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अपनी चाय के स्वाद और गुणवत्ता के लिए पूरी दुनिया में मशहूर असम के चाय बागानों के हस्तलिखित रिकार्ड अब पूर्वोत्तर भारत में बारिश के पैटर्न में बदलाव की झलक दे रहे हैं.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
असम के चाय बागानों में हर साल बारिश का तारीखवार रिकार्ड हाथ से लिख कर रखा जाता है. गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज के छात्रों और वैज्ञानिकों ने वर्ष 1990 से 2009 तक के इन हस्तलिखित दस्तावेजों के अध्ययन से 90 साल के दौरान होने वाली बारिश का खाका तैयार किया है.
असम में मानसून में होने वाले बदलावों का राज्य में पैदा होने वाली चाय की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ता है. इस वजह से बड़े चाय बागानों में हर साल होने वाली बारिश का रिकॉर्ड रखा जाता था. दिलचस्प बात यह है कि इसमें और मौसम विभाग की ओर से जारी आंकड़ों में अकसर अंतर रहा है. अब ताजा अध्ययन से यह पता चलेगा कि किस साल इन दोनों आंकड़ों में कितना अंतर था और उसका उत्पादन पर क्या और कैसा असर पड़ा.
अब 12 वर्ष तक चले इस अध्ययन से मिले ताजा आंकड़ों से पूर्वोत्तर भारत में बारिश की मात्रा का औसत निकालने में सहायता मिलेगी. इसके साथ ही अतिवृष्टि के कारण पैदा होने वाले प्रतिकूल असर व खतरों का विश्लेषण कर उनसे निपटने के कारगर तरीके अपनाए जा सकेंगे.
इन आंकड़ों का अध्ययन कर निष्कर्ष तक पहुंचने वाली टीम के प्रमुख राहुल महंत बताते हैं, "30-40 साल पहले तक बारिश का जो पैटर्न था वह अब काफी बदल गया है. अब थोड़ी-थोड़ी देर के लिए बारिश होती है और यह हर जगह समान नहीं होती. नतीजतन कई बार एक ही इलाके में अलग-अलग मात्रा में बारिश रिकॉर्ड की गई है.”
वह बताते हैं कि पूर्वोत्तर भारत में अति या अनावृष्टि के अध्ययन के दौरान टीम ने देखा कि भारतीय मौसम विभाग की ओर से नियमित रूप से जारी आंकड़े वर्ष 1975 के बाद यानी महज 32 वर्ष के लिए उपलब्ध थे. उन आंकड़ों को सिर्फ 32 केंद्रों पर ही रिकार्ड किया गया था.
लेकिन बाढ़ या सूखे के अध्ययन के लिए लंबी अवधि के आंकड़े जरूरी होते हैं. इसलिए टीम ने चाय बागानों में सुरक्षित हस्तलिखित दस्तावेजों की सहायता लेने का फैसला किया. लेकिन यह काम इतना आसान नहीं था.
महंत बताते हैं, "लंबे समय से मौसम की मार के कारण हाथ से लिखे ज्यादातर दस्तावेज पीले पड़ चुके हैं और उनमें भी हर साल लिखावट अलग-अलग है. उनका अध्ययन करना काफी चुनौतीपूर्ण था. इसके लिए निजी और पहले ब्रिटिश मालिकों के मालिकाना हक वाले बागानों से आंकड़े जुटाए गए. इसमें 12 वर्षों का समय लग गया.”
शोध टीम की अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटिश शासनकाल में वर्ष 1875 में मौसम विभाग की स्थापना के साथ ही आंकड़ों को सुरक्षित रखने की शुरुआत हुई थी. लेकिन चाय बागानों ने उससे करीब पांच साल पहले से ही हस्तलिखित दस्तावेजों को सुरक्षित रखने की परंपरा शुरू कर दी थी.
असम के करीब 750 चाय बागानों में से सौ से ज्यादा बागान एक सदी से भी ज्यादा पुराने हैं और वहां दैनिक तापमान और बारिश का रिकार्ड दर्ज हैं. इसके अलावा निजी डायरियों, तत्कालीन पत्र-पत्रिकाओं और मिशनरी अस्पतालों में मिले चिकित्सकीय और वैज्ञानिक शोध के दस्तावेजों से भी इस काम में काफी मदद मिली.
महंत और उनकी टीम फिलहाल ताजा आंकड़ों के आधार पर बाढ़ और सूखे के दौर का विश्लेषण करने में जुटी है. प्राथमिक तौर पर इस टीम को पता चला है कि वर्ष 1970 से मानसून के दौरान अतिवृष्टि और अनावृष्टि का दौर लगातार तेज हुआ है. इससे इलाके में बाढ़ और सूखे का खतरा भी बढ़ा है.
मौसम विज्ञानी जीसी दस्तीदार कहते हैं, "बारिश की मात्रा अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होती है. इसलिए जिन केंद्रो से आंकड़े लिए जा रहे हैं उनका घनत्व जितना ज्यादा होगा, मौसम के चरित्र को समझने में उतनी ही आसानी होगी. पूर्वोत्तर भारत में आंकड़े जुटाने के लिए मौसम विभाग के संसाधन शुरू से ही सीमित रहे हैं. ऐसे में चाय बागानों में मौजूद रिकार्ड्स की सहायता से जलवायु के इतिहास के पुनर्निर्माण में काफी मदद मिलने की संभावना है.”
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश में उतार-चढ़ाव का पैटर्न समझने के लिए लंबी अवधि के आंकड़े जरूरी है. लेकिन पूर्वोत्तर में महज 12 केंद्रों के लिए ही बीते सौ साल के आंकड़े उपलब्ध हैं. महतं बताते हैं, "पूर्वोत्तर भारत में 1950 से पहले मौसम विभाग के पास बारिश मापने के लिए सौ से ज्यादा केंद्र थे. 1940 से पहले मेघालय के चेरापूंजी में भी ऐसे पांच केंद्र थे. लेकिन 1950 के बाद ऐसे केंद्रों की संख्या लगातार कम होती रही. अब चेरापूंजी के बारे में भी नियमित कड़े उपलब्ध नहीं है. बीचे के कई वर्षों का कहीं कोई रिकार्ड नहीं मिलता.”
दस्तीदार बताते हैं, "पूर्वोत्तर में बारिश का सीजन अप्रैल में शुरू होता है. अप्रैल व मई के दौरान इलाके में इतनी बारिश होती है जितनी मध्य भारत में जून के दौरान होती है.”
अब असम के कई चाय बागानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग शुरू हुई है. पहले ज्यादा बारिश होने की स्थिति में बागान डूब जाते थे और चाय के पौधों को नुकसान होता था. इसकी वजह यह थी कि आस-पास खेत या दूसरी फसलें होने के कारण उस अतिरिक्त पानी के बागान से निकलने का कोई रास्ता नहीं था.
दस्तीदार कहते हैं, "मौसम विभाग को पूर्वोत्तर इलाके में और ज्यादा केंद्रों की स्थापना करनी चाहिए. यह इलाका भौगोलिक रूप से काफी विविध है. वहां से मिलने वाले आंकड़े जलवायु परिवर्तन के असर को समझने में तो तो मदद करेंगे ही, ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए कारगर रणनीति बनाने में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं.” (dw.com)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 अक्टूबर । राज्य शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में उप अंकेक्षक से लेकर डाटा एंट्री आपरेटर तक 84 अधिकारी, कर्मचारियों के तबादले किए गए हैं । इस संबंध में विभाग के अवर सचिव ने आदेश जारी किया है। जारी आदेश के अनुसार 84 अधिकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर किए गए है।
देखें आदेश-
फिलीपींस में 433 लोगों की 33 करोड़ की लॉटरी लगी. अब फ्रॉड का संदेह जताया जा रहा है कि कैसे 433 लोग एक ही संख्या चुन सकते हैं.
