मनोरंजन
मुंबई, 18 दिसंबर | गायक और 'इंडियन आइडल 13' के जज विशाल ददलानी ने 'गोलमाल' के टाइटल ट्रैक के बारे में एक दिलचस्प किस्सा सुनाया। रोहित द्वारा निर्देशित 'गोलमाल: फन अनलिमिटेड' एक कॉमेडी फिल्म थी, जो 2006 में रिलीज हुई थी और इसके बाद 'गोलमाल रिटर्न्स', 'गोलमाल 3' और 'गोलमाल अगेन' भी आई, जो कि काफी सफल रही। सभी चार फिल्मों में अजय देवगन, अरशद वारसी, तुषार कपूर, संजय मिश्रा, व्रजेश हिरजी और मुकेश तिवारी थे। इसके अलावा श्रेयस तलपड़े, अश्विनी कालसेकर और मुरली शर्मा ने तीन में और करीना कपूर और कुणाल खेमू ने दो में अभिनय किया था।
शो में प्रतियोगियों ने फिल्म के ट्रैक पर कुछ अद्भुत प्रदर्शन दिए और लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। तभी विशाल ने फिल्म के बारे में बात की और शीर्षक ट्रैक के बारे में बताया, "यह गीत शुरू में सुनिधि चौहान द्वारा गाया जाना था लेकिन बाद में, अनुष्का मनचंदा को लिया गया क्योंकि सुनिधि उस वक्त शहर से बाहर थीं।"
सिंगिग रियालिटी शो में सर्कस की टीम अपनी फिल्म का प्रमोशन करने पहुंची जहां पर सभी सितारों ने मिलकर बहुत मस्ती की। फिल्म के मुख्य कलाकार रणवीर सिंह, पूजा, जैकलीन और रोहित मौजूद रहे।
'इंडियन आइडल 13' में विशाल ददलानी, नेहा कक्कड़ और हिमेश रेशमिया जज हैं। सिंगिंग रियलिटी शो सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर प्रसारित होता है। (आईएएनएस)
काहिरा, 18 दिसंबर। ईरान के अधिकारियों ने देश की सबसे प्रसिद्ध अभिनेत्रियों में से एक को देश भर में हो रहे प्रदर्शनों के बारे में झूठ फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी।
समाचार एजेंसी ‘इरना’ की खबर में कहा गया है कि ऑस्कर विजेता फिल्म ‘द सेल्समैन’ की अभिनेत्री तारानेह अलीदूस्ती को शनिवार को हिरासत में लिया गया। एक हफ्ते पहले उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया था जिसमें विरोध प्रदर्शनों के दौरान कथित रूप से किए गए अपराधों के लिए हाल में मृत्युदंड पाने वाले पहले व्यक्ति के साथ एकजुटता व्यक्त की गई थी।
सरकारी मीडिया के आधिकारिक टेलीग्राम पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, सरकार विरोधी प्रदर्शनों का खुलकर समर्थन करने को लेकर मशहूर हस्तियों की गिरफ्तारी की श्रृंखला में यह नयी घोषणा है, जिसमें फुटबॉल खिलाड़ी, अभिनेता और प्रभावशाली लोग शामिल हैं।
सरकारी मीडिया के आधिकारिक टेलीग्राम चैनल पर प्रकाशित खबर के अनुसार, अलीदूस्ती को गिरफ्तार कर लिया गया है क्योंकि उन्होंने ‘‘अपने दावों के अनुरूप कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए।’’
उसने कहा कि कई अन्य ईरानी हस्तियों को भी भड़काऊ सामग्री प्रकाशित करने के लिए न्यायपालिका ने समन भेजा था और इनमें से कुछ को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, इसमें कोई और विवरण नहीं दिया गया।
अपने पोस्ट में, 38 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा था, ‘‘उसका नाम मोहसिन शेखरी था। हर अंतरराष्ट्रीय संगठन जो इस खूनखराबे को देख रहा है और कार्रवाई नहीं कर रहा है, मानवता के लिए एक अपमान है।’’
शेखरी को नौ दिसंबर को ईरान की एक अदालत ने तेहरान में एक सड़क को अवरुद्ध करने और देश के सुरक्षा बलों के एक सदस्य पर हथियार से हमला करने के आरोप में मृत्युदंड सुनाया था।
नवंबर में दो अन्य प्रसिद्ध ईरानी अभिनेत्रियों हेंगामेह ग़जियानी और कातायुन रियाही को अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के कारण गिरफ्तार किया था। ईरानी फ़ुटबॉल खिलाड़ी वोरिया गफौरी को भी पिछले महीने ‘राष्ट्रीय फ़ुटबॉल टीम का अपमान करने और सरकार के ख़िलाफ प्रचार करने’ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, तीनों को रिहा कर दिया गया है। (एपी)
बेंगलुरू, 17 दिसंबर | कन्नड़ इंडस्ट्री की मशहूर एक्ट्रेस और पूर्व सांसद राम्या उर्फ दिव्या स्पंदना दीपिका पादुकोण की अपकमिंग फिल्म 'पठान' के एक गाने 'बेशर्म रंग' पर विवाद पैदा होने के बाद उनके समर्थन में उतरी।
देश भर के हिंदुत्व कार्यकर्ताओं ने गाने पर आपत्ति जताई है और कहा है कि एक्ट्रेस की ड्रेस लव जिहाद को बढ़ावा देती है।
लंबे समय के बाद कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री में वापसी कर रही एक्ट्रेस राम्या ने दीपिका को कपड़ों के लिए ट्रोल किए जाने के लिए नारी द्वेष को जिम्मेदार ठहराया है।
राम्या ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा, सामंथा को उनके डायवोर्स के लिए ट्रोल किया गया। साई पल्लवी को उनके ओपिनियन के लिए, रश्मिका को उनके सेपरेशन के लिए, वहीं दीपिका को उनके कपड़ों के लिए, कई अन्य महिलाओं को हर चीज के लिए ट्रोल किया गया। चुनने का अधिकार हमारा बेसिक राइट है। महिलाएं मां दुर्गा का रूप मानी जाती हैं, लेकिन इस बुरी भावना के खिलाफ हमें लड़ना ही होगा।
कन्नड़ फिल्म 'स्वाति मुत्तिना माले हनीये' का निर्माण करने के अलावा, वह इसमें एक प्रमुख भूमिका भी निभाएंगी।
कन्नड़ अभिनेता और कार्यकर्ता चेतन कुमार ने 'बेशर्म रंग' गाने के विरोध को तुच्छ बताया था।
दूसरी ओर, श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुथालिक ने चेतावनी दी थी कि अगर गाने को वापस नहीं लिया गया तो वे 'पठान' पर प्रतिबंध लगाने के लिए देशव्यापी अभियान शुरू करेंगे। (आईएएनएस)|
मुंबई, 17 दिसम्बर | रैपर यो यो हनी सिंह ने 1990 के दशक की हिट फिल्म 'रंगीला' का सुपरहिट ट्रैक 'याई रे' को रीक्रिएट किया है, जो ग्रैमी और ऑस्कर विनर कंपोजर ए.आर. रहमान का पहला हिंदी साउंडट्रैक था। रीक्रिएटेड नंबर में ईडीएम (इलेक्ट्रॉनिक डांस म्यूजिक)हैं, जो इसे एक पार्टी एंथम बनाती है। गाने में यूलिया वंतूर को एक नए अवतार में दिखाया गया है।
गाने के बारे में बात करते हुए हनी सिंह ने कहा, मुझे ओरिजिनल सॉन्ग 'याई रे' बहुत पसंद आया और जब इस तरह के आइकोनिक ट्रैक को फिर से बनाने का अवसर आया तो मैं इसे करने के लिए फौरन तैयार हो गया! 'याई रे' 2022-2023 का पार्टी एंथम है। हमें उम्मीद है कि फैंस इसे उतना ही पसंद करेंगे, जितना इसके ओरिजनल थीम को किया गया था।
