खेल
नई दिल्ली, 5 नवंबर| भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली गुरुवार को 32 साल के हो गए हैं। उनके जन्मदिन पर सोशल मीडिया पर कई लोग उन्हें बधाइयां दे रहे हैं। कोहली ने 2008 में अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण किया था। उन्होंने अभी तक 86 टेस्ट मैचों, 248 वनडे और 82 टी-20 मैचों में टीम का प्रतिनिधित्व किया है। आईसीसी के बल्लेबाजों की वनडे रैंकिंग में वह पहले स्थान पर हैं जबकि टेस्ट में वह नंबर-2 और टी-20 में नौवें नंबर पर हैं।
बीसीसीआई ने ट्वीट किया, "2011 विश्व कप विजेता, 21,901 रन, 70 अंतर्राष्ट्रीय शतक, भारतीय कप्तान के तौर पर सबसे ज्यादा टेस्ट जीत, टी-20 (पुरुष) में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज। भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली को जन्मदिन की बधाई।"
भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने लिखा है, "वह इंसान जिसने फिटनेस और मेहनत करने के नए पैमाने तय किए और काफी कम उम्र में ही महानता हासिल की। विराट कोहली को जन्मदिन की शुभकामनाएं।"
सुरेश रैना ने ट्वीट किया, "जन्मदिन मुबारक हो विराट कोहली। शुभकामनाएं, आप सफलता हासिल करो।"
आईसीसी के ट्विटर हैंडल ने कोहली के कुछ आंकड़ों को ट्वीट करते हुए लिखा, "21,901 अंतर्राष्ट्रीय रन, 70 शतक, 56.15 औसत, आईसीसी विश्व कप-2011 विजेता और चैम्पियंस ट्रॉफी विजेता, वनडे रैंकिंग में शीर्ष बल्लेबाज। विराट कोहली को जन्मदिन मुबारक।"
पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस. लक्ष्मण ने लिखा, "जन्मदिन की शुभकामनाएं। आपको सफलता, प्यार और आनंद मिले।"
भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कहा, "जन्मदिन की शुभकामनाएं। आने वाले वर्षों में आपको सफलता और खुशी मिले।"
कोहली इस समय संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हैं और आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर की कप्तानी कर रहे हैं। (आईएएनएस)
पेरिस, 5 नवंबर | बीस बार के ग्रैंड स्लैम विजेता स्पेन के राफेल नडाल ने अपने खाते में एक और उपलब्धि जोड़ ली है। वह टेनिस इतिहास में ओपन इरा में 1000 एकल मैच जीतने वाले चौथे खिलाड़ी बन गए हैं। नडाल ने यह मुकाम बुधवार को पेरिस मास्टर्स में फेलेसियानो लोपेज को 4-6, 7-6 (5), 6-4 से मात दे कर हासिल किया। इस जीत के साथ नडाल टूर्नामेंट के तीसरे दौर में पहुंच गए हैं।
टेनिस में 1000 या इससे ज्यादा एकल मैच जीतने के मामले में नडाल से पहले जिम्मी कोन्नोर्स (1,274-283), रोजर फेडरर (1,242-271), इवान लेंडल (1,068-242) हैं।
एटीपी वेबसाइट ने नडाल के हवाले ले लिखा है, "1000 मैच जीतने का मतलब है कि मैं बूढ़ा हो चुका हूं। इसका मतलब है कि मैंने लंबे समय तक अच्छी टेनिस खेली है। इस आंकड़े पर पहुंचने का मतलब है कि मैं काफी वर्षों से अच्छा खेल रहा हूं। यह ऐसी चीज है जो मुझे खुशी देती है।"
उन्होंने कहा, "मैं उन सभी लोगों को शुक्रिया कहना चाहता हूं जिन्होंने यहां तक पहुंचने में मेरी मदद की।"(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 5 नवंबर| अगले साल पंचकुला में होने वाले खेलो इंडिया गेम्स के फर्जी विज्ञापन को लेकर भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने एफआईआर दर्ज कराई है। इस विज्ञापन के माध्य से पूरे देश में कई खिलाड़ियों को ठगा गया।
साई ने एक बयान में कहा, "साई को देशभर के जमीनी स्तर के खिलाड़ियों से शिकायत मिली है कि तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अगले साल पंचकुला में होने वाले खेलो इंडिया गेम्स को लेकर विज्ञापन जारी किया गया है जिसमें खेलों में हिस्सा लेने को लेकर आवेदन मांगे गए हैं।"
इस विज्ञापन में खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय, साई और खेलो इंडिया का लोगो उपयोग में लिया गया है जिसके कारण कई खिलाड़ियों ने इसे सरकारी विज्ञापन समझ लिया।
साई ने बताया, "विज्ञापन में खिलाड़ियों से 6,000 रुपये जमा कर खेलो इंडिया कैम्प में शामिल होने की बात कही गई है। साथ ही बच्चों को आश्वासन दिया गया है कि वह ट्रायल्स के बाद खेलो इंडिया गेम्स में हिस्सा ले सकेंगे। विज्ञापन में एक फोन नंबर भी दिया गया है।"
बयान में आगे कहा गया, "साई ने उस इंसान के बैंक खाते की जानकारी हासिल कर ली है और यह शख्स आगरा का रहने वाला है।"
साई ने बताया, "साई ने उत्तर प्रदेश पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई है और इस मामले में तुरंत जांच की मांग की है।"
साई ने कहा है कि उसके द्वारा या खेलो इंडिया के द्वारा किसी तरह के ट्रायल्स का आयोजन नहीं किया जाएगा।
बयान में कहा गया है, "खेलो इंडिया में जो खिलाड़ी आते हैं वो एसजीएफआई/एआईयू द्वारा आयोजित स्कूल गेम्स और यूनिवर्सिटी गेम्स में अपने प्रदर्शन के आधार पर आते हैं।" (आईएएनएस)
दुबई, 5 नवंबर । इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें संस्करण के क्वालीफायर-1 में आज दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में मौजूदा चैंपियन मुंबई इंडियंस का सामना दिल्ली कैपिटल्स से होगा। इस मैच को जीतने वाली टीम सीधे फाइनल में प्रवेश करेगी। हारने वाली टीम बाहर नहीं होगी, बल्कि उसे क्वालीफायर-2 खेलने का मौका मिलेगा, जहां वो एलिमिनेटर मैच जीतने वाली टीम के सामने खेलेगी।
पहले और दूसरे स्थान पर लीग चरण का अंत करने वाली टीमों को क्वालीफायर-1 में खेलने का मौका मिलता है, और इन दोनों टीमों के पास फाइनल में पहुंचने के दो मौके होते हैं जबकि तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीमों को फाइनल में पहुंचने के लिए दो जीत हासिल करनी पड़ती हैं।
सनराइजर्स हैदराबाद ने तीसरे और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर ने चौथे स्थान पर रहते हुए प्लेऑफ में जगह बनाई है। यह दोनों टीमें एलिमिनेटर मुकाबला खेलेंगी, और जीतने वाली टीम फिर क्वालीफायर-2 में पहले क्वालीफायर में हार कर आने वाली टीम से भिड़ेगी।
चार बार की विजेता मुंबई एक बार फिर फाइनल की रेस में है और दावेदारी भी मजबूती से पेश कर रही है। वहीं दिल्ली ने आज तक आईपीएल फाइनल नहीं खेला है। श्रेयस अय्यर की कप्तानी वाली टीम अपने 12 साल के इस सूखे को 13वें सीजन में खत्म करना चाहेगी और उसमें इसकी काबिलियत भी है।
दोनों टीमों का पूरे सीजन का प्रदर्शन देखा जाए तो अच्छा रहा है। सबसे अच्छी बात यह है कि यह दोनों टीमें संतुलित रही हैं और किसी एक खिलाड़ी के ऊपर निर्भर नहीं हैं, जो उनकी ताकत है।
सीजन की शानदार शुरूआत करने वाली दिल्ली ने लीग चरण के अंत में अपनी फॉर्म गंवा दी थी, लेकिन आखिरी मुकाबला जीत उसने अपना आत्मविश्वास भी हासिल किया और प्लेऑफ में जगह भी।
बल्लेबाजी में दिल्ली के लिए अच्छी खबर यह रही थी कि अजिंक्य रहाणे ने फॉर्म में वापसी की और बेंगलोर के खिलाफ शानदार अर्धशतकीय पारी खेल टीम को जीत दिलाई थी।
रहाणे कुछ मैचों में विफल रहे थे, लेकिन अहम मैच में उन्होंन बल्ले से रन निकाल टीम की मदद की थी। शिखर धवन के साथ उन्होंने बेहतरीन साझेदारी की। धवन भी शानदार फॉर्म में हैं और लगातार अच्छी पारियां खेलते आ रहे हैं। उनके सलामी जोड़ीदार पृथ्वी शॉ का बल्ला जरूर शांत है। मुंबई के खिलाफ शॉ के कंधों पर भी बड़ी जिम्मेदारी होगी।
कप्तान श्रेयस अय्यर भी फॉर्म में हैं। मार्कस स्टोइनिस से टीम निचले क्रम में आतिशी बल्लेबाजी की उम्मीद करेगी। टीम ने पिछले मैच में शिमरन हेटमायेर को बाहर रखा था। अगर हेटमायर को इस मैच में लाया जाता है तो कौन सा खिलाड़ी बाहर बैठेगा यह देखना होगा।
ऋषभ पंत टीम के लिए अहम खिलाड़ी हैं और उनका चलना भी टीम के लिए काफी जरूरी है।
