अंतरराष्ट्रीय
लंदन (आईएएनएस)| लगातार लंबे चले अभियान के बाद, ब्रिटेन के सिक्कों पर पहली बार अश्वेत, एशियाई और जातीय अल्पसंख्यक (बीएएमई) समूहों की प्रसिद्ध हस्तियों की तस्वीर प्रदर्शित होगी।
'द बैंकनोट्स ऑफ कलर' अभियान ने सरकार से सिक्के या करेंसी पर अश्वेत लोगों की तस्वीर को छापने के बारे में विचार करने के लिए कहा था।
ब्रिटेन में आजतक किसी भी अश्वेत हस्ती की तस्वीर सिक्के या नोट पर छापी नहीं गई है।
इस अभियान की अगुवाई पूर्व कंजरवेटिव पार्लियामेंट्री कैंडिडेट जेहर जैदी ने की है।
जैदी ने इंडिपेंडेंट अखबार से कहा कि सरकार की इसमें रुचि ढाई साल के कठिन परिश्रम का परिणाम है।
उन्होंने कहा, "ब्रिटेन को बनाने में सभी पृष्ठभूमि के लोगों ने मदद की है। 'वी टू बिल्ट ब्रिटेन' अभियान समूह समावेशी इतिहास दिखाना चााहता था और सभी जातीय व सामाजिक पृष्ठभूमि व सभी क्षेत्रों के लोगों ने ब्रिटेन को बनाने में मदद की है।"
जैदी ने कहा, "अगर आप बैंक ऑफ इंग्लैंड और रॉयल मिनी वेबसाइट्स में नोट्स और सिक्कों को देखेंगे तो उन लोगों का प्रतिबिंब होना चाहिए, जिन्होंने हमारे इतिहास, और संस्कृति का निर्माण किया है।"
उन्होंने कहा, "हमारे अभियान ने यह महसूस किया कि उन जातीय लोगों को शामिल किया जाना बेहद जरूरी है, जिन्होंने काफी कुछ हासिल किया है। हम उम्मीद करते हैं कि यह युवाओं को प्रेरित करने और एक देश के रूप में एकजुट करने में मदद करेगा और यह एहसास दिलाएगा कि समाज में हमारा बराबर योगदान है।"
राजकोष मंत्री जॉन ग्लेन ने द संडे टेलीग्राफ को कहा है कि चांसलर ऋषि सुनक बीएएमई समुदाय से प्रभावशाली व्यक्तियों को सिक्के पर प्रदर्शित करने के बारे में विचार कर रहे हैं।
जिन लोगों के करेंसी में दिखने की संभावना है, उनमें द्वितीय विश्व युद्ध के एजेंट नूर इनायत खान, ब्रिटिश-जमैका क्रीमियाई युद्ध की नर्स मैरी सिकोल और विक्टोरिया क्रास से नवाजे जाने वाले पहले भारतीय और गोरखा सैनिक हैं।
ट्रेजरी ने रॉयल मिंट को संभावित सिक्के की डिजाइन को बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है।
शारजाह, 27 जुलाई (आईएएनएस)| शारजाह में एक ऊंची इमारत से गिरने के बाद 14 वर्षीय एक भारतीय लड़की की मौत हो गई। इसकी जानकारी पुलिस ने सोमवार को दी।
शारजाह पुलिस के एक अधिकारी ने गल्फ न्यूज को बताया कि रविवार रात शहर के अल तवाउन क्षेत्र में यह घटना घटी, यह खुदखुशी का मामला है। मामले की छानबीन की जा रही है।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि गिरने से लड़की को गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
क्वेटा, 27 जुलाई (आईएएनएस)| पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक मंत्री और उनके दो गार्डो के खिलाफ एक सोशल मीडिया एक्टिविस्ट की हत्या के सिलसिले में मामला दर्ज किया गया है। डॉन न्यूज के मुताबिक, अनवर जान खेतिरान की हत्या 23 जुलाई को बरखान जिले के नाहरकोट में कुछ हथियारबंद लोगों ने कर दी थी।
लेवी फोर्स के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि अनवर जान के भाई ने मामले में प्रांतीय खाद्य एवं जनसंख्या कल्याण मंत्री सरदार अब्दुल रहमान खान खेतिरान और उनके दो गार्ड आदम खान और नादिर खान के खिलाफ शिकायत की थी।
शिकायत के अनुसार, अनवर अपने क्षेत्र की सामाजिक और अन्य समस्याओं और मंत्री के अत्याचार और कथित भ्रष्टाचार के बारे में लिखते थे।
वह पंजाब में एक समाचार पत्र 'नाविद पाकिस्तान' के लिए भी काम करते थे।
मृतक के भाई ने आरोप लगाया कि लगभग दो महीने पहले, मंत्री ने अनवर को चेतावनी दी थी और उनसे 'पत्रकारिता का पेशा' छोड़ने के लिए कहा था।
इस बीच, सरदार खेतिरान ने आरोपों को नकारते हुए कहा, "अनवर जान की हत्या से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।" उन्होंने कहा कि एफआईआर में नामजद दो अन्य व्यक्ति सुरक्षा गार्ड नहीं हैं।
नई दिल्ली/वाशिंगटन, 27 जुलाई (आईएएनएस)| अमेरिका ने चीन के चेंगदू में स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को सोमवार को बंद कर दिया गया। चीन ने पिछले सप्ताह इसे बंद करने को कहा था। इससे पहले, अमेरिका ने ह्यूस्टन में चीन को अपना वाणिज्य दूतावास बंद करने के लिए कहा था, जिसके बाद चीन ने फैसले के खिलाफ जवाबी कदम उठाया।
अमेरिकी विदेश विभाग के एक बयान में कहा गया है कि वाणिज्य दूतावास ने सोमवार सुबह 10 बजे से कामकाज बंद कर दिया।
चीन ने अमेरिका को वाणिज्य दूतावास को बंद करने के लिए 27 जुलाई तक का समय दिया था।
यहां तक कि जैसे ही अमेरिका ने वाणिज्य दूतावास को बंद किया, उसने चीन के फैसले पर निराशा व्यक्त की।
विदेश विभाग ने कहा कि अमेरिका चीन में अपने अन्य मिशन के माध्यम से इस क्षेत्र में अपनी पहुंच जारी रखने की कोशिश करेगा।