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
फिलीपींस में जब 433 लोगों ने एक साथ 4 करोड़ डॉलर यानी लगभ 33 करोड़ रुपये की लॉटरी जीती तो देश ही नहीं विदेशों में भी लोग हैरान रह गए. एक साथ इतने सारे लोगों के लॉटरी जीतने के पीछे बहुत से लोगों को साजिश नजर आने लगी. कई लोगों ने कहा कि धोखाधड़ी की गई है. एक गणितज्ञ ने इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश की है.
यह घटना इसी महीने की हैं. 1 अक्टूबर को जारी हुए फिलीपींस की राष्ट्रीय लॉटरी के नतीजों में 433 लोगों को विजेता घोषित किया गया. नतीजा आते ही सवालों और संदेहों की बौछार शुरू हो गई. कुछ लोगों ने सरकारी लॉटरी चला वाली कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया, जिसे कंपनी ने फौरन खंडित किया. सरकार ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी.
लोगों को वाकई हैरत थी कि 433 लोग कैसे छह संख्याओं का एक ही संयोग चुन सकते हैं. यह नंबर था – 09-45-36-27-18-54. लोगों के संदेह की एक वजह यह भी थी कि सभी संख्याएं 9 की गुणक हैं. कई लोगों ने कहा कि यह एक बहुत बड़ा खुशकिस्मत संयोग था जबकि कई गणितज्ञों ने कहा कि सांख्यिकीय दृष्टि से ऐसा होना असंभव नहीं है.
कैसे जीते लॉटरी?
फिलीपींस में नेशनल लॉटरी का ड्रॉ हर रोज निकाला जाता है. नतीजों को टीवी, रेडियो और ऑनलाइन प्रसारित किया जाता है. ड्रॉ निकालने से पहले लॉटरी मशीन का कैमरे पर परीक्षण होता है ताकि पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. उसके बाद लॉटरी मशीन ऑटोमेटिक तरीके से विजयी संख्याएं चुनती हैं.
1 अक्टूबर को ग्रैंड लोटो का ड्रॉ निकाला गया. 433 लोगों ऐसे थे जिनके पास विजयी संख्याएं थीं. करीब 33 करोड़ रुपये इन लोगों में बांटे जाएंगे. यानी हरेक हिस्से में 5,45,000 पीसो या लगभग साढ़े सात लाख रुपया आएगा. इस लॉटरी की आयोजक कंपनी फिलीपींस चैरिटी स्वीपस्टेक्स ने विजेताओं के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं.
कंपनी के महाप्रबंधक मेलकियादेस रोब्लेस ने पत्रकारों को बताया कि 9 संख्या की लोकप्रियता का इस संयोग से कोई संबंध हो सकता है. रविवार को उन्होंने कहा, "कल रात जो हुआ वह एक सामान्य घटना है. बस फर्क यह है कि इस बार हमारे पास विजेताओं की बड़ी संख्या है. सब कुछ स्पष्ट रूप से समझाया जा सकता है. हमें कुछ भी गलत नहीं लगता.”
ऐसा कैसे संभव है?
गणितज्ञों के लिए भी यह संयोग एक कौतुहल का विषय बन गया है. फिलीपींस विश्वविद्यालय में गणित के प्रोफेसर गीडो डेविड ने इस संयोग का एक विश्लेषण किया है. ट्विटर पर साझा किए गए एक लेख में डॉ. गीडो लिखते हैं कि प्रॉबेबिलिटी और मनोविज्ञान की मामूली जानकारी से यह समझा जा सकता है कि ऐसा होना "उतना भी अनोखा नहीं है जितना आप समझते हैं.”
डॉ. गीडो समझाते हैं कि लॉटरी कैसे काम करती है. वह कहते हैं कि जो लोग लॉटरी टिकट खरीदते हैं वे 1 से 55 के बीच की छह संख्याएं चुनते हैं. जीतने वाली संख्याओं को बेतरतीब चुना जाता है. चुनी गई सभी छह संख्याएं जिसके पास होती हैं, वह विजेता घोषित किया जाता है.
डॉ. गीडो गणितीय हिसाब लगाते हुए बताते हैं कि किसी टिकट के जीतने की संभावना 2,89,89,675 होती है. वह कहते हैं कि अगर पता हो कि कुल कितने टिकट बिके, तो अनुमान लगाया जा सकता है कि 433 लोगों के एक ही संख्या चुनने की प्रोबेबिलिटी कितनी होगी.
वह लिखते हैं, "एक अनुमान के मुताबिक इस हफ्ते करीब एक करोड़ टिकट बिकी थीं. यानी किसी एक टिकट के जीतने की प्रोबेबिलिटी इतनी थी जितनी एक के पीछे 1224 जीरो. यह वाकई एक अजीब संख्या है. यदि किसी सिक्के को 2,800 बार उछाला जाए तो टेल आने की संभावना इससे ज्यादा होगी.”
ऐसा संभव है
दुनिया के कई गणितज्ञों और सांख्यिकी शास्त्रियों ने डॉ. गीडो के जवाब पर सहमति जताई है. डॉ. गीडो के मुताबिक इस संख्या को देखकर लगता है कि ऐसे संयोग की संभावना ना के बराबर है लेकिन इसमें मनोविज्ञान को जोड़ना जरूरी है. ऐसा देखा गया है कि कुछ संख्याएं पूरी दुनिया में दूसरों के मुकाबले ज्यादा चुनी जाती हैं.
इनमें नौ और उसके गुणक जैसे कि 27, 36 या 54 चुने जाने की संभावना खासी ज्यादा होती है. वह कहते हैं कि 433 लोगों के एक ही संख्या चुनने और फिर उन सबके जीतने की संभावना जानने के लिए बाइनॉमियल थ्योरम काम में आ सकती है.
वैसे डॉ. गीडो का जवाब आलोचकों को संतुष्ट नहीं कर पाया है जिनमें कई राजनेता भी शामिल हैं. इसलिए घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. (dw.com)
कर्नाटक, 7 अक्टूबर । कर्नाटक के बीदर ज़िले में महमूद गवान मदरसे में जबरदस्ती घुसकर पूजा-पाठ करने के मामले में चार लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. इस मामले में नौ लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है.
गुरुवार सुबह कुछ लोगों ने दशहरे के मौके पर जुलूस निकालने के बाद 550 साल पुराने महमूद गवान मदरसे में जबरदस्ती घुसकर पूजा-पाठ किया था. इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया है.
इस घटना से जुड़े वीडियो वायरल होने के बाद मुस्लिम समुदाय से जुड़े कुछ लोगों ने ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की थी.
इन लोगों ने दावा किया है कि भीड़ ने मदरसे में पूजा के दौरान नारियल तोड़ा है जिससे मदरसे को नुकसान पहुंचा है. हालांकि, पुलिस ने इस दावे की पुष्टि नहीं की है.
साल 1460 के दशक में बने इस मदरसे का रखरखाव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग करता है. बहमनी सल्तनत के दौर में बना ये मदरसा भारतीय और इस्लामिक वास्तुकला के बेहतरीन संगम को दिखाता है. इस इमारत को राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों में गिना जाता है.
