मनोरंजन
मुंबई, 21 जुलाई (न्यूज 18)। मशहूर लेखक चेतन भगत हाल ही में तब सुर्खियों में छाए थे, जब उन्होंने एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बॉलीवुड में नेपोटिज्म के मुद्दे पर अपनी राय रखी। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले चेतन ने हाल ही में सुशांत की आखिरी फिल्म दिल बेचारा को लेकर ट्वीट कर समीक्षकों को चेतावनी दी है। चेतन भगत का फिल्म समीक्षकों को लेकर किया गया ये ट्वीट खूब सुर्खियां बटोर रहा है। चेतन के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स भी जमकर कमेंट कर रहे हैं।
चेतन भगत ने एक के बाद एक कई ट्वीट्स किए हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में समीक्षकों से फिल्म दिल बेचारा के बारे में समझदारी से लिखने की सलाह दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि कुछ भी ओवर स्मार्ट बनकर न लिखें। कुछ भी बेकार चीज न लिखें। निष्पक्ष और समझदार बनें।
ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा- सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म इस हफ्ते रिलीज होगी। मैं सभी स्नोब और अभिजात्य समीक्षकों से अब कहना चाहूंगा कि समझदारी से लिखें। ओवर स्मार्ट बनकर काम न करें। बेकार चीजें न लिखें। निष्पक्ष और समझदार बनें। बेकार तरीकों का इस्तेमाल न करें। आपने वैसे ही कई जिंदगियां बर्बाद कर दी हैं। अब रुकिए। हम लोग देख रहे हैं।
उन्होंने फिर ट्वीट किया और अपना दूसरे ट्वीट करते हुए लिखा- इन समीक्षकों को किराए पर लेने वाले मीडिया संगठनों के लिए, अभिजात्य लोगों को काम पर रखना बहुत ही भयानक रणनीति है, जिन्हें भारत समझ नहीं आता और उन्हें लगता है कि वह भारतीय से ज्यादा अच्छे हैं। अंदर से कुछ और, बाहर से कुछ और लोग यह जरूर सुनिश्चित करेंगे कि आपका संस्थान दिवालिया हो जाए। कई लोगों का पहले हो भी चुका है।
उन्होंने फिर ट्वीट किया और लिखा-भारतीयों को अच्छी अंग्रेजी बोलने वाले लोगों से सत्यापन पसंद है। यह परम प्रशंसा है। यहीं से कुछ आलोचकों ने प्रोफाइल बनाई। वे अच्छी अंग्रेजी बोलते थे लेकिन बुरे लोग थे, सत्यापन के लिए उन्हें देखना बंद करो। ये वो भूरे लोग हैं, जो भारतीयों से नफरत करते हैं।
अपने अगले ट्वीट में चेतन ने कहा-मां कसम, मजा आ गया आपकी मस्त पिक्चर देखकर। मैं आपकी इस जबरदस्त फिल्म देखने के लिए उत्साहित था। यूं तो दोनों लाइनों का अर्थ एक जैसा है। लेकिन अधिकांश भारतीय, यहां तक कि बड़े सितारे भी दूसरी लाइन ही सुनना चाहते हैं। इसलिए कुछ आलोचक ज्यादा महत्वपूर्ण बन गए हैं। इस पर विराम लगाओ।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा-प्रिय सितारों, आप करोड़ों लोगों में से 10 या 100 लोगों को बनाते हैं। इस देश में अरबों लोग आपसे प्यार करते हैं। क्या यह काफी नहीं है? क्या आपको वास्तव में फोनी, अंग्रेजी बोलने वाले दुष्ट आलोचकों से मान्यता की जरूरत है, जिन्होंने एक उभरते सितारे को मानसिक तनाव देकर मरने पर मजबूर कर दिया? कृपया, ऐसे लोगों को संरक्षण देना बंद करें।
आपको बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत और संजना सांघी की फिल्म दिल बेचारा इसी महीने 24 तारीख को रिलीज होने जा रही है। इस फिल्म का फैंस को भी बेसब्री से इंतजार है।
जन्मदिवस 22 जुलाई
मुंबई, 21 जुलाई (वार्ता)। दर्द भरे नगमों के बेताज बादशाह मुकेश के गाये गीतों में न सिर्फ संवेदनशीलता दिखाई देती है बल्कि निजी जिंदगी में भी वह बेहद संवेदनशील इंसान थे जो दूसरों के दुख-दर्द को अपना समझकर उसे दूर करने का प्रयास करते थे।
एक बार एक लड़की बीमार हो गई। लड़की ने अपनी मां से ख्वाहिश जाहिर कि यदि मुकेश उन्हें कोई गाना गाकर सुनाएं तो वह ठीक हो सकती है। मां ने जवाब दिया कि मुकेश बहुत बड़े गायक हैं, भला उनके पास तुम्हारे लिए कहां समय है। यदि वह आते भी हैं तो इसके लिए काफी रुपये लेंगे। तब उसके डॉक्टर ने मुकेश को उस लड़की की बीमारी के बारे में बताया।
मुकेश तुरंत लड़की से मिलने अस्पताल गए और उसके गाना गाकर सुनाया और इसके लिए उन्होंने कोई रुपया नहीं लिया। लड़की को खुश देखकर मुकेश ने कहा.. यह लड़की जितनी खुश है..उससे ज्यादा खुशी मुझे मिली है।..