इसने कहा, "चेंगदू वाणिज्य दूतावास "तिब्बत सहित पश्चिमी चीन में 35 वर्षों से लोगों के साथ हमारे संबंधों के केंद्र में खड़ा रहा है।"
सुमी खान
ढाका, 27 जुलाई (आईएएनएस)। बांग्लादेश के एक अस्पताल के मालिक को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कथित तौर पर अस्पताल के मालिक ने हजारों फर्जी कोविड -19 टेस्ट परिणाम जारी किया और विभिन्न लोगों और संगठनों से करीब 12.5 करोड़ टका का गबन किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, उन्हें 28 दिनों के रिमांड पर भेजा गया है।
रीजेंट ग्रुप के चेयरमैन मोहम्मद शाहेद को ढाका में धोखाधड़ी के चार मामलों में 28 दिन के रिमांड पर रखा गया है। उनके खिलाफ उत्तर पश्चिम और उत्तर पुर्बा पुलिस स्टेशनों में दर्ज कराए गए चारों मामलों में से प्रत्येक के लिए सात-सात दिन यानी कुल 28 दिनों के लिए रिमांड पर रखा गया है।
शाहेद ने रविवार को ढाका के एक कोर्ट में कहा, "देश में सामान्य स्थित वापस लौटने और व्यवसायों के फिर से शुरू होने के बाद मैं धीरे-धीरे सभी को पैसे वापस कर दूंगा।"
पुलिस द्वारा उन्हें कोर्ट में पेश करने के बाद और 40 दिनों के लिए उनकी हिरासत मांगी जाने के बाद ढाका मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट राजेश चौधरी ने रिमांड मंजूर कर ली है।
शाहेद को सतखीरा से तब गिरफ्तार किया गया जब वह भारत भागने के लिए नाव पर बैठा था।
हालांकि शाहेद ने कोर्ट से कहा कि वह बीमार होने के साथ ही पिछले कुछ दिनों से रिमांड पर है, इसलिए उसकी रिमांड सुनवाई ईद के बाद की जाए।
रिमांड याचिकाओं का विरोध करते हुए बचाव पक्ष के वकीलों ने कोर्ट में कई ऐसी याचिकाएं प्रस्तुत कीं, जिसमें मामलों के आरोपियों को जमानत दी गई। हालांकि, कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
इसके अलावा कोर्ट ने रीजेंट अस्पताल के प्रबंध निदेशक (एमडी) मसूद परवेज को भी तीन मामलों में पूछताछ के लिए 21 दिन के रिमांड पर भेजा है। वहीं मामले के छह अन्य आरोपी केस दर्ज होने के बाद से ही गायब हैं।
शाहेद के खिलाफ 4 मामलों में से 3 मामले उत्तर पश्चिम पुलिस स्टेशन और एक मामला उत्तर पूर्व पुलिस स्टेशन में साथ दर्ज किया गया था। वहीं मसूद परवेज के खिलाफ दर्ज किए गए तीन मामलों में से 2 मामले उत्तर पश्चिम पुलिस स्टेशन और एक ढाका के उत्तर पूर्व पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था।
एक नस्ल विरोधी प्रदर्शनकारी की मौत
अमरीकी शहर सिएटल में पुलिस और नस्ल विरोधी प्रदर्शन ब्लैक लाइव्स मैटर के समर्थकों के बीच संघर्ष देखने को मिला है. शनिवार को अमरीका में कई जगहों पर ब्लैक लाइव्स मैटर प्रदर्शन देखने को मिले हैं.
सिएटल के संघर्ष में जहां पुलिस वालों ने ग्रेनेड और पीपर स्प्रे का इस्तेमाल किया है वहीं विरोध प्रदर्शन करने वालों ने कई घरों के शीशे तोड़े और आगजनी की.
पुलिस ने इस हिंसा के बाद 45 लोगों को हिरासत में लिया है जबकि 21 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं
टेक्सास के ऑस्टिन शहर में ब्लैक लाइव्स मैटर प्रदर्शन के दौरान एक शख़्स की मौत हुई है.
ऑस्टिन में हुई घटना के बारे में प्रत्यक्षदर्शियों ने स्थानीय समाचार पत्रों को बताया है कि जहां प्रदर्शनकारी जमा हुए थे वहां एक गाड़ी रूकी और वह भीड़ की तरफ जाने लगे. उसे रोकने के लिए कुछ लोग आगे बढ़े जिसमें मृतक भी शामिल था.
तभी कार के अंदर से अचानक से गोली चलाई गई जो मृतक को लगी. मृतक को घायलावस्था में अस्पताल ले जाया गया जहां उसे थोड़ी देर बाद मृत घोषित कर दिया गया.
गोली चलाने वाले संदिग्ध को गिरफ़्तार कर लिया गया है और वह पूछताछ में ऑस्टिन पुलिस की मदद कर रहा है. इस घटना के कुछ ही देर जारी प्रेस स्टेंटमेंट में पुलिस प्रवक्ता ने मृतक की पहचान नहीं बताई लेकिन कहा कि उनके पास एक रायफ़ल थी.
मृतक युवक की मां ने बाद में अपने बेटे गैरेट फोस्टर की पहचान की है. उन्होंने एबीसी के कार्यक्रम गुड मार्निंग अमरीका से कहा कि जिस वक्त उसे गोली लगी वह अपनी मंगेतर को व्हीलचेयर बिठाकर चल रहा था.
मृतक युवक की मां शीला फोस्टर ने कहा, "पिछले 50 दिनों से हर दिन वह नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जाता था. वह ऐसा इसलिए कर रहा था क्योंकि पुलिस की बर्बरता के ख़िलाफ़ और न्याय के पक्ष में था. वह अपनी मंगेतर को सपोर्ट भी करना चाहता था, उसकी मंगेतर अफ्रीकी अमरीकी है."
शीला फोस्टर ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात पर अचरज नहीं है कि उनके बेटे के पास बंदूक मिली है, क्योंकि उसके पास बंदूक रखने का लाइसेंस था और वह अपनी सुरक्षा के लिए इसकी जरूरत महसूस करता था.
