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नई दिल्ली, 14 जुलाई। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अगर ठोस क़दम नहीं उठाया गया तो कोरोना वायरस की महामारी बद से बदतर होती जाएगी.
WHO प्रमुख डॉ टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस ने कहा कि दुनिया के कई सारे देश कोरोना से निपटने के मामले में ग़लत दिशा में जा रहे हैं. डॉ टेड्रोस ने कहा कि कोरोन वायरस से संक्रमण के नए मामले बढ़ रहे हैं और इससे साबित होता है कि जिन एहतियात और उपाय की बात की जा रही है, उनका पालन नहीं किया जा रहा है.
उत्तरी और दक्षिणी अमरीका इस महमारी की चपेट में अभी सबसे बुरी तरह से हैं. अमरीका में स्वास्थ्य विशेषज्ञों और राष्ट्रपति ट्रंप में चल रही तनातनी के बीच संक्रमण के नए मामले लगातार तेज़ी से बढ़ रहे हैं.
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के डेटा के अनुसार अमरीका अभी कोरोना की मार सबसे ज़्यादा झेल रहा है. यहां अब तक 33 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं और एक लाख 35 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
WHO ने क्या कहा?
सोमवार को जिनेवा में प्रेस वार्ता के दौरान डॉ टेड्रोस ने कहा कि दुनिया भर के नेता जिस तरह से महामारी से निपटने की कोशिश कर रहे हैं उससे लोगों का भरोसा कम हुआ है.
डॉ टेड्रोस ने कहा, ''कोरोना वायरस अब भी लोगों का नंबर वन दुश्मन है लेकिन दुनिया भर की कई सरकारें इसे लेकर जो क़दम उठा रही हैं, उससे ये आभास नहीं होता है कि कोरोना को ये गंभीर ख़तरे की तरह नहीं ले रही हैं.''
डॉ टेड्रोस ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ धोना और मास्क पहनना इस महामारी से बचने के कारगर तरीक़े हैं और इन्हें गंभीरता से लिए जाने की ज़रूरत है.
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि निकट भविष्य में ऐसा लगता नहीं है कि पहले की तरह सब कुछ सामान्य हो जाएगा. डॉ टेड्रोस ने कहा, ''अगर बुनियादी चीज़ों का पालन नहीं किया गया तो एक ही रास्ता है कि कोरोना थमेगा नहीं और वो बढ़ता ही जाएगा. यह बद से बदतर होता जाएगा.''
WHO के आपातकालीन निदेशक माइक रायन ने कहा कि अमरीका में लॉकडाउन में ढील और कुछ इलाक़ों को खोलने से संक्रमण के और तेज़ी से फैलने का डर है.
लातिन अमरीका में एक लाख 45 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान कोरोना से जा चुकी है. कहा जा रहा है कि मौत का आँकड़ा और बढ़ेगा क्योंकि पर्याप्त टेस्टिंग नहीं हो रही है. इनमें से आधी से ज़्यादा मौतें ब्राज़ील में हुई हैं.
ब्राज़ील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो सख़्त लॉकडाउन के ख़िलाफ़ रहे थे. बल्कि वो लॉकडाउन का मज़ाक उड़ाते थे और बाद में ख़ुद ही संक्रमित पाए गए.
डॉ रायन ने कहा कि लॉकडाउन से भारी आर्थिक नुक़सान हो रहा है लेकिन कुछ ख़ास जगहों पर लॉकडाउन संक्रमण रोकने के लिए बहुत ज़रूरी है.
उन्होंने दुनिया भर की सरकारों से आग्रह किया कि वे स्पष्ट और मज़बूत रणनीति अपनाएं. उन्होंने यह भी कहा कि नागरिक भी इसकी गंभीरता को समझें और गाइडलाइन्स का पालन करें.
वैक्सीन या इम्युनिटी के बारे में क्या कहा?
डॉ रायन ने कहा, ''हमें वायरस के साथ कैसे जीना है और इसे सीखना होगा. यह उम्मीद करना कि वायरस को ख़त्म किया जा सकता है या कुछ महीनों में प्रभावी वैक्सीन तैयार हो जाएगी, यह सच नहीं है.
उन्होंने कहा, ''अभी तक पता नहीं है कि कोरोना वायरस से ठीक होने वालों में इम्युनिटी बन रही या नहीं और अगर बन भी रही है तो ये नहीं पता है कि कब तक प्रभावी रहेगी.
सोमवार को लंदन के किंग्स कॉलेज के वैज्ञानिकों ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की थी और इसमें बताया था कि कोरोना से ठीक हुए मरीज़ों में बनी इम्युनिटी छोटी अवधि की लिए हो सकती है.
वैज्ञानिकों ने 96 लोगों पर अध्ययन किया कि कैसे शरीर एंटीबॉडीज के ज़रिए स्वाभाविक रूप से कोरोना का सामना करता है और यह कितने दिनों तक टिकता है. मतलब अभी तक स्पष्ट नहीं है कि कोरोना पीड़ित मरीज़ ठीक होने के बाद कब तक ठीक रह सकते हैं. इस स्टडी में शामिल सभी लोगों में मिले एंटीबॉडीज कोरोना वायरस को रोक सकते थे लेकिन तीन महीने की अवधि में इनका स्तर कम होने लगा था.
WHO ने अपनी प्रेस वार्ता में कहा कि इस बात के सबूत मिले हैं कि 10 साल से कम उम्र के बच्चे कोविड-19 से आंशिक तौर प्रभावित हुए जबकि जो 10 से ऊपर हैं उनमें भी इसी तरह के लक्षण दिखाई दिए. बच्चे वायरस का संक्रमण किस स्तर तक फैला सकते हैं ये अभी जानना बाक़ी है.(bbc)
नई दिल्ली, 14 जुलाई। वैश्विक महामारी कोरोना कोरोना के दौरान में राजधानी दिल्ली के हमदर्द विश्वविद्यालय स्थित अस्पताल ने 84 नर्सों को सिर्फ इसलिए नौकरी से निकाल दिया क्योंकि उन्होंने बुनियादी सुविधाओं की मांग की थी। इस अस्पताल को कोरोना मरीजों के लिए चिंह्नित किया गया है। यहां की नर्सें कोरोना ड्यूटी के दौरान लम्बे अर्से से पीपीआई किट्स, ए-95 मास्क, व्यवहारिक काम के घंटे, पीने का पानी, क्वारंटीन करने की सुविधाएं और हेल्थ पॉलिसी की मांग कर रही थीं।
लेकिन नर्सों और अस्पताल स्टाफ की मांगों पर विचार करने के बजाए अस्पताल प्रशासन ने नर्सों का कांट्रेक्ट की रद्द कर दिया। खासतौर से उन नर्सों को निशाना बनाया गया है जो आने वाले दिनों में स्थाई स्टाफ होने वाली थीं। इतना ही नहीं इन नर्सों में वह एक नर्स भी शामिल है जो कोरना पॉजिटिव पाए जाने के बाद 3 जुलाई से क्वारंटीन में है। अस्पताल इसके साथ ही नर्सों की भर्ती का विज्ञापन भी जारी कर दिया है
हमदर्द अस्पताल में काम करने वाली नर्स गुफराना खातून ने बताया कि, “अस्पताल प्रबंधन हमारी मांगों को लेकर बेहद असंवेदनशील रहा। हमने कोई असाधारण चीज नहीं मांगी थी। अस्पताल हमसे एक ही पीपीई किट में 12 घंटे काम कराना चाहता था, इससे हमारी सेहत पर प्रभाव पड़ रहा था। पीपीआई किट में 12 घंटे तो दूर, 3-4 घंटे से ज्यादा रहना मुश्किल होता है। हमें पीने का पानी तक मुहैया नहीं कराया जा रहा है।”
