राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 5 सितंबर | सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें केंद्र सरकार को भारत-चीन सीमा पर झड़पों से लगे क्षेत्र के नुकसान के बारे में जानकारी देने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता अभिजीत सराफ का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने तर्क दिया कि जून, 2020 में गालवान घाटी में झड़प हुई थी और संघर्ष के बाद भारत का आधिकारिक रुख यह था कि देश ने कोई क्षेत्र नहीं खोया। केंद्र सरकार ने कहा कि कोई चीनी आक्रमण नहीं हुआ था, लेकिन यह गलत जवाब था।
प्रधान न्यायाधीश यू.यू. ललित और एस. रवींद्र भट ने कहा कि अदालत इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती और वकील से कहा कि यह राज्य की नीति से जुड़ा मामला है।
इस बात पर जोर देते हुए कि भारत-चीन सीमा पर झड़पों के मामले सरकार की जांच के लिए हैं, पीठ ने कहा, "क्षेत्र का नुकसान हुआ है या नहीं हुआ, चाहे दूसरी तरफ से अतिक्रमण हुआ या नहीं, यह राज्य का मामला है।"
याचिकाकर्ता के वकील ने जोर देकर कहा कि अदालत को केंद्र सरकार को क्षेत्र के नुकसान की सीमा के बारे में सही जानकारी देने का निर्देश जारी करना चाहिए।
याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि ये सीमा पर झड़पें, आक्रमण आदि सभी नीति के दायरे में हैं और संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत याचिका से कोई लेना-देना नहीं है।
सरकार के इस रुख के संबंध में कि कोई क्षेत्र नहीं खोया, वकील ने तर्क दिया कि इसने जनता को गुमराह किया। हालांकि, पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। (आईएएनएस)|
पणजी, 5 सितंबर | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गोवा का स्थायी परिसर संगुम में बनेगा, इसके लिए कुछ प्रक्रियाओं के बाद एक समझौता किया जाएगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोमवार को दी है। सावंत ने कहा है, "मुख्यमंत्री के रूप में मेरे कार्यकाल के पिछले चार वर्षों से, हम विभिन्न स्थानों पर एक आईआईटी परियोजना के लिए प्रयास कर रहे हैं। एक बात निश्चित है कि हमने संगुम में जगह की पहचान की और जिस तरह से स्थानीय विधायक सुभाष फाल देसाई ने पहल की और सकारात्मकता दिखाई, आईआईटी परियोजना यहां आएगी।"
सावंत के मुताबिक परियोजना के लिए 7 लाख वर्ग मीटर जमीन का सीमांकन किया जा रहा है, जो सरकारी जमीन है और इसलिए इसे आईआईटी को सौंपने में कोई बाधा नहीं होगी।
उन्होंने आगे कहा, "तकनीकी रूप से आईआईटी और सरकार को एक समझौते पर हस्ताक्षर करना होगा। इस प्रक्रिया के लिए (काम) में देरी हो सकती है। लेकिन हमने आईआईटी टीम को सूचित किया है, एक बार जब वे यहां आएंगे और क्षेत्र देखेंगे, तब ही समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। लेकिन सरकार इस परियोजना के लिए तैयार है और उन्हें जमीन दी जाएगी।"
उन्होंने कहा कि, आईआईटी परियोजना से सांगुम निर्वाचन क्षेत्र को मदद मिलेगी, यहां विकास होगा।
उन्होंने कहा, "लोगों को अभी इसके बारे में पता नहीं है, लेकिन एक बार परियोजना की स्थापना के बाद एक शैक्षिक वातावरण बनाया जाएगा। स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा। इस क्षेत्र में 5000 से अधिक कर्मचारी और छात्र रहेंगे। इससे अर्थव्यवस्था में मदद मिलेगी।"
उन्होंने कहा कि जब ऐसी परियोजनाएं चालू होती हैं तो 'सी' और 'डी' श्रेणी की नौकरियां भी स्थानीय लोगों को दी जाती हैं।
इससे पहले, आईआईटी गोवा के तीसरे दीक्षांत समारोह के दौरान, सावंत ने कहा था कि सरकार शीघ्र ही स्थायी परिसर देगी।
सावंत ने कहा था, "मुझे पता है कि यह आईआईटी कैंपस का एक लंबा मुद्दा है। आप सभी जानते हैं कि यह हमेशा अखबार में प्रकाशित हो रहा है, हमने कानाकोना, संगुम, सत्तारी में जगह दी है। हर बार कोई समस्या आती है, इस बार मैं आपसे कुछ भी वादा नहीं कर रहा हूं लेकिन मैं आपको एक बात निश्चित रूप से बता रहा हूं, हम आपको कम समय में स्थायी परिसर दे रहे हैं।" (आईएएनएस)|
जुलाई 2016 में शुरू हुआ, आईआईटी गोवा परिसर अस्थायी रूप से पोंडा में गोवा इंजीनियरिंग कॉलेज (जीईसी) में स्थित है।
नई दिल्ली, 5 सितंबर | दिल्ली हाईकोर्ट ने कॉपीराइट उल्लंघन को लेकर स्टार इंडिया द्वारा दायर एक मुकदमे की सुनवाई के बाद 18 वेबसाइटों को 'ब्रह्मास्त्र पार्ट वन : शिवा' की स्ट्रीमिंग अवैध रूप से करने से रोक दिया है। स्टार इंडिया ने कहा कि यह एक प्रथा है कि पहले फिल्म को रिलीज किया जाए और फिर देखने के लिए इसे विभिन्न प्लेटफार्मो पर उपलब्ध कराया जाए।
किसी फिल्म की नाटकीय रिलीज सबसे महत्वपूर्ण चरण है, क्योंकि किसी फिल्म का व्यावसायिक मूल्य इस अवधि में प्राप्त लोकप्रियता और सफलता पर निर्भर करता है।
हालांकि, अवैध लाभ कमाने के लिए दुष्ट वेबसाइटें उल्लंघनकारी प्रतियां बनाती हैं और उन्हें फिल्म की नाटकीय रिलीज के साथ-साथ देखने, डाउनलोड करने और जनता के लिए संचार के लिए उपलब्ध कराती हैं। अतीत में कई फिल्मों की उल्लंघनकारी प्रतियां निर्मित/ वादी द्वारा वितरित जनता को सूचित किया गया था और विभिन्न वेबसाइटों पर देखने और डाउनलोड करने के लिए विमोचन के कुछ घंटों के भीतर उपलब्ध कराया गया था।
पक्षकारों की दलीलों पर विचार करने के बाद न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने वादी (स्टार इंडिया) द्वारा फिल्म के निर्माण और प्रचार में किए गए निवेश का अवलोकन करते हुए कहा कि कॉपीराइट अधिनियम के प्रावधानों के तहत इसमें निहित विशेष अधिकार है।
यह दूरसंचार विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी निर्देश दिया गया था कि वे विभिन्न इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को नकली वेबसाइटों तक पहुंच को अवरुद्ध करने के लिए आवश्यक अधिसूचनाएं जारी करें।
अदालत ने भी इसको लेकर अपना फैसला सुनाते हुए कह दिया है कि 'ब्रह्मास्त्र' के अवैध स्ट्रीमिंग पर पूरी तरह से रोक है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 5 सितम्बर | केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को यहां अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) के ज्ञान मिशन के राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत की। ईरानी ने कहा, "देश के तेजी से बदलते कारोबारी परि²श्य और वैश्विक स्तर पर, देश भर के व्यापारियों को डिजिटल प्रौद्योगिकी और आधुनिक व्यापार उपकरणों को अपनाने के साथ अपने मौजूदा व्यापार मॉडल को आधुनिक बनाने की बहुत आवश्यकता है।"
इस अभियान के माध्यम से कैट युवाओं और महिलाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करने वाले व्यापारियों को उद्यमी बनने और अपने मौजूदा या प्रस्तावित व्यवसाय में हाई-टेक, आधुनिक और डिजिटल तकनीक को अपनाने के लिए शिक्षित और प्रेरित करेगा। यह अभियान पूरे देश में ऑनलाइन और ऑफलाइन वर्कशॉप, सेमिनार और वर्कशॉप के जरिए चलाया जाएगा।
