मनोरंजन
मुंबई, 26 जुलाई (वार्ता)। आस्कर विजेता संगीतकार एआर रहमान का कहना है कि बॉलीवुड में एक ऐसा ‘गैंग’ है जिसके कारण उन्हें काम मिलने में अड़चन आ रही है।
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से बॉलीवुड में‘इनसाइडर और आउटसाइडर’ को लेकर बहस छिड़ी है। इस बीच संगीतकार रहमान ने कहा कि कुछ लोग उनके बारे में बॉलीवुड में ‘अफवाह’ फैला रहे हैं जिससे उनके और फिल्म निर्माताओं के बीच ‘गलतफहमी’ पैदा हो रही है।
रहमान ने कहा, ‘मैं अच्छी फिल्मों को मना नहीं करता हूं लेकिन मेरा मानना है कि एक गैंग है जो कुछ अफवाह फैला रहा है और गलतफहमी पैदा हो रही है। लोग मुझे काम करते देखना चाहते हैं, लेकिन लोगों का एक ऐसा भी गैंग है जो ऐसा होने नहीं दे रहा है। खैर मेरा विश्वास भाग्य में है। मेरा मानना है कि सब कुछ ऊपर वाले के जरिए आता है। इसलिए मैं अपनी फिल्में और दूसरे काम कर रहा हूं, लेकिन आप सभी मेरे पास आ सकते हैं, आप अच्छी फिल्में बना रहे हैं और आपका मेरे यहां स्वागत है।’
रहमान ने सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ के लिए संगीत दिया है जो शुक्रवार को डिज्नी हॉटस्टार पर रिलीज हो गयी है।
-पुण्यतिथि 27 जुलाई
मुंबई, 26 जुलाई (वार्ता)। बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ में क्रूर खलनायक ‘गब्बर सिंह’ के किरदार के जरिये अमजद खान ने सिने प्रेमियों के दिल में अपनी अमिट पहचान बनाई लेकिन फिल्म निर्माण के समय इस भूमिका के लिये डैनी का नाम प्रस्तावित था ।
फिल्म ‘शोले’ में ‘गब्बर सिंह’ के किरदार के लिये फिल्म निर्माता रमेश सिप्पी ने पहले डैनी को अपरोच किया था। डैनी ने फिल्म के लिए हां भी कर दी थी, लेकिन वो उस वक्त फिरोका खान की बड़े बजट की फिल्म ‘धर्मात्मा की शूटिंग कर रहे थे, ऐसे में एक साथ दोनों फिल्में करना मुश्किल था। डैनी ने ‘शोले’ में काम करने से मना कर दिया और बाद में यह फिल्म अमजद खान को मिली। फिल्म शोले प्रदर्शित हुयी तो अमजद खान का निभाया किरदार ‘गब्बर सिंह’ दर्शको में इस कदर लोकप्रिय हुआ कि लोग गाहे बगाहे उनकी आवाज और चाल ढ़ाल की नकल करने लगे।
गब्बर सिंह फिल्म ‘शोले’ का विलेन होने के बावजूद लोगों के लिए हीरो बन गया। खूंखार डकैत का रोल निभाकर अमजद खान सिनेमाई दुनिया में छा गए। निर्देशक रमेश सिप्पी की शोले के इस गब्बर सिंह ने ऐसे ऐसे दमदार डायलॉग कहे कि वो फिल्मीं इतिहास में दर्ज हो गए। कहते हैं हिंदुस्तानी सिनेमा में गब्बर सिंह से पहले ऐसा दमदार विलेन कभी नहीं हुआ और न ही गब्बर सिंह के बाद वैसा कोई विलेन सिनेमा में नकार आया। डैनी ने भी बाद में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि ‘यदि मैंने शोले की होती तो भारतीय सिनेमा अमजद खान जैसे एक अद्भुत कलाकार को खो देता।
डाकू गब्बर सिंह की कल्पना उस खाकी वर्दी के बिना नहीं की जा सकती। वो खाकी वर्दी किसी कॉस्ट््यूम डिजाइनर ने नहीं, बल्कि खुद अमजद खान ने सुझाई थी जिसे वे मुंबई के चोर बाजार से खरीदकर लाए थे। गब्बर सिंह, हिंदी सिनेमा का पहला खलनायक था जिसने नायक-सी लोकप्रियता हासिल की। ब्रिटैनिया ने गब्बर को अपने ग्लूकोज बिस्किट के विज्ञापन के लिए चुना। यह विज्ञापन ‘गब्बर की असली पसंद’ की पंचलाइन के साथ लोकप्रिय हुआ था। यह पहली बार था जब किसी कंपनी ने अपने प्रोडक्ट के प्रचार के लिए किसी खलनायक को चुना था।
नई दिल्ली, 26 जुलाई (वार्ता) बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद का कहना है कि वह सुशांत सिंह राजपूत पर गर्व महसूस करते हैं क्योंकि उन्होंने अपने दम पर इंडस्ट्री में सफलता हासिल की।
सुशांत की मौत के बाद फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिजम (भाई-भतीजावाद) और इनसाइडर बनाम आउटसाइडर की बहस धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। अब इस बहस में सोनू सूद भी शामिल हो गए हैं। सोनू ने कहा है कि आउटसाइडर इस इंडस्ट्री में हमेशा आउटसाइडर रहते हैं। वहीं, स्टार किड्स को आसानी से एंट्री मिल जाती है।
सोनू ने कहा, सुशांत ने अपने दम पर इंडस्ट्री में काफी कुछ बड़ा किया। जब कोई आउटसाइडर इस शहर में आता है और बड़ा करता है, तो वह न्यू कमर्स को उम्मीद देता है। हजारों लोग इस शहर में रोज काम की तलाश में आते हैं, लेकिन ऐसे बहुत कम लोग हैं, जिन्हें बड़ा ब्रेक मिलता है। एक आउटसाइडर हमेशा आउटसाइडर ही रहता है। इसलिए मैं आउटसाइडर्स से कहना चाहूंगा कि वह अपने आप को मजबूत रखें। इस बात की उम्मीद ना करें कि कोई चमत्कार होगा। स्टार किड्स के पास आसान एक्सेस होगा। उनके पिता बस फोन उठाएंगे और डायरेक्टर या फिल्म प्रोड्यूसर्स से बात करेंगे और उन्हें ब्रेक मिल जाएगा। कल यदि मेरे बच्चे इस इंडस्ट्री में जाना चाहें, तो शायद यह उनके लिए भी आसान होगा।
नयी दिल्ली, 26 जुलाई (वार्ता)। बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद का कहना है कि प्रवासी मजूदरों की मदद करना उनके जीवन का मैजिक मोमेंट रहा है।
सोनू सूद से एक कार्यक्रम के दौरान पूछा गया कि उनके जीवन का मैजिक मोमेंट कौन सा रहा है। सोनू ने बताया, ‘‘कोविड-19 लॉकडाउन के समय मैंने जो भी काम प्रवासी मजदूरों के लिए किया वो मेरा मैजिक मोमेंट रहा है। जब भी मेरी फिल्म रिलीज होती थी तो मेरे माता-पिता कहते थे कि उन्होंने तुम्हारी फोटो। पोस्टर में क्यों नहीं लगाई है, या फिर तुम्हारी फोटो इतनी छोटी क्यों है?’’
