाकाम कर भारतीय टीम ने 22वें मिनट में सफलता हासिल की और महादुर शेरनियों की तरह लड़ते हुए मजबूत हाकीरूज के खिलाफ इस स्कोर का बचाव किया।
यह मैच भारतीय हॉकी के इतिहास के सबसे बड़े मैचों में से एक है और इसे सदियों तक याद रखा जाएगा। सेमीफाइनल का परिणाम चाहें जो हो, लेकिन भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया है। अब वह सेमीफाइलन में भी इसी तरह बिना दबाव के खेले तो उसे पदक जीतने से कोई नहीं रोक सकता। (आईएएनएस)
टोक्यो, 2 अगस्त | ओलंपिक स्टेडियम में आज भारत की कमलप्रीत कौर इतिहास रचने उतरेंगी। डिस्कस थ्रो फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी भारतीय बनकर वह पहले ही अपना नाम हिस्ट्रीबुक में दर्ज करा चुकी हैं लेकिन अब उनके सामने खुद को लेजेंड बनाने का वक्त है और यह पदक जीतने के उनके सपने के साथ पूरा हो सकता है। कमलप्रीत ने 31 जुलाई को क्वालीफाईंग में 64 मीटर के आटोमेटिक मार्क को छुआ था। ऐसा करने वाली वह सिर्फ दूसरी एथलीट थीं।
इस साल मार्च में पटियाला में आयोजित फेडरेशन कप के दौरान 65 मीटर का मार्क हासिल करने वाली एकमात्र भारतीय कमलप्रीत के अलावा अमेरिका की वेराले अलामान (66.42) ऑटोमेटिक क्वालीफाईंग मार्क हासिल कर सकी थीं।
क्वालीफाईंग ग्रुप-बी में शामिल कमलप्रीत ने पहले प्रयास में 60.29 मीटर की दूरी नापी थी। इसके बाद दूसरे प्रयास में वह 63.97 तक पहुंच गईं। इस दूरी के साथ भी वह फाइनल के लिए क्वालीफाई करती दिख रही थी लेकिन उनकी कोशिश ऑटोमेटिक क्वालीफाईंग मार्क हासिल करना था और तीसरे प्रयास में वह 64 मीटर के साथ वहां पहुंच ही गईं।
कमलप्रीत से पहले साल 2012 के लंदन ओलंपिक में कृष्णा पूनिया ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था लेकिन वह पदक तक नहीं पहुंच सकी थीं।
क्वालीफाईंग में जो स्टैंडिंग रही, उसे अगर कमलप्रीत बरकरार रखती हैं तो वह पदक जीत सकती हैं। एनआईएस पटियाला में आयोजित इंडियन ग्रां प्री-4 में कमलप्रीत ने 66.59 की दूरी नापी थी लेकिन इसे अभी राष्ट्रीय रिकार्ड का दर्जा नहीं मिला है। कमल अगर इस प्रदर्शन को दोहरा सकीं तो न सिर्फ भारत को महान सफलता मिल सकती है बल्कि वह खुद भी भारत के खेल इतिहास में अमर हो सकती हैं।
कमल के मुकाबले को सोनी टेन 2 और सोनी सिक्स एसडी एंड एचडी (अंग्रेजी), सोनी टेन 3 (हिंदी) और सोनी टेन 4 (तमिल और तेलुगु) पर देखा जा सकता है। (आईएएनएस)
टोक्यो, 2 अगस्त| 100 मीटर के बाद अब 200 मीटर में भी भारत की एकमात्र फर्राटा धाविका दुती चंद को निराशा मिली है। दुती का टोक्यो ओलंपिक का सफर अब समाप्त हो गया है। दुती इससे पहले 100 मीटर हीट्स से ही बाहर हो गई थीं और अब सोमवार को ओलंपिक स्टेडियम में आयोजित 200 हीट्स में सीजन बेस्ट समय निकालने के बावजूद भी वह नाकाम रहीं।
दुती को हीट नम्बर-4 में सात खिलाड़ियों के बीच सातवां स्थान मिला। उनके ग्रुप से तीन खिलाड़ी आगे बढ़े जबकि दुती का सफर यहीं समाप्त हो गया।
दुती ने 200 मीटर की दूरी नापने के लिए 23.85 सेकेंड का समय लिया। उनका रिएक्शन टाइम 0.140 रहा, जो सबसे अधिक है। दुती के ग्रुप में नामीबिया की क्रिस्टीन मोमा ने 0.275 रिएक्शन टाइम और 22.11 सेकेंड के साथ पहला स्थान हासिल किया। (आईएएनएस)
चेन्नई, 2 अगस्त| इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की दो बार की चैंपियन चेन्नइयन एफसी (सीएफसी) ने इस साल के अंत में शुरू होने वाले नए सत्र से पहले किर्गिस्तान के फारवर्ड मिरलान मुर्जाएव के साथ एक साल का करार किया है। मिरलान भारत की शीर्ष फुटबॉल लीग में शामिल होने वाले पहले किर्गिज खिलाड़ी बन गए हैं। स्ट्राइकर 2021/22 सीजन से पहले चेन्नई स्थित फ्रैंचाइजी के लिए दूसरी अंतरराष्ट्रीय रिक्रूट हैं और उनके अलावा टीम में जॉबी जस्टिन और रहीम अली को भी शामिल किया गया है।
31 वर्षीय ने कहा, मैं चेन्नइयन एफसी से जुड़कर बहुत खुश हूं। मैं प्रशिक्षण और सीजन शुरू होने का इंतजार नहीं कर सकता। मैं तमिलनाडु के सभी प्रशंसकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए उत्सुक हूं।
मिरलान वर्तमान में किर्गिस्तान के लिए सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी हैं और 48 अंतरराष्ट्रीय मैचों के साथ दूसरे सबसे अधिक कैप्ड खिलाड़ी भी हैं। मिरलान ने पिछले महीने म्यांमार के खिलाफ 2022 फीफा विश्व कप के क्वालीफाइंग मैच में किर्गिस्तान की 8-1 से जीत के दौरान हैट्रिक लगाई थी।
सीएफसी की सह-मालिक वीटा दानी ने कहा, अपनी राष्ट्रीय टीम के एक प्रमुख स्कोरर के रूप में और 100 से अधिक गोलों साथ, मिरलान के आने से हमें मजबूती मिली है। हम किर्गिस्तान से क्लब तथा आईएसएल में पहले खिलाड़ी का स्वागत करते हुए प्रसन्न हैं।
2009 में, मिरलान ने नई दिल्ली में नेहरू कप के दौरान भारत का दौरा किया था और मेजबान टीम के खिलाफ एक गोल किया था। भारत के खिलाफ उनका दूसरा गोल 2019 एएफसी एशियन कप क्वालीफिकेशन मैच में किर्गिस्तान की बिश्केक में 2-1 से जीत में आया। (आईएएनएस)
टोक्यो, 1 अगस्त| ओलंपिक फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहने की पीवी सिंधु की पीड़ा रविवार को कांस्य जीतने के बाद कुछ हद तक शांत हो गई होगी। पहलवान सुशील कुमार के बाद अब वह दो ओलंपिक पदक अर्जित करने वाली केवल दूसरी भारतीय - और पहली महिला एथलीट बन गई हैं। सिंधु ने वह प्रतिष्ठित गौरव सुशील की तरह लगातार ओलंपिक खेलों में उस समय हासिल किया जब उन्होंने कांस्य पदक के मैच में अपनी चीनी प्रतिद्वंद्वी हे बिंगजियाओ को 21-13, 21-15 से हराया।
सिंधु को अक्सर अंतिम बाधा को पार करने की हिम्मत न होने के कारण खारिज कर दिया जाता रहा है लेकिन इस बाधा को पार कर 26 वर्षीय सिंधु देश को गौरवान्वित किया है।
