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नई दिल्ली, 5 दिसंबर । अमेरिका स्थित लैंग्वेज लर्निंग ऐप डुओलिंगो ने मंगलवार को खुलासा किया कि 2023 में ऐप पर 23 अरब से ज्यादा पाठ पूरे किए गए और 8.4 मिलियन से ज्यादा शिक्षार्थी ऐप पर सक्रिय रूप से 'हिंदी' सीख रहे हैं।
अपनी लैंग्वेज रिपोर्ट 2023 में, डुओलिंगो ने बताया कि ऐप पर सीखने में लगभग डेढ़ अरब घंटे व्यतीत हुए और इस साल दुनिया भर में 32 मिलियन से ज्यादा लोगों ने एक से ज्यादा भाषाएं सीखीं।
हिंदी 2022 में 10वें नंबर से दो पायदान ऊपर चढ़कर 2023 में आठवें नंबर पर पहुंच गई।
कंपनी ने कहा कि भारत में डुओलिंगो सीखने वालों के बीच अंग्रेजी के बाद हिंदी दूसरी सबसे लोकप्रिय भाषा के रूप में प्रमुख स्थान रखती है।
डुओलिंगो के क्षेत्रीय विपणन निदेशक करणदीप सिंह कपानी ने कहा, "भाषा विविध संस्कृतियों को समझने और सार्थक संबंधों को बढ़ावा देने के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करती है। हमारी अंतर्दृष्टि भाषा सीखने के उभरते परिदृश्य को उजागर करती है, जो सीमाओं से परे फैली हुई है और नए अनुभवों को अपनाने के लिए भारत के जीवंत उत्साह को दर्शाती है।''
2024 के अंत में, रिपोर्ट ने भारतीय नव वर्ष के संकल्पों में एक उल्लेखनीय बदलाव का खुलासा किया।
भाषा सीखना तेजी से प्राथमिकता बनता जा रहा है, 64 प्रतिशत भारतीयों ने इसे प्राथमिकता देने का संकल्प लिया है।
इन भाषा-सीखने के संकल्पों में, 55 प्रतिशत का लक्ष्य व्यक्तिगत विकास, आत्म-सुधार या करियर में उन्नति है, जबकि 75 प्रतिशत भारतीयों ने नए साल में अपने भाषा कौशल का नियमित अभ्यास करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
अंग्रेजी दुनिया भर में स्टडी के लिए सबसे लोकप्रिय भाषा बनी हुई है। इसे 122 देशों में स्टडी के लिए नंबर एक भाषा का दर्जा दिया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में, शिक्षा में अंग्रेजी का महत्व विशेष रूप से उल्लेखनीय है, डुओलिंगो पर अंग्रेजी सीखने वाले 40 प्रतिशत ने लैंग्वेज स्टडी के लिए शिक्षा को अपनी प्राथमिक प्रेरणा बताया।
इसके अतिरिक्त, भारत में अंग्रेजी सीखने वालों ने प्रतिदिन सबसे अधिक पाठ पूरे किए, जो देश के शैक्षिक परिदृश्य में भाषा के व्यापक महत्व को रेखांकित करता है।
कोरियाई कोर्स वैश्विक रैंकिंग में छठे नंबर पर पहुंच गया। भारत सहित विश्व के कुछ सबसे बड़े देशों में स्टडी की जाने वाली टॉप 10 भाषाओं में कोरियाई को स्थान दिया गया है, जहां इसमें 75 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) वृद्धि हुई है। (आईएएनएस)।
प्रयागराज, 5 दिसंबर । समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने आपराधिक मुकदमे पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार के वकील को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इस मामले में अगली सुनवाई की तिथि 3 फरवरी 2024 तय की गई है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव और रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी पर आरोप है कि इन्होंने वर्ष 2022 में आचार संहिता और कोविड नियमों का उल्लंघन किया। इनके खिलाफ ग्रेटर नोएडा के दादरी पुलिस थाना में मामला दर्ज किया गया था।
एक वकील ने बताया कि आचार संहिता के उल्लंघन मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और जयंत चौधरी समेत 400 कार्यकर्ताओं के खिलाफ दादरी में मुकदमा दर्ज हुआ था। अखिलेश-जयंत पर आरोप था उन्होंने अपने कार्यक्रम के दौरान चुनाव आचार संहिता का उल्लघंन किया था।
नाइट कर्फ्यू में विजय यात्रा निकालकर आचार संहिता और कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर दादरी कोतवाली पुलिस ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी समेत 400 अन्य लोगों पर केस दर्ज किया था।
गौरतलब है कि विजय यात्रा पर निकले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और जयंत चौधरी पहले लुहारली टोल प्लाजा और फिर दादरी पहुंचे थे। तय कार्यक्रम के अनुसार, विजय यात्रा को पहुंचने में काफी देर हो गई थी।
पुलिस ने बताया था कि रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक चुनाव प्रचार पर रोक थी। वहीं, नाइट कर्फ्यू भी लागू हो चुका था। इसके बावजूद बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और लोग विजय यात्रा और वरिष्ठ नेताओं का इंतजार कर रहे थे। विजय यात्रा के पहुंचते ही सैकड़ों लोग उमड़ पड़े। (आईएएनएस)।
रांची, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद 6 दिसंबर को नई दिल्ली में होने वाली 'इंडिया' गठबंधन की बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी हिस्सा नहीं लेंगे। ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के भी बैठक में भाग नहीं लेने की सूचना आई है।
हेमंत सोरेन ने मंगलवार को गिरिडीह में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी राज्य में काफी व्यस्तता है, इस वजह से वह दिल्ली नहीं जा पाएंगे। वैसे उनकी कोशिश होगी कि उनकी तरफ से कोई प्रतिनिधि इसमें शिरकत करे।
सोरेन ने कहा कि उन्होंने अपनी व्यस्तता की जानकारी कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दे दी है। उन्होंने इंडिया गठबंधन में किसी तरह के विवाद की बात से इनकार किया। ममता बनर्जी और नीतीश कुमार के 'इंडिया' गठबंधन की 6 दिसंबर की बैठक में भाग न लेने के संबंध में पूछे जाने पर सोरेन ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं है।
हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में भाजपा को मिली कामयाबी के बारे में पूछे जाने पर सोरेन ने कहा कि ऐसे परिणाम पहले भी आते रहे हैं और इसका झारखंड में कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चुनावों में जो पार्टी जितना मेहनत करेगी, उसके अनुसार परिणाम मिलेगा। इसमें कोई भी आश्चर्य नहीं है।
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की ओर से 400 सीटें पार के दावे के बारे में पूछे जाने पर सोरेन ने कहा कि देश में हर किसी को बोलने की स्वतंत्रता है। कोई कुछ भी कह सकता है, इसमें किसी तरह की रोक नहीं है। असली निर्णय तो जनता के हाथ में है। वह जो फैसला करती है, उसे पूरी दुनिया देखती है। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 5 दिसंबर । कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व मंगलवार शाम तक तेलंगाना के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर सकता है। वरिष्ठ नेता उत्तम कुमार रेड्डी और मल्लू भट्टी विक्रमार्क केंद्रीय नेताओं के साथ बातचीत के लिए दिल्ली पहुंचे हैं।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि नवनिर्वाचित सीएलपी के नेता के नाम पर विचार-विमर्श की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। कांग्रेस सांसद और तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और एआईसीसी पर्यवेक्षक डीके. शिवकुमार से मुलाकात की।
विक्रमार्क का शिवकुमार और अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी मिलने का कार्यक्रम है। विक्रमार्क भंग विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता थे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली में मीडियाकर्मियों से कहा कि पार्टी मंगलवार को फैसला करेगी कि तेलंगाना का मुख्यमंत्री कौन होगा। सोमवार सुबह हैदराबाद में नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे को सीएलपी के नेता के नाम के लिए अधिकृत किया गया।
हालांकि, सोमवार देर रात तक नेतृत्व की ओर से कोई घोषणा नहीं हुई, जिससे तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी के समर्थकों में चिंता पैदा हो गई, जो शीर्ष पद के लिए सबसे आगे हैं।
पार्टी द्वारा घोषणा में देरी से चिंतित रेवंत रेड्डी के कुछ समर्थकों ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने की मांग करते हुए राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस को उन्हें तितर-बितर करना पड़ा।