सोनू सूद ने कहा, ‘‘तब मैं उनसे कहा करता था कि वो सब बड़े एक्टर हैं और उन्होंने बहुत कुछ पा लिया है। मैं उन्हें वादा किया करता था कि एक दिन मेरी भी बड़ी फोटो लगेगी। जब मैंने इन गरीबों की मदद करना शुरू किया तो मेरे बारे में आर्टिकल छपने शुरू हो गए। मुझे बहुत खुशी हुई और शायद इसीलिए मेरे माता पिता ने मेरे लिए कुछ जादू करना शुरू कर दिया है।’’
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में सोनू सूद लगातार प्रवासी मजूदूरों को उनके घर भेजने में मदद की है। सोनू ने मुंबई से देश के कई हिस्सों में प्रवासी श्रमिकों को बसों के जरिए घर भेजा है।
नयी दिल्ली, 26 जुलाई (वार्ता)। बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा का कहना है कि वह ट््िवटर छोड़ कर खुशहाल इंसान बन गयी हैं।
सोनाक्षी ने अपने ट्विटर अकाउंट को निष्क्रिय कर दिया है। सोनाक्षी ने कहा- ‘‘मैं कोई भी मार्गदर्शक नहीं हूं लेकिन मैं व्यक्तिगत अनुभव से बोल सकती हूं। मैं इतने लंबे समय तक सोशल मीडिया पर रही। मैंने इसे राक्षस बनते देखा है। मैं हमेशा एक बहुत ही सकारात्मक व्यक्ति रही हूं लेकिन फिर भी आप कभी नहीं जानते कि कोई चीज आपको कैसे प्रभावित कर सकती है। आप सुबह उठते हैं, अपना हैंडल खोलते हैं और नकारात्मक टिप्पणी पढ़ते हैं। उस क्षण आप इसे दूर नहीं रख सकते हैं।’’
अभिनेत्री ने कहा, ‘‘आप कभी नहीं जानते कि सोशल मीडिया आपको कैसे प्रभावित करता हैं और यह आपके जीवन में एक बहुत ही नकारात्मक पहलू है। इसलिए मेरे लिए, इससे दूर रहने का सबसे अच्छा तरीका उस पर नहीं होना है। जब से मैंने ट््िवटर छोड़ा है, मैं खुश हूं। मुझे लगता है कि सकारात्मकता के लिए प्रयास करना बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर इस तरह के समय में।’’
सोनू सूद बोले-आज से तंगी खत्म
बॉलीवुड ऐक्टर सोनू सूद पिछले कई महीनों से लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं। लॉकडाउन के बाद हजारों लोगों को उनके घर पहुंचाने और विदेशों से छात्रों को वापस लाने के बाद अब वह कोरोना वायरल लॉकडाउन में बेरोजगार हो चुके लोगों की मदद को भी आगे आ रहे हैं। हाल में उन्होंने घोषणा की थी कि वह लॉकडाउन में घायल हुए या मारे गए प्रवासी मजदूरों के घर का खर्च उठाएंगे। अब सोनू सूद माउंटेमैन कहे जाने वाले दशरथ मांझी के परिवार की मदद को आगे आए हैं।
दरअसल पिछले कई दिनों से ऐसे समाचार आ रहे हैं कि दशरथ मांझी के परिवार के लोग बेहद आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और पाई-पाई के लिए मोहताज हो गए हैं। इस खबर की एक कटिंग के साथ ट्वीट कर सोनू सूद से मदद की गुहार लगाई थी। इसके जवाब में सोनू ने ट्वीट करते हुए कहा, आज से तंगी खत्म, आज ही हो जाएगा भाई।
बता दें कि दशरथ मांझी ने अपनी पत्नी के प्यार में अकेले दम पर पहाड़ काटकर रास्ता बना दिया था। उनके ऊपर फिल्म मांझी: द माउंटेनमैन भी बनी थी जिसमें नवाजु्द्दीन सिद्दीकी और राधिका आप्टे ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं। दशरथ मांझी बिहार के गया जिले के निवासी थे उनका परिवार अभी भी गांव में गरीबी में जीवन काट रहा है। (नवभारत टाईम्स)
मुंबई, 25 जुलाई। फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत पर बात करते हुए कहा है कि उन्होंने सुशांत सिंह को दो फिल्में ऑफर की थीं लेकिन उन्होंने वो फिल्में करने से मना कर दिया।
नवभारत टाईम्स में छपी खबर के मुताबिक, अनुराग कश्यप ने सुशांत सिंह राजपूत को हंसी तो फंसी समेत दो फिल्में ऑफर की थीं लेकिन उन्होंने बड़े बैनरों के लिए दोनों फिल्में छोड़ दीं। (bbc.com/hindi)
अजय ब्रह्मात्मज
फिल्म समीक्षक
मुंबई, 25 जुलाई। मुमकिन है शहरी दर्शकों में से कुछ ने जॉन ग्रीन का उपन्यास ‘द फॉल्ट इन अवर स्टार्स’ पढ़ा हो और उस पर बनी हॉलीवुड की फिल्म भी देख ली हो।
फिर भी उन्हें इस फिल्म में नवीनता मिलेगी। शशांक खेतान और सुप्रतिम सेनगुप्ता ने उन्हें एक नए परिवेश में नए किरदारों के साथ पेश किया है। मूल उपन्यास और अंग्रेजी फिल्म का हिंदी में भारतीय एडाप्टेशन हिंदी फिल्मों की उन कहानियों/प्रेमकहानियों के परिचित दायरे में आ गया है, जहां आसन्न मृत्यु के बीच प्रमुख किरदारों का हर्ष-विषाद, प्रेम-तनाव, चिंता-आशंका और जीवन जी लेने की आकांक्षा रहती है। वर्तमान को भरपूर जीने का सन्देश रहता है।