गुफराना खातून कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं और 3 जुलाई से क्वारंटीन में हैं, इसी दौरान उसे बरखास्त कर दिया गया। उन्होंने बताया कि, “अस्पताल में लैब है लेकिन अपनी जांच कराने के लिए भी हमें पैसे देने पड़ते हैं। मैंने जब इस बारे में अस्पताल की नीति के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि नर्सों को 50 फीसदी पैसे देने होंगे। मैंने अपने टेस्ट के लिए 1200 रुपए दिए। जबकि स्टाफ की जांच मुफ्त होनी चाहिए। हम तो कोरोना वार्ड में ड्यूटी के दौरान ही संक्रमित हुए हैं। अगर मैंने पैसे देकर अपनी जांच नहीं कराई होती तो मुझ से यह संक्रमण और लोगों तक पहुंच सकता था।”
अस्पताल ने कई सीनियर नर्सों को बरखास्त कर दिया है ताकि उन्हें परमानेंट न किया जा सके। अस्पताल की पॉलिसी के मुताबिक जिन नर्सों ने 5 साल या अधिक समय तक काम किया है उन्हें स्थाई किया जाता है। जिन नर्सों को बरखास्त किया गया है उनमें से अधिकतर ने 3 से 6 साल तक काम किया है।
अस्पताल ने 11 जुलाई को जारी बरखास्तगी के पत्र में कहा है कि नर्सों को इसलिए निकाला जा रहा है क्योंकि वे बिना अनुमति के ड्यूटी से गैरहाजिर थीं। लेकिन वास्तविकता यह है कि इनमें से कई 11 जुलाई को भी ड्यूटी पर थीं और गुफराना खातून तो क्वारंटीन है। एक नर्स ने बताया कि “हम तो लगातार हाजिरी लगा रहे थे और हमारे पास इसका रिकॉर्ड भी है कि कोरोना आने के बाद से हमने कोई छुट्टी नहीं ली है।”
नर्सों का कहना है कि अस्पताल का फैसला एकतरफा है क्योंकि 2 जुलाई को ही मैनेजमेंट ने एक सर्कुलर जारी किया था जिसमें कोरोना महामारी के दौरान हमदर्द को कोरोना के लिए चिह्नित अस्पताल घोषित किए जाने की जानकारी देने के साथ ही कहा गया था कि इस दौरान कोई भी नर्स या डॉक्टर छुट्टी नहीं लेना और न ही इस्तीफा देगा और न ही निजी कारणों से बिना वेतन छुट्टी पर जाएगा।
लेकिन, अस्पताल प्रबंधन नर्सों के आरोपों को खारिज करता है। उसका कहना है कि नर्सों को नौकरी से नहीं निकाला गया है बल्कि उनका कांट्रेक्ट खत्म हो गया है। अस्पताल के कार्यकारी मेडिकल सुप्रिंटेंडेंट डॉ सुनील कोहली ने कहा कि, हम अच्छे कर्मचारियों को पुरस्कृत करते हैं और कर्मचारी रखने का अधिकार तो अस्पताल के पास ही है। उन्होंने बताया कि जिन नर्सों में कोरोना के लक्षण थे उनकी जांच मुफ्त में की गई है। इसके अलावा अगर कोई और अस्पताल कर्मचारी अपना टेस्ट कराना चाहता है तो उसे 50 फीसदी पैसा देना होता है। अगर कर्मचारी पॉजिटिव पाया जाता है तो उसका पैसा रिफंड कर दिया जाता है। पॉजिटिव पाए गए सभी कर्मचारियों का मुफ्त इलाज भी होता है।
डॉ कोहली ने सारे आरोपों को खारिज किया, अलबत्ता पीने के पानी की मांग को सही बताया। उन्होने कहा कि दुरभाग्य से यह पुरानी समस्या है और हम इसका समाधान निकाल रहे हैं। हम एक धर्मार्थ अस्पताल हैं और मुनाफे में नहीं रहते हैं। उन्होंने बताया कि नर्सें कोविड भत्ते मांग कर रही हैं और इस बारे में प्रशासन को बता दिया गया था लेकिन मैनेजमेंट ने इस मांग को नहीं माना।
हमदर्द नर्सों का मामला सामने आने के बाद युनाइटेड नर्स एसोसिएशन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और श्रम मंत्री गोपाल राय को पत्र लिखकर मामले में दखल देने की मांग की है। पत्र में बताया गया है कि आईसीयू में हर 6 मरीजों पर सिर्फ एक नर्स है। जबकि नर्सिंग गाइडलाइंस के मुताबिक गंभीर मामलों में मरीज-नर्स का औसत 1:1 होना चाहिए।
गोपाल राय के दफ्तर ने इस बारे में कहा है कि वे मामले को देख रहे हैं। वहीं करेल के राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम ने भी दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 84 नर्सों को नौकरी से निकाल जाने का मुद्दा उठाया है।(navjivan)
Jhuki Jhuki Si Nazar.. Bekrar h ke Nahi..Sung by Avi Trikha Gazal Of Jagjit Singh ji
Superstar Avi Trikha(YouTube channel)
काठमांडू, 13 जुलाई। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के एक बयान से विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि भगवान राम का जन्म नेपाल में हुआ था.
अपने सरकारी आवास पर कवि भानुभक्त की जन्मदिन पर हुए समारोह में केपी ओली ने ये बयान दिया. भारत और नेपाल के बीच पहले से ही तनाव चल रहा है.
केपी शर्मा ओली ने दावा कि असली अयोध्या नेपाल के बीरगंज के पास एक गाँव है, जहाँ भगवान राम का जन्म हुआ था.
नेपाल में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेता कमल थापा ने प्रधानमंत्री केपी ओली के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है.
उन्होंने कहा कि किसी भी प्रधानमंत्री के लिए इस तरह का आधारहीन और अप्रामाणित बयान देना उचित नहीं है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, "ऐसा लगता है कि पीएम ओली भारत और नेपाल के रिश्ते और बिगाड़ना चाहते हैं, जबकि उन्हें तनाव कम करने के लिए काम करना चाहिए."
भारत और नेपाल में पिछले कुछ महीने से तनाव चल रहा है. नेपाल ने 20 मई को अपना नया नक्शा जारी किया था जिसमें लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को अपना इलाक़ा दिखाया था. ये तीनों इलाक़े अभी भारत में हैं लेकिन नेपाल दावा करता है कि ये उसका इलाक़ा है.
इसके बाद से दोनों देशों में तनाव बढ़ता गया. हालांकि इससे पहले भारत ने पिछले साल नवंबर में जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद अपना नक्शा अपडेट किया था. इस नक्शे में ये तीनों इलाक़े थे. भारत का कहना है कि उसने किसी नए इलाक़े को नक्शे में शामिल नहीं किया है बल्कि ये तीनों इलाक़े पहले से ही हैं.
पिछले दिनों भारतीय मीडिया की भूमिका को लेकर भी नेपाल में कड़ी नाराज़गी जताई गई थी. कई भारतीय चैनलों ने प्रधानमंत्री केपी ओली और चीनी राजदूत होउ यांकी को लेकर सनसनीख़ेज़ दावे किए. कुछ चैनलों ने यह स्टोरी चलाई कि ओली को हनी ट्रैप में फंसा दिया गया है.
नेपाल ने इन रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई और केबल ऑपरेटरों से कहा कि ऐसे भारतीय न्यूज़ चैनलों को अपनी ज़िम्मेदारी समझते हुए प्रसारण से रोके.
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञावली ने कहा कि उन्होंने भारत में नेपाल के राजदूत नीलांबर आचार्य को भारतीय विदेश मंत्रालय के सामने कड़ी आपत्ति दर्ज कराने के लिए कहा है.