स्मृति ईरानी ने व्यापारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान से देश के व्यापारी वर्ग को जोड़ने से देश के व्यापार और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और व्यापारियों का उपभोक्ताओं से आपसी तालमेल बनेगा।
उन्होंने कहा कि युवा और महिला उद्यमी बनाने का कैट का दृष्टिकोण बहुत ही सराहनीय है क्योंकि युवा देश का भविष्य हैं और महिलाओं से बेहतर प्रबंधन गुरु कोई नहीं हो सकता है और यह पहल देश के व्यापार और अर्थव्यवस्था दोनों को मजबूत करेगी। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय व्यापारियों को सबसे नवोन्मेषी माना जाता है और व्यापार को आधुनिक स्वरूप में बदलने से न केवल व्यापारियों का व्यापार बढ़ेगा बल्कि व्यापार करना भी आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कैट द्वारा सोमवार से शुरू किया गया ज्ञान मिशन अभियान, जो शिक्षक दिवस है, समय की मांग है, जिसके माध्यम से व्यापारियों को यह ज्ञान दिया जा सकता है कि उन्हें अपने व्यवसाय के ढांचे को बदलने की आवश्यकता क्यों है।
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने इस मिशन के बारे में बताते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां और बड़ी कॉरपोरेट कंपनियां अपने नापाक मंसूबों में एक सुविचारित योजना के तहत भारत के खुदरा व्यापार को नियंत्रित और एकाधिकार करने की कोशिश कर रही हैं। जिसने देश के व्यापारिक समुदाय को भारी नुकसान पहुंचाया है। इस अस्वस्थ संघ प्रतियोगिता से देश के खुदरा व्यापार को बचाने के लिए युवाओं और महिलाओं को केंद्र में रखते हुए यह ज्ञान मिशन शुरू किया गया है।
कार्यक्रम में मौजूदा कारोबारी माहौल के लिए व्यापारियों को शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए कई प्रशिक्षण मॉड्यूल शामिल हैं।
कैट ने निरंतर आधार पर प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने के लिए एक शैक्षिक प्रौद्योगिकी कंपनी ग्रेपूस एडुटेक के साथ करार किया है। खुदरा विशेषज्ञ और अनुभवी प्रमुख व्यापारिक लीडर्स ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों कार्यक्रमों में ज्ञान मिशन के संकाय होंगे। इस अभियान के माध्यम से सरकार द्वारा व्यवसाय से संबंधित विषयों और कानूनों आदि पर उठाए गए कदमों, अधिसूचनाओं आदि को लगातार अपडेट किया जाएगा।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया ने बताया कि इस तरह का पहला अभियान कैट द्वारा 2012 में कैट रिटेल स्कूलों की अपनी श्रृंखला के माध्यम से शुरू किया गया था और वर्ष 2017 तक पांच वर्षों में, कैट ने देश भर में स्थानीय व्यापार संघों की मदद से 50,000 से अधिक ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए हैं।
ज्ञान मिशन का उद्देश्य पूरे देश में 40,000 से अधिक व्यापार संघों को शामिल करना है, जिसके माध्यम से व्यापारियों को उन्नयन और आधुनिकीकरण का ज्ञान दिया जाएगा। कैट ने दिसंबर, 2022 तक सभी राज्यों में ऑनलाइन और ऑफलाइन के माध्यम से 5,000 कार्यक्रम आयोजित करने का लक्ष्य रखा है। इस अभियान को सभी राज्यों में सुचारू रूप से चलाने के लिए कैट प्रत्येक राज्य में ट्रेन द ट्रेनर कार्यक्रम आयोजित करेगा जिसके माध्यम से प्रत्येक राज्य के कोने-कोने में यह अभियान तेजी से चलाया जाएगा। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 5 सितम्बर | भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री 2022-23 इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में देश भर के स्टेडियमों में प्रशंसकों का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं। बेंगलुरू एफसी के स्ट्राइकर का मानना है कि स्टैंड में समर्थक खिलाड़ियों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते हैं। आईएसएल आयोजकों फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (एफएसडीएल) ने गुरुवार को 2022-23 आईएसएल के कार्यक्रम की घोषणा की, जिसमें लीग 7 अक्टूबर को कोच्चि में शुरू होगी, जिसका पहला मैच केरला ब्लास्टर्स और पूर्वी बंगाल के बीच होगा।
अधिक प्रशंसकों के आने से स्टेडियमों को सुविधाजनक बनाने के लिए, अधिकांश आईएसएल मैच सप्ताहांत पर होंगे। प्रत्येक मैच इस सीजन में गुरुवार और रविवार के बीच निर्धारित है।
उन्होंने कहा, "प्रशंसकों के आने से हमारे लिए इस सीजन में व्यापक प्रभाव होगा। मुझे लगता है कि सभी टीमों ने प्रशंसकों को काफी मिस किया है, जो स्टेडियम में नहीं हो पा रहे थे। लेकिन अगर कोई एक टीम है, जिसने अब तक सबसे अधिक संघर्ष किया है, तो वह हम हैं। इसलिए, प्रशंसकों का इस सीजन में वापस आना सबसे अच्छी खबर है।"
देश भर के प्रशंसकों का दो साल के अंतराल के बाद स्टैंड में वापस स्वागत किया जाएगा। गोवा में पिछले सीजन का फाइनल प्रशंसकों के सामने आखिरी मैच था, जब लीग को महामारी के कारण दो सीजन के लिए बिना दर्शकों के आयोजित किया गया था।
छेत्री 51 गोल के साथ लीग के सबसे अधिक गोल दागने वाले भारतीय खिलाड़ी भी हैं। वह कोच्चि में प्रशंसकों के सामने केरला ब्लास्टर्स का सामना करने के लिए सबसे अधिक उत्साहित हैं।
बेंगलुरू एफसी के कप्तान ने कहा, "मैं केरला ब्लास्टर्स के खिलाफ खेलने के लिए उत्सुक हूं। सभी प्रशंसकों के सामने स्टेडियम में खेलना एक अच्छा अनुभव है।"
कप्तान छेत्री का हमेशा से मानना रहा है कि क्लब और उनके प्रशंसक के बीच एक मधुर संबंध रहा है, जो 2013 से घर और बाहर दोनों मैचों के लिए नियमित रूप से स्टेडियम में समर्थन करते रहे हैं। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 5 सितंबर | उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक 39 वर्षीय जिम मालिक को अपनी पहचान छुपा कर एक महिला से शादी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। चिनहट थाना प्रभारी तेज बहादुर सिंह ने कहा कि जिम मालिक का नाम फैसल अहमद है। आरोप है कि उसने अपना हिंदू नाम अथर्व सिंह बताकर महिला से मंदिर में शादी की थी।
शादी के बाद, जब महिला को उसकी असली पहचान का पता चला, तो वह उसपर जबरन धर्म बदलने का दवाब बनाने लगा।
पुलिस ने कहा कि आरोपी और महिला की मुलाकात जिम में फिटनेस ट्रेनिंग के दौरान हुई थी।
पुलिस निरीक्षक ने कहा कि महिला ने उस पर बलात्कार और उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया। शिकायत में कहा गया है कि आरोपी ने महिला के साथ मारपीट की और उसका अपमान किया और धमकी दी कि अगर उसने अपने परिवार के सदस्यों को बताया या पुलिस से संपर्क किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