सिएटल और ऑस्टिन के अलावा लुइसविले, केंटुकी, ओरोरा, कोलोराडो, न्यूयार्क, ओम्हा, नेबरास्का, कैलिफ़ोर्निया के ओकलैंड और लॉस एंजलिस और वर्जिनिया के रिचमोंड में भी प्रदर्शनकारियों ने मार्च निकाला.(bbc)
बीजिंग, 26 जुलाई (आईएएनएस)| अमेरिकी श्रमिक मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते अमेरिका में पहली बार बेरोजगार बीमा लेने का आवेदन देने वाले लोगों की संख्या 14.16 लाख रही। कोविड-19 के प्रकोप के बाद अमेरिका में क्रमश: 18 हफ्तों में पहली बार बेरोजोगार बीमा लेने का आवेदन देने वाले लोगों की संख्या 10 लाख से ज्यादा है। गोल्डमैन सैक्स के प्रथम अमेरिकी अर्थशास्त्री डेविड मेरिक ने कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए अमेरिका के कुछ राज्यों को और ज्यादा उपभोग गतिविधियां बंद करनी पड़ी है। जबकि आर्थिक बहाली की प्रक्रिया में बंद होने से उद्यमों और रोजगार बाजार पर लम्बे अरसे का नुकसान पहुंच सकेगा।
अमेरिका की आर्थिक प्रेरणा योजना में बेरोजगार लोगों को हर हफ्ते अतिरिक्त 600 यूएस डॉलर का भत्ता देने का कदम भी इस महीने के अंत में खत्म होगा। अनुमान है कि करीब 2.5 करोड़ लोग अगस्त माह से इससे प्रभावित हो सकेंगे। यह इस बात का द्योतक है कि अमेरिकी नागरिकों की सामूहिक उपभोग शक्ति हर हफ्ते 19 अरब यूएस डॉलर कम की जाएगी, जो रियल स्टेट उद्योग, फुटकर विक्रेताओं और अनेक बड़े, मध्यम व छोटे उद्यमों पर असर पड़ सकेगी।
इस्लामाबाद, 26 जुलाई (आईएएनएस)| पाकिस्तान में सात हत्याओं के एक 101 वर्षीय दोषी शख्स ने कई बीमारियों से ग्रस्त होने के कारण रिहाई की मांग की है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, जैसा कि दोषी मेहंदी खान को संबंधित अधिकारियों से कोई जवाब नहीं मिला, उसने लाहौर हाईकोर्ट (एलएचसी) का दरवाजा खटखटाया और अपनी रिहाई के लिए गृह विभाग को आदेश देने की मांग की।
एलएचसी के न्यायाधीश राजा शाहिद महमूद अब्बासी ने 15 जुलाई को गृह विभाग को बुजुर्ग कैदी की याचिका पर तीन सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया था।
उसके वकील ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता गुजरात जिला जेल में है। 2006 में उसके खिलाफ दर्ज हत्या के मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता विभिन्न बीमारियों से ग्रसित है।
इस बीच, एक सेक्शन ऑफिसर ने प्रतिवादी गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से पेश होकर कहा कि यह एक पखवाड़े के भीतर जेल अधिकारियों द्वारा भेजे गए आवेदन के बारे में निर्णय लेने के लिए तैयार है।
मेहंदी खान 86 साल का था, जब उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
ह्यूस्टन, 26 जुलाई (आईएएनएस)| टेक्सास राज्य के ऑस्टिन शहर में ब्लैक लाइव्स मैटर विरोध प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई। ऑस्टिन स्थित केवीयूई टीवी स्टेशन के रिपोर्ट के अनुसार, यह हादसा ईस्ट सिक्स स्ट्रीट और कांग्रेस एवेन्यू के पास शनिवार रात करीब 9.52 बजे हुआ।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने पुलिस अधिकारी कैटरीना रेटक्लिफ का हवाला देते हुए बताया कि एक आदमी गोली लगने से वह घायल हो गया, उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने कुछ देर बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
उन्होंने कहा, "शुरुआती रपटों से पता चला कि मृतक एक राइफल लिए हुए था, और वह संदिग्ध वाहन की ओर बढ़ा, जिसमें बैठे संदिग्ध ने उसे गोली मार दी।"
संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है।
शहर की केएक्सएएन-टीवी ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान हुई गोलीबारी की आवाज सुनकर भीड़ चीखने- चिल्लाने लगी।
ऑस्टिन पुलिस विभाग ने कहा कि अभी इस मामले की प्रारंभिक जांच की गई है और हम आगे की जानकारी नहीं दे सकते।
अबू धाबी, 26 जुलाई (आईएएनएस)| एक भारतीय दंपत्ति अबू धाबी में अपने फ्लैट में मृत मिले हैं। वे वहां लगभग 18 साल से रह रहे थे। एक मीडिया रिपोर्ट के जरिए यह जानकारी मिली है।
खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, केरल के कोझीकोड के रहने वाले 57 वर्षीय जनार्दन पट्टियरी ट्रैवेल एजेंसी में काम करते थे और उनकी पत्नी 52 वर्षीय मिनिजा चार्टर्ड अकाउंटेंट थीं।
उनके एक सहयोगी और मित्र के अनुसार, दंपति की जीवनशैली "सामान्य" थी, लेकिन पट्टियरी ने हाल ही में अपनी नौकरी खो दी थी।
उन्होंने आगे कहा, "वे बहुत शांत लोग थे। मुझे याद नहीं है कि उनका कभी किसी के साथ कोई विवाद हुआ हो। पट्टियरी ने अपनी नौकरी खो दी थी। उन्होंने अपनी कार भी बेच दी थी। हम सभी दोस्त और सहकर्मी हैरान हैं। यह अप्रत्याशित है।"
दंपति का इकलौता बेटा अब भारत में बेंगलुरू में काम करता है।
मित्र ने खलीज टाइम्स से कहा, "गुरुवार शाम उनके बेटे ने मुझे फोन किया और कहा कि उसके माता-पिता पिछले चार दिनों से कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं। मैंने उनके घर गया। वहां के केयरटेकर ने बताया कि उसने कुछ दिनों से उन्हें नहीं देखा था। गुरुवार रात पुलिस ने उन्हें फ्लैट के अंदर मृत पाया।"
एक सामाजिक कार्यकर्ता उनके शवों को स्वदेश भेजने का मामला देख रहे हैं। शवों के कोविड-19 परीक्षण किए गए हैं।
वाशिंगटन, 26 जुलाई (एजेंसी)। इससे पहले 13 जुलाई को, श्री पोम्पेओ ने दक्षिण चीन सागर में समुद्री दावों पर अमेरिका की स्थिति पर एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि चीन सरकार के पास इस क्षेत्र पर एकतरफा अपनी इच्छा रखने का कोई कानूनी आधार नहीं है.
दक्षिण चीन सागर को तीन द्वीपसमूह में बांटा गया है. चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर को अपने संप्रभु क्षेत्र के रूप में दावा करता है और इसने हाल के वर्षों में आक्रामक रूप से अपनी हिस्सेदारी का दावा किया है. यह बयान संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा दक्षिण चीन सागर के अधिकांश क्षेत्रों में अपतटीय संसाधनों के लिए चीन के दावों को आधिकारिक तौर पर खारिज करने के हफ्तों बाद आता है जिसमें बीजिंग की बदमाशी के अभियान को "पूरी तरह से गैरकानूनी" करार दिया है.
इससे पहले 13 जुलाई को, श्री पोम्पेओ ने दक्षिण चीन सागर में समुद्री दावों पर अमेरिका की स्थिति पर एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि चीन सरकार के पास इस क्षेत्र पर एकतरफा अपनी इच्छा रखने का कोई कानूनी आधार नहीं है.
वाशिंगटन ने घोषणा की कि वह 2016 के आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के फैसले के साथ दक्षिण चीन सागर में चीनी सरकार के दावों पर अमेरिकी स्थिति को लाइनअप कर रहा है. ट्रम्प प्रशासन ने बीजिंग के प्रति अपने रुख को और कड़ा कर दिया है, विशेषरूप से दो महाशक्तियों के बीच संबंध कोरोनावायरस महामारी के कारण बिगड़े हैं, इसके साथ ही भारत सहित अपने पड़ोसियों के साथ चीन के जबरदस्तीपूर्ण व्यवहार के कारण भी.