मुकेश छाबड़ा निर्देशित ‘दिल बेचारा’ झारखंड के जमशेदपुर की किजी बासु और इम्मैनुएल राजकुमार जूनियर उर्फ मैनी की प्रेम कहानी है।
छोटे शहर की बड़ी कहानी
जमशेदपुर देश का अनोखा शहर है, जहां मुख्य रूप से देश के विभिन्न राज्यों से आए अलग-अलग धर्म, जाति और संप्रदाय के लोग बसे हैं। यह उद्योगपति टाटा का बसाया शहर है, जहां झारखण्ड राज्य की स्थानीयता अब दिखने लगी है। मिजाज से यह आज भी कॉस्मापॉलिटन छोटा शहर है।
जमशेदपुर के किजी (बंगाली), मैनी (ईसाई), जेपी (बिहारी), डॉ. झा और स्थानीय लहजे में बोलते अन्य सहयोगी किरदार वास्तविक लगते हैं। वे आरोपित और गढ़े हुए कृत्रिम चरित्र प्रतीत नहीं होते।
‘दिल बेचारा’ की नवीनता कथ्य से अधिक नैरेटिव में है। जांबिया में पैदा हुई बंगाली मां-पिता की बेटी किजी थायराइड कैंसर से पीडि़त है। ऑक्सीजन का छोटा सिलेंडर (पुष्पेंद्र) साथ लेकर चलती है। अपनी निश्चित मौत से परिचित किजी की किसी सामान्य युवती की तरह सोचने, जीने और प्रेम करने की तमन्ना खत्म हो चुकी है।
रोज-रोज की मेडिकल जांच और नसीहतों की वजह से मां-बाप के खास खयाल के बावजूद वह बंधी, उदास और बुझी-बुझी सी रहती है। दूसरी तरफ मैनी है। पता चलता है कि वह भी बोन कैंसर से ग्रस्त है, लेकिन वह बेफिक्र निराले अंदाज में जीता है। वह रजनीकांत का सुपर फैन है।
एक था राजा - एक थी रानी
दोनों की फिल्मी मुलाकात के बाद कहानी आगे बढ़ती है। ‘दिल बेचारा’ नानी की सुनाई पारंपरिक कहानी ‘एक था राजा, एक थी रानी। दोनों मर गए खत्म कहानी’ से अलग हो जाती है।
फिल्म में मैनी का एक संवाद है, ‘जन्म कब लेना है, मरना कब है, हम डिसाइड नहीं कर सकते, पर जीना कैसे हैं, वह हम डिसाइड कर सकते हैं।’ मैनी का यह जीवन दर्शन और जीवन शैली ‘आनंद’ जैसी कई फिल्मों की याद दिला जाता है, जहां मौत से जूझते किरदार अपनी जिंदादिली और जिजीविषा से जीवन का सन्देश दे जाते हैं।
‘दिल बेचारा’ देखते समय बरबस मैनी का किरदार निभाते सुशांत सिंह राजपूत की ऑफ स्क्रीन छवि उभरती है। उनसे हुई मुलाकातें याद आ जाती हैं। हाल ही में हुई उनकी असमय और अस्वाभाविक मौत का सच कौंधने लगता है। मैनी और सुशांत सिंह राजपूत किरदार और कलाकार की सोच, जिंदगी और मौत गड्डमड्ड होने लगती है।
फिल्म के संवादों में आगत की अनुगूँज सुनाई पड़ती है। फिल्म देखते हुए राजपूत की मौत से पैदा हुआ वैक्यूम गूँजने लगता है। एक संभावनाशील अभिनेता के ना होने का एहसास विचलित कर देता है। बमुश्किल अभी एक महीना गुजरा है।
ताजगी से भरी फिल्म
‘दिल बेचारा’ में एक ताजगी है। निर्देशक मुकेश छाबड़ा और उनके लेखकों ने किरदारों को अतिरिक्त भावुकता नहीं दी है। कलाकार भी अतिनाटकीयता और मेलोड्रामा से दूर है।
किजी, मैनी, जेपी और किजी के मां-पिता सहज और पडोसी आत्मीय चरित्र हैं। फिल्म का अधिकांश हिस्सा किजी के परिवार के आसपास ही है। मैनी के परिवार की झलक मात्र मिलती है। लेखकों ने उन्हें क्यों दरकिनार कर दिया है? बतौर दर्शक हम किजी की फिक करने लगते हैं। उसकी आकांक्षाओं को पूरी होता देखना चाहते हैं। मैनी के साथ हम भी चाहते हैं कि वह पेरिस जाए और अपने प्रिय संगीतज्ञ अभिमन्यु वीर(सैफ अली खान) से मिल सके। उनसे पूछ सके कि उन्होंने उसका फेवरिट गीत अधूरा क्यों छोड़ दिया? रोमांटिक शहर पेरिस के दृश्य किजी और मैनी के रोमांस में मुक्कमल करते हैं। हम सुखद अंत की ओर बढ़ रहे होते हैं कि कहानी दुखद मोड़ ले लेती है।
संजना सांघी और सुशांत सिंह राजपूत ने अपने किरदारों किजी और मैनी को पूरी संजीदगी और स्वाभाविकता से पर्दे पर उतारा है। संजना सांघी में किजी की झिझक,उम्र और मासूमियत है। सुशांत अपनी अदाकारी से मैनी को जीवंत करते हैं।
सुशांत के अभिनय की रेंज
हमें सुशांत सिंह राजपूत की रेंज दिखती है। ‘काय पो छे’, ‘शुद्ध देसी रोमांस’, ‘ब्योमकेश बख्शी’, ‘केदारनाथ’, ‘सोनचिडिय़ा’ और ‘छिछोरे’ के बाद ‘दिल बेचारा’ में वह अभिनय के नए-नए आयामों और गहनता को ज़ाहिर करते हैं।
लेकिन अचानक यह प्रतिभा... किजी के मां-पिता के रूप में शाश्वत चटर्जी और स्वस्तिका बनर्जी का चुनाव जबरदस्त है।
दोनों नेचुरल और अपने किरदारों के लिए उपयुक्त हैं। जेपी (साहिल वैद) ने कैंसरग्रस्त जिगरी दोस्त के रूप में मैनी का पूरा साथ दिया है। डॉ. झा (सुनीत टंडन) कैंसर डॉक्टर के रूप में जंचे हैं।
फिल्म के एक दृश्य में कैंसर के दर्द को सुशांत सिंह राजपूत ने बगैर संवादों के चेहरे के हाव-भाव से प्रभावी और वास्तविक बना दिया है। कैंसर के बेइंतहा दर्द से गुजर चुके और परिचित व्यक्ति इसे समझ सकते हैं।