उन्होंने कहा कि आरोपी पर धोखाधड़ी के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420, बलात्कार के लिए 376, अप्राकृतिक यौन संबंध के लिए 377, स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए 323, अपमान के लिए 504 और आपराधिक धमकी के लिए 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि मामले में अन्य धाराएं भी जोड़ी जाएंगी। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 5 सितंबर | उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर इलाके में एक कोचिंग संस्थान के अंदर हुक्का बार चलाया जा रहा था। कोचिंग के मालिक रोमित श्रीवास्तव, अविरल वर्मा और अमित वर्मा, जिन्होंने खुद को शिक्षक बताया, पुलिस के सामने हुक्का बार के लिए लाइसेंस पेश करने में विफल रहे।
पुलिस ने कहा कि रितेश शर्मा, शांतनु सिंह, हेमंत कुमार मौर्य और लवकुश नाम के छात्र हुक्का लेते हुए पाए गए। सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इंदिरानगर (गाजीपुर) के एसएचओ मनोज मिश्रा ने कहा, "हमें एक मुखबिर ने सूचना दी कि इलाके में एक हुक्का बार चल रहा है। आरोपी अपने कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में हुक्का बार चला रहे थे। हमें हुक्का में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की गंध मिली। हमने बेसमेंट में देखा तो कुछ युवक हुक्का पीते हुए मिले।"(आईएएनएस)|
लखनऊ, 5 सितंबर | उत्तर प्रदेश में नकली दवा निर्माताओं और मिलावटखोरों पर सरकार का हंटर चलने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) को दवाओं और खाद्य पदार्थो के सैंपल बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत जल्द हर साल 20 हजार सैंपल लिए जाएंगे, जबकि पांच साल पहले आठ हजार से भी कम नमूने लिए जाते थे। एफएसडीए ने 24 से एक सितंबर तक चले ड्रग माफिया के खिलाफ अभियान में 32 लाख से अधिक की नकली दवाएं सीज की हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, योगी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में एफएसडीए ने 83 करोड़ रुपये की नकली दवाएं सीज की गई हैं और सात हजार से अधिक दवा लाइसेंस निरस्त किए गए हैं, जबकि 770 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।
मुख्य सचिव अनिता सिंह ने बताया कि इस साल आठ मार्च से एक सितंबर तक 174 छापेमारी की गई है और करीब छह करोड़ रुपए की नकली दवाएं सीज की हैं। बिना लाइसेंस और नकली औषधि में 66 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी ने अपने पिछले कार्यकाल में एफएसडीए को प्रदेश में प्रयोगशालाओं की क्षमताओं को बढ़ाने के निर्देश दिए थे। इसके तहत मेरठ, वाराणसी और आगरा की प्रयोगशालाएं अपग्रेड हुई हैं। फिलहाल, प्रदेश के छह मंडलों मेरठ, आगरा, झांसी, लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर में एफएसडीए की लैब संचालित हैं। 12 अन्य मंडलों में 934 करोड़ की लागत से एफएसडीए की प्रयोगशालाओं का निर्माण हो रहा है और अगले डेढ़ वर्ष में पूरा हो जाएगा। इसके अलावा प्रदेश के दो जिलों के बीच एक सचल खाद्य प्रयोगशाला का संचालन भी किया जाएगा और हर साल 60 हजार खाद्य नमूने लिए जाएंगे।
एफएसडीए ने अलीगढ़ में हाल ही में 30 अगस्त को बिना लाइसेंस संचालित एक होम्योपैथिक दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था, जिसमें 25 लाख की पशुओं की दवा और फूड सप्लीमेंट बरामद किए गए थे। साथ ही दवाओं की जांच के लिए छह नमूने लिए गए और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। (आईएएनएस)|
देहरादून, 5 सितंबर | उत्तराखंड में भर्तियों में हुई धांधली को लेकर बवाल मचा है। विधानसभा सचिवालय में बैकडोर से हुई नियुक्तियों की जांच शुरू हो गई है। साथ ही दरोगा भर्ती की भी जांच की जा रही है। इस बीच साल 2015 में भर्ती हुए कुछ दरोगाओं को लेकर बड़े खुलासे हुए हैं। पता चला है कि इनमें से कुछ दरोगा अपना मूल काम केस डायरी तक लिखना नहीं जानते हैं। इसके लिए वे दूसरों को पैसे देते थे। इनकी संख्या उस वर्ष भर्ती हुए कुल दरोगाओं की 10 फीसदी बताई जा रही है। विभाग में ऐसे दरोगाओं की इन दिनों खूब चर्चा है। जांच में पता चला है कि दरोगा भर्ती में कम से कम 30 से 35 दरोगा नकल करके पास हुए हैं। दरोगा भर्ती को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है। पहले भर्ती में आरक्षण को लेकर विवाद हुआ था। गोपनीय जांच में पता चला है कि दरोगा भर्ती में 30 से 35 दरोगा फजीर्वाड़ा कर पास हुए।
अक्सर व्यस्तता का दावा कर अपने साथियों और जूनियरों को पैसे देते हैं ताकि समय पर केस डायरी लिखी जा सके। अब विजिलेंस जांच के बाद ऐसे दरोगाओं पर सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है। जांच में इनके नकल कर पास होने की पुष्टि हुई तो उन्हें नौकरी से हाथ भी धोना पड़ सकता है। इतना ही नहीं गड़बड़ी पाए जाने पर कुछ विभागीय अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि बिना उनकी मिलीभगत के भर्ती में गड़बड़ी करना असंभव है।
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि प्राथमिक पड़ताल में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसी के चलते मैंने विजिलेंस जांच की सिफारिश की थी। जांच में कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। (आईएएनएस)|
रांची, 5 सितंबर | दो दिनों में गांव के दो युवकों को सांप ने डंस लिया तो इसके लिए गांव की तीन महिलाओं को डायन करार देकर मौत के घाट उतार दिया गया। वारदात झारखंड की राजधानी रांची से 50 किलोमीटर सोनाहातू थाना क्षेत्र के राणाडीह गांव की है। वारदात की खबर मिलने पर जब पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो सैकड़ों महिलाओं ने उन्हें गांव में घुसने से रोक दिया। बाद में अतिरिक्त फोर्स मंगाकर पुलिस गांव में दाखिल हुई। मारी गई दो महिलाओं के शव बरामद कर लिये गये हैं, जबकि एक अन्य के शव की तलाश जारी है। वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों की पहचान की कोशिश की जा रही है।
डायन बताकर मारी गई महिलाओं की पहचान ढोली देवी (60 वर्ष) और राइलू देवी (45 वर्ष) के रूप में हुई है। लापता महिला का नाम आलोमनी देवी है। खबर है कि उसकी भी हत्या कर लाश फेंक दी गयी है।
बताया गया कि बीते 1 सितंबर की रात सांप के डंसने से 18 वर्षीय राजकिशोर सिंह मुंडा की मौत हो गयी थी। इसके अगले ही दिन 19 वर्षीय ललित मुंडा को भी सांप ने डंस लिया। हालांकि उसे सही वक्त पर इलाज से बचा लिया गया। सर्पदंश के इलाज के नाम पर गांव के लोगों ने तंत्र-मंत्र करने वाले ओझा को बुलाया था। उसी ने इन दोनों घटनाओं के लिए गांव की तीन महिलाओं को जिम्मेदार बताया। इसके बाद गांव के लोगों ने बैठक कर तीनों को मौत के घाट उतारने का फैसला किया।
