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रायपुर, 28 सितम्बर। निगम लोककर्म विभाग के अध्यक्ष ज्ञानेष शर्मा ने विभाग के सभी 10 जोनों के कार्यपालन अभियंताओं की बैठक की इसमें अधीक्षण अभियंता विनोद देवांगन, हेमंत शर्मा को नगर विकास कार्यो के संबंध में आवश्यक निर्देश दिये।
शर्मा ने निविदा स्वीकृति एवं कार्यादेश के बाद कुल 4 करोड़ की लागत से राजधानी के निगम क्षेत्र की सड़कों के गड्ढों को पाटने,डामर पैच वर्क पर चर्चा की। उन्होंने गुणवत्ता युक्त कार्य करने आॅल लेवल माॅनिटरिंग किये जाने के निर्देष दिये है। उन्होने डामर पेंच वर्क के सभी विकास कार्यो को समय सीमा सहित गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखकर व्यवस्थित रूप से करवाकर कार्यपालन अभियंताओं, सहायक अभियंताओं, उपअभियंताओं को सभी पेंचवर्क कार्यो के स्थल पर निरीक्षण करने कहा।
बैठक के दौरान शर्मा ने अधोसंरचना मद के विकास कार्यो एवं उनकी प्रगति की जानकारी ली।उन्होने महापौर एजाज ढेबर के मोर महापौर मोर द्वार शिविरों में सभी वार्डो में 25-25 लाख के विकास कार्यो की निविदा कार्यवाही की प्रगति की जानकारी ली।
रायपुर, 28 सितम्बर। महिला बाल विकास विभाग ने प्रदेश भर की 95 परियोजना पर्यवेक्षकों का तबादला किया है। आदेश देखें ------
रायपुर, 28 सितम्बर। राजधानी तहसील के राजस्व अधिकारियों की मिली भगत से पंडरी स्थित 30 हजार वर्ग फीट जमीन के मालिकाना हक में फेरबदल का मामला सामने आया है। इसमें पटवारी,और अन्य राजस्व अमले की भूमिका संदिग्ध बताई गई है।
सिविल लाइन पुलिस के अनुसार चौबे कालोनी निवासी निर्मल महावर की पण्डरी तराई स्थित 30492 वर्गफीट भूमि को भजनलाल अग्रवाल ने साथ अन्य लोगों ने राजस्व अधिकारी के
साथ सांठगांठ कर अपने नाम दर्ज करा लिया। महावर के आवेदन पर 420,34 का अपराध कायम जांच शुरू कर दी गई है। महावर की रिपोर्ट के अनुसार भूमि स्वामित्व में यह हेराफेरी 24 अगस्त को की गई।
-प्रदीप सरदाना
आशा पारेख को उनके 80 वें जन्म दिन से ठीक पहले दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलना उनके लिए एक खूबसूरत सौगात है. उनका 2 अक्टूबर को 80वां जन्म दिन है. जबकि इस बार का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह 30 सितंबर को होना निश्चित हुआ है.
हिन्दी सिनेमा की दिलकश और बेहद सफल अभिनेत्री आशा पारेख ने अपने फ़िल्म करियर में एक से एक यादगार फ़िल्म की है. जब प्यार किसी से होता है, तीसरी मंज़िल, लव इन टोक्यो, दो बदन, उपकार, कन्यादान, आन मिलो सजना, कटी पतंग, समाधि और मैं तुलसी तेरे आँगन की.
इधर आशा पारेख को सन 2020 के लिए भारतीय सिनेमा का यह शिखर पुरस्कार मिलना और भी बड़ी बात है, क्योंकि भारत सरकार ने 37 साल बाद किसी फ़िल्म अभिनेत्री को फाल्के सम्मान दिया है. पिछली बार वर्ष 1983 के लिए अभिनेत्री दुर्गा खोटे को यह सम्मान मिला था, अन्यथा फाल्के पुरस्कार पर अधिकतर पुरुषों का वर्चस्व रहा है.
जबकि फाल्के पुरस्कार की शुरुआत सन 1969 में अभिनेत्री देविका रानी के साथ हुई थी, जब 1970 में 17 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में देविका को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, लेकिन बाद में पुरुष ही इस पुरस्कार को ज्यादा पाते रहे.
आशा के बाद अब फिर आशा
जहां तक किसी महिला को फाल्के सम्मान मिलने की बात है तो कोई महिला फिर 22 साल बाद फाल्के सम्मान से पुरस्कृत होगी. दिलचस्प यह है कि 2000 में भी फाल्के सम्मान आशा को मिला था, गायिका आशा भोसले को, और अब भी आशा, आशा पारेख को.
आशा पारेख से मेरी अक्सर फोन पर बात होती रहती है. मैं उन्हें जब भी यह कहता था कि उन्हें फाल्के पुरस्कार मिलना चाहिए तो वह मुस्कुराकर बस यही कहतीं, "क्या कह सकते हैं."
अभी जब उन्हें यह पुरस्कार मिलने की घोषणा हुई तो वह अमेरिका में हैं, लेकिन उनकी कज़िन अमीना ने बताया कि वह 29 सितंबर को मुंबई पहुँच जाएंगी और फिर दिल्ली में यह पुरस्कार लेने के लिए उपस्थित रहेंगी.
दादा साहब फाल्के से पहले आशा पारेख 1992 में पद्मश्री से सम्मानित हो चुकी हैं.
बाल कलाकार के रूप में की थी शुरुआत
गुजरात में 2 अक्तूबर 1942 को जन्मी आशा पारेख के पिता बच्चूभाई पारेख एक हिन्दू गुजराती परिवार से थे, जबकि उनकी माँ सुधा उर्फ़ सलमा एक मुसलमान परिवार से थीं. बचपन में ही आशा पारेख ने क्लासिकल डांस सीखना शुरू कर दिया था. साल 1952 में 10 साल की उम्र में ही उन्हें बाल कलाकार के रूप में एक फ़िल्म मिल गई थी, जिसका नाम था 'माँ'.
असल में फ़िल्मों में जब उस दौर के मशहूर फ़िल्मकार बिमल रॉय ने बेबी आशा के एक डांस को देखा तो उन्हें अपनी फ़िल्म 'माँ' में एक भूमिका दे दी. इस फ़िल्म में भारत भूषण, लीला चिटनिस और श्यामा मुख्य भूमिकाओं में थे.
यहीं से आशा का फ़िल्मों में शौक़ जागा. इसके बाद बाल कलाकार के रूप में आशा ने आसमान, धोबी डॉक्टर, बाप बेटी, चैतन्य महाप्रभु, अयोध्यापति और उस्ताद जैसी कुछ और फ़िल्में भी कीं.
सुबोध मुखर्जी ने दिया पहला ब्रेक
बतौर नायिका आशा को पहला ब्रेक निर्माता सुबोध मुखर्जी ने दिया फ़िल्म 'दिल देके देखो' से. जब आशा ने इस फ़िल्म की शूटिंग शुरू की तब वह 16 बरस की थीं. इस फ़िल्म के नायक थे शम्मी कपूर और निर्देशक नासिर हुसैन.
यह फ़िल्म जब 1959 में प्रदर्शित हुई तो हिट हो गई. इसी के साथ फ़िल्म क्षितिज पर एक नई तारिका आशा चमक उठी. शम्मी कपूर के साथ भी आशा पारेख की जोड़ी काफ़ी पसंद की गई.
आशा पारेख
आशा पारेख ने शम्मी कपूर के साथ मैंने 'पगला कहीं का', 'जवां मोहब्बत' और 'तीसरी मंज़िल' जैसी फिल्में कीं, बाद में कुछ और भी.
उधर 'दिल देके देखो' से आशा इसके निर्देशक नासिर हुसैन को अपना दिल दे बैठीं. दोनों का नाता ऐसा जुड़ा जो सदा के लिए बना रहा. दोनों का प्रेम किसी से छिपा नहीं था, लेकिन नासिर हुसैन पहले से ही शादीशुदा थे. इसलिए सम्मान और मर्यादाओं के चलते दोनों ने शादी नहीं की.
हालांकि नासिर हुसैन के साथ आशा पारेख ने सात फ़िल्में कीं जिनमें जब प्यार किसी से होता है, फिर वही दिल लाया हूँ, तीसरी मंज़िल, बहारों के सपने, प्यार का मौसम, कारवां में आशा नायिका थीं. जबकि 1984 में नासिर की एक और फिल्म 'मंज़िल मंज़िल' में भी आशा थीं.
यहाँ तक आशा पारेख ने फिर किसी से शादी की ही नहीं, जबकि सन 1960 से 1970 के दौर में उनकी दीवानगी देखते ही बनती थी. कितने ही लोग आशा के साथ शादी के लिए मचलते थे.