2016 के रियो ओलंपिक खेलों में वह ओलंपिक खेलों में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, एक ऐसा कारनामा जो पिछले महीने टोक्यो खेलों के पहले दिन मीराबाई चानू ने किया था।
सिंधु बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय और बैडमिंटन वल्र्ड टूर फाइनल जीतने वाली पहली भारतीय भी हैं। और तो और वह मौजूदा विश्व चैंपियन भी हैं।
उनकी उपलब्धियों ने 2016 रियो खेलों के फाइनल में और इस साल की शुरूआत में स्विस ओपन फाइनल में उन्हें हराने वाली घायल कैरोलिना मारिन की अनुपस्थिति ने स्वर्ण या कम से कम एक और रजत पदक की उम्मीदें जगाई थीं।
लेकिन सेमीफाइनल में दुनिया की नंबर-1 ताई त्जु-यिंग स वह सीधे गेम में मैच हार गई और कांस्य के लिए लड़ने के लिए मजबूर हो गई।
पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ियों, पीवी रमना और विजया की बेटी, सिंधु को अपने माता-पिता से प्रतिस्पर्धात्मक विरासत मिली है। कोच पुलेला गोपीचंद और अब पार्क ताए संग के नेतृत्व में सिंधु अपने खेल में मजबूती से आगे बढ़ी है।
अपने पावर गेम के साथ-साथ स्मैश के लिए जानी जाने वाली लंबी खिलाड़ी इस साल गोपीचंद अकादमी से बाहर चली गई और ओलंपिक की तैयारी के लिए हैदराबाद के गाचीबोवली स्टेडियम में प्रशिक्षण लिया।
वह पहली बार कोपेनहेगन में 2013 विश्व चैंपियनशिप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आई थीं, जहां उन्होंने कांस्य पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने 2014 में ग्वांगझू विश्व चैंपियनशिप में एक और कांस्य और इंचियोन में 2014 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता।
हालांकि वह 2015 विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में हार गई थी। एक साल बाद बड़ा क्षण आया जब उन्होंने नौवीं वरीयता प्राप्त के रूप में राउंड-16 में ताई-त्जु को, दूसरी वरीयता प्राप्त वांग यिहान को क्वार्टर फाइनल में और सेमीफाइनल में नोजोमी ओकुहारा को हराया। लेकिन वह 83 मिनट के फाइनल में कैरोलिना से हार गईं।
इसके बाद उन्होंने बासेल में 2019 विश्व चैंपियनशिप में महिला एकल का खिताब जीता। एक ऐसी उपलब्धि जिसने भारतीय खेल दिग्गजों के क्लब में अपनी जगह पक्की कर ली। हालांकि ओलंपिक रजत जीतने के बाद ही उन्होंने पहले ही इसकी पुष्टि कर दी थी।
साल 2021 खिताबों से विहीन रहा है। वह स्विस ओपन के फाइनल में कैरोलिना से 12-21, 5-21 से हार गईं और फिर ऑल इंग्लैंड ओपन के सेमीफाइनल में थाईलैंड की पोर्नपावी चोचुवोंग से सीधे गेमों में 17-21, 9-21 से हार गईं।
और भले ही वह स्वर्ण जीतने या ओलंपिक खेलों के फाइनल में जगह बनाने में विफल रही हो, इस तथ्य से कि उन्होंने ओलंपिक कांस्य जीता है, केवल उसकी महानता को बढ़ावा देगा। (आईएएनएस)
मुंबई, 1 अगस्त| क्या हेड कोच ग्राहम रीड ने भारतीय पुरुष हॉकी टीम को बदल दिया है? हमें इसके बारे में तब पता चलेगा जब यह म्यूनिख 1972 के बाद से ओलंपिक में अपने पहले सेमीफाइनल में बेल्जियम से भिड़ेगा। 1980 के मास्को ओलंपिक में, जिसका संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों द्वारा बहिष्कार किया गया था, केवल छह देशों ने भाग लिया, इसलिए कोई सेमीफाइनल नहीं था और पहले दो - स्पेन और भारत - फाइनल में खेले, जो भारत ने जीत लिया था।
म्यूनिख 1972: 1928 के बाद पहली बार जर्मनी (तब पश्चिम जर्मनी) में ओलंपिक का नया चैंपियन बना, जिसने पाकिस्तान को हराकर स्वर्ण पदक जीता। भारत लगातार दूसरे खेलों के फाइनल में पहुंचने में विफल रहा, सेमीफाइनल में पाकिस्तान से 0-2 से हार गया। हरमिक सिंह की अगुआई वाली टीम ने नीदरलैंड को कांस्य पदक से हराकर कुछ गौरव हासिल किया।
मॉन्ट्रियल 1976: अजीतपाल सिंह की कप्तानी वाली टीम नए पेश किए गए एस्ट्रोटर्फ पर बुरी तरह फिसल गई। भारत पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचने में नाकाम रहा और चार जीत और चार हार के साथ सातवें स्थान पर रहा। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में मुकाबला किया और न्यूजीलैंड ने 1-0 से जीत दर्ज की।
मॉस्को 1980: हां, भारत स्वर्ण के साथ स्वदेश आया, लेकिन इसे वास्तविक जीत के रूप में नहीं गिना जा सकता, क्योंकि हमारे लोग एक छोटे से ओलंपिक में पांच अनसुनी टीमों के खिलाफ थे, जिसका 'फ्री वल्र्ड' के राष्ट्रों द्वारा बहिष्कार किया गया था। जिसमें अमेरिका के नेतृत्व वाले हॉकी पावरहाउस भी शामिल हैं। वासुदेवन भास्करन की टीम ने फाइनल में स्पेन को 4-3 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। भारत के लिए मुख्य आकर्षण सुरिंदर सिंह सोढ़ी का प्रदर्शन था, जिन्होंने 15 गोल किए।
लॉस एंजिल्स 1984: जफर इकबाल का भारत अपने खिताब की रक्षा करने में विफल रहा और एक ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहा जहां पाकिस्तान ने स्वर्ण पदक जीता। उन्हें नॉकआउट चरण में पहुंचने के लिए अंतिम लीग मैच में पश्चिम जर्मनी को हराना था, लेकिन नतीज 0-0 रहा।
सियोल 1988: एम.एम. सोमाया का पक्ष छठे स्थान पर रहा क्योंकि 1920 के बाद से ग्रेट ब्रिटेन ने अपना पहला स्वर्ण जीता। भारत अपने शुरूआती मैच में सोवियत संघ के हाथों 0-1 की हार से उबर नहीं सका और अपने पूल में तीसरे स्थान पर रहा।
बार्सिलोना 1992: परगट सिंह की टीम अपने पूल में तीसरे स्थान पर रही और सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रही। भारत अंतत: सातवें स्थान पर रहा।
अटलांटा 1996: परगट ने लगातार दूसरे ओलंपिक के लिए टीम का नेतृत्व किया - ऐसा करने वाले पहले कप्तान। लेकिन टीम अपने पैर जमाने में नाकाम रही और दो जीत, दो ड्रॉ और तीन हार के साथ समाप्त हुई।