AIMIM के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना पर ट्वीट करके कर्नाटक के मुख्यमंत्री और स्थानीय प्रशासन से पूछा था कि वो ये सब होने की इजाज़त कैसे दे रहे हैं. (bbc.com/hindi)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 अक्टूबर । दिल्ली में अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह शुक्रवार को यहां पहुंचे। माना एयरपोर्ट पर प्रदेश भाजपा के नेताओं ने उनका स्वागत किया।
पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह दिल्ली के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। उनके पैर का छोटा सा ऑपरेशन हुआ है। उन्होंने चेकअप भी कराया, और फिर स्वास्थ बेहतर होने के बाद गुरुवार को अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए।
पूर्व सीएम डॉ. सिंह आज नियमित विमान से रायपुर पहुंचे। उनके स्वागत के लिए पार्टी के कई नेता एयरपोर्ट पहुंचे थे, और उन्होंने पूर्व सीएम को पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।
डॉ. सिंह अस्पताल में भर्ती होने की वजह से पार्टी के गंगरेल के चिंतन शिविर में शामिल नहीं हो पाए। अलबत्ता, प्रमुख नेताओं ने फोन पर उन्हें जानकारी दी है। रमन सिंह कुछ दिन घर पर आराम करेंगे, और पार्टी कार्यक्रमों से दूर रहेंगे।
कर्नाटक, 7 अक्टूबर ।कर्नाटक के बीदर ज़िले में गुरुवार सुबह कुछ लोगों ने दशहरे के मौके पर जुलूस निकालने के बाद 550 साल पुराने महमूद गवान मदरसे में जबरदस्ती घुसकर पूजा-पाठ किया. इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया है.
अंग्रेजी अख़बारइंडियन एक्सप्रेस में छपी ख़बर के मुताबिक़, पुलिस ने इस मामले में नौ लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
इस घटना से जुड़े वीडियो वायरल होने के बाद मुस्लिम समुदाय से जुड़े कुछ लोगों ने ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
इन लोगों ने दावा किया है कि भीड़ ने मदरसे में पूजा के दौरान नारियल तोड़ा है जिससे मदरसे को नुकसान पहुंचा है. (bbc.com/hindi)
-आनंद दत्त
दुमका, 7 अक्टूबर । झारंखड के दुमका जिले में एक लड़की को पेट्रोल डालकर जलाने की कोशिश का मामला सामने आया है. अभियुक्त राजेश राउत को लड़की का प्रेमी बताया जा रहा है. घटना बीते गुरुवार रात की है. डॉक्टरों के मुताबिक़, वह 90 प्रतिशत जल चुकी है.
गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) रेफर कर दिया गया है. दुमका एसडीपीओ शिवेंद्र ने बीबीसी हिन्दी को बताया कि अभियुक्त युवक को शुक्रवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया है. जिला प्रशासन की तरफ से एक लाख रुपये का चेक पीड़िता के परिजनों को सौंपा गया है. आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस तहकीकात कर रही है.
पीड़िता और आरोपी दोनों ही जरमुंडी प्रखंड के रहनेवाले हैं. एसडीपीओ शिवेंद्र के मुताबिक दोनों में जान-पहचान साल 2019 से थी. दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन दोनों के घरवाले तैयार नहीं थे. इस बीच लड़के की शादी इसी साल फरवरी महीने में हो चुकी थी. इधर लड़की की शादी जब ठीक होने लगी तो लड़के ने इसका विरोध किया.
वहीं, लड़की के परिवार की ओर से दर्ज कराए गए बयान के मुताबिक घटना से चार दिन पहले वह पूजा करने बासुकीनाथ मंदिर गई थी. जहां लड़के ने उससे कहा कि अगर मुझसे शादी नहीं करोगी तो दुमका में जैसे जलाकर मारा था न, वैसे मार देंगे. तुम्हारी शादी कहीं नहीं होने देंगे.
लड़का दुमका जिले के ही रामगढ़ प्रखंड के महेशपुर गांव का रहनेवाला है. जबकि, लड़की जरमुंडी प्रखंड के भालकी गांव में रहती है. ये उसका ननिहाल है. मूलरूप से वह जामा प्रखंड के भैरोपुर गांव की रहनेवाली है. बचपन से ही ननिहाल में ही पली-बढ़ी है.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस घटना पर कहा, "दुमका में पेट्रोल से एक युवती को जलाकर मारने के मामले की आग अभी बुझी नहीं कि जरमुंडी थाने के भालकी गाँव में किसी राजेश राउत नाम के युवक ने उन्नीस वर्षीया युवती को पेट्रोल डाल जला कर मारने का प्रयास किया है. झारखंड में क़ानून व्यवस्था की इससे बदतर स्थिति और क्या हो सकती है?"
वहीं, गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, "यह है झारखंड के मुख्यमंत्री के परिवार का ज़िला, पेट्रोल से जलाने की यह दूसरी घटना है, ग्रूमिंग गैंग की बढ़ती ताक़त से यह समाज में फैल रहे वहशीपन की निशानी है,लड़की के बेहतर इलाज के लिए परिजनों को तत्काल 2 लाख रुपये झारखंड बीजेपी ने देने का फ़ैसला किया है." (bbc.com/hindi)
पुलिस ने रात में आरोपियों को छोड़ दिया था, बाद में एक को ही पकड़ पाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 7 अक्टूबर। दुर्गा पंडाल में डीजे बंद करने के नाम पर दो गुटों के बीच लाठी और चाकू के साथ संघर्ष हुआ, जिसमें एक की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। घटना में 6 लोग घायल हो गए, जिनमें 3 महिलाएं हैं।
नवरात्रि एवं दुर्गा विसर्जन के दौरान शहर में जगह जगह देर रात तक तेज डीजे और स्पीकर बजने के कारण विवाद हुए। रात 10:30 बजे के बाद और तेज आवाज में डीजे नहीं बजाने के नियमों का पालन कराने में प्रशासन और पुलिस नाकाम रही।
कोतवाली थाने के कतिया पारा स्थित शिव काली मंदिर में दुर्गा पूजा का आयोजन किया गया था। बुधवार की रात करीब 12:00 बजे समिति के कुछ लोगों ने डीजे को बंद किया लेकिन दूसरे लोगों ने फिर इसे 12:15 बजे चालू कर दिया। इस बात को लेकर तिफरा के रवि यादव 25 वर्ष, उसके साथी संतोष यादव और मानस के साथ डीजे चालू करने वालों का विवाद हो गया। दोनों पक्षों से लाठी और चाकू निकल गए। इससे प्रहलाद लोनिया (60 वर्ष), परदेसी राजपूत और सुंदरिया यादव सहित 6 लोगों को गंभीर चोट आई। गंभीर रूप से घायल प्रहलाद को इलाज के लिए सिम्स चिकित्सालय लाकर भर्ती कराया गया, जहां गुरुवार को उसकी मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलने पर रात में कोतवाली पुलिस ने पहुंचकर दोनों पक्षों के कई लोगों को हिरासत में ले लिया। पर उन्हें रात में ही चेतावनी देकर छोड़ भी दिया। पता चला कि इनमें से एक आरोपी कबाड़ का काम करता है, जिनकी कोतवाली पुलिस में अच्छी जान पहचान है। आरोपियों को छोड़ देने पर मोहल्ले के लोगों ने थाना पहुंचकर हंगामा भी कर दिया था। दूसरे दिन जब घायल प्रहलाद की मौत हो गई तब पुलिस हरकत में आई। पर इसके बाद सिर्फ एक आरोपी संतोष यादव को ही वह पकड़ पाई। बाकी आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
चाकू गोदकर युवक की हत्या
शहर में गुरुवार को राह चलते युवकों को खींचकर आरोपियों का परिवार घर के भीतर ले गया और चाकू गोदकर एक की हत्या कर दी।
