अंतरराष्ट्रीय
By एशियाविल डेस्क
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जाने से पहले सभी नाविकों का कोरोना टेस्ट किया गया था और सब के सब निगेटिव आए थे. साथ ही उन्हें उशवाया शहर के एक होटल में 14 दिनों तक क्वारंटीन भी किया गया था.
कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर अब तक यही कहा जाता रहा है कि यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर ही फैलता है. जबकि कुछ स्टडी में संक्रमितों द्वारा इस्तेमाल में ली गई चीजों को छूने से भी संक्रमित होने की बात सामने आई. लेकिन अब कोरोना वायरस के कई मामलों को सुलझाने में वैज्ञानिकों के भी पसीने छूट रहे हैं. एक नया रहस्यमय मामला अर्जेंटीना से सामने आया है जहां 35 दिनों से समुद्र में रह रहे 57 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. जबकि समुद्र में जाने से पहले सभी लोगों की जांच की गई थी और सभी निगेटिव आए थे.
डेली मेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी लोग एक कंपनी के लिए काम करने वाले मछुआरे हैं. कुछ दिन पहले जब कुछ मछुआरों में लक्षण मिलने लगे तो जहाज को वापस बुलाया गया. अब अर्जेंटीना के स्वास्थ्य अधिकारी इस रहस्यमय मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं.
अर्जेंटीना के Tierra del Fuego के स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक, जहाज पर रहने वाले 61 लोगों में से 57 पॉजिटिव निकले हैं. दो लोग निगेटिव आए हैं और दो के रिजल्ट आने बाकी हैं. संक्रमित मिले नाविकों में से दो ही हालत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती किया गया है. वहीं बाकी के नाविकों को अभ जहाज पर ही आइसोलेशन में रखा गया है.
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जाने से पहले सभी नाविकों का कोरोना टेस्ट किया गया था और सब के सब निगेटिव आए थे. साथ ही उन्हें उशवाया शहर के एक होटल में 14 दिनों तक क्वारंटीन भी किया गया था.
अर्जेंटीना की स्वास्थ्य अधिकारी अलेजैंद्रा अल्फारो ने कहा कि यह पता लगाना काफी मुश्किल भरा है कि ये लोग कैसे संक्रमित हुए जबकि 35 दिनों ये लोग किसी के संपर्क में नहीं आए. वहीं एक टीम ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मछुआरों में लक्षण आने का क्रम क्या था ताकि संक्रमण के स्रोत का पता लगाया जा सके.
उशवाया रीजनल हॉस्पिटल में संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख लिंड्रो बल्लटोर ने कहा कि यह ऐसा मामला है जिस पर अभी तक कोई अध्ययन नहीं किया गया है. इसके अलावा विशेषज्ञों ने भी इस संबंध में कोई चेतावनी या सलाह जारी नहीं की है.
अर्जेंटीना में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 1 लाख 6 हज़ार 910 मामले सामने आ चुके हैं और अबतक 1968 लोगों की मौत हो चुकी है.
बीजिंग/जिनेवा/नई दिल्ली, 15 जुलाई (वार्ता)। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है और दुनियाभर में इससे संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 1.33 करोड़ के पार पहुंच गई है जबकि मृतकों की संख्या पांच लाख 78 हजार से ऊपर हो गयी है।
कोविड-19 के संक्रमितों के मामले में अमेरिका दुनिया भर में पहले, ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर बरकरार है। वहीं इस महामारी से हुई मौतों के आंकड़ों के मामले में अमेरिका पहले, ब्राजील दूसरे और ब्रिटेन तीसरे स्थान पर है जबकि भारत मृतकों की संख्या के मामले में आठवें स्थान पर है।
अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार विश्व भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,33,23,530 हो गई है जबकि अब तक इस महामारी के कारण 5,78,628 लोगों ने जान गंवाई है।
विश्व की महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से अब तक 34,31,574 लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 1,36,466 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में अब तक 19,26,824 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि 74,133 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 29,429 नये मामले सामने आये हैं जिससे संक्रमितों की संख्या 9,36,181 हो गयी है। इससे पहले तीन दिन तक लगातार 28 हजार से अधिक मामले सामने आये थे। पिछले 24 घंटों के दौरान 582 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 24,309 हो गई है।
संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच राहत की बात यह है कि इससे स्वस्थ होने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और पिछले 24 घंटों के दौरान 20,572 से अधिक रोगी स्वस्थ हुए हैं जिन्हें मिलाकर अब तक कुल 5,92,032 रोगमुक्त हो चुके हैं। देश में अभी कोरोना संक्रमण के 3,19,840 सक्रिय मामले हैं।
रूस कोविड-19 के मामलों में चौथे नंबर पर है और यहां इसके संक्रमण से अब तक 7,38,787 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 11,597 लोगों ने जान गंवाई है। पेरू में लगातार हालात खराब होते जा रहे है वह इस सूची में पांचवें नम्बर पर पहुंच गया है। यहां संक्रमितों की संख्या 3,33,867 हो गई तथा 12,229 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण के मामले में चिली विश्व में छठे स्थान पर आ गया हैं। यहां अब तक कोरोना वायरस से 3,19,493 लोग संक्रमित हुए हैं और मृतकों की संख्या 7069 है।
कोरोना संक्रमण के मामले में मेक्सिको ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है। यहां पर इससे अब तक 3,11,486 लोगों संक्रमित हुए हैं तथा 36,327 लोगों की मौत हुई है।
दक्षिण अफ्रीका कोरोना से प्रभावित होने के मामले में ब्रिटेन से आगे निकल कर आठवें स्थान पर पहुंच गया है। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना से अब तक 2,98,292 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 4346 लोगों की मौत हो चुकी है।
ब्रिटेन संक्रमण के मामले में नवें नंबर पर आ गया है। यहां अब तक इस महामारी से 2,92,931 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 45,053 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
वहीं खाड़ी देश ईरान में संक्रमितों की संख्या 2,62,173 हो गई है और 13,211 लोगों की इसके कारण मौत हुई है। वहीं स्पेन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,56,619 है जबकि 28,409 लोगों की मौत हो चुकी है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में कोरोना से अब तक 2,55,769 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 5386 लोगों की मौत हो चुकी है।
यूरोपीय देश इटली में इस जानलेवा विषाणु से 2,43,344 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 34,984 लोगों की मौत हुई है। सऊदी अरब में कोरोना संक्रमण से अब तक 2,37,803 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 2283 लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,14,933 हो गयी है और 5402 लोगों की मौत हो चुकी है। फ्रांस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,09,640 हैं और 30,032 लोगों की मौत हो चुकी है। जर्मनी में 2,00,456 लोग संक्रमित हुए हैं और 9078 लोगों की मौत हुई है।
बंगलादेश में 1,90,057 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं जबकि 2424 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से बेल्जियम में 9787, कनाडा में 8845, नीदरलैंड में 6154, स्वीडन में 5545, इक्वाडोर में 5130, मिस्र में 4008, इंडोनेशिया में 3710, इराक में 3345, स्विट्जरलैंड में 1968, रोमानिया में 1931, अर्जेंटीना में 1968, बोलीविया में 1898, आयरलैंड में 1746 और पुर्तगाल में 1668 लोगों की मौत हो चुकी है।
प्रजनन दर कमी और वृद्ध आबादी को देखते नया अनुमान
ब्रिटेन के प्रसिद्ध साइंस जर्नल लैंसेट में छपी इस ताजा रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र ने अपने आकलन में गिरते प्रजनन दर और वृद्ध आबादी को ध्यान में जरूर रखा था लेकिन नीतियों से जुड़े कुछ अन्य पैमानों को नजरंअदाज कर दिया था. रिसर्चरों के अनुसार एक बार अगर आबादी गिरने लगे तो उसे रोकना नामुमकिन हो जाता है. इसके परिणामस्वरूप दुनिया में सत्ता के लिहाज से बड़े बदलाव भी देखे जाएंगे. जिन 23 देशों की जनसंख्या आधी हो जाने की बात कही गई है, उनमें जापान, स्पेन, इटली, थाईलैंड, पुर्तगाल, दक्षिण कोरिया और पोलैंड शामिल हैं.
फिलहाल दुनिया की आबादी 7.8 अरब है. एक अनुमान के अनुसार 2064 तक यह बढ़ कर रिकॉर्ड 9.7 अरब हो जाएगी लेकिन इसके बाद यह कम होने लगेगी और साल 2100 तक यह गिर कर 8.8 अरब हो जाएगी. 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने जो रिपोर्ट प्रकाशित की थी उसके अनुसार साल 2100 तक आबादी के 10.9 अरब पहुंच जाने का अनुमान था. यानी यह मौजूदा अनुमान से दो अरब ज्यादा था. यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन की इस नई रिपोर्ट में रिसर्चरों ने संयुक्त राष्ट्र के अनुमान को गलत बताया है. रिसर्चरों के अनुसार साल 2100 तक 195 में से 183 देशों की जनसंख्या में कमी आएगी. 23 देशों की आबादी तो आधी हो जाएगी और 34 अन्य देशों की जनसंख्या में 25 से 50 फीसदी की कमी आएगी.
2035 तक सुपरपावर बनेगा चीन?
रिपोर्ट के अनुसार 2035 तक चीन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन जाएगा और वह अमेरिका को भी पीछे छोड़ देगा. लेकिन चीन की जनसंख्या में गिरावट के बाद अमेरिका फिर से अपनी जगह हासिल करने में कामयाब रहेगा. फिलहाल चीन की जनसंख्या 1.4 अरब है. अगले अस्सी सालों में यह 73 करोड़ ही रह जाएगी. इसी दौरान अफ्रीकी देशों में जनसंख्या वृद्धि देखी जाएगी. उप सहारा अफ्रीका में आबादी तीन गुना बढ़ कर तीन अरब हो सकती है. अकेले नाइजीरिया की ही आबादी 80 करोड़ हो जाएगी.
जीडीपी के लिहाज से भारत तीसरे पायदान पर
अगर ऐसा हुआ तो साल 2100 तक वह भारत के बाद जनसंख्या के लिहाज से दूसरे स्थान पर होगा. अर्थव्यवस्था और सत्ता के लिहाज से अमेरिका, चीन, नाइजीरिया और भारत दुनिया के चार अहम देश होंगे. अनुमान के अनुसार भारत की जनसंख्या में बहुत बड़े बदलाव नहीं देखे जाएंगे. और जीडीपी के लिहाज से भारत तीसरे पायदान पर होगा. जापान, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन दुनिया की दस महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं में बने रहेंगे.
