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-दीपक मंडल
कांग्रेस को ध्यान अभी नए अध्यक्ष के चुनाव पर देना था, मगर उससे पहले पार्टी दूसरी ही उलझन में फँस गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस आलाकमान ने तैयारी नहीं की? क्या राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की योजना बनाए बिना अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद की चुनावी रेस में उतारने का फ़ैसला लिया गया?
राजस्थान के सियासी तूफान में कांग्रेस बुरी तरह फंसी दिख रही है. कांग्रेस आलाकमान की चुनाव से पहले राजस्थान में सीएम बदलने की कोशिश अधर में लटक गई है.
ऐसी अटकलें हैं कि कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाना चाहता है. लेकिन गहलोत गुट के 90 से ज्यादा विधायकों ने सचिन पायलट को सीएम बनाने की कोशिश के खिलाफ विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को सामूहिक त्यागपत्र सौंप दिया.
वहीं इस्तीफा देने वाले विधायक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं देखना चाहते. उनका कहना है कि सचिन पायलट या उनके गुट के किसी नेता को वो मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं देखना चाहते.
कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान का सीएम तय करने के लिए सोनिया गांधी को अधिकृत करवाने की पेशकश के साथ दिल्ली से अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को जयपुर भेजा, मगर वो वहाँ विधायक दल की बैठक भी नहीं करवा सके.
विधायकों को मनाने में नाकाम रहे माकन और खड़गे दिल्ली लौट आए और सोनिया गांधी के साथ चर्चा की, जिन्होंने उनसे लिखित रिपोर्ट देने के लिए कहा है. लेकिन कहा जा रहा है कि गहलोत प्रकरण से कांग्रेस आलाकमान की काफी किरकिरी हो रही है.
पुरानी अदावत
माना जा रहा था कि कांग्रेस के उदयपुर अधिवेशन में पार्टी में 'एक व्यक्ति एक पद' के प्रस्ताव को लागू करवाते हुए अशोक गहलोत को पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाएगा और मुख्यमंत्री की कुर्सी सचिन पायलट को दे दी जाएगी. लेकिन गहलोत समर्थक विधायकों के तेवरों से फिलहाल ये बदलाव आसान नहीं लगता.
दरअसल राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर रस्साकशी पहले भी होती रही है. अशोक गहलोत पायलट को किसी भी कीमत पर अपनी कुर्सी पर काबिज़ होते नहीं देखना चाहते.
साल 2020 में सचिन पायलट ने सीएम बनाने की मांग पर जोर देने के लिए अपने समर्थक विधायकों के साथ हरियाणा में डेरा डाल दिया था. तब राहुल और प्रियंका गांधी ने उनकी कई शर्तें मान कर उनकी पार्टी में वापसी कराई थी.
अब गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की ख़बरों के बीच एक बार फिर राजस्थान की सत्ता पायलट के हाथों में जाने की चर्चा छिड़ गई है, और कांग्रेस एक बार फिर असमंजस की स्थिति में आ गई है.
राजस्थान को लेकर कांग्रेस के सामने उपजी उलझन पर जानकारों की राय
बड़ा सवाल ये है क्या कांग्रेस आलाकमान इस हालात को भांप नहीं पाया? क्या उसके पास अनुभव की कमी थी या फिर उसने होमवर्क ठीक से नहीं किया था?
वरिष्ठ पत्रकार संजीव श्रीवास्तव ने स्थिति का विश्लेषण करते हुए कहते हैं,'' कांग्रेस आलाकमान कई मामलों में नौसिखिया साबित होता रहा है. पार्टी में इस वक्त अहमद पटेल जैसा कोई शख्स नहीं है. पॉलिटिकल क्राइसिस मैनेजर नहीं है. पार्टी को ऐसा शख्स चाहिए, जिसकी समझ भी हो और धमक भी हो.''
वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी भी कांग्रेस नेतृत्व की अनुभवहीनता की ओर इशारा करती हैं. वो कहती हैं, ''कांग्रेस में जो हालात 20 साल पहले थे वो अब नहीं हैं. कांग्रेस को ऐसे नेतृत्व की ज़रूरत है जो अनुभवी हो, ज़मीनी हक़ीक़त की जानकारी रखता हो, कार्यकर्ताओं में जीतने का विश्वास जगा सके और सबसे बड़ी बात जब कोई उनकी नरेंद्र मोदी से तुलना करे तो उसे ख़ारिज न कर दे.''
चूक कहां हुई?
संजीव श्रीवास्तव कहते हैं, '' शीर्ष नेतृत्व को गहलोत और पायलट के बीच के टकराव का पता होगा ही. ऐसे में उसने अपना होमवर्क क्यों नहीं किया? आखिर उसने ये स्थिति क्यों आने दी? उन्हें पहले दोनों को दिल्ली बुलाना चाहिए था. दोनों ओर के विधायकों से बात करनी चाहिए थी. लेकिन यहां आप खड़गे और माकन को जयपुर भेज रहे हैं. जैसे एक ज़माने में इंदिरा गांधी माखनलाल फोतेदार को भेजती थीं. कांग्रेस को समझना चाहिए वो दिन चले गए जब उसके पास ज़बरदस्त बहुमत हुआ करता था. आज तो इस पार्टी के पास 53 सांसद बच गए हैं. ''
वो साथ ही गहलोत समर्थक विधायकों के विरोधी तेवर पर कहते हैं,''अशोक गहलोत और उनके समर्थक विधायकों ने जो कुछ किया वो ग़लत तो था लेकिन कांग्रेस नेतृत्व में भी बचकानापन दिखा. आलाकमान समझ रहा था कि गहलोत को पार्टी अध्यक्ष बना देंगे और पायलट को सीएम और सब चुप हो जाएंगे. लेकिन ये सोच गलत थी. राजनीति में दो और दो चार नहीं होते. ''
अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच राजस्थान में पुरानी प्रतिद्वंद्विता रही है. आखिर पार्टी ने इसे सुलझाने की कोशिश क्यों नहीं की. अगर मामला सुलझ जाता तो आज ऐसी स्थिति नहीं आती.
इस सवाल पर राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार शेखर अय्यर कहते हैं, ''2018 का चुनाव सचिन पायलट की अगुआई में लड़ा गया. वो प्रदेश पार्टी अध्यक्ष थे. पायलट ने पूरे राज्य का चुनावी दौरा किया. वह राज्य के कोने-कोने में गए. लेकिन मुख्यमंत्री बने अशोक गहलोत. तो दोनों के बीच विवाद कभी सुलझा ही नहीं, या सुलझाने की कोशिश नहीं हुई. ''
अय्यर फिलहाल कांग्रेस के कमज़ोर आलाकमान की ओर इशारा करते हैं.