तीनों महिलाओं को पास की पहाड़ी के पास ले जाया गया और पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी। वारदात की खबर मिलने पर जब पुलिस पहुंची तो गांव के सारे पुरुष फरार हो गये, जबकि महिलाओं ने पुलिस को रोकने की कोशिश की। पुलिस आरोपियों की पहचान में जुटी है। अब तक किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 5 सितंबर | उत्तर प्रदेश में नकली दवा निर्माताओं और मिलावटखोरों पर सरकार का हंटर चलने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) को दवाओं और खाद्य पदार्थो के सैंपल बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत जल्द हर साल 20 हजार सैंपल लिए जाएंगे, जबकि पांच साल पहले आठ हजार से भी कम नमूने लिए जाते थे। एफएसडीए ने 24 से एक सितंबर तक चले ड्रग माफिया के खिलाफ अभियान में 32 लाख से अधिक की नकली दवाएं सीज की हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, योगी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में एफएसडीए ने 83 करोड़ रुपये की नकली दवाएं सीज की गई हैं और सात हजार से अधिक दवा लाइसेंस निरस्त किए गए हैं, जबकि 770 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।
मुख्य सचिव अनिता सिंह ने बताया कि इस साल आठ मार्च से एक सितंबर तक 174 छापेमारी की गई है और करीब छह करोड़ रुपए की नकली दवाएं सीज की हैं। बिना लाइसेंस और नकली औषधि में 66 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी ने अपने पिछले कार्यकाल में एफएसडीए को प्रदेश में प्रयोगशालाओं की क्षमताओं को बढ़ाने के निर्देश दिए थे। इसके तहत मेरठ, वाराणसी और आगरा की प्रयोगशालाएं अपग्रेड हुई हैं। फिलहाल, प्रदेश के छह मंडलों मेरठ, आगरा, झांसी, लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर में एफएसडीए की लैब संचालित हैं। 12 अन्य मंडलों में 934 करोड़ की लागत से एफएसडीए की प्रयोगशालाओं का निर्माण हो रहा है और अगले डेढ़ वर्ष में पूरा हो जाएगा। इसके अलावा प्रदेश के दो जिलों के बीच एक सचल खाद्य प्रयोगशाला का संचालन भी किया जाएगा और हर साल 60 हजार खाद्य नमूने लिए जाएंगे।
एफएसडीए ने अलीगढ़ में हाल ही में 30 अगस्त को बिना लाइसेंस संचालित एक होम्योपैथिक दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था, जिसमें 25 लाख की पशुओं की दवा और फूड सप्लीमेंट बरामद किए गए थे। साथ ही दवाओं की जांच के लिए छह नमूने लिए गए और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। (आईएएनएस)|
तिरुवनंतपुरम, 5 सितंबर | केरल के कोल्लम से नाव से ऑस्ट्रेलिया जाने की योजना बना रहे 11 श्रीलंकाई नागरिकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। तमिलनाडु की क्यू ब्रांच पुलिस को सूचना मिली कि एक समूह श्रीलंका से भागकर केरल के एक लॉज में रह रहा है। वे कोल्लम से विदेश जाने की तैयारी कर रहे है।
क्यू शाखा पुलिस ने केरल पुलिस से संपर्क किया और उन सभी को हिरासत में ले लिया। संयुक्त पुलिस बल के अधिकारियों द्वारा पूछताछ की जा रही है।
पुलिस हिरासत में लिए गए सभी 11 लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए अदालत में पेश कर सकती है।(आईएएनएस)|
रांची, 5 सितंबर | झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार सोमवार को झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास प्रस्ताव पेश करेगी। सदन में सत्ताधारी गठबंधन झामुमो, कांग्रेस और राजद के पास जो संख्याबल है, उसके मुताबिक यह माना जा रहा है कि सरकार को आसानी से विश्वास मत हासिल हो जाएगा। 81 सदस्यों वाली विधानसभा में झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद का एक सदस्य है। इसके अलावा भाकपा माले और राष्ट्रवादी कांग्रेस के एक-एक विधायक विधायक का भी सरकार को समर्थन हासिल है। कांग्रेस के तीन विधायक पिछले दिनों कोलकाता में कैश के साथ पकड़े गये थे। उन्हें जमानत तो मिली है, लेकिन कोलकाता के बाहर जाने की इजाजत नहीं है। इस स्थिति में वे सत्र में उपस्थित नहीं हो पाएंगे। इन्हें माइनस करने के बाद भी सदन में सत्ताधारी गठबंधन और उन्हें समर्थन देने वाले विधायकों का संख्याबल 48 होता है, जबकि विश्वास मत के लिए न्यूनतम 42 विधायकों की जरूरत है। इस लिहाज से फिलहाल सरकार के विश्वास मत की राह में कोई परेशानी नहीं दिख रही है।
विधायकों को एकजुट रखने के लिए विगत 30 सितंबर से ही उन्हें रायपुर के एक रिसॉर्ट में रखा गया था। रविवार शाम ये विधायक विशेष विमान से यहां लाए गए। सभी विधायकों ने रांची के सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम किया। सोमवार सुबह सभी विधायक दो बसों में एक साथ विधानसभा जाने के लिए निकले हैं।
झारखंड में यह पहली बार है, जब कोई सरकार खुद के लिए विश्वास मत प्रस्ताव पेश करने जा रही है। सदन की कार्यवाही 11 बजे शुरू होगी। विधानसभा के प्रभारी सचिव सैयद जावेद हैदर ने सदन की कार्यवाही के बारे में जो सूचना जारी की है, उसके मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रस्ताव पेश करेंगे कि विधानसभा वर्तमान मंत्रिपरिषद में विश्वास व्यक्त करेगी।
दरअसल, सरकार के भविष्य को लेकर जताई जा रही आशंकाओं के मद्देनजर इसे महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता खत्म करने का मंतव्य झारखंड के राज्यपाल को भेजा है। हालांकि 11 दिनों के बाद भी राज्यपाल की ओर से इस संबंध में कोई आदेश सार्वजनिक नहीं किया गया है। अब विश्वास मत के जरिए सरकार यह संदेश देना चाहती है कि विधानसभा में उसे पूर्ण बहुमत प्राप्त है, इसलिए मुख्यमंत्री को विधानसभा सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किए जाने की स्थिति में भी गठबंधन की सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल है।
इधर, भारतीय जनता पार्टी ने सदन में विश्वास मत का विरोध करने का निर्णय लिया है। पार्टी दुमका में हाल में घटी घटनाओं को लेकर भी सदन में हंगामा कर सकती है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 5 सितंबर | कांग्रेस ने 'भारत जोड़ो यात्रा' से पहले भारत जोड़ो गीत लॉन्च किया है। इस गीत को सोमवार को हिंदी में जारी किया गया। इसे अन्य भाषाओं में भी जारी किया जाएगा और इस गीत की प्रमुख पंक्ति एक तेरा कदम, एक मेरा कदम, मिल जाए जुड़ जाए अपना वतन है। कांग्रेस नेता जयराम ने गीत विमोचन के दौरान कहा कि, बीते कल महंगाई पर रैली हुई और आज राहुल जी गुजरात में हैं। परसों से यात्रा शुरू होगी, कुछ दिन पहले यात्रा का लोगो व अन्य चीजें लॉन्च की थीं। भारत जोड़ो यात्रा का लाइव प्रसारण होगा। राहुल जी जब किसानों, मछुआरे व अन्य लोगों से बात करेंगे तो वह लाइव चलेगा।
आज गीत का हिंदी में विमोचन हो रहा है, आगामी दिनों में विभिन्न राज्यों की भाषा के मुताबिक इस गीत का विमोचन होगा। भारत जोड़ो इसलिए जरूरी क्योंकि भारत टूट रहा है। क्यों टूट रहा है? इसके तीन कारण हैं। पहला आर्थिक विषमताएं, दूसरा राजनितिक केंद्रीयकरण और संस्थाओं का दुरूपयोग और तीसरा सामाजिक ध्रुवीकरण।