मुकेश चंद माथुर का जन्म 22 जुलाई 1923 को दिल्ली में हुआ था । उनके पिता लाला जोरावर चंद माथुर एक इंजीनियर थे और वह चाहते थे कि मुकेश उनके नक्शे कदम पर चलें, लेकिन वह अपने जमाने के प्रसिद्ध गायक अभिनेता कुंदनलाल सहगल के प्रशंसक थे और उन्हीं की तरह गायक अभिनेता बनने का ख्वाब देखा करते थे।
मुकेश ने दसवीं तक पढ़ाई करने के बाद स्कूल छोड़ दिया और दिल्ली लोक निर्माण विभाग में सहायक सर्वेयर की नौकरी कर ली। जहां उन्होंने सात महीने तक काम किया। इसी दौरान अपनी बहन की शादी में गीत गाते समय उनके दूर के रिश्तेदार मशहूर अभिनेता मोतीलाल ने उनकी आवाज सुनी और प्रभावित होकर वह उन्हें 1940 में वह मुंबई ले आए और उन्हें अपने साथ रखकर पंडित जगन्नाथ प्रसाद से संगीत सिखाने का भी प्रबंध किया।
इसी दौरान मुकेश को एक हिन्दी फिल्म ..निर्दोष..1941. में अभिनेता बनने का मौका मिल गया जिसमें उन्होंने अभिनेता-गायक के रूप में संगीतकार अशोक घोष के निर्देशन में अपना पहला गीत..दिल ही बुझा हुआ हो तो..भी गाया। हालांकि, यह फिल्म टिकट खिड़की पर बुरी तरह से नकार दी गयी। इसके बाद मुकेश ने दुख-सुख, आदाब अर्ज जैसी कुछ और फिल्मों में भी काम किया लेकिन पहचान बनाने में कामयाब नहीं हो सके।
मोतीलाल प्रसिद्ध संगीतकार अनिल विश्वास के पास मुकेश को लेकर गये और उनसे अनुरोध किया कि वह अपनी फिल्म में मुकेश से कोई गीत गवाएं। वर्ष 1945 में प्रदर्शित फिल्म 'पहली नजर' में अनिल विश्वास के संगीत निर्देशन में .. दिल जलता है तो जलने दे..गीत के बाद मुकेश कुछ हद तक अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गये।
मुकेश ने इस गीत को सहगल की शैली में ही गाया था। सहगल ने जब यह गीत सुना तो उन्होंने कहा था..अजीब बात है ..मुझे याद नहीं आता कि मैंने कभी यह गीत गाया है। इसी गीत को सुनने के बाद सहगल ने मुकेश को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। सहगल की गायकी के अंदाज से प्रभावित रहने के कारण अपनी शुरूआती दौर की फिल्मों में मुकेश सहगल के अंदाज मे ही गीत गाया करते थे लेकिन वर्ष 1948 मे नौशाद के संगीत निर्देशन में फिल्म ..अंदाज.. के बाद मुकेश ने गायकी का अपना अलग अंदाज बनाया।
मुकेश के दिल में यह ख्वाहिश थी कि वह गायक के साथ साथ अभिनेता के रूप मे भी अपनी पहचान बनाये । बतौर अभिनेता वर्ष 1953 में प्रदर्शित माशूका और वर्ष 1956 में प्रदर्शित फिल्म अनुराग की विफलता के बाद उन्होने पुन: गाने की ओर ध्यान देना शुरू कर दिया ।
इसके बाद वर्ष 1958 मे प्रदर्शित फिल्म यहूदी के गाने ..ये मेरा दीवानापन है .. की कामयाबी के बाद मुकेश को एक बार फिर से बतौर गायक अपनी पहचान मिली। इसके बाद मुकेश ने एक से बढ़कर एक गीत गाकर श्रोताओ को भाव विभोर कर दिया।
मुकेश ने अपने तीन दशक के सिने कैरियर मे 200 से भी ज्यादा फिल्मों के लिये गीत गाये। गायक मुकेश को उनके गाये गीतो के लिये चार बार फिल्म फेयर के सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावे वर्ष 1974 मे प्रदर्शित ..रजनी गंधा .. के गाने ..कई बार यूही देखा.. के लिये मुकेश राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये।
राजकपूर की फिल्म ..सत्यम.शिवम.सुंदरम.. के गाने..चंचल निर्मल शीतल.. की रिकार्डिंग पूरी करने के बाद वह अमरीका में एक कंसर्ट में भाग लेने के लिए चले गए जहां 27 अगस्त 1976 को दिल का दौरा पडऩे से उनका निधन हो गया । उनके अनन्य मित्र राजकपूर को जब उनकी मौत की खबर मिली तो उनके मुंह से बरबस निकल गया.. मुकेश के जाने से मेरी आवाज और आत्मा..दोनों चली गई।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस)। तेलुगू अभिनेत्री लक्ष्मी मांचू का कहना है कि मेडिटेशन ने उन्हें खुद को जानने में उनकी मदद की है और साथ ही अपने गुस्से व निराशाओं को भी अपनाना सिखाया है।
मेडिटेशन की तरफ वह किस तरह से आकर्षित हुईं?
इस पर लक्ष्मी ने बताया, यह एकाएक हुआ। मेडिटेशन से पहले भी आत्म-खोज के बारे में मेरा झुकाव था जैसे कि मैं यहां क्यों हूं, मैं कौन हूं? मैं क्यों पैदा हुई हूं? यह जिंदगी क्या है? अपने शुरूआती दिनों में मेरे ऐसे ही कई सवाल थे और फिर मैं शायद नौवीं कक्षा में थी जब मुझे क्वॉन्टम फिजिक्स या आत्म-खोज के बारे में अपना पहला पाठ्यक्रम मिला। जब मैं 18 साल की थी, उस वक्त मैंने अपना पहला रियल मेडिटेशन कोर्स किया। मैं इससे जुड़ गई क्योंकि यह आपको अपने भीतर समाए हर उस चीज के बारे में बताता है जिसे जानना जरूरी है।
इससे उन्हें क्या मदद मिली? इस पर लक्ष्मी कहती हैं, इसने खुद को समझने में मेरी मदद की, अपने गुस्से, अपनी निराशाओं, उतार-चढ़ावों को अपनाना सिखाया, इनके बारे में जागरूक रहना सिखाया और इसके साथ ही जिंदगी से तालमेल रखना भी सिखाया जिसमें अकसर कई मोड़ आते रहते हैं।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस)। अभिनेत्री विद्या बालन अपनी आगामी फिल्म ‘शकुंतला देवी’ में उनकी जिंदगी के विभिन्न चरणों को प्रदर्शित करते हुए पांच अलग-अलग लुक में नजर आएंगी। विद्या के इन अलग-अलग लुक्स के पीछे श्रेयस म्हात्रे, शलाका भोंसले और निहारिका भसीन जैसे लोग हैं, जिन्हें किरदार को उसके वास्तविक अंदाज में पेश करने के लिए काफी रिसर्च करना पड़ा।
मेकअप का जिम्मा संभालने वाले म्हात्रे ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने शकुंतला देवी की तस्वीरें देखी और उसे विद्या के साथ मैच कराने की कोशिश की।
उन्होंने कहा, ‘मुझे फिल्म में शकुंतला देवी की उम्र के आधार पर अलग-अलग लुक तैयार करने थे। मैंने शकुंतला देवी पर रिसर्च किया, उनकी तस्वीरों को देखा और विद्या के लुक को उनके चेहरे से मिलाने की कोशिश की। विद्या और निर्देशक के साथ काफी विचार-विमर्श के बाद, मैंने ये पांच लुक फाइनल किए।