वो कहते हैं, '' कांग्रेस आलाकमान जिस शख्स के बारे में यह समझता है कि वह पार्टी का अध्यक्ष बनने लायक है वही शीर्ष नेतृत्व की बात नहीं सुन रहा है. कांग्रेस के लिए इससे बड़ी त्रासदी क्या होगी? इससे पार्टी में सोनिया गांधी के वर्चस्व पर भी सवाल पैदा होता है. ''
अय्यर आगे कहते हैं, ''गहलोत ने तो अजय माकन और खड़गे को कांग्रेस विधायकों से एक-एक कर मिलने भी नहीं दिया. उन्हें कहा गया कि विधायक समूह में मिलेंगे. माकन ने भले ही इसे अनुशासनहीनता करार दिया हो. लेकिन इससे ये साबित हो गया कि फिलहाल आलाकमान की क्या स्थिति है.'' (bbc.com/hindi)
कोट्टायम/कोल्लम (केरल), 27 सितंबर। देश भर में अपने कार्यालयों पर छापेमारी और अपने नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में केरल में 23 सितंबर को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राज्यव्यापी हड़ताल के दौरान हिंसक गतिविधियों के आरोप में कोट्टायम और कोल्लम जिलों से इसके पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।
एक बेकरी में तोड़फोड़ और केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बसों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में कोट्टायम से सोमवार को पीएफआई के चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। कोल्लम से भी सोमवार को पीएफआई के एक कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया गया। पीएफआई कार्यकर्ता पर पुलिसकर्मियों की पकड़ में आने से बचने के लिए पुलिस की मोटरबाइक में टक्कर मारने का आरोप है।
उन्होंने कहा कि पुलिस उसे पकड़ने की कोशिश कर रही थी क्योंकि वह 23 सितंबर को राष्ट्रीय राजमार्ग-66 के कोट्टियम-पल्लीमुक्कू खंड पर मौजूद लोगों को कथित तौर पर डरा-धमका रहा था और अपशब्द कह रहा था।
पुलिस से बचने का प्रयास करते हुए आरोपी ने गश्त कर रहे पुलिसकर्मी की बाइक को टक्कर मार दी और फरार हो गया। पुलिस ने मंगलवार को कहा कि बाइक पर सवार दो अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें से एक अब भी अस्पताल में भर्ती है।
कोल्लम से गिरफ्तार किए गए आरोपी पर हत्या के प्रयास के अपराध में मामला दर्ज किया गया है और अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। (भाषा)
तोक्यो, 27 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तोक्यो में अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा से मंगलवार को मुलाकात की।
प्रधानमंत्री मोदी जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए तोक्यो में हैं। किशिदा के साथ मुलाकात के दौरान मोदी ने द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के साथ-साथ एक मुक्त, खुले व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए आबे के योगदान को याद किया।
इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और जापान की विशेष रणनीतिक व वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने और क्षेत्र में तथा विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समूहों व संस्थानों में एक साथ काम करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने को लेकर बातचीत की। उन्होंने कई क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।’’
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आबे के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की और भारत-जापान साझेदारी को मजबूत करने के साथ-साथ एक मुक्त, खुले व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए आबे के योगदान को याद किया।
आबे के साथ सौहार्द पूर्ण संबंध रखने वाले मोदी ने कहा, ‘‘ मैं पूर्व प्रधानमंत्री आबे के आकस्मिक निधन से बेहद दुखी हूं..उन्होंने भारत-जापान संबंधों को एक ऊंचे मुकाम पर पहुंचाया और कई क्षेत्रों में संबंधों का विस्तार भी किया।’’
मोदी ने अपनी पिछली जापान यात्रा को याद करते हुए कहा कि उस दौरान उनकी आबे के साथ लंबी बातचीत की थी। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत आपको याद कर रहा है शिंजो आबे।’’
गौरतलब है कि आबे (67) की आठ जुलाई को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह दक्षिणी जापानी शहर नारा में चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
मोदी ने किशिदा से कहा, ‘‘ मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-जापान के संबंध और प्रगाढ़ होंगे और नई ऊंचाई हासिल करेंगे।’’
वहीं, किशिदा ने भी प्रधानमंत्री मोदी को भारत-जापान के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए धन्यवाद दिया और एक स्वतंत्र, मुक्त व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए उनके साथ सहयोग करने का आश्वासन भी दिया।
किशिदा वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मार्च में भारत आए थे, जबकि मोदी ‘क्वाड लीडर्स समिट’ के लिए मई में जापान गए थे।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने मोदी के जापान पहुंचने से पहले सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी और (जापान के) प्रधानमंत्री किशिदा के बीच द्विपक्षीय बैठक भारत-जापान की विशेष रणनीतिक व वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने की दोनों नेताओं की प्रतिबद्धता दिखाती है।’’
क्वात्रा ने कहा था कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और जापान के बीच गहरा तालमेल है।
मोदी के अलावा विश्व के कई नेता आज यानी मंगलवार को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में हिस्सा ले रहे हैं।
इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। तोक्यो में सुरक्षा के सबसे अधिक इंतजाम किए गए हैं। (भाषा)
मलप्पुरम (केरल), 27 सितंबर। कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तहत राहुल गांधी ने पार्टी के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं व समर्थकों के साथ केरल के मलप्पुरम जिले से मंगलवार को पदयात्रा फिर शुरू की।
यात्रा राज्य के इस उत्तरी जिले के पुलमंथोल जंक्शन से सुबह शुरू हुई, जो सोमवार को पलक्कड जिले के कोप्पम में रोकी गई थी।
वायनाड से सांसद गांधी के दिन में यहां किसानों से बातचीत करने की उम्मीद है।
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के महासचिव तथा प्रभारी (संचार) जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘ भारत जोड़ो यात्रा के 20वें दिन की शुरुआत मलप्पुरम जिले के एक सजे हुए पुल से की। आज सुबह 14 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा और दोपहर में राहुल गांधी निकटवर्ती इलाकों में किसानों से बातचीत करेंगे। मौसम अभी तक अच्छा है और नज़ारे भी बेहतरीन हैं।’’
कांग्रेस की 3,570 किलोमीटर लंबी और 150 दिनों तक चलने वाली भारत जोड़ो यात्रा सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और यह जम्मू-कश्मीर में संपन्न होगी।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ 10 सितंबर की शाम को केरल पहुंची थी। एक अक्टूबर को कर्नाटक पहुंचने से पहले यह 19 दिनों में केरल के सात जिलों से गुजरते हुए 450 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। (भाषा)
इंदौर (मध्य प्रदेश), 27 सितंबर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के इंदौर नगर निगम के महापौर रहने के दौरान कथित तौर पर हुए 33 करोड़ रुपये के पेंशन घोटाले में नया मोड़ आ गया है।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता केके मिश्रा की याचिका का निपटारा करते हुए उन्हें निर्देश दिया है कि वह इस मामले में तत्कालीन लोक सेवकों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति हासिल करने के लिए दो हफ्ते के भीतर राज्य सरकार के सामने नये सिरे से अर्जी दायर करें। इन तत्कालीन लोक सेवकों में विजयवर्गीय के अलावा कथित पेंशन घोटाले के वक्त नगर निगम में पदस्थ निर्वाचित जन प्रतिनिधि और सरकारी अफसर शामिल हैं।
उच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि मामले के पुराने दस्तावेजों के साथ दायर होने वाली मिश्रा की नयी अर्जी को लेकर राज्य के मुख्य सचिव शीघ्र कदम उठाएं और इस पर तीन महीने के भीतर कानूनी प्रावधानों के मुताबिक ‘‘तर्कपूर्ण आदेश’’ जारी करें।
उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने 23 सितंबर को ये निर्देश जारी किए और इस सिलसिले में याचिकाकर्ता की ओर से सोमवार को मीडिया के साथ जानकारी साझा की गई।
उच्च न्यायालय में याचिका पर बहस के दौरान राज्य सरकार के वकील की ओर से कहा गया कि अभियोजन स्वीकृति को लेकर मिश्रा की अर्जी पर शीघ्र फैसला किया जाएगा।