म्यूजिक वीडियो मिहिर गुलाटी द्वारा निर्देशित है, जिन्होंने हनी सिंह के साथ कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया है। वीडियो एक क्लब में सेट किया गया है, जहां हनी और यूलिया दोनों को बिल्कुल नए 'याई रे' के हुक-स्टेप पर डांस करते हुए दिखाया गया है।
यूलिया वंतूर ने कहा, जब मैंने पहली बार गाना सुना तो मैं खुद को डांस करने से रोक नहीं पाई। यह गाने की वाइब है, यह एक नई एनर्जी लाती है और आपको खुश महसूस कराती है। यह ओरिजनल ट्रैक लेजेंड ए.आर. रहमान का है। हनी सिंह ने अपने स्टाइल से इसे मसालेदार बनाने का काम किया है।
मैं बहुत खुश और आभारी हूं कि यो यो हनी सिंह और टिप्स ने मुझे इस अमेजिंग सॉन्ग का हिस्सा बनाने के बारे में सोचा। इस म्यूजिक वीडियो के लिए सिंगिंग और शूटिंग करना बिल्कुल मजेदार था। मुझे उम्मीद है कि फैंस इसे उतना ही पसंद करेंगे जितना हम करते हैं। यह वास्तव में हम सभी के लिए एक खुशहाल नया साल होने जा रहा है।
'याई रे' टिप्स म्यूजिक यूट्यूब चैनल पर स्ट्रीम करने के लिए उपलब्ध है। (आईएएनएस)|
मुंबई, 16 दिसंबर | युगांडा के एक एनजीओ के कुछ बच्चे एक साथ मिलकर बॉलीवुड स्टार विक्की कौशल और कियारा आडवाणी की फिल्म 'गोविंदा नाम मेरा' के गाने 'क्या बात है 2.0' पर थिरकते नजर आए। इन बच्चों का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टग्राम पर सामने आया जो कि उन बच्चों के पेज पर था। इसमें कैप्शन में लिखा था, "लिव, लव, लाफ..टूडे"।
इसके बाद इस वीडियो को दोबारा कियारा आडवाणी ने भी अपनी इस्टाग्राम स्टोरी पर साझा किया और कैप्शन में लिखा, "टू गुड"।
शांशाक खेतान द्वारा लिखी गई फिल्म 'गोविंदा नाम मेरा' एक कॉमेडी थ्रिलर फिल्म है। इस फिल्म में मुख्य भूमिका में विक्की कौशल, कियारी और भूमि पेडनेकर भी हैं। (आईएएनएस)|
कोलकाता, 15 दिसंबर। बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भारतीय सिनेमा के इतिहास का उल्लेख करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि ऐतिहासिक विषयों पर बनने वाली मौजूदा दौर की फिल्में ‘‘काल्पनिक अंधराष्ट्रवाद में जकड़ी’’ हुई हैं।
अमिताभ बच्चन ने 28वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (केआईएफएफ) के उद्घाटन की घोषणा करते हुए अपने भाषण में कहा कि भारतीय फिल्म उद्योग ने हमेशा साहस का प्रचार किया है और यह समतावादी भावना को जीवित रखने में कामयाब रहा है।
अभिनेता ने कहा, ‘‘ शुरुआती दौर से लेकर अब तक सिनेमा की विषय-वस्तु की सामग्री में कई बदलाव हुए हैं। पौराणिक फिल्मों और समाजवादी सिनेमा से लेकर ‘एंग्री यंग मैन’ के आगमन तक। ऐतिहासिक विषयों पर बनी मौजूदा फिल्में काल्पनिक अंधराष्ट्रवाद में डूबी हुई हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हर दौर में विभिन्न विषयों पर बनने वाली फिल्मों ने दर्शकों को उस समय की राजनीति और सामाजिक सरोकारों से रूबरू कराया है।’’
अभिनेता ने कहा कि अब भी भारतीय सिनेमा द्वारा “नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता पर सवाल उठाए जा रहे हैं”।(भाषा)
मुंबई, 14 दिसम्बर | निर्माता-निर्देशक करण जौहर 14 दिसंबर, 2001 को रिलीज हुई अपनी दूसरी फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' के 21 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। बुधवार को, केजेओ ने अपने इंस्टाग्राम पर फिल्म के बीटीएस का एक वीडियो साझा किया, जिसमें कोई भी फिल्म के कलाकारों और चालक दल और करण को अपने अभिनेताओं को निर्देशित करते हुए, सेट पर विचार-मंथन करते हुए और कुछ हल्के-फुल्के पल बिताते हुए देख सकता है।
उन्होंने कैप्शन में लिखा, "कोई भी शब्द इस फिल्म के लिए भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकता है। के3जी पूरी तरह से एक सम्मान की बात थी क्योंकि मेरे पास पर्दे पर निर्देशन करने के लिए इतने प्रतिष्ठित कलाकार थे और वह जल्द ही पर्दे के बाहर भी एक परिवार बन गया।"
उन्होंने आगे कहा, "21 साल बाद, मैं अभी भी उस प्यार में डूबा हुआ हूं, जो फिल्म में मुझे 21 साल पहले मिला था। धन्यवाद!"
बता दें, करण अक्सर यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि उन्होंने फिल्म को अपने पिता यश जौहर और मां हीरू जौहर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए बनाई थी। यह सब अपने माता-पिता से प्यार करने के बारे में है। (आईएएनएस)|
शुरू से ही विवादों में रही शाहरुख ख़ान की आने वाली फ़िल्म पठान एक बार फिर से सोशल मीडिया यूज़र्स के निशाने पर आ गई है.
दरअसल, शाहरुख ख़ान और दीपिका पादुकोण स्टारर फ़िल्म पठान का पहला गाना 'बेशर्म रंग' रिलीज़ हो गया है. गाना आते ही इंटरनेट पर वायरल हो गया लेकिन इसके साथ ही सोशल मीडिया पर फ़िल्म के बहिष्कार की मांग भी उठने लगी.
गाने में दीपिका पादुकोण और शाहरुख ख़ान के बीच केमिस्ट्री दिखाई गई है और एक जगह दीपिका ने भगवा रंग की बिकिनी पहनी है.
कुछ लोगों ने इस गाने को भद्दा और अश्लील बता दिया, तो कुछ ने इसे हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाला बताया है.
लोगों का कहना है कि दीपिका के कपड़ों का रंग भगवा है और जिस गाने का ये सीन है उसका नाम "बेशर्म रंग" है. भगवा रंग को अक्सर हिंदू धर्म से जोड़ा जाता है.
ट्विटर यूज़र कह रहे हैं कि पठान फ़िल्म का ये गाना बॉलीवुड में चलाए जा रहे मज़हबी एजेंडे का उदाहरण है. कुछ यूज़र दीपिका पादुकोण को जेएनयू गैंग का सदस्य भी बता रहे हैं.
एक यूज़र ने लिखा, "बॉलीवुड की फ़िल्म पठान, अभिनेत्री जेएनयू गैंग की सदस्य दीपिका पादुकोण और शाहरुख़ ख़ान, दीपिका के कपड़ों का रंग है भगवा और गाने का नाम है बेशर्म रंग. इसीलिए मैं फ़िल्म का बहिष्कार करता हूं."
एक यूज़र ने लिखा है कि बेशर्म रंग गाना देखकर उन्हें लगा कि दीपिका इससे बेहतर कर सकती थीं. उन्होंने कहा कि डांस मूव के नाम पर दीपिका गाने में जो कर रही हैं वो सुंदर नहीं है. दीपिका ने पहले भी कई फ़िल्मों में डांस किया है, जिनमें उन्होंने कम कपड़े भी पहने हैं और वो सुंदर लगी हैं. लेकिन पठान में जो उन्होंने किया वो अश्लील है.
एक यूज़र ने कहा है कि 2020 में दीपिका पादुकोण वामपंथियों का साथ देने जेएनयू पहुंची थीं. कोई ऑफ़िस में हवन पूजा तो कोई वैष्णो देवी का दर्शन टीका लगाकर कर रहा है जो उनके किताब में हराम है.