सिडनी 2000: रमनदीप सिंह की टीम को अपने अंतिम प्रारंभिक दौर के मैच में पोलैंड को हराना था और 1-0 से आगे चल रही थी जब उन्होंने घड़ी पर कुछ ही सेकंड शेष रहते हुए एक गोल किया। भारत दक्षिण कोरिया के साथ बराबरी पर रहा, लेकिन बाद में उसने सेमीफाइनल में जगह बनाई क्योंकि उसने ग्रुप स्टेज में भारत को हराया था। यह 1980 के बाद से सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए भारत के सबसे करीब है।
एथेंस 2004: दिलीप टिर्की की टीम केवल दो जीत और एक ड्रॉ ही हासिल कर पाई और प्रारंभिक दौर में उसे चार हार का सामना करना पड़ा, छह-टीम पूल में चौथे स्थान पर रही।
बीजिंग 2008: यह भारत के हॉकी इतिहास का सबसे खराब साल था। क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के फाइनल में पुरुष ग्रेट ब्रिटेन से हार गए और पहली बार ओलंपिक में जगह बनाने में नाकाम रहे क्योंकि भारत ने एम्स्टर्डम 1928 के बाद से खेलों में राष्ट्रीय टीम के रूप में हॉकी खेलना शुरू किया।
लंदन 2012: यदि स्वतंत्र भारत की हॉकी का प्रभुत्व 1948 में लंदन में स्थापित किया गया था, तो भारत छेत्री के नेतृत्व वाली टीम प्रतियोगिता में 12वें और अंतिम स्थान पर रही, जब उन्होंने खेले गए सभी छह मैचों में हार का सामना किया।
रियो डी जनेरियो 2016: पीआर श्रीजेश के नेतृत्व में टीम ने संशोधित प्रारूप में क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई, लेकिन बेल्जियम से 1-3 से हार गई। रोलेंट ओल्टमैंस द्वारा प्रशिक्षित, पुरुषों को आठवें स्थान से संतुष्ट होना पड़ा। (आईएएनएस)
टोक्यो, 1 अगस्त| पुरुष सुपर हैवीवेट मुक्केबाजी के क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान के बखोदिर जलोलोव से हारने वाले भारतीय मुक्केबाज सतीश कुमार की आंख और ठुड्डी पर 13 टांके लगे हैं। फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिंह ने रविवार को यह खुलासा किया। अजय सिंह को बीएफआई के एक ट्वीट कर कहा, "सतीश की आंख के ऊपर और ठुड्डी पर 13 टांके लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गये थे। उन्होंने फिर भी नंबर 1 मुक्केबाज के खिलाफ लड़ने का फैसला किया, जो उनके साहस और देशभक्ति को दर्शाता है। आज सतीश की तरह कई लोग अपने देश के लिए वार नहीं करेंगे। हमें बहुत गर्व है।"
सतीश ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले भारत के पहले हैवीवेट मुक्केबाज हैं।
वह यहां रयोगोकू कोकुगिकन एरिना में जमैका के रिकाडरे ब्राउन के खिलाफ अपनी प्री-क्वार्टर फाइनल जीत के दौरान चोटिल हो गए थे। उन्हों सुबह क्वार्टर फाइनल में लड़ने के लिए चिकित्सा मंजूरी दी गई थी।
"जलालोव बहुत मजबूत था और लक्ष्य पर मुक्के मारते हुए अक्सर हमला करता था। सतीश वहीं डटे रहे और जवाबी हमला किया लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वी का बचाव बहुत मजबूत था और इस तरह वे इसे पार नहीं कर सके। उन्होंने स्कोर करने के कई प्रयास किए, लेकिन परिणाम अपने पक्ष में नहीं कर सके।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली,1 अगस्त | ओलंपिक खेलों में भारत के एकमात्र व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता, राइफल निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु को दो ओलंपिक पदक जीतने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी बनने की उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि यह एक "दुर्लभ" उपलब्धि है और एथलीटों की पीढ़ी उनके जैसा रोल मॉडल पाने के लिए भाग्यशाली है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक पत्र में, 2008 बीजिंग ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल स्वर्ण के विजेता, बिंद्रा ने कहा, "टोक्यो ओलंपिक 2020 में कांस्य पदक जीतने के लिए बहुत-बहुत बधाई। हमारे देश के बहुत कम एथलीट भाग्यशाली रहे हैं। जो आपने हासिल किया है उसे हासिल करें। वास्तव में, दुनिया भर में अधिकांश खेल करियर ओलंपिक पदक के बिना खत्म हो जाते हैं, यहां तक कि चमकदार छोटी गोल वस्तु को जीतने के लिए वर्षों और वर्षों लग जाते है।"
अभिनव ने रविवार को चीन की ही बिंगजाओ को 21-13, 21-15 से हराकर कांस्य पदक जीतने के बाद अपने पत्र में कहा कि यह दिखाता है कि इस तरह की उपलब्धि हासिल करना कितना दुर्लभ है और किसी सपने सच करने के लिए कितना पागल होना पड़ता है।
"अगली पीढ़ी के एथलीट भाग्यशाली हैं कि उनको एक रोल मॉडल मिला है, जो अभ्यास और ²ढ़ता के गुणों का एक अवतार है, दो गुणों की आवश्यकता विशिष्ट प्रतियोगिताओं में पनपने के लिए बहुतायत में होती है।"
बिंद्रा ने लिखा कि आपका पदक पूरी तरह से खेल की शक्ति को समाहित करता है और यह कैसे एकजुटता की अपनी अविनाशी भावना के माध्यम से हम सभी को प्रेरित करता रहता है। आपकी एक रोमांचक कहानी है। मैं आपको उस खुशी के लिए धन्यवाद देता हूं जो आप आपने देश के लिए लाई है और आशा करता हूं कि आप ओलंपिक के मूल्यों का प्रसार करना जारी रखेंगी और एक ओलंपिक पदक विजेता के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को उसी ऊर्जा के साथ निभाएंगी, जिस तरह से आपने टोक्यो में हम सभी को चकाचौंध कर दिया।"(आईएएनएस)
टोक्यो, 1 अगस्त | युवा खिलाड़ियों से सजी भारत की पुरुष हॉकी टीम रविवार को ओई हॉकी स्टेडियम में खेले गए दिन के पहले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ब्रिटेन को 3-1 से हराकर टोक्यो ओलंपिक के चार दशक बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंच गई है। 41 साल के अंतराल के बाद सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारतीय टीम के लिए दिलप्रीत सिंह ने सातवें, गुरजंत सिंह ने 16वें और हार्दिक सिंह ने 57वें मिनट में गोल किया। ब्रिटेन के लिए एकमात्र गोल सैमुएल वार्ड ने 45वें मिनट में किया।