गौरतलब है कि इंदौर की एक विशेष अदालत ने कथित पेंशन घोटाले में तत्कालीन महापौर विजयवर्गीय और अन्य लोक सेवकों के खिलाफ मिश्रा की दायर शिकायत पर कार्यवाही 29 अगस्त को खत्म कर दी थी क्योंकि 17 साल का लंबा अरसा बीतने के बावजूद राज्य सरकार ने इन लोगों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी।
मिश्रा इस वक्त प्रदेश कांग्रेस इकाई के मीडिया विभाग के अध्यक्ष हैं, जबकि विजयवर्गीय 2000 से 2005 के बीच इंदौर के महापौर रहे थे और तब से लेकर अब तक नगर निगम में भाजपा की सत्ता चल रही है। मिश्रा का आरोप है विजयवर्गीय के इंदौर के महापौर रहते नगर निगम ने निराश्रितों, विधवाओं और दिव्यांगों को शहर की सहकारी साख संस्थाओं के जरिये सरकारी पेंशन बांटी, जबकि नियमत: इस पेंशन का भुगतान राष्ट्रीयकृत बैंकों या डाकघरों के जरिये किया जाना था।
मिश्रा के मुताबिक नगर निगम द्वारा अपात्रों, काल्पनिक नाम वाले लोगों और मृतकों तक को पेंशन का बेजा लाभ दिए जाने से सरकारी खजाने को कथित तौर पर 33 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। (भाषा)
नयी दिल्ली/जयपुर, 27 सितंबर। कांग्रेस की राजस्थान इकाई में संकट को लेकर पार्टी के दोनों पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन मंगलवार को अपनी लिखित रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपेंगे।
सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट के आधार पर ‘अनुशासनहीनता’ के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की दिशा में कदम उठाया जा सकता है।
राजस्थान के इस पूरे घटनाक्रम से गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। अब कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, मुकुल वासनिक, खड़गे, कुमारी सैलजा और कुछ अन्य नामों को लेकर अटकले हैं।
वैसे कमलनाथ ने कहा कि उन्हे अध्यक्ष पद में कोई दिलचस्पी नहीं है।
जयपुर में विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों के वस्तुत: बागी रुख अपनाने के बाद खड़गे और माकन सोमवार को दिल्ली लौटे तथा कांग्रेस अध्यक्ष के आवास 10 जनपथ पहुंचकर सोनिया गांधी से मुलाकात की थी ।
कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल भी बैठक में मौजूद थे। सोनिया गांधी के साथ डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली मुलाकात के बाद माकन ने कहा कि जयपुर में रविवार शाम विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सहमति से बुलाई गई थी।
माकन ने संवाददाताओं से यह भी कहा, ‘‘मैंने और खड़गे जी ने राजस्थान के घटनाक्रमों के बारे में सोनिया जी को विस्तार से बताया। कांग्रेस अध्यक्ष ने हमसे पूरे घटनाक्रम पर लिखित रिपोर्ट मांगी है। आज रात या कल सुबह तक हम यह रिपोर्ट दे देंगे।’’
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं आए। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने चले गए थे। (भाषा)
नोएडा, 27 सितंबर। नोएडा की सनवर्ल्ड सोसायटी में रहने वाले एक परिवार के लोगों को सूप में नशीला पदार्थ मिलाकर घर से लाखों रुपए का सामान चोरी करके भागने वाले घरेलू सहायक को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सहायक पुलिस आयुक्त (जोन प्रथम) रजनीश वर्मा ने बताया कि एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक अन्य फरार आरोपी की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि घर में बेहोश पड़े लोगों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। दोनों आरोपी नेपाल के काठमांडू के रहने वाले हैं।
वर्मा ने बताया कि सनवर्ल्ड सोसायटी में एक परिवार के यहां एक घरेलू सहायक नरेश बहादुर चार वर्ष से काम कर रहा था। एक हफ्ते पूर्व बहादुर का एक दोस्त उसके पास रहने आया। नेपाली घरेलू सहायक फ्लैट मालिक के फ्लैट में ही रहता था।
वर्मा ने बताया कि रविवार शाम को घरेलू सहायक ने अपने साथी संग मिलकर गृह स्वामी और उनके परिवार के लोगों को सूप में नशीला पदार्थ पिला दिया। जब वे लोग बेहोश हो गए तो उसने अपने साथी की मदद से घर में रखे लाखों रुपए कीमत के जेवरात और अन्य सामान की चोरी कर ली।
उन्होंने बताया कि दोनों चोरी करके जा रहे थे, तभी सोसाइटी के गार्ड को शक हुआ। इस दौरान गार्ड ने एक को पकड़ लिया। उनके पास से चोरी के सामान और नकदी बरामद की गई। (भाषा)
रायपुर से जगदलपुर आ रही थी बस
जगदलपुर, एनएच 30 पर मंगलवार सुबह एक तेज रफ्तार निजी बस रायपुर से जगदलपुर आ रही थी कि अचानक जुनावनी के पास ड्राइवर को झपकी आ गई, जिसके बाद बस खम्भे से टकराते हुए खेत में जा पलटी, इस हादसे में जहां एम्स हॉस्पिटल के एक कर्मचारी की मौत हुई है, वही दर्जन भर कर्मचारी घायल हो गए है, घटना की जानकारी लगते ही जगदलपुर से 108 की 4 वाहनों को घायलों को लेने के लिए भेजा गया है,
भानपुरी थाना प्रभारी ने बताया कि रायपुर से डॉक्टरों की टीम जगदलपुर के लिए निकली हुई थी, कि अचानक मंगलवार की सुबह भानपुरी के जुनावनी के पास बस के ड्राइवर को झपकी आ गई, जिसके बाद बस पुल से टकराते हुए खेत मे जा पलटी, इस हादसे में एक डॉक्टर की मौत होने की बात सामने आई है, वही बाकी घायल बस में दब गए थे, जिन्हें 108 की वाहन के ईएमटी व पायलट ने तत्काल सभी घायलों को उपचार के लिए भानपुरी अस्पताल ले जाया गया है, वही घायलों का प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें मेकाज रेफर कर दिया गया है, वही अस्पताल से यह भी जानकारी मिली है कि ये सभी घायल एम्स रायपुर के कर्मचारी बताये जा रहे है, जो सभी एक टीम बनाकर जगदलपुर घूमने के लिए आ रहे थे, लेकिन जगदलपुर पहुँचने से पहले ही सड़क हादसे में घायल हो गए, इस हादसे में 15 लोग घायल हो गए है,
???? सीसीटीवी डीवीआर गायब, आरोप-प्रत्यारोप जारी
भिलाई नगर, 27 सितंबर। कल एक तेज रफ्तार कार के चालक ने स्कूटर सवार युवक को टक्कर मार दी। दुर्घटना के बाद घायल युवक को अस्पताल पहुंचाने की बजाय कार चालक वहां से भाग गया और कार को वेस्टइंड बिल्डिंग अपार्टमेंट में पार्क कर दिया। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने 112 को काल कर घायल को अस्पताल पहुंचाया जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। इस दुर्घटना को लेकर पुलिस के समक्ष कई तरह का पेंच सामने आ गया है। घायल युवक की तरफ से उसके परिजनों ने एफआईआर दर्ज करवाया है जबकि कार मालिक ने भी दुर्घटना के लिए युवक को जिम्मेदार बताते हुए शिकायत की है।
घायल युवक की मां विभा शर्मा निवासी नेहरू नगर वेस्ट ने थाना में दर्ज शिकायत में बताया कि उनका बेटा हर्ष शर्मा (20 वर्ष) कल सुबह 10 बजे स्कूटर सीजी 07 बीवी 3342 से टिफिन छोड़ने जा रहा था तभी विद्या विहार कालोनी वेस्टइंड बिल्डिंग के पास तेज रफ्तार मर्सिडीज कार क्रमांक सीजी 04 एचएम 4050 ने उसे किनारे से तेज टक्कर मारी। टक्कर इतनी तेज थी स्कूटर सवार हर्ष दूर जा गिरा, इससे उसका हेलमेट चकनाचूर हो गया और गंभीर चोटें आईं हैं। कार चालक घायल हर्ष को अस्पताल पहुंचाने की जगह मौके से भाग गया और उसने अपार्टमेंट वेस्ट इंड के नीचे पार्किंग में गाड़ी पार्क कर दी। दुर्घटना स्थल पर आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत 112 में फोन किया और घायल को चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल पहुंचाया। आईसीयू में हर्ष का उपचार जारी है। विभा ने बताया कि दुर्घटना करने वाली मर्सिडीज कार तनिष्क शोरूम के संचालक की है। जब वे लोग उनके घर वेस्ट इंड अपार्टमेंट पहुंचे तो वहां कार खड़ी थी। कार के बाएं तरफ का साइड मिरर टूटा हुआ है और लंबा स्क्रैच लगा है। जब बिल्डिंग का सीसीटीवी फुटेज देखने गए तो वहां के सोसायटी अध्यक्ष ने उसका डीवीआर ही गायब करवा दिया। परिजनों का आरोप है कि यह दुर्घटना जानबूझकर की गई है, पुलिस आरोपी को पकड़े और सख्त कार्रवाई करे।
वहीं दूसरी तरफ दुर्घटना करने के बाद कार मालिक ने सुपेला थाने में एक लिखित आवेदन दिया जिसमें बताया गया है कि कार सेल्स मार्केटिंग का ड्राइवर गजेंद्र उमरे चला रहा था। कार को स्कूटर सवार लड़के ने तेज रफ्तार में पीछे से टक्कर मारी है। जबकि हर्ष के परिजनों ने आपत्ति की है कि कार के पीछे का हिस्सा कहीं से डैमेज नहीं है, उसके साइड का हिस्सा डैमेज है। उनका आरोप है कि बड़े लोगों की कार है इसलिए उल्टा उनके ऊपर ही आरोप लगाया जा रहा है। सुपेला पुलिस मामले की जांच कर रही है।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का डार्ट स्पेसक्राफ्ट, एस्टेरॉयड डिमोरफोस से टकराकर ध्वस्त हो गया है.