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बीजेपी कार्यकर्ता अरुण यादव ने भी लिखा कि भगवा रंग की पोशाक पहनाई और गाने का नाम बेशर्म रंग रख दिया.
शनावी नाम की यूज़र ने लिखा है कि बेशर्म रंग गाने में दीपिका पादुकोण ने भगवा रंग के कपड़े पहने हैं और वो अश्लील हरकतें करती दिख रही हैं. बॉलीवुड जानबूझकर हिंदू धर्म के पवित्र रंग का मज़ाक बना रहा है.
सौरभ सिंह नाम के एक यूज़र ने दो तस्वीरों को शेयर करते हुए बताया है कि एक में पठान फ़िल्म में महिलाएं कैसी दिखती हैं और असलियत में उनके साथ क्या व्यवहार होता है. यूज़र ने ये भी लिखा है कि ये आपको सच्चाई के एकदम उलट चीज़े दिखाकर पैसा बनाना चाहते हैं. यूज़र ने ये भी कहा है कि इस्लाम का महिमामंडन और हिंदुओं का मज़ाक बनाना अब काम नहीं करेगा.
एक ट्विटर यूज़र ने लिखा है कि पठान फ़िल्म में हिंदू लड़कियों को अश्लील तरीके से दिखाया गया है. इसलिए सेंसर बोर्ड को फ़िल्म पास नहीं करनी चाहिए.
एक यूज़र लिखते हैं कि एक तरफ़ शाहरुख खान माता वैष्णो देवी जा रहे हैं, दूसरी तरफ भगवा को बेशर्म रंग बताकर अश्लील दृश्य फ़िल्मा रहे हैं.
कुछ यूज़र्स ऐसे भी हैं जो दीपिका पादुकोण की आलोचना के ख़िलाफ़ बोल रहे हैं.
ट्विटर के चर्चित पैरोडी अकाउंट निमो ताई ने लिखा है, "कर्नाटक में हिजाब पहनने पर लड़कियों की आलोचना होती है. दीपिका पादुकोण को बिकिनी पहनने पर आलोचना झेलनी पड़ रही है. असल में संघियों को हर उस महिला से परेशानी है जो अपनी मर्ज़ी पर चलती है."
जनवरी 2020 में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के परिसर में कुछ नक़ाबपोश लोगों ने छात्रों और टीचर्स को निशाना बनाया था और तोड़फोड़ की थी. इसके बाद दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में छात्रों और अन्य लोगों ने इस घटना की निंदा करते हुए प्रदर्शन किए थे.
उस समय दीपिका पादुकोण भी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी पहुंची और उन्होंने हमले के शिकार हुए छात्रों के प्रति समर्थन जताया था. दीपिका ने उस समय स्टूडेंट्स यूनियन की अध्यक्ष आईशी घोष से भी मुलाक़ात की जिन्हें चोटें आई थीं.
हालांकि, दीपिका पादुकोण ने वहां जुटे लोगों को संबोधित नहीं किया मगर कुछ लोगों से बातचीत करने के बाद वह लौट गईं.
उस समय दीपिका पादुकोण की फ़िल्म 'छपाक' रिलीज़ होने वाली वाली थीं. लोगों ने उनके जेएनयू पहुंचने को फ़िल्म के प्रमोशन से जोड़ा और छपाक के भी बहिष्कार की मांग उठने लगी थी.
अपनी फ़िल्म पठान को लेकर लगातार सुर्खियों में रहने वाले अभिनेता शाहरुख़ ख़ान इसी महीने मक्का में उमराह करने पहुंचे थे. सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने उनकी तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए थे.
इसके बाद कुछ वीडियो शेयर करते हुए ये दावा किया गया कि शाहरुख खान ने वैष्णो देवी के दर्शन भी किए. हालांकि, सोशल मीडिया पर जो वीडियो शेयर हो रहा है उसमें शाहरुख़ ख़ान का चेहरा नहीं दिख रहा है.
हालांकि, कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स शाहरुख के उमराह और फिर वैष्णो देवी के दर्शन करने को फ़िल्म के प्रचार से भी जोड़ रहे हैं.
शाहरुख ख़ान फ़िल्म पठान से चार साल बाद बड़े पर्दे पर वापसी कर रहे हैं. पठान अगले साल 25 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी. (bbc.com/hindi)
तमिल फ़िल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत आज अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं.
शाहरूख ख़ान समेत कई कलाकारों ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी है. शाहरुख ख़ान ने ट्विटर पर रजनीकांत के साथ एक तस्वीर पोस्ट कर उन्हें बधाई दी है.
रजनीकांत फैन्स भी अलग अलग अंदाज़ में उन्हें जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं. मदुरै में रजनीकांत के फैन्स ने 73 किलोग्राम का 15 फुट लंबा केक तैयार कराया. फैन्स ने उन्हें ये केक काटकर बधाई दी.
रजनीकांत दक्षिण भारत के सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में गिने जाते हैं. उन्होंने कई हिंदी फ़िल्मों में भी काम किया है.
रजनीकांत का पूरा नाम है शिवाजी राव गायकवाड़. रजनी बैंगलुरु में बस कंडक्टर का काम किया करते थे.
1975 में आई इनकी पहली फ़िल्म अपूर्वा रागंगल. रजनीकांत ने तेलुगू, बंगाली और एक अंग्रेज़ी फ़िल्म में भी काम किया है.
2007 में आई फ़िल्म 'शिवाजी' रजनीकांत एशिया के सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले अभिनेताओं में से एक बन गए.
रजनीकांत ने एक राजनीतिक दल बनाने का भी एलान किया था लेकिन बाद में राजनीति में उनकी सक्रियता नहीं रही. (bbc.com/hindi)
अभिनेत्री नोरा फ़तेही ने अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस के ख़िलाफ़ 200 करोड़ की मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक नोरा ने जैकलीन पर दुर्भावना से झूठे बयान देने का आरोप लगाया है. दोनों ही अभिनेत्रियों से ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ की है.
37 वर्षीय अभिनेत्री जैकलीन के ख़िलाफ़ मनी लॉड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय की जांच चल रही है.
जैकलीन पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं. उन पर सुकेश चंद्रशेखर से महंगे गिफ़्ट लेने और मनी लॉड्रिंग करने के आरोप लगे हैं. (bbc.com/hindi)
एसएस राजामौली की फ़िल्म RRR को गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया है. फ़िल्म को बेस्ट नॉन इंग्लिश लैंग्वेज और 'नाटू-नाटू' गाने को बेस्ट ओरिजिनल स्कोर के लिए नॉमिनेट किया गया है.
मार्च में रिलीज़ हुई RRR में राम चरण और जूनियर एनटीआर ने मुख्य भूमिका निभाई है. इसके अलावा फ़िल्म में आलिया भट्ट, अजय देवगन श्रिया सारम ने अहम भूमिका निभाई है.