इस चर्चा के बीच कि रेवंत रेड्डी सोमवार शाम को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, राजभवन में सभी व्यवस्थाएं की गईं। कांग्रेस नेतृत्व की ओर से कोई सूचना नहीं मिलने के कारण शपथ ग्रहण समारोह की योजना रोक दी गई।
शिवकुमार, जो अन्य एआईसीसी पर्यवेक्षकों के साथ सीएलपी बैठक में शामिल हुए थे, सोमवार रात दिल्ली के लिए रवाना हुए। माना जा रहा है कि उन्होंने खड़गे और अन्य केंद्रीय नेताओं को सीएलपी बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी दी और नवनिर्वाचित विधायकों से व्यक्तिगत रूप से ली गई राय से भी अवगत कराया।
सीएलपी बैठक के बाद शिवकुमार ने अन्य पर्यवेक्षकों दीपा दास मुंशी, डॉ. अजय कुमार, केजे जॉर्ज और के. मुरलीधरन के साथ सभी 64 विधायकों के साथ व्यक्तिगत बैठकें की और उनकी राय ली।
जहां रेवंत रेड्डी मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे हैं, वहीं मल्लू भट्टी विक्रमार्क, उत्तम कुमार रेड्डी और पूर्व उपमुख्यमंत्री दामोदर राजनरसिम्हा को इस पद के लिए अन्य दावेदारों के रूप में देखा जा रहा है। (आईएएनएस)।
अंबेडकर नगर, 5 दिसंबर । उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में नाबालिग से कथित तौर पर बलात्कार करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
अधिकारियों के मुताबिक सोमवार देर रात हुई मुठभेड़ के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी की पहचान अधियारा थाना क्षेत्र के रहने वाले असगर अली के रूप में हुई है। आरोपी फायरिंग में घायल हो गया, जिसके चलते उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रविवार को अधिरिया गांव में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से अली फरार था।
एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने सोमवार रात करीब 10:20 बजे मीरपुर भट्टा के पास संदिग्ध को देखा।
जब पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो अली ने पुलिस पर गोली चला दी, जिसमें एक अधिकारी घायल हो गया। आत्मरक्षा में पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें आरोपी के पैर में चोट लग गई।
एक अधिकारी ने कहा, "जब पुलिस टीम ने घेराबंदी की, तो संदिग्ध मीरपुर भट्टा के पास गया और पुलिस टीम पर गोलीबारी शुरू कर दी। गोलीबारी के दौरान एक पुलिसकर्मी के घायल होने के बाद, पुलिस टीम ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की, जिसमें आरोपी घायल हो गया। उसके पैर में गोली लगी और वह मौके पर ही गिर गया। पुलिस टीम ने उसे हिरासत में ले लिया।''
पूछताछ के दौरान अली ने अपना अपराध कबूल कर लिया और उसके कब्जे से एक 315 बोर की पिस्तौल, एक जिंदा और एक खाली कारतूस बरामद किया गया।
घायल अभियुक्त व पुलिसकर्मी को प्राथमिक उपचार के लिए जिला अस्पताल अम्बेडकरनगर भेजा गया। वहीं आरोपी पर अन्य कार्यवाही की जा रही है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 5 दिसंबर । मणिपुर में ताजा हिंसा में 13 और लोगों की जान जाने के बाद कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्र की आलोचना की है। कांग्रेस ने कहा है कि पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा जारी रहना अक्षम्य है और केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विस्तृत चर्चा से ही संघर्ष का कोई समाधान निकल सकता है जो सभी हितधारकों को स्वीकार्य हो।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर लिखा, ''मणिपुर में 7 महीने तक हिंसा जारी रहना अक्षम्य है। कथित गोलीबारी में 13 और लोगों की मौत हो गई है। पिछले 215 दिनों में 60,000 से अधिक लोग अपने स्थानों को छोड़कर दूसरी जगह पर शिफ्ट हुए हैं। राहत शिविर में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की रहने की स्थिति अमानवीय और संतोषजनक नहीं है।''
सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ''तीन सवाल- प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त होने का जिम्मेदार कौन? मुख्यमंत्री द्वारा इसे उजागर करने और अपनी अस्थिर स्थिति पर अड़े रहने के लिए कौन जिम्मेदार है? केंद्र सरकार द्वारा गठित शांति समिति ने मणिपुर में शांति, सामान्य स्थिति और सद्भाव बहाल करने के लिए कोई प्रत्यक्ष कार्य क्यों नहीं किया है?"
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि मणिपुर में कई राजनीतिक दलों के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी ने मांग की है और फिर से दोहराया है कि केवल प्रधानमंत्री के साथ विस्तृत चर्चा से ही संघर्ष का ऐसा समाधान निकल सकता है जो सभी हितधारकों के लिए स्वीकार्य हो। हमें पूरी उम्मीद है कि वह ऐसा करेंगे।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी सरकार की आलोचना करते हुए कहा, ''मणिपुर में स्थिति सामान्य से बहुत दूर बनी हुई है और प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर अपनी बेवजह चुप्पी साधे हुए हैं। साथ ही उन्होंने मणिपुरी नेताओं से मिलने या राज्य का दौरा करने से इनकार कर दिया है।'' (आईएएनएस)।
भोपाल, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सियासी गलियारों में हलचल है तो दूसरी ओर भाजपा संगठन जीत का उत्सव मनाने की बजाय अगले चुनाव में जीत यानी कि लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गया है।
राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 163 स्थान पर जीत हासिल की है और पार्टी का नेतृत्व राज्य को लेकर रणनीति बना रहा है। मुख्यमंत्री के संभावित नाम पर चर्चा भी जारी है। राज्य के कई नेता मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं और उनके नाम की चर्चा भी है। इससे हटकर देखें तो संगठन ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तैयारी शुरू कर दी है।
रविवार को देर रात तक चुनावी नतीजे आए तो सोमवार को संगठन अपने काम में जुटा नजर आया। प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा देर रात से ही विधानसभा स्तर और बूथ स्तर की जानकारियां जुटाने में लग गए। जब उनसे आईएएनएस ने पूछा कि अभी तो नतीजे आए हैं और सरकार बनाने की कवायद चल रही है तो उनका जवाब था कि संगठन का जो काम है और हमारी जो जिम्मेदारी है, उसका निर्वहन करना है। हर बूथ मोदी का इस अभियान में पार्टी आज से ही जुट गई है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा को जिन विधानसभा क्षेत्र और बूथ स्तर पर हार मिली है, उसका ब्योरा जुटाया जा रहा है। साथ ही ऐसा क्यों हुआ, इसकी भी समीक्षा की जा रही है। आगामी लोकसभा चुनाव में इन स्थानों पर बढत कैसे हासिल की जाए और पार्टी को किस रणनीति पर काम करना चाहिए, इसका भी खाका खींचा जाने लगा है।
संगठन ने तमाम आंकड़े जुटाने की जिम्मेदारी भी कुछ लोगों को सौंप दी है और वह सारे आंकड़े जुटाकर संगठन के सामने पेश करेंगे। एक तरफ जहां चुनाव जीते विधायक भोपाल पहुंच रहे हैं और वह पार्टी की सत्ता को लेकर उत्साहित हैं तो वही संगठन से जुड़े तमाम लोग लोकसभा चुनाव में पार्टी की क्या रणनीति रहेगी, इस विचार मंथन में जुटे हुए हैं।
भाजपा के नेता का कहना है कि हमारी ताकत ही संगठन है और उसी के बल पर प्रदेश में भाजपा ने सत्ता हासिल की है। हमारे पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा नेतृत्व है जिस पर जनता भरोसा करती है। प्रधानमंत्री मोदी की बात और गरीब कल्याण के लिए किए गए काम हर घर तक पहुंचे, यही सबका लक्ष्य है।
राजनीतिक विश्लेषक का कहना है कि जिसमें भी जीत की ललक होती है, उसे हराना आसान नहीं होता। मध्य प्रदेश के भाजपा का संगठन और वर्तमान के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की कार्यशैली भी ऐसी ही है जो लगातार जीत हासिल करना चाहते हैं। इसके नतीजे भी हमें दिखाते हैं कि भाजपा लगातार जीत रही है, जो उनका आत्मविश्वास और बढ़ाता जा रहा है।