हालांकि आशा पारेख ने अपनी अविवाहित ज़िंदगी को ख़ूब मजे़ से जिया. उन्हें यात्राओं का भी अच्छा शौक रहा है. फ़िल्मों में अभिनय से दूर होने पर वह सीरियल आदि के निर्माण में व्यस्त रहीं तो समाज सेवा के लिए भी वह काफ़ी कुछ करती रहती हैं.
जब तक उनकी माँ सुधा जीवित थीं, तब तक वह उनके साथ रहती थीं, लेकिन जब सुधा पारेख बीमार रहने लगीं तो उन्हें बेटी की चिंता होने लगी कि बाद में वह अकेली कैसे रहेगी, लेकिन उनकी माँ की यह चिंता दूर कि सुधा की दोस्त शम्मी आंटी ने.
शम्मी आंटी फ़िल्मों की पुरानी अभिनेत्री थीं, बाद में वह सीरियल निर्माता के रूप में भी काफ़ी मशहूर रहीं.
शम्मी आंटी ने एक बार मुझे बताया था- सुधा पारेख ने अपनी बीमारी के दिनों में मुझसे कहा- "आशा ने शादी नहीं की, मेरे बाद उसका ध्यान कौन रखेगा. यह चिंता मुझे बहुत सताती है. तब मैंने उनसे कहा-जब तक मैं ज़िंदा हूँ मैं उसकी देखभाल करूंगी."
शम्मी आंटी ने अपना यह वचन मरते दम तक यानी 6 मार्च 2018 तक निभाया, जबकि शम्मी, आशा से 16 बरस छोटी थीं, लेकिन दोनों में दोस्ती का रिश्ता रहा. बाद में दोनों ने मिलकर कुछ सीरियल भी बनाए.
वहीदा रहमान और हेलन हैं ख़ास दोस्त
आशा पारेख की फ़िल्मी दुनिया में यूं बहुत से दोस्त रहे, लेकिन उनकी सबसे ज़्यादा दोस्ती वहीदा रहमान और हेलन के साथ है. ये तीनों अक्सर साथ घूमती-फिरती भी हैं, तो आए दिन कभी किसी के घर तो कभी किसी के घर मिलती भी रहती हैं.
आशा पारेख बताती हैं, "हम तीनों में बहुत अच्छी दोस्ती है. हम कभी भी रविवार को किसी के भी घर लांच पर मिलते हैं. मज़े से साथ खाते हैं, ख़ूब गप्पें मारते हैं, मस्ती करते हैं."
हालांकि इससे पहले आशा पारेख कि इस दोस्त मंडली में शम्मी आंटी, साधना और शशि कला भी थीं, लेकिन उनके निधन के बाद इनकी यह टोली छोटी हो गई.
यहाँ यह भी दिलचस्स्प है कि पिछले कुछ बरसों से फाल्के सम्मान की मीटिंग में जिन अभिनेत्रियों के नाम की चर्चा होती है, उनमें वहीदा रहमान और हेलन का नाम भी शामिल है, लेकिन यह बाज़ी आशा पारेख ने जीत ली है.
राजेश, धर्मेन्द्र, शशि और जीतेंद्र के साथ जमी जोड़ी
आशा पारेख की जोड़ी शम्मी कपूर के साथ तो जमी ही, लेकिन मनोज कुमार, राजेश खन्ना, शशि कपूर, धर्मेन्द्र और जीतेंद्र जैसे हीरो के साथ भी इनकी जोड़ी ख़ूब जमी.
धर्मेन्द्र के साथ आशा पारेख ने 'मेरा गाँव मेरा देश','आया सावन झूम के','शिकार', 'आए दिन बहार के' और 'समाधि' जैसी फ़िल्में करके बॉक्स ऑफ़िस पर भी धूम मचा दी थी.
फिर मनोज कुमार के साथ भी आशा ने 'अपना बनाके देखो' और 'साजन' जैसी फ़िल्में कीं, लेकिन 'दो बदन' और 'उपकार' इनकी सुपर हिट फ़िल्म थी.
उधर शशि कपूर के साथ भी आशा की 'कन्या दान', 'प्यार का मौसम' जैसी दो फ़िल्में तो बहुत पसंद की गईं. यूं 'पाखंडी', 'रायजादे' और 'हम तो चले परदेस' में भी ये दोनों थे.
आशा की जोड़ी जॉय मुखर्जी के साथ भी तब सुपर हिट रही, जब ये दोनों फ़िल्म 'लव एंड टोक्यो' और 'फिर वही दिल लाया हूँ' में आए. वैसे एक और फिल्म 'जिद्दी' में भी इन्हें पसंद किया गया.
जीतेंद्र के साथ आशा पारेख की जोड़ी की बात करें तो इनकी 'कारवां' फिल्म सबसे ऊपर आएगी जिसने लोकप्रियता का नया इतिहास लिख दिया था. साथ ही 'नया रास्ता' और 'उधार का सिंदूर' भी इनकी सफल और अच्छी फिल्मों में आती है.
वहीं राजेश खन्ना के साथ तो आशा पारेख की अपने करियर की तीन बेहद लोकप्रिय फिल्में हैं. 'बहारों के सपने', 'आन मिलो सजना' और 'कटी पतंग'. ये तीनों फिल्में अपने गीत संगीत के लिए भी बहुत लोकप्रिय रहीं.
आशा पारेख ने यूं अपनी फिल्मों में चुलबुली, चंचल और शोख भूमिकाओं को एक नया आयाम दिया है. वहाँ शक्ति सामंत ने 'कटी पतंग' में उन्हें संजीदा भूमिका देकर उनके करियर को एक नई मंज़िल दे दी थी.
'कटी पतंग' के लिए आशा पारेख को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला, जबकि 'कटी पतंग' की रिलीज़ से पहले कुछ लोगों का मत था कि आशा पारेख ने एक विधवा के रूप वाली भूमिका करके अपने करियर का अंत कर दिया है, लेकिन गुलशन नंदा के उपन्यास पर बनी इस फिल्म के बाद आशा पारेख के करियर और अभिनय में और भी चमक आ गई.
हालांकि इससे पहले राज खोसला अपनी 'दो बदन' और 'चिराग' जैसी दो फिल्मों में गंभीर और त्रासदी भूमिकाएं देकर उनके अभिनय कौशल को दिखा चुके थे जिसे खोसला ने 1978 में 'मैं तुलसी तेरे आँगन की' फिल्म में फिर दोहराया. यह फिल्म आशा पारेख की ज़िंदगी में मील का नया पत्थर साबित हुई.
और भी हैं कई यादगार फिल्में
आशा पारेख ने जहां 1952 में बाल कलाकार के रूप में शुरुआत की, वहाँ उनकी अंतिम फिल्म 1999 में आई 'सर आँखों पर'. इससे उनका कुल सक्रिय फिल्म करियर 47 साल का रहा, लेकिन बतौर नायिका वह 1959 में आईं और 1995 में उन्होंने 'आंदोलन' फिल्म के बाद फिल्मों में काम करना बंद कर दिया था. इस हिसाब से उनका करियर 36 साल का रहा. उनके करियर को ध्यान से देखें तो उसमें लगभग 75 फिल्में हैं, लेकिन उनमें हिट फिल्में काफी हैं.
आशा पारेख की अन्य प्रमुख फिल्मों में घराना, मेरी सूरत तेरी आँखें, भरोसा, मेरे सनम, ज्वाला, राखी और हथकड़ी, हीरा, रानी और लाल पारी, ज़ख्मी, बिन फेरे हम तेरे, सौ दिन सास के, कालिया, हमारा खानदान, लावा, बंटवारा और प्रोफेसर की पड़ोसन जैसी फिल्में भी हैं.
उन्होंने गुजराती, पंजाबी और कन्नड की तीन भाषाओं की कुछेक फिल्मों में भी काम किया है.
सीरियल निर्माण के साथ समाज सेवा
आशा पारेख ने 1990 के दशक में गुजराती सीरियल 'ज्योति' बनाकर सीरियल निर्माण की दुनिया में भी क़दम रखा. बाद में उन्होंने हिन्दी में भी बाजे पायल, दाल में काला, कोरा कागज और कंगन जैसे सफल सीरियल भी बनाए.
आशा पारेख ने एक बार बताया था कि नृत्य उनका पहला प्यार है. फिल्मों में तो वह डांसिंग स्टार के रूप में मशहूर रही हीं. मंच पर भी वह अक्सर डांस शो करती रहीं, लेकिन कुछ बरस पहले अपने कमर दर्द के चलते उन्होंने डांस करना बंद कर दिया था.
लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि नृत्य कला को बढ़ावा देने के लिए आशा पारेख ने मालाबार हिल, मुंबई में 'गुरुकुल' के नाम से अपना एक डांस स्कूल भी खोला था.
उधर वह समाज सेवा में भी हमेशा आगे रही हैं. सांताक्रुज मुंबई में उनके सहयोग से 'आशा पारेख हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर' का संचालन भी लंबे समय तक होता रहा, लेकिन कुछ समय पहले आशा पारेख ने दुख के साथ बताया था कि अनुदान आदि ना मिलने के कारण अब वह अस्पताल चल नहीं पा रहा है.
उधर फिल्म कलाकारों के कल्याण के लिए मुंबई फिल्म उद्योग की संस्था 'सिंटा' के साथ जुड़कर कभी पदाधिकारी के रूप में तो कभी बाहर से वह कई तरह की मदद करती रही हैं.
सेंसर बोर्ड की भी रहीं अध्यक्ष
आशा पारेख सेंसर बोर्ड की भी 1998 से 2001 तक अध्यक्ष रहीं, हालांकि फिल्मों को पास करने के मामले में उनका सख्त व्यवहार शेखर कपूर, देव आनंद, सावन कुमार और फिरोज खान जैसे कई फ़िल्मकारों को पसंद नहीं आया.
इस पर आशा पारेख ने कहा था, "मुझे सरकार ने जो ज़िम्मेदारी सौंपी है मैं उसका पालन नियमानुसार करूंगी. फिल्मों में मेरे बहुत दोस्त हैं, लेकिन दोस्ती निभाने के लिए मैं आँख बंद करके फिल्में पास नहीं कर सकती."
बहरहाल अब आशा पारेख को दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलने से उनके अभिनय कौशल और उनके फिल्मों में किए गए योगदान को भी एक बड़ा प्रमाण मिल गया है. एक ऐसा पुरस्कार जिसे पाने का सपना फिल्मों से जुड़ा बड़े से बड़ा इंसान भी देखता है. (bbc.com/hindi)
नयी दिल्ली, 28 सितंबर। सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगा दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार रात जारी एक अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार का मानना है कि पीएफआई और उसके सहयोगी ऐसी विनाशकारी कृत्यों में शामिल रहे हैं, जिससे जन व्यवस्था प्रभावित हुई है, देश के संवैधानिक ढांचे को कमजोर किया जा रहा है और आतंक-आधारित शासन को प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा उसे लागू करने की कोशिश की जा रही है।
अधिसूचना में कहा गया है कि संगठन देश के खिलाफ असंतोष उत्पन्न करने के इरादे से ‘‘राष्ट्र विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने और समाज के एक विशेष वर्ग को कट्टरपंथी बनाने’’ की लगातार कोशिश कर रहा है।
गृह मंत्रालय ने कहा, ‘‘उक्त कारणों के चलते केंद्र सरकार का दृढ़ता से यह मानना है कि पीएफआई की गतिविधियों को देखते हुए उसे और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी संगठन घोषित करना जरूरी है।’’ (भाषा)
रायपुर, 28 सितम्बर। प्रोफेसर संजय तिवारी को मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति होंगे।
प्रोफेसर तिवारी वर्तमान में अक्षय ऊर्जा टेक्नोलॉजी एवं प्रबंधन विभाग, रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में निदेशक तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवम फोटोनिक्स अध्ययनशाला में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। राज्य गठन के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ का कोई शिक्षाविद्, प्रदेश के बाहर किसी विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त हुआ है।
रायपुर, 28 सितम्बर। सीएम भूपेश बघेल पूर्वाह्न 11 बजे सात घंटे के दौरे पर केरल के कोझीकोड जाएंगे। वे राहुल गांधी के साथ मल्लापुरम जिले के नंदूवाथ से वंदूर तक भारत जोड़ो पदयात्रा में शामिल होंगे। सीएम रात 8.45 रायपुर पहुंचने के बाद परसदा स्टेडियम में मैच देखने जाएंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 सितंबर। अंतर्राष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ियों ने छत्तीसगढ़ी खान पान, परंपरा एवं अतिथि सत्कार को सराहा।
डिनर के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खिलाड़ियों छत्तीसगढ़ी उत्पादों की डलिया और प्रतीक चिन्ह देकर विदा किया।
मसाला गुड़ पाउडर, बेल मुरब्बा, आंवला मुरब्बा, शहद, जामुन शरबत, बेल शरबत, महुआ अचार, चारकोल साबुन जैसे स्थानीय उत्पादों से डलिया सजी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 सितंबर। राज्य में आज रात 09.00 बजे तक 68 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें सबसे अधिक 18 रायपुर जिले से हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के इन आंकड़ों के मुताबिक आज रात तक किसी भी जिले में 20 से अधिक कोरोना पॉजिटिव नहीं मिले हैं। आज 12 जिलों में एक भी पॉजिटिव नहीं मिले हैं।
आज दो मौतेंं हुई हैं।
राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दुर्ग 8, राजनांदगांव 6, बालोद 2 बेमेतरा 4, कबीरधाम 0, रायपुर 18, धमतरी 0, बलौदाबाजार 3, महासमुंद 5, गरियाबंद 1, बिलासपुर 5, रायगढ़ 1, कोरबा 3, जांजगीर-चांपा 0, मुंगेली 0, जीपीएम 0, सरगुजा 2, कोरिया 1, सूरजपुर 0, बलरामपुर 4, जशपुर 2, बस्तर 0, कोंडागांव 0, दंतेवाड़ा 0, सुकमा 0, कांकेर 3, नारायणपुर 0, बीजापुर 0, अन्य राज्य 0 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
परियोजनाओं की बारीकियों को समझने के साथ बेहतर सुझाव भी देंगे इंटर्न
रायपुर, 27 सितंबर। इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत भिलाई आई आई टी और बी आई टी दुर्ग के युवा रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं का अध्ययन कर रहे हैं । इन युवाओं को बड़े प्रोजेक्ट तैयार करने के साथ नवाचारों के साथ ज़मीन पर लाने की पूरी प्रक्रिया से रायपुर स्मार्ट सिटी के इंजीनियर अवगत करा रहे हैं, साथ ही आधुनिक और उत्कृष्ट संस्थानों में अध्ययनरत इन विद्यार्थियों के बौद्धिक विश्लेषण, नवाचारों व सोच के अनुरूप नई तकनीकों व सुझाव को भी शहर विकास परियोजनाओं में शामिल किया जाएगा।
एम डी मयंक चतुर्वेदी ने इन विद्यार्थियों के लिए आयोजित विशेष परिचयात्मक सत्र को संबोधित किया। इस सत्र में सीओओ उज्जवल पोरवाल सहित रायपुर स्मार्ट सिटी की पूरी टीम शामिल रही।
एम डी श्री चतुर्वेदी ने इंटर्नशिप से जुड़े इन 43 युवाओं से कहा कि विकास की अनवरत प्रक्रिया में परंपरागत प्रणालियों के साथ आधुनिक ज्ञान के समावेश से जहाँ आम लोगों के लिए सुविधाओं की त्वरित पहुँच सुनिश्चित होती है, वही युवाओं को सीखने और नवाचारों के साथ आगे बढ़ने के लिए नई दिशा भी मिलती है। उन्होंने आगे कहा कि रायपुर स्मार्ट सिटी अब युवाओं को ऐसा प्लेटफ़ॉर्म दे रहा है जिसमें सभी योजनाओं को समझने और फिर उनके उन्नयन के लिए परामर्श देने में उन्हें सुगमता होगी व उनके सुझाव नगर विकास में उपयोगी होंगे।
उन्होंने रायपुर स्मार्ट सिटी के सभी प्रोजेक्ट के प्रभारियों को भी निर्देशित किया है कि इन युवाओं को सभी अधो संरचना की बारीकियों से अवगत कराए और युवाओं से प्राप्त उपयोगी परामर्श को योजनाओं के क्रियान्वयन में अवश्य शामिल करें । उन्होंने यह भी कहा है कि उत्कृष्ट योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराया जाएगा ।
इंटर्न शिप कार्यक्रम के पहले चरण में आई आई टी के 17 और बी आई टी के 26 युवा शामिल हैं। इन युवाओं को दक्ष कमान सेंटर, एस टी पी प्रचालन, स्मार्ट रोड योजना, 24*7 जल आपूर्ति, सरोवर शुद्धिकरण जैसी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। इन योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर इंटर्न अपने सुझाव भी देंगे।
सीजीएमएससी को निर्माणाधीन कार्यों को तेजी से पूर्ण करने के दिए निर्देश, सभी सीएमएचओ को ड्रग वेयरहाउस का नियमित निरीक्षण करने कहा