फिल्म में शुकंतला देवी के किरदार में विद्या लंबे बालों से लेकर बॉब कट में नजर आईं।
शलाका भोंसले ने आईएएनएस को बताया कि फिल्म में 1940 के दशक से साल 2000 के दशक के बीच शकुंतला देवी की जिंदगी के तमाम अलग-अलग दौर को शामिल किया है।
इस पर शलाका कहती हैं, ‘शकुंतला देवी की तस्वीरों को देखने के साथ ही हमने उस दौर के बारे में कई रिसर्च किए। (निर्देशक) अनु मेनन ने हमें बताया कि अपनी जिंदगी के विभिन्न चरणों में शकुंतला देवी ने हेयरस्टाइल में कई बदलाव किए थे और हम भी उस हिसाब से काम करते गए। फिल्म में हमने लंबे से लेकर छोटे बाल दिखाए हैं। हमने यूट्यूब पर शकुंतला देवी के कई ओरिजिनल वीडियोज देखे और लुक को अंतिम रूप देने से पहले इनसे कई रेफरेंस लिए।’
स्टाइलिंग का काम करने वाली निहारिका भसीन कहती हैं, ‘आमतौर पर हम साथ में बैठकर हेयर, मेकअप, वॉर्डरोब डिसाइड करते हैं, तो एक किरदार के लुक को तैयार करने में ये सारी चीजें साथ आती हैं। हमने शकुंतला देवी की जिंदगी के बारे में जाना, उन पर कई रिसर्च किए और यह ढूंढ़ निकाला कि उन दशकों के दौरान स्टाइल और फैशन के कौन से पहलू प्रचलन में थे। किरदार को रीक्रिएट करने में हमने इन्हें शामिल किया।’
अनु मेनन द्वारा निर्देशित फिल्म में सान्या मल्होत्रा, अमित साध और यीशु सेनगुप्ता जैसे कलाकार भी हैं। फिल्म को 31 जुलाई एमेजॉन प्राइम वीडियो पर प्रसारित किया जाएगा।
मुंबई, 21 जुलाई (आईएएनएस)। अभिनेत्री वाणी कपूर इस बात को लेकर काफी आनंदित हैं कि उन्हें ऋतिक रोशन, रणबीर कपूर और अक्षय कुमार के साथ काम करने का अवसर मिला है। वह कहती है कि यह एक सपना सच होने जैसा है।
ऋतिक के साथ वाणी ने ‘वार’ में काम किया था, जबकि वह रणबीर के साथ ‘शमशेरा’ में दिखाई देंगी और उनकी आगामी फिल्म ‘बेल बॉटम’ में उनके विपरीत अक्षय कुमार हैं।
इस पर वाणी ने कहा, ‘मैं पूरी तरह से खुश हूं और मैं इससे ज्यादा खुद को भाग्यशाली नहीं मान सकती कि मुझे उद्योग में ऐसे दिग्गजों के साथ काम करने का मौका मिला। मैंने हमेशा ऋतिक, रणबीर और अक्षय कुमार को अपना आदर्श माना है। मुझे उनकी फिल्में पसंद हैं इसलिए यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है।’
वाणी ने आगे कहा, ‘ऋतिक असाधारण रूप से प्रतिभाशाली है और वह जिस चीज में भी शामिल होते हैं उसमें पूरी जुनून के साथ पूरी तरह से रम जाते हैं और उनका यही जुनून उनके आसपास के लोगों को प्रेरित करता है। रणबीर अपने शालीनता और अपने शांत स्वभाव में सहज हैं और उनका करिश्माई अभिनय स्क्रीन पर स्पष्ट नजर आता है। वहीं अक्षय निश्चित रूप से एक आदर्श की मूर्ति हैं जो आज उद्योग में सर्वश्रेष्ठ में से एक हैं और उनके योगदान और स्टार की उपस्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।‘’
साउथ इंडियन एक्ट्रेस ऐश्वर्या अर्जुन कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। उन्होंने इंस्टा स्टोरी पर अपने कोविड 19 पॉजिटिव होने की जानकारी दी है। फैंस एक्ट्रेस के जल्द ठीक होने की दुआ कर रहे हैं। ऐश्वर्या ने पोस्ट में लिखा- हाल ही में मेरा कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। मैं घर पर क्वारनटीन में हूं। मेडिकल टीम द्वारा दी गई सभी जरूरी बातों का मैं पालन कर रही हूं। अगर कोई भी पिछले दिनों मेरे संपर्क में आया हो तो प्लीज अपना ध्यान रखें। सुरक्षित रहें और मास्क जरूर पहनें। अपनी अच्छी सेहत के साथ मैं दोबारा आपसे कॉन्टैक्ट करूंगी।
ऐश्वर्या जाने माने दिग्गज तमिल, तेलुगू और कन्नड़ एक्टर-फिल्ममेकर अर्जुन सरजा की बेटी हैं। उन्हें फैंस एक्शन किंग भी कहते हैं। सोशल मीडिया पर फैंस ऐश्वर्या के जल्द ठीक होने के मैसेज कर रहे हैं। उनकी अच्छी सेहत और सलामती की प्रार्थना कर रहे हैं। ऐश्वर्या से पहले अर्जुन सरजा के भतीजे धु्रव सरजा और उनकी पत्नी को कोरोना हुआ था। ऐश्वर्या दिवंगत एक्टर चिरंजीवी सरजा की कजिन है। मालूम हो, चिरंजीवी सरजा का 7 जून को दिल का दौरा पडऩे की वजह से निधन हुआ था। (आजतक)
भुवनेश्वर, 21 जुलाई (आईएएनएस)| वरिष्ठ ओड़िया फिल्म अभिनेता एवं निर्देशक विजय मोहंती का यहां के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 70 वर्ष के थे। मोहंती के पार्थिव शरीर की अंत्येष्टि मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि सोमवार की शाम अभिनेता की तबीयत बिगड़ गई। गंभीर में उन्हें भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी सांसें हमेशा के लिए थम गईं।
अभिनेता को 14 जून को विशेष एंबुलेंस से हैदराबाद से ओडिशा लाया गया था। इससे पहले, दिल का दौरा पड़ने के बाद वह हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे।
विजय मोहंती राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के छात्र रह चुके हैं। उन्होंने 1977 में ओड़िया फिल्म इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत की थी। वह अब तक 150 फिल्मों में काम कर चुके हैं। उन्हें साल 2014 में जयदेव पुरस्कार और कला व साहित्य में उतकृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था।
मुंबई, 20 जुलाई (आईएएनएस)| सलमान खान खेत में ट्रैक्टर चलाते नजर आए हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो में इस बारे में अपना अनुभव साझा किया है। लॉकडाउन के दौरान अपने पनवेल स्थित फार्महाउस पहुंचे सलमान खान वीडियो में ट्रैक्टर पर बैठकर जमीन की जुताई करते हुए देखे जा सकते हैं।
वीडियो के कैप्शन में उन्होंने लिखा, 'खेती।' वहीं क्लिप में वह गुलाबी टी-शर्ट पहने दिखाई दे रहे हैं।
उनके इस वीडियो पर प्रशंसकों के कई कमेंट आए।
एक यूजर ने लिखा, "आप महान हो।"
अन्य ने लिखा, "प्रेरणा, किसान सल्लू।"
कुछ दिन पहले सलमान ने सभी किसानों का सम्मान करते हुए खेत से अपनी एक तस्वीर पोस्ट की थी।
