राष्ट्रीय
आनंद, 2 फरवरी | मध्य गुजरात के आनंद जिले में बिजली की बाड़ के संपर्क में आने से 11 वर्षीय एक बालक की मौत हो गई। पीड़िता के पिता प्रवीण ठाकोर ने भादरन पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि बुधवार शाम उनका बेटा अनिल खेत से बेर तोड़ने गया था। रमेश पटेल नामक एक व्यक्ति के खेत को पार करते समय केले की फसल को मवेशियों से बचाने के लिए लगे तार से छू गया।
भादरन थानाध्यक्ष ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर लिया गया है। अगर जांच के दौरान खेत मालिक रमेश भाई की ओर से कोई लापरवाही पाई जाती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
किसान अपनी फसलों को नष्ट करने से नीले बैल, सूअर और अन्य मवेशियों को रोकने के लिए बिजली की बाड़ लगाते हैं, जिससे अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। (आईएएनएस)|
नयी दिल्ली, 2 फरवरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मेघालय विधानसभा के लिए फरवरी के अंत में होने वाले चुनावों के मद्देनजर बृहस्पतिवार को राज्य की सभी 60 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी।
भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा और मेघालय इकाई के अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया।
सिन्हा ने कहा कि मेघालय में भाजपा पहली बार अपने बूते सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की अध्यक्षता में बुधवार को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में इन नामों को अंतिम रूप दिया गया। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित पार्टी की सीईसी के सभी सदस्य मौजूद थे।
मेघालय विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 27 फरवरी को होगा। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख सात फरवरी है। मतगणना दो मार्च को की जाएगी।
भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में 47 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उसे महज दो ही सीट पर जीत मिली थी। सात सीटों पर उसके उम्मीदवार दूसरे और 12 सीटों पर उसके उम्मीदवार तीसरे स्थान पर थे।
सिन्हा ने कहा कि मेघालय की जनता भ्रष्टाचार और भाजपा शासित पड़ोस के राज्यों के मुकाबले इस राज्य के विकास की धीमी गति से परेशान है।
उन्होंने कहा, ‘‘सड़कों की हालत खराब है, घंटों बिजल गुल रहती है, उपचार के लिए लोगों को गुवाहाटी जाना पड़ता है। आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।’’
सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय योजनाएं मेघालय पहुंच तो रही है इनका क्रियान्वयन की रफ्तार धीमी है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस बार भाजपा ने ‘सशक्त मेघालय’ का नारा दिया है क्योंकि राज्य की जनता को प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा है।’’
वर्तमान में मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की अगुवाई में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ), भाजपा तथा हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) की गठबंधन सरकार है और कोनराड संगमा इसका नेतृत्व कर रहे हैं।
हालांकि, आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने की घोषणा नहीं की है।
मेघालय के पिछले चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस 21 सीट पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन वह बहुमत से दूर रह गई।
कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली एनपीपी 19 सीट पर जीत के साथ दूसरे नंबर पर थी। प्रदेश की यूडीपी के छह सदस्य चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।
इसी प्रकार राज्य की पीडीएफ को चार सीट पर जीत मिली थी और भाजपा तथा एचएसपीडीपी को दो-दो सीट पर सफलता मिली थी।
चुनावी नतीजों के बाद संगमा ने भाजपा, यूडीपी, पीडीएफ, एचपीपीडीपी और एक निर्दलीय के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई और वह राज्य के मुख्यमंत्री बने। (भाषा)
नयी दिल्ली, 2 फरवरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी नगालैंड विधानसभा चुनाव नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी। इसके तहत एनडीपीपी के खाते में 40 और भाजपा के खाते में 20 सीटें गई हैं।
राज्य में 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 फरवरी को चुनाव होगा। भाजपा ने इन 20 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी कर दी। पार्टी की नगालैंड इकाई के अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलॉन्ग को पार्टी ने अलोंगटाकी सीट से उम्मीदवार बनाया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी और जे पी नड्डा की अध्यक्षता में बुधवार को हुई पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया गया था। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित सीईसी के सभी सदस्य भी उपस्थित थे।
पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के नगालैंड प्रभारी नलीन कोहली, राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा और प्रदेश अध्यक्ष अलॉन्ग ने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की।
अलॉन्ग ने कहा कि सीईसी की बैठक में तय हुआ है कि 2023 के नगालैंड विधानसभा चुनाव में भाजपा और एनडीपीपी साथ लड़ेंगे और इसके तहत एनडीपीपी 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी और भाजपा 20 सीटों पर।
कोहली ने कहा कि भाजपा ने जिन 20 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें से 11 सीटों पर पार्टी के वर्तमान विधायकों को फिर से टिकट दिया गया है। पार्टी ने एक मौजूदा विधायक का टिकट काटा है।
उन्होंने बताया कि 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने चार उम्मीदवारों को फिर से टिकट दिया गया है जबकि पांच नए चेहरों को मैदान में उतारा गया है।
नगालैंड में नयी विधानसभा के गठन के लिए 27 फरवरी को मतदान होगा जबकि मतों की गिनती दो मार्च को होगी। नामांकन पत्र दाखिल कराने की आखिरी तारीख सात फरवरी होगी जबकि नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 10 फरवरी होगी।
नगालैंड की 60 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त हो रहा है।
राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 13,09,651 है।
नगालैंड में वर्तमान में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) सत्ता में है।
वर्तमान में राज्य विधानसभा में कुल 59 सदस्य हैं। इनमें एनडीपीपी के 41, भाजपा के 12, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के चार, तथा दो निर्दलीय सदस्य हैं जबकि एक सीट फिलहाल रिक्त है।
पिछले विधानसभा चुनाव में नगालैंड में किसी दल को बहुमत नहीं मिला था। पूर्व मुख्यमंत्री टी आर जेलियांग के नेतृत्व वाला एनपीएफ 26 सीटों पर जीत हासिल कर सबसे बड़े दल के रूप में उभरा। इस चुनाव में वरिष्ठ नेता नेफ्यू रियो के नेतृत्व वाले एनडीपीपी को 17 और भाजपा को 12 सीटों पर जीत हासिल हुई।
बाद में भाजपा और एनडीपीपी ने जनता दल यूनाइटेड और कुछ अन्य दलों के सहयोग से राज्य में सरकार बनाई और नेफ्यू रियो चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। (भाषा)
नयी दिल्ली, 2 फरवरी लोकसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडाणी समूह को लेकर आई अमेरिकी संस्थान हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर चर्चा कराने की मांग करते हुए नारेबाजी की और शोर-शराबे के बीच सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी गयी।
संसद के बजट सत्र के दूसरे दिन लोकसभा की बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत दौरे पर आईं जाम्बिया गणराज्य की नेशनल असेंबली की स्पीकर नेली मुट्टी और वहां के संसदीय शिष्टमंडल का सदन की ओर से स्वागत किया।
जाम्बिया के शिष्टमंडल के सदस्य इस दौरान सदन की विशेष दीर्घा में बैठे थे।
इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, कांग्रेस समेत लगभग सभी विपक्षी दलों के सदस्य आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे। वे अडाणी समूह को लेकर आई उक्त रिपोर्ट पर चर्चा कराने की और समूह की कारोबारी प्रक्रियाओं की जांच कराने की मांग कर रहे थे।
हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से उनके स्थान पर जाने की अपील करते हुए बिरला ने प्रश्नकाल चलने देने की अपील की और कहा कि बिना तथ्यों के कोई बात नहीं की जानी चाहिए।