रायपुर, 27 सितम्बर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज समीक्षा बैठक में विभागीय कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने सुबह से देर शाम तक चली समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की जिलेवार समीक्षा की तथा उनमें सुधार के लिए आवश्यक निर्देश दिए। समीक्षा बैठकों का दौर कल 28 सितम्बर को भी जारी रहेगा। स्वास्थ्य सचिव प्रसन्ना आर., स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदीपन, सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक अभिजीत सिंह, संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा तथा सभी जिलों के सीएमओ और सिविल सर्जन भी मौजूद थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने सभी जिलों की मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही वहां मानव संसाधन, उपकरणों और दवाईयों की उपलब्धता की खास तौर पर समीक्षा की। उन्होंने कोरोना काल के दौरान निर्मित ऑक्सीजन पाइपलाइन एवं ऑक्सीजन संयंत्रों की समुचित देखभाल और रखरखाव के निर्देश दिए। उन्होंने सभी स्तर के अस्पतालों में आईपीडी मरीजों के इलाज के क्लेम राशि के अधिक से अधिक प्रकरण भुगतान के लिए भेजने के भी निर्देश दिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने सीजीएमएससी को बस्तर संभाग सहित प्रदेश के सभी संभागों में प्रगतिरत कार्यों को तेजी से पूर्ण करने कहा। उन्होंने सीजीएमएससी द्वारा अस्पतालों में दवाईयों की आपूर्ति की भी जानकारी ली। श्री सिंहदेव ने कहा कि सभी दवाईयों की खरीदी समय पर हो और वे अस्पतालों के माध्यम से आम जनता के लिए सुलभ हो। उन्होंने सभी सीएमएचओ को निर्देशित किया कि वे माह में कम से कम एक बार ड्रग वेयरहाउस (Drug Warehouse) का निरीक्षण अवश्य करें। इससे उन्हें दवाइयों के स्टॉक की सही जानकारी मिलेगी और वे तदनुरूप सीजीएमएससी को इन्डेंट भेज सकेंगे। उन्होंने कैल्शियम की कमी वाले गर्भवती महिलाओं को इसकी दवा अनिवार्यतः उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कैल्शियम की दवा की कमी होने पर स्थानीय स्तर पर इसकी खरीदी कर आपूर्ति की जाए।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने सभी जिलों में गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच पर जोर दिया। उन्होंने कम एएनसी वाले जिलों में इसकी संख्या बढ़ाने के साथ ही ज्यादा जोखिम वाले महिलाओं पर विशेष ध्यान देने कहा। श्री प्रसन्ना ने गर्भवती महिलाओं की एनीमिया और सिकलसेल जांच विशेष रूप से करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने एएनसी पंजीयन के दौरान ही गर्भवती महिलाओं की विशेष कॉउंसिलिंग एएनएम और मितानिनों के माध्यम से कराने कहा। उन्होंने नए जिलों में भी सुव्यवस्थित रूप से ब्लड स्टोरेज की व्यवस्था करने को कहा। जिन जगहों पर सी-सेक्शन ऑपरेशन हो रहे हैं, वहां भी उन्होंने ब्लड स्टोरेज का इंतजाम करने के निर्देश दिए।
सिंहदेव ने बैठक में सीजीएमएससी के कार्यों के साथ ही मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, चिरायु योजना, ब्लड बैंक एवं ब्लड स्टोरेज केन्द्रों, सिकलसेल कार्यक्रम, डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना, मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना तथा परिवार कल्याण कार्यक्रमों की समीक्षा की।
मास्टर्स कैटेगरी में 64 बोर्ड पर 128 खिलाड़ी होंगे आमने-सामने
रायपुर, 27 सितंबर। सीएम भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ में शतरंज के इंटरनेशनल टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है। बीते 19 सितम्बर से शुरू हुए छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर ट्रॉफी इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर्स चेस टूर्नामेंट में मास्टर्स कैटेगरी में 10वां और फाइनल राउंड 28 सितम्बर को होगा। इसमें 64 बोर्ड पर 128 खिलाड़ी शह-मात देने आमने-सामने होंगे। इस दौरान करीब 5 खिलाड़ियों को नॉर्म मिलने की संभावना है।
स्पर्धा के नवें चक्र में आज जॉर्जिया के ग्रैंड मास्टर लेवान पनसुलईया ने ईरान के अंतरराष्ट्रीय मास्टर तहवाज अराश को जल्दी ही ड्रा पर रोक खिताब के लिए अपनी दावेदारी मजबूत कर ली। पनसुलैया के अब तक 9 में से 8 अंक हो गए हैं। प्रथम बोर्ड पर खेलते हुए जॉर्जियन ग्रैंड मास्टर लेवान पनसुलैया ने 10वीं चाल पर अपने वजीर को गंवाकर अंतरराष्ट्रीय मास्टर तहबाज के राजा पर आक्रमण कर दिया और लगातार शह देकर नियमानुसार बाजी को ड्रॉ कर खिताब की ओर कदम बढ़ा लिया।
दूसरे टेबल पर रूस के ग्रैंडमास्टर सैवचेन्को बोरिस (6अंक) व भारत के अंतरराष्ट्रीय मास्टर अजय कार्तिकेयन (6अंक) के बीच "किंग्स इंडियन डिफेंस" पद्धति से बाजी खेली गई। सैवचेन्को ने 9वीं चाल में ही बाजी को उलझाकर अंतरराष्ट्रीय मास्टर अजय के लिए किले पर धावा बोल दिया लेकिन अजय कार्तिकेयन ने बेहतरीन बचाव किया और बाजी को उलझा दिया। ग्रैंड मास्टर ने अपने बेहतरीन खेल कौशल के बल पर अंतरराष्ट्रीय मास्टर को 43वीं चाल में परास्त कर दिया और विजेता या उपविजेता की रेस में बने हुए हैं।
तीसरे टेबल पर मंगोलियन ग्रैंड मास्टर बैचूलून सेगमेड 6अंक एवं अंतरराष्ट्रीय मास्टर जय कुमार शेटे के बीच "क्वीन्स गेम बिट एक्सेपटेड वेरिएशन" की बाजी खेली गयी। ग्रैंड मास्टर बैचूलून ने दसवीं चाल पर पैदल का बलिदान कर अंतरराष्ट्रीय मास्टर जय कुमार के राजा को किलेबंदी करने से रोक दिया। अंतरराष्ट्रीय मास्टर विजय कुमार ने बचाव का भरपूर प्रयास किया परंतु ग्रैंड मास्टर ने धीरे-धीरे पकड़ को मजबूत बनाते हुए 57वीं चाल में जीत दर्ज की। इसके साथ बैचूलून के 7 अंक हो गए और वह विजेता या उपविजेता की रेस में बने हुए हैं।
छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों में अंतरराष्ट्रीय मास्टर एसवी श्रीनाथ राव (4.5 अंक) की बाजी चिदविलास सांई (4.5अंक) के साथ हुई, जिसमें 42वीं चाल पर बाजी ड्रॉ हो गई। छत्तीसगढ़ के ही एस. धनंजय (4.5 अंक) व आदित्य कृष्णा (4.5 अंक) के बीच हुई बाजी में धनंजय ने उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन करते हुए आदित्य कृष्णा को 35वीं चाल में हरा दिया। रायपुर छत्तीसगढ़ रविकुमार के भी आज के 9वें चक्र के बाद 4.5 अंक हो गए हैं। स्पर्धा में आज खेल रहे वर्तमान अंडर 14 वर्ल्ड चेस चैंपियन के गोल्ड मेडल विजेता इलमपार्थी ए. आर. (5 अंक) व ग्रैंड मास्टर दीपन चक्रवर्ती (5 अंक) के मध्य हुई बाजी में जारी थी, जिसमें दोनों बराबरी पर चल रहे थे।
महिला ग्रैंडमास्टर व वर्तमान महिला चेस चैंपियन दिव्या देशमुख (4.5 अंक) व महिला अंतरराष्ट्रीय मास्टर एम महालक्ष्मी के बीच हुई बाजी में लंदन सिस्टम ओपनिंग में दिव्या ने जीत के लिए भरपूर प्रयास किया, परन्तु 20वीं चाल पर की गई ऊंट के बदले घोड़े को मारने की गलती का खामियाजा उन्हें हार के रूप में भुगतना पड़ा।
वहीं भारत के उत्सव चटर्जी 6 अंक व मित्रभ गुहा 6 अंक के बीच बाजी बराबर पर छूटी। ईरान के ओमीडी आर्य (5.5 अंक) व अंतरराष्ट्रीय मास्टर मोहम्मद नुबेर साह शेख (5.5 अंक) के मध्य बाजी बराबरी पर छूटी, जबकि अंतरराष्ट्रीय मास्टर नीलेश शाह 5 अंक ने कैंडिडेट मास्टर मयंक चक्रवर्ती (5.5 अंक) को परास्त किया।
जॉर्जिया के ग्रैंड मास्टर लेवान पनसुलईया आगे :
छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर ट्रॉफी इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर्स चेस टूर्नामेंट के अंतर्गत अब तक 9 राउंड के मैच खेले जा चुके हैं। नियमत: प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली इन खिलाड़ियों को 10 राउंड के मैच खेलने होते हैं। अब तक हुए राउंड के आधार पर इस टूर्नामेंट में जॉर्जिया के ग्रैंड मास्टर लेवान पनसुलईया 9 में से 8 प्वॉइंट लेकर आगे चल रहे हैं। 9 राउंड के पश्चात प्रथम पांच स्थानों पर चल रहे खिलाड़ियों में रुस के सैवचेन्को बोरिस (7 अंक), मंगोलिया के बैचूलून सेगमेंट (7 अंक), ईरान के तहबाज अलावा (6.5 अंक), भारत के मित्रक गुहा (6.5 अंक) एवं उत्सव चटर्जी (6.5 अंक) शामिल हैं।
बोली-- अगली बैठक में सारे प्रकरण क्लीयर की रिपोर्ट के साथ आएं
लंबित पेंशन, जीपीएफ के ऋणात्मक शेष वाले प्रकरणों में समीक्षा
रायपुर, 27 सितम्बर। वित्त सचिव श्रीमती डी. अलरमेलमंगई ने संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन, समस्त संभागीय संयुक्त संचालक एवं वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ लंबित पेंशन प्रकरणों एवं जीपीएफ के ऋणात्मक शेष के संबंध में समीक्षा बैठक ली गई। समीक्षा बैठक में उप महालेखाकार श्रीमती जी.एलीलरसी एवं महालेखाकार के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