‘दिल बेचारा’ में कैंसर की बीमारी और कैंसर को लेखक और निर्देशक ने मरीज की पीड़ा और परिवार की हमदर्दी और फिक्र के साथ पेश किया है।
‘दिल बेचारा में गीत-संगीत और नृत्य उल्लेखनीय है। फिल्म के शीर्षक गीत में पारंगत डांसर सुशांत सिंह राजपूत की चपलता, संतुलन और भावमुद्रा को फराह खान ने बहुत खूबसूरती से कैमरामैन सेतु की मदद से एक टेक में कैद किया है। सेतु ने पेरिस की सुन्दर झलक दी है। यह फिल्म की खासियत है। ए आर रहमान के संगीत में फिल्म के अनुरूप ध्वनियाँ और स्वर लहरियां हैं। वे एक अन्तराल के बाद हिंदी फिल्मों में लौटे हैं।
पहली फिल्म के लिहाज से कुछ कमियों के बावजूद मुकेश छाबड़ा आशान्वित करते हैं। (bbc.com/hindi)
मुंबई, 25 जुलाई (वार्ता)। बॉलीवुड अभिनेत्री सारा अली खान ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को याद कर उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है।
सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद उनकी आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ 24 जुलाई को रिलीज हो गई। इस फिल्म को फैन्स का भी काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। सारा ने सुशांत सिंह राजपूत को लेकर अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से एक पोस्ट साझा किया है।
सारा ने सुशांत के साथ फिल्म ‘केदारनाथ’ से इंडस्ट्री में डेब्यू किया था। वहीं, इस फोटो में सुशांत, सारा के पिता सैफ अली खान के साथ नजर आ रहे हैं। तस्वीर को शेयर करते हुए सारा ने सैफ और सुशांत में समानताएं बताई। सारा ने कैप्शन में लिखा, ‘सिर्फ दो जेंटलमैन जिन्होंने वैन गो, टेलीस्कोप, तारामंडल, गिटार, नॉर्दन लाइट््स, क्रिकेट, पिंक फ्लॉयड, नुसरत साब और एक्ंिटग तकनीक को लेकर मुझसे बातें कीं। आप दोनों में यही आखिरी समानताएं हैं।’
मुंबई, 25 जुलाई (वार्ता)। बॉलीवुड के किंग खान शाहरूख खान, निर्देशक सिद्धार्थ आनंद की एक्शन-ड्रामा फिल्म से कमबैक कर सकते हैं।
शाहरुख अंतिम बार वर्ष 2018 में प्रदर्शित फिल्म ‘जीरो’ में नजर आये थे। शाहरुख के फैंस उनकी अगली फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। काफी समय से चर्चा हो रही थी कि शाहरुख, राजकुमार हिरानी की फिल्म से कमबैक करेंगे। शाहरुख खान लॉकडाउन के दौरान तकरीबन 18 स्क्रिप्ट का नरेशन ले चुके हैं। चर्चा है कि शाहरुख खान, सिद्धार्थ आनंद की एक्शन-ड्रामा फिल्म से अपनी वापसी करेंगे।
कहा जा रहा है कि राजकुमार हिरानी अपनी फिल्म की शूटिंग कनाडा में करना चाहते थे लेकिन मौजूदा वैश्विक संकट कोरोना वायरस के चलते उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली। इसलिए उन्होंने अपनी फिल्म की शूटिंग की तारीख को आगे बढ़ा दिया। अब शाहरुख ने यह फैसला लिया कि वह सिद्धार्थ आनंद की एक्शन-ड्रामा फिल्म के साथ कमबैक करेंगे। फिल्म के बारे में अभी आधिकारिक तौर पुष्टि नहीं की गयी है।
मुंबई, 25 जुलाई (वार्ता)। एक्शन स्टार विद्युत जामवाल की आने वाली फिल्म ‘खुदा हाफिज’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है।
विद्युत जामवाल की आने वाली फिल्म ‘खुदा हाफिज’ भारत में रहने वाले एक ऐसे कपल की कहानी है जो बेहतर करियर की तलाश के लिए विदेश में काम करने का फैसला करता है। फिल्म में विद्युत, समीर के किरदार में नजर आएंगे, वहीं शिवालिका ओबेरॉय, नरगिस के किरदार में दिखाई देंगी। फिल्म के इस ट्रेलर में विद्युत एक बेबस पति के रोल में नजर आ रहे हैं जिसकी पत्नी लापता हो गई है।
ट्रेलर में जैसा कि देखने को मिल रहा है कि रहस्यमय परिस्थितियों में कैसे नरगिस लापता हो जाती हैं। बेबस पति की तरह समीर अपनी पत्नी की तलाश में लग जाता हैं और फिर शुरू होता है जबरदस्त एक्शन। डिजनी हॉटस्टार पर खुदा हाफिज 14 अगस्त को रिलीज होगी।
न्यूयॉर्क, 25 जुलाई (आईएएनएस)| भारतीय मूल की फिल्म निर्माता मीरा नायर के बेटे जोहरन ममदानी का न्यूयॉर्क स्टेट एसेम्बली के लिए चुना जाना तय माना जा रहा है। वे एक शहरी निर्वाचन क्षेत्र से डेमोक्रेटिक पार्टी का प्राइमरी जीत चुके हैं।
जनवरी में वह और जेनिफर राजकुमार एसेम्बली में पहुंचने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति बन जाएंगे। जेनिफर पहले ही एक अन्य प्राइमरी जीत चुके हैं।