सेमीफाइनल में भारत का सामना विश्व चैम्पियन बेल्जियम से होगा, जिसने तीसरे क्वार्टर फाइनल मैच में स्पेन को 3-1 से हराया। बेल्जियम को हराकर भारत 1980 के बाद पहली बार फाइनल में पहुंचना चाहेगा, जब उसने स्पेन को हराकर अपना आठवां स्वर्ण पदक जीता था।
बेल्जियम के हाथों हार के बाद भारत को फिर से कांस्य पदक के लिए भिड़ना होगा।
भारत अगर जीत हासिल करने में सफल रहा तो उसका सामना आस्ट्रेलिया या जर्मनी से होगा क्योंकि दूसरे सेमीफाइनल में आस्ट्रेलिया और जर्मनी की टीमें भिड़ेंगी।
जर्मनी ने जहां दिन के पहले मुकाबले में ओलंपिक चैम्पियन अर्जेटीना को 3-1 से हराया वहीं आस्ट्रेलिया ने नीदरलैंड्स को पेनाल्टी शूटआउट के बाद 3-0 से हराया।(आईएएनएस)
सोनीपत (हरियाणा), 1 अगस्त | हरियाणा के मुक्केबाजों ने सोनीपत के दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) में आयोजित चौथी जूनियर गर्ल्स नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में आठ स्वर्ण पदकों के साथ ओवरआल चैम्पियन के तौर पर अपने अभियान का समापन किया। तीन रजत सहित कुल 13 पदकों के साथ, हरियाणा भी चैंपियनशिप में शीर्ष टीम के रूप में उभरा और घरेलू मुक्केबाजी स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ट में अपना दबदबा बढ़ाया। इससे पहले पिछले हफ्ते, हरियाणा ने चौथी युवा महिला मुक्केबाजी राष्ट्रीय चैंपियनशिप में नंबर-1 स्थान हासिल किया था।
मुस्कान (46 किग्रा) ने गत चैंपियन के लिए जीत का माहौल तैयार किया। मुस्कान ने झारखंड की अन्नू को दिन के पहले फाइनल में 4-0 से आसानी से हराकर अपनी टीम को पहले स्वर्ण दिलाया।
माही राघव भी उम्मीदों पर खरी उतरीं और उन्होंने अपनी प्रतिद्वंदी अर्शदीप कौर को सर्वसम्मत निर्णय के आधार पर काफी आराम से हरा दिया। विशु राठी (48 किग्रा), तनु (52 किग्रा), आरजू (54 किग्रा), आंचल सैनी (57 किग्रा), रुद्रिका (70 किग्रा), प्रांजल यादव (75 किग्रा), संजना (80 किग्रा) और कीर्ति (+80 किग्रा) अपनी-अपनी श्रेणियों में स्वर्ण पदक जीतने वाली अन्य हरियाणा की लड़कियां थीं।
हालांकि, हरियाणा की तीन अन्य लड़कियों- नेहा (50 किग्रा), कनिष्क मान (60 किग्रा), स्नेहा (66 किग्रा) को अपने-अपने फाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
इस बीच, महाराष्ट्र की देविका घोरपड़े ने 50 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में हरियाणा की नेहा को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया। एक स्वर्ण, दो रजत और पांच कांस्य सहित कुल आठ पदकों के साथ महाराष्ट्र ने अपना अभियान दूसरे स्थान पर रहते हुए समाप्त किया। दिल्ली ने एक स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य सहित चार पदक के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।
योगिनी पाटिल (52 किग्रा) और कंचन सुरांसे (+80 किग्रा) ने महाराष्ट्र के लिए रजत पदक जीते, जबकि सिदरा शेख (46 किग्रा), सृष्टि रसकर (57 किग्रा), स्वप्ना चव्हाण (60 किग्रा), अदिति शर्मा (66 किग्रा) और रुतुजा थोम्बरे (80 किग्रा) ने कांस्य पदक जीता।
जूनियर गर्ल्स नेशनल चैंपियनशिप के चौथे संस्करण में देश भर से 200 से अधिक मुक्केबाजों ने भाग लिया।(आईएएनएस)
टोक्यो, 1 अगस्त | भारत की महिला बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने रविवार को चीन की जियाओ हे बिंग को हराकर टोक्यो ओलंपिक में महिला एकल का कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली छठी सीड सिंधु ने मुशासहीनो फॉरेस्ट प्लाजा कोर्ट नम्बर-1 पर आठवीं सीड बिंग को 52 मिनट में 21-13, 21-15 से हराया और लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी और दूसरी एथलीट बन गईं।
ध्यान रखने वाली बात यह है कि यह सिंधु का मात्र दूसरा ओलंपिक था। रियो में सिंधु ने डेब्यू किया था।
पदक जीतने के बाद सिंधु ने कहा, "यह मुझे वास्तव में शानदार अहसास दिलाता है क्योंकि मैंने इतने सालों तक कड़ी मेहनत की है। मेरे अंदर बहुत सारी भावनाएं चल रही थीं - क्या मुझे खुश होना चाहिए कि मैंने कांस्य जीता या दुखी हूं कि मैंने फाइनल में खेलने का अवसर खो दिया? लेकिन कुल मिलाकर, मुझे इस एक मैच के लिए अपनी भावनाओं को रोकना पड़ा और इसे अपना सर्वश्रेष्ठ देना पड़ा। मैं वास्तव में खुश हूं और मुझे लगता है कि मैंने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया है। मेरे देश के लिए पदक प्राप्त करना गर्व का क्षण है।
यही नहीं, पहलवान सुशील कुमार के बाद लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाली सिधु दूसरी भारतीय हैं। सुशील ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य और 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीता था।
रियो ओलंपिक में सिंधु फाइनल में स्पेन की केरोलिना मारिन के हाथों हार गई थीं। यहां टोक्यो में सिंधु को सेमीफाइनल में ताइवान की ताए जू यिंग के हाथों हार मिली थी।
इस पदक का जश्न मनाने के बारे में सिंधु ने कहा, " मैं नौवें आसमान पर हूं। मैं इस पल का आनंद लेने जा रही हूं। मेरे परिवार ने मेरे लिए कड़ी मेहनत की है और बहुत प्रयास किया है इसलिए मैं बहुत आभारी हूं। और मेरे प्रायोजकों ने मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है इसलिए मैं उन्हें धन्यवाद देना और इस पल का आनंद लेना चाहती हूं।
सिंधु के इस पदक के साथ टोक्यो में भारत के कुल दो पदक हो गए हैं। इससे पहले वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू ने रजत पदक जीत था।