महालेखाकार कार्यालय द्वारा वर्ष 2018 में जीपीएफ ऑनलाईन होने के पूर्व की अवधि के ऋणात्मक शेष के प्रकरण लंबित होने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। आहरण-संवितरण अधिकारियों द्वारा प्रकरणों के निराकरण पर समुचित ध्यान नहीं दिए जाने के बारे में अवगत कराया गया। इस संबंध में सचिव वित्त ने इनके निपटारे के लिए एजी एवं संभागीय संयुक्त संचालक, पेंशन के समन्वय से जिला स्तर पर सभी डीडीओ के लिए कार्यशाला आयोजित करने कहा। प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए ई-कोष पोर्टल पर महालेखाकार कार्यालय की शिकायत निवारण प्रणाली एवं सम्पर्क दूरभाष क्रमांक सभी अभिदाताओं एवं डीडीओ के लिए उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में एजी ऑफिस में हेल्पलाईन 0771-2281499, 094255-27697 तथा महालेखाकार कार्यालय में शिकायत निवारण प्रकोष्ठ क्रमांक-123 (जीपीएफ अभिदाताओं हेतु हेल्प डेस्क) उपलब्ध कराया गया।
सचिव वित्त द्वारा सभी संभागीय पेंशन कार्यालय में प्राप्त पेंशन प्रकरण एवं उनके निराकरण की समीक्षा की गई। संभागीय अधिकारियों को इस संबंध में कड़ी फटकार लगाई गई तथा चेतावनी दी गई कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों में अनावश्यक विलंब के प्रति जीरो-टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। इसके लिए पेंशन प्रकरणों का परीक्षण कर एक ही बार में समस्त आपत्तियां दर्ज की जाए। सामान्य आपत्तियों के संबंध में डीडीओ से समन्वय कर उनका निराकरण पेंशन कार्यालय में ही कराया जाए। ऐसे ऑनलाईन प्रकरण जिनमें पेंशन प्रकरण भौतिक रूप से नहीं प्रेषित किया गया है, के संबंध में संबंधित विभाग के संभागीय अधिकारियों को अर्द्धशासकीय पत्र लिखकर प्रकरण मंगाने की कार्यवाही की जाए।
रायपुर, 27 सितंबर। मंगलवार रात दुनिया भर के शतरंज ग्रेंड मास्टर्स मुख्यमंत्री निवास पहुंचे।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी शतरंज ग्रेंड मास्टर्स अतिथियों का स्वागत किया।अतिथियों के स्वागत के लिए छत्तीसगढ़ी परिवेश में सीएम हाऊस को सजाया गया। राजकीय गमछा पहनाकर छत्तीसगढ़ी परंपरा के अनुसार खिलाड़ियों का स्वागत किया गया।मुख्यमंत्री ट्राफी अंतर्राष्ट्रीय ग्रेंड मास्टर चेस टुर्नामेंट में शामिल होने दुनिया भर से ग्रेंड मास्टर्स आएं हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 27 सितंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कहा कि यह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का ही असर है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को मस्जिद और मजारों में जाना पड़ रहा है। अभी यात्रा को 2 सप्ताह भी नहीं हुए और भाजपा इसे मिल रहे समर्थन से डर गई है।
रतनपुर में महामाया दर्शन के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि अनेकता में एकता भारत की खूबी है। छत्तीसगढ़ के विभिन्न संप्रदायों और पंथों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश में नफरत का जहर घोलने का काम किया है, इसलिये राहुल गांधी ने सबको जोड़ने के लिए भारत यात्रा निकाली है।
बिलासपुर-भोपाल हवाई सेवा बंद होने और ट्रेनों के लगातार रद्द करने के सवालों पर बघेल ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री माधवराव सिंधिया और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सिंधिया को मंत्री बनाने पर उन्होंने कहा था कि एयर एंडिया और महाराजा दोनों बिकाऊ हैं, जिसके चलते वे काफी नाराज हो गए थे। मुझसे नाराजगी का बदला उन्हें छत्तीसगढ़ की जनता से नहीं निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि सौभाग्य या दुर्भाग्य से बिलासपुर के सांसद अरुण साव प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी हैं, पर वे फ्लाइट सुविधा और ट्रेनों के रद्द होने पर आवाज नहीं उठाते। उनका मुंह केवल कांग्रेस के खिलाफ बोलने के लिए खुलता है। हजारों रेल यात्रियों को परेशानी हो रही है, वे मौन क्यों हैं? क्रूड ऑयल का दाम गिर रहा है फिर भी पेट्रोल डीजल की कीमत कम क्यों नहीं हो रही है। क्यों बेरोजगारी के सवाल पर मौन हैं।
खराब सड़कों को लेकर सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि यह रमन सरकार की देन हैं, जो चार साल में ही उखड़ने लगी है। सरोज पांडेय तब आवाज नहीं उठा पाती थीं, अब बोल रही हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर मची हलचल को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोकतांत्रिक पार्टी है, जहां चार लोग होंगे वहां यह सब तो होगा। कोई नई बात नहीं है। कांग्रेस का चुनाव हो रहा है तो पूरे देश को पता चल रहा है लेकिन भाजपा में जयप्रकाश नड्डा दोबारा अध्यक्ष कब चुन लिए गए, यह भाजपा के नेताओं को ही पता नहीं चला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार धान की फसल अच्छी हुई है। अन्नदाता प्रसन्न है। सरकार ने इस बार एक करोड़ मीट्रिक टन धान की खरीदी की व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री बघेल आज दोपहर बाद रतनपुर पहुंचे उनके साथ सलाहकार प्रदीप शर्मा भी थे। महामाया मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष आशीष सिंह ठाकुर, विधायक शैलेष पांडेय सहित अनेक कांग्रेस नेता ने इस मौके पर उनका स्वागत किया।
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इडुक्की (केरल), 27 सितंबर। केरल के इडुक्की जिले के चिन्नाकनाल में जब जंगली हाथियों का एक झुंड अचानक बिना किसी उकसावे के हमला करने आया, तो साजी के पास एक पेड़ पर चढ़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
युवक ने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि जंगली हाथियों के झुंड द्वारा उसे घेर लेने के चलते उसे डेढ़ घंटे तक एक पेड़ पर शरण लेनी पड़ेगी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। कुछ स्थानीय लोगों द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो में उक्त युवक को पेड़ पर बैठे और पास में हाथियों को देखा जा सकता है।
साजी ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि यह घटना उस समय हुई जब वह पहाड़ी की चोटी पर जा रहा था। युवक ने कहा कि उसने स्थानीय लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए आवाज लगायी और पेड़ पर बैठे हुए मदद मांगी। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ हाथी अचानक मेरे रास्ते में आ गए। मैंने ज्यादा नहीं सोचा और पेड़ पर चढ़ गया ... मुझे अगले डेढ़ घंटे तक वहीं बैठना पड़ा।’’
एक वन अधिकारी ने कहा कि चेतावनी दिए जाने के बावजूद, युवक हाथियों को देखने के लिए उस क्षेत्र में चला गया जहां हाथियों के झुंड घूम रहे थे। उन्होंने कहा कि चूंकि एक हाथी पेड़ के पास ही था, वह नीचे नहीं उतर सका और उसे कुछ समय तक पेड़ के ऊपर ही इंतजार करना पड़ा जब तक कि अधिकारियों ने आकर उसे वहां से खदेड़ नहीं दिया। (भाषा)
नयी दिल्ली, 27 सितंबर। उच्चतम न्यायालय ने असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने और पार्टी का चुनाव चिह्न तीर-कमान आवंटित करने संबंधी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की याचिका की सुनवाई पर आगे बढ़ने के लिए मंगलवार को निर्वाचन आयोग को अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने उद्धव ठाकरे नीत खेमे की याचिका खारिज कर दी, जिन्होंने ‘मूल’ शिवसेना होने के शिंदे खेमे के दावे पर फैसला करने से निर्वाचन आयोग को रोकने का अनुरोध किया था।
पीठ में न्यायमूर्ति एम आर शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल थे।
संविधान पीठ ने कहा, ‘‘हम निर्देश देते हैं कि निर्वाचन आयोग के समक्ष कार्यवाही पर कोई रोक नहीं होगी।’’ (भाषा)
जम्मू, 27 सितंबर। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में एक सरकारी जिला अस्पताल से मंगलवार को कथित तौर पर छह माह के एक बच्चे के अपहरण का मामला सामने आया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज में बुर्का पहनी हुई एक महिला को अपराह्न करीब साढ़े 12 बजे अस्पताल से बच्चे को ले जाते हुए देखा गया है।