अमेरिकी चुनाव प्रणाली में उम्मीदवारों को पहले प्राइमरी जीतना होता है, जो कि चुनावों से पहले पार्टी के अंदर उसी सीट के अन्य उम्मीदवारों के खिलाफ लड़े जाते हैं। इन इंट्रा-पार्टी चुनाव से ही पार्टी के उम्मीदवार तय होते हैं।
ममदानी की जीत इसलिए तय मानी जा रही है क्योंकि उनके प्रतिद्वंद्वी और मौजूदा एसेम्बली मेंबर अरवेलला सिमोटस ने एक ट्वीट में पहले ही उनसे हार मान ली है।
जिन दो सीटों से भारतीय मूल के लोग चुनाव लड़ने जा रहे हैं उन दोनों क्षेत्रों में प्रवासियों और अल्पसंख्यकों का खासा प्रभुत्व है। साथ ही इनमें डेमोक्रेटिक पार्टी की पकड़ इतनी मजबूत है कि पार्टी के उम्मीदवारों ने 2018 के जनरल इलेक्शंस में 99 प्रतिशत से अधिक मतों से जीत हासिल की थी। लिहाजा इस बार भी इन दोनों की जीत तय है।
बता दें कि ममदानी युगांडा में पैदा हुए थे और खुद को वो एक "भारतीय-युगांडा न्यूयॉर्कर" कहते हैं।
लॉस एंजेलिस, 24 जुलाई (आईएएनएस)| फिल्मकार जेम्स कैमरून अवतार फ्रेंचाइजी की बहुप्रतीक्षित सीक्वल की रिलीज में एक साल की देरी से काफी निराश हैं। हालांकि कैमरून ने निश्चित रूप से यह वादा किया है कि फिल्म के इंतजार का फल मीठा होगा और यह दर्शकों की 'उम्मीदों पर' खरी उतरेगी।
कैमरून की 'अवतार' फ्रेंचाइजी के सीक्वेल साल 2022 से हर दूसरे दिसंबर में प्रीमियर होंगे। सीक्वल की रिलीज की तारीखें हैं, 'अवतार 2' 16 दिसंबर 2022 को, 'अवतार 3' 20 दिसंबर 2024 को, 'अवतार 4' 18 दिसंबर 2026 को, 'अवतार 5' 22 दिसंबर, 2028 को होगी।
'अवतार 2', इस फ्रेंचाइजी के पहली फिल्म के रिलीज को 13 साल बाद आएगी।
डेडलाइन डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, कैमरून ने महामारी के कारण रिलीज में देरी होने संबंधी एक पोस्ट को अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर साझा किया था।
उन्होंने कहा, "इस देरी को लेकर मुझसे ज्यादा निराश कोई नहीं है। लेकिन मैं हमारे कलाकारों के अविश्वसनीय प्रदर्शन और असाधारण काम से प्रभावित हूं।"
हैदराबाद, 24 जुलाई (आईएएनएस)| फिल्मकार राम गोपाल वर्मा ने अपनी नई फिल्म में कथित तौर पर तेलुगू सुपरस्टार पवन कल्याण को खराब तरीके से दिखाकर उनके प्रशंसकों को गुस्सा दिला दिया है। अपने इसी गुस्से को जाहिर करने के लिए पवन के प्रशंसकों ने शहर में स्थित वर्मा के कार्यालय पर हमला बोला। इंडियाटुडे डॉट इन की रिपोर्ट के मुताबिक, इन लोगों ने वर्मा के ऑफिस की खिड़की के शीशे पर पथराव कर उसे तोड़ डाला।
लोगों में यह नाराजगी वर्मा की पैरोडी फिल्म 'पावर स्टार' की वजह से है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि यह कहीं न कहीं पवन कल्याण की जिंदगी और उनके असफल राजनीतिक करियर पर आधारित है।
फिल्म की घोषणा किए जाने के बाद से अभिनेता के प्रशंसकों की तरफ से राम गोपाल वर्मा को सोशल मीडिया पर भी कड़ी प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा। फिल्म को उनके आधिकारिक वेबसाइट आरजीवी वल्र्ड पर रिलीज किया जाएगा।
फिल्मकार ने हमले के बाद शहर के जुबली हिल्स पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की है। खबरों के मुताबिक, हमले से जुड़े छह लोगों को हिरासत में लिया गया है।
राम गोपाल वर्मा ने कहा, "यह एक लोकतांत्रिक देश है और मुझे फिल्में बनाने का अधिकार है। मैं बार-बार बता रहा हूं कि यह एक काल्पनिक फिल्म है और यह किसी से संबंधित नहीं है, लेकिन लोग बात का बतंगड़ बना रहे हैं। अपने प्लेटफॉर्म पर फिल्म को रिलीज करने से कोई मुझे नहीं रोक सकता।
मुंबई, 24 जुलाई (आईएएनएस)| अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जोनस मनोरंजन की दुनिया में अपने बीस साल पूरे कर लिए हैं। इस खास मौके पर उन्होंने अपने अब तक के सफर को याद किया। इंस्टाग्राम पर प्रियंका ने एक वीडियो साझा किया जिसमें वह साल 2000 में मिस इंडिया पेजेंट जीतने के लम्हों को याद करती हुई नजर आईं।
वीडियो के कैप्शन में वह लिखती हैं, "मैं 2000 में मेरे मिस इंडिया पेजेंट के फुटेज देख रही हूं। यही से सारी चीजों की शुरुआत हुई थी। अगर आपने इसे पहले नहीं देखा है, तो आप इसका लुफ्त उठा सकते हैं। हैशटैग20इन2020।"
प्रियंका ने इसी साल मिस वल्र्ड का खिताब भी जीता।
पेजेंट को जीतने के वक्त प्रियंका महज 18 साल की थीं। उन्होंने वीडियो में यह भी बताया कि उन्हें जीतने की कोई उम्मीद नहीं थी और उन्होंने वहां से वापस लौटने का रिटर्न टिकट भी बुक करा लिया था।