इस रिसर्च के मुख्य लेखक क्रिस्टोफर मुरे ने इस बारे में कहा, "ये पूर्वानुमान पर्यावरण के लिए अच्छी खबर हैं. खाद्य उत्पादन प्रणालियों पर दबाव कम होगा, कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा और उप सहारा अफ्रीका के हिस्सों में अहम आर्थिक मौके पैदा होंगे. हालांकि अफ्रीका के बाहर ज्यादातर देशों में आबादी घटेगी, वर्कफोर्स कम हो जाएगी और अर्थव्यवस्था पर इसका काफी बुरा असर होगा."
मुरे का कहना है कि अगर उच्च आय वाले देश चाहते हैं कि ऐसा ना हो, तो जनसंख्या स्तर को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि वे प्रवासियों को ले कर बेहतर नीतियां बनाएं और ऐसे परिवारों को आर्थिक सहयोग दें जो बच्चे चाहते हैं. लेकिन उन्हें डर है कि मौजूदा दौर में कई देश इसके ठीक विपरीत नीतियां बना रहे हैं, जिनके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं. (डीपीए, एएफपी)
लंदन, 14 जुलाई( एजेंसी). दुनिया भर के अस्सी से भी ज्यादा करोड़पतियों ने विश्व की सरकारों से कहा है कि उन्हें कोरोना वायरस महामारी के झटके से उबरने की कोशिशों में मदद के लिए अमीरों से और ज्यादा कर वसूलना चाहिए. खुद को "मिलियनेयर्स फॉर ह्यूमैनिटी" कहने वाले इस समूह ने एक खुले पत्र में कहा है कि सरकारों को उनसे "तुरंत, पहले से काफी अधिक और स्थायी रूप से" मौजूद दर से ऊंची दर पर कर वसूलना चाहिए.
पत्र में लिखा है, "कोविड-19 के दुनिया पर असर की वजह से हमारी दुनिया को फिर बेहतर बनाने के लिए हम जैसे करोड़पतियों को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है. हम इंटेंसिव केयर वार्डों में भर्ती बीमार लोगों का ख्याल नहीं रख रहे हैं. हम बीमारों को अस्पतालों तक पहुंचाने वाली एम्बुलेंस नहीं चला रहे हैं. हम ग्रोसरी की दुकानों में फिर से सामान नहीं भर रहे हैं और ना ही हम घर-घर जा कर खाना पहुंचा रहे हैं. लेकिन हमारे पास पैसा जरूर है, और बहुत सारा है. वह पैसा जिसकी अभी बहुत जरूरत है और जिसकी आने वाले वर्षों में भी बहुत जरूरत रहेगी, तब जब दुनिया इस संकट से उबरने की कोशिश कर रही होगी".
यह पत्र जी20 देशों के वित्त-मंत्रियों की होने वाली बैठक से पहले छपा है. जैसे जैसे देश वैश्विक महामारी के आर्थिक असर से निपटने की तैयारी कर रहे हैं, कुछ देशों ने अभी से कर की दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव दे दिया है. ब्रिटेन में इंस्टीट्यूट ऑफ फिस्कल स्टडीज ने कहा है कि कर की दरों का बढ़ना सिर्फ अमीरों के लिए ही नहीं, बल्कि सब के लिए निश्चित है.
इसी महीने, स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने संकेत दिए थे कि उनकी सरकार करों की दरों को बढ़ा सकती है. रूस में भी ऊंची कमाई वालों को निशाना बनाने की संभावना है. सऊदी अरब ने महामारी के असर और तेल के दामों में गिरावट को देखते हुए सेल्स टैक्स की दर बढ़ा दी है.
"मिलियनेयर्स फॉर ह्यूमैनिटी" समूह का पत्र कई समूहों के बीच सहयोग का नतीजा था. इनमें ऑक्सफैम, टैक्स जस्टिस यूके और ऊंची नेट-वर्थ वाले अमेरिकी समूह पेट्रियोटिक मिलियनेयर्स शामिल हैं.
2014 से भुखमरी में बढ़ोत्तरी, अब तक जारी
न्यू यॉर्क, 14 जुलाई (एजेंसी)। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि पिछले साल भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या एक करोड़ बढ़ गई थी और उसने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस महामारी इस साल करीब 13 करोड़ अतिरिक्त लोगों को भुखमरी की ओर धकेल सकती है। सोमवार को संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण हालात और खराब हो रहे हैं। रिपोर्ट कहती है कि करीब नौ में से एक व्यक्ति को भूखा रहना पड़ रहा है।
इस रिपोर्ट को यूएन की पांच एजेंसियां- खाद्य और कृषि संगठन, अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष, विश्व खाद्य कार्यक्रम और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मिलकर तैयार किया है। रिपोर्ट कहती है कि बीते पांच सालों में भुखमरी और कुपोषण के अलग-अलग रूपों के शिकार लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और कोरोना वायरस महामारी के कारण समस्या और गंभीर रूप धारण कर सकती है। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि इस साल महामारी के कारण लगाई पाबंदियां और आर्थिक मंदी से आठ करोड़ से 13 करोड़ लोग भुखमरी का सामना कर सकते हैं। साथ ही रिपोर्ट के लेखकों ने पूर्वी अफ्रीका में ‘टिड्डी के प्रकोप’ का भी जिक्र किया है।
यूएन की ताजा रिपोर्ट कहती है कि साल 2019 में 69 करोड़ लोग भुखमरी का शिकार थे और 2018 की तुलना में इस संख्या में एक करोड़ लोगों की बढ़ोतरी हुई। छह साल में यह संख्या छह करोड़ बढ़ी है। दशकों तक लगातार गिरावट के बाद साल 2014 से भुखमरी के आंकड़ों में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी होनी शुरू हुई जो कि अब तक जारी है।
एशिया में सबसे बड़ी संख्या में लोग कुपोषित हैं जिनकी संख्या करीब 38 करोड़ है। इसके बाद लातिन अमेरिका और कैरिबयाई क्षेत्र का नंबर आता है। रिपोर्ट के लेखकों का कहना है कि भुखमरी से लड़ाई महामारी के पहले ही रुक गई थी। लेखकों के मुताबिक, “भोजन के उत्पादन, वितरण और खपत से जुड़ी गतिविधियों और प्रक्रियाओं की कमियां और निर्बलताएं और ज्यादा गहरी हो रही हैं।”
यूएन की एजेंसियों का कहना है कि करीब तीन अरब लोगों के पास सेहतमंद आहार सुनिश्चित करने के साधन नहीं है। रिपोर्ट कहती है कि इस दिशा में अधिक से अधिक कार्य करने की जरूरत है। उसके मुताबिक, “सभी लोगों की पहुंच ना केवल भोजन तक होनी चाहिए बल्कि पौष्टिक खाद्य पदार्थों तक भी होनी चाहिए जो एक स्वस्थ आहार बनाते हैं।”
रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया कि कोरोना वायरस महामारी के परिणामस्वरूप खाद्य वितरण प्रणाली बाधित हुई, आजीविका को नुकसान हुआ और विदेशों में काम करने वाले अपने घर पैसे भेज नहीं पाए जिस वजह से गरीब परिवारों को स्वस्थ आहार तक पहुंच बनाने में मुश्किल पैदा हुई।
बीजिंग/जिनेवा/नई दिल्ली, 14 जुलाई (वार्ता)। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का कहर दिनों दिन तेजी से पांव पसारते जा रहा है और दुनियाभर में इससे संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 1.31 करोड़ के पार पहुंच गई है, जबकि मृतकों की संख्या पांच लाख 73 हजार से ऊपर हो गई है।
कोविड-19 के संक्रमितों के मामले में अमेरिका दुनिया भर में पहले, ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर बरकरार है। वहीं इस महामारी से हुई मौतों के आंकड़ों के मामले में अमेरिका पहले, ब्राजील दूसरे और ब्रिटेन तीसरे स्थान पर है जबकि भारत मृतकों की संख्या के मामले में आठवें स्थान पर है।
अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार विश्व भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,31,03,290 हो गयी है जबकि अब तक इस महामारी के कारण 5,73,042 लोगों ने जान गंवाई है।
विश्व की महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से अब तक 33,63,056 लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 1,35,605 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में अब तक 18,84,967 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि 72,833 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 28,498 नये मामले सामने आये हैं जिससे संक्रमितों की संख्या 9,06,752 हो गयी है। पिछले 24 घंटों के दौरान 553 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 23,727 हो गई है। संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच राहत की बात यह है कि इससे स्वस्थ होने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान 17,989 रोगी स्वस्थ हुए हैं, जिन्हें मिलाकर अब तक कुल 5,71,460 रोगमुक्त हो चुके हैं। देश में अभी कोरोना संक्रमण के 3,11,565 सक्रिय मामले हैं।
रूस कोविड-19 के मामलों में चौथे नंबर पर है और यहां इसके संक्रमण से अब तक 7,32,547 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 11,422 लोगों ने जान गंवाई है। पेरू में लगातार हालात खराब होते जा रहे है वह इस सूची में पांचवें नम्बर पर पहुंच गया है। यहां संक्रमितों की संख्या 3,30,123 हो गई तथा 12,054 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण के मामले में चिली विश्व में छठे स्थान पर आ गया हैं। यहां अब तक कोरोना वायरस से 3,17,657 लोग संक्रमित हुए हैं और मृतकों की संख्या 7024 है।
कोरोना संक्रमण के मामले में मेक्सिको ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है। यहां पर इससे अब तक 3,04,435 लोगों संक्रमित हुए हैं तथा 35,491 लोगों की मौत हुई है। ब्रिटेन संक्रमण के मामले में आठवें नंबर पर आ गया है। यहां अब तक इस महामारी से 2,91,691 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 44,915 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। दक्षिण अफ्रीका कोरोना से प्रभावित होने के मामले में स्पेन और ईरान से आगे निकल गये हैं। वहीं खाड़ी देश ईरान ने यूरोपीय देश स्पेन को कोविड-19 से संक्रमित होने के मामले में पीछे छोड़ दिया है। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना से अब तक 2,87,796 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 4172 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं ईरान में संक्रमितों की संख्या 2,59,652 हो गई है और 13,032 लोगों की इसके कारण मौत हुई है। वहीं स्पेन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 255,953 है जबकि 28,406 लोगों की मौत हो चुकी है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में कोरोना से अब तक 2,53,604 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 5,320 लोगों की मौत हो चुकी है।
यूरोपीय देश इटली में इस जानलेवा विषाणु से 2,43,230 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 34,967 लोगों की मौत हुई है। सऊदी अरब में कोरोना संक्रमण से अब तक 2,35,111 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 2243 लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,14,001 हो गयी है और 5382 लोगों की मौत हो चुकी है। फ्रांस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,09,640 हैं और 30,032 लोगों की मौत हो चुकी है। जर्मनी में 2,00,180 लोग संक्रमित हुए हैं और 9074 लोगों की मौत हुई है।
बंगलादेश में 1,86,894 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं जबकि 2391 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से बेल्जियम में 9782, कनाडा में 8836, नीदरलैंड में 6156, स्वीडन में 5536, इक्वाडोर में 5063, मिस्र में 3935, इंडोनेशिया में 3656, इराक में 3250, स्विट्जरलैंड में 1968, रोमानिया में 1901, अर्जेंटीना में 1903, बोलीविया में 1866, आयरलैंड में 1746 और पुर्तगाल में 1662 लोगों की मौत हो चुकी है।
काठमांडू, 13 जुलाई। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के एक बयान से विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि भगवान राम का जन्म नेपाल में हुआ था.