इस तरह भारत ने रियो में जीत गए पदकों की बराबरी कर ली है। रियो में सिंधु ने जहां कांस्य जीता था वहीं साक्षी मलिक ने कुश्ती में कांस्य जीता था।(आईएएनएस)
टोक्यो, 1 अगस्त | आस्ट्रेलिया, बेल्जियम और जर्मनी की पुरुष हॉकी टीमों ने रविवार को अपना-अपना क्वार्टर फाइनल मुकाबला जीतकर सेमीफाइनल का टिकट कटा लिया है। जर्मनी ने जहां ओई हॉकी स्टेडियम में खेले गए दिन के पहले मुकाबले में ओलंपिक चैम्पियन अर्जेटीना को 3-1 से हराया वहीं आस्ट्रेलिया ने नीदरलैंड्स को पेनाल्टी शूटआउट के बाद 3-0 से हराया।
नीदरलैंड्स और आस्ट्रेलिया के बीच हुए मुकाबला निर्धारित समय तक 2-2 की बराबरी पर छूटा था। शूटआउट के दौरान आस्ट्रेलिया ने अपने गोलकीपर एंड्रयू लेविस चार्टर के साहसिक प्रदर्शन के दम पर यह मुकाबला अपने नाम किया।
दूसरी ओर, जर्मनी ने लुकास विंडफेडर द्वारा किए गए दो गोलों की मदद से 2016 के रियो ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाली अर्जेटीना की टीम को बाहर का रास्ता दिखाया।
सेमीफाइनल में आस्ट्रेलिया के सामना जर्मनी से ही होगा।
रविवार को ही विश्व चैम्पियन बेल्जियम ने तीसरे क्वार्टर फाइनल में स्पेन को 3-1 से हराया। सेमीफाइनल में अब बेल्जियम का सामना भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाले चौथे मुकाबले के विजेता से होगा।(आईएएनएस)
टोक्यो, 1 अगस्त | भारत के सुपर हेवीवेट मुक्केबाज सतीश कुमार को यहां जारी टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में हार मिली है। इसी के साथ पुरुष मुक्केबाजी में भारत की चुनौती समाप्त हो गई है। कोकुगिकान एरेना में रविवार को विश्व चैम्पियन और एशियाई चैम्पियन उज्बेकिस्तान के बाखोदीर जालोलोव ने ब्ल्यू कार्नर से खेल रहे सतीश को एकतरफा अंदाज में 5-0 के अंतर से हराकर टोक्यो से विदा किया।
सतीश ने प्लस 91 किलोग्राम भार वर्ग के अंतिम-16 दौर के मुकाबले में गुरुवार को जमैका के रिकाडरे ब्राउन को प्रभावशाली तरीके से 4-1 से हराकर क्वार्टर फाइनल का टिकट कटाया था।
उस प्रदर्शन को देखते हुए सतीश से टक्कर की उम्मीद की जा रही लेकिन वह जालोलोव के आगे चारो खाने चित्त्त हो गए।
तीनों राउंड में जालोलोव अपने 32 वर्षीय भारतीय प्रतिद्वंद्वी पर पूरी तरह हावी रहे और हर राउंड में 5-0 के स्कोर के साथ जीत हासिस की।
इस इवेंट से भारत को एक कांस्य प्राप्त हुआ है। लवलीना बोर्गोहेन के सेमीफाइनल में पहुंचने से यह पदक पक्का हुआ है। वैसे अगर लवलीना अपना अगला मैच जीत जाती हैं तो भारत को मुक्केबाजी में ऐतिहासिक सफलता मिल सकती है।(आईएएनएस)
टोक्यो, 1 अगस्त| ग्रेट ब्रिटेन की चार्लोट वोर्दिग्टन ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में सभी को हैरान कर देने वाला अनूठा कारनामा करते हुए पहली बार ओलंपिक खेलों में शामिल की गई महिलाओं की बीएमएक्स फ्रीस्टाइल पार्क फाइनल का स्वर्ण पदक जीत लिया। चार्लोट ने महिला कॉम्पिटीशन में 360 डिग्री की बैकफ्लिप लगाने वाली पहली साइक्लिस्ट बनते हुए 97.50 अंक जुटाए और अन्य सभी को पीछे छोड़ दिया।
स्पर्धा की फेवरेट मानी गई अमेरिका की हाना राबटर्स ने 96.10 अंक के साथ रजत पदक जीता, जबकि स्विट्जरलैंड की निकिता डुकारोज के खाते में 89.20 अंक के साथ कांस्य पदक आया। (आईएएनएस)
टोक्यो, 1 अगस्त | भारत के सुपर हेवीवेट मुक्केबाज सतीश कुमार को यहां जारी टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में हार मिली है। कोकुगिकान एरेना में रविवार को विश्व चैम्पियन और एशियाई चैम्पियन उजबेकिस्तान के बाखोदीर जालोलोव ने ब्ल्यू कार्नर से खेल रहे सतीश को 5-0 के अंतर से हराया।
सतीश ने प्लस 91 किलोग्राम भार वर्ग के अंतिम-16 दौर के मुकाबले में गुरुवार को जमैका के रिकाडरे ब्राउन को 4-1 से हराकर क्वार्टर फाइनल का टिकट कटाया था।(आईएएनएस)
टोक्यो, 31 जुलाई | नंबर-9 वरीयता प्राप्त बेलिंडा बेनसिक ने दो घंटे और 30 मिनट तक चले मुकाबले में चेक गणराज्य की गैर-वरीयता प्राप्त खिलाड़ी माकेर्टा वोंद्रोसोवा को 7-5, 2-6, 6-3 से हराकर टोक्यो ओलंपिक में टेनिस का महिला एकल खिताब जीत लिया। स्विटजरलैंड के लिए यह टेनिस में तीसरा ओलंपिक स्वर्ण है।
इससे पहले, मार्क रॉसेट ने बार्सिलोना 1992 में पुरुष एकल में स्वर्ण जीता था और रोजर फेडरर और स्टेन वावरिंका ने बीजिंग 2008 में पुरुष युगल जीता था। इसके अलावा, फेडरर लंदन 2012 में पुरुष एकल रजत पदक विजेता थे, जबकि टिमिया बेसिंस्की और मार्टिना हिंगिस रियो 2016 में महिला युगल में रजत पर कब्जा किया था।
इस सीजन में एडिलेड और बर्लिन में अपने पिछले दोनों फाइनल हारने के बाद मॉस्को 2019 के बाद से बेलिंडा का पहला खिताब है।
इससे पहले, दुनिया की छठे नंबर की एलिना स्वितोलिना ने फाइनल सेट में 1-4 से पिछड़ने के बाद कजाकिस्तान की एलेना रयबाकिना को 1-6, 7-6 (5), 6-4 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक में यूक्रेन का पहला टेनिस पदक है।(आईएएनएस)
चेस्टर-ले-स्ट्रीट (डरहम), 31 जुलाई| भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने कहा है कि इंग्लैंड में बल्लेबाजी करते हुए क्रीज के बाहर खड़े रहना और गेंदबाजों का सम्मान करना दूसरे देशों की तुलना में महत्वपूर्ण होगा। पंत ने बीसीसीआई डॉट टीवी को दिए एक साक्षात्कार में कहा, एक क्रिकेटर के रूप में जब आपको दुनिया भर में खेलना होता है, तो आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना होता है। जब आप इंग्लैंड आते हैं तो आप जानते हैं कि गेंद बहुत स्विंग करने वाली है, इसलिए हां मैं क्रीज से थोड़ा बाहर से बल्लेबाजी कर रहा हूं।