उन्होंने कहा कि महिला को पकड़ने और बच्चे को बचाने के लिए तलाश अभियान शुरू किया गया है।
पुलिस ने बच्चे के बारे में जानकारी देने वाले व्यक्ति को दस हज़ार रुपये के पुरस्कार की घोषणा की है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 27 सितंबर। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक अंतरिम आदेश में आम आदमी पार्टी (आप) और उसके कई नेताओं को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ “मानहानिकारक” बयान देने से रोक दिया। अदालत ने उन्हें सोशल मीडिया पर सक्सेना के खिलाफ कथित अपमानजनक पोस्ट, वीडियो और ट्वीट हटाने का निर्देश देते हुए कहा कि उन्होंने बिना सोचे समझे इस प्रकार के बयान दिए ।
उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रथम दृष्टया ‘आप’ और उसके नेताओं के विभिन्न बयान, साक्षात्कार, संवाददाता सम्मेलन, ट्वीट या री-ट्वीट, हैशटैग अपने आप में मानहानिकारक हैं और उन्हें सक्सेना की छवि धूमिल करने के लिए बिना किसी तथ्य के लापरवाह तरीके से किया गया।
उपराज्यपाल ने ‘आप’, इसके नेताओं आतिशी सिंह, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक, संजय सिंह और जैस्मीन शाह को अपने और परिवार के खिलाफ सोशल मीडिया पर साझा किए गए “झूठे” व “मानहानिकारक” पोस्ट, ट्वीट या वीडियो हटाने का निर्देश देने की भी अपील की थी।
उन्होंने ‘आप’ और उसके पांच नेताओं से ब्याज सहित 2.5 करोड़ रुपये के हर्जाने और मुआवजे की भी मांग की है।
‘आप’ के नेताओं ने आरोप लगाया था कि सक्सेना ने नवंबर 2016 में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) का अध्यक्ष रहते हुए चलन से बाहर हो चुकी मुद्रा हासिल करके उसे नयी मुद्रा में परिवर्तित कराया था। ‘आप’ और इसके नेताओं ने उपराज्यपाल पर 1,400 करोड़ रुपये के कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि संविधान का अनुच्छेद 19 (1) (ए) सभी व्यक्तियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है, मगर इसमें अनुच्छेद 19 (2) भी है जिसके तहत कुछ पाबंदियां हैं, जिनमें मानहानि भी शामिल है।
न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कहा, “इसलिए, वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार एक निरंकुश अधिकार नहीं है, जिसकी आड़ में मानहानिकारक बयान देकर किसी व्यक्ति की छवि धूमिल की जा सके। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार से किसी की छवि को धूमिल नहीं की जानी चाहिए।” (भाषा)
मुंबई, 27 सितंबर। महाराष्ट्र पुलिस ने राज्य के अनेक जिलों में छापेमारी के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 25 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा कि पीएफआई पर कार्रवाई उनकी गतिविधियों के मामले में जांच पर आधारित कानूनों और सबूतों के अनुरूप है।
राज्य के गृह विभाग का भी प्रभार संभाल रहे फडणवीस ने कहा, ‘‘समाज में विभाजन पैदा करने और देश को कमजोर करने के प्रयास किये जा रहे हैं। क्रमबद्ध तरीके से ऐसा किया जा रहा है।’’
पुलिस के मुताबिक, औरंगाबाद से 14 लोगों को, ठाणे से चार को, नांदेड़, परभणी और मालेगांव से दो-दो लोगों को और अमरावती से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
ठाणे के पुलिस उपायुक्त (अपराध) लक्ष्मीकांत पाटिल ने कहा कि स्थानीय पुलिस और अपराध शाखा के अधिकारियों द्वारा जिले में चलाए गए संयुक्त अभियान के तहत सोमवार रात को चार पीएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि दो कार्यकर्ताओं को मुंब्रा से और एक-एक को कल्याण व भिवंडी से पकड़ा गया है।
औरंगाबाद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पीएफआई के 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
नासिक के पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सचिन पाटिल ने कहा, ‘‘हमने मालेगांव से दो लोगों को गिरफ्तार किया है।’’
नांदेड़ के पुलिस अधीक्षक निसार तांबोली ने बताया कि उन्होंने दो लोगो को गिरफ्तार किया है।
इसके साथ ही पुणे पुलिस ने पीएफआई और इसकी राजनीतिक इकाई सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) से जुड़े छह लोगों को हिरासत में लिया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
कोंढवा थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सरदार पाटिल ने कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनएआई) और महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा पीएफआई पर धर-पकड़ की हालिया कार्रवाई की पृष्ठभूमि में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 151 (3) के तहत यह कदम उठाया गया है।
पीएफआई से कथित रूप से जुड़े 150 से ज्यादा लोगों को मंगलवार को सात राज्यों में छापेमारी के दौरान हिरासत में लिया गया था या गिरफ्तार किया गया था। कट्टरपंथी इस्लाम से जुड़े होने के आरोपी इस संगठन के खिलाफ पांच दिन पहले देशभर में तलाशी की कार्रवाई हुई थी।
उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश में छापों की कार्रवाई मुख्यत: राज्य पुलिस के दलों ने की।
एनएआईए पीएफआई से जुड़े 19 मामलों की जांच कर रहा है।
इससे पहले, देश में आतकंवादी गतिविधियों को समर्थन देने के आरोप में 22 सितंबर को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नेतृत्व में विभिन्न एजेंसियों के अभियान के तहत इसी तरह छापेमारी करके 15 राज्यों में पीएफआई के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 27 सितंबर। देश के सात राज्यों में मंगलवार को ‘‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’’ (पीएफआई) के विभिन्न ठिकानों पर की गई कार्रवाई के दौरान उससे जुड़े 150 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया है।
कट्टर इस्लाम का प्रसार करने के आरोपों का सामना कर रहे पीएफआई के खिलाफ इसी तरह की राष्ट्रव्यापी कार्रवाई पांच दिन पहले भी की गई थी।
छापेमारी की कार्रवाई,उत्तर प्रदेश कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश की राज्य पुलिस ने की है।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नेतृत्व में विभिन्न एजेंसियों की टीमों ने 22 सितंबर को देश में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में पीएफआई के खिलाफ 15 राज्यों में छापेमारी की थी और उसके 106 नेताओं व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। एनआईए, पीएफआई की संलिप्तता वाले 19 मामलों की जांच कर रही है।
संबंधित राज्यों की पुलिस ने अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में मंगलवार को छापेमारी की कार्रवाई की । ऐसा लगाता है कि यह समन्वित कार्रवाई है। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान पुलिस ने असम में 25, महाराष्ट्र में 10 लोगों को गिरफ्तार किया। उत्तर प्रदेश में 57 और दिल्ली में 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में 21, गुजरात में 10 और कर्नाटक में भी कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने पत्रकारों को बताया कि पीएफआई एवं उसके अनुषांगिक संगठनों द्वारा देश के विभिन्न स्थानों पर की गयी हिंसा एवं उक्त संगठन के सदस्यों की बढ़ती हुई राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के दृष्टिगत जनपदीय पुलिस, विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के संयुक्त दलों ने छापेमारी की।
उन्होंने बताया पुलिस टीमों ने 26 जिलों में एक साथ संस्था के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के ठिकानों पर छापेमारी की जिसमें कुल 57 लोग हिरासत में लिये गये। कुमार ने बताया कि इस छापेमारी के उपरांत मौके से बरामद विभिन्न प्रकार के अभिलेखों एवं साक्ष्यों का संयुक्त रूप से विश्लेषण किया जा रहा है।
कुमार ने बताया कि उपलब्ध अभिलेखों एवं साक्ष्यों के आधार पर अग्रिम विधिक कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।