अपने सरकारी आवास पर कवि भानुभक्त की जन्मदिन पर हुए समारोह में केपी ओली ने ये बयान दिया. भारत और नेपाल के बीच पहले से ही तनाव चल रहा है.
केपी शर्मा ओली ने दावा कि असली अयोध्या नेपाल के बीरगंज के पास एक गाँव है, जहाँ भगवान राम का जन्म हुआ था.
नेपाल में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेता कमल थापा ने प्रधानमंत्री केपी ओली के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है.
उन्होंने कहा कि किसी भी प्रधानमंत्री के लिए इस तरह का आधारहीन और अप्रामाणित बयान देना उचित नहीं है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, "ऐसा लगता है कि पीएम ओली भारत और नेपाल के रिश्ते और बिगाड़ना चाहते हैं, जबकि उन्हें तनाव कम करने के लिए काम करना चाहिए."
भारत और नेपाल में पिछले कुछ महीने से तनाव चल रहा है. नेपाल ने 20 मई को अपना नया नक्शा जारी किया था जिसमें लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को अपना इलाक़ा दिखाया था. ये तीनों इलाक़े अभी भारत में हैं लेकिन नेपाल दावा करता है कि ये उसका इलाक़ा है.
इसके बाद से दोनों देशों में तनाव बढ़ता गया. हालांकि इससे पहले भारत ने पिछले साल नवंबर में जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद अपना नक्शा अपडेट किया था. इस नक्शे में ये तीनों इलाक़े थे. भारत का कहना है कि उसने किसी नए इलाक़े को नक्शे में शामिल नहीं किया है बल्कि ये तीनों इलाक़े पहले से ही हैं.
पिछले दिनों भारतीय मीडिया की भूमिका को लेकर भी नेपाल में कड़ी नाराज़गी जताई गई थी. कई भारतीय चैनलों ने प्रधानमंत्री केपी ओली और चीनी राजदूत होउ यांकी को लेकर सनसनीख़ेज़ दावे किए. कुछ चैनलों ने यह स्टोरी चलाई कि ओली को हनी ट्रैप में फंसा दिया गया है.
नेपाल ने इन रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई और केबल ऑपरेटरों से कहा कि ऐसे भारतीय न्यूज़ चैनलों को अपनी ज़िम्मेदारी समझते हुए प्रसारण से रोके.
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञावली ने कहा कि उन्होंने भारत में नेपाल के राजदूत नीलांबर आचार्य को भारतीय विदेश मंत्रालय के सामने कड़ी आपत्ति दर्ज कराने के लिए कहा है.
नीलांबर ने कहा कि भारतीय मीडिया नेपाल और भारत के द्विपक्षीय संबंधों को और ख़राब कर रहा है. हालांकि चीन की राजदूत की सक्रियता को लेकर नेपाल में विरोध भी दर्ज हुआ है. नेपाल में विपक्ष से लेकर मीडिया तक में सवाल उठा कि घरेलू राजनीति में किसी राजदूत की ऐसी सक्रियता ठीक नहीं है. मुलाक़ातों का यह दौर पिछले ढाई महीने से चल रहा है. (bbc)
मास्को, 13 जुलाई । रूस के सुदूरवर्ती इलाके में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इस इलाके के बेहद लोकप्रिय गवर्नर की गिरफ्तारी के बाद हजारों स्थानीय लोग सडक़ों पर उतर आए हैं और पुतिन के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी पुतिन इस्तीफा दो के नारे लगा रहे हैं और स्थानीय गवर्नर सर्गेई फुरगाल की रिहाई की मांग कर रहे हैं। गवर्नर को कई हत्याओं के संदेह में अरेस्ट किया गया है।
ये विरोध प्रदर्शन चीन से सटे सीमाई इलाके खबरोव्स्क और कई अन्य कस्बों में हुए हैं। वर्ष 2036 तक पुतिन के सत्ता में बने रहने का रास्ता साफ होने के बाद रूसी सुरक्षा सेवा के लोगों ने बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है। बताया जा रहा है कि पुतिन समर्थक उम्मीदवार को हराकर सर्गेई वर्ष 2018 में सत्ता में आए थे। अब उनके खिलाफ अब तक सबसे बड़ा तलाशी अभियान चलाया गया है।
इससे पहले पिछले हफ्ते एक प्रसिद्ध रक्षा पत्रकार को कथित तौर पर चेक गणराज्य के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरिफ्तार किया गया था। यही नहीं मानवाधिकार कार्यकर्ता मिखाइल खोदोरकोवस्की के घर पर छापा मारा गया था। मिखाइल ने संविधान के खिलाफ प्रदर्शन की योजना बनाई थी। पश्चिमी विश्लेषकों का कहना है कि यह गिरफ्तारी इस बात का इशारा करती है कि पुतिन ने खेल करके वोट हासिल किए हैं और ये कभी भी उनके लिए संकट का सबब बन सकता है।
पुतिन प्रशासन के लोगों का कहना है कि जनमत संग्रह में जनता ने उन पर जोरदार भरोसा जताया है। जनमत संग्रह का यह परिणाम ऐसे समय पर आया है जब रूसी राष्ट्रपति की रेटिंग बहुत नीचे चली गई है। 6 लाख की आबादी वाला खबरोव्स्क शहर आमतौर पर बेहद शांत शहर है लेकिन गवर्नर की गिरफ्तारी के बाद माहौल बिगड़ गया है। शनिवार को करीब 35 हजार लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया जो इस इलाके के इतिहास में सबसे बड़ा प्रदर्शन है।(navbharattimes)
तुर्की, 13 जुलाई। पोप फ्रांसिस ने कहा है कि इस्तांबुल के हागिया सोफिया को वापस मस्जिद में बदलने के तुर्की सरकार के फैसले से उन्हें दुख पहुँचा है। वेटिकन में एक सभा में बोलते हुए, रोमन कैथलिक गुरु पोप फ्रांसिस ने यह बयान दिया।
हागिया सोफिया का लगभग 1,500 साल पहले एक ईसाई चर्च के रूप में निर्माण हुआ था और 1453 में इस्लाम को मानने वाले ऑटोमन साम्राज्य ने विजय के बाद इसे एक मस्जिद में बदल दिया था।
यूनेस्को वल्र्ड हैरिटेज साइट - हागिया सोफिया को 1934 में आधुनिक तुर्की के निर्माता कहे जाने वाले मुस्तफ़ा कमाल पाशा ने देश को धर्मनिरपेक्ष घोषित करने के बाद, मस्जिद से म्यूजिय़म में तब्दील कर दिया था। लेकिन पिछले सप्ताह तुर्की की एक अदालत ने हागिया सोफिय़ा के संग्रहालय की स्थिति को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि मस्जिद के अलावा किसी अन्य चीज़ के रूप में इसका उपयोग क़ानूनन संभव नहीं था।
पोप फ्रांसिस इस बदलाव पर बहुत ज़्यादा नहीं बोले। उन्होंने अपने शब्दों को सीमित रखते हुए कहा, मैं इस्तांबुल के बारे में सोच रहा हूँ। मैं सेंटा सोफिया के बारे में सोच रहा हूँ और मुझे बहुत दुख पहुँचा है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा कि हागिया सोफिया में 24 जुलाई को पहली नमाज पढ़ी जाएगी। हालांकि, हागिया सोफिया को मस्जिद में बदलने की घोषणा के कुछ समय बाद ही वहाँ से अजान सुनाई दी और तुर्की के तमाम मुख्य चैनलों पर इसे प्रसारित किया गया। हागिया सोफिया का सोशल मीडिया अकाउंट भी बंद कर दिया गया है।
तुर्की में कट्टर इस्लामवादी लंबे समय से हागिया सोफिया को मस्जिद में तब्दील करने की वकालत करते आए हैं जबकि तुर्की की सेक्युलर जमात हमेशा से इसके खिलाफ रही है।
अपने फैसले का बचाव करने के लिए तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा है कि तुर्की सरकार ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर यह निर्णय लिया है और यह इमारत आगे भी मुस्लिम, गैर-मुस्लिम और अन्य विदेशी यात्रियों के लिए हमेशा की तरह खुली रहेगी।
हमारी आवाजों को सुना नहीं गया
पोप फ्रांसिस दुनिया के उन बड़े धार्मिक और राजनीतिक नेताओं में से एक हैं जिन्होंने तुर्की के इस निर्णय की निंदा की है।
वल्र्ड काउंसिल ऑफ चर्च ने तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन से यह निर्णय पलटने की गुजारिश की है। रूस में स्थित चर्च, जो दुनिया के सबसे बड़े रूढि़वादी ईसाई समुदाय का महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, उसने तुरंत खेद व्यक्त किया था कि तुर्की की अदालत ने हागिया सोफिय़ा पर आदेश देते समय उनके पक्ष का जऱा भी ध्यान नहीं रखा।
ग्रीस ने भी इसकी आलोचना की है। साथ ही यूनेस्को ने कहा है कि वल्र्ड हैरिटेज कमेटी अब इस इमारत की स्थिति की समीक्षा करेगी।
तुर्की के मशहूर लेखक और नोबेल विजेता ओरहान पामुक ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि इस निर्णय के बाद कुछ तुर्क लोगों से उनका गौरव छिन जाएगा जो अब तक कहते रहे कि तुर्की एक सेक्युलर मुल्क़ है।
उन्होंने कहा, मेरे जैसे लाखों तुर्क मुसलमान हैं जो इस निर्णय के बिल्कुल खिलाफ हैं, लेकिन हमारी आवाजों को सुना ही नहीं गया।
हागिया सोफिय़ा - क्या है इतिहास?