गेंदबाजी में कैगिसो रबादा, एनरिक नॉर्टजे ने दमदार प्रदर्शन किया है। मुंबई के मजबूत बल्लेबाजी क्रम को रोकना और उसे बड़ा स्कोर नहीं बनाने देना, इस काम को अंजाम देना इन दोनों के हाथों में होगा। अगर यह दोनों शुरुआत कर देते हैं, तो बीच में रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल किसी भी बल्लेबाजी क्रम को रोकने का दम रखते हैं।
दिल्ली को हालांकि यह समझना होगा कि मुंबई के बल्लेबाजों को रोकना आसान नहीं है। रोहित शर्मा की टीम में वापसी हो गई है और वह जिस तरह के बल्लेबाज हैं उससे दिल्ली वाकिफ है। उनके सलामी जोड़ीदार क्विंटन डी कॉक भी मुंबई के लिए लगातार रन कर रहे हैं।
तीसरे नंबर पर आने वाले सूर्यकुमार यादव का बल्ला भी गरज रहा है। ईशान किशन को जहां बल्लेबाजी का मौका मिला है उन्होंने रन किए हैं। रोहित के जाने के बाद उन्हें बतौर सलामी बल्लेबाज आजमाया गया और वह इसमें भी सफल रहे थे।
केरन पोलार्ड, हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या भी नीचे तेजी से रन बनाते आ रहे हैं। इस टीम में वो क्षमता है कि इसकी बल्लेबाजी में अगर तीन खिलाड़ी विफल रहते हैं तो अगले तीन बल्लेबाज उनकी भरपाई कर सकते हैं।
सनराइजर्स हैदराबाद ने मुंबई के मजबूत बल्लेबाजी क्रम को कम स्कोर पर रोका था, दिल्ली के लिए यह ध्यान देने वाली बात होगी।
वहीं मुंबई की गेंदबाजी की बात की जाए तो उसने हैदराबाद के खिलाफ अपने आखिरी मैच में जसप्रीत बुमराह और ट्रेंट बाउल्ट को आराम दिया था। टीम के प्रदर्शन को देखकर साफ पता चला था कि इन दोनों की कमी टीम को खली है।
क्वालीफायर-1 में जाहिर है कि यह दोनों वापसी करेंगे और धवन कलुकर्णी के अलावा जेम्स पैटिनसन या नाथन कुल्टर नाइल में से किसी एक को बाहर जाना होगा। स्पिन में राहुल चहर पर काफी कुछ निर्भर करेगा।
टीमें (संभावित):
मुंबई इंडियंस : रोहित शर्मा (कप्तान), आदित्य तारे (विकेटकीपर), अनमोलप्रीत सिंह, अनुकूल रॉय, क्रिस लिन, धवल कुलकर्णी, दिग्विजय देशमुख, हार्दिक पांड्या, ईशान किशन, जेम्स पैटिनसन, जसप्रीत बुमराह, जयंत यादव, कीरन पोलार्ड, क्रुणाल पांड्या, मिशेल मैक्लेंघन, मोहसिन खान, नाथन कुल्टर नाइल, प्रिंस बलवंत राय, क्विंटन डी कॉक (विकेटकीपर), राहुल चहर, सौरभ तिवारी, शेरफाने रदरफोर्ड, सूर्यकुमार यादव, ट्रेंट बोल्ट।
दिल्ली कैपिटल्स : श्रेयस अय्यर (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, एलेक्स कैरी, पृथ्वी शॉ, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), शिखर धवन, शिमरन हेटमायेर, अक्षर पटेल, ललित यादव, मार्कस स्टोयनिस, कीमो पॉल, आवेश खान, हर्षल पटेल, कैगिसो रबादा, मोहित शर्मा, रविचंद्रन अश्विन, संदीप लामिछाने, एनरिक नॉर्खिया, तुषार देशपांडे।(आईएएनएस/ ग्लोफैंस)
पिछले बार की चैंपियन और चार बार आईपीएल के फ़ाइनल में पहुँची मुंबई इंडियंस का जलवा 13वें संस्करण में भी बरक़रार है.
शुक्रवार को मुंबई इंडियंस ने जिस अंदाज़ में दो बार की चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स को बेहद आसानी से आठ विकेट से मात दी उसके बाद क्रिकेट पंडित भी सोच रहे होंगे कि क्या इस टीम को इस बार भी चैंपियन बनने से रोका जा सकता है? उनकी ऐसी सोच का कारण मुंबई का लगातार शानदार प्रदर्शन है.
मुंबई के गेंदबाज़ों ने कोलकाता के बल्लेबाज़ों को खुलकर खेलने का मौक़ा नही दिया तो क्विंटन डी कॉक तो अकेले ही कोलकाता के गेंदबाज़ों पर भारी पड़े. वह सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर मैदान पर उतरे और नाबाद 78 रन बनाकर और जीत दिलाकर ही वापस लौटे.
इससे पहले मुंबई ने अंक तालिका में दूसरे स्थान पर चल रही और इस बार ख़िताब की दावेदार लग रही दिल्ली कैपिटल्स को भी दो गेंद बाकी रहते पाँच विकेट से मात दी थी.
दिल्ली और मुंबई ने अभी तक आठ-आठ मैच खेले हैं लेकिन मुंबई बेहतर रन औसत के कारण 12 अंकों के साथ अंक तालिका में पहले स्थान पर है.
वैसे पिछली चैंपियन मुंबई ने इस बार आईपीएल में पिछली उपविजेता और तीन बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स के ख़िलाफ पाँच विकेट से हार के साथ निराशाजनक शुरुआत की लेकिन उस हार से वह जल्दी ही उबर गई.
इसके बाद मुंबई ने कोलकाता को 49 रन से हराया और फिर बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर से वह सुपर ओवर में हारी. लेकिन इसके बाद मुंबई की जीत का सिलसिला थमा नही है.
अपने चौथे मैच में मुंबई ने ने पंजाब को 48 रन से, पाँचवें मैच में हैदराबाद को 34 रन से, छठे मैच में राजस्थान को 57 रन से, सातवें मैच में दिल्ली को पाँच विकेट से और आठवें मैच में कोलकाता को आठ विकेट से मात दी.
ये सभी जीतें मुंबई को बड़े अंतर से मिलीं. ये बताती हैं कि मुंबई और दूसरी टीमों में कितना फ़र्क है.
मज़बूत है बल्लेबाज़ी
मुंबई की कामयाबी में उसके बल्लेबाजों का बड़ा योगदान है. ख़ुद कप्तान रोहित शर्मा ज़ोरदार बल्लेबाज हैं. साथ ही क्विंटन डी कॉक, सूर्यकुमार यादव, ईशान किशन, किरेन पोलार्ड और हार्दिक पांड्या किसी भी गेंदबाज़ पर भारी पड़ सकते हैं.
समय की माँग के अनुसार कृणाल पांड्या की अपना दमख़म दिखा सकते है.
रोहित शर्मा ने कोलकाता के ख़िलाफ 80 और पंजाब के ख़िलाफ 70 रन की बड़ी पारी खेली है तो राजस्थान और कोलकाता के ख़िलाफ ही 35-35 रन की छोटी लेकिन उपयोगी पारी खेली है.
उनके जोड़ीदार क्विंटन डी कॉक अभी तक तीन अर्धशतक जमा चुके हैं. उन्होंने हैदराबाद के ख़िलाफ 67, दिल्ली के ख़िलाफ 53 और कोलकाता के ख़िलाफ नाबाद 78 रन बनाकर विरोधी गेंदबाजों के ख़िलाफ़ खतरे की घंटी बजा रखी है.
कम नहीं हैं सूर्यकुमार यादव
मुंबई के लिए राहत की बात यह भी है कि अगर सलामी जोड़ी सस्ते में निपट जाए या पहला विकेट जल्दी गिर जाए तो पारी संभालने के लिए सूर्यकुमार यादव जैसा भरोसेमंद बल्लेबाज़ मौजूद है.
उन्होंने कोलकाता के ख़िलाफ़ 47, राजस्थान के ख़िलाफ नाबाद 79 और दिल्ली के ख़िलाफ 53 रन बनाकर 30 साल की उम्र में अपने आपको पुराने चावल जैसा साबित किया है.
सलीम दुर्रानी जो दर्शकों की मांग पर छक्का लगाया करते थे
गरज रहे हैं हार्दिक पांड्या
हार्दिक पांड्या का बल्ला शुरू के कुछ मैचों में नहीं चला तो लगा जैसे वह फ़ॉर्म में नही हैं लेकिन एक बार चले तो ऐसा चले कि चौके-छक्के लगाने में पीछे नहीं रहे.
उन्होंने पंजाब और राजस्थान के ख़िलाफ़ नाबाद 30-30 और कोलकाता के ख़िलाफ नाबाद 21 रन बनाए. एक नज़र में यह बड़े स्कोर नही लगे लेकिन इसके लिए उन्होंने अधिक गेंदों का सामना नहीं किया.
पोलार्ड ने क्रिकेट प्रेमियों को जगाया
इस आईपीएल में अगर राहुल तेवतिया ने दो मैचों में अपनी बल्लेबाजी से दाँतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया तो किरेन पोलार्ड ने बैंगलोर को ख़िलाफ ऐसा ही किया.
उन्होंने केवल 24 गेंदों पर तीन चौके और पाँच छक्के लगाते हुए नाबाद 60 रन बनाए.
उसी मैच में ईशान किशन ने भी केवल 58 गेंदों पर नौ छक्कों की मदद से 99 रन बनाए. ज़रा अंदाज़ा लगाइए कि कैसे गेंद बाउंड्री लाइन के बाहर जा रही होगी.
स्पिनर हैं दमदार, तेज़ गेंदबाज़ हैं धारदार
शुक्रवार को जब कोलकाता के ख़िलाफ मुंबई के तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने कोलकाता के आंद्रे रसेल को अपने बाउंसर पर आउट किया तो सब हैरान रह गए.
बुमराह अपने सटीक यॉर्कर के लिए जाने जाते हैं लेकिन उन्होंने रसेल का अपनी बाउंसर से चौंकाया और शिकार भी बनाया. उनके बाउंसर पर रसेल बचने के लिए पीछे हटे लेकिन गेंद उनके बैट का बाहरी किनारा लेकर विकेटकीपर क्विंटन डी कॉक के दस्तानों में समा गई.
तब कोलकाता का स्कोर पाँच विकेट खोकर केवल 62 रन था जो बताता है कि मैच में मुंबई के गेंदबाज़ों का कितना दबदबा था. बुमराह ने राजस्थान के ख़िलाफ 20 रन देकर चार विकेट लिए थे.