मुंबई, 20 जुलाई। अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जोनास ने अपने जीवन की सबसे बड़ी खुशी पॉप स्टार पति निक जोनास के लिए इंस्टाग्राम पर एक मजेदार संदेश लिखा है। अभिनेत्री ने निक का शुक्रिया अदा किया कि वह हमेशा उन्हें सोचते रहते हैं। अभिनेत्री ने खुद को दुनिया की 'सबसे भाग्यशाली लड़की' कहा। संदेश के साथ ही प्रियंका ने निक के साथ की अपने जन्मदिन के जश्न की तस्वीर साझा की। तस्वीर में प्रियंका और निक एक दर्पण के सामने किस कर रहे हैं ।
तस्वीर के साथ प्रियंका ने लिखा, "मेरे जीवन की सबसे बड़ी खुशी के लिए। 2 साल पहले इस दिन आपने मुझसे शादी करने के लिए कहा था! मैं तब अवाक रह गई थी, लेकिन मैं तब से हर रोज हां कहती हूं। सबसे असाधारण समय में आपने इस सप्ताहांत को इतने बेहतरीन तरीके से यादगार बना दिया।"
इस तस्वीर पर अब तक 16 लाख लाइक्स मिल चुके हैं।
उन्होंने आगे लिखा, "मुझे हर वक्त सोचने के लिए शुक्रिया। मैं दुनिया की सबसे खुशनसीब लड़की हूं। मैं आपसे बेहद प्यार करती हूं।"
निक और प्रियंका ने साल 2018 के दिसंबर में भारत में शादी की थी। उन्होंने बाद में दोस्तों और परिवार के लिए कई रिसेप्शन आयोजित किए। (ians)
बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री ग्रेसी सिंह आज 40 वर्ष की हो गयी । ग्रेसी सिंह का जन्म 20 जुलाई 1980 को नई दिल्ली में हुआ था। ग्रेसी के माता-पिता चाहते थे कि वह इंजीनियर बनें लेकिन वह क्लासिकल डांसर बनना चाहती थीं। ग्रेसी को वर्ष 1997 में टीवी सीरियल 'अमानत' में काम करने का अवसर मिला। इसके बाद ग्रेसी सिंह ने हू तू तू, हम आपके दिल में रहते है जैसी कुछ फिल्मों में छोटी भूमिका निभायी।
वर्ष 2001 में प्रदर्शित फिल्म 'लगान' ग्रेसी सिंह के करियर की सुपरहिट फिल्म साबित हुयी। फिल्म में ग्रेसी सिंह ने आमिर खान के अपोजिट काम किय । फिल्म की सफलता के बाद ग्रेसी ने अजय देवगन के साथ 'गंगाजल' और संजय दत्त के साथ 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया।
ग्रेसी सिंह ने हिंदी फिल्मों के अलावा तेलुगु, पंजाबी, गुजराती, मलयालम, कन्नड़, मराठी जैसी कई भाषाओं की फिल्मों में काम किया, लेकिन सफलता हासिल नही कर सकी। इसके बाद ग्रेसी ने टीवी सीरियल'संतोषी मां'शो में मुख्य किरदार निभाया जिसे लोगों ने बेहद पसंद किया। ग्रेसी सिंह इन दिनों बॉलीवुड में सक्रिय नही है। (वार्ता)
मुंबई, 19 जुलाई (आईएएनएस)। बॉलीवुड अभिनेत्री बिपाशा बसु का कहना है कि वह लाइव ऑडियंस के सामने परफॉर्म करने की एनर्जी और उल्लास को मिस कर रही हैं। बिपाशा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी एक पुरानी तस्वीर साझा की हैं, जिसमें उन्हें मंच पर परफॉर्म करते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि उन्हें अब ऐसा दोबारा जल्द ही होने का इंतजार नहीं हो रहा है।
वह तस्वीर के साथ लिखती हैं, लाइव ऑडियंस के सामने परफॉर्म करने की एनर्जी और उल्लास को मिस कर रही हूं..जल्द ही ऐसा दोबारा होने का अब और इंतजार नहीं हो रहा है। यह तस्वीर आईफा अवॉर्डस में मेरे सबसे यादगार प्रस्तुतियों में से एक है। दम मारो दम पर डांस कर रही थी। हैशटैगथ्रोबैक।
अभिनय की बात करें, तो आने वाले समय में बिपाशा और उनके पति करण सिंह ग्रोवर अगली फिल्म, आदत, में साथ काम करते नजर आएंगे।
नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। अभिनेत्री श्रुति बापना ने वेब सीरीज ‘ब्रीद: इनटू द शैडो’ में एक समलैंगिक का किरदार निभाया है। उनका कहना है कि जब उन्होंने यह भूमिका निभाई थी तो इसे लेकर वह आशंकित नहीं थीं। यह पहली बार था जब श्रुति ने समलैंगिक का रोल निभाया। इतना ही नहीं उन्होंने इस थ्रिलर सीरीज में अभिनेत्री निथ्या मेनन के साथ लिपलॉक सीन भी दिया।
श्रुति ने आईएएनएस को बताया, जब मुझे यह रोल मिला, तो मैंने इन अंतरंग ²श्यों के बारे में ज्यादा नहीं सोचा। हां, एक अभिनेत्री के रूप में यह आसान नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अंतरंग समलैंगिक ²श्य करने के बारे में आशंकित थीं, तो उन्होंने इससे इंकार किया।
उन्होंने बताया, मैंने अपने किरादार नताशा को एक समलैंगिक महिला के रूप में समझने और खोजने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की थी। उस महिला की सेक्सुअल आइडेंटिटी जानने-महसूस करने के लिए यह मेरे लिए यह मनोविज्ञान में गोता लगाने के लिए दिलचस्प था।
वह कहती है कि उसे पता था कि इस ²श्य को सही माना जाएगा और यह सही इरादे के साथ किया गया था।
उनके इस प्रदर्शन पर परिवार ने क्या प्रतिक्रिया दी है? इस पर उन्होंने कहा, वे सभी बहुत खुश और गर्व महसूस कर रहे हैं। वे भी खुश हैं कि मुझे स्क्रीन में जगह मिली।
इस सीरीज में अभिषेक बच्चन और अमित साध ने अहम भूमिका निभाई है।
मुंबई, 20 जुलाई (आईएएनएस)। बॉलीवुड अभिनेत्री कल्कि कोचलिन अपने नए सोशल मीडिया पोस्ट में अपनी कांख के बालों को फ्लॉन्ट करती नजर आईं। इंस्टाग्राम पर कल्कि ने अपनी एक तस्वीर साझा की हैं, जिसमें वह अपने बॉयफ्रेंड गाय हर्शबर्ग के बगल में लेटी हुई नजर आ रही हैं। तस्वीर में दोनों अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाए सोते नजर आ रहे हैं।
इसके कैप्शन में अभिनेत्री ने लिखा है, किसी ऐसे इंसान को ढूंढऩे का प्रयास करें जिनके साथ आप इस कोविड काल में बालों के साथ रह सकें।
कल्कि और उनक बॉयफ्रेंड गाय हर्शबर्ग ने हाल ही में अपने पहले बच्चे का स्वागत किया। इस साल फरवरी में इनके परिवार में शामिल हुईं बच्ची का नाम दंपत्ति ने सप्पो रखा है।
हाल ही में कल्कि तमिल में अपनी बेटी के लिए लोरी गाती हुई दिखीं।
अभिनय की बात करें, तो आखिरी बार वह रणवीर सिंह और आलिया भट्ट अभिनीत फिल्म गली बॉय में नजर आई थीं, जिसे जोया अख्तर ने निर्देशित किया था। वह वेब सीरीज भ्रम में भी नजर आईं।
जन्मदिवस 20 जुलाई के अवसर पर....