गुम्बदों वाली यह ऐतिहासिक इमारत इस्तांबूल में बास्फोरस नदी के पश्चिमी किनारे पर है।
बास्फोरस वह नदी है जो एशिया और यूरोप की सीमा तय करती है, इस नदी के पूर्व की तरफ एशिया और पश्चिम की ओर यूरोप है।
सम्राट जस्टिनियन ने सन 532 में एक भव्य चर्च के निर्माण का आदेश दिया था। उन दिनों इस्तांबुल को कॉन्सटेनटिनोपोल या कस्तुनतुनिया के नाम से जाना जाता था।
यह बाइज़ैन्टाइन साम्राज्य की राजधानी था जिसे पूरब का रोमन साम्राज्य भी कहा जाता था। इस शानदार इमारत को बनाने के लिए दूर-दूर से निर्माण सामग्री और इंजीनियर लगाए गए थे। यह तुर्की के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
यह चर्च पाँच साल में बनकर 537 में पूरा हुआ। यह ऑर्थोडॉक्स इसाइयत को मानने वालों का अहम केंद्र तो बन ही गया, बाइज़ैन्टाइन साम्राज्य की ताक़त का भी प्रतीक बन गया। राज्यभिषेक जैसे अहम समारोह इसी चर्च में होते रहे।
हागिया सोफिया जिसका मतलब है पवित्र विवेक, करीब 900 साल तक ईस्टर्न ऑर्थोडॉक्स चर्च का मुख्यालय रही। लेकिन इसे लेकर विवाद सिफऱ् मुसलमानों और ईसाइयों में ही नहीं है। 13वीं सदी में इसे यूरोपीय ईसाई हमलावरों ने बुरी तरह तबाह करके कुछ समय के लिए कैथोलिक चर्च बना दिया था।
1453 में इस्लाम को मानने वाले ऑटोमन साम्राज्य के सुल्तान मेहमद द्वितीय ने कस्तुनतुनिया पर कब्ज़ा कर लिया, उसका नाम बदलकर इस्तांबुल कर दिया, और इस तरह बाइज़ैन्टाइन साम्राज्य का खात्मा हमेशा के लिए हो गया।
सुल्तान मेहमद ने आदेश दिया कि हागिया सोफिय़ा की मरम्मत की जाए और उसे एक मस्जिद में तब्दील कर दिया जाए। इसमें पहली जुमे की नमाज में सुल्तान ख़ुद शामिल हुए। ऑटोमन साम्राज्य को सल्तनत-ए-उस्मानिया भी कहा जाता है।
इस्लामी वास्तुकारों ने ईसाइयत की ज़्यादातर निशानियों को तोड़ दिया या फिर उनके ऊपर प्लास्टर की परत चढ़ा दी।
पहले यह सिफऱ् एक गुंबद वाली इमारत थी लेकिन इस्लामी शैली की छह मीनारें भी इसके बाहर खड़ी कर दी गईं।
17वीं सदी में बनी तुर्की की मशहूर नीली मस्जिद सहित दुनिया की कई मशहूर इमारतों के डिजाइन की प्रेरणा हागिया सोफिया को ही बताया जाता है।
पहले विश्व युद्ध में ऑटोमन साम्राज्य को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा और साम्राज्य को विजेताओं ने कई टुकड़ों में बाँट दिया। मौजूदा तुर्की उसी ध्वस्त ऑटोमन साम्राज्य की नींव पर खड़ा है।
आधुनिक तुर्की के निर्माता कहे जाने वाले मुस्तफ़ा कमाल पाशा ने देश को धर्मनिरपेक्ष घोषित किया और इसी सिलसिले में हागिया सोफिया को मस्जिद से म्यूजियम में बदल दिया।
साल 1935 में इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया तब से यह दुनिया के प्रमुख पर्यटन स्थलों में एक रहा है।
करीब डेढ़ हजार साल के इतिहास की वजह से तुर्की ही नहीं, उसके बाहर के लोगों के लिए भी हागिया सोफिय़ा बहुत अहमियत रखता है। ख़ासतौर पर ग्रीस के ईसाइयों और दुनिया भर के मुसलमानो के लिए।
तुर्की में 1934 में बने क़ानून के खिलाफ लगातार प्रदर्शन होते रहे हैं जिसके तहत हागिया सोफिया में नमाज पढऩे या किसी अन्य धार्मिक आयोजन पर अब तक पाबंदी थी। (bbc.com/hindi)
काठमांडू, 13 जुलाई। नेपाल के विभिन्न हिस्सों में पिछले चार दिनों में बाढ़ और भूस्खलन में 61 लोग मारे गए हैं जबकि 41 लोग लापता हो गए हैं। पश्चिमी नेपाल का मायागड़ी जिला 27 मौतों से सबसे ज्यादा प्रभावित है। लापता लोगों को खोजने के लिए अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के साथ खोज और बचाव अभियान जारी है। जिले में सैकड़ों लोग विस्थापित हुए हैं क्योंकि भूस्खलन से उनके घर बह गए हैं। उन्होंने अब स्थानीय स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों में शरण ली है।
मंसुवा बीके, जिन्होंने अब माईगाड़ी जिले के बिम में एक स्थानीय स्कूल में शरण ले रखी है, उन्होंने एएनआई को बताया कि मेरा बच्चा अभी छह महीने का है। हम स्कूल में शरण ले रहे हैं। मेरे परिवार में मेरा बच्चा और मैं ही बचे हैं। मैंने उसे अपने हाथों में पकड़ लिया और फिर भूस्खलन से मेरा घर बह गया।
भूस्खलन से प्रभावित मायागड़ी के धौलागिरि ग्राम परिषद के ग्राम परिषद अध्यक्ष थमसरा पुन ने कहा, पहले चरण में हमने घायलों को बचाया जो पूरा होने में हमें लगभग 30-35 घंटे लगे। अब हम लापता लोगों के लिए अपना खोज अभियान जारी रख रहे हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे मलबे में दबे हुए हैं।... और जो मृत हैं उनकी पहचान और उनके दाह संस्कार की भी व्यवस्था कर रहे हैं। स्थानीय निकाय प्रतिनिधि ने कहा कि हमारे दो वार्ड भूस्खलन के कारण पूरी तरह से बह गए हैं।
मानसून के मौसम में हिमालय राष्ट्र में भूस्खलन और बाढ़ एक आम घटना है। 12 जुलाई तक, लगभग एक हजार लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं और आस-पास के स्कूलों में शरण ली है और दानदाताओं के समर्थन पर भरोसा कर रहे हैं।
मायागड़ी जिले के मुख्य जिला अधिकारी ज्ञाननाथ ढकाल ने एएनआई को बताया, उस क्षेत्र में अब कोई भी असहाय नहीं है - वे सभी स्कूलों और सामुदायिक भवनों में स्थानांतरित कर दिए गए हैं। 70-80 सुरक्षाकर्मियों को लेकर तलाशी अभियान जारी है और यह समाप्ति की ओर है और राहत प्रदान करने का काम भी शुरू हो गया है।
इस सप्ताह के शुरू में नेपाल के मौसम पूर्वानुमान विभाग ने देश भर में इस सप्ताह के पहले तीन दिनों के लिए भारी भारिश की भविष्यवाणी की थी। बुलेटिन में डिवीजन ने तराई बेल्ट में कम दबाव की रेखा के पास मानसून होने की चेतावनी दी थी, जिसके परिणामस्वरूप वर्षा होनी की बात कही गई। (jagran)
बीजिंग/जिनेवा/नई दिल्ली, 13 जुलाई (वार्ता)। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का कहर दिनोंदिन तेजी से पांव पसारते जा रहा है और दुनियाभर में इससे संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 1.28 करोड़ के पार पहुंच गयी है जबकि मृतकों की संख्या पांच लाख 68 हजार से ऊपर हो गई है।
कोविड-19 के मामले में अमेरिका दुनिया भर में पहले, ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर बरकारार है। वहीं इस महामारी से हुई मौतों के आंकड़ों के मामले में अमेरिका पहले, ब्राजील दूसरे और ब्रिटेन तीसरे स्थान पर है जबकि भारत का मृतकों की संख्या के मामले में आठवें स्थान पर है।
अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार विश्व भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,28,77,551 हो गई है जबकि 5,68,528 लोगों ने जान गंवाई है।
विश्व महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से अब तक 3,304,142लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 1,35,190 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में अब तक 1,864,681 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि 72,100 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 28,699 नए मामले सामने आए हैं और अब कुल संक्रमितों की संख्या बढक़र 878,254 हो गई है। इसी अवधि में कोरोना वायरस से 500 लोगों की मृत्यु होने से मृतकों की संख्या बढक़र 23,174 हो गई है। देश में इस समय कोरोना के 301,609 सक्रिय मामले हैं और अब तक 553,471 लोग इस महामारी से निजात पा चुके हैं।
रूस कोविड-19 के मामलों में चौथे नंबर पर है और यहां इसके संक्रमण से अब तक 726,036 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 11,318 लोगों ने जान गंवाई है। पेरु में लगातार हालात खराब होते जा रहे है वह इस सूची में पांचवें नम्बर पर पहुंच गया है। यहां संक्रमितों की संख्या 326,326 हो गई तथा 12,829 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण के मामले में चिली विश्व में छठे स्थान पर आ गया हैं। यहां अब तक कोरोना वायरस से 3,15,041 लोग संक्रमित हुए हैं और मृतकों की संख्या 6,979 है।
कोरोना संक्रमण के मामले में मेक्सिको ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है। यहां पर इससे अब तक 2,99750 लोगों संक्रमित हुए हैं तथा 35,006 लोगों की मौत हुई है। ब्रिटेन संक्रमण के मामले में आठवें नंबर पर आ गया है। यहां अब तक इस महामारी से 2,91,154 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 44,904 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। दक्षिण अफ्रीका कोरोना से प्रभावित होने के मामले में स्पेन और ईरान से आगे निकल गये हैं। वहीं खाड़ी देश ईरान ने यूरोपीय देश स्पेन को कोविड-19 से संक्रमित होने के मामले में पीछे छोड़ दिया है। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना से अब तक 2,76,242 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 4,079 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं ईरान में संक्रमितों की संख्या 2,57,303 हो गई है और 12,829 लोगों की इसके कारण मौत हुई है। वहीं स्पेन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 253,908 है जबकि 28,403 लोगों की मौत हो चुकी है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में कोरोना से अब तक 2,48,872 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 5,197 लोगों की मौत हो चुकी है।
यूरोपीय देश इटली में इस जानलेवा विषाणु से 2,43,061 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 34,954 लोगों की मौत हुई है। सऊदी अरब में कोरोना संक्रमण से अब तक 232,259 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 2,223 लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,12,993 हो गयी है और 5,363 लोगों की मौत हो चुकी है। फ्रांस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 208,015 हैं और 30,007 लोगों की मौत हो चुकी है। जर्मनी में 1,99,919 लोग संक्रमित हुए हैं और 9071 लोगों की मौत हुई है।