इस टक्कर को जानबूझ कर कराया गया ताकि पता लगाया जा सके कि क्या धरती की ओर से आने वाले एस्टेरॉयड या स्पेस रॉक रास्ते से हटाए जा सकते हैं.
डार्ट के कैमरे ने टारगेट को हिट करने तक प्रति सेकंड तस्वीरें भेजी.
नासा के वैज्ञानिकों को इस प्रयोग की असल कामयाबी का पता लगाने में कुछ हफ़्तों का समय लगेगा.
वो मिशन की कामयाबी की पुष्टि करेंगे या फिर डिमोरफोस के चारों ओर दूसरे एस्टेरॉयड डिडीमॉस के ऑर्बिट में हुए बदलावों के पड़ताल करेंगे.
लेकिन फिलहाल मकसद एस्टेरॉयड से डार्ट को टकराना था और वो सफल रहा है.
धरती पर करीब दो दर्जन के अधिक टेलीस्कोप इन दोनों चट्टानों की बारीकी से जांच करेंगे.
टक्कर से पहले डिमोरफ़ोस को 780 मीटर चौड़े एस्टेरॉयड का चक्कर काटने में 11 घंटे 55 मिनट का समय लगा.
अब इस टक्कर के बाद ये समय थोड़ा कम हो सकता है. 22 हज़ार किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से चलने वाले डार्ट प्रोब में पहले एक छोटी चट्टान को बड़ी चट्टान से अलग करना था.
स्पेसक्राफ़्ट में लगे नेविगेशन सॉफ्टवेयर ने फिर आमने-सामने की टक्कर सुनिश्चित करने के लिए थ्रस्टर फायरिंग की.
डार्ट का मतलब है – डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट.
डिमोरफोस के आकार के बराबर की कोई भी चीज़ अगर धरती पर गिरती है तो करीब एक किलोमीटर के घेरे में 100 मीटर गहरा गड्ढ़ा हो सकता है.
इससे होने वाला नुकसान बेहद भीषण होगा. इसलिए वैज्ञानिक लगातार इस खोज में हैं कि क्या अंतरिक्ष में मौजूद ऐसी चट्टानों को नष्ट किया जा सकता है, या उनका रास्ता बदला जा सकता है. (bbc.com/hindi)
रायपुर/ कांकेर, 27 सितंबर। सोमवार शाम रायपुर लौट रहे भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विक्रम देव उसेंडी का पायलट वाहन टेंशन राड टूटने से पलट गया। पीछे चल रही विक्रम उसेंडी की कार उससे टकराते टकराते बच गई। इस हादसे में पायलट वाहन में सवार पांच जवानों को मामूली चोटें आई है। सभी वरिष्ठ नेताओं ने उसेंडी से फोन पर चर्चा कर कुशलक्षेम पूछा।
विक्रम उसेंडी हड़ताल में बैठे रसोइयों को अपना समर्थन देने और कोरोना टीकाकरण के प्रचार प्रसार के लिए पखांजूर गए थे। और शाम को वापस राजधानी रायपुर आ रहे थे।उनके साथ कांकेर पुलिस का वाहन भी आगे-आगे चल रहा था। इसी दौरान कापसी पखांजूर के बीच ग्राम हरणगढ़ पार करते ही सबसे आगे चल रहा फालो वाहन का टेंशन राड टूट गया. घटना की जानकारी लगते ही पखांजूर पुलिस व अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
नयी दिल्ली, 27 सितंबर। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) को सूचित किया है कि उसने एक सिख महिला के जबरन धर्मांतरण का मुद्दा पाकिस्तान के समक्ष उठाया और उम्मीद जताई कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एनसीएम ने एक बयान में कहा कि उसने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा इलाके में एक सिख लड़की के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन के संबंध में मीडिया की खबरों का संज्ञान लिया था।
एनसीएम प्रमुख इकबाल सिंह लालपुरा ने 22 अगस्त को एक पत्र के माध्यम से विदेश मंत्री से अनुरोध किया था कि वह इस मामले को पाकिस्तान में अपने समकक्ष के साथ उठाएं ताकि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो और पड़ोसी देश में सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित हो तथा उनके खिलाफ नफरत को रोकने एवं उसका मुकाबला करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
बयान में कहा गया है कि विदेश मंत्री जयशंकर ने 17 सितंबर को एक पत्र में एनसीएम प्रमुख को सूचित किया कि सरकार ने इस घटना का संज्ञान लिया और जैसे ही घटना की जानकारी मिली, उसने राजनयिक माध्यम से पाकिस्तान सरकार के समक्ष इसे उठाया और इस तरह की चौंकाने वाली और निंदनीय घटना पर गंभीर चिंता जताई। (भाषा)
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और दूसरी जांच एजेंसियों ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर मंगलवार को एक बार फिर छापेमारी शुरू की है. इस दौरान कुछ लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया है.
दिल्ली, असम और कर्नाटक समेत आठ राज्यों में जांच एजेंसियां छापेमारी कर रही हैं. पहले राउंड में हुए छापेमारी से मिले सबूतों और गिरफ़्तार लोगों से पूछताछ के आधार पर जांच एजेंसियों ने दूसरे राउंड की कार्रवाई शुरू की है.
कुछ जगहों पर स्थानीय पुलिस भी छापेमारी कर रही है. समाचार एजेंसी एएआई के मुताबिक कर्नाटक के बेल्लारी ज़िले से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
ख़बरों के मुताबिक असम में भी पुलिस ने सात पीएफ़आई नेताओं को गिरफ्तार किया है. राज्य के कामरूप ज़िले से ये गिरफ्तारियां सुबह पांच के आसपास की गईं.
उत्तर प्रदेश के मेरठ, बुलंदशहर और सीतापुर ज़िलों से कुछ लोगों को पीएफ़आई से लिंक के चलते गिरफ्तार किया गया है.
इसके पहले गुरुवार को एनआईए और ईडी ने 15 राज्यों में 93 जगहों पर छापेमारी की थी. इनमें तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, पश्चिम बंगाल, बिहार और मणिपुर राज्य शामिल हैं. इस दौरान 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था. (bbc.com/hindi)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की अंतिम विदाई के लिए टोक्यो पहुँचे हैं.