इस फ़िल्म ने दुनियाभर नें 1200 करोड़ रुपये से ज़्यादा कमाई की थी. फ़िल्म 5 भाषाओं तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी में रिलीज़ की गई थी. (bbc.com/hindi)
मुंबई, 12 दिसंबर। फिल्म निर्माता गुनीत मोंगा और फैशन क्षेत्र के उद्यमी सनी कपूर सोमवार को विवाह के बंधन में बंध गए।
फिल्म ‘‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’’ और ‘‘द लंच बॉक्स’’ जैसी सीरीज से खास पहचान बनाने वाली मोंगा ने यहां परिवार के सदस्यों और मित्रों की मौजूदगी में विवाह किया।
मोंगा ने इंस्टाग्राम पर विवाह की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, ‘‘हमारे गुरुजी, बुजुर्गों, दोस्तों और परिवार के बिना शर्त प्यार और आशीर्वाद के साथ, हमने आज हमेशा के लिए अपना सफर शुरू करने का संकल्प लिया।’’
मोंगा ने अप्रैल में कपूर के साथ सगाई की जानकारी साझा की थी। (भाषा)
मुंबई, 12 दिसम्बर | अभिनेता-निर्देशक प्रकाश झा अभिनीत लघु फिल्म 'हाईवे नाइट' को शॉर्टलिस्ट किया गया है और यह अकादमी पुरस्कारों के चयन के लिए विचाराधीन है। शुभम सिंह द्वारा निर्देशित फिल्म में प्रकाश झा सीताराम नाम के एक ट्रक ड्राइवर की भूमिका निभा रहे हैं, जो एक विशेष रात में मंजू नामक एक सेक्स वर्कर को एक रात हाईवे से उठा लेता है। सफर के दौरान दोनों में बातचीत हो जाती है। सुबह होते-होते उनके बीच एक असामान्य बंधन विकसित हो जाता है, सीताराम को मंजू के लिए पैतृक स्नेह महसूस होता है।
फिल्म के बारे में बात करते हुए, निर्देशक शुभम ने कहा, "यात्रा के दीवाने और भारतीय विविधता के अन्वेषक के रूप में, मैं हमेशा विभिन्न क्षेत्रों में यात्रा करता था और अपनी एक यात्रा के दौरान, जब मैं सड़क के किनारे खाने के स्थान (भारतीय ढाबा) पर बैठा था, मैंने देखा कि एक किशोर लड़की अपनी भूख को पूरा करने के लिए एक ग्राहक की सख्त तलाश कर रही थी। अचानक, एक रहस्यमय बूढ़े व्यक्ति ने उसे बुलाया और उसे भोजन की पेशकश की।"
उन्होंने आगे याद किया, "मैं पूरी घटना को शक की निगाह से देख रहा था। लेकिन मेरे सभी पूर्वकल्पित विचार गलत हो गए, जब बूढ़े व्यक्ति ने धीरे-धीरे भोजन के लिए भुगतान किया, बदले में कुछ भी नहीं मांगा। लड़की ने उस व्यक्ति को उसके अच्छे व्यवहार के लिए धन्यवाद दिया और बिना किसी ग्राहक की तलाश किए परिसर से चली गई। और यहीं से मैंने अपना 'हाइवे नाइट' का सफर शुरू किया।"
यह फिल्म मध्य प्रदेश में बछड़ा जनजाति के वास्तविक इतिहास से प्रेरित है और दिखाती है कि कैसे महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है और भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में देह व्यापार के दुष्चक्र में डाल दिया जाता है।
शुभम ने कहा, "अपने गहन शोध के बाद, मैंने बांछड़ा जनजाति की खोज की, जहां पारंपरिक रूप से परिवार के पुरुष किसी भी काम का विकल्प नहीं चुनते हैं, लेकिन वे परिवार की महिलाओं को देह व्यापार में लगाते हैं। भारत में कानूनी रूप से निषिद्ध प्रथा है। पूरे समुदाय के लिए आय का संपूर्ण और एकमात्र साधन था।" (आईएएनएस)|
मुंबई, 12 दिसंबर | 'गंगा' की अभिनेत्री अदिति देव शर्मा वर्तमान में 'कथा अनकही' में ब्लड कैंसर से पीड़ित अपने बेटे आरव के इलाज के लिए कई नौकरियों के बीच एक मां की भूमिका निभा रही हैं। अभिनेत्री खुद 3 साल के बच्चे की मां हैं और इस तरह उनका कहना है कि वह शो में अपने किरदार से खुद को जोड़ पाती हैं। अदिति ने साझा किया, "जब मुझे कहानी सुनाई गई, तो मैंने कथा के दर्द को अपने दिल में गहराई से महसूस किया। एक मां होने के नाते, मैं कथा को अपने बच्चे को बचाने के लिए पैसे की आवश्यकता से संबंधित महसूस कर सकती थी। एक मां के लिए, उसका बच्चा सबसे कीमती होता है। और वे उनके लिए कुछ भी कर सकते हैं। कथा के मामले में ऐसा ही है जो अपने बच्चे की भलाई सुनिश्चित करने के लिए ऊपर और परे जा सकती है। मैं एक मां के अंतहीन प्यार और देखभाल को दिखाने के लिए अपने स्क्रीन के बेटे आरव के साथ इसी तरह के बंधन को जीवंत करने की कोशिश करती हूं। मैं यह भी समझती हूं कि एक बच्चे को पालने में क्या लगता है।"
'कथा अनकही' तुर्की ड्रामा 'बिनबीर गीस' का हिंदी रीमेक है। इसमें अदिति शर्मा और अदनान खान हैं।
अभिनेत्री आगे कहती हैं कि सिंगल मदर बनना और बिना किसी मदद के बच्चे की पूरी देखभाल और जिम्मेदारी निभाना कभी भी आसान नहीं होता है।
"एक अकेली मां होना आसान नहीं है जो काम करती है और अपने बच्चे की देखभाल करती है, खासकर जब उन्हें अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है। मैं उन सभी माताओं को सलाम करती हूं जो कथा की तरह ही सुपरवुमेन हैं, जो अपने बच्चे के लिए कोमल हैं लेकिन जीवन का सामना करते हुए मजबूत हो जाती हैं। मुस्कान के साथ वह टूट चुकी है लेकिन हार नहीं मानेगी और अपने बेटे के लिए अंत तक लड़ेगी।"
आगे के एपिसोड में भी इस कहानी मे मां-बेटे के बंधन में कई सारे ट्विस्ट देखने को मिलेगें।
'कथा अनकही' सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर प्रसारित होता है। (आईएएनएस)|
मुंबई, 12 दिसंबर | बहुत कम अभिनेता हैं जो जोश और समर्पण के मामले में कमल हासन के करीब आ सकते हैं। 'इंडियन 2' की शूटिंग में व्यस्त अभिनेता 68 साल की उम्र में भी समय से कम से कम 5 घंटे पहले सेट पर पहुंच जाते हैं। इसका कारण प्रोस्थेटिक्स की तैयारी में लगने वाला समय है। फिल्म में उनके साथ स्क्रीन शेयर कर रहीं एक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह ने 'फ्री प्रेस जर्नल' से कहा, "मुझे आपको हिंदुस्तानी की तरह बताना होगा, इस फिल्म में उनके पास प्रोस्थेटिक्स भी है। वह एक 90 साल के बुजुर्ग का किरदार निभा रहे हैं इस फिल्म में। प्रोस्थेटिक मेकअप में चार से पांच घंटे लगते हैं। और इसीलिए अभिनेता सुबह 5 बजे पहुंच जाते हैं ताकि वह सुबह 10 बजे तक सेट पर तैयार रहें।"
उन्होंने आगे उल्लेख किया कि, अनुभवी अभिनेता भारतीय सिनेमा का एक बड़ा हिस्सा रहे हैं और उनसे बेहतर परि²श्य को कोई नहीं जानता है, "प्रोस्थेटिक मेकअप हटाने में दो घंटे लगते हैं और चेन्नई में बहुत गर्मी है लेकिन उन्हें परवाह नहीं है। मुझे लगता है कि यह एक अलग पीढ़ी है।"
"मुझे लगता है कि 100 वर्षों में, वह 60 से अधिक वर्षों के लिए सिनेमा का हिस्सा रहे हैं। 75 प्रतिशत से अधिक समय से वह अस्तित्व में हैं, वह सिनेमा का हिस्सा रहे हैं। सिनेमा को उनसे बेहतर कोई नहीं जानता।" (आईएएनएस)
मुंबई, 11 दिसंबर। अजय देवगन अभिनीत फिल्म ‘दृश्यम 2’ ने देशभर के सिनेमा घरों की टिकट खिड़की पर 23 दिनों में 200 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है। निर्माताओं ने रविवार को यह जानकारी दी।
फिल्म निर्माण से जुड़े बैनर पैनोरमा स्टूडियोज ने इस ‘सस्पेंस थ्रिलर’ फिल्म की कमाई के नवीनतम आंकड़े एक प्रेस विज्ञप्ति में साझा किए, जिसे 18 नवंबर को रिलीज होने के बाद सकारात्मक समीक्षाएं मिली हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘हम गर्व से चौथे शनिवार (23वां दिन) को देशभर में टिकट खिड़की पर दर्ज कमाई की घोषणा करते हैं... कुल कमाई 4.67 करोड़ रुपये रही। 23 दिनों के दौरान टिकट खिड़की पर कुल 203.58 करोड़ रुपये की शानदार कमाई हुई और अभी इस आंकड़े का बढ़ना जारी है।” (भाषा)
-वंदना
बात 1980 के दशक की है जब फ़िल्म 'प्रेम रोग' की शूटिंग चल रही थी. निर्देशक राज कपूर अभिनेता ऋषि कपूर के चेहरे पर एक हारे हुए प्रेमी की मायूसी, उदासी और लाचारगी देखना चाहते थे.