सिरगिट्टी थाने के नगपुरा का रहने वाला कमलेश रात्रे (22 साल) अपने भाई करण के साथ रावण दहन देख कर रात करीब 11 बजे घर लौट रहा था। इस दौरान अपने घर के सामने खड़े सुरेश डहरिया, उसकी पत्नी रानी तथा दो अन्य लोगों ने उसके साथ गाली गलौज की। दोनों भाइयों ने गाली देने से मना किया तो परिवार के चार पांच लोगों ने निकलकर दोनों को घर के भीतर आंगन में खींच लिया और उनसे मारपीट करने लगे। करण किसी तरह से उनके चंगुल से छूटकर भाग निकला और अपने परिवार को लेकर वहां पहुंचा, लेकिन तब तक कमलेश को चाकू गोदकर मार डाला गया था। पुलिस ने विनोद डहरिया, सुरेश डहरिया सहित चार लोगों को हिरासत में लिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 7 अक्टूबर। पत्नी से अवैध संबंध का आरोप लगाने से नाराज युवक ने शराब पीने के बाद अपने दोस्त की जान ले ली। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सरकंडा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को लोयोला स्कूल मार्ग पर एक युवक की लाश मिली थी, जिसके हाथ पैर और गले में चोट के निशान थे। इसकी पहचान अशोक यादव के रूप में हुई जो लिंगियाडीह में होटल चलाता था। जानकारी जुटाने पर पता चला कि वह बीती रात प्रमोद श्रीवास के साथ था। मृतक अपने ससुराल डंगरिया जाता था जहां प्रमोद से उसकी पहचान हुई थी। इसके बाद दोनों में दोस्ती हो गई थी।
पुलिस ने प्रमोद को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली। उसने बताया कि मृतक अशोक के साथ उसने शराब पी। उसके बाद वह आरोप लगाने लगा कि मेरा संबंध उसकी पत्नी के साथ है। प्रमोद इससे इनकार करता रहा लेकिन अशोक तैश में आ गया था। विवाद बढ़ने पर प्रमोद ने अपने पास रखे गमछे से अशोक का गला घोट दिया जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद वह वहां से भाग गया था।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 7 अक्टूबर। नगर निगम की नालियों की डिजाइन बनाने वाली कंपनी को चार करोड़ रुपये के भुगतान के आर्बिट्रेटर के आदेश को हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने निरस्त कर दिया है।
नगर निगम बिलासपुर ने सन् 2010 में सिंगापुर की मेन हार्टेड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को शहर की नालियों की ड्राइंग डिजाइनिंग करने के लिए 4 करोड रुपए का ठेका दिया था। कंपनी ने डीपीआर बनाकर नगर निगम को पेश किया। इस प्रत्याशा में कि प्रावधान के मुताबिक डीपीआर को केंद्र सरकार से अनुमोदन मिल जाएगा, नगर निगम ने वर्क आर्डर जारी कर दिया और कंपनी ने कार्य पूरा कर दिया। इसके बाद नगर निगम में कंपनी ने 4 करोड़ का बिल भुगतान करने के लिए लगाया। नगर निगम में इस आधार पर भुगतान करने से मना कर दिया क्योंकि कंपनी ने डिजाइन का केंद्र सरकार की संबंधित एजेंसी से अनुमोदन नहीं कराया है। तब कंपनी ने भुगतान के लिए आर्बिट्रेटर में आवेदन लगाया। आर्बिट्रेटर ने कंपनी के पक्ष में फैसला देते हुए नगर निगम को 4 करोड़ का भुगतान करने का आदेश दिया। इस आदेश के विरुद्ध नगर निगम ने हाईकोर्ट में अपील की, जिसकी सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डिविजन बेंच में हुई। ऑडिटर के आदेश को हाईकोर्ट ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि कंपनी ने निर्धारित शर्तों का पालन नहीं किया है, इसलिए भुगतान नहीं करने का नाम नगर निगम का निर्णय सही है।
रायपुर, 7 अक्टूबर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने रायपुर रेल मंडल प्रबंधक को हटा दिया है। रेलवे बोर्ड ने संजीव कुमार को रायपुर रेल मंडल का नया प्रबंधक बनाया है। इससे पहले श्याम सुंदर गुप्ता जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उनकी जगह नए प्रबंधक संजीव कुमार प्रयागराज से आ रहे है।
रेलवे बोर्ड ने गुरुवार को एक मात्र आदेश जारी किया है।
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर| राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के एक केंद्रीय विद्यालय के शौचालय के अंदर दो सीनियर छात्रों ने 11 वर्षीय एक छात्रा के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया, मामला पुराना बताया जा रहा है लेकिन डीसीडब्ल्यू ने इसका संज्ञान लिया है।
सूत्रों के मुताबिक घटना जुलाई माह की बताई जा रही है। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू ) द्वारा इस मामले को संज्ञान में लाने के बाद पीड़ित परिवार ने इस सप्ताह की शुरूआत में पुलिस से संपर्क किया। सूत्रों ने बताया कि डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मामले के सिलसिले में दिल्ली पुलिस और स्कूल के प्रिंसिपल को नोटिस जारी किया है।
लड़की ने आरोप लगाया है कि जुलाई में दो सीनियर्स द्वारा उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। लड़की के अनुसार, वह अपनी कक्षा में जा रही थी जब वह गलती से 11 वीं-12 वीं कक्षा में पढ़ने वाले दो लड़कों से टकरा गई। लड़की ने कहा कि उसने माफी मांगी , लेकिन उन्होंने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसे एक वॉशरूम के अंदर ले गए। उसने आरोप लगाया कि लड़कों ने वॉशरूम को अंदर से बंद कर दिया और उसके साथ बलात्कार किया।
पीड़िता ने कहा कि जब उसने घटना के बारे में एक शिक्षक को सूचित किया, तो उसे बताया गया कि लड़कों को निष्कासित कर दिया गया है यानी मामले को कथित तौर पर दबा दिया गया। इसी बीच डीसीडब्ल्यू को घटना की जानकारी हुई और मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए मालीवाल ने दिल्ली पुलिस और स्कूल के प्रिंसिपल को नोटिस जारी कर मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने दिल्ली पुलिस से प्राथमिकी की एक प्रति और मामले में की गई गिरफ्तारियों का विवरण उपलब्ध कराने को कहा है। दिल्ली पुलिस और स्कूल के अधिकारियों से स्कूल शिक्षक या किसी अन्य स्टाफ के खिलाफ पुलिस को मामले की रिपोर्ट नहीं करने के लिए की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी देने के लिए भी कहा है।
मालीवाल के मुताबिक, लड़की ने आरोप लगाया है कि उसके स्कूल टीचर ने मामले को दबाने की कोशिश की। आयोग ने स्कूल के प्रधानाध्यापक से यह बताने के लिए कहा है कि स्कूल अधिकारियों को इस मामले के बारे में कब पता चला और उनके द्वारा क्या कार्रवाई की गई। आयोग ने स्कूल से मामले में की गई जांच रिपोर्ट की एक प्रति प्रस्तुत करने को भी कहा है।
मालीवाल ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल भी बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हैं। इस मामले में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही, स्कूल अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। (आईएएनएस)
गुरुग्राम, 7 अक्टूबर| पश्चिम अफ्रीका के गाम्बिया में दर्जनों बच्चों की मौत के सिलसिले में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ), ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) और हरियाणा स्टेट ड्रग्स कंट्रोलर की एक टीम ने सोनीपत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित चार कफ सिरप के नमूने एकत्र किए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा द गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के संभावित लिंक के लिए मेडेन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित कफ सिरप के बारे में अलर्ट जारी करने के बाद सरकारी एजेंसियां हरकत में आ गईं।
सहायक राज्य औषधि नियंत्रक मनमोहन तनेजा ने आईएएनएस को बताया, "सीडीएससीओ, डीसीजीआई और हरियाणा के राज्य औषधि नियंत्रक की एक टीम ने जांच के लिए गाम्बिया को निर्यात किए गए चार कफ सिरप के नमूने एकत्र किए हैं।"
चार उत्पाद प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन बीपी, क्लोरफेनमाइन मालेट, फेनलेफ्राइन एचसीआई, डेक्सट्रोमेथॉर्फन एचबीआर सिरप (मैकॉफ बेबी कफ सिरप), फेनिरामाइन मालियेट, अमोनियम क्लोराइड, मेन्थॉल सिरप (कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप), पैरासिटामोल फेनलेफ्राइन एचसीएल और क्लोरफेनमाइन मालेट सिरप (मैगिप एन कोल्ड सिरप) हैं।
