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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 अक्टूबर। राज्य में आज रात 09.00 बजे तक 36 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें सबसे अधिक 6-6 रायपुर दुर्ग और जिलों से हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के इन आंकड़ों के मुताबिक आज रात तक किसी भी जिले में 10 से अधिक कोरोना पॉजिटिव नहीं मिले हैं। आज 15 जिलों में एक भी पॉजिटिव नहीं मिले हैं।
आज दो भी मौतें हुई हैं।
राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दुर्ग 6, राजनांदगांव 5, बालोद 2 बेमेतरा 5, कबीरधाम 1, रायपुर 6, धमतरी 3, बलौदाबाजार 0, महासमुंद 0, गरियाबंद 1, बिलासपुर 0, रायगढ़ 0, कोरबा 2, जांजगीर-चांपा 1, मुंगेली 0, जीपीएम 0, सरगुजा 1, कोरिया 1, सूरजपुर 0, बलरामपुर 0, जशपुर 2, बस्तर 0, कोंडागांव 0, दंतेवाड़ा 0, सुकमा 0, कांकेर 0, नारायणपुर 0, बीजापुर 0, अन्य राज्य 0 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
चुनावी रोड मैप बनाने बनी 10 कमेटी
हल्ला बोल अब 11 नवंबर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 अगस्त। गंगरेल रिजार्ट में भाजपा के 31दिग्गज नेताओं ने 9 घंटे के मंथन में अगले चुनाव के लिए रणनीति बनाने वाली कुछ समितियों का गठन कर उठे। इनमें घोषणा पत्र, अनुशासन, सरकार की वादाखिलाफी और असफलता वाले मुद्दे तलाशने वाली समितियों का गठन किया गया। बैठक सुबह 10.30 बजे से शाम 7.30 बजे तक चली।
इसमें राष्ट्रीय महामंत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अरूण जामवाल, प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव, सह प्रभारी नितिन नवीन समेत कोर ग्रुप और चुनाव समिति के सभी सदस्य शामिल हुए। इनमें से किसी भी समिति के सदस्य नहीं दो नेता शिवरतन शर्मा, रामविचार नेताम भी बुलाए गए थे।
बैठक के 9 घंटों को चार हिस्सों में बांट कर चर्चाएं हुईं।बैठक में महिला मोर्चा के बिलासपुर में 3 नवंबर को होने वाले हल्ला बोल का डेट बदलकर 11नवंबर के लिए शिफ्ट किया गया। इससे पहले 8 नवंबर को आदिवासी मोर्चा कोंडागांव, राजनांदगांव और अंबिकापुर में प्रदर्शन करेगा।
बैठक के बाद आयोजक और मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने बताया कि, इस बैठक में सरकार को घेरने के लिए सालभर की कार्ययोजना तैयार की गई है। वहीं, अजय चंद्राकर ने राज्य में आदिवासी आरक्षण के मुद्दे पर कहा कि, यह संवैधानिक संकट है, सरकार विपक्ष पर थोपने की कोशिश कर रही है. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि, ननकीराम कवंर की कमेटी ने क्या कहा इसे सार्वजनिक किया जाए।ऐसे कई मुद्दे हैं, जिसका रोड मैप तैयार करने के लिए कमेटियां बनी हैं और राष्ट्रीय नेतृत्व को इसकी जानकारी दी जाएगी।साथ ही उन्होंने दावा किया कि 2023 में भाजपा सत्ता में आएगी।
मिलेट्स की खेती के लिए किसान होंगे प्रोत्साहित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 अगस्त। सीएम भूपेश बघेल की पहल से छत्तीसगढ़ में देश का सबसे बड़ा मिलेट प्रसंस्करण उद्योग खुलने जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से मिलेट मिशन के तहत कांकेर जिले के ग्राम नाथियानवागांव में अवनी आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कोदो-कुटकी-रागी की प्रसंस्करण तथा इससे संबंधित वेल्यू एडिशन उत्पाद इकाई स्थापित की गई है। जिसमें कोदो-कुटकी-रागी से चावल तथा इनकी दलिया, सूजी, आटा सेवई, पास्ता, सूप मिक्स, बिस्किट, कुकीज, लड्डू इत्यादि बनाया जाएगा।
अवनी आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित इस इकाई की वार्षिक प्रसंस्करण क्षमता 10 से 12 हजार टन है। उक्त प्रसंस्करण इकाई के लिए प्रतिदिन लगभग 35 से 40 टन कोदो-कुटकी-रागी की आवश्यकता होगी। इस इकाई के लिए रॉ मटेरियल छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा, जिसके लिए छत्तीसगढ़ शासन तथा अवनी आयुर्वेदा के बीच एमओयू किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन के मिलेट मिशन के अंतर्गत स्थापित इस इकाई को प्रोत्साहन हेतु सीएसआईडीसी द्वारा सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जायेगी।
इस इकाई की स्थापना के लिए आई.आई.एम.आर. हैदराबाद के साथ अवनी आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड एवं जिला प्रशासन उत्तर बस्तर कांकर के बीच तकनीकी जानकारी उच्च क्वालिटी के बीज, सीड बैंक की स्थापना और प्रशिक्षण के लिए एमओयू किया गया है। अवनी आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड के प्रसंस्करण इकाई से 100 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा तथा छत्तीसगढ़ राज्य के हजारों किसान भी लाभान्वित होंगे, जो कोदो-कुटकी-रागी का उत्पादन करते हैं। किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिल पायेगा।
मिलेट मिशन के तहत् छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा समर्थन मूल्य एवं इनपुट सब्सिडी से किसान अधिकाधिक लाभान्वित हो रहे हैं तथा इस इकाई के स्थापना से किसान कोदा-कुटकी-रागी की खेती के लिए प्रोत्साहित होंगे तथा छत्तीसगढ़ मिलेट हब बनेगा। मिलेट्स जैसे कि कोदो-कुटकी-रागी उच्च पौष्टिक धान्य है। मिलेट्स ग्लूटेन मुक्त होते हैं तथा इनमें प्रोटीन, डायट्री फाइबर, विटामिन्स और मिनरलस् भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। मिलेट्स मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग व कई अन्य बीमारियों के लिए लाभकारी होता है तथा इनसे इम्युनिटी बढ़ती है।
छत्तीसगढ़ के 20 से अधिक जिलों में मिलेंटस का उत्पादन होता है और इस इकाई की स्थापना से महिला समूहों और युवाओं को रोजगार मिलेगा। छत्तीसगढ़ राज्य में मिलेट के उत्पाद, प्रसंस्करण एवं उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2021 से मिलेट मिशन प्रारंभ किया गया है। राज्य में परम्परागत रूप से कोदो, कुटकी एवं रागी की खेती की जाती रही है, परन्तु इसके उपार्जन एवं प्रसंस्करण हेतु कोई नीति अथवा कार्यक्रम नहीं होने के कारण कृषकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। राज्य शासन द्वारा वर्ष 2020-21 से कोदो, कुटकी एवं रागी का प्रथम बार समर्थन मूल्य निर्धारित करते हुए प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से क्रय की व्यवस्था की गई। कोदो एवं कुटकी हेतु रु. 30/- प्रति किलो एवं रागी के लिए रू. 33.77 प्रति किलो का समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 अगस्त। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बस्तर के पांच दिनों के दौरे के बाद अब कांग्रेस भी आदिवासी बहुल अंचल पर फोकस करने जुट रही है।