लेकिन बार-बार कोशिश करने पर भी राज कपूर को ऋषि कपूर के चेहरे पर वो भाव नहीं दिख रहे थे.
राज कपूर के सब्र का बाँध टूट गया और पूरी यूनिट के सामने वो ऋषि कपूर पर चिल्ला कर बोले, "मुझे यूसुफ़ चाहिए. चेहरे पर वही दर्द चाहिए जो ऐसा शॉट देते हुए यूसुफ़ की आँखों में होता..वही सच्चाई."
राज कपूर यूसुफ़ ख़ान यानी दिलीप कुमार की बात कर रहे थे. ये किस्सा दिलीप कुमार की आत्मकथा 'दिलीप कुमार- द सब्सटांस एंड द शैडो' में दर्ज है.
ये दर्शाता है कि बतौर अभिनेता दिलीप कुमार अभिनय के किस ऊंचे पायदान पर थे कि राज कपूर जैसा शोमैन अपने बेटे को अपने सबसे बड़े 'प्रतिदंद्वी' की मिसाल देता था.
यूसुफ़ ख़ान, दिलीप कुमार या बासु देव...
100 साल पहले यानी 11 दिसंबर 1922 को मौजूदा पाकिस्तान के पेशावर में जन्मे दिलीप कुमार अपने परिवार के साथ 30 के दशक में बॉम्बे (अब मुंबई) आ गए थे.
बॉम्बे आए तो लड़कपन वाले यूसुफ़ की हसरत दुनिया का बेहतरीन फ़ुटबॉल खिलाड़ी बनने की थी.
लेकिन क़िस्मत उन्हें फ़िल्मी दुनिया में ले आई. यहाँ आते ही एक पठान कारोबारी का 22 साल का शर्मीला बेटा यूसुफ़ दिलीप कुमार बन गया.
1970 मे बीबीसी को दिए इंटरव्यू में दिलीप कुमार ने ख़ुद पर ही चुटकी लेते हुए कहा था, "पिटाई के डर से मैंने ये नाम रखा. मेरा पिता के दोस्त थे बशेश्वरनाथ जिनके बेटे पृथ्वीराज कपूर फ़िल्मों में काम करते थे."
"मेरे पिता अक्सर उनसे शिकायत करते कि 'तुम्हारा बेटा नौजवान है, सेहतमंद है लेकिन नौटंकी में काम करता है. वो फिल्मों के ख़िलाफ़ थे.'
"जब मेरी फ़िल्म रिलीज़ होने वाली थी तो दो-तीन नाम मेरे सामने रखे गए- यूसुफ़, दिलीप कुमार, बासु देव. मैंने कहा कि भई यूसुफ़ मत रखिए बाकी कुछ भी रख दीजिए. दो-तीन महीने बाद जब एक फ़िल्मी इश्तेहार में मैंने अपना नाम देखा तो मालूम हुआ कि अब मेरा नाम दिलीप कुमार है."
कैसे मिला मौका?
अपनी किताब में दिलीप कुमार ने उस दिन का पूरा ब्योरा दिया है जब उन्हें पहला ऑफ़र मिला. 1942 की एक शाम नौकरी की तलाश में यूसुफ़ बॉम्बे के चर्चगेट स्टेशन से दादर जा रहे थे.
तभी उनकी नज़र मनोवैज्ञानिक डॉक्टर मसानी पर पड़ी जो कभी उनके कॉलेज आए थे. वो उन्हें अपने साथ बॉम्बे टॉकीज़ ले गए कि शायद वहाँ कोई काम मिल जाए.
बॉम्बे टॉकीज़ में यूसुफ़ की मुलाक़ात देविका रानी से हुई जिन्होंने सिर्फ़ इतना पूछा, 'उर्दू आती है?' जवाब मिला 'हाँ'.
देविका रानी ने तपाक से कहा, "क्या तुम एक्टर बनोगे. 1250 रुपए मिलेंगे हर महीने. मुझे पढ़े-लिखे, युवा और ख़ूबसूरत एक्टर की तलाश है."
जब 1944 में आई फ़िल्म 'ज्वार भाटा' में देविका रानी ने उन्हें पहला मौका दिया तो किसी ने नहीं सोचा होगा कि एक ऐसा सितारा अपनी शुरुआत कर रहा है जिसे आने वाली पीढ़ियाँ सलाम करेंगी.
कैसे की थी देवदास की तैयारी
दिलीप कुमार उस अदाकारी का चेहरा बने जो सहज और नेचुरल थी. लोग अक्सर कहते हैं कि अपने किरदार में खो जाने का फ़न कोई दिलीप कुमार से सीखे.
1955 में आई 'देवदास' में एक सीन था जहाँ थका हारा और शराब के नशे में धुत्त देवदास आता है और दुखी चंद्रमुखी कहती है, "और मत पियो देवदास".
फ़िल्म के सेट पर वैयजंतीमाला अपने डायलॉग के साथ तैयार थीं पर दिलीप कुमार कहीं नज़र नहीं आ रहे थे.
तब कैमरामैन ने बताया कि दिलीप साहब काफी देर से लगातार सेट के चक्कर लगा रहे हैं.
दिलीप कुमार ने कैमरामैन को तैयार रहने के लिए कहा था ताकि जब उनकी एंट्री हो तो वो वाकई थके हुए लगें और उनके माथे पर पसीने और थकन की असल लकीरें हों.
ये बातें वैजयंतीमाला ने दिलीप कुमार की किताब में साझा की है और लिखा है, "सीन में दिलीप कुमार को इस तरह देखा तो बरबस ही मेरे मुँह से निकला 'और मत पियो देवदास'. वो भाव मेरे चेहरे पर कभी नहीं आता, अगर मेरे सामने दिलीप कुमार इस तरह लड़खड़ाते हुए नहीं खड़े होते."
रोल के लिए सीखा सितार
मेथड एक्टिंग दिलीप कुमार की ख़ूबी थी लेकिन पर्दे पर वो बहुत सहज नज़र आते थे.
'देवदास' जैसी ही तकनीक उन्होंने फ़िल्म 'गंगा जमुना' के उस मुश्किल सीन में अपनाई जहाँ उन्हें गोली लग चुकी होती है और उन्हें लड़खड़ाते हुए गाँव के पुश्तैनी घर में ढेर हो जाना होता है.
1960 में आई फ़िल्म 'कोहिनूर' भी उनकी लगन की मिसाल है. फ़िल्म के गाने 'मधुबन में राधिका नाचे रे' में दिलीप कुमार को सितार बजाना था जो आसान नहीं है.
इधर फ़िल्म की शूटिंग चलती रही उधर दिलीप साहब उस्ताद अब्दुल हलीम जाफ़र ख़ान से तालीम लेते रहे. गाने में जिस महारत से सितार पर दिलीप कुमार की ऊंगलियाँ चलती हैं, वो उसी मेहनत का नतीजा था.
ट्रैजेडी किंग से लेकर एंटी हीरो तक
दिलीप कुमार 'ट्रैजेडी किंग' के नाम से ज़्यादा मशहूर हुए लेकिन उनकी एक्टिंग रेंज ग़ज़ब की थी.