बुमराह अभी तक 12 विकेट ले चुके हैं. उनके अलावा दूसरे तेज़ गेंदबाज़ ट्रैंट बोल्ट ने अभी तक खेले सभी मैचों में एक या उससे अधिक विकेट लिए हैं. वो भी अभी तक 12 विकेट झटक चुके हैं.
जेम्स पैटिंसन भी अपनी तेज़ी के दम पर नौ विकेट ले चुके हैं. स्पिन में राहुल चहर और कृणाल पांड्या की जोड़ी बेहद किफ़ायती साबित हुई है.
आईपीएल में कमेंट्री कर रहे दिग्गज खिलाड़ियों का मानना है कि ये दोनों भले ही अधिक विकेट नहीं चटका रहे हों लेकिन इनकी कंजूस गेंदबाज़ी का फ़ायदा तेज़ गेंदबाज़ों को मिल रहा है.
अब जब मुंबई जीत के रथ पर सवार है और वह भी शान से तो विरोधी टीमों की नींद उड़नी लाज़मी है.
अभी तक के आंकड़े बताते हैं कि मुंबई अपने सभी खिलाड़ियों के दम पर जीत रही है न कि एक दो खिलाड़ियों के सहारे. यही मुंबई की जीत की कुंजी भी है.(bbc)
शारजाह, 5 नवंबर | वेलोसिटी ने बुधवार को शारजाह क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए महिला टी-20 चैलेंज के पहले मैच में सुपरनोवा के खिलाफ पांच विकेट से जीत हासिल की।
अच्छी शुरुआत के बाद सुपरनोवा बड़ा स्कोर नहीं कर पाई और 20 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 126 रन ही बना सकी। वेलोसिटी ने एक गेंद शेष रहते हुए यह लक्ष्य हासिल कर लिया।
वेलोसिटी को पहले ओवर ही में झटका लग गया। डेनियल व्याट चार खाली गेंद निकालने के बाद पांचवीं गेंद पर आयाबोंगा खाखा की गेंद पर विकेटकीपर तान्य भाटिया के हाथों लपकी गईं। इसके बाद शेफाली वर्मा ने अपने अंदाज में बल्लेबाजी की और चार शानदार चौके मारे, लेकिन शेफाली अपने इसी आक्रामक अंदाज में विकेट भी खो बैठीं। खाखा की गेंद पर सेलमन ने उनका कैच पकड़ा। शेफाली ने 11 गेंदों पर 17 रन बनाए।
रनगति धीमी हो गई थी और कप्तान मिताली राज को इसे बढ़ाना था। इसी कोशिश में मिताली ने शॉट खेला जो सीधा सिरिवर्देने के हाथों में गया। मिताली ने सिर्फ सात रन बनाए।
इसके बाद वेदाकृष्णामूर्ति ने शानदार और खूबसूरत शॉट लगाए लेकिन वह भी अपनी पारी को ज्यादा आगे नहीं ले जा पाईं। 29 के निजी स्कोर पर राधा यादव ने उन्हें चमारी अट्टापट्टू के हाथों कैच कराया।
शेफाली और वेदा जिस अंदाज में बल्लेबाजी कर रही थीं उसे सुषमा वर्मा ने जारी रखा। शेफाली और वेदा ने सिर्फ चौके मारे लेकिन सुषमा ने पैर जमाने के बाद दो शानदार छक्के लगाए।
उनका साथ दिया सुने लूस ने। सुषमा और लूसे ने 51 रनों की साझेदारी कर मैच को वेलोसिटी के पक्ष में मोड़ दिया। सुषमा के आउट होने के बाद लगा कि सुपरनोवा इस मैच को जीत लेगी लेकिन लूसे ने अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए वेलोसिटी को जीत दिलाई।
सुषमा ने 33 गेंदों पर 34 रन बनाए। लूस ने 21 गेंदों पर चा चौके और एक छक्के की मदद से नाबाद 37 रन बना टीम को जीत दिलाई।
इससे पहले, पहले बल्लेबाजी करने वाली सुपरनोवा का पहला विकेट प्रिया पुनिया के रूप में गिरा जिन्हें लेघ कास्पेरेक ने वेदा कृष्णामूर्ति के हाथों कैच कराया। प्रिया 15 गेंदों पर 11 रन ही बना पाई। उन्होंने अपनी पारी में दो चौके मारे।
उनके बाद आई जेम्मिह रोड्रिगेज सात रन से आगे अपने स्कोर को नहीं ले जा पाई। एकता बिष्ट की गेंद पर स्वीप शॉट खेलने गई जेम्मिह बोल्ड हो गईं। दूसरे छोर पर खड़ी अट्टापट्टू अपने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी कर रही थीं। वह अपने अर्धशतक की ओर बढ़ रही थीं, लेकिन आलम की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने गई अट्टापट्टू 44 रनों के निजी स्कोर पर आउट हो गईं। उन्होंने 39 गेंदें की अपनी पारी में दो चौके और दो छक्के मारे।
उनके बाद कप्तान हरमनप्रीत से उम्मीद थी कि वह टीम को एक बड़ा स्कोर देंगी। हरमनप्रीत उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकीं। आलम ने उन्हें शिखा पांडे के हाथों कैच कराया। कप्तान ने 27 गेंदों की अपनी पारी में एक चौका और दो छक्कों की मदद से 31 रन बनाए।
इसके बाद टीम की कोई बल्लेबाज तेजी से रन बना पाई और एक समय 140 रनों के पार जाती दिख रही सुपरनोवा कम स्कोर तक ही सीमित रह गई।
एकता ने तीन विकेट लिए। आलम और कास्पेरेक ने दो-दो विकेट लिए। एक बल्लेबाज रन आउट हुईं।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 5 नवंबर | मुंबई इंडियंस की जसप्रीत बुमराह और ट्रेंट बाउल्ट पर निर्भरता मंगलवार को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ खेल गए मैच में साफ जाहिर हो गई थी। दोनों ने अभी तक आईपील-13 में मिलकर 43 विकेट लिए हैं।
मुंबई पहले ही प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कर चुकी थी, इसलिए उसने हैदराबाद के खिलाफ बुमराह और बाउल्ट को आराम दिया। उनकी गैरमौजूदगी में हैदराबाद ने मुंबई को 10 विकेट से हरा दिया था।
मुंबई को गुरुवार को पहले क्वालीफायर में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ खेलना है। मैच से पहले मुंबई के गेंदबाजी कोच शेन बोंड ने कहा, "आपको इसके लिए हैदराबाद को श्रेय देना होगा। हमें टूर्नामेंट के लंबे प्रारूप को याद रखना होता है। यह काफी व्यस्त कार्यक्रम होता है, खासकर बाउल्ट और बुमराह जैसे तेज गेंदबाजों के लिए। यह लगातार मैच खेलने की बात नहीं है, बल्कि शारजाह और दुबई के बीच सफर करने की भी बात है। हैदराबाद के खिलाफ मौका था कि हम उन्हें आराम दें।"
उन्होंने कहा, "आईपीएल में मैच काफी जल्दी होते हैं। हम पहले ही प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं, ऐसे में हमारे कुछ खिलाड़ियों को आराम देना बोनस है।" (आईएएनएस)
शारजाह, 4 नवंबर| आस्ट्रेलिया के दिग्गज लेग स्पिनर शेन वार्न का मानना है कि एक बार कप्तान द्वारा रिव्यू लेने के बाद ऑन फील्ड अंपायर के फैसले को हटा दिया जाना चाहिए। वार्न ने मंगलवार शाम ट्विटर पर कहा, "मैं इस बारे में बोलता रहूंगा। अगर कोई कप्तान रिव्यू लेता है तो मैदानी अंपायर के फैसले को हटा देना चाहिए, क्योंकि आपके पास एक ही बॉल नहीं हो सकती है, जो आउट या नॉट आउट हो। एक बार ऐसा होने के बाद यह आसान और स्पष्ट होगा, फिर चाहे वो आउट हो या नॉट आउट हो।"
उन्होंने आगे कहा, "इससे यह भी साफ हो जाएगा कि इससे अंपायरों को अपने फैसले लेने का अधिकार मिल रहा है या नहीं। अंपायर कॉल होने से अंपायर के प्रदर्शन के सारांश में मदद मिलती है। ओरिजनल ऑन फील्ड निर्णय खत्म किया जाए, जिससे कोई अंपायर कॉल नहीं होगी।"
दिग्गज लेग स्पिनर वार्न का यह बयान आईपीएल-13 में मुंबई इंडियंस और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच खेले गए उस मैच के बाद आया है, जिसमें मुंबई के कीरोन पोलार्ड को अंपायर कॉल के आधार पर नॉट आउट दिया गया था।
मैच के 15वें ओवर में लेग स्पिनर राशिद खान ने पोलार्ड के खिलाफ पगबाधा की अपील की थी, जिसे मैदानी अंपायर ने नॉट आउट करार दिया था। इसके बाद हैदराबाद के कप्तान डेविड वार्नर ने इस पर रिव्यू लिया था। इस रिव्यू पर थर्ड अंपायर ने फील्ड अंपायर कॉल के साथ रहने का फैसला किया और पोलार्ड को नॉट आउट करार दिया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 4 नवंबर | इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन में लीग चरण तक कुछ खिलाड़ी अपने फॉर्म को लेकर संघर्ष करते हुए दिखाई दिए हैं।
आईएएनएस ने उन छह खिलाड़ियों पर एक नजर डाला है, जो इस सीजन में लीग चरण तक अपने प्रतिभा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।
महेंद्र सिंह धोनी (उम्र : 39, टीम : चेन्नई सुपर किंग्स)
आईपीएल-13 में धोनी से अच्छे शुरुआत की उम्मीद नहीं थी, क्योंकि उन्होंने एक साल से अधिक समय तक कोई पेशेवर क्रिकेट नहीं खेला था और टूर्नामेंट शुरू होने से एक महीने पहले ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी।