7 सितंबर को राहुल गांधी यात्रा से पहले सुबह 7 बजे श्रीपेरुमबुदुर स्तिथ राजीव गांधी मेमोरियल जाएंगे। इसके बाद कन्याकुमारी के गांधी मंडपम में एक सर्व धर्म प्रार्थना सभा होगी जहां तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन राहुल गांधी को तिरंगा सौंपेंगे और गांधी मंडपम से कुछ दूर स्थित सभास्थल तक सभी नेता पैदल जाएंगे।
दोपहर 3 बजे राहुल गांधी विवेकानंद स्मारक शिला, तिरुवल्लुवर मेमोरियल और कामराज मेमोरियल पहुंचेंगे और शाम 5 बजे एक सभा होगी, जहां से यात्रा शुरू करने का औपचारिक एलान कर दिया जाएगा। अगले दिन यानि 8 सितंबर को विवेकानंद इंस्टीट्यूट से सुबह 7 बजे से पदयात्रा शुरू होगी। यह पदयात्रा सुबह 3 घंटे चलेगी और फिर शाम 3:30 से 6:30 तक सभी यात्री यात्रा करेंगे, हर दिन रोज करीब 21 किलोमीटर की यात्रा होगी।
भारत जोड़ो यात्रा 11 सितंबर को केरल पहुंचेगी और 18 दिन केरल में रहने के बाद 30 सितंबर को कर्नाटक पहुंचेगी। यात्रा कर्नाटक में 21 दिन चलेगी।
भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू होगी और 12 राज्यों से होते हुए जम्मू-कश्मीर में समाप्त होगी। यात्रा में कांग्रेस का झंडा नहीं दिखेगा। इसके बजाए तिरंगा दिखेगा। यात्रा का मकसद समाज से नफरत खत्म करना बताया गया है। यात्रा के दौरान कुल 3,500 किलोमीटर लंबा सफर होगा। यह करीब 150 दिनों तक चलेगी।
यात्रा में कुल 118 नेता पदयात्रा करेंगे। इसके अलावा अन्य यात्रीगण मौजूद रहेंगे, इस अस्थायी सूची में कांग्रेस युवा नेता कन्हैया कुमार, पवन खेड़ा और पूर्व पंजाब के मंत्री विजय इंदर सिंगला का भी नाम है, जो कन्याकुमारी से कश्मीर के बीच 3500 किमी पैदल चलेंगे। (आईएएनएस)|
मेरठ, 5 सितंबर | उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक युवक ने लड़की का सिर्फ इसलिए गला काट दिया, क्योंकि उसने उसे फोन नंबर देने से इनकार कर दिया। आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया गया है, जबकि पीड़िता को मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी कसेरुखेड़ा निवासी आशीष परीक्षितगढ़ में रहने वाली निशा 25 वर्षीय युवती से फोन पर बात करना चाहता था, लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया और उसका नंबर भी ब्लॉक कर दिया।
मेरठ के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) केशव कुमार ने बताया कि युवती जब डिफेंस कॉलोनी में होम केयर के लिए काम पर जा रही थी तभी आशीष आया और धारदार हथियार से उसका गला काट दिया और मौके से फरार हो गया।
गंभीर रूप से घायल युवती को अस्पताल में भर्ती कराया गया। एसपी ने बताया कि मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। (आईएएनएस)|
नोएडा, 5 सितंबर | ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ऐसोटेक बिल्डर पर बड़ी कार्रवाई की है। ऐसोटेक बिल्डर की 18000 वर्ग मीटर भूखंडों के आवंटन को निरस्त कर दिया गया है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के रडार पर अब 13 बिल्डर और आ चुके हैं। ऐसोटेक बिल्डर की बात करें तो इसने आवंटित भूखंड पर 15 सालों से निर्माण नहीं किया था और प्रोजेक्ट का नक्शा तक पास नहीं कराया था, इसीलिए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने यह कार्रवाई की है। बिल्डर ने 15 साल बाद भी निर्माण करना तो दूर ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट का नक्शा तक पास नहीं कराया था। इस कार्रवाई के बाद परियोजना में देरी करने वाले बिल्डर अब हड़बड़ाए हुए हैं। वहीं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 13 ऐसे बिल्डरों की सूची तैयार की है, जिन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
बीआरएस 6 स्कीम के जरिए ऐसोटेक इंफ्रास्ट्रक्चर ने 2006 में सेक्टर पाई में 18141 वर्ग मीटर के भूखंड संख्या 7 का आवंटन करवाया था। बिल्डर ने उसी साल लीज डीड करवा कर आवंटित भूखंड को अपने कब्जे में ले लिया था। प्राधिकरण ने बिल्डर को 6 साल में निर्माण कार्य पूरा कर प्रमाणपत्र लेने का समय दिया था। तय समय सीमा पर बिल्डर ने निर्माण कार्य पूरा नहीं किया और नक्शा भी पास नहीं कराया। इसके अलावा बिल्डर ने समय वृद्धि के लिए आवेदन नहीं किया। इसे देखते हुए प्राधिकरण ने भूखंड का को निरस्त कर दिया है। (आईएएनएस)
सीहोर, 5 सितंबर | मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के अमरगढ़ पिकनिक स्पॉट पर पिकनिक मनाने जाना सौ लोगों की मुसीबत का कारण बन गया। बरसाती नदी में बाढ़ आने से ये लोग जंगल में फंस गए, जिन्हें राहत और बचाव दल ने रविवार देर रात सुरक्षित निकाला। बताया गया है कि बारिश के दौरान शाहगंज रोड स्थित अमरगढ़ पिकनिक स्पॉट पर अधिक वर्षा होने के कारण बरसाती नदी में बाढ़ आ जाने से 100 से अधिक लोग अमरगढ़ जंगल में फंस गए थे। लोगों के जंगल में फंसे होने की सूचना मिलने पर अधिकारी, एसडीआरएफ टीम के साथ मौके पर पहुंचे और सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
बताया गया है कि बारिश के मौसम में बड़ी संख्या में लोग अमरगढ़ पिकनिक स्पॉट पर पहुंचते हैं। इन लोगों के जंगल में फंसे होने की जानकारी मिलने पर कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर के निर्देश पर लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए अभियान चलाया गया। सौ लोगों को सुरक्षित निकाले जाने के बाद भी आसपास के पूरे एरिया को सर्च किया गया ताकि कहीं कोई व्यक्ति जंगल के अंदर न रह जाए।
एसडीएम राधेश्याम बघेल ने बताया कि सभी लोगों को बारिश के दौरान अमरगढ़ नहीं आने की सख्त हिदायत दी गई। इसके बाद भी यदि कोई अमरगढ़ आते हैं तो उनके विरुद्ध प्रतिबंधात्मक नियमों के तहत कार्यवाही की जाएगी। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 5 सितंबर | ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने राज्य में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। एआईएमपीएलबी ने इसे भाजपा शासित राज्यों द्वारा संस्थानों को निशाना बनाने का हिस्सा बताया है।
एआईएमपीएलबी के कार्यकारी सदस्य कासिम रसूल इलियास ने कहा, "उत्तर प्रदेश और असम में मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है। यह अल्पसंख्यक संस्थानों को कानून के तहत संरक्षित किए जाने के बावजूद किया जा रहा है। असम में सरकार कुछ छोटे मदरसों पर बुलडोजर चला रही है, जबकि अन्य को स्कूलों में परिवर्तित कर रही है। यदि मुद्दा धार्मिक शिक्षा को प्रतिबंधित करने और इसके बजाय धर्मनिरपेक्ष शिक्षा को बढ़ावा देने का है, तो सरकार गुरुकुलों के खिलाफ वही कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?"