पंत ने कहा, विशेष रूप से इस तरह की परिस्थितियों में क्रीज का उपयोग करना, एक महत्वपूर्ण बात है। आपको अन्य जगहों की तुलना में गेंदबाज का थोड़ा अधिक सम्मान करना होगा। यही मैं टेस्ट मैचों के दौरान करने के लिए उत्सुक हूं।
भारतीय बल्लेबाजों के लिए सबसे बड़ी चुनौती इंग्लैंड में लेटरल मूवमेंट का मुकाबला करना होगा।
21 टेस्ट मैच खेल चुके 23 वर्षीय ने अपने करियर के पहले तीन टेस्ट इंग्लैंड में खेले। उन्होंने ओवल में पांचवें और अंतिम टेस्ट की दूसरी पारी में 114 रन बनाए।
उनकी विकेटकीपिंग ने हाल के दिनों में उनके लिए काफी प्रशंसा बटोरी थी और वह टेस्ट मैचों में भारत के लिए नंबर-1 विकेटकीपर बन गए हैं।
उन्होंने आगे कहा, 'एक कीपर के तौर पर आप सिर्फ गेंद को देखते हैं और उस पर प्रतिक्रिया करते हैं। यही हम अभ्यास में करते हैं। बस कड़ी मेहनत का अभ्यास करते रहें और आपको मैच में परिणाम मिलेगा।' (आईएएनएस)
टोक्यो, 31 जुलाई | टोक्यो ओलंपिक 2020 के नौंवे दिन रविवार को भारत के खिलाड़ी पांच अलग खेल में भाग लेते हुए दिखेंगे। इनमें से एक खेल में पदक दांव पर हैं। बैडमिंटन
क्या- महिला एकल, कांस्य पदक मैच
कौन- पीवी सिंधु
किसके खिलाफ- चीन की जियाओ ही बिंग
कहां- मुसाशिनो फॉरेस्ट स्पोर्ट प्लाजा बीडीएम कोर्ट 1
कब-शाम 5 बजे
हॉकी
क्या- पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल
कौन- भारतीय पुरुष हॉकी टीम
किसके खिलाफ- ग्रेट ब्रिटेन
कहाँ-ओई हॉकी स्टेडियम पिच नम्बर - 1
कब- शम 5.30 बजे से
मुक्केबाजी (गैर-पदक)
क्या- पुरुष सुपर हैवीवेट ( प्लस 91 किग्रा), क्वार्टर फाइनल
कौन-सतीश कुमार
किसके खिलाफ-उजबेकिस्तान के बाखोदीर जालोलोव
कहां- कोकुगिकान एरेना
कब- सुबह 9.30 बजे
गोल्फ (गैर-पदक)
क्या? पुरुष व्यक्तिगत स्ट्रोक प्ले राउंड 4
कौन-उदयन माने, अनिर्बान लाहिरी
कहां- कासूमागिासिकी कंट्री क्लब
कब- सुबह 4 बजे के बाद
घुड़सवारी (गैर-पदक)
क्या- क्रॉस कंट्री व्यक्तिगत
कौन-फौद मिर्जा
कहां- एक्वेस्ट्रीयन पार्क
कब : सुबह 5.18 बजे से
सोनी टेन 2 और सोनी सिक्स एसडी एंड एचडी (अंग्रेजी), सोनी टेन 3 (हिंदी) और सोनी टेन 4 (तमिल और तेलुगु) पर ये सारे मैच लाइव देखें। दूरदर्शन अपनी प्रादेशिक और डीटीएच सेवाओं पर ओलंपिक भी दिखाएगा। (आईएएनएस)
टोक्यो, 31 जुलाई | ग्रेट ब्रिटेन की महिला हॉकी टीम ने यहां चल रहे टोक्यो ओलंपिक के ग्रुप चरण में पूल ए मुकाबले में आयरलैंड को 2-0 से हराया। इसके साथ ही भारतीय महिला टीम ने क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है।
भारत ने आज सुबह ग्रुप चरण के अपने आखिरी मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से हराकर नॉकआउट में पहुंचने की उम्मीद बरकरार रखी थी। भारत की ओलंपिक में पांच मैचों में यह दूसरी जीत थी और उसके क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए ग्रेट ब्रिटेन का आयरलैंड के खिलाफ मुकाबला जीतना जरूरी था।
प्रत्येक ग्रुप से चार-चार टीमों को नॉकआउट में जाना है। भारत के पांच मैचों से छह अंक हैं और उसका गोल डिफरेंस -7 है। इस ग्रुप से नीदरलैंड, जर्मनी और ब्रिटेन पहले ही नॉकआउट में पहुंच चुके थे। एक स्थान बचा था, जिसके लिए भारत और आयरलैंड के बीच घमासान था।
ग्रेट ब्रिटेन की ओर से सुसानाह टाउनसेंड ने दूसरे क्वार्टर में 17वें मिनट में गोल कर टीम को बढ़त दिलाई। इसके बाद हनाह मार्टिन ने 32वें मिनट में गोल कर स्कोर 2-0 कर दिया। आयरलैंड की टीम अंत तक बराबरी या बढ़त हासिल नहीं कर सकी और उसे हार का सामना करना पड़ा।
इस हार के बाद आयरलैंड के पांच मैचों में एक जीत और चार हार के साथ तीन अंक रहे और वह अंक तालिका में पांचवें स्थान पर रहा।(आईएएनएस)
टोक्यो, 31 जुलाई | वंदना कटारिया की शानदार हैट्रिक के दम पर भारतीय महिला हॉकी टीम ने शनिवार को खेले गए अपने अंतिम ग्रुप मैच में दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से हराकर नॉकआउट में पहुंचने की उम्मीदों को कायम रखा है। वंदना ने भारत के लिए चौथे, 17वें और 49वें मिनट में गोल किए। भारत के लिए चौथा गोल नेहा ने 32वें मिनट में किया। ग्रुप-ए में दक्षिण अफ्रीका की यह लगातार पांचवीं हार है। भारत को पांच मैचों में दूसरी जीत मिली है। शुरूआती तीन मुकाबले गंवाने के बाद भारत ने दो मैच जीते हैं।
अब भारत को ब्रिटेन और आयरलैंड के बीच होने वाले मुकाबले का इंतजार है। ब्रिटेन के हाथों आयरलैंड की हार भारत को आगे ले जाएगी। और अगर आयरलैंड जीत जाता है तो भारत बाहर हो जाएगा क्योंकि तब आयरलैंड अंकों के मामले में भारत की बराबरी पर आ जाएगा और गोल डिफरेंस के मामले में आगे निकल जाएगा।
प्रत्येक ग्रुप से चार-चार टीमों को नॉकआउट में जाना है। अभी भारत के पांच मैचों से छह अंक हैं। उसका गोल डिफरेंस -7 है। इस ग्रुप से आस्ट्रेलिया, जर्मनी और ब्रिटेन पहले ही नॉकआउट में पहुंच चुके हैं। एक स्थान बचा है, जिसके लिए भारत और आयरलैंड के बीच घमासान है।
बहरहाल, मैच का पहला गोल भारत की वंदना ने चौथे मिनट में किया। उत्तराखंड निवासी वंदना ने एक बेहतरीन फील्ड गोल के माध्यम से भारत को 1-0 से आगे किया।
दक्षिण अफ्रीकी टीम ने वापसी के लिए जोर लगाया और उसे 15वें मिनट में सफलता मिल भी गई। टैरीन क्रिस्टी ग्लेसबाई ने एक बेहतरीन फील्ड गोल के माध्यम से स्कोर 1-1 कर दिया।
इसके दो मिनट बाद वंदना ने एक और गोल कर भारत को 2-1 से आगे कर दिया। वंदना ने यह गोल पेनाल्टी कार्नर पर किया। 30वें मिनट में कप्तान एरिन हंटर ने पेनाल्टी कार्नर पर गोल कर स्कोर एक बार फिर 2-2 कर दिया।
इसके दो मिनट बाद नेहा ने पेनाल्टी कार्नर पर गोल कर भारत को 3-2 की लीड दिला दी लेकिन 39वें मिनट में मेरिजान मेरिएस ने एक शानदार फील्ड गोल के जरिए स्कोर 3-3 कर दिया।