नई दिल्ली, 5 दिसंबर । मध्य प्रदेश में अगले मुख्यमंत्री के चयन को लेकर भाजपा में जारी बैठकों के दौर के बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के पार्टी के इन दोनों आला नेताओं के साथ मुलाकात को राज्य में मुख्यमंत्री के चयन को लेकर जारी विचार-विमर्श के तौर पर भी देखा जा रहा है।
नड्डा से मुलाकात के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे। वीडी शर्मा ने अमित शाह के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीर को शेयर करते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, "आज दिल्ली में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से भेंट कर सभी कार्यकर्ताओं की ओर से उनका अभिनंदन व आभार व्यक्त किया। अमित शाह के मार्गदर्शन में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बूथ विजय के संकल्प को सिद्ध किया है।"
वीडी शर्मा ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और पीयूष गोयल के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीर को भी शेयर करते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, "आज दिल्ली में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भेंटकर मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 48.55 प्रतिशत वोट शेयर के साथ भाजपा की प्रचंड विजय पर उनका अभिनंदन किया। इस अवसर पर उपस्थित केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल को भी बधाई दी।" (आईएएनएस)।
रांची, 5 दिसंबर । रांची में एक फ्लैट से चुराए गए 43 लाख रुपये मूल्य के जेवरात लेकर भाग रहे गाजियाबाद के एक गिरोह के तीन सदस्यों को उत्तर प्रदेश की पुलिस ने मुरादाबाद में गिरफ्तार किया है। ये लोग एक कार पर सवार थे। कार की चेकिंग की दौरान जेवरात बरामद किए गए।
पूछताछ में उन्होंने बताया कि जेवरात रांची के एक फ्लैट से चुराए गए थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अपराधियों में गाजियाबाद कोतवाली क्षेत्र के कैलाभट्ठा निवासी नदीम, गाजियाबाद के साहिबाबाद थाना क्षेत्र के गरिमा गार्डन निवासी जावेद और साहिबाबाद थाना क्षेत्र के पसौंडा निवासी ताहिर उर्फ तहूर उर्फ तोमर शामिल हैं।
इनके पास से 42 लाख की कीमत (600 ग्राम) के सोने के जेवरात के अलावा, 80 हजार की कीमत के एक किलो चांदी के जेवर और 35 हजार 380 रुपये नकद भी बरामद किए गए।
पुलिस के अनुसार, 29 नवंबर को रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र स्थित सरस्वती वेला सोसायटी के फ्लैट से जेवरात चुराए गए थे। गिरोह के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि वह कार से दूसरे राज्यों के शहरों में घूमते हैं और रेकी करते हैं।
खाली मकान और फ्लैट को देखकर वारदात को अंजाम देने की योजना बनाते हैं। उन्होंने गाजियाबाद, दिल्ली, कोलकाता और झारखंड के रांची, जमशेदपुर, आदित्यपुर में भी इस तरह की वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकारी है। (आईएएनएस)।
लखनऊ, 5 दिसंबर समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने मंगलवार को कहा कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का बुधवार को दिल्ली में होने वाली विपक्ष के इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) की बैठक में जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है।
चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राष्ट्रीय अध्यक्ष का कल इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होने का कोई कार्यक्रम नहीं है। पार्टी के प्रमुख महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव या राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा अधिकृत कोई अन्य नेता बैठक में शामिल होंगे।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या चार राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद अखिलेश यादव का बैठक में शामिल न होना तय था, इस पर सपा प्रवक्ता ने कहा कि बैठक के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता 2024 के लोकसभा चुनावों की रणनीति तैयार करने के लिए छह दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बैठक करेंगे।
हाल के विधानसभा चुनावों के नतीजों की घोषणा के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा था कि वह परिणाम से निराश नहीं हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी लोकसभा चुनावों में परिणाम अलग होंगे।
बहरहाल, सपा प्रमुख ने इस बात पर ज़ोर दिया था कि विपक्षी दलों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसी "बड़ी पार्टी" से लड़ने के लिए काफी तैयारी करनी होगी।
यादव ने सोमवार को वाराणसी में संवाददाताओं से कहा था, ‘‘लड़ाई बड़ी है। भाजपा जैसी बड़ी पार्टी से लड़ने के लिए हमें बहुत तैयारी करनी होगी। हमें सख्त अनुशासन में रहना होगा और उस रणनीति से लड़ना होगा जिसके साथ वे (भाजपा) बहुमत हासिल कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में नतीजे अलग होंगे।' (भाषा)
बेंगलुरु, 5 दिसंबर लोकायुक्त अधिकारियों ने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में मंगलवार को कर्नाटक में 70 से अधिक स्थानों पर 13 सरकारी अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी की।
लोकायुक्त सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दौरान नगदी के अलावा भारी मात्रा में आभूषण, निवेश से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज, आलीशान मकान और महंगे वाहन जब्त किए गए हैं।
लोकायुक्त पुलिस महानिरीक्षक डॉ. ए. सुब्रमण्येश्वर राव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘13 अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी की जा रही है और 70 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली जा रही है।’’
उन्होंने बताया कि इनमें से तीन अधिकारी बेंगलुरु में तैनात हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 5 दिसम्बर सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) योजना के तहत न तो पैसे की कमी है न कार्ययोजना की, बल्कि नियमानुसार काम न मिलने की स्थिति में राज्य सरकारों को संबंधित अधिकारियों से ‘पूछना’ चाहिए।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान बेरोजगारी भत्ता से संबंधित एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह बात कही।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केरल में मनरेगा श्रमिकों को पर्याप्त काम नहीं मिलने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मनरेगा कानून की धारा 7.1 के तहत आवेदन करने के 15 दिन भीतर यदि राज्य सरकार काम उपलब्ध नहीं कराती है तो आवेदक को प्रतिदिन बेरोजगारी भत्ता दिये जाने का प्रावधान है, लेकिन उनके राज्य केरल में ऐसा नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे राज्य में मनरेगा के तहत काम मांगने वाले श्रमिकों की संख्या उपलब्ध काम के लिए जरूरी श्रमिकों की संख्या की तुलना में दोगुनी है तथा कुछ ही लोगों को निर्धारित नियमों के तहत 100 दिन का काम मिल रहा है।’’
कांग्रेस सांसद ने कहा कि केरल में मनरेगा के तहत 92 फीसदी श्रमिक महिला हैं, ऐसे में क्या (केंद्र) सरकार विलंबित बेरोजगारी भत्ता देने की योजना बना रही है।
इस पर सिंह ने कहा कि श्रमिक बजट लाना केंद्र का नहीं राज्य सरकार का काम है। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से न बजट की कमी है न कार्ययोजना की दिक्कत, बल्कि राज्य सरकार को उन अधिकारियों से ‘पूछना’ चाहिए, जो काम नहीं दे रहे हैं।
इसके बाद थरूर ने बजट बढ़ाने की सरकार को सलाह दी।
इससे पहले द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की सदस्य के. कनिमोई ने कहा कि मनरेगा के तहत श्रमदिवस अभी 50 दिन से ऊपर भी नहीं जा रहे हैं, जबकि कम से कम 100 दिन रोजगार उपलब्ध कराने का प्रावधान है। उन्होंने यह भी कहा कि मजदूरों का भुगतान भी देर से होता है, ऐसे में सरकार क्या श्रमिकों को कोई भत्ता देने पर विचार कर रही है।