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने मदरसों के एक सर्वे की घोषणा करते हुए कहा कि वह शिक्षकों की संख्या, उनके पाठ्यक्रम और उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं के बारे में जानकारी इकट्ठा करना चाहती है।
इलियास ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मदरसों की कुल संख्या का कोई स्पष्ट अनुमान नहीं है, लेकिन सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें करीब 4 फीसदी मुस्लिम बच्चे पढ़ते हैं, इनकी संख्या हजारों में होने की संभावना है।
इलियास ने इस्लामी शिक्षण की संरचना को निर्धारित करते हुए कहा कि यह अनिवार्य रूप से तीन प्रकार के संस्थानों के माध्यम से प्रसारित किया गया है- मकतब, जो हर दिन कई घंटों के लिए मस्जिदों के अंदर आयोजित धार्मिक कक्षाएं हैं, छोटे मदरसे या हिफ्ज, जहां 8-10 साल की उम्र तक के छोटे छात्रों को कुरान याद करना सिखाया जाता है और आलिमियत या बड़े मदरसे जहां छात्रों को इस्लामी विचारधारा, कुरान की व्याख्या के साथ-साथ पैगंबर मोहम्मद के शब्द और अन्य धार्मिक मामलों की शिक्षा दी जाती है।
उन्होंने कहा कि यह प्राथमिक रूप से आलिमियत के स्तर पर है कि कई मदरसे मदरसा बोर्ड से संबद्ध हैं और राज्य सरकारों से आंशिक धन और अनुदान प्राप्त करते हैं।
उन्होंने कहा, "उन मदरसों के लिए, जिन्हें सरकार द्वारा फंड नहीं दिया जाता है, वे समुदाय द्वारा जुटाए गए फंड पर आधारित होते हैं और शिक्षा, बोर्डिग और भोजन नि:शुल्क देते हैं, ताकि गरीब छात्र पढ़ाई कर सके। मदरसों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई प्रति-उत्पादक है, क्योंकि यह केवल यह सुनिश्चित करने का बोझ बढ़ाती है कि बच्चों को स्कूल में नामांकित किया जाए, क्योंकि उन्हें शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार होना चाहिए।"
एआईएमपीएलबी को अंदेशा है कि मदरसों के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई छोटे निकायों तक ही सीमित नहीं रहेगी। (आईएएनएस)|
मुंबई, 4 सितंबर | टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की सड़क दुर्घटना में रविवार दोपहर मौत हो गई। जानकारी के अनुसार मुंबई के पास पालघर में यह हादसा हुआ।
सड़क हादसे के बाद साइरस मिस्त्री को अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
एनसीपी एमपी सुप्रिया सुले ने मिस्त्री के निधन पर गहरा शोक जताया है।
बहुत खराब समाचार, मेरे भाई साइरस मिस्त्री का निधन हो गया। विश्वास नहीं हो रहा है।
रेस्ट इन पीस साइरस, सुले ने एक ट्वीट में कहा। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 4 सितंबर | नई दिल्ली के अमृत काल के रेलवे स्टेशन के प्रस्तावित डिजाइन को रेल मंत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किया है। 4 लाख वर्ग फीट में स्टेशन का पुनर्निर्माण होगा। 9.89 वर्ग फीट क्षेत्र कमर्शियल रूप में विकसित होगा। आने वाले समय में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन किसी विश्वस्तरीय एयरपोर्ट से कम नहीं दिखाई देगा। बता दें कि, 4.5 लाख के करीब यात्री रोजाना नई दिल्ली स्टेशन से सफर करते हैं। रोजाना 400 ट्रेनों का संचालन किया जाता है। आने वाले समय में लोगों को अत्याधुनिक सुविधाएं देने और स्टेशन को यात्री फ्रेंडली बनाने के लिए नए मॉडल को रेल मंत्रालय और रेल मंत्री ने जनता के सामने दिखाया है।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की नई तस्वीर रेलवे ने जारी की है। जो री डेवलपमेंट के लिए प्रस्तावित डिजाइन है। प्रस्तावित डिजाइन किसी विश्वस्तरीय एयरपोर्ट से कम नहीं दिख रहा। इस तस्वीर में दो गुंबदनुमा आकृति दिखाई दे रही है। एक बड़े आकार का गुंबद, दूसरा छोटे आकार का।
मंजूरी मिलने के साथ ही रेल भूमि विकास प्राधिकरण इसे मूर्त रूप देगा। रेलवे की योजना देश के प्रमुख स्टेशनों के पुनर्विकास की है इसमें फरीदाबाद रेलवे स्टेशन भी शामिल है। (आईएएनएस)|
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), 4 सितंबर | उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के प्रसिद्ध कटरा रामलीला समिति ने इस बार भगवान राम की बहन देवी शांता पर नया एपिसोड शामिल करने का फैसला किया है। रामलीला 25 सितंबर से शुरू होकर 6 अक्टूबर को समाप्त होगी।
रामलीला के निदेशक सुबोध सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "भगवान राम की बहन देवी शांता के बारे में बहुत से लोग नहीं जानते हैं, इसलिए हमने उन पर एक नया एपिसोड शामिल करने का फैसला किया है। दर्शक नए एपिसोड के माध्यम से देवी शांता के बारे में अधिक जान सकेंगे। यह किसी भी रामलीला समिति द्वारा कभी नहीं किया गया है।"
हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान राम की दो बहनें थीं, जिनमें से एक का नाम शांता और दूसरी का नाम कुकबी है।
उन्होंने कहा कि कुकबी के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता है, लेकिन शांता के बारे में जानकारी है।
शांता अपने चार भाइयों से बड़ी थीं और वास्तव में राजा दशरथ और कौशल्या की बेटी थीं।
उनके जन्म के कुछ साल बाद राजा दशरथ ने शांता को अंगदेश के राजा रोमपद को सौंप दिया। कहा जाता है कि भगवान राम की बड़ी बहन का पालन-पोषण राजा रोमपद और उनकी पत्नी वार्शिनी ने किया था, जो रानी कौशल्या की बहन थीं।
कहा जाता है कि वार्शिनी नि:संतान थीं और एक बार अयोध्या आकर उन्होंने शांता को पालने की अनुमति मांगी और दशरथ इसके लिए तैयार हो गए।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में शांता को समर्पित एक मंदिर है। कहा जाता है कि यह मंदिर कुल्लू से 50 किमी दूर एक छोटी सी पहाड़ी पर बना है और यहां ऋषि श्रृंगी के साथ शांता की पूजा की जाती है।
माना जाता है कि जो कोई भी यहां दोनों की पूजा करता है, उसे भगवान राम की कृपा मिलती है।
शांता का दूसरा मंदिर कर्नाटक के श्रृंगेरी में है। शांता का मंदिर ऋषि श्रृंगी के साथ बनाया गया है। दरअसल, श्रृंगी शहर का नाम ऋषि श्रृंगी के नाम पर पड़ा, क्योंकि उनका जन्म यहीं हुआ था। (आईएएनएस)|
विवेक त्रिपाठी
लखनऊ, 4 सितंबर | किसानों की फसलों की देखभाल को बेहतर करने के लिए सरकार ड्रोन का प्रयोग करने जा रही है। यह ड्रोन न सिर्फ फसलों को स्वस्थ रखने के लिए कीटनाशक का छिड़काव करेगा। बल्कि इनकी हरियाली बढ़ाने और ताकत देने पर निगरानी करेगा। इससे फसल रोग मुक्त होगी और पैदावार भी बढ़ेगी।
खेतीबाड़ी में ड्रोन का प्रयोग अद्यतन तकनीक का हिस्सा है। उत्तर प्रदेश के किसान भी शीघ्र ही खेतीबाड़ी में ड्रोन का प्रयोग कर सकेंगे। ड्रोन के जरिए किसान एक एकड़ खेत में कीटनाशकों, वाटर सॉल्युबल (पानी में घुलनशील) उर्वरकों एवं पोषक तžवों का सिर्फ सात मिनट में छिड़काव कर सकते हैं। इससे समय एवं संसाधन तो बचेगा ही, मैनुअल छिड़काव से होने वाले संबंधित व्यक्ति को जहरीले रसायनों के खतरे से मिलने वाली सुरक्षा बोनस है।