उन्होंने कहा कि नमूने कोलकाता स्थित एक प्रयोगशाला में भेजे गए हैं और अगले कुछ दिनों में परीक्षण के परिणाम आने की उम्मीद है।
इस बीच, सूत्रों ने कहा कि मेडेन फार्मास्युटिकल्स ने आगे की जांच के लिए अपने उत्पादों को वापस बुला लिया है और आगे बढ़ने के लिए सरकार के निर्देशों की प्रतीक्षा कर रही है।
सूत्रों ने यह भी कहा कि प्रारंभिक जांच के दौरान पता चला है कि मेडेन फार्मास्युटिकल एक निर्माता है जिसे संदर्भ के तहत उत्पादों के लिए राज्य दवा नियंत्रक द्वारा लाइसेंस प्राप्त है, और इन उत्पादों को केवल गाम्बिया को निर्यात किया जाता है।
कंपनी के दो निदेशक हैं - नरेश कुमार गोयल और विवेक गोयल। दो विनिर्माण संयंत्र हैं- एक सोनीपत और दूसरा पानीपत में। इनका कॉर्पोरेट कार्यालय नेताजी सुभाष प्लेस, पीतमपुरा, दिल्ली में है। (आईएएनएस)
रांची, 7 अक्टूबर| झारखंड के दुमका में पेट्रोल कांड फिर दोहराया गया है। जिले के जरमुंडी थाना क्षेत्र के भालकी गांव में एक युवती के घर में घुसकर उसके दोस्त ने उसपर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी। युवती बुरी तरह झुलस गई है, जिसे दुमका के फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज में प्राथमिक इलाज के बाद रिम्स रांची रेफर किया गया है। आरोपी युवक राजेश राउत शादीशुदा है, लेकिन इसके बावजूद वह युवती पर शादी के लिए दबाव बना रहा था। वारदात गुरुवार रात की है। बताया जा रहा है कि युवती और राजेश राउत के बीच 2019 से दोस्ती थी। इस बीच इस साल बीते फरवरी महीने में राजेश राउत की शादी हो गई, लेकिन इसके बाद भी वह युवती पर शादी के लिए दबाव डाल रहा था। राउत का कहना था कि उसकी भले ही शादी हो गई हो, लेकिन वह उसके साथ भी विवाह करेगा और अपने साथ रखेगा। युवती और उसके घरवालों ने साफ तौर पर इनकार कर दिया तो पिछले कई दिनों से राजेश राउत उसे जिंदा जला डालने की धमकी दे रहा था। गुरुवार की रात राजेश राउत युवती के घर के पिछले दरवाजे की कुंडी तोड़कर घुस गया। उसने गहरी नींद में सोई युवती पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। बुरी तरह झुलसी युवती का बयान पुलिस ने मैजिस्ट्रेट चरणजीत सिंह की उपस्थिति में दर्ज किया गया है।
पीड़िता के मुताबिक, जब शरीर में आग लग गई तो आंख खुली। उसने राजेश को घर से निकलकर भागते हुए देखा। युवती के मुताबिक उसे राजेश ने तीन-चार दिन पहले जलाकर मारने की धमकी दी थी। युवती जामा थाना क्षेत्र के भैरवपुर गांव की रहनेवाली है। वह बचपन से ही नानी के घर जरमुंडी थाना क्षेत्र के भालकी गांव में रहती है। वारदात इसी गांव में अंजाम दी गई है। वारदात की खबर मिलते ही इलाके में सनसनी फैल गई।
जरमुंडी के एसडीपीओ शिवेन्द्र ने बताया कि आरोपी राजेश राउत को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह दुमका जिले के रामगढ़ थाना अंतर्गत महेशपुर गांव का रहने वाला है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। इधर जिला प्रशासन द्वारा पीड़िता के बेहतर इलाज के लिए एक लाख रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। उसे बेहतर इलाज के लिए रांची भेजा गया है।
बता दें कि बीती 23 अगस्त को दुमका शहर में 16 साल की छात्रा को दो युवकों ने पेट्रोल छिड़क कर जला दिया था, जिसकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। (आईएएनएस)
मांड्या (कर्नाटक) 7 अक्टूबर| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार को समन जारी कर शुक्रवार को अपनी 'भारत जोड़ो यात्रा' के बीच पेश होने के लिए कहा है। इसकी आलोचना करते हुए कांग्रेस ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों को शिवकुमार के खिलाफ समन जारी करने का निर्देश देने का मतलब है, भाजपा अपना विवेक खो चुकी है। कर्नाटक के प्रभारी एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि ईडी द्वारा जारी समन भाजपा का 'बेहद पागलपन' है।
सुरजेवाला ने कहा, "वे (भाजपा) डरे हुए हैं और आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में हार से डर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, यही कारण है कि राज्य के कानून मंत्री जे.सी. मधुस्वामी ने कहा था कि भाजपा सरकार काम नहीं कर रही है लेकिन किसी तरह अगले सात से आठ महीनों के लिए सरकार चला रही है। इस 40 प्रतिशत कमीशन सरकार (कर्नाटक में भाजपा सरकार) के रहस्य सामने आए हैं।
उन्होंने कहा, "उन्होंने (भाजपा ने) हमारी 'भारत जोड़ो' रैली को रोकने के लिए शिवकुमार और कांग्रेस सांसद डी.के. सुरेश को समन भेजा है। लेकिन शिवकुमार, सुरेश, विपक्ष के नेता सिद्धारमैया, विधान परिषद में विपक्ष के नेता बी.के. हरिप्रसाद या कांग्रेस के अन्य कार्यकर्ता डरने वाले नहीं हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, "झूठे मामले दर्ज करके वे (भाजपा) शिवकुमार पर दबाव नहीं बना सकते। वे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ नहीं सकते।" (आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 7 अक्टूबर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के एक मामले में शुकव्रार को एक बार फिर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी।
दिल्ली सरकार इस नीति को अब वापस ले चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि ईडी के अधिकारी दिल्ली, पंजाब और हैदराबाद में 35 स्थानों पर छापेमारी कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कुछ शराब वितरकों, कंपनियों और उनसे जुड़ी संस्थाओं की तलाशी ली जा रही है।
ईडी इस मामले में अब तक 103 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। मामले में पिछले महीने शराब व्यवसायी एवं शराब बनाने वाली कंपनी ‘इंडोस्पिरिट’ के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया गया था।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने धन शोधन का मामला दर्ज किया था।
दिल्ली के उप-राज्यपालय वी के सक्सेना ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। उन्होंने इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया था। (भाषा)
मैसुरु/नयी दिल्ली, छह अक्टूबर। कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े कथित धन शोधन मामले में सात अक्टूबर को दिल्ली में एजेंसी के सामने पेशी से छूट की उनकी अर्जी को ठुकरा दिया है।
उन्होंने कहा कि वह अपनी पार्टी के नेताओं से बात करने के बाद तय करेंगे कि एजेंसी के सामने पेश होना है या नहीं।
ईडी ने शिवकुमार को एक नए संदेश में शुक्रवार को एजेंसी के सामने पेश होने को कहा।
ईडी के सहायक आयुक्त कुलदीप सिंह द्वारा भेजे गए ई-मेल में कहा गया है, ‘‘आपको एक बार फिर निर्देश दिया जाता है कि 23 सितंबर, 2022 के समन के अनुसार आप सात अक्टूबर, 2022 को अपना बयान दर्ज कराने के लिए मेरे कार्यालय में पेश हों।’’
कांग्रेस की ‘भारत यात्रा जोड़ो’ यात्रा कर्नाटक में प्रवेश कर चुकी है जिसमें शामिल होने के कारण शिवकुमार ने ईडी से 21 अक्टूबर तक पेशी से छूट का अनुरोध किया था।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैंने ईडी के सामने पेश होने के लिए समय मांगा था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया है। मैं अपने नेताओं से बात करने के बाद इस पर फैसला लूंगा कि क्या एजेंसी के सामने पेश होना है या नहीं।’’