लॉस एंजिल्स, 26 जुलाई (वार्ता)। अमेरिका में कैलिफोर्निया के मंटेका शहर में हुई गोलीबारी में सात लोग घायल हो गए हैं। कैलिफोर्निया हाईवे पैट्रोल (सीएचपी) के अनुसार मंटेका शहर में 4400 वुडवर्ड एवेन्यू के क्षेत्र के पास उनकी युनिट यातायात संचालन कर रही थी, तभी कई बार गोलियां चलने की आवाजें सुनायी दी और कई लोगों को भागते हुए देखा गया।
एबीसी10 ने सीएचपी के हवाले से बताया कि वहां बड़ी संख्या में लोग थे और किसी एक ने भीड़ पर गोलीबारी शुरू कर दी। उसने बताया कि संदिग्ध एक अश्वेत दुबला-पतला नागरिक था जिसने एक काली हुडी पहन रखी थी और स्वचालित हथियार से लैस था। अभी तक हमलावर के उद्देश्य का पता नहीं चला है।
घायलों को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया है जहां दो पीडि़तों की हालत गंभीर बतायी जा रही है और पांच अन्य का इलाज किया जा रहा है। घटना की जांच की जा रही है।
बीजिंग/जिनेवा/नई दिल्ली, 26 जुलाई (वार्ता)। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और दुनिया भर में इस वायरस से अब तक करीब 1.60 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं तथा 6,43,821 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोविड-19 के संक्रमितों के मामले में अमेरिका दुनिया भर में पहले, ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर है। वहीं इस महामारी से हुई मौतों के आंकड़ों के मामले में अमेरिका पहले, ब्राजील दूसरे और ब्रिटेन तीसरे स्थान पर है जबकि भारत मृतकों की संख्या के मामले में छठे स्थान पर है।
अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार विश्व भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 15,996,140 हो गयी है जबकि अब तक इस महामारी के कारण 643,821 लोगों ने जान गंवाई है।
विश्व महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से अब तक 41,77,847 लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 1,46,460 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में अब तक 23,94,514 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि 86,449 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 48,661 नये मामले सामने आये हैं और इसके साथ ही यहां इससे संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 13,85,522 हो गयी है। देश में अब तक कुल 8,85,577 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 32,063 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है।
रूस कोविड-19 के मामलों में चौथे नंबर पर है और यहां इसके संक्रमण से अब तक 8,05,332 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 13,172 लोगों ने जान गंवाई है। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण कोरोना से संक्रमित होने के मामले में दक्षिण अफ्रीका पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। यहां इससे अब तक 443,200 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 6655 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं मेक्सिको में कोरोना से अब तक 3,85,036 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 42,645 लोगों की मौत हुई है।
पेरू में भी लगातार हालात खराब होते जा रहे है। यहां संक्रमितों की संख्या 3,75,961 हो गई तथा 17,843 लोगों की मौत हो चुकी है। कोविड-19 से संक्रमित होने के मामले चिली अब आठवें नंबर पर पहुंच गया है। यहां इससे अब तक 3,43,992 लोग संक्रमित हुए हैं और मृतकों की संख्या 9,020 है।
ब्रिटेन संक्रमण के मामले में नौवें नंबर पर है। यहां अब तक इस महामारी से 3,00,270 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 45,823 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। वहीं खाड़ी देश ईरान में संक्रमितों की संख्या 2,88,839 हो गई है और 15,484 लोगों की इसके कारण मौत हुई है।
पड़ोसी देश पाकिस्तान में कोरोना से अब तक 2,73,113 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 5822 लोगों की मौत हो चुकी है। स्पेन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,72,421 है जबकि 28,432 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं सऊदी अरब में कोरोना संक्रमण से अब तक 2,64,973 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 2,703 लोगों की मौत हो चुकी है। यूरोपीय देश इटली में इस जानलेवा विषाणु से 2,45,864 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 35,102 लोगों की मौत हुई है। कोलंबिया में 2,40,795 लोग कोरोना संक्रमित है और 8269 लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,25,173 हो गयी है और 5,596 लोगों की मौत हो चुकी है। बंगलादेश में 2,21,178 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं जबकि 2,874 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। फ्रांस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,17,801 हैं और 30,195 लोगों की मौत हो चुकी है। जर्मनी में 2,06,278 लोग संक्रमित हुए हैं और 9,124 लोगों की मौत हुई है।
कोरोना वायरस से बेल्जियम में 9,821, कनाडा में 8929, नीदरलैंड में 6,159, स्वीडन में 5,697, इक्वाडोर में 5,507, इंडोनेशिया में 4,714, चीन में 4,652, मिस्र में 4,558, इराक में 4284, रोमानिया में 2,165, अर्जेंटीना में 2,893, बोलीविया में 2,535, स्विट््जरलैंड में 1,977, फिलीपींस में 1,897, आयरलैंड में 1764, पुर्तगाल में 1,716, ग्वाटेमाला में 1,699, पोलैंड 1664, यूक्रेन में 1,610, पनामा 1275, और अफगानिस्तान 1,248 लोगों की मौत हो चुकी है।
किम जोंग ने लगाई इमर्जेंसी
प्योंगयांग
उत्तर कोरिया में कोरोना वायरस का पहला केस सामने आने का शक है। वहां की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए के मुताबिक, इसी महीने अवैध रूप से बॉर्डर पार कर दक्षिण कोरिया से आए एक शख्स में कोविड-19 के लक्षण मिले हैं। यह जानकारी आते ही किम जोंग उन ने पोलित ब्यूरो की इमर्जेंसी मीटिंग बुलाई। फिर आपातकाल की घोषणा कर दी और केसांग शहर में लॉकडाउन कर दिया गया है। केसीएनए के अनुसार, जिस शख्स के कोविड-19 पॉजिटिव होने का शक है, वह तीन साल पहले दक्षिण कोरिया भाग गया था।