नीलांबर ने कहा कि भारतीय मीडिया नेपाल और भारत के द्विपक्षीय संबंधों को और ख़राब कर रहा है. हालांकि चीन की राजदूत की सक्रियता को लेकर नेपाल में विरोध भी दर्ज हुआ है. नेपाल में विपक्ष से लेकर मीडिया तक में सवाल उठा कि घरेलू राजनीति में किसी राजदूत की ऐसी सक्रियता ठीक नहीं है. मुलाक़ातों का यह दौर पिछले ढाई महीने से चल रहा है. (bbc)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 13 जुलाई। जिले में देर रात मिली रिपोर्ट में 7 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है। सभी साथ संक्रमित बीएसएफ के जवान हैं। इनकी पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट ट्रू नॉट प्रणाली से प्राप्त हुई है। इस प्रकार आज दिन भर में 22 मरीज मिले हैं।
जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि देर रात प्राप्त रिपोर्ट में 7 संक्रमित मरीज मिले हैं । सभी 7 मरीज बीएसएफ के जवान है। इन सभी मरीजों का टेस्ट जिला अस्पताल में स्थापित ट्रू नॉट मशीन से किया गया है। सभी सातों जवान पूर्व से ही क्वॉरेंटाइन किए गए थे। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सभी जवानों को कोविड-19 हॉस्पिटल में दाखिल करने की तैयारी की जा रही है। इसके पूर्व दोपहर में मिली रिपोर्ट में मिली रिपोर्ट में जिले से 15 मरीजों के संक्रमित होने की पुष्टि की गई थी। जिले में भी लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है। पहली बार है जिले में एक ही दिन में 22 मरीज मिले हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 13 जुलाई। पूर्व विधायक व जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के विधायक अमित जोगी ने आरोप लगाया है कि कोरोना के नाम पर स्व. अजीत जोगी की अत्येष्टि व दशगात्र के कार्यक्रम में प्रशासन ने लोगों को उनके अंतिम दर्शन से वंचित रखा वहीं अब सत्ताधारी दल कांग्रेस अपने राजनीतिक कार्यक्रम ‘चाय पर चौपाल’ कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिये गांव-गांव सरकारी अधिकारी नियुक्त कर भीड़ इकट्ठी करने के लिये मुनादी करा रही है और स्व. जोगी से जुड़े भोले-भाले लोगों को लॉलीपॉप देकर बलपूर्वक तोडऩे में लगी है। क्या कोरोना के डर की जगह जोगी ने ले ली है, जो मंत्रालय छोडक़र मंत्री मरवाही घूमने लगे हैं? यह प्रशासनिक दुरुपयोग व अस्वस्थ राजनीति है किन्तु जोगी परिवार का मरवाही से सम्बन्ध दल तक नहीं दिलों तक है, यही हमारी ताकत है।
अकेले रायपुर जिले में 87
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 जुलाई । स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी कि आज रात 8 बजे तक 184 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है। 49 स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज हुए हैं। राज्य में कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 4265 है और एक्टिव मरीजों की संख्या 1044 हैं।
184 नए पॉजिटिव मरीजों में रायपुर 87, राजनांदगांव 26, दुर्ग 25, मुंगेली 9, गरियाबंद 8, धमतरी 7, बेमेतरा और कबीरधाम 4-4, बिलासपुर 3, बलौदाबजार 2, बालोद, महासमुंद, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सरगुजा, कोरिया, जशपुर, नारायणपुर, और जीपीएम में 1-1 मरीजों की पहचान हुई है।
साढ़े 3 लाख जब्त, महामारी एक्ट के तहत भी कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 13 जुलाई । सिविल लाइन पुलिस ने शहर के बाहरी इलाके में एक बड़े होटल पर दबिश देकर व्यवसायी परिवार के 21 लोगों को जुआ खेलते हुए पकड़ा है। इनमें पिता पुत्र भी शामिल हैं। इनसे 3 लाख 51 हजार रुपये और दो दर्जन मोबाइल फोन जब्त किये गये हैं।
सिविल लाइन थाना प्रभारी सुरेन्द्र स्वर्णकार ने बताया कि उसलापुर स्टेशन के समीप स्थित अलका एवेन्यू के भीतर स्थित रॉयल पार्क में बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर जुआ खेलने की खबर मिलने पर कल रात छापा मारा गया था। टीम ने जिन लोगों को पकड़ा है उनमें से अधिकांश शहर के प्रमुख बाजारों में व्यवसायी अथवा उनके बेटे हैं। सभी के खिलाप जुआ एक्ट के अलावा कोविड-19 को देखते हुए महामारी अधिनियम की धारा 188 के अंतर्गत भी कार्रवाई की गई है। पकड़े गये लोगों में रोशन डिडवानी, आकाश कुमार, अमित गुप्ता, कपिल कुकरेजा, भावेश टहिल्यानी, कान्हा चौधरी, संजय डोड़वानी, अविनाश नारवानी, जय सिरवानी, नीरज सोनी, मोहित लालवानी, सौरभ बजाज, प्रशांत कटेलिहा, महेश लालचंदानी, मंदीप गांधी, किशोर कुकरेजा, गौरव रावलानी, लखन जोनवानी, प्रवीण देवांगन, मोहन दगड़े और गुबिना सिंह शामिल हैं।
श्रीनगर, 13 जुलाई (वार्ता)। उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के लिए काम करने वाले चार सहयोगियों को हथियार और गोलाबारूद के साथ गिरफ्तार किया है।
पुलिस प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर बांदीपोरा के चन्दरगिर में पुलिस के साथ 12 राष्ट्रीय राइफल्स और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 45वीं बलाटियन ने संयुक्त तलाश अभियान के दौरान एलईटी की सहायता करने वाले एक आतंकवादी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान शराफत अहमद डार के रूप में हुई है और वह चंदरगीर को रहने वाला है। सुरक्षा बलों ने उसके पास से एक ग्रेनेड सहित कुछ अन्य सामान बरामद किए।
उन्होंने बताया कि बांदीपोरा में साधुनारा में एक अन्य तलाश अभियान के दौरान पुलिस के साथ 13वीं राष्ट्रीय राइफल्स और सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन ने आतंकवादियों के तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान मुदसिर अहमद ख्वाजा, अब्दुल कयूम मारगो और इशफाक अहमद डार के रूप में हुई है और तीनों साधुनारा के रहने वाले हैं। उनके पास से दो जिंदा ग्रेनेड, एक एके मैगजीन और एके-47 के 25 कारतूस बरामद किया गया है।
उन्होंने कहा कि पकड़े गए चारो आतंकवादी सहयोगी लश्कर के सक्रिय आतंकवादियों को रसद, समर्थन और आश्रय देने के रूप में उनकी सहायता करते हैं। हाजिन पुलिस थाने में उनके खिलाफ कानून के तहत संबंधित धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है और चारों से पूछताछ की जा रही है।
मास्को, 13 जुलाई । रूस के सुदूरवर्ती इलाके में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इस इलाके के बेहद लोकप्रिय गवर्नर की गिरफ्तारी के बाद हजारों स्थानीय लोग सडक़ों पर उतर आए हैं और पुतिन के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी पुतिन इस्तीफा दो के नारे लगा रहे हैं और स्थानीय गवर्नर सर्गेई फुरगाल की रिहाई की मांग कर रहे हैं। गवर्नर को कई हत्याओं के संदेह में अरेस्ट किया गया है।