मुंबई 19 जुलाई (वार्ता)। बॉलीवुड में नसीरूदीन शाह ऐसे सशक्त अभिनेता के तौर पर शुमार किये जाते हैं जिन्होंने अपने दमदार अभिनय से समानांतर सिनेमा के साथ-साथ व्यावसायिक सिनेमा में भी दर्शको के बीच अपनी खास पहचान बनायी ।
20 जुलाई 1950 को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जन्में नसीरूद्दीन शाह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर और नैनीताल से पूरी की ।इसके बाद उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पूरी की ।वर्ष 1971 में अभिनेता बनने का सपना लिये उन्होंने दिल्ली नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा स्कूल में दाखिला ले लिया।वर्ष 1975 में नसीरउद्दीन साह की मुलाकात जाने माने निर्माता-निर्देशक श्याम बेनेगल से हुयी ।श्याम बेनेगल उन दिनो अपनी फिल्म ..निशांत. .बनाने की तैयारी में थे ।श्याम बेनेगल ने नसीरूद्दीन शाह में एक उभरता हुआ सितारा दिखाई दिया और अपनी फिल्म में काम करने का अवसर दे दिया ।
वर्ष 1976 नसीरूद्दीन शाह के सिने कैरियर में अहम पड़ाव साबित हुआ। इस वर्ष उनकी भूमिका और मंथन जैसी सफल फिल्म प्रदर्शित हुयी । दुग्ध क्रांति पर बनी फिल्म ..मंथन ..में नसीरूद्दीन शाह के अभिनय ने नये रंग दर्शको को देखने को मिले ।इस फिल्म के निर्माण के लिये गुजरात के लगभग पांच लाख किसानों ने अपनी प्रति दिन की मिलने वाली मजदूरी में से ..दो-दो.. रूपये फिल्म निर्माताओं को दिये और बाद में जब यह फिल्म प्रदर्शित हुयी तो यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुयी।
वर्ष 1977 में अपने मित्र बैंजमिन गिलानी और टॉम आल्टर के साथ मिलकर नसीरूद्दीन शाह ने मोटेले प्रोडक्शन नामक एक थियेटर ग्रुप की स्थापना की जिसके बैनर तले सैमुयल बैकेट के निर्देशन में पहला नाटक ..वेटिंग फॉर गोडोट ..पृथ्वी थियेटर में दर्शको के बीच दिखाया गया। वर्ष 1979 में प्रदर्शित फिल्म ..स्पर्श. मे नसीरूद्दीन शाह के अभिनय का नया आयाम दर्शकों को देखने को मिला। इस फिल्म में अंधे व्यक्ति की भूमिका निभाना किसी भी अभिनेता के लिये बहुत बड़ी चुनौती थी ।चेहरे के भाव से दर्शको को सब कुछ बता देना नसीरूद्दीन शाह की अभिनय प्रतिभा का ऐसा उदाहरण था जिसे शायद ही कोई अभिनेता दोहरा पाये । इस फिल्म में उनके लाजवाब अभिनय के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया ।
वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म ..आक्रोश ..नसीरूद्दीन शाह के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में एक है ।गोविन्द निहलानी निर्देशित इस फिल्म में नसीरूद्दीन शाह एक ऐसे वकील के किरदार में दिखाई दिये जो समाज और राजनीति की परवाह किये बिना एक ऐसे बेकसूर व्यक्ति को फांसी के फंदे से बचाना चाहता है। हालांकि इसके लिये उसे काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है ।वर्ष 1983 में नसीरूद्दीन शाह को सई परांजपे की फिल्म ..कथा..में काम करने का अवसर मिला ।फिल्म की कहानी मे कछुए और खरगोश के बीच दौड की लड़ाई को आधुनिक तरीके से दिखाया गया था।
वर्ष 1983 में नसीर के सिने कैरियर की एक और सुपरहिट फिल्म..जाने भी दो यारो ..प्रदर्शित हुयी। कुंदन शाह निर्देशित इस फिल्म में नसीरूद्दीन शाह के अभिनय का नया रंग देखने को मिला ।इस फिल्म से पहले उनके बारे में यह धारणा थी कि वह केवल संजीदा भूमिकाएं निभाने में ही सक्षम है लेकिन इस फिल्म उन्होंने अपने जबरदस्त हास्य अभिनय से दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया। वर्ष 1985 में नसीरूद्दीन शाह के सिने करियर की एक और महत्वपूर्ण फिल्म ..मिर्च मसाला ..प्रदर्शित हुयी । फिल्म मिर्च मसाला ने निर्देशक केतन मेहता को अंतराष्ट्रीय ख्याति दिलाई थी। यह फिल्म सामंतवादी व्यवस्था के बीच पिसती औरत की संघर्ष की कहानी बयां करती है।
अस्सी के दशक के आखिरी वर्षो में नसीरूद्दीन शाह ने व्यावसायिक सिनेमा की ओर भी अपना रूख कर लिया । इस दौरान उन्हें हीरो हीरा लाल,मालामाल,जलवा और त्रिदेव जैसी फिल्मों में काम करने का अवसर मिला जिसकी सफलता के बाद नसीरूद्दीन शाह को व्यावसायिक सिनेमा में भी स्थापित कर दिया। नब्बे के दशक में नसीर ने दर्शको की पसंद को देखते हुये छोटे पर्दे का भी रूख किया और वर्ष 1988 में गुलजार निर्देशित धारावाहिक मिर्जा गालिब में अभिनय किया। इसके अलावा वर्ष 1989 में भारत एक खोज धारावाहिक में उन्होंने मराठा राजा शिवाजी की भूमिका को जीवंत कर दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया।
अभिनय में एकरूपता से बचने और स्वयं को चरित्र अभिनेता के रूप मे भी स्थापित करने के लिये नब्बे के दशक में उन्होंने स्वयं को विभिन्न भूमिकाओं में पेश किया। इस क्रम में 1994 में प्रदर्शित फिल्म .मोहरा .में वह खल चरित्र निभाने से भी नहीं हिचके। इस फिल्म में भी उन्होंने दर्शकों का मन मोहे रखा। इसके बाद उन्होंने टक्कर,हिम्मत ,चाहत ,राजकुमार ,सरफरोश और कृष जैसी फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाकर दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया ।
नसीरूद्दीन शाह के सिने करियर में उनकी जोड़ी स्मिता पाटिल के साथ काफी पसंद की गयी ।नसीरूद्दीन शाह अबतक तीन बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये जा चुके है।इन सबके साथ ही नसीरूद्दीन शाह तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये है। फिल्म के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान को देखते हुये वह भारत सरकार की ओर से पदमश्री और पदमभूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किये जा चुके है। नसीरूद्दीन शाह ने तीन दशक लंबे सिने करियर में 200 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है ।नसीरउद्दीन साह आज भी उसी जोशोखरोश के साथ फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय है।
बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस कंगना रनौत दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद से ही बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर खुलकर अपनी बात रखती नजर आ रही हैं। उन्होंने एक बार फिर से फिल्म मेकर करण जौहर पर निशाना साधा है। कंगना ने कहा कि करण ने कहा था कि मेरी जैसी लड़की को तो इंडस्ट्री से बाहर कर देना चाहिए।
कंगना ने एक न्यूज चैनेल को दिए अपने इंटरव्यू में कहा, करण जौहर ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में जाकर ये बयान दिया था कि कंगना रनौत जैसी लड़की को तो इंडस्ट्री से बाहर कर देना चाहिए। इस दौरान मेरे मन में जान देने का ख्याल कभी नहीं आया। मैं बस सिर मुंडवाकर कहीं गायब होना चाहती थी। लोग मुझसे किनारा करने लगे थे। मेरे रिश्तेदार मुझसे अपने बच्चों को मिलने से रोकते थे, क्योंकि उन लोगों को इज्जत खोने का डर था।