अगर यह पॉजिटिव केस होता है तो उत्तर कोरिया की तरफ से पहली बार देश में कोरोना वायरस की मौजूदगी कबूली जाएगी। नॉर्थ कोरिया अब तक यही कहता आया है कि उसके यहां कोविड-19 महामारी का एक भी मामला नहीं है।
संदिग्ध क्वारंटीन में, टेस्ट कन्फर्म नहीं
केसीएनए ने एक बयान में कहा, "केसांग शहर में एक आपातकालीन घटना हुई। एक भगोड़ा जो तीन साल पहले दक्षिण कोरिया चला गया था और जिसके खतरनाक वायरस से ग्रस्त होने का शक है, अवैध रूप से बॉर्डर पार कर 19 जुलाई को लौट आया है।" एजेंसी ने यह नहीं बताया कि उस शख्स का टेस्ट हुआ है या नहीं मगर यह कहा कि 'कई मेडिकल चेकअप्स से एक अनिश्चित नतीजे' तक पहुंचा गया है। अधिकारियों ने शख्स को क्वारंटीन कर उसके कॉन्ट्रैक्ट्स को खोजना शुरू कर दिया है।
लापरवाह सैनिकों को मिलेगी 'सख्त सजा'
उत्तर कोरिया ने कोरोना वायरस महामारी फैलने के साथ ही सख्ती से बॉर्डर बंद कर दिए थे। रूस और अन्य देशों ने उसे हजारों कोरोना वायरस टेस्टिंग किट्स भेजी हैं। वहां पर हजारों लोगों को क्वारंटीन किया गया था मगर धीरे-धीरे ढील दे दी गई। किम जोंग ने सेना के उस टुकड़ी की भूमिका की जांच करने के आदेश दिए हैं जहां से यह संदिग्ध उत्तर कोरिया में घुसा। दोषियों को 'सख्त सजा' देने का आदेश भी किम ने दिया है।(navbharat)
सैन फ्रांसिस्को, 25 जुलाई (आईएएनएस)| अमेरिकी अधिकारियों ने सिएटल में बसे मुकुंद मोहन को हिरासत में लिया है जो पेशे से एक सीरियल उद्यमी है और माइक्रोसॉफ्ट व एमेजॉन जैसी कंपनियों में एक्जीक्यूटिव के पद पर भी काम कर चुका है। उसे कथित तौर पर जाली दस्तावेजों के साथ पेचेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम (पीपीई) को ठगने और कोविड-19 राहत कोष में 55 लाख डॉलर से अधिक गबन करने के लिए हिरासत में लिया गया है। मोहन को गुरुवार को अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय द्वारा पीपीपी घोटाले में आरोपी पाए जाने के चलते गिरफ्तार किया गया।
उसने अपने खरीदे गए छह शेल कंपनियों के लिए पीपीपी अनुप्रयोगों के समर्थन में नकली और बदले गए दस्तावेज जमा कराए थे जिसमें नकली फेडरल टैक्स फाइलिंग और परिवर्तित निगमन दस्तावेज शामिल थे।
सिएटल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी अटॉर्नी ने आरोप लगाया है कि इसके बाद उसने अपने निजी लाभ के लिए कुछ पैसे अपने रॉबिनहुड ब्रोकरेज अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया।
मोहन ने मैसूर विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है और इसके बाद वह अमेरिका में माइक्रोसॉफ्ट की कंपनी में डायरेक्टर ऑफ इंजीनियरिंग बना। बेंगलुरू में वह स्टार्टअप ईकोसिस्टम में काफी मशहूर भी था।
फिलहाल मोहन कनाडा की रिटेल कंपनी बिल्डडायरेक्ट डॉट कॉम में मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी के पद पर कार्यरत है। यह इमारत के निर्माण करने से जुड़ी सामग्रियों की एक ऑनलाइन कंपनी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, फेडरल पीपीपी लोन का मकसद कोरोनावायरस महामारी के दौरान कर्मियों को बनाए रखने में व्यवसायों की मदद करने से है।
अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय के मुताबिक, लेकिन मोहन की कंपनियों में एक भी कर्मचारी को नियुक्त नहीं किया गया।
उदाहरण के तौर पर, मोहन ने महेंजो इंक नामक एक कंपनी के ऋणदाता के समक्ष जाली दस्तावेज प्रस्तुत कर उन्हें दिखाया कि उसके शेल फर्म में दर्जनों कर्मचारी हैं और कर्मियों के वेतन और पेरोल करों में वह लाखों डॉलर का भुगतान कर रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया कि कार्यक्रम की देखरेख करने के लिए फेडरल एजेंसी द्वारा बनाए गए एक डेटाबेस के मुताबिक, मोहन ने ऋणदाता पीपल्स बैंक से दावा किया कि 431,250 डॉलर का पीपीपी लोन 24 नौकरियों को बनाए रखेगा।
मोहन ने वास्तव में महेंजो को मई में एजिंग शेल कॉपोर्रेशन में विशेषज्ञता वाली एक कंपनी से खरीदा।
मोहन पहले एमेजॉन बिजनेस में उत्पाद प्रबंधन के निदेशक के रूप में और माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड एंड एंटरप्राइज बिजनेस में इंजीनियरिंग के निदेशक के रूप में काम कर चुका है।
यूएस अटॉर्नी ने यह भी दावा किया कि मोहन को जिगैंटिक एलएलसी नामक एक दूसरी कंपनी के लिए भी पीपीपी लोन के तौर पर 304,830 डॉलर मिल चुके हैं। लोन एक ऐसे इंसान को दिया गया जिसके पास न तो बिजनेस लाइसेंस है और न ही उसने कभी कर्मचारियों के वेतन या पेरोल करों का भुगतान किया।
मोहन का बेटा कंपनी का चीफ मार्केटिंग अफसर है और इसका जिक्र उसके लिक्ंडइन के प्रोफाइल में किया गया है।
मोहन और जिन टेक कंपनियों में उसने काम किए हैं, किसी ने भी इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
--आईएएनएस
वाशिंगटन, 25 जुलाई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दुनिया भर में कोरोनावायरस के दैनिक मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की है। इसके बावजूद कई देशों ने लॉकडाउन के उपायों में ढील देनी शुरू कर दी है। बीबीसी ने बताया कि शुक्रवार को 24 घंटों में 2,84,196 नए मामले आए। वहीं मौतों की संख्या में 9,753 की वृद्धि हुई। यह 30 अप्रैल के बाद की सबसे बड़ी एक दिवसीय वृद्धि थी।
वहीं नए मामलों के आंकड़ों ने 18 जुलाई को दर्ज किए गए 2,59,848 नए मामलों के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, नए मामलों वाले शीर्ष देशों में अमेरिका (69,641), ब्राजील (67,860), भारत (49,310), और दक्षिण अफ्रीका (13,104) थे।
स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि नई मौतों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी पेरू (3,876), ब्राजील (1,284), अमेरिका (1,074), मैक्सिको (790) और भारत (740) में हुई।
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार, शनिवार तक वैश्विक कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या बढ़कर 15,746,452 हो गई और मृत्यु का आंकड़ा 6,39,900 था।
विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम्स साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने अपने नवीनतम अपडेट में खुलासा किया कि दुनिया में सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका में 41,12,651 मामले और 1,45,546 मौतें दर्ज हुईं। वहीं ब्राजील 2,287,475 संक्रमण और 85,238 मौतों के साथ दूसरे स्थान पर है।(ians)
पेइचिंग, 25 जुलाई। चीन के सरकारी परमाणु संस्थान द इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी सेफ्टी टेक्नोलॉजी (आईनेस्ट) में काम करने वाले 90 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद घबराई सरकार ने इसे ब्रेन ड्रेन मानते हुए जांच के आदेश दिया है। इतनी बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों के इस्तीफे के पास इस संस्थान को चलाने के लिए बहुत कम साइंटिस्ट ही बचे हैं।
इस्तीफा देने के कई कारण
मीडिया रिपोट्स के अनुसार, वैज्ञानिकों के इस्तीफा देने की कई वजहें हैं। जिसमें से उनके वेतनमान में गड़बड़ी और सरकारी सुविधाओं की कमी भी प्रमुख मुद्दा है। वहीं, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी इस संस्थान पर अपना पूरा अधिकार जमाए हुए है। कहा जा रहा है कि पार्टी के बड़े नेता जबरदस्ती वैज्ञानिकों से काम करवाना चाहती है।
कैसे शुरू हुआ विवाद
चीन का द इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी सेफ्टी टेक्नोलॉजी (आईनेस्ट) संस्थान हेफी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल साइंस (चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस) के अंतर्गत काम करता है। आईनेस्ट की पैरेंटिंग संस्था चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस के शीर्ष पदों पर कम्युनिस्ट पार्टी के नेता काबिज हैं, जो अपनी मनमानी चला रहे हैं। यहां तक कि वैज्ञानिकों को उनके प्रोजक्ट के लिए पर्याप्त फंड तक नहीं दिया जा रहा है।
80 प्रतिशत शोधकर्ताओं के पास पीएचडी की डिग्री
संस्थान की वेबसाइट के अनुसार, मध्य चीन के अनहुई प्रांत की राजधानी हेफेई में स्थित आईनेस्ट चीन के वैज्ञानिकों का एक केंद्र है। इस संस्थाान में लगभग 600 सदस्य हैं और 80 प्रतिशत शोधकर्ताओं के पास पीएचडी की डिग्री है। यहां के कई वैज्ञानिक चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। जिनकी औसत आयु 31 साल के आस पास है।
इस समय 100 वैज्ञानिक ही कर रहे काम
एक चीनी अधिकारी के अनुसार, कभी इस संस्थान में 500 वैज्ञानिक काम करते थे। पिछले कई सालों में यहां से बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों ने इस्तीफा दिया है। हालात यह हैं कि इस संस्थान में वर्तमान में केवल 100 वैज्ञानिक ही बचे हैं। इन वैज्ञानिकों का वेतन लगभग 10,000 युआन ($ 1,430) प्रति माह है।(nbt)
सैन फ्रांसिस्को, 25 जुलाई। अमेरिका के कैलिफोर्निया में में कोरोनावायरस से एक दिन में सर्वाधिक मौतें हुई हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोनावायरस से 159 मौत की सूचना मिली है, जबकि गुरुवार को यहां वायरस से 157 लोगों की मौत हुई थी।
शनिवार सुबह तक, कैलिफोर्निया में कोरोनोवायरस मामलों की कुल संख्या 440,181 है, जबकि मरने वालों की संख्या 8,337 है।
द लॉस एंजिल्स टाइम्स के अनुसार, राज्य में पिछले एक हफ्ते के दौरान राज्य में कोरोनावायरस के प्रतिदिन 9,467 नए मामले और 102 मौत देखने को मिली है।
पॉजिटिव मरीजों में 6,952 लोग अस्पताल में भर्ती मरीज हैं, जो पिछले दो सप्ताह में 13 प्रतिशत की वृद्धि है।
कैलिफोर्निया में कोरोना टेस्ट बढ़ाया गया है। पिछले सप्ताह में प्रतिदिन औसतन 124,540 टेस्ट हुए।
हालांकि राज्य के गवर्नर गेविन न्यूजोम ने डेली ब्रीफिंग में कोरोनावायरस से होने वाली मौतों का कोई जिक्र नहीं किया है।(ians)
इसराइल, 25 जुलाई। इसराइल सरकार ने लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद में भारत की हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है।
अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाईम्स में प्रकाशित इस खबर के मुताबिक, भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसराइल के रक्षामंत्री लेफ़्िटनेट जनरल बेन्यामिन गेंट्ज के साथ बात की है जिसमें लद्दाख सीमा विवाद को लेकर भी बातचीत हुई।
भारत और चीन के बीच जारी डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पैंगोग झील क्षेत्र में रुक गई है। हालांकि, पट्रोल प्वॉइंट 15 पर चीनी सेना पीछे हट गई है।
इसराइल के रक्षा मंत्री लेफ़्िटनेट जनरल बेन्यामिन गेंट्ज के साथ इस बातचीत में राजनाथ सिंह ने इसराइली डिफेंस कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर हथियार एवं सैन्य साजो-सामान बनाने की बात भी कही।
इस बातचीत का मुख्य एजेंडा वर्तमान रक्षा उपकरणों की जुड़े समझौतों को अमल में लाया जाना और दोनों देशों के बीच रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को बढ़ाना था।
इसी मुद्दे को अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने भी प्रमुखता से छापा है।
खबर कहती है कि पहले चीनी सेना पैंगोंग झील क्षेत्र और पट्रोल प्वॉइंट 17 से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं थी लेकिन शुक्रवार को दोनों देशों के राजनयिकों के बीच हुई बातचीत में दोनों पक्ष जल्द और पूरी तरह डिसइंगेजमेंट पर सहमत हो गए हैं।
बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय ने इस वर्चुअल बातचीत पर कहा है कि दोनों पक्षों ने सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच दूरी बढऩे की प्रक्रिया में सकारात्मक प्रगति की पुष्टि की है।
इसके साथ ही ये भी कहा है कि दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक स्तर पर संवाद की प्रक्रिया जारी रखते हुए शांति की ओर बढ़ेंगे।(bbc.com/hindi)
लंदन, 25 जुलाई (आईएएनएस)। बोरिस जॉनसन ने स्वीकार किया है कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस के प्रकोप के पहले कुछ हफ्तों और महीनों के दौरान सरकार ने संक्रमण की गंभीरता को नहीं समझा। बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन बहुत देर लागू होने के लेकर बहुत सारे प्रश्न थे।