चेन्नई सुपर किंग्स के लिए बल्ले के साथ धोनी का यह सबसे खराब सीजन था और साथ ही साथ उनकी टीम के लिए भी। धोनी ने 12 पारियों में केवल 200 ही बनाए। इस सीजन में उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 47 रन था। इस बार चेन्नई की विफलता का कारण धोनी का फिनिशर के रूप में न चलना रहा।
शेन वाटसन (उम्र : 39, टीम : चेन्नई सुपर किंग्स)
वॉटसन और फाफ डु प्लेसिस की 181 रन की साझेदारी ने चेन्नई को अक्टूबर की शुरुआत में किंग्स इलेवन पंजाब पर 10 विकेट से जीत दिलाई थी, इससे लगने लगा था कि तीन बार के चैंपियन और उनके स्टार वाटसन ने वापसी कर ली है। हालांकि, इसके बाद वाटसन ने छह पारियों में केवल ही बार 30 या उससे ज्यादा रन बनाए। उन्होंने चेन्नई के अंतिम मैच के बाद क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी।
पृथ्वी शॉ (उम्र : 20, टीम : दिल्ली कैपिटल्स)
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ पांच अक्टूबर को शॉ की 23 गेंदों पर 42 रन की पारी ने कमेंटेटरों को उन्हें आईपीएल के अगले सुपरस्टार के रूप में स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। लेकिन इसके बाद उनका प्रदर्शन 5, 64, 2 66 रन का ही रहा। उनकी अगली पांच पारियों का स्कोर 19, 4, 0, 0 और 7 ही रहा। इसके बाद उनके खराब प्रदर्शन के कारण अंतत: उन्हें दो मैचों के लिए उनकी जगह अजिंक्य रहाणे को टीम में लाया गया। शॉ ने इस सीजन में अब तक 228 रन ही बनाए हैं।
ग्लेन मैक्सवेल (उम्र : 32, टीम : किंग्स इलेवन पंजाब)
किंग्स इलेवन पंजाब पूरे सीजन में मैक्सवेल को मौके देती रही, लेकिन मैक्सवेल का बल्ला खामोस ही रहा। इस सीजन में मैक्सवेल का उच्चतम स्कोर 24 गेंदों में 32 रन था। उन्होंने इस सीजन में केवल 108 रन ही बनाया। पंजाब प्लेऑफ से बाहर हो चुकी है।
आंद्रे रसेल (उम्र : 32, टीम : कोलकाता नाइट राइडर्स)
रसेल के लिए आईपीएल का यह सीजन सबसे खराब रहा है। 2019 का सीजन उनके लिए बेहद शानदार रहा था जब उन्होंने 56.67 की औसत से 510 रन बनाए थे। रसेल ने आईपीएल-13 में 13.00 की औसत से 117 रन बनाए और उनका सर्वोच्च स्कोर 25 था। उन्होंने छह विकेट भी लिए।
एरॉन फिंच (उम्र : 33, टीम : रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर)
आस्ट्रेलिया के सीमित ओवरों के कप्तान और फिंच अभी भी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए इस सीजन में कम से कम एक मैच में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं और ग्रुप चरण की नाकामी को पीछे छोड़ सकते हैं। फिंच ने इस सीजन में अब तक 236 रन बनाए हैं।
पैट कमिंस (उम्र : 27, टीम : कोलकाता नाइट राइडर्स)
रिकॉर्ड कीमत पर बिकने वाले कमिंस ने पहले 10 मैचों में सिर्फ तीन विकेट लिए थे। इसके बाद अंतिम पिछले चार मैचों में उन्होंने नौ विकेट चटकाए, जिसमें चार विकेट लिए। लेकिन लीग चरण के दूसरे भाग में केकेआर के पीछे रहने का मतलब कमिंस का देरी से फॉर्म में आना था।
--आईएएनएस
डेविड वॉर्नर के बल्ले से लगने के बाद गेंद बाउंड्री के बाहर गई. करीब पाँच फ़ीट पाँच इंच के वॉर्नर खुशी में उछले. हवा में पंच मारा. मुट्ठी ऐसे भींची हुई थी मानो उसमें प्लेऑफ़ का टिकट बंद हो, जिसे वो मुश्किल से छीन के लाए हों.
मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ मंगलवार को सनराइज़र्स हैदराबाद की 10 विकेट से धमाकेदार जीत के बाद भले ही फ़िक्र हवा हो गई हो लेकिन टीम के कप्तान वॉर्नर को बखूबी याद है कि 24 अक्टूबर को किंग्स इलेवन के पंजाब के हाथों मिली हार के बाद उनके अगले दौर में पहुंचने की राह मुश्किल ही मान ली गई थी.
पंजाब के ख़िलाफ़ मैच में 37 ओवर का खेल होने तक हैदराबाद की टीम हावी थी लेकिन आख़िरी तीन ओवर में विकेटों की झड़ी लगी और ये टीम 12 रन से मैच हार गई.
उसके बाद प्लेऑफ़ तक पहुंचने के लिए हैदराबाद को आखिरी तीनों मैच जीतने थे. तो पहले उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स को 88 रन से हराया फिर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को पांच विकेट से पीटा और अब मुंबई इंडियन्स को पस्त कर असंभव से दिखते लक्ष्य को हासिल कर लिया. वो उम्मीद से अधिक आसानी से.
याद आया साल 2016
डेविड वॉर्नर को इस प्रदर्शन के बाद बार-बार साल 2016 याद आ रहा है. तब हैदराबाद की टीम चैंपियन बनी थी. ये आईपीएल इतिहास की इकलौती ऐसी टीम है जो लीग राउंड में पहले दो स्थान पर न होने के बाद भी ख़िताब जीतने में कामयाब रही.
वॉर्नर ने मुंबई के ख़िलाफ़ मैच के बाद इतिहास का जिक्र करते हुए कहा,"हम 2016 की तरफ देख रहे हैं जब हमें ख़िताब जीतने के लिए हर मैच जीतना था."
उन्होंने आगे कहा,"जब आपकी पीठ दीवार से लगी हो तो आपके पास खोने को कुछ नहीं होता है."
नई कहानी 2020 की है. मुंबई, दिल्ली और बैंगलोर आईपीएल-13 की टॉप टीमें हैं. तीनों ही प्लेऑफ़ में जगह बना चुकी हैं और अगले दौर में दाखिल होते-होते हैदराबाद ने तीनों टीमों पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली है.
प्ले ऑफ में पहुंचने के लिए जीत की हैट्रिक जमाने वाली हैदराबादी टीम फिलहाल ऐसी लय में है कि मैदान में उतरने के पहले ही किसी भी विरोधी के हौसले हिला दे.
सितारों को ज़मीन पर लाने वाले खिलाड़ी
काग़ज़ों पर सनराइज़र्स हैदराबाद की टीम सर्वश्रेष्ठ नहीं दिखती. इसके पास मुंबई, बैंगलोर या दिल्ली की तरह स्टार खिलाड़ियों की फौज नहीं है. लेकिन जो खिलाड़ी हैं, वो बड़े-बड़े सितारों की चमक फीकी कर रहे हैं.
मसलन मुंबई इंडियन्स के ख़िलाफ़ मैन ऑफ द मैच चुने गए शाहबाज़ नदीम. मुंबई के ख़िलाफ़ चार ओवर में सिर्फ़ 19 रन देकर दो विकेट लेने वाले नदीम हैदराबाद टीम में आसानी से जगह हासिल नहीं कर पाते हैं. उन्हें इस सीजन में सिर्फ़ पांच मैच खेलने का मौका मिला है. लेकिन सबसे अहम मैच में वो सबसे उपयोगी खिलाड़ी साबित हुए.
यही कहानी संदीप शर्मा की भी है. भुवनेश्वर कुमार चोटिल नहीं होते तो संदीप को प्लेइंग इलेवन में जगह भी शायद ही मिल पाती. लेकिन, अब 13 विकेटों के साथ वो हैदराबाद के सबसे अहम गेंदबाज़ों में शामिल हैं. मुंबई के ख़िलाफ़ मैच में तीन विकेट लेने वाले संदीप शर्मा इस सीजन में रोहित शर्मा को दो बार सस्ते में आउट कर चुके हैं.
वाह-वाह साहा
आईपीएल के 13वें सीजन के बड़े हिस्से में गुमनाम रहने के बाद मैदान पर सितारे की तरह चमकने वाले हैदराबादी खिलाड़ियों में ऋद्धिमान साहा भी हैं.
साहा ने दिल्ली, बैंगलोर और मुंबई के ख़िलाफ़ आखिरी तीन मैचों के पहले सिर्फ़ एक मैच खेला था. उस इकलौते मैच में औसत प्रदर्शन के बाद वो टीम पर बोझ और कमजोर कड़ी बताए जा रहे थे. लेकिन करो या मरो की अहमियत रखने वाले आखिरी तीन मैचों में मौका मिलने पर उन्होंने इसे दोनों हाथ से लपका. इन तीन मैचों में वो दो हाफ़ सेंचुरी की मदद से 184 रन बना चुके हैं.
साहा विकेट के आगे नहीं बल्कि पीछे भी करिश्माई साबित हो रहे हैं. मुंबई के ख़िलाफ़ मैच में नदीम की गेंद पर उन्होंने सूर्य कुमार यादव को स्टंप्स किया तो मैच की कमेंट्री कर रहे पूर्व दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज़ कुमार संगकारा ने उन्हें 'भारत का सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर' घोषित कर दिया.
फ़िलहाल वो जिस अंदाज़ में बल्लेबाज़ी कर रहे हैं. गेंद को जिस खूबसूरती और आसानी के साथ बाउंड्री के बाहर भेज रहे हैं, उससे उनके चाहने वालों की संख्या में कई गुना इज़ाफ़ा हुआ है.
आईपीएल के किंग ख़ान
हैदराबाद के पास राशिद ख़ान भी हैं. आईपीएल में गेंदबाज़ी के किंग ख़ान.उनकी गेंदें आईपीएल-13 में जो रहस्यजाल बुन रही हैं, उसकी काट कम ही बल्लेबाज़ों के पास है.