इस दौरान अध्यक्ष बिरला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्य पूनम मदाम को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) से संबंधित पूरक प्रश्न पूछने को कहा, लेकिन हंगामे के बीच वह पूरक प्रश्न नहीं पूछ सकीं।
अध्यक्ष बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है। विधान मंडल अध्यक्षों के सम्मेलन में चिंता व्यक्त करते हुए कहा गया था कि प्रश्नकाल चलना चाहिए।’’
उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘आप बुनियादी सवाल उठाएं। मैं आपको पर्याप्त समय दूंगा। आप सदन की मर्यादा नहीं रखना चाहते। बिना तथ्यों के कोई बात नहीं कीजिए।’’
हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनट बाद अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी।
सदन की बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के मौजूदा बजट सत्र में अपनी रणनीति को लेकर बैठक की और अडाणी समूह से संबंधित मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग उठाने का फैसला किया।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय एवं डेरेक ओब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, द्रमुक की कनिमोई, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के संजय राउत और कुछ अन्य दलों के नेता मौजूद थे।
सूत्रों ने बताया कि विपक्षी दलों ने फैसला किया है कि वे दोनों सदनों में अडाणी एंटरप्राइजेज से जुड़ा मुद्दा उठाएंगे और इस पर चर्चा की मांग करेंगे।
लोकसभा में कांग्रेस सदस्य मणिकम टैगोर ने कार्यस्थगन का नोटिस देकर अडाणी एंटरप्राइजेज के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि अडाणी प्रकरण पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन होना चाहिए।
संसद का बजट सत्र मंगलवार से आरंभ हो गया है। सत्र का पहला भाग 13 फरवरी तक होगा। बजट सत्र का दूसरा भाग 13 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा।
उद्योगपति गौतम अडाणी ने कहा है कि बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण उनके समूह की प्रमुख कंपनी को पूर्ण अभिदान मिलने के बावजूद अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने का फैसला किया गया।
‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में 90 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आई है।
‘अडाणी एंटरप्राइजेज’ ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की थी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 2 फरवरी कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने बृहस्पतिवार को अडाणी एंटरप्राइजेज मामले पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग की और यह आग्रह भी किया कि इस प्रकरण की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की जाए या फिर उच्चतम न्यायालय की निगरानी में इसकी जांच हो।
अडाणी सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित होने के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम यह कहना चाहते हैं कि सरकार क्यों दबाव बनाकर ऐसी कंपनियों को कर्ज दिलवा रही है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों के हितों और एलआईसी, एसबीआई के निवेश को ध्यान में रखते हुए, हम चर्चा की मांग कर रहे हैं। हमारी मांग है कि जेपीसी गठित करके इसकी जांच हो या उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व में इसकी जांच हो।’’
कई विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में खरगे ने कहा, ‘‘जांच होने पर प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के समक्ष रखी जाए ताकि पारदर्शिता रहे और लोगों को विश्वास रहे कि उनका पैसा बचा है।’’
इससे पहले, इस विषय पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण संसद के दोनों की कार्यवाही बाधित हुई।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘संसद के दोनों सदनों को आज दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि सरकार एलआईसी, एसबीआई और अन्य सार्वजनिक संस्थानों द्वारा दबाव में किए गए निवेश की जांच के लिए संयुक्त विपक्ष की मांग पर सहमत नहीं हुई।’’
उन्होंने दावा किया कि ऐसे निवेश के मूल्यों में कमी के कारण आज करोड़ों भारतीयों की बचत खतरे में है।
इससे पहले, बृहस्पतिवार सुबह खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय एवं डेरेक ओब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, द्रमुक की कनिमोई, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के संजय राउत और कुछ अन्य दलों के नेता मौजूद थे।
विपक्षी दलों ने फैसला किया है कि वे दोनों सदनों में अडाणी एंटरप्राइजेज से जुड़ा मुद्दा उठाएंगे और इस पर चर्चा की मांग करेंगे।
खरगे ने अडाणी एंटरप्राइजेज का प्रत्यक्ष उल्लेख किए बिना राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया था। नोटिस में मांग की गई थी कि बाजार में पूंजी गंवाती कंपनियों में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के निवेश के मुद्दे पर चर्चा कराई जाए।
लोकसभा में कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी कार्यस्थगन का नोटिस देकर अडाणी एंटरप्राइजेज के मुद्दे पर चर्चा की मांग की।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि अडाणी प्रकरण पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन होना चाहिए।
गौरतलब है कि अडाणी एंटरप्राइजेज ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की। हालांकि, कंपनी के एफपीओ को मंगलवार को पूर्ण अभिदान मिल गया था। समझा जाता है कि अडाणी एंटरप्राइजेज ने यह कदम अमेरिका की शॉर्टसेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उठाया है। इस कारोबारी समूह ने रिपोर्ट को निराधार बताया था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 2 फरवरी ‘स्वदेशी जागरण मंच’ (एसजेएम) ने उच्च निवल मूल्य (एचएनआई) वाले लोगों पर लागू आयकर दर को कम करने पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उच्च कर दर का हवाला देकर देश छोड़ने वाले लोगों को राहत देने के बजाय सरकार को उनके पासपोर्ट रद्द कर देने चाहिए।
एसजेएम के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि बुधवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश केंद्रीय बजट 2023-24 में उच्च निवल मूल्य (एचएनआई) पर लागू आयकर दर को मौजूदा 42.74 प्रतिशत से घटाकर 39 प्रतिशत करने का प्रस्ताव उन्हें देश छोड़ने के लिए रोकने का एक प्रयास है।
महाजन ने कहा, ‘‘ कई लोग विभिन्न कारणों से देश छोड़ रहे हैं और कह रहे हैं कि वह उच्च कर दर की वजह से किसी और देश में काम करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने करदाताओं के इस वर्ग को देश छोड़ने से रोकने के लिए राहत देने का प्रस्ताव दिया है।
महाजन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को एक विशेष वीडियो साक्षात्कार में कहा, ‘‘ अगर, मैं वित्त मंत्री होता, तो मैं प्रधानमंत्री से कहता कि पहले इन सभी अमीर लोगों को देश छोड़ने से रोकें और उनके पासपोर्ट रद्द कर दें।’’
स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के सह-संयोजक ने कहा कि सरकार को इन उच्च-निवल मूल्य वाले लोगों को जो उन पर लागू कर दर के कारण देश छोड़कर चले गए हैं, कभी भी भारत वापस नहीं आने देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत को विकास की राह पर ले जाना होगा। हमें ऐसे लोगों को भारत की विकास गाथा का हिस्सा नहीं बनाना।’’ (भाषा)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने आम बजट पेश करते हुए कहा कि इस बार का बजट समृद्ध और समावेशी भारत की परिकल्पना को साकार करता है.मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह अमृतकाल का पहला बजट है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
केंद्र सरकार ने अपने आखिरी पूर्ण बजट में महिलाओं के लिए नई बचत योजना का ऐलान किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत बजट में महिला सम्मान बचत पत्र जारी करने का ऐलान किया है. इसकी मियाद दो साल के लिए होगी और इनके तहत किसी महिला या लड़की के नाम से दो साल के लिए, दो लाख रुपये जमा करवाए जा सकेंगे. इस पर सरकार द्वारा 7.50 फीसदी ब्याज दिया जाएगा.
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा, "आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के साथ ही, वन टाइम नई लघु बचत योजना महिला सम्मान बचत पत्र मार्च 2025 तक उपलब्ध कराया जाएगा. इसके तहत 2 लाख रुपये तक की जमा पर फिक्स्ड ब्याज दर 7.50 फीसदी रहेगा." जैसे ही सीतारमण ने यह ऐलान किया प्रधानमंत्री मोदी समेत सभी सदस्य मेज थपथपाने लगे.