पीएफआई की स्थापना 2006 में केरल में की गई थी और वह भारत में हाशिये पर पड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए नव सामाजिक आंदोलन चलाने का दावा करता है। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि पीएफआई कट्टर इस्लाम का प्रचार कर रहा है। इस संगठन की स्थापना केरल में की गई थी और इसका मुख्यालय दिल्ली में है।
पीएफआई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी कार्रवाई के बाद उसपर देशभर में प्रतिबंध लगने की संभावना हैं।
असम के अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न जिलों से पीएफआई के 25 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा 10 पीएफआई कार्यकर्ताओं को गोलपाड़ा से गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद पांच को कामरूप (ग्रामीण) में और तीन को धुबरी में गिरफ्तार किया गया। वहीं, बारपेटा, बक्सा, दरांग, उदलगुरी और करीमगंज में भी गिरफ्तारियां की गईं।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पहले कहा था कि राज्य सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए कथित तौर पर एक तंत्र बना रहे संगठन को प्रतिबंधित करने के लिए केंद्र से आग्रह किया है।
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने राष्ट्रीय राजधानी में निजामुद्दीन और शाहीन बाग सहित कई स्थानों पर पीएफआई से संबद्ध ठिकानों पर छापेमारी के बाद मंगलवार को 30 लोगों को हिरासत में लिया।
उन्होंने बताया कि जिन इलाकों में छापेमारी की जा रही है, वहां पर एहतियातन अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने कानून व्यवस्था और सौहार्द्र कायम रखने के लिए संबधित इलाकों में एहतियाती कदम के तहत अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की है। यह एहतियान उठाया गया कदम है ताकि कोई अवांछित घटना न हो।’’
पुलिस ने बताया कि अब तक मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है क्योंकि जांच जारी है। उन्होंने बताया कि छापेमारी की कार्रवाई सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात करीब साढ़े 12 बजे के बाद शुरू हुई और तड़के सुबह तक जारी रही।’’
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि राज्य पुलिस ने पीएफआई से जुड़े होने के आरोप में प्रदेश के आठ जिलों से 21 लोगों को हिरासत में लिया है।
उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए पीएफआई कार्यकर्ताओं से की गई पूछताछ के आधार पर इन लोगों को हिरासत में लिया गया है। मिश्रा मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता भी हैं।
गुजरात में आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से कथित संबंधों को लेकर पूछताछ के लिए कम से कम 10 लोगों को हिरासत में लिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा, “उन्होंने गुजरात पुलिस और एटीएस की मदद से विभिन्न इलाकों से कम से कम 10 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।”
गुजरात में पीएफआई की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) विशेष रूप से सक्रिय है और कुछ महीने पहले उसने अहमदाबाद में अपना कार्यालय खोला था।
कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में पुलिस ने मंगलवार तड़के पीएफआई के कई नेताओं को हिरासत में लिया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीएफआई के नेताओं को दक्षिण कन्नड़ जिले के मंगलुरु, उल्लाल, तलपडी और अन्य क्षेत्रों से हिरासत में लिया गया। उनके खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 107 और 151 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि पांच पीएफआई नेताओं को उडुपी जिले में उनके घरों में छापेमारी की कार्रवाई के दौरान हिरासत में लिया गया। उन्होंने बताया कि हूडे, गंगोली, बिंदूर और आदि उडुपी में भी छापे मारे गए।
सूत्रों ने कहा कि पुलिस विभाग हिरासत में लिए गए नेताओं की गतिविधियों पर पिछले छह महीने से नजर रख रहा था और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए उन्हें हिरासत में लिया गया है।
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के विभिन्न स्थानों से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के चार और पुणे से भी छह पीएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।
ठाणे में हुई गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए पुलिस उपायुक्त (अपराध) लक्ष्मीकांत पाटिल ने बताया कि दो कार्यकर्ताओं को मुंब्रा से और एक-एक कार्यकर्ता को कल्याण और भिवंडी से गिरफ्तार किया गया। हालांकि, उन्होंने विस्तृत जानकारी नहीं दी।
एटीएस ने सोमवार को मुंबई की अदालत को बताया था कि उसे गिरफ्तार 20 लोगों में से पांच के अलकायदा व इस्लामिक स्टेट सहित आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों की और इलेक्ट्र्रॉनिक सबूत की जांच करनी है ।
केरल में पांच पीएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। संगठन द्वारा 23 सितंबर को बुलाई गई राज्यव्यापी हड़ताल के दौरान हिंसा के आरोप में कोट्टायम से सोमवार को पीएफआई के चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। कोल्लम से भी सोमवार को पीएफआई के एक कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया गया। यह हड़ताल पीएफआई के खिलाफ जांच एजेंसियों की राष्ट्र व्यापी हड़ताल के विरोध में बुलाई गई थी। (भाषा)
अहमदाबाद, 27 सितंबर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि 2014 से पहले कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान पार्टी नेताओं ने स्वास्थ्य ढांचे में सुधार के बजाय चिकित्सा शिक्षा सुविधाओं को उन्नत बनाने के नाम पर ‘‘पैसा बनाया’’।
गांधीनगर जिले के कलोल में एक सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 में सत्तासीन होने के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र में परिदृश्य में बदलाव आया।
उन्होंने कहा, ‘‘आयुष्मान भारत या पीएम-जेएवाई योजना के तहत 60 करोड़ गरीब नागरिकों को पांच लाख रुपये तक का निशुल्क उपचार मिल रहा है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने योजना के क्रियान्वयन के लिए जरूरी स्वास्थ्य ढांचे को खड़ा करने के लिहाज से 64,000 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। इस योजना के तहत 600 जिलों के अस्पतालों में 35,000 नये बिस्तर बढ़ाये गये हैं।’’
शाह ने कहा कि देश में एकीकृत प्रयोगशालाओं और अनुसंधान केंद्रों की स्थापना के लिए 1,600 करोड़ रुपये का अलग बजटीय प्रावधान किया गया है।
शाह सोमवार से दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं जहां इस साल दिसंबर में चुनाव होने हैं।
शाह ने आज दो अस्पतालों की आधारशिला भी रखी। 750 बिस्तरों के एक अस्पताल का संचालन एक ट्रस्ट करेगा और 150 बिस्तर का एक और अस्पताल कलोल में बनाया जाएगा जिसका संचालन कर्मचारी राज्य बीमा योजना के हाथ में होगा।
गांधीनगर से लोकसभा सदस्य शाह ने कहा, ‘‘अगर अस्पतालों में डॉक्टर ही नहीं हों तो ऐसे बुनियादी ढांचे का क्या मतलब? कांग्रेस शासन में नेता चिकित्सा शिक्षा सुविधाओं में सुधार के नाम पर पैसा बनाने में व्यस्त थे। प्रधानमंत्री मोदी ने पद संभालने के बाद परिदृश्य को सुधारा।’’
उन्होंने कहा कि देश में 2013-14 में निजी और सरकारी, दोनों क्षेत्रों में 387 मेडिकल कॉलेज चल रहे थे और प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से यह संख्या 600 तक पहुंच गयी है।
शाह ने कहा, ‘‘एमबीबीएस सीटों की संख्या भी बढ़ी है। 2013-14 में 51,384 सीटें थीं जो अब बढ़कर 89,875 हो गयी हैं। पीजी सीटें भी 31,185 से बढ़कर आज 60,202 हो गयी हैं। इसका मतलब है कि पिछले आठ साल में कॉलेजों और मेडिकल सीटों की संख्या दोगुनी हो गयी है। दस नये एम्स चल रहे हैं, वहीं 22 और शुरू होने वाले हैं।’’
गृह मंत्री अपने संसदीय क्षेत्र के कुछ इलाकों में अनेक परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी करेंगे। शाम को वह गांधीनगर में अपने पैतृक शहर मानसा जाएंगे और नवरात्रि के दूसरे दिन बहुचार माता मंदिर में ‘आरती’ में हिस्सा लेंगे। (भाषा)