ये विरोध प्रदर्शन चीन से सटे सीमाई इलाके खबरोव्स्क और कई अन्य कस्बों में हुए हैं। वर्ष 2036 तक पुतिन के सत्ता में बने रहने का रास्ता साफ होने के बाद रूसी सुरक्षा सेवा के लोगों ने बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है। बताया जा रहा है कि पुतिन समर्थक उम्मीदवार को हराकर सर्गेई वर्ष 2018 में सत्ता में आए थे। अब उनके खिलाफ अब तक सबसे बड़ा तलाशी अभियान चलाया गया है।
इससे पहले पिछले हफ्ते एक प्रसिद्ध रक्षा पत्रकार को कथित तौर पर चेक गणराज्य के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरिफ्तार किया गया था। यही नहीं मानवाधिकार कार्यकर्ता मिखाइल खोदोरकोवस्की के घर पर छापा मारा गया था। मिखाइल ने संविधान के खिलाफ प्रदर्शन की योजना बनाई थी। पश्चिमी विश्लेषकों का कहना है कि यह गिरफ्तारी इस बात का इशारा करती है कि पुतिन ने खेल करके वोट हासिल किए हैं और ये कभी भी उनके लिए संकट का सबब बन सकता है।
पुतिन प्रशासन के लोगों का कहना है कि जनमत संग्रह में जनता ने उन पर जोरदार भरोसा जताया है। जनमत संग्रह का यह परिणाम ऐसे समय पर आया है जब रूसी राष्ट्रपति की रेटिंग बहुत नीचे चली गई है। 6 लाख की आबादी वाला खबरोव्स्क शहर आमतौर पर बेहद शांत शहर है लेकिन गवर्नर की गिरफ्तारी के बाद माहौल बिगड़ गया है। शनिवार को करीब 35 हजार लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया जो इस इलाके के इतिहास में सबसे बड़ा प्रदर्शन है।(navbharattimes)
नदियों में उफान से खेतों - घरों में घुसा पानी
लखनऊ, 13 जुलाई। उत्तर प्रदेश में नदियों का जल स्तर बढ़ने से वह अपना रौद्र रूप दिखा रही हैं। इस कारण कई जगह हालात बिगड़ रहे हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। घाघरा का जलस्तर बढ़ने से बहराइच जिले के महसी तहसील के गांवों में पानी घुस आया है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है।
नेपाल के पहाड़ों से लगातार बारिश का पानी आने से उत्तर प्रदेश में नदियों ने रौद्र रूप लेना शुरू कर दिया है। घाघरा नदी का रौद्र रूप दिखने लगा है। महसी तहसील के घाघरा नदी में तीन बैराजों का पानी पहुंच गया है। बैराजों से 2.83 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है। इससे घाघरा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। नदी का जलस्तर बढ़ने से 12 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। इसमें दरिया बुर्द, चमरही, रेवतीपुरवा गांव की हालत बुरी है। ये तीनों गांव सरयू और घाघरा नदी के बीच में बसे हैं। इन गांव के ग्रामीणों को बाहर निकालने के लिए तहसील प्रशासन द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं।
इधर जलस्तर बढ़ने के साथ ही टिकुरी ग्राम पंचायत में नदी ने कटान तेज कर दी है। नदी की धारा ने छह ग्रामीणों के मकान को आगोश में ले लिया है। बढ़ रहे जलस्तर के साथ नदी ने कटान तेज कर दी है। तहसील क्षेत्र के टिकुरी ग्राम पंचायत के मजरा ठकुराईनपुरवा में नदी ने कटान से तबाही मचायी है। घाघरा नदी की कटान में गांव निवासी कमलाशंकर, शिवनरायन, तेज, सुंदर समेत छह ग्रामीणों के मकान नदी में समाहित हो गए। वहीं इसी गांव में घाघरा की लहरों ने 25 से अधिक किसानों की कई सौ बीघा खेती योग्य जमीन नदी में समाहित कर ली।
एक ग्रामीण राहुल ने बताया कि हमारे मकान के साथ खेत भी डूब गए हैं। अब कुछ बचा नहीं है। यह हर साल की लीला है। इससे क्या किया जाए। हालात पर महसी के एसडीएम सुरेन्द्र नारायण त्रिपाठी ने बताया, "नेपाल के रास्ते से आने वाला पानी यहां पर नीचे बने मकानों को प्रभावित कर रही है। वहीं नीचे जो झोपड़ी बनी हैं वहां भी पानी घुसा है। लेकिन अब जलस्तर घट रहा है। सभी को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। सभी को तिरपाल और आवश्यक सामाग्री दे दी गयी है। नानापारा में भी कुछ इलाके में पानी भर गया है। सभी की सुरक्षा की व्यवस्था हो रही है।"
इस बीच जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार आदमपुर रेवली तटबंध पर घाघरा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। रविवार को एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर बढ़कर 106.636 सेंटीमीटर पहुंच गया है जो कि खतरे के निशान से 56 सेमी ऊपर है। उधर बलरामपुर में भी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। गोंडा में घाघरा की लहरें उफान मार रही है। बलरामपुर में कई गांव के पास पानी पहुंच चुका है। अयोध्या में सरयू के जलस्तर में उतार-चढ़ाव से कटान का खतरा बढ़ गया है। तटवर्ती इलाकों में लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं।
राहत आपदा विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार बहराइच में 1, महराजगंज में 1, गोरखपुर में 2, वाराणसी में 1, बलिया में 1, लखनऊ में 2 एनडीआरएफ की टीमें लगाई गयी है। राहत और बचाव का कार्य जारी है। जहां ज्यादा समस्या है, उस जिले के अधिकारी को अलर्ट किया गया है।(ians)
नई दिल्ली, 13 जुलाई। सूरत नगर निगम ने कपड़ा व्यापारियों को अपनी दुकानें खोलते वक्त वंदे मातरम और बंद करने के दौरान राष्ट्रगान गाने के लिए कहा है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बीते शनिवार को जारी दिशानिर्देशों में एसएससी ने ये बातें कही हैं. कोविड-19 के कारण बंद किए गए शहर के कपड़ा व्यापार मार्केट को फिर खोलने की इजाजत दी गई है.
कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में लगे सूरत नगर निगम द्वारा इन निर्देशों में यह भी कहा गया है कर्मचारी और कामगार अपने काम के दौरान प्रेरक नारे जैसे कि ‘हारेगा कोरोना, जीतेगा सूरत’ और ‘एक लक्ष्य हमारा है, कोरोना को हराना है’ गाना जारी रखेंगे.
व्यापारियों से यह भी कहा गया है कि वे शपथ लेंगे कि ‘मैं महामारी रोकने के लिए सरकार द्वारा जारी सभी निर्देशों का पालन करूंगा और सभी सुरक्षा उपायों का पालन करूंगा और महामारी को फैलने से रोकने के लिए अपने स्तर पर सभी जरूरी चीजें करूंगा.’
राज्य के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण) जयंती रवि, एसएमसी अधिकारियों और फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन (एफओएसटीटीए) के सदस्यों के साथ बैठक के बाद दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.
सूरत के नगर आयुक्त बीएन पाणी ने कहा, ‘दुकानें खोलते समय ‘वंदे मातरम’ और दुकानें बंद करते समय ‘जन गण मन’ गाना राष्ट्रीय एकता बनाने और कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए एक युद्ध घोष करने के लिए है.’
सूरत देश में मैन मेड फाइबर (एमएमएफ) का केंद्र है. यहां पर लगभग 170 कपड़ा व्यापार बाजार हैं, जिसमें 65,000 से अधिक दुकानें हैं.
दिशानिर्देशों के कड़ाई से पालन के साथ कपड़ा बाजार सोमवार से सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक ऑड-इवन तरीके से खुलेगा.