उनके भाई तथा सांसद डी के सुरेश (56) को भी एजेंसी ने कांग्रेस पार्टी के स्वामित्व वाले नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र से जुड़े कथित धन शोधन मामले में जारी जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए समन किया है।
यह समझा जाता है कि संघीय एजेंसी इन दोनों राजनीतिक नेता बंधुओं के बयान दर्ज करना चाहती है, जो उनके द्वारा पूर्व में ‘यंग इंडियन’ को किए गए कुछ भुगतानों के संबंध में है, जो कि समाचार संगठन का मालिकाना हक रखती है।
तेलंगाना कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष जे गीता रेड्डी और उस राज्य के कुछ अन्य पार्टी नेताओं ने बृहस्पतिवार को मध्य दिल्ली में उसके कार्यालय में इस मामले में एजेंसी के सामने बयान दर्ज किया। (भाषा)
मुंबई, 7 अक्टूबर। शिवसेना के बागी सांसद श्रीकांत शिंदे ने बृहस्पतिवार को पार्टी के दूसरे गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा बुधवार को दशहरा रैली में भाषण के दौरान उनके डेढ़ साल के बेटे का नाम लेने पर पर आपत्ति जताई और पूछा कि क्या एक बच्चे को लक्षित करना उनके हिंदुत्व के अनुकूल है।
श्रीकांत शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे हैं और ठाणे जिले की कल्याण लोकसभा सीट का लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं।
विजयदशमी के अवसर पर बुधवार को शिवसेना के दोनों गुटों - ठाकरे की अगुवाई वाला धड़ा और मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले गुट- ने दशहरा रैलियां कीं और एक दूसरे पर हमला बोला।
अपने भाषण के दौरान, ठाकरे ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए उनके बेटे (श्रीकांत) को ढीठ बताया और कहा कि उनके पोते रुद्रांश (डेढ साल) की नजर पार्षद के पद पर है। ठाकरे ने शिंदे को मंत्री बनाने, विभिन्न पद दिये जाने और और उनके बेटे (श्रीकांत शिंदे) को सांसद बनाये जाने के बावजूद, मुख्यमंत्री पर उन्हें (ठाकरे को) "धोखा देने" का आरोप लगाया।
फेसबुक पर पोस्ट एक खुले पत्र में शिंदे ने कहा कि शिवसेना के दिवंगत संस्थापक बाल ठाकरे अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ हमलावर रहते थे लेकिन उन्होंने कभी ऐसी ओछी टिप्पणी नहीं की।
उन्होंने पूछा, ‘‘हिंदुत्व पर आपने जो विचार साझा किये हैं क्या आप उसे समझते हैं । मैं आपसे एक बात पूछना चाहता हूं कि डेढ़ साल के बच्चे का नाम घसीटना क्या आपके हिंदुत्व के अनुकूल है ।’’
श्रीकांत शिंदे ने ठाकरे को फटकार लगाते हुए पूछा कि पूर्व मुख्यमंत्री एक बच्चे के खिलाफ इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘उद्धव जी, मेरे पिता राज्य के मुख्यमंत्री हैं और मैं सांसद हूं, लेकिन अंतत: हम हाड़-मांस से बने इंसान हैं, जिनमें खून और भावनाएं हैं। आपको पता भी है कि आपके कल के बयान से हमारा परिवार कितने सदमे में है ...आपने कल जो कहा, उसे सुनकर, बच्चे की मां और दादी को कितनी तकलीफ पहुंची। दोनों की आंखों में आंसू भर गए।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘वे सोच रही हैं कि एक राजनेता बच्चे के बारे में ऐसी बातें कैसे कह सकता है... मेरे पास जवाब नहीं है। क्या कोई सभ्य और संवेदनशील व्यक्ति ऐसा कह सकता है...जिस परिवार के लिए हमने जान दी, हमारे लिए कितना तकलीफदेह है कि उसी परिवार का एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हमारे बच्चे के बारे में ऐसी टिप्पणी कर रहा है।’’
श्रीकांत ने सवाल किया, ‘‘उद्धव जी, आप भी भविष्य में दादा बनेंगे... फिर अगर आपके पोते के बारे में अगर कोई वही कहे, जो आज आपने कहा है तो आपके और आपके परिवार पर क्या बीतेगी ।’’
इस बीच एकनाथ शिंदे को आड़े हाथों लेते हुये, शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायंडे ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने बिना किसी तैयारी के भाषण दिया, जबकि शिंदे एक घंटे 28 मिनट तक अपना ‘भाषण’ पढ़ते रहे।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने भी मुख्यमंत्री का नाम लिये बगैर उन पर हमला बोला। (भाषा)
मुंबई, 7 अक्टूबर। स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने मुंबई के एक गोदाम से 50 किलोग्राम ‘मेफेड्रोन’ (मादक पदार्थ) जब्त की है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 120 करोड़ रुपये है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
एनसीबी ने इस सिलसिले में ‘एअर इंडिया’ के एक पूर्व पायलट समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। (भाषा)
बिलासपुर, 7 अक्टूबर। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा है कि हसदेव अरण्य में खनन की कार्रवाई रोकने के संबंध में सरकार लिखित आदेश जारी नहीं करती है तो वे मुख्यमंत्री निवास पर आमरण अनशन करेंगे।
हसदेव के जंगलों को बचाने के लिए बिलासपुर मैं चल रहे अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन के 145वे दिन आम आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष हुपेंडी अपनी टीम के साथ धरना स्थल पर समर्थन देने पहुंचे।
कोमल हुपेंडी ने कहा कि आम आदमी पार्टी इस संघर्ष में लगातार मजबूती से साथ है। हाल के ही दिनों में संगठन की तरफ से लगातार ज्ञापन, प्रदर्शन और विधायकों का घेराव आदि किया गया है, राष्ट्रपति को भी चिट्ठी लिखी गई है। यह संघर्ष चलते रहना चाहिए। आगामी दिनों में यदि सरकार ने लिखित में आदेश निकालकर त्वरित प्रभाव से हसदेव में कोल ब्लॉक के खनन की कार्रवाई को नही रोका तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। वे स्वयं मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के घर के सामने आमरण -अनशन पर बैठेंगे।
प्रदर्शन के 145वे दिन चंद्र प्रदीप बाजपेयी,साकेत तिवारी, नीतू, सतमीत सिंह, नंद कश्यप, राजेश खरे, प्रियंका शुक्ला, अनिलेश, नीलोत्पल शुक्ला, रतीश श्रीवास्तव,असीम तिवारी, पवन पांडेय, श्रेयांश बुधिया आदि शामिल हुए।
बिलासपुर, 7 अक्टूबर। मुंगेली जिले में प्रशासन की ओर से संचालित बाल गृह में 14 साल के एक किशोर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
घटना की जानकारी मिलते ही स्टाफ में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर पुलिस तथा प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पहुंचे। इस बाल गृह में 13 बच्चे रहते हैं, जबकि इनकी देखभाल के लिए भी 6 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है।
किशोर प्रवीण नेताम को बीते 28 सितंबर को बिलासपुर के बाल गृह से मुंगेली के रामगढ़ स्थित बाल गृह में शिफ्ट किया गया था। उसकी 1 दिन पहले मेडिकल काउंसलिंग भी कराई गई थी। दोपहर करीब 2:30 बजे उसे बाथरूम में रोशनदान पर फंदे में लटका हुआ पाया गया। आत्महत्या की वजह सामने नहीं आ पाई है।
गुरुवार की शाम कलेक्टर राहुल देव ने भी बाल गृह पहुंचकर घटना के बारे में जानकारी ली और घटना की दंडाधिकारी जांच कराने का आदेश दिया।
चेन्नई, 7 अक्टूबर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने बृहस्पतिवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों के कार्यकाल सीमित करने की वकालत की और कहा कि कांग्रेस को 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए पार्टी में नयी जान फूंकनी चाहिए।