बस्तर की 12 विधानसभाओं में कांग्रेस मैराथन बैठक करेगी । चार वर्ष पहले हुए चुनाव में कांग्रेस ने बस्तर में क्लीन स्वीप किया था।रविवार से होगी बस्तर में धुंआधार दौरे की शुरुवात। 12 अक्टूबर तक चार दिन मरकाम और पुनिया कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। मरकाम के साथ के साथ पुनिया और सप्तगिरि उल्का करेगे 4 दिन बस्तर संभाग के दौरे पर रहेंगे।
इससे पहले मोहन मरकाम ने चार दिवसीय पदयात्रा के माध्यम से कार्यकर्ताओं का मन टटोला था। इसमें मिले फीडबैक के बाद बस्तर के संयुक्त दौरे का कार्यक्रम है।कुछ दिन पूर्व ही मरकाम और पुनिया ने बिलासपुर संभाग की हारी हुई सीटों का संयुक्त दौरा किया था।अब पार्टी करेगी बस्तर पर फोकस।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 अगस्त। राज्य में पीएम श्री स्कूल खोले जाएंगे। इसके लिए स्कूलों के चयन के लिए समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय को नोडल एजेंसी और एमडी समग्र शिक्षा को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। योजना के क्रियान्वयन पर निगरानी के लिए सचिव स्कूल शिक्षा की अध्यक्षता में राज्य समिति और ज़िलों में स्कूल चयन के कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला समिति का गठन किया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 अगस्त। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने राज्य वन सेवा के 211 पदों के होने वाले साक्षात्कार को स्थगित कर दिया है। ये साक्षात्कार 8 से 21 अक्टूबर तक होने वाले थे। नई तिथियां बाद में घोषित की जाएंगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 6 अक्टूबर। मध्य रेलवे के सोलापुर मंडल के दौन्ड-मनमाड़ सेक्शन के बीच दोहरीकरण कमीशनिंग एवं आधुनिकीकरण के कारण आज बिलासपुर-पुणे एक्सप्रेस रवाना नहीं हुई। यह ट्रेन 13 अक्टूबर को भी रद्द रहेगी। इसी तरह 7 एवं 14 अक्टूबर को पुणे-बिलासपुर एक्सप्रेस रद्द रहेगी।
पालघर, 6 अक्टूबर। महाराष्ट्र में पालघर जिले के विरार में एक गरबा कार्यक्रम के दौरान दो समूहों में हुए झगड़े में बीच-बचाव कराने गए 29 वर्षीय शख्स की हत्या कर दी गई।
सहायक पुलिस आयुक्त रामचंद्र देशमुख ने बृहस्पतिवार को बताया कि वैजनाथ शर्मा बुधवार को सहकार नगर स्थित अपने घर लौट रहे थे। तभी उन्हें एक गरबा कार्यक्रम में दो समूह में लड़ाई होती दिखी तो उन्होंने उनसे झगड़ा बंद करने को कहा।
देशमुख ने बताया, “ उन पर दोनों समूहों ने हमला कर दिया और एक नज़दीकी अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई।”
मृतक के रिश्तेदारों, सहयोगियों तथा स्थानीय व्यापारियों ने स्थानीय थाने के बाहर प्रदर्शन कर घटना में शामिल लोगों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। (भाषा)
नयी दिल्ली, 6 अक्टूबर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता उदित राज द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को प्रमुख विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि यह टिप्पणी कांग्रेस की ‘आदिवासी विरोधी’ मानसिकता को दर्शाती है।
ज्ञात हो कि राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद मुर्मू सोमवार को पहली बार गुजरात पहुंची थीं। गांधीनगर में गुजरात सरकार की ओर से आयोजित एक अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा था, ‘‘गुजरात में पैदा होने वाला नमक सभी भारतीयों द्वारा खाया जाता है।’’
भारत में नमक की खपत का करीब 80 प्रतिशत उत्पादन गुजरात में होता है।
उदित राज ने बुधवार को राष्ट्रपति मुर्मू पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था, ‘‘द्रौपदी मुर्मू जी जैसी राष्ट्रपति किसी देश को न मिलें। चमचागिरी की भी हद है। कहती हैं कि70 प्रतिशत लोग गुजरात का नमक खाते हैं। खुद नमक खाकर जिंदगी जिएं तो पता लगेगा।’’
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘यह आश्चर्यजनक और दुख की बात है कि कांग्रेस के नेता लगातार इस प्रकार की अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं। यह कांग्रेस की आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। कांग्रेस को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।’’
पात्रा ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति के लिए ‘‘राष्ट्रपत्नी’’ शब्द का इस्तेमाल किए जाने का उल्लेख किया और कहा कि उस वक्त भी ऐसा ही विवाद हुआ था। हालांकि, चौधरी ने बाद में स्पष्ट किया था कि यह शब्द गलती से उनके मुंह से निकल गया था।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, ‘‘उदित राज ने पहले भी इस प्रकार का अपराध किया है। उन्होंने न सिर्फ राष्ट्रपति मुर्मू, बल्कि शीर्ष संवैधानिक पद का और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी का भी लगातार अपमान किया है।’’
पूनावाला ने कहा, ‘‘उदित राज ने तत्कालीन राष्ट्रपति (कोविंद) के लिए ‘गूंगा और बहरा’ शब्द का इस्तेमाल किया था। अब उन्होंने मुर्मू जी को चमचा कहा है। कांग्रेस ने कभी उन पर कार्रवाई नहीं की, क्योंकि वह उनकी राय का समर्थन करती है।’’
इस मुद्दे पर विवाद बढ़ने के बाद उदित राज ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू के बारे में की गई उनकी टिप्पणी निजी है और इससे कांग्रेस पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।
पूनावाला ने कहा कि उदित राज द्वारा टिप्पणी को निजी करार दिए जाने से कुछ नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि वह ‘आदिवासी विरोधी’ टिप्पणी के लिए उदित राज के खिलाफ कार्रवाई करेगी या नहीं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पहले अधीर रंजन चौधरी (लोकसभा में कांग्रेस के नेता), फिर अजोय कुमार (कांग्रेस प्रवक्ता) और अब तीसरी बार इस प्रकार का बयान दिया गया है। यह संयोग नहीं है! यह कांग्रेस की मानसिकता है।’’
पूनावाला ने बाद में एक बयान में कहा कि मुर्मू अपने परिश्रम और प्रतिबद्धता की वजह से शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंची हैं लेकिन कांग्रेस इसे स्वीकार नहीं कर सकती।
इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग ने उदित राज को नोटिस भेजा और कहा कि उन्हें इस टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।
उदित राज दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। साल 2014 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर उत्तर-पश्चिम दिल्ली संसदीय सीट से जीत दर्ज की थी। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अपने बयानों को लेकर अक्सर वह सुर्खियों में रहते हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 6 अक्टूबर। करीब दो महीने पहले परिचालन शुरू करने वाली आकाश एयर नवंबर से यात्रियों को हवाई सफर के दौरान अपने साथ पालतू कुत्तों और बिल्लियों को ले जाने की इजाजत देगी।
इसके साथ ही कंपनी नवंबर से कार्गो सेवाओं की शुरुआत भी करेगी। साथ ही आने वाले सप्ताह में परिचालन में नए मार्गों को जोड़ा जाएगा।
आकाश एयर की 2023 की दूसरी छमाही में अंतरराष्ट्रीय सेवाएं शुरू करने की भी योजना है। कंपनी के बेड़े में 20 विमान होने के बाद इन सेवाओं की शुरुआत की जाएगी।
विमानन कंपनी आकाश एयर का प्रदर्शन परिचालन शुरू होने के पहले 60 दिनों में ‘संतोषजनक’ रहा है। एयरलाइन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय दुबे ने यह जानकारी दी।
एयरलाइन ने इस साल अगस्त में परिचालन शुरू किया था और उसकी अगले साल की दूसरी छमाही में अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू करने की भी योजना है।
कंपनी के बेड़े में छह विमान है और चालू वित्त वर्ष के अंत तक बेड़े का आकार बढ़ाकर कुल 18 विमान तक करने की तैयारी है। दुबे ने कहा कि कंपनी नये निवेशकों की तलाश में है।
उन्होंने यहां कहा, ‘‘हम अपने प्रदर्शन से बहुत खुश और संतुष्ट हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि एयरलाइन योजना के अनुसार चल रही है। कंपनी इस समय रोजाना 30 उड़ानें भर रही है एवं शुक्रवार (सात अक्टूबर) से दिल्ली से सेवाएं शुरू होंगी।
आकाश एयर ने 72 बोइंग-737 मैक्स विमानों का ऑर्डर दिया है। इसके अलावा कंपनी जल्द ही यात्रियों को पालतू जानवर (कुत्ता, बिल्ली) अपने साथ ले जाने की इजाजत देगी।
आकाश एयर के सह-संस्थापक, मुख्य विपणन और अनुभव अधिकारी बेलसन कॉटिन्हो ने कहा कि नवंबर से यात्रा के दौरान पालतू जानवरों को साथ ले जाने की इजाजत दी जाएगी। इस संबंध में बुकिंग 15 अक्टूबर से शुरू होगी।
प्रत्येक पालतू जानवर को पिंजरे में रहना होगा। पिंजरे सहित वजन सीमा केबिन में सात किलोग्राम और चेक-इन में 32 किलोग्राम होगा। भारी पालतू जानवरों के लिए एक अन्य विकल्प होगा।
दुबे ने कहा कि एयरलाइन अच्छी तरह से पूंजीकृत है।
यह पूछे जाने पर कि क्या इसके प्रमुख निवेशक राकेश झुनझुनवाला के निधन के बाद कंपनी की रणनीति में कोई बदलाव आया है, दुबे ने कहा कि ऐसा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘रणनीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है... नैतिक, भावनात्मक समर्थन के मामले में, यह एक बहुत गहरी क्षति है।’’
सरकार की आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के बारे में आकाश एयर के प्रमुख ने कहा कि यह सराहनीय बात है कि सरकार विमानन क्षेत्र के महत्व को पहचानती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सिर्फ यह आशा करते हैं कि सरकार का समर्थन स्टार्टअप एयरलाइन को भी मिले। स्टार्टअप एयरलाइन उसी कठिन वातावरण में काम कर रही हैं... हमें किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता प्राप्त करने में खुशी होगी।‘‘ (भाषा)
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव कई दिनों से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती है.
मेदांता ने आज बयान जारी कर कहा कि मुलायम सिंह यादव की तबीयत नाज़ुक है. वे अभी भी लाइफ सेविंग ड्रग्स पर हैं. विशेषज्ञों की एक टीम आईसीयू में उनका इलाज कर रही है.
बुधवार को आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव भी मुलायम सिंह यादव से मिलने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल पहुंचे थे.
मुलाकात के बाद लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि उनकी तबीयत में सुधार हो रहा है.
इसके अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मुलायम सिंह यादव से मिलने अस्पताल गए थे. (bbc.com/hindi)
मुंबई पुलिस ने मुकेश अंबानी और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में एक व्यक्ति को बिहार के दरभंगा से गिरफ़्तार किया है.
अभियुक्त का नाम राकेश कुमार मिश्रा है. मुंबई पुलिस के मुताबिक, बिहार पुलिस की मदद से रात में राकेश मिश्रा को पकड़ा गया.
अभियुक्त को मुंबई पुलिस अपने साथ लेकर जा रही है. राकेश को आईपीसी की धारा 506(2) और 507 के तहत गिरफ़्तार किया गया है.
बुधवार को एक अज्ञात व्यक्ति ने दक्षिण मुंबई स्थित रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में फोन कर हॉस्पिटल को उड़ाने की धमकी दी थी. इसके अलावा व्यक्ति ने मुकेश अंबानी, उनकी पत्नी नीता अंबानी, बेटे आकाश को मारने और घर अंटीला को उड़ाने की धमकी दी थी.
धमकियों को देखते हुए भारत सरकार ने हाल ही में मुकेश अंबानी को जेड प्लस सुरक्षा दी है, वहीं नीता अंबानी के पास वाई प्लस सुरक्षा है.
धमकी भरे फोन कॉल के बाद से हॉस्पिटल और घर के बाहर सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. (bbc.com/hindi)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 अक्टूबर । विजयादशमी के दौरान बुधवार को धमतरी में रावण का सिर नहीं जला। निगम प्रशासन ने सहायक ग्रेड तीन लिपिक राजेन्द्र यादव को निलंबित कर दिया है। चार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
फ्रांसीसी लेखिका एनी एनॉक्स को साल 2022 के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया है.
एनी एनॉक्स ने कहा," लिखना एक राजनीतिक काम है, जो हमारी आंखें खोलता है जिससे हम सामाजिक असमानता देख पाते हैं." इस उद्देश्य के लिए एनी एनॉक्स अपनी भाषा का इस्तेमाल एक चाकू की तरह करती हैं.
लेखिका एनी एनॉक्स का जन्म 1940 में हुआ था. वे नॉरमैंडी के छोटे से शहर यवेटोट में पली-बढ़ी. यहां उनके माता पिता एक किराने की दुकान और कैफे चलाते थे.