हालांकि आर्थिक जानकार इसे बचत से जोड़कर तो देख रहे हैं लेकिन साथ ही कह रहे हैं यह उम्मीद से कम है.
महिलाओंं के लिए बचत योजना का ऐलान
महिला सम्मान बचत पत्र योजना केवल एक बार के लिए होगी. इसमें आंशिक निकासी का विकल्प भी होगा. बजट में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की बात कही गई है. वित्त मंत्री ने बताया कि दीन दयाल अंत्योदय योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को 81 लाख स्वयं सहायता समूह से जोड़ा गया है. उन्होंने कहा स्वयं सहायता समूह को आर्थिक सशक्तिकरण के अगले चरण तक पहुंचाने के लिए बड़े उत्पादक उद्यम बनाए जाएंगे.
बजट में वित्त मंत्री ने कई नर्सिंग कॉलेज खोले जाने की घोषणाएं की. मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे.
यशोदा हेल्थकेयर की मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. उपासना अरोड़ा के मुताबिक सरकार ने नर्सिंग कॉलेज बढ़ाने का अच्छा कदम उठाया है. उन्होंने कहा, "150 से अधिक नर्सिंग कॉलेज और बनाने से इसका बहुत लाभ होगा और इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा. हमारे पास कुशल स्टाफ होगा."
जनता को बजट से कुछ नहीं मिला-विपक्ष
हालांकि विपक्षी दल बजट में जनता को कुछ नहीं दिए जाने का आरोप लगा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, "भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी. भाजपाई बजट महंगाई व बेरोजगारी को और बढ़ाता है. किसान, मजदूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनता है."
वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बजट पर तंज करते हुए ट्वीट किया, "पिछले साल के बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनरेगा और अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए किए गए आवंटन की सराहना की गई थी. आज हकीकत सबके सामने है. आवंटित राशि की तुलना में व्यय काफी कम है. यह हेडलाइन मैनेजमेंट के लिए पीएम मोदी की OPUD स्ट्रेटजी है- ओवर प्रॉमिस, अंडर डिलीवर."
वहीं कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "आम बजट में कुछ अच्छी चीजें हैं, लेकिन मनरेगा, गरीब ग्रामीण श्रम, रोजगार और महंगाई का कोई जिक्र नहीं किया गया है. कुछ बुनियादी सवालों के जवाब बाकी रह गए." (dw.com)
भारत के सामने महंगाई, बेरोजगारी, बढ़ते व्यापार घाटे की समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं. भारत का केंद्रीय बजट इन चुनौतियों से निपटने में कितना कारगर साबित होगा.
डॉयचे वैले पर अविनाश द्विवेदी की रिपोर्ट-
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार की कमाई और खर्च का बहीखाता यानी बजट पेश कर दिया है. इनकम टैक्स की लिमिट 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे लोग खुश हैं. सीनियर सिटिजन्स और महिलाओं के लिए सेविंग्स पर ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं. इससे भी मिडिल क्लास खुश हुआ है.
लेकिन बड़े स्तर पर देखें, तो देश पर इस बजट का क्या असर होगा? ये जानने के लिए सरकार की ही मदद लेते हैं. बजट से ठीक पहले आए इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया था कि साल 2022-23 में आर्थिक वृद्धि हुई और इसकी तीन वजहें गिनाई गईं. पहली, कोरोना के बाद मांग में बढ़ोतरी. दूसरी, साल 2022 के पहले कुछ महीनों में बढ़ा निर्यात. और तीसरी, सरकार की ओर से किए गए खर्चे.
मांग और निर्यात मुश्किल में
इन तीनों में से दो बातें तो आगामी बजट के लिए डरावना इशारा कर रही हैं, क्योंकि बढ़ी हुई मांग के अगले साल और बढ़ने के आसार नहीं हैं. बाकी यह तो सब जानते हैं कि नई नौकरियां आती हैं और सैलरी बढ़ती है, तो फिर मांग भी बढ़ती है. और अभी तो हालात भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में इससे उलट हैं. तो इस साल मांग बढ़ेगी और इससे बहुत आर्थिक वृद्धि होगी, इसकी संभावना कम ही लगती है.
दूसरी बात है निर्यात में बढ़ोतरी की. तो दुनियाभर में मांग सिकुड़ रही है. यूरोपीय देशों में तो वृद्धि के आसार ही नहीं दिख रहे. ऐसे में निर्यात बढ़ने की भी कम ही संभावना है.
सरकार के खर्च बढ़ाने का विकल्प
इन हालात में एक ही विकल्प बचता है- सरकार खर्च बढ़ाए. सरकार इसके लिए तैयार भी है. बजट में एलान किया गया है कि अगले साल सरकार अपनी ओर से 100 खरब रुपये खर्च करेगी. यह मौजूदा साल के मुकाबले करीब एक-तिहाई ज्यादा होगा. इस खर्च से सरकार नौकरियां बढ़ाने और आर्थिक वृद्धि लाने की कोशिश करेगी.
नौकरियां लाने के लिए सरकार ने अलग से कुछ योजनाएं बना रखी हैं. टूरिज्म को मिशन मोड में बढ़ाना इनमें से एक है. अगर ऐसा हुआ, तो स्थानीय स्तर पर ही ढेर सारे रोजगार पैदा किए जा सकते हैं. जैसे मान लीजिए कि अगर बनारस और अयोध्या जैसे शहरों में बड़ी संख्या में पर्यटक आने लगें, तो वहां टैक्सी, रेस्टोरेंट और होटल वगैरह के कितने रोजगार बढ़ जाएंगे.
नौकरियां लाने के लिए कई योजनाएं
फिर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 लॉन्च करने का भी प्लान है. इसके तहत अगले तीन सालों में लाखों युवाओं को ट्रेंड किया जाएगा. सरकार ने 5जी सेवाओं का इस्तेमाल करके लैब लगाने की भी बात कही है, जहां ऐप डेवलप करने की नौकरियां आएंगी.
इसके अलावा किसी IIT के साथ मिलकर लैब में हीरे बनाने को और विस्तार देने की योजना है. सरकार को उम्मीद है कि इस सेक्टर में भारी नौकरियां आ सकती हैं. हालांकि, ये सारी नौकरियां अभी भविष्य में हैं. ये तुरंत नहीं आ जाएंगीं.
सरकार भी कर्ज की दरों से परेशान
वहीं पिछले कुछ वर्षों में कोविड के बाद अर्थव्यवस्था जिस हाल में थी, सरकार को उसे चलाने के लिए ज्यादा कर्ज लेना पड़ रहा था. इस वजह से ब्याज दरें बढ़ी हुई हैं. जिनकी EMI चल रही है, उनसे पूछ लीजिए.
वैसे बढ़ी हुई ब्याज दरों से परेशान तो सरकार भी है. आलम ये है कि वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने 94 खरब रुपये ब्याज चुकाने में दिए, जो सरकार के कुल खर्च का साढ़े 22 फीसदी है. अगले साल यह ब्याज 108 खरब होने का एस्टीमेट है, जो सरकार के कुल खर्च का 24 फीसदी बनता है. यह सरकार का सबसे बड़ा खर्च बना हुआ है.