इस पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राज्य मंत्री साध्वी निरंजना ज्योति ने कहा कि चूंकि संबंधित प्रश्न एक विशेष राज्य के बेरोजगारी भत्ते से संबंधित है, इसलिए सदस्य को इसका उत्तर भेज दिया जाएगा। (भाषा)
कटक (ओडिशा), 5 दिसंबर उड़ीसा उच्च न्यायालय ने मोहपाश कांड की आरोपी अर्चना नाग को उनके खिलाफ दर्ज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में जमानत दे दी है।
न्यायमूर्ति जी. सतपथी की एकल न्यायाधीश पीठ ने सोमवार को याचिकाकर्ता को दो लाख रुपये की जमानत राशि भरने की अनुमति दी।
आरोपी को जमानत पर रहने के दौरान कोई अपराध नहीं करने की हिदायत दी गई है और अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करने को कहा गया है। उन्हें आवश्यकता पड़ने पर अदालतों के समक्ष उपस्थित होने के लिए भी कहा गया है।
नाग को पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था और ईडी मामले में जमानत मिलने के साथ उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों में उन्हें जमानत मिल गई है और अब उनके जेल से बाहर आने की संभावना है।
उच्च न्यायालय ने इससे पहले भुवनेश्वर नगर पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज दो अन्य मामलों में उन्हें जमानत दी थी।
नाग और उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर अमीर लोगों को मोहपाश में फंसाकर उनके अंतरंग वीडियो बनाए थे और इन वीडियो को सार्वजनिक रूप से जारी करने की धमकी देकर उन्हें ब्लैकमेल कर उनसे करोड़ों रुपये वसूले थे।
नाग के खिलाफ 2022 में भुवनेश्वर के नयापल्ली और खंडगिरी थानों में मामले दर्ज किए गए थे। उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और सूचना प्रौद्योगकी (आईटी) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस जांच के दौरान ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत अपराध का आरोप लगाते हुए नाग के खिलाफ शिकायत दर्ज की और लगभग 40 लाख रुपये का एक वाहन और तीन मंजिला इमारत जब्त कर ली। इमारत का अनुमानित बाजार मूल्य 3.6 करोड़ रुपये है। (भाषा)
विजयवाड़ा, 5 दिसंबर । भीषण चक्रवाती तूफान 'मिचौंग' मंगलवार दोपहर को बापटला के पास तट से टकरायेगा। इसे लेकर आंध्र प्रदेश प्रशासन हाई अलर्ट पर है।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात मंगलवार सुबह 5.30 बजे नेल्लोर से लगभग 25 किमी उत्तर-उत्तरपूर्व, कवाली से 20 किमी पूर्व, बापटला से 110 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और मछलीपट्टनम से 170 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था।
इसमें कहा गया है कि चूंकि सिस्टम तट के करीब उत्तर की ओर बढ़ रहा है, दीवार बादल क्षेत्र का कुछ हिस्सा भूमि पर स्थित है। सिस्टम के लगभग उत्तर की ओर समानांतर और दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के करीब बढ़ने और नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच बापटला के करीब दक्षिण आंध्र प्रदेश तट को पार करने की संभावना है।
मौसम विभाग ने क्षेत्र में 90-100 किमी प्रति घंटे से लेकर 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अनुमान लगाया है।
अधिकारियों ने कहा कि समुद्र अशांत है और तट पर 1 से 1.5 मीटर तक ऊंची ज्वारीय लहरें देखी जा सकती हैं। मछुआरों को पहले ही समुद्र में न जाने की चेतावनी दी जा चुकी है।
रायलसीमा और तटीय आंध्र के कई हिस्सों में सोमवार से भारी बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान तिरूपति जिले सहित कुछ स्थानों पर 39 सेमी बारिश दर्ज की गई।
श्रीकाकुलम, विजयनगरम, विशाखापत्तनम, काकीनाडा, राजमहेंद्रवरम, भीमावरम, एलुरु, विजयवाड़ा, मछलीपट्टनम, गुंटूर, ओंगोल, नेल्लोर और तिरूपति में लगातार बारिश हो रही है।
बारिश के कारण कुछ स्थानों पर सड़क परिवहन बाधित हुआ है। तिरूपति, नेल्लोर, कृष्णा और गुंटूर जिलों के कुछ हिस्सों में निचले इलाकों में पानी भर गया।
मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने जिला कलेक्टरों, एसपी और विभिन्न विभागों के अधिकारियों को राहत उपाय करने के लिए हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।
कैंप कार्यालय से वर्चुअली समीक्षा बैठक करते हुए मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि चक्रवात को एक बड़ी चुनौती के रूप में लें और जान-माल के नुकसान से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाएं क्योंकि 110 किमी से अधिक की गति से चक्रवाती हवाएँ चलने की आशंका है।
तिरूपति, एसपीएसआर नेल्लोर, प्रकाशम, बापटला, कृष्णा, पश्चिम गोदावरी, डॉ. बीआर अंबेडकर कोनसीमा और काकीनाडा जिलों के कलेक्टरों ने अपने-अपने जिलों में राहत और बचाव तैयारियों के बारे में बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बचाव और राहत कार्यों के लिए दो-दो करोड़ रुपये जारी करने के अलावा सभी चक्रवात प्रभावित जिलों के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि विशेष अधिकारी कलेक्टरों के साथ निकट समन्वय में काम करेंगे और यदि अधिक धन की आवश्यकता होगी, तो सरकार अनुरोध का अनुपालन करेगी, उन्होंने कहा कि कलेक्टर तुरंत कोई अन्य सहायता मांग सकते हैं।
चूंकि सरकारी मशीनरी के पास 'हुदहुद' जैसे चक्रवातों से निपटने का अनुभव है, इसलिए उसे पहले से ही कमर कस लेनी चाहिए और मानव जीवन तथा पशुधन के नुकसान से बचने के लिए युद्ध स्तर पर उपाय करने चाहिए।
अधिकारियों ने कहा कि पांच एनडीआरएफ और पांच एसडीआरएफ की टीमें संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं और आवश्यक 308 शिविरों में से 181 राहत शिविर खोले गए हैं और लोगों को संवेदनशील इलाकों से स्थानांतरित किया जा रहा है। (आईएएनएस)।
हैदराबाद, 5 दिसंबर । तेलंगाना का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर नवनिर्वाचित विधायकों के बीच सर्वसम्मति न बन पाने और कांग्रेस नेतृत्व की ओर से कोई बयान नहीं आने के कारण सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह नहीं हो पाया।
इससे पहले, दिन में नवनिर्वाचित विधायकों की एक बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता का नाम देने के लिए अधिकृत किया गया था।
हालांकि, सोमवार देर रात तक नेतृत्व की ओर से कोई घोषणा नहीं हुई, जिससे राज्य इकाई प्रमुख ए. रेवंत रेड्डी के समर्थक मायूस हो गए। राज्य के शीर्ष पद की दौड़ में रेवंत का नाम सबसे आगे है।
पार्टी द्वारा घोषणा में देरी से चिंतित रेवंत रेड्डी के कुछ समर्थकों ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने की मांग करते हुए राजभवन तक मार्च किया।
इस चर्चा के बीच कि रेवंत रेड्डी सोमवार शाम को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, राजभवन में सभी व्यवस्थाएं की गईं। सामान्य प्रशासन विभाग और प्रोटोकॉल के अधिकारी राजभवन पहुंचे थे और दरबार हॉल में शपथ ग्रहण के लिए सारी व्यवस्थाएं कर ली गई थीं।
हालांकि, पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आने के कारण शपथ ग्रहण टालना पड़ा।
इससे पहले, राज्यपाल तमिलिसाई सुदरराजन ने नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए विधानसभा भंग कर दी और नई विधानसभा गठन के लिए गजट अधिसूचना जारी की।
राज्यपाल के कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, मंत्रिपरिषद के प्रस्ताव पर विधानसभा भंग की गई। मुख्य निर्वाचन अधिकारी विकास राज और चुनाव आयोग के सचिव अविनाश कुमार द्वारा निर्वाचित विधायकों की सूची राज्यपाल को सौंपेे जाने के बाद अधिसूचना जारी की गई।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और एआईसीसी पर्यवेक्षक डी.के. शिवकुमार, जो शुक्रवार से हैदराबाद में डेरा डाले हुए थे, नवनिर्वाचित विधायकों के विचारों से आलाकमान को अवगत कराने के लिए दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
सीएलपी की बैठक के बाद उन्होंने अन्य पर्यवेक्षकों दीपा दास मुंशी, डॉ. अजॉय कुमार, के.जे. जॉर्ज और के. मुरलीधरन ने सभी 64 विधायकों से अलग-अलग मुलाकात कर उनकी राय ली।