पिछले साल तंज़ानिया के उपन्यासकार अब्दुलरज़ाक गुरनाह को साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
स्वीडिश अकादमी नोबल पुरस्कार में विजेता को एक करोड़ स्वीडिश क्राउन देती हैं जो करीब 12 लाख डॉलर के बराबर होते हैं. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर । मुंबई पुलिस ने मुकेश अंबानी और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में एक व्यक्ति को बिहार के दरभंगा से गिरफ़्तार किया है.
अभियुक्त का नाम राकेश कुमार मिश्रा है. मुंबई पुलिस के मुताबिक, बिहार पुलिस की मदद से रात में राकेश मिश्रा को पकड़ा गया.
अभियुक्त को मुंबई पुलिस अपने साथ लेकर जा रही है. राकेश को आईपीसी की धारा 506(2) और 507 के तहत गिरफ़्तार किया गया है.
बुधवार को एक अज्ञात व्यक्ति ने दक्षिण मुंबई स्थित रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में फोन कर हॉस्पिटल को उड़ाने की धमकी दी थी. इसके अलावा व्यक्ति ने मुकेश अंबानी, उनकी पत्नी नीता अंबानी, बेटे आकाश को मारने और घर अंटीला को उड़ाने की धमकी दी थी.
धमकियों को देखते हुए भारत सरकार ने हाल ही में मुकेश अंबानी को जेड प्लस सुरक्षा दी है, वहीं नीता अंबानी के पास वाई प्लस सुरक्षा है.
धमकी भरे फोन कॉल के बाद से हॉस्पिटल और घर के बाहर सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. (bbc.com/hindi)
-जिंका नागाराजू
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने अपनी राष्ट्रीय पार्टी का एलान कर दिया है. तेलंगाना राष्ट्र समिति के बदले अब उनकी पार्टी को भारत राष्ट्र समिति के नाम से जाना जाएगा.
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या मौजूदा स्थिति में वे राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पैठ बना सकते हैं?
क्या तेलंगाना की क्षेत्रीय पहचान के चलते वे दूसरे राज्यों में लोगों का समर्थन हासिल कर सकते हैं और देश की मौजूदा राजनीति में क्या राष्ट्रीय पार्टी के रूप में भारत राष्ट्र समिति के लिए जगह भी है?
भारत में लंबे समय से किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल का गठन नहीं हुआ है. आज़ादी के बाद भारत में केवल एक राष्ट्रीय पार्टी का गठन हुआ है और वह पार्टी है भारतीय जनता पार्टी. हालांकि ये बात और है कि कई क्षेत्रीय दल अपने नाम में अखिल भारतीय या ऑल इंडिया लिखते आए हैं. जैसे ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया एडीएमके, एआईएमआईएम, ऑल इंडिया फ़ॉरवर्ड ब्लॉक, लेकिन इनमें कोई भी पार्टी राष्ट्रीय नहीं है.
हालांकि ऐसी भी कई पार्टियां हैं जो अलग-अलग राज्यों में चुनाव लड़ती हैं और वहां सीटें भी जीतने में कामयाब रही हैं और उन्हें चुनाव आयोग की परिभाषा के मुताबिक़ राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी हासिल हुआ है. लेकिन वैसी पार्टियां भी राष्ट्रीय स्तर पर अपना विस्तार नहीं कर सकी हैं. कम्युनिस्ट पार्टियों का आधार तो इतनी तेज़ी से खिसका है कि उनके सामने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खोने का संकट खड़ा हो गया है.
राष्ट्रीय पार्टी के मायने क्या हैं?
हाल के दिनों में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी किसी दूसरे राज्य में सरकार बनाने वाली पहली क्षेत्रीय पार्टी बनी है. ऐसे में मौजूदा समय में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ही दो ऐसी पार्टियां हैं जिनकी उपस्थिति अखिल भारतीय है. कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुई थी जबकि भारतीय जनता पार्टी का गठन 1980 में हुआ.
बीते कुछ दशक में कई राजनीतिक दलों का उदय हुआ, लेकिन कुछ समय के बाद उनका प्रभाव कम होता गया. इनमें समाजवादी पार्टी, मुस्लिम लीग, विभिन्न वाम दल, विभिन्न किसान दल जैसे दल शामिल रहे हैं. जनसंघ को भी इस सूची में गिना जा सकता है.
अगर चुनाव के हिसाब से देखें तो पहले आम चुनाव यानी 1952 में भारत में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की संख्या 14 थी जो 2019 के आम चुनाव के आते-आते सात रह गई. 2019 के बाद पूर्वोत्तर की नेशनल पीपल्स पार्टी को राष्ट्रीय दर्जा हासिल हुआ. यह दर्जा चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित मापदंडों को पूरा करने पर मिलता है, लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि पार्टी का प्रभाव राष्ट्रीय स्तर पर है.
चुनाव आयोग किसी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा तब देता है जब वह पार्टी अपने मूल राज्य के अलावा कम से कम चार अन्य राज्यों में कुछ निर्धारित सीटें हासिल कर ले. ख़ुद को नेशनल पार्टी घोषित कर लेने से कोई पार्टी राष्ट्रीय नहीं हो जाएगी, इसके लिए उसे चुनाव आयोग की शर्तों को पूरा करना होगा.
क्षेत्रीय पार्टियों का दौर
इस देश की राजनीति में क्षेत्रीय पार्टियों का अस्तित्व 1952 से ही है. 1952 के आम चुनाव के वक्त देश में 19 क्षेत्रीय पार्टियां थीं. हालांकि क्षेत्रीय पार्टियों के उभार का दौर 1984 के बाद ही देखने को मिला. 1984 में कांग्रेस आख़िरी बार अपने दम पर केंद्र में सरकार बना सकी थी.
1989 से लेकर 2014 तक देश में गठबंधन सरकारों का दौर दिखा. 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने अकेले दम पर सरकार बनाने का बहुमत हासिल कर लिया था. हालांकि इस दौरान भी बीजेपी ने कई क्षेत्रीय पार्टियों के साथ अपने गठबंधन को कायम रखा और अपना आधार भी बढ़ाती रही. 2019 में उसे कहीं ज़्यादा समर्थन हासिल हुआ. वहीं कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन में लगातार गिरावट देखने को मिला है.
ऐसे में स्पष्ट है कि एक नेशनल पार्टी का प्रभाव कम हो रहा है तो निश्चित तौर पर देश में एक और राष्ट्रीय पार्टी की जगह तो है. ऐसे में केसीआर की कोशिश को महज ख्याली नहीं कहा जा सकता है, हालांकि वे उस जगह को भर पाते हैं या नहीं, ये दूसरी बात है.
केसीआर जगह बना पाएंगे?