सुशांत मामले में कंगना ने दावा किया है कि अगर वो अपने आरोप साबित नहीं कर पाईं, तो सरकार द्वारा दी गई सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड पद्मश्री लौटा देंगी। कंगना रनौत ने कहा, मैं बता रही हूं कि अगर मैंने कुछ ऐसा कह दिया हो, जिसकी मैं गवाही नहीं दे सकती, जिसे मैं साबित नहीं कर सकती और जो जनता के हित में नहीं है, तो मैं अपना पद्मश्री लौटा दूंगी। ऐसे में फिर मैं इस सम्मान के लायक नहीं हूं। (जी न्यूज)
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के परिवार के 4 सदस्यों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इन दिनों अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन के साथ ऐश्वर्या राय और आराध्या भी मुंबई के नानावती अस्पताल में भर्ती हैं। इस खबर के बाद इंडस्ट्री के कई लोगों ने बच्चन परिवार के जल्द से जल्द ठीक होकर लौटने की दुआ की है। वहीं हाल ही में अमिताभ बच्चन के परिवार के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की खबर पर स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने भी अपनी प्रतिक्रिया है। लता मंगेशकर इस खबर से ना सिर्फ हैरान हैं बल्कि बेहद दुखी भी हैं।
लता मंगेशकर ने हाल ही में बच्चन परिवार के 4 सदस्यों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की खबर को लेकर बात की है। उन्होंने कहा है कि ये ऐसा लग रहा है जैसे चेहरे पर किसी ने थप्पड़ मार दिया हो। ये वायरस किसी को नहीं छोड़ रहा है। लता मंगेशकर को सबसे ज्यादा फिक्र आराध्या की हो रही है। उन्होंने कहा-आराध्या बहुत छोटी बच्ची है। उसे ऐसे कष्ट नहीं होना चाहिए। मैं पूरे परिवार के लिए दुआ मांगती हूं, खासकर आराध्या के लिए। मुझे यकीन है कि वो सभी जल्दी ठीक हो जाएंगे।
स्वर कोकिला ने सभी को सलाह दी है कि हमें इस वायरस से बचने के लिए घर पर ही रहना होगा। इससे पहले उन्होंने बच्चन परिवार के लिए ट्वीट भी किया था। इस ट्वीट में लता मंगेशकर ने लिखा था- नमस्कार अभिषेक जी, आपके पिताजी, आप, ऐश्वर्या जी और आराध्या जल्दी स्वस्थ हो जाएं, ऐसी मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं।
जहां एक तरफ अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के तुरंत बाद ही अस्पताल में भर्ती हो गए थे। वहीं लक्षण हल्के होने के कारण ऐश्वर्या राय अपनी बेटी आराध्या के साथ घर पर ही क्वारंटाइन हो गई थीं लेकिन चार दिन बाद ऐश्वर्या की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद वो भी अस्पताल में शिफ्ट हो गई थीं। फिलहाल सभी सदस्यों की हालत स्थिर बनी हुई है। (न्यूज18)
बॉलीवुड ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद फिल्म इंडस्ट्री में भूचाल आ गया है। लगातार बॉलीवुड में खेमेबाजी और भाई-भतीजावाद पर बहस हो रही है। सुशांत के निधन के बाद सबसे पहले इस मुद्दे पर ऐक्ट्रेस कंगना रनौत सामने आई थीं और उन्होंने कहा था कि सुशांत बॉलीवुड में खेमेबाजी और नेपोटिजम का शिकार हुए हैं। कंगना ने अपने स्टेटमेंट में यहां तक कह दिया था कि सुशांत का निधन सूइसाइड नहीं बल्कि एक प्लांड मर्डर है।
इसके बाद से ही लगातार सुशांत की आत्महत्या की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की जा रही है। कंगना ने अपने बयान में फिल्म इंडस्ट्री के कुछ बड़े नामों पर आरोप लगाए थे। हालांकि इसके बाद भी सुशांत के केस में कंगना से कोई पूछताछ नहीं हुई है। हाल में एक टीवी चैनल से बात करते हुए कंगना ने कहा कि उन्हें सुशांत के मामले पर पूछताछ के लिए मुंबई पुलिस से समन मिला था लेकिन इस समय वह मनाली में हैं तो उन्होंने मुंबई जाने में असमर्थता जताई थी। कंगना ने यह भी कहा कि उन्होंने कहा था कि उनके बयान लेने के लिए किसी व्यक्ति को मुंबई से मनाली भेजा जा सकता है लेकिन उन्हें पुलिस की तरफ से इसका कोई जवाब नहीं मिला।
कंगना ने सुशांत के निधन के मामले में कई सिलेब्रिटीज पर खेमेबाजी किए जाने के आरोप लगाए थे। इसके बाद कंगना ने कहा है कि अगर वह अपनी कही बातों को साबित नहीं कर पाती हैं तो वह अपना पद्म श्री सम्मान वापस कर देंगी। कंगना ने कहा कि उन्होंने जो भी बातें कही हैं, वह पहले से पब्लिक डोमेन में मौजूद हैं और वह इन्हें साबित करने के लिए तैयार हैं। कंगना को इसी साल भारत सरकार ने पद्म श्री का सम्मान दिया था। (navbharattimes.indiatimes.com)
‘द हीरो - लव स्टोरी ऑफ अ स्पाय’ का शुरुआती आधा घंटा गुजरने के बाद जब क्रेडिट लाइन आना शुरू होती है तो सनी देओल, प्रिटी जिंटा के बाद बमुश्किल चार सेकंड के लिए स्क्रीन पर ‘इंट्रोड्यूसिंग - प्रियंका चोपड़ा’ लिखा नजर आता है. लेकिन इसके डेढ़ घंटे बाद तक प्रियंका चोपड़ा की कोई खैर-खबर नहीं मिलती.
करीब पौने दो घंटे की फिल्म गुजरने के बाद वह मौका आता है जब प्रियंका चोपड़ा पहली बार स्क्रीन पर नजर आती हैं, बिजनेस सूट और ब्लंट हेयरकट के साथ चश्मा लगाए डॉक्टर शाहीन के रूप में. डॉ शाहीन को देखते ही आपको एक पढ़ी-लिखी, समझदार औरत की झलक मिलती है और यह झलक प्रियंका चोपड़ा के व्यक्तित्व से मेल खाती है. शायद यह भूमिका उन्हें मिलने की वजह यही रही हो और फिर कुल मिलाकर शुरुआती दो-तीन दृश्यों से यह समझा सकता है कि वे इस किरदार के लिए एकदम सही चयन थीं. लेकिन यह फिल्म उनके लिए कितनी सही थी, इसकी बात कभी और करेंगे!
अनिल शर्मा के निर्देशन में बनी अति का हीरोइज्म दिखाने वाली यह तीन घंटे लंबी फिल्म देखना अपने आप में कोई बहुत अच्छा अनुभव नहीं कहा जा सकता. लेकिन यहां पर प्रियंका चोपड़ा अपनी छोटी सी भूमिका में जो करती हैं वह जरूर फिल्म को कुछ अच्छा दे देता है. शाहीन की यह भूमिका कोई और अभिनेत्री भी निभा सकती थी, लेकिन उस ग्रेसफुल अंदाज में नहीं जिस तरह प्रियंका चोपड़ा ने निभाई है. द हीरो की रिलीज से दो-ढाई साल पहले ही मिस वर्ल्ड-2000 बनने वाली प्रियंका चोपड़ा फिल्म में बेहद सेक्सी नजर आने के साथ-साथ अच्छे से जरा ही कम कहा जा सकने वाला अभिनय करती हैं. हालांकि उनका यह अभिनय इस बात का भरोसा नहीं दिला पाता कि आने वाले वक्त में वे ‘कमीने’ में मस्त-मराठी मुलगी या ‘बाजीराव’ में काशीबाई बनकर लोगों का दिल जीत लेने वाली हैं. फिर भी उनका स्टाइल इस बात का अंदाजा तो दे ही देता है कि भविष्य में वे ‘फैशन’ जैसी फिल्म के लिए भी सही चयन साबित होंगी.
अगर आप डॉ शाहीन में ‘बरफी’ की झिलमिल को ढूंढ़ना चाहें तो आपको मुश्किल हो सकती है लेकिन इस किरदार में ‘क्वांटिको’ की एलेक्स पेरिश बड़ी आसानी से मिल सकती है. विदेश में रहने वाली पाकिस्तानी लड़की बनकर प्रियंका चोपड़ा यहां गैर-भारतीय उच्चारण वाली अंग्रेजी बोलती हैं और हद-कॉन्फिडेंट नजर आती हैं. लेकिन इतने भर से तब यह कह पाना कि वे कल हॉलीवुड में भी नायिका की भूमिका कर सकती हैं, नामुमकिन था. हां, अब जब वे बॉलीवुड की हॉलीवुड पहुंचने वाली हसरतों को चेहरा बन चुकी हैं तो इस बात का एहसास होता है कि एक घोर-मसाला बॉलीवुड फिल्म में अति-क्लीशे किरदार से अपने करियर की शुरुआत करने वाली यह अभिनेत्री क्या थी.