मांग बढ़े या बचत, यह भी उलझन
सरकार के राजकोषीय घाटे की भी बात कर लेते हैं. माने सरकार ने कितना खर्च किया और कितना कमाया. तो अगले साल यह घाटा 6 परसेंट से कम रहेगा, जो इस साल साढ़े 6 परसेंट रहने वाला है. और सरकार अपना घाटा कर्ज लेकर भर रही है. जब सरकार कर्ज लेती है, तो बड़ा कर्ज लेती है. जैसे इस साल करीब 120 खरब और अगले साल करीब 123 खरब रुपये. इतना बड़ा लोन लिया जाता है, तो ब्याज दरें चढ़ी रहती हैं. माने कर्ज देने वाला ज्यादा ब्याज मांगता है.
जब सरकार के लिए ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो लोगों के लिए भी बढ़ती हैं. तो अगर सरकार इतना लोन लेती रही, तो आपकी ईएमआई की दर भी जल्द कम नहीं होने वाली. और लोग ज्यादा ब्याज दर का सोचकर ज्यादा सेविंग करने लगे, तो खर्च करना बंद कर देंगे. सरकार यह भी नहीं चाहती कि लोग खर्च कम करें. जब खर्च करेंगे, तभी तो मांग बढ़ेगी और इकॉनमी चलेगी.
कागज पर अच्छा, जमीन पर मुश्किल
आखिरी बात सरकार की कमाई से जुड़ी. यानी जनता के दिए जाने वाले टैक्स की बात. तो टैक्स से कमाई अच्छी हो रही है. और आगे भी होती रहेगी. इस साल टैक्स से 300 खरब रुपये आने की गुंजाइश है और अगले साल के लिए 336 खरब आने का अनुमान है. यानी सरकार की टैक्स से होने वाली कमाई बढ़ ही रही होगी. फिर दूसरा जरिया है विनिवेश का. यानी सरकारी संपत्तियां बेचकर कमाई करने का. इसके टारगेट सरकार पिछले कई वर्षों से अचीव नहीं कर पा रही है.
तो सरकार ने जीडीपी ग्रोथ के जो टारगेट रखे हैं, उसे लेकर बजट के पन्नों पर तो सही तस्वीर खींची जा रही है. लेकिन अगर अर्थव्यवस्था में मांग नहीं बढ़ती है, वैश्विक अर्थव्यवस्था में घटी मांग से निर्यात स्थिर रहता है या घट जाता है और नौकरियां तुरंत नहीं आतीं, तो बजट में पेश की गई तस्वीर को जमीन पर उतारना बहुत मुश्किल होगा. (dw.com)
जोशीमठ में जमीन धंसने के कारण विस्थापित हुए लोग अभी उसी हालत में हैं और अब पांच और कस्बों में वैसी ही दरारें दिखने लगी हैं. लोग उस चारधाम राजमार्ग को जिम्मेदार मान रहे हैं जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की थी.
जसवंत सिंह बुटोला के घर से चार धाम यात्रा के लिए बनाई जा रही रेलवे लाइन नजर आती है. 18 महीने पहले जसवंत सिंह बुटोला एक सुबह सोकर उठे तो उन्होंने अपने घर की दीवार में एक दरार देखी. अब वह दरार इतनी चौड़ी हो चुकी है कि 55 साल के बुटोला को डर लगने लगा है. उन्हें लगता है कि पीढ़ियों से जिस गांव मारोडा में उनका परिवार रह रहा है, वो उन्हें छोड़ना पड़ेगा.
रेलवे लाइन की ओर देखते हुए बुटोला कहते हैं, "यह विनाश है.”
यह रेलवे लाइन भारत सरकार की विशेष योजना के तहत बनाई जा रही है. सरकार ने हिमालय के भीतर स्थित कई प्रमुख तीर्थस्थलों को रेल या सड़क से जोड़ेन की महती योजना बना रखी है जिसके जरिए लाखों हिंदू व सिख श्रद्धालू इन जगहों तक आसानी से पहुंच पाएंगे. चारधाम नाम की इस योजना में वह जोशीमठ भी शामिल है जहां हाल ही में सैकड़ों घरों में दरारें पड़ीं और वहां से लोगों को हटाना पड़ा.
इस योजना की एक रणनीतिक अहमियत भी है. चीन के साथ लगती सीमा पर यह ढांचागत विकास किया जा रहा है, जिसे भारत की सुरक्षा के लिए जरूरी समझा जाता है. इस तरह भारत इन इलाकों में अपनी पहुंच को और गहरा व मजबूत करना चाहता है.
प्रधानमंत्री ने बताया था जरूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर में चीन सीमा से लगते एक गांव में दिए भाषण में कहा था कि ये नए रास्ते गांवों में विकास लेकर आएंगे. उन्होंने कहा था, "आधुनिक संपर्क-मार्ग राष्ट्रीय सुरक्षा की भी गारंटी हैं. देश के सीमांत क्षेत्र सर्वोत्तम और सबसे चौड़ी सड़कों के जरिए जोड़े जा रहे हैं.”
अब यह रणनीति मुश्किल में पड़ गई है. पिछले महीने जोशीमठ में कई परियोजनाओं पर काम रोकना पड़ा था क्योंकि उन्हें जमीन धंसने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा था. नागरिकों के अलावा कई विशेषज्ञों और अधिकारियों ने कहा था कि अस्थिर पहाड़ियां होने के कारण जोशीमठ में हो रही खुदाई ही इस आपदा की वजह बनी है.
अब रॉयटर्स समाचार एजेंसी का कहना है कि दो अरब डॉलर की रेल परियोजना और डेढ़ अरब डॉलर की सड़क परियोजना के साथ लगते कम से कम पांच और गांवों और कस्बों में इमारतों में दरारें पड़ चुकी हैं. ये सारे चारधाम परियोजना के मार्ग पर स्थित हैं और कम से कम दो जगहों पर अधिकारियों ने परियोजना के काम को ही इसके लिए जिम्मेदार माना है.
मरोडा में जिला अधिकारी ने नागरिकों के नाम लिखे एक पत्र में कहा है कि रेल मंत्रालय की निर्माण कंपनी आरवीएनएल उन ग्रामीणों को अन्य जगहों पर जमीन खरीदने के लिए धन देगी जो इस परियोजना प्रभावित हो रहे हैं. हालांकि आरवीएनएल ने इस संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए.
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के साथ लगते तीन गांवों के नौ निवासियों ने रॉयटर्स को अपने घर दिखाए जनमें दरारें आ चुकी हैं. इन निवासियों ने दावा किया कि ये दरारें तभी पड़नी शुरू हुई थीं जब उनके गांवों के पास गुफाएं बनाने के लिए विस्फोट होने शुरू हुए.
खतरे में जीते लोग
पर्यावरणविद रवि चोपड़ा कहते है कि परियोजनाओं और दरारों में सीधा संबंध है. वह कहते हैं, "चट्टानों को तोड़ने के लिए हों या गुफाएं बनाने के लिए, जब धमाके होते हैं तो पहाड़ हिलते हैं और अक्सर नई दरारें उभर आती.” चोपड़ा सुप्रीम कोर्ट द्वारा चारधाम राजमार्ग के आकलन के लिए गठित की गई समिति के अध्यक्ष थे.
उधर, अधिकारी इस आपदा के लिए गांव-कस्बों में हो रहे अनियमित निर्माण को जिम्मेदार बातते हैं. उत्तराखंड आपदा प्रबंधन निगम के कार्यकारी निदेशक पीयूष रौतेला कहते हैं कि आबादी तेजी से बढ़ रही है और निर्माण बहुत खराब योजना के तहत किया जा रहा है जो दरारों के लिए जिम्मेदार है.
जोशीमठ के लिए जिम्मेदार कौन?
लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि मरोडा जैसे गांव तो दशकों से वैसे के वैसे हैं और वहां कोई नया निर्माण तक नहीं हुआ है. निवासी कहते हैं कि उनके यहां तो 2021 में रेलवे इंजीनियर आए और तब कोई निर्माण शुरू हुआ. नजदीकी बुटेला गांव में आठ परिवार घर छोड़कर जा चुके हैं और बाकी डर में जी रहे हैं.