सूरत शहर में अब तक 6,727 कोरोना पॉजिटिव मामलेसामने आए हैं और 267 मौतें हुई हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 600 से अधिक हीरा पॉलिश करने वाले और 300 से अधिक कपड़ा व्यापारी कोरोना से संक्रमित हुए हैं.(thewire)
छग सशस्त्र बल के 2 जवान, 2 स्वास्थ्य कार्यकर्ता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 13 जुलाई। जिले में आज फिर 15 कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। जिसमें 2 जवान छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल अमलेश्वर बटालियन से हैं। दो पाटन के सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी संक्रमित पाए गए हैं।
जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि आज दोपहर प्राप्त रिपोर्ट में कुल 15 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। जिसमें से 2 जवान छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल अमलेश्वर बटालियन से हैं। दो पाटन के सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता जिसमें एक महिला एवं पुरुष शामिल हैं। इसके अलावा पाटन से ही एक मेडिकल स्टोर संचालक भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।
इसके अलावा वैशाली नगर से एक महिला मरीज संक्रमित हैं। जबकि ग्राम बोरी गारका निकुम से एक महिला एवं 2 पुरुष संक्रमित पाए गए हैं। इसी प्रकार से ग्राम उतई दुर्ग से दो पुरुष की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। ग्राम पंच देवरी कुम्हारी निवासी महिला की भी रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त हुई है।
इसी प्रकार से दुर्ग के ग्राम मटरा पाटन की रहने वाली एक महिला की रिपोर्ट कोरोना संक्रमित आई है। ग्राम जांजगीरी की महिला के कोरोना संक्रमण की पुष्टि की गई है एक अन्य महिला के पॉजिटिव होना बताया गया है आज मिले 15 मरीजों में अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों से हैं शहरी क्षेत्र से केवल एक महिला मरीज व वैशाली नगर से है सर्वाधिक 6 मरीज पाटन क्षेत्र से हैं।
3 महिला समेत 12 विधायक लेंगे शपथ
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 जुलाई। प्रदेश में करीब डेढ़ साल बाद संसदीय सचिवों की नियुक्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कल शाम 4 बजे 12 विधायकों को संसदीय सचिवों की शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह यहां मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित किया गया है। चर्चा है कि 3 महिला विधायक भी संसदीय सचिव बनाए जा रहे हैं।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार करीब डेढ़ साल से चल रही है, लेकिन यहां संसदीय सचिवों की नियुक्ति नहीं हो पाई थी। जबकि विधायकों और कांग्रेस नेताओं की यह लगातार मांग बनी हुई थी। उनकी इस संबंध में पार्टी के बड़े नेताओं के बीच भी चर्चा चलती रही। अब यह साफ होने लगा है कि कल प्रदेश में संसदीय सचिवों की नियुक्ति हो जाएगी। संसदीय सचिवों के लिए कुछ विधायकों के नाम भी सामने आने लगे हैं।
शपथ लेने वाले संसदीय सचिवों में द्वारिकाधीश यादव, विनोद सेवनलाल चंद्राकर, चन्द्रदेव राय, सुश्री शकुन्तला साहू, विकास उपाध्याय, श्रीमती अंबिका सिंहदेव, चिंतामणी महाराज, यू.डी. मिंज, पारसनाथ राजवाड़े, इंदरशाह मण्डावी, कुंवरसिंह निषाद, गुरूदयाल सिंह बंजारे, डॉ. रश्मि आशीष सिंह, शिशुपाल सोरी और रेखचंद जैन शामिल है।
‘कंटेनमेंट जोन के आसपास जांच बढ़ाएं’
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 जुलाई। सांसद सुनील सोनी ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार को कोई ठोस कदम उठानी चाहिए। खासकर कंटेनमेंट जोन-आसपास लॉकडाउन कर वहां कोरोना जांच बढ़ायी जाए।
सांसद श्री सोनी ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राजधानी रायपुर के 70 में से 60 वार्ड कोरोना से प्रभावित हो चुके हैं। इन वार्डों में नए-नए मरीजों के साथ कई जगहों पर कंटेनमेंट जोन बन गए हैं। इसी तरह प्रदेश के सभी 28 जिलों में भी कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। रायपुर समेत कुछ जिले ऐसे हैं, जहां आए दिन नए-नए मरीज सामने आ रहे हैं। इसमें डॉक्टर, नर्स, पुलिस के साथ अलग-अलग वर्ग के लोग संक्रमित मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पहले उनका पीएसओ पॉजिटिव मिला था। अब उनका ड्राइवर पॉजिटिव मिला है, लेकिन वे खुद बच गए हैं। इसकी वजह कोरोना गाइड लाइन का पालन है। वे लगातार मास्क लगाकर सामाजिक दूरी के साथ चल रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां कोरोना केसेस ज्यादा हैं, वहां राज्य सरकार लॉकडाउन करें। नियमों का पालन न करने वालों पर वहां सख्ती बरतें। जहां कोरोना केसेस कम हैं, वहां मास्क लगाने और सामाजिक दूरी बनाने पर पूरी तरह से जोर दें, तब जाकर हम कोरोना को हरा पाएंगे।
सांसद श्री सोनी ने कहा कि प्रदेश में हर रोज दर्जनों कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं। इसके बाद भी लोग सावधानी बरतने के बजाय सडक़ों पर बिना मास्क पहने चल रहे हैं। कोई सामाजिक दूरी भी नहीं बना रहे हैं। उनकी इस लापरवाही का नतीजा है कि बड़ी संख्या में लोग संक्रमित मिल रहे हैं। उनकी यह लापरवाही घातक है। ऐसे में कोरोना गाइड लाइन का कड़ाई से पालन कराया जाए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भैयाथान, 13 जुलाई। सूरजपुर जिले के विकासखंड भैयाथान के ग्राम पंचायत गोविंदगढ़ में आज दोपहर बैल चराने के दौरान आकाशीय बिजली से एक नाबालिग की मौत हो गई जबकि 2 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैयाथान लाया गया।
जानकारी के अनुसार आज दोपहर 1 बजे गाज से गोविंदगढ़ निवासी आकाश सिंह (14) की मौत मौके पर ही हो गई जबकि शिवमंगल सिंह (35) व अशोक सिंह (16) घायल हो गए जिनको सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैयाथान लाया गया जहां उपचार जारी है। आज दोपहर क्षेत्र में तेज बारिस के साथ आकाशीय बिजली गिरी है। वहीं प्रत्यदर्शियों के अनुसार सभी लोग गोविंदगढ़ के बांध के नीचे छुरीडांड में बैल चरा रहे थे। इसी दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक की मौत हो गई जबकि दो लोग घायल हो गए।
‘छत्तीसगढ़’ न्यूज डेस्क
कांग्रेस राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय प्रवक्ता पी.एल. पुनिया से आज ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान पर प्रतिक्रिया पूछी गई, जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सचिन पायलट अब भाजपा में है। बाद में उन्होंने कहा एक वीडियो स्टेटमेन जारी करके यह स्पष्ट किया कि आज सुबह मीडिया ने सवाल किया कि सिंधियाजी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी में सचिन पायलट की उपेक्षा हो रही है। इसके जवाब में मैंने सिंधियाजी के बारे में ही कहा था कि वे भाजपा में हैं, अब उनसे हमें सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। श्री पुनिया ने कहा कि गलती से सिंधियाजी के बजाय सचिन पायलट का नाम ले लिया गया, और मुझे भी यह अहसास नहीं हुआ कि मुझसे गलती हुई है। वास्तव में मैंने सिंधियाजी के बारे में कहा था, सचिन पायलट के बारे में नहीं। मुझे इस बात का अहसास है कि सचिन पायलटजी ने स्पष्ट रूप से बयान दिया है कि वे भारतीय जनता पार्टी में नहीं जा रहे।