द हीरो में अगर प्रियंका चोपड़ा की कमियों की बात करें तो सबसे बड़ी कमी उनकी संवाद अदायगी में दिखती है. अंग्रेजी में भी वे उच्चारण तो एकदम सही पकड़ती हैं लेकिन भाव और सहजता, अंग्रेजी-हिंदी दोनों तरह के संवादों में सध नहीं पातीं. इस कमी के बावजूद उनमें आत्मविश्वास कहीं से कम नहीं लगता और इस वजह से वे फिल्म में देखने लायक बनी रहती हैं. हालांकि यहां पर इसे पहली फिल्म में होने वाली आम गलती कहकर उनके प्रशंसकों को खुश किया जा सकता है और वैसे बाद की फिल्मों में ऐसा शायद ही कभी हुआ हो. इसके अलावा, द हीरो में उनका डॉन्स आपको बहुत बुरा लग सकता है. ‘इन मस्त निगाहों से’ में उन्हें नाचते हुए देखकर लगता है जैसे कोई सेक्सी ठूंठ थिरकने की कोशिश कर रहा है. हो सकता है कि इसमें उनकी कॉस्ट्यूम का दोष हो, लेकिन किसी बॉलीवुड अभिनेत्री के लिए बेहद जरूरी इस योग्यता में वे अपनी इस परफॉर्मेंस से जरा भी खरी नहीं उतरतीं. बाद में वे ‘पिंगा’ जैसी परफार्मेंस तक कैसे पहुंची, यह उनकी मेहनत और लगन का एक और नमूना माना जाना चाहिए.(satyagrah)
मुंबई (वार्ता) मनोरंजन की बढ़ती ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म जी 5 पर पसंदीदा कंटेंट ब्रांड ‘ज़िंदगी’ को फिर से पेश करने की घोषणा की है।
कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि ‘ज़िंदगी’ के कार्यक्रमों को दर्शकों द्वारा इसके यथार्थवादी आकर्षण, उत्कृष्ट चरित्र-चित्रण, अभिनय़-प्रदर्शन और दर्शकों के बीच उभरते पसंदीदा कंटेंट के चयन के ट्रेंड को संतुष्ट करने की क्षमता के लिए बहुत सराहा गया। वैश्विक उपभोक्ताओं की मांग की इस व्यापकता को पूरा करने के लिए ‘ज़िंदगी’ चैनल एक बार फिर लौटा है जो न सिर्फ समृद्ध मूल विषय-वस्तु का संग्रहालय होगा, बल्कि यह उन नए कार्यक्रमों को भी तैयार करेगा, जो मजबूत बहु-सांस्कृतिक कथानक के साथ विचारोत्तेजक भी होंगे।
जी 5 ग्लोबल और इंटरनेशनल ब्रॉडकास्ट बिजनेस ज़ी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित गोयनका ने कहा कि ज़ी की ताकत हमेशा से अनूठी कहानियों को बयां करने, दुनिया भर के अरबों दर्शकों को जोड़ने, और अलग-अलग तरह के कंटेंट को पेश करने की इसकी क्षमता में है। ‘ज़िंदगी’ को इसके प्रीमियम कंटेंट और दुनिया भर में सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कहानियों को देने के लिए हमेशा से सराहा गया है, जो डिजिटल दर्शकों की संवेदनाओं से काफी जुड़ा हुआ है।
इस वादे के साथ कि ‘ज़िंदगी मिल के जिंएंगे’, ब्रांड दर्शकों के साथ प्रतिध्वनित होने वाली बहु-सांस्कृतिक कहानियों को पेश करने की अपनी विरासत को जीने के लिए प्रतिबद्ध है। इस ब्रांड का दर्शन इस धारणा का प्रतिबिंब है कि कला देश, सरहद या धर्म से परे होती है।
मुंबई (वार्ता) सोशल नेटवर्किंग साईट इंस्टाग्राम पर बॉलीवुड अभिनेत्री श्रद्धा कपूर के प्रशंसकों की संख्या पांच करोड़ के जादुई आंकड़े को पार कर गयी है। श्रद्धा कपूर ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर पांच करोड़ फॉलोअर्स का आंकड़ा पार कर लिया है। श्रद्धा ने हिंदी, अंग्रेजी और मराठी, तीनों भाषाओं में एक हस्तलिखित नोट साझा कर अपने प्रशंसकों का शुक्रिया अदा किया है।
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श्रद्धा ने लिखा है, “मेरे सभी प्यारे जेम्स, फैन क्लब और शुभचिंतक, मैंने आपके बनाए हुए सारे वीडियो और पोस्ट देखे। आप सबके प्यार से मैं बहुत अभिभूत हूं। आज मैं जो कुछ भी हूं, आपकी बदौलत हूं। मैं आप सभी को ढेर सारा प्यार और खुशी और शांति की शुभकामना देती हूं। कृपया अपने आप का बहुत अच्छे से ख्याल रखें और एक दूसरे के साथ प्रेम भाव से रहें। शुक्रिया, शुक्रिया, शुक्रिया, 50 मिलियन पार” श्रद्धा ने अपनी इसी बात को मराठी और अंग्रेजी में भी दोहराया है।
-प्रेम सतीश
बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट्स का खौफ हर स्टूडेंट में होता है। हाल ही में सीबीएसई ने 10वीं के नतीजों को जारी किए। इन नतीजों ने कई बच्चों के चेहरे पर खुशियां ला दी तो कुछ ऐसे भी हैं, जो कम नंबर आने पर थोड़े से मायूस हैं। अब एक्टर आर माधवन ने बोर्ड एग्जाम में कम नंबर पाने वाले बच्चों के लिए एक स्पेशल मैसेज शेयर किया है। एक्टर ने अपने बोर्ड एग्जाम में मिले नंबर को बताकर बच्चों को नेक सलाह दी है।
एक्टर आर माधवन ने ट्विटर पर अपनी एक फनी तस्वीर के साथ बच्चों का हौसला बढ़ाते हुए लिखा- बोर्ड नतीजों में जिन बच्चों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया, उन्हें ढेर सारी बधाई। बाकी सभी को मैं बताना चाहता हूं कि मेरे बोर्ड में 58 प्रतिशत अंक आए थे। गेम तो अभी शुरू भी नहीं हुआ है दोस्तों।
माधवन की ये पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। लोग उनकी इस पोस्ट के लिए तारीफ कर रहे हैं। कई लोगों ने तो उनके ट्वीट को रीट्वीट भी किया है। आर माधवन ने जो मैसेज दिया वह सभी बच्चों को जरूर पढऩा और समझना चाहिए।
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाल आर माधवन अक्सर अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं को इंस्टाग्राम और ट्विटर पर पोस्ट करते हैं। कुछ समय पहले ऐसी खबरें आईं थी कि आर माधवन अपनी डेब्यू फिल्म रहना है तेरे दिल में का सीक्वल बनाने जा रहे हैं, लेकिन इन खबरों से उन्होंने इंकार कर दिया था। (न्यूज18)