कांग्रेस जहां-जहां कमज़ोर हुई है, वहां उसकी जगह बीजेपी ने ली या फिर किसी क्षेत्रीय पार्टी ने. आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के कमज़ोर होने से जो जगह बनी उसे बीजेपी नहीं भर पाई है. वहां क्षेत्रीय वाईएसआर कांग्रेस ने वो जगह हथिया ली और वाईएस जगन मोहन रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री बने. राज्य से कांग्रेस का सफ़ाया हो गया और बीजेपी भी वहां प्रवेश नहीं कर सकी. ऐसे में क्या केसीआर वहां कामयाबी हासिल कर पाएंगे?
तेलंगाना, तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में ना तो कांग्रेस की स्थिति मज़बूत है और ना ही भारतीय जनता पार्टी की. इन राज्यों की क्षेत्रीय पार्टियों ने अपने राज्य में किसी नेशनल पार्टी को प्रवेश करने नहीं दिया है. केसीआर ने भी अपने राज्य में बीजेपी को मज़बूत नहीं होने दिया है, ऐसे में साफ़ है कि नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए, उन्हें दूसरे राज्यों के क्षेत्रीय दलों की चुनौती का सामना करना होगा.
यही वजह है कि अपनी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बनाने की उनकी घोषणा का तेलंगाना से बाहर कोई असर नहीं दिखा है.
आंध्र प्रदेश में क्या स्थिति है?
आंध्र प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य को अगर देखें तो वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी के रहते, वहां किसी तीसरी पार्टी के लिए कोई जगह नहीं है. बीजेपी भी अकेले दम पर राज्य में चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है. ऐसे में बीजेपी को राज्य में किसी अन्य दल से समझौता करना होगा. यही स्थिति अभिनेता पवन कल्याण की पार्टी जन सेना पार्टी की है. एक दशक पुरानी पार्टी होने के बाद भी राज्य में उसकी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है.
ऐसे में केसीआर की पार्टी के लिए राज्य में क्या स्थिति होगी? इस सवाल पर सेवानिवृत राजनीति विज्ञान के लेक्चरर ए. चंद्रशेखर कहते हैं, "यह काफ़ी मुश्किल होगा. आज की तारीख़ में आंध्र प्रदेश में किसी नेशनल पार्टी का कोई प्रभाव नहीं है. ना तो कांग्रेस का और ना ही बीजेपी का. ऐसे में कोई नई राजनीतिक पार्टी के लिए जगह कहां से बनेगी?"
हालांकि रायलसीमा विद्यावनतुला वेदिका के संयोजक एम पुरुषोत्तम रेड्डी का कहना है, "केसीआर की नेशनल पार्टी, महज़ स्लोगन भर है. उनका लक्ष्य अभी भी केवल तेलंगाना है. वे नेशनल पार्टी के नाम पर तेलंगाना में राजनीतिक फ़ायदा हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. आज की तारीख में तेलंगाना में उन्हें बीजेपी से चुनौती मिल रही है. यह उनकी रणनीति है. आंध्र प्रदेश में उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा."
रेड्डी के मुताबिक़, ''केसीआर आंध्र प्रदेश में अलोकप्रिय भी हैं और लोग उन्हें तेलंगाना वाले केसीआर के तौर पर जानते हैं.''
तेलंगाना में क्या होगा प्रभाव
केसीआर की राष्ट्रीय पार्टी को लेकर तेलंगाना में भी लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है. जहां उनके समर्थक उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर मोदी के विकल्प के तौर पर पेश कर रहे हैं. वहीं कई लोग इसे महज़ ड्रामा क़रार दे रहे हैं.
तेलंगाना सरकार के सलाहकार और राजनीतिक विश्लेषक टंकासाला अशोक कहते हैं, "कांग्रेस ने देश को कई मोर्चों पर निराश किया है. बीजेपी देश और समाज को नष्ट कर रही है. ऐसे में देश को बचाने के लिए एक नए एजेंडे की ज़रूरत है. केसीआर नए एजेंडे के साथ आए हैं. उन्होंने अपना घोषणापत्र जारी नहीं किया है, लेकिन वे कई बार कह चुके हैं कि देश का विकास ही उनका एजेंडा है."
अशोक तो यहां तक कहते हैं कि जिस तरह के राष्ट्र निर्माण का सपना नेहरू ने देखा था, वैसा ही सपना आज केसीआर देख रहे हैं. वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव के. नारायना ने केसीआर की घोषणा का स्वागत किया है, लेकिन एक चेतावनी भी दी है.
वे कहते हैं, "केसीआर ने बीजेपी से लड़ने के लिए नेशनल पार्टी के गठन का एलान किया है. इसका स्वागत है. बीजेपी देश की हर संस्था को नष्ट कर रही है. लेकिन केसीआर को यह देखना होगा कि दूसरी पार्टियों ने बीजेपी के ख़िलाफ़ जो लड़ाई शुरू की है, उसे वो नुक़सान नहीं पहुंचाएं."
हालांकि राज्य के जाने-माने राजनीतिक विश्लेषक तेलकापल्ली रवि कहते हैं, "केसीआर राज्य का आगामी चुनाव, नेशनल पॉलिटिक्स के नाम पर लड़ना चाहते हैं. चुनाव स्थानीय होगा, नारे राष्ट्रीय होंगे. केसीआर का कोई राष्ट्रीय एजेंडा नहीं है. उन्हें बीजेपी से ख़तरा महसूस हुआ है, इसलिए उन्होंने आगामी चुनाव के लिए यह रणनीति बनाई है."
तेलकापल्ली रवि के मुताबिक चरण सिंह, मोरारजी देसाई, वीपी सिंह और देवे गौड़ा भी मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री बने, लेकिन केसीआर इन लोगों की क़तार में आ पाएंगे, इसमें संदेह है. वहीं तेलंगाना कांग्रेस के नेता डॉक्टर मालू रवि कहते हैं कि केसीआर की यह कोशिश, बीजेपी के ख़िलाफ़ लड़ाई करने वाले मोर्चे को कमज़ोर करने वाली है.
तेलंगाना की पहचान से बाहर निकल पाएंगे?
के. चंद्रशेखर राव की बीते दो दशक में सबसे बड़ी पहचान तेलंगाना के नेता की रही है. उन्हें तेलंगाना के राजनीतिक पर्याय के तौर पर देखा जाता रहा है. ऐसी पहचान वाले नेता को, क्या दूसरे राज्य के लोगों का समर्थन हासिल होगा? क्या तेलंगाना की पहचान उनका रास्ता रोकेगी?
ओस्मानिया यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान के सेवानिवृत प्रोफ़ेसर के. श्रीनिवासूलू कहते हैं, "नरेंद्र मोदी की पहचान भी गुजराती नेता की थी. लेकन बीजेपी जैसी पार्टी की वजह से रातों रात वे नेशनल लीडर बन गए. मोदी ने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी कोई पार्टी गठित नहीं की. मोदी एक मज़बूत पार्टी के आधार पर अपनी गुजराती पहचान से बाहर निकलने में कामयाब रहे. केसीआर अगर नेशनल लीडर बनना चाहते हैं तो उन्हें भी अपनी क्षेत्रीय पहचान को पीछे छोड़ना होगा."
हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के राजनीति विभाग के प्रोफ़ेसर ई. वेंकटेसू कहते हैं कि केसीआर के लिए तेलंगाना की पहचान से बाहर निकल पाना आसान नहीं होगा. वेंकटेसू के मुताबिक़, ''अगर तेलंगाना से जुड़ी पहचान को कायम रखते हुए केसीआर नेशनल लीडर बनना चाहते हैं तो उनके लिए बेहतर होता कि बीजेपी विरोधी पार्टी खड़ी करने के बदले बीजेपी विरोधी मोर्चा का हिस्सा बनते.'' (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर । समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव कई दिनों से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती है.
मेदांता ने आज बयान जारी कर कहा कि मुलायम सिंह यादव की तबीयत नाज़ुक है. वे अभी भी लाइफ सेविंग ड्रग्स पर हैं. विशेषज्ञों की एक टीम आईसीयू में उनका इलाज कर रही है.
बुधवार को आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव भी मुलायम सिंह यादव से मिलने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल पहुंचे थे.
मुलाकात के बाद लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि उनकी तबीयत में सुधार हो रहा है.
इसके अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मुलायम सिंह यादव से मिलने अस्पताल गए थे. (bbc.com/hindi)
सीएम ने भौंरा चला, बाटी खेलकर बढ़ाया खिलाडिय़ों का हौसला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 अक्टूबर । छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक का गुरुवार को इंडोर स्टेडियम में रंगारंग शुभारंभ हुआ। यह प्रतियोगिता 6 जनवरी तक चलेगा। सीएम भूपेश बघेल ने फुगड़ी खेल की सीटी बजाकर शुरूआत की। उन्होंने भौंरा चलाकर और बाटी खेलकर खिलाडिय़ों का हौंसला बढ़ाया। पि_ुल खेल में भी सीएम ने हाथ आजमाए।
पारंपरिक ऑफ ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने राज्य सरकार ने पहल की है। सरकार के मंत्रियों, और अन्य विशिष्ट अतिथियों की मौजूदगी में 6 अक्टूबर से 6 जनवरी तक राज्य में छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक का आयोजन किया गया है। ओलंपिक में दलीय , और एकल श्रेणी में 14 तरह के पारम्पिक खेल शामिल है। इसमें गिल्ली डंडा, पिट्टूल, लंगड़ी दौड़, बांटी (कंचा), बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा की प्रतियोगिता हैं।
छह स्तरों में होंगे आयोजन, महिला व पुरुष के अलग वर्ग होंगे। सीएम भूपेश बघेल आज छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक की शुरूआत हो रही है। अब धान खरीदी की भी शुरूआत करना है। 17 अक्टूबर को न्याय योजनाओं की राशि का वितरण होगा। पहली बार छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक का आयोजन हो रहा है, जिसमें 14 तरह के पारंपरिक खेल हैं। छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ाने खेलकूद को बढ़ावा दिया जा रहा है। हर गांव हर ब्लाक हर जिले में स्थानीय खेलों का आयोजन होगा। सीएम ने छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक के ब्रोशर का विमोचन किया।
छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक के प्रतिभागी सरकार के मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि सीएम की सोच है कि छत्तीसगढ़ संस्कृति को आगे बढ़ाना है। ऐसा प्रयास अभी तक किसी ने नहीं किया, पहली बार ये प्रयास सीएम भूपेश बघेल कर रहे हैं। छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक से गांव-गांव के लोग उत्साहित हैं, आज मुख्यमंत्री के प्रयासों से प्रत्येक छत्तीसगढिय़ा खुद को गौरवांवित महसूस करता है।
छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक की संपूर्ण जानकारियों के लिए ब्रोशर तैयार किया गया है। सीएम महिला कबड्डी खिलाडियों के बीच पहुंचे। खिलाडिय़ों से परिचय लेकर उनका हौंसला बढ़ाया। रेफरी की सीटी बजाकर मैच की शुरुआत की। एचसीएम ने फुगड़ी खेल की सीटी बजाकर शुरूआत की, और खिलाड़ी का हाथ उठाकर विजेता घोषित किया। इस मौके पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर, शिवकुमार डहरिया, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, और अन्य प्रमुख नेता थे।
छत्तीसगढ़ को दूसरा
अहमदाबाद, 6 अक्टूबर। दुर्ग जिले की आकर्षी कश्यप 36वें नेशनल गेम्स बैडमिंटन के महिला एकल की विजेता बनी। उन्होंने छत्तीसगढ़ को दूसरा गोल्ड दिलाया।
गुजरात में छत्तीसगढ़ की आकर्षी कश्यप बैडमिंटन के वुमेंस सिंगल्स में फायनल में पहली वरीयता प्राप्त महाराष्ट्र की मालविका बंसोड़ को 44 मिनट के संघर्ष में हराकर विजेता का खिताब हासिल किया।
पं दीनदयाल उपाध्याय स्टेडियम सूरत में चल रही इस प्रतियोगिता में आकर्षी ने पहला सेट आसानी से 21-8 से जीत लिया, दूसरे सेट में मुक़ाबल संघर्षपूर्ण हुआ, जिसमें आकर्षी 22-20 से जीतकर राज्य को दूसरा गोल्ड मेडल दिलाया।
अपनी इस विजय के पश्चात आकर्षी ने छत्तीसगढ़ शासन, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ, छत्तीसगढ़ बैडमिंटन संघ को आभार दिया। इस प्रतियोगिता में आकर्षी ने सेमीफाइनल में कर्नाटक की तान्या हेमंत को 21-13,21-15 से हराया।
आकर्षी को राज्य खेल मंत्री उमेश पटेल सहित राज्य बैडमिंटन संघ के समस्त पदाधिकारियों, खेल संचालक श्वेता सिन्हा, सीडीएम डॉ. अतुल शुक्ला, डिप्टी सीडीएम रुपेंद्र सिंह चौहान ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
आरोपियों की भीड़ प्रतिमा को थाने लाकर विवाद बढ़ाना चाहती थी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 अक्टूबर। लाखे नगर चौक के पास दुर्गा विसर्जन के लिए महादेवघाट जा रहे युवकों की टोली में पुरानी बस्ती थाने के एक अधिकारी के साथ मारपीट की। पुलिस ने इन लडक़ों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का अपराध दर्ज किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार यह घटना रात करीब 1 बजे लाखे नगर चौक पर हुई। लाखे नगर इलाके में रहने वाले समाज विशेष के लडक़ों का स्वरूप मां दुर्गा की प्रतिमा लेकर महादेवघाट जा रहे थे। ये सभी डीजे की धून में मदमस्त होकर डांस कर रहे थे।