पीएम मोदी के अलावा दुनिया के कई नेता जापान में हैं.
आबे के अंतिम संस्कार के लिए सौ देशों के प्रतिनिधि टोक्यो में हैं. इनमें 20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल हैं. लेकिन जापान के भीतर अंतिम विदाई पर हो रहे ख़र्च के कारण इसका विरोध हो रहा है.
कल भी हज़ारों लोगों ने टोक्यो की सड़कों पर इसका विरोध किया था.
शिंजो आबे को भारत के दोस्त के रूप में याद किया जाता है. उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापान की विदेश नीति की दिशा बदलने में मुख्य किरदार निभाया था.
टोक्यो पहुँचने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया और कहा - मैं टोक्यो में लैंड कर चुका हूँ.
उन्होंने जापानी भाषा में भी ऐसा ही ट्वीट किया है.
अंतिम विदाई से पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री फ़ुमियो किशिदा से मुलाक़ात की है.
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वो शिंजो आबे के असयम निधन से दुखी हैं.
उन्होंने कहा कि शिंजो आबे ने भारत-जापान के रिश्तों को ऊंचाई दी और कई स्तर पर बढ़ावा दिया.
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि आपके नेतृत्व में भारत-जापान के संबध और गहरे होंगे और नई बुलंदियां छुएंगे.’’
आबे की मौत
जापान के लोकप्रिय पूर्व प्रधानमंत्री को एक व्यक्ति ने आठ जुलाई को एक चुनाव अभियान के दौरान गोली मार दी थी.
भारत ने उनकी मौत पर नौ जुलाई को एक दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया था.
क्यों हो रहा है विरोध ?
शिंजो आबे की तमाम लोकप्रियता के बावजूद जापान में कुछ लोग उनके अंतिम संस्कार में किए जाने वाले ख़र्च की वजह से इसका विरोध कर रहे हैं.
एक अनुमान के मुताबिक इस पूरे संस्कार पर करीब 93 करोड़ रुपये ($ 11.4 मिलियन) ख़र्च होंगे.
बीते कुछ हफ़्तों में देश के भीतर इसके प्रति ग़ुस्सा बढ़ा है. पिछले हफ़्ते अंतिम संस्कार का विरोध करने वाले एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री के कार्यालय के सामने ख़ुद को आग लगा ली थी.
सोमवार को करीब दस हज़ार प्रदर्शनकारी टोक्यो की सड़कों पर विरोध करने उतरे थे. (bbc.com/hindi)
फरार मुख्य आरोपी की तलाश जारी
भिलाई नगर, 27 सितंबर। इंस्टाग्राम पर मदद का मैसेज कर रात में युवक को बुलाकर जानलेवा हमला करने वालों की पहचान हो गई है। घटना का मुख्य आरोपी विशाल अब भी फरार है जबकि युवती समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में एक युवक हेड कांस्टेबल का बेटा है।
घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले पुराने विवाद में बदला लेने की नीयत से एक युवक ने अपनी गर्लफ्रेंड से इंस्टाग्राम पर हैल्प का मैसेज करवा दो लड़कों को आधी रात सेक्टर-3 ओव्हर ब्रिज पर बुलवाया और अपने दोस्तों के साथ मिलकर जानलेवा हमला कर दिया।
जानकारी मिली है कि युवक का लड़कों से पुराना झगड़ा था और उसने बदला लेने के लिए ऐसा किया। आरोपी युवक पुलिस हेड कांस्टेबल का बेटा है। भट्ठी पुलिस ने मैसेज करने वाली लड़की, युवक और उसके एक दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है।
गौरतलब हो कि एच पॉकेट मरोदा सेक्टर निवासी शुभम साहू (28 वर्ष) ने भट्ठी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें बताया कि वह कंस्ट्रक्शन का व्यवसाय करता है। 24-25 सितंबर की रात 10 बजे उसके दोस्त सौरभ चन्द्राकर के इंस्टाग्राम पर सारा नाम की लड़की का मैसेज आया। उसने लिखा था कि आई नीड योर हेल्प। इसके बाद सौरभ ने सारा को फोन किया। फोन करने पर सारा ने सौरभ को बताया कि उसे हैल्प की जरूरत है और वह सेक्टर,-3 के ओवरब्रिज पर है। रात 1 बजे सौरभ और शुभम सेक्टर-3 ओवर ब्रिज पहुंचे तो देखा कि लड़की के साथ 4 और लड़के खड़े हैं। सौरभ कार से उतर कर लड़की से बात कर ही रहा था कि चारों लड़के कांच की टूटी बॉटल और चाकू डंडा लेकर आए और सौरभ से मारपीट करने लगे। शुभम ने भी उन्हें बचाने की कोशिश की तो उन्होंने उसे भी बुरी तरह मारा। इसी दौरान शुभम ने अपने दोस्तों को वहां बुला लिया, उनके आते ही आरोपी वहां से भाग गए। इस घटना में सौरभ गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे नेहरू नगर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
भट्टी पुलिस ने इस मामले में आरोपी खुशहाल मरकाम, विशाल सारथी, सारा और एक नाबालिग के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि मुख्य आरोपी विशाल सारथी अभी भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
आधी रात मदद के लिए बुला युवक पर जानलेवा हमला करने वाली युवती समेत 3 गिरफ्तार,
सीसीटीवी डीवीआर गायब, आरोप-प्रत्यारोप जारी
भिलाई नगर, 27 सितंबर। कल एक तेज रफ्तार कार के चालक ने स्कूटर सवार युवक को टक्कर मार दी। दुर्घटना के बाद घायल युवक को अस्पताल पहुंचाने की बजाय कार चालक वहां से भाग गया और कार को वेस्टइंड बिल्डिंग अपार्टमेंट में पार्क कर दिया। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने 112 को काल कर घायल को अस्पताल पहुंचाया जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। इस दुर्घटना को लेकर पुलिस के समक्ष कई तरह का पेंच सामने आ गया है। घायल युवक की तरफ से उसके परिजनों ने एफआईआर दर्ज करवाया है जबकि कार मालिक ने भी दुर्घटना के लिए युवक को जिम्मेदार बताते हुए शिकायत की है।
घायल युवक की मां विभा शर्मा निवासी नेहरू नगर वेस्ट ने थाना में दर्ज शिकायत में बताया कि उनका बेटा हर्ष शर्मा (20 वर्ष) कल सुबह 10 बजे स्कूटर सीजी 07 बीवी 3342 से टिफिन छोड़ने जा रहा था तभी विद्या विहार कालोनी वेस्टइंड बिल्डिंग के पास तेज रफ्तार मर्सिडीज कार क्रमांक सीजी 04 एचएम 4050 ने उसे किनारे से तेज टक्कर मारी। टक्कर इतनी तेज थी स्कूटर सवार हर्ष दूर जा गिरा, इससे उसका हेलमेट चकनाचूर हो गया और गंभीर चोटें आईं हैं। कार चालक घायल हर्ष को अस्पताल पहुंचाने की जगह मौके से भाग गया और उसने अपार्टमेंट वेस्ट इंड के नीचे पार्किंग में गाड़ी पार्क कर दी। दुर्घटना स्थल पर आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत 112 में फोन किया और घायल को चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल पहुंचाया। आईसीयू में हर्ष का उपचार जारी है। विभा ने बताया कि दुर्घटना करने वाली मर्सिडीज कार तनिष्क शोरूम के संचालक की है। जब वे लोग उनके घर वेस्ट इंड अपार्टमेंट पहुंचे तो वहां कार खड़ी थी। कार के बाएं तरफ का साइड मिरर टूटा हुआ है और लंबा स्क्रैच लगा है। जब बिल्डिंग का सीसीटीवी फुटेज देखने गए तो वहां के सोसायटी अध्यक्ष ने उसका डीवीआर ही गायब करवा दिया। परिजनों का आरोप है कि यह दुर्घटना जानबूझकर की गई है, पुलिस आरोपी को पकड़े और सख्त कार्रवाई करे।