विशेषज्ञों के अनुसार पर्णीय छिड़काव (घोलकर किये जाने वाले छिड़काव) के और भी लाभ हैं। अगर यह लाभ ऊपर से हो तब तो और भी अच्छा। मसलन मैनुअल छिड़काव की तुलना में ऊपर से किये जाने वाले छिड़काव से खेत समान रूप से संतृप्त होता है। जिस चीज का भी छिड़काव किया जाता है वह पौधों में पत्तियों के जरिए ऊपर से नीचे तक जाता है। इसका असर भी बेहतर होता है। अब तो हर तरीके की पानी में घुलनशील खाद एवं पोषक तžव भी अलग अनुपात में एक-एक किलो के पैकेट में उपलब्ध हैं। नैनो यूरिया भी उपलब्ध है। परंपरागत रूप से खेतों में जिस खाद का किसान हाथ से छिड़काव करते हैं उसका 15 से 40 फीसद ही फसल को प्राप्त होता है। जबकि पानी के साथ छिड़के जाने वाले उर्वरक का करीब 90 फीसद तक फसल को प्राप्त होता है। इससे फसल की बढ़वार बेहतर होती है। नतीजतन उपज भी अच्छी होती है। श्रम, समय और लागत में कमी के बावजूद अच्छी उपज से किसानों की आय बढ़ जाती है। यह परंपरागत खाद की तुलना में अपेक्षाकृत सस्ते भी हैं। सीमित संख्या में ही सही उत्तर प्रदेश के किसान भी शीघ्र ही अपनी खेतीबाड़ी में ड्रोन का प्रयोग कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश सरकार को कुल 32 ड्रोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इनमें से 4 कृषि विश्वविद्यालयों को, 10 कृषि विज्ञान केंद्रों और बाकी 18 आईसीएआर (इंडियन कौंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीटूट) के संस्थानों को मिलेंगे। इनको खरीदने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 5 करोड़ 60 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है। इनके जरिए प्रदेश भर में कुल 8 हजार हेक्टेयर भूमि पर डेमोंसट्रेशन प्रदर्शन कराया जाना है।
खेतीबाड़ी के उपयोग के लिए ये ड्रोन प्रदेश के कृषि स्नातकों को 50 प्रतिशत अनुदान पर, कृषि उत्पादन संगठनों (एफपीओ) एवं ऑपरेटिव सोसाइटीज को 40 फीसद अनुदान पर मिलेंगे। इस तरह किसी कृषि स्नातक को लगभग 10 लाख रुपए मूल्य के इस ड्रोन के लिए केवल 5 लाख रुपए चुकाने होंगे।
पिछले दिनों कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की मौजूदगी में सैकड़ों किसानों ने लखनऊ स्थित रहीमाबाद में ड्रोन का डिमोस्ट्रेशन देखा। साथ ही यह भी कहा कि इससे होने वाले लाभ के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए शीघ्र ही पूरे प्रदेश में इसी तरह के डिमांस्ट्रेशन कराए जाएंगे।
इफको के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ. डीके सिंह के मुताबिक ड्रोन से उन फसलों में भी छिड़काव संभव है जिनमें आकार बड़ा होने के नाते सामान्य तरीके से छिड़काव में दिक्कत आती है। साथ ही इन फसलों में छिड़काव करने वाला भी रसायन के दुष्प्रभाव से असुरक्षित होता है। मसलन गन्ना, अरहर आदि।
नैनो यूरिया का छिड़काव बोआई के 30-40 दिन बाद जब खेत फसल से पूरी तरह आच्छादित होता है तब करते हैं। ड्रोन से जो छिड़काव होता है उसके ड्रापलेट्स (बूंदे) बहुत महीन तकरीबन मिस्ट (ओस की बूंद) जैसी होती हैं। लिहाजा पानी में घुलनशील फर्टिलाइजर की तुलना में पानी भी प्रति एकड़ एक चौथाई (25 लीटर) ही लगता है। खड़ी फसल पर छिड़काव होने के नाते इसका असर जमीन तक नहीं पहुंचता लिहाजा यूरिया की लीचिंग (रिसाव) से जल, जमीन को होने वाली क्षति भी नहीं होती। नैनो यूरिया के साथ पानी में घुलनशील जितने तरह के उर्वरक हैं उनको भी फसल की जरूरत के अनुसार मिलाया जा सकता है। (आईएएनएस)|
पवन त्रिपाठी
नोएडा, 4 सितंबर | दिल्ली एनसीआर में आपने एक से एक कैफे देखे होंगे। उनमें एक से एक में आपने अच्छा खाना खाया होगा और वहां के एंबिएंस को एंजॉय भी किया होगा। किसी ने गरीबी से निकलकर कैफे खोल महारत हासिल की तो किसी ने अपने खाने को फेमस बनाकर अपने कैफे को पॉपुलर बनाया, तो किसी ने वहां के इंटीरियर और सिटिंग को लेकर पापुलैरिटी हासिल की।
लेकिन नोएडा में एक ऐसा कैसे है जिसको देखकर आप दंग रह जाएंगे और यहां का खाना खाने और यहां के एंबिएंस को देखकर आप इसे चलाने वालों के हौसले को सलाम किए बगैर नहीं रह पाएंगे। यह कैफे ऐसे लोगों द्वारा चलाया और बनाया गया है जिनको हमारा समाज अभी तक पूरी तरीके से अपना नहीं पाया है।
दरअसल नोएडा के सेक्टर 21ए नोएडा स्टेडियम में एसिड अटैक सर्वाइवर लड़कियां सिरोज कैफै चला रही हैं। हमारे देश में हर साल करीब 100 मामले ऐसे आते हैं जिनमें लड़कियों के चेहरे पर एसिड डालकर उनका चेहरा खराब कर दिया जाता है और वह इसलिए किया जाता है ताकि यह लड़कियां अपने चेहरे को लेकर किसी के सामने ना जा पाए, किसी से नजर ना मिला पाए और जीवन भर मानसिक कुंठा में घुटने को मजबूर हो जाए।
दिल्ली एनसीआर का यह पहला ऐसा कैफे है जिसे एसिड अटैक सर्वाइवर लड़कियां चलाती हैं। इस कैफे का नाम शीरोज है। यह शब्द शी, हीरोज से मिलकर तैयार हुआ है। इस कैफे को सात एसिड अटैक सर्वाइवर लड़कियां मिलकर चला रही हैं। यह सब वो लड़कियां हैं जो इस हादसे के बाद महीनों और सालों तक अपने चेहरे को आईने में भी नहीं देख पा रही थी, बाहर निकलना तो दूर की बात थी। लेकिन अब ये लड़कियां अपने चेहरे को छुपा कर नहीं बल्कि सबके सामने आकर जमकर मेहनत करती हैं और अपना घर चला रही हैं। इस कैफे के लिए नोएडा स्टेडियम में जगह नोएडा अथॉरिटी ने दी और इन लड़कियों की मदद एक फाउंडेशन ने भी की। जिन लड़कियों को इन घटनाओं के बाद नौकरी नहीं मिलती जो अपनी मेहनत से अपना घर चलाना चाहती हैं उन लड़कियों के लिए यहां के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। इस कैफे को चलाने वाली 7 लड़कियां अपने हौसले से आने वाले समय में एसिड विक्टिम्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहना चाहती हैं और यह भी कहती हैं कि वह किसी भी ऐसी लड़की का हाथ नहीं छोड़ेंगे जिसके साथ ऐसी कोई घटना हुई हो।
शीरोज कैफे की शुरूआत 2014 में आगरा में, 2016 में लखनऊ में और फिर 2022 में नोएडा में हुई। देशभर के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग हिस्सों से आई 7 लड़कियां नोएडा में कैफे चलाती हैं। जिनमें रितु हरियाणा रोहतक की रहने वाली है, जिसके चेहरे पर 26 मई 2012 में एसिड डाला गया था। वहीं नगमा यूपी के बलरामपुर की रहने वाली है, जिसके साथ एसिड अटैक की घटना 6 जून 2014 को हुई थी। इसके बाद मानिनि ओडिशा की रहने वाली है, जिसके साथ एसिड अटैक की घटना 2016 में हुई थी। इनके साथ ही रूहा यूपी मुजफ्फरनगर की रहने वाली है जिसके साथ 2008 में यह घटना हुई थी। साथ ही वेस्ट बंगाल की मौसमी जिसका एक्सीडेंट हुआ था 2019 में और उसका चेहरा पूरी तरीके से बिगड़ गया था वह भी इनके साथ है। साथ ही सीमा अकबरपुर यूपी की रहने वाली है, जिसके ऊपर एसिड अटैक 2016 में हुआ था। यह सभी एसिड विक्टिम सर्वाइवर यहां इस कैफे को चलाती हैं।
इन लड़कियों ने बताया कि पहले इन्हें बहुत अजीब लगता था इस चेहरे को लेकर कैसे किसी के सामने जाएं, हमेशा इसे ढक कर रखना मजबूरी हो गई थी। लेकिन अब इन्हें इस चेहरे से कोई दिक्कत नहीं है। ये लड़कियां कहती हैं कि लोगों से हमें काफी सराहना मिल रही है लोग हमें काफी मोटिवेट कर रहे हैं और अब हम अपनी जैसी और लड़कियों के लिए मददगार साबित हो सकते हैं।