इनकी हरकतों को देखकर थाने के एक अधिकारी ने समझाइश दी, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। उसी भीड़ से एक युवक का हाथ चलते ही सभी लडक़े उस अधिकारी पर पिल पड़े। इसके बाद आई फोर्स ने सभी लडक़ों को अपने कब्जे में लेकर थाने ले आई। भीड़ में शामिल युवक मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ थाने पहुंचने की कोशिश कर रहे थे ताकि यह संदेश दे सकें कि पुलिस ने प्रतिमा को भी जब्ती किया है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका और प्रतिमा को विसर्जन के लिए भेज दिया गया। पुलिस गुरूवार सुबह आसपास के वीडियो फुटेज देखकर असल में मारपीट करने वाले युवकों की शिनाख्त कर रही है। टीआई ने बताया कि उसके बाद ही आरोपियों पर शासकीय कार्य में बाधा का अपराध दर्ज किया जाएगा।
इधर गुढिय़ारी में भी विसर्जन जुलूस में मारपीट का मामला सामने आया है। राजू नाम के आरोपी ने शुभम सिंह को बिना कारण गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देकर हाथ, मुक्का, और डंडे से मारा। शुभम की रिपोर्ट पर गुढिय़ारी पुलिस ने धारा 294, 506, 323 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। घटना गोंदवारा ओवर ब्रिज के पास बुधवार शाम 6.30 बजे की बताई गई है।
नयी दिल्ली, 5 अक्टूबर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद एक भारतीय दवा कंपनी की चार दवाइयों को लेकर आगाह किए जाने के मद्देनजर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने मामले की जांच शुरू कर दी है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
‘डब्ल्यूएचओ मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट’ उन चार ‘घटिया उत्पादों’ के लिए जारी किया गया है, जिन्हें सितंबर 2022 में गाम्बिया में चिह्नित किया गया और डब्ल्यूएचओ को इसकी जानकारी दी गई।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि घटिया चिकित्सकीय उत्पाद ऐसे उत्पाद हैं, जो अपने गुणवत्ता मानकों या विशिष्टताओं को पूरा नहीं करते।
ये चार उत्पाद भारतीय कंपनी ‘मेडन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड’ द्वारा उत्पादित प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मेकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रिप एन कोल्ड सिरप हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने अभी तक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के साथ उत्पादों का ‘लेबल’ और विवरण साझा नहीं किया है, जिससे पता लगाया जा सके कि उनका निर्माण कहां हुआ।
उन्होंने बताया कि हालांकि उपलब्ध जानकारी के आधार पर सीडीएससीओ ने हरियाणा में नियामक अधिकारियों के साथ मिलकर मामले की जांच तत्काल शुरू कर दी है।
एक अधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। एक मजबूत नियामक प्राधिकरण के तौर पर डब्ल्यूएचओ से अनुरोध किया गया है कि वह मौत के मामलों से जुड़े कथित चिकित्सा उत्पादों के संबंध में एक रिपोर्ट और उत्पादों के लेबल/तस्वीरें आदि जल्द से जल्द सीडीएससीओ के साथ साझा करे।’’
सूत्रों के अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने 29 सितंबर को भारत के औषधि महानियंत्रक को सूचित किया था कि वह गाम्बिया को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चारों में से प्रत्येक दवा के नमूनों का प्रयोगशाला विश्लेषण पुष्टि करता है कि उनमें डायथाइलीन ग्लाईकॉल और एथिलीन ग्लाईकॉल अस्वीकार्य मात्रा में मौजूद हैं।
डब्ल्यूएचओ ने उत्पादों से जुड़े जोखिमों को रेखांकित करते हुए कहा कि डायथाइलीन ग्लाईकॉल और एथिलीन ग्लाईकॉल मनुष्यों के लिए घातक साबित हो सकते हैं।
सीडीएससीओ ने कहा कि उसने राज्य नियामक प्राधिकरण के समक्ष मामला उठाया और सूचना मिलने के एक-डेढ़ घंटे के भीतर डब्ल्यूएचओ को जवाब दिया।
सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा, हरियाणा राज्य औषधि नियंत्रक के सहयोग से मामले की विस्तृत जांच शुरू की गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उक्त उत्पादों के निर्माण के लिए हरियाणा के सोनीपत की ‘मेडन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड’ कंपनी ने राज्य दवा नियंत्रक से लाइसेंस लिया था और उसके पास इन उत्पादों के विनिर्माण की अनुमति थी। कंपनी ने अभी तक ये उत्पाद केवल गाम्बिया ही भेजे थे।’’
सूत्रों के मुताबिक, दवाओं का आयात करने वाले देश उत्पादों के उपयोग को मंजूरी देने से पहले उनकी गुणवत्ता का पता लगाने के लिए उनकी जांच करते हैं।
उन्होंने बताया कि डब्ल्यूएचओ को मिले जांच के कुछ परिणामों के अनुसार, परीक्षण किए गए 23 नमूनों में से चार में डायथाइलीन ग्लाईकॉल और एथिलीन ग्लाईकॉल के अंश मौजूद थे।
डब्ल्यूएचओ ने भारत से कहा कि वह जल्द ही विश्लेषण संबंधी जानकारी साझा करेगा।
सूत्रों ने कहा, ‘‘साथ ही डब्ल्यूएचओ द्वारा मौत के कारण की सटीक जानकारी अभी तक प्रदान नहीं की गई है, न ही सीडीएससीओ के साथ उत्पादों के ‘लेबल’ या अन्य विवरण साझा किए गए हैं, जिससे पता चल सके कि उनका निर्माण कहां हुआ और उनका स्रोत क्या है।’’
इस बीच, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयेसस ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘ये चार दवाएं ‘मेडन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड’ द्वारा बनाए गए सर्दी एवं खांसी के सिरप हैं। डब्ल्यूएचओ भारत में कंपनी के अधिकारियों एवं नियामक प्राधिकारियों को लेकर आगे जांच कर रहा है।’’
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि ये उत्पाद अब तक केवल गाम्बिया में पाए गए हैं, लेकिन उन्हें अन्य देशों में भी संभवत: वितरित किया गया।
डब्ल्यूएचओ ने एक परामर्श जारी कर कहा कि सभी देश इनसे होने वाले नुकसान से बचने के लिए इन उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाएं।
विश्व स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि डायथाइलीन ग्लाईकॉल और एथिलीन ग्लाईकॉल से पेट दर्द, उल्टी, दस्त, मूत्र त्यागने में दिक्कत, सिरदर्द, मानसिक स्थिति में बदलाव और गुर्दे को गंभीर नुकसान हो सकता है, जिससे मरीज की जान भी जा सकती है। (भाषा)
योषिता सिंह
संयुक्त राष्ट्र, 6 अक्टूबर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ भारत भी उन देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने उत्तर कोरिया द्वारा जापान के ऊपर से बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपित किए जाने की निंदा की है।
भारत ने कहा कि इस तरह के प्रक्षेपण क्षेत्र और उससे परे भी शांति एवं सुरक्षा को प्रभावित करते हैं।