अभिनय की बात करें, तो प्रियंका नेटफ्लिक्स के 'द व्हाइट टाइगर' के साथ अपने डिजिटल डेब्यू के लिए बिल्कुल तैयार हैं। इसमें राजकुमार राव भी उनके साथ नजर आएंगे।
मुंबई, 25 जुलाई (आईएएनएस)| अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने अपने इंस्टाग्राम पर प्रसंशकों द्वारा बनाई गई स्केच साझा की, जिसे उन्होंने 'फैनआर्ट फ्राइडे' नाम दिया है। इस महीने की शुरुआत में घोषणा की गई थी कि दीपिका और 'बाहुबली' स्टार प्रभास एक नाग अश्विन निर्देशित के लिए एक साथ आएंगे। इस खबर को सुनते ही दीपिका के फैंस काफी उत्साहित हैं।
दीपिका ने जो फैंस द्वारा बनाई गई स्केच साझा की हैं, उसमें से एक स्केच प्रभास और दीपिका की भी हैं, जबकि एक स्केच में ताश के पत्ते की क्वीन और एक में रणवीर के साथ नजर आ रही हैं।
दीपिका हाल ही में हर शुक्रवार को सोशल मीडिया पर फैन-निर्मित आर्ट को साझा करती हैं, इसे फैन आर्ट फ्राइडे कहा जाता है। अभिनेत्री अपने फैंस का आभार व्यक्त करने के लिए स्केच को इंस्टाग्राम पर पोस्ट करती हैं।
वह अब शकुन भद्र की एक फिल्म में नजर आएंगी, जिसका अभी नाम नहीं रखा गया है। इसमें सिद्धांत चतुर्वेदी और अनन्या पांडे ने अभिनय किया है।
नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)| अलया एफ का कहना है कि उनकी पहली फिल्म हमेशा उनके दिल बहुत करीब है, अभिनेत्री जब भी इसके बारे में सोचती हैं, तब उन्हें बहुत खुशी मिलती है। अलाया ने इस साल की शुरुआत में रोमांटिक कॉमेडी फिल्म 'जवानी जानेमन' से अपने करियर की एक प्रभावशाली शुरुआत की है।
फिल्म को याद करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने जब से इस फिल्म को साइन किया, तब से मेरे लिए हर पल बेहद खास और नया रहा है। इस पल में मैंने बहुत कुछ सीखा है, और इस दौरान बहुत मजा भी किया।"
उन्होंने कहा, "मैं बहुत आभारी हूं कि मुझे पहली बार इस फिल्म को करने का अवसर मिला। मैं बहुत आभारी हूं कि मैं जैसा चाहती थी, ठीक वैसी ही यह फिल्म थी। मुझे नहीं लगता कि इस फिल्म से बेहतर और कोई फिल्म मुझपर अच्छी लगती। मैंने इसे खुद बहुत बार देखा है और मुझे लगता है कि मैं इसे देखकर कभी बीमार नहीं पडूंगी।
मुंबई, 24 जुलाई (आईएएनएस)। फिल्म ‘गली बॉय’ को रिलीज के बाद से काफी सराहना मिल चुकी है। जोया अख्तर के निर्देशन में बनी इस फिल्म को विदेश में भी लोगों ने काफी पसंद किया। पिछले साल दक्षिण कोरिया में बुकियॉन इंटरनेशनल फैंटास्टिक फिल्म फेस्टिवल (बीआईएफएएन) में सर्वश्रेष्ठ एशियाई फिल्म के लिए एनईटीपीएसी अवार्ड जीतने के बाद फिल्म को लोगों की मांग पर रिक्वेस्ट सिनेमा स्क्रीनिंग श्रेणी के तहत प्रतिष्ठित ‘बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ में आमंत्रित किया गया है।
‘गली बॉय’ को 2019 में 92वें ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में भी नामित किया गया था। फिल्म कई पुरस्कार प्राप्त कर चुकी है और इसी के साथ एक फिल्म द्वारा सबसे ज्यादा फिल्मफेयर अवार्डस जीतने का रिकॉर्ड भी यह अपने नाम कर चुकी है।
नई दिल्ली, 24 जुलाई (आईएएनएस)। कॉमेडी ड्रामा, लूटकेस, की रिलीज में अब एक हफ्ते से भी कम का समय बचा है। ट्रेलर और डायलॉग प्रोमो में ही यह फिल्म हंसी के ठहाकों से भरपूर नजर आ रही है। अब रिलीज से पहले निर्माताओं ने फिल्म के मजेदार पात्रों के कैरेक्टर पोस्टर रिलीज किए हैं। पहले पोस्टर में कुणाल खेमू अपने बगल में बैग रखे हुए दिल के आकार की जमीन पर लेटे हुए नजर आ रहे है और बैग के साथ रोमांस करते हुए उनके चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान नजर आ रही है।
अगले पोस्टर में रणवीर शौरी पुलिस के अवतार में बेहद गंभीर लुक में नजर आ रहे है और ऐसा लग रहा है कि यह बैग उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, नहीं तो वह अपनी नौकरी खो देंगे।
गजराज राव एक राजनेता के रूप में परफेक्ट लग रहे हैं और मुस्कुरा रहे हैं।
अगले पोस्टर में विजय राज नजर आ रहे हैं। उन्होंने बैग चुरा लिया है और ऐसे नजर आ रहे हैं जैसे किसी ने उनसे बैग छीनने की कोशिश की तो वे उसे गोली मारने के लिए तैयार हैं।
एक अन्य पोस्टर में, कुणाल एक तरफ खूबसूरत गार्डन में रसिका दुग्गल के साथ नजर आ रहे हैं और दूसरी तरफ बैग है। लेकिन उनकी रूचि पैसों से भरे बैग में है, जो उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल देगा।