महबूब ख़ान की 1954 में आई फ़िल्म 'अमर' में एंटी हीरो का रोल उन्होंने बख़ूबी निभाया था. एक वकील जिसकी प्रेमिका है लेकिन वो अपने ही घर में काम करने वाली एक औरत का बलात्कार करता है.
इसी तरह ज़िया सरहदी की फ़िल्म 'फ़ुटपाथ' में दिलीप कुमार ने ब्लैक मार्किटियर का रोल किया था.
दोनों ही फ़िल्मों में नैतिक द्वंद्व में फँसे शख़्स की कहानी उन्होंने आँखों और आवाज़ के उतार-चढ़ाव के ज़रिए पेश की जो उनकी ख़ूबी थी.
कैमरे की ओर पीठ करके धीमी आवाज़ में डायलॉग बोलना जहाँ बिना देखे भी आप उनके दिल का हाल समझ जाएँ और अपने दाएँ हाथ के इस्तेमाल वाला उनका स्टाइल काफ़ी मशहूर हुआ.
गायक, लेखक.....
ये बात कम ही लोग जानते हैं कि दिलीप साहब गाते भी थे. बीबीसी को 1970 में दिए इंटरव्यू में उन्होंने ख़ूबसूरत ग़ज़ल सुनाई थी.
1957 में आई फ़िल्म 'मुसाफ़िर' में लता मंगेश्कर के साथ उन्होंने गाना भी गाया.
उर्दू समेत कई ज़बानों पर उनकी पकड़, सधा हुआ अभिनय, सेट, स्क्रिप्ट, निर्देशन से लेकर मेकअप तक पर दिलीप कुमार की महारत, पर्दे पर उनके काम में साफ़ झलकती थी.
दिलीप कुमार की 'गंगा जमुना' और 'मुग़ल-ए-आज़म' लगभग एक साथ शूट हो रही थीं. एक रोल उर्दू बोलने वाले कोमल, शाही राजकुमार का तो दूसरा भोजपुरी बोलने वाला गाँव का डकैत.
'गंगा जमुना' जैसी फ़िल्मों के स्क्रीनप्ले से लेकर, लोकेशन ढूँढना, डायलॉग लिखने तक का काम वो ख़ुद करते थे.
फ़िल्म 'आदमी' का निर्देशन यूँ तो भीम सिंह ने किया था लेकिन फ़िल्म की अभिनेत्री वहीदा रहमान भी कह चुकी हैं कि तकरीबन सारा काम दिलीप कुमार ने ख़ुद किया था.
मनोवैज्ञानिक से मशवरा
एक समय 'ट्रैजडी किंग' का टैग इतना हावी हो गया था कि दिलीप कुमार को फ़िल्म 'प्यासा' के लिए गुरु दत्त का रोल ठुकराना पड़ा था.
ट्रैजिक भूमिकाओं का उनकी निजी ज़िंदगी में इतना असर हुआ कि उन्हें डॉक्टर की सलाह लेनी पड़ी.
बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, "ट्रैजडी वाली कहानी का असर देर तक मन पर रहता है. सोचिए कि रोज़ सुबह स्टूडियो आना है और वही रोने-मरने वाला सीन. आपको पता है कि जिसने माँ का रोल किया है वो ज़िंदा है, इनका नाम ललित पवार है, अभी इन्होंने पेट भरके खाना खाया है."
"लेकिन फ़िल्म में आपको उसी माँ के मरने का मातम मनाना है. एक तरह से अपने नर्वस सिस्टम को सज़ा देने वाली बात है, बदनसीबी की मुहर सी लग गई थी."
"मैंने ब्रिटेन जाकर ड्रामा से जुड़े लोगों से बात की, मनोवैज्ञानिक से मशवरा लिया. उन्होंने कहा कि कॉमेडी, एक्शन की फ़िल्में करिए. तब मैंने 'आज़ाद', 'कोहिनूर', 'राम और शाम' जैसी फ़िल्में कीं."
इश्क़ की दास्तां
1966 में दिलीप कुमार ने सायरा बानो से शादी की. उनकी प्रेम कहानी काफ़ी दिलचस्प है.
यूँ तो मधुबाला और दिलीप कुमार में भी गहरा रिश्ता रहा लेकिन 'मुग़ल-ए-आज़म' तक आते-आते ये रिश्ता ख़त्म हो चुका था.
उनसे आख़िरी मुलाक़ात को याद करते हुए दिलीप कुमार ने अपनी किताब में लिखा, "सायरा से निकाह के बाद की बात है. मुधबाला का फ़ोन आया कि वो फ़ौरन मुझसे मिलना चाहती हैं. जब मैं उनसे मिलने गया तो मधु को देखकर बहुत तकलीफ़ हुई. वो काफ़ी बीमार और कमज़ोर थीं."
"मुझे देखकर वो बहुत ख़ुश हुई और बोलीं कि आख़िर हमारे शहज़ादे को उसकी शहज़ादी मिल गई. वो कुछ निजी मामलों में मेरी सलाह चाहती थीं. वो हमारी आख़िरी मुलाक़ात थी. 23 फ़रवरी 1969 को मधु की मौत हो गई."
हालांकि उनकी निजी ज़िंदगी में उस समय खलबली मच गई थी जब 1982 में दिलीप कुमार ने असमा रहमान नाम की एक महिला से शादी कर ली जिसका उन्होंने बाद में अफ़सोस भी जताया.
दूसरी पारी
1976 में सायरा बानो के साथ आई फ़िल्म 'बैराग' के वक़्त वो 54 साल के हो चुके थे. अगले कई कुछ सालों तक उन्होंने फ़िल्मों से दूरी बनाए रखी.
उनकी दूसरी पारी 1981 में आई 'क्रांति' और 1982 में आई 'विधाता' से शुरू हुई जिसके बाद 'कर्मा', 'मशाल', 'शक्ति' और 'सौदागर' जैसी फ़िल्मों में उन्होंने बेहतरीन अभिनय किया.
मुझे फ़िल्म 'मशाल' का वो सीन हमेशा याद रहता है जहाँ एक पत्रकार (दिलीप कुमार), तेज़ बारिश में एक सुनसान सड़क पर आती जाती गाड़ियों को रोकने की कोशिश करता है ताकि दर्द से तड़पती अपनी पत्नी को अस्पताल ले जा सके.
उनकी आवाज़ सीन ख़त्म होने के बाद देर तक कानों में गूँजती रहती है.
1991 में आई 'सौदागर' के समय दिलीपु कमार 69 साल के थे. दोस्ती और दुश्मनी के जज़्बे के बीच झूलते वीर सिंह के रोल में उनकी अदायगी की खनक और ठसक बिल्कुल बरकरार थी.
साथ ही लोगों को 30 साल बाद दिलीप कुमार और राज कुमार को साथ देखने का मौका मिला.
1998 में उन्होंने रेखा के साथ डबल रोल किया. ये फ़िल्म दिलीप कुमार की सल्तनत का आख़िरी क़िला साबित हुई.
अलविदा...
दिलीप कुमार, राज कपूर, अशोक कुमार, महबूब खान, बिमल रॉय, देव आनंद, प्राण और यश चोपड़ा जैसे दिग्गजों के बेहद करीब थे.
दिलीपु कुमार ज़िंदगी के आख़िरी लम्हों में अक्सर अपने इन दोस्तों को याद किया करते थे.
दिलीप-राज-देव की तिकड़ी एक समय हिंदी सिनेमा की जान हुई करती थी.