बुटोला की मुन्नी देवी कहती हैं, "नीचे रात-रात भर रेलवे का काम चलता है और हमारे घर का सीमेंट उतरकर गिरता रहता है. हम बहुत खतरे में जी रहे हैं”
इस संबंध में रॉयटर्स ने रेलवे और अन्य कई मंत्रालयों के सरकारी अधिकारियों से सवालों के जवाब चाहे लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया.
वीके/एए (रॉयटर्स)
अडानी समूह ने बुधवार को 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को यह कहते हुए वापस लेने का फैसला किया कि निवेशकों को पैसा लौटा दिया जाएगा. कंपनी के बोर्ड की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के एफपीओ को अडानी समूह ने बुधवार को रद्द कर दिया. समूह के प्रमुख गौतम अडानी ने इसे रद्द करने की वजह खुद बताई है.
अमेरिकी फॉरेंसिक फाइनेंशल रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग द्वारा भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के व्यापारिक समूह पर लगाए गंभीर आरोपों के बाद पिछले पांच कारोबारी सत्रों में समूहों की कंपनियों का सामूहिक बाजार पूंजीकरण सात लाख करोड़ रुपये घट गया. बुधवार देर शाम एक नाटकीय घटनाक्रम में अडानी समूह ने अडानी एंटरप्राइजेज के पूरे बिक चुके एफपीओ को रद्द करने का फैसला लिया.
क्यों वापस लिया एएफपीओ
अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने इसको रद्द करने को लेकर एक बयान जारी किया. अडानी ने अपने बयान में कहा, "असाधारण परिस्थितियों के मद्देनजर, कंपनी के निदेशक मंडल ने फैसला किया है कि एफपीओ पर आगे बढ़ना नैतिक रूप से ठीक नहीं होगा. निवेशकों का हित हमारे लिए सर्वोपरि है और उन्हें किसी तरह के संभावित नुकसान से बचाने के लिए निदेशक मंडल ने एफपीओ को वापस लेने का फैसला किया है."
अडानी ने आगे कहा, "इस फैसले का हमारे मौजूदा ऑपरेशंस और भविष्य की योजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हम योजनाओं के समय पर क्रियान्वयन का ध्यान रखेंगे. साथ ही साथ भविष्य के प्लान पर ध्यान देंगे."
निवेशकों को पैसे लौटाएंगे
उन्होंने कहा कि एफपीओ के वापस होने के बाद निवेशकों के पैसे लौटा दिए जाएंगे. शेयर बाजार में बुधवार को क्रेडिट स्विस द्वारा समूह के बॉन्ड्स मार्जिन लोन पर रोक लगाने के बाद अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी और स्टॉक 2,128 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था. बुधवार को अंडानी एंटरप्राइजेज का मार्केट कैप घटकर 2,42,672 करोड़ पर आ गया.
अडानी ने कहा, "बोर्ड इस अवसर पर हमारे एफपीओ के लिए आपके समर्थन और प्रतिबद्धता के लिए सभी निवेशकों को धन्यवाद देता है. एफपीओ के लिए सब्सक्रिप्शन कल (31 जनवरी) सफलतापूर्वक बंद हो गया. पिछले हफ्ते स्टॉक में उतार-चढ़ाव के बावजूद कंपनी के व्यवसाय और इसके प्रबंधन में आपका विश्वास रहा है."
अंडानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ 27 जनवरी को निवेश के लिए खुला था और यह 31 जनवरी को बंद हुआ. इस एफपीओं को एंकर निवेशकों और अन्य निवेशकों ने हाथों हाथ लिया था. यहां तक कि अबु धाबी की एक कंपनी ने 3,200 करोड़ का निवेश किया था.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से झटका
पिछले दिनों अमेरिकी रिसर्च ग्रुप हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. रिपोर्ट में कहा गया कि अडानी ग्रुप के ऊपर कर्ज बहुत ज्यादा है जिसके कारण उसकी कंपनियों की स्थिरता पर संदेह है. यह रिपोर्ट कहती है कि अडानी ग्रुप ने टैक्स हेवन माने जाने वाले देशों का अनुचित इस्तेमाल भी किया है. हिंडनबर्ग ने अडानी पर अपनी रिपोर्ट में ग्रुप की गतिविधियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी ग्रुप ने विदेशों में बनाई अपनी कंपनियों का इस्तेमाल टैक्स बचाने के लिए किया है. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि मॉरिशस और कैरेबियाई द्वीपों जैसे टैक्स हेवन में बनाई गईं कई बेनामी कंपनियां हैं जिनके पास अडानी की कंपनियों में हिस्सेदारी है.
हालांकि अडानी समूह ने इस रिपोर्ट के आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह "भारत पर हमला" है. अडानी समूह ने जवाब देते हुए कहा है कि यह "भारत, उसकी संस्थाओं और विकास की गाथा पर सुनियोजित हमला है." समूह ने 29 जनवरी को 413 पन्नों का जवाब जारी करते हुए कहा कि आरोप "झूठ के सिवाय कुछ नहीं है." अडानी समूह ने कहा हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 'मिथ्या धारणा बनाने' की छिपी हुई मंशा से प्रेरित है ताकि अमेरिकी कंपनी को वित्तीय लाभ मिल सके.