समर्थन की कमी के कारण थरूर पार्टी अध्यक्ष के चुनाव से अपनी उम्मीदवारी वापस लेने संबंधी अटकलों के बीच थरूर ने कहा कि वह चुनाव मैदान में हैं और उन्हें विभिन्न तबकों से समर्थन प्राप्त हो रहा है।
तमिलनाडु में कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय सत्यमूर्ति भवन में पत्रकारों से बातचीत में थरूर ने कहा, ‘‘मेरा संदेश है, पार्टी में नयी जान फूंकें, कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाएं, अधिकारों का विकेन्द्रीकरण करें और लोगों से जुड़े। मेरा विश्वास है कि इससे कांग्रेस राजनीतिक रूप से 2024 के आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भाजपा का मुकाबला करने को तैयार होगी।’’
यह स्पष्ट करते हुए कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का पूरा सम्मान करते हैं, थरूर ने कहा कि चुनाव भाजपा से मुकाबला करने के विभिन्न तरीकों पर आधारित मैत्रीपूर्ण प्रतिस्पर्धा है और इसका विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि दोनों एक ही पार्टी के हैं।
अपना चुनावी घोषणापत्र जारी करते हुए थरूर ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी जिस तरह से काम करती है, हमें उसमें सुधार करने की जरूरत है। हमें पार्टी में युवाओं को शामिल करने और उन्हें वास्तव में अधिकार देने की जरूरत है। साथ-ही-साथ हमें परिश्रमी और पुराने कार्यकर्ताओं को और सम्मान देने की भी जरूरत है।’’
थरूर के घोषणापत्र में शक्ति/अधिकारों का विकेन्द्रीकरण, बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाना, पार्टी के राज्य प्रभारी के रूप में काम करने वाले महासचिवों का उपयोग देश निर्माण से जुड़ी गतिविधियों लिए करना और प्रदेश अध्यक्षों का कार्यकाल सीमित करके उन्हें फैसले लेने का पूरा-पूरा हक तथा सम्मान देना आदि शामिल हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 अक्टूबर। इस साल विभिन्न उच्च न्यायालयों में अब तक 153 न्यायाधीशों की नियुक्ति हुई है और बृहस्पतिवार को इस आशय की जानकारी देते हुए सूत्रों ने भविष्य में और नियुक्तियां होने का संकेत दिया।
बंबई उच्च न्यायालय में बृहस्पतिवार को छह अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई।
ऐसी सूचना है कि सरकार जल्दी ही बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता को उच्चतम न्यायालय में लाने पर फैसला कर सकती है।
अगर दत्ता को उच्चतम न्यायालय में लाया जाता है तो शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर 30 हो जाएगी। उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश सहित कुल न्यायाधीशों के 34 पद स्वीकृत हैं।
सरकार द्वारा संभवत: इसी सप्ताह या अगले सप्ताह की शुरुआत में देश के अगले प्रधान न्यायाधीश के नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
इस प्रक्रिया के तहत केन्द्रीय कानून मंत्रालय प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर अपना उत्तराधिकारी नामित करने का अनुरोध करेगा।
न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित प्रधान न्यायाधीश के पद से आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उनके बाद न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चन्द्रचूड़ उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं।
सामान्य परिपाटी के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को अपना उत्ताराधिकारी नामित करते हैं। अगर सामान्य परंपरा जारी रही तो न्यायमूर्ति चन्द्रचूड़ भारत के 50वें प्रधान न्यायाधीश होंगे। (भाषा)
-इक़बाल अहमद
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत की एक दवा कंपनी के चार कफ़ और कोल्ड सिरप (खांसी और ज़ुकाम की दवाई) को लेकर चेतावनी जारी की है. डब्ल्यूएचओ ने यह चेतावनी अफ़्रीकी देश गांबिया में 66 बच्चों की मौत के बाद जारी की है.
क्या है पूरा मामला?
डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को वैश्विक स्वास्थ्य पर मीडिया ब्रीफ़िंग के दौरान ये बातें कहीं.
जिनेवा में डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस गेब्रियेसस ने कहा, ''डब्ल्यूएचओ ने आज गांबिया में पाई गई चार दवाइयों को लेकर एक चिकित्सा उत्पाद चेतावनी जारी की है जिसके एक्यूट किडनी इंजरी और 66 बच्चों की मौत से जुड़े होने की आशंका है. ये मौतें उनके परिवार के लिए अत्यंत दुखदायी हैं.''
डब्ल्यूएचओ ने आगे कहा, ''ये चार दवाएं कफ़ और कोल्ड सिरप हैं जो भारत में मैडेन फ़ार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड बनाती है. डब्ल्यूएचओ कंपनी और भारत में नियामक प्राधिकरणों के साथ आगे जांच कर रहा है. ये दूषित उत्पाद अभी तक गांबिया में ही पाए गए हैं, लेकिन ये अन्य देशों में भी वितरित की गई होंगी. डब्ल्यूएचओ मरीज़ों को नुक़सान पहुंचने से रोकने के लिए सभी देशों को इन उत्पादों की जाँच करने और उन्हें हटाने की सलाह देता है.''
डब्ल्यूएचओ का दावा है कि भारतीय कंपनी ने इन दवाओं की सुरक्षा की गारंटी भी नहीं दी है.
डब्ल्यूएचओ ने जिन चार दवाओं का नाम लिया है वो हैं प्रोमिथाज़ाइन ओरल सॉल्यूशन, कोफ़ेक्सामलिन बेबी कफ़ सिरप, मेकऑफ़ बेबी कफ़ सिरप और मैगरिप एन कोल्ड सिरप.
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि अभी इन दवाओं को सिर्फ़ गांबिया में ही पाया गया है लेकिन बहुत मुमकिन है कि दूसरे देशों में भी इन दवाओं को भेजा गया हो.
स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि इन दवाओं के सेवन से ख़ासकर बच्चों में गंभीर इंजरी या मौत होने की आशंका है.
डब्ल्यूएचओ ने कहा, "भारत की सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइज़ेशन ने संकेत दिए हैं कि भारतीय कंपनी ने सिर्फ़ गांबिया में ही इन दवाओं को भेजा है, लेकिन इसके वैश्कि एक्सपोज़र की भी आशंका है क्योंकि हो सकता है कि कंपनी ने इन्हीं दूषित पदार्थों का इस्तेमाल दूसरी दवाओं में भी किया हो और उन्हें स्थानीय स्तर पर बेचा हो और उनका निर्यात भी किया हो."
अफ़्रीक़ी देश गांबिया एक मशहूर पर्यटन स्थल है. गांबिया के स्वास्थ्य अधिकारियों ने जुलाई के महीने में पाया था कि पाँच साल से कम उम्र के बच्चों में एक्यूट किडनी इंजरी के मामले बढ़ रहे हैं.
गांबिया के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि पिछले महीने यानी सितंबर में दर्जनों बच्चों की मौत हो गई थी. हालांकि अधिकारियों ने मरने वालों की सटीक जानकारी नहीं दी थी.
गांबिया की सरकार ने इस घटना के बाद सभी पैरासिटामोल सिरप के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है और लोगों से कहा है कि वो इसकी जगह टैबलेट का इस्तेमाल करें.
गांबिया ने इसकी सूचना डब्ल्यूएचओ को दी जिसके बाद डब्ल्यूएचओ ने जाँच शुरू की.
डब्ल्यूएचओ ने जाँच करने के बाद कहा, "उन दवाओं के सैंपल को लैब में जांच करने के बाद इस बात की पुष्टि हो गई है कि उन दवाओं में अधिक मात्रा में डाइइथिलीन ग्लाइकोल और इथिलीन ग्लाइकोल था."
स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वो पदार्थ ज़हरीले हैं और उनके कारण पेट में दर्द, उलटी, डायरिया, पेशाब करने में तकलीफ़, सिरदर्द, मानसिक स्थिति में बदलाव और एक्यूट किडनी इंजरी हो सकती है जो कि मौत का कारण भी बन सकती है.