निश्चित रूप से, इन मजेदार कैरेक्टर पोस्टर ने दर्शकों को फिल्म के लिए अधिक उत्साहित कर दिया है।
लूटकेस 31 जुलाई को डिज्नी+ हॉटस्टार पर रिलीज होने जा रही है।
मुंबई 24 जुलाई (वार्ता)। पर्यावरण बचाने की मुहिम में लगे बॉलीवुड अभिनेता रणदीप हुड्डा का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी को साथ आने की जरूरत है। रणदीप हुड्डा को उम्मीद है कि लॉकडाउन के बाद जब लोग दोबारा अपनी जिम्मेदारियां निभाना शुरू करेंगे तो वे अपने ग्रह को स्वस्थ बनाने के लिए भी अपनी भूमिका महसूस करेंगे। रणदीप ‘रीस्टार्ट रिस्पॉन्सिबल’ नाम से चल रहे एक अभियान का हिस्सा हैं।
रणदीप हुड्डा ने कहा यह अभियान मेरे दिल के करीब है, क्योंकि हम लोगों को कोई ऐसी प्रतिज्ञा लेने के लिए नहीं कह रहे हैं जिसका कोई विशेष नतीजा न मिले। हमारे अभियान का उद्देश्य लोगों को ऐसे कदम उठाने के लिए प्रेरित करना है, जो उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में आसानी से जुड़ सकते हैं। इन छोटे कदमों का पर्यावरण पर समग्र प्रभाव बहुत बड़ा होगा।हम सभी को इसकी आवश्यकता है कि हम बेहतर हवा और पानी को सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका निभाएं। प्रदूषण को कम करें। हम वनस्पतियों और जीवों के साथ इस ग्रह का एक हिस्सा हैं। यदि हम सभी इस तथ्य का सम्मान करते हुए आगे बढ़ते हैं, तो मुझे यकीन है कि हमारा कल बेहतर होगा।
मुंबई, 24 जुलाई (वार्ता)। बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने विदेश में फंसे कई मेडिकल छात्रों की वतन वापसी में मदद की है।
कोरोना काल में सोनू एक बार फिर जरूरतमंदों के लिए सुपरहीरो साबित हुए हैं। लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के बाद सोनू सूद ने अब विदेश में फंसे मेडिकल छात्रों की घर वापसी में सहयोग किया है। सोनू ने किर्गिस्तान में फंसे करीब 1500 छात्रों की वतन वापसी के लिए निजी विमानन कंपनी स्पाइस जेट के साथ हाथ मिलाया है। किर्गिस्तान में फंसे कुछ छात्रों को लेकर गुरूवार देर रात एक फ्लाइट वाराणसी एयरपोर्ट पहुंची।
छात्रों की वतन वापसी पर सोनू सूद ने ट्वीट कर कहा, आज बहुत खुश हूं कि किर्गिस्तान से वाराणसी तक की पहली फ्लाइट ने आज उड़ान भरी। फ्लाइंग स्पाइस जेट को बहुत-बुहत धन्यवाद, जो उन्होंने मेरे मिशन को सफल बनाने में मेरी मदद की। अगली फ्लाइट किर्गिस्तान से वाइजेग के लिए 24 जुलाई को उड़ान भरेगी। सभी छात्रों से यह अनुरोध है कि वह जल्द से जल्द अपनी जानकारी हमसे साझा करें।
मुंबई, 24 जुलाई (आईएएनएस)। एक्शन स्टार विद्युत जामवाल इस धारणा से असहमत हैं कि बॉलीवुड में दोस्त नहीं बन सकते। उनका कहना है कि वह किसी स्टार के बेटे नहीं हैं और दोस्ती के कारण इंडस्ट्री में टिके हुए हैं।
विद्युत ने आईएएनएस से कहा, मैं जब से इस इंडस्ट्री में आया हूं, मैंने सुना है कि आप उद्योग में अच्छे दोस्त नहीं बना सकते। मुझे इस धारणा पर विश्वास नहीं होता। मैं किसी स्टार का बेटा नहीं हूं। मैं सिर्फ दोस्ती के कारण यहां टिक सका हूं। एक ऐसा दोस्त, जिसने ने कहा, मुझे तुम पर विश्वास है, लेकिन मेरे पास बजट नहीं है। तो लोग वास्तव में मेरे साथ खड़े हैं और मैं भी उनके साथ खड़ा हूं।
अभिनेता अपनी आगामी फिल्म, यारा, की रिलीज के लिए तैयार हैं। इस फिल्म की कहानी दोस्ती पर केंद्रित है। उन्होंने अपने सह-कलाकारों अमित साध, केनी बासुमतारी और विजय वर्मा के साथ के अनुभवों की चर्चा की।
उन्होंने कहा, मैं कह सकता हूं कि ये लोग मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं। जब आप फिल्म देखते हैं तो आप देख सकते हैं कि कुछ भी नकली नहीं है।
अभिनेता ने देहरादून में शूटिंग के दौरान विजय के साथ एक वाकया को याद किया।
अभिनेता ने कहा, मुझे याद है कि जब हम बैठे थे तो मैंने उनसे कहा था, तू बहुत बड़ा स्टार बनेगा, लडक़े और वह हंसने लगा। यारा, के बाद उन्होंने गली बॉय के लिए शूटिंग की थी। और तब से मुझे उस पर गर्व है। मुझे इतना गर्व किसी के लिए भी लंबे समय से नहीं हुआ था। यह दोस्ती ही है जो विजय, अमित साध और केनी बासुमतारी के साथ है।
तिग्मांशु धुलिया द्वारा निर्देशित यारा फ्रेंच फिल्म, गैंग स्टोरी, का बॉलीवुड रीमेक है।
फिल्म 30 जुलाई को फे्रंडशिप डे पर जी5 पर रिलीज होगी।
‘रात्रि के यात्री’ के एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हो चुकी है, और यह वेब सीरीज रेड लाइट एरिया की कहानी है.