बुधवार को अडानी समूह के शेयरों में गिरावट के साथ अडानी से एशिया और भारत में सबसे अमीर व्यक्ति का तमगा छिन गया. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से पहले लगभग 120 अरब डॉलर की उनकी कुल संपत्ति ने उन्हें दुनिया का तीसरा सबसे अमीर व्यक्ति बना दिया था. (dw.com)
नई दिल्ली, 2 फरवरी | दिल्ली के द्वारका इलाके में पांच और छह साल की दो लड़कियों का एक व्यक्ति ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया। पुलिस ने कहा कि उन्होंने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसकी पहचान दीपक (25) के रूप में की।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, गुरुवार को दोपहर करीब 1.20 बजे एक शिकायत प्राप्त हुई, जिसमें शिकायतकर्ता ने कहा कि वह अपनी बहनों सहित परिवार के साथ उत्तम नगर में अपने रिश्तेदार के घर जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने आई थी।
अधिकारी ने कहा, पार्टी के बाद, उसकी 6 साल और 5 साल की बेटियां घर में नहीं मिलीं। काफी तलाश करने पर वे आरोपी की झुग्गी के अंदर मिलीं। उन्होंने आरोप लगाया कि दीपक ने उनके साथ दुष्कर्म किया है।
अधिकारी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 342, 354 और 10/12 यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉस्को) अधिनियम के तहत उत्तम नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। आरोपी दीपक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 164 के बयान के बाद और जांच में सामने आने वाले तथ्यों के अनुसार आईपीसी की अन्य धाराएं जोड़ी जाएंगी। (आईएएनएस)|
मुंबई, 2 फरवरी | अभिषेक बच्चन के जन्मदिन के अवसर पर, निर्माता आनंद पंडित ने स्टार के साथ फिर से 2021 की फिल्म 'द बिग बुल' की अगली कड़ी पर काम को लेकर जानकारी साझा की। पंडित कहते हैं, "मुझसे लगातार पूछा जा रहा था कि क्या मैं सीक्वल बनाऊंगा.. हां, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 'द बिग बुल' के एक रोमांचक सीक्वल पर काम हो रहा है और यह निश्चित रूप से दर्शकों को आगे की कहानी बताएगी।"
5 फरवरी को अभिषेक बच्चन के जन्मदिन के मद्देनजर यह घोषणा महत्वपूर्ण है।
पंडित कहते हैं, "हां, मैं एक ऐसी फिल्म बनाना चाहता हूं जो उनकी प्रतिभा की विशालता के साथ न्याय करे। वह एक बहुत ही प्रतिभाशाली अभिनेता हैं और उनके साथ काम करना बेहद खुशी की बात है। उम्मीद है कि सीक्वल हमें एक साथ जादू करने का एक और मौका देगा।"
निर्माता एक किताब के अधिकार खरीदने की प्रक्रिया में हैं और कहते हैं, "मैं इस बारे में ज्यादा नहीं बता सकता कि सीक्वल किस पर आधारित होगा लेकिन यह बहुत दिलचस्प होने वाला है।"
'द बिग बुल' डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर 2021 में रिलीज हुई थी और हेमंत शाह नाम के एक कुख्यात स्टॉकब्रोकर की काल्पनिक कहानी है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 2 फरवरी | अदाणी ग्रुप पर अनुसंधान समूह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के हंगामे के बीच गुरुवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए।
स्पीकर ओम बिड़ला ने जैसे ही जाम्बिया के एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और प्रश्नकाल शुरू किया, तभी हंगामा शुरू हो गया।
बिड़ला ने शोर-शराबे वाले ²श्यों पर आपत्ति जताई और सदस्यों से निराधार दावे नहीं करने को कहा। नारेबाजी जारी रहने पर उन्होंने कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इसी मुद्दे पर विपक्षी दलों के विरोध के चलते राज्यसभा भी स्थगित कर दी गई।
अमेरिका की एक शोध फर्म हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप पर स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
विपक्षी दल अदाणी मुद्दे, सीमा पर चीनी अतिक्रमण और राज्यों में राज्यपालों की भूमिका पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। (आईएएनएस)|
काहिरा, 2 फरवरी | मिस्र की राजधानी काहिरा के एक धर्मार्थ अस्पताल में बुधवार को लगी आग में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 32 अन्य घायल हो गए। मिस्र के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी। मंत्रालय के प्रवक्ता होसाम अब्देल-गफ्फार के मुताबिक दुर्घटना अल मतरेया जिले में स्थित अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में हुई। मौके पर 12 एंबुलेंस भेजी गई।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के हवाले से अब्देल-गफ्फार ने कहा कि घायलों को जलने, फ्रैक्च र या दम घुटने का सामना करना पड़ा। उन्हें अस्पतालों में भर्ती करा दिया गया है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 2 फरवरी | संसद की कार्यवाही से पहले सदन में रणनीति बनाने के लिए विभिन्न विपक्षी दलों के नेता गुरुवार सुबह बैठक करेंगे। कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस रणनीति समिति की बैठक भी होगी। कांग्रेस सचेतक नसीर हुसैन ने कहा, संसद भवन में सीपीपी कार्यालय में कांग्रेस रणनीति समिति की बैठक होगी और समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की बैठक संसद में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गेजी के कक्ष में सुबह 10 बजे होगी।
वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किए जाने के एक दिन बाद नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक कर रहे हैं।
संसद की संयुक्त बैठक में सरकार राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव दे सकती है। (आईएएनएस)|
चेन्नई, 2 फरवरी | तिरुपुर पुलिस ने एक रियल एस्टेट व्यवसायी का अपहरण करने और उसे प्रताड़ित करने के आरोप में एक गिरोह को गिरफ्तार किया है। तिरुपुर के शिवकुमार (52) को अपने पिता पोन्नुसामी गाउंडर की मृत्यु के बाद तमिलनाडु के कोयंबटूर और तिरुपुर में जमीन का बड़ा हिस्सा विरासत में मिला। उनकी बहन अंबिका (48) ने उनसे इस संपत्ति में से कुछ अपने नाम करने का अनुरोध किया, लेकिन शिवकुमार ने मना कर दिया और इससे दोनों के बीच दुश्मनी हो गई।
मामले की जांच कर रही तिरुप्पुर पुलिस के मुताबिक अंबिका, उनके पति वेलुसामी और उनके बेटे गोकुल ने कुछ दिनों पहले एक गिरोह के साथ मिलकर शिवकुमार का अपहरण कर लिया। उन्हें एक स्थान पर ले जाया गया और कुछ संपत्तियों को अंबिका के नाम पर स्थानांतरित करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने फिर से मना कर दिया।
पुलिस ने कहा कि इसके बाद शिवकुमार को एक सूनसान घर में ले जाया गया और उलटा लटका कर उसकी बेरहमी से पिटाई की गई।
इससे डरे शिवकुमार ने संपत्ति के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर उन्हें स्थानांतरित कर दिया। पुलिस ने यह भी कहा कि उसके पास से 1.5 लाख रुपये के आभूषण भी छीन लिए गए। इसके बाद उसे जबरदस्ती शराब पिलाई और वह बेहोश हो गया।
पुलिस के अनुसार जब शिवकुमार को होश आया तो उसने खुद को बेंगलुरु के एक मानसिक अस्पताल में पाया। उसने डॉक्टरों और नर्सों से शिकायत की। उन्होंने उसके परिवार को ट्रैक करने में मदद की। शिवकुमार का परिवार अस्पताल पहुंचा और उसे वापस तिरुपुर ले गया।
मामले में पुलिस ने वेलुसामी (शिवकुमार के साले और हमले के सरगना), उसके बेटे गोकुल और गिरोह के तीन सदस्यों रियाज खान (36), शाहुल हमीद (32) और असरफ अली (26) को गिरफ्तार कर लिया। उसकी बहन अंबिका और दो अन्य फरार हैं। पुलिस ने कहा कि उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 2 फरवरी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन परिसर में अपने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ महत्वपूर्ण और उच्चस्तरीय बैठक की। बताया जा रहा है कि बैठक में बजट सत्र के दौरान सरकार की रणनीति और खासतौर से गुरुवार को होने वाली कार्यवाही को लेकर चर्चा हुई। गुरुवार को दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, अनुराग ठाकुर और प्रल्हाद जोशी के साथ ही कई अन्य मंत्री भी शामिल हुए।