बंगलादेश में 183,795 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं जबकि 2,352 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से बेल्जियम में 9,782, कनाडा में 8,829, नीदरलैंड में 6,156, स्वीडन में 5526, इचडोर में 5,047, मिस्र 3,858, इंडोनेशिया 3,606, इराक 3,150, स्विट्जरलैंड में 1,968, रोमानिया में 1,884, अर्जेंटीन में 1845, बोलीविया में 1,807, आयरलैंड में 1746 और पुर्तगाल में 1660 लोगों की मौत हो चुकी है।
वशिंगटन, 12 जुलाई । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुख्य रणनीतज्ञ स्टीव बैनन ने दावा किया है कि चीन के वुहान लैब के एक्सपर्ट पश्चिमी खुफिया इंटेलिजेंस के साथ आकर मिल गए हैं। उन्होंने कहा है कि इनकी मदद से एजेंसियां पेइचिंग के खिलाफ इस बात का केस तैयार कर रही हैं कि कोरोना महामारी वुहान की वायरॉलजी लैब से लीक हुई थी और उसे छिपाना हत्या के बराबर है। द मेल से बातचीत में बैनन ने यह खुलासा किया है। इससे पहले हॉन्ग-कॉन्ग की एक एक्सपर्ट भी इस बात का आरोप लगाकर वहां से भाग निकली हैं कि कोरोना वायरस के बारे में चीन और डब्ल्यूएचओ को पहले पता चल गया था लेकिन उन्होंने इसे छिपाकर रखा।
वहीं, बैनन ने पश्चिमी देशों से अपील की है कि वे एक साथ मिलकर चीन के कू्रर और सत्तावादी शासन को हटाने के लिए काम करे। उन्होंने दावा किया है कि चीन से भागे हुए कुछ लोग एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वुहान में क्या हुआ था। उन्होंने दावा किया, वे अभी मीडिया से बात नहीं कर रहे हैं लेकिन वुहान और दूसरे लैब के लोग पश्चिम आए हैं और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ सबूत दे रहे हैं। मुझे लगता है लोग हैरान रहने वाले हैं। बैनन ने दावा किया है कि चीन और हॉन्ग-कॉन्ग से फरवरी के बाद से लोग आ रहे हैं और अमेरिका कानूनी केस तैयार कर रहा है जिसमें वक्त लग सकता है।
अमेरिका की नैशनल सिक्यॉरिटी काउंसिल में शामिल रह चुके बैनन ने कहा कि जासूस यह केस तैयार कर रहे हैं कि चीन के लैब में स््रक्रस्-जैसे वायरसों की वैक्सीन और दवा तैयार करने के एक्सपेरिमेंट के दौरान वहां से वायरस लीक हो गया। उन्होंने आशंका जताई है कि लैब में ऐसे खतरनाक एक्सपेरिमेंट किए जा रहे थे जिनकी इजाजत नहीं थी और वायरस किसी इंसान के जरिए या गलती से लैब से बाहर आ गया। उन्होंने दावा किया है कि डिफेक्टर्स अमेरिका, यूरोप और ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने संभावना जताई है कि खुफिया एजेंसियों के पास इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस है और लैब में जाने वालों की जानकारी है जिससे अहम सबूत मिले हैं।
बैनन ने यह भी कहा है कि चाहे वायरस वुहान के वेट मार्केट से फैला हो या लैब से निकला हो, इसके फैलने के बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने जैसे इसे छिपाया है, वह हत्या के बराबर है। उन्होंने कहा कि ताइवान ने डब्ल्यूएचओ को 31 दिसबंर को बताया था कि हुबेई प्रांत में कई महामारी फैल रही है। पेइचिंग की सीडीसी ने इस बारे में जानकारी छिपाकर अमेरिका के साथ जनवरी में ट्रेड डील करने का फैसला किया। उन्होंने कहा, अगर वे दिसंबर के आखिरी हफ्ते में सच्चाई बताते तो 95 प्रतिशत जानें और आर्थिक नुकसान को बचाया जा सकता था। बैनन ने दावा किया कि इस बीच चीन ने दुनियाभर का प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट जमा कर लिया। (navbharattimes.indiatimes.com)
नई दिल्ली, 11 जुलाई। अमेरिका समेत दुनिया भर में इस समय तीखी आलोचना का सामना कर रहा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक अपने मंच पर राजनीतिक विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है। यह कदम नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर उठाने पर विचार किया जा रहा है।
सीएनएन बिजनेस की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से छपी एक खबर के अनुसार, फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापनों के माध्यम से दुष्प्रचार को कम करने के लिए संभावित प्रतिबंध कई दिनों से विचाराधीन है। रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है, यह योजना कंपनी द्वारा विचार किए जा रहे कई विकल्पों में शामिल हैं और इस पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
इस रिपोर्ट पर फेसबुक द्वारा आधिकारिक तौर पर टिप्पणी की जानी अभी बाकी है। फेसबुक के एक बहुप्रतीक्षित ऑडिट ने इस सप्ताह खुलासा किया था कि राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा विवादास्पद पोस्टों को नहीं हटाने का कंपनी का निर्णय 'गहरी परेशानी खड़ी करने वाला' था। फेसबुक के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर शेरिल सैंडबर्ग ने कहा, "ऑडिटर्स भी राजनेताओं के तथ्य की जांच न करने की हमारी नीति से दृढ़ रूप से असहमत हैं और उनका मानना है कि इसके अंतिम परिणाम का अर्थ पावर मैं बैठे लोगों की आवाज बुलंद करना है।"
इस विवाद के बाद अमेरिका में फेसबुक भारी आलोचनाओं में आ गया है। ऐसे में अपनी साख को बरकरार रखने के लिए राजनीतिक विज्ञापनों पर प्रतिबंध जैसे कदम पर विचार किया जा रहा है। हालांकि इससे फेसबुक को बड़ा आर्थिक झटका लगेगा, क्योंकि राजनीतिक विज्ञापनों और पेड पोस्ट्स से ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की अच्छी कमाई होती है।(navjivan)
नई दिल्ली, 11 जुलाई। अमेरिका में एक बार फिर पुलिस ने जॉर्ज फ्लायड के साथ की गई बर्बरता को दोहराया है। इस बार पुलिसकर्मियों की जानलेवा कार्रवाई का शिकार न्यूयॉर्क में एक भारतीय मूल का शख्स हुआ है। राहत की बात है कि बाद में इस शख्स को पुलिस अस्पताल ले गई, जिससे वह बच गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों में भारी गुस्सा है और एक बार फिर देश भर में पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
घटना न्यूयॉर्क की है, जहां सोमवार को स्केनेक्टडी शहर में युगेश्वर गैंदरपरसौद की गिरफ्तारी के दौरान उसके गले को घुटने से दबाते एक पुलिसकर्मी के वीडियो ने 25 मई को मिनियोपोलिस में जॉर्ज फ्लॉयड के साथ हुई घटना की याद दिला दी। हालांकि, इस घटना में युगेश्वर को उनकी गिरफ्तारी के बाद अस्पताल ले जाया गया और वे बच गए।
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद देश भर में पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। बाद में युगेश्वर गैंदरपरसौद ने भी स्केनेक्टडी पुलिस मुख्यालय के बाहर लगभग 100 लोगों के साथ एक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। मीडिया खबरों के अनुसार, विरोध के दौरान पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के डेमोक्रेटिक सदस्य पॉल टोनको ने भी कहा, "मैं स्केनेक्टडी के एक पुलिस अधिकारी की इस हिंसा को देखकर क्रोधित और हतप्रभ हूं।"
वहीं, इस घटना पर शहर के पुलिस प्रमुख एरिक क्लिफोर्ड ने एक बयान में कहा कि ऐसी शिकायतें आई थीं कि युगेश्वर ने एक कार के टायर को काट दिया था और जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की तो उसने विरोध किया। उन्होंने कहा कि उसके गले को पकड़ने का प्रयास केवल उसे नियंत्रित करने के लिए किया गया था। इतना ही नहीं, बाद में वह गाड़ी तक चलकर आने में सक्षम भी था।
हालांकि, युगेश्वर ने डेली गैजेट को बताया कि जब उसे गाड़ी में बैठाया गया तो वह बेहोश था और उसे अस्पताल में जाकर होश आया। पुलिस प्रमुख क्लिफोर्ड ने कहा है कि इस मामले में आंतरिक जांच का आदेश दे दिया गया है।(navjivan)
बीजिंग/जिनेवा/नयी दिल्ली 11 जुलाई। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का कहर दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है और इसके कारण दुनियाभर में अब तक लगभग 5.60 लाख लोगों की मौत हो चुकी है तथा 1.25 करोड़ लोग संक्रमित हुए हैं।
कोविड-19 के मामले में अमेरिका दुनिया भर में पहले, ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर है। वहीं इस महामारी से हुई मौतों के आंकड़ों के मामले में अमेरिका पहले, ब्राजील दूसरे और ब्रिटेन तीसरे स्थान पर है।
अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार विश्व भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,24,65,633 हो गयी है जबकि 5,59,568 लोगों ने जान गंवाई है।
विश्व महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से अब तक 3183573 लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 1,34089 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में अब तक 1800827 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि 70398 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 27114 नये मामले सामने आये हैं और अब कुल संक्रमितों की संख्या बढक़र 820916 हो गई है। इसी अवधि में कोरोना वायरस से 519 लोगों की मृत्यु होने से मृतकों की संख्या बढक़र 22123 हो गई है। देश में इस समय कोरोना के 2,83407 सक्रिय मामले हैं और अब तक 515386 लोग इस महामारी से निजात पा चुके हैं।
रूस कोविड-19 के मामलों में चौथे नंबर पर है और यहां इसके संक्रमण से अब तक 712863 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 11000 लोगों ने जान गंवाई है। पेरु में लगातार हालात खराब होते जा रहे है वह इस सूची में पांचवें नम्बर पर पहुंच गया है। यहां संक्रमितों की संख्या 3,19646 हो गई तथा 11,500 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण के मामले में चिली विश्व में छठे स्थान पर आ गया हैं। यहां अब तक कोरोना वायरस से 3,09,274 लोग संक्रमित हुए हैं और मृतकों की संख्या 6781 है।