छांव फाउंडेशन नाम की संस्था ने इन्हें सहारा दिया, इन्हें चलने का रास्ता दिखाया और अपने आपको समाज में दोबारा खड़ा करने में मदद की। आगरा, लखनऊ और नोएडा के शीरोज कैफे को मिलाकर लगभग 35 से ज्यादा एसिड अटैक सर्वाइवर लड़कियां काम कर रही हैं। और समाज में एक बार फिर से सभी को यह संदेश दे रही हैं कि जिन अपराधियों ने उनके साथ ऐसी घटना की है, उससे इनके हौसले टूटे नहीं हैं। यह फिर से खुद को खड़ा कर अपने हौसलों को उड़ान दे रही हैं। यहां पर न सिर्फ इन लड़कियों को अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाया जा रहा है बल्कि इन्हें दूसरे क्षेत्रों में काम करने की पूरी ट्रेनिंग भी दी जा रही है जिसके बाद आने वाले समय में यह बड़े-बड़े दफ्तरों में भी आम लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हुई दिखाई दे सकती हैं। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 4 सितंबर | झारखंड के दुमका में अंकिता की मौत के बाद यहां एक आदिवासी नाबालिग लड़की की हत्या को लेकर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर भाजपा ने जम कर निशाना साधा है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने यह आरोप लगाया है कि झारखंड में एक 'ग्रूमिंग गैंग' सक्रिय है जो राज्य के इस्लामीकरण की साजिश रच रहा है और इनको संरक्षण देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ-साथ कांग्रेस भी जिम्मेदार है। आईएएनएस से बात करते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि झारखंड में एक 'ग्रूमिंग गैंग' सक्रिय है जिसमें बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठिए लड़के कम उम्र की दलित और जनजातीय लड़कियों का शोषण कर रहे हैं। उन्होंने नाबालिग लड़की की हत्या के आरोपी को बांग्लादेशी बताते हुए सवाल पूछा कि आखिर झारखंड पुलिस आरोपी की आइडेंटिटी को क्यों नहीं बता रही है।
इलाके के डीएसपी नूर मुस्तफा को 'ग्रूमिंग गैंग' का सरंक्षक बताते हुए दुबे ने आरोप लगाया कि इलाके में चल रहे बालू, गिट्टी, शराब और अवैध कोयले धुलाई सहित तमाम अन्य अवैध धंधों का फायदा सोरेन परिवार को पहुंचाने के कारण इस अधिकारी को सरकार का सरंक्षण मिला हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड में पीएफआई और आईएसआईएस जैसे संगठन सक्रिय हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर राजनीतिक हमला जारी रखते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि भाजपा इस आदिवासी लड़की के परिवार के साथ खड़ी है। हमारे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने पीड़ित परिवार के साथ मुलाकात कर, उन्हें सांत्वना दी है। भाजपा अपराधी को फांसी की सजा दिलाने के लिए पीड़ित परिवार की कानूनी लड़ाई को लड़ेगी। इसके साथ ही पीड़ित परिवार को 30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी देगी। (आईएएनएस)|
गणेश भट्ट
नई दिल्ली, 4 सितंबर | देश में एक एकीकृत उच्च शिक्षा प्रणाली बनाने की कोशिश की जा रही है। इसके अंतर्गत जल्द ही देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में सभी पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे। 3,000 या अधिक छात्रों वाले संस्थान डिग्री प्रदान करने वाले बहु-विषयक स्वायत्त संस्थान बन जाएंगे। उच्च शिक्षा में इस नए परिवर्तन से जहां छात्रों के समक्ष पहले के मुकाबले अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे वहीं शिक्षण संस्थानों को भी अधिक स्वायत्तता मिलेगी। इस बड़े परिवर्तन को लागू करने के लिए आम सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए देश भर के तमाम उच्च शिक्षण संस्थानों से संपर्क किया गया है। न केवल उच्च शिक्षण संस्थान बल्कि राज्य सरकारें भी इस बदलाव में भागीदार बनेंगी।
इन बदलावों का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि छात्र अपने ही संस्थान में अपने मूल विषय के अलावा अपनी रूचि के अनुसार कोई और विषय पाठ्यक्रम या पूर्ण कालिक कोर्स में भी दाखिला ले सकेंगे। इस नए बदलाव की परिकल्पना तो यूजीसी द्वारा पहले की जा चुकी थी लेकिन अब इस संबंध में ठोस कदम उठाए गए हैं। महज दो दिन पहले यूजीसी ने इस संबंध में एक गाइडलाइन तैयार की है। इन दिशानिर्देशों के मुताबिक उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र दो पाठ्यक्रमों में एक साथ दाखिला ले सकेंगे। उच्च शिक्षा से जुड़े प्रत्येक संस्थान में इसके लिए छात्रों का ओरिएंटेशन व काउंसलिंग की जाएगी। देश भर के सभी विश्वविद्यालय और राज्य सरकारें इस नई व्यवस्था को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने आईएएनएस को बताया कि फिलहाल सभी विश्वविद्यालयों और राज्य सरकारों को अपने संस्थानों के लिए इस संबंध में नियम तय करने के लिए कहा गया है। राज्य सरकार एवं विभिन्न विश्वविद्यालय अपने स्तर पर अपने अपने संस्थानों के लिए इस संबंध में नियम बनाएंगे।
यूजीसी चेयरमैन के मुताबिक एकीकृत उच्च शिक्षा प्रणाली में पेशेवर उच्च शिक्षा क्षेत्र, व्यावसायिक शिक्षा और समग्र शिक्षा शामिल होगी। एकीकृत उच्च शिक्षा प्रणाली में बहु-विषयक विषयों के लिए आवश्यक विभागों को खोलने का भी सुझाव दिया गया है। उच्च शिक्षण संस्थानों में जिन आवश्यक विभागों को खोलने का सुझाव दिया गया है उनमें विभिन्न भाषाएं, साहित्य, संगीत, दर्शन, इंडोलॉजी, कला, नृत्य, रंगमंच, शिक्षा, गणित, सांख्यिकी, शुद्ध और अनुप्रयुक्त विज्ञान, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, खेल, अनुवाद और व्याख्या जैसे विषय शामिल हैं।
नए बदलावों के अंतर्गत विश्वविद्यालय और सिंगल डोमेन शिक्षण संस्थान जैसे कि लॉ, इंजीनियरिंग, एजुकेशन या मेडिकल की पढ़ाई कराने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों को भी अब यह मल्टी डिसिप्लनरी मोड अपनाना होगा। उच्च शिक्षा में किए जा रहे इन नए बदलावों के उपरांत देश में तीन तरह के उच्च शिक्षण संस्थान होंगे। इनमें रिसर्च यूनिवर्सिटी, टीचिंग यूनिवर्सिटी और ऑटोनॉमस कॉलेज होंगे। तीन हजार से ज्यादा छात्र हैं तो कॉलेज अपने स्तर पर डिग्री दे सकेंगे।
यूजीसी का कहना है कि भारत में डोमेन विशिष्ट स्टैंड-अलोन कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं। यहां तक कि बहु-विषयक उच्च शिक्षा संस्थानों में भी अनुशासनात्मक सीमाएं इतनी कठोर हैं कि विभिन्न विषयों को सीखने के कम ही अवसर तलाशे जाते हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, एक बहु-विषयक विश्वविद्यालय की स्थापना और उसे बनाए रखने की संस्कृति तेजी से बढ़ रही है, जिसमें अनुसंधान और विकास, नवाचार और ऊष्मायन पर अधिक ध्यान देने के साथ उत्पादकता को अधिकतम किया जा रहा है। इसलिए, उच्च शिक्षा प्रणाली के लिए यह प्रासंगिक है कि मौजूदा व्यवस्था की बजाय उच्च शिक्षण संस्थान क्लस्टर और बहु-विषयक उच्च शिक्षण संस्थान बनाने के लिए स्टैंड-अलोन और डोमेन-विशिष्ट संस्थानों को चरणबद्ध किया जाए।
वहीं इसके साथ एक नई व्यवस्था भी जोड़ी गई है जिसके अंतर्गत देश में उच्च शिक्षा हासिल कर रहे छात्र अब तीन अलग अलग माध्यमों से एक ही कोर्स की पढ़ाई भी कर सकते हैं। उच्च शिक्षा में किए जा रहे नए प्रावधानों के अंतर्गत छात्र परंपरागत रूप से क्लासरूम में होने वाली पढ़ाई के अलावा ऑनलाइन मोड व डिस्टेंस लनिर्ंग से अपना कोर्स पूरा कर पांएगे। यह नियम तो उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा सत्र 2022-23 से ही शुरू किया जा सकता है। (आईएएनएस)|