वहीं दूसरी तरफ दुर्घटना करने के बाद कार मालिक ने सुपेला थाने में एक लिखित आवेदन दिया जिसमें बताया गया है कि कार सेल्स मार्केटिंग का ड्राइवर गजेंद्र उमरे चला रहा था। कार को स्कूटर सवार लड़के ने तेज रफ्तार में पीछे से टक्कर मारी है। जबकि हर्ष के परिजनों ने आपत्ति की है कि कार के पीछे का हिस्सा कहीं से डैमेज नहीं है, उसके साइड का हिस्सा डैमेज है। उनका आरोप है कि बड़े लोगों की कार है इसलिए उल्टा उनके ऊपर ही आरोप लगाया जा रहा है। सुपेला पुलिस मामले की जांच कर रही है।
हमारे नहीं अपने वायदों का हिसाब दें डाॅ. रमन
भिलाई नगर, 27 सितंबर। छत्तीसगढ़ में शराब बंदी की जाएगी लेकिन यह फैसला जल्दबाजी में नहीं किया जाएगा। शराब एक सामाजिक बुराई है, सब मिलकर ही उसको करेंगे। आंध्र प्रदेश और हरियाणा राज्य में जल्दबाजी में फैसला लेकर शराब बंदी की गई, इसके बाद सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा। गुजरात में शराब बंदी है लेकिन जिस ब्रांड की शराब चाहिए वह मिल जाती है। बिहार में शराब बंदी है लेकिन लोग सेनेटाइजर और जहरीली शराब पीकर मर रहे हैं इसलिए इसे बंद करने के लिए जल्दबाजी में फैसला लेना गलत है। छत्तीसगढ़ में भी लोगों को इसके लिए आगे आना होगा और जन जागरूकता लाकर ही शराब बंदी करेंगे। उक्ताशय के विचार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भिलाई में पत्रकारों से चर्चा के दौरान व्यक्त किए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कल रात दुर्ग और भिलाई में आयोजित अनेक कार्यक्रमों में शामिल हुए। महाराजा अग्रसेन जयंती के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेक्टर-6 में उन्होंने कहा कि मैंने लोगों की जेब में पैसे डाल अर्थव्यवस्था की जड़ों को सींच दिया है। अर्थव्यवस्था को गतिशील रखने में व्यापारी वर्ग का बड़ा योगदान है। सरकार की नीतियां बेहतर हों तो व्यापार फलता फूलता है, हमने ऐसी ही नीति बनाई है। जब हमारी सरकार आई तो यह शंका थी कि ये तो किसानों की सरकार है, गरीबों की सरकार है, हमारे लिए क्या करेगी। फिर जब किसान का पैसा बाजार में आया तो व्यापारियों को लगा कि सजग और जागरूक नीति से हर वर्ग का लाभ हो रहा है। जब एक बड़ा तबका बढ़ता है तो अन्य तबकों का अपने आप विकास होता है। मुख्यमंत्री ने रियल एस्टेट से लेकर राइस मिलर्स तक सभी वर्ग के लोगों के लिए किए गए सरकार के कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अग्रसेन समिति ने समाज में अच्छा कार्य कर रहे लोगों का सम्मान किया, ये बहुत अच्छी बात है, इससे प्रोत्साहन मिलता है।
श्री बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा कांग्रेस के वायदे को न देखे बल्कि अपने वायदों का हिसाब दे। 15 साल सत्ता में रहे लेकिन अपना वायदा पूरा नहीं किया। डॉ. रमन सिंह ने अपने विधायक दल की बैठक में कहा था कि चाहे सरकार भले ही चली जाए लेकिन शराब बंदी करके रहूंगा। रमन सिंह ये बताएं कि उन्होंने शराब बंदी क्यों नहीं की? हर घर में नौकरी देने की बात कही थी, क्यों नहीं दी? 2100 रुपए क्विंटल धान खरीदी करने का वायदा किया, क्यों नहीं पूरा किया? 15 साल उनको मौका मिला, वो ये सब वायदे करके निकल गए, पहले उसका हिसाब कर लें। भाजपा शासन में डॉ. रमन सिंह चिटफंड कंपनियों में ब्रांड एंबेसडर बन गए थे, उन्होंने लाखों लोगों का करोड़ों रुपए जमा कराया फिर 15 साल सत्ता में रहे तो क्यों पैसा वापस नहीं कराया, कार्रवाई क्यों नहीं की? इसका हिसाब दें। अग्रसेन भवन में मुख्यमंत्री ने संगमरमर से बनी महाराजा अग्रसेन प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर अग्रसेन जनकल्याण समिति द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री शामिल हुए।
रायपुर, 27 सितंबर। सरकार के तमाम दावों के विपरीत हसदेव अरण्य में आज सुबह से भारी पुलिस बल तैनात कर कोयला खनन के लिए पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई है। गिरफ्तारी का विरोध करने वाले दो सरपंचों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
मालूम हुआ है कि बीती रात से पुलिस बल और मजदूर बड़ी संख्या में यहां करीब 150 मशीनों के साथ पहुंच गया। उन्होंने पिछले 207 दिनों से धरना दे रहे ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए घाटबर्रा के सरपंच जयनंदन और राम सिंह मरकाम को गिरफ्तार कर लिया है।
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला ने बताया है कि कटाई के लिए बड़ी संख्या में मशीन और मजदूर लाए गए हैं। कुछ ही घंटे में 5 हजार से अधिक पेड़ काट दिए गए हैं।
ज्ञात हो कि यहां पर राजस्थान बिजली बोर्ड को खदान आवंटित किया गया है, जिसका एमओडी अडानी की कंपनी के साथ हुआ है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री व सरगुजा से विधायक टीएस सिंहदेव ने हाल ही में अंबिकापुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा था हसदेव में आवंटित नई खदानों को उत्खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी उनकी बात हो चुकी है, उनकी सहमति है।
उत्तरी बांग्लादेश में रविवार को हिंदू भक्तों को ले जा रही एक नौका के डूबने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है, जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं.
महालय के अवसर पर हिंदू भक्त नौका में सवार होकर मंदिर जा रहे थे.
लापता लोगों के परिजन नदी किनारे जमा हो गए हैं और बचाव दल शवों की तलाश कर रहे हैं.
पंचगढ़ के जिला एडमिनिस्ट्रेटर जहरुल इस्लाम ने बताया कि अब तक 40 मृतकों शव बरामद कर लिए गए हैं. इनमें 22 महिलाएं, 9 पुरुष और 12 बच्चे शामिल हैं.
जहरुल इस्लाम ने बताया कि पांच सदस्यीय टीम नौका के डूबने की जांच कर रही है लेकिन शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि नाव में क्षमता से लगभग तीन गुना अधिक वज़न था.
बीबीसी बांग्ला सेवा के मुताबिक नौका में 100 से अधिक लोग सवार थे. (bbc.com/hindi)
राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि गद्दारी करने वालों को अगर पुरस्कार दिया जाएगा तो विधायक बर्दाश्त नहीं करेंगे.
उन्होंने गहलोत गुट के 102 विधायकों में से ही एक को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही है.
शांति धारीवाल ने कहा, "खुद जनरल सेक्रेटरी, इंचार्ज, खुद ही लोगों को मनाने पर लगा है. ऐसे लोगों को यहां की मुख्यमंत्री बनाने का मिशन लेकर आया है तो निश्चित तौर पर लोगों की भावनाएं भड़कनी ही थी, विधायकों को नाराज़ होना ही थी. नाराज विधायकों के मेरे पास फोन आए और कहा कि हमारी बात सुनो, तुम यहां के संसदीय कार्यमंत्री हो. मैं बात सुनने के लिए ही हम यहां जमा हुए थे. मैंने तीन घंटे उनकी बात सुनी."