ब्रिटेन संक्रमण के मामले में सातवें नंबर पर आ गया है। यहां अब तक इस महामारी से 2,89,678 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 44,735 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। कोरोना संक्रमण के मामले में मेक्सिको स्पेन से आगे निकल कर आठवें स्थान पर आ गया है और यहां संक्रमितों की संख्या 2,89,174 पहुंच गई है और अब तक इस वायरस से 34191 लोगों की मौत हुई है। वहीं स्पेन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 253,908 है जबकि 28,403 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से प्रभावित खाड़ी देश ईरान में दसवें स्थान पर है यहां संक्रमितों की संख्या 2,52720 हो गई है और 12,447 लोगों की इसके कारण मौत हुई है।
दक्षिण अफ्रीका ने कोरोना से 2,52687 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 3860 लोगों की मौत हो चुकी है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में कोरोना से अब तक 2,43599 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 5058 लोगों की मौत हो चुकी है।
यूरोपीय देश इटली में इस जानलेवा विषाणु से 2,42,639 लोग संक्रमित हुए हैं त था 34,938 लोगों की मौत हुई है। सऊदी अरब में कोरोना संक्रमण से अब तक 226486 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 2151 लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,10,965 हो गयी है और 5323 लोगों की मौत हो चुकी है। फ्रांस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 208,015 हैं और 30007 लोगों की मौत हो चुकी है। जर्मनी में 1,99,332 लोग संक्रमित हुए हैं और 9063 लोगों की मौत हुई है।
बंगलादेश में 178443 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं जबकि 2275 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। वैश्विक महामारी कोरोना के उद्गमस्थल चीन में अब तक 84,992 लोग संक्रमित हुए हैं और 4,641 लोगों की मृत्यु हुई है। कोरोना वायरस से बेल्जियम में 9781, कनाडा में 8811 , नीदरलैंड में 6155, स्वीडन में 5525, इक्वाडोर में 4939 , मिस्र 3702, इंडोनेशिया 3469, इराक 2960, स्विट््जरलैंड में 1966, आयरलैंड में 1744, पुर्तगाल में 1646 और अर्जेटीना में 1774 लोगों की मौत हुई है।(वार्ता)
ब्यूनस आयर्स, 11 जुलाई (स्पूतनिक)। बोलीविया सीनेट की अध्यक्ष मोनिका एवा कोपा ने कहा है कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और अपना इलाज करा रही हैं।
सुश्री कोपा ने ट्वीट कर कहा, मैं यह बताना चाहती हूं कि मेरा कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। मैं महामारी प्रोटोकॉल का पालन कर रही हूं और कुछ समय के लिए अलग-थलग रहूंगी। मेरी हालत स्थिर है लेकिन मैं अपने कर्तव्य का पालन करुंगी और अपना काम करती रहूंगी।
बोलीविया की अंतरिम राष्ट्रपति जीनिन अनेज चावेज, स्वास्थ्य मंत्री, सेंट्रल बैंक के प्रमुख और राष्ट्रपति प्रशासन के प्रमुख भी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं और इनका इलाज जारी है।
बोलीविया में कोरोना के अब तक 44000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं और 1600 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
बीजिंग, 10 जुलाई (भाषा)। चीन ने कजाखिस्तान में रहने वाले अपने नागरिकों को एक स्थानीय ‘अज्ञात निमोनिया’ के प्रति आगाह करते हुए कहा है कि यह कोरोना वायरस संक्रमण से ‘कहीं अधिक’ जानलेवा है। कजाखिस्तान में चीन के दूतावास ने वीचैट प्लेटफॉर्म पर एक बयान जारी करके कहा कि ‘‘कजाखिस्तान में अज्ञात निमोनिया से इस वर्ष के शुरुआती छह माह में 1,772 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें अकेले 628 लोग जून माह में मारे गए हैं।’’ इसमें कहा गया है कि मरने वालों में चीनी नागरिक भी शामिल हैं।
सरकारी समाचारपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने शुक्रवार को दूतावास के बयान के हवाले से कहा, ‘‘कोविड-19 बीमारी की तुलना में इस बीमारी से बड़ी संख्या में मौत होने का खतरा है।’’
दूतावास ने कहा, ‘‘कजाखिस्तान के स्वास्थ्य विभाग समेत अनेक संगठन निमोनिया के इस वायरस के बारे में अध्ययन कर रहे हैं।’’ इसमें कहीं इस बात का जिक्र नहीं है कि कहीं यह बीमारी कोविड-19से जुड़ी तो नहीं हैं। कुछ चीनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस निमोनिया को चीन में फैलने से रोकने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। कजाखिस्तान की सीमा चीन के उत्तर पश्चिम शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र से लगती है। दूतावास कजाखिस्तान में मौजूद अपने नागरिकों को वायरस को फैलने से रोकने के लिए कदम उठाने के लिए जागरुक कर रहा है। रिपोर्ट में कजाखिस्तान के मीडिया में आई उस खबर का जिक्र किया गया है जिसमें कजाखिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि निमोनिया से बीमार होने वाले लोगों की संख्या कोविड-19 से बीमार हुए लोगों की संख्या से दो या तीन गुना अधिक है।
बीजिंग/जिनेवा/नई दिल्ली, 10 जुलाई । वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का कहर दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है और अब तक इसकी चपेट में 1.22 करोड़ से अधिक लोग आ चुके हैं तथा इससे 5.54 लाख से ज्यादा की मौत हो चुकी है।
कोविड-19 के मामले में अमेरिका दुनिया भर में पहले, ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर है। वहीं इस महामारी से हुई मौतों के आंकड़ों के मामले में अमेरिका पहले, ब्राजील दूसरे और ब्रिटेन तीसरे स्थान पर है।
अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार विश्व भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,2232 745 हो गयी है जबकि 5,54304 लोगों ने जान गंवाई है।
विश्व महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से अब तक 3114846 लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 1,33,241 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में अब तक 17,55,779 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि 69,184 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 26,506 नये मामले सामने आये हैं और अब कुल संक्रमितों की संख्या बढक़र 7,93802 हो गई है। इसी अवधि में कोरोना वायरस से 475 लोगों की मृत्यु होने से मृतकों की संख्या बढक़र 21604 हो गई है। देश में इस समय कोरोना के 2,76685 सक्रिय मामले हैं और अब तक 4,95,513 लोग इस महामारी से निजात पा चुके हैं।
रूस कोविड-19 के मामलों में चौथे नंबर पर है और यहां इसके संक्रमण से अब तक 6,99,749 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 10,650 लोगों ने जान गंवाई है। पेरु में लगातार हालात खराब होते जा रहे है वह इस सूची में पांचवें नम्बर पर पहुंच गया है। यहां संक्रमितों की संख्या 3,16,448 हो गई तथा 11,314 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण के मामले में चिली विश्व में छठे स्थान पर आ गया हैं। यहां अब तक कोरोना वायरस से 3,06,216 लोग संक्रमित हुए हैं और मृतकों की संख्या 6682 है।
ब्रिटेन संक्रमण के मामले में सातवें नंबर पर आ गया है। यहां अब तक इस महामारी से 2,89,154 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 44,687 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। कोरोना संक्रमण के मामले में मेक्सिको स्पेन से आगे निकल कर आठवें स्थान पर आ गया है और यहां संक्रमितों की संख्या 2,82,283 पहुंच गई है और अब तक इस वायरस से 33,526 लोगों की मौत हुई है। वहीं स्पेन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 253,056 है जबकि 28,401 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से प्रभावित खाड़ी देश ईरान में दसवें स्थान पर है यहां संक्रमितों की संख्या 2,50,258 हो गई है और 12,305 लोगों की इसके कारण मौत हुई है।
यूरोपीय देश इटली में इस जानलेवा विषाणु से 2,48,363 लोग संक्रमित हुए हैं त था 34,926 लोगों की मौत हुई है।
पड़ोसी देश पाकिस्तान में कोरोना संक्रमितों की संख्या सवा दो लाख से अधिक हो गयी है और यहां अब तक 2,40,848 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 4983 लोगों की मौत हो चुकी है। एक अन्य पड़ोसी देश बंगलादेश में 175494 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं जबकि 2238 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है।
दक्षिण अफ्रीका ने कोरोना संक्रमण के मामले में सऊदी अरब और तुर्की को पीछे छोड़ दिया है। यहां संक्रमितों की संख्या 2,39,339 हो गई है और 3720 लोगों की मौत हो चुकी है। सऊदी अरब में कोरोना संक्रमण से अब तक 223327 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 2100 लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,09,962 हो गयी है और 5300 लोगों की मौत हो चुकी है। फ्रांस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 207,356 हैं और 29,982 लोगों की मौत हो चुकी है। जर्मनी में 1,99,001 लोग संक्रमित हुए हैं और 9057 लोगों की मौत हुई है।
वैश्विक महामारी कोरोना के उद्गमस्थल चीन में अब तक 84,992 लोग संक्रमित हुए हैं और 4,641 लोगों की मृत्यु हुई है। कोरोना वायरस से बेल्जियम में 9778, कनाडा में 8797 , नीदरलैंड में 6156, स्वीडन में 5500, इक्वाडोर में 4900 , मिस्र 3617, इंडोनेशिया 3417, इराक 2882, स्विट््जरलैंड में 1966, आयरलैंड में 1743, पुर्तगाल में 1644 और अर्जेटीना में 1720 लोगों की मौत हुई है।(वार्ता)