उनके खाते में 19 विकेट हैं. उन्होंने आईपीएल-13 में 56 ओवर डाले हैं और हर ओवर में सिर्फ़ 5.28 की औसत से रन दिए हैं. वो इस सीज़न में सबसे किफ़ायती गेंदबाज़ साबित हुए हैं.
हैदराबाद के लिए सिर्फ़ पांच मैचों में 10 विकेट ले चुके जेसन होल्डर का स्ट्राइक रेट प्लेऑफ़ में पहुंची सभी टीमों के गेंदबाज़ों से बेहतर है. उन्होंने हर 12वीं गेंद पर विकेट लिया है. हैदराबाद के लिए इस सीज़न में 380 रन बना चुके मनीष पांडेय भी विरोधियों के लिए सिरदर्द बने रहे हैं.
कप्तान का जवाब नहीं
कप्तान वॉर्नर टीम के सबसे बड़े स्टार हैं और सबसे उम्दा प्रदर्शन भी उन्होंने ही किया है. 529 रन के साथ वो टूर्नामेंट के दूसरे सबसे कामयाब बल्लेबाज़ हैं.
बतौर ओपनर वो विरोधी बॉलिंग अटैक पर काउंटर अटैक करना जानते हैं तो बतौर कप्तान उनमें सही वक़्त पर सही फ़ैसला लेने का हुनर है. मिशेल मार्श, भुवनेश्वर कुमार और विजय शंकर जैसे अहम खिलाड़ियों के चोट की वजह से बाहर होने के बाद भी उन्होंने टीम को बिखरने नहीं दिया है.
वो जॉनी बेयरस्टो जैसे खिलाड़ी को बाहर बिठाने का जोखिम ले रहे हैं. मिडिल ऑर्डर को मजबूत करने के लिए उन्होंने केन विलियम्सन और जेसन होल्डर को वरीयता दी है और बेयरेस्टो की जगह साहा से ओपनिंग करा रहे हैं. ये दांव चल भी रहे हैं.
बल्कि इनकी जगह लेने वाले हर खिलाड़ी से वॉर्नर ने कहीं बेहतर प्रदर्शन कराया है. रणनीति के मोर्चे पर काफी आगे तक सोचने वाले वॉर्नर विरोधी टीम से मुक़ाबले के लिए मैदान पर उतरने के पहले दिमागी बढ़त बनाने की कोशिश में रहते हैं.
मुंबई का मैच ख़त्म होने ही उन्होंने छह नवंबर के मुक़ाबले पर ध्यान लगा दिया. उस दिन हैदराबाद का मुक़ाबला रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से है.
मुंबई को पस्त करने के बाद वॉर्नर ने कहा, "आरसीबी एक बहुत अच्छी टीम है. उनके पास कई ख़तरनाक़ खिलाड़ी हैं. लेकिन हमने उन्हें 2016 के फाइनल में हराया था. ये भी करो या मरो का मैच होगा. उम्मीद है कि इस मैच की लय बरक़रार रखेंगे."(bbc)
शारजाह, 4 नवंबर | आईपीएल-13 के अंतिम लीग चरण मैच में सनराइजर्स हैदराबाद के हाथों 10 विकेट से शर्मनाक हार झेलने के बाद मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित ने इसे सीजन का सबसे खराब प्रदर्शन करार दिया है। सनराइजर्स हैदराबाद ने मंगलवार को यहां शारजाह क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए अंतिम लीग चरण मैच में मुंबई इंडियंस को 10 विकेटों से करारी मात देकर आईपीएल-13 के प्लेऑफ में प्रवेश कर लिया।
रोहित ने मैच के बाद कहा, "आज हमारा दिन नहीं था। संभवत: यह सीजन का हमारा सबसे खराब प्रदर्शन था। हम कुछ चीजें प्रयोग करना चाहते थे, लेकिन वह कारगर नहीं रहा। हमें पता था कि ओस एक फैक्टर होगा, लेकिन हमने आज अच्छी क्रिकेट नहीं खेली।"
रोहित ने चार मैचों के बाद इस मैच में वापसी की थी, लेकिन वह केवल चार ही रन बना कर आउट हो गए। मुंबई इंडियंस ने पहले बल्लेबाजी करते हुए आठ विकेट पर 149 रनों का स्कोर बनाया, जिसे हैदराबाद ने 17.1 ओवर में बिना कोई विकेट खोए हासिल कर लिया।
कप्तान ने कहा, "वापसी करने से मैं खुश था। मैं यहां अगले कुछ मैचों में खेलने को लेकर उत्साहित था। देखते हैं आगे क्या होता है। निश्चित रूप से मेरी चोट ठीक है। उन्होंने पॉवरप्ले में कुछ अच्छे शॉट खेले और इससे उन्हें मदद मिली। यह एक अजीब प्रारूप है। बीती बातों को भूलना अच्छा होता है और वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना होता है।"
मुंबई की टीम पहले ही प्लेआफ में पहुंच चुकी है और आईपीएल-13 के पहले क्वालीफायर में गुरुवार को उसका सामना दिल्ली कैपिटल्स से होगा।
रोहित ने अगले मैच को लेकर कहा, "वे (दिल्ली) एक अच्छी टीम है। इसलिए उनका सामना करना एक अच्छी चुनौती होगी। आप जल्द से जल्द इस प्रदर्शन को पीछे छोड़ना चाहते हैं। हम कुछ चीजों के साथ वापसी करेंगे।" (आईएएनएस)
शारजाह, 4 नवंबर | आईपीएल-13 के अंतिम लीग चरण मैच में मुंबई इंडियंस को 10 विकेट से करारी शिकस्त देकर प्लेऑफ में पहुंचने वाली सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान डेविड वार्नर ने इस जीत का श्रेय अपने गेंदबाजों को दिया है। हैदराबाद ने शानदार गेंदबाजी के दम पर मुंबई को आठ विकेट पर 149 रन पर रोक दिया और फिर बिना कोई विकेट खोए लक्ष्य हासिल कर लिया।
वार्नर ने मैच के बाद कहा, "किंग्स इलेवन पंजाब से दर्दनाक हार के बाद अब अच्छा लग रहा है। मुंबई ने कुछ खिलाड़ियों को आराम दिया था, लेकिन इस छोटे से मैदान पर उन्हें 150 रन पर रोकना अच्छा रहा। इसका काफी श्रेय गेंदबाजों को जाता है। नदीम ने शानदार गेंदबाजी की। शानदार गेंदबाजी के बाद हम बल्लेबाजी में भी अच्छा करना चाहते थे।"
उन्होंने कहा, "हमारे साथ चोटों को लेकर काफी समस्या थी। लेकिन जीत की भावना के दम पर हम अच्छा कर रहे हैं। पिछले साल चोट के कारण केन विलियम्सन बाहर हो गए थे और जॉनी बेयरस्टो ने उनकी जगह लिया था। लेकिन फ्रेंचाइजी क्रिकेट में यह होता रहता है और आप चार विदेशी खिलाड़ी के साथ ही खेल सकते हैं।"
कप्तान डेविड वार्नर ने नाबाद 85 और रिद्धिमान साहा ने नाबाद 58 रन बनाए। वार्नर ने 58 गेंदों पर 10 चौकों और एक छक्के और साहा ने 45 गेंदों पर सात चौकों और एक छक्का लगाया।
हैदराबाद अब एलिमिनेटर छह नवंबर को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के खिलाफ एलिमिनेटर मुकाबला खेलेगी।
वार्नर ने कहा, "अगर हम इसी लय और प्रदर्शन को आगे भी जारी रखते हैं तो हमें वास्तव में बहुत खुशी होगी। मुझे खुद पर और अपनी टीम पर बहुत गर्व है। बेंगलोर की टीम एक अच्छी टीम है और विराट कोहली की अगुवाई में बेहतरीन खेल खेल रही है। उनकी टीम में काफी खतरनाक बल्लेबाज हैं। हम उन्हें 2016 फाइनल में हरा चुके हैं और मैं इस करो या मरो वाले मुकाबले में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हूं।"(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 नवंबर | दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने मंगलवार को कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पेशेवर स्तर पर कोई भी बल्लेबाज बिना हेलमेट के विकेट पर ना जाए। सचिन ने अपने करियर में कभी भी बिना हेलमेट के बैटिंग नहीं की। सचिन ने ट्वीट करके आईपीएल के 13वें सीजन में 24 अक्टूबर को हुई एक घटना का जिक्र करते हुए लिखा कि खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि बल्लेबाजों को किसी भी हाल में बिना हेलमेट के मैदान में ना उतरने दिया जाए।
सचिन ने जिस मैच का जिक्र किया है, वह किंग्स इलेवन पंजाब और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच खेला गया था और इस मैच के दौरान विजय शंकर के चेहरे पर पंजाब के फील्डर निकोलस पूरन के एक थ्रो पर गेंद लगी थी। वह रन लेने के लिए दौड़ रहे थे और हलमेट में नहीं थे।
सचिन ने इस घटना का वीडियो साझा करते हुए लिखा, "खेल तेज हो रहा है और सुरक्षित भी। हाल ही में मैंने एक घटना देखी, जो काफी दर्दनाक थी। चाहें वो स्पिनर हो या पेसर, बल्लेबाजों को बिना हेलमेट के विकेट पर ना उतरने दिया जाए।"
--आईएएनएस
अबू धाबी, 3 नवंबर | दिल्ली कैपिटल्स के अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने कहा है कि आईपीएल-13 शुरूआती मैचों में खेलने का मौका नहीं मिलने से वह निराश थे। रहाणे ने सोमवार को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ एक अहम मैच में अर्धशतक लगाकर टीम को छह विकेट जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
दाएं हाथ के बल्लेबाज ने आईपीएल के 13वें सीजन में पिछले छह मैचों में केवल 111 रन ही बनाए थे। लेकिन बेंगलोर के खिलाफ उन्होंने 60 रन की अहम पारी खेली और शिखर धवन (54) के साथ मिलकर टीम को शानदार जीत दिलाई। इस जीत के दम पर दिल्ली प्लेआफ में पहुंच गई हैं।
रहाणे ने मैच के बाद अपने साथी बल्लेबाज धवन के साथ बातचीत के दौरान कहा, " आखिरकार मुझे खेलने का मौका मिला। जब मैं टीम में नहीं था तो काफी निराश था। मगर अब जीत में योगदान देने के बाद अच्छा लगा। (धवन) आपके साथ बल्लेबाजी करने में मजा आया।"