विधायकों की बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर खड़गे को नेता का नाम बताने के लिए अधिकृत किया गया।
शिवकुमार ने बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से कहा, "सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से एआईसीसी अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त करने के लिए अधिकृत करने का संकल्प लिया।"
उन्होंने कहा कि प्रस्ताव रेवंत रेड्डी द्वारा पेश किया गया था और मल्लू भट्टी विक्रमार्क, उत्तम कुमार रेड्डी, दामोदर राजा नरसिम्हा, श्रीधर बाबू और अन्य ने इसका समर्थन किया था।
शिवकुमार ने कहा कि उन सभी ने फैसला किया कि वे पार्टी के फैसले के अनुसार चलेंगे। उन्होंने मीडिया से यह भी कहा कि वे सभी विधायकों से स्वतंत्र रूप से भी मिलेंगे और उनकी राय लेंगे।
रेवंत रेड्डी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। वरिष्ठ नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क, जो भंग विधानसभा में सीएलपी नेता थे, पूर्व राज्य प्रमुख उत्तम कुमार रेड्डी और पूर्व उपमुख्यमंत्री दामोदर राजनरसिम्हा को अन्य दावेदारों के रूप में देखा जा रहा है। (आईएएनएस)
कोलकाता, 5 दिसंबर । पश्चिम बंगाल कैबिनेट के एक वरिष्ठ मंत्री ने राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और अन्य भाजपा विधायकों के खिलाफ कोलकाता के दो पुलिस स्टेशनों में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई हैं, क्योंकि सोमवार को एक सार्वजनिक प्रदर्शन के दौरान वे 'ममता चोर' लिखी हुई टी-शर्ट पहनेे हुए थे।
राज्य की वित्तमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने मैदान और हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशनों में एफआईआर दर्ज कराई हैं।
चंद्रिमा ने अपनी शिकायत में दावा किया कि ऐसा कृत्य मुख्यमंत्री का घोर अपमान है, जो राज्य की कार्यकारी प्रमुख हैं।
भाजपा विधायक दल के सदस्य पूरे शीतकालीन सत्र के लिए विपक्ष के नेता को निलंबित करने के अध्यक्ष बिमान बनर्जी के फैसले के खिलाफ विधानसभा परिसर के पास रेड रोड पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। अधिकारी को अध्यक्ष के खिलाफ "आपत्तिजनक टिप्पणी" करने के लिए 28 नवंबर को निलंबित कर दिया गया था।
अधिकारी विरोध प्रदर्शन में भाजपा विधायकों का नेतृत्व कर रहे थे, जहां सभी प्रदर्शनकारी पार्टी विधायकों ने 'ममता चोर' लिखी टी-शर्ट पहन रखी थी। (आईएएनएस)।
आइजोल, 5 दिसंबर । मिजोरम ने सोमवार को इतिहास रचा, जब पहली बार तीन महिला उम्मीदवार 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनी गईं।
ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडएमपी) की उम्मीदवार लालरिनपुई ने लुंगलेई पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की और उनकी पार्टी के सहयोगी और टेलीविजन एंकर बेरिल वन्नेइहसांगी आइजावी दक्षिण-3 सीट से चुनी गईं।
मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की प्रावो चकमा ने वेस्ट तुइपुई सीट से जीत हासिल की।
लालरिनपुई और प्रावो ने अपने पुरुष कांग्रेस उम्मीदवारों को हराया, जबकि बैरिल वन्नेइहसांगी ने अपनी एमएनएफ प्रतिद्वंद्वी को हराया।
ईसाई बहुल (87 प्रतिशत) मिज़ो समाज पारंपरिक रूप से पितृसत्तात्मक संस्कृति का पालन करने वाला है, मिजोरम के मुख्य राजनीतिक दलों ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में शायद ही महिला उम्मीदवारों को नामांकित किया हो।
7 नवंबर के विधानसभा चुनावों में 16 महिलाओं सहित 174 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जबकि 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों में 18 महिलाओं सहित कुल 209 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा।
2013 के विधानसभा चुनावों में छह महिला उम्मीदवारों सहित 136 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।
2013 या 2018 के चुनावों में कोई भी महिला उम्मीदवार नहीं जीती थी।
मिजोरम में विधायिका के लिए चुनी गई पहली महिला (मिजोरम को 1972 में 30 सदस्यीय विधायिका के साथ केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था) पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) की एल. थानमावी थीं। (आईएएनएस
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में आए विधानसभा चुनाव नतीजों को लेकर निराशा ज़ाहिर की. उन्होंने कहा कि ये 'इंडिया (विपक्षी दलों का गठबंधन) की नहीं बल्कि कांग्रेस की हार है.'
आज कई प्रमुख अख़बारों ने चुनावी हार के बाद विपक्षी राजनीतिक दलों के 'इंडिया' गठबंधन में कांग्रेस पर बढ़ते हमलों को प्रमुखता से छापा है. प्रेस रिव्यू में सबसे पहले यही ख़बर.
अंग्रेज़ी अख़बार 'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' ने लिखा है कि ममता बनर्जी ने ये एलान कर दिया है कि वो छह दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर होने वाली इंडिया की बैठक में नहीं जाएंगी. ममता बनर्जी ने इसके पीछे ये कारण दिया कि उन्हें 'पहले नहीं बताया गया था.'
बनर्जी ने कांग्रेस की रणनीति की आलोचना करते हुए ये भी कहा कि चुनावी रणनीति हमेशा सही होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि केवल भाषण देकर चुनाव जीतने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. उन्होंने विपक्षी दलों के बीच उन पार्टियों पर भी निशाना साधा जिन्होंने इन चुनावों में एक-दूसरे के सामने खड़े होकर वोट काटने का काम किया, जिसका फायदा बीजेपी को मिला.
बनर्जी की ये आलोचना ऐसे समय आई है जब इंडिया गठबंधन के कई सदस्यों ने सीट शेयर करने में कांग्रेस की अनिच्छा को लेकर नाराज़गी ज़ाहिर की है.
ख़बर के अनुसार शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने भी कांग्रेस के कमलनाथ पर मध्य प्रदेश में एसपी जैसे गठबंधन के सहयोगियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया. पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में शिवसेना ने कमलनाथ पर 'इंडिया' के सिद्धांतों का पालन न करने का आरोप लगाया है. साथ ही कांग्रेस के क्षेत्रीय नेताओं पर राहुल और प्रियंका गांधी के प्रयासों को कमज़ोर करने का आरोप भी लगाया गया है.
हालांकि, उद्धव ठाकरे इंडिया की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली आएंगे लेकिन पार्टी के सांसद संजय राउत ने बड़ी पार्टियों की प्रवृत्ति को रेखांकित करते हुए कहा कि कांग्रेस जैसे बड़े दल छोटी पार्टियों को साथ लेकर नहीं चल रहे.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी हमलावर रुख अपनाते हुए कहा, "कांग्रेस ने लालची रवैया दिखाया. उसने बीजेपी विरोधी ताकतों को एक साथ लाने की बजाय सबकुछ अपने हाथों में रखने और दबदबा बनाने को चुना. चुनावी नतीजे इसी रवैये का परिणाम है."
मध्य प्रदेश चुनाव में सीटों के बंटवारे पर अखिलेश यादव पहले ही कांग्रेस से नाराज़गी जता चुके हैं. अब नतीजे आने पर समाजवादी पार्टी के महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने कांग्रेस को सबक लेने की सलाह दी है.
उन्होंने कहा, "कांग्रेस को इस चुनाव नतीजे से सबक लेना चाहिए. हम सबको सबक लेना चाहिए. हम सब इसकी समीक्षा करेंगे. 2024 का लोकसभा चुनाव इंडिया गठबंधन को मज़बूत करने के बाद लड़ना चाहिए."
कांग्रेस पर सीट बंटवारे को लेकर दबाव
अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स लिखता है कि इंडिया गठबंधन के कम से कम दो दलों ने कांग्रेस पर बिना देरी किए 2024 लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर बात शुरू करने का दबाव बनाया है.
अख़बार ने ममता बनर्जी के उस बयान को रेखांकित किया है जिसमें उन्होंने कहा था, "आंकड़े देखिए. बीजेपी बहुत कम अंतर से जीती है. ये विपक्षी दलों के वोट में बंटने की वजह से हुआ है. इसलिए सही तरीके से सीटों का बंटवारा होना चाहिए."
वहीं अखिलेश यादव के बयान को भी जगह दी गई है.
सपा प्रमुख ने कहा, "नतीजे आ गए हैं और अहंकार खत्म हो गया."