दरअसल, गुरुवार को संसद के दोनों सदनों - लोक सभा और राज्य सभा में सरकार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करने जा रही है। लोक सभा में यह प्रस्ताव भाजपा सांसद सी.पी. जोशी और राज्य सभा में डॉ के. लक्ष्मण पेश करेंगे। (आईएएनएस)|
दक्षिण कन्नड़, 2 फरवरी | कर्नाटक पुलिस ने उल्लाल कस्बे में छत्तीसगढ़ की 23 वर्षीय दिव्यांग महिला की रहस्यमय मौत की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। मृतक दिव्यांग महिला की पहचान सरिता वर्मा के रूप में हुई है। महिला का शव 30 जनवरी को लटका हुआ मिला था और उसका मुंह बंद था। घटना में धोखाधड़ी की आशंका जताई जा रही है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मृतक मूक-बधिर थी। उसके मुंह में कपड़ा ठूंसा गया था। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि बदमाशों ने उसकी हत्या की थी।
महिला किराए के मकान की पहली मंजिल पर अपने भाइयों और एक भाभी के साथ रहती थी। घटना के समय सभी बाहर थे। घर का मालिक एक बीमार बुजुर्ग है, जो ग्राउंड फ्लोर पर रहता है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि एक युवक मकान मालिक के घर खाना पहुंचाने के लिए अक्सर आता-जाता था।
दो युवकों को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। (आईएएनएस)|
सेंस फ्रंसिस्कों, 2 फरवरी | 11,000 कर्मचारियों की छंटनी के बाद, मेटा के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग अब चाहते हैं कि साल 2023 में ऐसा न हो और कंपनी में कुशलता बढ़े। बुधवार देर रात विश्लेषकों के साथ अपने त्रैमासिक आय कॉल में, जुकरबर्ग ने कहा कि, मुझे लगता है कि हमने कंपनी के लिए कुछ हद तक परिवर्तन के चरण में प्रवेश किया है।
उन्होंने कहा कि, वैश्विक कर्मचारियों की संख्या लगभग दो दशकों तक लगातार चढ़ती रही, जिससे दक्षता पर वास्तव में काम करना बहुत मुश्किल हो गया, जबकि आप इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं।
छंटनी के बाद जुकरबर्ग ने कहा कि हम इस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कंपनी की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए हम क्या निर्णय लेने जा रहे हैं।
इस बीच, जुकरबर्ग ने कथित तौर पर कंपनी में मध्य प्रबंधकों को नोटिस पर रखा है।
द वर्ज के एलेक्स हीथ द्वारा न्यूजलेटर कमांड लाइन के अनुसार, जुकरबर्ग ने हाल ही में एक बैठक में प्रबंधकों को चेतावनी दी थी।
मेटा के सीईओ ने स्पष्ट रूप से उन्हें बताया, "मुझे नहीं लगता कि आप एक ऐसी प्रबंधन संरचना चाहते हैं जो सिर्फ प्रबंधकों का प्रबंधन कर रही है या जो काम कर रहे लोगों का प्रबंधन कर रही है।" (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 2 फरवरी | भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने बुधवार को हुई पहली ई-नीलामी में खुले बाजार के माध्यम से बिक्री के लिए अपने 25 लाख मीट्रिक टन स्टॉक में से 22 लाख मीट्रिक टन गेहूं की पेशकश की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ई-नीलामी में भाग लेने के लिए 1,100 से अधिक बोली लगाने वाले आगे आए।
नीलामी के पहले दिन 22 राज्यों में 8.88 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री हुई।
राजस्थान में आज बोली लगाई जाएगी, जबकि मार्च के दूसरे सप्ताह तक प्रत्येक बुधवार को पूरे देश में ई-नीलामी के माध्यम से गेहूं की बिक्री जारी रहेगी।
केंद्र ने केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ और एनएएफईडी जैसे सहकारी समितियों और महासंघों को बिना ई-नीलामी के बिक्री के लिए 2,350 रुपये प्रति क्विंटल की रियायती दर पर गेहूं को आटे में बदलने के लिए आरक्षित किया है।
इसके बाद इसे 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम के एमआरपी पर जनता के लिए पेश किया जाएगा।
एनसीसीएफ को उपरोक्त योजना के तहत सात राज्यों में 50,000 मीट्रिक टन गेहूं के स्टॉक को उठाने की अनुमति दी गई है।
एनएएफईडी को एक लाख मीट्रिक टन गेहूं का आवंटन किया जाता है और इतनी ही मात्रा में इस योजना के तहत केंद्रीय भंडार को दिया जाता है ताकि देश भर में आटे की कीमत कम हो सके।
गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह खुले बाजार में 30 लाख मीट्रिक टन आवश्यक वस्तु को कई चैनलों के माध्यम से दो महीने के भीतर उतारेगी, जिससे उपभोक्ताओं को तेजी से वितरण की सुविधा मिलेगी। (आईएएनएस)|
चेन्नई, 2 फरवरी | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश 2023-24 का बजट में विकास व घाटे के बीच संतुलन बनाने पर जोर दिया गया है। यह बात फिच रेटिंग्स के भारत के निदेशक और प्राथमिक सार्वभौम विश्लेषक जेरेमी जूक ने कही। जूक के अनुसार, बजट काफी हद तक फिच रेटिंग्स की अपेक्षाओं के अनुरूप है और क्रेडिट प्रोफाइल में खास बदलाव नहीं आया है। जूक ने टिप्पणी की कि भारत का राजकोषीय घाटा और सरकारी ऋण अनुपात समकक्ष माध्यमों के सापेक्ष उच्च है, लेकिन घाटे को कम करने पर सरकार का जोर मध्यम अवधि में ऋण अनुपात को स्थिर करने में मदद करता है।
जूक ने कहा, इस बजट ने घाटे में कमी की ओर नजर बनाए रखते हुए, कैपेक्स खर्च में और वृद्धि के माध्यम से विकास-उन्मुख फोकस बनाए रखने का संतुलन बनाए रखने की मांग की। सरकार का उद्देश्य सब्सिडी को कम करके मामूली राजकोषीय समेकन करना है, जबकि उच्च कैपेक्स खर्च व आयकर में बदलाव को समायोजित करना है।
जूक ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और वस्तुओं की कीमतों में अनिश्चितता को देखते हुए अगले आम चुनावों से पहले घाटे के लक्ष्य के लिए संभावित गिरावट का जोखिम है, विशेष रूप से उस स्थिति में जब वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण दबाव बना रहता है।
हमारे विचार में बजट की सांकेतिक वृद्धि और राजस्व धारणाएं मोटे तौर पर विश्वसनीय हैं, हालांकि अनिश्चित वैश्विक ²ष्टिकोण को देखते हुए जोखिम नीचे की ओर झुका हुआ है। जूक ने कहा कि सरकार की 6.5 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी विकास दर हमारे 6.2 प्रतिशत की तुलना में थोड़ी अधिक है।
कैपेक्स खर्च में तेजी लाने पर सरकार के निरंतर जोर से निकट और मध्यम अवधि के विकास को बढ़ावा मिलना चाहिए।
जूक के अनुसार, भारत दूसरे देशों की तुलना में मध्यम अवधि में विकास की उच्च दर को बनाए रखने के लिए अच्छी तरह से तैयार है, कैपेक्स ड्राइव इस ²ष्टिकोण को कम करने में मदद करता है।
भारत सरकार के लिए वित्त वर्ष 26 तक सकल घरेलू उत्पाद घाटे के लक्ष्य का 4.5 प्रतिशत प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण होने की संभावना है, क्योंकि इस लक्ष्य को प्राप्त करने का तात्पर्य अगले दो वित्तीय वर्षों में जीडीपी समेकन का अतिरिक्त 0.7 प्रतिशत है। फिर भी राजकोषीय घाटे को कम करने की प्रतिबद्धता ऋण स्थिरता के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
जूक ने कहा, अगले पांच वर्षों में हम भारत के सरकारी ऋण को जीडीपी अनुपात के लगभग 82 प्रतिशत पर स्थिर होने का अनुमान लगाते हैं। यह धीरे-धीरे घाटे में कमी के पथ पर, साथ ही सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 10.5 प्रतिशत की मजबूत सांकेतिक वृद्धि पर आधारित है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 1 फरवरी । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साल 2023-24 के लिए बजट जारी करने के बाद विपक्ष ने इस बजट को निराशाजनक कहा है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वीर यादव ने निर्मला सीतारमण के बजट भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि इस बजट में बिहार के लिए कुछ नहीं दिया गया है.
उन्होंने कहा, "ये बजट निल बट्टा सन्नाटा है, बिहार के लिए कुछ नहीं है. केंद्र में बिहार के जितने सांसद हैं उन्हें शर्म से डूब जाना चाहिए. किसानों के लिए, रेलवे के लिए कुछ नहीं है. यूपीए की सरकार में बिहार को जितना दिया जाता था क्या इस सरकार ने दिया?"