जॉनसन ने महामारी से मिले ‘सबक’ के बारे में भी कहा और साथ ही यह भी कहा कि मंत्री कुछ चीजें ‘अलग तरीके से’ कर सकते थे। ब्रिटेन में 300,000 मामले सामने आ चुके हैं और करीब 45,000 से अधिक लोगों की जान कोरोनोवायरस के कारण हो चुकी है।
इससे पहले प्रधानमंत्री कह रहे थे कि उन्होंने सही समय पर सही निर्णय लिया। वहीं लिए गए फैसले वैज्ञानिकों की सलाह पर आधारित है। लेकिन, डाउनिंग स्ट्रीट में अपनी प्रवेश की पहली वर्षगांठ के मौके पर बीबीसी के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, हम इसे (वायरस) पहले कुछ हफ्तों और महीनों में सही तरीके से समझ नहीं पाए थे।
उन्होंने आगे कहा, और मुझे लगता है, शायद एक चीज जिसे हमने शुरुआत में नहीं देखा था, वह यह कि किस तरह यह वायरस बिना संक्रमण के लक्षण वाले लोगों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच रहा था।
उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि यह कहना उचित होगा कि हमने इसे शुरुआती दौर में कैसे संभाला, इसे जानना जरूरी है.. जो भी हुआ उससे सबक सीखने के लिए काफी अवसर होंगे। ब्रिटेन में मार्च के अंत में पूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया, जिसे लेकर आलोचकों का कहना था कि बहुत देर होने के कारण कई लोगों की जान चली गई।
जॉनसन ने कहा, शायद ऐसी चीजें थीं जो हम अलग तरह से कर सकते थे और निश्चित रूप से यह समझने के लिए भी समय होगा कि हमने वास्तव में क्या किया है और अलग तरीके से क्या कर सकते थे। सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि इंग्लैंड में 3 करोड़ लोगों को इस साल फ्लू का टीका लगाया जाएगा, ताकि शरद ऋतु और सर्दियों के दौरान कोरोनोवायरस संक्रमण में वृद्धि के मामले में एनएचएस पर दबाव कम हो सके।
जॉनसन ने कहा, हम उन सभी लोगों के प्रति शोक व्यक्त करते हैं जिन्होंने अपनी जिंदगी गवां दी और हमारी संवेदना उनके परिवारों के साथ हैं। और सरकार ने जो कुछ भी किया उसकी पूरी जिम्मेदारी मैं लेता हूं।
इस्लामाबाद, 24 जुलाई (आईएएनएस)| पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के पाठ्यक्रम बोर्ड ने निजी स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली कम से कम 100 पुस्तकों पर ईशनिंदा और पाकिस्तान विरोधी सामग्री के कारण तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है। बोर्ड की योजना अभी और किताबों पर भी प्रतिबंध लगाने की है।
पंजाब करिकुलम एंड टेक्स्टबुक बोर्ड (पीसीटीबी) के प्रबंध निदेशक राज मंजूर हुसैन नासिर ने गुरुवार को यह फैसला लेते हुए कहा कि बोर्ड ने पूरे प्रांत में निजी स्कूलों द्वारा पढ़ाई जा रहीं कम से कम 10,000 किताबों की समीक्षा की है।
उन्होंने कहा, "पहले चरण में पीसीटीबी ने ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज सहित 31 प्रकाशकों की 100 पुस्तकों पर प्रतिबंध लगा दिया है। पीसीटीबी ने इस उद्देश्य के लिए 30 समितियों का गठन किया है।"
नासिर ने कहा कि किताबों की आलोचनात्मक समीक्षा से पता चला है कि 'बच्चों को पाकिस्तान और इसके निर्माण के बारे में, कायद-ए-आजम मुहम्मद अली जिन्ना और अल्लामा मुहम्मद इकबाल के बारे में विकृत तथ्य पढ़ाए जा रहे थे, जबकि कई पुस्तकों में ईशनिंदा सामग्री भी थी।'
पीसीटीबी द्वारा समीक्षा के खुलासे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह कि कई पुस्तकों में पाकिस्तान को भारत से हीन दिखाया गया जबकि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को कुछ किताबों के नक्शे में भी भारत के हिस्से के रूप में दिखाया गया था।
नासिर ने कहा, "कायद-ए-आजम मुहम्मद अली जिन्ना और अल्लामा मुहम्मद इकबाल की बातों को शामिल करने के बजाय एक किताब में महात्मा गांधी और कुछ अज्ञात लोगों की बातों को दर्ज किया गया था।"
उन्होंने कहा, "गणित की एक किताब में गिनती की अवधारणाओं को सूअर के चित्रों के जरिए बच्चों को समझाया गया था। कैम्ब्रिज की एक पुस्तक में देश में बेरोजगारी के आधार पर छात्रों के बीच अपराध और हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश की गई।"
उन्होंने कहा कि मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए कम से कम 100 पुस्तकों पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया गया है और प्रकाशकों को इन्हें प्रकाशित करने और बेचने से रोकने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रांत भर के जिला शिक्षा अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि निजी स्कूलों का दौरा (स्कूल फिर से खुलने के बाद) यह देखने के लिए करें कि कहीं प्रतिबंधित पुस्तकें अभी भी तो नहीं पढ़ाई जा रही हैं?
उन्होंने कहा कि प्रकाशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
पंजाब सरकार द्वारा उठाए गए कदम को आने वाले दिनों में देश के अन्य प्रांतों द्वारा लागू किए जाने की संभावना है क्योंकि पाकिस्तान, ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज जैसे बड़े नामों के पाठ्यक्रम ढांचे को चुनौती देने के लिए तैयार दिख रहा है।
कम से कम 10,000 पुस्तक आलोचनात्मक समीक्षा की प्रक्रिया में हैं जिससे आने वाले दिनों में प्रतिबंधित पुस्तकों की संख्या बहुत अधिक बढ़ने की संभावना है।
शिक्षाविदों ने कहा है कि पीसीटीबी के पास किताबों को प्रकाशित करने से पहले ही उनकी समीक्षा का एक तंत्र होना चाहिए।
बीजिंग, 24 जुलाई (आईएएनएस)। चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को चीन के चेंगदू स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को बंद करने के आदेश दिए। अमेरिका द्वारा ह्यूस्टन में चीनी काउंसलेट को बंद करने का आदेश देने के बाद चीन की ओर से उठाए इस कदम को प्रतिशोध के तौर पर देखा जा रहा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, एक बयान में मंत्रालय ने महावाणिज्य दूत की ओर से चलाए सभी कामकाज और कार्यक्रमों पर रोक लागने के बारे में कुछ विशिष्ट आवश्यकताएं भी बताई हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने मंगलवार को ह्यूस्टन में चीन के मिशन को यह कहते हुए बंद करने का आदेश दिया था कि यह बौद्धिक संपदा चोरी करने में शामिल है। इसके बाद चीन ने जवाब में शुक्रवार को यह कदम उठाया।