भारत को आगे जाने के लिए इस मैच में हर हाल में जीत की जरूरत थी और साथ ही उसे यह भी प्रार्थना करना है कि आयरलैंड की टीम ब्रिटेन से हार जाए। ऐसे में भारतीय टीम खूब जोर लगा रही थी।
वंदना ने एक बार फिर अपना क्लास दिखाया और 49वें मिनट में पेनाल्टी कार्नर पर गोल कर भारत को एक बार फिर 4-3 से आगे कर दिया। भारत इस स्कोर को बचाने में सफल रहा और साथ ही उसने आगे जाने की सम्भावनाओं को भी जिंदा रखा है। (आईएएनएस)
टोक्यो, 31 जुलाई भारत की कमलप्रीत कौर शानदार प्रदर्शन करते हुए टोक्यो ओलंपिक-2020 की महिला डिस्कस थ्रो इवेंट के फाइनल में पहुंच गई हैं लेकिन सीमा पुनिया को बाहर का रास्ता देखना पड़ा है। कमलप्रीत ओलंपिक डिस्कस थ्रो इवेंट के फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी भारतीय हैं। इस साल मार्च में पटियाला में आयोजित फेडरेशन कप के दौरान 65 मीटर का मार्क हासिल करने वाली एकमात्र भारतीय कमलप्रीत ने शनिवार को क्वालिफिकेशन ग्रुप-बी में अपने तीसरे प्रयास में 64 मीटर का ऑटोमेटिक क्वालीफाईंग मार्क हासिल कर फाइनल का टिकट हासिल किया लेकिन सीमा क्वालिफिकेशन ग्रुप-ए में तमाम प्रयासों के बावजूद 60.57 मीटर के साथ छठा स्थान हासिल कर सकीं।
क्वालीफाईंग ग्रुप-ए में 15 और बी में 16 एथलीट शामिल थीं। इन दोनों ग्रुपों से कुल 12 टॉप एथलीट फाइनल में पहुंचेंगी। जिन्होंने ऑटोमेटिक क्वालीफाई किया है, उनके अलावा श्रेष्ठ दूरी तय करने वाली एथलीट वरीयता क्रम में आ जाएंगी।
ग्रुप-बी से कमलप्रीत के अलावा अमेरिका की वेराले अलामान (66.42) ऑटोमेटिक क्वालीफाईंग मार्क हासिल कर सकीं। मापी गई दूरी के लिबाज से ग्रुप-ए से तीन और ग्रुप-बी से नौ एथलीटों ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया है।
2014 इंचियोन एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता सीमा की अगर बात करें तो उनके लिए शुरूआत अच्छी नहीं हुई थी। सीमा ने सबसे पहले थ्रो किया, लेकिन वह अपने पहले प्रयास में फाउल करार दी गईं। हालांकि दूसरे प्रयास में उन्होंने 60.57 मीटर का थ्रो किया।
अपने तीसरे प्रयास में भी चार बार की ओलंपियन सीमा 64 मीटर के क्वालिफिकेशन मार्क को नहीं छू सकीं। उन्होंने 58.93 मीटर का खराब थ्रो किया। सीमा के ग्रुप में सबसे बेहतर थ्रो क्रोएशिया की सेंड्रा पेरकोविच का रहा। पेरकोविच ने 63.75 मीटर का थ्रो लिया।
ग्रुप-बी में शामिल कमलप्रीत ने पहले प्रयास में 60.29 मीटर की दूरी नापी। इसके बाद दूसरे प्रयास में वह 63.97 तक पहुंच गईं। इस दूरी के साथ भी वह फाइनल के लिए क्वालीफाई करती दिख रही थी लेकिन उनकी कोशिश ऑटोमेटिक क्वालीफाईंग मार्क हासिल करना था और तीसरे प्रयास में वह 64 मीटर के साथ वहां पहुंच ही गईं।
कमलप्रीत से पहले साल 2012 के लंदन ओलंपिक में कृष्णा पूनिया ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था लेकिन वह पदक तक नहीं पहुंच सकी थीं।
क्वालीफाईंग में जो स्टैंडिंग रही, उसे अगर कमलप्रीत बरकरार रखती हैं तो वह पदक जीत सकती हैं। एनआईएस में आयोजित इंडियन ग्रां प्रि-4 में कमलप्रीत ने 66.59 की दूरी नापी थी लेकिन इसे अभी राष्ट्रीय रिकार्ड का दर्जा नहीं मिला है। कमल अगर इस प्रदर्शन को दोहरा सकीं तो भारत को महान सफलता मिल सकती है। (आईएएनएस)
टोक्यो ओलंपिक में चकित करने वाला एक वाक़या देखने को मिला. इससे जुड़ा वीडियो सामने आया, जिसकी सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चा है.
इस वीडियो में रिंग में जाने से ठीक पहले महिला जूडो खिलाड़ी को उनके जर्मन कोच ज़ोर से झकझोड़ते और थप्पड़ मारते दिख रहे हैं. यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है.
क्या है वीडियो में?
दरअसल, इस वीडियो में जो महिला खिलाड़ी दिख रही हैं, वो जर्मनी की मार्टिना ट्रैजडोस हैं और वे महिला जूडो के राउंड ऑफ़-32 के एक मुक़ाबले के लिए रिंग में उतरने जा रही हैं. उनके ठीक पीछे कोच चलते आ रहे हैं.
रिंग में उतरने से ठीक पहले वो पीछे मुड़ती हैं और सीधी खड़ी हो जाती हैं. तभी कोच उनके दोनों हाथों को पकड़ कर ज़ोर से झकझोड़ते हैं और फिर दोनों गालों पर थप्पड़ जड़ते हैं.
इसके बाद मार्टिना ट्रैजडोस अपना सिर हिलाती हैं और फिर रिंग में मैच के लिए उतर जाती हैं.
मैच के बाद मार्टिना ने क्या कहा?
यह वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर होने लगा और लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देने लगे. मैच के बाद मार्टिना ट्रैजडोस ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा कि कोच का झकझोड़ना और थप्पड़ मारना मैच से पहले के एक रस्म के तौर पर है.
उन्होंने लिखा, "इस रस्म को मैंने मैच से पहले किए जाने के लिए चुना है! मेरे कोच बस वही कर रहे थे जो मैं चाहती थी ताकि मैं जोश में आ सकूं."
ट्रैजडोस ने यह भी लिखा कि इसके लिए उनके कोच को दोषी न ठहराया जाए क्योंकि मैच से पहले उन्हें इस तरह सचेत करने के लिए अपने कोच से उन्होंने ही कहा था.
ट्रैजडोस ने इस थप्पड़ को जोश में लाने के लिए किया जाने वाला रस्म भले ही बताया लेकिन मैच का नतीजा कुछ और ही बता रहा है.
वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकीं ट्रैजडोस हंगरी की सोफ़ी ओज़बास से यह मुक़ाबला हार कर बाहर हो गईं.
इस वीडियो को शेयर करते हुए मैच हारने पर अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने लिखा, "लगता है ये बहुत ज़ोरदार नहीं था. काश आज मैं अलग हेडलाइन बन पाती."
जिस तरह ये पूरा वाक़या हुआ, उसे देख कर जहाँ एक ओर लोग हतप्रभ हैं, वहीं ट्रैजडोस के कोच को इसके लिए चेतावनी भी दी गई है.