अनंतनाग, 13 जुलाई। दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग में सोमवार को घेराबंदी और तलाश अभियान के दौरान सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गये और एक महिला घायल हो गई।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आज तडक़े खुफिया सूचना मिलने के बाद राष्ट्रीय राइफल्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह ने अनतंनाग के सरीगुफवाड़ा में संयुक्त अभियान शुरू किया। इस दौरान सुरक्षा बलों ने इलाके से बाहर निकलने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया गया और घर-घर जाकार तलाशी लेनी शुरू की। सुरक्षा बल के जवान जब एक मकान की ओर से बढ़ रहे थे, तभी वहां छिपे आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने भी गोलियां चलायी।
सूत्रों ने बताया सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के बाद मुठभेड़ शुरू हो गयी। गोलीबारी में एक महिला अरिफा घायल हो गयी , जिसे अस्पताल ले जाया गया है। आसपास के घरों से लोगों को बचा कर सुरक्षित पर ले जाया गया है। आसपास के गांवों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों और पुलिस को तैनात कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि अभी तक मुठभेड़ में दो अज्ञात आतंकवादी मारे गए और घटनास्थल से दो एके-47 राइफल्स बरामद की गयी है। आसपास के गांवों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों और पुलिस को तैनात कर दिया गया है।
अंतिम रिपोर्ट मिलने तक अभियान जारी था।
इस दौरान किसी भी तरह की अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए भारत संचार निगम लिमिटेड सहित अन्य सभी सेल्यूलर कंपनियों के इंटरनेट सेवा को एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया है। (वार्ता)
सुनील सोनी के ड्राइवर, पीएचक्यू के दो जवान भी संक्रमित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 जुलाई। रायपुर जिले में कोरोना संक्रमण बढऩे के साथ ही आज दोपहर 67 नए पॉजिटिव मिले हैं। कल यहां 96 पॉजिटिव मिले थे। इस तरह दो दिन में रायपुर जिले में 163 नए पॉजिटिव सामने आए हैं और यह जिला एक तरह से हॉटस्पॉट माना जा रहा है। ये सभी मरीज अस्पताल में भर्ती किए जा रहे हैं। वहीं उनके आसपास संपर्क में आने वालों की पहचान की जा रही है।
रायपुर जिले में बीती रात तक 737 कोरोना मरीज रहे। आज दोपहर 67 नए मरीजों के साथ इनकी संख्या बढक़र 801 हो गई है। इसमें एक्टिव 375 से बढक़र अब 442 हो गए हैं और 359 ठीक होकर अपने घर लौट गए हैं। आज मिले कोरोना मरीजों में सांसद सुनील सोनी का ड्राइवर, बैंककर्मी, हेल्थकेयर वर्कर, पीएचक्यू के दो जवान समेत अलग-अलग वर्ग के लोग शामिल हैं।
जिला स्वास्थ्य अफसरों का कहना है कि जिले में कोरोना संक्रमण बढऩे के साथ ही उसके जांच का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। खासकर पहले आए कोरोना मरीजों के प्राइमरी कॉन्टेक्ट वालों की जांच की जा रही है। जांच में पहले पॉजिटिव आए मरीजों के संपर्क वाले अब पॉजिटिव मिल रहे हैं। उनका कहना है कि कहीं-कहीं पर कोरोना की रैडंम जांच भी चल रही है। उनका मानना है कि राजधानी रायपुर समेत जिले में और भी कोरोना मरीज मिल सकते हैं।
तुर्की, 13 जुलाई। पोप फ्रांसिस ने कहा है कि इस्तांबुल के हागिया सोफिया को वापस मस्जिद में बदलने के तुर्की सरकार के फैसले से उन्हें दुख पहुँचा है। वेटिकन में एक सभा में बोलते हुए, रोमन कैथलिक गुरु पोप फ्रांसिस ने यह बयान दिया।
हागिया सोफिया का लगभग 1,500 साल पहले एक ईसाई चर्च के रूप में निर्माण हुआ था और 1453 में इस्लाम को मानने वाले ऑटोमन साम्राज्य ने विजय के बाद इसे एक मस्जिद में बदल दिया था।
यूनेस्को वल्र्ड हैरिटेज साइट - हागिया सोफिया को 1934 में आधुनिक तुर्की के निर्माता कहे जाने वाले मुस्तफ़ा कमाल पाशा ने देश को धर्मनिरपेक्ष घोषित करने के बाद, मस्जिद से म्यूजिय़म में तब्दील कर दिया था। लेकिन पिछले सप्ताह तुर्की की एक अदालत ने हागिया सोफिय़ा के संग्रहालय की स्थिति को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि मस्जिद के अलावा किसी अन्य चीज़ के रूप में इसका उपयोग क़ानूनन संभव नहीं था।
पोप फ्रांसिस इस बदलाव पर बहुत ज़्यादा नहीं बोले। उन्होंने अपने शब्दों को सीमित रखते हुए कहा, मैं इस्तांबुल के बारे में सोच रहा हूँ। मैं सेंटा सोफिया के बारे में सोच रहा हूँ और मुझे बहुत दुख पहुँचा है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा कि हागिया सोफिया में 24 जुलाई को पहली नमाज पढ़ी जाएगी। हालांकि, हागिया सोफिया को मस्जिद में बदलने की घोषणा के कुछ समय बाद ही वहाँ से अजान सुनाई दी और तुर्की के तमाम मुख्य चैनलों पर इसे प्रसारित किया गया। हागिया सोफिया का सोशल मीडिया अकाउंट भी बंद कर दिया गया है।
तुर्की में कट्टर इस्लामवादी लंबे समय से हागिया सोफिया को मस्जिद में तब्दील करने की वकालत करते आए हैं जबकि तुर्की की सेक्युलर जमात हमेशा से इसके खिलाफ रही है।
अपने फैसले का बचाव करने के लिए तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा है कि तुर्की सरकार ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर यह निर्णय लिया है और यह इमारत आगे भी मुस्लिम, गैर-मुस्लिम और अन्य विदेशी यात्रियों के लिए हमेशा की तरह खुली रहेगी।
हमारी आवाजों को सुना नहीं गया
पोप फ्रांसिस दुनिया के उन बड़े धार्मिक और राजनीतिक नेताओं में से एक हैं जिन्होंने तुर्की के इस निर्णय की निंदा की है।
वल्र्ड काउंसिल ऑफ चर्च ने तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन से यह निर्णय पलटने की गुजारिश की है। रूस में स्थित चर्च, जो दुनिया के सबसे बड़े रूढि़वादी ईसाई समुदाय का महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, उसने तुरंत खेद व्यक्त किया था कि तुर्की की अदालत ने हागिया सोफिय़ा पर आदेश देते समय उनके पक्ष का जऱा भी ध्यान नहीं रखा।
ग्रीस ने भी इसकी आलोचना की है। साथ ही यूनेस्को ने कहा है कि वल्र्ड हैरिटेज कमेटी अब इस इमारत की स्थिति की समीक्षा करेगी।
तुर्की के मशहूर लेखक और नोबेल विजेता ओरहान पामुक ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि इस निर्णय के बाद कुछ तुर्क लोगों से उनका गौरव छिन जाएगा जो अब तक कहते रहे कि तुर्की एक सेक्युलर मुल्क़ है।
उन्होंने कहा, मेरे जैसे लाखों तुर्क मुसलमान हैं जो इस निर्णय के बिल्कुल खिलाफ हैं, लेकिन हमारी आवाजों को सुना ही नहीं गया।
हागिया सोफिय़ा - क्या है इतिहास?