उन्होंने कहा कि 102 विधायक होटलों में एक साथ आए थे और 34 दिनों तक रहे थे. अगर मुख्यमंत्री ही बनाना है तो उनमें से बनाओ. सोनिया जी जिसे कहेंगी उसे बनाओ. सोनिया जी का हुक्म बहाल रहेगा. कोई चैलेंज नहीं कर सकता सोनिया जी के हुक्म को. गद्दारी करने वालों को पुरस्कार दिया जाए ये यहां के विधायक बर्दाश्त नहीं करेंगे."
धारीवाल की चेतावनी
इससे पहले, विधायकों के साथ शांति धारीवाल की बैठक का एक वीडियो सामने आया था जिसमें उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया तो राजस्थान में भी पंजाब जैसे हालात हो जाएंगे.
वीडियो में उन्होंने कहा, "ये सारा षड़यंत्र जो है, जिस षड़यंत्र ने पंजाब खोया, वो राजस्थान भी खोने जा रहा है. या तो हम लोग संभल जाएं, तब तो राजस्थान बचेगा, वरना राजस्थान भी हाथ से जाएगा."
अशोक गहलोत का समर्थन करते हुए शांति धारीवाल ने कहा कि किसी भी तरह से अशोक गहलोत सीएम बने रहें. कांग्रेस नेतृत्व से सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत के पास आज की तारीख में दो पद नहीं है जो उनका इस्तीफा मांगा जा रहा है.
सोनिया से मुलाकात
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी से उनके निवास पर मुलाकात की. दोनों नेताओं ने सोनिया गांधी को राजस्थान की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी है. कल यानी रविवार को दोनों नेता कांग्रेस विधायकों से बैठक करने जयपुर पहुंचे थे, जो नहीं हो पाई.
सोनिया गांधी ने राजस्थान में जारी सियासी संकट पर एक लिखित रिपोर्ट मांगी है. (bbc.com/hindi)
राजस्थान में राजनीतिक उठापठक के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली पहुंचे. उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मुलाकात के बाद कमलनाथ ने ने साफ़ किया कि उन्हें कांग्रेस के अध्यक्ष पद में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने कहा कि वे सोनिया गांधी को नवरात्रि की शुभकामनाएं देने आए थे.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में शामिल होने के बाद उनकी जगह कौन लेगा इसे लेकर रविवार को जयपुर में बैठक होनी थी. विधायकों से मिलने के लिए दिल्ली से अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे पहुंचे थे, लेकिन गहलोत गुट के काफी विधायक राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के घर जुटे रहे.
आज शाम मीडिया से बात करते हुए शांति धारीवाल ने अजय माकन पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का मिशन लेकर जयपुर आए थे.
शांति धारीवाल की मांग है कि गहलोत गुट के 102 विधायकों में से ही किसी को मुख्यमंत्री बनाया जाए.
वहीं शांति धारीवाल के यहां विधायकों की मीटिंग पर दिल्ली पहुंचे अजय माकन ने अनुशासनहीनता बताया है. (bbc.com/hindi)
-मोहर सिंह मीणा
राजस्थान में कांग्रेस की वर्तमान स्थिति उस एक म्यान की तरह हो गई है, जहां दो तलवारों का साथ रहना मुश्किल नज़र आ रहा है.
साल 2020 के बाद अब फिर एक बार कांग्रेस की गुटबाज़ी ने जयपुर से दिल्ली तक की राजनीति को गरमा दिया है.
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए नए चेहरे का चुनाव कांग्रेस के लिए बड़ा सियासी संकट बन गया है.
अशोक गहलोत समर्थक विधायक खुलकर सचिन पायलट के विरोध में उतर आए हैं.
ऐसे में सीएम पद की राह अब सचिन पायलट के लिए आसान नज़र नहीं आ रही.
राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में विधायकों ने सामूहिक इस्तीफे की पेशकश कर कांग्रेस आलाकमान पर भी दबाव बनाने का प्रयास किया है.
नए सीएम का नाम तय करने को लेकर रखी गई फीडबैक बैठक का भी गहलोत समर्थक विधायकों ने बहिष्कार कर स्पष्ट राजनीतिक संदेश दिया है.
इस राजनीतिक घमासान के बीच सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक फिलहाल ख़ामोश नज़र आ रहे हैं.
क्यों है विवाद ?
कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में पहले पायदान पर हैं. हालांकि, सीएम गहलोत ने अभी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल नहीं किया है.
हाल में उनकी राहुल गांधी और सोनिया गांधी से हुई मुलाकातों की वजह से भी अशोक गहलोत का नाम कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में आगे है.
गहलोत समर्थकों की चेतावनी
"आलाकमान को यह ध्यान रखना चाहिए कि दो साल पहले बीजेपी के साथ मिलकर सरकार गिराने की साज़िश किन लोगों ने रची थी."
- डॉक्टर सुभाष गर्ग, गहलोत समर्थक राज्य मंत्री
"निर्णय विधायकों के अनुरूप होगा तो सरकार चलेगी. अगर विधायकों के अनुरूप भावना नहीं होगी तो सरकार चल सकती है क्या?"
संयम लोढ़ा, निर्दलीय विधायक
इन मुलाकातों के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बातों बातों में कई बार कहा कि कांग्रेस में 'एक व्यक्ति और कई पद' के उदाहरण पहले भी रहे हैं.
उनके बयानों से साफ़ पता चलता है, कि वो राजस्थान का सीएम पद छोड़ने के मूड में नहीं है.
इस बीच सियासी गलियारों में अगले मुख्यमंत्री के तौर पर सचिन पायलट के नाम की चर्चा तेज़ हो गई है. पायलट को राहुल गांधी के पसंद के तौर पर भी देखा जाता है.
मगर पायलट के सीएम बन सकने की चर्चा के साथ ही उनका भारी विरोध भी हो रहा है.
गहलोत समर्थक विधायक दो साल पहले सरकार गिराने के प्रयास में बग़ावत के आरोप लगाते हुए सचिन पायलट का खुलकर विरोध कर रहे हैं.
इन विधायकों ने रविवार रात विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी के आवास पहुंच इस्तीफ़े भी सौंपे.
गहलोत समर्थक राज्य मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने कहा, "आलाकमान को यह ध्यान रखना चाहिए कि दो साल पहले बीजेपी के साथ मिलकर सरकार गिराने की साज़िश किन लोगों ने रची थी."
नए मुख्यमंत्री के नाम पर कांग्रेस विधायकों से चर्चा करने और विधायकों की नब्ज़ टटोलने के लिए दिल्ली से वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राज्य प्रभारी अजय माकन को जयपुर भेजा गया.
25 सितंबर शाम सात बजे होने वाली बैठक के समय में दो बार बदलाव किया गया, इसके बावजूद गहलोत समर्थक विधायकों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया.
बैठक से पहले सभी गहलोत समर्थक विधायक अशोक गहलोत के विश्वसनीय कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के घर जुटने शुरू हुए.
यहां हुई बैठक के बाद सभी विधायक विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी के सरकारी आवास पहुंचे और विधायक पद से सामूहिक इस्तीफ़े दिए.
इस दौरान मुख्यमंत्री आवास पर सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक, अजय माकन, मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक के लिए विधायकों का इंतज़ार कर रहे थे.
इस बैठक का बहिष्कार कर और इस्तीफ़े देकर विधायकों ने ये संदेश देने की कोशिश की है कि यदि पायलट को मुख्यमंत्री बनाया गया तो सरकार गिर सकती है.