मिज़ोरम में जीत दर्ज करने वाले लालदुहोमा रह चुके हैं इंदिरा गांधी के सुरक्षा दस्ते का हिस्सा
मिज़ोरम में मौजूदा सीएम ज़ोरामथांगा की पार्टी को हराने वाले लालदुहोमा अब राज्य के अगले मुख्यमंत्री बन सकते हैं. 74 साल के पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा मिज़ोरम में जाना-पहचाना नाम हैं.
अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने बताया है कि लालदुहोमा देश के पहले सांसद थे जिन्हें दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिया गया था और उसके बाद विधायक के तौर पर भी उनका पद गया था.
म्यांमार की सीमा से सटते चंफाई ज़िले के तुआलपुई गांव में जन्में लालदुहोमा ने गरीबी से बचने के लिए पढ़ाई-लिखाई की.
हालांकि, उनकी ये मेहनत रंग लाई. साल 1972 में जब मिज़ोरम केंद्र शासित प्रदेश हुआ करता था, तब वहां के पहले सीएम सी चुंगा ने उन्हें अपने कार्यालय में मुख्य सहयोगी का काम दिया.
लालदुहोमा ने इस नौकरी के साथ-साथ गुवाहाटी यूनिवर्सिटी में शाम के एक कोर्स में दाखिला लिया. उन्होंने यहां से स्नातक किया और फिर पांच साल बाद सिविल सेवा की परीक्षा भी पास की.
आईपीएस अधिकारी के तौर पर लालदुहोमा को गोवा में पोस्टिंग मिली. इस दौरान उन्होंने ड्रग माफ़ियाओं के प्रति कड़ा रुख अपनाया, जो कि उस समय की पीएम इंदिरा गांधी को पसंद आ गया. इसके बाद लालदुहोमा का तबादला 1982 में दिल्ली किया गया और फिर वो इंदिरा गांधी के सुरक्षा दस्ते में शामिल हुए.
उस समय लालदुहोमा ने विद्रोही नेता लालदेंगा के मिज़ो नेशनल फ़्रंट को सरकार से बातचीत के लिए तैयार करने में अहम भूमिका निभाई. हालांकि, 1984 में लालदुहोमा ने अपनी नौकरी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया.
वह मिज़ोरम से सांसद बने, लेकिन चार साल बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया.
यूपी में महिलाओं के ख़िलाफ़ सबसे अधिक अपराध: रिपोर्ट
अंग्रेज़ी अख़बार द टेलीग्राफ़ ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर बताया है कि महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है.
अख़बार लिखता है, "योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के कुल 65 हज़ार 743 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद महाराष्ट्र में 45 हज़ार 331 और राजस्थान में 45058 केस दर्ज हुए. ये आंकड़े 2022 के हैं. साल 2021 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध को लेकर दर्ज मामलों की संख्या 56 हज़ार 83 थी. इसके बाद राजस्थान में 40 हज़ार 738 केस दर्ज किए गए थे."
ख़बर के अनुसार अभी-अभी संपन्न हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने महिलाओं के खिलाफ़ अपराध को अपने चुनावी प्रचार का अहम हिस्सा बनाया था. राजस्थान में बीजेपी ने जीत दर्ज की है.
बीते साल देशभर में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के 4 लाख 45 हज़ार से अधिक केस आए, जो 2021 की तुलना में चार फ़ीसदी अधिक थे.
इनमें से अधिकांश मामले पति या रिश्तेदारों की ओर से होने वाले अत्याचार से जुड़े थे. इसके बाद अपहरण, किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला और बलात्कार से जुड़े थे.
तेलंगाना में सीएम के नाम पर सस्पेंस बरकरार
तेलंगाना में बीआरएस को हराकर सबसे अधिक सीटों पर जीतने वाली कांग्रेस अभी भी सीएम पद के लिए नाम पर मंथन कर रही है.
अंग्रेज़ी अख़बार 'द हिंदू' की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस आलाकमान ने अब तक विधायक दल के नेता के नाम पर आख़िरी फ़ैसला नहीं लिया है.
हालांकि, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी का नाम हर किसी के दिमाग में है लेकिन हाई कमान ने अभी तक इसपर मुहर नहीं लगाई है. सोमवार को हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर आखिरी फैसला छोड़ दिया गया.
ख़बर के अनुसार एआईसीसी की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षक और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री पद के दावेदारों और विधायकों के साथ कई दौर की वार्ता की है. साथ ही एक-एक विधायक से उनकी राय भी पूछी गई है और इस आधार पर पार्टी हाई कमान को रिपोर्ट सौंप दी गई है.
ऐसा कहा जा रहा था कि सोमवार शाम तक सीएम के नाम पर फ़ैसला आ जाएगा और रात में राजभवन में शपथग्रहण होगा. लेकिन सोमवार देर शाम पार्टी हाई कमान ने डीके शिवकुमार और अन्य पर्यवेक्षकों को और विचार-विमर्श के लिए दिल्ली बुलाया. अब गेंद कांग्रेस आलाकमान के हाथों में है और माना जा रहा है कि मंगलवार या बुधवार तक सीएम के नाम पर फैसला हो जाएगा. (bbc.com)
नई दिल्ली, 5 दिसंबर । खालिस्तानी-गैंगस्टर गठजोड़ पर कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कथित संदिग्धों से जुड़े परिसरों पर हरियाणा और राजस्थान में 12 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली।
ईडी सूत्रों के अनुसार, एजेंसी के अधिकारी खालिस्तान और गैंगस्टरों से जुड़े कथित संदिग्धों से संबंधित परिसरों पर दोनों राज्यों में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर तलाशी ले रहे थे।
तलाशी मंगलवार सुबह शुरू हुई और वर्तमान में कई स्थानों पर चल रही है।
हालांकि, सूत्र ने उन संदिग्धों के नाम का खुलासा नहीं किया जिनके परिसरों की तलाशी ली जा रही है।
ईडी के अधिकारी इस घटनाक्रम पर चुप्पी साधे हुए हैं।
इससे पहले एनआईए ने खालिस्तानी और गैंगस्टर गठजोड़ के खिलाफ भी कार्रवाई की थी और कई राज्यों में कई स्थानों पर तलाशी ली थी। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 5 दिसंबर । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को तमिलनाडु में चक्रवात 'मिचौंग' के प्रभाव से हुई जानमाल की हानि पर दुख व्यक्त किया और केंद्र से राज्यों को हर संभव सहायता देने का आग्रह किया।
एक्स पर एक पोस्ट में, खड़गे ने कहा, "तमिलनाडु में चक्रवात मिचौंग का प्रभाव देखना दुखद है, जहां बहुमूल्य जानें चली गईं। चक्रवात के आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पुडुचेरी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की आशंका है और झारखंड में भारी बारिश हो सकती है।''
''सभी राज्य सरकारों को जरूरत की इस घड़ी में केंद्र सरकार से हरसंभव सहायता मिलनी चाहिए। किसी भी संकट को टालने के लिए हमें एक साथ रहना होगा। मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अनुरोध करता हूं कि वे साथी नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करें। लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है।''
चक्रवात मिचौंग के कारण सोमवार को तमिलनाडु में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और चेन्नई सबसे अधिक प्रभावित हुआ।
राज्य की राजधानी में भारी बारिश हुई है, जिसके चलते सबवे और मुख्य सड़कों पर पानी भर गया है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 5 दिसंबर । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को तमिलनाडु में चक्रवात 'मिचौंग' के प्रभाव से हुई जानमाल की हानि पर दुख व्यक्त किया और केंद्र से राज्यों को हर संभव सहायता देने का आग्रह किया।
एक्स पर एक पोस्ट में, खड़गे ने कहा, "तमिलनाडु में चक्रवात मिचौंग का प्रभाव देखना दुखद है, जहां बहुमूल्य जानें चली गईं। चक्रवात के आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पुडुचेरी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की आशंका है और झारखंड में भारी बारिश हो सकती है।''