सोचती हूँ कि अब शायद तीनों दोस्त दूर बैठे कहीं महफ़िल सजा रहें होंगे जिसमें लाइट, कैमरा और एक्शन की बातें होंगी, पंजाबी लतीफ़े होंगे, लज़ीज़ खाना होगा, बॉम्बे, लाहौर,पेशावर की गलियों की महक होगी (bbc.com/hindi)
काईद नाजमी
मुंबई, 11 दिसंबर (आईएएनएस)| युसूफ खान उर्फ दिलीप कुमार मल्टी टैलेंटेड एक्टर, जो न केवल एक सुपरस्टार बल्कि एक सुपरजाइंट स्टार बने, अपनी प्रतिभा की कला से भविष्य के अभिनेताओं और फिल्म निमार्ताओं को प्रेरित किया।
रविवार को उनकी 100वीं बर्थ एनिवर्सरी है। उनका जन्म 11 दिसंबर, 1922 को हुआ था। यहां उनकी कुछ टॉप, टाइमलेस, सुपरहिट फिल्मों का एक शानदार कलेक्शन है, जो अभी भी फिल्मों के शौकीनों को रोमांचित करती हैं, जो अब ज्यादातर छोटे पर्दे पर हैं।
55 साल के अपने एक्टिंग करियर में, दिलीप कुमार ने लगभग 65 प्रतिशत की शानदार सफलता दर के साथ अनुमानित 57 फिल्मों में अभिनय किया।
मेगा-ब्लॉकबस्टर फिल्म मुगल-ए-आजम रही। यह फिल्म 1960 में रिलीज हुई थी। इसका निर्देशन महान आसिफ करीम (के. आसिफ के रूप में जाना जाता था) द्वारा किया गया था, जिसने रिकॉर्ड तोड़ दिए और नए बनाए।
फिल्म में, दिलीप कुमार ने एक बोहेमियन राजकुमार सलीम की भूमिका निभाई।
मुगल-ए-आजम 2004 में डिजिटल रूप से कलर और फिर से रिलीज होने वाली पहली भारतीय फिल्म बन गई, और फिर से एक सुपरहिट साबित हुई।
मुगल-ए-आजम बनाने में खास योगदान देने वाली गायिका लता मंगेशकर का दिलीप कुमार के निधन ठीक आठ महीने बाद फरवरी 2022 में निधन हो गया।
वहीं 1961 में रिलीज हुई फिल्म गंगा जमना भी सुपरहिट साबित हुई। फिल्म दो भाइयों की कहानी थी, इसमें एक डकैत, जिसका नाम 'गंगा' था। इस किरदार को दिलीप कुमार ने निभाया और वहीं दूसरा एक पुलिस वाला 'जमना' था, इस रोल को उनके सगे भाई नासिर खान ने निभाया था। फिल्म लोगों को काफी पसंद आई।
कई विभागों में एक ट्रेंड-सेटर, गंगा जमना ने बाद में यश चोपड़ा की दीवार (1975), मनमोहन देसाई की अमर अकबर एंथनी (1977) जैसी फिल्मों की एक सीरीज दी।
महबूब खान के लव-ट्रायंगल में एक और दिलीप कुमार अभिनीत फिल्म नरगिस और राज कपूर के साथ अंदाज (1949) लोगों की यादों में ताजा है।
फिल्म की कहानी एक आम आदमी दिलीप कुमार की बचपन की प्रेमिका के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में उनकी प्रेमिका नरगिस होती है। काफी अमीर होने के कारण दिलीप कुमार उनके सामने अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाते और बाद में नरगिस की शादी राज कपूर से हो जाती है। इस फिल्म में कई मोड़ सामने आते है और नरगिस दिलीप कुमार को मार देती है और जेल चली जाती है।
नौशाद के निर्देशन में फिल्म के ब्लॉकबस्टर म्यूजिक झूम झूम के, नाचो आज, तू कहे अगर.. (मुकेश), उठाये जा उनके सितम (लता मंगेशकर), या यूं तो आपस में बिगड़ते हैं (लता, रफी) जैसे सदाबहार गाने हैं।
महबूब खान ने पहली भारतीय फिल्म, आन (1952) बनाई, जो दिलीप कुमार, निम्मी बानो और नादिरा अभिनीत देश की पहली टेक्नीकलर फीचर फिल्म भी थी।
उस समय बनाई गई यह सबसे महंगी फिल्म थी, जिसमें 3.50 मिलियन का बजट रखा गया। यह अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक बन गई, और इसे लगभग 28 देशों में द सैवेज प्रिंसेस के नाम से रिलीज किया गया।
नौशाद ने दिल में छुपाके प्यार का तूफान या मान मेरा एहसान, अरे नादान (रफी) जैसे गीतों के साथ एक सुपर-यादगार स्कोर बनाया।
दिलीप कुमार की विशेषता वाली उस समय की अन्य प्रमुख फिल्मों में शामिल हैं: जुगनू (1947), जिसने पहली बार गायक-अभिनेत्री नूरजहां के साथ उनके अभिनय और व्यक्तित्व पर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया, जो उनकी आजीवन दोस्त बनी रही।
रमेश सहगल की शहीद (1948) में, दिलीप कुमार को कामिनी कौशल के साथ एक स्वतंत्रता-सेनानी के रूप में जोड़ा गया था।
मुंबई, 10 दिसंबर। प्रसिद्ध मराठी लावणी गायिका सुलोचना चव्हाण का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण शनिवार को यहां निधन हो गया। उनके परिवार ने यह जानकारी दी।
पद्मश्री से सम्मानित चव्हाण (92) ने दक्षिण मुंबई में अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनके बेटे और ढोलकी वादक विजय चव्हाण ने ‘पीटीआई' को यह जानकारी दी। (भाषा)
मुंबई, 10 दिसम्बर | गायक पलाश सेन एक नया रोमांटिक नंबर 'केसरिया बालमा' लेकर आए हैं, जिसे उन्होंने 18 साल पहले लिखा और बनाया था और उसके एक साल बाद रिकॉर्ड किया था। बैंड यूफोरिया की 'केसरिया बालमा' जैसलमेर की सुहावनी दोपहर के बैकग्राउंड पर बनी एक प्रेम कहानी है, जहां पलाश शहर की धूल भरी सड़कों पर अपनी प्रेमिका को एक पुराने स्कूल बजाज चेतक पर एक देहाती और हीरो-एस्क टूर गाइड - गुलाब सिंह के रूप में घुमाते हुए दिखाई देते है। पलाश ने एक बार फिर से निर्देशक की भूमिका निभाई है, बैंड के बाकी सदस्य चालक दल के रूप में दोहरी भूमिका निभा रहे हैं।
मैरियट वाल्सन और स्वयं गायक अभिनीत, अविश्वसनीय पुनर्जन्म, और अभिनेताओं के माध्यम से बहने वाली अनकही भावनाओं को वीडियो में सहजता से बनाया गया है।
उन्होंने कहा, "यह गीत 18 साल पहले लिखा और बनाया गया था - 17 साल पहले रिकॉर्ड किया गया था - जिस तरह से मैं चाहता था, उसे अवधारणा बनाने और रिलीज करने में मुझे 17 साल लग गए। उस पल के लिए एक पल में लिखा गया था। फिर 17 साल बाद वो पल बिखर गया। क्या यह सिर्फ एक सपना था?" (आईएएनएस)|
मुंबई, 10 दिसम्बर | गायक स्वस्तिक बंसल, जिन्हें पेशेवर रूप से रेगो बी के नाम से जाना जाता है, भारत के डिस्को किंग स्वर्गीय बप्पी लहरी के पोते हैं। रेगो ने 'सुपरस्टिटियस एक्स रेगो' शीर्षक से एल्बम में पहला गाना लॉन्च किया, जो गानों का एक कलेक्शन है। उन्होंने लाइव बैंड के साथ एल्बम शूट किया है।
उसी के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा, "जस्टिन बीबर, फ्रेडी मर्करी, एडेल, स्टीवी वंडर, चार्ली पुथ, ब्रूनो मार्स और ब्रायन एडम्स से भरा एल्बम कभी किसी ने जारी नहीं किया है, इसमें कई गीत हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं इसे करके बहुत खुश हूं। मुझे विश्वास है कि मेरे दादाजी मुझे देख रहे हैं और मुझे आशीर्वाद दे रहे हैं कि आज मैं अच्छा काम कर रहा हूं।"