गहलोत समर्थक निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा, "निर्णय विधायकों के अनुरूप होगा तो सरकार चलेगी. अगर विधायकों के अनुरूप भावना नहीं होगी तो सरकार चल सकती है क्या?"
संख्या बल में सचिन पायलट कहाँ हैं?
राज्य की राजनीति में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की गुटबाज़ी किसी से छिपी नहीं है.
अभी राज्य की कांग्रेस के अधिकतर विधायक गहलोत के समर्थन में दिख रहे हैं. जबकि, साल 2020 में सचिन पायलट के समर्थक रहे कई विधायक अब उनसे दूरी बना चुके हैं.
पिछले कुछ दिन में इस घमासान में सचिन पायलट के समर्थन में लगभग एक दर्जन विधायक ही उनके साथ दिखे. जबकि पायलट के विरोध में लगभग 80 विधायकों ने इस्तीफे सौंपे हैं.
रविवार देर रात अशोक गहलोत के समर्थन में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने 92 विधायक साथ होने का दावा किया था. इस दावे और विधानसभा अध्यक्ष को दिए गए इस्तीफों के हिसाब से संख्या बल गहलोत के पक्ष में दिखता है.
ऐसी स्थिति में पायलट के मुख्यमंत्री बनने को लेकर संशय बना हुआ है.
साल 2020 में अपने समर्थक विधायकों के साथ हरियाणा पहुँच जाने की बग़ावत भी सचिन पायलट के लिए अब मुख्यमंत्री की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बन गई है. उनके इस पुराने कदम को लेकर अब सबसे ज़्यादा विरोध हो रहा है.
राज्य के वरिष्ठ पत्रकार ओम सैनी पूरे घटनाक्रम पर कहते हैं, "राजस्थान की राजनीति में अब सचिन पायलट का सर्वाइव करना मुश्किल लग रहा है. कांग्रेस में रह कर तो अब उनके लिए सीएम बनना बिल्कुल संभव नहीं लग रहा. अब कांग्रेस से बाहर ही उनका राजनीतिक जीवन बन पाएगा."
वो आगे कहते हैं, "कांग्रेस ने सचिन पायलट को बच्चे की तरह एडॉप्ट किया था. हालांकि, पायलट कुछ ख़ास समीकरण बैठा नहीं सके. जिस तरह बीते दिन अशोक गहलोत के समर्थन में विधायकों ने आलाकमान के भेजे ऑब्ज़र्वर के सामने तीन मांगें रखी हैं, उससे कॉम्प्रोमाइज़ करने पर राज्य में कांग्रेस डगमगा जाएगी."
गहलोत समर्थक विधायकों की पहली मांग है कि विधायक दल की बैठक अब 19 अक्तूबर के बाद होगी. दूसरी मांग है कि जब तक अध्यक्ष का फैसला नहीं हो जाता, तब तक कोई भी प्रस्ताव पारित नहीं होगा, और तीसरी मांग है कि सरकार बचाने में समर्थन देने वाले 102 विधायकों में से ही अगला सीएम होना चाहिए.
मगर गांधी परिवार से अशोक गहलोत की नज़दीकी भी किसी से छिपी नहीं है.
इधर ये भी तय है कि बिना गांधी परिवार की रज़ामंदी के कांग्रेस का अध्यक्ष पद उन्हें नहीं मिल सकता.
राज्य में सियासी उठा-पटक के बीचे दिल्ली से भेजे गए अजय माकन और खड़गे के वापस दिल्ली आने की चर्चा है. विधायकों ने जिस तरह से दिल्ली से आए पार्टी प्रतिनिधियों से मिलने से मना कर दिया, उससे बहुत मुमकिन है कि दिल्ली में आलाकमान भी नाराज़ हो.
ऐसे में कांग्रेस के अध्यक्ष पद की रेस में अशोक गहलोत बने रहेंगे या राजस्थान के सीएम चेहरे की तलाश नए सिरे से शुरू होगी - ये देखना दिलचस्प होगा. (bbc.com/hindi)
4 माह की बेटी के साथ गई जेल
भिलाई नगर, 27 सितंबर। पति अक्सर शादी के बाद से पत्नी को काली होने और लड़कों की तरह दिखने का ताना दिया करता था जिससे तंग आकर रविवार की रात पत्नी ने टंगिया से पति का गला काट उसकी हत्या कर दी जबकि उनकी शादी को महज डेढ़ साल ही बीते थे।
पाटन ब्लाक के अमलेश्वर थानांतर्गत कापसी गांव में हुई इस घटना की आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है। उस पर अपने 40 वर्षीय पति अनंत सोनवानी की हत्या का आरोप है।
मिली जानकारी के अनुसार आरोपी संगीता को उसकी चार महीने की बेटी के साथ जेल भेज दिया गया है। रविवार की रात संगीता ने अपने पति की टंगिया मारकर हत्या कर दी थी। घटना का पता चलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला से सख्ती से पूछताछ की तो इस मामले का खुलासा हुआ। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उससे करीब डेढ़ साल पहले अनंत ने शादी की थी। शादी करने के बाद से आरोपी उससे मारपीट करने लगा था। उसका रंग काला होने और लड़के जैसा दिखने का ताना मारता था। यह घटना रविवार रात 12 से सुबह 6 बजे के बीच की है। इसी दौरान महिला ने अपने पति की हत्या की थी। इसके पहले अनंत के घर आने के पहले संगीता और सौतेले बेटे हर्ष के बीच मोबाइल पर गेम खेलने और फिल्म देखने को लेकर विवाद हो रहा था। इसके बाद पति-पत्नी में विवाद हुआ फिर महिला ने घटना को अंजाम दिया।
एसडीओपी पाटन देवांश सिंह राठौर ने बताया कि अनंत सोनवानी की पहली पत्नी की करीब दो साल पहले मौत हो गई थी। इसके बाद उसने डेढ़ साल पहले संगीता से दूसरी शादी की। संगीता पहले से शादीशुदा थी। अनंत ने उसे बेहतर जिंदगी और खुश रखने का झांसा देकर अपने साथ रख लिया था। अनंत की पहली पत्नी से 4 साल का बेटा हर्ष है जबकि संगीता से शादी करने के बाद दोनों की चार माह की बेटी भी है। घटना की जानकारी होने पर जब पुलिस पहुंची तब संगीता ने पुलिस को बताया कि रविवार को खाना खाने के बाद वह अपनी बेटी के साथ सो गई थी। जब सुबह उठी तो पति की लाश कमरे में पड़ी मिली। पुलिस को घटना के बाद से ही संगीता के बार बार बयान बदलने से उस पर शंका थी। उससे सख्ती से पूछताछ करने पर हत्या का यह मामला सुलझ गया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 सितंबर। राज्य में आज रात 09.00 बजे तक 82 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें सबसे अधिक 15 रायपुर जिले से हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के इन आंकड़ों के मुताबिक आज रात तक किसी भी जिले में 20 से अधिक कोरोना पॉजिटिव नहीं मिले हैं। आज 7 जिलों में एक भी पॉजिटिव नहीं मिले हैं।
आज एक मौत हुई है।
राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दुर्ग 8, राजनांदगांव 7, बालोद 5 बेमेतरा 10, कबीरधाम 1, रायपुर 15, धमतरी 1, बलौदाबाजार 2, महासमुंद 5, गरियाबंद 2, बिलासपुर 2, रायगढ़ 4, कोरबा 1, जांजगीर-चांपा 2, मुंगेली 0, जीपीएम 0, सरगुजा 4, कोरिया 3, सूरजपुर 0, बलरामपुर 3, जशपुर 3, बस्तर 2, कोंडागांव 1, दंतेवाड़ा 0, सुकमा 0, कांकेर 1, नारायणपुर 0, बीजापुर 0, अन्य राज्य 0 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।