उन्होंने आगे कहा, " कोच रिकी पोंटिंग ने मुझे बताया कि मैं तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने जा रहा हूं और मुझे लगा कि एक अच्छा मौका है। इस तरह के दबाव में होना मेरे लिए एक चुनौती की तरह थी। एक खिलाड़ी के रूप में, अगर आप इस स्थिति में योगदान करते हैं तो आप अच्छा महसूस करते हैं और जब टीम जीतती है तो खुशी दोगुनी हो जाती है।"
धवन टूर्नामेंट के 14 मैचों में अब तक 525 रन बना चुके हैं। उन्होंने कहा, " हमारे ऊपर दबाव था क्योंकि हमें पता था कि हमें इस मैच को जीतना है, खासकर टूनार्मेंट में शानदार शुरूआत करने के बाद लेकिन फिर हम कुछ मैच हार गए।"
धवन ने आगे कहा, " मैं बहुत खुश हूं कि हमने दूसरे स्थान पर रहते हुए लीग चरण का समापन किया और अब उम्मीद है कि हम 10 नवंबर को फाइनल मैच जीतकर ट्रॉफी उठाएंगे।"
दिल्ली अब प्लेआफ में गुरुवार को लीग की टॉप टीम मुंबई इंडियंस से पहले क्वालीफायर में भिड़ेगा।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारत की अग्रणी टायर निर्माता कंपनी सीएट टायर्स को आगामी जियो विमेंस टी20 चैलेंज का ऑफिसियल स्ट्रैटेजिक टाइमआउट पार्टनर बनाए जाने की घोषणा की है। सीएट 2015 के बाद से ही इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का ऑफिसियल स्ट्रैटेजिक टाइमआउट पार्टनर बना हुआ है और अब वह महिला क्रिकेट के लिए भी बीसीसीआई से जुड़ा है।
जियो विमेंस टी20 चैलेंज टूर्नामेंट 4 से 9 नवम्बर के बीच संयुक्त अरब अमीरात में खेला जाएगा। टूर्नामेंट में तीन टीमें हिस्सा लेंगी।
टूर्नामेंट के तहत चार मैच होंगे और इन मैचों में सुपरनोवाज, ट्रेलब्लेजर्स और वेलोसिटी टीमें हिस्सा लेंगी, जिनकी कमान क्रमश: हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना और मिताली राज के हाथों में है।
आईपीएल के चेयरमैन बृजेश पटेल ने कहा, आईपीएल ने पिछले कुछ वर्षों में महिला दर्शकों की संख्या में काफी वृद्धि देखी है। आईपीएल 2019 में हमारे पास 48 फीसदी महिला दर्शकों की संख्या थी। सीएट जैसे साझेदार जियो विमेंस टी20 चैलेंज को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने में मदद करेंगे और युवा लड़कियों को क्रिकेट में करियर बनाने का विश्वास दिलाएंगे। हम भारत में क्रिकेट के निरंतर समर्थन के लिए सीएट को धन्यवाद देते हैं।
सीएट टायर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अर्णब बनर्जी ने कहा, महिला क्रिकेट ने अतीत में कुछ शानदार प्रदर्शन किए हैं और सीएट का हमेशा से मानना रहा है कि महिलाओं का खेल भी पुरुषों की तरह असाधारण है। हम स्ट्रैटेजिक टाइमआउट पार्टनर के रूप में महिला टी20 चैलेंज यात्रा का हिस्सा बनकर रोमांचित हैं।
लाहौर, 3 नवंबर। दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज फॉफ डु प्लेसिस 14 नवंबर से शुरू होने वाली पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) में पदार्पण करेंगे, जहां वह पेशावर जाल्मी के लिए प्लेऑफ चरण के मुकाबले खेलेंगे। डु प्लेसिस ने पिछली बार आईसीसी विश्व एकादश के कप्तान के रूप में 2017 में पाकिस्तान का दौरा किया था। वह अब पेशावर जाल्मी में कीरोन पोलार्ड की जगह लेंगे। पोलार्ड अपनी वेस्टइंडीज टीम के साथ न्यूजीलैंड दौरे पर होंगे।
पीएसएल फरवरी-मार्च में खेली जाती है। इस साल भी इसका आयोजन हुआ था और पूरा टूनामेंट पाकिस्तान में खेला गया था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण टूर्नामेंट के प्लेऑफ के मुकाबले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिए गए थे। अब इसके प्लेआफ मुकाबले 14 नवंबर से शुरू होने जा रहा है।
डु प्लेसिस ने कहा, मैं पीएसएल 2020 के प्लेऑफ चरण के खेल के लिए पेशावर जाल्मी के साथ जुडऩे के लिए बहुत उत्साहित हूं। मुझे पाकिस्तान में खेलने की यादें हैं जब मैंने 2017 में आइसीसी विश्व एकादश के साथ दौरा किया था और मुझे यकीन है कि यह एक अलग अनुभव है। हालांकि, कोविड-19 के कारण इसे एक यादगार के पल के रूप में देखा जाएगा।
डु प्लेसिस के अलावा 20 अन्य विदेशी खिलाडिय़ों ने भी इस लीग में खेलने की पुष्टि की है। उनके अलावा इंग्लैंड के छह क्रिकेटर भी पीएसएल के प्लेऑफ में खेलते नजर आएंगे। लीग में 14 नवंबर को पहला क्वालीफायर मैच और एलिमिनेटर मैच खेला जाएगा। 15 नवंबर को दूसरा क्वालीफायर जबकि 17 नवंबर को फाइनल खेला जाएगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 नवंबर। भारत की पहली महिला रेसिंग चैंपियन अलीशा अब्दुल्ला रोपोसो प्राइड ऑफ इंडिया कार्यक्रम के तहत शॉर्ट वीडियो ऐप रोपोसो जुड़ गई हैं। यह कार्यक्रम उल्लेखनीय भारतीयों को उनके साथ जुडऩे और अन्य भारतीयों को प्रेरित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। भारत की पहली महिला राष्ट्रीय रेसिंग चैंपियन, अलीशा, रेसट्रैक पर हों या बाहर, दोनों ही जगह एक चैंपियन की विशेषताओं को दर्शाती हैं।
जुलाई 2020 में बबीता फोगाट, नील घोष, संग्राम सिंह और शूटर दधि के साथ लॉन्च किया गया रोपोसो प्राइड ऑफ इंडिया अब तक 50 लाख से अधिक वीडियो व्यूज एकत्रित कर चुका है।
कार्यक्रम की निरंतरता में, अलीशा अब्दुल्ला वीडियो के माध्यम से रेसट्रैक की अपनी यात्रा और पुरुषों के वर्चस्व वाले खेल में कैसे अपनी छाप छोड़ रही हैं, यह साझा करेंगी। अपने करियर में अनुकरणीय प्रयासों के परिणामस्वरूप उन्होंने राष्ट्रपति पुरस्कार भी प्राप्त किया है।
अलीशा अब्दुल्ला कहती हैं, मोटरस्पोर्ट्स के क्षेत्र में सफलता आसान नहीं है, खासकर एक लडक़ी के लिए। अपनी यात्रा को साझा करके, मैं अगली पीढ़ी की लड़कियों को मोटरस्पोर्ट्स को एक करियर के रूप में अपनाने और वैश्विक स्तर पर भारत को गौरवान्वित करने के लिए प्रेरित करना चाहती हूं।
अलीशा, अपने रोपोसो अकाउंट के माध्यम से आने वाले हफ्तों में रोपोसो-स्टाइल के शॉर्ट वीडियो कैप्सूल के द्वारा अन्य इच्छुक भारतीयों के साथ अपने अनुभव और जीवन के सबक साझा करेंगी। (आईएएनएस)
अबू धाबी, 3 नवंबर। दिल्ली कैपिटल्स के अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने कहा है कि आईपीएल-13 शुरूआती मैचों में खेलने का मौका नहीं मिलने से वह निराश थे। रहाणे ने सोमवार को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ एक अहम मैच में अर्धशतक लगाकर टीम को छह विकेट जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
दाएं हाथ के बल्लेबाज ने आईपीएल के 13वें सीजन में पिछले छह मैचों में केवल 111 रन ही बनाए थे। लेकिन बेंगलोर के खिलाफ उन्होंने 60 रन की अहम पारी खेली और शिखर धवन (54) के साथ मिलकर टीम को शानदार जीत दिलाई। इस जीत के दम पर दिल्ली प्लेआफ में पहुंच गई हैं। रहाणे ने मैच के बाद अपने साथी बल्लेबाज धवन के साथ बातचीत के दौरान कहा, " आखिरकार मुझे खेलने का मौका मिला। जब मैं टीम में नहीं था तो काफी निराश था। मगर अब जीत में योगदान देने के बाद अच्छा लगा। (धवन) आपके साथ बल्लेबाजी करने में मजा आया।"
उन्होंने आगे कहा, " कोच रिकी पोंटिंग ने मुझे बताया कि मैं तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने जा रहा हूं और मुझे लगा कि एक अच्छा मौका है। इस तरह के दबाव में होना मेरे लिए एक चुनौती की तरह थी। एक खिलाड़ी के रूप में, अगर आप इस स्थिति में योगदान करते हैं तो आप अच्छा महसूस करते हैं और जब टीम जीतती है तो खुशी दोगुनी हो जाती है।"
धवन टूर्नामेंट के 14 मैचों में अब तक 525 रन बना चुके हैं। उन्होंने कहा, " हमारे ऊपर दबाव था क्योंकि हमें पता था कि हमें इस मैच को जीतना है, खासकर टूनार्मेंट में शानदार शुरूआत करने के बाद लेकिन फिर हम कुछ मैच हार गए।"
धवन ने आगे कहा, " मैं बहुत खुश हूं कि हमने दूसरे स्थान पर रहते हुए लीग चरण का समापन किया और अब उम्मीद है कि हम 10 नवंबर को फाइनल मैच जीतकर ट्रॉफी उठाएंगे।"
दिल्ली अब प्लेआफ में गुरुवार को लीग की टॉप टीम मुंबई इंडियंस से पहले क्वालीफायर में भिड़ेगा। (आईएएनएस)
ब्यूनस आयर्स, 3 नवंबर। हाल में अपना 60वां जन्मदिन मनाने वाले अर्जेंटीना की 1986 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान और दिग्गज फुटबालर डिएगो माराडोना को अर्जेंटीना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। माराडोना को देश के दक्षिण में स्थित ला प्लाटा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गोल डॉट कॉम ने एक स्थानीय मीडिया के हवाले से बताया कि माराडोना की स्थिति गंभीर नहीं है और ना ही वह कोविड-19 से संक्रमित हैं क्योंकि हाल में उनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया था।