गुम्बदों वाली यह ऐतिहासिक इमारत इस्तांबूल में बास्फोरस नदी के पश्चिमी किनारे पर है।
बास्फोरस वह नदी है जो एशिया और यूरोप की सीमा तय करती है, इस नदी के पूर्व की तरफ एशिया और पश्चिम की ओर यूरोप है।
सम्राट जस्टिनियन ने सन 532 में एक भव्य चर्च के निर्माण का आदेश दिया था। उन दिनों इस्तांबुल को कॉन्सटेनटिनोपोल या कस्तुनतुनिया के नाम से जाना जाता था।
यह बाइज़ैन्टाइन साम्राज्य की राजधानी था जिसे पूरब का रोमन साम्राज्य भी कहा जाता था। इस शानदार इमारत को बनाने के लिए दूर-दूर से निर्माण सामग्री और इंजीनियर लगाए गए थे। यह तुर्की के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
यह चर्च पाँच साल में बनकर 537 में पूरा हुआ। यह ऑर्थोडॉक्स इसाइयत को मानने वालों का अहम केंद्र तो बन ही गया, बाइज़ैन्टाइन साम्राज्य की ताक़त का भी प्रतीक बन गया। राज्यभिषेक जैसे अहम समारोह इसी चर्च में होते रहे।
हागिया सोफिया जिसका मतलब है पवित्र विवेक, करीब 900 साल तक ईस्टर्न ऑर्थोडॉक्स चर्च का मुख्यालय रही। लेकिन इसे लेकर विवाद सिफऱ् मुसलमानों और ईसाइयों में ही नहीं है। 13वीं सदी में इसे यूरोपीय ईसाई हमलावरों ने बुरी तरह तबाह करके कुछ समय के लिए कैथोलिक चर्च बना दिया था।
1453 में इस्लाम को मानने वाले ऑटोमन साम्राज्य के सुल्तान मेहमद द्वितीय ने कस्तुनतुनिया पर कब्ज़ा कर लिया, उसका नाम बदलकर इस्तांबुल कर दिया, और इस तरह बाइज़ैन्टाइन साम्राज्य का खात्मा हमेशा के लिए हो गया।
सुल्तान मेहमद ने आदेश दिया कि हागिया सोफिय़ा की मरम्मत की जाए और उसे एक मस्जिद में तब्दील कर दिया जाए। इसमें पहली जुमे की नमाज में सुल्तान ख़ुद शामिल हुए। ऑटोमन साम्राज्य को सल्तनत-ए-उस्मानिया भी कहा जाता है।
इस्लामी वास्तुकारों ने ईसाइयत की ज़्यादातर निशानियों को तोड़ दिया या फिर उनके ऊपर प्लास्टर की परत चढ़ा दी।
पहले यह सिफऱ् एक गुंबद वाली इमारत थी लेकिन इस्लामी शैली की छह मीनारें भी इसके बाहर खड़ी कर दी गईं।
17वीं सदी में बनी तुर्की की मशहूर नीली मस्जिद सहित दुनिया की कई मशहूर इमारतों के डिजाइन की प्रेरणा हागिया सोफिया को ही बताया जाता है।
पहले विश्व युद्ध में ऑटोमन साम्राज्य को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा और साम्राज्य को विजेताओं ने कई टुकड़ों में बाँट दिया। मौजूदा तुर्की उसी ध्वस्त ऑटोमन साम्राज्य की नींव पर खड़ा है।
आधुनिक तुर्की के निर्माता कहे जाने वाले मुस्तफ़ा कमाल पाशा ने देश को धर्मनिरपेक्ष घोषित किया और इसी सिलसिले में हागिया सोफिया को मस्जिद से म्यूजियम में बदल दिया।
साल 1935 में इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया तब से यह दुनिया के प्रमुख पर्यटन स्थलों में एक रहा है।
करीब डेढ़ हजार साल के इतिहास की वजह से तुर्की ही नहीं, उसके बाहर के लोगों के लिए भी हागिया सोफिय़ा बहुत अहमियत रखता है। ख़ासतौर पर ग्रीस के ईसाइयों और दुनिया भर के मुसलमानो के लिए।
तुर्की में 1934 में बने क़ानून के खिलाफ लगातार प्रदर्शन होते रहे हैं जिसके तहत हागिया सोफिया में नमाज पढऩे या किसी अन्य धार्मिक आयोजन पर अब तक पाबंदी थी। (bbc.com/hindi)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 जुलाई। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस कर छत्तीसगढ़ के पार्टी के सांसदों से रूबरू हुए। चर्चा के दौरान केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह पर जिलों की बैठक नहीं लेने पर जमकर नाराजगी दिखाई।
केन्द्र सरकार की योजनाओं को घर-घर पहुंचाने के पार्टी के अभियान की समीक्षा के दौरान श्री नड्डा ने केन्द्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह परअभी तक जिलों की बैठक तक नहीं लेने पर नाराजगी जताई। रेणुका सिंह ने सफाई देने की कोशिश की कि बेटी की शादी की व्यस्तता की वजह से बैठक नहीं ले पाई।
इससे श्री नड्डा सहमत नहीं हुए। उन्होंने यहां तक कहा कि लगता है आप पार्टी कार्यक्रमों को गंभीरता से नहीं ले रही हैं। जबकि छत्तीसगढ़ में पार्टी की सरकार नहीं है और आप इस राज्य से केंद्र में एकमात्र मंत्री हैं। ऐसे में आपकी जिम्मेदारी ज्यादा है।
श्री नड्डा ने कांकेर सांसद मोहन मंडावी से आदिवासी इलाकों में सरकारी योजनाओं का हाल जाना। उन्होंने बाकी सांसदों से केन्द्रीय योजनाओं को घर-घर पहुंचाने के कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की। वीडियो कांफे्रंस में सभी सांसदों के अलावा राज्यसभा सदस्य सुश्री सरोज पांडेय और रामविचार नेताम भी जुड़े थे।
जयपुर, 13 जुलाई (भाषा)। राजस्थान में चल रही सियासी धक्कामुक्की के बीच बड़ी संख्या में कांग्रेस के विधायक मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे। विधायक दल की बैठक सुबह 10.30 पर होनी थी लेकिन यह दोपहर 12 बजे के बाद शुरू हुई। यहां सीएम गहलोत का समर्थन करने के लिए कांग्रेस के विधायकों के साथ केंद्रीय नेतृत्व द्वारा भेजे गए कांग्रेस के नेता भी नजर आए। सभी नेताओं ने वहां मीडिया की तरफ विजयी मुद्रा में इशारा किया। कांग्रेस लगातार इस बात का दावा कर रही है कि राजस्थान में गहलोत सरकार को कोई खतरा नहीं है। इसे सीएम गहलोत का पायलट के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है।
राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इससे पहले कहा कि गहलोत सरकार के पास जादुई आंकड़ा मौजूद है। राज्य सरकार कहीं नहीं जाएगी। पार्टी नेताओं के मुताबिक विधायक दल की बैठक में भाग लेने के लिए कांग्रेस के साथ साथ बीटीपी के दो, माकपा के एक, राष्ट्रीय लोकदल के एक विधायक सहित अनेक निर्दलीय विधायक पहुंचे हैं।
काठमांडू, 13 जुलाई। नेपाल के विभिन्न हिस्सों में पिछले चार दिनों में बाढ़ और भूस्खलन में 61 लोग मारे गए हैं जबकि 41 लोग लापता हो गए हैं। पश्चिमी नेपाल का मायागड़ी जिला 27 मौतों से सबसे ज्यादा प्रभावित है। लापता लोगों को खोजने के लिए अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के साथ खोज और बचाव अभियान जारी है। जिले में सैकड़ों लोग विस्थापित हुए हैं क्योंकि भूस्खलन से उनके घर बह गए हैं। उन्होंने अब स्थानीय स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों में शरण ली है।
मंसुवा बीके, जिन्होंने अब माईगाड़ी जिले के बिम में एक स्थानीय स्कूल में शरण ले रखी है, उन्होंने एएनआई को बताया कि मेरा बच्चा अभी छह महीने का है। हम स्कूल में शरण ले रहे हैं। मेरे परिवार में मेरा बच्चा और मैं ही बचे हैं। मैंने उसे अपने हाथों में पकड़ लिया और फिर भूस्खलन से मेरा घर बह गया।