इस दुनिया में हर पल करोड़ों लोग अलग-अलग तरह की भावनाओं का अनुभव करते हैं, लेकिन एक प्यार ऐसी भावना है, जो हमेशा एकसी रहती है. प्यार अलग-अलग संबंधों में अलग-अलग तरह का होता है. जैसे पैरेन्ट्स, बच्चों, भाई-बहनों, प्रेमियों और दोस्तों के बीच का प्यार- और यह भावना अपने सभी रूपों में बिल्कुल सच्ची होती है. लेकिन अभिनेत्री बरखा सेनगुप्ता के लिये मां और उसके बच्चे का प्यार सबसे ऊपर है. जब वे हंगामा प्ले के ओरिजिनल शो ‘रात्रि के यात्री’ के सेट पर बिताया गया समय याद करती हैं, तब बताती हैं कि उनके ट्रैक की इसी बात ने अपने किरदार में ढलने में उनकी मदद की थी.
अपने सबसे नए प्रोजेक्ट ‘रात्रि के यात्री’ में रेड लाइट एरिया में काम करने वाली एक मां की भूमिका निभा रहीं बरखा सेनगुप्ता कहती हैं, ‘यह मेरी अब तक की सबसे चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं में से एक है. ‘रूपांतरण’ टाइटल वाला मेरा एपिसोड आपको यह बोध कराने वाली यात्रा पर ले जाएगा कि मां और बच्चे का संबंध प्रेम का सबसे सच्चा स्वरूप है. उससे ऊपर कुछ नहीं है. एक मां होने के नाते मुझे इस किरदार की लेयर्स बनाने में मदद मिली, जो शायद मैं नहीं कर पाती.’
हंगामा ओरिजिनल ‘रात्रि के यात्री’ एक वेब सीरीज है, जिसमें 5 नाटकीय और विचारों को झकझोरने वाली कहानियां बयां की गई हैं, और यह रेड लाइट इलाकों की पृष्ठभूमि पर आधारित है. इसमें ऐसे किरदार हैं, जो अपने जीवन में किसी चीज की तलाश में हैं- जैसे प्यार, शारीरिक सुख, आश्रय या करीबी- और वे अपने जीवन में पहली बार एक रेड लाइट एरिया में जाते हैं और वहां उन्हें नए ज्ञान और सांत्वना का पता चलता है. इस एक रात में समाज और खुद के बारे में उनका नजरिया बदल जाता है.
अनिल वी. कुमार द्वारा निर्देशित इस सीरीज में और भी कई सितारे हैं, जैसे सभी के चहेते सुधीर पांडे, अंजू महेन्द्रू, बरखा सेनगुप्ता, पराग त्यागी, अविनाश मुखर्जी, शाइनी दोशी, रेनी ध्यानी, मानसी श्रीवास्तव, रेहना पंडित और आकाशदीप अरोड़ा. इसमें लोकप्रिय टेलीविजन कलाकारों जैसे प्योमरी मेहता, सुप्रिया शुक्ला और इंद्रेश मलिक भी मुख्य भूमिकाओं में हैं. एमएक्स प्लेयर पर इस वेब सीरीज को मुफ्त में देखा जा सकता है. (thewolfnewz)
मुंबई, (आईएएनएस)| अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जोनस ने गुरुवार को इंस्टाग्राम पर अपने प्रशंसकों के लिए एक प्रेरक पोस्ट साझा किया है। प्रियंका लिखती हैं, "आज की चुनौतियों को हमारे कल के बेहतर सपने को हासिल करने से नहीं रोकने देना है।"
इस पोस्ट के कैप्शन में वह लिखती हैं, "इसे समझें!"
प्रियंका के इस पोस्ट पर आए कमेंट्स को देखते हुए कहा जा सकता है कि मानों उनके प्रशंसकों को उनसे ऐसे ही प्रेरणादायक शब्दों का इंतजार था।
एक ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, "मुझे इस तरह के मोटिवेशन की जरूरत थी। साझा करने के लिए शुक्रिया।"
किसी और ने लिखा, "आपके सफर ने मुझे हमेशा प्रेरित किया है। आप कई लोगों के लिए आदर्श हैं।"
प्रियंका जल्द ही मनोरंजन जगत में अपने बीस साल पूरे करेंगी। इस वक्त वह अपने पति निक जोनस के साथ लॉस एंजेलिस में हैं।
मुंबई, (आईएएनएस)| पॉप स्टार ध्वनि भानुशाली को स्टेज पर परफॉर्म करने और मस्ती करने की याद आ रही है। अपने स्टेज परफॉर्मेंस की तस्वीरों के एक कोलाज को साझा करते हुए उन्होंने ट्वीट किया, "मुझे लोगों के बीच में रहकर मस्ती और बेवकूफी करने की याद आ रही है। हैशटैगथ्रोबैक।"
कोविड-19 महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन में लाइव शोज पर फिलहाल के लिए रोक है।
ध्वनि के मुताबिक लॉकडाउन का मतलब अपनी देखभाल करने से है। उन्होंने कहा, "सामान्य जिंदगी में भागादौड़ी में हम काफी व्यस्त रहते हैं जिसके चलते हम कई बार अपना ख्याल नहीं रख पाते हैं।"
वह आगे कहती हैं, "अपनी त्वचा की देखभाल करने से लेकर संगीत का अभ्यास करना और कसरत करने से लेकर अपनी छोटी बहन के साथ खाना पकाना सीखना, मुझे लगता है कि मुझे अपने बारे में कई नई चीजों का पता लगा है।"