''सभी राज्य सरकारों को जरूरत की इस घड़ी में केंद्र सरकार से हरसंभव सहायता मिलनी चाहिए। किसी भी संकट को टालने के लिए हमें एक साथ रहना होगा। मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अनुरोध करता हूं कि वे साथी नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करें। लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है।''
चक्रवात मिचौंग के कारण सोमवार को तमिलनाडु में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और चेन्नई सबसे अधिक प्रभावित हुआ।
राज्य की राजधानी में भारी बारिश हुई है, जिसके चलते सबवे और मुख्य सड़कों पर पानी भर गया है। (आईएएनएस)।
गोपालगंज, 5 दिसंबर । भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मुकेश कुमार ने ऑस्ट्रेलिया के साथ 20-20 सीरीज में अपना जलवा दिखाने के बाद सोमवार को अपनी शादी की रिसेप्शन पार्टी रखी। इस पार्टी में आम से लेकर खासलोगों ने शिरकत की।
मुकेश सीरीज के बीच ही गोपालगंज पहुंचे थे और अपनी दोस्त दिव्या सिंह के साथ सात फेरे लिए थे। लेकिन शादी के दूसरे दिन ही वे फिर रायपुर रवाना हो गए थे। मुकेश ने बिहार के ही छपरा की रहने वाली दिव्या सिंह के साथ शादी करने के बाद सोमवार को गोपालगंज में रिप्सेप्शन दिया। सदर प्रखंड के काकड़कुंड गांव में रिप्सेप्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
आस्ट्रेलिया से हुई टी-20 सीरीज में अपनी बेहतर गेंदबाजी का जौहर दिखा चुके मुकेश कुमार का गांव पहुंचने पर भरपूर स्वागत किया गया। मुकेश 28 नवंबर को दिव्या के साथ सात फेरे लेने के बाद रिप्सेप्शन के दौरान पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए। इस क्रम में उन्होंने अपनी प्रेम कहानी के भी राज खोल दिए। उन्होंने कहा कि उनके जीवन का पहला प्यार दिव्या थी और उसे ही जीवन संगिनी बनाने का फैसला किया।
दिव्या दरअसल मुकेश के बड़े भाई की साली है। दिव्या और मुकेश ने साथ में पढ़ाई की और दोस्त हो गए। इसके बाद उसी के साथ शादी करके जिंदगी की नई पारी की शुरुआत कर रहें हैं। दिव्या सिंह के साथ मुकेश कुमार ने शादी करके खुशी जाहिर की। मुकेश कुमार का भारतीय टीम के दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए भी चयन हुआ है।
इस रिप्सेप्शन में गोपालगंज के जिलाधिकारी नवल किशोर और पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात भी पहुंचे और मुकेश को बधाई दी। मुकेश कुमार ने कुछ महीने पहले ही दिव्या सिंह के साथ सगाई की थी।
इस पार्टी में दिव्या सिंह भी काफी खुश नजर आ रही थीं। लहंगा पहनी दिव्या सभी से मिल रही थी।
गौरतलब है कि क्रिकेटर मुकेश कुमार सदर प्रखंड के काकड़कुंड गांव के रहने वाले स्वर्गीय काशीनाथ सिंह और मालती देवी के पुत्र हैं। मुकेश कुमार के पिता कोलकाता में टैक्सी ड्राइवर का काम करते थे। (आईएएनएस)।
बेंगलुरु, 5 दिसंबर । कर्नाटक लोकायुक्त ने मंगलवार को राज्य भर में 13 सरकारी अधिकारियों के 63 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान करोड़ों रुपये के कीमती सामान और संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए गए।
200 से अधिक लोकायुक्त अधिकारियों ने सुबह-सुबह बेंगलुरु में तीन स्थानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की। बल्लारी, कोप्पल, चिक्काबल्लापुरा, मैसूरु, कोलार जिला और धारवाड़ शहर में दो-दो स्थानों पर अलग से छापेमारी की जा रही है।
सूत्रों से पता चला है कि बेंगलुरु इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (बेसकॉम) से जुड़े एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के यहां छापेमारी में उनकी पत्नी के नाम पर करोड़ों रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है। अधिकारियों ने तीन किलोग्राम सोना, 28 किलोग्राम चांदी, 25 लाख रुपये मूल्य के हीरे, 6 लाख रुपये नकद और 1.5 करोड़ रुपये मूल्य के एंटीक कलेक्शन बरामद किए।
कार्यकारी अभियंता ने कथित तौर पर अपार्टमेंट और वाणिज्यिक भवनों को कनेक्शन देने के लिए रिश्वत ली। कर्नाटक लोकायुक्त के पास इसकी शिकायत दर्ज की गई थी। अधिकारी वर्तमान में एक लक्जरी अपार्टमेंट में रहता है, और विभिन्न स्थानों पर स्थित उसकी सात संपत्तियों पर छापेमारी की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, बेसकॉम के कार्यकारी अभियंता के अलावा, कलबुर्गी में जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ), एक मिल्क को-ऑपरेटिव सोसाइटी के सीईओ, रिजर्व वन अधिकारी, भूविज्ञानी, सेवानिवृत्त वाइस चांसलर, व्याख्याता, स्टोरकीपर, बागवानी विभाग के उप निदेशक और नगर पालिका आयुक्त सहित कई अन्य अधिकारियों के आवासों पर भी छापेमारी की जा रही है। (आईएएनएस)।
भारत में स्थानीय भाषाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल को लेकर बड़े पैमाने पर कोशिशें हो रही हैं. आम लोग इस काम में मदद कर रहे हैं.
कर्नाटक के एक गांव में पिछले कुछ हफ्तों से ग्रामीण स्थानीय कन्नड़ भाषा में वाक्य रिकॉर्ड कर रहे हैं. एक ऐप के जरिए इस भाषा को रिकॉर्ड किया जा रहा है, ताकि टीबी के लिए देश का पहला एआई-आधारित चैटबॉट बनाया जा सके.
भारत में चार करोड़ से ज्यादा कन्नड़ भाषी लोग हैं और यह भारत की 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक है. साथ ही, यह भारत की उन 121 भाषाओं में से एक है, जिसे 10 हजार या उससे ज्यादा लोग बोलते हैं. लेकिन इनमें से चंद भाषाएं ही ऐसी हैं, जो नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (एनएलपी) के तहत आती हैं.
डाटा जुटाने की कोशिश
एनएलपी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की एक शाखा है. यह कंप्यूटरों को विभिन्न भाषाएं समझने के लिए तैयार करती है. चूंकि देश की 121 भाषाओं में से अधिकतर एनएलपी के तहत नहीं आतीं, इसलिए देश के करोड़ों लोग कंप्यूटर का फायदा उठाने से महरूम हैं.
माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडिया में मुख्य शोधकर्ता कलिका बाली कहती हैं, "एआई टूल हर एक के लिए तभी फायदेमंद साबित हो पाएंगे, जब वे अंग्रेजी, फ्रेंच या स्पैनिश ना बोलने वाले लोगों के भी काम आएं. लेकिन चैटजीपीटी जैसे बड़े एआई टूल के लिए जितना डाटा चाहिए, अगर उतना हमें भारतीय भाषाओं में जुटाना हो तो दस साल तक इंतजार करना पड़ेगा. इसलिए हम ऐसा कर सकते हैं कि चैटजीपीटी या लामा जैसे बड़े एआई टूल के ऊपर एक और परत बनाई जाए.”
कर्नाटक के इस गांव के लोगों की तरह ही अलग-अलग भाषाओं के हजारों लोगों के जरिए इस तरह का डाटा जमा किया जा रहा है. तकनीकी कंपनी कार्य (KARYA) अलग-अलग भाषाओं में डाटा जुटा रही है, जिसके इस्तेमाल से माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी कंपनियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सेवाओं के लिए एआई मॉडल बनाने में मदद मिले.
सरकार भी प्रयासरत
भारत सरकार अधिक-से-अधिक सेवाओं को डिजिटल माध्यमों से उपलब्ध कराना चाहती है. वह भी ऐसे स्थानीय डाटा सेट तैयार कर रही है. इसे भाषीनी नामक एक एआई आधारित अनुवाद व्यवस्था के जरिए तैयार किया जा रहा है. स्थानीय भाषाओं में एआई टूल तैयार करने के लिए यह एक ओपनसोर्स सिस्टम है.
भाषीनी एक ऐसा प्लैटफॉर्म है, जो आम लोगों की मदद से डाटा जमा करता है. इसमें स्थानीय लोग अपनी इच्छा से अलग-अलग भाषाओं में ऑडियो रिकॉर्ड करते हैं. यही लोग ऑडियो की जांच करते हैं, दूसरे लोगों द्वारा लिखे गए वाक्यों और उनके अनुवादों की जांच करते हैं. भाषीनी के जरिए दसियों हजार लोग इस काम में अपना योगदान दे चुके हैं.