मंत्रालय के बयान में कहा गया, अमेरिका के कदम ने गंभीर रूप से अंतरराष्ट्रीय कानून, अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल मानदंडों और चीन-अमेरिका की कांसुलर कन्वेंशन की शर्तों का उल्लंघन किया है। इसने चीन-अमेरिका संबंधों को गंभीर तौर पर नुकसान पहुंचाया है।
बयान में चीन के फैसले को अमेरिका द्वारा किए गए अनुचित कृत्य के लिए एक वैध और आवश्यक प्रतिक्रिया के रूप में उचित ठहराया गया है।
इसमें कहा गया है, चीन-अमेरिका संबंधों में मौजूदा स्थिति वह नहीं है जो चीन देखना चाहता है और इन सब के लिए अमेरिका जिम्मेदार है।
बयान में आगे कहा गया कि हम एक बार फिर अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वह अपने गलत फैसले को तुरंत वापस ले और द्विपक्षीय संबंधों को पटरी पर लाने के लिए आवश्यक माहौल बनाए।
बेरूत / तेहरान, 24 जुलाई (आईएएनएस)। लेबनान से उड़ान भरने वाले ईरान के एक यात्री विमान को सीरियाई हवाई क्षेत्र में अमेरिकी जेट्स द्वारा अवरोध उत्पन्न किए जाने के बाद बेरूत हवाई अड्डे पर आपात स्थिति में लैंड कराया गया। महान एयरलाइंस द्वारा संचालित विमान में करीब 150 से अधिक यात्री सवार थे, जिन्हें गुरुवार शाम को विमान के लैंडिंग के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया।
एक सूत्र ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि आपात लैंडिंग से कुछ यात्रियों को मामूली चोटें भी आई हैं।
स्थानीय मीडिया के रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी जेट्स (युद्धक) ने सीरियाई हवाई क्षेत्र पर विमानों के टकराव से बचने के लिए मार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जिस कारण ईरान के यात्री विमान की आपात लैंडिंग करानी पड़ी।
सीरियाई नागरिक उड्डयन विभाग के सूत्रों ने कहा कि, ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका के नेतृत्व वाले आतंकवाद-रोधी जेट्स ने दक्षिण-पूर्वी सीरिया में अल-तनफ क्षेत्र में ईरानी विमान को रोका है।
अमेरिकी जेट्स ने ईरानी विमान के पायलट को तेज गति से नीचे उतरने के लिए मजबूर किया, जिससे यात्रियों को चोटें आईं।
हालांकि, विमान ने बेरूत के लिए अपनी उड़ान जारी रखी।
इसी बीच एक वीडियो फुटेज भी ऑनलाइन वायरल हो रहा है, जिसमें घटना के दौरान विमान के अंदर बैठे लोगों को चिल्लाते हुए देखा जा सकता है।
ईरानी मीडिया की पिछली रिपोटरें में दावा किया गया था कि गुरुवार की शाम को बेरूत के ऊपर दो इजरायली फाइटर जेट्स ने ईरानी यात्री विमान को भयभीत किया था।
समाचार एजेंसी तस्नीम की रिपोर्ट के अनुसार, यात्री विमान अपने नियमित मार्ग पर बेरूत जा रहा था, लेकिन विमान के पायलट को स्थिति के अनुसार अपने मार्ग में बदलाव करना पड़ा और बेरूत हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी।
वाशिंगटन, 24 जुलाई (स्पूतनिक)। अमेरिका की एक अदालत ने शुक्रवार को एक आदेश जारी किया है जिसके तहत पोर्टलैंड में तैनात संघीय कानून प्रवर्तन एजेंटों को शहर में विरोध प्रदर्शन करने वाले पत्रकारों और कानूनी पर्यवेक्षकों के खिलाफ बल प्रयोग करने पर रोक लगा दी गई है।
अमेरिकी सत्र न्यायालय ने ओरेगन जिले के लिए अमेरिकी सिविल लिबर्टीज संघ द्वारा दायर एक मुकदमे का फैसला सुनाया, संघीय बचाव पक्ष, उनके एजेंट और कर्मचारी और उनके दिशा-निर्देश पर कार्य करने वाले सभी व्यक्ति को किसी भी पत्रकार या कानूनी पर्यवेक्षक के खिलाफ गिरफ्तारी की धमकी या शारीरिक बल का प्रयोग करने से तब तक रोका जा रहा है जब तक कि संघीय एजेंट यह साबित नहीं कर पाए कि उक्त व्यक्ति ने अपराध किया है।
जज माइकल साइमन ने स्पष्ट किया कि ऐसे व्यक्तियों को एक जगह एकत्रित नहीं होने का आदेश जारी होने के बाद तितर-बितर होने की आवश्यकता नहीं होगी और ऐसा स्थिति में इनकी कोई गिरफ्तारी नहीं की जाएगी।
जज ने अपने फैसले में कहा, यदि पत्रकार या कानूनी पर्यवेक्षक उस जगह पर रहने के बाद आकस्मिक रूप से भीड़-नियंत्रण उपकरणों के संपर्क में आते हैं तो संघीय बचाव पक्ष इस आदेश का उल्लंघन करने के जिम्मेदार नहीं होंगे।
सैन फ्रांसिस्को, 24 जुलाई (आईएएनएस)। अपने ऐप्स को एकीकृत करने के अगले चरण में प्रवेश करते हुए फेसबुक ने यूजर्स के लिए एक नए टूल को पेश किया है जिसके तहत मैसेंजर रूम से फेसबुक पर लाइव आया जा सकता है। शुक्रवार से फेसबुक सहित मैसेंजर वेब पर इस फीचर को कंपनी द्वारा कुछ देशों में लाया जा रहा है और जल्द ही अन्य देशों में भी इसके प्रसार की योजना है जहां मैसेंजर रूम, फेसबुक और मैसेंजर मोबाइल ऐप और मैसेंजर डेस्कटॉप ऐप सहित उपलब्ध है।
फेसबुक द्वारा शुरू किए गए इस फेसबुक मैसेंजर रूम की मदद से यूजर्स एक साथ अपने 50 दोस्तों के साथ लाइव बातें कर सकते हैं।
कंपनी ने अपने एक बयान में कहा, रूम को तैयार करने के साथ आप अपने प्रोफाइल, पेज या ग्रुप में रूम को ब्रॉडकास्ट कर सकते हैं और इससे जुडऩे के लिए लोगों को आमंत्रित कर सकते हैं।
सबसे पहले अपना एक चैट रूम तैयार कीजिए जिसके माध्यम से आप फेसबुक या मैसेंजर वेब से सीधे लाइव जा सकते हैं और इससे जुडऩे के आप किसी को भी आमंत्रित कर सकते हैं, किसी ऐसे शख्स को जिसका अपना कोई फेसबुक अकाउंट न हो।
रूम क्रिएटर अपने लाइव प्रसारण को नियंत्रित भी कर सकता है जिसमें रूम को फेसबुक पर कहां शेयर किया गया है, कौन इसे देख सकता है, कौन इसमें शामिल हो सकता है।
रूम के सभी यूजर्स को लाइव ब्रॉडकास्ट में शामिल होने के लिए एक नोटिफिकेशन जाएगा। इसमें भाग लेना है या नहीं इसका विकल्प भी उनके पास मौजदू होगा।
लाइव जाने से पहले उनके पास रूम को छोडक़र जाने का भी विकल्प है।
रूम क्रिएटर किसी भी वक्त लाइव ब्रॉडकास्ट से किसी को भी हटा या शामिल कर सकता है।
फेसबुक ने कहा, रूम क्रिएटर्स लाइव प्रसारण के दौरान रूम को लॉक या अनलॉक भी कर सकते हैं।