पिछले साल जिम्नेसिया एस्ग्रिमा के कोच बनने वाले माराडोना पिछले शुक्रवार को लोगों के बीच दिखे थे, जहां उन्होंने अपना 60वां जन्मदिन मनाया था। वह उस रात जिम्नेसिया के राष्ट्रीय चैंपियनशिप में पैट्रोनाटो के खिलाफ मैच में दिखे थे।
माराडोना को पिछले साल जनवरी में भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके अलावा वह 2018 विश्व कप के दौरान भी बीमार पड़ गए थे। चार फीफा विश्व कप खेल चुके माराडोना ने अपनी कप्तानी में अर्जेंटीनना को 1986 में विश्व कप जिताया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 नवंबर| केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने मंगलवार को विश्वास जताया कि अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक में भारत की पुरुष और महिला हॉकी टीमें शानदार प्रदर्शन करेंगी। रिजिजू ने एक टवीट में कहा, "मैं ये पूरे विश्वास के साथ कह रहा हूं और मुझे उम्मीद है कि भारत की पुरुष एवं महिला हॉकी टीमें अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करेंगी। हमारे लड़के एवं लड़कियां इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, " हम उन्हें शीर्ष स्तरीय सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं और सर्वश्रेष्ठ सपोर्ट सिस्टम दे रहे हैं।"
टोक्यो ओलंपिक का आयोजन इस साल 24 जुलाई से नौ अगस्त तक होना था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसे अगले साल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। अब इसका आयोजन अगले साल 23 जुलाई से आठ अगस्त तक होगा।
भारत की पुरुष और महिला हॉकी टीमों ने पिछले साल कलिंगा स्टेडियम में ओलंपिक क्वालीफायर्स में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था।
मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली पुरुष टीम ने रूस को 11-3 से जबकि रानी रामपाल की कप्तानी वाली महिला टीम ने अमेरिका को 6-5 से हराकर टोक्यो ओलंपिक में अपनी जगह बनाई थी। (आईएएनएस)
अबू धाबी, 3 नवंबर| आईपीएल-13 में 55 मैचों की समाप्ति के बाद किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान लोकेश राहुल अभी भी लीग में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं और इसलिए औरेंज कैप भी उन्हीं के पास है। वहीं, इस सीजन में अभी तक सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दिल्ली कैपिटल्स के तेज गेंदबाज कगिसो रबादा के पास फिर से पर्पल कैप लौट आई है। रबादा ने मुंबई इंडियंस के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह से पर्पल कैप छीनी है। रबादा ने सोमवार को आईपीएल-13 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के खिलाफ खेले गए मैच में दो विकेट लेकर पर्पल कैप अपने नाम किया। इन दो विकेटों के साथ रबादा के अब 25 विकेट हो गए हैं। रबादा ने पहले जोशुआ फिलिपे को आउट किया और फिर शिबम दुबे को पवेलियन भेजा।
रोचक बात यह रही कि इस मैच में रबादा ने पावरप्ले में विकेट का सूखा खत्म किया। इस मैच से पहले रबादा ने इस सीजन में एक भी विकेट नहीं लिया था, लेकिन फिलिपे को आउट कर उन्होंने इस सूखे को खत्म किया।
रबादा शुरूआत से विकेट की रेस में आगे चल रहे थे लेकिन मुंबई इंडियंस के बुमराह ने उन्हें कुछ मैचों के लिए पीछे छोड़ दिया था, लेकिन अब रबादा फिर शीर्ष पर आ गए हैं।
बुमराह 13 मैचों में 23 विकेटों के साथ दूसरे और राजस्थान रॉयल्स के जोफरा आर्चर 14 मैचों में 20 विकेट के साथ तीसरे नंबर पर है।
बल्लेबाजों की सूची में राहुल टॉप पर हैं। राहुल ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ खेले गए अंतिम मैच में 29 रन बनाए थे और इसी के साथ उन्होंने टूनार्मेंट का अंत 14 मैचों में 670 रनों के साथ किया। चेन्नई ने पंजाब को नौ विकेट से हरा दिया था हालांकि चेन्नई टूनार्मेंट से बाहर हो चुकी है।
राहुल के बाद दिल्ली कैपिटल्स के शिखर धवन का नंबर है जिनके नाम 14 मैचों में 525 रन हैं। तीसरे नंबर पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के देवदत्त पडिकल हैं, जिनके नाम 14 मैचों में 472 रन हैं।
इस बीच, मुंबई इंडियंस, दिल्ली कैपिटल्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर प्लेआफ के लिए क्वालीफाई कर चुकी है। चौथे और अंतिम स्थान के लिए टीम का फैसला मंगलवार को सनराइजर्स हैदराबाद और मुंबई इंडियंस के बीच होने वाले मैच के परिणाम के बाद तय होगा। (आईएएनएस)
बेंगलुरू, 3 नवंबर| भारतीय पुरुष हॉकी टीम के डिफेंडर नीलम संदीप एस. ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं के शुरू होने के बाद वह टीम में नियमित रूप से अपनी जगह बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। संदीप ने कहा कि उन्हें अपनी कुछ तकनीकों पर काम करने की आवश्यकता है और प्रत्येक खेल गतिविधियों के सीजन के साथ वह अपने कौशल में सुधार कर रहे हैं।
संदीप ने कहा, " यह मेरे अंतरराष्ट्रीय करियर की एक छोटी सी शुरूआत है। अगस्त 2019 में भारत के लिए मेरा आखिरी टूर्नामेंट ओलंपिक टेस्ट इवेंट था। हालांकि, मैंने प्रतियोगिता के बाद से विभिन्न राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों में अपने खेल पर कड़ी मेहनत जारी रखी है।"
उन्होंने कहा, " मैंने कुछ तकनीकों पर ध्यान दिया है, जिन पर मुझे काम करने की आवश्यकता है और उम्मीद है कि मैं एक खिलाड़ी के रूप में सुधार करूंगा। मैं अपने खेल को उस स्तर तक बढ़ाने के लिए ²ढ़ हूं, जिसके साथ मैं भारतीय टीम में नियमित रूप से जगह पा सकता हूं। इस समय मेरा तत्काल लक्ष्य है।"
अपने सबसे बड़े सपने के बारे में पूछे जाने पर संदीप ने कहा कि ओलंपिक पदक जीतना किसी भी खिलाड़ी के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा, " मेरा सबसे बड़ा सपना ओलंपिक पदक जीतना है। किसी भी खिलाड़ी के लिए यह सबसे बड़ी उपलब्धि है। अगर मैं इसे अगले साल भारतीय ओलंपिक टीम में जगह बना लेता हूं, तो यह निश्चित रूप से मेरे लिए सपना सच होने जैसा होगा।" (आईएएनएस)
किस्मत और शुरुआती मैचों में किया गया अच्छा प्रदर्शन -विराट कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के हाथ दिल्ली कैपिटल्स से हारने के बाद भी प्लेऑफ़ का टिकट है तो इसकी ये दो अहम वजह हैं.
किस्मत और शुरुआती प्रदर्शन के अलावा एक और वजह ये है कि 14 में से सात मैच हारने वाली बैंगलोर टीम के मुक़ाबले आखिरी पायदान की तीन टीमों ने आठ मैचों में हार झेली. यानी बैंगलोर से एक मैच ज़्यादा गंवाया. चौथे नंबर पर मौजूद कोलकाता नाइट राइडर्स के खाते में बैंगलोर के बराबर ही प्वाइंट हैं लेकिन रन रेट में बैंगलोर टीम थोड़ी ऊपर है.
किस्मत का साथ
यहां भी किस्मत की भूमिका रही कि बैंगलोर का आखिरी लीग मैच कोलकाता के आखिरी लीग मैच के एक दिन बाद था. बैंगलोर के कप्तान विराट कोहली को पता था कि अगर वो दिल्ली कैपिटल्स को 17.3 ओवर के पहले नहीं जीतने देंगे तो उनका रन रेट कोलकाता से बेहतर हो जाएगा और प्ले ऑफ़ में उनकी जगह पक्की हो जाएगी.
लेकिन, जो टीम आईपीएल ख़िताब जीतने का इरादा जाहिर कर रही हो, वो इस तरह के गुणा-गणित का सहारा लेकर प्ले ऑफ़ में पहुंचे तो इसे खिलाड़ियों के पराक्रम से ज़्यादा किस्मत की ही मेहरबानी माना जाएगा. अगर लीग राउंड में कोलकाता का मैच बाद में होता तो शायद उनके पास भी रनरेट बेहतर करने की ऐसी संभावना हो सकती थी.
मैदान पर पस्त
आखिरी लीग मैच के पहले बैंगलोर के पास जीत की लय भले ही नहीं थी लेकिन उनका पलड़ा भारी माना जा रहा था. सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज बैंगलोर को फेवरेट बता रहे थे और इसकी वजह भी थी. दिल्ली की टीम लगातार चार मैच गंवा चुकी थी और उनके खिलाड़ियों का आत्मविश्वास रसातल में दिख रहा था.
लेकिन, बैंगलोर के ख़िलाफ़ मैच में दिल्ली की टीम बेहतर रणनीति के साथ उतरी और विराट कोहली की टीम को अपनी खामियों का फ़ायदा नहीं उठाने दिया.
इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि बैंगलोर ने दिल्ली की कमजोर कड़ियों पर चोट करने की कोशिश ही नहीं की. आखिरी लीग मैच के पहले 'आक्रामक खेल दिखाने' का दावा करने वाले विराट कोहली और उनके साथी मैदान पर 'सहमे-सहमे' नज़र आए.
क्यों पिट रही है विराट की टीम?
ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि इस टीम को आख़िर हुआ क्या है? क्या ये वही टीम है जिसने शुरुआती 10 में से सात मैच जीते थे? क्या ये वही टीम है जिसने प्वाइंट टेबल में पहले पायदान पर मौजूद मुंबई इंडियन्स को सुपर ओवर में पस्त करने का कमाल किया था? क्या ये वही टीम है जिसके दो बल्लेबाज़ों की गिनती आईपीएल-13 में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले पांच बल्लेबाज़ों में होती है?
बेशक, टीम वही है, लेकिन उसके खेल का पैमाना काफी नीचे आ गया है. अब सवाल ये है कि ऐसा होने की वजह क्या है? जवाब ये है कि इसकी एक नहीं कई वजह हैं.
कमज़ोर प्लानिंग
पहली और सबसे अहम वजह है कि रणनीतिक खामी. यानी ये टीम प्लानिंग के मोर्चे पर पिट रही है. बैंगलोर ने आखिरी मैच करीब दो हफ़्ते पहले 21 अक्टूबर को जीता था. तब उसने कोलकाता नाइट राइडर्स को आठ विकेट से हराया था.
उसके बाद से विराट कोहली की टीम लगातार चार मैच हार चुकी है. दिक्कत ये है कि चारों मैचों की हार का पैटर्न एक सा रहा है. बैंगलोर ने चारों मैचों में पहले बल्लेबाज़ी की और बाद में खेलने वाली टीम ने उन्हें हरा दिया.
इन चार टीमों में मुंबई के अलावा कोई टीम नहीं थी जिसे मैच के पहले बैंगलोर से बेहतर माना गया हो. चेन्नई सुपर किंग्स हार की मार से पस्त होने और प्ले ऑफ़ की रेस से बाहर होने के बाद बैंगलोर पर भारी पड़ी.
हैदराबाद और दिल्ली भी रणनीति के मोर्चे पर बैंगलोर से बेहतर होने के कारण जीत हासिल करने में कामयाब रहीं. एक सी ग़लती वही टीम करती है, जिसके पास विरोधी के काउंटर अटैक यानी पलटकर मारने पर जवाब देने की योजना न हो.
ये ठीक है कि दुबई, अबू धाबी और शारजाह के मैदान में पड़ने लगी ओस का फ़ायदा बाद में बल्लेबाज़ी करने वाली टीम को मिलता है लेकिन दूसरी टीमें इसकी काट लेकर आई हैं.
कोलकाता नाइट राइडर्स ने रविवार को ही राजस्थान रॉयल्स के ख़िलाफ़ ओस फैक्टर को बेमानी साबित किया. लेकिन, बैंगलोर की टीम एक नहीं दो नहीं बल्कि चार मैचों में ऐसा करने में नाकाम रही.
बेदम बल्लेबाज़ी
बैंगलोर के पस्त होने की एक और बड़ी वजह है बल्लेबाज़ों की नाकामी.
बैंगलोर के बल्लेबाज़ रन बना रहे हैं. देवदत्त पडिक्कल और विराट कोहली का नाम टूर्नामेंट के सबसे कामयाब पांच बल्लेबाज़ों में शामिल है लेकिन उनके बनाए रन टीम के काम नहीं आ रहे हैं.
इसकी वजह है स्ट्राइक रेट. टॉप पांच बल्लेबाज़ों में पडिक्कल और कोहली का स्ट्राइक रेट सबसे कम है.
बैंगलोर के बल्लेबाज़ रन बनाते हैं लेकिन इतनी धीमी रफ़्तार से कि विरोधी टीम पर कोई दबाव शायद ही बनता है.
दिल्ली के ख़िलाफ़ सोमवार के मैच में बैंगलोर के बल्लेबाज़ों ने शुरुआती दस ओवर में सिर्फ़ 60 रन बनाए थे. जबकि विराट कोहली और पडिक्कल दोनों क्रीज़ पर मौजूद थे. वहीं दिल्ली ने 10 ओवर में 81 रन बना दिए.
बैंगलोर की टीम आखिरी ओवरों में तेज़ी से रन बनाने के लिए एबी डिविलियर्स पर निर्भर है. जिन मैचों में डिविलियर्स का बल्ला बोला है, उनमें टीम की जीत पक्की हो गई, लेकिन पिछले चार मैचों से डिविलियर्स उम्मीद पर खरे नहीं उतरे हैं.
इन चार मैचों में पडिक्कल ने दो और विराट कोहली ने एक हाफ सेंचुरी बनाई है. पडिक्कल ने मुंबई के ख़िलाफ़ जरूर तेज़ी से रन जुटाए लेकिन दिल्ली के खिलाफ़ उनकी और चेन्नई के ख़िलाफ़ विराट कोहली की हाफ सेंचुरी इतनी धीमी रफ़्तार से बनी कि टीम को फ़ायदा नहीं मिला.
गेंदबाज़ी में कितनी धार?
गेंदबाज़ी के मोर्चे पर टीम कुछ बेहतर दिखती है लेकिन इतनी नहीं कि बाकी खामियों भरपाई हो सके. यहां रणनीति की ख़ामी साफ़ झलकती है.
दिल्ली के ख़िलाफ़ मैच की ही बात करें तो दिक्कतें उभरकर सामने आ जाती हैं. बैंगलोर और दिल्ली के ख़िलाफ़ मैच के पहले हर कोई जानता था कि दिल्ली के बल्लेबाज़ फ़ॉर्म से जूझ रहे हैं.
शिखर धवन तीन मैच से फेल हो रहे थे. पृथ्वी शॉ और अजिंक्य रहाणे का बल्ला लगातार खामोश था और दिल्ली के कप्तान श्रेयस अय्यर भी रन बनाने को जूझ रहे थे.
दिल्ली पर जीत हासिल करने के लिए जरूरी था कि शुरुआत में विकेट निकाले जाएं. पृथ्वी शॉ फेल हो गए लेकिन बैंगलोर के गेंदबाज़ धवन और रहाणे की कमज़ोरी नहीं भुना सके और मैच हाथ से फिसल गया.
मैच के बाद कप्तान कोहली ने भी माना, "शायद हमें पावरप्ले में और बेहतर गेंदबाज़ी करनी होगी. "
चार बार हार झेलने के बाद भी बैंगलोर के हक़ में इकलौती अच्छी बात ये है कि कप्तान विराट कोहली ने अब भी आईपीएल ट्रॉफी जीतने की उम्मीद नहीं छोड़ी है.
कोहली का कहना है,"फ़ाइनल तक पहुंचने के लिए अब हमें दो मैच खेलने होंगे."
लेकिन, कोहली और उनकी टीम को याद रखना होगा कि दूसरा मैच खेलने का मौका तब मिलेगा जबकि वो चार मैचों से जारी ग़लतियों को पहचानें, रणनीति और खेल दोनों मोर्चों पर सुधार करें.(bbc)
अबू धाबी, 3 नवंबर | अजिंक्य रहाणे को इस आईपीएल-13 में ज्यादा मौके नहीं मिले और जितने मौके मिले उनमें वह विफल होते आ रहे थे, लेकिन टीम प्रबंधन ने सोमवार को उन पर भरोसा जताया और रहाणे ने भी बड़े मैच में बड़ी पारी खेल टीम को प्लेऑफ में पहुंचाया। शेख जाएद स्टेडियम में दिल्ली को प्लेऑफ में क्वालीफाई करने के लिए जीत चाहिए थी। बेंगलोर ने उसके सामने 153 रनों का लक्ष्य रखा। रहाणे ने 60 रनों की पारी खेल और शिखर धवन के साथ शानदार साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई।
मैच के बाद रहाणे ने कहा, "रिकी पोंटिंग (मुख्य कोच) ने मुझसे कहा था कि तुम नंबर-3 पर बल्लेबाजी करोगे। यह अच्छा नंबर है। किस्मत से हमने उन्हें 152 रनों पर ही रोक दिया। आखिरी में यह धवन के साथ साझेदारी करने की बात थी जो हुई और कम कर गई।"
उन्होंने कहा, "हम किसी लक्ष्य के बारे में ज्यादा नहीं सोच रहे थे, सिर्फ बल्लेबाजी कर रहे थे। आउट होना निराशाजनक था। मैं मैच का अंत करना चाहता था। हम जानते हैं कि यह खेल कितने मोड़ ले सकता है, लेकिन अंत में जीत के क्वालीफाई कर खुश हूं।"(आईएएनएस)
अबू धाबी, 3 नवंबर | विराट कोहली की कप्तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर बेशक सोमवर को शेख जाएद स्टेडियम में खेले गए मैच में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच हार गई, लेकिन फिर भी वह आईपीएल-13 के प्लेऑफ में क्वालीफाई करने में सफल रही है। कोहली ने भी कहा है कि टीम ने क्वालीफाई करने के लिए पूरे टूर्नामेंट में अच्छी क्रिकेट खेली।
बेंगलोर ने दिल्ली को 153 रनों का लक्ष्य दिया था जिसे उसने 19 ओवरों में चार विकेट खोकर हासिल कर लिया।
मैच के बाद कोहली ने कहा, "यह मिश्रित भावना है। आप मैदान पर आते हो और कोशिश करते हो कि परिणाम आपके पक्ष में आए। शायद 11वें ओवर तक 17.3 ओवरों के आंकड़ों के बारे में टीम प्रबंधन में हमें बता दिया था। मैच हमारे साथ से जा रहा ता लेकिन मध्य के ओवरों में हमने उसे अपने नियंत्रण में ले लिया था।"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हमने टूर्नामेंट में क्वालीफाई करने के लिए शानदार क्रिकेट खेली है। फाइनल से पहले हमारे पास दो और मैच हैं।"(आईएएनएस)