उत्तर कोरिया ने मंगलवार को मध्यम दूरी की एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी, जो जापान के ऊपर से गुजरते हुए प्रशांत महासागर में जा गिरी। उत्तर कोरिया ने पांच साल में पहली बार ऐसा मिसाइल प्रक्षेपण किया है, जिसमें मिसाइल जापान के ऊपर से गुजरी हो।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) को लेकर बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हुई बैठक में कहा, ‘‘हमने बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण की चिंताजनक खबरों पर गौर किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रक्षेपण से पहले इस साल मार्च में डीपीआरके ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का और उसके बाद कई अन्य प्रक्षेपण किए, जिस पर इस परिषद में चर्चा की गई थी।’’
बाद में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने अल्बानिया, ब्राजील, फ्रांस, भारत, आयरलैंड, जापान, नॉर्वे, दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात (यीएई), ब्रिटेन और अमेरिका की ओर से एक संयुक्त बयान जारी किया।
बयान में कहा गया है, ‘‘अमेरिका, अल्बानिया, ब्राजील, फ्रांस, भारत, आयरलैंड, जापान, नॉर्वे, कोरिया गणराज्य, यूएई और ब्रिटेन डीपीआरके द्वारा चार अक्टूबर को किए गए लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के प्रक्षेपण की कड़ी निंदा करते हैं।’’
बयान में कहा गया है कि ये देश उत्तर कोरिया द्वारा 25 सितंबर से किए गए सात अन्य बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपणों की भी निंदा करते हैं। इसमें कहा गया कि उत्तर कोरिया ने केवल इसी साल में अब तक 35 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रक्षेपण किया है। (भाषा)
वाशिंगटन, 6 अक्टूबर अमेरिका के इंडियाना प्रांत में एक विश्वविद्यालय परिसर के छात्रावास में भारतीय मूल के 20 वर्षीय छात्र की हत्या किए जाने और उसके साथ रहने वाले कोरियाई छात्र को हिरासत में लिए जाने का मामला सामने आया है।
पुलिस ने बुधवार को बताया कि इंडियानापोलिस निवासी वरुण मनीष छेड़ा परड्यू यूनिवर्सिटी परिसर के पश्चिमी छोर पर स्थित मैक्चियॉन हॉल में मृत पाया गया।
‘एनबीसी न्यूज’ ने परड्यू यूनिवर्सिटी की पुलिस प्रमुख लेस्ले वीटे के हवाले से कहा कि बुधवार को विश्वविद्यालय के एक छात्र को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
वीटे ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि साइबर सुरक्षा विषय की पढ़ाई कर रहे कोरियाई छात्र जी मिन ‘जिमी’ शा ने मंगलवार देर रात 12.45 बजे 911 सेवा पर फोन कर पुलिस को वरुण की मौत के बारे में सूचित किया।
हालांकि, उन्होंने इस कॉल के बारे में अतिरिक्त विवरण नहीं दिया। प्राधिकारियों ने बताया कि घटना मैक्चियॉन हॉल की पहली मंजिल पर स्थित कमरे में हुई।
वरुण परड्यू यूनिवर्सिटी में डेटा साइंस विषय की पढ़ाई कर रहा था। पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, वरुण की मौत ‘‘कई घातक चोटों’’ के कारण हुई और उसकी हत्या किए जाने की आशंका है।
‘फॉक्स न्यूज’ के अनुसार, पुलिस प्रमुख वीटे ने कहा कि उनका मानना है कि हमला ‘‘अकारण’’ किया गया।
वरुण के बचपन के दोस्त अरुणभ सिन्हा ने ‘एनबीसी न्यूज’ से कहा कि वरुण मंगलवार रात अपने दोस्तों के साथ ऑनलाइन बातचीत कर रहा था और गेम खेल रहा था, तभी उन्हें कॉल पर अचानक चीख की आवाज सुनाई दी।
अरुणभ ने बताया कि वह उस रात दोस्तों के साथ नहीं खेल रहा था, लेकिन बाकी दोस्तों ने उसे बताया कि उन्होंने हमले की आवाज सुनी, लेकिन समझ नहीं पाए कि वहां हुआ क्या है और बुधवार सुबह जब वे उठे, तो उन्हें वरुण की मौत की खबर पता चली।
वीटे ने कहा कि 911 सेवा पर कॉल आने के कुछ ही मिनटों बाद 22 वर्षीय शा को हिरासत में ले लिया गया और आगे की पूछताछ के लिए पुलिस थाने ले जाया गया।
वरुण की हत्या परड्यू यूनिवर्सिटी के परिसर में बीते आठ वर्षों से भी अधिक समय में हुई पहली हत्या है।
विश्वविद्यालय के अध्यक्ष मिच डैनियल्स ने कहा कि वरुण की मौत ‘‘विश्वविद्यालय परिसर में घटित एक बेहद दुखद घटना है, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं इस भयानक घटना से प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं।’’ (भाषा)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर । सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पति को अपनी पत्नी और नाबालिक बच्चों को शारीरिक श्रम करके भी आर्थिक सहायता देनी होगी जो उसका कर्तव्य है. अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने इस ख़बर को प्रमुखता से जगह दी है.
न्यायाधीश दिनेश महेशवरी और बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण के लिए प्रावधान सामाजिक न्याय का एक तरीक़ा है जो खासतौर पर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है.
कोर्ट ने इस फ़ैसले के साथ ही एक शख़्स की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने कहा था कि उसका कारोबार बंद होने के कारण उसकी आय का कोई स्रोत नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''पति के शारीरिक रूप से सक्षम होने के कारण उसका कर्तव्य है कि वो क़ानूनी तरीक़े से कमाकर अपनी पत्नी और नाबालिग बच्चों का भरण-पोषण करे. पत्नी की अपील और अन्य प्रमाणों के आधार पर कोर्ट ने कहा कि पति के पास आय का पर्याप्त स्रोत होने और उसके शारीरिक रूप से सक्षम होने के बावजूद वो भरण-पोषण में असफ़ल हुए हैं और इसकी उपेक्षा की है.''
'(www.bbc.com)
मुंबई, 6 अक्टूबर उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी देने के मामले में मुंबई पुलिस ने बिहार के एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पुलिस के एक दल ने दरभंगा जिले से बुधवार आधी रात को एक संदिग्ध को पकड़ा और उसे मुंबई लाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण मुंबई स्थित ‘सर एच एन रिलायंस फाउंडेशन’ अस्पताल में बुधवार को एक अज्ञात व्यक्ति ने दो बार फोन कर अस्पताल और उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर ‘एंटीलिया’ को बम से उड़ाने की धमकी दी थी।
उन्होंने बताया कि फोन करने वाले शख्स ने मुकेश अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों को जान से मारने की धमकी भी दी थी। (भाषा)