सोनू सूद ने नेशनल लॉकडाउन के दौरान सैकड़ों प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचा कर जबरदस्त सुर्खियां बटोरी थीं। अभी भी लोग सोशल मीडिया पर सोनू सूद से मदद मांग रहे हैं और सोनू उनकी मदद करने से पीछे भी नहीं हट रहे हैं। सोनू के ट्विटर पर एक शख्स ने मदद मांगी है कि मेरे चाचू केरला में काम करने गए थे और अब उन्हें वापस आना है, चार आदमी हैं सर कृपया मदद करें, नहीं तो इस ईद में भी वो नहीं आ पाएंगे। इस शख्स के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए सोनू सूद ने एक बार फिर से दिल जीत लेने वाली बात लिख दी।
सोनू सूद ने इस शख्स को लिखा, चिंता मत कर मेरे भाई। ईद आप अपने चाचू के साथ ही मनाएंगे, उन्हें बोलना काफी ईदी लेते आएं। सोनू सूद इस तरह से सैकड़ों मजदूरों की लगातार मदद कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर उनके मैसेज का जवाब भी दे रहे हैं। बता दें सोनू सूद ने मुंबई में रहने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए एक अभियान शुरू किया था जिसके लिए उन्होंने टोल फ्री नंबर और व्हाट्सऐप नंबर भी जारी किया था जिस पर लोग बेहद आसानी से संपर्क कर सकते थे। सोनू सूद ने लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए खाना, बस और ट्रेन की व्यवस्था की थी।
सोनू सूद ने जिस तरह से इस चुनौतिपूर्ण समय में मजदूरों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया उस पर अब वो किताब लिखने जा रहे हैं जो कि इस साल के अंत तक पब्लिश भी हो जाएगी। सोनू सूद इस संकट घड़ी में सिर्फ मजदूरों के लिए ही नहीं मसीहा बनकर आए, बल्कि मुंबई में उन्होंने अपने होटल्स भी मेडिकल वर्कर्स की मदद के लिए दे दिए थे। सोनू ने लॉकडाउन में पिता शक्ति सागर के नाम से करीब 45 हजार लोगों को हर रोज खाना खिलाया था। सोनू के इस काम के लिए बॉलीवुड से लेकर उनके फैंस तक जमकर प्रशंसा कर रहे हैं, कुछ लोग तो सोनू के इस काम के लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग भी कर रहे हैं। (जी न्यूज)
मुंबई (वार्ता) बॉलीवुड अभिनेता बॉबी देओल वेबसीरीज फिल्म 'क्लास ऑफ 83’ में पुलिस ऑफिसर का किरदार निभाते नजर आयेंगे।
फिल्म 'क्लास ऑफ 83’ का फर्स्ट लुक रिलीज कर दिया गया है। फिल्म में बॉबी दमदार पुलिस अफसर के किरदार में नजर आयेंगे। यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी। फिल्म को शाहरुख खान की पत्नी गौरी खान और गौरव वर्मा ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म के निर्देशक अतुल सभरवाल हैं।
बॉबी देओल की 'क्लास ऑफ 83’ की कहानी एक पुलिस अफसर की है जिसकी पनिशमेंट पोस्टिंग की जाती है। पुलिस अफसर को पुलिस एकेडमी का डीन बना दिया जाता है। लेकिन वह फैसला करता है कि भ्रष्टाचारी अफसरशाही को वह सजा दिलाकर ही रहेगा।
प्रेम सतीश
एक्टर ऋतिक रोशन को बॉलीवुड में 20 साल हो गए हैं। एक्टर ने अपनी मेहनत, अदाकारी से फैन्स के बीच एक अलग पहचान बनाई है। उन्हें उनके लुक्स के लिए भी खूब तारीफ मिलती है। लेकिन अब ऋतिक को तारीफ एक खास शख्स से मिली है। एक ऐसे शख्स से जो कम बोलती हैं, लेकिन जब भी बोलती हैं उनकी बात का काफी मान होता है।
हम बात कर रहे हैं भारत रत्न और महान गायिका लता मंगेशकर की जिन्होंने सोशल मीडिया पर ऋतिक रोशन के काम की जमकर तारीफ की है। लता ने ट्वीट में लिखा है- नमस्कार ऋतिक। आपका काम मुझे बहुत अच्छा लगता है, आपके परिवार को मैं हमेशा अपना परिवार समझती हूं। मैं हर साल रोशन जी की जयंती और पुण्यतिथि पर उनके बारे में लिखती हूं। वो सच में एक बहुत बड़े संगीतकार थे।
अब लता मंगेशकर ने एक ही ट्वीट में ऋतिक और उनके दादा रोशन लाल नागरथ की तारीफ की है। ऐसे में ये ट्वीट देख ऋतिक रोशन भी खासा इमोशनल हो गए। वो लता मंगेशकर के इन शब्दों से खुश हो गए। वो उनका शुक्रिया करते हुए लिखते हैं- इन मीठे शब्दों के लिए, बहुत बहुत शुक्रिया लताजी। आपने यह कहकर मेरा मान बढ़ा दिया है!
मालूम हो कि 14 जुलाई को रोशन लाल नागरथ की जन्म जयंति थी। उस मौके पर लता मंगेशकर ने उनकी याद में उनका फेवरेट गाना रहे ना रहें सोशल मीडिया पर शेयर किया था। उन्होंने रोशन लाल को एक महान संगीतकार बताया था और उनके साथ अपने काम को याद किया था। उस पोस्ट पर ऋतिक ने रिएक्ट करते हुए लिखा था- पूरे परिवार की तरफ से इस पोस्ट के लिए आपका शुक्रिया। ये मेरा भी दादाजी का फेवरेट गाना है।
सोशल मीडिया पर ऋतिक और लता मंगेशकर की ये बातचीत सभी को खूब पसंद आई और सोशल मीडिया पर लंबे समय तक ट्रेंड करती रही। लता मंगेशकर सोशल मीडिया के जरिए अपने विचार लोगों तक पहुंचाती हैं। कुछ दिनों पहले लता मंगेशकर ने अमिताभ बच्चन को भी जल्द स्वस्थ होने का आशीर्वाद दिया था। उन्होंने विश्वास जताया था कि वे कोरोना को हराकर जल्द घर लौटेंगे। (आजतक)
बॉलीवुड के सबसे मशहूर एक्टर में से एक धर्मेंद्र सोशल मीडिया पर अपने फार्म हाउस के वीडियो खूब शेयर करते हैं। उनके यहां जब भी कोई पौधा फूल या पेड़ फल देता है तो वो वीडियो फैन्स के बीच जरूर शेयर करते हैं। धर्मेंद्र के फार्म हाउस पर फिर कुछ ऐसा ही हुआ है। दरअसल, उनके बगीचे में एक छोटे से आम के पेड़ पर फल उग आए हैं। धर्मेंद्र ने उसका वीडियो बनाकर अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम एकाउंट पर शेयर किया है। साथ ही इस पेड़ के पीछे की कहानी भी बताई है।
धर्मेंद्र वीडियो में बोल रहे हैं-कुदरत हमें क्या तोहफा देती है। देखिए छोटे से आम के पेड़ पर 4-5 आम लग गए हैं। ये तोहफा मुझे मेरे एक प्यारे दोस्त ने दिया था। धर्मेंद्र ने वीडियो में आगे कोरोना के बढ़ते प्रकोप पर भी बात की और लोगों से अपील की है कि वो सुरक्षित रहें। उन्होंने कैप्शन में लिखा है: यही जिंदगी...यही सुकून...यहीं बात भी हो जाती है आप से...जीते रहो...खुश रहो...ख्याल रखो...लव यू। इस वीडियो को हजारों व्यूज मिल चुके हैं। (एनडीटीवी)