मॉस्को 9 जुलाई (स्पूतनिक)। पश्चिमी अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट के प्रधानमंत्री अमादोउ गोन कौलिबली का 61 वर्ष की आयु में निधन हो गया है।
देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति अलसाने क्वाट्रा ने अपने फेसबुक पर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि श्री कौलिबली बुधवार को कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक में शामिल हुए थे। बैठक के बाद अस्वस्थ महसूस होने पर अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया।
श्री कौलिबली 2017 में प्रधानमंत्री बने थे और आगामी अक्टूबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में सत्तारुढ़ आरएचडीपी पार्टी की ओर से उम्मीदवार थे। उन्हें गत मार्च में राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था।
पेइचिंग/मास्को, 9 जुलाई । भारत और अमेरिका की चौतरफा घेराबंदी से टेंशन में आए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अब रूस की शरण में पहुंच गए हैं। शी जिनपिंग ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन कर उनसे रणनीतिक सहयोग और संपर्क बढ़ाने का अनुरोध किया है। चीनी राष्ट्रपति ने दावा किया कि मास्को और पेइचिंग दोनों ही एकाधिकारवाद और आधिपत्य के खिलाफ हैं।
शी जिनपिंग ने बुधवार को पुतिन से कहा कि यह जरूरी है कि तेजी से बदलती वैश्विक स्थिति में चीन और रूस दोनों ही अपने रणनीतिक सहयोग और संपर्क को और तेज करें। शी जिनपिंग और पुतिन के बीच यह बातचीत ऐसे समय पर हुई जब अमेरिका-चीन के बीच संबंध बहुत तेजी से खराब रहे हैं और उधर भारत से भी चीन का सीमा पर भारी तनाव चल रहा है।
यह बातचीत ऐसे समय पर हुई है जब पांच दिन पहले ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन को फोनकर उन्हें जनमत संग्रह में जीत के लिए बधाई दी थी और एक बड़े सैन्य समझौते को मंजूरी दी थी। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी पहले ऐसे वैश्विक नेता थे जिन्होंने पुतिन को जीत की बधाई दी थी। इस दौरान पुतिन ने पीएम मोदी से कहा था कि वह चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच विशेष और विशेष अधिकारों वाले रिश्ते को और ज्यादा बढ़ाना चाहते हैं।
पुतिन के साथ बातचीत के दौरान शी जिनपिंग ने कहा कि चीन रूस के साथ सहयोग जारी रखना चाहता है और दृढ़तापूर्वक विदेशी हस्तक्षेप और तोडफ़ोड़ का विरोध करता है। साथ ही दोनों देशों की संप्रभुता को, सुरक्षा और विकास के हितों को बनाए रखना चाहता है। शी ने कहा कि चीन ने हमेशा से ही रूस के विकास के रास्ते का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय स्तर खासतौर पर संयुक्त राष्ट्र में सहयोग को और ज्यादा तेज करेगा। (navbharattimes.indiatimes.com)
बीजिंग/जिनेवा/नयी दिल्ली, 9 जुलाई (वार्ता)। कोरोना वायरस के दिनोंदिन बढ़ते कहर के बीच दुनिया भर में इसके कारण होने वाली मौतों की संख्या साढ़े पांच लाख के पास पहुंच गयी है, जबकि 1.20 करोड़ से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं।
कोविड-19 के मामले में अमेरिका दुनिया भर में पहले, ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर है। वहीं इस महामारी से हुई मौतों के आंकड़ों के मामले में अमेरिका पहले, ब्राजील दूसरे और ब्रिटेन तीसरे स्थान पर है।
अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार विश्व भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,20,12,125 हो गयी है जबकि 5,48,896 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
विश्व महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से अब तक 3054650 लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 1,32,298 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में अब तक 17,13,160 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि 67,964 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 24879 नये मामले सामने आये हैं और अब कुल संक्रमितों की संख्या बढक़र 7,67,296 हो गई है। इसी अवधि में कोरोना वायरस से 487 लोगों की मृत्यु होने से मृतकों की संख्या बढक़र 21,129 हो गई है। देश में इस समय कोरोना के 2,69,789 सक्रिय मामले हैं और अब तक 4,76,378 लोग इस महामारी से निजात पा चुके हैं।
रूस कोविड-19 के मामलों में चौथे नंबर पर है और यहां इसके संक्रमण से अब तक 6,99,749 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 10,650 लोगों ने जान गंवाई है। पेरु में लगातार हालात खराब होते जा रहे है वह इस सूची में पांचवें नम्बर पर पहुंच गया है। वहां संक्रमितों की संख्या 3,12,911 हो गई तथा 11,133 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण के मामले में चिली विश्व में छठे स्थान पर आ गया हैं। यहां अब तक कोरोना वायरस से 3,03,083 लोग संक्रमित हुए हैं और मृतकों की संख्या 6573 है।
ब्रिटेन संक्रमण के मामले में सातवें नंबर पर आ गया है। यहां अब तक इस महामारी से 2,88,511 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 44,602 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। कोरोना संक्रमण के मामले में मेक्सिको स्पेन से आगे निकल कर आठवें स्थान पर आ गया है और यहां संक्रमितों की संख्या 2,75,003 पहुंच गई है और अब तक इस वायरस से 32,796 लोगों की मौत हुई है। वहीं स्पेन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 252,513 है जबकि 28,396 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से प्रभावित खाड़ी देश ईरान में दसवें स्थान पर है यहां संक्रमितों की संख्या 2,48,379 हो गई है और 12,084 लोगों की इसके कारण मौत हुई है।
यूरोपीय देश इटली में इस जानलेवा विषाणु से 2,42,149 लोग संक्रमित हुए हैं त था 34,914 लोगों की मौत हुई है।
पड़ोसी देश पाकिस्तान में कोरोना संक्रमितों की संख्या सवा दो लाख से अधिक हो गयी है और यहां अब तक 2,37,489 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 4922 लोगों की मौत हो चुकी है। एक अन्य पड़ोसी देश बंगलादेश में 172134 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं जबकि 2197 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है।
दक्षिण अफ्री ने कोरोना संक्रमण के मामले में सऊदी अरब और तुर्की को पीछे छोड़ दिया है। यहां संक्रमितों की संख्या 2,24,465 हो गई है और 3602 लोगों की मौत हो चुकी है। सऊदी अरब में कोरोना संक्रमण से अब तक 220144 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 2059 लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,08,938 हो गयी है और 5282 लोगों की मौत हो चुकी है। फ्रांस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 206,072 हैं और 29,936 लोगों की मौत हो चुकी है। जर्मनी में 1,98,699 लोग संक्रमित हुए हैं और 9046 लोगों की मौत हुई है।
वैश्विक महामारी कोरोना के उद्गमस्थल चीन में अब तक 84,950 लोग संक्रमित हुए हैं और 4,641 लोगों की मृत्यु हुई है। कोरोना वायरस से बेल्जियम में 9776, कनाडा में 8786 , नीदरलैंड में 6154, स्वीडन में 5482, इक्वाडोर में 4873 , मिस्र 3564, इंडोनेशिया 3559, इराक 2779, स्विट्जरलैंड में 1966, आयरलैंड में 1738, पुर्तगाल में 1631 और अर्जेटीना में 1694 लोगों की मौत हुई है।
इस्लामाबाद, 8 जुलाई। पाकिस्तान सरकार ने फर्जी लाइसेंस की मदद से देश की विभिन्न एयरलाइंस में कार्यरत 28 पायलटों को बर्खास्त कर दिया है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अनुसार मंगलवार को प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में फर्जी लाइसेंस की मदद से एयरलाइंस में सेवा देने वाले पायलटों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा कि एक अन्य कदम के तहत पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने दो महिला पायलटों सहित 34 और पायलटों के लाइसेंस निलंबित कर दिए है। निलंबित पायलटों के लाइसेंसों की जांच के बाद मंत्रिमंडल इस पर निर्णय लेगा।
इससे पहले जून में, देश के नागरिक उड्डयन विभाग ने सरकारी विमानन कंपनी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस, एयरब्ल्यू और सीरीन एयर सहित कई एयरलाइंस के 160 पायलटों के लाइसेंस को संदिग्ध घोषित करते हुए जांच प्रक्रिया पूरी होने तक एयरलाइंस के प्रबंधन को उन्हें हटाने के निर्देश दिए थे।
पाकिस्तान के कराची में हाल ही में हुए विमान हादसे की जांच प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों को पायलटों के संदिग्ध रिकार्ड मिलने के बाद नागरिक उड्डयन विभाग की तथ्यान्वेषी कमेटी उनके लाइसेंस में जांच कर रही है। इस घटना में चालक दल के सदस्यों सहित 97 लोग मारे गए थे। (वार्ता)
बीजिंग/जिनेवा/नई दिल्ली, 8 जुलाई (वार्ता)। वैश्विक महामारी कोरोना का कहर दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है और दुनिया भर में इसके संक्रमितों की संख्या 1.17 करोड़ से अधिक हो गई है जबकि 5.43 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं।
अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार विश्व भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,17,97,891 हो गयी है जबकि 5,43,481 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