भूस्खलन से प्रभावित मायागड़ी के धौलागिरि ग्राम परिषद के ग्राम परिषद अध्यक्ष थमसरा पुन ने कहा, पहले चरण में हमने घायलों को बचाया जो पूरा होने में हमें लगभग 30-35 घंटे लगे। अब हम लापता लोगों के लिए अपना खोज अभियान जारी रख रहे हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे मलबे में दबे हुए हैं।... और जो मृत हैं उनकी पहचान और उनके दाह संस्कार की भी व्यवस्था कर रहे हैं। स्थानीय निकाय प्रतिनिधि ने कहा कि हमारे दो वार्ड भूस्खलन के कारण पूरी तरह से बह गए हैं।
मानसून के मौसम में हिमालय राष्ट्र में भूस्खलन और बाढ़ एक आम घटना है। 12 जुलाई तक, लगभग एक हजार लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं और आस-पास के स्कूलों में शरण ली है और दानदाताओं के समर्थन पर भरोसा कर रहे हैं।
मायागड़ी जिले के मुख्य जिला अधिकारी ज्ञाननाथ ढकाल ने एएनआई को बताया, उस क्षेत्र में अब कोई भी असहाय नहीं है - वे सभी स्कूलों और सामुदायिक भवनों में स्थानांतरित कर दिए गए हैं। 70-80 सुरक्षाकर्मियों को लेकर तलाशी अभियान जारी है और यह समाप्ति की ओर है और राहत प्रदान करने का काम भी शुरू हो गया है।
इस सप्ताह के शुरू में नेपाल के मौसम पूर्वानुमान विभाग ने देश भर में इस सप्ताह के पहले तीन दिनों के लिए भारी भारिश की भविष्यवाणी की थी। बुलेटिन में डिवीजन ने तराई बेल्ट में कम दबाव की रेखा के पास मानसून होने की चेतावनी दी थी, जिसके परिणामस्वरूप वर्षा होनी की बात कही गई। (jagran)
मौतें-19, एक्टिव-909, डिस्चार्ज-3153
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 जुलाई। प्रदेश में कोरोना मरीज 4 हजार से पार हो चुके हैं। बीती रात मिले 150 नए पॉजिटिव के साथ प्रदेश में कोरोना मरीज बढक़र 4 हजार 81 हो गए हैं। इसमें 19 की मौत हो चुकी है। 909 एक्टिव हैं, जो एम्स समेत अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। वहीं 3 हजार 153 मरीज ठीक होकर अपने घर भी लौट चुके हैं, सैंपलों की जांच जारी है।
प्रदेश में कोरोना मरीज बढऩे के साथ ही मौतें भी जारी है। कल दुर्ग और रायपुर अंबेडकर अस्पताल में एक-एक कोरोना मरीज की मौत हो गई। दुर्ग का मरीज कोरोना के साथ सेप्टिक शॉक व अन्य बीमारियों से पीडि़त था। वहीं रायपुर का 41वर्षीय मरीज हृदयाघात के साथ कोरोना से संक्रमित था। प्रदेश में सिर्फ
कोरोना से 6 एवं कोरोना के साथ अन्य बीमारियों से 13 मौत हो चुकी है। अस्पतालों में भर्ती कुछ और मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
राजधानी रायपुर समेत प्रदेश में कोरोना मरीज अब तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं। बीती रात प्रदेश में एक साथ 150 नए पॉजिटिव पाए गए। इसमें अकेले रायपुर जिले से 96 रहे। जांजगीर-चांपा से 17, कांकेर से 9, सरगुजा से 5 एवं बालोद, बिलासपुर, कोरिया, बस्तर व नारायणपुर से 3-3 रहे। इसके अलावा धमतरी से 2 एवं दुर्ग, कबीरधाम, बलौदाबाजार, गरियाबंद, रायगढ़, बलरामपुर से 1-1 मिले। ये सभी मरीज एम्स समेत आसपास के कोरोना अस्पतालों में भर्ती कराए जा रहे हैं। उनके आसपास या संपर्क में आने वालों की पहचान जारी है।
स्वास्थ्य अफसरों का कहना है कि रायपुर समेत प्रदेश के कुछ जिलों में कोरोना मरीज ज्यादा संख्या में सामने आ रहे हैं। हालांकि प्रदेश में भर्ती मरीज डिस्चार्ज भी किए जा रहे हैं। कल 83 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं। लोगों को खुद जागरूक होकर अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करना जरूरी है। कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाकर रखना और ज्यादा जरूरी है। कहीं ना कहीं चूक से बीमारी तेजी के साथ फैल रही है। ऐसे में लोग सतर्कता के साथ अपने बचाव में अवश्य आगे आएं।
नई दिल्ली, 13 जुलाई। हार्दिक पटेल को गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद कुछ अखबारों ने इसे सोनिया गांधी के करीबी कहे जाने वाले अहमद पटेल की गुजरात की राजनीति पर पकड़ कमजोर होने का संकेत बताया है।
इकोनॉमिक टाइम्स अखबार ने लिखा है कि कांग्रेस पार्टी ने इस पीढ़ीगत बदलाव के जरिए एक मजबूत संदेश देने की कोशिश की है। साथ ही यह नियुक्ति कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष के पूर्व राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल की गुजरात कांग्रेस की राजनीति पर पकड़ कमजोर होने का संकेत भी है।
रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेताओं के बीच इस निर्णय से असंतोष का माहौल बना हुआ है जबकि प्रदेश बीजेपी के नेताओं को चिंता हो रही है कि हार्दिक पटेल ना सिर्फ पाटीदारों के, बल्कि सूरत के हीरा उद्योग से जुड़े प्रवासियों के भी वोट खींच सकते हैं। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हार्दिक पटेल की नियुक्ति का निर्णय राहुल गांधी ने लिया है जो पार्टी में एक नई ऊर्जा डालने का उनका प्रयास है।
दिल्ली के एक बड़े कांग्रेसी नेता ने इकनॉमिक टाइम्स से कहा, हार्दिक पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने का फैसला बहुत ही सधा हुआ फैसला है। वे बहुत ही सक्रिय नेता हैं और जमीनी स्तर पर कांग्रेस को खड़ा करने में सहायक साबित होंगे। इसलिए उन्हें एक महत्वपूर्ण पद दिया गया है, पर ये प्रदेश कांग्रेस का सबसे बड़ा पद नहीं है।
नियुक्ति के बाद हार्दिक पटेल ने कहा, मैंने पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं से बात की। कुछ ने मुझे ख़ुद बुलाया और सभी मेरे इस पद पर नियुक्त होने से खुश हैं। हर किसी का मुझे समर्थन है। आखिरकार हम सब चाहते हैं कि गुजरात में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बने।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हार्दिक पटेल पिछले कुछ समय से लगातार कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी से मिल रहे थे। हार्दिक ने गुजरात में जमीनी स्तर पर कांग्रेस के लिए काम करने की इच्छा भी जाहिर की थी।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि कांग्रेस पार्टी हार्दिक पटेल को राष्ट्रीय स्तर का पद देना चाहती थी लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया और कहा कि अभी वे राज्य स्तर पर ही काम करना चाहते हैं। (bbc.com/hindi)