मुंबई स्थित कंप्यूटेशन फॉर इंडियन लैंग्वेज टेक्नोलॉजी लैब के प्रमुख पुष्पक भट्टाचार्य बताते हैं, "बड़े लैंग्वेज मॉडलों को भारतीय भाषाओं में प्रशिक्षित करने के लिए भारत सरकार काफी बड़े पैमाने पर कोशिश कर रही है. ये टूल शिक्षा, पर्यटन और अदालतों समेत बहुत से क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. लेकिन बहुत चुनौतियां भी हैं. भारतीय भाषाएं मुख्यतया बोलचाल में उपलब्ध हैं. उनके समुचित इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं. कोड मिक्सिंग भी बहुत ज्यादा है. कम लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं में डाटा जमा करना भी एक बड़ी चुनौती है, जिसके लिए अतिरिक्त प्रयासों की जरूरत है.”
अंग्रेजी का दबदबा
दुनिया में लगभग सात हजार भाषाएं हैं, जिनमें से 100 से भी कम हैं जो एनएलपी के तहत उपलब्ध हैं. इनमें अंग्रेजी सबसे आगे है. पूरी दुनिया में हलचल पैदा करने वाले चैटजीपीटी को मुख्यतया अंग्रेजी में ही तैयार किया गया है. गूगल का बोर्ड भी अंग्रेजी तक ही सीमित है. एमेजॉन का एलेक्सा जिन नौ भाषाओं में जवाब देता है, उनमें से तीन ही- अरबी, हिंदी और जापानी, गैर-यूरोपीय भाषाएं हैं.
भारत की 1.4 अरब की आबादी में से 11 फीसदी ही अंग्रेजी बोलती, समझती है. इसलिए स्थानीय भाषाओं में एआई टूल उपलब्ध कराने की जरूरत बहुत बड़ी है. अब सरकारें और निजी कंपनियां इस अंतर को पाटने की कोशिश कर रही हैं.
बाली कहती हैं कि भारत जैसे देश में क्राउडसोर्सिंग भाषायी डाटा जुटाने का एक प्रभावशाली तरीका है. वह कहती हैं, "क्राउडसोर्सिंग से भाषा, संस्कृति और सामाजिक आर्थिक पहलुओं की छोटी-छोटी बातें भी शामिल हो जाती हैं. लेकिन लैंगिक, नस्लीय और सामाजिक-आर्थिक भेदभाव के बारे में जागरूकता की जरूरत है. ऐसा पूरी नैतिकता के साथ किया जाना चाहिए. इसके लिए काम करने वालों को तैयार करना, उन्हें काम का भुगतान देना और छोटी भाषाओं में डाटा जमा करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करना भी बड़ी चुनौतियां हैं.”
वीके/एए (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)
हैदराबाद, 4 दिसंबर । ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने विधानसभा में अपनी सात सीटें बरकरार रखीं, लेकिन उनमें से दो को खोने के करीब पहुंच गई।
अपने पारंपरिक गढ़ में पार्टी का वोट शेयर भी कम हुआ है। एआईएमआईएम के उम्मीदवारों ने दो निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की, जबकि पांच अन्य क्षेत्रों में भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की।
एआईएमआईएम, जिसे एमआईएम भी कहा जाता है, ने उन सीटों को बरकरार रखा जो वह 2009 से जीत रही थी।
बीआरएस की एक सहयोगी पार्टी, इसने नौ सीटों पर चुनाव लड़ा था, सभी हैदराबाद में और राज्य के बाकी हिस्सों में बीआरएस का समर्थन किया था।
पार्टी का वोट शेयर 2018 में 2.71 प्रतिशत से घटकर इस बार 2.22 प्रतिशत हो गया। उन्होंने पिछले चुनाव में आठ के मुकाबले इस बार नौ सीटों पर चुनाव लड़ा था।
असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी को 2018 में आठ खंडों में 5,61,091 के मुकाबले सभी नौ निर्वाचन क्षेत्रों में 5,19,379 वोट मिले।
इनके उम्मीदवारों ने याकूतपुरा और नामपल्ली निर्वाचन क्षेत्रों में सफलता हासिल की।
पार्टी ने पुराने शहर याकूतपुरा को केवल 878 वोटों से बरकरार रखा।
एआईएमआईएम के जाफर हुसैन को 46,153 वोट मिले, जबकि मजलिस बचाओ तहरीक (एमबीटी) के उम्मीदवार अमजेदुल्ला खान को 45,275 वोट मिले।
भाजपा के एन. वीरेंद्र बाबू यादव 22,354 के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
एमआईएम उम्मीदवार कई राउंड में पीछे चल रहे थे और एक समय ऐसा लग रहा था कि पार्टी सीट हार जाएगी।
2018 में, सैयद अहमद पाशा कादरी ने लगभग 47,000 वोटों के अंतर से सीट बरकरार रखी थी।
जैसी कि उम्मीद थी, एमआईएम को नामपल्ली में कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ा।
ग्रेटर हैदराबाद के पूर्व मेयर मोहम्मद माजिद हुसैन कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद फिरोज खान के खिलाफ केवल 2,037 वोटों के अंतर से चुने गए। माजिद हुसैन को 62,185 वोट मिले जबकि फिरोज खान को 60,148 वोट मिले।
बीआरएस उम्मीदवार आनंद कुमार गौड़ को 15,420 वोट मिले। असदुद्दीन ओवैसी के आरोपों के बीच कि आरएसएस नेता कांग्रेस उम्मीदवार की जीत के लिए प्रचार कर रहे थे, शहर के मध्य में स्थित निर्वाचन क्षेत्र में तनावपूर्ण लड़ाई देखी गई।
फ़िरोज़ खान 2009 से नामपल्ली से हर चुनाव लड़ रहे हैं और दूसरे स्थान पर रहे हैं।
2018 में वह एमआईएम उम्मीदवार से 9,675 वोटों से हार गए।
असदुद्दीन औवेसी के भाई अकबरुद्दीन औवेसी ने 81,668 वोटों के अंतर से चंद्रयानगुट्टा सीट बरकरार रखी। वह 1999 से इस सीट पर जीतते आ रहे हैं।
पूर्व मेयर मीर जुल्फेकार अली चारमीनार से भाजपा की एम. रानी अग्रवाल के खिलाफ 22,000 से अधिक मतों के अंतर से चुने गए।
कौसर मोहिउद्दीन भाजपा के अमर सिंह के खिलाफ लगभग 42,000 वोटों के भारी अंतर से कारवां से फिर से चुने गए।
मलकपेट में, अहमद बिन अब्दुल्ला बलाला कांग्रेस उम्मीदवार शेख अकबर के खिलाफ 26,000 से अधिक वोटों से एक बार फिर विजयी हुए।
एमआईएम के मोहम्मद मुबीन बहादुरपुरा से बीआरएस के मीर इनायत अली बाकरी के खिलाफ 67,000 से अधिक वोटों के भारी अंतर से चुने गए।
जुबली हिल्स में, एमआईएम उम्मीदवार राशेद फराजुद्दीन चौथे स्थान पर रहे।
पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान और कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन को इस निर्वाचन क्षेत्र में बीआरएस के मौजूदा विधायक मगंती गोपीनाथ ने 16,337 वोटों से हरा दिया। बीजेपी उम्मीदवार एल. दीपक रेड्डी तीसरे स्थान पर रहे।
एमआईएम ने 2018 में इस सीट पर चुनाव नहीं लड़ा था जबकि उसके उम्मीदवार वी. नवीन यादव 2014 में दूसरे स्थान पर रहे थे।
राजेंद्रनगर निर्वाचन क्षेत्र में एमआईएम का वोट शेयर काफी कम हो गया। इसके उम्मीदवार मंदागिरी स्वामी यादव 25,670 वोटों के साथ चौथे स्थान पर रहे।
कांग्रेस उम्मीदवार के. नरेंद्र तीसरे स्थान पर रहे। मुबीन, जुल्फेकार अली और माजिद हुसैन पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए हैं। रविवार देर रात एआईएमआईएम मुख्यालय दारुस्सलाम में बड़ा जश्न मनाया गया।
असदुद्दीन ओवैसी और पार्टी के सभी नवनिर्वाचित विधायकों के साथ सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता इस जश्न में शामिल हुए। (आईएएनएस)।