कोविड-19 के मामले में अमेरिका दुनिया भर में पहले, ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर है। वहीं इस महामारी से हुई मौतों के आंकड़ों के मामले में अमेरिका पहले, ब्राजील दूसरे और ब्रिटेन तीसरे स्थान पर है।
विश्व महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से अब तक 29,93,759 लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 1,31,455 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में अब तक 16,68,589 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि 66,741 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 22,752 नये मामले सामने आये हैं और अब कुल संक्रमितों की संख्या बढक़र 7,42,417 हो गई है। इसी अवधि में कोरोना वायरस से 482 लोगों की मृत्यु होने से मृतकों की संख्या बढक़र 20,642 हो गई है। देश में इस समय कोरोना के 2,64,944 सक्रिय मामले हैं और अब तक 4,56,831 लोग इस महामारी से निजात पा चुके हैं।
रूस कोविड-19 के मामलों में चौथे नंबर पर है और यहां इसके संक्रमण से अब तक 6,93,215 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 10,478 लोगों ने जान गंवाई है। पेरु में लगातार हालात खराब होते जा रहे है वह इस सूची में पांचवे नम्बर पर पहुंच गया है वहां संक्रमितों की संख्या 3,09,278 हो गई तथा 10,952 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण के मामले में चिली विश्व में छठे स्थान पर आ गया हैं। यहां अब तक कोरोना वायरस से 3,01,019 लोग संक्रमित हुए हैं और मृतकों की संख्या 6434 है।
ब्रिटेन संक्रमण के मामले में सातवें नंबर पर आ गया है। यहां अब तक इस महामारी से 2,87,874 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 44,476 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
कोरोना संक्रमण के मामले में मेक्सिको स्पेन से आगे निकल कर आठवें स्थान पर आ गया है और यहां संक्रमितों की संख्या 2,68,008 पहुंच गई है और अब तक इस वायरस से 32,014 लोगों की मौत हुई है। स्पेन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 252,130 है जबकि 28,392 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोना वायरस से प्रभावित खाड़ी देश ईरान में दसवें स्थान पर है यहां संक्रमितों की संख्या 2,45,688 हो गई है और 11,931 लोगों की इसके कारण मौत हुई है। यूरोपीय देश इटली ग्याहवें स्थान पर पहुंच गया है यहां अब तक कोविड-19 से 2,41,956 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 34,899 लोगों की मौत हुई है।
पड़ोसी देश पाकिस्तान में कोरोना संक्रमितों की संख्या सवा दो लाख से अधिक हो गयी है और यहां अब तक 2,34,509 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 4839 लोगों की मौत हो चुकी है। एक अन्य पड़ोसी देश बंगलादेश में 168645 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं जबकि 2151 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है।
सऊदी अरब कोरोना संक्रमण के मामले में तुर्की और फ्रांस से आगे निकल गया है और यहां संक्रमितों की संख्या 2,17,108 हो गई है और 2017 लोगों की मौत हो चुकी है। दक्षिण अफ्रीका भी कोरोना संक्रमण के मामले में तुर्की और फ्रांस से आगे पहुंच गया है। यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 215855 हो गई और 3502 लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,07,897 हो गयी है और 5260 लोगों की मौत हो चुकी है।
फ्रांस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 206,072 हैं और 29,936 लोगों की मौत हो चुकी है। जर्मनी में 1,98,343 लोग संक्रमित हुए हैं और 9032 लोगों की मौत हुई है। वैश्विक महामारी कोरोना के उद्गमस्थल चीन में अब तक 84,917 लोग संक्रमित हुए हैं और 4,641 लोगों की मृत्यु हुई है।
कोरोना वायरस से बेल्जियम में 9774, कनाडा में 8765 , नीदरलैंड में 6151, स्वीडन में 5447, इक्वाडोर में 4873, मिस्र 3489, इंडोनेशिया 3309, इराक 2685, स्विट््जरलैंड में 1966, आयरलैंड में 1742, पुर्तगाल में 1629 और अर्जेटीना में 1644 लोगों की मौत हुई है।
नई दिल्ली, 7 जुलाई (एजेंसी)। अटलांटा में हाल के विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत का केंद्र रहे एक स्थान के निकट से गुजर रही कार पर हुई गोलीबारी में आठ साल की एक बच्ची की मौत चार जुलाई को हो गई। हथियार से लैस कम से कम दो लोगों ने कार पर गोली चलाई थी।
पुलिस ने बच्ची की पहचान सिकोरिया टर्नर के रूप में की है। अटलांटा की मेयर किशा लांस बॉटम्स ने रविवार को एक भावनात्मक संवाददाता सम्मेलन में बच्ची की शोकाकुल मां के बगल में बैठकर पीडि़त के लिए न्याय की मांग की। यह घटना वेंडी रेस्त्रां के निकट हुई। यह वही स्थल है जहां 12 जून को अफ्रीकी अमेरिकी व्यक्ति रेशार्ड बू्रक्स की हत्या अटलांटा के एक पुलिस अधिकारी ने कर दी थी। इसके बाद इस रेस्त्रां को जला दिया गया और इलाका पुलिस बर्बरता के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन का केंद्र बन गया।
अधिकारियों ने कहा कि इस क्षेत्र में अवैध तौर पर रखे गए अवरोधकों से बच्ची की मां ने गुजरने का प्रयास किया और उसी समय शनिवार रात में वाहन पर गोलियां चली। अटलांटा जर्नल कंस्टीट्यूशन के अनुसार मेयर ने कहा, तुमने गोली चलाई और आठ साल की एक बच्ची को मार डाला। वहां सिर्फ एक गोली चलानेवाला नहीं था बल्कि गोली चलाने वाले कम से कम दो लोग थे। पुलिस ने कहा है कि लोगों से गोलीबारी करने वालों की पहचान के लिये मदद ली जा रही है। उन्होंने इस संबंध में एक पोस्टर भी जारी किया है कि इसमें शामिल एक व्यक्ति के पूरी तरह से काले कपड़े पहने होने जबकि एक अन्य व्यक्ति के सफेद टीशर्ट में होने की बात कही गई है।
संयुक्त राष्ट्र ने दी चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण से जुड़ी एक संस्था का कहना है कि अगर इंसानों ने जंगली जीवों को मारना और उनका उत्पीड़न जारी रखा तो उसे कोरोना वायरस संक्रमण जैसी और बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है.
यूएन इन्वायरमेंट प्रोग्राम ऐंड इंटरनेशनल लाइवस्टॉक रिसर्च इन्स्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस जैसे ख़तरनाक संक्रमण के लिए पर्यावरण को लगातार पहुंचने वाला नुक़सान, प्राकृतिक संसाधनों का बेतहाशा दोहन, जलवायु परिवर्तन और जंगली जीवों का उत्पीड़न जैसी वजहें ज़िम्मेदार हैं.
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में जानवरों और पक्षियों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियां लगातार बढ़ी हैं. विज्ञान की भाषा में ऐसी बीमारियों को ‘ज़ूनोटिक डिज़ीज़’ कहा जाता है.
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर इंसानों ने पर्यावरण और जंगली जीवों को नहीं बचाया तो उसे कोरोना जैसी और ख़तरनाक बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक़ प्रोटीन की बढ़ती मांग के लिए जानवरों को मारा जा रहा है और इसका ख़ामियाज़ा आख़िरकार इंसान को ही भुगतना पड़ रहा है.
हर साल लाखों लोगों की मौत
विशेषज्ञों का कहना है कि जानवरों से होने अलग-अलग तरह की बीमारियों के कारण दुनिया भर में हर साल तकरीबन 20 लाख लोगों की मौत हो जाती है.
पिछलों कुछ वर्षों में इंसानों में जानवरों से होने वाली बीमारियों यानी ‘ज़ूनोटिक डिज़ीज़’ में इजाफ़ा हुआ है. इबोला, बर्ड फ़्लू और सार्स जैसी बामारियां इसी श्रेणी में आती हैं.
पहले ये बीमारियां जानवरों और पक्षियों में होती हैं और फिर उनके ज़रिए इंसानों को अपना शिकार बना लेती हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ज़ूनोटिक बीमारियों के बढ़ने की एक बड़ी वजह ख़ुद इंसान और उसके फ़ैसले हैं.
बेतहाशा बढ़ा है मांस का उत्पादन
यूएन इन्वायरमेंट प्रोग्राम की एग्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर इंगर एंडर्सन ने कहा कि पिछले 100 वर्षों में इंसान नए वायरसों की वजह से होने वाले कम से कम छह तरह के ख़तरनाक संक्रमण झेल चुका है.
उन्होंने कहा, “मध्यम और निम्न आय वर्ग वाले देशों में हर साल कम से कम 20 लाख लोगों की मौत गिल्टी रोग, चौपायों से होने वाली टीबी और रेबीज़ जैसी ज़ूनोटिक बीमारियों के कारण हो जाती है. इतना ही नहीं, इन बीमारियों से न जाने कितना आर्थिक नुक़सान भी होता है.”
इंगर एंडर्सन ने कहा, “पिछले 50 वर्षों में मांस का उत्पादन 260% बढ़ गया है. कई ऐसे समुदाय हैं जो काफ़ी हद तक पालतू और जंगली जीव-जंतुओं पर निर्भर हैं. हमने खेती बढ़ा दी है और प्राकृतिक संसाधनों का दोहन भी बेतहाशा किए जा रहे हैं. हम जंगली जानवरों के रहने की जगहों को नष्ट कर रहे हैं, उन्हें मार रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि बांध, सिंचाई के साधन, फ़ैक्ट्रियां और खेत भी इंसानों में होने वाली संक्रामक बीमारियों के लिए 25% तक ज़िम्मेदार हैं.
कैसे हल होगी मुश्किल?
इस रिपोर्ट में सिर्फ़ समस्याएं ही नहीं गिनाई गई हैं, बल्कि सरकारों को ये भी समझाया गया है कि भविष्य में इस तरह की बीमारियों से कैसे बचा जाए.
विशेषज्ञों ने रिपोर्ट में पर्यावरण को कम नुक़सान पहुंचाने वाली खेती को बढ़ावा देने और जैव विविधता को बचाए रखने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया है.
एंडर्सन कहती हैं, “विज्ञान साफ़ बताता है कि अगर हम इकोसिस्टम के साथ खिलवाड़ करते रहे, जंगलों और जीव-जंतुओं को नुक़सान पहुंचाते रहे तो आने वाले समय में जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियां भी बढ़ेंगी.”
उन्होंने कहा कि भविष्य में कोरोना वायरस संक्रमण जैसी ख़तरनाक बीमारियों को रोकने के लिए इंसान को पर्यावरण और जीव-जंतुओं की रक्षा को लेकर और संज़ीदा होना पड़ेगा. (www.bbc.com)