जर्मनी के जूडो कोच क्लाउडियो पूसा को ये चेतावनी इंटरनेशनल जूडो फ़ेडरेशन की तरफ़ से दी गई.
इंटरनेशनल जूडो फ़ेडरेशन ने अपने एक बयान में कहा, "आईजेएफ़ ने जर्मन कोच को एक गंभीर आधिकारिक चेतावनी दी है, जो इस प्रतियोगिता के दौरान दिखाए गए उनके ख़राब व्यवहार के लिए है."
"जूडो एक शैक्षिक खेल है, लिहाजा इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. यह जूडो के नैतिक नियमों के ख़िलाफ़ है."
एक यूज़र ने लिखा कि "कौन परवाह करता है कि लोग क्या सोचते हैं" तो एक अन्य ने उन्हें सलाह दी, "लोगों की मत सुनो. आपने धमाल मचाया."
वहीं एक यूज़र ने लिखा कि "भले ही यह दोनों को स्वीकार्य हो लेकिन यह ट्रेनिंग का अजीब तरीक़ा है. मुझे इसके जवाब में कोच को पलट कर करारा चांटा लगाने का मन हो रहा है. (bbc.com)
चंडीगढ़, 31 जुलाई | पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सोढ़ी ने शुक्रवार को घोषणा की कि टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्य के हर हॉकी खिलाड़ी को स्वर्ण पदक जीतने पर 2.25 करोड़ रुपये मिलेंगे। इससे पहले, ओलंपिक में स्वर्ण जीतने पर पूरी टीम को 2.25 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि देने की घोषणा की गई थी।
सोढ़ी ने कहा कि राज्य के 11 खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाली भारतीय हॉकी टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं।
भारत टोक्यो में ऑस्ट्रेलिया के पीछे ग्रुप-ए में दूसरे स्थान पर है और क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई कर चुकी है।
रविवार को खेले जाने वाले क्वार्टर फाइनल में भारतीय टीम ग्रेट ब्रिटेन से भिड़ेगी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली/सिनसिनाटी, 30 जुलाई| प्रॉक्टर एंड गैंबल (पीएंडजी) ने शैलेश जेजुरिकर को अपना ग्लोबल सीओओ नियुक्त करने की घोषणा की है, जिससे वह यह पद संभालने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। यह सीईओ स्तर पर डेविड टेलर से जॉन मोलर के पदभार संभालने के साथ बदलाव के अनुरूप है।
इसके अलावा, 1 अक्टूबर से प्रभावी, जेजुरिकर को कंपनी के सीओओ के रूप में नियुक्त किया जाएगा। यह आगे पी एंड जी इंडिया के लिए अच्छी खबर सुनिश्चित करता है, क्योंकि भारत वैश्विक स्तर पर पी एंड जी के लिए एक प्रतिभा कारखाना रहा है और वैश्विक स्तर पर पी एंड जी के लिए शीर्ष प्रतिभा के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है। कंपनी के पास कंपनी भर में लगभग 350 भारतीय प्रवासी हैं।
सीओओ के रूप में, जेजुरिकर के पास पीएंडजी के एंटरप्राइज मार्केट्स (लैटिन अमेरिका, भारत, मध्य पूर्व, अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वी यूरोप) के लिए लाभ और हानि की जिम्मेदारी होगी। वह कंपनी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी, वैश्विक व्यापार सेवाओं, बिक्री, बाजार संचालन, नए व्यवसाय, खरीद, विनिर्माण और वितरण प्रयासों का भी नेतृत्व करेंगे।
वर्तमान में, वह प्रॉक्टर एंड गैंबल के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्र, फैब्रिक एंड होम केयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, जिसमें पी एंड जी के कई प्रतिष्ठित ब्रांड शामिल हैं : टाइड, एरियल, डाउनी, गेन, फेरेज, स्विफर - और लगभग एक-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं कुल कंपनी की बिक्री और शुद्ध कमाई।
इस भूमिका में, उन्होंने नवाचार (आर एंड डी), एक सिंक्रनाइज ई2ई आपूर्ति श्रृंखला, ब्रांड-बिल्डिंग और बिक्री के माध्यम से उद्योग-अग्रणी परिणाम और मूल्य निर्माण प्रदान करने में टीम का नेतृत्व किया है।
जेजुरिकर के व्यापक पी एंड जी करियर ने विकसित और विकासशील दोनों क्षेत्रों (उत्तरी अमेरिका, यूरोप, एशिया और अफ्रीका) में कई व्यवसायों (स्वास्थ्य और सौंदर्य देखभाल, होम केयर, फैब्रिक केयर और पी एंड जी प्रोफेशनल) को फैलाया है।
पीएंडजी ने कहा कि उन्होंने हर बाजार और हर व्यवसाय में लगातार मजबूत व्यावसायिक परिणाम दिए हैं, जो ब्रांड निर्माण के अपने जुनून के साथ-साथ स्थानीय, क्षेत्रीय, विश्व स्तर पर और सेवा उद्योगों में बढ़ते ब्रांडों के अपने गहरे अनुभव के माध्यम से सक्षम हैं। उनके पास विकास की संभावनाओं को पहचानने की अनूठी क्षमता है।
वैश्विक स्थिरता के लिए कार्यकारी प्रायोजक के रूप में, जेजुरिकर सक्रिय रूप से पी एंड जी के 'फोर्स फॉर गुड एंड ए फोर्स फॉर ग्रोथ' विजन को सक्रिय रूप से चला रहा है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इसके स्थिरता लक्ष्यों को दिन-प्रतिदिन के व्यवसाय में पूरी तरह से एकीकृत किया जा सकेगा।
मोलर, वाइस चेयरमैन और मुख्य परिचालन अधिकारी, टेलर की जगह प्रॉक्टर एंड गैंबल के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में 1 नवंबर, 2021 से प्रभावी होंगे।
मोलर को कंपनी के निदेशक मंडल में नियुक्त किया गया है। 1 नवंबर को टेलर प्रॉक्टर एंड गैंबल के कार्यकारी अध्यक्ष बन जाएंगे। इस भूमिका में, वह निदेशक मंडल का नेतृत्व करेंगे और कंपनी के निर्णयों पर सीईओ और पी एंड जी नेतृत्व को सलाह और परामर्श प्रदान करेंगे। (आईएएनएस)
टोक्यो, 30 जुलाई | चीन के मा लोंग शुक्रवार को ऐतिहासिक सफलता हासिल करते हुए हुए यहां फाइनल में नंबर-1 और अपनी ही टीम के साथी फैन झेंडोंग को 4-2 से हराकर लगातार ओलंपिक एकल खिताब जीतने वाले दुनिया के पहले पुरुष टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मा ने टोक्यो मेट्रोपॉलिटन जिमनैजियम में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाख के सामने 11-4, 10-12, 11-8, 11-9, 3-11, 11-7 से मैच जीता।
नवंबर में आईटीटीएफ विश्व कप और आईटीटीएफ फाइनल्स के बाद, यह प्रमुख आयोजनों में इस चीनी जोड़ी के बीच तीसरा फाइनल था। इससे पहले दोनों ने एक-एक खिताब जीता था।
इससे पहले के एक मैच में, जर्मनी के दिमित्रिज ओवत्चारोव ने सात सेट के रोमांचक मुकाबले में चीनी ताइपे के लिन युन-जू को हराकर कांस्य पदक जीता। (आईएएनएस)