बारह वर्ष के रेगो ने अपनी एकल 'बच्चा पार्टी' के साथ भारतीय संगीत परि²श्य में प्रवेश किया, जिसने 5 मिलियन व्यूज पार किए और अपने दादा के साथ सलमान खान द्वारा होस्ट किए जाने वाले टेलीविजन शो 'बिग बॉस' और 'सा रे गा मा पा' में भी दिखाई दिए थे।
संगीत की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, रेगो लहरी परिवार में संगीतकारों की चौथी पीढ़ी से संबंधित हैं, उनके परदादा बंसारी लहरी- पहली महिला संगीतकार, बप्पी लहरी, रेमा (बप्पी लहरी की बेटी) और बप्पा लहरी (उनके पिता) हैं। (आईएएनएस)|
मुंबई, 7 दिसम्बर | बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान, जो अपनी स्पाई-थ्रिलर फिल्म 'पठान' के लिए तैयार हैं, इस वक्त एक गौरवान्वित पिता होकर काफी खुश हैं क्योंकि उनके बड़े बेटे आर्यन खान ने अपनी पहली फिल्म की स्क्रिप्ट पूरी कर ली है और काम करने के लिए तैयार हैं। आर्यन ने हाल ही में सोशल मीडिया पर अपनी पहली फिल्म का स्टेटस शेयर किया। अपने इंस्टाग्राम पर उन्होंने एक क्लैपर बोर्ड और पूल टेबल पर बंधी हुई स्क्रिप्ट के साथ एक तस्वीर साझा की। बाउंड स्क्रिप्ट पर फॉर आर्यन खान लिखा हुआ है।
आर्यन ने अपने अंगूठे से फिल्म के शीर्षक को छुपाया लेकिन यह बताया कि फिल्म का निर्माण शाहरुख की प्रोडक्शन कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट द्वारा किया जा रहा है।
जैसा कि उन्होंने कैप्शन में लिखा है, "लेखन से लिपटा हुआ.. एक्शन कहने का इंतजार नहीं कर सकता।"
वैसे ही आर्यन के पिता शाहरुख खान ने कमेंट सेक्शन में लिखा, "वाह.. सोचो.. विश्वास करो.. सपना देखो, अब हिम्मत की बात है.. पहले वाले के लिए आपको शुभकामनाएं, यह हमेशा खास होता है।"
शाहरुख एक व्यावहारिक पिता के रूप में जाने जाते हैं और सार्वजनिक रूप से अपने बच्चों के लिए अपना स्नेह और प्रोत्साहन प्रदर्शित करने से नहीं कतराते हैं। छोटे बेटे अबराम के साथ उनकी जन्मदिन की तस्वीरें उसी का प्रमाण हैं।
वर्कफ्रंट की बात करें तो शाहरुख की पाइपलाइन में तीन रिलीज हैं जवान, डंकी, पठान। वह सलमान खान-स्टारर टाइगर 3 में भी एक विशेष उपस्थिति में दिखाई देंगे। (आईएएनएस)|
लॉस एंजिलिस, 6 दिसंबर। हॉलीवुड गायिका लेडी गागा के पालतू कुत्तों को टहलाने वाले व्यक्ति को पिछले साल गोली मारने और फ्रेंच बुलडॉग प्रजाति के कुत्तों की चोरी करने के आरोपी को यहां की अदालत ने 21 साल कारावास की सजा सुनाई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि कुत्तों का लेडी गागा से संबंध महज संयोग था और इस घटना को अंजाम देने का मकसद महंगे फ्रांसीसी बुलडॉग की चोरी करना था जिसकी कीमत हजारों डॉलर है। अधिकारियों ने बताया कि जांचकर्ताओं का मानना है कि चोर को नहीं पता था कि कुत्ते लेडी गागा के हैं।
लॉस एंजिलिस काउंटी जिला अटॉर्नी कार्यालय ने बताया कि घटना को अंजाम देने वाले तीन लोगों में शामिल जेम्स हॉवर्ड जैकसन ने हत्या का मामला नहीं चलाने का अनुरोध किया था। कार्यालय के मुताबिक कुत्तों की चोरी की कोशिश 24 फरवरी 2021 को की गई थी। (एपी)
मुंबई, 6 दिसंबर। अभिनेत्री अनुष्का शर्मा ने कहा है कि हाल में रिलीज हुई फिल्म 'कला' में गुजरे जमाने की अभिनेत्री का किरदार निभाने का उनका अनुभव बेहद शानदार रहा और उन्होंने फिल्म की शूटिंग का पूरा लुत्फ उठाया।
ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर 'कला' एक दिसंबर को रिलीज हुई थी।
अनुष्का ने "कला" के गाने "घोड़े पे सवार" में अपनी विशेष उपस्थिति से दर्शकों को स्तब्ध कर दिया है। इस फिल्म का निर्माण उनके भाई कर्णेश शर्मा ने किया है।
"घोड़े पे सवार" को गीतकार अमिताभ भट्टाचार्य ने लिखा है जबकि इसका संगीत अमित त्रिवेदी ने दिया है। इस गीत को शिरीषा भगवतुला ने गाया है।
अभिनेत्री ने कहा कि वह हिंदी भाषा की मनोवैज्ञानिक ड्रामा फिल्म में अपनी भूमिका को लेकर दर्शकों की प्रतिक्रिया से बेहद उत्साहित हैं।
अनुष्का ने कहा, ‘‘ मैंने यह गाना इसके आनंद के लिए किया है। कोई अन्य कारण नहीं है और मुझे इसे करने में बहुत मजा आया! मुझे एक गुजरे जमाने की अभिनेत्री का किरदार निभाने में मजा आया। और मैं अपनी विशेष उपस्थिति के लिए दर्शकों की प्रतिक्रिया देखकर बहुत खुश हूं।’’
अनुष्का ने एक बयान में कहा, ‘‘ मैं उम्मीद नहीं कर रही थी कि लोग इसे इतना पसंद करेंगे लेकिन मुझे खुशी है कि दर्शक कुछ समय बाद मुझे स्क्रीन पर देखकर खुश हैं। ’’
"कला" का निर्देशन अन्विता दत्त ने किया है। यह फिल्म भारत में 1930 और 40 के दशक की एक युवा पार्श्व गायिका कला मंजुश्री (तृप्ति डिमरी) की जिंदगी की कहानी है।
इसमें स्वास्तिका मुखर्जी, बाबिल खान, अमित सियाल, गिरिजा ओक और समीर कोचर भी अहम भूमिका में हैं।
अनुष्का क्रिकेटर झूलन गोस्वामी के जीवन पर आधारित फिल्म "चकदा एक्सप्रेस" में अहम भूमिका में नजर आएंगी। (भाषा)
मुंबई, 6 दिसंबर | निर्देशक महेश मांजरेकर की मराठी पीरियड ड्रामा 'वेदत मराठे वीर दौडले सात' की शूटिंग शुरू हो गई है, जिसमें अक्षय कुमार छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमिका निभा रहे हैं। अक्षय कुमार ने इंस्टाग्राम पर छत्रपति शिवाजी महाराज की तस्वीर को देखते हुए अपनी एक तस्वीर भी साझा की।
उन्होंने हिंदी में कैप्शन लिखा कि, उन्होंने सोमवार को फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी है और भूमिका निभाने के लिए सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
वसीम कुरैशी द्वारा निर्मित यह फिल्म केवल एक कहानी या युद्ध नारा नहीं है, यह हिंदवी स्वराज्य की सफलता की कहानी है और एक गौरवशाली और नि:स्वार्थ बलिदान की कहानी है जैसा कोई अन्य नहीं है।
फिल्म के कलाकारों में जय दुधने, उत्कर्ष शिंदे, विशाल निकम, विराट मडके, हार्दिक जोशी, सत्या, अक्षय, नवाब खान और प्रवीण तारडे शामिल हैं।
महेश मांजरेकर द्वारा निर्देशित, फिल्म कुरैशी प्रोडक्शन की प्रस्तुति है और मराठी, हिंदी, तमिल और तेलुगु में दीवाली 2023 पर सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए पूरी तरह से तैयार है। (आईएएनएस)|