भारत का क्या कहना है?
दिल्ली में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने मामले की जाँच के आदेश दिए हैं.
ये कफ़ सिरप हरियाणा की एक कंपनी मैडेन फ़ार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड में बनाए गए हैं.
दिल्ली, सोनीपत और चंडीगढ़ की टीमों ने हरियाणा के कुंडली स्थित इस दवा फ़ैक्ट्री पर मारा छापा है.
दिल्ली के साथ हरियाणा ड्रग कंट्रोलर मनमोहन तनेजा की अगुवाई में टीमों ने सैंपल लिए जिनकी अभी जांच चल रही है.
हरियाणा ने क्या कहा है?
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज़ ने कहा है कि केंद्र सरकार के अधिकारी इस बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं.
उनके अनुसार सैंपल को जाँच के लिए कोलकाता स्थित सेंट्रल ड्रग लैब भेजा जाएगा.
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद अगर कुछ ग़लत पाया गया तो सख़्त कार्रवाई की जाएगी.
कंपनी ने फ़िलहाल अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
बीबीसी ने भी इस मामले में कंपनी को एक मेल भेजा है जिसका जवाब फ़िलहाल कंपनी ने नहीं दिया है. बीबीसी के सहयोगी पत्रकार सत सिंह जब फ़ैक्ट्री पहुँचे तो वो बंद थी और वहां कोई भी बात करने के लिए मौजूद नहीं था.
यह कंपनी एशिया, अफ़्रीका और लैटिन अमेरिका के देशों में अपनी दवाओं का निर्यात करती है.
क्या यह दवा भारतीय बाज़ार में भी उपलब्ध है?
इस बारे में अभी दावे से कहना मुश्किल है कि यह दवा भारतीय बाज़ारों में भी उपलब्ध है या नहीं.
लेकिन समाचार एजेंसी एएनआई ने ऑल इंडिया केमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स के हवाले से कहा है कि यह कंपनी भारतीय बाज़ार में अपनी दवा सप्लाई नहीं करती है. एजेंसी के अनुसार यह कंपनी अपनी दवाओं को केवल निर्यात करती है, लेकिन अगर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया की तरफ़ से कोई दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं तो उनका पालन किया जाएगा.
एनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ टॉक्सिकोलॉजी के अनुसार, दवाओं को लेकर 20वीं सदी में हुए बड़े हादसों में डाइइथिलीन ग्लाइकोल शामिल है.
ये एक तरह का सॉलवेन्ट है.
1937 में अमेरिका में एक दवा बनाई गई थी जिसमें सॉलवेन्ट के तौर पर इसका इस्तेमाल किया गया था.
उस समय इसके कारण 100 से अधिक मरीज़ों की मौत हो गई थी जिनमें बच्चे भी शामिल थे. उस वक़्त बच्चों को खांसी और ज़ुकाम के लिए ये दवा दी गई थी. इसी हादसे के बाद 1938 में फ़ूड, ड्रग एंड कॉस्मेटिक ऐक्ट बनाया गया था.
कॉम्प्रीहेन्सिव टॉक्सीकोलॉजी के अनुसार, इथिलीन ग्लाइकोल एक इंडस्ट्रियल केमिकल है जिसका इस्तेमाल एंटीफ्रीज़ के तौर पर किया जाता है. ये किडनी फ़ेल होने का का कारण बन सकता है.
दिल्ली स्थित मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रोफ़ेसर और कम्यूनिटी मेडिसिन की निदेशिका डॉक्टर सुनीला गर्ग ने बीबीसी संवाददाता मानसी दाश से बात की.
बीबीसी से बातचीत में वो कहती हैं, "अगर ये दो केमिकल किसी कारण इंसान के शरीर में प्रवेश करते हैं तो इससे पेट दर्द, उल्टी, दस्त, पेशाब करने में परेशानी, सिरदर्द, मानसिक स्थिति में बदलाव और किडनी की गंभीर समस्या हो सकती है. ये मौत का भी कारण बन सकती हैं."
भारत में यह बहुत ही आम बात है कि ज़्यादातर लोग बुख़ार, खांसी और ज़ुकाम होने के बाद बिना डॉक्टर से सलाह किए सीधे दुकान से दवा ख़रीद लेते हैं.
आम लोग या तो ख़ुद ही तय करके आते हैं कि कौन सी दवा ख़रीदनी है या फिर ज़्यादा से ज़्यादा यह होता है कि दवा की दुकान पर बैठे व्यक्ति से पूछ लेते हैं.
लेकिन कई बार यह बहुत ख़तरनाक साबित हो सकता है.
डॉक्टर सुनीला गर्ग कहती हैं कि अगर लोग प्रेस्क्रिप्शन लेकर भी आते हैं तब भी उनकी मॉनिटरिंग की ज़रूरत है कि वो कहां से आए हैं. उनके अनुसार, कफ़ सिरप बच्चों के लिए ज़्यादा इस्तेमाल होते हैं इसलिए ज़रूरी है कि लो क्वॉलिटी की दवा ना लिखी जाए.
डॉक्टर सुनीला के अनुसार, कफ़ सिरप हमेशा वहीं से लेनी चाहिए जिनके पास प्रैक्टिस करने का लाइसेंस हो. कफ़ सिरप में ऐसे पदार्थ होते हैं जिनसे आपको नींद आने लगती है. बच्चों को उसकी आदत हो जाती है.
कफ़ या तो एलर्जी से होती है या इन्फ़ेक्शन से. इसलिए ज़रूरत इस बात की है कि उसकी वजह का इलाज किया जाए. उनके अनुसार, सारी दवाओं के लिए नियामक अधिकारी केंद्र सरकार के नहीं होते हैं, राज्य के अपने नियामक अधिकारी होते हैं. डॉक्टर सुनीला के अनुसार, यह ज़रूरी है कि केंद्र सरकार भी राज्यों के रेगुलेटरी प्राधिकरण की निगरानी करे.
अब आगे क्या होगा?
डॉक्टर सुनीला गर्ग कहती हैं कि इस मामले में पूरी जाँच होनी चाहिए कि दवा बनाते समय क्या कमी रही थी. इसको बनाने के लिए फ़ॉर्मूले को स्वीकृति मिली थी या नहीं. अगर स्वीकृति मिली भी थी तो उनका सही तरह से पालन किया गया या नहीं.
डॉक्टर सुनीला के अनुसार, यह दवाएं दूसरी स्टैंडर्ड दवाओं की तुलना में सस्ती हैं तो यह भी जाँच होनी चाहिए कि उनकी मार्केटिंग कैसे होती थी. वो गांबिया कैसे पहुँची, दवा निर्यात करने के सभी नियमों का पालन किया गया था या नहीं. (bbc.com/hindi)
सीएम बघेल कल लेंगे कलेक्टर एसपी सम्मेलन
रायपुर, 7 अक्टूबर। सीएम भूपेश बघेल 8-9 अक्टूबर को राजधानी में कलेक्टर एसपी सम्मेलन कर रहे हैं। इसमें 39 बिंदुओं पर सरकार की योजनाओं की जिलेवार समीक्षा करेंगे। इस बैठक से पहले आज सीएस अमिताभ जैन वीडियो कांफ्रेंसिंग से सभी कलेक्टरों से रैप अप मीटिंग करेंगे। इसमें वे विशेष रूप से तबादलों पर भी जानकारी लेंगे। तबादलों के लिए समय सीमा 30 सितंबर को खत्म होने के बाद भी कई विभागों ने अंतर जिला तबादले नहीं किए हैं। इनमें स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा विभाग शामिल हैं। इनके सचिव और स्टाफ ने बीती देर रात तक बैठ कर सूची बनाई है जो आज जारी होगी। ताकि सीएस को यह बताया जा सके कि सभी को रिलीव कर दिया गया है।