तेजस्वी यादव ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी धर्म की राजनीति से ध्यान भटका कर संविधान खत्म कर रही है. नाम बदलने के अलावा इन्होंने कुछ किया? इससे किसे रोजी-रोटी मिली? बिहार के लोगों को ठगने की कोशिश की गई है. मध्यम वर्ग महंगाई से परेशान है. टैक्स में छूट आंखों में धूल झोंकने के बराबर है."
कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ये बजट देश में बेरोज़गारी और महंगाई जैसी वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं कर रहा है.
उन्होंने कहा कि बजट में सिर्फ़ लोकलुभावन घोषणाएं हैं जो पहले भी की जाती रही हैं लेकिन सवाल ये है कि इन्हें लागू कैसे किया जाएगा.
प्रधानमंत्री की किसान योजना से सिर्फ़ इंश्यूरेंस कंपनियों को फ़ायदा हुआ था, किसानों को नहीं.
वहीं भारत राष्ट्र समिति की नेता कविता कलावकुंतला ने कहा कि ये बजट मोदी सरकार की नाकामी की गणितीय पुष्टि करता है. हमें लगता है कि ये बजट कुछ चुनिंदा राज्यों के लिए है. हमने दस लाख तक की आय पर टैक्स छूट की उम्मीद की थी. तेलंगना में हम लोगों को अच्छा वेचन देते हैं, ऐसे में उनके लिए ये छूट किसी काम की नहीं हैं.
बीआरएस नेता ने ये भी कहा कि केंद्र सरकार ने सिर्फ़ उन राज्यों के लिए ही विकास परियोजनाओं की घोषणा की है जहां चुनाव होने हैं या जहां बीजेपी की सरकार है. सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दस हज़ार करोड़ रुपए की घोषणा की है लेकिन ये नहीं बताया है कि ये इंफ्रास्ट्रक्चर क्या होगा.
कविता कलावकुंतला ने कहा कि केंद्र सरकार को तेलंगना के एक हज़ार करोड़ रुपए देने हैं, हम गुजारिश करते हैं कि वित्त मंत्री जल्द ही हमारा ये पैसा दें. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 1 फरवरी । दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने निर्मला सीतारमण के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इस बजट में दिल्ली वालों के साथ अन्याय हुआ है.
उन्होंने कहा, "इस बजट में महंगाई से कोई राहत नहीं. उल्टे इस बजट से महंगाई बढ़ेगी. बेरोज़गारी दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं. शिक्षा बजट घटाकर 2.64 % से 2.5 % करना दुर्भाग्यपूर्ण. स्वास्थ्य बजट घटाकर 2.2 % से 1.98 % करना हानिकारक."
उन्होंने आगे कहा, "दिल्ली वालों के साथ फिर से सौतेला बर्ताव. दिल्ली वालों ने पिछले साल 1.75 लाख करोड़ से ज़्यादा इनकम टैक्स दिया. उस में से मात्र 325 करोड़ रुपये दिल्ली के विकास के लिए दिये. ये तो दिल्ली वालों के साथ घोर अन्याय है." (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 1 फरवरी । बुधवार, एक फ़रवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पांचवां बजट पेश किया. ये मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आख़िरी पूर्ण बजट है.
बजट भाषण की शुरुआत में निर्मला सीतारमण ने कहा कि ये अमृतकाल का पहला बजट है और पहले के बजट में जो तस्वीर बनाई गई उसी को आगे बढ़ाता है. इसका उद्देश्य देश के सभी तबकों को फ़ायदा पहुंचाने का है.
उन्होंने एलान किया कि पूंजीगत ख़र्च में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 2023-24 के लिए 10.5 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है. साल 2019 में यह पूंजीगत खर्च 3.1 लाख करोड़ रुपये था और अगर पिछले साल की बात करें तो यह 7.5 लाख करोड़ था.
नया टैक्स सिस्टम
अभी सालाना पांच लाख तक की आय पर लोग कोई आय टैक्स नहीं देते हैं. इस स्तर को न्यू टैक्स रिजीम (नई टैक्स व्यवस्था) में सात लाख करने का प्रस्ताव रखा गया है.
साल 2020 में पर्सनल टैक्स की छह दरें दी गई थीं, उसे घटा कर पांच स्तर तक किया गया है.
-3 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा
3 से 6 लाख कमाई पर 5 प्रतिशत टैक्स
6 से 9 लाख कमाई पर 10 प्रतिशत टैक्स
9 से 12 लाख कमाई पर 15 प्रतिशत टैक्स
12 से 15 लाख कमाई पर 20 प्रतिशत टैक्स
15 लाख से ज़्यादा पर 30 प्रतिशत टैक्स
9 लाख तक की आय पर व्यक्ति को 45 हज़ार टैक्स देना
15 लाख की आय पर 1.5 लाख या 10 फ़ीसदी का टैक्स देना होगा
बजट की ख़ास बातें
भारतीय रेलवे को 2.40 लाख करोड़ का आवंटन, साल 2013-14 के मुक़ाबले रेलवे का ये बजट लगभग 9 गुना ज़्यादा है.
अंत्योदय योजना के तहत ग़रीबों के लिए मुफ़्त खाद्यान्न की आपूर्ति को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है.
शहरी आधारभूत ढांचा विकास के लिए हर साल 10 हज़ार करोड़ रुपये
पीएम आवास योजना में 66 फ़ीसदी बढ़ोतरी, 79 हज़ार करोड़ रुपये
कृषि के लिए क़र्ज़ का लक्ष्य बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा
राज्य सरकारों को 15 सालों के लिए इंटरेस्ट फ़्री लोन
अनुसूचित जाति मिशन पर अगले तीन साल में 15 हज़ार करोड़ रुपये खर्च होंगे
पीएम सुरक्षा के तहत 44.6 करोड़ लोगों को बीमा सुविधा
गोवर्धन योजना के लिए 10 हज़ार करोड़ का आवंटन किया जाएगा
रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए 50 नए एयरपोर्ट, हेलीपैड, एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स, वाटर एरो ड्रोन बनाए जाएंगे.
बजट की सात प्राथमिकताएं क्या हैं?
निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट की सात प्राथमिकताएं होंगी जो सप्तऋषि की तरह देश का मार्गदर्शन करेंगे. निर्मला सीतारमण ने कहा सहभागिता के साथ विकास होगा, जिसमें वंचितों के साथ-साथ सभी को वरीयता दी जाएगी. उन्होंने कहा खेती के लिए डिजिटल इंफ़्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया जाएगा.
किसानों के लिए क्या है?
अगले 3 साल तक 1 करोड़ किसानों को नेचुरल फ़ार्मिंग में मदद की जाएगी. इसके लिए 10 हज़ार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर्स बनाए जाएंगे.
युवाओं के कृषि स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एग्रीकल्चर फ़ंड की स्थापना की जाएगी.
सहकार से समृद्धि, किसानों के लिए ये प्रोग्राम चलाया जाएगा. इसके ज़रिए 63 हज़ार एग्री सोसायटी को कंप्यूटराइज्ड किया जाएगा.
पशुपालन, मछली पालन के क्षेत्र में क़र्ज़ देने की रफ़्तार बढ़ाई जाएगी.
मल्टीपर्पस कॉरपोरेट सोसायटी को बढ़ावा दिया जाएगा. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 1 फरवरी | केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए कहा कि देश भर में अब तक 47.8 करोड़ जन धन खाते खोले गए हैं। सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने ग्रामीण महिलाओं को एक लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में लाकर उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।
2014 में लॉन्च की गई, प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए बचत और जमा खाते, प्रेषण, क्रेडिट, बीमा और पेंशन एक किफायती तरीके से वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय मिशन है। (आईएएनएस)|