बेंगलुरु, 27 सितंबर। कर्नाटक पुलिस ने मंगलवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में आठ घंटे तक चले अभियान के दौरान 80 से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया, जिनमें अधिकतर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के पदाधिकारी व सदस्य हैं।
पुलिस के अनुसार उसे खुफिया जानकारी मिली थी कि ये लोग समाज में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे थे।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) आलोक कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और कर्नाटक पुलिस ने पिछले सप्ताह कर्नाटक में छापेमारी की थी। उस समय एनआईए ने सात जबकि राज्य की पुलिस ने 13 लोगों को हिरासत में लिया था।
आलोक कुमार ने कहा, “हमें विभिन्न एजेंसियों से सूचना मिली थी, जिसके आधार पर हमने तड़के 3 बजे अभियान शुरू किया, जो पूर्वाह्न लगभग 11 बजे तक चला।”
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि 80 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है और उन्हें तालुक के कार्यकारी मजिस्ट्रेट के सामने पेश करके ऐहतियाती हिरासत में भेजने का अनुरोध किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “दो जमानत लेने के बाद ही उन्हें रिहा किया जाएगा। इनमें से एक जमानत किसी सरकारी कर्मचारी को जबकि दूसरी जमानत परिवार के सदस्य को लेनी होगी।”
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, वे पहले और अब भी सांप्रदायिक हिंसा, अव्यवस्था या समाज में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे थे।
कुमार ने कहा कि गिरफ्तार किए गए अधिकतर लोग कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पीएफआई के सदस्य हैं, और कुछ पीएफआई के राजनीतिक मोर्चे एसडीपीआई से हैं।
उन्होंने कहा, “उनमें से 80 से अधिक को हिरासत में ले लिया गया है, 20 अभी भी विचाराधीन हैं, हम उनसे पूछताछ कर रहे हैं, जिसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस ने अच्छा काम किया है और विभिन्न राज्यों में चल रहे अभियान में कर्नाटक में सबसे अधिक व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है।
यह अभियान बेंगलुरु ग्रामीण, मैसूर, शिवमोगा, तुमकुरु, कोलार, रायचूर, गडग, मंगलुरु, बेलगावी, विजयपुरा, बागलकोट, मांड्या, रामनगर, उडुपी, चामराजनगर, कलबुर्गी, हुबली और धारवाड़ समेत विभिन्न स्थानों पर चलाया गया।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने छापेमारी के दौरान कुछ “दस्तावेज और सबूत” जब्त किए हैं और आरोपियों से असामाजिक गतिविधियों में शामिल होने के बारे में पूछताछ की जा रही रही है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि “कुछ सूचनाओं के आधार पर एक निवारक उपाय” के तौर पर यह पुलिस कार्रवाई की गई है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 27 सितंबर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मंगलवार को पार्टी की ओर से नियुक्त विभिन्न राज्यों के केंद्रीय प्रभारियों के साथ बैठक की और आगामी लोकसभा चुनाव सहित अगले साल होने वाले विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर संगठन को मजबूत करने पर चर्चा की।
नड्डा ने इस महीने की शुरुआत में पार्टी के केंद्रीय पदाधिकारियों व प्रमुख नेताओं को राज्यों और संघशासित प्रदेशों का प्रभार सौंपा था। प्रभारियों के साथ यह उनकी पहली बैठक थी।
बैठक में नड्डा के अलावा भाजपा के संगठन महासचिव बी एल संतोष भी मौजूद थे।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में संगठन को मजबूत करने और 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर व्यापक चर्चा की गई।
उन्होंने बताया कि अगले साल जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां के बारे में विशेष रूप से मंथन किया गया।
बैठक में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब, भाजपा महासचिव अरुण सिंह, विनोद तावड़े, तरुण चुग और सुनील बंसल भी मौजूद थे।
इस साल के अंत तक हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। हिमाचल में जहां उसके सामने सत्ता बचाए रखने की चुनौती है, वहीं गुजरात में उसके समक्ष अपना गढ़ संभाले रखने की चुनौती है।
अगले साल मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड और मिजोरम में चुनाव होने हैं। मध्य प्रदेश, कर्नाटक, त्रिपुरा में जहां भाजपा की सरकार है, वहीं तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति की सरकार है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ दो राज्य ऐसे हैं, जहां कांग्रेस की अपने बूते सरकार है।
नड्डा ने नौ सितंबर को पूर्व मुख्यमंत्रियों और पूर्व केंद्रीय मंत्रियों समेत कई वरिष्ठ नेताओं को संगठनात्मक कार्य के लिए विभिन्न प्रदेशों में पार्टी मामलों का प्रभारी नियुक्त किया था। नवनियुक्त प्रभारियों में रूपाणी और देब के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और महेश शर्मा के नाम शामिल हैं।
भाजपा ने तावड़े को बिहार का नया प्रभारी और बिहार के पूर्व मंत्री मंगल पांडे को पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया था। रूपाणी को पंजाब और चंडीगढ़ की जिम्मेदारी दी गई थी, जबकि देब को हरियाणा का प्रभारी नियुक्त किया गया था। जावड़ेकर को केरल का प्रभारी बनाया गया था, जबकि अरुण सिंह को राजस्थान की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
लंबे समय तक पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई में संगठन महामंत्री की भूमिका निभाने वाले बंसल को पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और ओड़िशा में पार्टी का कामकाज देखने का दायित्व सौंपा गया था। (भाषा)
मुंबई, 27 सितंबर। देश में सिनेमाघरों की संख्या में गिरावट के कारण भारतीय फिल्में देश की तुलना में चीन में बेहतर कारोबार कर रही हैं। यह बात एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को कही।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) के सचिव अपूर्व चंद्रा ने यहां उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमें इस प्रवृत्ति को उलटने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि स्थानीय फिल्में देश के भीतर अधिक कारोबार करें।’’
उन्होंने कहा कि भारत में सिनेमाघरों की संख्या पांच-छह साल पहले लगभग 12,000 से घटकर 8,000 रह गई है, जबकि इसी अवधि में चीन में फिल्म हॉल की संख्या 10,000 से बढ़कर लगभग 70,000 हो गई है।
चंद्रा ने कहा, ‘‘इसलिए कुछ भारतीय फिल्में भारत की तुलना में चीन में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं, जो एक ऐसा चलन है जिसे हमें उलटने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि हल स्थानीय तौर पर अधिक थिएटर खोलना है।
चंद्रा ने कहा कि सरकार नव-निर्मित फिल्म सुविधा कार्यालय (एफएफओ) को यह कार्य सौंप रही है, जो अनुमति को आसान बनाने के लिए ‘इन्वेस्ट इंडिया’ और राष्ट्रीय एकल मंजूरी पोर्टल के साथ काम करेगा। चंद्रा ने कहा कि थिएटर खोलना किसी उद्योग की स्थापना से कम नहीं है। उन्होंने अफसोस जताया कि पश्चिम बंगाल के मालदा के 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में एक भी थिएटर नहीं है।
कर्नाटक में एक अनुभव का हवाला देते हुए, जहां मंत्रालय के हस्तक्षेप से पिछले 3-4 महीनों में शहरों में छह थिएटर खोलने में मदद मिली है, चंद्रा ने और अधिक मिनी थिएटर बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि लोग चाहते हैं कि फिल्में वाजिब टिकट मूल्य पर आएं और संबंधित उद्योग को इसका ध्यान रखने की जरूरत है।
इस बीच, चंद्रा ने कहा कि सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में सिनेमेटोग्राफ अधिनियम में संशोधन पेश करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने सोमवार को मुंबई में फिल्म निर्माताओं के साथ चर्चा की, जिन्होंने पायरेसी पर अंकुश लगाने और 'यू/ए' प्रमाणीकरण के वास्ते आयु वर्गीकरण के लिए परिवर्तनों का स्वागत किया। (भाषा)